Translation Manual

अनुवाद सहायक पुस्तिका का परिचय

This section answers the following question: अनुवाद सहायक पुस्तिका क्या है?

अनुवाद निर्देश पुस्तिका क्या सिखाती है?

यह निर्देश पुस्तिका अनुवाद सिद्धान्त और अन्य भाषाओं (ओएलएस) में एक अच्छा अनुवाद कैसे करना है, को सिखाती है। इस निर्देश पुस्तिका में अनुवाद के कुछ सिद्धान्त गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा के अनुवाद पर भी लागू होते हैं। गेटवे भाषाओं के लिए अनुवाद संसाधनों की सूची को कैसे अनुवाद करना है, के तरीके के बारे में विशेष निर्देश के लिए, कृपया गेटवे भाषा निर्देश पुस्तिका को देखें। किसी भी प्रकार की अनुवाद परियोजना आरम्भ करने से पहले इन मॉड्यूलों अर्थात् खण्डों में से कईयों का अध्ययन करना बहुत उपयोगी होगा। अन्य मॉड्यूल, जैसे कि व्याकरण के बारे में, केवल अनुवाद के "समय-में-ही" सीखना आवश्यक हैं।

अनुवाद निर्देश पुस्तिका में कुछ मुख्य अंश:


जानने के शब्द

This section answers the following question: मुझे कौनसे शब्दों का ज्ञान हो?

महत्वपूर्ण शब्दों को जानना

ध्यान दें: इस निर्देश पुस्तिका में इन शब्दों का उपयोग किया गया है। अनुवाद निर्देश पुस्तिका का उपयोग करने के लिए अनुवादक को इन शब्दों को समझने की आवश्यकता होगी।

शब्दावली - एक शब्द या वाक्यांश जो एक वस्तु, विचार या गतिविधि को सन्दर्भित करता है। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति के द्वारा मुँह में तरल उण्डलने के लिए अंग्रेजी में शब्द "पीना" होता है। एक समारोह के लिए शब्द जो किसी के जीवन में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को चिह्नित करता है, वह "यादगार उत्सव" वाक्यांश होता है। एक शब्दावली और एक शब्द के बीच का अन्तर यह है कि एक शब्दावली में कई शब्द हो सकते हैं।

मूलपाठ - एक मूलपाठ ऐसा कुछ लेख है, जिसे एक वक्ता या लेखक भाषा के माध्यम से श्रोता या पाठक को संचारित कर रहा है। वक्ता या लेखक के मन में एक निश्चित अर्थ होता है, और इसलिए वह उस अर्थ को व्यक्त करने के लिए भाषा का एक रूप चुनता है।

सन्दर्भ - शब्द, वाक्यांश, या वाक्य और अनुच्छेद के चारों ओर शब्द, वाक्यांश, वाक्य, या अनुच्छेद का होना। सन्दर्भ वह मूलपाठ होता है, जो मूलपाठ के उस भाग से घिरा हुआ होता है, जिसे आप जाँच रहे होते हैं। व्यक्तिगत शब्दों और वाक्यांशों का अर्थ परिवर्तित हो सकता है, जब वे भिन्न सन्दर्भों में होते हैं।

रूप - अर्थात् ढ़ांचा भाषा की संरचना होता है, जैसा कि यह पृष्ठ पर दिखाई देती है या जैसी यह बोली जाती है। "रूप" उस तरीके को सन्दर्भित करता है, जिसमें भाषा की व्यवस्था की गई है- इसमें शब्द, शब्द व्यवस्था, व्याकरण, मुहावरे, और मूलपाठ की संरचना की कई अन्य विशेषताएँ सम्मिलित होती हैं।

व्याकरण - जिस तरह से वाक्य एक भाषा में एक साथ रखी जाती है। इसका सरोकार इसके विभिन्न भागों की व्यवस्था से होता है, जैसे कि क्रिया शब्द पहले या अन्तिम या बीच में आता है।

संज्ञा - एक प्रकार का शब्द जो किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु को सन्दर्भित करता है। एक उचित संज्ञा किसी व्यक्ति या स्थान का नाम होता है। एक अमूर्त संज्ञा एक ऐसी वस्तु होती है, जैसे कि हम "शान्ति" या "एकता" जैसी बातों को न देख सकते या न ही स्पर्श कर सकते हैं। यह किसी विचार या राज्य की स्थिति को सन्दर्भित करती है। कुछ भाषाएँ अमूर्त संज्ञाओं का उपयोग नहीं करती हैं।

क्रिया - एक प्रकार का शब्द जो किसी गतिविधि को सन्दर्भित करता है, जैसे "चलना" या "आगमन"।

संशोधक - एक प्रकार का शब्द जो किसी अन्य शब्द के बारे में कुछ कहता है। दोनों विशेषण और क्रियाएँ संशोधक होती हैं।

विशेषण - एक प्रकार का शब्द जो संज्ञा के बारे में कुछ कहता है। उदाहरण के लिए, शब्द "लम्बा" निम्नलिखित वाक्य में "व्यक्ति" संज्ञा के बारे में कुछ कहता है। मैं एक लम्बा व्यक्ति देखता हूँ

क्रियाविशेषण - एक प्रकार का शब्द जो एक क्रिया के बारे में कुछ कहता है। उदाहरण के लिए, शब्द "जोर से" निम्नलिखित वाक्य में क्रिया "बोलने" वाले के बारे में कुछ कहता है। उस व्यक्ति ने लोगों की भीड़ से जोर से बात की

मुहावरा - एक अभिव्यक्ति जो कई शब्दों का उपयोग करती है और इसका अर्थ अपने पूरे वाक्य में भिन्न होता है कि मानो कि उसके शब्दों को उनके अर्थों के द्वारा समझा जा चुका होता है इसकी अपेक्षा कि जब उन शब्दों को शाब्दिक रूप में देखा जाए। मुहावरे का अनुवाद शाब्दिक रूप से नहीं किया जा सकता है, अर्थात, भिन्न शब्दों के अर्थों के साथ। उदाहरण के लिए, "उसने बाल्टी को लात मार दी" अंग्रेजी में एक मुहावरे है, जिसका अर्थ "अल्लाह को प्यारा हो जाने" से या मर जाने से है।

अर्थ - अन्तर्निहित विचार या अवधारणा जिसे मूलपाठ पाठक या श्रोता के लिए संचारित करने का प्रयास कर रहा है। एक वक्ता या लेखक भाषा के विभिन्न रूपों या ढ़ांचों का उपयोग करके एक ही अर्थ को संचारित कर सकता है, और भिन्न लोग एक ही भाषा के रूप को सुनने या पढ़ने से भिन्न अर्थों को समझ सकते हैं। इस तरह आप देख सकते हैं कि रूप अर्थात् ढ़ांचा और अर्थ एक ही बात नहीं होते है।

अनुवाद - लक्षित भाषा के रूप में व्यक्त करने की प्रक्रिया जिस का अर्थ वही हो जिसे एक लेखक या वक्ता के द्वारा स्रोत भाषा के रूप में व्यक्त किया गया है।

स्रोत भाषा - भाषा जहाँ से अनुवाद को किया जा रहा है।

स्रोत मूलपाठ - मूलपाठ जहाँ से अनुवाद को किया जा रहा है।

लक्षित भाषा - भाषा * जिस में* एक अनुवाद किया जा रहा है।

लक्षित मूलपाठ - अनुवादक के द्वारा द्वारा निर्मित किया जा रहा मूलपाठ जिसे वह स्रोत मूलपाठ के अर्थ से अनुवाद करता या करती है।

मूल भाषा - वह भाषा जिस में बाइबल मूलपाठ आरम्भ में लिखी गई थी। नए नियम की मूल भाषा यूनानी है। पुराने नियम की अधिकांश मूल भाषा इब्रानी है। यद्यपि, दानिय्येल और एज्रा के कुछ भागों की मूल भाषा अरामी है। मूल भाषा सदैव एक सटीक भाषा होती है, जिसमें से एक सन्दर्भ का अनुवाद करना होता है।

संचार की व्यापक भाषा - एक भाषा जो एक व्यापक क्षेत्र और कई लोगों के द्वारा बोली जाती है। अधिकांश लोगों के लिए, यह उनकी पहली भाषा नहीं होती है, परन्तु वह वह भाषा होती है, जिसका उपयोग वे अपनी भाषा के समुदाय के बाहर लोगों से बात करने के लिए करते हैं। कुछ लोग इसे एक व्यापार की भाषा कहते हैं। अधिकांश बाइबलों का अनुवाद स्रोत भाषा के रूप में व्यापक संचार की भाषा का उपयोग करके किया जाएगा।

शाब्दिक अनुवाद - एक अनुवाद जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के ही रूप को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित होता है, चाहे इसके परिणामस्वरूप अर्थ ही क्यों न परिवर्तित हो जाए।

अर्थ-आधारित अनुवाद (या गतिशील अनुवाद) - एक अनुवाद जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के अर्थ को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित है, चाहे इसके परिणामस्वरूप रूप अर्थात् ढ़ांचा ही क्यों न परिवर्तित हो जाए।

अनुच्छेद - बाइबल मूलपाठ का एक खण्ड जिसके बारे में बात की जा रही है। यह एक वचन के रूप में छोटा हो सकता है, परन्तु सामान्य रूप से यह कई वचन को मिलकर बना होता है, जिसमें एक विषय होता है या जो एक कहानी को बताता है।

गेटवे भाषा - एक गेटवे भाषा (जीएल) अर्थात् प्रवेशिका भाषा व्यापक संचार की एक ऐसी भाषा होती है, जिसे हमने उन भाषाओं में से एक माना है, जिनमें हम अपने सभी अनुवाद संसाधनों का अनुवाद करेंगे। गेटवे भाषा की सूची भाषा की सबसे छोटी सँख्या है, जिसके माध्यम से द्विभाषी वक्ताओं के द्वारा अनुवाद के माध्यम से संसार की हर दूसरी भाषा में विषय वस्तु को वितरित किया जा सकता है।

दूसरी भाषा - दूसरी भाषाएँ (ओएलएस) संसार की सभी वे भाषाएँ हैं, जो गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा नहीं हैं। हम अपने बाइबल अनुवाद संसाधनों का गेटवे भाषा में अनुवाद करते हैं, ताकि लोग बाइबल को अन्य भाषाओं में अनुवाद करने के लिए उन संसाधनों का उपयोग कर सकें।

एण्ड-यूजर बाइबल - अन्तिम उपयोगकर्ता बाइबल एक ऐसी बाइबल है, जिसे लोगों ने अनुवादित किया है, ताकि यह लक्षित भाषा में स्वभाविक तरीके से बातचीत कर सके। इसका उपयोग कलीसियाओं और घरों में किए जाने के लिए है। इसके विपरीत, यूएलबी और यूडीबी बाइबल हैं, जो अनुवाद ससांधन हैं। वे किसी भी भाषा में स्वाभाविक रूप से बात नहीं करती हैं, क्योंकि यूएलबी एक शाब्दिक अनुवाद है और यूडीबी मुहावरे और अंलकारों का उपयोग करने से बचाती है, जिसे एक स्वभाविक अनुवाद उपयोग करेगा। इन अनुवाद संसाधनों का उपयोग करके, एक अनुवादक एण्ड-यूजर अर्थात् अन्तिम उपयोगकर्ता बाइबल का उत्पादन कर सकता है।

प्रतिभागी - एक प्रतिभागी एक वाक्य में नायकों में से एक होता है। यह वह व्यक्ति हो सकता है, जो कार्यवाही कर रहा है, या वह व्यक्ति जो कार्यवाही प्राप्त कर रहा है, या किसी तरह से भाग लेने के रूप में उल्लिखित है। एक प्रतिभागी एक वस्तु भी हो सकती है, जिसे वाक्य की कार्यवाही में भाग लेने के रूप में बताया जाता है। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित वाक्य में, प्रतिभागियों को रेखांकित किया गया है: यूहन्ना और मरियम एक पत्र को अन्द्रियास को भेजते हैं। कभी-कभी प्रतिभागियों को बिना कहे ही छोड़ दिया जाता है, परन्तु वे अभी भी कार्यवाही का भाग होते हैं। इस घटना में, प्रतिभागी निहित है। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित वाक्य में, केवल दो प्रतिभागियों ही कहे गए है: अन्द्रियास को एक पत्र प्राप्त हुआ . प्रेषक, यूहन्ना और मरियम, निहित हैं। कुछ भाषाओं में, निहित प्रतिभागियों को अवश्य बताया जाना चाहिए।


अनुवाद क्या है?

This section answers the following question: अनुवाद क्या है?

विवरण

अनुवाद एक ऐसी प्रक्रिया है, जो भिन्न भाषाओं के बीच में की जाती है, जिसके लिए एक व्यक्ति (अनुवादक) को उस अर्थ को समझने की आवश्यकता होती है, जो एक लेखक या वक्ता स्रोत भाषा में मूल श्रोताओं के साथ व्यक्त करने, और फिर उसी अर्थ को एक अलग श्रोताओं को लक्षित भाषा में संचारित करने की मंशा रखता है । अनुवाद को इसी तरह अधिकांश समय कार्य करना चाहिए, परन्तु कभी-कभी कुछ अनुवादों में अन्य लक्ष्य होते हैं, जैसे स्रोत भाषा के रूप को पुन: प्रस्तुत करना, जैसा कि हम नीचे देखेंगे। मूल रूप से दो प्रकार के अनुवाद होते हैं: शाब्दिक और गतिशील (या अर्थ-आधारित)।

  • शाब्दिक अनुवाद स्रोत भाषा में शब्दों का प्रतिनिधित्व करने पर केन्द्रित होते हैं जिसमें लक्षित भाषा में शब्दों के समान अर्थ होते हैं। वे उन वाक्यांशों का भी उपयोग करते हैं, जिनकी स्रोत भाषा के वाक्यांशों में समान संरचनाएं होती हैं। इस प्रकार का अनुवाद पाठक को स्रोत मूलपाठ की संरचना को देखने की अनुमति देता है, परन्तु यह स्रोत मूलपाठ के अर्थ को समझने में पाठक के लिए कठिन या असम्भव हो सकता है।
  • गतिशील, अर्थ-आधारित अनुवाद इसके सन्दर्भ में स्रोत भाषा वाक्य के अर्थ का प्रतिनिधित्व करने के ऊपर केन्द्रित होता है, और लक्षित भाषा में इसका अर्थ व्यक्त करने के लिए जो भी शब्द और वाक्यांश संरचनाएं सबसे उपयुक्त हैं, उनका उपयोग करते हैं। इस प्रकार के अनुवाद का लक्ष्य पाठक को स्रोत मूलपाठ के अर्थ को समझने के लिए आसान बनाना है। यह एक तरह का अनुवाद है, जिसे अन्य अनुवादों (ओएल) के लिए इस अनुवाद निर्देश पुस्तिका में अनुशंसित अनुवाद के रूप में दिया गया है। यूएलबी अनुवाद को एक शाब्दिक अनुवाद के लिए रूपरेखित किया गया है, ताकि ओएल अनुवादक मूल बाइबल भाषाओं के रूपों को देख सके। यूडीबी अनुवाद को गतिशील अनुवाद के लिए रूपरेखित किया गया है, ताकि ओएल अनुवादक बाइबल में इन रूपों के अर्थ को समझ सके। इन संसाधनों का अनुवाद करते समय, कृपया यूएलबी अनुवाद को शाब्दिक तरीके से अनुवाद करें और यूडीबी अनुवाद को गतिशील तरीके से अनुवाद करें। इन संसाधनों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, गेटवे निर्देश पुस्तिका को देखें।

अनुवाद के बारे में अधिक जानकारी

This section answers the following question: अनुवाद के बारे में और क्या जानने की आवश्यकता है?

अनुवाद एक ऐसी प्रक्रिया है, जो भिन्न भाषाओं के बीच में की जाती है, जिसके लिए एक व्यक्ति (अनुवादक) को उस अर्थ को समझने की आवश्यकता होती है, जिसे स्रोत भाषा में एक लेखक या वक्ता मूल श्रोताओं के साथ, और तब उसी अर्थ को एक भिन्न श्रोताओं को लक्षित भाषा में व्यक्त करने के लिए संचारित करने का मंशा रखता है।

लोग मूलपाठों का अनुवाद क्यों करते हैं?

सामान्य रूप से अनुवादकों के पास अपने काम को करने के लिए भिन्न कारण होते हैं। उनके कारण उन दस्तावेजों पर, जिनका वे अनुवाद कर रहे होते हैं, और उस व्यक्ति की आवश्यकताओं पर निर्भर होते हैं, जिसने उन्हें अनुवाद करने के लिए कहा है। बाइबल अनुवाद के विषय में, लोग सामान्य रूप से अपना काम करते हैं, क्योंकि वे बाइबल के विचारों के द्वारा लक्षित भाषा के पाठकों को उसी तरह प्रभावित करना चाहते हैं, जैसे मूल पाठकों और बाइबल के मूलपाठों के सुनने वालों को प्रभावित किया गया था।

क्योंकि बाइबल में परमेश्वर के विचार हमें यीशु मसीह के माध्यम से उसके साथ अनन्त जीवन को प्राप्त करने की अगुवाई करते हैं, अनुवादक भी चाहते हैं कि लक्षित भाषा के पाठक उसके विचारों को जानें।

बाइबल अनुवादकों के रूप में हम बाइबल के विचारों को प्रस्तुत प्रतिनिधित्व करने की अपेक्षा करते हैं?

ऐसे कई तरीके हैं, जिनमें हम स्रोत मूलपाठ में विचारों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं: हम उन्हें एक सूची में डाल सकते हैं, हम लिखित पृष्ठ पर बहुत कम स्थान का उपयोग करके उन्हें सारांशित कर सकते हैं, हम उन्हें सरल बना सकते हैं (जैसा कि हम अक्सर बच्चों के लिए बाइबल की कहानी की पुस्तकों और अन्य प्रकार की बाइबल सहायता साम्रगी में करते हैं), या हम उन्हें आरेख या तालिका में भी डाल सकते हैं।

तथापि, बाइबल अनुवादक सामान्य रूप से बाइबल के विचारों को यथासम्भव पूर्ण रूप से प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं।

इसका यह भी अर्थ है कि वे मूल दस्तावेजों (भविष्यद्वाणी के लिए एक भविष्यद्वाणी, एक पत्र के लिए एक पत्र, इतिहास की पुस्तक के लिए इतिहास की एक पुस्तक, आदि) को उसी प्रकार के दस्तावेजों में अनुवाद करके उत्पादन करने का प्रयास करते हैं।

साथ ही, वे स्रोत मूलपाठों में विद्यमान अनुवाद में वैसे ही तनावों को पुन: बनाने का प्रयास करते हैं।

मूलपाठों में "तनाव" से हमारा क्या अर्थ है?

तनाव के उदाहरण तब प्रगट होते हैं, जब एक पाठक आश्चर्य करता है कि किसी कहानी में प्रतिभागियों के साथ क्या घटित होगा, या जब कोई पाठक एक पत्री के लेखक के तर्क, प्रोत्साहन और चेतावनियों या मूलपाठ में रिपोर्ट की गई वार्तालाप का अनुसरण करता है। एक पाठक एक भजन पढ़ते समय तनाव महसूस कर सकता है, क्योंकि परमेश्वर की स्तुति विभिन्न तरीकों से भजनकार को प्रभावित करती है।

पुराने नियम की भविष्यद्वाणी पुस्तक को पढ़ते समय, पाठक तनाव में वृद्धि को महसूस कर सकता है, क्योंकि भविष्यद्वक्ता लोगों के पापों की निन्दा करता है, या वह उन्हें परमेश्वर के पास जाने की चेतावनी देता है। भविष्य के लिए परमेश्वर की प्रतिज्ञा के बारे में पढ़ते समय भी तनाव महसूस किया जा सकता है, जैसा कि कोई विश्वास करता है कि कब परमेश्वर ने उन प्रतिज्ञाओं को पूरा किया, या वह उन्हें कब पूरा करेगा। अच्छे अनुवादक स्रोत दस्तावेज़ों में पाए जाने वाले तनाव के प्रकार का अध्ययन करते हैं, और वे लक्षित भाषा में उन तनावों को पुन: निर्मित करने का प्रयास करते हैं।

स्रोत मूलपाठ में तनावों को पुननिर्मित करने के बारे में बात करने का एक और तरीका यह कहना है कि अनुवाद को लक्षित दर्शकों पर उस तरह के प्रभाव को डालना चाहिए जैसा कि स्रोत मूलपाठ के मूल दर्शकों के ऊपर था। उदाहरण के लिए, यदि स्रोत मूलपाठ मूल श्रोताओं के लिए एक ताड़ना है, तो लक्षित दर्शकों को भी एक ताड़ना के रूप में अनुवाद को महसूस करना चाहिए। एक अनुवादक को यह सोचने की आवश्यकता होगी कि लक्षित भाषा कैसे ताड़ना और अन्य प्रकार के संचार को व्यक्त करती है, ताकि अनुवाद का लक्षित दर्शकों के ऊपर सही तरह का प्रभाव डाले।


अपने बाइबल अनुवाद का लक्ष्य कैसे बनाएँ?

This section answers the following question: बाइबल अनुवाद का उद्देश्य क्या होना चाहिए?

एक अनुवादक एक शिकारी की तरह होता है

एक अनुवादक एक शिकारी की तरह होता है, जो अपनी बन्दूक के निशाने को शिकार के ऊपर लगाता यदि वह उसे मारना चाहता है। उसे पता होना चाहिए कि वह किस तरह के पशु का शिकार कर रहा है, क्योंकि उदाहरण के लिए, एक शिकारी पक्षियों को उसी तरह की गोलियों से नहीं मारता है, जिसे वह हिरन को मारने के लिए उपयोग करता है।

ठीक ऐसा ही तब होता है जब हम अन्य लोगों से बात करते हैं। हम छोटे बच्चों से वैसे ही शब्दों में बात नहीं करते जिन्हें हम एक वयस्क के लिए उपयोग करते हैं। न ही हम अपने मित्रों से उसी तरह बात करते हैं जैसे हम अपने देश के राष्ट्रपति या शासक से बात करते हैं। इन सभी घटनाओं में, हम भिन्न शब्दों और अभिव्यक्तियों का उपयोग करने का निर्णय लेते हैं।

उदाहरण के लिए, यदि मैं एक छोटे बच्चे के साथ सुसमाचार साझा कर रहा हूँ, तो मुझे उससे नहीं कहना चाहिए, "पश्चाताप करो, और प्रभु तुम्हें अपना अनुग्रह देगा।" इसकी अपेक्षा, मुझे कुछ कहना चाहिए, "गलत कामों के लिए खेदित होना है, जिसे तुमने किए हैं और यीशु को बताओ कि तुम क्षमा को चाहते हो।

फिर वह तुम्हारा स्वागत करेगा, क्योंकि वह तुमसे प्रेम करता है।” प्रत्येक भाषा में, ऐसे शब्द होते हैं, जिन्हें केवल वयस्क ही उपयोग करते हैं, ये वे शब्द होते हैं, जिन्हें बच्चों ने अभी तक नहीं सीखा है।

नि:सन्देह, बच्चे अन्ततः इन शब्दों में से कई का उपयोग करना सीख जाएंगे। परन्तु यदि आप एक ही समय में इन शब्दों में से बहुत से शब्दों को कहते हैं, तो उन्हें आपको समझना बहुत कठिन लगेगा। इसके अतिरिक्त, भाषाएँ पेड़ की तरह होती हैं, जिन पर नई पत्तियाँ उगती हैं और पुरानी खत्म हो जाती हैं: नए शब्द सदैव भाषाओं में बनते रहते हैं, और कुछ शब्द सदैव प्रचलन से बाहर होते चले जाते हैं। ये शब्द मर जाते हैं और पत्तियों की तरह गिरते हैं; ये वे शब्द होते हैं, जिन्हें पुराने लोग जानते हैं, परन्तु युवा लोग कभी भी इनका उपयोग करना नहीं सीखते हैं।

पुरानी पीढ़ी के खत्म हो जाने के बाद, इन पुराने शब्दों वाली भाषा अब उपयोग में नहीं रहती है। यहाँ तक कि यदि उन्हें शब्दकोष में भी लिख दिया जाए, उदाहरण के लिए, जैसा कि उन्हें होना चाहिए, जवान लोग कदाचित् उन्हें पुन: उपयोग नहीं करेंगे। इन कारणों से, बाइबल अनुवादकों को यह निर्धारित करना होगा कि वे लोग कौन हैं, जो उनके अनुवाद का लक्ष्य हैं।

यहाँ उनके विकल्प दिए गए हैं:

भविष्य के लिए लक्ष्य

अनुवादक युवा माताओं और उनके बच्चों को लक्षित भाषा बोलने वाले के लक्ष्य के रूप में रख सकते हैं, क्योंकि ये लोग अपनी भाषा के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। यदि अनुवादक इस तरह से काम करते हैं, तो वे पुराने शब्दों का उपयोग करने से बचेंगे जिसे जवान लोग नहीं सीख रहे हैं। इसकी अपेक्षा, वे सामान्य, प्रतिदिन के शब्दों जितना अधिक सम्भव हो उतना उपयोग करेंगे। इसके अतिरिक्त, ऐसे अनुवादक इन अन्य नियमों का पालन करेंगे:

  1. वे अन्य भाषाओं से लक्षित भाषा में बाइबल के सामान्य शब्दों को लिप्यंतरित करने का प्रयास नहीं करते हैं। उदाहरण के लिए, इसका अर्थ है कि वे बाइबल के शब्द "यहूदी आराधनालय" को " यहूदी सभास्थल" जैसे शब्दों में परिवर्तित करने की प्रयास नहीं करेंगे और तत्पश्चात् लोगों को इसका अर्थ सिखाने की प्रयास करें। वे "स्वर्गदूत" जैसे बाइबल के शब्द को "देवदूत" में परिवर्तित करने की प्रयास नहीं करेंगे और तत्पश्चात् लक्षित भाषा पाठकों को अपना अर्थ सिखाने की प्रयास करें।
  2. वे नए शब्दों से विचारों को आरम्भ करने के आविष्कार का प्रयास नहीं करेंगे जिन्हें वे बाइबल से पाते हैं। उदाहरण के लिए, यदि लक्षित भाषा में कोई शब्द नहीं है, जो "अनुग्रह" या "पवित्रता" में सम्मिलित सभी पहलुओं को इंगित करता है, तो अनुवादक उनके लिए नए शब्द निर्मित नहीं करते हैं। इसकी अपेक्षा, वे उन बाइबल सन्दर्भों में शब्द के अर्थ के मुख्य भाग को व्यक्त करने के लिए उपयुक्त वाक्यांश पाएंगे जिन पर वे काम कर रहे हैं।
  3. उन्हें स्मरण है कि लक्षित भाषा से ज्ञात शब्द नहीं लेना और उनमें नए अर्थ को नहीं भरना है। वे जानते हैं कि यदि वे ऐसा करने का प्रयास करते हैं, तो लोग नए अर्थ को ऐसे ही अनदेखा करे देंगे। परिणामस्वरूप, लोग उस अर्थ को गलत समझेंगे जिसे आप मूलपाठ से संचारित करना चाहते हैं।
  4. वे बाइबल के विचारों को स्पष्ट और स्वभाविक तरीके से व्यक्त करना स्मरण रखते हैं। (देखें: स्पष्ट अनुवाद बनाएँ, स्वभाविक अनुवाद बनाएँ)

जब अनुवादक इन नियमों का पालन करते हैं, तो हम परिणाम को एक सामान्य भाषाई संस्करण कहते हैं। यदि आप अपनी पहली बाइबल के साथ भाषा प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं, तो हम अनुशंसा करते हैं कि आप इन दिशानिर्देशों का पालन करें। अंग्रेजी में सामान्य भाषा संस्करणों में अंग्रेजी का टुडे संस्करण और कॉमन अंग्रेजी बाइबल अनुवाद सम्मिलित है। परन्तु स्मरण रखें कि आपकी लक्षित भाषा कदाचित् उन तरीकों से कई विचारों को व्यक्त करना चाहती है, जो इन अंग्रेजी संस्करणों के रूप में आपके पास उपलब्ध हैं, बहुत अधिक भिन्न हैं।

स्टडी बाइबल के अनुवाद के लक्ष्य

अनुवादक मसीहियों के ऊपर अपना अनुवाद लक्षित कर सकते हैं, जो बाइबल का अध्ययन ऐसे तरीके से करना चाहते हैं, जो नए मसीहियों के द्वारा पढ़े जाने वाले तरीके से अधिक गहन होता है। अनुवादक यह करने का निर्णय कर सकते हैं कि क्या लक्षित भाषा में पहले से ही एक अच्छी बाइबल उपलब्ध है, जो अविश्वासी और नए विश्वासियों से अच्छी तरह से बात करती है। यदि अनुवादक इस तरह से काम करते हैं, तो वे यह निर्धारित कर सकते हैं:

  1. बाइबल की भाषाओं में पाए जानी वाली व्याकरणिक संरचनाओं की नकल करने का प्रयास करें। उदाहरण के लिए, जब बाइबल कहती है, "परमेश्वर का प्रेम," अनुवादक अभिव्यक्ति को अस्पष्ट छोड़ने का निर्णय कर सकते हैं। यदि वे ऐसा करते हैं, तो वे यह निर्धारित नहीं करेंगे कि इसका अर्थ "उस प्रेम से है जो लोगों में परमेश्वर के लिए है" या "परमेश्वर के लिए प्रेम होने से है।" जब बाइबल कहती है, "हमारे पास मसीह यीशु में जो प्रेम है," अनुवादक यह निर्णय ले सकता है कि इसका अर्थ "मसीह यीशु के कारण" या "मसीह यीशु के साथ एक" होने से है।
  2. वही कहने का प्रयास करें, जो शब्द यूनानी या इब्रानी अनुवाद में विभिन्न अभिव्यक्तियों की "पृष्ठभूमि में पाया जाता" हैं। उदाहरण के लिए, वे इसे फुटनोट्स में लिख सकते हैं।
  3. लक्षित भाषा में नई अभिव्यक्तियों का आविष्कार करने का प्रयास करें जो बाइबल के शब्दों के द्वारा दिए गए अर्थों का अधिक संकेत देते हैं। यदि अनुवादक ऐसा करते हैं, तो उन्हें लक्षित भाषा के साथ रचनात्मक बनना चाहिए।

हम अनुशंसा नहीं करते हैं कि आप इस दूसरे पथ का पालन करेंगे जब तक कि लक्षित भाषा में पहले से ही बाइबल का एक अनुवाद उपलब्ध न हो जो स्पष्ट और स्वभाविक तरीके से संचार करता हो।


अच्छे अनुवादक के गुण

This section answers the following question: एक अच्छे अनुवाद के गुण क्या क्या होते हैं?

चार मुख्य गुण

एक अच्छे अनुवाद के चार मुख्य गुण हैं। यह होना चाहिए:

हम इन गुणों में से प्रत्येक को चार पैर वाले मेज के पैर के रूप में सोच सकते हैं। प्रत्येक आवश्यक है। यदि कोई एक नहीं है, तो मेज खड़ी नहीं होगी। इसी तरह, चर्च के लिए उपयोगी और विश्वासयोग्य होने के लिए इन गुणों में से प्रत्येक को एक अनुवाद में उपस्थित होना चाहिए।

स्पष्ट

उच्चत्तम स्तर की समझ प्राप्त करने के लिए जो भी भाषा संरचना आवश्यक है, उसका उपयोग करें। इसमें सरलीकृत अवधारणाएँ सम्मिलित होती हैं, मूलपाठ के रूप अर्थात् ढ़ाचें को पुनर्व्यवस्थित करना, और जितना अदिक सम्भव हो उतना अधिक मूल अर्थ को संचारित करने के लिए आवश्यकतानुसार कई या कम शर्तों का उपयोग करना सम्मिलित होता है। स्पष्ट अनुवाद कैसे करें, सीखने के लिए, देखें स्पष्ट अनुवाद बनाएँ

स्वभाविक

भाषा के उन रूपों का प्रयोग करें, जो प्रभावी हैं और इससे सम्बन्धित सन्दर्भों में आपकी भाषा का उपयोग करने के तरीके को प्रदर्शित किया जाता है। स्वभाविक अनुवाद कैसे करें, सीखने के लिए, देखें स्वभाविक अनुवाद बनाएँ

सटीक

मूल पाठ के अर्थ से अलग होने, परिवर्तित करने, या जोड़ बिना सटीक रूप से अनुवाद करें क्योंकि मूल दर्शकों के द्वारा इसे समझा जाएगा। पाठ को अर्थ के साथ मन में अनुवाद करें और सटीक रूप से अन्तर्निहित जानकारी, अज्ञात अवधारणाओं और अंलकारों को संचारित करें। सटीक अनुवाद कैसे करें, सीखने के लिए, देखें सटीक अनुवाद बनाएँ

चर्च-स्वीकृत

यदि अनुवाद स्पष्ट, स्वभाविक और सटीक है, परन्तु चर्च इसकी अनुमति नहीं देता या इसे स्वीकार नहीं करता है, तो यह चर्च की उन्नति करने के अन्तिम लक्ष्य को प्राप्त नहीं करता है। यह महत्वपूर्ण है कि चर्च अनुवाद, जाँच और वितरण में सम्मिलित हो। चर्च-स्वीकृत अनुवाद कैसे करें, सीखने के लिए, देखें चर्च-स्वीकृत अनुवाद बनाएँ

छह अन्य गुण

स्पष्ट, स्वभाविक, सटीक, और चर्च-अनुमोदित होने के अतिरिक्त, सर्वोत्तम अनुवाद में ये बातें भी होनी चाहिए:


स्पष्ट अनुवाद को तैयार करना

This section answers the following question: मैं एक स्पष्ट अनुवाद कैसे बनाऊँ?

स्पष्ट अनुवाद

पाठकों को आसानी से पढ़ने और समझने में सहायता के लिए एक स्पष्ट अनुवाद जो भी भाषाई संरचना की आवश्यकता होती है, उसका उपयोग करेगा।

इसमें पाठ को एक अलग रूप अर्थात् ढ़ाचें या व्यवस्था में सम्मिलित करना और मूल अर्थ को यथासम्भव स्पष्ट रूप से संचारित करने के लिए आवश्यकतानुसार कई या कम शर्तों का उपयोग करना सम्मिलित होता है।

ये दिशानिर्देश अन्य भाषा अनुवादों के लिए हैं, गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा अनुवादों के लिए नहीं।

यूएलबी अनुवाद को गेटवे भाषा में अनुवाद करते समय, आपको इन बदलावों को नहीं करना चाहिए।

यूडीबी अनुवाद को गेटवे भाषा में अनुवाद करते समय इन प्रवेशिका भाषा को करना आवश्यक नहीं है, क्योंकि वे पहले से ही कर चुके हैं।

स्रोत मूलपाठ से स्पष्ट अनुवाद बनाने के लिए यहाँ कुछ विचार दिए गए हैं:

सर्वनामों की जाँच करें

आपको स्रोत मूलपाठ में सर्वनामों की जाँच करनी होगी और यह स्पष्ट करना होगा कि प्रत्येक सर्वनाम किसके सन्दर्भ में है या क्या है।

सर्वनामों वे शब्द होते हैं, जो संज्ञा या संज्ञा वाक्यांश के स्थान पर पाए जाते हैं।

वे उस वस्तु का उल्लेख करते हैं, जिसका पहले ही उल्लेख किया जा चुका है।

सदैव ध्यान से जांचें कि यह स्पष्ट है कि प्रत्येक सर्वनाम किसके सन्दर्भ में है या क्या है।

यदि यह स्पष्ट नहीं है, तो एक सर्वनाम की अपेक्षा किसी व्यक्ति या वस्तु का नाम रखना आवश्यक हो सकता है।

प्रतिभागियों की पहचान करें

इसके बाद आपको यह समझने की आवश्यकता है कि कौन कार्यवाही कर रहा है।

एक स्पष्ट अनुवादप्रतिभागियों की पहचान करेगा।

प्रतिभागी एक घटना में लोग या वस्तुएँ होती हैं, जो उस घटना में भाग लेते हैं।

वह कर्ता जो कार्यवाही कर रहा है और जिस वस्तु पर कार्यवाही की गई है, वह मुख्य प्रतिभागी है।

एकघटनाविचार को एक क्रिया के रूप में पुन: व्यक्त करते समय, अक्सर यह कहने के लिए आवश्यक होती है कि उस घटना मेंप्रतिभागी कौन या क्या हैं।

सामान्य रूप से यह सन्दर्भ से स्पष्ट होगा।

स्पष्ट रूप से घटना के विचार को व्यक्त करें

कई घटनाविचार गेटवे अर्थात् प्रवेशिका भाषा में संज्ञा के रूप में हो सकती हैं।

इनघटना वाले विचारों को क्रियाओं के रूप में व्यक्त करने के लिए एक स्पष्ट अनुवाद की आवश्यकता हो सकती है।

अनुवाद करने की तैयारी करते समय, किसी भी घटना वाले विचारों को सन्दर्भ देखना उपयोगी होता है, विशेष रूप से जो किसी क्रिया के अतिरिक्त किसी अन्य रूप से व्यक्त किए जाते हैं।

देखें कि घटना वाले विचार को व्यक्त करने के लिए आप क्रिया का उपयोग करके अर्थ को पुन: व्यक्त कर सकते हैं या नहीं।

यदि, यद्यपि, आपकी भाषा घटना वाले विचारों को व्यक्त करने के लिए संज्ञाओं का भी उपयोग करती है और घटना या क्रिया संज्ञा के रूप में अधिक स्वभाविक लगता है, तो संज्ञा रूप का ही उपयोग करें। देखें भाववाचक संज्ञा

आपको इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येकघटना वाले विचार को एक सक्रिय खण्ड में परिवर्तित करने की आवश्यकता हो सकती है।

निष्क्रिय क्रियाएँ

एक स्पष्ट अनुवाद को निष्क्रिय क्रियाओं से सक्रिय क्रियाओं में परिवर्तित करने की आवश्यकता हो सकती है। देखें सक्रिय या निष्क्रिय

क्रिय रूप में, वाक्य का कर्ता वह व्यक्ति होता है, जो कार्यवाही करता है।

निष्क्रिय रूप में, वाक्य का कर्ता वह व्यक्ति या वस्तु है, जिस पर कार्यवाही की जाती है। उदाहरण के लिए, "यूहन्ना ने बिल को मारा" एक सक्रिय वाक्य है। "बिल यूहन्ना के द्वारा मारा गया था" एक निष्क्रिय वाक्य है।

कई भाषाओं मेंनिष्क्रियरूप नहीं है, केवलसक्रियरूप विद्यमान होता है।

इस घटना में, निष्क्रियरूप से सक्रियरूप में एक वाक्य को परिवर्तित करना आवश्यक होगा।

यद्यपि, कुछ भाषाएँ निष्क्रियरूपों का उपयोग करना पसन्द करती हैं। अनुवादकों को उन रूपों का उपयोग करना चाहिए, जो लक्षित भाषा में सबसे अधिक स्वभाविक हैं।

प्रत्येक वाक्यांश के 'का' को देखें

एक स्पष्ट अनुवाद करने के लिए, आपको "का" से जुड़ी संज्ञाओं के बीच सम्बन्धों के अर्थ की पहचान करने के लिए प्रत्येक वाक्यांश के "का" को भी देखना होगा। कई भाषाओं में, "का" के निर्माण निरन्तर नहीं पाया जाता है, जितना कि बाइबल की मूल भाषाओं में पाया जाता है। प्रत्येक के अर्थ का अध्ययन करें और का "वाक्यांश" को पुन: व्यक्त करें जिससे भागों के बीच सम्बन्ध स्पष्ट हो जाए।

इन वस्तुओं की जाँच करने के बाद और जितना सम्भव हो सके अपने अनुवाद को उतना अधिक स्पष्ट कर देने के पश्चात्, आपको इसे अन्य लोगों को पढ़ना होगा जो आपकी भाषा बोलते हैं, जो यह देखें कि यह उनके लिए स्पष्ट है या नहीं।

यदि ऐसे भाग हैं, जिन्हें वे समझ में नहीं पाते हैं, तो ऐसा इसलिए हो सकता है, क्योंकि वह भाग स्पष्ट नहीं है। उनके साथ में, आप उस भाग को कहने के लिए एक स्पष्ट तरीका सोच सकते हैं। कई लोगों के साथ अनुवाद की जाँच को करते रहें जब तक कि यह सब स्पष्ट न हो।

स्मरण रखें: अनुवाद जितना सम्भव हो उतना सटीकता के साथ, मूल सन्देश के अर्थ को लक्षित भाषा में स्पष्ट और स्वभाविक रूप से पुन: कहना होता है।

स्पष्ट रूप से लिखना

स्वयं से इन प्रश्नों से पूछने से आप एक अनुवाद बनाने में भी सहायता कर सकते हैं जो स्पष्ट रूप से निम्न बातों को संचारित करता है:

  • क्या आपने पाठक को अस्थाई विराम या श्वास लेने के बारे में जानने में सहायता देने के लिए विराम चिह्न का उपयोग किया है?
  • क्या आपने संकेत दिया है कि कौन से भाग प्रत्यक्ष कथन हैं?
  • क्या आप अनुच्छेद को अलग कर रहे हैं?
  • क्या आपने अंश शीर्षकों को जोड़ने पर विचार किया है?

स्वाभविक अनुवाद को तैयार करना

This section answers the following question: मैं स्वाभाविक अनुवाद कैसे बनाऊँ?

स्वभाविक अनुवाद

बाइबल का अनुवाद करने का स्वभाविकअर्थ यह है कि: अनुवाद ऐसा प्रतीत हो कि जैसे यह लक्षित समूह के एक सदस्य द्वारा लिखा गया था-एक परदेशी के द्वारा नहीं। स्वभाविक अनुवाद करने के लिए यहाँ कुछ विचार दिए गए हैं:

लघु वाक्यों का प्रयोग करें

स्वभाविक ध्वनि के अनुवाद के लिए, कभी-कभी लम्बे, जटिल शब्दों से छोटे, सरल वाक्य बनाना आवश्यक होता है। यूनानी भाषा में अक्सर लम्बे, व्याकरणिक जटिल वाक्य होते हैं। बाइबल के कुछ अनुवाद यूनानी संरचना का निकटता से पालन करते हैं और लम्बे वाक्यों को उनके अनुवाद में बनाए रखते हैं, तब भी जब यह स्वभाविक ध्वनि नहीं होती है या लक्षित भाषा में भ्रमित उत्पन्न करने वाला नहीं होता है।

अनुवाद की तैयारी करते समय, अक्सर वाक्यों को बड़े वाक्यों को छोटे वाक्यों में तोड़ते हुए पुन: लिख जाना सहायक होता है। यह आपको अर्थ को और अधिक स्पष्ट रूप से देखने और इसे सर्वोत्तम रीति से अनुवाद करने में सहायता कर सकता है।

जटिल वाक्यों से बचने के लिए, कई भाषाओं में, छोटी वाक्यों की अच्छी शैली होती है, या जब वाक्य अधिक बड़े होते हैं। इस तरह से लक्षित भाषा में अर्थ को पुन: व्यक्त करने में, कभी-कभी कई मूल वाक्यों को कई छोटे वाक्यों में तोड़ना आवश्यक होता है। क्योंकि कई भाषाएँ केवल एक या दो खण्डवाक्यों को आपस में जोड़ते हुए वाक्य का उपयोग करती हैं, इसलिए छोटे वाक्यों में स्वभाविकता के भाव को देंगे।

छोटे वाक्यों से पाठकों को सर्वोत्तम रीति से समझ भी मिल जाएगी, क्योंकि अर्थ स्पष्ट होगा। नए, छोटे खण्ड वाक्यों और वाक्यों के बीच स्पष्ट सम्पर्क शब्दों को सम्मिलित करना सुनिश्चित करें। लम्बे वाक्य, अधिक जटिल वाक्यों से छोटे वाक्यों को बनाने के लिए, वाक्य में शब्दों को पहचानें, जो प्रत्यक्ष एक दूसरे से सम्बन्धित हैं, अर्थात्, जो एक खण्डवाक्य बनाने के लिए एक दूसरे से सम्बन्धित होते हैं। सामान्य रूप से, प्रत्येक क्रिया या क्रिया शब्द के दोनों ओर के शब्द होते हैं, जो क्रिया की गतिविधि को पीछे या आगे के ओर इंगित करते हैं। इस तरह के शब्दों का एक समूह जो स्वयं पर टिका हुआ हो सकता है, उसे एक स्वतंत्र खण्डवाक्य या साधारण वाक्य के रूप में लिखा जा सकता है।

शब्दों के उन समूहों में से प्रत्येक को एक साथ रखें और इस तरह वाक्य को अपने अलग विचारों या भागों में विभाजित करें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे अभी भी भाव को दे रहे हैं, नए वाक्यों को पढ़ें। यदि कोई समस्या है, तो आपको लम्बे वाक्य को अलग तरीके से विभाजित करने की आवश्यकता हो सकती है। जब आप नए वाक्यों के सन्देश को समझते हैं, तो उन्हें लक्षित भाषा में अनुवाद करें, वाक्यों को स्वभाविक लम्बाई दें और उन्हें स्वभाविक तरीके से आपस में जोड़ें। तत्पश्चात् भाषा समुदाय के एक सदस्य को इसे दिखा कर अपने अनुवाद का परीक्षा करें कि यह स्वभाविक लगता है या नहीं।

अपना लोग जिस तरह से बात करते हैं उसे लिखें

बाइबल के सन्दर्भ या अध्याय को पढ़ें और स्वयं से पूछें, "यह किस प्रकार का सन्देश है?" फिर उस सन्दर्भ या अध्याय का अनुवाद इस तरीके से करें कि आपकी भाषा उस तरह के सन्देश को संचारित करे। उदाहरण के लिए, यदि सन्दर्भ एक वचन है, जैसे कि भजन संहिता में, तो इसे इस रूप अर्थात् ढ़ाचें में अनुवाद करें कि आपके लोग इसे वचन के ही रूप में पहचान जाएँ। या यदि सन्दर्भ जीवन व्यतीत करने के सही तरीके के बारे में एक उपदेश है, जैसे नए नियम के पत्रों में पाया जाता है, तो इसे इस रूप में अनुवाद करें कि आपकी भाषा में लोग एक-दूसरे को प्रोत्साहित कर सकें।

या यदि सन्दर्भ किसी के बारे में एक कहानी है, तो इसे एक कहानी के रूप में अनुवाद करें (जो वास्तव में घटित हुई थी)। बाइबल में इस तरह की कई कहानियाँ हैं, और इन कहानियों के अंश के रूप में लोग एक-दूसरे से बातें कहते हैं, जिनके पास इनके लिए अपने स्वयं के रूप भी होते है। उदाहरण के लिए, लोग खतरे, चेतावनियाँ देते हैं, और प्रशंसा करते हैं या एक दूसरे को ताड़ना देते हैं।

अपना अनुवाद स्वभाविक बनाने के लिए, आपको इन सभी बातों का अनुवाद इस तरीके से करना चाहिए कि जैसे आपकी भाषा में लोग खतरे, चेतावनियाँ देते हैं, प्रशंसा करते हैं या एक-दूसरे को ताड़ना देते हैं। इन भिन्न बातों को लिखने के बारे में जानने के लिए, आपको वह सुनना पड़ेगा कि लोग आपके आस-पास क्या कहते हैं, और विभिन्न बातों को लिखने का कैसे अभ्यास करते हैं, जिसे लोग कहते और करते हैं, ताकि आप उस रूप और शब्दों से परिचित हो जाएँ जो लोग इन्हें विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग करते हैं। एक अच्छा अनुवाद उसी शब्दावली और अभिव्यक्तियों का उपयोग करेगा जिसे लक्षित समूह के लोग सामान्य रूप से उपयोग करते हैं।

उनके लिए इसे पढ़ना या सुनना आसान होना चाहिए। कोई अनुपयुक्त या अनजाना वाक्यांश नहीं होना चाहिए। अनुवाद को एक घनिष्ठ मित्र के द्वारा एक पत्र के रूप में आसानी से पढ़ जाना चाहिए।

गेटवे भाषाओं में अनुवाद के लिए नहीं

यह खण्ड यूएलबी और यूडीबी अनुवादों अनुवाद वाली गेटवे भाषा के अनुवादों के लिए नहीं है। ये वे बाइबल हैं, जिन्हें विशेष गुणों के साथ तैयार किया गया है, जो उन्हें लक्षित भाषा में स्वभाविक होने से रोकती हैं। वे बाइबल अनुवाद संसाधन हैं, अंग्रेजी की एण्ड-यूजर बाइबल नहीं है।

इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए, गेटवे भाषा निर्देशिका पुस्तक में "यूएलबी अनुवाद करना" और "यूडीबी अनुवाद करना" को देखें।


सटीक अनुवाद को तैयार करना

This section answers the following question: मैं एक सटीक अनुवाद कैसे बनाऊँ?

सटीक अनुवाद

बाइबल का सटीकअनुवाद बनाने का अर्थ है कि अनुवाद स्रोत के जैसे ही सन्देश को संचारित करता है। अनुसरण करने के लिए यहाँ कुछ चरण दिए गए हैं:

  • एक सन्दर्भ का अर्थ खोजें।
  • मुख्य विचार की पहचान करें।
  • लेखक के सन्देश को ध्यान में रखते हुए अनुवाद करें।

अर्थ का पता लगाएँ


कलीसिया द्वारा प्रमाणित अनुवाद को तैयार करना

This section answers the following question: मैं कलीसिया द्वारा प्रमाणित अनुवाद कैसे तैयार करूँ?

चर्च-स्वीकृत अनुवाद

एक अच्छे अनुवाद के पहले तीन गुण स्पष्ट हैं (देखें स्पष्ट अनुवाद बनाएँ), स्वभाविक (देखें [स्वभाविक अनुवाद बनाएँ]), औरसटीक (देखें [सटीक अनुवाद बनाएँ])।

ये तीनों ही प्रत्यक्ष रूप से उन शब्दों और वाक्यांशों को प्रभावित करते हैं जिनका अनुवाद में उपयोग किया जाता है। यदि कोई अनुवाद इन तीनों में किसी एक के उपयोग से नहीं की गई है, तो उपयोग किए गए शब्दों को परिवर्तित या पुन: व्यवस्थित करने से अक्सर समस्या ठीक हो सकती है।

चौथा गुण, चर्च-अनुमोदित, अनुवाद का सरोकार उपयोग किए गए शब्दों के साथ और अधिक उपयोग करने वाली प्रक्रियाओं के साथ कम से कम होता है।

अनुवाद का लक्ष्य

बाइबल की सामग्री के अनुवाद का लक्ष्य न केवल उच्च गुणवत्ता वाले अनुवाद का उत्पादन करना है, अपितु चर्च द्वारा उपयोग और प्रेम किए जाने वाले उच्च गुणवत्ता वाले अनुवाद का उत्पादन करना है। उच्च गुणवत्ता वाला अनुवाद स्पष्ट, स्वभाविक और सटीक होना चाहिए। परन्तु चर्च के द्वारा उपयोग और प्रेम किए जाने वाले अनुवाद के लिए, यह चर्च-अनुमोदित भी होना चाहिए।

चर्च-स्वीकृत अनुवाद कैसे बनाएँ

एक चर्च द्वारा अनुमोदित अनुवाद बनाना अनुवाद, जाँच और वितरण की प्रक्रिया के बारे में है। इन प्रक्रियाओं में जितना अधिक चर्च नेटवर्क सम्मिलित होगा, उतना ही अधिक वे अनुवाद को स्वीकृति देंगे।

एक अनुवाद परियोजना को आरम्भ करने से पहले, जितना अधिक सम्भव हो उतने अधिक चर्च नेटवर्कों से सम्पर्क किया जाना चाहिए और अनुवाद का भाग बनने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और यहाँ तक ​​कि अपने कुछ लोगों को अनुवाद समूह का भाग बनने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

उनसे परामर्श लेना चाहिए और अनुवाद परियोजना, इसके लक्ष्यों और इसकी प्रक्रिया में उनके सहयोग के लिए कहा जाना चाहिए।

यह आवश्यक नहीं है कि चर्च सक्रिय रूप से अनुवाद का नेतृत्व करे और सभी प्रयासों का समन्वय करे, परन्तु यह आवश्यक है कि जो कोई भी अनुवाद का नेतृत्व कर रहा है, उसे चर्च नेटवर्कों के द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए, इससे पहले कि वे आरम्भ करें।

चर्च स्वीकृति और जाँच के स्तर

अनुवाद की चर्च-स्वीकृति की आवश्यकता जाँच स्तरों में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। वास्तव में, जाँच स्तर काफी सीमा तक इस बात का एक माप है कि चर्च व्यापक रूप से अनुवाद को कैसे स्वीकृति देता है।

  • स्तर 1 बताता है कि चर्च द्वारा अनुमोदित अनुवाद समूह ने अनुवाद को सहमति दे दी है।
  • स्तर 2 बताता है कि स्थानीय चर्चों के पासबान और अगुवे अनुवाद को सहमति देते हैं।
  • स्तर 3 बताता है कि कई चर्च नेटवर्कों के अगुओं ने अनुवाद की स्वीकृति दी है।

प्रत्येक स्तर पर, अनुवाद करने वाले लोगों को चर्च नेटवर्क से भागीदारी और सहयोग को प्रोत्साहित करना चाहिए। इस प्रक्रिया का उपयोग करके, हम अपेक्षा करते हैं कि जितना सम्भव हो उतना अधिक चर्च नेटवर्क के बीच अनुवाद के लिए चर्च स्वामित्व को प्रोत्साहित करना। इस अनुमोदन के साथ, चर्च को दृढ़ और प्रोत्साहित करने के लिए अनुवाद से कुछ भी बाधा नहीं आनी चाहिए।


विश्वासयोग्य अनुवाद को तैयार करना

This section answers the following question: विश्वासयोग्य अनुवाद क्या हैं?

विश्वासयोग्य अनुवाद

बाइबल के लिए विश्वासयोग्य अनुवाद करने के लिए, आपको अपने अनुवाद में किसी राजनीतिक, साम्प्रदायिक, वैचारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, या धार्मिक पूर्वाग्रह से बचना चाहिए।

उन मूल शब्दों का प्रयोग करें जो बाइबल की मूल भाषाओं की शब्दावली के प्रति विश्वासयोग्य हैं। बाइबल के शब्दों के लिए समतुल्य सामान्य भाषा के शब्दों का प्रयोग करें जो परमेश्वर पिता और परमेश्वर पुत्र के बीच सम्बन्धों का वर्णन करते हैं। इन्हें फुटनोट अर्थात् पाद टिप्पणियों या अन्य पूरक संसाधनों में आवश्यकतानुसार स्पष्ट किया जा सकता है।

बाइबल अनुवादक के रूप में आपका लक्ष्य उसी सन्देश को संचारित करना है, जिसकी मंशा बाइबल के मूल लेखक ने संचारित करने की थी। इसका अर्थ है कि आपको अपने सन्देश, या सन्देश जो आपको लगता है कि बाइबल को क्या कहना चाहिए, या आपकी चर्च सोचती है कि बाइबल को क्या कहना चाहिए, संचारित करने की प्रयास नहीं करना चाहिए।

किसी भी बाइबल सन्दर्भ के लिए, आपको वही संचारित करना चाहिए, और केवल वही कहना चाहिए, जो यह कहता है। आपको बाइबल में अपनी कोई भी व्याख्या या सन्देश डालने या उस सन्देश में कोई अर्थ जोड़ने के परीक्षा का विरोध करना चाहिए जो बाइबल सन्दर्भ में नहीं है। (बाइबल सन्दर्भ के सन्देश में अन्तर्निहित जानकारी सम्मिलित होती है। देखें कल्पित ज्ञान और अस्पष्ट जानकारी)


परमेश्वर का पुत्र एवं पिता परमेश्वर

This section answers the following question: पुत्र परमेश्वर और पिता परमेश्वर कौन हैं?

परमेश्वर एक है, और वह पवित्र त्रिएकत्व या त्रित्व अर्थात पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के रूप में विद्यमान है

बाइबल शिक्षा देती है कि केवल एक ही परमेश्वर है।

पुराने नियम में:

यहोवा, ही परमेश्वर है; कोई अन्य परमेश्वर नहीं है ! (1 राजा 8:60 यूएलबी)

नए नियम में:

यीशु ने कहा, ... "अनन्त जीवन यह है: कि तुम्हें यह जानना चाहिए, कि सच्चा परमेश्वर एक ही है" . (यूहन्ना 17:3 यूएलबी)

(इसे भी देखें: व्यवस्थाविवरण 4:35, इफिसियों 4:5-6, 1 तीमुथियुस 2:5, याकूब 2:19)

पुराना नियम परमेश्वर के तीन व्यक्तित्वों को प्रकट करना आरम्भ कर देता है।

परमेश्वर ने आकाश बनाया ... परमेश्वर का आत्मा उस पर मण्डरा रहा था ... "आओ हम मनुष्य को अपने स्वरूप में बनाएँ।" (उत्पत्ति 1:1-2 यूएलबी)

परमेश्वर ने हम से पुत्र के द्वारा बात की है ... जिसके माध्यम से उसने ब्रह्माण्ड भी बनाया है। उसका पुत्र उसकी महिमा का प्रकाश, उसके चरित्र का सार है... जो पुत्र के बारे में ऐसे कहता है कि, ... "आरम्भ में, परमेश्वर, आपने पृथ्वी की नींव रखी है, आकाश उसके हाथों का काम है।" (इब्रानियों 1:2-3, और 8-10 यूएलबी भजन संहिता को उद्धृत कर रही है 102:25)

चर्च ने यह सदैव यह बताना आवश्यक समझा है कि नया नियम परमेश्वर के बारे में क्या कहता है कि वह तीन विशेष व्यक्तियों में विद्यमान है:

पिता, पुत्र, और पवित्र आत्मा।

यीशु ने कहा, "... उन्हें पिता , पुत्र , और पवित्र आत्मा के नाम पर बपतिस्मा दें।" (मत्ती 28:19 यूएलबी)

परमेश्वर ने अपना पुत्र को भेजा, जो एक स्त्री से जन्मा, ... परमेश्वर ने अपने पुत्र के आत्मा को भेजा है, जो, "अब्बा, पिता कहते हैं।" (गलातियों 4:4-6 यूएलबी)

इसे भी देखें: यूहन्ना 14:16-17, 1 पतरस 1:2

परमेश्वर का प्रत्येक व्यक्ति पूरी तरह से परमेश्वर है और बाइबल में "परमेश्वर" कहा जाता है।

तौभी हमारे लिए केवल एक ही परमेश्वर पिता ... है (1 कुरिन्थियों 8:6 यूएलबी)

थोमा ने उत्तर दिया और कहा, "हे मेरे प्रभु और हे मेरे परमेश्वर ." यीशु ने उससे कहा, "क्योंकि तुने मुझे देखा है, तुने विश्वास किया है। धन्य हैं, वे जिन्होंने नहीं देखा है, और तौभी विश्वास किया है।” (यूहन्ना 20:28-29 यूएलबी)
परन्तु पतरस ने कहा, "हनन्याह, शैतान ने तेरे मन में <पवित्र आत्मा से झूठ बोलने और भूमि के मूल्य के एक भाग को अपने पास वापस के लिए क्यों उभारा? ... तुने मनुष्यों से नहीं, परन्तु परमेश्वर से झूठ बोला है।” (प्रेरितों 5:3-4 यूएलबी)

प्रत्येक व्यक्ति अन्य दोनों व्यक्तियों से भिन्न है। सभी तीनों व्यक्ति एक ही समय में भिन्न दिखाई दे सकते हैं। नीचे दिए वचनों में, परमेश्वर पुत्र का बपतिस्मा होता हैं, जबकि परमेश्वर आत्मा नीचे आता है और परमेश्वर पिता स्वर्ग से बोलते हैं।

बपतिस्मा लेने के बाद, यीशु पानी से... बाहर आया ... उसने देखा कि परमेश्वर का आत्मा नीचे उतर रहा है ..., और एक आवाज [पिता] स्वर्ग से आई, "यह मेरा प्रिय पुत्र ... है” (मत्ती 3:16-17 यूएलबी)


पुत्र और पिता का अनुवाद करना

This section answers the following question: ये सारे तथ्य परमेश्वर का उल्लेख करने में महत्वपूर्ण क्यों हैं?

Door43 उन बाइबल अनुवादों का समर्थन करता है, जो इन अवधारणाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं, जब वे परमेश्वर का उल्लेख करती हैं।

बाइबल की गवाही

"पिता" और "पुत्र" वे नाम हैं जिनका उपयोग परमेश्वर स्वयं के लिए बाइबल में करता है।

बाइबल बताती है कि परमेश्वर ने यीशु को अपना पुत्र कहा:

बपतिस्मा लेने के बाद, यीशु तुरन्त पानी से आया, और … स्वर्ग से एक आवाज आई, "यह मेरा प्रिय पुत्र है. मैं उस से बहुत अधिक आनन्दित हूँ।” (मत्ती 3:16-17 ULT)

बाइबल बताती है कि यीशु ने परमेश्वर को अपने पिता कह कर पुकारा था:

यीशु ने कहा, "मैं तेरी प्रशंसा करता हूँ पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के परमेश्वर, … कोई भी पुत्र को छोड़कर पिता को नहीं जानता है, और कोई भी पिता, को छोड़कर पुत्र नहीं जानता है" (मत्ती 11:25-27 यूएलबी) (इसे भी देखें: यूहन्ना 6:26-57)

मसीहियों ने पाया है कि "पिता" और "पुत्र" ऐसे विचार हैं, जो अनिवार्य रूप से एक दूसरे के लिए त्रिएकत्व के पहले और दूसरे व्यक्तियों के शाश्वत सम्बन्धों का वर्णन करते हैं। बाइबल वास्तव में उन्हें विभिन्न तरीकों से सन्दर्भित करती है, परन्तु कोई अन्य शब्दावली इन व्यक्तियों के बीच अनन्त प्रेम और घनिष्ठता, न ही उनके बीच परस्पर निर्भरता के शाश्वत सम्बन्ध को प्रदर्शित करता है।

यीशु ने निम्नलिखित शब्दों में परमेश्वर को सन्दर्भित किया:

उन्हें पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। (मत्ती 28:19 ULT)

पिता और पुत्र के बीच घनिष्ठ, प्रेमपूर्ण सम्बन्ध शाश्वत ठीक वैसा है जैसा कि वे शाश्वत हैं।

पिता पुत्र को प्रेम करता है। (यूहन्ना 3:35-36; 5:19-20 ULT)

मैं पिता से प्रेम करता हूँ, मैं वही करता हूँ जिसे पिता आज्ञा देता है, जैसे उसने मुझे आज्ञा दी थी। (यूहन्ना 14:31 ULT)

...कोई भी पिता को छोड़कर नहीं जानता कि पुत्र कौन है, और कोई भी पुत्र को छोड़कर नहीं जानता कि पिता कौन है. (लूका 10:22 ULT)

"पिता" और "पुत्र" शब्द भी संचारित करते हैं कि पिता और पुत्र का सार एक ही हैं; वे दोनों शाश्वत परमेश्वर हैं।

यीशु ने कहा, "हे पिता, अपने पुत्र की महिमा कर ताकि पुत्र तुझे महिमा दे सके …मैंने पृथ्वी पर तेरी महिमा की है, …अब हे पिता, मेरी महिमा… उस महिमा के साथ कर जो संसार के निर्माण से पहले तेरे साथ थी.” (यूहन्ना 17:1-5 ULT)

परन्तु इन अन्तिम दिनों में, उसने [परमेश्वर पिता] पुत्र के माध्यम से हमसे बात की है, जिसे उसने सभी वस्तुओं का उत्तराधिकारी नियुक्त किया है। यह उसके माध्यम से है कि परमेश्वर ने ब्रह्माण्ड भी बनाया है। वह परमेश्वर की महिमा का प्रकाश, उसके चरित्र का सार है. वह अपनी सामर्थ्य के वचन के द्वारा सब कुछ एक साथ थामे रहता है। (इब्रानियों 1:2-3 ULT)

यीशु ने उससे कहा, "मैं तुम्हारे साथ इतने लम्बे समय से रहा हूँ और हे फिलिप्पुस, तू अभी भी मुझे नहीं जानता है? जो मुझे देखता है, वह पिता को देखता है. तुम कैसे कह सकते हो कि, 'हमें पिता को दिखा'? (यूहन्ना 14:9 ULT)

मानवीय सम्बन्ध

मानवीय पिता और पुत्र सिद्ध नहीं हैं, परन्तु बाइबल तौभी उन शब्दों का उपयोग करती है, जिसे पिता और पुत्र के लिए किया जाता हैं, जो सिद्ध हैं।

आज की तरह ही, बाइबल के समयों में भी मानवीय पिता-पुत्र सम्बन्ध उतने अधिक प्रेममयी और सिद्ध नहीं जैसे कि यीशु और उसके पिता के बीच में थे। परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि अनुवादक को पिता और पुत्र की अवधारणाओं से बचना चाहिए। पवित्रशास्त्र इन शब्दों का उपयोग परमेश्वर, सिद्ध पिता और पुत्र के साथ-साथ पाप से भरे हुए मानवीय पिता और पुत्रों के सन्दर्भ में करता है। पिता और पुत्र के रूप में परमेश्वर का वर्णन करते हुए, अपनी भाषा में शब्दों का चयन करें जिनका व्यापक रूप से मानवीय "पिता" और "पुत्र" के सन्दर्भ में उपयोग किया जाता है। इस तरह आप संचारित करेंगे कि परमेश्वर पिता और परमेश्वर पुत्र अनिवार्य रूप से एक ही हैं (वे दोनों परमेश्वर हैं), जैसे मानवीय पिता और पुत्र अनिवार्य रूप से एक ही हैं, दोनों मनुष्य हैं और समान विशेषताओं को साझा करते हैं।

अनुवाद की रणनीतियाँ

  1. सभी संभावनाओं के बारे में सोचें जिस में आपकी भाषा को "पुत्र" और "पिता" शब्द का अनुवाद करना है। निर्धारित करें कि आपकी भाषा में कौन से शब्द ईश्वरीय "पुत्र" और "पिता" का सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व करते हैं।
  2. यदि आपकी भाषा में "पुत्र" के लिए एक से अधिक शब्द हैं, तो उस शब्द का उपयोग करें जिसका निकटत्तम अर्थ "एकलौते पुत्र" से है (या यदि आवश्यक हो तो "प्रथम पुत्र")।
  3. यदि आपकी भाषा में "पिता" के लिए एक से अधिक शब्द हैं, तो "गोद लेने वाले पिता" की अपेक्षा "जन्म देने वाले पिता" के निकटतम शब्द का उपयोग करें।

(देखें परमेश्वर पिता और परमेश्वर पुत्र पृष्ठों में unfoldingWord® शब्दों का अनुवाद य "पिता" और "पुत्र" का अनुवाद करने में सहायता के लिए।)


आधिकारिक अनुवाद को तैयार करना

This section answers the following question: आधिकारिक अनुवाद क्या होते हैं?

