अध्याय -3
1
हे वचन विश्वास राखुल्ला सारखो हाय जाहा केअडोबी अध्यक्ष सर्वांगीण कालजी वाहक वेरी इच्छा राखेहे ताहा तो हाऱ्या कामा इच्छा राखेहे.
2
तर अध्यक्ष हा निर्दोष एकी बायु कोअवालो (धनी) मिताचारी, सावधान, मर्यादाशील गोवर चाकरीकेअणारो, हिकवुलोम हारो ऐहकी राआ जोजो
3
तो होरो पिनारो किंवा टाकेमार केनारो (खाराब गोठ्या केणारो लाफु राखणारो) नैय जोजे पेन तो नोमनारो नैय चुलनारो, पैसा लोभ नैय राखनारो
4
आपु सोताहा कौवाआप हारी रिने अधिकार चालवुनारो, पुरी गंभीरता की आपु पोयरान तिया अधिनाम राखणारो ऐहेडो तो राआ जोजे.
5
जाहा ऐखादयाल ( केडालबी एका वेक्ती) सोताहा कुंटूबा देखभाल केअता आवातो नाहा ताहा तो देवा मंडळी काळजी केहकी ली?
6
तो इया कामाम नवो हीकनारो नैय जोजे, काहालका तो गर्व (घमंड) कीन सैताना दंण्डाम पडा नैय जोजे
7
तिया बाहेरेने लोकाम हारो नाव निघा जोजे इया खातुर कि तियानापु निंदा नैय वेरा जोजे व तियाय सैताना जालुम नैय सापडा जोजे
8
तिया प्रमाणे सेवक ही प्रतीष्ठिन राआ जो जो तो बेन मना (दुतोंडी) किंवा होरो पीनारो (मद्यपाण) नैय जो जे, आने खोटो रिती की पैसा कमावीन धनवान वेनु तियाल आवड नैय जो जे,
9
देवाय जो आमाल प्रकट केलो हाय तो आमा विश्वासावाय सखोल खेरा सत्यवाय, आने शुध्द विवेकावाय तिई राखा जोजे
10
डायाहा/ वोडील हाकच इयाबी पेली परिक्षा वेरा जो जे फासे चुकीमे नाहा, तियाय सेवकाई केरा जोजे
11
तियाप्रमाणे, बायुभी गंभीर राआ जोजे, तिई चुगली केअनारी नैय जोजे, तर संभ्य व देर एक गोनिम विश्वासयोग्य बना जोजे.
12
दर ऐक सेवक एकी आपु धनी जोजे ( कौअवालो) आणी तियाय तिया पोयरा आने कुटूंबा हारी रिते कोलजी लाआ जोजे
13
काहालका जीया सेवकाई हारी केयाही, तो आपु हारी पदवी आने ख्रिस्त येशुय विश्वासाम खुब हारो धिरजतिने (हिंमत) मिलवी लेहे (आवेहे)
14
आय तुमापाई माहरीज आवा ईच्छा (आशा) राखुहू तेबी माय तुल ऐ गोठ्या लिख्याल्या हाय.
15
तेबी माल खुब वाआ लागीजाई तेबी, देवा कौओ इज देवा मंडली जीई सत्याआ खाबो व पायो हाय तिया देवाअ कौमेअ केहेकी राआ जोजे ई तुल हाेमजीई जाय.
16
सुंभक्ती रहस्य निर्विवाद मोडो हाय तो शरिराम प्रगट वेयो, आत्माम तो धार्मिकता गणाम आलो, तो देवादुताआ नजरीम पड्यो, राष्ट्राम खुब हारो नाव निघ्यो, जगतुमेने माहा तियाप विश्वास थोवाम आलो तो गोरवाम उच्चे स्वर्गा लेवाम आलो.