यहूदा ने एक कनानी पुरूष की बेटी से विवाह किया था।
यहोवा ने एर को मार डाला क्योंकि वह दुष्ट था।
तामार के पास जाकर ओनान अपना वीर्य भूमि पर गिरा देता था।
यहोवा ने ओनान को मार डाला क्योंकि उसने जो किया वह बुरा था।
यहूदा ने तामार से प्रतिज्ञा की कि उसका तीसरा पुत्र युवा हो जाएगा तब वह उसका विवाह तामार से करवा देगा।
यहूदा को सांत्वना की आवश्यकता थी क्योंकि उसकी पत्नी मर गई थी।
तामार ने विधवा के वस्त्र उतारकर घूंघट करके तिम्नाह के मार्ग में बैठ गई।
तामार ने ऐसा इसलिए किया कि यहूदा का तीसरा पुत्र, शेला युवा हो गया था परन्तु उसका विवाह शेला से नहीं करवाया गया था।
यहूदा ने तामार को अपनी मुहर और बाजूबन्द और अपनी छड़ी दे दी।
यहूदा को ज्ञात हुआ कि उस क्षेत्र में कोई भी देवदासी नहीं थी।
यहूदा तामार को जिलाकर मार डालना चाहता था क्योंकि वह वैश्यावृत्ति से गर्भवती हुई थी।
तामार ने कहा कि जिस पुरूष की मुहर, छड़ी और बाजूबन्द उसके पास है, उसी से वह गर्भवती है।
यहूदा ने कहा कि वह तामार से अधिक दोषी है क्योंकि उसने तामार का विवाह अपने पुत्र शेला से नहीं किया था।
तामार के जुड़वे बच्चे थे।
जब तामार के जुड़वे बच्चों में से एक बालक का हाथ बाहर आया, तो दाई ने लाल सूत लेकर उसके हाथ में यह कहते हुए बाँध दिया, “पहले यही उत्पन्न हुआ।”
तामार के दोनों पुत्रों के नाम पेरेस और जेरह था।
तामार के दोनों पुत्रों के नाम पेरेस और जेरह था।