एक आधिकारिक बाइबल अनुवाद वह है, जो कि बाइबल की सामग्री के अर्थ के प्रति सर्वोच्च अधिकारी के रूप में मूल भाषाओं में बाइबल आधारित मूलपाठों पर आधारित है। जब भी बाइबल के दो या दो से अधिक अनुवाद बाइबल सन्दर्भ के अर्थ से असहमत होते हैं, तो यह मूल भाषा है जिसके पास अर्थ को निर्धारित करने का अन्तिम अधिकार होता है।

कभी-कभी लोग कुछ लोग कुछ निश्चित बाइबल अनुवादों के प्रति बहुत अधिक विश्वासयोग्य होते हैं, जिनके वे पढ़ने में अभ्यस्त होते हैं, और दूसरे लोगों के साथ तर्क वितर्क कर सकते हैं, जो एक अलग बाइबल अनुवाद के प्रति विश्वासयोग्य हैं।

परन्तु उन बाइबल अनुवादों में से कोई भी उच्चतम अधिकार पाया हुआ नहीं है, क्योंकि वे केवल मूल के अनुवाद मात्र हैं।

सभी अनुवाद मूल भाषाओं के अधिकार की तुलना में द्वितीय स्तर के होते हैं।

यही कारण है कि बाइबल का अनुवाद कैसे करें, यह निर्धारित करते समय हमें सदैव बाइबल की मूल भाषाओं का वर्णन करना चाहिए।

क्योंकि सभी अनुवाद सूमहों में कोई एक सदस्य नहीं होता है, जो बाइबल की मूल भाषाएँ पढ़ सकता है, बाइबल का अनुवाद करते समय बाइबल की भाषाओं को सन्दर्भित करना सदैव सम्भव नहीं होता है।

इसकी अपेक्षा, अनुवाद समूह को अनुवादों पर भरोसा करना पड़ता है, जिसे वे उपलब्ध पाठ को पढ़ने में सक्षम होते हैं, बदले में, वे बाइबल की भाषाओं पर आधारित होते हैं।

गेटवे भाषाओं अर्थात् प्रवेशिका भाषा में कई अनुवादों को बाइबल की भाषाओं से किया गया था, जिनमें यूएलबी अनुवाद भी सम्मिलित है, परन्तु कुछ अनुवाद तो अनुवाद के अनुवाद हैं।

जब अनुवाद को मूल से दो या तीन चरणों तक दूर कर जाता है तो त्रुटियों को प्रस्तुत करना आसान होता है।

इस समस्या के समाधान में सहायता के लिए, अनुवाद समूह तीन बातें कर सकता है:


ऐतिहासिक अनुवाद को तैयार करना

This section answers the following question: ऐतिहासिक अनुवाद क्या हैं?

(http://ufw.io/trans_culture पर दिए गए वीडियो "पवित्रशास्त्र की – संस्कृति का अनुवाद करना" देखें।)

एकऐतिहासिक परिभाषाअनुवाद ऐतिहासिक घटनाओं और तथ्यों को सटीकता के साथ संचारित करती है। मूल सामग्री के मूल प्राप्तकर्ताओं के समतुल्य सन्दर्भ और संस्कृति को साझा नहीं करने वाले लोगों को इच्छित सन्देश को सटीक रूप से संचारित करने के लिए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त जानकारी प्रदान करना। ऐतिहासिक सटीकता के साथ अच्छी तरह से संचारित करने के लिए, आपको दो बातों को स्मरण रखने की आवश्यकता है:

  1. बाइबल एक ऐतिहासिक दस्तावेज है। बाइबल की घटनाएँ इस तरह से हुईं कि जिसे बाइबल इतिहास में भिन्न समय पर वर्णन करती है। इसलिए, जब आप बाइबल का अनुवाद करते हैं, तो आपको यह संचारित करने की आवश्यकता होती है कि ये घटनाएँ घटित हुईं, और जो हुआ उसके बारे में किसी भी विवरण को परिवर्तित न करें।
  2. बाइबल की पुस्तकें एक निश्चित संस्कृति के लोगों के इतिहास में विशेष समय पर लिखी गई थीं। इसका अर्थ यह है कि बाइबल में कुछ बातें जो मूल श्रोताओं और पाठकों के लिए बहुत स्पष्ट थीं, वे भिन्न समयों और विभिन्न संस्कृतियों में बाइबल को पढ़ने वाले लोगों के लिए स्पष्ट नहीं होंगी।

ऐसा इसलिए है, क्योंकि लेखक और पाठक दोनों उन प्रथाओं से परिचित थे, जिन्हें लेखक ने लिखा था, और इसलिए लेखक को उन्हें समझाने की आवश्यकता नहीं थी। हम, अन्य समयों और संस्कृतियों से, इन बातों से परिचित नहीं हैं, और इसलिए हम से किसी को उनकी व्याख्या करने की आवश्यकता है। इस तरह की जानकारी को "अस्पष्ट (या अन्तर्निहित) जानकारी कहा जाता है।" (देखें कल्पित ज्ञान और अस्पष्ट जानकारी")

अनुवादकों के रूप में, हमें ऐतिहासिक विवरणों का सटीक रूप से अनुवाद करने की आवश्यकता होती है, परन्तु कुछ स्पष्टीकरण भी प्रदान करन होते हैं, जब हमें लगता है कि हमारे पाठकों को इसकी आवश्यकता होगी ताकि वे समझ सकें कि अनुवाद क्या है।


समान अनुवाद को तैयार करना

This section answers the following question: समान अनुवाद क्या होता है?

एकसमतुल्यअनुवाद लक्षित भाषा में समान तरीके से लेकर स्रोत भाषा से किसी भी अभिव्यक्तिपूर्ण अर्थ को संचारित करता है। विशेष रूप से स्रोत मूलपाठ में रूपों अर्थात् ढ़ाचें पर ध्यान दें, जो निश्चित प्रकार की भावनाओं को संचारित करते हैं और लक्षित भावनाओं में रूपों का चयन करते हैं, जो एक जैसी भावनाओं को संचारित करते हैं। इनमें से कुछ रूपों या ढ़ाचों के उदाहरणों यहाँ दिए गए हैं।

मुहावरे

परिभाषा - एक मुहावरा शब्दों का एक ऐसा समूह होता है, जिसका अर्थ उससे भिन्न होता है, जिसे एक व्यक्ति के द्वारा कहे हुए शब्दों के अर्थों से समझ गया होता है। मुहावरे, नीतिवचन, और शब्द प्रारूप या अंलकारों का अर्थ निर्धारित करें और उन्हें अपनी भाषा में अभिव्यक्तियों के साथ अनुवाद करें जिसका अर्थ एक जैसा है।

विवरण - सामान्य रूप से मुहावरे का अनुवाद शाब्दिक रूप से किसी अन्य भाषा में नहीं किया जा सकता है।

मुहावरे का अर्थ इस तरह से व्यक्त किया जाना चाहिए कि दूसरी भाषा में स्वभाविक हो। प्रेरितों 18:6 के एक जैसे अर्थों के साथ तीन अनुवाद यहाँ दिए गए हैं:

  • "आपका खून आपके सिर पर हो! मैं निर्दोष हूँ।” (आरएसवी अनुवाद)
  • "यदि आप खो गए हो, तो आपको ही इसके लिए उत्तरदायित्व लेना होगा! मैं उत्तरदायी नहीं हूँ।” (जीएनबी अनुवाद)
  • "यदि परमेश्वर आपको दण्डित करता है, तो यह मेरे नहीं, आपके कारण है!" (टीएफटी अनुवाद) ये सभी दोष के आरोप हैं।

कुछ शब्द "खून" या "खोए" के साथ मुहावरे का उपयोग कर रहे हैं, जबकि तीसरा शब्द "दण्ड" का उपयोग अधिक प्रत्यक्ष रूप में किया गया है। आपके अनुवाद को समतुल्य होने के लिए, यह भावनात्मक तरीके से एक आरोप को भी व्यक्त करना चाहिए, और इसके लिए एक मुहावरे का उपयोग तब तक कर सकते हैं, जब तक कि आरोप और मुहावरे दोनों रूप लक्षित भाषा और संस्कृति के लिए उपयुक्त हों।

अलंकार

परिभाषा - एक शब्द प्रारूप या अंलकार ध्यान देने या जो कहा जाता है, उसके बारे में भाव को व्यक्त करने के लिए कुछ कहने का एक विशेष तरीका होता है।

विवरण - अपने पूर्ण रूप से अंलकार का अर्थ एक व्यक्ति के शब्दों के सामान्य अर्थ से भिन्न होता है। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं:

  • मैं टूट गया था! वक्ता सचमुच में नहीं टूटा था, परन्तु उसने बहुत बुरा महसूस किया।
  • मैं जो कह रहा था उसके प्रति उसने अपना कान बन्द कर लिए थे। अर्थ, "मैं जो कह रहा था उसने सुनना नहीं चाहा।"
  • हवा पेड़ों को रूला रही थी . इसका अर्थ है कि पेड़ होती हुई जाने वाली हवा एक व्यक्ति की तरह रोती हुई प्रतीत हो रही थी।
  • पूरी संसार सभा में आया था . संसार में से हर कोई सभा में सम्मिलित नहीं हुआ था।

सभा में कई लोग थे। प्रत्येक भाषा विभिन्न अंलकारों का उपयोग करती है। सुनिश्चित करें कि आप इसे कर सकते हैं:

  • पहचानें कि एक अंलकार का उपयोग किया जा रहा है
  • अंलकार के उद्देश्य को पहचानें
  • अंलकार के वास्तविक अर्थ को पहचानें

यह पूरे अंलकार का वास्तविक अर्थ है, न कि व्यक्तिगत शब्दों का अर्थ, जिसे आपकी भाषा में अनुवादित किया जाना चाहिए। एक बार जब आप वास्तविक अर्थ को समझ लेते हैं, तो आप उस लक्षित भाषा में एक अभिव्यक्ति चुन सकते हैं, जो समान अर्थ और भावना को संचारित करता है। (अधिक जानकारी के लिए, अंलकार जानकारी को देखें।)

भाषणगत प्रश्न

परिभाषा - भाषणगत या आलंकारिक प्रश्न एक और तरीका है, जिसमें वक्ता पाठक का ध्यान आकर्षित करता है।

विवरण - भाषणगत प्रश्न एक प्रकार का प्रश्न है, जो किसी उत्तर की अपेक्षा नहीं करता है या जानकारी नहीं मांगता है। वे सामान्य रूप से किसी प्रकार की भावना व्यक्त करते हैं और उन्हें एक ताड़ना, चेतावनी, आश्चर्य व्यक्त करने, या कुछ और के रूप में लक्षित किया जा सकता है।

उदाहरण के लिए, मत्ती 3:7 देखें

"तुम जहरीले सांपों की सन्तान हो, जिन्होंने स्वयं को आने वाले क्रोध से भागने की चेतावनी दी है?"

यहाँ कोई उत्तर अपेक्षित नहीं है। वक्ता जानकारी नहीं मांग रहा है; वह अपने सुनने वालों को ताड़ना दे रहा है। परमेश्वर के क्रोध के लिए इन लोगों को चेतावनी देना अच्छा नहीं है, क्योंकि वे इससे बचने का एकमात्र तरीका: अपने पापों से पश्चाताप करने के लिए मना करते हैं। यदि आपकी भाषा इस तरह से भाषणगत प्रश्नों का उपयोग नहीं करती है, तो जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको इस भाषणगत प्रश्न को एक कथन के रूप में पुन: स्थापित करने की आवश्यकता हो सकती है। परन्तु स्मरण रखें, एक ही उद्देश्य और अर्थ को रखना सुनिश्चित करें, और मूल भाषणगत प्रश्नों की जैसी भावनाओं को संचारित करें।

यदि आपकी भाषा एक अलग तरह के अंलकार के साथ एक भाषणगत प्रश्न के उद्देश्य, अर्थ, और भावना को संचारित करती है, तो उसी अलंकार का उपयोग करें। (देखें भाषणगत प्रश्न)

विस्मयादिबोधक

परिभाषा - भाषाएँ भावनाओं को संचारित करने के लिए विस्मयादिबोधक का उपयोग करती हैं। कभी-कभी विस्मयादिबोधक शब्द या शब्दों में भावनाओं की अभिव्यक्ति के अतिरिक्त अन्य अर्थ नहीं होते हैं, जैसे अंग्रेजी में शब्द "आह" या "वाह" का होना। देखें, उदाहरण के लिए, 1 शमूएल 4:8: हमारे ऊपर हाय! इन सामर्थी देवताओं की सामर्थ्य से हमें कौन बचाएगा? (यूएलबी अनुवाद)

यहाँ "हाय" के रूप में अनुवादित इब्रानी शब्द कुछ बुरा होने के बारे में दृढ़ भाव को व्यक्त करता है। यदि सम्भव हो, तो अपनी भाषा में विस्मयादिबोधक की खोज करने का प्रयास करें जो इस जैसे ही भाव को संचारित करता है।

काव्य

परिभाषा - काव्य के प्रयोजनों में से एक किसी वस्तु के बारे में भाव को व्यक्त करना होता है।

विवरण - काव्य इस कार्य को भिन्न तरीकों से करती है, जो कि भिन्न भाषाओं में भिन्न हो सकती हैं।

इन तरीकों में अब तक चर्चा की गई सभी बातें सम्मिलित हो सकती हैं, जैसे अंलकार और विस्मयादिबोधक इत्यादि। काव्य साधारण कथन की तुलना में भिन्न तरह की व्याकरण का भी उपयोग कर सकती है, या भावनाओं को व्यक्त करने के लिए समान ध्वनियों या कुछ ताल के साथ शब्दों की भूमिकाओं या शब्दों का उपयोग कर सकती है।

देखें, उदाहरण के लिए, भजन 36:5: तेरी वाचा विश्वासयोग्य है, हे यहोवा, जो आकाश में (पहुँचती है) है; तेरी विश्वासयोग्यता आकाश में (पहुँचती है)। (यूएलबी अनुवाद)

काव्य के यह वचन दो पंक्तियों में एक जैसे विचार को दोहराते हैं, जो अच्छी इब्रानी की काव्य शैली है। इसके अतिरिक्त, मूल इब्रानी में कोई क्रिया नहीं होती है, जिसमें साधारण कथन की तुलना में व्याकरण का एक अलग तरह से उपयोग होता है। आपकी भाषा में काव्य में भिन्न बातें हो सकती हैं, जो इसे काव्य के रूप में चिह्नित करती हैं। जब आप काव्य का अनुवाद कर रहे होते हैं, तो अपनी भाषा के रूपों का उपयोग करने का प्रयास करें जो पाठक को संचारित करती हैं कि यह काव्य साहित्य है, और यह उसी भावनाओं को संचारित करता है, जिसमें स्रोत काव्य संचारित करने की प्रयास कर रही है।

स्मरण रखें: मूल पाठ की भावनाओं और दृष्टिकोणों को संचारित करें। उन्हें उन रूपों में अनुवाद करें जो आपकी भाषा में उसी तरीके को संचारित करते हैं।

इस बात पर विचार करें कि इसका अर्थ कैसे सटीक, स्पष्ट, एक जैसा, और लक्षित भाषा मेंस्वाभाविक रूप से व्यक्त हो सकता है।


सहयोगी अनुवाद को तैयार करना

This section answers the following question: सहयोगी अनुवाद क्या होते हैं?

बाइबल अनुवाद जो सहयोगी होते हैं, वे होते हैं, जिनका अनुवाद उसी भाषा के वक्ताओं के समूह द्वारा किया गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपका अनुवाद उच्च गुणवत्ता का है, अन्य विश्वासियों के साथ मिलकर काम करें, जो अनुवादित सामग्री का अनुवाद, जाँच और वितरण करने के लिए आपकी भाषा बोलते हैं। दूसरों के लिए अनुवाद की गुणवत्ता में सुधार करने में सहायता करने के कुछ तरीके यहाँ दिए गए हैं।

  • किसी के सामने जोर से अनुवाद को पढ़ें। यदि वाक्यों को अच्छी तरह से जोड़ता है, तो उसे उस पर ध्यान देने के लिए कहें। उस व्यक्ति से उन शब्दों या वाक्यांशों को इंगित करने के लिए कहें जो सही नहीं हैं या अस्पष्ट हैं। परिवर्तन करें ताकि ऐसा लगे कि जैसे आपके समुदाय का कोई व्यक्ति बोल रहा है।
  • किसी को अपनी वर्तनी जाँचने के लिए अपना अनुवाद पढ़ने के लिए कहें। हो सकता है कि आपने एक शब्द को भिन्न तरीके से लिखा हो, जब आवश्यक नहीं था। कुछ शब्द भिन्न परिस्थितियों में परिवर्तित होते हैं, परन्तु कुछ शब्द हर स्थिति में एक जैसे ही रह सकते हैं। इन परिवर्तनों के ऊपर ध्यान दें, ताकि अन्य लोग जान सकें कि आपने अपनी भाषा की वर्तनी पर क्या निर्णय लिए हैं।
  • स्वयं से पूछें कि आपके द्वारा लिखे गए तरीके को आपकी भाषा वाले समुदाय में विभिन्न बोलियों के वक्ताओं के द्वारा आसानी से पहचाना जा सकता है। दूसरों से पूछें कि क्या वे ऐसा कुछ बताएंगे जो आपके अनुवाद में स्पष्ट नहीं है। इससे पहले कि आप इसे विस्तृत दर्शकों में वितरित करें, अनुवाद में परिवर्तन करें।

स्मरण रखें, यदि सम्भव हो, तो उन अन्य विश्वासियों के साथ मिलकर काम करें जो अनुवादित सामग्री का अनुवाद, जाँच और वितरण करने के लिए अपनी भाषा बोलते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि यह उच्च गुणवत्ता का है और जितना सम्भव हो उतना अधिक लोग इसे पढ़ें और समझ सकें। (आप http://ufw.io/guidelines_collab पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे।)


निरंतरता के अनुवाद को तैयार करना

This section answers the following question: निरंतरता के अनुवाद क्या होते हैं?

बाइबल अनुवाद चलता हुआ होना चाहिए. यह देखने के लिए कि क्या वे सन्देश के अर्थ को समझते हैं, दूसरों के साथ अनुवाद को साझा करें। उनके सहयोग के द्वारा अपने अनुवाद में सुधार करें। समझ और सटीकता बढ़ाने के लिए अनुवाद को संशोधित करना सदैव एक अच्छा विचार है। जब भी किसी के पास अनुवाद को सर्वोत्तम रीति से बनाने के लिए कोई अच्छा विचार हो, तो आपको उस परिवर्तन को सम्मिलित करने के लिए अनुवाद को संपादित करना चाहिए। जब आप अनुवाद स्टूडियो या अन्य इलेक्ट्रॉनिक मूलपाठ संपादकों का उपयोग करते हैं, तो आप संशोधन और सुधार को करते रहने की प्रक्रिया को बनाए रख सकते हैं।

  • समीक्षाकर्ताओं की आवश्यकता होती है, जो अनुवाद पढ़ सकते हैं और मूलपाठ को इंगित कर सकते हैं, जिस में संशोधन की आवश्यकता होती है।
  • क्या लोग अनुवाद पढ़ते हैं या अनुवाद की रिकॉर्डिंग सुनते हैं। यह आपको इस बात को जानने में सहायता करेगा कि अनुवाद का आपके समुदाय में वैसा ही प्रभाव है, जैसा कि यह मूल श्रोताओं में था (उदाहरण के लिए: सांत्वना , प्रोत्साहन या मार्गदर्शन देना)।
  • अनुवाद में सुधार को करते रहना बनाए रखें जो इसे अधिक सटीक, अधिक स्पष्ट और अधिक स्वभाविक बना देगा। लक्ष्य सदैव स्रोत मूलपाठ के जैसे अर्थ को संचारित करने के लिए होता है।

स्मरण रखें, लोगों को अनुवाद की समीक्षा करने और इसे सर्वोत्तम रीति से बनाने के लिए आपको विचार देने के लिए प्रोत्साहित करें। इन विचारों के बारे में अन्य लोगों से बात करें। जब कई लोग मानते हैं कि ये अच्छे विचार हैं, तो अनुवाद में इन परिवर्तनों को ले आएँ। इस तरह से, अनुवाद उत्तम और सर्वोत्तम होता चला जाएगा। (आप http://ufw.io/guidelines_ongoing पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे।)


अनुवाद प्रक्रिया

This section answers the following question: अनुवाद करने के लिए मैं कौनसी दो चीजें करूँ?

अनुवाद कैसे करें

अनुवाद में दो बातें करनी होती हैं:

  1. स्रोत भाषा के मूलपाठ में अर्थ खोजें (देखें: मूलपाठ का अर्थ खोजें)
  2. लक्षित भाषा के अनुवाद में अर्थ पुन: बताएँ (देखें: अर्थ को पुन: बताएँ)

अनुवाद के लिए निर्देश कभी-कभी इन दोनों बातों को छोटे चरणों में विभाजित करती हैं। नीचे चित्र दिखाते हैं कि ये दोनों अनुवाद प्रक्रिया में कैसे उपयुक्त रूप से आते हैं। !


लेख के अर्थ की खोज

This section answers the following question: एक लेख के अर्थ को मैं कैसे खोजूँ?

अर्थ का पता कैसे लगाएँ

मूलपाठ के अर्थ को खोजने में हमारी सहायता करने के लिए हम कई भिन्न बातें कर सकते हैं, अर्थात यह सुनिश्चित करने के लिए कि हम समझ सकते हैं कि मूलपाठ क्या कहने का प्रयास कर रहा है।

यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  1. अनुवाद करने से पहले पूरे सन्दर्भ को पढ़ें। इससे पहले कि आप इसका अनुवाद करना आरम्भ करें, पूरे सन्दर्भ के मुख्य बिन्दु को समझें। यदि यह एक कथा सन्दर्भ है, जैसे कि यीशु के आश्चर्यकर्मों में से एक की कहानी, जो मूल स्थिति को चित्रित करती है। कल्पना कीजिए कि आप वहाँ थे। कल्पना कीजिए कि लोगों को कैसा लगा।
  2. बाइबल का अनुवाद करते समय, सदैव अपने स्रोत मूलपाठ के रूप में बाइबल के कम-से-कम दो संस्करणों का उपयोग करें। दो संस्करणों की तुलना करने से आपको अर्थ के बारे में सोचने में सहायता मिलेगी, जिससे आप मात्र एक संस्करण का ही शब्दिक पालन न करें। दो संस्करणों को होना चाहिए:
  • एक संस्करण जो मूल भाषा के रूप अर्थात् ढ़ाचें की बहुत अधिक निकटता में हो, जैसे अनलॉक्ड शाब्दिक बाइबल (यूएलबी)।
  • एक अर्थ-आधारित संस्करण, जैसे अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल (यूडीबी)।

अर्थ को पुन: बताना

This section answers the following question: मैं अर्थ को दुबारा कैसे बताऊँ?

अर्थ को पुन: कैसे बताएँ

व्यस्थित चरणों की एक सूची निम्नलिखित दी गई है। इन चरणों का उद्देश्य अनुवादक को स्वभाविक, समझने योग्य और सटीक अनुवाद का उत्पादन करने में सहायता करना है। अनुवादक की सबसे सामान्य गलातियों में से एक एक सुसंगत मूलपाठ विकसित करने के लिए लक्षित भाषा में स्वभाविक रूपों का उपयोग करने में विफल रहना है। इन चरणों का पालन करके, अनुवादक एक अधिक स्वभाविक और अधिक समझने योग्य अनुवाद का उत्पादन करेगा।

  1. स्रोत भाषा में चुने हुए पूरे सन्दर्भ को पढ़ें। सन्दर्भ एक अनुच्छेद या एक बात हो सकती है, जो एक कहानी में घटित हुई हो, या यहाँ तक कि एक पूरा खण्ड (कुछ बाइबल में, एक शीर्षक से अगली शीर्षक तक सब कुछ को)। एक कठिन मूलपाठ में, एक सन्दर्भ केवल एक या दो वचन हो सकता है।
  2. स्रोत भाषा में मूलपाठ को देखे बिना, इसे लक्षित भाषा में मौखिक रूप से बताएँ। यद्यपि आप कुछ भागों को भूल सकते हैं, फिर भी बताएँ कि आपको अन्त में क्या स्मरण है।
  3. फिर से, स्रोत भाषा के मूलपाठ को देखें। अब लक्षित भाषा में सब कुछ बताएँ।
  4. स्रोत भाषा के मूलपाठ को पुन: देखिए, केवल उन भागों पर ध्यान केन्द्रित करें जिन्हें आप भूल गए हैं, और फिर इसे अपनी स्मृति से लक्षित भाषा में सभी को पुन: बताएँ।
  5. पूरे सन्दर्भ को स्मरण करने के बाद, इसे ठीक उसी तरह लिखें जैसा आपने इसे स्मृति से पुन: बताया था।
  6. एक बार लिखे जाने के पश्चात्, यह देखने के लिए स्रोत भाषा देखें कि आपने किसी विवरण को अनदेखा तो नहीं किया है। सबसे अधिक स्वभाविक स्थान में ऐसी कोई जानकारी डालें।
  7. यदि आप स्रोत मूलपाठ की किसी बात को नहीं समझते हैं, तो अनुवाद '[समझा नहीं आया]' में लिखें और शेष सन्दर्भ को लिखते रहें।
  8. अब, आपने जो लिखा है, उसे पढ़ें। मूल्यांकन करें कि आप इसे समझते हैं या नहीं। उन भागों को ठीक करें, जिनमें सुधार चाहिए।
  9. अगले खण्ड पर जाएँ। इसे स्रोत भाषा में पढ़ें। कठोरता से चरण 2 से 8 का पालन करें।

आभार: अनुमति के द्वारा उपयोग किया गया है, © 2013, एसआईएल इंटरनेशनल, हमारी मूल संस्कृति को साझा करना, पृष्ठ 59.


प्रारूप एवं अर्थ

This section answers the following question: रूप क्या है ओर उसका अर्थ क्या है?

रूप अर्थात् ढ़ांचे और अर्थ परिभाषित करना

मूलपाठ का अनुवाद करने में उपयोग किए जाने वाले दो प्रमुख शब्द "रूप" और "अर्थ" हैं। इन शब्दों का प्रयोग बाइबल अनुवाद में विशेष तरीकों से किया जाता है। उनकी निम्नलिखित परिभाषाएँ हैं:

  • रूप - भाषा की संरचना होती है जैसा कि यह पृष्ठ पर दिखाई देती है या जैसा बोली जाती है। शब्द "रूप" उसे सन्दर्भित करता है, जिसमें भाषा की व्यवस्था की गई है- इसमें शब्द, शब्द क्रम, व्याकरण, मुहावरे, और मूलपाठ की संरचना जैसी कोई अन्य विशेषताएँ सम्मिलित हैं।
  • अर्थ - अन्तर्निहित विचार या अवधारणा कि मूलपाठ पाठक या सुनने वाले के लिए संचारित करने की प्रयास कर रहा है। एक वक्ता या लेखक भाषा के विभिन्न रूपों का उपयोग करके एक ही अर्थ को संचारित कर सकते हैं, और भिन्न लोग एक ही भाषाई रूप को सुनने या पढ़ने से भिन्न अर्थों को समझ सकते हैं। इस तरह आप देख सकते हैं कि रूप और अर्थ एक ही जैसी बात नहीं है।

एक उदाहरण

आइए सामान्य जीवन से एक उदाहरण के ऊपर विचार करें। मान लीजिए कि एक मित्र ने आपको नीचे लिखा हुआ नोट भेजा है:

  • "यह सप्ताह मेरे लिए बहुत अधिक कठिन था। मेरी माता बीमार थी और मैंने सारा पैसा डॉक्टर को लेने और उसके लिए दवा खरीदने के लिए खर्च हो गया। मेरे पास कुछ भी नहीं बचा है। मेरा नियोक्ता अगले सप्ताहांत तक मुझे भुगतान नहीं करेगा। मुझे नहीं पता कि मैं इसे सप्ताह अपनी अन्य आवश्यकताओं को कैसे पूरी करूँगा। मेरे पास खाना खरीदने के लिए पैसे भी नहीं हैं।”

अर्थ

आपको लगता है कि मित्र ने यह नोट क्यों भेजा? बस आपको अपने सप्ताह के बारे में बताने के लिए? कदाचित् नहीं। उसकी असली मंशा आपको कुछ और बताने की संभावना थी:

  • "मैं चाहता हूँ कि आप मुझे पैसे दें।" यही नोट का प्राथमिक अर्थ है, जिसे प्रेषक आपको संचारित करना चाहता था। यह एक रिपोर्ट नहीं है, परन्तु एक अनुरोध है। यद्यपि, कुछ संस्कृतियों में पैसे की ऐसे मांग करना-यहाँ तक कि एक मित्र से भी बहुत अधिक कठिन होगा। इसलिए, उसने अनुरोध करने के लिए नोट के रूप को उपयोग किया और उसकी आवश्यकता को समझने में आपकी सहायता की।

उसने एक सांस्कृतिक रूप से स्वीकार्य तरीके से लिखा जिसमें उसने पैसे की अपनी आवश्यकता को प्रस्तुत किया है, परन्तु आपको उत्तर देने के लिए बाध्य नहीं किया। उसने वर्णन किया है कि उनके पास पैसा क्यों नहीं था (उसकी बीमार माँ), कि उसकी आवश्यकता केवल अस्थायी थी (जब तक उसे भुगतान नहीं किया जाता), और उसकी स्थिति हताशापूर्ण थी (भोजन नहीं था)। अन्य संस्कृतियों में, अनुरोध का एक और प्रत्यक्ष रूप इस अर्थ को संचारित करने के लिए अधिक उपयुक्त हो सकता है।

रूप

इस उदाहरण में, रूप नोट का पूरा मूलपाठ है। अर्थ यह है कि "मैं चाहता हूँ कि आप मुझे पैसे दें!"

हम इन शब्दों का एक समान तरीके से उपयोग करते हैं। रूप उन वचनों के पूरे मूलपाठ को सन्दर्भित करेगा जिन्हें हम अनुवाद कर रहे हैं। अर्थ उस विचार या विचारों का उल्लेख करेगा जो मूलपाठ संचारित करने का प्रयास कर रहा है। एक निश्चित अर्थ संचारित करने के लिए सबसे अच्छा रूप विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों में भिन्न होगा।


प्रारूप का महत्व

This section answers the following question: रूप क्यों महत्वपूर्ण हैं?

रूप क्यों महत्वपूर्ण है

एक मूलपाठ का अर्थ सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। यद्यपि, मूलपाठ का रूप भी बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। यह अर्थ के लिए मात्र एक "पात्र" से अधिक है। यह अर्थ समझने और प्राप्त किए जाने के तरीके को प्रभावित करता है। इस तरह से स्वयं रूप में अपना एक अर्थ होता है। उदाहरण के लिए, भजन 9:1-2 के दो अनुवादों के बीच रूप में मतभेदों को देखें:

अंग्रेजी के न्यू लाईफ संस्करण से:

मैं अपने पूरे मन से परमेश्वर का धन्यवाद करूँगा। मैं तेरे द्वारा किए गए सभी महान कामों के बारे में बताऊँगा। मैं आनन्दित हूँ और तेरे कारण आनन्द से भरा हूँ। हे सर्वोच्च परमेश्वर, मैं तेरे नाम की स्तुति गाऊँगा। अंग्रेजी के न्यू रिवाईज्ड स्टैन्डर्ड संस्करण से

मैं अपने सारे मन से यहोवा का धन्यवाद करूँगा; मैं तेरे सारे अद्भुत कर्मों के बारे में बताऊँगा। मैं तुझ में आनन्दित और प्रसन्न होऊँगा; हे सर्वोच्च परमेश्वर, मैं तेरे नाम की स्तुति गाऊँगा।

पहला संस्करण मूलपाठ को ऐसे रूप में रखता है, जो कहानियों को कहने के लिए उपयोग किए जाने वाले रूप से अलग नहीं है। भजन की प्रत्येक पंक्ति को एक अलग वाक्य के रूप में वर्णित किया गया है। दूसरे संस्करण में, काव्य की व्यवस्था पृष्ठ की एक अलग पंक्ति के साथ वचन की प्रत्येक पंक्ति को लेते हुए लक्षित संस्कृति में काव्य की व्यवस्था की जाती है। इसके अतिरिक्त, दूसरी पंक्ति से हटाकर नया परिच्छेद आरम्भ करने के साथ, पहली दो पंक्तियाँ अर्ध-विराम से जुड़ती हैं।

ये बातें इंगित करती हैं कि दो पंक्तियाँ सम्बन्धित हैं-वे बहुत समान बातें कहते हैं। तीसरी और चौथी पंक्तियाँ में भी वही व्यवस्था पाई जाती है। दूसरे संस्करण के एक पाठक को पता चलेगा कि यह भजन एक काव्य या गीत है, जो उसके स्वरूप के कारण है, जबकि पहले संस्करण के पाठक को यह समझ नहीं मिल सकती है, क्योंकि इसे मूलपाठ के रूप में संचारित नहीं किया गया था। पहले संस्करण के पाठक भ्रमित हो सकते हैं, क्योंकि भजन एक गीत प्रतीत होता है, परन्तु इसे एक गीत के रूप में प्रस्तुत नहीं किया गया है। शब्द एक आनन्द से भरी हुई भावना को व्यक्त कर रहे हैं। एक अनुवादक के रूप में, आपको अपनी भाषा में एक आनन्द से भरे हुए गीत को व्यक्त करने के लिए रूप का उपयोग करना चाहिए।

अंग्रेजी के न्यू इन्टरनेशनल संस्करण में 2 शमूएल 18:33ब के रूप को भी देखें:

"हे मेरे पुत्र अबशालोम! मेरे पुत्र, मेरे पुत्र अबशालोम! यदि मैं केवल तेरे बदले में मर गया होता- हे अबशालोम, मेरे पुत्र, मेरे पुत्र!" कोई कह सकता है कि इस वचन के इस भाग में निहित अर्थ यह है कि, "मैं चाहता हूँ कि मेरे पुत्र अबशालोम की अपेक्षा मेरी मृत्यु हो गई होती।" यह शब्दों में निहित अर्थ का सारांश देता है। परन्तु रूप मात्र उस विषय वस्तु से अधिक को संचार करता है।

"मेरे पुत्र" की कई बार हुई पुनरावृत्ति, "अबशालोम" नाम की पुनरावृत्ति, शब्द "हे" की अभिव्यक्ति, इच्छा का रूप "यदि केवल ..." सभी एक पिता के मन पर गहरी पीड़ा की एक दृढ़ भावना को संचारित करते हैं कि एक पिता ने अपने एक पुत्र को खो दिया है। एक अनुवादक के रूप में, आपको न केवल शब्दों का अर्थ, अपितु रूप का अर्थ भी अनुवाद करना होगा।

2 शमूएल 18:33ब के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप एक ऐसे रूप का उपयोग करें जो मूल भाषा में निहित भावनाओं को संचारित करे। इसलिए हमें बाइबल के मूलपाठ के रूप की जाँच करने की आवश्यकता है और स्वयं से पूछें कि इसका रूप ऐसा क्यों है और कुछ दूसरे जैसा क्यों नहीं है। यह किस दृष्टिकोण या भावना को संचारित कर रहा है?

अन्य प्रश्न जो रूप के अर्थ को समझने में हमारी सहायता कर सकते हैं:

  • इसे किसने लिखा?
  • इसे किसने प्राप्त किया?
  • यह किस स्थिति में लिखा गया था?
  • कौन से शब्द और वाक्यांश चुने गए थे और क्यों?
  • क्या शब्द बहुत अधिक भावनात्मक शब्द हैं, या शब्दों के क्रम के बारे में कुछ विशेष बात है?

जब हम रूप के अर्थ को समझते हैं, तो हम एक ऐसा रूप चुन सकते हैं, जिसका लक्ष्य लक्षित भाषा और संस्कृति में समान अर्थ को देना हो।

संस्कृति अर्थ को प्रभावित करती है

रूपों का अर्थ संस्कृति के द्वारा निर्धारित किया जाता है। विभिन्न संस्कृतियों में एक ही रूप के कई भिन्न अर्थ हो सकते हैं। अनुवाद में, अर्थ का अर्थ वैसा जैसा ही होना चाहिए, जिसमें रूप के अर्थ सम्मिलित हैं। इसका अर्थ है कि मूलपाठ के रूप में संस्कृति के अनुसार परिवर्तन होना चाहिए।

रूप में मूलपाठ की भाषा, इसकी व्यवस्था, कोई दोहराव, या कोई अभिव्यक्ति सम्मिलित है, जो "हे" जैसे ध्वनियों की नकल करती हैं। आपको इन सभी बातों की जाँच करनी चाहिए, उनका निर्णय करना चाहिए कि उनका क्या अर्थ है, और फिर निर्धारित करें कि कौन सा रूप लक्षित भाषा और संस्कृति के सर्वोत्तम तरीके को व्यक्त करेगा।


अर्थ के स्तर

This section answers the following question: अर्थ के विभिé स्तर कौन कौनसे होते हैं?

अर्थ के स्तर

एक अच्छा अनुवाद मांग करता है कि स्रोत भाषा के अर्थ लक्षित भाषा में एक जैसे ही हो। बाइबल समेत किसी भी मूलपाठ में अर्थ के कई भिन्न स्तर हैं। इन स्तरों में सम्मिलित हैं:

  • शब्दों के अर्थ
  • वाक्यांशों के अर्थ
  • वाक्यों के अर्थ
  • अनुच्छेदों के अर्थ
  • अध्यायों के अर्थ
  • पुस्तकों के अर्थ

शब्दों के अर्थ होते है

हम में यह सोच होती हैं कि मूलपाठ का अर्थ शब्दों में होता है। परन्तु इस अर्थ को सन्दर्भ द्वारा नियन्त्रित किया जाता है जिसमें प्रत्येक शब्द है। अर्थात्, भिन्न शब्दों का अर्थ वाक्यांशों, वाक्यों और अनुच्छेदों सहित इसके ऊपर के स्तरों के द्वारा नियन्त्रित होता है। उदाहरण के लिए, सन्दर्भ (उच्चत्तम स्तर) के आधार पर, "देने" जैसे एक शब्द में निम्नलिखित संभावित अर्थ हो सकते हैं:

  • उपहार देने के लिए
  • पतन या तोड़ने के लिए
  • आत्मसमर्पण करने के लिए
  • छोड़ देने के लिए
  • स्वीकार करने के लिए
  • आपूर्ति करने के लिए
  • इत्यादि।

बड़े अर्थ का निर्माण करना

अनुवादक को यह निर्धारित करना होगा कि प्रत्येक सन्दर्भ में प्रत्येक शब्द का क्या अर्थ है, और उसके बाद अनुवादित मूलपाठ में वही अर्थ पुन: उत्पन्न करें। इसका अर्थ है कि शब्दों का व्यक्तिगत रूप से अनुवाद नहीं किया जा सकता है, परन्तु केवल उनके अर्थ के साथ जब वे वाक्यांशों, वाक्यों, अनुच्छेदों और अध्यायों में दूसरे शब्दों के साथ मिलकर बने होते हैं, जिसमें वे एक भाग को बनाते हैं।

यही कारण है कि अनुवादक को पूरे अनुच्छेद, अध्याय या पुस्तक को पढ़ना चाहिए जिसे वह अनुवाद करने से पहले अनुवाद कर रहा है। बड़े स्तर को पढ़कर, वह समझ जाएगा कि निम्न स्तरों में से प्रत्येक कैसे पूरी तरह से उपयुक्त होता है, और वह प्रत्येक भाग का अनुवाद करेगा ताकि यह अर्थ को इस तरह से संचारित कर सके जो उच्चत्तम स्तरों के साथ सबसे अधिक निकट भाव को देता है।


शाब्दिक अनुवाद

This section answers the following question: आक्षरिक अनुवाद क्या होता है?

परिभाषा

शाब्दिक अनुवाद स्रोत मूलपाठ के रूप में, यथासम्भव, पुन: प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं।

अन्य नाम

शाब्दिक अनुवाद को यह भी कहा जाता है:

  • रूप-आधारित
  • शब्द-प्रति-शब्द
  • संशोधित शाब्दिक

अर्थ से अधिक रूप

एक शाब्दिक अनुवाद वह है, जो लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ के रूप को पुन: उत्पन्न करने पर केन्द्रित होता है, जिसके परिणामस्वरूप, चाहे अर्थ परिवर्तित हो जाता है, या समझने में कठिन हो। एक शाब्दिक अनुवाद का एक चरम संस्करण पूर्ण रीति से अनुवाद नहीं होगा-इसमें स्रोत भाषा के समान वर्ण और शब्द होंगे। इसके अगला निकटतम कदम स्रोत भाषा के प्रत्येक शब्द को लक्षित भाषा में समकक्ष शब्द के साथ प्रतिस्थापित करना होगा।

भाषाओं के मध्य व्याकरण में मतभेदों के कारण, लक्षित भाषा के दर्शक कदाचित् इस तरह के अनुवाद को नहीं समझ पाएंगे। बाइबल के कुछ अनुवादक गलत तरीके से मानते हैं कि उन्हें लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ का शब्द रखना चाहिए और केवल स्रोत भाषा के शब्दों को ही लक्षित भाषा के शब्दों में प्रतिस्थापित करना चाहिए। वे गलत विश्वास करते हैं कि यह परमेश्वर के वचन के रूप में स्रोत मूलपाठ के प्रति सम्मान दिखाता है। परन्तु वास्तव में इस प्रकार का अनुवाद लोगों को परमेश्वर के वचन को समझने से रोकता है। परमेश्वर चाहता है कि लोग उसका वचन समझें, इसलिए यह बाइबल के प्रति सबसे बड़ा सम्मान दिखाता है और परमेश्वर के प्रति इसलिए क्योंकि बाइबल का अनुवाद किया जाए ताकि लोग इसे समझ सकें।

साहित्यिक अनुवाद की कमजोरियाँ

शाब्दिक अनुवादों में सामान्य रूप से निम्नलिखित समस्याएँ होती हैं:

  • विदेशी शब्द जिसे लक्षित दर्शकों के द्वारा नहीं समझा जाता है
  • शब्द व्यवस्था जो लक्षित भाषा में अनुपयुक्त या अनजानी है
  • मुहावरे जो लक्षित भाषा में उपयोग या समझ में नहीं आते हैं
  • उन वस्तुओं के नाम जो लक्षित संस्कृति में विद्यमान नहीं हैं
  • उन रीति-रिवाजों के विवरण जो लक्षित संस्कृति में नहीं समझा जाते हैं
  • अनुच्छेद जिनका लक्षित भाषा में कोई तार्किक सम्पर्क नहीं होता है
  • कहानियाँ और स्पष्टीकरण जो लक्षित भाषा में समझ में नहीं आते हैं
  • अन्तर्निहित जानकारी छोड़ दी जाती है, जो इच्छित अर्थ को समझने के लिए आवश्यक है

शब्दिक अनुवाद कब करें

शब्दिक अनुवाद करने का एकमात्र समय तब है जब गेटवे भाषा अर्थात् प्रवेशिका भाषा सामग्री, जैसे यूएलबी का अनुवाद करना, जिसका प्रयोग अन्य भाषा अनुवादकों के द्वारा किया जाएगा। यूएलबी अनुवाद का उद्देश्य अनुवादक को यह दिखाना है कि मूल में क्या है। तौभी, यूएलबी अनुवाद कठरोता के साथ शाब्दिक नहीं है। यह एक संशोधित शाब्दिक अनुवाद है, जो लक्षित भाषा की व्याकरण का उपयोग करता है, ताकि पाठक इसे समझ सकें (पाठ संशोधित शाब्दिक अनुवाद को देखें)।

उन स्थानों पर, जहाँ यूएलबी अनुवाद बाइबल की मूल अभिव्यक्तियों का उपयोग करता है, जिन्हें समझना कठिन हो सकता है, हमने इन्हें समझाने के लिए अनुवादों को अनुवादनोट्स प्रदान किए हैं।


शब्द की जगह शब्द का परिवर्तन

This section answers the following question: मैं एक शब्द के बदले एक शब्द का उपयोग कर अनुवाद क्यों नही करूँ?

परिभाषा

शब्द-प्रति-शब्द वैकल्पिक अनुवाद अपने सबसे अधिक रूप में शाब्दिक होता है। अच्छा अनुवाद करने के लिए यह सबसे अच्छा विकल्प नहीं है। शब्द-प्रति-शब्द अनुवाद केवल स्रोत भाषा के प्रत्येक शब्द को लक्षित भाषा के समकक्ष शब्द के विकल्प के रूप में प्रस्तुत करता है।

शब्द-प्रति-शब्द अनुवाद में

  • ध्यान एक समय में एक ही शब्द पर होता है।
  • लक्षित भाषा की स्वभाविक वाक्य संरचना, वाक्यांश संरचनाओं और अंलकार अनदेखा हो जाते हैं।
  • शब्द-प्रति-शब्द अनुवाद की प्रक्रिया बहुत ही सरल है।
  • स्रोत मूलपाठ में पहला शब्द समकक्ष शब्द के द्वारा अनुवादित किया जाता है।
  • फिर अगला शब्द के साथ ऐसा किया जाता है।

यह तब तक चलता रहता है जब तक वचन का अनुवाद नहीं हो जाता है।

  • शब्द-प्रति-शब्द दृष्टिकोण आकर्षक है क्योंकि यह बहुत ही अधिक आसान है। यद्यपि, इसका परिणाम खराब गुणवत्ता वाले अनुवाद में निकलता है। शब्द-प्रति-शब्द विकल्प के परिणाम अनुवाद में ऐसे निकलते हैं, जो पढ़ने के लिए असामान्य होते हैं। वे अक्सर भ्रमित होते हैं और गलत अर्थ देते हैं या यहाँ तक ​​कि किसी भी अर्थ को नहीं देते हैं। आपको इस प्रकार के अनुवाद को करने से बचना चाहिए। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं:

शब्द क्रम या व्यवस्था

यूएलबी अनुवाद में लूका 3:16 का उदाहरण यहाँ दिया गया है:

यूहन्ना ने उन सभी से कहा, "जहाँ तक मेरी बात है, मैं तुम्हें पानी से बपतिस्मा देता हूँ, परन्तु एक आ रहा है, जो मुझ से अधिक सामर्थी है, और मैं अपने जुत्ती का फीता भी खोलने के योग्य नहीं हूँ।

वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा।” यह अनुवाद स्पष्ट और समझने में आसान है। परन्तु कल्पना करें कि अनुवादकों ने शब्द-प्रति-शब्द विधि का उपयोग किया था। तब अनुवाद कैसा होगा? यहाँ, अंग्रेजी में अनुवादित, मूल यूनानी के समान क्रम में शब्दों के दिया गया हैं।

सभी को यूहन्ना ने यह कहते हुए उत्तर दिया कि वास्तव में मैं पानी से तुम्हें बपतिस्मा देता है, वह आता है, परन्तु जो मुझ से अधिक सामर्थी है, मैं उसकी जुत्ती का फीता भी खोलने के योग्य नहीं हूँ, वह तुम्हें आत्मा पवित्र और अग्नि के साथ बपतिस्मा देगा

यह अनुवाद असामान्य है और अंग्रेजी में समझ में नहीं आता है। ऊपर यूएलबी संस्करण देखें। अंग्रेजी यूएलबी अनुवादकों ने मूल यूनानी शब्द व्यवस्था को बनाए नहीं रखा। उन्होंने अंग्रेजी व्याकरण के नियमों के अनुरूप वाक्य में शब्दों को स्थानांतरित करते हुए वाक्य को अर्थ दे दिया है। उन्होंने कुछ वाक्यांशों को भी परिवर्तित किया है। उदाहरण के लिए, अंग्रेजी यूएलबी का कहना है, "यूहन्ना ने उन सभी से कहा," इसके स्थान पर कि "सभी को यूहन्ना ने यह कहते हुए उत्तर दिया।”

मूलपाठ को स्वभाविक बनाने के लिए उन्होंने भिन्न शब्दों को भिन्न क्रम में उपयोग किया ताकि यह मूल अर्थ को सफलतापूर्वक संचारित कर सके। अनुवाद को यूनानी मूलपाठ के समान अर्थ को संचारित करना चाहिए। इस उदाहरण में, यूएलबी असामान्य शब्द-प्रति-शब्द संस्करण की तुलना में एक सर्वोत्तम रीति से किया गया अंग्रेजी अनुवाद है।

शब्द अर्थों की सीमा

इसके अतिरिक्त, शब्द-प्रति-शब्द वैकल्पिक अनुवाद सामान्य रूप से इस बात पर ध्यान नहीं देता है कि सभी भाषाओं में अधिकांश शब्दों में कई अर्थ होते हैं। किसी भी एक सन्दर्भ में, सामान्य रूप से लेखक के मन में केवल उन अर्थों में से एक ही होता है। एक अलग सन्दर्भ में, उसके मन में यह एक अलग अर्थ हो सकता है।

परन्तु शब्द-प्रति-शब्द अनुवादों में, सामान्य रूप से केवल एक अर्थ को चुना जाता है और पूरे अनुवाद में उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, यूनानी शब्द "एग्गोलोस" मानवीय सन्देशवाहक या एक स्वर्गदूत को सन्दर्भित कर सकता है।

"यह वह है जिसके बारे में लिखा है, 'देखो, मैं आपने सन्देशवाहक को अपने से पहले भेज रहा हूँ, जो तुम्हारे सामने अपना रास्ता तैयार करेगा।' (लूका 7:27)

यहाँ "एग्गोलोस" शब्द मानवीय सन्देशवाहक को सन्दर्भित करता है। यीशु यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के बारे में बात कर रहा था।

स्वर्गदूत उनसे स्वर्ग में चले गए थे (लूका 2:15)

यहाँ "एग्गोलोस" शब्द स्वर्ग से स्वर्गदूतों को सन्दर्भित करता है। एक शब्द-प्रति-शब्द अनुवाद प्रक्रिया दोनों वचनों में एक ही शब्द का उपयोग कर सकती है, चाहे इसका उपयोग दो भिन्न प्रकार के प्राणियों के सन्दर्भ में किया जाता है। यह पाठक को भ्रमित कर देगा।

अलंकार

अन्त में, अंलकार शब्द-प्रति-शब्द अनुवाद में सही ढंग से व्यक्त नहीं किए जाते हैं। अंलकार का अर्थ यह है कि वे भिन्न शब्दों से अलग होते हैं, जिनके द्वारा वे बने हुए होते हैं। जब उनका अनुवाद शब्द-प्रति-शब्द के लिए किया जाता है, तो अंलकार का अर्थ खो जाता है। चाहे उनका अनुवाद किया गया हो ताकि वे लक्षित भाषा के सामान्य शब्द क्रम का पालन करें, पाठक उनके अर्थ को समझ नहीं पाएंगे। उन्हें सही ढंग से अनुवाद करने का तरीका जानने के लिए अंलकार पृष्ठ को देखें।


आक्षरिक अनुवाद की समस्याएँ

This section answers the following question: अधिकतम आक्षरिक तौर पर किए गए अनुवादों की समस्याएँ क्या क्या हैं?

रूपों के परिवर्तन का अर्थ

शाब्दिक अनुवाद लक्षित मूलपाठ में स्रोत मूलपाठ का रूप रखते हैं। कुछ अनुवादक ऐसा करना चाहते हैं, क्योंकि, जैसा कि हमने शिक्षा के मॉड्यूल या खण्ड में "रूप का महत्व" देखा है, मूलपाठ का रूप मूलपाठ के अर्थ को प्रभावित करता है।

तथापि, हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि विभिन्न संस्कृतियों के लोग रूपों के अर्थ को भिन्न समझते हैं। विभिन्न संस्कृतियों में, एक ही रूप को बहुत अलग तरीकों से समझा जा सकता है। इसलिए मूल रूपों को परिवर्तन से बचा कर अर्थ की रक्षा करना सम्भव नहीं है। अर्थ की रक्षा करने का एकमात्र तरीका मूल रूप की एक नए रूप में परिवर्तन होना है, जो पुरानी संस्कृति में पुरानी रूप में पुरानी संस्कृति के समान अर्थ को संचारित करता है।

विभिन्न भाषाएँ शब्दों और वाक्यांशों के विभिन्न व्यवस्थाओं का उपयोग करती हैं

यदि आप अपने अनुवाद में स्रोत शब्द व्यवस्था को रखते हैं, तो इसे समझना आपकी भाषा बोलने वाले लोगों के लिए बहुत अधिक कठिन और कभी-कभी असम्भव सा होगा। आपको लक्षित भाषा के स्वभाविक शब्द क्रम का उपयोग करना चाहिए ताकि लोग मूलपाठ के अर्थ को समझ सकें।

विभिन्न भाषाएँ विभिन्न मुहावरे और अभिव्यक्तियों का उपयोग करती हैं

प्रत्येक भाषा में अपनी स्वयं के मुहावरे और अन्य अभिव्यक्तियाँ होती हैं, जो शब्द या ध्वनि या भावनाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन बातों के अर्थ को व्यक्त करने के लिए, आपको एक मुहावरे या अभिव्यक्ति का चयन करना होगा जिसका लक्ष्य लक्षित भाषा में उसी अर्थ को देना हो, न कि केवल प्रत्येक शब्द का अनुवाद करना। यदि आप केवल प्रत्येक शब्द का अनुवाद करते हैं, तो मुहावरे या अभिव्यक्ति का गलत अर्थ मिलेगा।

कुछ शब्दों में अन्य संस्कृतियों में समकक्ष शब्द नहीं होते हैं

बाइबल में ऐसी वस्तुओं के लिए कई शब्द हैं, जो अब विद्यमान नहीं हैं, जैसे वजन के लिए (स्टाडिया, क्यूबिट), पैसा के लिए (दीनार, स्टाटर) और मापों के लिए (हीन, एपा)। पवित्रशास्त्र में पशु संसार के कुछ भाग (लोमड़ी, ऊंट) विद्यमान नहीं हो सकते हैं। अन्य शब्द (बर्फ, खतना) कुछ संस्कृतियाँ में अज्ञात हो सकते हैं। उन परिस्थितियों में इन शब्दों के लिए समकक्ष शब्दों का विकल्प पाना सम्भव नहीं होता है। अनुवादक को मूल अर्थ संचारित करने के लिए एक और तरीके की खोज करनी चाहिए।

बाइबल को समझने का मंशा से लिखा गया था

पवित्रशास्त्र की गवाही स्वयं दिखाती है कि वे समझे जाने के लिए थे। बाइबल तीन भाषाओं में लिखी गई है, क्योंकि भाषा का उपयोग परमेश्वर के लोगों ने भिन्न समयों में भिन्नता के साथ किया था। जब यहूदी निर्वासन से लौटे और अब उन्हें इब्रानी स्मरण नहीं रही, तो याजकों ने अरामी में पुराने नियम के पठ्न का अनुवाद किया ताकि वे समझ सकें (नहे 8:8)।

बाद में, जब नया नियम लिखा गया, तब यह सामान्य बोलचाल वाली यूनानी में लिखा गया था, जो कि उस समय की भाषा थी, जो कि इब्रानी या अरामी या यहाँ तक कि शास्त्रीय यूनानी की अपेक्षा जिसे सामान्य लोगों को समझने के लिए कठिन होता, अधिकांश लोगों के द्वारा बोले जाने वाली भाषा थी। ये और अन्य कारण बताते हैं कि परमेश्वर चाहता है कि लोग उसका वचन समझें। इसलिए हम जानते हैं कि वह चाहता है कि हम बाइबल के अर्थ का अनुवाद करें, उसके स्वरूप को पुन: उत्पन्न न करें। पवित्रशास्त्र का अर्थ रूप से अधिक महत्वपूर्ण है।


अर्थ आधारित अनुवाद

This section answers the following question: अर्थ आधारित अनुवाद का क्या मतलब हैं?

परिचय

हमने शाब्दिक अनुवादों को निकटता से देखा है। अब, हम अर्थ-आधारित अनुवादों को देखेंगे। इन अनुवादों को भी यह भी कहा जाता है:

  • अर्थ-समकक्ष
  • मुहावरेदार
  • गतिशील

मुख्य विशेषताएँ

अर्थ-आधारित अनुवादों की मुख्य विशेषता यह है कि वे स्रोत मूलपाठ के रूप अर्थात् ढ़ांचे को पुन: उत्पन्न करने के लिए अर्थ को अनुवाद करने के लिए प्राथमिकता देते हैं। अर्थात्, वे स्पष्ट रूप से अर्थ स्पष्ट करने के लिए आवश्यक मूलपाठ के रूप अर्थात् ढ़ांचे को परिवर्तित करती हैं।

अर्थ-आधारित अनुवादों के सबसे सामान्य प्रकार के परिवर्तन निम्न हैं:

  • लक्षित भाषा की व्याकरण के अनुरूप शब्द व्यवस्था को परिवर्तित करें
  • स्वभाविक व्याकरण के साथ विदेशी व्याकरण संरचनाओं को प्रतिस्थापित करें
  • लक्षित भाषा में तर्क के प्रवाह के सामान्य क्रम के अनुरूप कारणों या परिणामों का क्रम परिवर्तित करें
  • मुहावरे के विकल्प दें या व्याख्या करें
  • अन्य भाषाओं से शब्दों की व्याख्या या अनुवाद को लें ("गोलगोथा" = "खोपड़ी की स्थान")
  • स्रोत मूलपाठ में कठिन या असामान्य शब्दों के लिए एकल शब्द समकक्षों को खोजने की प्रयास करने की अपेक्षा सरल शब्दों के साथ वाक्यांशों का उपयोग करें
  • उन शब्दों को प्रतिस्थापित करें जो लक्षित संस्कृति में अज्ञात शब्दों या विवरणों के साथ अज्ञात हैं
  • सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्दों को प्रतिस्थापित करें जिन्हें लक्षित भाषा उन भाषाओं को जोड़ने वाले शब्दों के साथ उपयोग नहीं करती है, जिनकी लक्षित भाषा को आवश्यकता होती है
  • लक्षित भाषा के अंलकार के विकल्प को उन्हीं अर्थों में लिखें जिनके मूल अंलकार जैसे ही अर्थ हैं
  • मूलपाठ के अर्थ को समझने के लिए आवश्यक जानकारी सम्मिलित करें
  • अस्पष्ट वाक्यांशों या निर्माण की व्याख्या करें

अर्थ-आधारित अनुवादों के उदाहरण

अर्थ-आधारित अनुवाद कैसा दिखता है? हम देखेंगे कि विभिन्न संस्करण एक ही वचन का अनुवाद कैसे करते हैं। लूका 3:8 में, यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले ने स्व-धर्मी लोगों को ताडना दी जो बपतिस्मा लेने आए थे। वचन के पहले भाग के यूनानी मूलपाठ नीचे दिखाया गया है।

Ποιήσατε οὖν καρποὺς ἀξίους τῆς μετανοίας

प्रत्येक यूनानी शब्द के रूप में एक ही क्रम में अंग्रेजी अनुवाद, कुछ वैकल्पिक अंग्रेजी शब्दों को चुनने के द्वारा, नीचे दिया गया है।

करें/बनाओ/इसलिए योग्य फल उत्पादन/पश्चाताप के लिए उपयुक्त

शाब्दिक

एक शाब्दिक अनुवाद सामान्य रूप से जितना अधिक सम्भव हो सके यूनानी मूलपाठ के शब्दों और क्रम का पालन करेगा, जैसे कि निम्नलिखित।

पश्चाताप के योग्य फल का उत्पादन करें (लूका 3:8 यूएलबी)

ध्यान दें कि इस संशोधित-शाब्दिक अनुवाद शब्द "फल" और "पश्चाताप" को बनाए रखता है। शब्द व्यवस्था यूनानी मूलपाठ के जैसी ही है।

ऐसा इसलिए है क्योंकि यूएलबी अनुवाद को मूल रूप से मूलपाठ में अनुवादकों को दिखाने के लिए रूपरेखित किया गया है। परन्तु यह आपकी भाषा में इस अर्थ को संचारित करने का स्वभाविक या स्पष्ट तरीका नहीं हो सकता है।

अर्थ-आधारित

दूसरी ओर, अर्थ-आधारित अनुवाद में, शब्दों और व्यवस्था को परिवर्तित करने की अधिक संभावना है, यदि अनुवादकों को लगता है कि यह अर्थ को स्पष्ट करने में सहायता करेगा। इन तीन अर्थ-आधारित अनुवादों पर विचार करें:

अंग्रेजी की लिविंग बाइबल से:

... प्रमाणित करें कि तुम योग्य कामों को करके पाप की ओर से मुड़ गए हो।

अंग्रेजी के न्यू लिविंग अनुवाद से:

जिस तरह से तुम जीवन व्यतीत करते हो, उससे प्रमाणित करो कि तुमने अपने पापों से पश्चाताप किया है और परमेश्वर की ओर मुड़ गए हो।

अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल से

उन कामों को करें जो दिखाते हैं कि तुम वास्तव में अपने पापी व्यवहार से दूर हो गए हो!

ध्यान दें कि इन अनुवादों ने शब्द व्यवस्था को अंग्रेजी में और अधिक स्वभाविक बनाने के लिए परिवर्तित दिया है। इसके अतिरिक्त, शब्द "फल" अब प्रकट नहीं होता है। वास्तव में, लिविंग बाइबल अनुवाद यूएलबी अनुवाद के लगभग किसी भी शब्द को उपयोग नहीं करता है। इसकी अपेक्षा, "फल" के स्थान पर, अर्थ-आधारित अनुवाद "कामों" या "जिस तरह से तुम जीवन व्यतीत करते हो" को सन्दर्भित करता है। इस वचन में "फल" एक रूपक के रूप में प्रयोग किया गया है। इस रूपक में "फल" का अर्थ "काम जो एक व्यक्ति करता है।" (देखें रूपक।)

इसलिए इन अनुवादों ने केवल शब्दों की अपेक्षा सन्दर्भ में रहते हुए अर्थ का अनुवाद किया। उन्होंने एक कठिन शब्द "पश्चाताप" की अपेक्षा "पाप से मुड़ना" या "अपने पापपूर्ण व्यवहार से दूर रहना" जैसे अधिक समझे जाने वाले वाक्यांशों का भी उपयोग किया है, या उन्होंने यह कहते हुए शब्द समझाया, "आपने पापों से पश्चाताप किया और परमेश्वर की ओर मुड़ गए।” उनमें सभी का अर्थ समान है, परन्तु रूप अर्थात् ढ़ांचा बहुत अधिक भिन्न है। अर्थ-आधारित अनुवादों में, अर्थ बहुत अधिक स्पष्ट होता है।


अर्थ के लिए अनुवाद

This section answers the following question: मैं अर्थ के लिए अनुवाद क्यों करूँ?

अर्थ का महत्व

जिन लोगों ने बाइबल लिखी थी, उनके पास परमेश्वर की ओर से सन्देश थे, जिसे परमेश्वर चाहता था कि लोग समझें। इन मूल लेखकों ने उस भाषा का उपयोग किया, जिसे उनके लोगों बोलते थे ताकि वे और उनके लोग परमेश्वर के सन्देशों को समझ सकें। परमेश्वर आज लोगों को उन्हीं सन्देशों को समझना चाहता है। परन्तु लोग आज उन भाषाओं को नहीं बोलते हैं, जिनमें बाइबल को बहुत पहले लिखा गया था। इसलिए परमेश्वर ने हमें बाइबल को उन भाषाओं में अनुवाद करने का कार्य दिया है, जिसे लोग आज बोलते हैं।

जो भाषा लोग परमेश्वर के संदेशों को संचारित करने के लिए उपयोग करते हैं, वह विशेष रूप से महत्वपूर्ण नहीं है। उपयोग किए जाने वाले विशेष शब्द महत्वपूर्ण नहीं हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि ये शब्द अर्थ को संचारित करते हैं। अर्थ सन्देश होता है, न कि शब्द या भाषा। हमें क्या अनुवाद करना चाहिए, तब, यह स्रोत भाषाओं के वाक्यों के शब्दों या रूप नहीं हैं, अपितु अर्थ है। नीचे दिए गए वाक्य के जोड़े को देखो।

  • सारी रात वर्षा हुई।/वर्षा पूरी रात होती रही।
  • जब उसने समाचार सुना तो यूहन्ना बहुत अधिक आश्चर्यचकित था।/जब उसने इस समाचार को सुना तो यूहन्ना बहुत अधिक आश्चर्यचकित हुआ।
  • यह एक गर्म दिन था।/दिन गर्म था।
  • पतरस का घर/घर जो पतरस से सम्बन्धित है

आप देख सकते हैं कि वाक्यों की प्रत्येक जोड़ी का अर्थ समान है, चाहे वे भिन्न शब्दों का उपयोग कर रहे हैं। ऐसा ही एक अच्छे अनुवाद में होता है। हम स्रोत मूलपाठ की तुलना में भिन्न शब्दों का उपयोग करेंगे, परन्तु हम इसका अर्थ भी बनाए रखेंगे। हम उन शब्दों का उपयोग करेंगे, जो हमारे लोग समझते हैं और उन्हें अपनी भाषा के लिए स्वभाविक तरीके से उपयोग करते हैं। एक स्पष्ट और स्वभाविक तरीके से स्रोत मूलपाठ के जैसे ही अर्थ को संचार करना अनुवाद का लक्ष्य होता है।

आभार: बर्नवेल की अनुसार उदाहरण वाक्य, पृष्ठ 19-20, (c) एसआईएल इंटरनेशनल 1986, अनुमति के द्वारा उपयोग किया गया है।


अनुवाद दल को चुनना

This section answers the following question: मैं अनुवाद दल को कैसे चुनूँ?

