अध्याय १५
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१) निदान आपु ताकत बालसला जोयत का कमजोर ला कमजोरी म मदत करा नहा का सोताला खुश करा ।
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२) आपना समथी दरेक आपना पलोशी ला तिनी सारा नी करता सुधार वाणी करता खुश करा ।
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३) किसाका मसीह न सौताला खुश नहा करनो पन जिस लिखीला स तुनी फसय चुगलयो करनार सला माप चय पलन ।( भजन संहिता ६९:९)
4
४) जतल्यो गोठयो फयल थी लिखी गयत स ति आपनीज शिक्षा नी करता लिखी गयत स का आपु शांति अन पवित्र शास्त्र नी प्रोत्शान नी वजय री आशा थवा ।
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५) शांति अन प्रोत्साहन नो मालिक परमेश्वर तुमला यो वरदान देय का मसीह यीशु नी बराबर आपु सम यक मन खा ।
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६) मंजे तुमुन यक मन अंन यकज सुर होयन आपनो यीशु मसीह नो आबो परमेश्वर नी स्तुति करा ।
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७) ईनि करता का जिस मसीह भी परमेश्वर नी महिमा करता तुमला आपनाव नो तिसज तुमु भी पक बिसराला अपनावा ।
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८) मय आकुस का जो गोठयो फयली पीलीला देयली आतली तिला हठ करवानी करता मसीह परमेश्वर नी सच्चाई नो सबुत देवानी करता बुराई करील लोकस नो सेवक बन नो ।( मती १५:२४)
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९) अन बिसरी जाति भी दया नी वजय थी परमेश्वर नी स्तुति करा जिस लिखेला स ईनि करता मय जाति जाति सम तुनी स्तुति करीस अंन तुना नावना भजन आकीस ।( २ शामु .२२:५०, भजन संहिता १८:४९)
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१०) फिसी कहा स एय जाति जाति न लोको तिनी प्रजा नी हारी खुशी मनावा ।
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११) अन फिरी एय जाति जाति न भड लोको प्रभु नी स्तुति करा; अन राज्य राज्य न भड लोक तिनी स्तुति करा।( भजन संहिता ११७:१)
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१२) अन आजु यशायाह आक स यिशै नी यक मुयकांडा देखाई अन बिसरी जाति स ना अधिपति होवा नी करता यक उब रहा तिप बिसरी जातिस न आशा थवी ।( यशायाह ११:११)
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१२) अन आजु यशायाह आक स यिशै नी यक मुयकांडा देखाई अन बिसरी जाति स ना अधिपति होवा नी करता यक उब रहा तिप बिसरी जातिस न आशा थवी ।( यशायाह ११:११)
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१४) ओ मना भावुस होन तुमना थी वदार तुमनी बाराम मला मालुम आस तुमु भी तुनी भलाई थी भर अन ईश्वरीय क्षान थी भरपुर होवा अन यक बिसरा ला समझा ली सकसा ।
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१५) तरु भी मयन कव न कव याद करावानी करता तुमला जा पुरो ताकत लगाली न लिखनो ई तो आशीर्वाद वजय होना जा परमेश्वर मला देनो स ।
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१६) का मय बिसरी जातिस नी करता मसीह यीशु नो सेवक होयन परमेश्वर नो सायो गोठयो नी सेवाजायक मायक करु जिना थी बिसरी जातिस ना मानाका चढावी जायला पवित्र आत्मा थी पवित्र बनीन ग्रहण करी लेवा ।
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१७) ईनि करता त्यो गोठयो नी बाराम ज्यो परमेश्वर थी नातो थवस मय मसीह यीशु म बलाई करी संकु स ।
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१८) किसाका त्यो गोठयो ला छोड मला अन कोन्सी गोठ नी बाराम आकवानो सहास नहा जर मसीह न बिसरी जाती स नी अधीनता नी करता वचन अन कर्म ।
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१९) अन निसानी अन खतरनाक कामसनी सामर्थ्य थी अन पवित्र आत्मा नी सामर्थ्य थी मनीज वजय री करन ,यहा लुगी का मयन यरुशलेम थी लियन चारी गुम ईल्लुरिकुम लुगी मसीह नो सार्यो गाठयो न पुरो प्रचार करनो ।
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२०) पन मनी मन नी सोच ई स का जहा जहा मसीह ना नाव नहा लेन ताहाज सार्यो गोठयो आकीस ईस नहा होय का बिसरा नी नाव प घर बनावीस ।
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२१) पर जिस लिखेला स तिसज होई ,जिला तिना सार्यो गोठयो नहा पहोच नौ तेज देखीत अन जे नहा वनान तिसलाज समजी ।( यशायाह ५२:१५)
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२२) ईनि करता मय तुमनी जाग यवाथी गले गले रोकाय रई नोला ।
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२३) पन आमी या देशो म मना कार्य नी करता जागो नहा रइनो,अन मुक्त वर्ष थी मला तुमनी जाग यवानी ईचा स।
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२४) तिनी करता जव इसपानिया ला जाईस तमला भेडतो जाईस किसाका मनी ईचा स का ति यात्रा म तुमला भेंडु अन तुमनी संगति थी मनो जीव जराक भराय जाही ,त तु मला धोलिक दुर लुगी पहोचाली देज ।
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२५) पन आमी त पवित्र लोकस नी सेवा करवा नी करता यरुशलेम ला जाव ।
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२६) किसाका मकिदुनिया अन अखाया ना लोकसला ई सारा लागना का यरुशलेम ना पवित्र लोकस ला कंगाल सनी करता जराक दान करा ।
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२७) सारा त लागना पन ते तिसना करज दार भी त स किसाका जर बिसरी जाति तिसनी आत्मिक गोठयो सम यय गयत तिसला भी सारा स का शारीरिक गोठयो सम तिसनी सेव करा ।
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२८) ईनि करता मय ई काम पुरा करीन अन तिसला ई दान सौपिन तुमला भेड तो इसपानिया ला जाईस ।
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२९) अन मला मालुम स का जव मय तुमनी जाग यईस त मसीह नी पुरी आशीष नी हारी यहीस ।
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३०) अन और भावुक होन मय यीशु मसीह नो जो आपनो प्रभु स अन पवित्र आत्मा नो प्रेम स्मरण देवालीन तुमला रावन्ये करु स का मनी करता परमेश्वर ला प्रार्थना करवाला मनी हारी मिईन मंगन रवा ।
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३१) का मय यहुदिस नो बिनविस्वासीयो थी बसी रव ; अन मनी ती सेवा जि यरुशलेम नी करता स पवित्र लोकस ला भेडी जाय ।
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३२) अन मय परमेश्वर नी मरजी थी तुमनी जाग खुशी नी हारी ययन तुमनी हारी आराम मीयी ।
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३३) शांति नो परमेश्वर तुमु भडसनी हारी री। आमीन