अध्याय १६
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१) मय तुमला फीबे नी करता जीई आयनी बयनी अंन किर्खिया नी मडडी नी सेविका आस विनती करु हाय ।
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२) का तुमु जीसका पवित्र लोकस लाआ जायय तीला प्रभु भअ ग्रइन करा अन कोन्सी भी गोटम तीला तुमनी हारी प्रयोजन होई तीनी भमदत करा किसाका तीई भी मुफत सनी अंन मनी भी उयकाशी होनी स अ।
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३) र्यिस्का अन अक्विला जेये यीशु म मन अ सइकमी सइता। नमस्कार
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४) तेये मना जीवनी करता सौताना मुन्का दीई थवनल अन निस्ता मयज नहा विसर जातिन सनी मंडडी भी तीसला धन्यवाद करु लाग अ।
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५) अंन तीई मडडी लाभी नमस्कार जी तीसनी घरम आस ,मनो प्रिय ईयनितुस लाभी जो मसीह नी करता आसिया नी पइलो फल स अ। नमस्कार
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६) मरियम ला जिई तुनि करता यंका परिश्रम करनी नमस्कार ।
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७) अन्हुनीकुस अंन युनियास ला जेये मन कटुम्बी अंन मनिहारी कैद हीन ल ,अन प्रेरित म नाव स अ अंन मना थी पयल मसी आतल । नमस्कार
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८) अभ्यलियातुस ला जो प्रभु म अ मनो प्रिय स अ। नमस्कार ।
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९) उरबानुस ला जो मसीह म अ आयनो सईकमी अंन मनो प्रिय इस्तुखु स ला भी नमस्कार ।
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१०) अयिल्लेस ला भी जो मसीह म अ खरा निघवाला नमस्कार ।अरिस्तुबुलुस नी घराना ला नमस्कार ।
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११) मन अ कुकुबन हेरोदियो लाआ नमस्कार ,नरस्सुस न अं घरवायला जेये प्रभु मअ सअत तीसला नमस्कार।
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१२) त्रुफेन अंन त्रुफोसा ला जेये प्रभु म अ यस्श्रिम करत तीला नमस्कार ,प्रिय यिरसिस ला जी प्रभु म वधार परिश्रम करनो नमस्कार ।
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१३) रुफुस लाजोओ प्रभुम निवडेलो आस अंन तीनी मायला जीई मनी भी सई बनिसला नमस्कार ।
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१४) अंसुक्रितस अन किलमोन अंन इमीस पत्रुबास हीमेसि अंन तीनी हारी न भावसला नमस्कार ।
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१५) किल्लुगुस अंन युलिया अंन नेर्युस अंन तीनी बयनीस अंन उलुम्यास अंन तीसनी हारीनअ , पवित्र लोकस ला नमस्कार ।
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१६) आयसी मअ पवित्र रिश्ता ला नमस्कार करा तुमला मसीह नी बटी मडली नी छुम थी नमस्कार ।
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१७) आमि यर्य भावस हीन तुला बिनती करु का जेये लोक अ तीई आसीन जाआ तुमला बेटना कुट टाकवाला अंन दोकर खावानो कारण होत तीसला टीईजावा अंन डरखाआ ।
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१८) ईसड लोकस हामनअ प्रभु मसीह नीज्ञा पण सौताना पेट नी सेवा करुत अंन चिकनी चुयडी गोटस म स बोय भाय लोकसला भयकाडी देतअ।
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१९) तुनी आज्ञा मानवानी चर्चा बंट लोकसम अ फेयली गई इनि करता मय तुमनी बारामअ खुश रव आस अं पण मलाईयी आकुका तुमु भलाई नि करता बुद्धिमान पण बुराई नी करता भील बनीन खाआ ।
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२०) शांति नो परमेश्वर शैतान ला तुमनी पागनी ईअय जलदीज कुचली दीयी ,आयनो प्रभु यीशु मसीह नो अनुग्रह तुम पअ होतो रय ।( उत्प :३-१५)
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२१) तीमुथियुस मनो सइकमी नो अंन लुकियुस अंन यासोन अंन सोसियुत्र मन कुटुम्बी ला अंन तुमना नमस्कार ।
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२२) मय यत्री ला लिखनारी तिरतियुस नो प्रभु मय तुमला नमस्कार ।
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२३) गयुस नी जीभी मनी अंन मठठी नहा यहुनाई करनारो आस अ तुनी तुमला नमस्कार इरास्तुस जो नगर नी भण्डारी स अ अंन भाव क्वारतुस नी तुमला नमस्कार ।
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२४) आयनो प्रभु यीशु मसीह नी अनुग्रह तुमुस य अं होतो रय ।
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२५) आमि जो तुमला मनो सुसमाचार मतलब यीशु मसीह नी बाराम प्रचार नी अनुसार रिही करी सक स अ तो मेटा नाआ उजाया नी अनुसार जी पोथी थी घपेलो रनो ।
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२६) पण आमि प्रगट होयन चौर्या नी परमेश्वर आज्ञा अंन भविष्य वक्ता नी पुस्तकम अ बडी जातियो ला आकवाम यना का विस्वास थी आज्ञा माननार हयी जावाअ।
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२७) तोज यकेज अदवेत बुद्धिमान परमेश्वर यीशु मसीह नी वजय थी पिंडी घर पिंडी महिमा होती रई। आमीन