अनुवादक दल का महत्व

बाइबल का अनुवाद करना एक बड़ा एवं कठिन कार्य है जिसे पूरा करने के लिए कर्इ लोगों की जरूरत पड़ती है। यह भाग उन योग्यताओं और जिम्मेदारियों पर विचार विमर्श करेगा जो बाइबल अनुवाद दल के एक सदस्य में होनी चाहिए।कुछ लोगों में बहुत सारी योग्यताएँ एवं जिम्मेदारियाँ होती हैं, तो कुछ लोगों में ये कम होती हैं। परंतु यह महत्वपूर्ण है कि हर अनुवादक दल में इतने लोग तो जरूर हों कि इन सारी योग्यताओं को इस्तेमाल किया जा सके।

कलीसियार्इ अगुवे

अनुवाद के कार्य को शुरू करने से पहले, अधिक से अधिक कलीसियार्इ समूहों से संपर्क करना जरूरी है कि वे अनुवाद का, या तो स्वयं हिस्सा बन सकें या अपने लोगों को भेज सकें। अनुवाद के कार्य, इसके लक्ष्य एवं इसकी प्रक्रिया में उनकी सलाह लें, उनके निर्देश स्वीकार करें।

अनुवाद समिति

यह अच्छा होगा यदि ये कलीसियार्इ समूह या उनके अगुवे एक समिति बनाएँ जिससे कार्य में, अनुवाद को चुनने में, आने वाली समस्याओं को सुलझाने में और कलीसियाओं को प्रार्थना एवं आर्थिक मदद करने के लिए उत्साहित करने में योगदान मिल सके। यह समिति उन लोगों को भी चुन सकती है जो अनुवाद को स्तर 2 एवं स्तर 3 की सटीकता जाँच में मदद कर सकते हैं। यदि जरूरत पड़े तो यह समिति अनुवाद के प्रारूप, इसके वितरण और अनुवाद किए गए सामग्रियों की कलीसियाओं के द्वारा उपयोग पर निर्णय ले सकती है।

अनुवादक

ये लोग अनुवाद ड्राफ्ट को बनाने का काम करते हैं। उन्हे अनुवाद समिति के द्वारा गठित किया जाएगा। ये लोग लक्षित स्थानीय भाषा बोलने वाले हों जो स्रोत भाषा (गेटवे भाषा) को अच्छी तरह से पढ़ सकें और अपने मसीही स्वभाव के लिए समाज में सुनामी हों। इन बातों की अधिक जानकारी के लिए, देखें Translator Qualifications

पहला ड्राफ्ट बनाने के साथ साथ, वे अनुवादक दल के महत्वपूर्ण दल को भी गठित करेंगे जो एक दूसरे के कार्य को जाँचेंगे, भाषा समुदाय के साथ अनुवाद को जाचेंगे और स्तर 2 एवं स्तर 3 जाँचकर्ताओं से पुनरावलोकन के लिए सुझाव स्वीकार करेंगे। हर पुनरावलोकन अथवा जाँच सत्र के पश्चात, ये अनुवादक अनुवाद में उचित परिवर्तन करने के लिए जिम्मेदार होंगे जिससे इसे बहेतर तरीके से कहा जा सके। अत: वे अनुवाद का कर्इ बार अवलोकन करेंगे।

टंकणकर्ता (टार्इप करने वाले)

यदि अनुवादक अपने ड्राफ्ट को स्वयं कम्प्यूटर या लैपटॉप में नही डालते हैं तो किसी और को यह कार्य करना पड़ेगा। किसी ऐसे की जरूरत होगी जो अधिक गलतियाँ किए बिना, टंकण कार्य कर सके। उसे सही और सतत् तरीके से विराम चिन्हों का उपयोग आना चाहिए।उसे हर जाँच और अवलोकन के बाद आए सुधारों और अवलोकनों को भी टंकित करना पड़ेगा।

अनुवाद जाँचकर्ता

कुछ लोग भाषा समुदायों के सदस्यों के साथ मिलकर अनुवाद को जाँचेंगे जिससे यह निश्चित हो सके कि अनुवाद लक्षित भाषा के अनुसार स्पष्ट और स्वाभाविक है। आमतौर पर, अनुवादक ही ऐसा करते हैं, परंतु दूसरों को भी लिया जा सकता है। ये जाँचकर्ता लोगों के सामने अनुवाद को पढ़ें और उनसे यह पता करने के लिए प्रश्न पूछें कि उन्हे समझ आ रहा है या नही। इस कार्य के अधिक वर्णन के लिए, देखें Other Methods

जाँचकर्ता

अनुवाद की सटीकता जाँचने वाले वे लोग हों जो स्रोत भाषा में बाइबल को अच्छी तरह से जानते हों। वे स्रोत भाषा को अच्छी तरह से पढ़ने वाले हों। वे स्रोत बाइबल के साथ अनुवाद की तुलना कर निश्चित करेंगे कि स्रोत बाइबल में लिखी हर बात का अनुवाद हुआ है। ये अनुवाद के कार्य को पसंद करने वाले लोग हों और इनके पास इस कार्य को अच्छी तरह से करने का समय हो। यह अच्छा होगा कि स्रोत भाषा को बोलने वाले एवं इस सामग्री का बाद में उपयोग करने जा रहे, विभिé कलीसियार्इ समूहों में से इन लोगों को चुना जाए। स्तर 2 जाँचकर्ता स्थानीय कलीसिया के अगुवे हों। स्तर 3 जाँचकर्ता कलीसियार्इ समूहों के अगुवे और उस भाषा क्षेत्र में सम्मानित व्यक्ति हों। चूँकि ये लोग बहुत व्यस्त रहते हैं, एक या कुछ व्यक्तियों पर अधिक भार डालने से बेहतर होगा कि अलग अलग पुस्तकों को अलग अलग व्यक्तियों के पास भेजा जाए।


अनुवादक की योग्यताएँ

This section answers the following question: एक अनुवादक की योग्यताएँ कौन कौनसी होती हैं?

अनुवादक या अनुवाद समूह की योग्यताएँ

अनुवाद संजाल अर्थात् नेटवर्क में सम्मिलित होने वाले चर्च नेटवर्क के अगुओं को उन लोगों को चुनते समय निम्नलिखित प्रश्नों पर विचार करना चाहिए जो अनुवाद समूह के सदस्य होंगे। ये प्रश्न चर्च और समुदाय के अगुओं को यह जानने में सहायता करेंगे कि वे जिन लोगों को चुनते हैं, वे सफलतापूर्वक बाइबल या ओपन बाइबल की कहानियों का अनुवाद करने में सक्षम होंगे।

  1. क्या व्यक्ति लक्षित भाषा का एक बहुत अच्छा वक्ता माना जाता है? यह महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति लक्षित भाषा को अच्छी तरह से बोलें।
  • क्या यह व्यक्ति लक्षित भाषा को अच्छी तरह से पढ़ और लिख सकता है?
  • क्या व्यक्ति भाषा समुदाय में अपने अधिकांश जीवन को व्यतीत कर रहा या रही है? कोई भी जो बहुत लम्बे समय तक भाषा क्षेत्र से दूर रहता है, उसे स्वभाविक अनुवाद करने में कठिनाई हो सकती है।
  • क्या लोग उस तरीके का सम्मान करते हैं जिसमें यह व्यक्ति अपनी भाषा बोलता है?
  • प्रत्येक अनुवादक की आयु और स्थानीय भाषाई पृष्ठभूमि क्या है?

सामान्य रूप से भाषाई क्षेत्र और विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के भिन्न स्थानों से लोगों का होना अच्छा होता है, क्योंकि विभिन्न स्थानों और आयु के लोग भाषा का उपयोग भिन्न तरह से कर सकते हैं। इन लोगों को तब उन सभी वस्तुओं को कहने के तरीके पर सहमत होना चाहिए जो उन सभों को अच्छा लगता है।

  1. क्या व्यक्ति को स्रोत भाषा की बहुत अच्छी समझ है?
  • उन्हें किस स्तर की शिक्षा मिली है, और उन्होंने स्रोत भाषा में कौशल कैसे प्राप्त किए हैं?
  • क्या मसीही समुदाय यह मानता है कि इस व्यक्ति के पास स्रोत भाषा को बोलने के लिए पर्याप्त कौशल और नोट्स या अन्य टीका सम्बन्धी सहायता प्रदान करने के लिए के पर्याप्त शिक्षा है?
  • क्या व्यक्ति धाराप्रवाह रूप से भाषा और समझ के साथ स्रोत भाषा को पढ़ और लिख सकता है?
  1. क्या व्यक्ति मसीह के अनुयायी के रूप में समुदाय में सम्मानित है? व्यक्ति को नम्र होना चाहिए और अपने अनुवाद कार्य से सम्बन्धित दूसरों के सुझावों या सुधारों को सुनने के लिए तैयार होना चाहिए। व्यक्ति सदैव दूसरों से सीखने के लिए तैयार होना चाहिए।
  • वे कितने समय से एक मसीही हैं, और क्या वे अपने मसीही समुदाय के साथ अच्छी प्रतिष्ठा में हैं?
  • इस व्यक्ति ने स्वयं को मसीह के साथ एक शिष्य के रूप में कैसे दिखाया है?

बाइबल अनुवाद कठिन है, इसमें कई संशोधन सम्मिलित होते हैं, और कार्य को समर्पण की आवश्यकता होती है। अनुवादकों के द्वारा थोड़ी देर के लिए काम करने के बाद, अनुवाद समिति को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी कि क्या वे अच्छी तरह से काम कर रहे हैं।

वे पूछ सकते हैं:

  • क्या उनके काम उनके साथी अनुवादकों और स्थानीय चर्च के अगुओं की अपेक्षाओं को पूरा करते हैं? (क्या अनुवादक दूसरों के द्वारा परीक्षा और जाँच में सहयोग करने के लिए तैयार है?)

चुनना कि क्या अनुवाद किया जाए

This section answers the following question: मैं सबसे पहले क्या अनुवाद करूँ?

मुझे पहले क्या अनुवाद करना चाहिए?

किसी स्थान पर, अनुवाद समूह को यह पता लगाना होगा कि उन्हें सबसे पहले क्या अनुवाद करना चाहिए, या, यदि उन्होंने पहले से ही कुछ अनुवाद किया है, तो उन्हें आगे क्या अनुवाद करना चाहिए। ऐसे कई कारक हैं, जिन पर विचार करने की आवश्यकता होती है:

  • चर्च क्या चाहता है कि क्या अनुवाद किया जाए?
  • अनुवाद समूह कितना अधिक अनुभवी है?
  • इस भाषा में कितनी अधिक बाइबल की सामग्री का अनुवाद किया गया है?

इन सभी प्रश्नों के उत्तर महत्वपूर्ण हैं। परन्तु इसे स्मरण रखें:

अनुवाद एक कौशल है, जो अनुभव के साथ बढ़ता है।

क्योंकि अनुवाद एक कौशल है, जो बढ़ता है, ऐसी सामग्री को अनुवाद करना प्रारम्भ करना बुद्धिमान है, जो कम जटिल होती है, ताकि कुछ सरल अनुवाद करते समय अनुवादक कौशल सीख सकें।

अनुवाद की कठिनाई

विक्लिफ बाइबल अनुवादकों ने बाइबल की विभिन्न पुस्तकों का अनुवाद करने के लिए गुणों या विशेषता को मापने की कठिनाई का पता लगाया है। अपनी मूल्याकंन स्तर पद्धति में, अनुवाद के लिए सबसे जटिल पुस्तकों का स्तर 5 सबसे अधिक कठिनाई को प्राप्त करता है।

अनुवाद के लिए सबसे आसान पुस्तकों का स्तर 1 हैं। सामान्य रूप से, जिन पुस्तकों में अधिक अमूर्त, काव्यात्मक, और धर्मवैज्ञानिक रूप से बहुतायत के साथ पाए जाने वाली शब्दावली और विचार होते हैं, उनका अनुवाद करना उतना ही अधिक कठिन होता है। पुस्तकें जो अधिक कथात्मक और ठोस होती हैं, उनका अनुवाद करना सामान्य रूप से उतना ही आसान होता है।

कठिनाई स्तर 5 (अनुवाद करने में सबसे कठिन)

पुराना नियम

  • अय्यूब, भजन, यशायाह, यिर्मयाह, यहेजकेल

नया नियम

  • रोमियों, गलातियों, इफिसियों, फिलिप्पियों, कुलुस्सियों, इब्रानियों

कठिनाई स्तर 4

पुराना नियम

  • लैव्यव्यवस्था, नीतिवचन, उपदेशक, श्रेष्ठगीत, विलापगीत, दानिय्येल, होशे, योएल, आमोस, ओबद्याह, मीका, नहूम, हबक्कूक, सपन्याह, हाग्गै, जकर्याह, मलाकी

नया नियम

  • यूहन्ना, 1-2 कुरिन्थियों, 1-2 थिस्सलुनिकियों, 1-2 पतरस, 1 यूहन्ना, यहूदा

कठिनाई स्तर 3

पुराना नियम

  • उत्पत्ति, निर्गमन, गिनती, व्यवस्था

नया नियम

  • मत्ती, मरकुस, लूका, प्रेरितों, 1-2 तीमुथियुस, तीतुस, फिलेमोन, याकूब, 2-3 यूहन्ना, प्रकाशितवाक्य

कठिनाई स्तर 2

पुराना नियम

  • यहोशू, न्यायियों, रूत, 1-2 शमूएल, 1-2 राजा, 1-2 इतिहास, एज्रा, नहेम्याह, एस्तेर, योना

नए नियम

  • कोई भी कठिनाई नहीं

कठिनाई स्तर 1 (अनुवाद करने के लिए सबसे आसान)

  • कोई नहीं

बाइबल की साधारण कहानियाँ

यद्यपि इस मूल्यांकन स्तर पद्धति के अनुसार बाइबल की साधारण कहानियाँ का आकलन नहीं किया गया था, परन्तु यह कठिनाई स्तर 1 के अधीन आनी चाहिए। हम अनुशंसा करते हैं कि आप बाइबल की साधारण कहानियाँ का अनुवाद करके आरम्भ करें। बाइबल की साधारण कहानियाँ का अनुवाद करके आरम्भ करने के कई अच्छे कारण हैं:

  • बाइबल की साधारण कहानियाँ आसानी से अनुवादित करने के लिए बनाई गई थीं।
  • यह एक बड़ी सीमा तक कथा होती है।
  • कई कठिन वाक्यांश और शब्दों को सरलीकृत किया गया है।
  • अनुवादक को मूलपाठ को समझने में सहायता करने के लिए इसमें कई चित्र होते हैं।
  • बाइबल की साधारण कहानियाँ बाइबल या यहाँ तक ​​कि नए नियम से भी बहुत अधिक छोटी हैं, इसलिए इसे शीघ्रता के साथ पूरा किया और वितरित किया जा सकता है।
  • क्योंकि यह पवित्रशास्त्र नहीं है, इसलिए बाइबल की साधारण कहानियाँ डर को हटा देती है जो कि कई अनुवादकों में परमेश्वर के वचन का अनुवाद करने के लिए होता है।
  • बाइबल का अनुवाद करने से पहले बाइबल की साधारण कहानियाँ का अनुवाद अनुवादकों को अनुवाद में अनुभव और प्रशिक्षण देता है, ताकि जब वे।

बाइबल, का अनुवाद करें तो उसे अच्छी तरह से करें। बाइबल की साधारण कहानियाँ का अनुवाद करके, अनुवाद समूह लाभ प्राप्त करेगा:

  • अनुवाद और जाँच समूह निर्मित करने का अनुभव
  • अनुवाद और जाँच प्रक्रिया को पूरा करने का अनुभव
  • Door43 अनुवाद संसाधन का उपयोग करने का अनुभव
  • अनुवाद असहमतियों को समाधान करने का अनुभव
  • चर्च और सामुदायिक भागीदारी पाने का अनुभव
  • सामग्री को प्रकाशित और वितरित करने का अनुभव
  • बाइबल की साधारण कहानियाँ चर्च को शिक्षा देने, खोए हुओं को प्रचार करने और अनुवादकों को प्रशिक्षित करने के लिए एक बहुत बड़ा संसाधन है, जो कि बाइबल के बारे में है।

आप जो भी क्रम चाहते हैं, उसमें कहानियों के माध्यम से अपना कार्य में उपयोग कर सकते हैं, परन्तु हमने पाया है कि कहानी

31 (http://ufw.io/en-obs-31 को देखें) अनुवाद करने के लिए एक सबसे अच्छी कहानी है, क्योंकि यह छोटी है और समझने में आसान है।

निष्कर्ष

अन्त में, चर्च को यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि वे क्या अनुवाद, और किस क्रम में करना चाहते हैं। परन्तु क्योंकि अनुवाद एक ऐसा कौशल है, जो उपयोग करने के साथ सुधार को लाता है, और क्योंकि अनुवाद और जाँच समूह बाइबल का अनुवाद बाइबल की साधारण कहानियाँ का करने के द्वारा बहुत कुछ शिक्षा पा सकता है, और अत्यधिक महत्व होने के कारण यह अनुवादित बाइबल की साधारण कहानियों को स्थानीय चर्च को देता हैं, हम बाइबल की साधारण कहानियाँ के साथ आपको अनुवाद परियोजना आरम्भ करने के लिए अत्यधिक अनुशंसा करते हैं।

बाइबल की साधारण कहानियाँ का अनुवाद करने के बाद, चर्च को यह निर्धारित करने की आवश्यकता होगी कि लाभकारी बात किसे आरम्भ करने से प्राप्त होगी (उत्पत्ति, निर्गमन) या यीशु (नया नियम सुसमाचार) के साथ आरम्भ करना। किसी भी घटना में, हम कठिनाई स्तर 2 और 3 की पुस्तकों (जैसे उत्पत्ति, रूत, और मरकुस) के साथ बाइबल के अनुवाद को आरम्भ करने का परामर्श देते हैं।

अन्त में, जब अनुवाद समूह के पास बहुत अधिक अनुभव हो जाता है, तो वे कठिनाई स्तर 4 और 5 की पुस्तकों (जैसे यूहन्ना, इब्रानियों और भजनों) का अनुवाद आरम्भ कर सकते हैं। यदि अनुवाद समूह इस कार्यक्रम का पालन करते हैं, तो वे बहुत कम गलातियों के साथ सर्वोत्तम रीति से अनुवाद कर सकेंगे।


स्रोत लेख को चुनना

This section answers the following question: स्रोत लेख को चुनने में किन किन बातों पर ध्यान दिया जाए?

एक स्रोत मूलपाठ के लिए विचार करने के लिए कारक

स्रोत मूलपाठ चुनते समय, ऐसे कई कारक होते हैं, जिन पर विचार किया जाना चाहिए:

यह महत्वपूर्ण है कि भाषा समूह में चर्चों के अगुओं इस बात से सहमत हों कि स्रोत मूलपाठ अच्छा है। अंग्रेजी के ओपन बाइबल की कहानियाँ http://ufw.io/stories/ पर कई स्रोत भाषाओं में उपलब्ध हैं। अंग्रेजी में अनुवाद के लिए स्रोतों के रूप में उपयोग करने के लिए बाइबल के अनुवाद भी उपलब्ध हैं, और वे शीघ्र ही अन्य भाषाओं भी उपलब्ध होंगे।


कॉपीराइट, लार्इसेंस और स्रोत लेख

This section answers the following question: स्रोत अनुवाद का उपयोग करते वक्त किन लार्इसेंस एवं कॉपिराइट संबंधित बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए?

यह महत्वपूर्ण क्यों है?

जब कोई स्रोत मूलपाठ चुनना होता है, जिस में से अनुवाद करना होता है, तो मुद्राधिकार/लाइसेंसिंग समस्या पर विचार करना दो कारणों से महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, यदि आप बिना किसी पूर्व अनुमति के मुद्राधिकृत किए गए काम से अनुवाद करते हैं, तो आप कानून तोड़ रहे हैं, क्योंकि सामग्री का अनुवाद केवल इसकी विषय वस्तु के स्वामी के पास ही सुरक्षित है।

कुछ स्थानों पर, मुद्राधिकार उल्लंघन एक आपराधिक अपराध है और मुद्राधिकार धारक की सहमति के बिना सरकार द्वारा मुकदमा चलाया जा सकता है! दूसरा, जब एक मुद्राधिकार किए गए काम से अनुवाद किया जाता है, तो अनुवाद स्रोत मूलपाठ के मुद्राधिकार धारक की बौद्धिक सम्पदा हो जाती है।

वे अनुवाद के सभी अधिकारों को सुरक्षित रखते हैं, ठीक वैसे ही जैसे वे स्रोत मूलपाठ के साथ करते हैं। इन और अन्य कारणों से, अन्फोल्डिंगवर्ड केवल उन अनुवादों को ही वितरित करेगा जो मुद्राधिकार कानून का उल्लंघन नहीं करते हैं।

हम किस लाइसेंस अर्थात् अनुज्ञा पत्र का उपयोग करते हैं?

अन्फोल्डिंगवर्ड के द्वारा प्रकाशित सभी सामग्री को क्रिएटिव कॉमन्स एट्रिब्यूशन-शेयरएक्लिक 4.0 लाइसेंस (CC BY-SA) के अधीन प्रकाशित किया गया है (देखें http://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0/)।

हमारा विश्वास ​​है कि यह लाइसेंस चर्च के लिए सबसे बड़ी सहायता है, क्योंकि यह अनुवादों और अन्य अमौलिक सामग्रियों को इस से निर्मित करने के लिए पर्याप्त रूप से अनुमति देता है, परन्तु यह इतनी अधिक अनुमति नहीं देता है कि उन अमौलिक सामग्रियों को प्रतिबन्धित लाइसेंस के अधीन सुरक्षित किया जा सके। इस विषय पर पूरी चर्चा के लिए, मसीही शिष्टाचारों को पढ़ें (http://thechristiancommons.com/ देखें)।

किस स्रोत मूलपाठ का उपयोग किया जा सकता है?

स्रोत मूलपाठों का उपयोग तब किया जा सकता है, जब वे सार्वजनिक ज्ञानक्षेत्र में आते हों या निम्न लाइसेंसों में से किसी एक के अधीन उपलब्ध होते हों, जो क्रिएटिव कॉमन्स एट्रिब्यूशन-शेयरएक्लिक लाइसेंस के अधीन अनुवाद किए हुए कार्य को प्रकाशित करने अनुमति देते हों:

अनुवाद कार्य में उठने वाले अन्य सभी प्रश्नों के लिए, कृपया [email protected] से सम्पर्क करें।

ध्यान दें:

  • ट्रैन्स्लेशनस्टूडियो में स्रोत मूलपाठों के रूप में दिखाई देने वाले सभी स्रोत मूलपाठों की समीक्षा की गई है और किसी भी स्रोत किसी के द्वारा उपयोग के लिए वैद्यता प्राप्त हैं।
  • अन्फोल्डिंगवर्ड के द्वारा प्रकाशित की गई सारी साम्रगी से पहले, स्रोत मूलपाठ की समीक्षा की जानी चाहिए और वे ऊपर सूचीबद्ध लाइसेंसों में से एक के अधीन उपलब्ध हैं।

अपना अनुवाद प्रकाशित करने में असमर्थ होने से बचने के लिए अनुवाद आरम्भ करने से पहले कृपया अपने स्रोत मूलपाठ को देखें।


स्रोत लेख एवं वर्जन संख्याएँ

This section answers the following question: वर्जन की संख्याएँ स्रोत लेख को चुनने में मेरी मदद कैसे करती हैं?

संस्करण सँख्या का महत्व

विशेष रूप से एक सावर्जनिक परियोजना जैसे अन्फोल्डिंगवर्ड में, प्रकाशित संस्करणों पर ध्यान देते रहना महत्वपूर्ण है। यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि अनुवाद (और स्रोत मूलपाठ) प्राय: परिवर्तित हो सकते हैं।

प्रत्येक संस्करण की पहचान करने में सक्षम होना स्पष्टता लाने में सहायता करता है, जिसकी पुनरावृत्ति के बारे में बात की गई है। संस्करण सँख्या भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि सभी अनुवाद नवीनतम स्रोत मूलपाठ के आधार पर होने चाहिए। यदि स्रोत मूलपाठ परिवर्तित हो जाता है, तो अनुवाद को नवीनतम संस्करण के अनुरूप होने लिए अन्ततः अधतित किया जाना चाहिए।

एक अनुवाद परियोजना आरम्भ करने से पहले, कृपया सुनिश्चित करें कि आपके पास स्रोत मूलपाठ का नवीनतम संस्करण उपलब्ध है।

संस्करण परिवर्तन कैसे काम करता है

संस्करण सँख्या केवल तभी दी जाती है, जब किसी लेखन कार्य को प्रकाशित किया जाता है, न कि जब उन्हें संपादित किया जाता है। संशोधन इतिहास Door43 में डाला गया है, परन्तु यह उस लेखन कार्य से भिन्न है, जिसकी सँख्या दी गई है।

प्रत्येक स्रोत के मूलपाठ को प्रत्येक प्रकाशन (संस्करण 1, 2, 3, आदि) के लिए एक पूर्ण सँख्या दी जाती है। उस स्रोत मूलपाठ पर आधारित कोई भी अनुवाद स्रोत मूलपाठ की संस्करण सँख्या को लेगा और .1 को जोड़ देगा (अंग्रेजी ओबीएस संस्करण 4 का अनुवाद संस्करण 4.1 बन जाएगा)।

मध्यवर्ती अनुवाद पर आधारित अन्य कोई भी अनुवाद एक और .1 संस्करण सँख्या को उसमें जोड़ देगा, जिसमें से इसे निर्मित किया गया था (उदाहरण के लिए 4.1.1)। इनमें से किसी भी मूलपाठ का नया प्रकाशन 1 को जोड़ने के द्वारा "दशमलव बिन्दु" को आगे बढ़ा देता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया http://ufw.io/versioning देखें।

नवीनतम संस्करण कहाँ खोजें

https://unfoldingword.org में सदैव प्रत्येक संसाधन का नवीनतम प्रकाशित संस्करण उपलब्ध होता रहता है। प्रत्येक संसाधन के संस्करण इतिहास पृष्ठ को http://ufw.io/dashboard पर दिए डैशबोर्ड अर्थात् नियंत्रण-पट्ट पृष्ठ को देखें।

नोट: ट्रैन्स्लेशनस्टूडियो और अन्फोल्डिंगवर्ड ऐप में सदैव नवीनतम संस्करण नहीं होते हैं, क्योंकि सामग्री स्वचालित रूप से अधतित नहीं होती है।


अपनी भाषाओं को लिखने के निर्णय

This section answers the following question: हमारी भाषा को लिखने में हमें कौनसे निर्णय लेने की जरूरत पड़ती है?

लेखन के बारे में उत्तर देने के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न

जब कोई भाषा पहली बार लिखी जाती है, तो अनुवादक को यह निर्धारित करना होगा कि सभी लिखित भाषाओं की कुछ विशेषताओं को कैसे इंगित किया जाए। ये प्रश्न व्यापक समुदाय को विराम चिह्न, वर्तनी और बाइबल में नामों को लेखन के क्षेत्र में स्थानीय भाषा में लिखने के लिए अनुवादक के द्वारा किए गए कुछ आरम्भिक निर्णयों की समझ प्रदान करेंगे।

अनुवाद समूह और समुदाय को इसे कैसे करना चाहिए के ऊपर सहमत होना चाहिए।

  • क्या आपकी भाषा में प्रत्यक्ष या उद्धृत वाक्य को चिन्हांकित करने का कोई तरीका है? आप इसे कैसे दिखाते हैं?
  • वचन सँख्या, उद्धृत वाक्य और पुराने नियम के उद्धरणों को इंगित करने के लिए आपने किन दिशानिर्देशों का पालन किया है? (क्या आप राष्ट्रीय भाषा की शैली का पालन कर रहे हैं? अपनी भाषा के अनुरूप उपयोग में लाने के लिए आपने किन परिवर्तनों का उपयोग किया है?)
  • बाइबल में दिए नामों को लिखने के लिए आपने किन दिशानिर्देशों का पालन किया है? क्या आप राष्ट्रीय भाषा बाइबल में लिखे गए नामों का उपयोग करते हैं? क्या आपके पास अपनी भाषा के दिशानिर्देश हैं कि नामों को कैसे उच्चारण किए जाता है और क्या उन्हें अतिरिक्त शीर्षक की आवश्यकता है? (क्या यह निर्णय समुदाय को स्वीकार्य है?)
  • क्या आपने अपनी भाषा के लिए किसी वर्तनी नियमों पर ध्यान दिया है, जिसे आप दूसरों के साथ साझा करना चाहते हैं, जैसे कि किसी शब्द का अपना रूप परिवर्तित हो जाता है या दो शब्द संयोजन को करते हैं? (क्या ये नियम समुदाय को स्वीकार्य हैं?)

अक्षरमाला/वर्तनी

This section answers the following question: मैं अपनी भाषा के लिए अक्षरमाला कैसे बनाऊँ?

एक वर्णमाला बनाना

यदि आपकी भाषा पहले लिखी नहीं गई है, तो आपको एक वर्णमाला बनाना होगा ताकि आप इसे लिख सकें। वर्णमाला बनाने के समय सोचने के लिए कई बातें हैं, और एक अच्छी वर्णमाला बनाना बहुत ही अधिक कठिन हो सकता है। यदि यह बहुत कठिन प्रतीत होता है, तो आप लिखित की अपेक्षा ऑडियो अनुवाद कर सकते हैं।

एक अच्छी वर्णमाला का लक्ष्य आपकी भाषा में प्रत्येक पृथक ध्वनि का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक पृथक अक्षर का होना है। यदि पड़ोसी भाषा में पहले से ही वर्णमाला है, और यदि उस भाषा में आपकी भाषा जैसी ही ध्वनियाँ है, तो उनकी वर्णमाला को उधार ले कर कार्य करना आसान रहेगा। यदि नहीं, तो अगली सबसे अच्छी बात यह है कि विद्यालय में सीखाई गई राष्ट्रीय भाषा की वर्णमाला से शब्दों को उधार लें।

यद्यपि, यह संभावना पाई जाती है कि आपकी भाषा में ऐसा प्रतीत हो है कि राष्ट्रीय भाषा नहीं है, और इसलिए आपकी भाषा की सभी ध्वनियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए इस वर्णमाला का उपयोग करना कठिन होगा। इस स्थिति में, अपनी भाषा में प्रत्येक ध्वनि के बारे में सोचना अच्छा होगा। कागज के टुकड़े के ऊपर से नीचे तक राष्ट्रीय भाषा की वर्णमाला को लिखें। तत्पश्चात् प्रत्येक अक्षर के सामने अपनी भाषा से एक शब्द लिखें जो या तो उस ध्वनि से आरम्भ होता है या उसमें ध्वनि पाई जाती है।

उस अक्षर को रेखांकित करें जो प्रत्येक शब्द के साथ वैसी ही ध्वनि को बनाता है। राष्ट्रीय वर्णमाला में ऐसे अक्षर हो सकते हैं, जिनका उपयोग आपकी भाषा में नहीं होता है। यह ठीक है। अब इन शब्दों से निकलने वाली ध्वनियों के बारे में सोचें जिसे लिखना आपके लिए कठिन होगा, या जिस के लिए आपको अक्षर न मिलें।

यदि ध्वनि उस जैसी ध्वनि के समान है, जिसके अक्षर को आपने वहाँ पाया है, तो हो सकता है कि आप उस ध्वनि को अन्य अक्षर का प्रतिनिधित्व करने के लिए संशोधित करें। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास "s" द्वारा प्रस्तुत ध्वनि है, और उस के जैसी ही एक और ध्वनि है, कि जिसके लिए कोई अक्षर नहीं है, तो आप समतुल्य ध्वनि के लिए अक्षर में एक चिह्न जोड़ सकते हैं, जैसे ' या ^ या ~ इसके ऊपर डाल देना।

यदि आपको प्रतीत होता है कि ध्वनियों का एक समूह है, जो राष्ट्रीय भाषा वाले अक्षरों की ध्वनियों के तुल्य भिन्नता में है, तो उसी तरह से अक्षरों के समूह को संशोधित करना अच्छा होगा। एक बार जब आप इस अभ्यास को समाप्त कर लेंगे और अपनी भाषा में किसी और ध्वनि के बारे में सोच नहीं सकते हैं, तो किसी कहानी या किसी ऐसी घटना को लिखने का प्रयास करें या अभी निवर्तमान समय में घटित हुई है।

जब आप लिखते हैं, तब आप कदाचित् उन ध्वनियों को खोज लेंगे, जिन्हें आपने पहले नहीं सोचा था। अक्षरों को संशोधित करते रहिए ताकि आप इन ध्वनियों को लिख सकें। इन ध्वनियों को आपके द्वारा पहले बनाई गई सूची में जोड़ें। अपनी भाषा के अन्य वक्ताओं को जो राष्ट्रीय भाषा भी पढ़ते हैं, ध्वनि की अपनी सूची दिखाएँ और देखें कि वे इसके बारे में क्या सोचते हैं। हो सकता है कि वे कुछ अक्षरों को संशोधित करने के लिए एक अलग तरीका सुझा सकें जो पढ़ने के लिए आसान या सरल हो।

इन अन्य लोगों को जो कहानी आपने लिखी है उसे दिखाएँ और उन्हें शब्दों और अक्षर-की-ध्वनियों की सूची का वर्णन करते हुए इसे पढ़ने सिखाएँ। यदि वे इसे आसानी से पढ़ना सीख सकते हैं, तो आपकी वर्णमाला अच्छी है।

यदि यह कठिन है, तो हो सकते हैं कि वर्णमाला के कुछ भागों को अभी भी सरल करने के लिए काम किए जाने की आवश्यकता है, या ऐसी ही भिन्न ध्वनियाँ हो सकती हैं जिन्हें एक ही अक्षर के द्वारा प्रदर्शित किया जा रहा है, या ऐसी कुछ ध्वनियाँ हो सकती हैं, जिनके लिए आपको अभी भी अक्षर खोजने की आवश्यकता है ।

अपनी भाषा के अन्य वक्ताओं के साथ इस वर्णमाला पर काम करते रहना अच्छा है, जो कि राष्ट्रीय भाषा के अच्छे पाठक हैं। आप विभिन्न ध्वनियों पर चर्चा कर सकते हैं और उन्हें एक साथ प्रस्तुत करने का सबसे अच्छा तरीका निर्धारित कर सकते हैं। यदि राष्ट्रीय भाषा रोमन अर्थात् अंग्रेजी वर्णमाला के अतिरिक्त किसी अन्य लेखन प्रणाली का उपयोग करती है, तो उन चिन्हों के बारे में सोचें जिन्हें आप प्रतीकों के रूप में संशोधित करने के लिए उपयोग कर सकते हैं, ताकि वे आपकी भाषा की ध्वनि का प्रतिनिधित्व कर सकें।

यह सबसे अच्छा है यदि आप प्रतीकों को उन तरीकों से चिह्नित कर सकते हैं, जिन्हें कंप्यूटर पर पुन: उत्पन्न किया जा सकता है। (आप वर्ड प्रोसेसर में या पद्धति के कीबोर्ड में लिखने वाले पद्धति के साथ प्रयोग कर सकते हैं। http://ufw.io/tk/) यदि आपको कीबोर्ड बनाने में सहायता की आवश्यकता है, तो [email protected] पर एक ईमेल अनुरोध भेजें ।

जब आप कंप्यूटर कीबोर्ड पर टाइप किए जा सकने वाले प्रतीकों का उपयोग करते हैं, तो आपका अनुवाद इलेक्ट्रॉनिक रूप से संग्रहीत, प्रतिलिपित और वितरित किया जा सकता है, और तत्पश्चात् लोग इसे बिना किसी मूल्य को दिए प्राप्त कर सकते हैं और इसे टेबलेट या सेल फ़ोन इत्यादि पर पढ़ सकते हैं।


अक्षरमाला विकास

This section answers the following question: ध्वनियों को शब्दों में कैसे बदला जाता है?

परिभाषाएँ

ये उन शब्दों की परिभाषाएँ हैं, जिनका उपयोग हम इस बात के लिए करते हैं कि लोग कैसी ध्वनियाँ को निकालते हैं, जो शब्दों को बनाती हैं, और साथ ही शब्दों के परिभाषाओं को जो शब्दों के अंशों को सन्दर्भित करते हैं।

व्यंजन

ये वे ध्वनियाँ हैं, जिन्हें लोग तब निकालते हैं, जब उनके फेफड़ों से वायु का प्रवाह बाधित होता है, या जीभ, दांत या होंठ की स्थिति से सीमित हो जाता हैं। वर्णमाला में अधिकांश अक्षरों में व्यंजन अक्षर पाए जाते हैं। अधिकांश व्यंजन अक्षरों में केवल एक ही ध्वनि होती है।

स्वर

ये ध्वनि मुँह से बनाई जाती हैं, जब दांत, जीभ या होंठ से अवरुद्ध किए बिना मुँह से श्वास का प्रवाह निकलता है। (अंग्रेजी में, स्वर अ, ई, आई, ओ, यू और कभी-कभी वाई है।)

अक्षर (अ-क्ष-र)

एक एक शब्द का वह भाग जिसमें केवल एक स्वर की ध्वनि, व्यंजनों के साथ या उसके बिना होती है। कुछ शब्दों में केवल एक अक्षर होता है।

प्रत्यय

ऐसा कुछ जो शब्द में जोड़ा जाता है, जिससे उसका अर्थ परिवर्तित हो जाता है। यह आरम्भ, या अन्त में, या एक शब्द के भीतर हो सकता है।

मूल शब्द

एक शब्द का सबसे मूलभूत भाग; जब सभी प्रत्यय हटा दिए जाते हैं, तो जो बचता है।

शब्द का भाग

एक शब्द या एक शब्द का एक भाग जिसका अर्थ होता है और उसमें कोई छोटा भाग नहीं होता है, जिसका अर्थ हो। (उदाहरण के लिए, "अक्षर" में 3 अक्षर हैं, परन्तु केवल शब्द का 1 भाग है, जबकि "अक्षरों" में 3 अक्षर और दो भाग (अ-क्ष-र ओं) है। (अन्तिम "ओ" एक भाग है, जिसका अर्थ है कि यह "बहुवचन" है))

अक्षर कैसे शब्दों को बनाते हैं

प्रत्येक भाषा में ध्वनियाँ होती हैं, जो अक्षर को बनाने के लिए उन्हें संयुक्त करती है। एक शब्द या एक शब्द के मूल में एक प्रत्यय में एक अक्षर हो सकता है, या इसमें कई अक्षर हो सकते हैं। ध्वनियाँ अक्षरों को बनाने के लिए संयोजन होती है, जो शब्द के भागों को बनाने के लिए एक साथ सम्मिलित हो जाती हैं। शब्दों के भाग सार्थक शब्दों को बनाने के लिए मिलकर काम करते हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि आपकी भाषा में अक्षरों का गठन कैसे किया जाता है और ये अक्षर एक-दूसरे को कैसे प्रभावित करते हैं, ताकि वर्तनी को नियमों का गठन किया जा सके और लोग आपकी भाषा को आसानी से पढ़ सकें। स्वर ध्वनियाँ अक्षरों का मूल भाग होती हैं।

अंग्रेजी में केवल पाँच स्वर प्रतीक हैं, "ए, ई, आई, ओ, यू", परन्तु इसमें 11 स्वर ध्वनियाँ निलकती हैं, जो स्वर संयोजनों और कई अन्य तरीकों से लिखी गई हैं। अंग्रेजी के प्रत्येक स्वर की ध्वनियाँ "बीट, बिट, बाएट, बैट, बट, बॉडी, बऔट, बौट, बुक, बूट" जैसे शब्दों में मिल सकती हैं। [उच्चारण चित्र को जोड़ें]

अंग्रेजी के स्वर

मुँह में स्थितिफ्रंट-मिड - बैक गोलाई (अनराऊन्डिड) (अनराऊन्डिड) (राऊन्डिड) जीभ ऊँची करते हुएहाईमैं "बीट" यू "बूट" बीच-में ऊँचा उठाते हुएआई "बिट" यू "बुक" बीच मेंई "बैट"यू "बट" ओ "बोट" नीचे- पर बीच मेंई "बट्ट" ओ "बऔट" नीचेए "बैट" ए "बॉडी"

(इन स्वरों में से प्रत्येक का वर्णमाला में अन्तर्राष्ट्रीय ध्वनि-सम्बन्धी अपना-अपना प्रतीक होता है।) स्वर की ध्वनि प्रत्येक अक्षर के बीच में से गठित होती है, और व्यंजन ध्वनि स्वरों के पहले और बाद में आते हैं।

उच्चारण यह वर्णन है कि मुँह या नाक के माध्यम से हवा कैसे ध्वनियों को पहचानने के लिए निकलती है, ताकि हम उसे भाषा के रूप में पहचान सकें। उच्चारण के मुख्य बिन्दु उन स्थानों पर गले या मुँह से निकलती हैं, जहाँ हवा को बांध दिया जाता है या इसका प्रवाह बन्द हो जाता है। उच्चारण के सामान्य बिन्दुओं में होंठ, दांत, दांतों का (वायुकोशा) उभार, तालू (मुँह की कठोर छत), कोमल तालू (मुँह की मुलायम छत), अलिजिह्वा, और स्वर-रज्जु (या कण्ठद्वार) सम्मिलित हैं। उच्चारक मुँह के हिलने वाले भाग होते हैं, विशेष रूप से जीभ के कुछ भागों जो हवा के प्रवाह को धीमा करते हैं। जीभ के कुछ भागों में जीभ का मूल, पीठ, धार और नोक सम्मिलित हो सकते हैं। होंठ जीभ के उपयोग के बिना मुँह के माध्यम से हवा प्रवाह को धीमा कर सकते हैं। होंठों से बनी ध्वनि में व्यंजन सम्मिलित हैं जैसे "बी," "वी," और "एम।" उच्चारण का तरीका वर्णन करता है कि श्वास का प्रवाह कैसे धीमा हो जाता है। यह एक पूर्ण विराम के रूप में (जैसे "पी" या "बी" के साथ आ सकता है, जिन्हें विराम व्यंजन या रूकना कहा जाता है), भारी घर्षण के रूप में (जैसे "एफ" या "वी," संघर्ष अक्षर कहा जाता है), या थोड़े से प्रतिबन्धित रूप में (जैसे "डब्ल्यू" या "वाई," जिन्हें अर्द्ध-स्वर कहा जाता है, क्योंकि वे लगभग स्वरों के रूप में स्वतंत्र होते हैं।) आ सकते हैं। आवाज निर्धारण दिखाता है कि जब हवा उन के माध्यम से गुजरती है, तो स्वर-रज्जु अर्थात् कण्ड-द्वार हिलते हैं या नहीं। अधिकांश स्वर, जैसे कि "ए, ई, आई, यू, ओ" आवाजें निकालती हुई ध्वनियाँ हैं। व्यंजनों को आवाजों के साथ (+ ​​वी), जैसे "बी, डी, जी, वी," या आवाज रहित (-वी) जैसे "पी, टी, के, एफ" कहा जा सकता है। ये उच्चारण के एक ही बिन्दु पर और उसी उच्चारकों के साथ बनते हैं, जैसा कि आवाज निकालने वाले व्यंजनों का उल्लेख पहले किया गया है। "बी, डी, जी, वी" और "पी, टी, के, एफ" के बीच एकमात्र अन्तर आवाज (+​​वी और -वी) का है। अंग्रेजी के व्यंजन उच्चारण के बिन्दु होंठदांतछतकोठर तालूकोमल तालूअलिजिह्वास्वर-रज्जु

आवाज निर्धारण करना-वी/+वी-वी/+वी-वी/+वी-/+वी-वी/+वी-वी/+वी-v/+v उच्चारक – पद्घति होंठ - रोकेंपी/बी होंठ -संघर्ष एफ/वी जीभ की नोक - रोकें टी/डी तरल /एल/ आर जीभ की धार - संघर्ष सी/डीजी जीभ को वापस लेना - रोकें के/जी जीभ का मूल - अर्ध-स्वर /डब्ल्यू / वाई एच/ नाक - दीर्घोच्चारणीय / एम/ एन

ध्वनियों का नामकरण उनकी गुणों को पहचानने के द्वारा किया जा सकता है। "बी" की आवाज को ध्वनि का ओष्ठयीय (दो होंठ) रूकना कहा जाता है। "एफ" की आवाज़ को ध्वनि रहित लैबियो-दंत (होंठ-दांत के युग्म) के संघर्ष के रूप में जाना जाता है। "एन" की आवाज को ध्वनियुक्त वायुकोशा (छत) नासिका कहा जाता है। ध्वनियों को प्रतीक बनाना दो तरीकों में किया जा सकता है। या तो हम अन्तर्राष्ट्रीय ध्वनि-सम्बन्धी वर्णमाला में पाए गए उस ध्वनि के प्रतीक का उपयोग कर सकते हैं, या हम पाठक द्वारा ज्ञात वर्णमाला से प्रसिद्ध प्रतीकों का उपयोग कर सकते हैं। व्यंजन तालिका - उच्चारकों का उल्लेख किए बिना यहाँ एक व्यंजन प्रतीक तालिका को प्रस्तुत किया गया है। जब आप अपनी भाषा की ध्वनियों का पता लगाते हैं, ध्वनि सुनने के समय आवाज और अपनी जीभ और होंठ की स्थिति को महसूस करते हैं, तो आप इस लेख में तालिका को उन ध्वनियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतीकों के साथ भर सकते हैं। उच्चारण के बिन्दु होंठ दांत छत कोठर तालू कोमल तालू अलिजिह्वा स्वर-रज्जु

आवाज -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी -वी/+वी पद्घति रोकें पी/बी टी/डी के/जी संघर्ष एफ/वी च/डीजी तरल /एल /आर अर्ध-स्वर /डब्ल्यू /वाई एच / नासिका /एम /एन


फाइल प्रारूप

This section answers the following question: कौन कौनसे प्रारूप स्वीकार्य हैं?

अनुवाद का तकनीकी स्वभाव

जबकि अनुवाद के एक बड़े भाग का सरोकार भाषा, शब्दों और वाक्यों के साथ है, यह भी सच है कि अनुवाद का एक प्रमुख पहलू तकनीकी स्वभाव है। अक्षरों, अंकण, अक्षर-रचना, स्वरूपण, प्रकाशन और वितरण करने से लेकर अनुवाद तक कई तकनीकी पहलू पाए जाते हैं। यह सब सम्भव बनाने के लिए, कुछ मानक हैं जिन्हें अपनाया गया है।

मानक प्रारूप:

बाइबल अनुवाद के प्रारूप।

कई वर्षों तक, बाइबल अनुवाद के लिए यूएसएफएम अर्थात् मानक प्रारूप रहा है (जो संकेतकों के लिए एकीकृत मानक प्रारूप है)। हमने भी इसी मानक को अपनाया है। मानक प्रारूप संकेत भाषा का एक प्रकार है जो एक कंप्यूटर प्रोग्राम को बताता है कि पाठ के प्रारूप को कैसे प्रारूपित किया जाता है।

उदाहरण के लिए, प्रत्येक अध्याय को इस '' \ c 1 '' या '' c 33 '' 'के रूप में संकेतित किया जाता है।

वचन संकेतक ''\v 8'' or ''\v 14'' जैसा दिख सकते हैं।

अनुच्छेद को ''\p'' के रूप में संकेतित किया गया है।

इस तरह के कई अन्य संकेतक हैं, जिनके विशेष अर्थ है।

तो मानक प्रारूप में यूहन्ना 1:1-2 की तरह एक सन्दर्भ इस तरह दिखेगा:

c 1

p

v 1 आरम्भ में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था।

v 2 यही, वचन, परमेश्वर के साथ आरम्भ में था।

जब एक कंप्यूटर प्रोग्राम जो मानक प्रारूप को पढ़ सकता है, इसे देखता है, तो यह सभी अध्याय संकेतकों को उसी रूप में प्रारूपित करने में (उदाहरण के लिए, बड़ी सँख्या के साथ) और सभी वचन सँख्याओं को वैसे ही (उदाहरण के लिए, एक छोटे सुपरस्क्रिप्ट अर्थात् शब्द के ऊपर की ओर सँख्या के साथ लिखा हुआ होना) सक्षम होता है।

  • इसे उपयोग करने में सक्षम होने के लिए बाइबल अनुवाद मानक प्रारूप में होना चाहिए!

मानक प्रारूप नोटेशन अर्थात् संकेत पद्धति के बारे में अधिक पढ़ने के लिए, कृपया http://paratext.org/about/usfm पढ़ें।

मानक प्रारूप का उपयोग करते हुए बाइबल अनुवाद कैसे करें

अधिकांश लोगों को नहीं पता कि मानक प्रारूप में कैसे लिखना होता है। यह एक कारण है कि हमने अनुवाद स्टूडियो को बनाया है। जब आप अनुवाद स्टूडियो में अनुवाद करते हैं, तो आप जो भी देखते हैं, वह बिना किसी संकेत भाषा के सामान्य शब्द संसाधकीय दस्तावेज़ के समान दिखता है।

यद्यपि, अनुवाद स्टूडियो में आप जो देखते हैं उसके नीचे मानक प्रारूप में बाइबल अनुवाद स्वरूपित हो रहा होता है। इस तरह, जब आप अनुवाद स्टूडियो से अपना अनुवाद अपलोड करते हैं, तो अपलोड किया जी रही सामग्री पहले से ही मानक प्रारूप में स्वरूपित या परिवर्तित हो रही होती है और इसे विभिन्न प्रारूपों में तुरन्त प्रकाशित किया जा सकता है।

एक अनुवाद को मानक प्रारूप में परिवर्तित करना

यद्यपि मानक प्रारूप संकेत पद्धति का उपयोग करके ही अनुवाद करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, तथापि कभी-कभी मानक प्रारूप संकेतकों का उपयोग किये बिना भी अनुवाद किया जाता है। इस प्रकार के अनुवाद का अभी भी उपयोग किया जा सकता है, परन्तु पहले मानक प्रारूप संकेतकों को जोड़ा जाना चाहिए। ऐसा करने का एक तरीका अनुवाद स्टूडियो में कॉपी और पेस्ट अर्थात् नकल को चस्पा करना, फिर सही स्थान पर वचन संकेतकों को रखना है। जब यह किया जाता है, तो अनुवाद मानक प्रारूप के रूप में परिवर्तित करने में सक्षम हो जाएगा।

यह एक बहुत ही कठिन कार्य है, इसलिए हम आपको अनुवाद स्टूडियो या मानक प्रारूप का उपयोग करने वाले कुछ अन्य कार्यक्रमों का उपयोग करते हुए आरम्भ से ही अपने बाइबल अनुवाद कार्य को करने का परामर्श देते हैं

अन्य सामग्री के लिए मार्कडाउन या चिन्ह

मार्कडाउन एक बहुत ही सामान्य संकेत पद्धति भाषा है, जिसका प्रयोग इंटरनेट पर कई स्थानों पर किया जाता है। मार्कडाउन का उपयोग एक ही पाठ के लिए विभिन्न प्रारूपों (जैसे वेबपृष्ठ, मोबाइल ऐप, पीडीएफ, आदि) में उपयोग को बहुत अधिक आसान बनाता है। इस इसी पद्धति में लिखा जाता है, तो मार्कडाउनबड़े अझरों और * तिरछे अक्षर * का समर्थन करता है:

मार्कडाउन बड़े अझरों और तिरछे अक्षर का समर्थन करता है। मार्कडाउन इस तरह के शीर्षकों का भी समर्थन करता है:

शीर्षक 1

शीर्षक 2

शीर्षक 3

मार्कडाउन लिंक अर्थात् सम्पर्कों का भी समर्थन करता है।

सम्पर्क इस तरह https://unfoldingword.org की सूचना को प्रदर्शित करते हैं और इस तरह लिखे जाते हैं: https://unfoldingword.org

सम्पर्क के लिए विशेष रूप से लिखे शब्द भी समर्थित होते हैं, इस तरह: uW Website(https://unfoldingword.org)

ध्यान दें कि एचटीएमएल भी वैध मार्कडाउन है। मार्कडाउन वाक्य-रचना की पूरी सूची के लिए कृपया http://ufw.io/md पर जाएँ।

निष्कर्ष

मानक प्रारूप या मार्कडाउन के साथ चिह्नित सामग्री प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका एक संपादक का उपयोग करना है, जिसे विशेष रूप से ऐसा करने के लिए निर्मित किया गया है। यदि एक वर्ड प्रोसेसर अर्थात् शब्द संसोधक या मूलपाठ संपादक का उपयोग किया जाता है, तो इन संकेतों को हस्तलिखित रूप से वर्णित किया जाना चाहिए।

ध्यान दें: वर्ड प्रोसेसर में मूलपाठ बड़े अझरों, तिरछे अक्षरों, या रेखांकित करना संकेतक भाषा में बड़े अझरों, तिरछे अक्षर या रेखांकित नहीं करता है। नामित प्रतीकों को लिखकर इस प्रकार का स्वरूपण किया जाना चाहिए।

जब सॉफ्टवेयर का उपयोग करने पर विचार करते हैं, तो कृपया ध्यान रखें कि अनुवाद केवल शब्दों के बारे में नहीं है; ऐसे कई तकनीकी पहलू हैं, जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए।

जिस भी सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है, उसके लिए केवल इतना स्मरण रखें कि बाइबल अनुवादों को मानक प्रारूप में रखा जाना चाहिए, और शेष सब कुछ मार्कडाउन में डालने की आवश्यकता है।


प्रथम प्रालेख तैयार करना

This section answers the following question: मैं प्रथम प्रालेख कैसे बनाऊँ?

मैं कैसे आरम्भ करूँ?

  • प्रार्थना करें कि परमेश्वर आपको उस सन्दर्भ को समझने में सहायता करे जिसे आप अनुवाद कर रहे हैं और वह आपकी भाषा में उस सन्दर्भ को संचारित करने का सबसे अच्छा तरीका खोजने में आपकी सहायता करेगा।
  • यदि आप ओपन बाइबल की कहानियों का अनुवाद कर रहे हैं, तो इसका अनुवाद आरम्भ करने से पहले इसकी पूरी कहानी पढ़ें। यदि आप बाइबल का अनुवाद कर रहे हैं, तो इससे पहले कि आप इसके किसी भी भाग का अनुवाद करना आरम्भ करें, पूरा अध्याय पढ़ें। इस तरह आप समझेंगे कि आप जिस भाग का अनुवाद कर रहे हैं, वह बड़े सन्दर्भ में कैसे उपयुक्त बैठती है, और आप इसका सर्वोत्तम रीति से अनुवाद करेंगे।
  • उस सन्दर्भ को पढ़ें जिसे आप कई भिन्न अनुवादों में अनुवाद करने की योजना बना रहे हैं। यूएलबी अनुवाद आपको मूल पाठ के रूप को देखने में सहायता करेगा, और यूडीबी अनुवाद आपको मूल पाठ के अर्थ को समझने में सहायता करेगा। इस बारे में सोचें कि इस रूप या ढ़ाचें में अर्थ को कैसे संचारित करें कि लोग उसे आपकी भाषा में उपयोग कर सकें। किसी बाइबल पद्रत्त सहायता या टीका को भी पढ़ें जिसमें आपके सन्दर्भ के बारे में बताया गया है।
  • जिस सन्दर्भ को आप अनुवाद करने की योजना बना रहे हैं, उसके लिए अनुवाद नोट्स को पढ़ें।

अनुवाद में मदद

This section answers the following question: अनुवाद के लिए मैं मदद कहाँ से पाऊँ?

अनुवाद-सहायता का उपयोग करना


मूल एवं स्रोत भाषा

This section answers the following question: मूल भाषा और स्रोत भाषा की बीच क्या अंतर है?

मूल भाषा में मूलपाठ सबसे सटीक होता है

परिभाषा - मूल भाषा वह भाषा होती है, जिसमें एक बाइबल मूलपाठ आरम्भ में लिखा गया था।

विवरण - नए नियम की मूल भाषा यूनानी है।

पुराने नियम के अधिकांश मूल भाषा इब्रानी है। यद्यपि, दानिय्येल और एज्रा की पुस्तकों के कुछ भागों की मूल भाषा अरामी है। मूल भाषा सदैव एक सटीक भाषा होती है, जिसमें से एक सन्दर्भ का अनुवाद किया जाता है। स्रोत भाषा वह भाषा होती है, जहाँ से अनुवाद किया जा रहा है।

यदि कोई अनुवादक मूल भाषाओं से बाइबल का अनुवाद कर रहा है, तो उसके अनुवाद के लिए मूल भाषा और स्रोत भाषा एक जैसी होती है। यद्यपि, केवल वे लोग जिन्होंने मूल भाषा का अध्ययन करने में कई वर्षों बिताए हैं, उन्हें समझते हैं और उन्हें स्रोत भाषा के रूप में उपयोग कर सकते हैं। इसी कारण, अधिकांश अनुवादक ऐसी बाइबलों का उपयोग करते हैं, जिनका अनुवाद उनकी स्रोत भाषा के मूलपाठ के रूप में व्यापक संचार की भाषा में किया गया है।


मूल प्रतिलिपियाँ

This section answers the following question: मूल भाषा लेख के बारे में क्या और अधिक जानकारी भी है?

मूल पांडुलिपियों की लेख

बाइबल को कई सैकड़ों वर्षों पहले परमेश्वर के भविष्यद्वक्ताओं और प्रेरितों ने लिखा था, क्योंकि परमेश्वर ने उन्हें लिखने के लिए निर्देश दिए थे। इस्राएल के लोग इब्रानी बोलते थे, इसलिए पुराना नियम की अधिकांश पुस्तकें इब्रानी में लिखी गई थीं। जब वे अश्शूर और बाबुल में परदेशियों के रूप में रहते थे, तो उन्होंने अरामी में बात करना सीखा, इसलिए पुराना नियम के बाद के कुछ भागों में अरामी में लिखे गए थे।

मसीह के आने से लगभग तीन सौ वर्ष पहले, यूनानी व्यापक रूप से संचार की भाषा बन गई थी। यूरोप और मध्य पूर्व के कई लोग यूनानी को दूसरी भाषा के रूप में बोलते थे। इस कारण पुराना नियम का यूनानी में अनुवाद किया गया था। जब मसीह आया, तो संसार के उन क्षेत्रों में बहुत से लोग यूनानी भाषा को दूसरी भाषा के रूप में बात करते थे, और नए नियम सभी पुस्तकें यूनानी में लिखी गई थीं।

परन्तु तब वहाँ कोई छापाखाना नहीं थे, इसलिए लेखकों ने इन पुस्तकों को हाथ से लिखा था। ये मूल पांडुलिपियाँ थीं। जिन लोगों ने इन पांडुलिपियों की प्रतिलिपियाँ बनाई, उन्होंने भी हाथ से काम किया। ये भी पांडुलिपियाँ ही थीं। ये पुस्तकें अति महत्वपूर्ण हैं, इसलिए प्रतिलिपकों को विशेष प्रशिक्षण मिला और वे सटीक रूप से नकल करने की प्रयास के प्रति बहुत अधिक सावधान थे। सैकड़ों वर्षों से, लोगों ने बाइबल की पुस्तकों की हजारों प्रतियाँ बनाईं हैं। लेखकों के द्वारा मूल रूप से लिखी गई सभी लिखितें या तो खो गई हैं या नष्ट हो चुकी हैं, इसलिए हमारे पास नहीं है। परन्तु हमारे पास जो प्रतियाँ हैं, उन्हें बहुत पहले हाथ से लिखा गया था। इनमें से कुछ प्रतियाँ कई सैकड़ों और यहाँ तक ​​कि हजारों वर्षों से बची हुईं हैं।


बाइबल की संरचना

This section answers the following question: बाइबल को कैसे संघठित किया गया?

बाइबल 66 "पुस्तकों" से मिलकर बनी है। यद्यपि उन्हें "पुस्तकें" कहा जाता है, परन्तु वे लम्बाई में बहुत अधिक भिन्न हैं और सबसे छोटी तो केवल एक पृष्ठ या दो पृष्ठों जितनी हैं। बाइबल में दो मुख्य भाग हैं।

पहला भाग पहले लिखा गया था और इसे पुराने नियम कहा जाता है। दूसरा भाग बाद में लिखा गया था और इसे नया नियम कहा जाता है। पुराने नियम में 39 पुस्तकें हैं और नए नियम में 27 पुस्तकें हैं। (नए नियम में कुछ पुस्तकें लोगों को लिख गए पत्र हैं।)

प्रत्येक पुस्तक अध्यायों में विभाजित है। अधिकांश पुस्तकों में एक से अधिक अध्याय हैं, परन्तु ओबद्याह, फिलेमोन, 2 यूहन्ना, 3 यूहन्ना और यहूदा प्रत्येक में केवल एक ही अध्याय है। सभी अध्याय वचनों में विभाजित हैं।

जब हम एक वचन का उल्लेख करना चाहते हैं, तो हम पहले पुस्तक का नाम, फिर अध्याय, और फिर वचन लिखते हैं। उदाहरण के लिए "यूहन्ना 3:16" का अर्थ यूहन्ना की पुस्तक, अध्याय 3, वचन 16 है। जब हम दो या दो से अधिक वचनों को सन्दर्भित करते हैं, जो एक दूसरे के साथ होते हैं, तो हम उनके बीच एक पड़ी रेखा को डालते हैं।

"यूहन्ना 3:16-18" का अर्थ यूहन्ना, अध्याय 3, वचन 16, 17, और 18 है। जब हम उन वचनों का सन्दर्भ देते हैं, जो एक दूसरे के साथ नहीं होते हैं, तो हम उन्हें अलग करने के लिए अल्पविराम का उपयोग करते हैं।

"यूहन्ना 3:2, 6, 9" का अर्थ यूहन्ना अध्याय 3, वचन 2, 6, और 9 है। अध्याय और वचन सँख्याओं के बाद, हमने बाइबल के अनुवाद के लिए संक्षिप्त नाम दिया है, जिसे हम उपयोग करते हैं।

नीचे दिए गए उदाहरण में, "यूएलबी" अनलॉक्डड लिटरल बाइबल को दिखाता है। ट्रैन्स्लेशनअकैडमी हम इस पद्धति का उपयोग यह बताने के लिए करती है कि पवित्रशास्त्र के अंश कहाँ से आते हैं।

यद्यपि, इसका अर्थ यह नहीं है कि पूरे वचन या वचनों की सूची को दिखाया गया है। नीचे दिया गया मूलपाठ न्यायियों, अध्याय 6, वचन 28 से आता है, परन्तु यह पूरा वचन नहीं है।

इस वचन में अन्त में और अधिक वचन हैं। ट्रैन्स्लेशनअकैडमी में, हम केवल उस वचन का भाग दिखाते हैं, जिसके बारे में हम बात करना चाहते हैं।

सुबह जब नगर के लोग उठ गए, बाल की वेदी टूट गई थी ... (न्यायियों 6:28 यूएलबी)


अध्याय एवं आयतों की संख्याएँ

This section answers the following question: मेरी बाइबल के अध्याय और आयत आपकी बाइबल से विभिé क्यों होते हैं?

विवरण

जब बाइबल की पुस्तकें पहली बार लिखी गईं, तो अध्यायों और वचनों के लिए कोई विराम नहीं था। लोगों ने बाद में इसे जोड़ा, और फिर दूसरों ने बाइबल के विशेष भागों को ढूँढना आसान बनाने के लिए अध्यायों और वचनों में सँख्या को जोड़ दिया। क्योंकि एक से अधिक व्यक्ति ने ऐसा किया है, इसलिए भिन्न अनुवादों में विभिन्न सँख्याओं का उपयोग किया जाता है। यदि यूएलबी अनुवाद में सँख्या पद्धति आपके द्वारा उपयोग की जाने वाली किसी अन्य बाइबल में दी हुई सँख्या पद्धति से अलग है, तो आप कदाचित् उस बाइबल से पद्धति का उपयोग करना चाहेंगे।

इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है

जो लोग आपकी भाषा बोलते हैं, वे किसी अन्य भाषा में लिखी गई बाइबल का भी उपयोग कर सकते हैं। यदि वह बाइबल और आपका अनुवाद भिन्न अध्यायों और पद सँख्याओं का उपयोग करता है, तो लोगों के लिए यह जानना कठिन होगा कि जब कोई अध्याय और वचन सँख्या कहता है, तो कोई वचन किस बारे में बात कर रहा है।

बाइबल से उदाहरण

14 परन्तु मैं शीघ्रता से तुझे देखने की अपेक्षा करता हूँ, और हम आमने-सामने बातचीत करेंगे। 15 शान्ति तेरे लिए हो। मित्र तुझे नमस्कार करते हैं। नाम लेकर मित्रों को नमस्कार कर। (3 यूहन्ना 1:14-15 यूएलबी)

क्योंकि 3 यूहन्ना में केवल एक ही अध्याय है, कुछ संस्करण अध्याय सँख्या को चिह्नित नहीं करते हैं। यूएलबी अनुवाद और यूडीबी अनुवाद में इसे अध्याय 1 के रूप में चिह्नित किया जाता है। इसके अतिरिक्त, कुछ संस्करण वचन 14 और 15 को दो वचनों में विभाजित नहीं करते हैं। इसकी अपेक्षा वे इसे एक ही वचन 14 के रूप में चिह्नित करते हैं।

दाऊद का एक भजन, जब वह अपने पुत्र अबशालोम से भागा। 1 हे यहोवा, मेरे शत्रु कितने हैं! (भजन 3:1 यूएलबी)

कुछ भजनों के आगे उनके बारे में स्पष्टीकरण दिया गया है। कुछ संस्करणों में स्पष्टीकरण को एक वचन सँख्या नहीं दी गई है, जैसा कि यूएलबी और यूडीबी अनुवादों में है। अन्य संस्करणों में स्पष्टीकरण वचन 1 है, और वास्तविक भजन वचन 2 के साथ आरम्भ होता है।

... और दारा मादी को राज्य मिला जब वह लगभग बासठ वर्ष का था। (दानिय्येल 5:31 यूएलबी)

कुछ संस्करणों में यह दानिय्येल 5 का अन्तिम वचन है। अन्य संस्करणों में यह दानिय्येल 6 की पहला वचन है।

अनुवाद की रणनीतियाँ

  1. यदि आपकी भाषा बोलने वाले लोग एक और बाइबल का उपयोग करते हैं, तो अध्यायों और वचनों को जिस तरह से लिखा है, उनकी सँख्या बनाएँ। [TranslStudio APP] में वचनों को चिह्नित करने के निर्देशों को पढ़ें (http://help.door43.org/en/knowledgebase/13-translationstudio-android/docs/24-marking-verses-in-translationstudio) ।

अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण

यदि आपकी भाषा बोलने वाले लोग एक और बाइबल का उपयोग करते हैं, तो अध्यायों और वचनों को जिस तरह से लिखा है, उनकी सँख्या बनाएँ। नीचे दिया गया उदाहरण 3 यूहन्ना 1 से है। कुछ बाइबल इस पाठ को वचन 14 और 15 के रूप में चिह्नित करते हैं, और कुछ इसे 14 पद के रूप में चिह्नित करते हैं। आप वचन सँख्या को वैसे चिह्नित कर सकते हैं, जैसे आपकी दूसरी बाइबल करती है।

14 परन्तु मैं शीघ्रता से तुझे देखने की अपेक्षा करता हूँ, और हम आमने-सामने बातचीत करेंगे। 15 शान्ति तेरे लिए हो।

मित्र तुझे नमस्कार करते हैं। मित्रों का नाम लेकर नमस्कार कर। (3 यूहन्ना 1:14-15 यूएलबी)

14 परन्तु मैं शीघ्रता से तुझे देखने की अपेक्षा करता हूँ, और हम आमने-सामने बातचीत करेंगे। शान्ति तेरे लिए हो। मित्र तुझे नमस्कार करते हैं। मित्रों का नाम लेकर नमस्कार कर। (3 यूहन्ना 14)

अगला उदाहरण भजन संहिता 3 से है। कुछ बाइबल भजन के आरम्भ में स्पष्टीकरण को एक वचन के रूप में चिह्नित नहीं करती हैं, और अन्य इसे वचन 1 के रूप में चिह्नित करती हैं। आप वचन सँख्या को वैसे चिह्नित कर सकते हैं, जैसे आपकी दूसरी बाइबल करती है।

  • दाऊद का एक भजन, जब वह अपने पुत्र अबशालोम से भाग गया। *

1 हे यहोवा, मेरे शत्रु कितने हैं!

