उसने अपने सारे काम से विश्राम किया, और परमेश्वर ने सातवें दिन को आशिष दी।
उसने अपने सारे काम से विश्राम किया, और परमेश्वर ने सातवें दिन को आशिष दी।
पृथ्वी से कोहरा उठता था कि पृथ्वी की सींचाई हो।
परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनों में जीवन का श्वांस फूंक दिया।
यहोवा ने मनुष्य को अदन की वाटिका में रखा था।
जीवन का वृक्ष और भले और बुरे के ज्ञान का वृक्ष।
उसे उस वाटिका की देखभाल करके उसे संभालना था।
तू वाटिका के सब वृक्षों के फल बिना खटके खा सकता है, पर भले और बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है उसका फल तू कभी न खाना।
तू वाटिका के सब वृक्षों के फल बिना खटके खा सकता है, पर भले और बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है उसका फल तू कभी न खाना।
जिस दिन वह आज्ञा का उल्लंघन करेगा उसी दिन अवश्य मर जाएगा।
परमेश्वर ने देखा कि आदम का अकेला रहना अच्छा नहीं है।
परमेश्वर सब प्राणियों को आदम के पास ले आया कि उनका नाम रखे।
मनुष्य से मेल खाने वाला एक सहायक।
परमेश्वर ने आदम को नींद में डालकर उसकी एक पसली निकाल ली और उस पसली से हव्वा की रचना की।
क्योंकि वह पुरूष से निकली गयी थी।
पुरुष स्त्री के साथ एक होता है, अपनी पत्नी के रूप में।
नहीं।