कई लोग मुझ से दूर हो गए हैं और मुझ पर आक्रमण किया है।

2 कई मेरे बारे में कहते हैं,

"परमेश्वर से उसको कोई सहायता नहीं है।" सेला

1 दाऊद का एक भजन, जब वह अपने पुत्र अबशालोम से भागा।

2 हे यहोवा, मेरे शत्रु कितने हैं! कई लोग मुझ से दूर हो गए हैं और मुझ पर आक्रमण किया है।

3 कई मेरे बारे में कहते हैं, "परमेश्वर से उसको कोई सहायता नहीं है।" सेला


ULB और UDB में दिए गए प्रारूप बदलने के चिन्ह

This section answers the following question: ULB और UDB में दिए गए प्रारूप बदलने के चिन्ह कौन कौनसे हैं?

विवरण

अनलॉक्ड शाब्दिक बाइबल (यूएलबी) और अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल (यूडीबी) पदलोप चिन्ह, लम्बे डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह, कोष्टक, और इंडेंटेशन अर्थात् अभिस्थापन का उपयोग यह दिखाने के लिए करते हैं कि मूलपाठ में जानकारी किस प्रकार से सम्बन्धित है।

पदलोप चिन्ह

परिभाषा - पदलोप चिन्ह (...) का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि किसी ने एक वाक्य समाप्त नहीं किया है, या लेखक ने जो कुछ कहा है, उस पूरे को उद्धृत नहीं किया गया है।

मत्ती 9:4-6 में, पदलोप चिन्ह से पता चलता है कि यीशु ने अपने वाक्य को शास्त्रियों के साथ पूरा नहीं किया जब उसने लकवा ग्रसित व्यक्ति पर अपना ध्यान दिया और उससे बात की:

देखो, कुछ शास्त्रियों ने स्वयं में एक दूसरे से कहा, "यह मनुष्य निन्दा करता है।" यीशु ने उनके विचारों को जानकर कहा, "तुम अपने मन में बुराई क्यों सोच रहे हो?

क्या कहना आसान है, 'तेरे पाप क्षमा हुए हैं,' या यह कहना, 'उठ और चल'?

परन्तु तुम जानते हो कि मनुष्य के पुत्र के पास पृथ्वी पर पापों को क्षमा करने का अधिकार है, .... "उसने लकवा ग्रसित से कहा," उठ, अपनी खाट उठा, और अपने घर चला जा।” (यूएलबी)

मरकुस 11:31-33 में, पदलोप चिन्ह से पता चलता है कि या तो धार्मिक अगुओं ने अपने वाक्य को पूरा नहीं किया, या मरकुस ने जो कुछ कहा वह समाप्त नहीं हुआ है।

उन्होंने आपस में चर्चा की और तर्क दिया और कहा, "यदि हम कहते हैं, 'स्वर्ग से,' तो वह कहेगा, 'फिर तुमने उस पर विश्वास क्यों नहीं किया?' परन्तु यदि हम कहते हैं, 'लोगों की ओर से,' ..." वे लोगों से डरते थे, क्योंकि वे सभी ने माना था कि यूहन्ना एक भविष्यद्वक्ता था। तब उन्होंने यीशु को उत्तर दिया और कहा, "हम नहीं जानते।" तब यीशु ने उनसे कहा, "न ही मैं तुम्हें बताऊँगा कि मैं किस अधिकार से इन कामों को करता हूँ।" (यूएलबी)

लम्बे पदलोप चिन्ह अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह

परिभाषा - लम्बी डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह (—) ऐसी जानकारी को प्रस्तुत करती है, जो उससे पहले जो कुछ हुआ है, उससे तुरन्त प्रासंगिक होती है।

उदाहरण के लिए:

फिर दो लोग एक खेत में होंगे एक को ले लिया जाएगा, और एक पीछे छोड़ दिया जाएगा। दो स्त्रीयाँ एक साथ चक्की पीस रही होंगी एक को ले लिया जाएगा, और एक छोड़ा दिया जाएगा। इसलिए सावधान रहो, क्योंकि तुम नहीं जानते कि तुम्हारा प्रभु किस दिन आएगा। (मत्ती 24:40-41 यूएलबी)

कोष्टक

परिभाषा - कोष्टक “( )" दिखाती हैं कि कुछ जानकारी एक स्पष्टीकरण या बाद का विचार है। यह पृष्ठभूमि की जानकारी होती है, जिसे पाठक उस स्थान पर रखता है, ताकि पाठक को इसके आस-पास की सामग्री को समझने में सहायता मिल सके।

यूहन्ना 6:6 में, यूहन्ना ने उस कहानी को हस्तक्षेप कर दिया, जिसे वह लिख रहा था कि यीशु पहले से ही जानता था कि वह क्या करने जा रहा है।

यह कोष्टक में रखा जाता है।

5 जब यीशु ने देखा और देखा कि एक बड़ी भीड़ उसके पास आ रही थी, तो उसने फिलिप्पुस से कहा, "हम रोटी खरीदने कहाँ जा रहे हैं, ताकि वे खा सकें?" 6 ( अब यीशु ने ऐसा फिलिप्पुस की परीक्षा करने के लिए कहा था, क्योंकि वह स्वयं जानता था कि वह क्या करने जा रहा है . ) 7 फिलिप्पुस ने उत्तर दिया, "प्रत्येक के लिए दो सौ दिनार जितना भोजन भी पर्याप्त नहीं होगा।" (यूहन्ना 6:5-7 यूएलबी)

नीचे दिए गए कोष्टक में वे शब्द नहीं हैं, जिन्हें यीशु कह रहा था, परन्तु वह हैं, जिसे यूहन्ना पाठक से कह रहा था, पाठक को सतर्क करने के लिए कि यीशु उन शब्दों का उपयोग कर रहा था कि जिस पर उन्हें सोचने और व्याख्या करने की आवश्यकता थी।

"इसलिए, जब तुम पवित्र स्थान में खड़ी हुई दानिय्येल भविष्यद्वक्ता द्वारा कही गई घृणित घृणा को देखो," ( पाठक समझें ), " तो जो यहूदिया में हैं, वे पहाड़ पर भाग जाएँ, जो छत पर हैं, नीचे घर में से कुछ भी लेने के लिए न जाएँ, 18 और जो खेत में है, वह अपना कपड़ा लेने के लिए वापस न आएँ।” (मत्ती 24:15-18 यूएलबी)

अभिस्थापन

परिभाषा - जब मूलपाठ अभिस्थापित किया जाता है, तो इसका अर्थ होता है कि मूलपाठ की रेखा ऊपर और नीचे के मूलपाठ की रेखाओं की तुलना में दाईं ओर से आरम्भ होती है, जो अभिस्थापित नहीं होते हैं। यह काव्य और कुछ सूचियों के लिए, यह दिखाने के लिए किया जाता है कि अभिस्थापित पँक्तियों उनके ऊपर दी गई गैर-अभिस्थापन पँक्तियों का भाग बनती हैं।

उदाहरण के लिए:

5 ये उन अगुओं के नाम हैं, जिन्हें तेरे साथ युद्ध करना चाहिए: रूबेन के गोत्र से, शदेऊर के पुत्र एलीसूर; शिमोन के गोत्र से 6 , सुरीशदे के पुत्र शलूमीएल; 7 यहूदा के गोत्र से, अम्मीनादाब के पुत्र नहशोन; (गिनती 1:5-7 यूएलबी)


बाइबल के अनुवाद में ULB एवं UDB का उपयोग कैसे करें

This section answers the following question: बाइबल का अनुवाद करने में ULB ,oa UDB के उपयोग का सबसे अच्छा तरीका कौनसा है?

अनुवादकों के रूप में, आप यूएलबी और यूडीबी अनुवादों को उपयोग कर सकते हैं, यदि आप दोनों के बीच में निम्नलिखित भिन्नताओं को स्मरण रखते हैं, और यदि आप जानते हैं कि लक्षित भाषा उन विषयों के साथ सबसे अच्छी तरह से कैसे निपटारा कर सकती है, जो इन मतभेदों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

विचारों की व्यवस्था

यूएलबी अनुवाद उसी क्रम में विचार प्रस्तुत करने की प्रयास करता है, जैसा कि वे स्रोत मूलपाठ में दिखाई देते हैं।

यूडीबी अनुवाद एक ऐसे क्रम में विचार को प्रस्तुत करने की प्रयास करती है, जो अंग्रेजी में अधिक स्वाभाविक है, या तर्क के क्रम या अनुक्रम के क्रम का पालन करती है।

जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको विचारों को उसी क्रम में रखना चाहिए, जो लक्षित भाषा में स्वाभाविक हों। (देखें घटनाओं की व्यवस्था)

1 पौलुस, यीशु मसीह का एक सेवक, जिसे प्रेरित कहा जाता है, और परमेश्वर के सुसमाचार के लिए अलग हो गया ... 7 यह पत्र उन सभी के लिए है, जो रोम में हैं, जो परमेश्वर के प्रिय हैं। (रोमियों 1:1,7 यूएलबी)
1 मैं, पौलुस, जो मसीह यीशु की सेवा करता है, रोम के शहर में तुम सभी विश्वासियों को यह पत्र लिख रहा हूँ। (रोमियों 1:1 यूडीबी)

यूएलबी अनुवाद पौलुस की शैली को उसका पत्र आरम्भ करने की शैली दिखाती है। वह वचन 7 तक नहीं बताता है कि उसके दर्शक कौन हैं। यद्यपि, यूडीबी अनुवाद एक ऐसी शैली का पालन करती है, जो आज अंग्रेजी और कई अन्य भाषाओं में अधिक स्वभाविक है।

निहितार्थ जानकारी

यूएलबी अनुवाद अक्सर विचार प्रस्तुत करता है, जो अन्य विचारों को निहित कल्पित करते हैं, जो पाठक को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

यूडीबी अनुवाद अक्सर उन अन्य विचारों को स्पष्ट करता है। यूडीबी अनुवाद आपको यह स्मरण दिलाने के लिए करता है कि आपको कदाचित् अपने अनुवाद में ऐसा ही करना चाहिए यदि आपको लगता है कि मूलपाठ को समझने के लिए आपके दर्शकों को यह जानकारी जाननी होगी।

जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको यह निर्धारित करना चाहिए कि इनमें से कौन सा अन्तर्निहित विचार आपके दर्शकों के द्वारा सम्मिलित किए बिना समझा जाएगा। यदि आपके दर्शक इन विचारों को मूलपाठ में सम्मिलित किए बिना समझते हैं, तो आपको उन विचारों को स्पष्ट करने की आवश्यकता नहीं है। यह भी स्मरण रखें कि यदि आप अनिवार्य रूप से अन्तर्निहित विचारों को प्रस्तुत करते हैं, तो वे आपके दर्शकों को भी ठेस पहुँचा सकते हैं कि जिसे वे वैसे भी समझें ही लेंगे। (देखें कल्पित ज्ञान और अस्पष्ट जानकारी)

और यीशु ने शमौन से कहा, "मत डर, क्योंकि तुम अब से मनुष्यों को पकड़ोगे ." (लूका 5:10 यूएलबी)

परन्तु यीशु ने शमौन से कहा, "मत डर! अब तक तुने मछली में इकट्ठा किया है, परन्तु अब से तुम लोगों को मेरे शिष्य बनने के लिए इकट्ठा करेंगे।” (लूका 5:10 यूडीबी)

यहाँ यूडीबी अनुवाद पाठक को स्मरण दिलाता है कि शिमौन व्यापार के कारण मछुआरा था।

यह साथ ही समानाता को भी स्पष्ट करता है, जिसे यीशु शिमौन के पिछले काम और उसके भविष्य के काम के बीच दर्शाने के लिए कर रहा था। इसके अतिरिक्त, यूडीबी अनुवाद यह स्पष्ट करता है कि क्यों यीशु शिमौन से चाहता था कि वह "मनुष्यों को पकड़े" (यूएलबी), अर्थात् "मेरे शिष्य बनाने" (यूडीबी) का लिए अगुवाई दे।

जब उसने यीशु को देखा, तो वह उसके मुँह के बल गिर गया और उससे विनती की, "हे प्रभु, यदि तू चाहता हैं, तो तू मुझे शुद्ध कर सकता हैं ." (लूका 5:12 यूएलबी)

जब उसने यीशु को देखा, तो वह उसके सामने भूमि पर झुक गया और उससे विनती की, "हे प्रभु, कृपया मुझे चंगा करें , क्योंकि तू चंगा करने में सक्षम हैं यदि तु चाहता है तो! " (लूका 5:12 यूडीबी)

यहाँ यूडीबी अनुवाद यह स्पष्ट करता है कि जिस व्यक्ति को कुष्ठ रोग था वह दुर्घटना से भूमि पर नहीं झुका था। इसकी अपेक्षा, वह जानबूझकर भूमि पर झुक गया। इसके अतिरिक्त, यूडीबी अनुवाद यह स्पष्ट करता है कि वह यीशु से उसे चंगा करने के लिए कह रहा है। यूएलबी अनुवाद में, वह केवल इस अनुरोध का तात्पर्य देता है।

प्रतीकात्मक क्रियाएँ

परिभाषा - एक प्रतीकात्मक कार्यवाही कुछ ऐसा होती है, जिसे किसी एक निश्चित विचार को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।

यूएलबी अक्सर प्रतीकात्मक कार्यवाही को बिना किसी व्याख्या के प्रस्तुत करता है, कि इसका क्या अर्थ है। यूडीबी अनुवाद अक्सर प्रतीकात्मक कार्यवाही के द्वारा व्यक्त अर्थ को प्रस्तुत करता है।

जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको यह निर्धारित करना चाहिए कि क्या आपके दर्शक एक प्रतीकात्मक कार्यवाही को सही तरीके से समझेंगे या नहीं। यदि आपके दर्शक समझ नहीं पाएंगे, तो आपको यूडीबी अनुवाद के रूप में करना चाहिए। (देखें प्रतीकात्मक कार्यवाही)

महायाजक ने अपने वस्त्र फाड़ें (मरकुस 14:63 यूएलबी)

यीशु के शब्दों के उत्तर में, महायाजक इतना अधिक चौंक गया था कि उसने अपना बाहरी वस्त्र फाड़ डाले।(मरकुस 14:63 यूडीबी)

यहाँ यूडीबी यह स्पष्ट करता है कि यह दुर्घटना से ऐसा नहीं हुआ था कि महायाजक ने अपने वस्त्र फाड़े थे।यह इस बात को भी स्पष्ट करता है कि कदाचित् वह केवल उसका बाहरी वस्त्र था, जिसे उसने फाड़ा था, और उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह यह दिखाना चाहता था कि वह उदास या गुस्से में था या फिर दोनों बातें थीं।

क्योंकि महायाजक वास्तव में अपने वस्र को फाड़ देता है, यूडीबी अनुवाद निश्चित रूप से कहता है कि उसने किया था। यद्यपि, यदि एक प्रतीकात्मक कार्यवाही वास्तव में कभी नहीं हुई, तो आपको उस कार्य को बताने की आवश्यकता नहीं है। यहाँ एक उदाहरण दिया गया है:

अपने को राज्यपाल के सामने प्रस्तुत करें; क्या वह तुझे स्वीकार करेगा या वह तेरे चेहरे को उघाड़ देगा ? “(मलाकी 1:8 यूएलबी)

आप अपने गवर्नर को ऐसे उपहार दिखाने का साहस नहीं करेंगे! आप जानते हैं कि वह उन्हें नहीं लेगा। आप जानते हैं कि वह आपके साथ नाराज होगा और आपका स्वागत नहीं करेगा ! (मलाकी 1:8 यूडीबी)

यहाँ यूएलबी में इस तरह से प्रतिनिधित्व की गई प्रतीकात्मक कार्यवाही "किसी के चेहरे को उघाड़ना", यूडीबी में केवल इसका अर्थ प्रस्तुत किया गया है: "वह तुझसे नाराज होगा और तेरा स्वागत नहीं करेगा।" इसे इस तरह से प्रस्तुत किया जा सकता है, क्योंकि मलाकी वास्तव में एक विशेष घटना का वर्णन नहीं कर रहा है, जो वास्तव में घटित हुई थी। वह केवल उस घटना के द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए विचार का वर्णन कर रहा है।

क्रिया का निष्क्रिय रूप

बाइबल के इब्रानी और यूनानी दोनों भाषा अक्सर क्रिया के निष्क्रिय रूपों का उपयोग करते हैं, जबकि कई अन्य भाषाओं में यह संभावना नहीं होती है। जब मूल भाषाएँ उनका उपयोग करती हैं, तो यूएलबी अनुवाद क्रिया के निष्क्रिय रूपों का उपयोग करने की प्रयास करता है।यद्यपि, यूडीबी सामान्य रूप से इन क्रिया के निष्क्रिय रूपों का उपयोग नहीं करता है। परिणामस्वरूप, यूडीबी अनुवाद कई वाक्यांशों को पुनर्गठित करती है।

जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको यह निर्धारित करना होगा कि लक्षित भाषा निम्नलिखित उदाहरणों में निष्क्रिय रूपों की अभिव्यक्ति का उपयोग करके घटनाओं या कथनों को प्रस्तुत कर सकती है या नहीं।यदि आप किसी विशेष सन्दर्भ में क्रिया के निष्क्रिय रूप का उपयोग नहीं कर सकते हैं, तो आप वाक्यांश को पुन: स्थापित करने के लिए यूडीबी अनुवाद में एक संभावित तरीका पा सकते हैं। (देखें सक्रिय या निष्क्रिय)

बाइबल से उदाहरण

वह आश्चर्यचकित था, और जो उसके साथ थे, उस मछली के एक बड़े ढेर के ऊपर, जिसे उन्होंने पकड़ा था।(लूका 5:9 यूएलबी)

उसने यह इसलिए कहा क्योंकि वह उनके द्वारा पकड़ी गई मछलियों की एक बड़ी सँख्या के कारण आश्चर्यचकित किया। उसके साथ रहने वाले सभी लोग भी आश्चर्यचकित हुए।(लूका 5:9 यूडीबी)

यहाँ यूडीबी अनुवाद निष्क्रिय आवाज में "वह आश्चर्यचकित था" का उपयोग करता है जबकि यूएलबी अनुवाद सक्रिय आवाज में एक क्रिया "आश्चर्यचकित था" का उपयोग करता है

लोगों की बड़ी भीड़ उसके पास उससे सिखाने और अपनी बीमारियों से चंगा होने के लिए एक साथ आईं। (लूका 5:15 यूएलबी)

परिणाम यह था कि बड़ी भीड़ यीशु से सिखाने और उससे अपनी बीमारियों से चंगा होने के लिए आई थी . (लूका 5:15 यूडीबी)

यहाँ यूडीबी यूएलबी की क्रिया निष्क्रिय रूप से "चंगा होने के लिए" के उपयोग से बचाता है। वह ऐसा वाक्यांश को पुनर्गठन करने के द्वारा करता है। यह कहता है कि चिकित्सक कौन है: "उसके (यीशु) साथ हो कि वह उन्हें ठीक करे।"

रूपक और अंलकार

परिभाषा - यूएलबी अनुवाद बाइबल के मूलपाठों में जितनी अधिक हो सके अंलकार का प्रतिनिधित्व करने की प्रयास करता है।

यूडीबी अनुवाद अक्सर इन विचारों का अर्थ अन्य तरीकों से प्रस्तुत करता है।

जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको यह निर्धारित करना होगा कि लक्षित भाषा पाठक कुछ प्रयासों के साथ, कम प्रयास के साथ अंलकार को समझते हैं या नहीं। यदि उन्हें समझने के लिए एक बड़ा प्रयास करना है, या यदि ये उन्हें पूर्ण रीति से समझ में नहीं आते हैं, तो आपको दूसरे शब्दों का उपयोग करके अंलकार के आवश्यक अर्थ को प्रस्तुत करना होगा।

उन्होंने तुम्हें सारी बात और सारे ज्ञान के साथ हर तरह से समृद्ध बनाया है . (1 कुरिन्थियों 1:5 यूएलबी)

मसीह ने तुम्हें बहुत सी वस्तुएँ दी हैं . उसने तुम्हें अपनी सच्चाई बोलने और परमेश्वर को जानने में सहायता की। (1 कुरिन्थियों 1:5 यूडीबी)

पौलुस शब्द "समृद्ध" में व्यक्त भौतिक सम्पदा के रूपक का उपयोग करता है। यद्यपि वह तुरन्त बताता है कि उसका अर्थ क्या है "सारीब बात और सारे ज्ञान के साथ," कुछ पाठक न समझ सकें। यूडीबी अनुवाद भौतिक सम्पदा के रूपक को उपयोग किए बिना विचार को अलग तरीके से प्रस्तुत करता है। (देखें रूपक)

मैं तुम्हें भेड़ियों के बीच में भेड़ के रूप में भेजता हूँ , (मत्ती 10:16 यूएलबी)

जब मैं तुम्हें भेजता हूँ, तो तुम भेड़िये के रूप में खतरनाक पाए जाने वाले लोगों के बीच भेड़ के रूप में होंगे . (मत्ती 10:16 यूडीबी)

यीशु एक रूपक का उपयोग करता है, जो उसके प्रेरितों को लोगों के बीच जाने की तुलना भेड़िये के बीच भेड़ के जाने से करता है। कुछ पाठक यह नहीं समझ सकते कि प्रेरित कैसे भेड़ों की तरह होंगे जबकि अन्य लोग भेड़िये की तरह होंगे। यूडीबी अनुवाद स्पष्ट करता है कि प्रेरित असुरक्षित होंगे, और उनके शत्रु खतरनाक होंगे। (देखें उपमा)

तुम मसीह से अलग हो गए हैं, सभी आप जो कानून द्वारा "न्यायसंगत" ठहराए गए हो. तुम अनुग्रह से दूर हो गए हैं। (गलातियों 5:4 यूएलबी)

यदि तुम अपेक्षा करते हैं कि परमेश्वर तुम्हें अपनी दृष्टि में अच्छा घोषित करे क्योंकि तुम व्यवस्था का पालन करने का प्रयास करते हैं , तुमने स्वयं को मसीह से अलग कर दिया है; परमेश्वर अब तुम्हारे प्रति दयालु कार्य नहीं करेगा। (गलातियों 5:4 यूडीबी)

पौलुस विडंबना का उपयोग करता है, जब वह उन्हें कानून द्वारा न्यायसंगत ठहराए जाने को उद्धृत करता है। उसने पहले ही उन्हें सिखाया था कि कानून के द्वारा किसी को भी न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता है। यूएलबी अनुवाद यह दिखाने के लिए "न्यायसंगत" के आसपास उद्धरण चिह्नों का उपयोग करता है कि पौलुस वास्तव में विश्वास नहीं करता था कि वे कानून के द्वारा न्यायसंगत ठहराए गए थे। यूडीबी अनुवाद इसी विचार का उपयोग करके स्पष्ट करता है कि यही वह बात जिस पर अन्य लोगों ने विश्वास किया था। (देखें आयरनी)

अमूर्त अभिव्यक्तियां

यूएलबी अक्सर अमूर्त संज्ञाओं, विशेषणों, और वाक्य के अन्य भागों का उपयोग करता है, क्योंकि यह बाइबल के मूलपाठों के साथ मिलकर काम करने का प्रयास करते हैं।

यूडीबी इस तरह की अमूर्त अभिव्यक्तियों का उपयोग नहीं करने की प्रयास करता है, क्योंकि कई भाषाएँ अमूर्त अभिव्यक्तियों का उपयोग नहीं करती हैं।

जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको यह निर्धारित करना होगा कि लक्षित भाषा इन विचारों को प्रस्तुत करने के लिए किसे प्राथमिकता देती है। (देखें अमूर्त संज्ञाएँ)

उसने तुम्हें सारी बातों और सारे ज्ञान में हर तरह से समृद्ध बना दिया है।(1 कुरिन्थियों 1:5 यूएलबी)

मसीह ने तुम्हें इतनी सारी वस्तुएँ दी हैं। उसने तुम्हें अपनी सच्चाई बोलने में और परमेश्वर को जानने के लिए सहायता की। (1 कुरिन्थियों 1:5 यूडीबी)

यहाँ यूएलबी अनुवाद अभिव्यक्तियाँ "सारी बातें" और "सारे ज्ञान" अमूर्त संज्ञा की अभिव्यक्तियाँ हैं। उनके साथ एक समस्या यह है कि पाठकों को यह नहीं पता चलता है कि किसे बोलना है और उन्हें क्या बोलना है, या कौन जानने का कार्य कर रहा है और वह क्या बात जिसे उन्हें जानना हैं। यूडीबी अनुवाद इन प्रश्नों का उत्तर देता है।

निष्कर्ष

संक्षेप में, यूएलबी आपको अनुवाद करने में सहायता करेगा क्योंकि यह आपको मूल बाइबल मूलपाठों के रूप में एक बड़े स्तर पर समझने में सहायता कर सकता है।

यूडीबी आपको अनुवाद करने में सहायता कर सकता है, क्योंकि यह यूएलबी मूलपाठ के अर्थ को स्पष्ट करने में सहायता कर सकता है, और साथ ही यह आपको बाइबल के मूलपाठ में विचारों को अपने स्वयं के अनुवाद में स्पष्ट करने के विभिन्न तरीकों को दे सकता है।


लिंक्स के साथ नोट्स

This section answers the following question: मैं अनुवाद नोट्स का उपयोग क्यों करूँ?

अनुवाद नोट्स में दो प्रकार के लिंक अर्थात् सम्पर्क होते हैं: एक सम्पर्क ट्रैन्स्लेशनअकैडमी विषय पृष्ठ के लिए और दूसरा उसी पुस्तक के भीतर दोहराए गए शब्दों या वाक्यांशों से सम्पर्क स्थापित करने के लिए।

ट्रैन्स्लेशनअकैडमी के विषय

ट्रैन्स्लेशनअकैडमी विषयों का उद्देश्य बाइबल को अपनी भाषा में अनुवाद करने के तरीके के बारे में जानने के लिए हर किसी को, कहीं भी सक्षम करना है। वे वेबसाइट और ऑफ़लाइन मोबाइल वीडियो प्रारूपों में समय-समय पर सीखने के लिए अत्यधिक लचीला होने की मंशा रखते हैं।

प्रत्येक अनुवाद नोट यूएलबी अनुवाद से एक वाक्यांश का अनुसरण करता है और उस वाक्यांश का अनुवाद करने के तरीके पर तत्काल सहायता प्रदान करेगा। कभी-कभी सुझाए गए अनुवाद के अन्त में कोष्ठक में एक कथन होगा, जो ऐसा दिखाई दे सकता है: (देखें: रूपक)।

हरे रंग में दिए गए शब्दों या शब्द ट्रैन्स्लेशनअकैडमी के एक विषय के लिए एक लिंक हैं। विषय के बारे में अधिक जानने के लिए आप सम्पर्क पर क्लिक कर सकते हैं। ट्रैन्स्लेशनअकैडमी विषय जानकारी को पढ़ने के कई कारण हैं:

  • विषय के बारे में सीखने से अनुवादक को अधिक सटीक अनुवाद करने में सहायता मिलेगी।
  • विषयों को अनुवाद करने के सिद्धान्तों और रणनीतियों की मूलभूत समझ प्रदान करने के लिए चुना गया है।

उदाहरण

  • साझ और सुबह - यह पूरे दिन को सन्दर्भित करता है। दिन के दो भागों का उपयोग पूरे दिन के सन्दर्भ में किया जाता है। यहूदी संस्कृति में, सूर्य अस्त होने पर एक दिन आरम्भ होता है। (देखें: विभाज्यवाद)
  • चलना - "आज्ञा पालन करना" (देखें: रूपक)
  • उसे बता दिया - "इसे संचारित किया" (देखें: मुहावरा)

एक पुस्तक में दोहराए गए वाक्यांश

कभी-कभी एक पुस्तक में एक वाक्यांश का प्रयोग कई बार किया जाता है। जब ऐसा होता है, तो अनुवाद नोट्स-हरे अध्याय और वचन की सँख्याओं में एक लिंक होगा जिस पर आप क्लिक कर सकते हैं-जो आपको उस वाक्यांश पर वापस ले जाएगा, जहाँ आपने सबसे पहले उस वाक्यांश का अनुवाद किया है। ऐसे कई कारण हैं, जिनसे आप उस स्थान पर वापस जाना चाहेंगे, जहाँ शब्द या वाक्यांश का सबसे पहले अनुवाद किया गया था:

  • इससे आपको इस वाक्यांश का अनुवाद करना आसान हो जाएगा क्योंकि यह आपको स्मरण दिलाएगा कि आपने इसे पहले कैसे अनुवाद किया था।
  • यह आपके अनुवाद को शीघ्रता से और अधिक सुसंगत बनाएगा क्योंकि आपको हर बार उसी वाक्यांश का अनुवाद करने के लिए स्मरण दिलाया जाएगा। यदि किसी एक अनुवाद के लिए आपने पहले ही किसी वाक्यांश का उपयोग किया है जो एक नए सन्दर्भ के लिए उपयुक्त नहीं है, तो आपको इसका अनुवाद करने के लिए एक नया तरीका सोचना होगा। इस घटना में, आपको इसका ध्यान रखना चाहिए और अनुवाद समूह में दूसरों के साथ चर्चा करनी चाहिए।

ये लिंक आपको उस पुस्तक में केवल नोट्स पर ले जाएंगे जिन पर आप काम कर रहे हैं।

उदाहरण

  • फलदायी हो और भर जा - देखें कि उत्पत्ति 1:28 में आपने इन आदेशों का अनुवाद कैसे किया है।
  • भूमि पर रेंगने वाला हर एक जीव - इसमें सभी प्रकार के छोटे जानवर सम्मिलित हैं। देखें उत्पत्ति 1:25 में आपने इसका अनुवाद कैसे किया है।
  • उसमें उसे आशीष मिलेगी - वैकल्पिक अनुवाद "अब्राहम के कारण आशीष दी जाएगा" या "आशीष को दिया जाएगा क्योंकि मैंने अब्राहम को आशीष दिया है।" शब्द "उसमें" का अनुवाद करने के लिए, देखें कि आपने उत्पत्ति 12:3 में "तेरे द्वारा" का अनुवाद कैसे किया है।

ट्रांसलेशन नोट्स का उपयोग

This section answers the following question: विभिé प्रकार के अनुवाद नोट्स कौन कौनसे हैं?

यूएलबी अनुवाद से अनुवाद करने के लिए

  • यूएलबी अनुवाद को पढ़ें। क्या आप मूलपाठ के अर्थ को समझते हैं, ताकि आप सटीक, स्पष्ट और स्वाभाविक रूप से अपनी भाषा में अर्थ का अनुवाद कर सकें?
  • हाँ? अनुवाद आरम्भ करें।
  • नहीं? यूडीबी अनुवाद को देखें। क्या यूडीबी अनुवाद आपको यूएलबी अनुवाद के मूलपाठ के अर्थ को समझने में सहायता करता है?
  • हाँ? अनुवाद आरम्भ करें।
  • नहीं? सहायता के लिए अनुवाद नोट्स को पढ़ें।

अनुवाद नोट्स यूएलबी अनुवाद से नकल किए गए शब्द या वाक्यांश हैं और तब उनकी व्याख्या की गई है। अंग्रेजी में, प्रत्येक नोट जो यूएलबी की व्याख्या करता है, वैसे ही आरम्भ होता है। यहाँ पर बुलेट प्वाइंट अर्थात् गोलिका-चिह्न दिए गए हैं, बड़े अझरों में दिया गया यूएलबी अनुवाद का मूलपाठ है, जिसके बाद डैश अर्थात् शब्द विच्छेद रेखा चिन्ह आती है, और उसके बाद अनुवादक के लिए अनुवाद सुझाव या जानकारी होती है।

नोट्स इस प्रारूप का पालन करता है:

  • यूएलबी अनुवाद मूलपाठ की प्रतिलिपि - अनुवादक के लिए अनुवाद सुझाव या जानकारी।

नोट्स के प्रकार

अनुवाद नोट्स में कई भिन्न प्रकार के नोट्स दिए गए हैं। प्रत्येक नोट स्पष्टीकरण को एक भिन्न तरीके से देता है। नोट के प्रकार को जानना अनुवादक को बाइबल के मूलपाठ को अपनी भाषा में अनुवाद करने के सर्वोत्तम तरीके में निर्णय लेने में सहायता करेगा।

  • परिभाषाओं के साथ नोट्स - कभी-कभी आप नहीं जानते कि यूएलबी अनुवाद में शब्द क्या है। शब्दों या वाक्यांशों की सरल परिभाषा उद्धरणों या वाक्य प्रारूप के बिना जोड़ दी जाती है।
  • नोट्स जो व्याख्या करते हैं - शब्दों या वाक्यांशों के बारे में सरल स्पष्टीकरण वाक्य प्रारूप में हैं।
  • नोट्स जो अनुवाद करने के अन्य तरीकों का सुझाव देते हैं - क्योंकि इन नोट्स के कई भिन्न प्रकार हैं, इसलिए उन्हें नीचे विस्तार से समझाया गया है।

सुझाए गए अनुवाद

कई प्रकार के सुझाए गए अनुवाद पाए जाते हैं।

  • समानार्थी और समतुल्य वाक्यांशों के साथ नोट्स - कभी-कभी नोट्स एक अनुवाद ऐसे सुझाव को प्रदान करते हैं, जो यूएलबी अनुवाद में शब्द या वाक्यांशों को प्रतिस्थापित कर सकता है। ये प्रतिस्थापन वाक्य के अर्थ को परिवर्तित किए बिना वाक्य में उपयुक्त रीति से आ सकते हैं। ये समानार्थी और समकक्ष वाक्यांश हैं और दोहरे-उद्धरणों में लिखे गए हैं। ये यूएलबी अनुवाद में मूलपाठ के जैसे ही हैं।
  • वैकल्पिक अनुवादों के साथ नोट्स - एक वैकल्पिक अनुवाद यूएलबी अनुवाद के रूप या विषय वस्तु में एक सुझाया गया परिवर्तन है, क्योंकि लक्षित भाषा एक अलग रूप को पसन्द कर सकती है। वैकल्पिक अनुवाद का उपयोग तब किया जाना चाहिए जब यूएलबी रूप या विषय वस्तु आपकी भाषा में सटीक या स्वभाविक न हो।
  • नोट्स जो यूडीबी अनुवाद को स्पष्ट करते हैं - जब यूडीबी अनुवाद यूएलबी अनुवाद के लिए एक अच्छा वैकल्पिक अनुवाद प्रदान करता है, तो वैकल्पिक अनुवाद प्रदान करने में कोई नोट नहीं हो सकता है। यद्यपि, किसी एक अवसर पर एक नोट यूडीबी अनुवाद के मूलपाठ के अतिरिक्त वैकल्पिक अनुवाद प्रदान करेगा, और कभी-कभी यह यूडीबी अनुवाद से मूलपाठ को वैकल्पिक अनुवाद के रूप में उद्धृत करेगा। इस स्थिति में, नोट यूडीबी अनुवाद के मूलपाठ के बाद “(यूडीबी अनुवाद)" कहेंगे।
  • नोट्स जिनमें वैकल्पिक अर्थ दिए गए हैं - कुछ नोट्स वैकल्पिक अर्थ प्रदान करते हैं, जब एक शब्द या वाक्यांश को एक से अधिक तरीकों से समझा जा सकता है। जब ऐसा होता है, तो नोट सबसे संभावित अर्थ पहले प्रदान करेंगे।
  • संभाव्य या संभावित अर्थों के साथ नोट्स - कभी-कभी बाइबल के विद्वान निश्चित रूप से नहीं जानते हैं, या इस बात पर सहमत नहीं होते हैं कि बाइबल में कोई विशेष वाक्यांश या वाक्य क्या अर्थ रखता है। इसके कुछ कारणों में ये बातें सम्मिलित हैं: प्राचीन बाइबल के मूलपाठों में, या एक शब्द में एक से अधिक अर्थ या उपयोग हो सकते हैं, या यह स्पष्ट नहीं हो सकता है कि एक शब्द (जैसे सर्वनाम) किसी विशेष वाक्यांश में सन्दर्भित होता है, में थोड़ी सी भिन्नताएँ पाई जाती हैं। इस घटना में, नोट सबसे संभावित अर्थ देगा, या सबसे संभावित अर्थों के साथ कई संभावित अर्थों को सूचीबद्ध करेगा।
  • नोट्स जो अंलकारों की पहचान करते हैं - जब यूएलबी अनुवाद के मूलपाठ में एक अंलकार होता है, तो नोट्स उस अंलकार के स्पष्टीकरण का विवरण प्रदान करेंगे कि इसे कैसे अनुवाद किया जाए। कभी-कभी एक वैकल्पिक अनुवाद (एटी :) प्रदान किया जाता है। अनुवादक की सहायता करने के लिए अतिरिक्त जानकारी और अनुवाद रणनीतियों के लिए ट्रैन्स्लेशनअकैडमी पृष्ठ में, अनुवादक को उस प्रकार के अंलकार के प्रकार का सटीक रूप से अनुवाद करने में सहायता देने के लिए एक सम्पर्क अर्थात् लिंक भी होगा।
  • नोट्स जो अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष उद्धरणों की पहचान करते हैं - दो प्रकार के उद्धरण: प्रत्यक्ष उद्धरण और अप्रत्यक्ष उद्धरण होते हैं। उद्धरण का अनुवाद करते समय, अनुवादकों को यह निर्धारित करने की आवश्यकता होती है कि इसे प्रत्यक्ष उद्धरण या अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में अनुवाद करना है या नहीं। ये नोट्स अनुवादक को उस विकल्प के बारे में सूचित करेंगे जिसे करने की आवश्यकता है।
  • यूएलबी अनुवाद के लम्बे वाक्यांशों के लिए नोट्स - कभी-कभी ऐसे नोट्स होते हैं, जो एक वाक्यांश का सन्दर्भ देते हैं और तब ऐसे पृथक नोट्स होते हैं, जो उस वाक्यांश के अंशों को सन्दर्भित करते हैं। इस स्थिति में, बड़े वाक्यांश के लिए नोट पहले आते है, और उसके छोटे अंशों के लिए नोट्स बाद में आते हैं। इस तरह, नोट्स सम्पूर्ण के साथ-साथ प्रत्येक अंश के लिए अनुवाद सुझाव या स्पष्टीकरण दे सकते हैं।

नोट्स में जोड़ने वाले कथन एवं आम सूचनाएँ

This section answers the following question: कुछ अनुवाद नोट्स की शुरूआत में ULB के लेख होते ही क्यों नही हैं?

विवरण

कभी-कभी, नोट्स की सूची के शीर्ष पर, ऐसे नोट्स होते हैं जो सम्पर्क स्थापित करता हुआ कथन या सामान्य जानकारी से आरम्भ होते हैं।

एकसम्पर्क स्थापित करता हुआ कथन बताता है कि कैसे एक खण्ड पवित्रशास्त्र में पहले के खण्डों से सम्बन्धित है। सम्पर्क स्थापित करते हुए कथन में निम्नलिखित कुछ प्रकारों की जानकारी दी गई है।

  • क्या यह खण्ड आरम्भ, मध्य, या एक सन्दर्भ के अन्त में है
  • कौन बोल रहा है
  • वक्ता किस से बोल रहा है

एकसामान्य जानकारी वाला नोट उस खण्ड में विषयों के बारे में बताता है, जो एक से अधिक वाक्यांशों को पूरा करते हैं। जानकारी के कुछ प्रकारों निम्नलिखित दिया गया है, जो सामान्य सूचना विवरण में दिखाई देते हैं।

  • व्यक्ति या वस्तु जो सर्वनाम का सन्दर्भ देती हैं
  • महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि या अन्तर्निहित जानकारी जो खण्ड में मूलपाठ को समझने के लिए आवश्यक है
  • तार्किक तर्क और निष्कर्ष

दोनों प्रकार के नोट आपको सन्दर्भ को सर्वोत्तम रीति से समझने में सहायता करने के लिए हैं और उन विषयों से अवगत रहें, जिन्हें आपको अनुवाद में सम्बोधित करने की आवश्यकता हो सकती है।

उदाहरण

क्या यह खण्ड आरम्भ, निरन्तरता या का अन्त सन्दर्भ है

1 यह तब हुआ जब यीशु ने अपने बारह शिष्यों को निर्देश देना समाप्त कर दिया, इसलिए वह वहाँ से निकलकर उनके शहरों में शिक्षा देने और प्रचार करने के लिए निकल गया। 2 अब जब यूहन्ना ने मसीह के कार्यों के बारे में बन्दीगृह में सुना, तो उसने अपने शिष्यों के द्वारा एक सन्देश भेजा 3 और उससे कहा, "क्या तू ही आने वाला हैं, या क्या कोई और व्यक्ति है, जिसे हमें ढूँढना चाहिए? " (मत्ती 11:1-3 यूएलबी)

  • सामान्य जानकारी: - यह कहानी के एक नए भाग की आरम्भ है, जहाँ लेखक बताता है कि यीशु ने यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के शिष्यों को कैसी प्रतिक्रिया दी। (देखें: नई घटना का परिचय) यह नोट आपको एक कहानी के एक नए भाग की आरम्भ में सचेत करता है और आपको एक ऐसे पृष्ठ का सम्पर्क देता है, जो नई घटनाओं और उनके अनुवाद से सम्बन्धित विषयों के बारे में और अधिक बताता है।

कौन बोल रहा है

17 क्योंकि वह हम में से एक था और इस सेवाकाई के लाभों का उसको भाग प्राप्त हुआ था।” 18 (अब इस व्यक्ति ने अपने बुरे कार्य की कमाई के साथ एक खेत खरीदा। तब वह अपने सिर के बल गिर गया, और उसका शरीर फट गया, और उसके सारी आंतें बाहर निकल गए। 19 यह यरूशलेम में रहने वाले सभी लोगों को ज्ञात हो गया कि खेत को उनकी भाषा हकलदमा, अर्थात्, खून वाला खेत कहा जाता था।) (प्रेरितों 1:17-19 यूएलबी)

  • सम्पर्क स्थापित करते हुआ कथन: - पतरस विश्वासियों को अपना सन्देश देता रहता है, जिसे उसने प्रेरितों 1:16 में आरम्भ किया था। यह नोट आपको बताता है कि यह अभी भी पतरस ही है, जो वचन 17 में बोल रहा है ताकि आप अपनी भाषा में इसे सही तरीके से चिह्नित कर सकें।

व्यक्ति या वस्तु जिसे सर्वनाम यहाँ उद्धृत कर रहा है'

20 और यशायाह बड़े साहस के साथ और कहता है कि, "मैं उन लोगों के द्वारा पाया गया जिन्होंने मुझे नहीं खोजा था। मैं उन लोगों को दिखाई दिया जिन्होंने मुझे ढूँढा भी नहीं।” 21 परन्तु इस्राएल के लिए वह कहता है, "पूरे दिन मैं अपने हाथों को एक अनाज्ञाकारी और विरोधी लोगों की ओर फैलाए रहा।” (रोमियों 10:20-21 यूएलबी)

  • सामान्य जानकारी: - यहाँ शब्द "मैं," "मुझे," और "मेरा" परमेश्वर को उद्धृत करता है। यह नोट आपको यह बताता है कि सर्वनाम किसको सन्दर्भित करता है। आपको कुछ जोड़ने की आवश्यकता हो सकती है, ताकि पाठकों को पता चले कि यशायाह स्वयं के लिए बात नहीं कर रहा है, परन्तु परमेश्वर ने जो कहा है उसे उद्धृत कर रहा है।

महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि या निहित जानकारी

26 अब यहोवा के एक स्वर्गदूत ने फिलिप्पुस से कहा और कहा, "उठ और दक्षिण की ओर यरूशलेम से गाजा तक जाने वाली सड़क पर जा।" (यह सड़क एक रेगिस्तान में है।) 27 वह उठा और चला गया। देखो, इथियोपिया का एक व्यक्ति था, जो इथियोपियाई लोगों की रानी कन्दाके के अधीन बड़े अधिकार को पाए हुए एक अधिकारी था। वह उसके सारे खजाने का प्रभारी था। वह आराधना करने के लिए यरूशलेम आया था। 28 वह अपने रथ में लौट रहा था और बैठा हुआ था, और भविष्यद्वक्ता यशायाह को पढ़ रहा था। (प्रेरितों 8:26-28 यूएलबी)

  • सामान्य जानकारी: - यह फिलिप्पुस और इथियोपिया के व्यक्ति के बारे में कहानी की आरम्भ है। वचन 27 इथियोपिया के व्यक्ति के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी देता है। (देखें: पृष्ठभूमि) यह नोट आपको कहानी के एक नए भाग के आरम्भ और कुछ पृष्ठभूमि जानकारी के लिए सचेत करता है, ताकि आप इन बातों से अवगत रह सकें और इन बातों को दिखाने के तरीके का अपनी भाषा के तरीकों में उपयोग कर सकें। नोट में पृष्ठभूमि की जानकारी के बारे में पृष्ठ का एक सम्पर्क सम्मिलित है, ताकि आप इस तरह की जानकारी का अनुवाद कैसे करें के बारे में अधिक जान सकें।

परिभाषा के साथ नोट्स

This section answers the following question: जब मैं लेख में परिभाषा को देखता हूँ तो मैं उसे अनुवाद करने का क्या निर्णय लूँ?

विवरण

कभी-कभी आप नहीं जानते कि यूएलबी अनुवाद में क्या शब्द हैं। नोट्स में शब्द या वाक्यांश की एक परिभाषा या वर्णन हो सकता है, ताकि आपको यह समझने में सहायता मिल सके कि इसका क्या अर्थ है।

अनुवाद नोट्स के उदाहरण

शब्दों या वाक्यांशों की सरल परिभाषा उद्धरणों या वाक्य प्रारूप के बिना जोड़ दी जाती है। यहाँ उदाहरण दिए गए हैं:

यह बाजार में खेलने वाले बच्चों की तरह है, जो बैठते और एक-दूसरे को पुकारते और कहते हैं, "हमने तुम्हारे लिए बाँसुरी बजाई है।" (मत्ती 11:16-17 यूएलबी)

  • बाजार - एक बड़ा, खुला हवा वाला क्षेत्र होता है, जहाँ लोग अपने सामान बेचने के लिए आते हैं
  • बाँसुरी - एक लम्बा, खोखला संगीत वाद्य यंत्र होता है, जिसे ऊपर से लेकर नीचे तक हवा भरते हुए बजाया जाता है

जो लोग वैभवशाली कपड़ों को पहनते और विलासिता में रहते हैं, वे राजाओं के महलों (लूका 7:25 यूएलबी) में रहते हैं

  • राजाओं के महलों - एक बड़ा, महंगा घर जिसमें एक राजा रहता है

अनुवाद के सिद्धान्त

  • यदि सम्भव हो तो उन शब्दों का प्रयोग करें जो आपकी भाषा में पहले से ही हैं।
  • यदि सम्भव हो तो अभिव्यक्तियों को कम रखें।
  • परमेश्वर के आदेशों और ऐतिहासिक तथ्यों का सटीकता से प्रतिनिधित्व करते हैं।

अनुवाद की रणनीतियाँ

उन शब्दों या वाक्यांशों का अनुवाद करने के बारे में अधिक जानकारी के लिए अज्ञात का अनुवाद करें देखें जो आपकी भाषा में ज्ञात नहीं हैं।


वर्णन करने वाले नोट्स

This section answers the following question: जब मैं लेख में एक वर्णन देखूँ तो मैं उसे अनुवाद करने का क्या निर्णय लूँ?

विवरण

कभी-कभी आप नहीं जानते कि यूएलबी अनुवाद में किसी शब्द या वाक्यांश का क्या अर्थ है, और इसका उपयोग यूडीबी अनुवाद में भी किया जा सकता है। इस घटना में, यह नोट्स में समझाया जाएगा। ये स्पष्टीकरण शब्द या वाक्यांश को समझने में आपकी सहायता के लिए हैं। अपनी बाइबल में स्पष्टीकरणों का अनुवाद न करें। अर्थ को समझने में आपकी सहायता के लिए उनका उपयोग करें ताकि आप बाइबल के मूलपाठ का सही अनुवाद कर सकें।

अनुवाद नोट्स के उदाहरण

शब्दों या वाक्यांशों के बारे में सरल स्पष्टीकरण पूर्ण वाक्यों के रूप में लिखा जाता है। वे बड़े अक्षरों से आरम्भ होते हैं और एक विराम ("।") के साथ समाप्त होते हैं।

मछुआरे उनसे निकल गए थे और अपने जाल को धो रहे थे . (लूका 5:2 यूएलबी)

  • अपने जाल धो रहे थे - वे मछली पकड़ने के लिए पुन: उनका उपयोग करने के लिए अपने मछली पकड़ने वाले जाल की सफाई कर रहे थे। यदि आपको पता नहीं था कि मछुआरों ने मछली पकड़ने के लिए जाल का उपयोग किया था, तो आप सोच सकते हैं कि मछुआरे अपने जाल की सफाई क्यों कर रहे थे। यह स्पष्टीकरण आपको "धोने" और "जाल" के लिए अच्छे शब्दों को चुनने में सहायता दे सकता है।

उन्होंने अन्य नावों में सवार अपने साथियों को संकेतदिया (लूका 5:7 यूएलबी)

  • गति - वे तट से पुकारने के लिए बहुत दूर थे, इसलिए उन्होंने संकेत दिया, कदाचित् अपनी बाहों को लहराते हुए ऐसा किया। यह नोट आपको यह समझने में सहायता कर सकता है कि लोग किस प्रकार की संकेत बनाते हैं। यह एक संकेत था जिसे लोग दूरी से देखने में सक्षम रहे होंगे। यह आपको "संकेत" के लिए एक अच्छा शब्द या वाक्यांश चुनने में सहायता करेगा।

वह पवित्र आत्मा से भरा होगा, यहाँ तक कि जब वह अभी अपनी माता के गर्भ में ही होगा. (लूका 1:14 यूएलबी)

  • यहाँ तक कि अपनी माता के गर्भ में - शब्द "यहाँ तक कि" यहाँ इंगित करता है कि यह विशेष रूप से आश्चर्यजनक समाचार है। लोग पहले पवित्र आत्मा से भरे हुए थे, परन्तु किसी ने भी एक अज्ञात बच्चे को पवित्र आत्मा से भरने के बारे में नहीं सुना था। यह नोट आपको यह समझने में सहायता कर सकता है कि इस वाक्य में "यहाँ तक कि" शब्द का अर्थ क्या है, ताकि आप यह दिखाने का एक तरीका खोज सकें कि यह कितना अधिक आश्चर्यजनक था।

प्रयायवाची एवं समान कथनों के साथ नोट्स

This section answers the following question: जब मैं लेख में शब्दों को दो संबोधक चिन्हों में देखता हूँ तो मैं उसे अनुवाद करने का क्या निर्णय लूँ?

विवरण

कुछ नोट्स एक अनुवाद सुझाव को प्रदान करते हैं, जो यूएलबी अनुवाद में उद्धृत शब्द या वाक्यांश को प्रतिस्थापित कर सकता है। ये प्रतिस्थापन वाक्य के अर्थ को परिवर्तित किए बिना वाक्य में उपयुक्त हो सकते हैं। ये समानार्थी और समकक्ष वाक्यांश हैं और दोहरे-उद्धरणों में लिखे गए हैं। ये यूएलबी अनुवाद में दिए गए मूलपाठ के जैसे ही हैं। इस तरह का नोट आपको एक ही बात कहने के अन्य तरीकों के बारे में सोचने में सहायता कर सकता है, यदि यूएलबी अनुवाद में शब्द या वाक्यांश आपकी भाषा में स्वभाविक समतुल्यता को देता हुआ प्रतीत नहीं होता है।

अनुवाद नोट्स के उदाहरण

प्रभु के पथ को तैयार करें, (लूका 3:4 यूएलबी)

  • पथ - "मार्ग" या "सड़क"

इस उदाहरण में, शब्द "सड़क" या शब्द "मार्ग" यूएलबी अनुवाद में "पथ" शब्द को प्रतिस्थापित कर सकती है। आप निर्धारित कर सकते हैं कि आपकी भाषा में "मार्ग," "पथ" या "सड़क" कहना स्वाभाविक है या नहीं।

डीकन, वैसे ही , दो-मुँहे नहीं, अपितु सम्मानित होने चाहिए। (1 तीमुथियुस 3:8 यूएलबी)

  • डीकन, वैसे ही - "उसी तरह, डीकन" या "डीकन, पर्यवेक्षकों की तरह"

इस उदाहरण में, "उसी तरह, डीकन" या "डीकन, पर्यवेक्षकों की तरह" शब्द यूएलबी में "डीकन, वैसे ही" शब्दों को प्रतिस्थापित कर सकते हैं। आप, अनुवादक के रूप में, यह निर्धारित कर सकते हैं कि आपकी भाषा के लिए स्वभाविक क्या है।


वैकल्पिक अनुवाद (AT) वाले नोट्स

This section answers the following question: जब मैं लेख में ‘‘AT:’’ को देखता हूँ तो मैं उसे अनुवाद करने का क्या निर्णय लूँ?

विवरण

यदि लक्षित भाषा प्राथमिकता देती है या इसे किसी भिन्न रूप अर्थात् ढ़ाचें की आवश्यकता होती है तो यूएलबी अनुवाद के रूप को परिवर्तित करने का एक वैकल्पिक तरीका है। वैकल्पिक अनुवाद का उपयोग केवल तभी किया जाना चाहिए जब यूएलबी अनुवाद का रूप अर्थात् ढ़ांचा या सामग्री गलत अर्थ दे, या अस्पष्ट या अस्वभाविक हो। उदाहरण के लिए, वैकल्पिक अनुवाद के सुझाव में अन्तर्निहित जानकारी स्पष्ट रूप से, कर्म वाच्य से कर्ता वाच्य में परिवर्तित करते हुए बताई जा सकती है, या कथन के रूप में भाषणगत प्रश्नों को पुन: प्रस्तुत करना सम्मिलित होता है। नोट्स अक्सर समझाते हैं कि वैकल्पिक अनुवाद क्यों होता है और उसका पृष्ठ के साथ सम्पर्क होता है, जो विषय की व्याख्या करता है।

अनुवाद नोट्स के उदाहरण

"AT:" इंगित करता है कि यह एक वैकल्पिक अनुवाद है। कुछ उदाहरण निम्न दिए गए हैं:

अस्पष्ट जानकारी को स्पष्ट करना

यह मादियों और फारसियों का कानून है, कि ऐसा कोई राजाज्ञा या विधान नहीं है, जिस से राजा के राजपत्र को बदला जा सकता है . (दानिय्येल 6:15 यूएलबी)

  • कोई राजाज्ञा...नहीं बदली जा सकता है - समझ पाने में सहायता के लिए यहाँ एक अतिरिक्त वाक्य जोड़ा जा सकता है।

वैकल्पिक अनुवाद "कोई राजाज्ञा नहीं बदली जा सकती है। इसलिए उन्हें दानिय्येल को सिंहों के गड्ढे में फेंक देना चाहिए।” (देखें: स्पष्ट)

अतिरिक्त वाक्य दिखाता है कि वक्ता चाहता था कि राजा अपने स्मरणपत्र से समझ प्राप्त कर सके कि राजा की राजाज्ञा और विधानों को नहीं बदला जा सकता है। अनुवादकों को अनुवाद में स्पष्ट रूप से कुछ बातों को बताने की आवश्यकता हो सकती है, जिसे मूल वक्ता या लेखक बिना कहे हुए या अस्पष्ट छोड़ देता है।

कर्म वाच्य से कर्ता वाच्य में परिवर्तन करना

जो पवित्र आत्मा की निन्दा करता है, उसे क्षमा नहीं किया जाएगा . (लूका 12:10 यूएलबी)

  • उसे क्षमा नहीं किया जाएगा - इसे एक सक्रिय क्रिया के साथ व्यक्त किया जा सकता है।

वैकल्पिक अनुवाद: परमेश्वर उसे क्षमा नहीं करेगा।

इसे एक क्रिया का उपयोग करके सकारात्मक तरीके से भी व्यक्त किया जा सकता है अर्थात् "क्षमा करना" के विपरीत को व्यक्त करना।

वैकल्पिक अनुवाद

"परमेश्वर उसे सदैव के लिए दोषी मानेगा" (देखें: कर्ता से कर्म वाच्य)

यह नोट उदाहरण देता है कि अनुवादक कैसे इस कर्म वाची वाक्य का अनुवाद कर सकते हैं, यदि उनकी भाषा कर्म वाची वाक्य का उपयोग नहीं करती है।

भाषणगत प्रश्न

हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सता रहा है? (प्रेरितों 9:4 यूएलबी)

  • तू मुझे क्यों सता रहा है? - यह भाषणगत प्रश्न शाऊल को ताड़ना दिए जाने को संचारित करता है।

कुछ भाषाओं में, एक कथन अधिक स्वभाविक होगा (वैकल्पिक अनुवाद):

"तू मुझे सता रहा है!" या एक आदेश (वैकल्पिक अनुवाद):

"मुझे सताना बन्द करो!" (देखें: भाषणगत प्रश्न)

यदि आपकी भाषा किसी को ताड़ना देने के लिए भाषणगत प्रश्न के उसी रूप का उपयोग नहीं करती है तो यहाँ दिया गया अनुवाद सुझाव (वैकल्पिक अनुवाद) भाषणगत प्रश्न का अनुवाद करने का एक वैकल्पिक तरीका प्रदान करता है।


UDB के उद्धरण को शामिल करने वाले नोट्स

This section answers the following question: कुछ अनुवाद नोट्स में UDB से उद्धरण चिन्ह क्यों लिए होते हैं?

विवरण

कभी-कभी एक नोट यूडीबी अनुवाद से अनुवाद का सुझाव देता है। उस घटना में यूडीबी के मूलपाठ का पालन दी गई बातों से किया जाएगा “(यूडीबी)।"

अनुवाद नोट्स के उदाहरण

वह जो आकाश में बैठता है उन पर व्यंग्य कसेगा (भजन 2:4 यूएलबी) परन्तु वह जो स्वर्ग में अपने सिंहासन पर बैठता है उन पर हँसता है (भजन 2:4 यूडीबी)

इस वचन के लिए नोट यह कहता है कि:

  • आकाश में बैठता है - यहाँ बैठना शासन का प्रतिनिधित्व करता है। वह जो बैठता है, इसे स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है। वैकल्पिक अनुवाद "स्वर्ग से शासन करता है" या "स्वर्ग में अपने सिंहासन पर बैठता है" (यूडीबी) (देखें: उपलक्ष्य अलंकार और [स्पष्ट])

यहाँ 'आकाश में बैठता है' वाक्यांश के लिए सुझाए गए दो अनुवाद हैं। पहला स्पष्ट रूप से व्यक्त करता है कि जो "स्वर्ग में बैठता है" वह क्या दर्शाता है। दूसरा स्पष्ट रूप से बताए गए निर्णयों के विचार के बारे में एक संकेत देता है कि वह अपने "सिंहासन" पर बैठता है। यह सुझाव यूडीबी अनुवाद से है।

जब उसने यीशु को देखा, वह अपने मुँह के बल गिर गया . (लूका 5:12 यूएलबी) जब उसने यीशु को देखा, वह भूमि पर झुक गया . (लूका 5:12 यूडीबी)

इस वचन के लिए नोट यह कहता है कि:

  • वह अपने मुँह के बल गिर गया - "उसने घुटने टेककर अपने मुँह से भूमि को छुआ" या "वह भूमि पर झुक गया" (यूडीबी) यहाँ यूडीबी अनुवाद के शब्दों को एक और अनुवाद के सुझाव के रूप में प्रदान किया गया है।

वैकल्पिक अर्थ वाले नोट्स

This section answers the following question: कुछ अनुवाद नोट्स में संख्याबद्ध अनुवाद के सुझाव क्यों होते हैं?

विवरण

वैकल्पिक अर्थ यह है कि जब बाइबल के विद्वानों के पास कोई शब्द या वाक्यांश का अर्थ होता है, तो समझ भिन्न होती है। नोट में यूएलबी अनुवाद का मूलपाठ होगा जो "दिए गए संभावित अर्थ" शब्दों के साथ आरम्भ होना वाला एक स्पष्टीकरण के साथ होगा। अर्थों को गिना जाता है, और पहला वही होता है, जिसे बाइबल के अधिकांश विद्वान सही मानते हैं।

यदि कोई अर्थ इस तरह दिया जाता है कि इसे अनुवाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है, तो इसके आस-पास उद्धरण चिह्न होंगे। अनुवादक को यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि किस अर्थ का अनुवाद करना है। अनुवादक पहले अर्थ का चयन कर सकते हैं, या वे अन्य अर्थों में से एक चुन सकते हैं यदि उनके समुदाय के लोग दूसरे बाइबल संस्करण का उपयोग करते हैं और उनका सम्मान करते हैं।

अनुवाद नोट्स के उदाहरण

परन्तु उनसे बाल की एक छोटी गिनती को लें और उन्हें अपने वस्त्र की छोर में बांध दे। (यहेजकेल 5:3 यूएलबी)

  • अपने वस्त्र की छोर - संभावित अर्थ 1) "आपकी बाहों का कपड़ा" ("आपका छोर") (यूडीबी अनुवाद) या 2) "आपके वस्त्र के कपड़े का अन्तिम भाग" ("आपका आँचल ") या 3) परिधान का किनारा जहाँ इसे कमरबन्द के साथ बांधा जाता है। इस नोट में यूएलबी मूलपाठ के बाद आने वाले तीन संभावित अर्थ दिए गए हैं।

"आपके कपड़ों का छोर" के द्वारा अनुवादित शब्द का अर्थ वस्त्र के ढीले भागों को दर्शाता है। अधिकांश विद्वानों का मानना ​​है कि यह यहाँ किनारे को सन्दर्भित करता है, परन्तु यह नीचे के ढीले भाग को भी दिखा सकता है या कमरबन्द के आस-पास के बीच का किनारा भी हो सकता है।

परन्तु शिमौन पतरस, ने जब उसे देखा तो वह, यीशु के घुटनों पर गिर गया (लूका 5:8 यूएलबी)

  • यीशु के घुटनों पर गिर गया - संभावित अर्थ 1) "यीशु के सामने घुटने टिका दिए" या 2) "यीशु के पैरों के सामने झुक गया" या 3) "यीशु के चरणों में भूमि पर लेट गया।"

पतरस दुर्घटनावश नहीं गिरा था। उसने ऐसा यीशु के लिए विनम्रता और सम्मान के संकेत के रूप में किया था। यह नोट बताता है कि "यीशु के घुटनों पर गिरने" का क्या अर्थ हो सकता है। पहला अर्थ सबसे अधिक सही है, परन्तु अन्य अर्थ भी सम्भव हैं। यदि आपकी भाषा में एक ऐसी सामान्य अभिव्यक्ति नहीं है, जिसमें इन तरह के विभिन्न कार्यों को सम्मिलित किया जा सकता है, तो आपको इन संभावनाओं में से एक को चुनने की आवश्यकता हो सकती है, जिसे शिमौन पतरस ने विशेष रूप से वर्णन किया था। यह सोचने में भी सहायतापूर्ण है कि शिमौन पतरस ने ऐसा क्यों किया, और किस तरह की कार्यवाही आपकी संस्कृति में नम्रता और सम्मान के समतुल्य दृष्टिकोण को संचारित करेगी।


संभावित अर्थों के साथ नोट्स

This section answers the following question: जब मैं लेख में ‘‘संभव’ शब्द को देखता हूँ तो मैं उसे अनुवाद करने का क्या निर्णय लूँ?

विवरण

कभी-कभी बाइबल के विद्वान निश्चित रूप से नहीं जानते हैं, या इस बात पर सहमत नहीं होते हैं, बाइबल में एक विशेष वाक्यांश या वाक्य का क्या अर्थ है।

इसके कुछ कारणों में निम्न बातें सम्मिलित हैं:

  1. प्राचीन बाइबल के मूलपाठों में थोड़ा सी भिन्नताएँ हैं।
  2. एक शब्द के एक से अधिक अर्थ या उपयोग हो सकते हैं।
  3. यह स्पष्ट नहीं हो सकता है कि एक शब्द (जैसे सर्वनाम) किसी विशेष वाक्यांश में क्या सन्दर्भित करता है।

अनुवाद नोट्स के उदाहरण

जब कई विद्वान कहते हैं कि एक शब्द या वाक्यांश का अर्थ एक ही बात है, और कई अन्य कहते हैं कि इसका अर्थ अन्य बातों से हैं, तो हम सबसे सामान्य अर्थ को दिखाते हैं, जिसे वे देते हैं। ऐसी परिस्थितियों में हमारे नोट "संभावित अर्थ हैं" के साथ आरम्भ होते हैं और फिर क्रमांकित सूची को प्रदान करते हैं।

हम अनुशंसा करते हैं कि आप दिए गए पहले अर्थ का उपयोग करें। यद्यपि, यदि आपके समुदाय के लोगों के पास किसी अन्य बाइबल तक पहुँच है, जो किसी अन्य संभावित अर्थों में से किसी एक का उपयोग करती है, तो आप यह निर्धारित कर सकते हैं कि क्या उस अर्थ का उपयोग करना सर्वोत्तम तरीका है।

परन्तु शमौन पतरस, ने जब उसे देखा तो, यीशु के घुटनों पर गिर गया यह कहते हुए कि, "मुझ से दूर जा, क्योंकि हे प्रभु, मैं एक पापी मनुष्य हूँ।" (लूका 5:8 यूएलबी)

  • यीशु के घुटनों पर गिर गया - संभावित अर्थ 1) "यीशु के सामने घुटने टिका दिए" या 2) "यीशु के पैरों के सामने झुक गया" या 3) "यीशु के चरणों में भूमि पर लेट गया।" पतरस दुर्घटनावश नहीं गिरा था। उसने ऐसा यीशु के लिए विनम्रता और सम्मान के संकेत के रूप में किया था।

अनुवाद की रणनीतियाँ

  1. इसे इस तरह से अनुवाद करें कि पाठक इसके अर्थ को एक संभावना के रूप में समझ सके।
  2. यदि आपकी भाषा में ऐसा करना सम्भव नहीं है, तो एक अर्थ चुनें और उस अर्थ के साथ इसका अनुवाद करें।
  3. यदि किसी अर्थ को न चुनना पाठकों के लिए सामान्य रूप से समझने में कठिनाई को उत्पन्न करेगा, तो एक अर्थ चुनें और उस अर्थ के साथ इसका अनुवाद करें।

अलंकार के शब्दों को पहचानने वाले नोट्स

This section answers the following question: कैसे पता लगेगा कि अनुवाद नोट्स अलंकार है या नही?

विवरण

अंलकार उन बातों को कहने के तरीके होते हैं, जो गैर-शाब्दिक तरीकों से शब्दों का उपयोग करते हैं। अर्थात्, अंलकार का अर्थ अपने शब्दों के अधिक प्रत्यक्ष अर्थ के समतुल्य नहीं होता है। अंलकार भिन्न प्रकारों के होते हैं। अनुवाद नोट्स में विद्यमान अंलकार के अर्थ के बारे में एक स्पष्टीकरण होगा, जो कि सन्दर्भ में है। कभी-कभी वैकल्पिक अनुवाद प्रदान किया जाता है।

इसे "एटी" के रूप में चिह्नित किया गया है, जो "वैकल्पिक अनुवाद" शब्दों के आरम्भिक अक्षर हैं। ट्रैन्स्लेशनअकैडमी (टीए) के एक पृष्ठ का एक सम्पर्क भी होगा, जो उस तरह के अंलकार के लिए अतिरिक्त जानकारी और अनुवाद रणनीतियों को प्रदान करता है। अर्थ का अनुवाद करने के लिए, आपको अंलकार को पहचानने और स्रोत भाषा में इसका अर्थ क्या है, का पता लगाने में सक्षम होना चाहिए। तत्पश्चात् आप लक्षित भाषा में वही अर्थ संचारित करने के लिए या तो अंलकार को या प्रत्यक्ष तरीके को चुन सकते हैं।

अनुवाद नोट्स के उदाहरण

कई लोग मेरे नाम पर आएंगे और कहेंगे, 'मैं वह हूँ,' और वे कईयों को भटक देंगे। (मरकुस 13:6 यूएलबी)

  • मेरे नाम में - इसके संभावित अर्थ 1) वैकल्पिक अनुवाद "मेरे अधिकार का दावा करेंगे" या 2) "यह दावा करेंगे कि परमेश्वर ने उन्हें भेजा है।" (देखें: उपलक्ष्य अलंकार और [मुहावरे])

इस नोट में अंलकार को उपलक्ष्य अलंकार कहा जाता है। "मेरे नाम में" वाक्यांश वक्ता के नाम (यीशु) को नहीं, अपितु उसके व्यक्तित्व और अधिकार को सन्दर्भित करता है। नोट दो वैकल्पिक अनुवादों को देकर इस सन्दर्भ में उपलक्ष्य अलंकार को बताता है। उसके बाद, उपलक्ष्य अलंकार के बारे में टीए पृष्ठ पर एक सम्पर्क दिया गया है। उपलक्ष्य अलंकारों को अनुवाद करने के लिए उपलक्ष्य अलंकार और सामान्य रणनीतियों के बारे में जानने के लिए सम्पर्क पर क्लिक करें। क्योंकि यह वाक्यांश भी एक सामान्य मुहावरा है, नोट में टीए पृष्ठ का एक सम्पर्क सम्मिलित है जो मुहावरे को बताता है।

" हे सांपो की सन्तान ! आने वाले क्रोध से भागने के लिए तुम्हें किसने चेतावनी दी? (लूका 3:7 यूएलबी)

  • हे सांपो की सन्तान - इस रूपक में, यूहन्ना भीड़ की तुलना सांपों से करता है, जो घातक या खतरनाक सांप होते थे और बुराई का प्रतिनिधित्व करते हैं। वैकल्पिक अनुवाद: "तुम बुरे जहरीले सांप हो" या "लोगों को तुम से दूर रहना चाहिए जैसे वे जहरीले सांपों से बचते हैं" (देखें: रूपक)

इस नोट में अंलकार को रूपक कहा जाता है। नोट रूपक को समझाता है और दो वैकल्पिक अनुवादों को प्रदान करता है। उसके बाद, रूपकों के बारे में टीए पृष्ठ पर एक सम्पर्क दिया गया है। अनुवादकों के लिए रूपकों और सामान्य रणनीतियों के बारे में जानने के लिए सम्पर्क पर क्लिक करें।


प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष उद्धरणों को पहचानने वाले नोट्स

This section answers the following question: अनुवाद नोट्स की मदद से मैं प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष संबोधक चिन्हों का अनुवाद कैसे कर सकता हूँ?

विवरण

दो प्रकार के उद्धरण: प्रत्यक्ष उद्धरण और अप्रत्यक्ष उद्धरण होते हैं। उद्धरण का अनुवाद करते समय, अनुवादकों को यह निर्धारित करने की आवश्यकता होती है कि इसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में अनुवाद करना है या नहीं। (देखें: प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उद्धरण)

जब यूएलबी अनुवाद में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उद्धरण आता है, तो नोट्स के पास अन्य प्रकार के उद्धरण के रूप में अनुवाद करने का विकल्प हो सकता है। अनुवाद सुझाव "प्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में अनुवादित किया जा सकता है:" या "इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में अनुवादित किया जा सकता है:" और इसके बाद उस तरह के उद्धरण के साथ इसका सुझाव दिया जा सकता है। इसके बाद "प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उद्धरण" नामक सूचना पृष्ठ का एक सम्पर्क होगा, जो दोनों प्रकार के उद्धरणों की व्याख्या करता है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उद्धरणों के बारे में एक नोट हो सकता है, जब उद्धरण के भीतर एक और उद्धरण होता है, क्योंकि ये भ्रम उत्पन्न कर सकते हैं। कुछ भाषाओं में इन उद्धरणों में से एक को प्रत्यक्ष उद्धरण और दूसरे को अप्रत्यक्ष उद्धरण के साथ अनुवाद करना अधिक स्वाभाविक हो सकता है। नोट "उद्धरणों के भीतर उद्धरण नामक सूचना पृष्ठ एक सम्पर्क के साथ समाप्त होगा।"

अनुवाद नोट्स के उदाहरण

उसने उसे निर्देश दिया कि किसी को न बताए (लूका 5:14 यूएलबी)

  • किसी को न बताए - इसका अनुवाद प्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में किया जा सकता है: "किसी को मत बताओ" निहित जानकारी है, जिसे स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है (एटी): "किसी को भी यह न बताएँ कि तू ठीक हो गया हैं" (देखें: प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उद्धरण और [पदलोप])

यहाँ अनुवाद नोट दिखाता है कि अप्रत्यक्ष उद्धरण को प्रत्यक्ष उद्धरण में कैसे परिवर्तित किया जाए, यदि यह लक्षित भाषा में स्पष्ट या अधिक स्वभाविक होते हैं।

कटनी के समय मैं काटने वालों से कहूँगा, "पहले खरबूजे खींचें और उन्हें जलाने के लिए बंडलों में बांधें, परन्तु गेहूं को मेरे बर्न में इकट्ठा करें ." (मत्ती 13:30 यूएलबी)

  • मैं काटने वालों से कहूँगा, "सबसे पहले खरपतवार को निकालें और उन्हें जलाने के लिए गाँठों में बांधें, परन्तु गेहूं को मेरे खत्तों में इकट्ठा करें" - आप इसे अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में अनुवाद कर सकते हैं: "मैं सबसे पहले खरपतवार इकट्ठा करने के लिए काटनेवालों को बता दूँगा और उन्हें जलाने के लिए गाँठों में बांध दूँगा, फिर गेहूं को मेरे खत्तों में इकट्ठा करूँगा।" (देखें: प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उद्धरण)

यहाँ अनुवाद नोट दिखाता है कि प्रत्यक्ष उद्धरण को अप्रत्यक्ष उद्धरण में कैसे परिवर्तित किया जाए, यदि यह लक्षित भाषा में स्पष्ट या अधिक स्वभाविक होता हैं।


ULB कथनों के साथ नोट्स

This section answers the following question: कुछ अनुवाद नोट्स पिछले लेख को दोहराते हूए क्यों प्रतीत होते हैं?

विवरण

कभी-कभी एक वाक्यांश के लिए नोट्स होते हं और उस वाक्यांश के अंशों के लिए भिन्न नोट्स होते हैं। इस स्थिति में, बड़े वाक्यांश की पहले, और तत्पश्चात् अंश की व्याख्या की जाती है।

अनुवाद नोट्स के उदाहरण

परन्तु यह तेरी कठोरता और अपश्चातापी मन की सीमा तक है कि तू अपने लिए क्रोध के दिन के लिए क्रोध को इक्ट्ठा कर रहा है (रोमियों 2:5 यूएलबी)

  • परन्तु यह तेरी कठोरता और अपश्चातापी मन की सीमा तक है - पौलुस एक ऐसे व्यक्ति की तुलना करने के लिए एक रूपक का उपयोग करता है जो परमेश्वर की आज्ञा को पत्थर के जैसे कठोर मानते हुए पालन करने से इन्कार कर देता है। वह पूरे व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करने के लिए "मन" के लिए उपलक्ष्य अंलकार का भी उपयोग करता है।

वैकल्पिक अनुवाद

"ऐसा इसलिए है, क्योंकि तू सुनने और पश्चाताप करने से इन्कार करता है" (देखें: रूपक और [उपलक्ष्य अलंकार])

  • कठोरता और अपश्चातापी मन - वाक्यांश "अपश्चातापी मन" शब्द "कठोरता" की व्याख्या करता है (देखें: दोहराव) इस उदाहरण में पहला नोट रूपक और उपलक्ष्य अलंकार की व्याख्या करता है, और दूसरा उसी सन्दर्भ में दोहराव को बताता है।

शब्दों के अनुवाद संसाधन का उपयोग करना

This section answers the following question: शब्दों का अनुवाद संसाधन मुझे सर्वोत्तम अनुवाद बनाने में कैसे सहायता कर सकता है?

शब्दों का अनुवाद

अनुवादक का यह कर्तव्य है कि वह अपनी योग्यता के अनुसार, यह सुनिश्चित करे कि बाइबल का प्रत्येक सन्दर्भ जिसका वह अनुवाद करता है, का वही अर्थ हो जिसे उस सन्दर्भ का लेखक सम्प्रेषित करने की मंशा रखता है।

ऐसा करने के लिए, उसे बाइबल के विद्वानों के द्वारा अनुवाद की सहायता के लिए तैयार की सहायता का अध्ययन करने की आवश्यकता होगी, जिसमें शब्दों का अनुवाद संसाधन भी सम्मिलित हैं।

शब्दों का अनुवाद संसाधन का उपयोग करने के लिए, इन चरणों का पालन करें:

  1. स्रोत पाठ में महत्वपूर्ण शब्दों और किसी भी शब्द को पहचानें जो अस्पष्ट या समझने में कठिन हैं।
  2. "शब्दों का अनुवाद" नामक खण्ड को देखें।
  3. उन शब्दों को ढूंढें जिन्हें आपने महत्वपूर्ण या कठिन के रूप में पहचाना है, और सबसे पहले के ऊपर क्लिक करें।
  4. उस शब्द के लिए शब्दों के अनुवाद संसाधन प्रविष्ट को पढ़ें।
  5. परिभाषा पढ़ने के बाद, शब्दों के अनुवाद संसाधन में पढ़ी गई परिभाषा के बारे में सोचते हुए, उस बाइबल सन्दर्भ को एक बार फिर से पढ़ें।
  6. अपनी भाषा में उस शब्द का अनुवाद करने के संभावित तरीकों के बारे में सोचें, जो बाइबल के सन्दर्भ और परिभाषा के अनुरूप हों। यह आपकी भाषा में उन शब्दों और वाक्यांशों की तुलना करने में सहायक हो सकता है, जिनके समान अर्थ हैं, और प्रत्येक को जाँच करें।
  7. आपको जो सबसे अच्छा लगता है, उसे चुनें और उसे लिख लें।
  8. आपके द्वारा पहचाने गए अन्य शब्दों का अनुवाद के लिए उपरोक्त चरणों को दोहराएँ।
  9. जब आपने एक अच्छे अनुवाद के लिए शब्दों के अनुवाद संसाधन में से प्रत्येक के बारे में सोच लिया है, तो पूरे सन्दर्भ का अनुवाद करें।
  10. दूसरों के सामने इसे पढ़कर आपके द्वारा अनुवादित सन्दर्भ की जाँच करें। उन स्थानों को एक भिन्न शब्द या वाक्यांश में परिवर्तन करें जहाँ दूसरे लोगों को अर्थ समझ में नहीं आता है।

एक बार जब आपको शब्दों के अनुवाद संसाधन के लिए एक अच्छा अनुवाद मिल जाता है, तो आपको इसका उपयोग पूरे अनुवाद में निरन्तर करना चाहिए। यदि आपको कोई ऐसी स्थान मिलता है, जहाँ वह अनुवाद अपने सही रूप में नहीं होता है, तो इसी प्रक्रिया के माध्यम से फिर से सोचें। यह हो सकता है कि समान अर्थ वाला एक शब्द नए सन्दर्भ में सर्वोत्तम रूप से सही रूप में आ जाए। शब्दों के अनुवाद संसाधन में से अनुवाद करने के लिए आप जिस प्रत्येक शब्द या शब्दों का उपयोग कर रहे हैं, उस पर दृष्टि बनाए रखें और यह जानकारी सभी अनुवाद समूह को उपलब्ध कराएँ। इससे प्रत्येक अनुवाद समूह को सभी लोगों को यह जानने में सहायता मिलेगी कि उन्हें किन शब्दों का उपयोग करना चाहिए।

अज्ञात विचार

कभी-कभी शब्दों का अनुवाद संसाधन किसी ऐसी वस्तु या परम्परा को सन्दर्भित करता है, जो लक्ष्य भाषा में अज्ञात होती है। इसका संभावित समाधान एक वर्णनात्मक वाक्यांश का उपयोग करना, कुछ इसी तरह का विकल्प देना, किसी अन्य भाषा से विदेशी शब्द का उपयोग करना, अधिक सामान्य शब्द का उपयोग करना या अधिक विशिष्ट शब्दों का उपयोग करना है।

अधिक जानकारी के लिए अनुवाद अज्ञात पर दिए हुए अध्याय को देखें। एक प्रकार का 'अज्ञात विचार' वे शब्द होते हैं, जो यहूदी और मसीही धार्मिक रीति-रिवाजों और मान्यताओं का उल्लेख करते हैं।

कुछ सामान्य अज्ञात विचार निम्नलिखित हैं:

स्थानों के नाम जैसे:

  • मन्दिर (एक भवन जहाँ इस्राएलियों ने परमेश्वर को बलिदान चढ़ाया)
  • आराधनालय (एक भवन जहाँ यहूदी लोग परमेश्वर की आराधना करने के लिए इकट्ठा होते हैं)
  • बलिदान की वेदी (एक उठा हुआ ढाँचा, जिसके ऊपर बलिदान को परमेश्वर के लिए उपहार, या भेंट के रूप में जलाया जाता था।)

ऐसे लोगों की उपाधियाँ जो एक पद पर बैठे हुए हैं जैसे:

  • याजक (कोई व्यक्ति जो अपने लोगों की ओर से परमेश्वर को बलिदान देने के लिए चुना जाता है)
  • फरीसी (यीशु के समय में इस्राएल के धार्मिक अगुवों का महत्वपूर्ण समूह)
  • भविष्यद्वक्ता (वह व्यक्ति जो उन सन्देशों को देता है, जो सीधे परमेश्वर की ओर से आते हैं)
  • मनुष्य का पुत्र
  • परमेश्वर का पुत्र
  • राजा (एक आत्मनिर्भर शहर, राज्य या देश का शासक)।

बाइबल की मुख्य अवधारणाएँ जैसे:

  • क्षमा करना (उस व्यक्ति से ईर्ष्या न करना और उसे ठेस पहुँचाने के लिए उससे क्रोधित न होना, जिसने आपको ठेस पहुँचाई है)
  • मुक्ति (बचाया जाना या बुराई, शत्रुओं, या खतरे से से बचा लिया जाना)
  • छुटकारा (पहले से स्वामित्व वाली कोई वस्तु को खरीदना या उसे जो किसी की कैद में है, की एक गतिविधि)
  • दया (आवश्यकता में पड़े हुओं लोगों की सहायता करना)
  • अनुग्रह (सहायता या वह सम्बन्ध जो उस व्यक्ति को दिया जाता है, जिसने इसे अर्जित नहीं किया है)

ध्यान दें कि ये सभी संज्ञाएँ हैं, परन्तु वे घटनाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं, इसलिए उन्हें (क्रिया) वाक्यांश के द्वारा ही अनुवादित करने की आवश्यकता हो सकती है। आपको अनुवाद समूह के अन्य सदस्यों या अपनी कलीसिया या गाँव के लोगों के साथ शब्दों के अनुवाद संसाधन की इन परिभाषाओं की चर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है, ताकि उन्हें अनुवाद करने का सबसे अच्छा तरीका पता चले।


अनुवाद प्रश्नों का उपयोग

This section answers the following question: अनुवाद प्रश्न की मदद से मैं अपने अनुवाद को बेहतर कैसे बना सकता हूँ?

यह अनुवादक का कर्तव्य है, कि अपनी सर्वोत्तम योग्यता के अनुसार, यह सुनिश्चित करे कि प्रत्येक बाइबल सन्दर्भ जिस का वह अनुवाद करता है, उसका अर्थ वही है, जैसा उस सन्दर्भ के लेखक ने उसे संचारित करने का मंशा से लिखा था।

ऐसा करने के लिए, अनुवाद के सहायता की आवश्यकता होगी, जिसे अनुवाद प्रश्नों सहित बाइबल के विद्वानों के द्वारा तैयार किया गया है।

अनुवाद प्रश्न (टीक्यू) यूएलबी अनुवाद के मूलपाठ के ऊपर आधारित हैं, परन्तु इनका उपयोग किसी भी बाइबल अनुवाद की जाँच के लिए किया जा सकता है।

वे बाइबल की विषय वस्तु के बारे में प्रश्न पूछते हैं, जिसे परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि ये भिन्न भाषाओं में अनुवादित की गई है। प्रत्येक प्रश्न के साथ, टीक्यू उस प्रश्न के लिए एक सुझाए गए उत्तर को प्रदान करता है।

आप अपने अनुवाद की सटीकता की जाँच करने के लिए प्रश्नों और उत्तरों की इन सूचियों का उपयोग कर सकते हैं, और आप उन्हें भाषा समुदाय के सदस्यों के साथ भी उपयोग कर सकते हैं। सामुदायिक जाँच के दौरान टीक्यू का उपयोग करने से अनुवादक को यह पता चल जाएगा कि लक्षित भाषा अनुवाद सही बात को स्पष्ट रूप से संचारित कर रहा है या नहीं। यदि समुदाय के सदस्य बाइबल के अध्याय के अनुवाद को सुनने के बाद प्रश्नों का सही उत्तर देते हैं, तो अनुवाद स्पष्ट और सटीक है।

टीक्यू के साथ अनुवाद को जाँचना

स्व-जाँच करते समय टीक्यू का उपयोग करने के लिए, इन चरणों का पालन करें:

  1. बाइबल के एक सन्दर्भ, या अध्याय का अनुवाद करें।
  2. "प्रश्न" नामक खण्ड को देखें।
  3. उस सन्दर्भ के लिए प्रश्न प्रविष्टि को पढ़ें।
  4. अनुवाद से उत्तर के बारे में सोचो। जो कुछ आप अन्य बाइबल अनुवादों से जानते हैं, उससे उत्तर न देने का प्रयास करें।
  5. उत्तर प्रदर्शित करने के लिए प्रश्न पर क्लिक करें।
  6. यदि आपका उत्तर सही है, तो आपने एक अच्छा अनुवाद किया है। परन्तु स्मरण रखें, आपको अभी भी भाषा समुदाय के साथ अनुवाद की परीक्षा करने की आवश्यकता, यह देखने के लिए कि क्या यह दूसरों को समतुल्य अर्थ संचारित करता है। समुदायिक जाँच के लिए टीक्यू का उपयोग करने के लिए, इन चरणों का पालन करें:
  7. समुदाय के एक या अधिक सदस्यों को बाइबल के अध्याय के नए पूर्ण अनुवाद को पढ़कर कर सुनाएँ।
  8. श्रोताओं को केवल इस अनुवाद के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए कहें और बाइबल के अन्य अनुवादों से वे जो कुछ जानते हैं, उसका उपयोग न करें। यह लोगों की नहीं, अनुवाद की परीक्षा है। यही वह कारण है कि क्यों उन लोगों के साथ अनुवाद की जाँच करना जो बाइबल को अच्छी तरह से नहीं जानते हैं, बहुत अधिक उपयोगी है।
  9. “प्रश्न” नामक खण्ड को देखें।
  10. उस अध्याय के लिए पहली प्रश्न प्रविष्टि को पढ़ें।
  11. समुदाय के सदस्यों से प्रश्न का उत्तर देने के लिए कहें। केवल अनुवाद से ही उत्तर के बारे में सोचने के लिए उन्हें स्मरण दिलाएँ।
  12. उत्तर को प्रदर्शित करने के लिए प्रश्न पर क्लिक करें। यदि समुदाय के सदस्य का उत्तर प्रदर्शित उत्तर के जैसा ही है, तो अनुवाद सही बात को स्पष्ट रूप से संचारित कर रहा है। यदि व्यक्ति प्रश्न का उत्तर नहीं दे सकता है या उत्तर गलत बताता है, तो अनुवाद अच्छी तरह से संचारित नहीं हो रहा है और इसे परिवर्तित करने की आवश्यकता हो सकती है।
  13. अध्याय को शेष प्रश्नों के साथ आगे बढ़ाएँ।

लेखों के भेद

This section answers the following question: ULB में छूटे अथवा अतिरिक्त पद क्यों होते हैं और क्या मैं उनका अनुवाद करूँ?

विवरण

हजारों वर्ष पहले, लोगों ने बाइबल की पुस्तकों को लिखा था। उसके बाद अन्य लोगों ने हाथों से उनकी नकल बनाईं और उनका अनुवाद किया। उन्होंने यह काम बहुत ही अधिक सावधानी से किया, और कई वर्षों तक कई लोगों ने हजारों प्रतियाँ बनाईं। तथापि,जिन लोगों ने उनका पुनरावलोकन किया, उन्होंने पाया कि उनमे कुछ छोटी-छोटी भिन्नाताएँ थीं। कुछ लिपिकों ने गलती से कुछ शब्दों को छोड़ दिया था या कुछ वैसे ही दिखने वाले अन्य शब्द के भ्रम में पढ़ गए। यदा-कदा उन्होंने कुछ शब्द वरन पूर्अण वाक्य भी अपनी ओर से जोड़ दिए जो या तो संयोगवश था या वे किसी बात को समझाना चाहते थे। आज की बाईबल प्रतियां इन्ही प्राचीन लिपिओं का अनुवाद हैं| आज की  कुछ बाईबल प्रतियों में इन अतिरिक्त वाक्यों को रखा गया है| ULT में, इन अतिरिक्त वाक्यों को प्रायः पाद टिप्पणियों में दर्शाया गया है|

बाईबल के विद्वानों ने कई पुरानी प्रतियों को पढ़ा है और उनकी परस्पर तुलना की है। बाइबल में उस प्रत्येक स्थान पर जहाँ थोड़ी सी भिन्नता थी, उन्होंने यह पता लगाया है कि कौन से शब्दों का यथोचित सही होना सर्व संभावित है। ULT के अनुवादकों ने ULT को उन शब्दों पर आधारित रखा है जिनको बाईबलविद सर्व संभावना में सही बताते हैं| क्योंकि ULT पढ़ने वालों के पास अन्य मूल लिपिओं पर आधारित बाईबल भी होती हैं| ULT के अनुवादकों ने यदा-कदा उनमें प्रकट कुछअंतरों के बारे में जानकारियाँ भी दी हैं, या तो पाद टिप्पनियों में या उन्फोल्डिंग वार्ड @ ट्रांसलेशन नोट्स में।

अनुवादकों को प्रोत्साहित किया जाता है कि मूल पाठ को ULT में अनुवाद करें और अतिरिक्त वाक्यों की चर्चा पाद टिप्पणियों में करें, जैसा ULT में किया गया है। तथापि यदि स्थानीय कलीसिया वास्तव में चाहती है कि उन वाक्यों को मूलपाठ में सम्मिलित किया जाए तो अनुवादक उन्हें मूलपाठ में डाल सकते हैं और उनके बारे में पाद टिप्पणी कर सकते हैं।

बाइबल से उदाहरण

मत्ती 18:10-11 ULT में पद 11 के बारे में एक पाद टिप्पणी लिखी गई है।

10 देखो कि तुम इनमें से किसी भी छोटे को तुच्छ न जानो। क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ कि स्वर्ग में उनके स्वर्गदूत सदैव मेरे पिता के चेहरे को देखते हैं, जो स्वर्ग में है। 11 [1]

[1] कई बाईबलविद,कुछ प्राचीन भी,पद 11 को सम्मिलित करते हैं। क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को बचाने के लिए आया है।

यूहन्ना 7:53-8:11 सर्वोत्तम प्राचीन पांडुलिपियों में नहीं पाया जाता है। इसे ULT में सम्मिलित किया गया है, परन्तु इसे आरम्भ और अन्त में वर्गाकार कोष्टक ([]) के साथ चिह्नित किया गया है, और पद 11 के बाद एक पद टिप्पणी दी गई है।

53 [तब हर व्यक्ति अपने घर चला गया। ... 11 उसने कहा, "किसी से नहीं, प्रभु।" यीशु ने कहा, "मैं भी तुझे दोष नहीं देता हूँ। जा और फिर पाप न करना।”] [2]

[2] कुछ प्राचीन पांडुलिपियों में यूहन्ना 7:53-8:11 मिलता है

अनुवाद का कौशल

जब कहीं पर पातभेद प्रकट हो रहा हो तो ऐसी स्थिति में आप ULT या आपके पास जो भी बाईबल संस्करण है उसकी सहायता लेने का चुनाव कर सकते हैं।

  1. ULT के पदों के अनुकरण में अनुवाद करें और ULT में दी गई पाद टिप्पणियों को समाहित करें।
  2. पदों का अनुवाद किसी और संस्करण के आधार पर करें और पद टिप्पणी को परिवर्तित करें ताकि यह उस स्थिति के अनुसार उपयुक्त हो सके।

व्यावहारिक अनुवाद कौशल के उदाहरण

अनुवाद कौशल मरकुस 7:14-16 U L T में व्यावहारिक बनाया गया है जिसमें पद 16 के बारे में एक पाद टिप्पणी दी गई है।

  • 14 उसने भीड़ को पुन: बुलाया और उनसे कहा, "तुम सभी मेरी सुनो, और समझो। 15 मनुष्य के बाहर ऐसा कुछ भी नहीं है जो उसमें प्रवेश करके उसे अशुद्ध कर सकता है। परन्तु मनुष्य में से बहार निकलने वाली बातें ही हैं जो उसको अशुद्ध करती हैं।” 16 [1]

[1] कुछ प्राचीन पांडुलिपियाँ पद 16. को समाहित करती हैं: यदि किसी के पास सुनने के लिए कान हैं, तो वह सुनें|

  1. पदों का नुवाद वैसे ही करें जैसे ULT में है और ULT में दी गई पाद टिप्पणी को समाहित करें| ULB अनुवाद के द्वारा दिए गए वचनों का अनुवाद करें और यूएलबी अनुवाद के द्वारा प्रदान किए वाले फुटनोट को सम्मिलित करें।
  • 14 उसने भीड़ को पुन: बुलाया और उनसे कहा, "तुम सभी, मेरी बात सुनो, और समझो। 15 मनुष्य के बाहर कुछ नहीं है जो उसके भीतर जाकर उसको अशुद्ध करे| परन्तु मनुष्य के भीतर से जो बाहर निकलता हैं वही है जो उसको अशुद्ध करता हैं।” 16 यदि किसी के पास सुनने के लिए कान हों तो वह सुने|*
  • [1] कुछ प्राचीन पांडुलिपियों में पद 16 का उल्लेख नहीं है।
  1. वचनों का अनुवाद किसी और संस्करण के अनुसार करें, और फुटनोट को परिवर्तित करें ताकि यह उस स्थिति के अनुसार उपयुक्त हो सके।

14 उसने भीड़ को पुनः बुलाया और उनसे कहा,तुम सब मुझे सुनो और समझो| 15 मनुष्य के बाहर से भीतर जो जाता है वह उसको अशुद्ध नहीं करता है| परन्तु मनुष्य के भीतर से जो निकलता है, वही है जो उसको अशुद्ध करता है| 16

यदि किसी मनुष्य के पास सुनने के लिए कान हों तो वह सुन ले| [1]

[1] कुछ प्राचीन पान्दुलिपिओं में पद 16 नहीं है|


पद सेतु

This section answers the following question: उसत में कुछ पदों के क्रमांकों को संयोजित क्यों किया गया है जैसे, “3-5” या “17-18”?

विवरण

अनफोल्डिंग सिम्प्लिफाइड टेक्स्ट (UST) में आपको कहीं-कहीं देखें को मिलेगा कि दो या अधिक पदों को संयुक्त किया गया है, जैसे 17-18. इसको पद सेतु कहते हैं इसमें उन पदों की जानकारियों को इस प्रकार व्यवस्थित किया जाता है कि कहानी या सन्देश बड़ी आसानी से समझा जा सके|

29 ये सब होरियों के कुल थे: लोतान, शोबाल, शिबोंन, अना, दीशोन, एसेर, दीशान, ये सब सेईर देश में होरियों की वंशावली के अनुसार कुल थे| (उत्पत्ति 36: 29-30 ULT)

29-30 होर के वंश से सेईर देश में बसने वाली जातियां| इन जातियों के नाम थे, लोतान, शोबाल, शिबोन, अना,दीशोन, एसेर, और दीशान| (उत्पत्ति 26:29-30 UST)

ULT में पद 29 और 30 अलग अलग हैं और सेईर देश में निवास करने वालों की जानकारी पद 30 के अंत में दी गई है| UST में इन पदों को जोड़ दिया गया है और सेईर देश में उनके बसने की जानकारी आरम्भ में दी गई है| अनेक भाषाओं के लिए यह जानकारी देने का अधिक तार्किक क्रम है|

बाइबल से उदाहरण

जहां UST में पद सेतु है वहाँ ULT में पद पृथक हैं|

4-5 हमारा परमेश्वर यहोवा तुम्हे उस देश में आशीष देगा जो वह तुम्हे देता है| यदि तुम हमारे परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं को मानोगे और इन सब आज्ञाओं का पालन करोगे जो मैं आज तुमको देता हूँ तो तुम्हारे मध्य कोई दरिद्र न रहेगा| (व्यवस्थाविवरण 15:4-5 ULB)

4 तथापि, तेरे बीच कोई दरिद्र न रहेगा (क्योंकियाहोवा निश्चय ही तम्हें उस देश में आशीष देगा जो वह तुम्हें अधिकार करने के लिए उत्तराधिकार में देता है) 5 यदि तुम अपने परमेश्वर यहोवा की बात यत्न से सुनो कि इन सब आज्ञाओं का पालन करो जिनकी आज्ञा मैं आज तुम्हे देता हूँ| (व्यवस्थाविवरण 15:4-5 UDB)

16-17परन्तु यहोवा ने उससे कहा, "मैं तुझे अनुमति नहीं देता हूँ कि तू उस वृक्ष का फल खाए जो तुझे इस योग्य बना देगा कि तू जान ले कि कौन से काम करने के लिए अच्छे हैं और कौन से काम करने के लिए बुरे हैं| यदि तू उस वृक्ष से एक भी फल कैगा तो जिस दिन तू उसे खाएगा उसी दिन तू निश्चय ही मर जाएगा| परन्तु मैं तुझे अनुमति देता हूँ कि वाटिका के अन्य किसी भी वृक्ष का फल तो खा सकता है| (उत्पत्ति 2:16-17 UST)

16 यहोवा परमेश्वर ने आदम को यह आज्ञा दी, तू वाटिका के सब वृक्षों का फल बिना खटके खा सकता है| 17 पर भले या बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है, उसका फल तू कभी न खाना : क्योंकि जिस दिन तू उसका फल खाएगा उसी दिन अवश्य मर जाएगा| (उत्पत्ति 2:16-17 ULT)

अनुवाद करने की युक्तियाँ

जानकारियों को इस प्रकार क्रमबद्ध करें कि आपके पाठकों के लिए वे स्पष्ट हो जाएं| यदि जानकारियों का क्रम स्पष्ट है जैसा ULT में है परन्तु यदि क्रम उलझन उत्पन्न करता है या अर्थ को विकृत करता है तो क्रम में परिवर्तान लाएं कि स्पष्टता आ जाए| (1) यदि आप जानकारी को एक पद में से लेकर पूर्वोक्त पद की जानकारी से पूर्व रखते हैं तो उन पदों को संयोजित करे और उनके मध्य (-) लगा दें|

आप translationStudio देखें कि पदों को कैसे रखा जाता है|

प्रायोगिक अनुवाद युक्तियों के उदाहरण

(1) यदि एक पद की जानकारी दुसरे पद की जानकारी के पूर्व रखना हो तो उनदोनों पदों को संय्जित करें और पद क्रमांकों के मध्य (-) लगाकर उनको पहले पद के आरम्भ में रखें

2 तुम अपने लिए अपने उस देश के मध्य में तीन नगरों को चुन लेना, जो यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हे देता है की तुम्हारा उत्तराधिकार ठहरे| 3 तुम्हे मार्ग का निर्माण करके अपने देश की सीमाओं को, जो तुम्हारा परमेश्वर तुम्हे उत्तराधिकार में देता है, तीन भागों में बाँट लेना है, कि मनुष्य का हर एक हत्यारा भाग कर वहाँ जा सके| (व्यवस्थाविवरण 19:2-3 ULT)

2-3 जो देश वह तुम्हे देता है उसको तुम तीन भागों में बाँट लेना तदोपरांत उनमें से प्रत्येक में एक नगर चुन लेना| मनुष्य वहाँ आसानी से पहुँच सके इसलिए आवश्यक ही कि उत्तम मार्गों का निर्माण किया जाए| मनुष्य की हात्या कोई कर दे तो भाग कर उनमें से किसी एक नगर में सुरक्षित हो सकता है| (व्यवस्थाविवरण 19:2-3 UST)


लेखन के प्रकार

This section answers the following question: लेखन के विभिé तरीके कौन कौनसे हैं और उनमें कौन कौनसे मुद्दे शामिल हैं?

विवरण

लेखन कार्य के विभिन्न प्रकार या किस्में होती हैं, और प्रत्येक प्रकार के लेखन का अपना उद्देश्य होता है। क्योंकि ये उद्देश्य भिन्न होते हैं, विभिन्न प्रकार के लेखन कार्य विभिन्न तरीकों से संगठति होते हैं। वे भिन्न क्रियाओं, विभिन्न प्रकार के वाक्यों का उपयोग करते हैं, और उन लोगों और बातों का उल्लेख करते हैं, जिन्हें वे विभिन्न तरीकों से लिखते हैं। ये भिन्नताएँ पाठक को लेखन के उद्देश्य को तुरन्त जानने में सहायता करती हैं, और वे लेखक के अर्थ को सर्वोत्तम तरीके से संचारित करने के लिए काम करते हैं।

लेखन कार्य के प्रकार

लेखन कार्य के निम्नलिखित चार मूल प्रकार हैं, जो प्रत्येक भाषा में विद्यमान होते हैं। प्रत्येक प्रकार के लेखन कार्य का एक अलग उद्देश्य होता है।

  • कथा या**दृष्टांत** - एक कहानी या घटना को बताता है
  • स्पष्टीकरण - तथ्यों को बताता है या सिद्धान्तों की शिक्षा देता है
  • प्रक्रियात्मक - बताता है कि कुछ कैसे किया जाए
  • तर्कसंगत - किसी को कुछ करने के लिए मनाने के लिए प्रयास करता है

यह अनुवाद में एक समस्या क्यों है

प्रत्येक भाषा में विभिन्न प्रकार के लेखन कार्य को संगठित करने का अपना ही तरीका होता है। अनुवादक को उस लेखन कार्य के प्रकार को समझना चाहिए जिसका वह अनुवाद कर रहा है, समझें कि यह स्रोत भाषा में कैसे आयोजन किया जाता है, और यह भी पता होना चाहिए कि उसकी भाषा इस प्रकार के लेखन कार्य को आयोजित कैसे करती है।

उन्हें लेखन कार्य को उस रूप में रखना होगा जिसे उनकी भाषा उस प्रकार के लेखन कार्य के लिए उपयोग करती है ताकि लोग उसे सही ढंग से समझ सकें। प्रत्येक अनुवाद में, जिस तरह से शब्दों, वाक्यों और अनुच्छेदों की व्यवस्था की जाती है, वे इस बात को प्रभावित करती हैं कि लोग सन्देश को कैसे समझेंगे।

लेखन शैली

लिखने के निम्नलिखित तरीके होते हैं, जो उपरोक्त रूप से चार मूल प्रकारों में मिल सकते हैं। लेखन कार्य की ये शैलियाँ अक्सर अनुवाद में चुनौतियों को प्रस्तुत करती हैं।

  • काव्य - एक सुन्दर तरीके से विचारों और भावनाओं को व्यक्त करता है
  • नीतिवचन - संक्षेप में सच या ज्ञान की शिक्षा देता है
  • प्रतीकात्मक भाषा - वस्तुओं और घटनाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतीकों का उपयोग करता है
  • प्रतीकात्मक भविष्यद्वाणी - भविष्य में क्या होगा, यह दिखाने के लिए प्रतीकात्मक भाषा का उपयोग करता है
  • कल्पित स्थितियाँ - बताती हैं कि क्या होता यदि कोई बात वास्तविक होती या किसी वस्तु के बारे में भावना व्यक्त करती हैं, जो वास्तविक नहीं हैं

व्याख्यान विशेषताएँ

किसी भाषा में विभिन्न प्रकार के लेखन कार्य के मध्य में भिन्नताओं को उनकी व्याख्यान विशेषताएँ कहा जा सकता है। किसी विशेष मूलपाठ का उद्देश्य इस बात को प्रभावित करेगा कि किस प्रकार की व्याख्यान विशेषताएँ का उपयोग किया गया है। उदाहरण के लिए, एक कथा में, निम्न व्याख्यान विशेषताएँ सम्मिलित होंगी:

  • अन्य घटनाओं से पहले और बाद में होने वाली घटनाओं के बारे में बताएँ
  • कहानी में लोगों को प्रस्तुत करना
  • कहानी में नई घटनाओं का परिचय
  • वार्तालाप और उद्धरणों का उपयोग
  • संज्ञाओं या सर्वनामों के साथ लोगों और वस्तुओं का वर्णन करना

इन भिन्न व्याख्यान विशेषताओं का उपयोग करने के लिए भाषाओं में विभिन्न तरीके होते हैं। अनुवादक को अपनी भाषा में से प्रत्येक भाषा के तरीके का अध्ययन करने की आवश्यकता होगी, ताकि उसका अनुवाद सही सन्देश को स्पष्ट और स्वभाविक तरीके से संचारित कर सके। अन्य प्रकार के लेखन कार्य में अन्य व्याख्यान विशेषताएँ होती हैं।

व्याख्यान के विशेष विषय

  1. एक नई घटना का परिचय - वाक्यांश "एक दिन" या "यह उसके बारे में था" या "इस तरह से हुआ" या "उसके बाद कुछ समय" पाठक को संकेत देता है कि एक नई घटना बताई जा रहा है।
  2. नए और पुराने प्रतिभागियों का परिचय - भाषाओं में नए लोगों को प्रस्तुत करने और उन लोगों का वर्णन करने के तरीके होते हैं।
  3. पृष्ठभूमि की सूचना - एक लेखक पृष्ठभूमि की जानकारी को कई कारणों से उपयोग कर सकता है: 1) कहानी में रुचि को जोड़ने के लिए, 2) कहानी को समझने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिए या 3) यह बताने के लिए कि कहानी में कोई बात महत्वपूर्ण क्यों है।
  4. सर्वनाम - इन्हें कब उपयोग करें - भाषाओं में पद्धतियाँ होती हैं कि कितनी बार सर्वनाम का उपयोग करना है। यदि उस पद्धतिय का पालन नहीं किया जाता है, तो परिणाम गलत अर्थ हो सकता है।
  5. कहानी का अन्त - कहानियाँ विभिन्न प्रकार की जानकारी के साथ समाप्त हो सकती हैं। भाषाएँ में इस बात को दिखाने के लिए विभिन्न तरीके हैं कि यह जानकारी कहानी से कैसे सम्बन्धित है।
  6. उद्धरण और उद्धरण हाशिया - भाषाओं में रिपोर्ट करने के विभिन्न तरीके होते हैं, कि किसी ने क्या कहा था।
  7. सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्द - भाषाओं में सम्पर्क स्थापित करने वाले शब्दों का उपयोग करने के लिए पद्धतियाँ होती हैं (जैसे "और," "परन्तु," या "फिर")।

पृष्ठभूमि की जानकारी

This section answers the following question: पृष्ठभूमि की जानकारी क्या है और मैं कैसे बताऊँ कि कौन सी सूचनाएँ पृष्ठभूमि की जानकारी होती हैं?

वर्णन

जब लोग एक कहानी को बताते हैं, तो वे सामान्य रूप से घटनाओं को बताते हैं, उनमें क्या घटित हुआ था। घटनाओं का यह अनुक्रम कहानी की कथा को निर्मित करता है। कहानी की कथा सक्रिय क्रियाओं से भरी होती है, जो समय के साथ कहानी को आगे बढ़ाती हैं। परन्तु कभी-कभी एक लेखक कहानी से विराम लगा सकता है और कुछ श्रोताओं को कहानी सुनने में सहायता करने के लिए कुछ जानकारी दे सकता है। इस प्रकार की सूचनाओं को पृष्ठभूमि की जानकारी कहा जाता है। पृष्ठभूमि की जानकारी उन बातों के बारे में हो सकती है, जो घटनाओं से पहले हुईं थीं, या यह कहानी में किसी बात को समझा सकती हैं, या यह कुछ ऐसी होंगी जो बहुत बाद में कहानी में घटित होंगी।

उदाहरण - नीचे दी गई कहानी में रेखांकित वाक्य पृष्ठभूमि की पूरी जानकारी हैं।

पतरस और यूहन्ना एक शिकार यात्रा पर गए क्योंकि उनके गाँव में अगले दिन एक त्यौहार होने वाला था. पतरस गाँव का सबसे अच्छा शिकारी था. उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था! वे जंगली सुअर की आवाज पाने के लिए कम झाड़ियों के मध्य में से घंटों तक चलते रहे। सुअर भाग गया, परन्तु वे सुअर को गोली दागने और उसे मारने में सफल रहे। फिर उन्होंने उसके पैरों को थोड़ी सी रस्सी के साथ बांध लिया जिसे वे अपने साथ लाए थे, और उसे एक लकड़ी पर लटका कर घर ले गए।जब वे उसे गाँव में लाए, तो पतरस के चचेरे भाई ने सुअर को देखा और महसूस किया कि यह उसका स्वयं का सुअर था. पतरस ने गलती से उसके अपने चचेरे भाई के सुअर को मार डाला था .

पृष्ठभूमि की जानकारी अक्सर ऐसी बात के बारे में बताती है, जो पहले घटित हुई थी या ऐसा ही कुछ बाद में घटित होगा। इनके कुछ उदाहरण ये हैं "उनके गाँव में अगले दिन एक त्योहार होगा" और "उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था," "जिसे वे अपने साथ लाए थे," और "पतरस ने गलती से अपने स्वयं के चचेरे भाई के सुअर को मार डाला था।"

अक्सर पृष्ठभूमि की जानकारी देने वाली सक्रिय क्रियाएँ "होगा" की अपेक्षा क्रियाओं जैसे "थी" और "थे" का उपयोग करती है। इनके कुछ उदाहरण ये हैं "पतरस गाँव में सबसे अच्छा शिकारी था" और "यह उसका स्वयं का सुअर था."

पृष्ठभूमि की जानकारी को उन शब्दों के साथ भी चिह्नित किया जा सकता है, जो पाठक को बताते हैं कि यह जानकारी कहानी की घटना का भाग नहीं है। इस कहानी में, इनमें से कुछ शब्द "क्योंकि," "एक बार," और "था" इत्यादि है।

एक लेखक पृष्ठभूमि की जानकारी का उपयोग कर सकता है

  • अपने श्रोताओं को कहानी में रुचि रखने में सहायता देने के लिए
  • अपने श्रोताओं को कहानी में कुछ समझने में सहायता देने के लिए
  • श्रोताओं को समझने में सहायता देने के लिए कि कहानी में कुछ महत्वपूर्ण क्यों है
  • एक कहानी की रूपरेखा या पूर्वस्थिति को बताने के लिए
  • पूर्वस्थिति में निम्न बातें सम्मिलित होती हैं:
  • कहानी कहाँ घटित हुई है
  • कहानी कब घटित हुई है
  • उस समय कौन उपस्थित है जब कहानी आरम्भ होती है
  • कहानी आरम्भ होने पर क्या हो रहा है

कारण यह अनुवाद की समस्या है

  • भाषाओं की पृष्ठभूमि की जानकारी और कहानी की जानकारी को चिह्नित करने के विभिन्न तरीके होते हैं।
  • आपको (अनुवादकों को) बाइबल में घटनाओं के क्रम को जानने की आवश्यकता होती है, यह जानकारी पृष्ठभूमि की जानकारी, और कहानी की जानकारी होती है।
  • अनुवादकों को कहानी को इस तरह से अनुवाद करने की आवश्यकता होती है, जो पृष्ठभूमि की जानकारी को इस तरह से चिह्नित करे कि उसके पाठक घटनाओं के क्रम को समझें, जो जानकारी पृष्ठभूमि की जानकारी, और कहानी की जानकारी होती है।

बाइबल से उदाहरण

हाजिरा ने अब्राम के पुत्र को जन्म दिया, और अब्राम ने अपने पुत्र का नाम इश्माएल रखा, जिसे हाजिरा ने जन्म दिया था। अब्राम छियासी वर्ष का था जब हाजिरा ने इश्माएल को अब्राम के द्वारा जन्म दिया। (उत्पत्ति 16:16 ULT)

पहला वाक्य दो घटनाओं के बारे में बताता है। हाजिरा ने जन्म दिया और अब्राहम ने अपने पुत्र को नाम दिया। दूसरी वाक्य पृष्ठभूमि की जानकारी देता है, कि जब ये बातें हुईं तब अब्राम कितना बुजुर्ग था।

अब स्वयं यीशु, जब उसने सिखाना आरम्भ कर दिया, तो लगभग तीस वर्ष की आयु का था. वह हेली के पुत्र यूसुफ का पुत्र था (जैसा कि माना जाता था)। (लूका 3:23 ULT)

यह वचन यीशु के बपतिस्मा लेने के बारे में बताए जाने से पहले का है। यह वाक्य यीशु की आयु और पूर्वजों के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी प्रस्तुत करता है। कहानी अध्याय 4 में पुन: आरम्भ होती है, जहाँ यह यीशु के जंगल में जाने के बारे में बताती है।

अब यह एक सब्त के दिन हुआ था कि यीशु गेहूँ के खेतों में से जा रहा था और उसके शिष्य गेहूँ की बालियाँ तोड़ते हुए, उसे अपने हाथों में रगड़ रहे थे, और गेहूँ को खा रहे थे। परन्तु कुछ फरीसियों ने कहा… (लूका 6:1-2अ ULT)

ये वचन कहानी की पूर्वस्थिति को देते हैं। घटनाएँ सब्त के दिन गेहूँ के खेत में हुईं। यीशु, उसके शिष्य और कुछ फरीसी वहाँ थे, और यीशु के शिष्य गेहूँ की बालियाँ तोड़ रहे थे और उसे खा रहे थे। कहानी में मुख्य कार्यवाही वाक्य के साथ आरम्भ होती है, "परन्तु कुछ फरीसियों ने कहा।"

अनुवाद की रणनीतियाँ

अनुवादों को स्पष्ट और स्वभाविक रखने के लिए आपको अध्ययन करना होगा कि लोग आपकी भाषा में कहानियाँ कैसे बताते हैं। देखें कि आपकी भाषा पृष्ठभूमि की जानकारी को कैसे चिह्नित करती है। इसका अध्ययन करने के लिए आपको कुछ कहानियाँ लिखने की आवश्यकता हो सकती है। पृष्ठभूमि की जानकारी के लिए आपकी भाषा किस प्रकार की क्रियाओं का उपयोग करती है और किस प्रकार के शब्द या अन्य चिन्ह्ति संकेत देती हैं कि कोई बात पृष्ठभूमि की जानकारी है। जब आप अनुवाद करते हैं, तो इन बातों को उपयोग करें, ताकि आपका अनुवाद स्पष्ट और स्वभाविक हो और लोग इसे आसानी से समझ सकें।

  1. अपनी भाषा में इसे दिखाने के तरीके का उपयोग करें कि कोई जानकारी पृष्ठभूमि की जानकारी है।
  2. जानकारी को पुन: व्यवस्थित करें ताकि पहले की घटनाओं का उल्लेख पहले किया जा सके। (पृष्ठभूमि की जानकारी बहुत लम्बी होने पर यह सदैव सम्भव नहीं होता है।)

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

  1. अपनी भाषा में इसे दिखाने के तरीके का उपयोग करें कि कोई जानकारी पृष्ठभूमि की जानकारी है। नीचे दिए गए उदाहरण बताते हैं कि यह यूएलटी अंग्रेजी अनुवादों में इसे कैसे किया गया था।

अब स्वयं यीशु, जब उसने सिखाना आरम्भ कर दिया, तो लगभग तीस वर्ष की आयु का था. वह हेली के पुत्र यूसुफ के पुत्र था (जैसा माना जाता था)। (लूका 3:23 ULT)

अंग्रेजी "अब" शब्द का उपयोग यह दिखाने के लिए करता है कि कहानी में किसी प्रकार का परिवर्तन है। क्रिया "था" दिखाती है कि यह पृष्ठभूमि की जानकारी है।

कई अन्य उपदेशों के साथ, उसने लोगों को शुभ समाचार का प्रचार किया। यूहन्ना ने चौथाई के राजा हेरोदेस को भी उसके अपने भाई की पत्नी हेरोदियास के साथ विवाह करने और हेरोदेस की अन्य सभी बुरी बातों के लिए भी ताडना दी. परन्तु फिर हेरोदेस ने एक और बहुत बुरा काम किया। उसने यूहन्ना को जेल में डाल दिया। (लूका 3:18-20 ULT)

यूहन्ना के द्वारा हेरोदेस को ताड़ना देने से पहले रेखांकित वाक्यांश घटित हुए हैं। अंग्रेजी में, सहायता करने वाले क्रिया शब्द "किए थे" में "करना" से पता चलता है कि हेरोदेस ने उन बातों को यूहन्ना के द्वारा ताड़ना देने से पहले किया था।

  1. जानकारी को पुन: व्यवस्थित करें ताकि पहले की घटनाओं का उल्लेख पहले किया जा सके।

हाजिरा ने अब्राम के पुत्र को जन्म दिया, और अब्राम ने अपने पुत्र का नाम इश्माएल रखा, जिसे हाजिरा ने जन्म दिया था। अब्राम छियासी वर्ष का था जब हाजिरा ने इश्माएल को अब्राम के द्वारा जन्म दिया था. (उत्पत्ति 16:16 ULT)

"जब अब्राम छियासी वर्ष का था, हाजिरा ने अपने पुत्र को जन्म दिया, और अब्राम ने अपने पुत्र को इश्माएल नाम दिया।"

यूहन्ना ने चौथाई के राजा हेरोदेस को भी उसके अपने भाई की पत्नी हेरोदियास के साथ विवाह करने और हेरोदेस की अन्य सभी बुरी बातों के लिए भी ताडना दी. परन्तु फिर हेरोदेस ने एक और बहुत बुरा काम किया। उसने यूहन्ना को जेल में डाल दिया। (लूका 3:18-20)

नीचे दिया गया अनुवाद यूहन्ना के विद्रोह और हेरोदेस के कार्यों को दर्शाता है।

“अब चौथाई के राजा हेरोदेस ने अपने भाई की पत्नी हेरोदियास से शादी की, और उसने कई अन्य बुरे काम किए, इसलिए यूहन्ना ने उसकी ताड़ना की। परन्तु फिर हेरोदेस ने एक और बहुत बुरा काम किया। उसने यूहन्ना को जेल में डाल दिया।”


कहानी का अंत

This section answers the following question: एक कहानी के अंत में किस प्रकार की सूचनाएँ दी गर्इ होती हैं?

वर्णन

कहानी के अन्त में विभिन्न प्रकार की जानकारी दी जा सकती है। अक्सर यह पृष्ठभूमि की जानकारी होती है। पृष्ठभूमि की जानकारी यह उन गतिविधियों से अलग होती है जो कहानी के मुख्य भाग को बनाती हैं। बाइबल की एक पुस्तक अक्सर कई छोटी कहानियों से मिलकर बनी होती है, जो एक पुस्तक की बड़ी कहानी का भाग होती हैं। उदाहरण के लिए, लूका की पुस्तक की बड़ी कहानी में यीशु के जन्म की कहानी एक छोटी सी कहानी है। इनमें से प्रत्येक कहानियाँ, चाहे बड़े या छोटे हों, इसके अन्त में पृष्ठभूमि की जानकारी हो सकती है।

कहानी की जानकारी के अन्त के लिए विभिन्न उद्देश्य

  • कहानी को सारांशित करने के लिए
  • कहानी में क्या हुआ इसके बारे में एक टिप्पणी देने के लिए
  • एक छोटी सी कहानी को बड़ी कहानी से जोड़ने के लिए यह एक भाग है
  • पाठक को यह बताने के लिए कहानी के मुख्य भाग के बाद एक विशेष पात्र के साथ क्या घटित होता है
  • कहानी के मुख्य भाग के बाद निरन्तर चलने वाली कार्यवाही को बताने के लिए
  • यह बताने के लिए कहानी में होने वाली घटनाओं के परिणामस्वरूप कहानी के बाद क्या होता है

कारण यह अनुवाद की समस्या है

विभिन्न भाषाओं में इस प्रकार की जानकारी प्रस्तुत करने के विभिन्न तरीके होते हैं। यदि आप (अनुवादक) अपनी भाषा के तरीकों का उपयोग नहीं करते हैं, तो पाठकों को ये बातें पता नहीं हो सकती हैं:

  • यह जानकारी कहानी समाप्त कर रही है
  • जानकारी का उद्देश्य क्या है
  • जानकारी कहानी से कैसे सम्बन्धित है

अनुवाद के सिद्धान्त

  • एक कहानी के अन्त में विशेष प्रकार की जानकारी का अनुवाद उस तरह से करें जैसे आपकी भाषा उस जानकारी को व्यक्त करती है।
  • इसका अनुवाद करें ताकि लोग समझ सकें कि यह उस कहानी से कैसे सम्बन्धित है, जो उसका भाग है।
  • यदि सम्भव हो, तो कहानी के अन्त का अनुवाद इस तरह से करें कि लोगों को पता चले कि कहानी कहाँ समाप्त होती है और अगली कहानी कहाँ से आरम्भ होती है।

बाइबल से उदाहरण

  1. कहानी सारांशित करने के लिए

तब शेष पुरुषों का जाना चाहिए, कुछ को तख्तों पर, और कुछ को जहाज की अन्य वस्तुओं के ऊपर। इस तरह से ऐसा हुआ कि हम सभी सुरक्षित रूप से भूमि पर आ गए। (प्रेरितों 27:44 ULT)

  1. कहानी में क्या हुआ उसके बारे में एक टिप्पणी देने के लिए

जादू की कलाओं का अभ्यास करने वाले बहुत से लोग अपनी पुस्तकें एक साथ लाए और उन्हें सभी के सामने जला दिया। जब उन्होंने उनके मूल्य की गिनती की, तो यह चाँदी के पचास हजार टुकड़े थे। इस तरह परमेश्वर का वचन सामर्थी तरीकों में व्यापक रूप से फैलता चला गया। (प्रेरितों 19:19-20 ULT)

  1. पाठक को यह बताने के लिए कहानी के मुख्य भाग के बाद एक विशेष पात्र के साथ क्या घटित होता है

मरियम ने कहा, "मेरी आत्मा प्रभु की स्तुति करती है, और मेरी आत्मा परमेश्वर मेरे उद्धारकर्ता में प्रसन्न होती है …" मरियम इलीशिबा के साथ तीन महीने तक रुकी और फिर अपने घर लौट आई। (लूका 1:46 -47, 56 ULT)

कहानी के मुख्य भाग के बाद निरन्तर चलने वाली गतिविधि को बताने के लिए

जो लोग यह सुनते थे, कि चरवाहों के द्वारा उनसे जो बात की गई थी, उससे वे आश्चर्यचकित थे। परन्तु मरियम उन सभी बातों के बारे में निरन्तर सोचती रही, जिसे उसने सुना था, उन्हें अपने मन में ही रखा। (लूका 2:18-19 ULT)

  1. यह बताने के लिए कहानी में होने वाली घटनाओं के परिणामस्वरूप कहानी के बाद क्या होता है

"यहूदी कानूनों के शिक्षकों के ऊपर हाय, क्योंकि उन्होंने ज्ञान की कुँजी तो ले ली है, परन्तु वे आप स्वयं प्रवेश नहीं करते हैं, और प्रवेश करने वालों के मार्ग में बाधा डालते हैं।" यीशु के वहाँ जाने के बाद, शास्त्री और फरीसियों ने उसका विरोध किया और कई शब्दों को लेकर उसके साथ तर्क दिया, उसे अपने शब्दों में फंसाने की प्रयास की। (लूका 11:52-54 ULT)


काल्पनिक परिस्थितियाँ

This section answers the following question: काल्पनिक परिस्थितियाँ क्या हैं?

इन वाक्यांशों पर विचार करें: ‘‘यदि सूरज चमकना बंद हो जाए…’’, ‘‘क्या होगा अगर सूरज चमकना बंद कर दे …’’, ‘‘मान लो सूरज चमकना बंद हो गया…’’ ‘‘अगर केवल सूरज ने चमकना बंद नहीं किया होता ’’। हम ऐसे कथनों का उपयोग कर, ऐसी सोचों के साथ, काल्पनिक परिस्थितियाँ खड़े करते हैं कि यदि ये हो गया तो क्या होगा, या ऐसे नही हुआ तो, या भविष्य में ऐसा नही हुआ तो इत्यादि। हम हमारे खेद या कामनाएँ प्रकट करते वक्त भी इनका उपयोग करते हैं। बाइबल में हम इसे अक्सर देख सकते हैं । हमें(अनुवादक) उनका अनुवाद इस प्रकार करना है जिससे लोगों को पता रहे कि वह घटना वास्तव में हुई नही थी, और यह कि वे समझेंगे कि इस घटना की कल्पना क्यों की गई थी।

वर्णन

काल्पनिक परिस्थितियाँ वास्तविक नही होते। वे भूत, वर्तमान और भविष्य में हो सकते हैं। भूत और वर्तमान के काल्पनिक परिस्थितियाँ कभी हुए नही हैं और भविष्य के कभी होंगे भी नही।

कई बार लोग शर्तों को बताते हैं और शर्तें पूरी न हों तो क्या हो सकता है, परंतु उन्हे पता है कि ये कभी नही हुई हैं और कभी होंगी भी नही। (शर्तें ‘‘यदि’’ शब्द के साथ शुरू होने वाले कथन हैं)

  • यदि वह सौ वर्ष का होता, तो वह अपने पोते के पोते को देखता था। (लेकिन वह नहीं था)
  • यदि वह एक सौ वर्ष का होता, तो वह आज भी जीवित होता। (परंतु वह यहाँ नही है)
  • यदि वह एक सौ वर्ष का रहता है, तो वह अपने पोते के पोते को देखेगा।(लेकिन वह शायद नहीं होगा।)

लोग अक्सर चीजों के बारे में अपनी कामनाएँ प्रकट करते हैं जो कभी पूरी नही हुई या शायद कभी पूरी न भी हों

  • काश वह आया होता।
  • काश वह यहाँ होता।
  • काश वह आ जाता।

लोग अक्सर चीजों के बारे में अपने खेद प्रकट करते हैं जो कभी पूरी नही हुईं या शायद कभी पूरी न भी हों

  • यदि वह आ जाता तो
  • यदि वह यहाँ होता तो
  • यदि वह आ जाए

कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है

  • अनुवादकों को बाइबल में वर्णित विभिन्न प्रकार की काल्पनिक परिस्थितियाँ की पहचान होनी चाहिए
  • अनुवादकों को अपनी भाषा में विभिन्न प्रकार की काल्पनिक परिस्थितियाँ को बताने के तरीकों की जानकारी होनी चाहिए

बाइबल से उदाहरण

भूतकाल की काल्पनिक परिस्थितियाँ

“हाय, खुराजीन! हाय, बैतसैदा! जो सामर्थ्य के काम तुम में किए गए, यदि वे सूर और सैदा में किए जाते, तो टाट ओढ़कर, और राख में बैठकर, वे कब के मन फिरा लेते। (मत्ती 11:21 यूएलबी)

यहाँ मत्ती 11:21 में यीशु कह रहे हैं कि सूर और सैदा के प्राचीन नगरों में रहने वाले लोग जो उसके द्वारा किए गए चमत्कारों को देख लेते तो कब से मन फिरा लेते। वास्तव में, सूर और सैदा के लोगों ने चमत्कारों को देखा ही नही था और उन्होंने मन नहीं फिराया। उसने खूराजीन और बैतसैदा को डाँटते हुए यह कहा जिन्होने चमत्कारों को देखा था फिर भी मन नही फिराया।

मार्था ने यीशु से कहा, “हे प्रभु, यदि तू यहाँ होता, तो मेरा भाई कदापि न मरता। (युहन्ना 11:21 यूएलबी)

मार्था ने यीशु से अपनी इच्छा व्यक्त करने के लिए यह कहा कि काश वह पहले आ जाते ताकि उसका भाई नहीं मरता। परंतु वह पहले नही आए, और उसका भाई मर गया।

वर्तमान की काल्पनिक परिस्थितियाँ

कोई नया दाखरस पुरानी मशकों में नहीं भरता, नहीं तो नया दाखरस मशकों को फाड़कर बह जाएगा, और मशकें भी नाश हो जाएँगी। (लूका 5:37 ULB)

यीशु कह रहे हैं कि यदि कोई भी नया दाखरस पुरानी मशकों में भरता है तो क्या होता है। परंतु कोई ऐसा करता नही है। वह काल्पनिक परिस्थिति का उपयोग कर रहे हैं कि यह दिखाने के लिए कि कई बार पुरानी चीजों के साथ नई चीजों को मिलाना बुद्धिमता नही होती है। उसने लोगों को यह समझाने के लिए यह कहा कि चेले दूसरे धार्मिक लोगों की तरह उपवास क्यों नही करते हैं।

उसने उनसे कहा, “तुम में ऐसा कौन है, जिसकी एक भेड़ हो, और वह सब्त के दिन गड्ढे में गिर जाए, तो वह उसे पकड़कर न निकाले? (मत्ती 12:11 ULB)

यीशु धार्मिक अगुवों से पूछ रहे थे कि यदि सब्त के दिन उनकी भेड़ गड़हे में गिर पड़े तो वो क्या करेंगे । वह यह नही कह रहे थे उनकी भेड़ गड़हे में गिर पड़ी थी। वह यह दिखाने के लिए एक काल्पनिक परिस्थिति का उपयोग किया कि सब्त के दिन हुई चंगाई पर प्रश्न उठाकर वे गलत कार्य कर रहे थे।

भविष्य की काल्पनिक परिस्थितियाँ

और यदि वे दिन घटाए न जाते, तो कोई प्राणी न बचता; परन्तु चुने हुओं के कारण वे दिन घटाए जाएँगे।(मत्ती 24:22 ULB)

यीशु मसीह भविष्य की बात कर रहे थे जब बुरी घटनाएँ होंगीं । उन्होंने बताया कि अगर उन दिनों की परेशानी लंबे समय तक बनी रहे तो क्या होगा। उसने यह दिखाने के लिए कहा कि वे बुरे दिन, इतने अधिक बुरे होंगे कि यदि घटाए नही जाते तो कोई भी नही बचता । और फिर उसने स्पष्ट किया कि परमेश्वर उन कष्ट के दिनों को घटाएगा, जिससे कि चुने हुए बचाए जाएँ

काल्पनिक परिस्थितियाँ के बारे में भावनाओं को प्रकट करना

लोग कभी-कभी अफसोस और इच्छाओं को व्यक्त करने के लिए काल्पनिक परिस्थितियाँ के बारे में बात करते हैं। पछतावा अतीत के बारे में है और इच्छाएं वर्तमान और भविष्य के बारे में हैं।

और इस्राएली उनसे कहने लगे, “जब हम मिस्र देश में माँस की हाँडियों के पास बैठकर मनमाना भोजन खाते थे, तब यदि हम यहोवा के हाथ से मार डाले भी जाते तो उत्तम वही था; पर तुम हमको इस जंगल में इसलिए निकाल ले आए हो कि इस सारे समाज को भूखा मार डालो।” (निर्गमन 16:3 ULB)

यहाँ इस्राएली डरे हुए हैं कि उन्हे जंगल में कष्ट सहना और भूख से मरना पड़ेगा, इसलिए उनकी कामना थी कि यदि वे मिस्र में ही रह जाते और भरे पेट मर सकते थे। वे शिकायत कर रहे थे, खेद प्रकट कर रहे थे कि ऐसा नही हुआ।

मैं तेरे कामों को जानता हूँ कि तू न तो ठण्डा है और न गर्म; भला होता कि तू ठण्डा या गर्म होता। (प्रकाशितवाक्य 3:5 ULB)

यीशु ने कामना की कि यदि लोग ठंडे या गर्म होते, परंतु वे वैसे नही थे। वह उन्हे डाँट रहा था, क्रोध प्रकट कर रहा था।

अनुवाद की रणनीतियाँ

जानें कि आपकी भाषा को बोलने वाले लोग किस प्रकार निम्न बातें प्रकट करते हैं:

  • कुछ होना था, परंतु नही हुआ
  • कुछ सच होता, परंतु अब नही है
  • भविष्य में कुछ होता, परंतु तब तक नही होगा, जब तक कि कुछ बदले नही
  • वे कुछ करने के लिए चाहते हैं, लेकिन यह नहीं होता है।
  • उन्हे खेद है कि कुछ हुआ नही

इन चीजों को प्रकट करने के लिए अपनी भाषा के तरीकों का इस्तेमाल करें।

आप ये वीडियो भी देख सकते हैं: http://ufw.io/figs_hypo।


नर्इ घटनाओं का परिचय

This section answers the following question: एक कहानी में हम एक नर्इ घटना का परिचय कैसे करवाएँ?

वर्णन

जब लोग एक कहानी को बताते हैं, तो वे एक घटना या घटनाओं की एक श्रृंखला के बारे में बताते हैं। अक्सर वे कहानी के आरम्भ में कुछ जानकारी को देते हैं, जैसे कि कहानी किसके बारे में है, कब क्या घटित हुआ, और यह कहाँ घटित हुआ था। कहानी का आरम्भ होने से पहले जिन घटनाओं की जानकारी लेखक देता है उसे कहानी की पूर्वस्थिति कहा जाता है। एक कहानी में कुछ नई घटनाओं में भी एक पूर्वस्थिति होती है क्योंकि उसमें नए लोग, नए समय और नए स्थान सम्मिलित हो सकते हैं। कुछ भाषाओं में लोग यह भी बताते हैं कि उन्होंने घटना को देखा है या किसी और से इसके बारे में सुना है।

जब आपके लोग घटनाओं के बारे में बताते हैं, तो आरम्भ में वे कौन सी जानकारी देते हैं? क्या कोई निश्चित क्रम है जिसमें उन्होंने इसे रखा है? आपके अनुवाद में, आपको अपनी भाषा में एक नई कहानी या स्रोत भाषा के तरीके की अपेक्षा एक नई घटना के परिचय को प्रस्तुत करने के लिए दिए गए आरम्भ को उपयोग करने की आवश्यकता होगी। इस तरह आपका अनुवाद स्वभाविक रूप से शुद्ध होगा और आपकी भाषा में स्पष्ट रूप से संचारित करेगा।

बाइबल से उदाहरण

यहूदिया के राजा, हेरोदेस के दिनों में, जकर्याह नाम का एक विशेष याजक, अबिय्याह के दल से था। उसकी पत्नी हारून की पुत्रियों में से थी, और उसका नाम इलीशिबा था। (लूका 1:5 ULT)

उपरोक्त वचन जकर्याह के बारे में एक कहानी प्रस्तुत करते हैं। पहला रेखांकित वाक्यांश बताता है कि यह कब घटित हई, और अगले दो रेखांकित वाक्यांश मुख्य लोगों को प्रस्तुत करते हैं। अगले दो वचन बताते हैं कि जकर्याह और इलीशिबा बूढ़े थे और उनके पास कोई बच्चा नहीं था। यह सब पूर्वस्थिति है। फिर लूका 1:8 में "एक दिन" वाक्यांश इस कहानी में पहली घटना को प्रस्तुत करने में सहायता करता है:

एक दिन जबकि जकर्याह अपने दल की व्यवस्था के अनुसार परमेश्वर के सामने एक याजक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन कर रहा था, याजकों ने अपनी परम्परा का पालन किया और उसे परमेश्वर के मन्दिर में प्रवेश करने और धूप जलाने के लिए चुना। (लूका 1:8-9 ULT)

यीशु मसीह का जन्म निम्न तरीके से हुआ। उसकी माता मरियम की यूसुफ के साथ मंगनी हुई थी, परन्तु इससे पहले कि वे एक साथ आते, वह पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती पाई गई। (मत्ती 1:18 ULT)

ऊपर दिया गया रेखांकित वाक्य यह स्पष्ट करता है कि यीशु के बारे में एक कहानी प्रस्तुत की जा रही है। कहानी बताएगी कि यीशु का जन्म कैसे हुआ।

हेरोदेस राजा के दिनों में यहूदिया के बेतलेहेम में यीशु के जन्म के होने के बाद राजा, ने यह जाना कि पूर्व से विद्वान लोग यरूशलेम में पहुँचे हैं… (मत्ती 2:1 ULT)

ऊपर दिए गए रेखांकित वाक्यांश से पता चलता है कि विद्वान पुरुषों से सम्बन्धित घटनाएँ यीशु के जन्म के बाद घटित हुई थीं।

उन दिनों में यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले यहूदिया के जंगल में प्रचार कर रहा था, … (मत्ती 3:1-22 ULT)

ऊपर दिए गए रेखांकित वाक्यांश से पता चलता है कि यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले पिछली घटनाओं के समय प्रचार कर रहा था। यह कदाचित् बहुत ही अधिक सामान्य है और यह दर्शाता है कि यीशु नासरत में कब रहता था।

तब यीशु गलील से यरदन नदी तक यूहन्ना से बपतिस्मा लेने के लिए आया था। (मत्ती 3:13 ULT)

शब्द "तब" से पता चलता है कि यीशु पिछले वचनों की घटनाओं के कुछ समय बाद यरदन नदी में आया था।

अब वहाँ पर एक फरीसी था जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो यहूदी महासभा का सदस्य था. यह व्यक्ति रात के समय यीशु के पास आया (यूहन्ना 3:1-2 ULT)

लेखक ने पहले नए व्यक्ति को प्रस्तुत किया और फिर बताया कि उसने क्या किया और जब उसने ऐसा कब किया। कुछ भाषाओं में समय को पहला बताना और अधिक स्वभाविक हो सकता है।

6 पृथ्वी पर बाढ़ आने के समय नूह छह सौ वर्ष का था। > 7 नूह, उसके पुत्र, उसकी पत्नी और उसके पुत्रों की पत्नियाँ बाढ़ के पानी की कारण एक साथ जहाज में गए। (उत्पत्ति 7:6-7 ULT)

वचन 6 उन अध्यायों का सारांश है, जो अध्याय 7 के शेष में घटित होती हैं। अध्याय 6 ने पहले ही बता दिया है कि परमेश्वर ने नूह को बताया कि बाढ़ आएगी, और नूह कैसे इसके लिए तैयार हुआ। अध्याय 7 वचन 6 कहानी के उस भाग को प्रस्तुत करता है, जो नूह और उसके परिवार और जहाज में जाने वाले जानवरों, वर्षा आरम्भ होने और वर्षा के पृथ्वी पर बाढ़ के रूप में आने के बारे में बताता है। कुछ भाषाओं को यह स्पष्ट करने की आवश्यकता हो सकती है कि यह वचन घटना मात्र का परिचय देता है, या इस वचन को वचन 7 के बाद ले जाए जाए। वचन 6 कहानी की घटनाओं में से एक नहीं है। बाढ़ आने से पहले लोग जहाज में चले गए थे।

अनुवाद की रणनीतियाँ

यदि किसी नई घटना के आरम्भ में दी गई जानकारी आपके पाठकों के लिए स्पष्ट और स्वाभाविक है, तो उसे अनुवाद करने के लिए विचार करें जैसी यह यूएलटी या यूएसटी में पाई जाती है। यदि नहीं, तो इन रणनीतियों में से एक के ऊपर विचार करें।

  1. उस जानकारी को प्रस्तुत करें जो घटना को उस क्रम में प्रस्तुत करती है, जिसमें आपके लोग इसे रखते हैं।
  2. यदि पाठक कुछ निश्चित जानकारी की अपेक्षा करते हैं, परन्तु यह बाइबल में नहीं है, तो उस जानकारी को देने के लिए अनिश्चित शब्द या वाक्यांश का उपयोग करने पर विचार करें, जैसे: "किसी अन्य समय" या "कोई।"
  3. यदि परिचय पूरी घटना का सारांश है, तो अपनी भाषा में इसे इस तरह से दिखाने के तरीके का उपयोग करें कि यह सारांश है।
  4. यदि आरम्भ में ही घटना का सारांश देना लक्षित भाषा में असामान्य है, तो दिखाएँ कि घटना वास्तव में कहानी में बाद की होगी।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

  1. उस जानकारी को प्रस्तुत करें जो घटना को उस क्रम में प्रस्तुत करती है, जिसमें आपके लोग इसे रखते हैं।

अब वहाँ पर एक फरीसी था जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो यहूदी महासभा का सदस्य था. यह व्यक्ति रात के समय यीशु के पास आया और उससे कहा… (यूहन्ना 3:1,2) एक व्यक्ति जिसका नाम निकुदेमुस था। वह एक फरीसी और यहूदी महसभा का सदस्य था. एक रात वह यीशु के पास आया और उससे कहा…

एक रात निकुदेमुस नाम का एक व्यक्ति, जो एक फरीसी था और यहूदी महासभा का सदस्य, यीशु के पास आया और कहा…

जैसे ही वह वहाँ से पार हुआ, उसने कर संग्रह करने वाले स्थान पर हलफई के पुत्र लेवी को देखा, और उसने उससे कहा … (मरकुस 2:14 ULT)

जैसे ही वह वहाँ से पार हुआ, उसने कर संग्रह करने वाले स्थान पर हलफई के पुत्र लेवी को देखा। यीशु ने उसे देखा और उससे कहा ...

जैसे ही वह से होकर निकला, वहाँ एक व्यक्ति कर संग्रह करने वाले स्थान पर बैठा था। उसका नाम लेवी था, और वह हलफई का पुत्र था। यीशु ने उसे देखा और उससे कहा...

जैसे ही से होकर निकलका, उसने वहाँ एक चुँगी लेने वाले को चुँगी इक्ट्टा करने वाले स्थान पर बैठे देखे। उसका नाम लेवी था, और वह हलफई का पुत्र था। यीशु ने उसे देखा और उससे कहा...

  1. यदि पाठक कुछ निश्चित जानकारी की अपेक्षा करते हैं, परन्तु यह बाइबल में नहीं है, तो उस जानकारी को देने के लिए अनिश्चित शब्द या वाक्यांश का उपयोग करने पर विचार करें, जैसे: "किसी अन्य समय" या "कोई।"

पृथ्वी पर बाढ़ के आने के समय नूह छः सौ वर्ष का था। (उत्पत्ति 7:6 यूएलटी) - यदि लोगों नई घटना के बारे में कुछ बताया जाने की अपेक्षा करते है, तो वाक्यांश "उसके बाद" उनकी सहायता कर सकता है, देखें कि यह घटनाओं के पहले ही उल्लेख किया गया है।

उसके बाद, जब नूह छह सौ वर्ष का था, तो बाढ़ पृथ्वी पर आई।

फिर उसने झील के किनारे में सिखाना आरम्भ किया। (मरकुस 4:1 यूएलटी) - अध्याय 3 में यीशु किसी के घर पर शिक्षा दे रहा था। पाठकों को यह बताने की आवश्यकता हो सकती है कि यह नई घटना किसी अन्य समय पर घटित हुई थी, या यीशु वास्तव में झील में गया था।

किसी अन्य समय यीशु ने झील के किनारे में लोगों को पुन: शिक्षा देनी आरम्भ की।

यीशु झील में गया और लोगों को पुन: वहाँ सिखाना आरम्भ किया।

  1. यदि परिचय पूरी घटना का सारांश है, तो अपनी भाषा में इसे इस तरह से दिखाने के तरीके का उपयोग करें कि यह सारांश है।

पृथ्वी पर बाढ़ आने पर नूह छह सौ वर्ष का था। (उत्पत्ति 7:6 ULT)

अब यह घटित हुआ कि जब नूह छह सौ वर्ष का था और बाढ़ पृथ्वी पर आई थी।

यह भाग बताता है कि क्या हुआ जब बाढ़ पृथ्वी पर आई थी। ऐसा हुआ जब नूह छह सौ वर्ष का था।

  1. यदि आरम्भ में ही घटना का सारांश देना लक्षित भाषा में असामान्य है, तो दिखाएँ कि घटना वास्तव में कहानी में बाद की होगी।

पृथ्वी पर बाढ़ आने के समय नूह छह सौ वर्ष का था। नूह, उसके पुत्र, उसकी पत्नी और उनके पुत्र की पत्नियाँ बाढ़ के पानी की कारण जहाज में एक साथ गए। (उत्पत्ति 7:6-7 ULT)

अब यह घटित हुआ कि जब नूह छह सौ वर्ष का था। नूह, उसके पुत्र, उनकी पत्नी और उनके पुत्रों की पत्नियाँ एक साथ जहाज में गए क्योंकि परमेश्वर ने कहा था कि बाढ़ का पानी आ जाएगा.


नए एवं पुराने सहभागियों का परिचय

This section answers the following question: मेरे अनुवाद को पाठक क्यों नही समझ सकते कि लेखक किसके बारे में लिख रहा था?

वर्णन

पहली बार जब किसी कहानी में लोगों या वस्तुओं का उल्लेख किया जाता है, तो वे नए प्रतिभागी होते हैं। उसके बाद, जब भी उनका उल्लेख किया जाता है, वे पुराने प्रतिभागी होते हैं।

अब एक फरीसी था जिसका नाम निकुदेमुस थायह व्यक्ति रात के समय यीशु के पास आया … यीशु ने उसे उत्तर दिया (यूहन्ना 3:1)

पहला रेखांकित वाक्यांश नीकुदेमुस को एक नए प्रतिभागी के रूप में प्रस्तुत करता है। उसके बाद उसे "यह व्यक्ति" और "उसे" कहा जाता है, तब वह एक पुराना प्रतिभागी होता है।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

अपने अनुवाद को स्पष्ट और स्वभाविक बनाने के लिए, प्रतिभागियों को इस तरह से सन्दर्भित करना आवश्यक है कि लोगों को पता चले कि वे नए प्रतिभागियों या उन प्रतिभागियों के बारे में जानते हैं, जिन्हें वे पहले से ही पढ़ चुके हैं। विभिन्न भाषाओं में ऐसा करने के विभिन्न तरीके होते हैं। आपको अपनी भाषा उस तरीके का पालन करना चाहिए, न कि जिस तरह से स्रोत भाषा करती है।

बाइबल में से उदाहरण

नए प्रतिभागी

अक्सर सबसे महत्वपूर्ण नए प्रतिभागी को एक वाक्यांश के साथ प्रस्तुत किया जाता है, जो कहता है कि वह अस्तित्व में है, जैसे कि "वहाँ एक व्यक्ति था" नीचे दिए गए उदाहरण में। "वहाँ था" वाक्यांश हमें बताता है कि यह व्यक्ति पहले से ही अस्तित्व में था। "एक व्यक्ति" शब्द "एक" हमें बताता है कि लेखक पहली बार उसके बारे में बात कर रहा है। शेष वाक्य बताता है कि यह व्यक्ति कहाँ से आया था, उसका परिवार कौन सा था, और उसका नाम क्या था।

वहाँ एक व्यक्ति दानियों के परिवार से था, जिसका नाम मानोह था। (न्यायियों 13:2 ULT)

एक नया प्रतिभागी जो सबसे अधिक महत्वपूर्ण नहीं है, अक्सर उसे पहले से प्रस्तुत किए जाने वाले अधिक महत्वपूर्ण व्यक्ति के सम्बन्ध में प्रस्तुत किया जाता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, मानोह की पत्नी को मात्र "उसकी पत्नी" कहा जाता है। यह वाक्यांश उसके साथ उसका सम्बन्ध दिखाता है।

वहाँ एक व्यक्ति दानियों के परिवार से था, जिसका नाम मानोह था। उसकी पत्नी गर्भवती होने में सक्षम नहीं थी और इसलिए वह किसी को जन्म नहीं देती। (न्यायियों 13:2 ULT)

कभी-कभी एक नया प्रतिभागी के नाम से प्रस्तुत किया जाता है, क्योंकि लेखक यह कल्पना करता है कि पाठकों को पता है कि व्यक्ति कौन है। 1 राजा की पहला वचन में, लेखक कल्पना करता है कि उसके पाठकों को पता है कि राजा दाऊद कौन है, इसलिए यह समझाने की कोई आवश्यकता नहीं है कि वह कौन है।

जब राजा दाऊद बहुत बूढ़ा हो गया, तो उन्होंने उसे कम्बल से ढका दिया, परन्तु वह गर्म नहीं रह सका। (1 राजा 1:1 ULT)

पुराने प्रतिभागी

एक व्यक्ति जिसे पहले से ही कहानी में लाया गया था, उसे उसके बाद सर्वनाम के साथ सन्दर्भित किया जा सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, मानोह को "उसकी" सर्वनाम के साथ सन्दर्भित किया जाता है और उसकी पत्नी को "वह" सर्वनाम के साथ सन्दर्भित किया जाता है।

उसकी पत्नी गर्भवती होने में सक्षम नहीं थी और इसलिए वह किसी को जन्म नहीं देती। (न्यायियों 13:2 ULT)

कहानी में क्या हो रहा है, इस पर निर्भर करते हुए पुराने प्रतिभागियों को अन्य तरीकों से भी सन्दर्भित किया जा सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, कहानी एक पुत्र को जन्म देने के बारे में है, और मानोह की पत्नी को "स्त्री" संज्ञा वाक्यांश के साथ सन्दर्भित किया जाता है।

यहोवा का दूत स्त्री को दिखाई दिया और उससे कहा, (न्यायियों 13:3 ULT)

यदि पुराने प्रतिभागी का कुछ समय के लिए उल्लेख नहीं किया गया है, या यदि प्रतिभागियों के बीच भ्रम हो सकता है, तो लेखक प्रतिभागी के नाम का पुन: उपयोग कर सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, मानोह को उसके नाम से सन्दर्भित किया गया है, जिसे लेखक ने वचन 2 के बाद उपयोग नहीं किया है।

फिर मानोह ने परमेश्वर से प्रार्थना की … (न्यायियों 13:8 ULT)

कुछ भाषाओं में क्रिया के बारे में कुछ ऐसी बात है, जो कर्ता के बारे में कुछ और बताती है। उन भाषाओं में से कुछ लोग सदैव पुराने वाक्यांशों के लिए संज्ञा वाक्यांशों या सर्वनामों का उपयोग नहीं करते हैं, जब वे वाक्य में कर्ता होते हैं। क्रिया पर चिन्ह्ति करना श्रोता के लिए पर्याप्त जानकारी यह समझने के लिए देता है कि कर्ता कौन है। देखें क्रियाएँ.

अनुवाद की रणनीतियाँ

  1. यदि प्रतिभागी नया है, तो नए प्रतिभागियों को प्रस्तुत करने के लिए अपनी भाषा के तरीकों में से एक का उपयोग करें।
  2. यदि यह स्पष्ट नहीं है कि यह सर्वनाम को सन्दर्भित करता है, तो संज्ञा वाक्यांश या नाम का उपयोग करें।
  3. यदि किसी पुराने प्रतिभागी को नाम या संज्ञा वाक्यांश के द्वारा सन्दर्भित किया जाता है, और लोग सोचते हैं कि यह एक और नया प्रतिभागी है, तो उसकी अपेक्षा सर्वनाम का उपयोग करने का प्रयास करें। यदि सर्वनाम की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि लोग इसे सन्दर्भ से स्पष्ट रूप में समझेंगे, तो सर्वनाम के उपयोग को छोड़ दें।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

(1) यदि प्रतिभागी नया है, तो नए प्रतिभागियों को प्रस्तुत करने के लिए अपनी भाषा के तरीकों में से एक का उपयोग करें।

यूसुफ, एक लेवी साइप्रस से था, जिसे प्रेरितों के द्वारा बरनबास नाम दिया गया था (अर्थात्, इसकी व्याख्या, प्रोत्साहन का पुत्र है)। (प्रेरितों 4:36-37 यूएलटी) - यूसुफ के नाम के साथ वाक्य आरम्भ करना जब उसे परिचित नहीं किया गया है तब कुछ भाषाओं में भ्रम को उत्पन्न कर सकता है।

साइप्रस का एक व्यक्ति था, जो लेवी था। उसका नाम यूसुफ था, और उसे प्रेरितों के द्वारा बरनबास नाम दिया गया था (अर्थात्, इसकी व्याख्या, प्रोत्साहन का पुत्र है)। साइप्रस से एक लेवी थी, जिसका नाम यूसुफ था। प्रेरितों ने उसे बरनबास नाम दिया, जिसका अर्थ प्रोत्साहन का पुत्र है।

(2) यदि यह स्पष्ट नहीं है कि यह सर्वनाम को सन्दर्भित करता है, तो संज्ञा वाक्यांश या नाम का उपयोग करें।

ऐसा तब हुआ जब उसने एक निश्चित स्थान पर प्रार्थना करना समाप्त कर दिया, उसके एक शिष्य ने कहा, "हे प्रभु, हमें प्रार्थना करना सिखाएँ जैसे यूहन्ना ने अपने शिष्यों को सिखाई थी।" (लूका 11:1 यूएलटी) - क्योंकि यह एक अध्याय में पहला वचन है, पाठकों को आश्चर्य हो सकता है कि "उस" किसके सन्दर्भ में है।

ऐसा हुआ जब यीशु ने एक निश्चित स्थान पर प्रार्थना करना समाप्त कर दिया, उसके एक शिष्य ने कहा, "हे प्रभु, हमें प्रार्थना करना सिखाएँ जैसे यूहन्ना ने अपने शिष्यों को सिखाई थी।

(3) यदि किसी पुराने प्रतिभागी को नाम या संज्ञा वाक्यांश के द्वारा सन्दर्भित किया जाता है, और लोग सोचते हैं कि यह एक और नया प्रतिभागी है, तो उसकी अपेक्षा सर्वनाम का उपयोग करने का प्रयास करें। यदि सर्वनाम की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि लोग इसे सन्दर्भ से स्पष्ट रूप में समझेंगे, तो सर्वनाम के उपयोग को छोड़ दें।

यूसुफ के स्वामी ने यूसुफ को लिया और उसे जेल में रखा, उस स्थान पर जहाँ राजा के सभी कैदियों को रखा गया था, और यूसुफ वहाँ रहा। (उत्पत्ति 3 9:20 यूएलटी) - क्योंकि यूसुफ कहानी में मुख्य व्यक्ति है, इसलिए कुछ भाषाओं को इसका अत्याधिक उपयोग अस्वभाविक या भ्रमित करने वाला हो सकता है। वे एक सर्वनाम प्राथमिकता दे सकते हैं।

यूसुफ के स्वामी ने उसे लिया और उसे जेल में रखा, उस स्थान पर जहाँ राजा के सभी कैदियों को रखा गया था, और वह वहाँ जेल में रहा।


दृष्टांत

This section answers the following question: दृष्टांत क्या हैं?

दृष्टांत एक लघु कहानी है जो किसी सच को समझाती है और शिक्षा को इस प्रकार व्यक्त करती है कि उसको समझना आसान और भूल जकना कठिन हो।

वर्णन

दृष्टांत किसी सच बात को सिखाने के लिए सुनाई जाने वाली छोटी कहानी है। यद्यपि, दृष्टांत की घटनाएं हो सकती हैं, परंतु वास्तव में देखा जाए तो हुई नहीं हैं| उनको सुनाने का उद्देश्य है कि श्रोता को जो शिक्षा(एं) मिलनी है उसको वह ग्रहण कर ले| यह दुर्लभ ही है कि दृष्टांत में जिन मनुष्यों के नाम हैं वे वास्तविक हों | (इससे आपको सहायता मिलेगी कि दृष्टांत क्या है और एक वास्तविक घटना का ब्योरा क्या होता है|) दृष्टान्तों में प्रायः अलंकारों का प्रयोग किया जाता है, जैसे उपमा and रूपक. ,

तब उसने उन्हे एक दृष्टांत भी सुनाया। ‘‘क्या अन्धा, अन्धे को मार्ग बता सकता है? क्या दोनो गड़हे में नहीं गिरेंगे?’’ (लूका 6:39 ULT)

इस दृष्टांत से यह शिक्षा मिलती है कि किसी मनुष्य में आत्मिक समझ न हो तो वह किसी और को आत्मिक बातें समझाने में योग्य नहीं होता है|

बाइबल में से उदाहरण

और लोग दिया जलाकर पैमाने के नीचे नहीं परन्तु दीवट पर रखते हैं, तब उस से घर के सब लोगों को प्रकाश पहुंचता है। उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें। (मत्ती 5:15-16)

इस दृष्टांत से शिक्षा मिलती है कि हमेंअपनी जीवन शैली को मनुष्यों से छिपा कर नहीं रखना है।

उस ने उन्हें एक और दृष्टान्त सुनाया। कि स्वर्ग का राज्य राई के एक दाने के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने लेकर अपने खेत में बो दिया। वह सब बीजों से छोटा तो है। पर जब बढ़ जाता है तब सब साग पात से बड़ा होता है; और ऐसा पेड़ हो जाता है, कि आकाश के पक्षी आकर उस की डालियों पर बसेरा करते हैं। (मत्ती 13:31-32 ULB)

इस दृष्टांत से शिक्षा मिलती है कि परमेश्वर का राज्य आरम्भ में तो छोटा प्रतीत होगा परन्तु वह विकसित होकर सम्पूर्ण जगत में फैल जाएगा|

अनुवाद की युक्तियाँ

  1. यदि दृष्टांत इस कारण समझने में कठिन है कि इसमें अन्जान चीजें लिखी हैं, तो आप उन अंजान चीजों के स्थान पर आपकी संस्कृति में परिचित बातों को लिख सकते हैं। तौभी, शिक्षा अथवा विषय को वही बनाए रखें। (See: Translate Unknowns)
  2. यदि दृष्टांत की बातें स्पष्ट नही हैं, तो प्रस्तावना स्वरुप उसकी शिक्षा का संकेत दें जैसे, ‘‘यीशु ने यह कहानी उदारता के बारे में सुनाई है।’’

अनुवाद की युक्तियों के उदाहरणों की प्रासंगिकता

  1. यदि दृष्टांत इस कारण समझने में कठिन है कि इसमें अन्जान चीजें लिखी हैं, तो आप उन अंजान चीजों के स्थान पर आपकी संस्कृति में परिचित बातों को लिख सकते हैं। तौभी, शिक्षा अथवा विषय को वही बनाए रखें।

यीशु ने उनसे कहा; "क्या दिये को इसलिये लाते हैं कि पैमाने या खाट के नीचे रखा जाए? क्या इसलिये नहीं, कि दीवट पर रखा जाए? (मरकुस 4:21 ULT)

यदि लोगों को पता नही है कि दीवट क्या होता है तो आप उसकी जगह पर उस वस्तु का उपयोग कर सकते हैं जो आपके लोग दीये को रखने के लिए उपयोग करते हैं

यीशु ने उनसे कहा; क्या दीये को इसलिये लाते हैं कि पैमाने या खाट के नीचे रखा जाए? क्या इसलिये नहीं, कि ऊंची ताक में रखा जाए? (मरकुस 4:21 ULB)

यीशु ने उन्हें एक और दृष्टान्त सुनाया। उसने कहा, "स्वर्ग का राज्य राई के एक दाने के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने लेकर अपने खेत में बोया । वह निश्चय ही सब बीजों से छोटा है। पर जब बढ़ जाता है तब बगीचे के सब साग पात से बड़ा होता है; और ऐसा पेड़ हो जाता है, कि आकाश के पक्षी आकर उस की डालियों पर घोसले बनाते हैं। (मत्ती 13:31-32 ULT) बीज बोने का अर्थ है, उन्हे जमीन पर बिखराना। यदि लोग बोने से परिचित नही तो आप उसके बदले में उगाना शब्द काम में ले सकते हैं।

तब यीशु ने उन्हें एक और दृष्टान्त सुनाया| उसने कहा, "स्वर्ग का राज्य राई के एक दाने के समान है, जिसे किसी मनुष्य ने लेकर अपने खेत में बोया वह सब बीजों से छोटा तो है. पर जब बढ़ जाता है तब बगीचे की सब साग पात से बड़ा होता है; और ऐसा पेड़ हो जाता है, कि आकाश के पक्षी आकर उस की डालियों पर घोसला बनाते हैं।

  1. यदि दृष्टांत की शिक्षा स्पष्ट नही हैं, तो प्रस्तावना स्वारूप उसकी शिक्षा का संकेत दें जैसे, ‘‘यीशु ने यह कहानी उदारता के बारे में कही।’’

यीशु ने उनसे यह भी कहा, ‘‘क्या दीये को इसलिये लाते हैं कि पैमाने या खाट के नीचे रखा जाए? क्या इसलिये नहीं, कि दीवट पर रखा जाए?’’ (मरकुस 4:21 ULT)

यीशु ने उनको एक दृष्टांत सुनाया कि उनको सार्वजनिक गवाही क्यों देना है| यीशु ने उनसे यह भी कहा, "दीये को इसलिए नहीं जलाते हैं कि टोकरे के नीचे या खाट के नीचे रखें, रखते हैं क्या? क्या इसलिए नहीं कि उसको दीपदान पर रखें?" (मरकुस 4:21 ULT)

तब यीशु ने उनको एक और दृष्टांत सुनाया| उसने कहा, "स्वर्ग का राज्य एक राई के दाने के सदृश्य है जिसको लेकर किसी मनुष्य ने अपने खेत में बो दिया| निश्चय ही वह सब बीजों में सबसे छोटा है| परन्तु जब वह बड़ा हो जाता है तब वह बगीचे के सब पौधों से बड़ा होता है| वह एक वृक्ष बन जाता है और आकाश के पक्षी आकर उसकी डालियों में घोसले बनाते हैं|" (मत्ती 13:31-32 ULT)

तब यीशु ने उनको परमेश्वर के राज्य के विकास के सम्बन्ध में एक और दृष्टांत सुनाया उसने कहा, "स्वर्ग का राज्य एक राई के दाने के सदृश्य है जिसको लेकर किसी मनुष्य ने अपने खेत में उगा दिया| यह बीज निश्चय ही सब बीजों से छोटा है परन्तु जब वह बढ़ गया तो वह बगीचे के सब पौधों से बड़ा हो गया| वह एक वृक्ष में परिणत हो गया और आकाश के पक्षी आकर उसकी डालियों पर घोसले बनाने लगे|"


काव्य

This section answers the following question: काव्य क्या है और मैं उनका अनुवाद अपनी भाषा में कैसे करूँ?

विवरण

काव्य उन तरीकों में से एक है, जिसे लोग अपनी बात को निर्मित करने और अधिक सुन्दर तरह से लिखने और दृढ़ भावना को व्यक्त करने के लिए अपनी भाषा के शब्दों और ध्वनियों के लिए उपयोग करते हैं। काव्य के माध्यम से, लोग साधारण गैर-काव्य रूपों के माध्यम से गहरी भावनाओं को संचारित कर सकते हैं। काव्य सत्य के कथनों के लिए अधिक महत्व और औचित्य देता है, जैसे कि कहानियाँ, और इसे सामान्य बात की तुलना में स्मरण रखना भी आसान होता है।

काव्य में कुछ बातें सामान्य रूप से पाई जाती हैं

हे उसके सब दूतों, उसकी स्तुति करो: हे उसकी सब सेना उसकी स्तुति करो! हे सूर्य और चन्द्रमा उसकी स्तुति करो, हे सब ज्योतिमय तारागण उसकी स्तुति करो! (भजन 148:2-3 यूएलबी)

  • एक जैसी लम्बाई वाली पंक्तियाँ।

प्रेम धीरजवन्त है, और कृपालु है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं। (1 कुरिन्थियों 13:4 यूएलबी)

  • एक ही ध्वनि अन्त में या दो या दो से अधिक पंक्तियों की आरम्भ करने में उपयोग की जाती है

"ट्विंकल, ट्विंकल लिटिल स्टार. हाओ आई वन्डर वॉट यू आर.” (एक अंग्रेजी काव्य से)

  • एक ही ध्वनि को कई बार दोहराया जाता है

"पीटर, पीटर, पम्पकिन ईटर" (एक अंग्रेजी काव्य से)

  • पुराने शब्द और अभिव्यक्तियाँ
  • नाटकीय चित्रांकन
  • व्याकरण के विभिन्न उपयोग – निम्न के साथ:
  • अधूरे वाक्य
  • समुच्चयबोधक शब्दों की कमी

आपकी भाषा में काव्य की खोज के लिए कुछ स्थान

  1. गाने, विशेष रूप से पुराने गाने या बच्चों के खेल में गानों के उपयोग को किया जाता है
  2. धार्मिक समारोह या याजकों या जादू टोना करने वाले डॉक्टरों के मंत्र
  3. प्रार्थना, आशीष, और शाप
  4. पुरानी किंवदंतियों में

सुरुचिपूर्ण या लच्छेदार भाषा

सुरुचिपूर्ण या लच्छेदार भाषा काव्य के जैसी होती है, जिसमें सुन्दर भाषा का उपयोग किया जाता है, परन्तु यह काव्य वाली भाषा की सारी विशेषताओं का उपयोग नहीं करती है, और यह उतना उपयोग नहीं करती है, जितना काव्य करता है। भाषा में प्रसिद्ध वक्तागण अक्सर सुरुचिपूर्ण भाषा का उपयोग करते हैं, और सम्भवतः यह इस बात की खोज में मूलपाठ का सबसे आसान स्रोत है कि क्या आपकी भाषा को सुरुचिपूर्ण बनाता है।

कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है:

  • भिन्न भाषाएँ विभिन्न बातों के लिए काव्य का उपयोग करती हैं। यदि एक काव्य रूप आपकी भाषा में एक ही अर्थ को संचारित नहीं करता है, तो आपको काव्य के बिना इसे लिखने की आवश्यकता हो सकती है।
  • कुछ भाषाओं में, बाइबल के किसी विशेष भाग के लिए काव्य का उपयोग करना इसे और अधिक सामर्थी बना देगा।

बाइबल से उदाहरण

बाइबल गाने, शिक्षा और भविष्यद्वाणी के लिए काव्य का उपयोग करती है। पुराना नियम की लगभग सभी पुस्तकों में काव्य पाए जाते हैं और कई पुस्तकें पूरी तरह से काव्यात्मक हैं।

तुने मेरे दुःख को देखा; तू मेरी आत्मा के संकट को जानता था। (भजन 31:7 यूएलबी)

एक जैसे अर्थ के साथ समान्तरतावाद का यह उदाहरण दो पंक्तियों का है, जो एक ही बात का अर्थ है।

यहोवा, राष्ट्रों का न्याय करे; हे यहोवा, हे परमप्रधान, मुझे आश्वस्त कर, क्योंकि मैं धर्मी और निर्दोष हूँ।

समान्तरतावाद का यह उदाहरण दिखाता है कि दाऊद परमेश्वर से क्या करना चाहता है और वह क्या चाहता है कि वह परमेश्वर को अनैतिक राष्ट्रों के साथ क्या करना चाहिए। (देखें समान्तरतावाद)

अपने दास को भी घमण्ड के पापों से बचा; उन्हें मुझ पर शासन न करने दें। (भजन 19:13 यूएलबी)

मानवीकरण का यह उदाहरण पापों की बात करता है, मानो कि वे किसी व्यक्ति के ऊपर शासन कर सकते हैं। (देखें मानवीकरण)

ओह, यहोवा का धन्यवाद करो; क्योंकि वह अच्छा है, क्योंकि उसकी वाचा की विश्वासयोग्यता सदैव के लिए बनी रहती है। ओह, ईश्वरों के परमेश्वर का धन्यवाद करो, क्योंकि उसकी वाचा की विश्वासयोग्यता सदैव बनी रहती है। ओह, प्रभुओं के परमेश्वर का धन्यवाद करो, क्योंकि उसकी वाचा की विश्वासयोग्यता सदैव के लिए बनी रहती है। (भजन 136:1-3 यूएलबी)

यह उदाहरण "धन्यवाद देना" वाक्यांशों को दोहराता है और "उसकी वाचा की विश्वासयोग्यता सदैव के लिए बनी रहती है।"

अनुवाद की रणनीतियाँ

यदि स्रोत मूलपाठ में उपयोग की जाने वाली वचन की शैली स्वभाविक है और आपकी भाषा में सही अर्थ देती, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो इसका अनुवाद करने के कुछ अन्य तरीके यहाँ दिए गए हैं।

  1. वचन की अपनी शैलियों में से एक का उपयोग करके काव्य का अनुवाद करें।
  2. सुरुचिपूर्ण भाषा की अपनी शैली का उपयोग कर काव्य का अनुवाद करें।
  3. सामान्य भाषा की अपनी शैली का उपयोग करके काव्य का अनुवाद करें।

यदि आप काव्य का उपयोग करते हैं तो यह अधिक सुन्दर हो सकता है।

यदि आप सामान्य भाषा का उपयोग करते हैं तो यह अधिक स्पष्ट हो सकता है।

अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण

धन्य वह व्यक्ति है जो दुष्टों के परामर्श में नहीं चलता है, या पापियों के साथ रास्ते में खड़े नहीं होता, या ठट्ठा करने वालों की संगति में नहीं बैठता। परन्तु उसका आनन्द यहोवा के नियम में है, और उसके कानून पर वह दिन और रात ध्यान करता रहता है। (भजन 1:1,2 यूएलबी)

निम्नलिखित उदाहरण हैं कि लोग कैसे भजन 1:1,2 का अनुवाद कर सकते हैं।

(1) काव्य की अपनी शैलियों का उपयोग करके काव्य का अनुवाद करें। (इस उदाहरण में शैली में ऐसे शब्द होते हैं, जो प्रत्येक पंक्ति के अन्त में एक जैसे ही होते हैं।)

"धन्य है वह व्यक्ति जो पाप करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता है। परमेश्वर के लिए अपमान क कार्य वह आरम्भ नहीं करेगा। उन लोगों के साथ जो परमेश्वर पर हँसते हैं, वह कोई सम्बन्ध नहीं रखता है। परमेश्वर ही उसकी निरन्तर प्रसन्नता है। वह वही करता है, जिसे परमेश्वर कहता है कि सही है। वह इसके विषय में पूरे दिन और रात सोचता है।

(2) सुरुचिपूर्ण भाषा की अपनी शैली का उपयोग कर काव्य का अनुवाद करें।

यह वही व्यक्ति है, जो वास्तव में धन्य है: वह जो दुष्ट लोगों के परामर्श का पालन नहीं करता है, या पापियों से बात करने के लिए सड़क के किनारे नहीं रुकता है, या उन लोगों की सभा में सम्मिलित नहीं होता है, जो परमेश्वर का ठट्ठा करते हैं। इसकी अपेक्षा वह यहोवा के नियम में बहुत अधिक आनन्द लेता है, और वह दिन-रात उस ही पर ध्यान करता रहता है।

(3) सामान्य भाषा की अपनी शैली का उपयोग करके काव्य का अनुवाद करें।

जो लोग बुरे लोगों का परामर्श नहीं सुनते वे वास्तव में आनन्दित होते हैं। वे उन लोगों के साथ समय नहीं बिताते हैं, जो लगातार बुरी बातें करते हैं या उन लोगों के साथ जो परमेश्वर का सम्मान नहीं करते हैं। वे यहोवा के नियमों का पालन करना पसन्द करते हैं, और वे हर समय इसके बारे में सोचते रहते हैं।


नीतिवचन

This section answers the following question: नीतिवचन क्या हैं, मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ?

विवरण

नीतिवचन छोटी कहावतें हैं, जो बुद्धिमानी का परामर्श देती हैं या जीवन के सामान्य सत्यों का ज्ञान प्रदान करती हैं। लोग नीतिवचनों का आनन्द लेते हैं, क्योंकि वे कुछ शब्दों में बहुत अधिक ज्ञान देते हैं। बाइबल में नीतिवचन प्रायः रूपक और सादृश्यता का उपयोग करते हैं। नीतिवचानों को निरुपाधिक सत या अपरिवर्तनीय नियम नहीं समझना चाहिए, इसकी अपेक्षा नीतिवचन मनुष्य को सामान्य परामर्श देते हैं कि वह अपना जीवन कैसे जिए|

बैर से तो झगडे उत्पन्न होते हैं, परन्तु प्रेम से सब अपराध ढांप जाते हैं| (नीतिवचन 10:12 ULT)

नीतिवचन से एक और उदाहरण।

हे आलसी, चींटियों के पास जा; उनके काम पर ध्यान दे, और बुद्धिमान हो| उनके न तो कोई न्यायी होता है, न प्रधान, न प्रभुता करने वाला, तौभी वे अपना आहार ढूप्काल में संचय करती हैं, औ कटनी के समय अपनी भोजन वस्तु बटोरती हैं। (नीतिवचन 6:6-8 ULT)

इसका अनुवाद की समस्या होने का कारण

प्रत्येक भाषा में नीतिवचनों को कहने की अपनी ही रीति है। बाइबल में कई नीतिवचन पाए जाते हैं। उन्हें इस तरीके से अनुवाद करने की आवश्यकता होती है, जैसे लोग आपकी भाषा में नीतिवचन कहते हैं, जिससे कि लोग उन्हें नीतिवचनों के रूप में पहचान सकें और उनकी शिक्षाओं को समझ सकें।

बाइबल से उदाहरण

बड़े धन से अच्छा नाम अधिक चाहने योग्य है, और सोने चांदी से दूसरों की प्रसन्नता उत्तम है| (नीतिवचन 22:1 ULT)

इसका अर्थ यह है कि एक अच्छा व्यक्ति होना और अच्छी प्रतिष्ठा धन की बहुतायत से अधिक उत्तम है।

जैसे दांत को सिरका, और आँख को धूआं, वैसे आलसी उनको लगता है जो उसको कहीं भेजते हैं। (नीतिवचन 10:26 ULT)

इसका अर्थ है कि आलसी मनुष्य उन लोगों के लिए अत्यधिक अप्रसन्नता का कारण होता है जो उसको किसी काम में लगाते हैं।

यहोवा खरे मनुष्यों का गढ़ ठहरता है, परन्तु अनर्थकारियों का विनाश होता है। (नीतिवचन 10:29 ULT)

इसका अर्थ है कि यहोवा उन लोगों की रक्षा करता है, जो सही काम करते हैं, परन्तु वह दुष्टों को नष्ट कर देता है।

अनुवाद की युक्तियाँ

यदि आपकी भाषा में नीतिवचन का शाब्दिक अनुवाद स्वभाविक हो और सही अर्थ दे, तो ऐसा करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ कुछ विकल्प दिए गए हैं:

(1) ज्ञात करें कि लोग आपकी भाषा में नीतिवचन कैसे कहते हैं, और उन विधियों में से एक का उपयोग करें। (2) यदि आपके भाषा समूह के कई लोगों के लिए नीतिवचनों की कुछ वस्तुएं अज्ञात हैं, तो उनके स्थानों में उन वस्तुओं को रखने का विचार करें जिन्हें लोग जानते हैं और वह आपकी भाषा में भी वैसा ही काम करती हैं। (3) आपकी भाषा के किसी नीतिवचन की शिक्षा ठीक वैसी ही हो जैसी बाइबल में दिए हुए नीतिवचन की है तो उसका प्रतिस्थापन करें। (4) वही शिक्षा दें परन्तु एक नीतिवचन के रूप में नहीं।

अनुवाद की युक्तियों के उदाहरणों की प्रासंगिकता

(1) ज्ञात करें कि लोग आपकी भाषा में नीतिवचनों कैसे कहते हैं, उन विधियों में से एक का उपयोग करें।

बड़े धन से अच्छा नाम अधिक चाहने योग्य है, और सोने चांदी से दूसरों की प्रसन्नता उत्तम है| (नीतिवचन 22:1 ULT)

यहाँ पर कुछ विचार दिए गए हैं, जिनके उपयोग से लोग अपनी भाषा में एक नीतिवचन कह सकते हैं।

बड़े धन को पाने की तुलना में अच्छा नाम पाना अधिक उत्तम है, और चाँदी और सोने से अधिक लोगों का कृपापात्र बनना सर्वोत्तम है।

बुद्धिमान लोग बड़े धन के स्थान पर अच्छा नाम चुनते हैं, और चाँदी और सोने के स्थान पर कृपा को चुनते हैं।

बड़े धन की अपेक्षा अच्छी प्रतिष्ठा पाने का प्रयास करें।

क्या धन वास्तव में आपकी सहायता करेगा? मुझे तो अपेक्षाकृत अच्छी प्रतिष्ठा चाहिए|

(2) यदि आपके भाषा समूह के अनेक लोग नीतिवचनों की कुछ वस्तुओं से अज्ञात हैं, तो उनका प्रतिष्टापन उन वस्तुओं से कर दें जिन्हें लोग जानते हैं और जो आपकी भाषा में वैसा ही कार्य करती हैं।

जैसा धुपकाल में हिम का और कटनी के समय जल का पड़ना,

वैसा ही मूर्ख की महिमा भी ठीक नहीं होती (नीतिवचन 26:1 ULT)

ठण्डी हवा के लिए ग्रीष्म ऋतु में बहना स्वभाविक नहीं या कटनी के समय वर्षा: वैसे ही मूर्ख की महिमा ठीक नहीं होती।

(3) आपकी भाषा में किसी नीतिवचन की शिक्षा बाईबल की शिक्षा के साथ यथोचित हो तो उसकी प्रतिस्थापन का चुनाव करें।

  • कल के दिन के विषय में डींग मत मार,

क्बायोंकि तू नहीं जानता कि दिन भर में क्या होगा| (नीतिवचन 27:1 ULT)

मुर्गी के बच्चे लिकालने से पहले गिनना आरम्भ न करें

(4) शिक्षा तो वही दें परन्तु नीतिवचन के रूप में नहीं|

ऐसे लोग हैं, जो अपने पिता को शाप देते

और अपनी माता को धन्य नहीं कहते|

ऐसे लोग हैं जो अपनी दृष्टि में शुद्ध हैं,

तौभी उनका मेल धोया नहीं गया| (नीतिवचन 30:11-12 ULT)

जो लोग अपने माता-पिता का सम्मान नहीं करते वे सोचते हैं कि वे धर्मी हैं, और वे अपने पाप से विमुख नहीं होते हैं।


प्रतीकों की भाषा

This section answers the following question: प्रतीकों की भाषा क्या होती है? मैं इसका अनुवाद कैसे कर सकता/सकती हूँ?

विवरण

बोलने में और लिखने में जब प्रतीकों की भाषा का उपयोग किया जाता है तो वस्तुओं, घटनाओं आदि के लिए प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है| बाईबल में यह भविष्यद्वाणी और भजनों में में सबसे अधिक प्रयोग की जाती है, विशेष करके भविष्य में होने वाली धटनाओं के बारे में दर्शनों और सपनों में। यद्यपि लोग प्रतीक के अर्थ को तत्काल ही समझ नहीं पाते हैं, परन्तु प्रतीक को अनुवाद में रखना महत्वपूर्ण है।

इस पुस्तक को खा, तब जाकर इस्राएल के घराने से बातें कर।” (यहेजकेल 3:1 ULT)

यह एक स्वप्न में था। पुस्तक को खाना, उस पुस्तक में जो लिखा था उसे यहेजकेल द्वारा पढ़ कर भली-भाँति समझ लेने के लिए तथा परमेश्वर के इन वचनों को स्वयं में अंतर्ग्रहण करने के लिए एक प्रतीक है।

प्रतीक प्रयोग के उद्देश्य

  • प्रतीक प्रयोग का एक उद्देश्य है, किसी घटना के महत्त्व या उग्रता को अन्य अत्यधिक नाटकीय शब्दों में व्यक्त करके मनुष्यों को समझने में सहायता करना।
  • प्रतीक प्रयोग का एक और उद्देश्य है, कुछ मनुष्यों पर किसी बात को प्रकट करना जबकि उन अन्य मनुष्यों से उसके वास्तविक अर्थ का छिपा कर रखना जो प्रतीकों को नहीं समझते हैं।

इसके अनुवाद की समस्या का कारण

जो लोग आज बाइबल पढ़ते हैं, उन्हें यह समझना कठिन होता है कि भाषा प्रतीकात्मक है, और वे नहीं जानते कि प्रतीक किसका द्योतक है।

अनुवाद के सिद्धान्त

  • जब भाषा में प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है तो अनुवाद में उन प्रतीकों को रखना महत्पूर्ण होता है।
  • यह भी महत्वपूर्ण है कि मूल वक्ता या लेखक जो समझाने का प्रयास कर रहा है उससे अधिक उसकी व्याख्या न की जाए क्योंकि संभव है कि वह नहीं चाहता था कि उस समय का हर एक मनुष्य उसे आसानी से समझ ले।

बाइबल से उदाहरण

फिर इसके बाद मैं ने स्वप्न में दृष्टि की और देखा, कि एक चौथा जंतु है जो भयंकर और डरावना और बहुत सामर्थी है, और उसके बड़े बड़े लोहे के दांत हैं; वह सब कुछ खा डालता है और चूर चूर करता है, और जो बच जाता है, उसे पैरों से रौंदता है| वह सब पहले जंतुओं से भिन्न है; और उसके दस सींग हैं। (दानिय्येल 7:7 ULT)

इन मोटी छपाई के प्रतीकों के अर्थ की व्याख्या दानिय्येल 7:23-24 में की गई है, जैसा नीचे दिखाया गया है। जानवर साम्राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, लौह के दांत एक सामर्थी सेना का प्रतिनिधित्व करते हैं, और सींग सामर्थी अगुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।

उसने कहा, 'उस चौथे जंतु का अर्थ एक चौथा राज्य है, जो पृथ्वी पर होकर और सब राज्यों से भिन्न होगा, और सारी पृथ्वी का नाश करेगा, और दांव कर चूर चूर करेगा। उन दस सींगों का अर्थ यह है, कि उस राज्य में से दस राजा उठेंगे, और उसके बाद पहलों से भिन्न एक और राजा उठेगा जो तीन राजाओं को गिरा देगा, (दानिय्येल 7:23-24 ULT)

< तब मैं ने उसे, जो मुझ से बोल रहा था, देखेने के लिए अपना मुंह फेरा; और पीछे घूमकर मैं ने सोने की सात दीवटें देखीं, और उन दीवटों के बीच में मनुष्य के पुत्र सदृश्य एक पुरुष को देखा... वह अपने हाथ में सात तारे लिए हुए था, और उसके मुख से तेज दोधारी तलवार निकलती थी| उन सात तारों का भेद जिन्हें तू ने मेरे दाहिने हाथ में देखा था, और उन सात सोने की दीवटों का भेद: वे सात तारे सातों कलीसियाओं के दूत है, और वे सात दीवटें सात कलीसियाएं हैं| (प्रकाशितवाक्य 1:12-13, 16, 20 ULT)

यह गद्ध्यांश सात दीपदानों और सात तारों के अर्थ को समझाता है। दोधारी तलवार परमेश्वर के वचन और न्याय का प्रतीक हैं।

अनुवाद की युक्तियाँ

(1) मूलपाठ का अनुवाद करते समय प्रतीकों को ज्यों का त्यों रखें । वक्ता या लेखक अधिकतर आगे चलकर गद्ध्यांश में अर्थ समझाता है। (2) मूलपाठ का अनुवाद करते समय प्रतीकों को ज्यों का त्यों रखें। फिर पाद टिप्पणियों में प्रतीकों की व्याख्या करें।

अनुवाद की युक्तियों के प्रायोगिक उदाहरण

(1) मूलपाठ का अनुवाद करते समय प्रतीकों को ज्यों का त्यों रखें । वक्ता या लेखक अधिकतर आगे चलकर गद्ध्यांश में अर्थ समझाता है।

उसने कहा, 'उस चौथे जंतु का अर्थ एक चौथा राज्य है जो पृथ्वी पर होकर और सब राज्यों से भिन्न होगा, और सारी पृथ्वी को नाश करेगा, और दांव कर चूर चूर करेगा। उन दस सींगों का अर्थ यह है, कि उस राज्य में से दस राजा उठेंगे, और उनके बाद पहिलों से भिन्न एक और राजा उठेगा जो तीन राजाओं को गिरा देगा|' (दानि. 7:23-24 ULT)

(2) प्रतीकों के साथ मूलपाठ के अनुवाद में प्रतीकों को ज्यों का त्यों रखें। प्ररतीकों की व्याख्या पाद टिप्पणी में करें।

फिर इसके बाद मैं ने स्वप्न में दृष्टि की और देखा, कि एक चौथा जंतु है जो भयंकर और डरावना और बहुत सामर्थी है ; उसके बड़े बड़े लोहे के दांत हैं; वह सब कुछ खा डालता है और चूर चूर करता है, और जो बाख जाता है, उसको पैरों से रौंदता है। वह सब पहले जंतुओं से भिन्न है; और उसके दस सींग हैं। (दानिय्येल 7:7 ULT)

इसके बाद मैं ने स्वप्न में दृष्टि की और देखा देखा की एक चौथा जंतु है, 1 जो भयंकर और डरावना, और बहुत सामर्थी है। उसके लौहे के बड़े बड़े दांत हैं; 2 वह सब कुछ खा डालता है और चूर चूर करता है, और जो बच जाता है, उसको पैरों से रौंदता है| वह पहले जंतुओं से भिन्न है, और उसके दस सींग हैं। 3

पाद टिप्पणी ऎसी होगी :

[1] वह जंतु एक साम्राज्य का प्रतीक है। [2] लौह के दांत उस साम्राज्य की सामर्थी सेना का प्रतीक हैं। [3] सींग सामर्थी राजाओं के प्रतीक हैं।


प्रतीकात्मक भविष्यद्वाणी

This section answers the following question: प्रतीकात्मक अनुवाद क्या है और मैं इसका अनुवाद कैसे करूँ?

विवरण

प्रतीकात्मक भविष्यद्वाणी एक प्रकार का सन्देश है, जिसे परमेश्वर ने एक भविष्यवक्ता को दिया ताकि भविष्यवक्ता दूसरों को बताए। ये सन्देश भविष्य में परमेश्वर क्या करेगा, को दिखाने के लिए चित्रों और प्रतीकों का उपयोग करता है। मुख्य पुस्तकें जिनमें भविष्यद्वाणियाँ हैं, यशायाह, यहेजकेल, दानिय्येल, जकर्याह और प्रकाशितवाक्य हैं। प्रतीकात्मक भविष्यद्वाणी के छोटे उदाहरण अन्य पुस्तकों में भी पाए जाते हैं, जैसे कि मत्ती 24, मरकुस 13, और लूका 21 में। बाइबल बताती है कि परमेश्वर ने प्रत्येक सन्देश को कैसे दिया और सन्देश क्या था।

जब परमेश्वर ने सन्देश दिया, तो उसने अक्सर स्वप्न और दृष्टान्तों जैसे आश्चर्यजनक तरीकों के द्वारा ऐसा किया। "स्वप्न" और "दर्शन" का अनुवाद करने में सहायता पाने के लिए: स्वप्न और दर्शन जब भविष्यद्वक्ताओं ने इन स्वप्नों और दृष्टान्तों को देखा, तो उन्होंने अक्सर परमेश्वर और स्वर्ग के बारे में चित्रों और प्रतीकों को देखा।

इनमें से कुछ चित्र सिंहासन, सुनहरे दीपदान, श्वेत बाल और श्वेत कपड़े वाले सामर्थी, और आग की तरह आँखें और लोहे की तरह पैर वाले व्यक्ति की हैं। इनमें से कुछ चित्रों को एक से अधिक भविष्यद्वक्ता के द्वारा देखा गया था। संसार के बारे में भविष्यद्वाणियों में चित्रों और प्रतीकों भी सम्मिलित हैं।

उदाहरण के लिए, कुछ भविष्यद्वाणियों में सामर्थी जानवर साम्राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, सींग राजाओं या साम्राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, एक अजगर या सांप शैतान का प्रतिनिधित्व करता है, समुद्र राष्ट्रों का प्रतिनिधित्व करता है, और सप्ताह लम्बे समय का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें से कुछ चित्रों को एक से अधिक भविष्यद्वक्ता के द्वारा भी देखा गया था।

भविष्यद्वाणियाँ इस संसार में बुराई के बारे में बताती हैं, कैसे परमेश्वर संसार का न्याय करेगा और पाप को दण्डित करेगा, और परमेश्वर कैसे नए संसार में अपने धार्मिकता से भरे हुए राज्य को स्थापित करेगा। वे उन बातों के बारे में भी बताती हैं, जो स्वर्ग और नरक से सम्बन्धित होंगी। बाइबल में अधिकांश भविष्यद्वाणी को काव्य के रूप में प्रस्तुत किया गया है। कुछ संस्कृतियों में लोग मानते हैं कि यदि काव्य में कुछ कहा जाता है, तो यह सच या अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो सकता है। यद्यपि, बाइबल में भविष्यद्वाणियाँ सत्य और बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण हैं, भले ही वे काव्य के रूपों या गैर-काव्य रूपों में क्यों न प्रस्तुत हों। कभी-कभी अतीत में घटित हुई घटनाओं के लिए इन पुस्तकों में भूतकाल का उपयोग किया जाता है। यद्यपि, कभी-कभी भूतकाल का उपयोग भविष्य में होने वाली घटनाओं के लिए किया जाता है।

इसके लिए हमारे लिए दो कारण हैं। जब भविष्यद्वक्ताओं ने उन बातों के बारे में बताया जो उन्होंने एक स्वप्न या दर्शम में देखी थीं, तो वे अक्सर भूतकाल का उपयोग किया गया था क्योंकि उनका स्वप्न अतीत का था। भविष्य की घटनाओं के सन्दर्भ में भूतकाल का उपयोग करने का दूसरा कारण यह था कि उन घटनाओं में निश्चित रूप से ऐसा ही घटित होगा। घटनाएँ इतनी निश्चित थीं, कि मानो ऐसा लगता था कि वे पहले से घटित हो चुकी थीं। हम अतीत काल के इस दूसरे उपयोग को "पूर्वानुमानित अतीत" कहते हैं। पूर्वानुमानित अतीत देखें।

इन बातों में से कुछ भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बताए जाने के पश्चात् घटित हुई थीं, और उनमें से कुछ इस संसार के अन्त में घटित होंगी।

इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है

  • कुछ चित्रों को समझना कठिन होता है, क्योंकि हमने पहले कभी उनके जैसी बातों को घटित होते नहीं देखा है।
  • उन बातों का विवरण जिन्हें हमने कभी नहीं देखा है या जो इस संसार में विद्यमान नहीं हैं, का अनुवाद करना कठिन है।
  • यदि परमेश्वर या भविष्यवक्ता ने अतीत काल का उपयोग किया, तो मूलपाठकों को यह जानने में कठिनाई हो सकती है कि वहाँ कुछ ऐसा घटित हुआ था, जो पहले से ही घटित हो चुका था या कुछ ऐसा बाद में घटित होगा।

अनुवाद के सिद्धान्त

  • मूलपाठ में चित्रों का अनुवाद करें। उनकी व्याख्या और उनके अर्थ का अनुवाद करने की प्रयास न करें।
  • जब बाइबल में एक से अधिक स्थानों पर एक चित्र दिखाई देता है, और उसी तरह वर्णित किया गया है, तो उन सभी स्थानों पर उसी तरह के अनुवाद को करने का प्रयास करें।
  • यदि या तो काव्य रूप या गैर-काव्य रूप आपके मूलपाठकों को सूचित करेगा कि भविष्यद्वाणी सत्य हैं या नहीं या महत्वहीन है या नहीं, उस समय ऐसे रूप का उपयोग करें जो उन बातों को इंगित नहीं करता है।
  • कभी-कभी यह समझना कठिन होता है कि विभिन्न भविष्यद्वाणियों में वर्णित घटनाओं का क्या क्रम होता है। केवल उन्हें ज्यों का त्यों लिखें क्योंकि वे प्रत्येक भविष्यद्वाणी में दिखाई देते हैं।
  • वाक्य को इस तरह से अनुवाद करें कि पाठक समझ सकें कि वक्ता का क्या अर्थ है। यदि पाठक पूर्वानुमानित अतीत को नहीं समझ पाएं, तो भविष्यकाल के वाक्य का उपयोग करना स्वीकार्य है।
  • भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा लिखे जाने के पश्चात् कुछ भविष्यद्वाणियाँ पूरी हुईं थीं। उनमें से कुछ अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। भविष्यद्वाणी को स्पष्ट न करें कि कब ये भविष्यद्वाणियाँ पूरी हुईं हैं या वे कैसे पूरी हुईं हैं।

बाइबल से उदाहरण

निम्नलिखित सन्दर्भ सामर्थी प्राणियों का वर्णन करते हैं, जिन्हें यहेजकेल, दानिय्येल और यूहन्ना ने देखा था। इन दर्शनों में आने वाले चित्रों में वे बाल सम्मिलित हैं, जो ऊन के जैसे श्वेत हैं, बहुत से पानी की तरह एक आवाज़, एक सुनहरा कमरबन्द, और पीत्तल के जैसे पैर या लातों वाले थे। यद्यपि भविष्यद्वक्ताओं ने विभिन्न विवरणों को देखा, परन्तु वही विवरणों का अनुवाद करना अच्छा होगा।

प्रकाशितवाक्य में से मिलने वाले रेखांकित वाक्यांश दानिय्येल और यहेजकेल के सन्दर्भों में भी प्रगट होते हैं

दीपदानों के बीच में मनुष्य के पुत्र की तरह एक था, जो एक लम्बे वस्त्र को पहिने हुए था, जो उसके पैरों तक नीचे जा रहा था, और उसकी छाती के चारों ओर एक सुनहरा कमरबन्द था। उसके सिर और बाल ऊन के जैसे श्वेत थे - बर्फ के जैसे श्वेत, और उसकी आँखें आग की लौ की तरह थीं। उसके पैर चमकते हुए पीत्तल की तरह थे , जो भट्टी में शुद्ध किया गया था, और उसकी आवाज बहुत से चलने वाले पानी की आवाज की तरह थी । वह अपने दाहिने हाथ में सात तारों को रखता था, और उसके मुँह से एक तेज दो धारों वाली तलवार निकल रही थी। उसका चेहरा सूर्य की तरह चमक रहा था। (प्रकाशितवाक्य 1:13-16 यूएलबी)

जैसा कि मैंने देखा, सिंहासन अपने स्थान पर रखा हुआ था, और उस प्राचीनकाल से निकलने वाले अपने स्थान को ग्रहण किया। उसके कपड़े बर्फ के जैसे श्वेत थे, और उसके सिर के बाल शुद्ध ऊन की तरह थे । (दानिय्येल 7: 9 यूएलबी)

मैंने ऊपर देखा और सन के वस्त्र पहने हुए एक व्यक्ति को देखा, ऊफाज़ से मिलने वाले शुद्ध सोने से बना हुआ कमरबन्द उसकी कमर के चारों ओर लिपटा हुआ था।उसका शरीर फीरोजा की तरह था, उसका चेहरा बिजली की तरह था, उसकी आँखें आग लगाने वाली मशाल की तरह थीं, उसकी बाहों और उसके पैर चमकाए हुए पीत्तल की तरह थे , और उसके शब्दों की आवाज एक बड़ी भीड़ की आवाज़ की तरह थी । (दानिय्येल 10: 5-6 यूएलबी)

देखो! इस्राएल के परमेश्वर की महिमा पूर्व से आई थी; उसकी आवाज बहुत से बहने वाले पानी की आवाज की तरह थी , और पृथ्वी उसकी महिमा से चमक गई! (यहेजकेल 43:2 यूएलबी)

निम्नलिखित सन्दर्भ पिछली घटनाओं के सन्दर्भ में अतीत काल के उपयोग को दिखाता है। रेखांकित क्रियाएँ अतीक की घटनाओं को सन्दर्भित करती हैं।

आमोस के पुत्र यशायाह का दर्शन, जो उसने यहूदा और यरूशलेम के विषय में यहूदा के राजा उज्जिय्याह, योथाम, आहाज और हिजकिय्याह के दिनों में देखा था। सुनो, आकाश, और हे पृथ्वी, अपना ध्यान लगा; क्योंकि यहोवा ने बोला है : "मैंने पोषित किया है और बच्चे को पालन किया, परन्तु वे मेरे विरूद्ध विद्रोह कर चुके हैं । (यशायाह 1: 1-2 यूएलबी)

निम्नलिखित सन्दर्भ भविष्यकाल और अतीत काल के विभिन्न उपयोगों को दिखाता है।

रेखांकित क्रियाएँ पूर्वानुमानित अतीत के उदाहरण हैं, जहां अतीत काल का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि घटनाएँ निश्चित रूप से घटित होती हैं।

उदासीनता उस से चली जाएगी जो दु:ख में थी। पहले के समय उसने अपमानित किया जबुलून की भूमि और नप्ताली की भूमि, परन्तु बाद के समय में वह उसे महिमामय, समुद्र के मार्ग पर, यदरन से परे, राष्ट्रों को गलील बना देगा। अन्धेरे में चलने वाले लोग ने एक बड़े प्रकाश को देखा है ; जो लोग मृत्यु की छाया वाले देश में रहते हैं, उन पर प्रकाश चमक गया। (यशायाह 9: 1-2 यूएलबी)


वाक्य रचना

This section answers the following question: वाक्य के भाग क्या क्या हैं?

विवरण

अंग्रेजी में सबसे सरल वाक्य संरचना मेंकर्ता और एकक्रिया शब्द सम्मिलित है:

  • लड़का भागा।

कर्ता

  • कर्ता वह होता है कि वाक्य किसके बारे में है या क्या है। इन उदाहरणों में, कर्ता रेखांकित किया गया है:
  • लड़का दौड़ रहा है।
  • वह चल रहा है।

कर्ता सामान्य रूप से संज्ञा वाक्यांश या सर्वनाम होते हैं। (देखें शब्द के भाग) उपर्युक्त उदाहरणों में, "लड़का" एक संज्ञा वाक्यांश है जिसमें संज्ञा "लड़का" और "वह" एक सर्वनाम है। जब वाक्य एक आदेश होता है, तो कई भाषाओं में इसका कोई कर्ता नहीं होता है। लोग समझते हैं कि कर्ता "आप" है।

  • दरवाजा बंद करो।

भविष्यद्वाणी करें

भविष्यद्वाणी एक वाक्य का भाग होती है जो इसके कर्ता के बारे में कुछ बताती है। इसकी सामान्य रूप से एक क्रिया होती है। (देखें: क्रियाएँ) नीचे दिए गए वाक्यों में, कर्ता "व्यक्ति" और "वह" हैं। भविष्यद्वाणियों को रेखांकित किया गया है और क्रियाएँ बड़े अझरों में हैं।

  • व्यक्ति है शक्तिशाली.
  • उसने कठोर परिश्रम किया.
  • वह एक वाटिका को बनाया .

यौगिक वाक्य

एक वाक्य को एक से अधिक वाक्य से बनाया जा सकता है। नीचे दी गई दो पंक्तियों में से प्रत्येक में एक कर्ता और भविष्यद्वाणी है और यह एक पूर्ण वाक्य है।

  • उसने जिमीकंद को लगाया।
  • उसकी पत्नी ने मक्कई लगाई। नीचे दिए गए यौगिक वाक्य में ऊपर के दो वाक्य सम्मिलित हैं।

अंग्रेजी में, यौगिक वाक्य "और," "परन्तु," या "या" जैसे संयोजन के साथ आपस में जुड़ जाते हैं।

  • उसने जिमीकंद को लगाया और उसकी पत्नी ने मक्कई लगाई।

खण्डवाक्य

वाक्य में खण्डवाक्य और अन्य वाक्यांश भी हो सकते हैं। खण्डवाक्य वाक्यों की तरह हैं क्योंकि उनके पास एक कर्ता और भविष्यद्वाणी होती है, परन्तु वे सामान्य रूप से स्वयं प्रगट नहीं होते हैं। खण्डवाक्य के कुछ उदाहरण यहाँ दिए गए हैं। कर्ता बड़े अझरों में हैं, और भविष्यद्वाणियों को रेखांकित किया गया है।

  • जब मक्कई तैयार था
  • के बाद उसने उसे तोड़ लिया
  • क्योंकि इसका स्वाद बहुत अच्छा वाक्य में कई खण्ड हो सकते हैं, और इसलिए वे लम्बे और जटिल हो सकते हैं।

परन्तु प्रत्येक वाक्य में कम से कम एकस्वतंत्र खण्ड होना चाहिए, अर्थात्, एक खण्ड जो स्वयं ही एक वाक्य हो सकता है। अन्य खण्ड जिन्हें स्वयं अपने आप में वाक्य नहीं हो सकता है उन्हें आश्रित खण्ड कहा जाता है। आश्रित खण्ड उनके अर्थ को पूरा करने के लिए स्वतंत्र खण्ड पर निर्भर होते हैं। आश्रित खण्ड नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित किए गए हैं।

  • जब मक्कई तैयार थी , उसने उसे तोड़ लिया।
  • उसे तोड़ लेने के पश्चात् , वह उस अपने घर ले गई और उसे पकाया।
  • तब उसने और उसके पति ने इसे खा लिया, क्योंकि यह स्वाद में बहुत अच्छा था . निम्नलिखित वाक्यांश का प्रत्येक खण्ड एक पूर्ण वाक्य हो सकता है। वे उपरोक्त वाक्यों से स्वतंत्र खण्ड हैं।
  • उसने उसे तोड़ा।
  • वह उसे घर ले गई और उसे पकाया।
  • तब उसने और उसके पति ने इसे खा लिया।

सम्बन्धात्मक खण्डवाक्य

कुछ भाषाओं में, खण्डों का उपयोग संज्ञा के साथ किया जा सकता है, जो वाक्य का भाग होती है। इन्हें सम्बन्धात्मक खण्डवाक्य कहा जाता है। नीचे दिए गए वाक्य में, "मक्कई जो तैयार थी" पूरे वाक्य के पूर्वानुमान का भाग है। सम्बन्धात्मक खण्डवाक्य "जो तैयार थी" का प्रयोग "मक्कई" संज्ञा के साथ इसलिए किया जाता है, ताकि यह बताया जा सके कि उसने कौन सी मक्कई उठाई है।

  • उसकी पत्नी ने मक्का तोड़ी जो तैयार थी . नीचे दिए गए वाक्य में "उसकी माता, जो बहुत अधिक नाराज थी" पूरे वाक्य की भविष्यद्वाणी का भाग है। सम्बन्धात्मक खण्डवाक्य "जो बहुत अधिक नाराज थी" का प्रयोग "माता" के साथ इसलिए किया गया है ताकि यह बताया जा सके कि उसकी माता ने कैसा महसूस किया जब उसे मक्कई नहीं मिली थी।
  • उसने अपनी माता को कोई मक्का नहीं दी, जो बहुत अधिक नाराज थी .

अनुवाद के विषय

  • एक वाक्य के भागों के लिए भाषाओं के भिन्न क्रम होते हैं। (देखें: // जानकारी संरचना पृष्ठ को जोड़ें //)
  • कुछ भाषाओं में सम्बन्धात्मक खण्डवाक्य नहीं होते हैं, या वे सीमित तरीके से उनका उपयोग करते हैं। (देखें विशेषता-सूचक बनाम सूचना या अनुस्मारक)

सूचना संरचना

This section answers the following question: भाषाएँ किसी वाक्य के भागों को कैसे क्रमबद्ध करती हैं?

वर्णन

अलग अलग भाषाएँ किसी वाक्य के भागों को अपनी-अपनी मानकीय शैली के अनुसार व्यवस्थित करती हैं। अंग्रेजी में, सामान्यतः, पहले संज्ञा (कर्ता ) फिर क्रिया, फिर कर्म, और विशेषण, इत्यादि होता है, उदाहरणार्थ :पतरस ने कल अपने घर की रंगाई की

अनेक अन्य भाषाएँ इन अवयवों को अपने भिन्र भिन्न क्रमों में प्रस्तुत करती हैं, जैसे: रंगाई की, कल, पतरस ने अपने घर की

यद्यपि सभी भाषाओं में वाक्यों के अपने ही मानकीय क्रम होते हैं, यह क्रम वक्ता या लेखक के द्वारा सर्वोच्च महत्व की विचारित सूचना के आधार पर बदल सकता है|

मान लो कि कोई इस प्रश्न का उत्तर दे रहा है: ‘‘पतरस ने कल क्या रंगा?’प्रश्न पूछने वाला व्यक्ति उपरोक्त वाक्य के में लिखी हर एक सूचना को जानता है, एक को छोड़कर और वह है, कर्म अर्थात ‘‘अपना घर’’। अत: यह शब्द सूचना का महत्वपूर्ण भाग बन जाता है और अंग्रेजी में उत्तर देने वाला कहेगा: उसका घर ही तो है जिसको पतरस ने (कल) रंगा|

इसमें सर्वोच्च महत्त्व की सूचना पहले स्थान पर रखी गई है जो अंग्रेजी में एक सामान्य विधि है। ऐसी अनेक भाषाएँ भी हैं जिनमें महत्वपूर्ण सूचना को सामान्यतः अंत में रखा जाएगा। लेख के प्रवाह में सर्वाधिक महत्त्व की जानकारी प्राय: वह होती है जिसको लेखक पाठकोँ के लिए नई जानकारी मानता है। कुछ भाषाओं में महत्वपूर्ण जानकारी पहले आती है, तो कुछ में इन्हे अंत में रखा जाता है।

अनुवाद की ऐसी समस्या होने का कारण

  • विभिन्न भाषाएँ वाक्य के अवयवों को अपनी ही मानकीय शैली में व्यवस्थित करती हैं। यदिआप (अनुवादक) मूल भाषा के क्रम को ज्यों का त्यों अनुवाद करेंगे तो आपकी भाषा में वह वाक्य पूर्णतः अर्थहीन होगा।
  • अलग-अलग भाषाएँ नई या महत्वपूर्ण जानकरियों को वाक्य में अलग-अलग स्थानों में व्यक्त करती हैं। यदि अनुवादक स्रोत की ही तरह उस नई या महत्वपूर्ण जानकारी को ज्यों का त्यों ही रख दे जैसा मूल भाषा के वाक्य में है तो उसकी भाषा में उसका गलत अर्थ निकल सकता है या लोगों को समझ ही नही आएगा।

बाइबल से उदाहरण

और सब खाकर तृप्त हो गए। (मरकुस 6:42 ULT)

मूल यूनानी भाषा में इस वाक्य के शब्दों को अलग क्रम में लिखा गया था । वे इस प्रकार थे: और उन्होंने सब खाया और वे तृप्त हुए।

अंग्रेजी में, इसका अर्थ लगता है कि लोगों ने सब कुछ खा लिया। परंतु अगला पद कहता है कि उन्होने बचे हुए टुकड़ों से भरी बारह टोकरियाँ उठाई। इस भ्रम को दूर करने के लिए, ULT के अनुवादकों ने इसको अंग्रेजी वाक्य के सही क्रम में रखा है|

‘‘जब दिन ढलने लगा, तो बारहों ने आकर उससे कहा, भीड़ को विदा कर, कि चारों ओर के गांवों और बस्तियों में जाकर टिकें, और भोजन का उपाय करें, क्योंकि हम यहां सुनसान जगह में हैं’’ (लूका 9:12 ULT)

इस पद में, चेलों के द्वारा यीशु से कही गयी इस बात में महत्वपूर्ण जानकारी को सर्वप्रथम व्यक्त किया गया है - कि वह भीड़ को विदा करे। परंतु उन भाषाओं में जहाँ महत्वपूर्ण बातों को अंत में लिखा जाता है, लोग यह समझ सकते हैं कि इस वाक्य में यीशु को दी गई जानकारी का सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंश है -यह सुनसान जगह है। अति संभव है कि वे सोचने लगें कि चेले वहाँ सुनसान जगह की आत्माओं से डरे हुए थे और लोगों को भोजन लेने के लिए विदा करना, उनको आत्माओं से बचाने का एक तरीका था। यह गलत संदेश है।

हाय, तुम पर; जब सब मनुष्य तुम्हें भला कहें, क्योंकि उनके बाप-दादे झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी ऐसा ही किया करते थे। (लूका 6:26 ULT)

इस पद में, सूचना का सबसे महत्वपूर्ण भाग पहले लिखा है - ‘‘हाय’’ लोगों के कामों के सम्बन्ध में है। उस चेतावनी का गौण उपवाक्य अंत में हैजो कारण दर्शाता है। यह उन लोगों को भ्रम में डाल सकता है जिनकी भाषा में महत्वपूर्ण जानकारी को अंत में रखा जाता है।

अनुवाद कौशल

  1. अध्ययन करें कि आपकी भाषा में वाक्य के भागों को कैसे क्रमबद्ध किया जाता है और अपने अनुवाद में उसका उपयोग करें
  2. अध्ययन करें कि आपकी भाषा में सबसे महत्वपूर्ण सूचनाओं को किस स्थान पर रखा जाता है और सूचनाओं के क्रम को बदल कर उसी प्रकार कर लें जिस प्रकार उन्हे आपकी भाषा में क्रमबद्ध किया जाता है
  3. अध्ययन करें कि आपकी भाषा में वाक्य के अवयवों को किस क्रम में रखा जाता है और अपने अनुवाद में उसी क्रम का उपयोग करें|
  4. अध्ययन करके देखें कि आपकी भाषा में नई और महत्वपूर्ण जानकारी किस स्थान में रखती है और जानकारी के क्रम को पुनः व्यवस्थित करें जिससे कि वह आपकी भाषा की शैली के अनुरूप हो|

अनुवाद कौशल कि व्यावहारिकता

  1. अध्ययन करके देखें कि आपकी भाषा में वाक्य के अवयवों को कैसे व्यवस्थित किया जाता है और उसी क्रमवार रचना को अपने अनुवाद में काम में लें|

मूल भाषा यूनानी के क्रम में यह पद है:

*

वह वहां से निकलकर, आया देश में अपने, और वे पीछे हो लिए, चेले उसके| (मरकुस 6:1)

ULT ने इसको अंग्रेजी मानकीय क्रम में लिखा है|

यीशु वहां से निकलकर अपने देश में आया, और उसके चेले उसके पीछे हो लिए (मरकुस 6:1 ULT)

2.अध्ययन करके देखें कि आपकी भाषा में नईं या महत्वपूर्ण जानकारी को किस स्थान में रखा जाता है और जानकारिओं के क्रम को पुनः व्यवस्थित करें जिससे कि वह आपकी भाषा कि शैली के अनुसार हो|

जब दिन ढलने लगा, तो बारहों ने आकर उससे कहा, ‘‘भीड़ को विदा कर, कि चारों ओर के गांवों और बस्तियों में जाकर टिकें, और भोजन का उपाय करें, क्योंकि हम यहां सुनसान जगह में हैं’’ (लूका 9:12 ULT)

यदि आपकी भाषा में महत्वपूर्ण जानकारिओं को अंत में रखा जाता है तो आप इस वाक्य के क्रम को बदल सकते हैं:

  • जब दिन ढलने लगा, तो बारहों ने आकर उससे कहा, ‘‘क्योंकि हम यहां सुनसान जगह में हैं, भीड़ को विदा कर, कि वे आस पास के गांवों और बस्तियों में जाकर टिकें, और भोजन का उपाय करें’’

हाय, तुम पर; जब सब मनुष्य तुम्हें भला कहें, क्योंकि उन के बाप-दादे झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी ऐसा ही किया करते थे (लूका 6:26 ULT)

यदि आपकी भाषा में महत्वपूर्ण जानकारियोँ को अंत में रखा जाता है तो आप इस वाक्य के क्रम को बदल सकते हैं:

  • जब सब मनुष्य तुम्हें भला कहें, तो यह ठीक वैसा ही है जैसा उनके पूर्वजों ने झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ किया था, तो तुम पर हाय!

वाक्य के प्रकार

This section answers the following question: वाक्य के विभिé प्रकार कौन कौन से हैं और उनका उपयोग कहाँ होता है?

विवरण

वाक्य शब्दों का वह समूह होता है जो किसी पूर्ण विचार को व्यक्त करता है। वाक्यों के मूल प्रकार उन कार्यों के साथ नीचे सूचीबद्ध हैं जिनका मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है।

  • विवरण --- इन्हें मुख्य रूप से जानकारी देने के लिए उपयोग किया जाता है। 'यह एक तथ्य है।'
  • प्रश्न --- इन्हें मुख्य रूप से जानकारी मांगने के लिए उपयोग किया जाता है। 'क्या आप उसे जानते हैं?'
  • आदेशात्मक वाक्य --- ये मुख्य रूप से किसी इच्छा या अनिवार्यता को व्यक्त करने के लिए उपयोग किए जाते हैं, कि कोई कुछ करे। 'उसे उठाओ.'
  • विस्मयादिबोधक --- ये मुख्य रूप से एक दृढ़ भावना को व्यक्त करने के लिए उपयोग किया जाता है। 'ओह! इससे दर्द हुआ!'

यह अनुवाद की समस्या है

  • विशेष कार्यों को व्यक्त करने के लिए भाषाओं में वाक्य के प्रकारों का उपयोग करने की विभिन्न विधियां हैं।
  • अधिकांश भाषाएँ एक से अधिक कार्यकलापों के लिए इन वाक्य प्रकारों का उपयोग करती हैं।
  • बाइबल में प्रत्येक वाक्य एक निश्चित वाक्य प्रकार से सम्बन्धित है और उसका एक निश्चित कार्य है, परन्तु कुछ भाषाएँ उस कार्य विशेष के लिए उस प्रकार के वाक्य का उपयोग नहीं करतीं हैं।

बाइबल से उदाहरण

नीचे दिए गए उदाहरण इन मुख्य प्रकारों में से प्रत्येक को उनके मुख्य कार्यों के उपयोग के निम्मित दर्शाए गए हैं।

कथन

आरम्भ में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी की रचना की। (उत्पत्ति 1:1 ULB)

कथनों में अन्य कार्य भी हो सकते हैं। (देखें Statements - Other Uses)

प्रश्न

नीचे दिए गए वाक्यों में वक्ताओं ने जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रश्न पूछे, और जिन लोगों से वे बातें कर रहे थे, उन्होंने उनके प्रश्नों के उत्तर दिए|

यीशु ने उनसे कहा, " क्या तुम्हें विश्वास है कि मैं यह कर सकता हूँ? " उन्होंने उससे कहा, "हाँ, प्रभु।" (मत्ती 9:28 ULT)

जेलर ... ने कहा, "हे सज्जनों, उद्धार पाने के लिए मैं क्या करूं? " उन्होंने कहा, "प्रभु यीशु में विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा|" (प्रेरितों 16:29 -31 ULB)

प्रश्नों में अन्य कार्य भी हो सकते हैं। (देखें Rhetorical Question)

आदेशात्मक वाक्य

आदेशात्मक वाक्य विभिन्न प्रकार के होते हैं: आदेश, निर्देश, सुझाव, निमन्त्रण, अनुरोध, और इच्छाएँ।

आदेश के साथ, वक्ता अपने अधिकार का उपयोग करता है और किसी को कुछ करने के लिए कहता है।

उठ , बालाक, और सुन . सिप्पोर के पुत्र, (गिनती 23:18 ULB)

निर्देश के साथ, वक्ता किसी से कहता है कि वह काम को कैसे करे|

... परन्तु यदि तुम जीवन में प्रवेश करना चाहते हैं, तो आज्ञाओं को मानो . ... यदि तू सिद्ध होना चाहता है, तो जा अपना माल बेच कर कंगालों को दे , और तुझे स्वर्ग में धन मिलेगा...(मत्ती 19:17, 21 ULB)

सुझाव के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए या नहीं करने के लिए कहता है जो उसके विचार में उसकी सहायता के लिए है| निम्नलिखित उदाहरण में, दोनों अंधों के लिए अच्छा तो यही है कि वे एक दुसरे का पथप्रदर्शन न करें|

एक अंधा व्यक्ति दूसरे अन्धे व्यक्ति को मार्ग बताने के योग्य नहीं होता है, होता है क्या? क्या दोनों गड़हे में नहीं गिरेंगे? (लूका 6:39 UDB)

वक्ता उस समूह का भाग बनने की मंशा रख सकते हैं, जो दी गए सुझाव का अनुपालन करता है| उत्पत्ति 11 में, लोग कह रहे थे कि उनके लिए एक साथ ईंटों को बनाना अच्छा होगा।

तब वे आपस में कहने लगे, "आओ, हम ईंटें बनाकर भलीभांति आग में पकाएं|" (उत्पत्ति 11:3 ULT)

आमंत्रण के साथ, वक्ता विनम्रता या मित्रता का उपयोग करता है ताकि यह सुझाव दिया जा सके और यदि श्रोता चाहे तो उसे करे| यह प्रायः ऎसी बात होती है जो वक्ता के विचार में श्रोता के लिए आनंददायक है|

तू भी हमारे संग चल, और हम तेरी भलाई करेंगे| (गिनती 10:29)

अनुरोध के साथ, वक्ता यह कहने के लिए विनम्रता का उपयोग करता है कि वह चाहता है कि कोई ऐसा कुछ करे। इसमें आदेश की अपेक्षा अनुरोध को स्पष्ट करने के लिए 'कृपया' शब्द जोड़ा जा सकता है| यह सामान्य रूप से कुछ ऐसा होता है जो वक्ता को लाभ पहुँचाएगा।

प्रतिदिन की रोटी आज भी हमें दें . (मत्ती 6:11 ULB)

मैं तुझसे विनती करता हूँ मुझे कषमा कर दे| (लूका 14:18 ULB)

मनुष्य मन में इच्छा रखते हुए व्यक्त करता है कि उसकी मनोकामना पूरी हो| अंग्रेज़ी में इनका आरम्भ प्रायः "हो सके" या "होने दे" से होता है|

उत्पत्ति 28 में, इसहाक ने याकूब से कहा कि वह उसके लिए क्या चाहता है कि परमेश्वर करे।

परमेश्वर सर्वसामर्थी तुझे आशीष दे तुझे, फलदायी बनाए और तुझे बढ़ाए। (उत्पत्ति 28:3 यूएलबी)

उत्पत्ति 9 में, नूह ने कनान के लिए कहा कि उसकी इच्छा है कि उसके साथ ऐसा हो|

कनान शापित हो हो सके तो वह अपने भाइयों के दासों का भी दास हो जाए| (उत्पत्ति 9:25 ULB)

उत्पत्ति 21 में, हाजिरा ने अपनी दृढ़ इच्छा व्यक्त की कि अपने पुते को मरते हुए न देखे, और फिर वह चली गई ताकि वह उसे मरते हुए न देख सके।

मुझ को लड़के की मृत्यु देखनी न पड़े (उत्पत्ति 21:16 ULB)

आदेशात्मक वाक्यों में अन्य कार्य भी होते हैं। (देखें Imperatives - Other Uses)

विस्मयादिबोधक

विस्मयादिबोधक वाक्य दृढ़ भाव को व्यक्त करते हैं। ULT और UST अनुवादों में, वाक्य के अंत में प्रायः विस्मयादिबोधक चिह्न (!) होता है।

हे प्रभु, हमें बचा,; हम मरने वाले हैं! (मत्ती 8:25 यूएलबी)

(विस्मय को प्रकट करने की अन्य विधियों और उनके अनुवाद की विधियों के लिए (देखें: Exclamatios) जिनमें विस्मयादिबोधकों को दिखाया जाता है और उनके अनुवाद करने के तरीके को देखें।)

अनुवाद की युक्तियाँ

(1) अपनी भाषा का प्रयोग इस प्रकार करें कि प्रकट हो कि वाक्य का एक विशेष कार्य होता है|

(2) यदि बाईबल में कोई ऐसा वाक्य प्रकार आ जाता है जिसका उपयोग आपकी भाषा में उस वाक्य के काम के लिए नहीं किया जाता है तो अनुवाद की युक्तियों हेतु निम्न व्यक्त पृष्ठों को देखें|


कथन - अन्य उपयोग

This section answers the following question: कथनों के अन्य उपयोग क्या क्या हैं?

वर्णन

बाइबल में अक्सर कथनों का उपयोग सूचना देने के लिए किया जाता है। परंतु कभी-कभी बाइबल में उनका उपयोग दूसरे कार्यों के लिए भी होता है।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

बाइबल में दिए गए कुछ कार्यों के लिए कुछ भाषाओं में कथनों का उपयोग नहीं किया जाता है।

बाइबल से उदाहरण

बाइबल में अक्सर कथनों का उपयोग सूचना देने के लिए किया जाता है। निम्नलिखित यूहन्ना 1:6-8 के सारे वाक्य कथन हैं और उनका उद्देश्य सूचना देना है।

एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ उपस्थित हुआ, जिसका नाम यूहन्ना था । यह गवाही देने आया कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएँ। वह आप तो वह ज्योति न था परन्तु उस ज्योति की गवाही देने के लिये आया था। (यूहन्ना 1:6-8 ULT)

कथनों का उपयोग किसी को कुछ करने के लिए कही जाने वाली आज्ञा के रूप में भी किया जा सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, महायाजक ने ‘‘करने’’ की क्रिया के साथ कथन का उपयोग लोगों को आज्ञा देकर किया कि उन्हें क्या करना चाहिए।

और उस ने उन्हें आज्ञा दी, "कि एक काम अवश्य करो। तुम में से एक तिहार्इ लोग जो विश्राम दिन को आनेवाले_हो_वह राजभवन के पहरे की चौकसी करें। और एक तिहार्इ लोग सूर नाम फाटक में ठहरे_रहें_, और एक तिहार्इ लोग पहरुओं के पीछे के फाटक में रहें।" (2 राजा 11:5 ULT)

एक कथन का उपयोग निर्देश देने के लिए भी किया जा सकता है । नीचे के कथन में वक्ता यूसुफ को भविष्य में की जाने वाली बात के बारे में ही नही बताता है; अपितु यह भी बताता है कि उसे क्या करना है।

वह पुत्र जनेगी और तू_उसका नाम यीशु रखना_, क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा । (मत्ती 1:21 ULT)

एक कथन का उपयोग विनती के लिए भी किया जा सकता है । कोढ़ी केवल कह ही नही रहा था कि यीशु क्या कर सकता है। वह यीशु से उसे चंगा करने के लिए भी कह रहा था ।

देखो, एक कोढ़ी ने पास आकर उसे प्रणाम किया और कहा; "कि हे प्रभु यदि तू चाहे,तो मुझे शुद्ध कर सकता है।" (मत्ती 8:2 ULT)

एक कथन का उपयोग कुछ करने के लिए भी किया जा सकता है। आदम को यह कहने के द्वारा कि भूमि भी उसके कारण शापित है, वास्तव में परमेश्वर ने उसे शापित किया था।

…. इसलिये भूमि तेरे कारण शापित है; (उत्पत्ति 3:17 ULT)

किसी व्यक्ति को यह बताने से कि उसके पाप क्षमा कर दिए गए हैं, यीशु ने उस व्यक्ति के पापों को क्षमा कर दिया।

यीशु ने उनका विश्वास देखकर, झोले के मारे हुए से कहा, "हे पुत्र,तेरे पाप क्षमा हुए।" (मरकुस 2:5 ULT)

अनुवाद रणनीति

  1. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार का उपयोग करें जिस में उस कार्य को बताया जा सके।
  2. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार को जोड़कर उस कार्य को बताया जाए।
  3. यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो क्रिया के एक प्रकार का उपयोग करें जिस में उस कार्य को बताया जा सके।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

(1) यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार का उपयोग करें जिस में उस कार्य को बताया जा सके।

वह एक पुत्र जनेगी, और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा। (मत्ती 1:21 ULT)

‘‘तू उसका नाम यीशु रखना’’ एक निर्देश है । सामान्य निर्देश के वाक्य के प्रकार का उपयोग कर इसका अनुवाद किया जा सकता है

वह एक पुत्र जनेगी। उसका नाम यीशु रखना, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा।

(2) यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार को जोड़कर उस कार्य को बताया जाए।

हे प्रभु यदि तू चाहे,तो मुझे शुद्ध कर सकता है* (मत्ती 8:2 ULT)

"तू मुझे शुद्ध कर सकता है" का उद्देश्य एक विनती करना है। कथन के अतिरिक्त, एक विनती को जोड़ा जा सकता है।

हे प्रभु यदि तू चाहे, तो मुझे शुद्ध कर सकता है।

हे प्रभु यदि तू चाहे, तो कृपया मुझे शुद्ध कर। मैं जानता हूँ कि तू कर सकता है।

(3) यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो क्रिया के एक प्रकार का उपयोग करें जिस में उस कार्य को बताया जा सके।

वह पुत्र जनेगी, औरतू उसका नाम यीशु रखना**, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा।** (मत्ती 1:21 ULT) वह पुत्र जनेगी, और तू उसका नाम यीशु रखना, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा। (मत्ती 1:21 ULT) वह पुत्र जनेगी, और तुझे उसका नाम यीशु ही रखना चाहिए, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा।

हे पुत्र, तेरे पाप क्षमा हुए। (मरकुस 2:5 ULT)

हे पुत्र, मैं तेरे पाप क्षमा करता हूँ।

हे पुत्र, परमेश्वर ने तेरे पाप क्षमा कर दिए हैं।


आदेशात्मक - अन्य उपयोग

This section answers the following question: बाइबल के आदेशात्मक वाक्यों के अन्य उपयोग क्या हैं?

वर्णन

आदेशात्मक वाक्य अपनी एक इच्छा अथवा जरूरत को दिखाने के लिए किया जाता है कि कोर्इ कुछ करके दे। कर्इ बार, बाइबल में आदेशात्मक वाक्यों के अन्य उपयोग भी होते हैं।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

कुछ भाषाओं में, बाइबल में उपयोग किए किए गए कुछ कार्यों के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग नही होता है।

बाइबल से उदाहरण

अक्सर वक्तागण श्रोताओं को कुछ करने के लिए कहने के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग करते हैं। उत्पति 26 में, परमेश्वर इसहाक को मिस्र में नही परंतु जहाँ वह कहे वहाँ जाकर रहने के लिए कहता है।

वहाँ यहोवा ने उसको दर्शन देकर कहा, मिस्र में "मत जा; जो देश मैं तुझे बताऊँ, उसी में रह (उत्पति 26:2 ULT)

कर्इ बार बाइबल में आदेशात्मक वाक्यों के अन्य उपयोग भी होते हैं।

आदेश जो चीजों को पूरा करवाते हैं

परमेश्वर आदेश के द्वारा चीजों को पूरी करवा सकता है और वे होती हैं। यीशु ने एक व्यक्ति को चँगा होने का आदेश देकर चँगा किया। वह व्यक्ति आदेश का पालन करने के लिए कुछ भी नही कर सकता था, परंतु यीशु ने आदेश देकर उस व्यक्ति की चंगार्इ को पूरा किया (इस संदर्भ में "शुद्ध हो" का अर्थ ‘‘चंगा हो’’ जाने से है ताकि आसपास के अन्य लोगों को पता चले कि उस व्यक्ति को फिर से स्पर्श करना सुरक्षित था।)

"मैं चाहता हूँ, तू शुद्ध हो जा." और वह तुरन्त कोढ़ से शुद्ध हो गया (मत्ती 8:3ब ULT)

उत्पति 1 में, परमेश्वर ने आदेश दिया कि उजियाला हो, और आज्ञा देने के कारण से ऐसा हो गया। कुछ भाषाओं जैसे बाइबल की भाषा इब्रानी में, कुछ आदेशों को तृतीय पुरूष रूप में दिया जाता है। अंग्रेजी में ऐसा नही है, इसीलिए ULT के समान, तृतीय पुरूष रूप को द्वितीय पुरूष में बदलना जरूरी है:

परमेश्वर ने कहा, उजियाला “हो, तो उजियाला हो गया। (उत्पत्ति 1:3 ULT)

तृतीय पुरूष रूप का उपयोग करने वाली भाषाएँ मूलभूत इब्रानी भाषा की तरह कार्य कर सकती हैं, जो निम्न प्रकार का अनुवाद करती हैं, "उजियाला को अवश्य ही उत्पन्न होना है।’’

आदेशात्मक वाक्य जो आशीषों के रूप में कार्य करते हैं

बाइबल में, परमेश्वर लोगों को आदेशात्मक तरीके का उपयोग कर आशीष दे सकता है। इससे पता चलता है कि उनके लिए उसकी इच्छा क्या है।

परमेश्वर ने उनको आशीष दी और उनसे कहा, “फूलो और फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओ पर अधिकार रखो." (उत्पत्ति 1:28 ULT)

आदेशात्मक वाक्य जो शर्तों के रूप में कार्य करते हैं

आदेशात्मक वाक्य का उपयोग उस शर्त को बताने के लिए भी किया जा सकता है जिसके अधीन कोर्इ कार्य पूरा होगा। यह कहावत जीवन और चीजों के बारे में वे बातें बताती है जो अक्सर हुआ करती हैं। नीचे लिखे नीतिवचन 4:6 का उद्देश्य एक आदेश देना नही है, परंतु यह शिक्षा देना है कि यदि लोग बुद्धि से प्रेम से करें तो वे किस बात की प्रतीक्षा कर सकते हैं।

बुद्धि को न छोड़, वह तेरी रक्षा करेगी; उस से प्रीति रख, वह तेरा पहरा देगी उस से प्रीति रख, वह तेरा पहरा देगी। (नीतिवचन 4:6 ULT)

नीचे लिखे नीतिवचन 22:6 का उद्देश्य एक आदेश देना नही है, परंतु यह शिक्षा देना है कि यदि वे अपने बच्चों को उस मार्ग की शिक्षा देते जिस पर उन्हें चलना चाहिए तो वे किस बात की प्रतीक्षा कर सकते हैं।

लड़के को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उसको चलना चाहिये, और वह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा। (नीतिवचन 22:6 ULT)

अनुवाद रणनीतियाँ

(1) यदि लोग बाइबल के किसी एक कार्य के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग नही करते हैं, तो उसके बदले में एक कथन का उपयोग करें। (2) यदि लोगों को समझ नही आ रहा है कि कथन का उपयोग किसी चीज के होने को दर्शाने के लिए किया गया है, तो ‘‘ताकि’’ जैसे शब्द को जोड़ें जिससे हुर्इ घटना के परिणाम को पहचाना जा सके जिसे कहा गया था। (3) यदि लोग आदेश को शर्त के रूप में नही समझ सकते हैं, तो उसे ‘‘यदि’’ और ‘‘तब’’ के साथ जोड़कर अनुवाद करें।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

(1) यदि लोग बाइबल के किसी एक कार्य के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग नही करते हैं, तो उसके बदले में एक कथन का उपयोग करें।

शुद्ध हो. (मती 8:3ब ULT)

"अब तू शद्ध है।" "मैं तुझे शुद्ध करता हूँ।"

परमेश्वर ने कहा, उजियाला “हो तो उजियाला हो गया। (उत्पत्ति 1:3 ULT)

परमेश्वर ने कहा, “अब उजियाला है और वहाँ उजियाला था।

परमेश्वर ने उनको आशीष दी और उनसे कहा, “फूलो और फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओ पर अधिकार रखो." (उत्पत्ति 1:28 ULT)

परमेश्वर ने उनको आशीष दी और उनसे कहा, “तुम्हारे लिए मेरी इच्छा यह है कि तुम फलदायी हों और फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओ पर मैं चाहता हूँ कि तुम अधिकार रखो."

(2) यदि लोगों को समझ नही आ रहा है कि कथन का उपयोग किसी चीज के होने को दर्शाने के लिए किया गया है, तो ‘‘ताकि’’ जैसे शब्द को जोड़ें जिससे हुर्इ घटना के परिणाम को पहचाना जा सके जिसे कहा गया था।

परमेश्वर ने कहा, उजियाला “हो तो उजियाला हो गया। (उत्पत्ति 1:3 ULT)

परमेश्वर ने कहा, 'अब उजियाला है,' और वहाँ उजियाला था। परमेश्वर ने कहा, "उजियाला होना चाहिए;" इसके परिणामस्वरूप, वहाँ उजियाला था।

(3) यदि लोग आदेश को शर्त के रूप में नही समझ सकते हैं, तो उसे ‘‘यदि’’ और ‘‘तब’’ के साथ जोड़कर अनुवाद करें।

लड़के को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उसको चलना चाहिये और वह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा। (नीतिवचन 22:6 ULT)

इस रूप में अनुवादित:-*

“यदि तू लड़के को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उसको चलना चाहिये तबवह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा।"


विस्मयादिबोधक

This section answers the following question: विस्मयादिबोधक अनुवाद के तरीके क्या हैं?

वर्णन

विस्मयादिबोधक चिन्ह वे शब्द अथवा वाक्य हैं जो चकित होने, खुशी, डर या क्रोध जैसी सशक्त भावनाओं को प्रकट करते हैं। ULB और UDB में, वे आमतौर पर अंत में (!) का उपयोग करते हैं। चिन्ह दिखाता है कि उसमें विस्मय (स्तम्भित होना) है। लोग की बातों के हालात एवं अर्थ यह समझने में हमारी मदद करते हैं कि उनमें कौनसी भावनाएँ मौजूद हैं। निम्नलिखित मती 8 के उदाहरण में, वक्ता बहुत अधिक डरे हुए थे।मती 9 के उदाहरण में, वक्ता बहुत अधिक चकित थे क्योंकि उन्होने जीवन में पहली बार ऐसा कुछ देखा था।

हे प्रभु; हमें बचा, हम नाश हुए जाते हैं! (मत्ती 8:25 ULB)

और जब दुष्टात्मा निकाल दी गई, तो गूंगा बोलने लगा;  भीड़ ने अचम्भा करके कहा, ‘‘इस्राएल में ऐसा कभी नहीं देखा गया!’’ (मत्ती 9:33 ULB)

कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है

भाषाओं में यह प्रकट करने के विभिन्न तरीके हैं कि एक वाक्य कितनी शक्तिशाली भावनाओं को प्रकट कर रहा है।

बाइबल से उदाहरण

कुछ विस्मयादिबोधक चिन्हों में शब्द होते हैं जो भावनाओं को प्रकट करते हैं। नीचे लिखें वाक्यों में वे ‘‘आहा’’ और ‘‘हाय’’ हैं। ‘‘आहा’’ शब्द वक्ता के अचंभित होने को दिखाता है।

आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान क्या ही गंभीर है! (रोमियों 11:33 ULB)

नीचे ‘‘हाय’’ शब्द से पता चलता है कि गिदोन बहुत भयभीत था।

जब गिदोन ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था, तब गिदोन कहने लगा, “हाय, प्रभु यहोवा! मैंने तो यहोवा के दूत को साक्षात् देखा है।” (न्यायियों 6:22 ULB)

कुछ विस्मयादिबोधक चिन्ह ‘‘कैसे’’ या ‘‘क्यों’’ जैसे प्रश्नों से शुरू होते हैं, यद्यपि वे प्रश्न नही हैं। नीचे के कथन बताते हैं कि वक्ता इस बात से चकित है कि परमेश्वर के विचार कितने गहरे हैं।

उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं! (रोमियों 11:33 ULB)

बाइबल के कुछ विस्मयादिबोधक चिन्हों में मुख्य क्रिया नही होती है। नीचे लिखे विस्मयादिबोधक चिन्ह दिखाते हैं कि वक्ता उन लोगों से नाराज है जिनसे वह बात कर रहा है।

अरे मूर्ख! (मत्ती 5:22 ULB)

अनुवाद की रणनीतियाँ

(1) आपकी भाषा में विस्मयादिबोधक चिन्ह को यदि क्रिया की जरूरत हैं तो जोड़ें । अक्सर एक अच्छी क्रिया ‘‘है’’ सा ‘‘हैं’’ होती है। (2) अपनी भाषा के उन विस्मयादिबोधक चिन्हों उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं। (3) विस्मयादिबोधक चिन्हों का अनुवाद वाक्य के साथ करें जो भावनाओं को दिखाते हैं। (4) वाक्य के भाग पर बल देने वाले शब्द का उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं। (5) यदि लक्षित भाषा में शक्तिशाली भावना स्पष्ट नही हैं, तो बताएँ कि व्यक्ति को कैसा लगा।

अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण

(1) आपकी भाषा में विस्मयादिबोधक चिन्ह को यदि क्रिया की जरूरत हैं तो जोड़ें। अक्सर एक अच्छी क्रिया ‘‘है’’ सा ‘‘हैं’’ होती है।

अरे मूर्ख! (मत्ती 5:22 ULB)

तू इतना निकम्मा व्यक्ति हैं!"

आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान की गंभीरता! (रोमियों 11:33 ULB)

आहा! परमेश्वर का धन और बुद्धि और ज्ञान कितने गंभीर हैं!

(2) अपनी भाषा के उन विस्मयादिबोधक चिन्हों उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं। नीचे दिए गए पहले सुझाए गए अनुवाद में,‘‘वाह!’ ’शब्द बताता है कि वे आश्चर्यचकित थे। दूसरे सुझाए गए अनुवाद में,‘‘अरे नही’’ का भाव बताता है कि कुछ भयानक अथवा डरावना हुआ था।

और वे बहुत ही आश्चर्य में होकर कहने लगे, “उसने जो कुछ किया सब अच्छा किया है; वह बहरों को सुनने की, और गूँगों को बोलने की शक्ति देता है।” (मरकुस 7:37 ULB)

वे बहुत ही आश्चर्य में होकर कहने लगे, वाह! उस ने जो कुछ किया सब अच्छा किया है वह बहिरों को सुनने, की, और गूंगों को बोलने की शक्ति देता है’’

हाय, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है (न्यायियों 6:22 ULB)

* ‘‘**अरे नही**, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’
  1. विस्मयादिबोधक चिन्हों का अनुवाद वाक्य के साथ करें जो भावनाओं को दिखाते हैं
  • हाय , प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’ (न्यायियों 6:22 ULB)
    • प्रभु यहोवा, मेरे साथ क्या होगा? क्योंकि मैंने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!
    • मदद कर, प्रभु यहोवा! मैंने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!
  1. वाक्य के भाग पर बल देने वाले शब्द का उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं
  • उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं (रोमियों 11:33 ULB)
    • उसके विचार बहुत अथाह, और उसके मार्ग बड़े अगम हैं
  1. यदि लक्षित भाषा में शक्तिशाली भावना स्पष्ट नही हैं, तो बताएँ कि व्यक्ति को कैसा लगा
  • गिदोन ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था । तब गिदोन कहने लगा, हाय, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है! (न्यायियों 6:22 ULB)
    • गिदोन को पता चला कि वह यहोवा का दूत था। वह भयभीत हो गया और कहने लगा, हाय! प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’ (न्यायियों 6:22 ULB)

शब्दों और वाक्यांशों को जोड़ना

This section answers the following question: मूलपाठ के भागों को भिन्न तरीकों से जोड़ने के लिए शब्द कैसे कार्य करते हैं?

विवरण

मनुष्य होने के नाते, हम अपने विचारों को वाक्यांशों और वाक्यों में लिखते हैं। सामान्य रूप से, हम विचारों की एक श्रृंखला को संचारित करना चाहते हैं जो विभिन्न तरीकों से एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं। जोड़ने वाले शब्द और वाक्यांश दिखाते हैं कि ये विचार एक दूसरे से कैसे संबंधित हैं। उदाहरण के लिए, हम बता सकते हैं कि नीचे दिए गए विचार कैसे जुड़े हुए रेखांकित किए गए शब्दों का उपयोग करने के द्वारा आपस में संबंधित हैं:

  • बारिश हो रही थी, *** इसलिए*** मैंने अपना छाता खोला।
  • बारिश हो रही थी, *** परन्तु*** मेरे पास छाता नहीं था। *** इसलिए*** मैं बहुत अधिक गीला हो गया हूं।

जोड़ने वाले शब्द या वाक्यांश एक वाक्य के भीतर वाक्यांशों या खंडों को आपस में जोड़ सकते हैं। वे वाक्यों को एक दूसरे के साथ जोड़ सकते हैं। वे साथ ही पूरे खण्ड को आपस में जोड़ सकते हैं ताकि यह दिखा सकें कि कैसे पहले खण्ड के बाद आने वाला दूसरा खण्ड आपस में संबंधित है। बहुत बार, जोड़ने वाले ऐसे शब्द जो एक दूसरे खण्ड को पूरी तरह से जोड़ते हैं, या तो संयोजन या क्रियाविशेषण होते हैं।

बारिश हो रही थी, परन्तु मेरे पास छाता नहीं था। इसलिए मैं बहुत अधिक गीला हो हूं।

*** अब*** मुझे अपने कपड़े बदलने चाहिए। फिर मैं एक पियाला गर्म चाय पीऊंगा और आग से स्वयं को गर्म करूंगा।

उपरोक्त उदाहरण में, शब्द "अब" पाठ के दो छोटे खण्डों को आपस में जोड़ता है, जो उनके बीच के संबंध को दर्शाता है। बोलने वाले को अपने कपड़े बदलने चाहिए, गर्म चाय पीना चाहिए, और पहले जो कुछ हुआ था, उसके कारण स्वयं को गर्म करना है (अर्थात्, वह बारिश में भीग गया है)।

अक्सर लोग एक जोड़ने वाले शब्द का उपयोग न करें क्योंकि वे पाठकों को संदर्भ के कारण विचारों के बीच के संबंध को समझने की अपेक्षा करते हैं। कुछ भाषाएं जोड़ने वाले शब्दों का उपयोग नहीं करती हैं जितना कि अन्य भाषाएं करती हैं। वे कह सकती हैं कि:

  • बारिश हो रही थी। मेरे पास छाता नहीं था। मैं बहुत अधिक गीला हो गया।

आपको (अनुवादक) उस पद्धति का उपयोग करने की आवश्यकता होगी जो लक्षित भाषा में सबसे अधिक स्वाभाविक और स्पष्ट है। परन्तु सामान्य रूप में, जब भी संभव हो जोड़ने वाले शब्दों का उपयोग करना पाठक को बाइबल के विचारों को अधिक स्पष्ट रूप से समझने में सहायता करता है।

कारण यह एक अनुवाद का विषय है

  • आपको अनुच्छेद के मध्य में, वाक्यों के मध्य में, और बाइबल के वाक्यों के भागों के मध्य के पाए जाने वाले संबंध को समझने की आवश्यकता है, और शब्दों और वाक्यांशों को जोड़ने से आपको उन विचारों के मध्य में पाए जाने वाले संबंध को समझने में सहायता मिल सकती है जो इसे जोड़ रहे हैं।
  • प्रत्येक भाषा के अपने तरीके यह दिखाने के लिए होते हैं कि विचार कैसे आपस में संबंधित हैं।
  • आपको यह जानने की आवश्यकता है कि कैसे पाठकों के मध्य विचारों को इस तरह से समझने में सहायता दी जाए जो आपकी भाषा में स्वाभाविक है।

अनुवाद के सिद्धांत

  • आपको इस तरह से अनुवाद करने की आवश्यकता है कि पाठक विचारों के मध्य पाए जाने वाले उसी संबंध को समझ सकें जिसे मूल पाठकों ने समझा था।
  • जोड़ने वाले शब्द का उपयोग किया गया है या नहीं, उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना कि पाठकों को विचारों के मध्य पाए जाने वाले संबंध को समझने में सक्षम होना है।

विभिन्न प्रकार के संयोजक

नीचे सूचीबद्ध किए गए विचारों या घटनाओं के मध्य में विभिन्न प्रकार के संयोजक हैं। इन विभिन्न प्रकार के संयोजकों को भिन्न तरह के जोड़ने वाले शब्दों का उपयोग करके इंगित किया जा सकता है। जब हम कुछ लिखते हैं या अनुवाद करते हैं, तो जोड़ने वाले सही शब्द का उपयोग करना महत्वपूर्ण है, ताकि पाठक के लिए ये आपसी संबंध स्पष्ट हों। यदि आप अतिरिक्त जानकारी चाहते हैं, तो प्रत्येक प्रकार के संयोजक के लिए परिभाषा और उदाहरण वाले पृष्ठ पर निर्देशित किए गए रंगीन शब्द पर क्लिक करें।

  • अनुक्रमिक खण्ड - दो घटनाओं के बीच समय का एक संबंध जिसमें एक घटना घटित होती है और फिर दूसरे में दूसरी घटना घटित होती है।
  • समकालीन खण्ड - एक समय में दो या दो से अधिक घटनाओं के मध्य का संबंध।
  • पृष्ठभूमि खण्ड - एक समय संबंध जिसमें पहला खण्ड एक लंबी घटना का वर्णन करता है जो उस समय हो रही होती है जब दूसरी घटना का आरम्भ होता है, जिसे दूसरे खण्ड में वर्णित किया जाता है।
  • अपवादात्मक संबंध - एक खण्ड लोगों या वस्तुओं के एक समूह का वर्णन करता है, और दूसरा खण्ड एक या अधिक मदों या लोगों को समूह से बाहर कर देता है।
  • परिकल्पित स्थिति - दूसरी घटना केवल तभी घटित होगी जब पहली घटना घटित होगी। कई बार जो कुछ होता है वह अन्य लोगों के कार्यों पर निर्भर करता है।
  • तथ्यात्मक स्थिति - एक ऐसा संबंध जो काल्पनिक प्रतीत होता है परन्तु यह पहले से ही निश्चित या सत्य होता है ताकि इस स्थिति का प्रगट होना निश्चित हो ।
  • तथ्य की स्थिति के विपरीत - एक संबंध जो काल्पनिक लगता है परन्तु पहले से ही निश्चित होता है कि यह सत्य नहीं है। इसे भी देखें: परिकल्पित कथन
  • लक्षित संबंध - एक तार्किक संबंध जिसमें दूसरी घटना का घटित होना पहले का उद्देश्य या लक्ष्य है।
  • कारण और परिणाम का संबंध - एक तार्किक संबंध जिसमें एक घटना दूसरे घटना का कारण होती है, जो इसका परिणाम है।
  • तुलनात्मक संबंध - एक मद को भिन्न या दूसरे के विरोध में बताया जाता है।

बाइबल से उदाहरण

मैंने तुरंत मांस और लहू के साथ परामर्श नहीं किया, और न ही मैं उन लोगों के पास यरूशलेम गया, जो मुझसे पहले प्रेरित थे, *** परन्तु*** इसके स्थान पर मैं अरब गया और फिर दमिश्क लौट आया। *** फिर*** तीन साल बाद मैं कैफा से भेंट करने के लिए यरूशलेम को गया, और उसके साथ पंद्रह दिन रहा। (गलातियों 1: 16-18 यूएलटी)

शब्द "परन्तु" किसी बात का परिचय देता है कि पहले जो कहा गया था, उसके विपरीत तुलना है। तुलना यहाँ पौलुस ने क्या नहीं किया और क्या नहीं किया में है। शब्द "फिर" घटनाओं के एक अनुक्रम का परिचय देता है। यह कुछ ऐसा परिचय देता है जिसे पौलुस ने दमिश्क से लौटने के पश्चात् किया था।

*** इसलिए*** जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े और वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा । परन्तु जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा। (मत्ती 5:19 यूएलटी)

शब्द "इसलिए" इस खण्ड को इससे पहले वाले खण्ड के साथ जोड़ता है, यह संकेत देता है कि इस पहले आए खण्ड ने इस खण्ड के लिए कारण दिया है । शब्द "इसलिए" सामान्य रूप से एक वाक्य की तुलना में बड़े खण्डों को जोड़ता हूं। शब्द "और" एक ही वाक्य के भीतर केवल दो क्रियाओं को जोड़ता है, जो कि आज्ञाओं को तोड़ना और दूसरों को सिखाना है। इस वचन में "परन्तु" लोगों के एक समूह को परमेश्वर के राज्य में क्या कहा जाएगा, के विपरीत लोगों के एक अन्य समूह को क्या कहा जाएगा की तुलना करता है।

हम किसी के सामने किसी भी ठोकर को नहीं रखते हैं, क्योंकि हम नहीं चाहते कि हमारी सेवकाई पर कोई दोष आए। इसके स्थान पर, हम अपने सभी कार्यों से स्वयं को प्रमाणित करते हैं, कि हम परमेश्वर के सेवक हैं। (2 कुरिन्थियों 6: 3-4 यूएलटी)

यहाँ शब्द "क्योंकि" उसे जोड़ता है जो इसके पीछे कारण के रूप में इसके आगे वाले के लिए आया है; पौलुस किसी को सामने कोई ठोकर नहीं रखता का कारण यह है कि वह नहीं चाहता कि उसकी सेवकाई के ऊपर कोई दोष आए। "इसके स्थान पर" पौलुस क्या करता है (अपने कार्यों से प्रमाणित करता है कि वह परमेश्वर का सेवक है) के विपरीत की तुलना उसने जो कहा है उसे नहीं करता है (ठोकर को सामने रखते हुए)।

सामान्य अनुवाद रणनीतियाँ

विशिष्ट रणनीतियों के लिए उपरोक्त प्रत्येक प्रकार के कनेक्टिंग वर्ड देखें

यदि यूएलटी में दिखाए गए विचारों के बीच का संबंध स्वाभाविक है और आपकी भाषा में सही अर्थ को देगा, तब तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि ऐसा नहीं है, तो यहां कुछ अन्य विकल्प दिए गए हैं।

  1. जोड़ने वाले शब्द का उपयोग करें (भले ही यूएलटी इनका उपयोग नहीं करता है)।
  2. जोड़ने वाले एक शब्द का उपयोग तब तक न करें यदि उसका उपयोग करना अजीब हो और लोग इसके बिना ही विचारों के बीच सही संबंध को समझेंगे।
  3. एक अलग जोड़ने वाले शब्द का उपयोग करें।

अनुप्रयुक्‍त अनुवाद रणनीतियों के उदाहरण

(1) एक जोडऩे वाले शब्द का उपयोग करें (भले ही यूएलटी उपयोग नहीं करता है)।

यीशु ने उनसे कहा, "मेरे पीछे आओ, और मैं तुम्हें पुरुषों का मछुआरा बनाउंगा।" तुरंत उन्होंने अपने जालों को छोड़ दिया और उसके पीछे हो लिए। (मरकुस 1: 17-18 यूएलटी)

उन्होंने यीशु का अनुसरण किया क्योंकि उसने उनसे ऐसा करने के लिए कहा। कुछ अनुवादक इस खण्ड को जोड़ने वाले शब्द "ऐसा" के साथ चिह्नित करना चाहेंगे।

यीशु ने उनसे कहा, "मेरे पीछे आओ, और मैं तुम्हें पुरुषों का मछुआरा बनाउंगा।" * इसलिए ~ तुरंत उन्होंने अपने जालों को छोड़ दिया और उसके पीछे हो लिए।

(2) जोड़ने वाले एक शब्द का उपयोग तब तक न करें यदि उसका उपयोग करना विषय प्रतीत हो और लोग इसके बिना ही विचारों के बीच सही संबंध को समझेंगे।।

*** इसलिए*** जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े और वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा। परन्तु जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा। (मत्ती 5:19 यूएलटी)

कुछ भाषाएं यहां जोड़ने वाले शब्दों का उपयोग करना पसंद नहीं करेंगी, क्योंकि उनके बिना अर्थ स्पष्ट है और उनका उपयोग करना अस्वाभाविक होगा। वे इस तरह से अनुवाद कर सकते हैं कि:

इसलिए जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े, वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा। जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा।

मैंने तुरंत मांस और लहू के साथ परामर्श नहीं किया, न ही मैं उन लोगों के पास यरूशलेम गया, जो मुझसे पहले प्रेरित थे,* परन्तु *** इसके स्थान पर मैं अरब गया और फिर दमिश्क लौट आया।*** फिर *** तीन साल बाद मैं कैफा से भेंट करने के लिए यरूशलेम को गया, और उसके साथ पंद्रह दिन रहा।** (गलातियों 1: 16-18 यूएलटी)

कुछ भाषाओं को यहाँ "परन्तु" या "तब" शब्दों की आवश्यकता नहीं हो सकती है। वे इस तरह अनुवाद कर सकते हैं:

मैंने तुरंत मांस और लहू के साथ परामर्श नहीं किया, न ही मैं उन लोगों के पास यरूशलेम गया, जो मुझसे पहले प्रेरित थे। इसके स्थान पर मैं अरब गया और फिर दमिश्क लौट आया। तीन साल बाद मैं कैफा से भेंट करने के लिए यरूशलेम को गया, और उसके साथ पंद्रह दिन रहा।

(3) एक अलग जोड़ने वाले शब्द का उपयोग करें।

*** इसलिए *** जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े, वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा। परन्तु जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा। (मत्ती 5:19 यूएलटी)

"इसलिए" जैसे शब्द के स्थान पर, एक भाषा को यह इंगित करने के लिए एक वाक्यांश की आवश्यकता हो सकती है कि इससे पहले भी एक खण्ड था जो उस खण्ड का कारण प्रदान करता था जो इसके बाद में आता है। साथ ही, शब्द "परन्तु" का उपयोग यहां दो समूहों के लोगों के बीच विपरीतता को दिखाने के लए किया जाता है। परन्तु कुछ भाषाओं में, शब्द "परन्तु" यह दर्शाता है कि इसके बाद जो आता है वह आश्चर्यचकित करने वाला है इसका कारण इससे पहले जो कुछ आया है। इसलिए "और" उन भाषाओं के लिए स्पष्ट हो सकता है। वे इस तरह अनुवाद कर सकते हैं:

*** क्योंकि इस कारण ***, जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े, वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा। और जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा।


संयोजक - अनुक्रमिक समय संबंध

This section answers the following question: मैं अनुक्रमिक समय संबंध के साथ खण्डवाक्य का अनुवाद कैसे करूँ?

समय-के-संबंध

कुछ संयोजक मूलपाठ की सामग्री में दो वाक्यांशों, खण्डवाक्यों, वाक्यों के बीच समय संबंध स्थापित करते हैं।

अनुक्रमिक खण्डवाक्य

परिभाषा

एक अनुक्रमिक खण्डवाक्य एक ऐसा समय संबंध है जो दो घटनाओं को आपस में जोड़ता है जिसमें पहले एक घटित होती है और तत्पश्चात् दूसरी।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

भाषाएँ विभिन्न तरीकों से घटनाओं के घटित होने के अनुक्रम को दर्शाती हैं; कुछ एक के बाद दूसरी घटना के घटने की व्यवस्था को, कुछ शब्दों को जोड़ने का उपयोग करती हैं, तो कुछ भी संबंधात्मक काल का उपयोग करती हैं। अनुक्रम को इंगित करने वाले शब्द "तब", "पश्चात्", "इसके बाद", "तत्पश्चात्", "इससे पहले", "पहले", और "जब" जैसे शब्द हैं। अनुवादकों को निश्चित होना चाहिए कि वे घटनाओं के क्रम को इस तरह से व्यवस्थित करें जो कि उनकी भाषा में स्वाभाविक हो। इसके लिए मूल भाषाओं की तुलना में भिन्न खण्डवाक्यों की व्यवस्था को देने की आवश्यकता हो सकती है।

ओबीएस और बाइबल से उदाहरण

जब यूसुफ अपने भाइयों के पास आया, तो उन्होंने उसका अपहरण कर लिया और उसे दास व्यापार करने वाले कुछ व्यापारियों को बेच दिया। (ओबीएस कहानी 8 खण्ड 2)

पहले यूसुफ अपने भाइयों के पास आया और फिर उन्होंने उसका अपहरण कर उसे बेच दिया। हम इसे संयोजक शब्द जब के कारण जानते हैं। अनुवादक को इस अनुक्रम को स्पष्ट और सही ढंग से संप्रेषित करने का सबसे अच्छा तरीका निर्धारित करना होगा।

अतः मैं वह छोटी पुस्तक उस स्वर्गदूत के हाथ से लेकर खा गया। वह मेरे मुँह में मधु जैसी मीठी तो लगी, पर जब मैं उसे खा गया, तो मेरा पेट कड़वा हो गया। (प्रकाशितवाक्य 10:10 ULT)

पहले खण्डवाक्य की घटना पहले घटित हो जाती है, और अंतिम खण्डवाक्य की घटना इसके बाद में घटित होती है। इसे हम संयोजक शब्द, तो के कारण जानते हैं। अनुवादक को इस अनुक्रम को स्पष्ट और सही ढंग से संप्रेषित करने का सबसे अच्छा तरीका निर्धारित करना होगा।

क्योंकि उससे पहले कि वह लड़का बुरे को त्यागना और भले को ग्रहण करना जाने, वह देश जिसके दोनों राजाओं से तू घबरा रहा है निर्जन हो जाएगा। (यशायाह 7:16 ULT)

पहले खण्डवाक्य की घटना दूसरे खण्डवाक्य की घटना के बाद घटित होती है। पहले वे जिस भूमि से डरते हैं वह उजाड़ हो जाएगी और फिर लड़के को बुराई को त्यागना और भले को चुनने का पता चलेगा। हम इसे संयोजक शब्द *** उससे पहले*** के कारण जानते हैं। यद्यपि, इस अनुक्रम में खण्डवाक्य को आरम्भ करना आपकी भाषा में घटनाओं के गलत अनुक्रम की व्यवस्था को दे सकता है। अनुवादक को व्यवस्था को बदलना पड़ सकता है ताकि खंडवाक्य अपनी व्यवस्था में आए जिसे तरह से उन्हें आना चाहिए। या मूल भाषा पाठ के अनुक्रम को बनाए रखना और अनुक्रम के क्रम को चिह्नित करना संभव हो सकता है ताकि यह पाठकों के लिए स्पष्ट हो। आपको (अनुवादक को) इस अनुक्रम को स्पष्ट और सही ढंग से संप्रेषित करने का सबसे अच्छा तरीका निर्धारित करना होगा।

उन दिनों में मरियम उठी और शीघ्र ही पहाड़ी देश में यहूदा के एक नगर को गई, और जकर्याह के घर में पहुँची और एलीशिबा को नमस्कार किया। (लूका 1:39-40 ULT)

यहाँ पर सामान्य संयोजक "और" चार घटनाओं को एक साथ जोड़ता है। ये अनुक्रमिक घटनाएँ हैं - प्रत्येक के बाद दूसरी घटित होती है। हम यह जानते हैं क्योंकि यही एकमात्र तरीका है जिससे ये घटनाएँ घटित हुई होंगी। इसलिए अंग्रेजी में, सामान्य संयोजक, "और", इन जैसी घटनाओं के अनुक्रम को स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त है। आपको यह निर्धारित करने की आवश्यकता पड़ेगी कि क्या यह आपकी भाषा में भी इस अनुक्रम को स्पष्ट और सही ढंग से संप्रेषित करता है।

अनुवाद रणनीतियाँ

यदि आपकी भाषा में घटनाओं का अनुक्रम स्पष्ट है, तो अनुक्रम को उसी रूप में अनुवादित करें।

  1. यदि संयोजक शब्द स्पष्ट नहीं है, तो ऐसे संयोजक शब्द का उपयोग करें जो अनुक्रम को अधिक स्पष्ट रूप से संचार करता है।
  2. यदि खण्डवाक्य एक अनुक्रम में हैं जो अनुक्रम को अस्पष्ट बनाता है, तो खण्डवाक्य को ऐसे अनुक्रम में रखें जो अधिक स्पष्ट हो।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

(1) यदि संयोजक शब्द स्पष्ट नहीं है, तो ऐसे संयोजक शब्द का उपयोग करें जो अनुक्रम को अधिक स्पष्ट रूप से संचार करता है।

उन दिनों में मरियम उठी और शीघ्र ही पहाड़ी देश में यहूदा के एक नगर को गई, और जकर्याह के घर में पहुँची और एलीशिबा को नमस्कार किया। (लूका 1:39-40 ULT)

उन दिनों में मरियम उठी। तब शीघ्र ही पहाड़ी देश में यहूदा के एक नगर को गई। तब जकर्याह के घर में पहुँची और तब एलीशिबा को नमस्कार किया।

क्योंकि उससे पहले कि वह लड़का बुरे को त्यागना और भले को ग्रहण करना जाने, वह देश जिसके दोनों राजाओं से तू घबरा रहा है निर्जन हो जाएगा। (यशायाह 7:16 ULT)

क्योंकि उससे पहले कि वह लड़का बुरे को त्यागना और भले को ग्रहण करना जाने, परन्तु उस समय से भी पहले, वह देश जिसके दोनों राजाओं से तू घबरा रहा है निर्जन हो जाएगा।

(2) यदि खण्डवाक्य एक अनुक्रम में हैं जो अनुक्रम को अस्पष्ट बनाता है, तो खण्डवाक्य को ऐसे अनुक्रम में रखें जो अधिक स्पष्ट हो।

वह देश जिसके दोनों राजाओं से तू घबरा रहा है निर्जन हो जाएगा पहले कि वह लड़का बुरे को त्यागना और भले को ग्रहण करना जाने।

घटनाओं के अनुक्रमों के बारे में अधिक जानने के लिए, देखें घटनाओं का अनुक्रम.


संयोजक - समकालीन समय संबंध

This section answers the following question: मैं एक समकालीन समय संबंध के साथ खण्ड का अनुवाद कैसे कर सकता हूं?

समय संबंध

कुछ संयोजक अर्थात् जोड़ने वाले शब्द मूलपाठ के दो वाक्यांशों, खण्डों, वाक्यों के बीच समय संबंध को स्थापित करते हैं।

समकालीन खण्ड

परिभाषा

एक समकालीन खण्ड का एक समय संबंध होता है जो एक ही समय में होने वाली दो या अधिक घटनाओं को आपस में जोड़ता है।

कारण यह एक अनुवाद का विषय है

भाषाएं संकेत देती हैं कि घटनाएं एक साथ कई भिन्न तरीकों से घटित होती हैं। ये इस आधार पर भिन्न हो सकती हैं कि कोई चीज उन्हें एक साथ उत्पन्न कर रही है या नहीं। एक साथ घटित होने वाली घटनाओं को इंगित करने के लिए जोड़ने वाले शब्द "जबकि," "जैसा," और "दौरान" हैं। अक्सर बाइबल घटनाओं के बीच एक संबंध को नहीं बताती है, परन्तु मात्र इतना कहती है कि वे एक ही समय में घटित हुई थीं। यह महत्वपूर्ण है कि आप (अनुवादक) जानते हैं कि एक समय संबंध कब निहितार्थ को देता है और कब ऐसा नहीं करता है जिससे कि आप इसे स्पष्ट रूप से संचारित कर सकें। एक समकालीन खण्ड यह बताता है कि एक ही समय में घटनाएँ घटित हुईं हैं परन्तु वह यह इंगित नहीं करता है कि एक घटना दूसरे का कारण बनी है। यह एक कारण-और-परिणाम संबंध होगा।

ओबीएस और बाइबल से उदाहरण

यूसुफ ने अपने स्वामी की अच्छी रीति से सेवा की, और परमेश्वर ने यूसुफ को आशीष दी। (ओबीएस कहानी 8 खांचा 4)

दो घटनाएं घटित हुईं जब यूसुफ एक धनी सरकारी अधिकारी का गुलाम था: यूसुफ ने अच्छी रीति से सेवा की और परमेश्वर ने यूसुफ को आशीष दी । इन दोनों के बीच एक कारण-और-परिणाम (कारण और प्रभाव) का कोई संकेत नहीं मिलता है, या यह कि पहली घटना घटित हुई, और फिर दूसरी घटना घटित हुई।

मैं तुम से सच कहता हूँ कि एलिय्याह के दिनों में इस्राएल में बहुत सी विधवाएँ थीं... (लूका 4:25 यूएलटी)

यह हमें स्पष्ट रूप से बताता है कि दो चीजें एक ही समय में जोड़ने वाले शब्द, *** में*** के कारण घटित हुईं। परन्तु एक घटना दूसरी का कारण नहीं बनी।

लोग जकर्याह की प्रतीक्षा करते रहे और अचम्भा करने लगे कि उसे मन्दिर में ऐसी देर क्यों लगी। (लूका 1:21 यूएलटी)

लोग एक ही समय में प्रतीक्षा कर रहे थे और सोच रहे थे। सामान्य संजोयक, *** और***, इसे इंगित करता है।

और जबकि वे आकाश की ओर ताक रहे थे जब वह ऊपर जा रहा था, तब देखो, दो पुरुष श्वेत वस्त्र पहने हुए उनके पास आ खड़े हुए। (प्रेरितों 1:10 यूएलटी)

एक ही समय में तीन घटनाएँ घटित हुईं हैं - चेले ऊपर की ओर ताक रहे हैं, यीशु ऊपर जा रहा है, और दो आदमी आ खड़े होते हैं। संयोजक शब्द "*** जबकि***" और "*** जब***" हमें इसे बताते हैं।

अनुवाद रणनीतियाँ

जिस तरह से समकालीन खण्ड को चिह्नित किया गया है, यदि वह उसी तरह आपकी भाषा में स्पष्ट है, तो समकालीन खण्डों का अनुवाद उसी तरह करें जैसे वे हैं।

  1. यदि जोड़ने वाला शब्द इसे स्पष्ट नहीं करता है कि समकालीन खण्ड एक ही समय में घटित हो रहा है, तो संयोजक अर्थात् जोड़ने वाले शब्द का उपयोग करें जो इसे और अधिक स्पष्ट रूप से संचारित करता है।
  2. यदि यह स्पष्ट नहीं है कि कौन सा खण्ड समकालीन खण्ड से जुड़ा है, और वे एक ही समय में घटित हो रहे हैं, तो सभी खण्डों को एक जोड़ने वाले शब्द के साथ चिह्नित करें।
  3. यदि आपकी भाषा जोड़ने वाले शब्दों का उपयोग करने की तुलना में घटनाओं को एक साथ भिन्न तरीके से चिह्नित करती है, तो उसी तरीके का उपयोग करें।

अनुप्रयुक्‍त अनुवाद रणनीतियों के उदाहरण

नीचे दी गई सूची में अनुवाद रणनीतियों के अनुसार, बाइबल के प्रत्येक वचन को तीन भिन्न तरीकों से फिर से ऊपर दी गई अनुवाद रणनीतियों की सूची में कहा करना जाएगा। प्रत्येक फिर कहे गए कथन की वही संख्या होगी जैसा कि अनुवाद रणनीति इसका उपयोग कर रही है।

लोग जकर्याह की प्रतीक्षा करते रहे और अचम्भा करने लगे कि उसे मन्दिर में ऐसी देर क्यों लगी। (लूका 1:21 यूएलटी)

(1) अब जबकि लोग जकर्याह की प्रतीक्षा कर रहे थे, वे मंदिर में उसकी देरी पर अचम्भा करने लगे ।

(2) अब जबकि लोग जकर्याह की प्रतीक्षा कर रहे थे, वे साथ ही मंदिर में उसकी देरी पर अचम्भा करने लगे थे।

(3) अब लोग जकर्याह की प्रतीक्षा कर रहे थे, मंदिर में उसकी देरी के बारे में सोचकर अचम्भा करने लगे थे।

और जबकि वे आकाश की ओर ताक रहे थे जब वह ऊपर जा रहा था, तब देखो, दो पुरुष श्वेत वस्त्र पहने हुए उनके पास आ खड़े हुए। (प्रेरितों 1:10 यूएलटी)

(1) और उस समय वे आकाश की ओर ताक रहे थे जब वह ऊपर जा रहा था, तब देखो, दो पुरुष श्वेत वस्त्र पहने हुए उनके पास आ खड़े हुए ।

(2) और *** जबकि*** वे आकाश की ओर ताक रहे थे जब वह ऊपर जा रहा था, तब देखो उसी समय, दो पुरुष श्वेत वस्त्र पहने हुए उनके पास आ खड़े हुए ।

(3) वे आकाश की ओर ताक रहे थे जब वह ऊपर जा रहा था, तब उन्होंने श्वेत वस्त्र पहने हुए दो पुरुष को उनके पास आ खड़े हुए देखा ।


संयोजक - पृष्ठभूमि की जानकारी

This section answers the following question: मैं पृष्ठभूमि जानकारी देने वाले खण्डों का अनुवाद कैसे कर सकता हूं?

समय का संबंध

कुछ संयोजक पाठ के दो वाक्यांशों, खण्डों, वाक्यों के बीच समय संबंध स्थापित करते हैं।

पृष्ठभूमि खण्ड

परिभाषा

एक पृष्ठभूमि खण्ड वह होता है जो किसी ऐसी चीज का वर्णन करता है जो चल रही होती है, और फिर एक दूसरा खण्ड एक घटना को इंगित करता है जो उस दौरान घटित होने लगती है। ये घटनाएँ एक साथ घटित होने वाली घटनाएँ भी होती हैं, परन्तु उनका पृष्ठभूमि की घटना और मुख्य घटना के बीच संबंध होता है, क्योंकि जो घटना पहले से घट रही होती है, वह दूसरी घटना की पृष्ठभूमि के रूप में कार्य करती है, जो कि ध्यान केन्द्र में है। पृष्ठभूमि घटना केवल मुख्य घटना या घटनाओं के लिए समय सीमा या अन्य संदर्भ को ही प्रदान करती है।

कारण यह एक अनुवाद विषय है

भाषाएँ समय में भिन्न तरीकों से परिवर्तन का संकेत देती हैं। आपको (अनुवादक) यह समझने की आवश्यकता है कि मूल भाषा में इन परिवर्तनों को अपनी भाषा में स्पष्ट रूप से संचारित करने के लिए कैसे इंगित किया जाता है। पृष्ठभूमि खण्ड अक्सर उस समय को इंगित करता है जो उस घटना से बहुत पहले शुरू हुआ होता है जो ध्यान केन्द्र में है। अनुवादकों को यह समझने की आवश्यकता है कि स्रोत भाषा और लक्षित भाषा दोनों पृष्ठभूमि की घटनाओं के साथ कैसे संवाद स्थापित करते हैं। कुछ अंग्रेजी शब्द जो पृष्ठभूमि की घटनाओं को इंगित करते हैं वे "अब", "जब", "जबकि", और "दौरान" हैं। ये शब्द एक साथ घटित होने वाली घटनाओं को भी इंगित कर सकते हैं। अंतर बताने के लिए, अपने आप से पूछें कि क्या सभी घटनाएं अपने महत्व में बराबर की हैं और लगभग एक ही समय में शुरू हुई हैं। यदि हां, तो वे संभवतः एक साथ होने वाली घटनाएं हैं। परन्तु यदि एक घटना(ओं) चल रही है और एक अन्य घटना अभी शुरू हुई है, तो चल रही घटना(ओं) शायद अन्य घटना(ओं) की पृष्ठभूमि है। पृष्ठभूमि के घटनाओं को इंगित करने वाले कुछ सामान्य वाक्यांश "उन दिनों में" और "उस समय" हैं।

ओबीएस और बाइबल से उदाहरण

  • जब सुलैमान बूढ़ा हुआ, तो उसने उनके देवताओं की भी पूजा की। (ओबीएस कहानी 18 खांचा 3)

सुलैमान ने विदेशी देवताओं की पूजा करना शुरू कर दिया था जब वह बूढ़ा हो गया था। बूढ़ा होना पृष्ठभूमि की घटना है। अन्य देवताओं की पूजा करना मुख्य घटना है।

*** अब *** उसके माता-पिता प्रति वर्ष यरूशलेम के लिए फसह के त्योहार के लिए जाया करते थे। जब वह बारह वर्ष हुआ, वे फिर से पर्व की रीति पर प्रथा अनुसार निर्धारित समय गए। (ल्यूक 2: 41-42 यूएलटी)

पहली घटना -- यरुशलेम को जाना - - चल रही है और बहुत पहले शुरू हुई थी। हम इसे "प्रति वर्ष" शब्दों के कारण जानते हैं। यरूशलेम जाना पृष्ठभूमि की घटना है। तब एक घटना शुरू होती है जो उस समय शुरू हुई जब "जब वह बारह वर्ष का था।" इस तरह मुख्य घटना यीशु और उसके परिवार के फसह पर्व मनाने के लिए यरुशलेम की यात्रा करने का विशिष्ट समय है जब वह बारह वर्ष का था।

अब यह उस समय के बारे में है जब वे वहीं थे, उसके बच्चे के जन्म का समय आ गया। (लूका 2:6 यूएलटी)

बेतलहम में होना पृष्ठभूमि की घटना है। बच्चे का जन्म मुख्य घटना है।

… *** जब*** पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया का राज्यपाल था, और गलील में हेरोदेस इतूरैया, और त्रखोनीतिस में, उसका भाई फिलिप्पुस, और अबिलेने में लिसानियास चौथाई के राजा थे, उस समयजब हन्ना और कैफा महायाजक थे - परमेश्वर का वचन जंगल में जकर्याह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुँचा । (लूका 3:1-2 यूएलटी)

यह उदाहरण पांच पृष्ठभूमि खण्डों (अल्पविराम-चिह्नों द्वारा चिह्नित) के साथ शुरू होता है, जिसका संकेत "जब" और "उस समय" शब्दों से पृष्ठभूमि के रूप में मिलता है। तब मुख्य घटना घटित होती है: "परमेश्वर का वचन यूहन्ना के पास पहुँचा"।

अनुवाद रणनीतियाँ

यदि आपकी भाषा में जिस तरह से पृष्ठभूमि खण्ड चिह्नित हैं, स्पष्ट है, तो पृष्ठभूमि खण्ड का अनुवाद वैसे ही करें जैसा वह है।

  1. यदि जोड़ने वाला शब्द यह स्पष्ट नहीं करता है कि पृष्ठभूमि खण्ड क्या है, तो जोड़ने वाले शब्द का उपयोग करें जो इसे और अधिक स्पष्ट रूप से संचारित करता है।
  2. यदि आपकी भाषा जोड़ने वाले शब्दों (जैसे कि विभिन्न क्रिया रूपों का उपयोग करके) की तुलना में एक अलग तरीके से पृष्ठभूमि को चिह्नित करती है, तो उस तरीके का उपयोग करें।

अनुप्रयुक्‍त अनुवाद रणनीतियों के उदाहरण

… *** जब*** पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया का राज्यपाल था, और गलील में हेरोदेस इतूरैया, और त्रखोनीतिस में, उसका भाई फिलिप्पुस, और अबिलेने में लिसानियास चौथाई के राजा थे, *** उस समय*** जब हन्ना और कैफा महायाजक थे - परमेश्वर का वचन जंगल में जकर्याह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुँचा। (लूका 3:1-2 यूएलटी)

(1) यदि जोड़ने वाला शब्द यह स्पष्ट नहीं करता है कि जो आगे आ रहा है वह पृष्ठभूमि खण्ड है, तो जोड़ने वाले शब्द का उपयोग करें जो इसे और अधिक स्पष्ट रूप से संचारित करता है।

… यह उस समय में हुआ था जब पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया का राज्यपाल था, और उस समय में जब गलील में हेरोदेस इतूरैया, और उस समय में जब त्रखोनीतिस में, उसका भाई फिलिप्पुस, और अबिलेने में लिसानियास चौथाई के राजा थे, और साथ ही उस समय में जब हन्ना और कैफा महायाजक थे - तब परमेश्वर का वचन जंगल में जकर्याह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुँचा। (लूका 3:1-2 यूएलटी)

(2) यदि आपकी भाषा जोड़ने वाले शब्दों का उपयोग करने की तुलना में एक अलग ही तरीके से पृष्ठभूमि खण्ड को चिह्नित करती है, जैसे कि विभिन्न क्रिया रूपों के साथ होता है, तो उसी तरीके का उपयोग करें।

… पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया पर शासन कर रहा था और हेरोदेस गलील पर शासन कर रहा था और उसका भाई फिलिप्पुस इतूरैया और त्रखोनीतिस के क्षेत्र पर शासन कर रहा था और लिसानियास अबिलेने पर शासन कर रहा था और हन्ना और कैफा महायाजक होने के नाते कार्य कर रहे थे - तब परमेश्वर का वचन जंगल में जकर्याह के पुत्र यूहन्ना के पास *** पहुँचा***.

समय संबंध जोड़ने वाले शब्दों में अंतर का उदाहरण:

पृष्ठभूमि की रूपरेखा उन दिनों में यहोवा का वचन दुर्लभ था;
पृष्ठभूमि का दोहराया जाना वहाँ पर दर्शन की कोई बात नहीं थी।
मुख्य घटना का परिचय यह उस समय हुआ,
पृष्ठभूमि जब एली अपने स्थान पर लेटा हुआ था
समकालिक पृष्ठभूमि और उसकी आँखें धुंधली होने लगी थीं, जिस कारण उसे सूझ नहीं पड़ता था,
समकालिक पृष्ठभूमि और और परमेश्वर का दीपक अब तक बुझा नहीं था,
समकालिक पृष्ठभूमि और शमूएल यहोवा के मन्दिर में लेटा हुआ था,
समकालिक पृष्ठभूमि जहाँ परमेश्वर का सन्दूक था।
मुख्य घटना यहोवा ने शमूएल को पुकारा,
अनुक्रमिक घटना । उसने कहा, "मैं यहाँ हूँ।" (1 शमू. 3:1-4 यूएलटी)

उपरोक्त उदाहरण में, पहली दो पंक्तियां एक ऐसी परिस्थिति के बारे में बात करती हैं जो लंबे समय से चल रही थी। यह सामान्य, दीर्घ-कालिक पृष्ठभूमि है। हम इसे "उन दिनों में" वाक्यांश से जानते हैं। फिर अल्प-कालिक पृष्ठभूमि वाली कई पंक्तियां मिलती हैं। पहले वाले को "जब," के द्वारा परिचित कराया जाता है और फिर तीन और पहले वाले "और" से जुड़े हुए हैं। "वहाँ" द्वारा प्रस्तुत किया गया पृष्ठभूमि खण्ड इससे पहले के पृष्ठभूमि खण्ड के बारे में कुछ और बताता है। फिर मुख्य घटना घटित होती है, उसके बाद और अधिक घटनाएं घटित होती हैं। इन संबंधों को अपनी भाषा में दिखाने के लिए अनुवादकों को सबसे अच्छे तरीके के बारे में सोचना होगा।


संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध

This section answers the following question: मैं एक लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध का अनुवाद कैसे कर सकता हूं?

तार्किक संबंध

कुछ संयोजक मूलपाठ के दो वाक्यांशों, खण्डों, वाक्यों के बीच तार्किक संबंध स्थापित करते हैं।

लक्ष्य (या उद्देश्य) संबंध

परिभाषा

लक्ष्य संबंध एक तार्किक संबंध है जिसमें दूसरी घटना पहली घटना का उद्देश्य या लक्ष्य है। किसी चीज के लक्ष्य संबंध होने के लिए, किसी को पहली घटना इस सोच से करनी चाहिए कि वह दूसरी घटना का कारण बने।

कारण यह एक अनुवाद विषय है

पवित्रशास्त्र में, लक्ष्य या उद्देश्य को प्रथम या द्वितीय कहा जा सकता है। परन्तु कुछ भाषाओं में, उस तार्किक संबंध को समझने के लिए लक्ष्य या उद्देश्य सदैव एक ही स्थिति (या तो पहले या दूसरे) में होना चाहिए। आपको (अनुवादक) दो भागों के बीच के संबंध को समझने और अपनी भाषा में सटीक संवाद स्थापित करने की आवश्यकता है। इसके लिए दो घटनाओं के क्रम को परिवर्तित करने की आवश्यकता हो सकती है। इसे इंगित करने के लिए विशेष शब्दों की भी आवश्यकता हो सकती है कि एक दूसरे का लक्ष्य या उद्देश्य है। सामान्य रूप से अंग्रेजी में एक लक्ष्य संबंध को इंगित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले शब्द "जिस कारण से", "जिससे कि" या "ताकि" हैं। यह महत्वपूर्ण है कि अनुवादक उन शब्दों को पहचानें जो एक लक्ष्य संबंध को इंगित करते हैं और स्वाभाविक रूप से उस संबंध का अनुवाद करे।

ओबीएस और बाइबल से उदाहरण

वह गुस्से में आ गई और युसुफ पर पर झूठा आरोप लगा दिया *** जिसके कारण उसे गिरफ्तार कर लिया गया और कैद में भेज दिया गया***. (कहानी 8 खांचा 5 ओबीएस)

स्त्री के झूठे आरोप का लक्ष्य या उद्देश्य युसुफ को गिरफ्तार करवाना और जेल भेजना था।

गिदोन, योआश का बेटा, शराब में, एक दाखरस के कुण्ड में गेहूँ इसलिए झाड़ रहा था - कि उसे मिद्यानियों से छिपा रखे. (न्यायियों 6:11ब यूएलटी)

यहाँ पूर्वसर्ग वाक्यांश "कि" से शुरू होता है परन्तु "जिस कारण से" को समझा जाता है।

और अब यदि मुझ पर तेरे अनुग्रह की दृष्टि हो, तो मुझे अपने तरीके समझा दे, ताकि जब मैं तेरा ज्ञान पाऊँ तब तेरे अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर बनी रहे. स्मरण रख कि यह जाति तेरे लोग हैं।" (निर्गमन 33:13 यूएलटी)

मूसा चाहता है कि परमेश्वर उसे परमेश्वर के बारे में लक्ष्य या उद्देश्य के लिए परमेश्वर के तरीके को दिखाए और वह निरन्तर परमेश्वर की अनुग्रह की दृष्टि में बना रहे।

"इसके अतिरिक्त मुट्ठी भर जाने पर कुछ-कुछ निकालकर गिरा भी दिया करो उसके बीनने के लिये छोड़ दिया करो, और उसे डाँटना मत।" (रूत 2:16 यूएलटी)

बोअज़ का लक्ष्य या उद्देश्य पुरुषों को मुट्ठी भर जाने पर कुछ-कुछ निकालकर गिरा देने और इसे रूत को इक्ट्ठा (बीनने) करने के लिए छोड़े देने का निर्देश देने का था।

... चरवाहों ने एक-दूसरे से कहा, "आओ हम वास्तव में बैतलहम को जाएं, *** और इस घटी हुई घटना को देखें***, जिसे प्रभु ने हमें बताया है।" (लूका 2:15 यूएलटी)

बैतलहम जाने का उद्देश्य उस घटना को देखना था जो घटित हुई थी। यहाँ उद्देश्य चिह्नित नहीं है और इसे गलत समझा जा सकता है।

"... यदि तू *** जीवन में प्रवेश करना चाहता है***, आज्ञाओं का पालन कर।" (मत्ती 19:17 यूएलटी)

आज्ञाओं को पालन करने का लक्ष्य जीवन में प्रवेश करने के लिए है।

इस से दाईं ओर या बाईं ओर न मुड़ना * ताकि जहाँ कहीं तू जाएगा वहां सफल होगा। (यहोशू 1:7 यूएलटी)

मूसा ने इस्राएलियों को जो निर्देश दिए थे, उनसे मुँह न मोड़ने का उद्देश्य यही था कि वे सफल हों।

परन्तु दाख की बारी के उत्पादको ने बेटे को देखा, तो आपस में कहा, ‘यह तो वारिस है, आओ, उसे मार डालें और उसकी विरासत ले लें.' और उन्होंने उसे पकड़ा और दाख की बारी से बाहर निकालकर मार डाला। (मत्ती 21:38-39 यूएलटी)

दाख की बारी के उत्पादको का वारिस को मारने का उद्देश्य यह था कि वे उसकी विरासत को ले सकें। वे दोनों घटनाओं को एक योजना के रूप में बताते हैं, उन्हें केवल शब्द "और" के साथ जोड़ देते हैं। तब शब्द "कि" पहली घटना को वर्णन को चिह्नित करता है, परन्तु दूसरी घटना (लक्ष्य या उद्देश्य) को नहीं बताया गया है।

अनुवाद रणनीतियाँ

यदि आपकी भाषा मूलपाठ में उसी तरह लक्ष्य या उद्देश्य संबंधों का उपयोग करती है, तो जैसे वे हैं वैसे ही उनका उपयोग करें।

  1. यदि लक्ष्य कथन का निर्माण अस्पष्ट है, तो उसे उसमें परिवर्तित कर दें जो अधिक स्पष्ट है।
  2. यदि कथनों का क्रम पाठक के लिए लक्ष्य कथन को अस्पष्ट या भ्रमित करता है, तो व्यवस्था क्रम को परिवर्तित कर दें।

अनुप्रयुक्‍त अनुवाद रणनीतियों के उदाहरण

  1. यदि लक्ष्य कथन का निर्माण अस्पष्ट है, तो उसे उसमें परिवर्तित कर दें जो अधिक स्पष्ट है।

"इसके अतिरिक्त मुट्ठी भर जाने पर कुछ-कुछ निकालकर गिरा भी दिया करो उसके बीनने के लिये छोड़ दो, और उसे डाँटना मत।" (रूत 2:16 यूएलटी)

"इसके अतिरिक्त मुट्ठी भर जाने पर कुछ-कुछ निकालकर गिरा भी दिया करो ताकि वह बीन सके, और उसे डाँटना मत।" (रूत 2:16 यूएलटी)

... चरवाहों ने एक-दूसरे से कहा, "आओ हम वास्तव में बैतलहम को जाएं, *** और इस घटी हुई घटना को देखें***, जिसे प्रभु ने हमें बताया है।" (लूका 2:15 यूएलटी)

... चरवाहों ने एक-दूसरे से कहा, "आओ हम वास्तव में बैतलहम को जाएं, *** ताकि हम इस बात को देख सकें जो घटित हुई है***, जिसे प्रभु ने हमें बताया है।" (लूका 2:15 यूएलटी)

(2) यदि कथनों का क्रम पाठक के लिए लक्ष्य कथन को अस्पष्ट या भ्रमित करता है, तो व्यवस्था क्रम को परिवर्तित कर दें।

"... यदि तू *** जीवन में प्रवेश करना चाहता है***, आज्ञाओं का पालन कर।" (मत्ती 19:17 यूएलटी)

"... आज्ञाओं का पालन कर यदि तू *** जीवन में प्रवेश करना चाहता है***." या: "... आज्ञाओं का पालन कर*** ताकि तू जीवन में प्रवेश कर सकें***."

परन्तु दाख की बारी के उत्पादको ने बेटे को देखा, तो आपस में कहा, ‘यह तो वारिस है, आओ, उसे मार डालें और उसकी विरासत ले लें.' और उन्होंने उसे पकड़ा और दाख की बारी से बाहर निकालकर मार डाला। (मत्ती 21:38-39 यूएलटी)

(1) और (2)

परन्तु दाख की बारी के उत्पादको ने बेटे को देखा, तो आपस में कहा, ‘यह तो वारिस है, आओ, उसे मार डालें और उसकी विरासत ले लें.' और उन्होंने उसे पकड़ा और दाख की बारी से बाहर निकालकर मार डाला। (मत्ती 21:38-39 यूएलटी)

परन्तु दाख की बारी के उत्पादको ने बेटे को देखा, तो आपस में कहा, ‘यह तो वारिस है, आओ, उसे मार डालें ताकि हम उसकी विरासत को ले सकें.' इसलिए उन्होंने उसे पकड़ा और दाख की बारी से बाहर निकालकर मार डालाताकि हम उसकी विरासत को ले सकें.


संयोजक - कारण और परिणाम संबंध

This section answers the following question: मैं कारण-परिणाम संबंध का अनुवाद कैसे कर सकता हूं?

तार्किक संबंध

कुछ संयोजक अर्थात् जोड़ने वाले शब्द मूलपाठ के दो वाक्यांशों, खण्डों, वाक्यों के बीच तार्किक संबंध को स्थापित करते हैं।

कारण-और-परिणाम संबंध

परिभाषा

कारण-और-परिणाम संबंध एक तार्किक संबंध है जिसमें एक घटना कारण या किसी अन्य घटना का कारण होती है। दूसरी घटना, तब, पहली घटना का परिणाम होती है।

कारण यह एक अनुवाद का विषय है

एक कारण-और-परिणाम संबंध को इस तरह से देखा जा सकता है - "मैंने क कार्य को किया क्योंकि मैं चाहता था कि ख कार्य हो।" परन्तु यह सामान्य रूप से पीछे की ओर देखना है - "ख कार्य हुआ, और इसलिए मैंने क कार्य को किया।" साथ ही, यह कारण को परिणाम के पहले या बाद में बताना संभव है। कई भाषाओं में कारण और परिणाम के लिए वरीयता प्राप्त क्रम होता है, और यह विपरीत क्रम में होने पर पाठक के लिए भ्रामक होता है। अंग्रेजी में कारण-और-परिणाम संबंध को दर्शाने के लिए उपयोग किए जाने वाले सामान्य शब्द "क्योंकि," "तो", "इसलिए," और "चूंकि" इत्यादि हैं। इनमें से कुछ शब्दों का उपयोग लक्ष्य संबंध को इंगित करने के लिए भी किया जा सकता है, इसलिए अनुवादकों को लक्ष्य संबंध और कारण-और-परिणाम संबंध के बीच अंतर के बारे में पता होना चाहिए। अनुवादकों के लिए यह समझना आवश्यक है कि दोनों घटनाएँ किस प्रकार जुड़ी हुई हैं और फिर उन्हें अपनी भाषा में स्पष्ट रूप से बताएं।

यदि विभिन्न आयतों में इसका कारण और परिणाम बताया गया है, तो उन्हें अलग क्रम में रखना अभी भी संभव है। यदि आप आयतों के क्रम को परिवर्तित करते हैं, तो आयतों के समूह के आरम्भ में आयत संख्याओं को एक साथ रखें जो इस तरह से पुन: व्यवस्थित किए गए थे: 1-2. इसे आयत सम्पर्क कहा जाता है।

ओबीएस और बाइबल से उदाहरण

यहूदी चकित थे, *** क्योंकि*** शाऊल ने विश्वासियों को मारने का प्रयास किया था, और अब वह यीशु पर विश्वास करता था! (कहानी 46 खांचा 6 ओबीएस)

कारण शाऊल में परिवर्तन का होना है - यह कि उसने यीशु पर विश्वास करने वाले लोगों को मारने का प्रयास किया था, और अब वह स्वयं यीशु पर विश्वास करता था। परिणाम यह है कि यहूदी चकित थे। शब्द "क्योंकि दो विचारों को जोड़ता है और इंगित करता है कि यह एक कारण है।

देखो, समुद्र में एक ऐसा बड़ा तूफान उठा, जिससेनाव लहरों से ढक गई। (मत्ती 8:24 यूएलटी)

कारण बड़ा तूफान है, और परिणाम नाव लहरों के साथ ढक गई थी। दो घटनाएं आपस में शब्द "जिससे" के द्वारा जुड़ी हुई हैं। ध्यान दें कि शब्द "जिससे" अक्सर एक लक्ष्य संबंध को इंगित करता है, परन्तु यहां संबंध कारण-और-परिणाम है। ऐसा इसलिए है क्योंकि समुद्र सोच नहीं सकता है और इसलिए उसके पास लक्ष्य नहीं है।

परमेश्वर ने सातवें दिन को आशीष दी और पवित्र ठहराया; क्योंकि उसमें उसने सृष्टि की रचना के अपने सारे काम से विश्राम लिया। (उत्पत्ति 2:3 यूएलटी)

परिणाम यह है कि परमेश्वर ने आशीष दी और सातवें दिन को पवित्र किया। कारण यह कि क्योंकि उसने अपने सारे काम से विश्राम लिया।

"धन्य हो तुम, जो दीन हो, क्योंकि परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है। (लूका 6:20 यूएलटी)

परिणाम यह है कि दीन धन्य हैं। कारण यह है कि परमेश्वर का राज्य उनका है।

उन लोगों के पुत्र जिनको यहोवा ने उनके स्थान पर उत्पन्न किया था, उनका खतना यहोशू से कराया, क्योंकि मार्ग में उनके खतना न होने के कारण वे खतनारहित थे (यहोशू 5:7 यूएलटी)

परिणाम यह है कि यहोशू ने उन लड़कों और पुरुषों का खतना किया जिनका जन्म जंगल में हुआ था। कारण यह था कि यात्रा में होने के कारण उनका खतना नहीं हुआ था।

अनुवाद रणनीतियाँ

यदि आपकी भाषा कारण-और-परिणाम संबंधों का उपयोग उसी तरह से करती है जैसे मूलपाठ में किया गया है, तो उनका वैसे ही उपयोग करें।

  1. यदि खण्ड का क्रम पाठक के लिए भ्रमित करने वाला है, तो क्रम को परिवर्तित कर दें।
  2. यदि खण्ड के बीच संबंध स्पष्ट नहीं है, तो एक स्पष्ट संयोजक शब्द अर्थात् जोड़ने वाले स्पष्ट शब्द के साथ उपयोग करें।
  3. यदि खण्ड में एक जोड़ने वाला शब्द डालना अधिक स्पष्टता देता है जो वहां पर नहीं है, तो उसे वहां डाल दें।

अनुप्रयुक्‍त अनुवाद रणनीतियों के उदाहरण

परमेश्वर ने सातवें दिन को आशीष दी और पवित्र ठहराया, क्योंकि उसमें उसने सृष्टि की रचना के अपने सारे काम से विश्राम लिया। (उत्पत्ति 2:3 यूएलटी)

(1)परमेश्वर ने सृष्टि की रचना के अपने सारे काम से विश्राम लिया। इस कारण उसने सातवें दिन को आशीष दी और पवित्र ठहराया ।

"धन्य हो तुम, जो दीन हो, क्योंकि परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है। (लूका 6:20 यूएलटी)

(1) परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है जो दीन हैं। इसलिए, दीन धन्य हैं।

(२) धन्य हैं दीन, *** क्योंकि***परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है।

(3) कारण यह है कि दीन इसलिए धन्य है क्योंकि परमेश्वर का उनका राज्य है।

देखो, समुद्र में एक ऐसा बड़ा तूफान उठा, जिससेनाव लहरों से ढक गई। (मत्ती 8:24 यूएलटी)

(1) देखो, नाव को लहरों ने ढक लिया था क्योंकि समुद्र पर एक बड़ा तूफान उठ खड़ा हुआ था।

(2) देखो, समुद्र पर एक बड़ा तूफान उठ खड़ा हुआ, *** इस परिणाम के साथ कि*** जिससे नाव लहरों से ढक गई।

(3) देखो, क्योंकि समुद्र पर एक बड़ा तूफान उठ खड़ा हुआ, नाव लहरों से ढक गई।

क्योंकि सरदार भीड़ के शोर के कारण कुछ न बता सका, उसने पौलुस को किले में ले जाने की आदेश दिया। (प्रेरितों 21:34 यूएलटी)

(1) सरदार ने आदेश दिया कि पौलुस को किले में लाया जाए, *** क्योंकि*** वह शोर के कारण कुछ भी नहीं बता सक था।

(2) *** क्योंकि*** सरदार शोर के कारण कुछ भी नहीं बता सका, उसने आदेश दिया कि पौलुस को किले में लाया जाए।

(3) सरदार शोर के कारण कुछ भी नहीं बता सका, इसलिए उसने आदेश दिया कि पौलुस को किले में लाया जाए।


संयोजक - तुलनात्मक संबंध

This section answers the following question: मैं एक विपरीत संबंध का अनुवाद कैसे कर सकता हूं?

तार्किक संबंध

कुछ संयोजक दो वाक्यांशों, खण्डों, वाक्यों या मूलपाठ के विराम के बीच तार्किक संबंध स्थापित करते हैं।

तुलनात्मक संबंध

परिभाषा

एक तुलनात्मक संबंध एक तार्किक संबंध है जिसमें एक घटना या वस्तु दूसरे के विपरीत या विरोध में होती है।

कारण यह एक अनुवाद का विषय है

पवित्रशास्त्र में, कई घटनाएँ इसलिए घटित नहीं होतीं क्योंकि इसमें शामिल लोग सोच रखते हैं या उनके घटित होने की अपेक्षा करते हैं। कभी-कभी लोग उन तरीकों में कार्य करते हैं, जो चाहे अच्छा हो या बुरा हो परन्तु अपेक्षित नहीं था। अक्सर घटनाओं को परिवर्तित करने के पीछे परमेश्वर कार्यरत् है। ये घटनाएँ अक्सर इतनी अधिक निर्णायक और महत्वपूर्ण होती हैं कि अनुवादक इन विरोधाभासों को समझता है और उन्हें संचारित करता है। अंग्रेजी में तुलनात्मक संबंधों को अक्सर "परन्तु," "तौभी", "यद्यपि," "यदि," "पर," या "तथापि" शब्दों से संकेत मिलता है।

ओबीएस और बाइबल से उदाहरण

तुमने तो मुझे गुलाम के रूप में बेचकर बुराई करने का प्रयास किया, *** परन्तु*** परमेश्वर ने भलाई के लिए बुराई का उपयोग किया! (कहानी 8 खांचा 12 ओबीएस)

युसुफ के भाइयों की युसुफ को बेचने की बुरी योजना कई लोगों को बचाने के लिए परमेश्वर की भली योजना के विपरीत है। शब्द "परन्तु" इसके विपरीत को चिह्नित करता है।

क्योंकि बड़ा कौन है; वह जो भोजन पर बैठा या वह जो सेवा करता है? क्या वह नहीं जो भोजन पर बैठा है? पर मैं तुम्हारे बीच में सेवक के समान हूँ। (लूका 22:27 यूएलटी)

यीशु घमण्ड करने के उस तरीके की तुलना करता है जिसमें मानवीय अगुवे व्यवहार करते हैं और उस विनम्र तरीके के साथ जिसमें वह व्यवहार करता है, जिसे "पर" शब्द द्वारा चिह्नित किया गया है।

... और यद्यपि लोग उसे जंजीरों और बेड़ियों से बाँधते थे, तो भी वह बन्धनों को तोड़ डालता था, और दुष्टात्मा उसे जंगल में भगाए फिरती थी।। (लूका 8:29 यूएलटी)

यह अनपेक्षित है कि जंजीरों से बंधा हुआ एक व्यक्ति उन्हें तोड़ने के योग्य होगा। शब्द "यद्यपि" एक अनपेक्षित घटना के विपरीत है।

[दाऊद] पर परमेश्वर ने अनुग्रह किया; अतः उसने विनती की, कि मैं याकूब के परमेश्वर के लिये निवास स्थान बनाऊँ। तथापि, सुलैमान ने उसके लिये घर बनाया। तथापि, परमप्रधान हाथ के बनाए घरों में नहीं रहता, (प्रेरितों 7:46-48 यूएलटी)

यहां दो विरोधाभास हैं, दोनों को "तथापि" के साथ चिह्नित किया गया है। पहला विपरीत यह दर्शाता है कि यद्यपि दाऊद ने परमेश्वर के घर के लिए स्थान खोजने के लिए कहा, यह सुलैमान था जिसने इसे बनाया था। परन्तु फिर एक और विपरीत है। यद्यपि सुलैमान ने परमेश्‍वर के लिए एक घर बनाया हो, तौभी परमेश्वर उन घरों में नहीं रहता जिन्हें लोग बनाते हैं।

अनुवाद रणनीतियाँ

यदि आपकी भाषा तुलनात्मक संबंधों का उपयोग उसी तरह से करती है जैसे मूलपाठ में किया या है, तो उनका उपयोग वैसे ही करें जैसे वे हैं।

  1. यदि खण्डों के बीच तुलनात्मक संबंध स्पष्ट नहीं है, तो एक संयोजक अर्थात् जोड़ने वाले शब्द या वाक्यांश का उपयोग करें जो अधिक विशिष्ट या अधिक स्पष्ट है।
  2. यदि आपकी भाषा में तुलनात्मक संबंध के अन्य खण्डों को चिह्नित करना अधिक स्पष्ट है, तो दूसरे खण्ड पर जोड़ने वाले शब्द का उपयोग करें।
  3. यदि आपकी भाषा एक भिन्न तरीके से एक तुलनात्मक संबंध को दिखाती है, तो उसी तरीके का उपयोग करें।

अनुप्रयुक्‍त अनुवाद रणनीतियों के उदाहरण

  1. यदि खण्ड के बीच तुलनात्मक संबंध स्पष्ट नहीं है, तो एक जोड़ने वाले शब्द या वाक्यांश का उपयोग करें जो अधिक विशिष्ट या अधिक स्पष्ट है।

क्योंकि बड़ा कौन है; वह जो भोजन पर बैठा या वह जो सेवा करता है? क्या वह नहीं जो भोजन पर बैठा है? पर मैं तुम्हारे बीच में सेवक के समान हूँ। (लूका 22:27 यूएलटी)

क्योंकि बड़ा कौन है; वह जो भोजन पर बैठा या वह जो सेवा करता है? क्या वह नहीं जो भोजन पर बैठा है? उस व्यक्ति के विपरीत मैं तुम्हारे बीच में सेवक के समान हूँ।

2.यदि आपकी भाषा में तुलनात्मक संबंध के अन्य खण्ड को चिह्नित करना अधिक स्पष्ट है, तो दूसरे खण्ड पर जोड़ने वाले शब्द का उपयोग करें।

... और यद्यपि लोग उसे जंजीरों और बेड़ियों से बाँधते थे, तो भी वह बन्धनों को तोड़ डालता था, और दुष्टात्मा उसे जंगल में भगाए फिरती थी।। (लूका 8:29 यूएलटी)

... और लोग उसे जंजीरों और बेड़ियों से बाँधते थे, , परन्तु तौभी, वह बन्धनों को तोड़ डालता था, और दुष्टात्मा उसे जंगल में भगाए फिरती थी।

3.अगर आपकी भाषा एक भिन्न तरीके से एक तुलनात्मक संबंध दिखाती है, तो उस ही तरीके का उपयोग करें।

[दाऊद] पर परमेश्वर ने अनुग्रह किया; अतः उसने विनती की, कि मैं याकूब के परमेश्वर के लिये निवास स्थान बनाऊँ। तथापि, सुलैमान ने उसके लिये घर बनाया। तथापि, परमप्रधान हाथ के बनाए घरों में नहीं रहता, (प्रेरितों 7:46-48 यूएलटी)

[दाऊद] पर परमेश्वर ने अनुग्रह किया; अतः उसने विनती की, कि मैं याकूब के परमेश्वर के लिये निवास स्थान बनाऊँ। परन्तु, यह सुलैमान था, न कि दाऊद, जिसने उसके लिये घर बनाया, परमप्रधान हाथ के बनाए घरों में नहीं रहता,


संयोजन – तथ्य गर्भित स्थितियां

This section answers the following question: मैं तथ्य गर्भित स्थितियों का अनुवाद कैसे करूं?

शर्त आधारित सम्बन्ध

शर्त आधारित संयोजक शब्द दो उपवाक्यों का संयोजन करते हुए संकेत देते हैं कि एक तब ही पूर्ण होगा जब दूसरा पूर्ण होगा| अंग्रेज़ी में, शर्त आधारित उपवाक्यों के संयोजन की सर्वाधिक सामान्य विधि है, "यदि...तब|" तथापि, "तब" शब्द अधिकतर व्यक्त नहीं किया जाता है|

तथ्य गर्भित स्थितियां

वर्णन

तथ्य गर्भित स्थिति वह अवस्था है हो काल्पनिक प्रतीत होती है परन्तु वक्ता के मन में पहले से ही निश्चित है या सत्य है| अंग्रेज़ी में तथ्य गर्भित स्थिति के वाक्य में, "यद्यपि", "क्योंकि", "वस्तुस्थिति यह है" आदि का उपयोग किया जाता है कि प्रकट हो कि वाक्य का तथ्य गर्भित है न कि काल्पनिक स्थिति में है|

Reason इसका अनुवाद समस्या होने का कारण

कुछ भाषाओं में यदि बात निश्चित या सत्य है तो उसको शर्त रूप में नहीं दर्शाया जाता है| अतः संभव है कि ऎसी भाषाओं के अनुवादक मूल भाषाओं का अर्थ गलत निकाल लें और सोचें कि शर्त अनिश्चित है| इस प्रकार उनके अनुवाद में त्रुटियाँ आ जाएंगी अब अनुवादक यदि समझ भी लें कि शर्त निश्चित या सत्य है, तो पाठक उसका अर्थ गलत समझ लेंगे| ऎसी अवस्था में अनुवाद शर्त आधारित रखने की अपेक्षा तथ्य गर्भित कथन हो|

बाईबल कहानियाँ और बाईबल के उदाहरण

यदि यहोवा परमेश्वर है, तो उसकी उपासना करो!” (कहानी 19 खंड 6 OBS)

और एलिय्याह सब लोगों के पास आकर कहने लगा, "तुम कब तक दो विचारों में लटके रहोगे, यदि यहोवा परमेश्वर हो, तो उसके पीछे हो लो; और यदि बाल हो, तो उसके पीछे हो लो| (1 राजाओं 18:21 ULT)

इस वाक्य की रचना वैसी ही है जैसी काल्पनिक स्थिति की है| यहाँ शर्त यह है, "यदि यहोवा परमेश्वर है" यदि यह सच है तो इस्राएलियों के लिए अनिवार्य है कि वे यहोवा की आराधना करें| परन्तु भविष्यद्वक्ता एलिय्याह प्रश्न नहीं पूछता है कि यहोवा परमेश्वर है या नहीं है| सच तो यह है कि उसको ऐसा निश्चय है कि यहोवा परमेश्वर है कि इस गद्यांश के उत्तरार्ध में वह अपनी सम्पूर्ण बलि वस्तुओं पर पानी दाल देता है| उसको पूर्ण विश्वास है कि परमेश्वर सच्चा है और वह गीली बलि वस्तुओं को भी जला देगा| भविष्द्वक्ताओं ने बार-बार यही सिखाया था कि यहोवा ही परमेश्वर है इसलिए लोगों को उसकी ही उपासना करना है| परन्तु लोगों ने परमेश्वर होते हुए भी यहोवा की उपासना नहीं की इस कथन या निर्देश को तथ्य गर्भित स्थिति में रखने के द्वारा एलिय्याह इस्राएलियों को अधिक स्पष्ट रूप में समझने पर विवश करता है कि उनको क्या करना आवश्यक है|

“पुत्र पिता का, और दास स्वामी का आदर करता है|यदि मैं पिता हूँ, तो मेरा आदर कहाँ है? और यदि मैं स्वामी हूँ, तो मेरा भय मानना कहाँ? सेनाओं का यहोवा, तुम याजकों से भी जो मेरे नाम का अपमान करते हो यही बात पूछता है|" (मलाकी 1:6 ULT)

यहोवा ने कहा कि वह इस्राएल का पिता और स्वामी है| अतः यदि यह काल्पनिक स्थिति प्रतीत होती है क्योंकि इसका आरम्भ "यदि" से होता है, यह काल्पनिक स्थिति नहीं है| इस पद का आरम्भ एक लोकोक्ति से होता है, पुत्र पिता का सम्मान करता है| यह सर्वत्र विदित है कि यह सच है| परन्तु इस्राएली यहोवा का सम्मान नहीं कर रहे थे| इस पद में दूसरी लोकोक्ति है, दास अपने स्वामी का भय मानता है| सर्वत्र विदित है कि यह सच है| परन्तु इस्राएली यहोवा का भय नहीं मानते थे, अतः प्रकट होता है कि वह उनका स्वामी नहीं है| परन्तु सच तो यह है कि यहोवा ही स्वामी है| यहोवा काल्पनिक स्थिति के प्रयोग द्वारा दिखाना चाहता है कि इस्राएली गलत हैं| शर्त का दूसरा भाग जिसको स्वाभाविक रूप से प्रकट होना है, वह नहीं हो रहा है जबकि शर्त आधारित कथन सच है|

अनुवाद की युक्तियाँ

यदि काल्पनिक स्थिति का रूप काम में लेना उल्झ्नाकारी हो या पाठक को सोचने पर विवश करे कि वक्ता वाक्य के प्रथम भाग में जो कह रहा उस पर उसे संदेह है, तो इसकी अपेक्षा कथन रूप का प्रयोग करें| "क्योंकि" या "तुम जानते हो की...." या "यह सच है कि ...." आदि उक्तियाँ अर्थ को स्पष्ट करने में सहायक सिद्ध हो सकती हैं|

अनुवाद की युक्तियों के उदाहरणों की प्रासंगिकता

यदि यहोवा परमेश्वर है, उसकी आराधना करो!” (कहानी19 खंड 6 OBS)

यह सच है कि यहोवा परमेश्वर है, अतः उसकी आराधना करो!”

“पुत्र पिता का, और दास स्वामी का आदर करता है|यदि मैं पिता हूँ, तो मेरा आदर कहाँ है? और यदि मैं स्वामी हूँ, तो मेरा भय मानना कहाँ? सेनाओं का यहोवा, तुम याजकों से भी जो मेरे नाम का अपमान करते हो यही बात पूछता है|" (मलाकी 1:6 ULT)

“पुत्र पिता का आदर करता है और दास अपने स्वामी का सम्मान करता है| क्योंकि मैं पिता हूँ, मेरा सम्मान कहाँ है? क्योंकि मैं स्वामी हूँ, मेरा भय कहाँ है?"


संयोजन  – तथ्य विरोधी स्थितियां

This section answers the following question: तथ्य विरोधी स्थितियों का अनुवाद मैं कैसे करूँ?

Conditional Relationships

Conditiशर्त आधारित संयोजक शब्द दो उपवाक्यों को जोड़तें है कि संकेत प्रकट हो कि एक उपवाक्य की बात तब ही पूरी होगा जब दूसरे की बात पूरी होगी| अंग्रेज़ी भाषा में शर्त आधारित उपवाक्यों को जोड़ने की सबसे सामान्य विधि है, "यदि...तो" परन्तु "तो/तब" अधिकतर व्यक्त नहीं किए जाते हैं|

तथ्य विरोधी स्थितियां

वर्णन

तथ्य विरोधी स्थिति एक ऎसी अवस्था है जो काल्पनिक प्रतीत होती है परन्तु वक्ता को पहले से ही निश्चय होता है कि यह सत्य नहीं है|

इसका अनुवाद समस्या होने का कारण

सामान्यतः तथ्य विरोधी स्थितियों का संकेत देने वाले शब्द नहीं होते हैं| लेखक मान कर चलता है कि पाठक को बोध है कि यह वास्तविक स्थिति नहीं है| यही कारण है कि इसमें अभिप्रेत जानकारी के पूर्वज्ञान की आवश्यकता होती है कि यदि इसके असत्य होने का बोध हो जाए| यदि अनुवादक के लिए इस प्रकार की स्थिति के अनुवाद में कठिनाई उत्पन्न हो तो वे उस युक्ति को काम में लेना चाहेंगे जिसको उन्होंने प्रभावोत्पादक प्रश्नों or Implied Information में काम में लिया है|

अन्य बाईबल कहानियाँ और बाईबल के उदाहरण

परन्तु बाल परमेश्वर है , तो उसी की पूजा करो! (कहानी 19 खंड 6 OBS)

और एलिय्याह सब लोगों के पास आकर कहने लगा, "तुम कब तक दो विचारों में लटके रहोगे, यदि यहोवा परमेश्वर हो, तो उसके पीछे हो लो; और यदि बाल हो, तो उसके पीछे हो लो|" लोगों ने उसके उत्तर में एक भी बात न कही| (1 राजाओं 18:21 ULT)

बाल परमेश्वर नहीं है| एलिय्याह के कहने का अर्थ यह नहीं है कि बाल परमेश्वर हो सकता है| वह नहीं चाहता है कि लोग बाल का अनुसरण करें| एलिय्याह ने एक शर्त आधारित कथन का उपयोग करते हुए उन पर प्रकट किया कि वे जो कर रहे हैं वह अनुचित है| इस उपरोक्त उदाहरण में हम दो स्थितियों को देखते है जिनकी रचनाए एक सी हैं| पहली है, "यदि यहोवा परमेश्वर हो", यह एक वास्तविक स्थिति है क्योंकि एलिय्याह को निश्चय है कि यह एक तथ्य है| दूसरी है, "यदि बाल हो", यह तथ्य विरोधी स्थिति है क्योन्किएलिय्यह को निश्चय है कि यह सत्य नहीं है| अब आपको ध्यान देना होगा कि आपकी भाषा में इन दोनों को एक ही प्रकार से कहा जाता है या भिन्न रूपों में कहा जाता है|

उसकी पत्नी ने उससे कहा, "यदि यहोवा हमें मार डालना चाहता, तो हमारे हाथ से होमबलि और अन्नबलि ग्रहण न करता, और न वह ऎसी सब बातें हमको दिखाता, और न वह इस समय हमें ऎसी बातें सुनाता|" (न्यायियों 13:23 ULT)

मानोह की पत्नी के विचार में उसके शर्त गर्भित कथन का दूसरा भाग यथातथ्य नहीं है, इस कारण पहला भाग भी सच नहीं है| परमेश्वर ने उनकी होमबलि ग्रहण की थी इसलिए वह उनको मार डालना नहीं चाहता पोगऑॉ

“जब हम मिस्र देश में मांस की हांडियों के पास बैठकर मनमाना भोजन करते थे, तब यदि हम यहोवा के हाथ से मार डाले भी जाते तो उत्तम वही था|" (निर्गमन 16:3 ULT)

नि:संदेह, जो लोग यहाँ इस प्रकार की बातें कर रहे हैं वे मिस्र में मरे नहीं थे, अतः यह तथ्य विरोधी स्थिति हैजिसका उपयोग इच्छा व्यक्त करने के लिए किया गया है|

"हाय खुराजीं! हाय बैत सैदा! जो सामर्थ्य के काम तुम में किए गए, यदि वे सूर और सैदा में किए जाते, तो टाट ओढ़कर, और राख में बैठकर वे कब के मन फिरा लेते|" (मत्ती 11:21 ULT)

अंग्रेज़ी का पाठक जानता है कि अंतिम दो उदाहरण तथ्य विरोधी स्थितियाँ हैं क्योंकि प्रथम भाग में क्रिया भूतकाल में काम में ली गई है, (वे अवश्यम्भावी घटनाएं नहीं हैं).अंतिम उदाहरण में "लेते" शब्द काम में लिया गया है, जिससे प्रकट होता है कि ऐसा नहीं हुआ है|

अनुवाद की युक्तियाँ

यदि आपकी भाषा में तथ्य विरोधी स्थितियां स्पष्ट हों तो उनको ज्यों का त्यों काम में लें|

(1) यदि स्थिति पाठक के मन में यह विचार उत्पन्न करे कि वक्ता किसी अनुचित बात को सच मानता है तो स्थिति को इस प्रकार पुनः व्यक्त करें जैसे कि वह सब का विश्वास है|

(2) यदि स्थिति पाठक के मन में ऐसा विचार उत्पन्न करे कि वक्ता के सुझाव में पहला भाग सच है तो उसको कथन रूप में पुनः व्यक्त करें कि वह सच नहीं है|

(3) यदि स्थिति कुछ ऐसा व्यक्त कर रही है जो हुआ तो नहीं है परन्तु वक्ता चाहता था कि वैसा हो तो उसको मनोकामना के रूप में व्यक्त करें|

(4) यदि स्थिति किसी ऎसी बात को प्रकट कर रही है जो हुई नहीं है तो उसको

(5) तथ्य और तथ्य विरोधी स्थितियों का प्रयोग व्यवहार में परिवर्तन के लिए तर्कसम्मत विवाद हेतु काम में लिया जाता है| यदि अनुवादक इनके अनुवाद हेतु सर्वोत्तम विधि के लिए संघर्षरत हों तो उनके भाषा समुदाय में परिचर्चा की जाए कि यह कैसे किया जाता है| यदि कोई लोगों को विश्वास दिलाने का प्रयास कर रहा है कि वे अपने स्वभाव को बदलें तो वे इसको कैसे करते हैं?इन स्थितियों का अनुवाद करते समय एक सी युक्तियों को अपनाना संभव हो सकता है|

अनुवाद की युक्तियों की प्रासंगिकता

(1) यदि स्थिति पाठक में मन में विचार उत्पन्न करे कि वक्ता जिस बात पर विश्वास करता है, वह अनुचित है तो स्थिति का अनुवाद इस प्रकार करें कि उसमें सब का विश्वास प्रकट हो|

परन्तु बाल परमेश्वर हो, तो उसकी पूजा करो! (कहानी 19 खंड 6 OBS)

यदि तुम विश्वास करते हो कि बाल परमेश्वर है, तो उसकी ही पूजा करो!

(2) यदि स्थिति पाठक को सोचने पर विवश करती है कि वक्ता के सुझाव में प्रथम भाग सत्य है, तो उसका अनुवाद ऐसे करें कि कथन उसकू असत्य प्रकट करे|

यदि बाल परमेश्वर नहीं है तो तुमको उसकी पूजा नहीं करनी है!

उसकी पत्नी ने उससे कहा, "यदि यहोवा हमें मार डालना चाहता, तो हमारे हाथ से होमबलि और अन्नबलि ग्रहण न करता, और न वह ऎसी सब बातें हमको दिखाता, और न वह इस समय हमें ऎसी बातें सुनाता|" (न्यायियों 13:23 ULT)

यहोवा हमको मार डालना नहीं चाहता है, या हमारे द्वारा अर्पित होमबलि और अन्नबलि को वह स्वीकार नहीं करता|"

(3) यदि स्थिति में किसी ऎसी बात को प्रकट किया जा रहा है जो यथार्थ में नहीं हुई है परन्तु वक्ता चाहता था कि ऐसा हो, तो उसको मनोवांछित वाक्य में व्यक्त करें|

“जब हम मिस्र देश में मांस की हांडियों के पास बैठकर मनमाना भोजन करते थे, तब यदि हम यहोवा के हाथ से मार डाले भी जाते तो उत्तम वही था|" (निर्गमन 16:3 ULT)

मेरी तो मनोकामना यही है कि हम मर जाते मिस्र में यहोवा के हाथ से|"

(4) यदि स्थिति में व्यक्त किया गया है कि कोई ऎसी बात है जो हुई नहीं है तो उसको नकारात्मक कथन में व्यक्त करें|

“Woe to you, Chorazin! Woe to you, Bethsaida! If the mighty deeds had been done in Tyre and Sidon which were done in you, they would have repented long ago in sackcloth and ashes.” (Matthew 11:21 ULT)

"हाय खुराजीन! हाय बैतसैदा! जो सामर्थ्य के काम तुम में किए गए, यदि वे सूर और सैदा में किए जाते, तो टाट ओढ़कर, और राख में बैठकर वे कब के मन फिरा लेते|" (मत्ती 11:21 ULT)

(5) तथ्य और तथ्य विरोधी स्थितियों का उपयोग प्रायः व्यवहार में परिवर्तन हेतु तर्कसम्मत विवाद के लिए किया जाता है| यदि अनुवादक इनके अनुवाद के लिए सर्वोत्तम विधि की खोज में यत्नशील हैं तो उनके समुदाय में परिचर्चा करना कि ऐसा कैसे किया जाए,एक उत्तम विचार होगा| यदि कोई मनुष्यों को व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए विश्वास दिलाने का प्रयास कर रहा है तो वे इसका अनुवाद कैसे करेंगे? इन स्थितियों के अनुवाद में एक सी ही युक्तियों को काम में लेना संभव हो सकता है|

परन्तु यदि बाल परमेश्वर हो, उसकी पूजा करो! (कहानी 19 खंड 6 OBS)

क्या बाल ही वह है जो सच्चा परमेश्वर है? क्या तुम्हें उसकी उपासना करनी है?

"हाय खुराजीन! हाय बैतसैदा! जो सामर्थ्य के काम तुम में किए गए, यदि वे सूर और सैदा में किए जाते, तो टाट ओढ़कर, और राख में बैठकर वे कब के मन फिरा लेते|" (मत्ती 11:21 ULT)

“हाय, खुराजीन! हाय, बीतसैदा! तुम सोचते हो कि तुम सूर और सैदा से अधिक अच्छे हो, परन्तु नहीं! तुम नहीं हो! वे तो बहुत पहले ही टाट पहन कर और राख में बैठ कर पश्चाताप कर चुके होते यदि वे इन सामर्थी कार्यों को देखते जो तुमने देखे हैं! आवश्यक है कि तुम उनके जैसी बनो !"


संयोजन - काल्पनिक स्थितियां

This section answers the following question: मैं काल्पनिक स्थितियों का अनुवाद कैसे कर सकता हूँ?

शर्त आधारित सम्बन्ध

शर्त आधारित संयोजक शब्द दो उपवाक्यों को जोड़ते हैं और संकेत देते है कि एक तब ही पूर्ण होगा जब दूसरा पूर्ण हो जाएगा| अंग्रेज़ी भाषा में शर्त आधारित उपवाक्यों को जोड़ने की सर्वाधिक सामान्य विधि है कि "यदि...तो" को काम में लें| तथापि, "तो" शब्द प्रायः काम में नहीं लिया जाता है|

काल्पनिक स्थिति

वर्णन

काल्पनिक स्थिति वह अवस्था है जिसमें दूसरी घटना ("तो" से आरम्भ उपवाक्य ) तब ही होगा जब पहली घटना ("यदि" उपवाक्य से आरम्भ) हो जाएगी या किसी न किसी प्रकार पूर्ण होगी| कभी-कभी जो होता है वह लोगों के कार्यों पर निर्भर करता है|

इसका अनुवाद की समस्या होने का कारण

अनुवादकों द्वारा यह अंतर्ग्रहण कर लेना महत्वपूर्ण है कि कोई बात काल्पनिक स्थिति में है या नहीं जिससे कि वे उसका अनुवाद उचित रूप में कर पाएं| उदाहरणार्थ, इस्राएल क्व लिए की गईं परमेश्वर की कुछ प्रतिज्ञाएं शर्त आधारित थीं जो इस बात पर आधारित थीं कि इस्राएल परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करता है या नहीं| तथापि, इस्रैल के लिए परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं में से अनेक ऎसी भी थीं जो शर्तों पर आधारित नहीं थीं| ऎसी प्रतिज्ञाओं को परमेश्वर निश्चय ही पूरा करेगा चाहे इस्राएल उनको मने या न माने| अतः, यह महत्वपूर्ण है कि आप (अनुवादक) इन दो प्रकार की प्रतिज्ञाओं में अंतर से भली भाँती अभिज्ञ हों और अपनी भाषा में उनका अचूक अनुवाद करें| यह भी है कि कभी-कभी शर्तों को जिस क्रम में रखा गया हैवह उनके घटने के क्रम से भिन्न हो| यदि लक्षित भाषा में उपवाक्यों को भिन्न क्रम में रखा जाता है तो आवश्यक है कि आप उसका अनुरूपण करें|

बाईबल की कहानियों और बाईबल के उदाहरण

यदि वे व्यवस्था का पालन करें तो परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की है कि वह उन लोगों को आशीष देगा औए उनकी रक्षा करेगा| परन्तु उसने यह भी कहा है कि यदि वे उनका पालन नहीं करते है तो वह उनको दंड देगा| (कहानी 13 खंड 7 OBS)

इस खंड में दो काल्पनिक स्थितियां हैं| इन दोनों स्थितियों में, पहली घटना ("यदि" उपवाक्य) "तो" के उपवाक्य के बाद अता है| यदि यह अव्यवहारिक या उल्झंकारी हो तो इन उपवाक्यों को अधिक व्यवहारिक क्रम में रखा जा सकता है| पहली काल्पनिक स्थिति है: यदि इस्राएली परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करते हैं तो परमेश्वर उनको आशीष देगा और उनकी रक्षा करेगा| दूसरी काल्पनिक स्थिति है: यदि इस्राएलियों ने परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन नहीं किया तो परमेश्वर उनको दंड देगा|

यदि तू भला करे, तो क्या तेरी भेंट ग्रहण न की जाएगी? (उत्पत्ति 4:7 ULT)

यदि कैन उचित कान करे तो वह ग्राहन्योग्य ठहरेगा| कैन के लिए एकमात्र मार्ग है कि वह ग्राहन्योग्य ठहरने के लिए उचित काम करे|

क्योंकि यदि यह धर्म या काम मनुष्यों की और से हो तब तो मिट जाएगा;परन्तु यदि परमेश्वर की और से है, तो तुम उन्हें कदापि मिटा न पाओगे| (प्रे.का. 5:38b-39aULT)

यहाँ दो काल्पनिक स्थितियां हैं: (1) यदि यह सच हो कि यह मनुष्यों की योजना है तो यह नष्ट हो जाएगी; (2) यदि यह सच हो की यह परमेश्वर की योजना है तो यह नष्ट नहीं की जा सकती है|

अनुवाद की युक्तियाँ

(1) यदि उपवाक्यों का क्रम काल्पनिक स्थितियों को उल्झंकारी बनाता है तो उपवाक्यों का क्रम बदल दें|

(2) यदि स्पष्ट न हो कि दूसरी घटना कहाँ है तो उस अंश को "तो" जैसे शब्द से अंकित कर देंI

अनुवाद की युक्तियों के उदाहरणों की प्रासंगिकता

(1) यदि उपवाक्यों का क्रम काल्पनिक स्थिति को उलझनकारी बनाता हो तो उपवाक्यों के क्रम को बदल दें|

परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की कि वह उन लोगों को आशीष देगा और उनकी रक्षा करेगा यदि वे उन नियमों का पालन करेंगे| परन्तु उसने कहा कि वह उनको दंड देगा यदि उन्होंने उनका पालन नहीं किया| (कहानी 13 खंड 7 OBS)

यदि उन लोगों ने इन नियमों का पालन किया तो परमेश्वर प्रतिज्ञा करता है कि वह उनको आशीष देगा और उनकी रक्षा करेगा| परन्तु यदि उन्होंने इन नियमों का पालन नहीं किया तो परमेश्वर कहता है कि वह उनको दंड देगा|

(2) यदि स्पष्ट न हो कि दूसरी घटना कहाँ है तो उस अंश को "तो" जैसे शब्द से अंकित कर दें|

परमेश्वर ने उन लोगों को आशीष देने और उनकी रक्षा करने की प्रतिज्ञा की, यदि वे इन नियमों को मानेंगे| परन्तु उसने कहा कि वह उनको दंड देगा यदि उन्होंने उनका पालन नहीं किया| (कहानी 13 खंड 7 OBS)

यदि उन लोगों ने इन नियमों का पालन किया तो परमेश्वर प्रतिज्ञा करता है कि वह उनको आशीष देगा और उनकी रक्षा करेगा| परन्तु यदि उन्होंने इन नियमों का पालन नहीं किया तो परमेश्वर कहता है कि वह उनको दंड देगा|

यदि यह धर्म या काम मनुष्यों की और से हो तब तो मिट जाएगा, परन्तु यदि परमेश्वर की और से है, तो तुम उन्हें कदापि मिटा न सकोगे| (प्रे.का.5:38b-39a ULT)

यदि यह धर्म या का मानुषों की और से हो तो नष्ट हो जाएगा, परन्तु यदि परमेश्वर की और से है तो तुम उनको कदापि नष्ट न कर पाओगे;


संयोजक - अपवाद खण्ड

This section answers the following question: मैं अपवाद खण्डों का अनुवाद कैसे कर सकता हूं?

अपवादात्मक संबंध

परिभाषा

अपवादात्मक संबंध संयोजक अर्थात् जोड़ने वाले शब्द एक समूह से एक मद(दों) या व्यक्ति(यों) को बाहर करते हैं।

कारण यह एक अनुवाद का विषय है

एक समूह (भाग 1) का वर्णन करते हुए अंग्रेजी अपवादात्मक संबंधों का संकेत देती है और फिर उस समूह में इन शब्दों का उपयोग करते हुए जैसे "को छोड़कर," "परन्तु नहीं" "से भिन्न" "के अतिरिक्त," "जब तक, " "तौभी ...नहीं" और "केवल" (भाग 2) से बताती है कि उसमें क्या नहीं है। कुछ भाषाओं से यह संकेत नहीं मिलता है कि एक या एक से अधिक मद या लोगों को इस तरह से एक समूह से बाहर रखा गया है, परन्तु इसके स्थान पर ऐसा करने के अन्य तरीके हैं। कुछ भाषाओं में इस प्रकार की निर्माण संरचना का कोई अर्थ नहीं होता, क्योंकि भाग 2 में अपवाद भाग 1 में कथन के विपरीत प्रतीत होता है। अनुवादकों को यह समझने की आवश्यकता है कि समूह में कौन (या क्या) भीतर है और किसे (या क्या) बाहर रखा गया है ताकि वह उनकी भाषा में इसे सटीक रूप से संप्रेषित करने में सक्षम हो सके।

ओबीएस और बाइबल से उदाहरण

परमेश्वर ने आदम से कहा कि वह अच्छे और बुरे के ज्ञान के पेड़ को छोड़कर वाटिका में से किसी भी वृक्ष से खा सकता है। (ओबीएस कहानी 1 खांचा 11)

परन्तु यदि तू छुड़ाना न चाहे, तो मुझे ऐसा ही बता दे, कि मैं समझ लूँ; क्योंकि तुझे छोड़ उसके छुड़ाने का अधिकार और किसी को नहीं है, और तेरे बाद मैं हूँ।” (रूत 4:4 यूएलटी)

दाऊद उन्हें रात के पहले पहर से लेकर दूसरे दिन की सांझ तक मारता रहा। चार सौ जवानों को छोड़ कर उनमें से एक भी मनुष्य बचा, जो ऊँटों पर चढ़कर भाग गए। (1 शमूएल 30:17 यूएलटी)

आदमी ने कहा, “मुझे जाने दे, क्योंकि भोर होने वाला है।” याकूब ने कहा, “जब तक तू मुझे आशीर्वाद न दे, तब तक मैं तुझे जाने दूँगा।” (उत्पत्ति 32:26 यूएलटी)

सामान्य अनुवाद रणनीतियाँ

यदि स्रोत भाषा में अपवादात्मक खण्ड को जिस तरह से चिह्नित किया गया है, वह आपकी भाषा में भी स्पष्ट है, तो उसी तरह से अपवादात्मक खण्ड का अनुवाद करें।

  1. बहुत बार, भाग 2 में अपवाद किसी बात का विरोधाभासी होता है जिसे भाग 1 में नकार दिया गया था। ऐसी घटना में, अनुवादक नकारात्मक विचार को हटाने और "केवल" जैसे शब्द का उपयोग करके विरोधाभास के बिना एक ही विचार को वाक्यांश का निर्माण कर सकता है।
  2. खण्डों के क्रम को उल्टा कर दें, ताकि अपवाद पहले कह दिया जाए, और फिर बड़े समूह को दूसरा नाम दिया गया है।

अनुप्रयुक्‍त अनुवाद रणनीतियों के उदाहरण

  1. बहुत बार, भाग 2 में अपवाद किसी बात का विरोधाभासी होता है जिसे भाग 1 में नकार दिया गया था। ऐसी घटना में, अनुवादक नकारात्मक विचार को हटाने और "केवल" जैसे शब्द का उपयोग करके विरोधाभास के बिना ही एक ही विचार को वाक्यांश का निर्माण कर सकता है।

दाऊद उन्हें रात के पहले पहर से लेकर दूसरे दिन की सांझ तक मारता रहा। चार सौ जवानों को छोड़ कर उनमें से एक भी मनुष्य न बचा, जो ऊँटों पर चढ़कर भाग गए। (1 शमूएल 30:17 यूएलटी)

  • भाग 1: (नहीं एक भी मनुष्य न बचा)
  • भाग 2: (छोड़ कर चार सौ जवानों को)

दाऊद उन्हें रात के पहले पहर से लेकर दूसरे दिन की सांझ तक मारता रहा। केवल चार सौ जवानों को छोड़ कर उनमें से एक भी मनुष्य न बचा जो ऊँटों पर चढ़कर भाग गए।

परन्तु यदि तू छुड़ाना न चाहे, तो मुझे ऐसा ही बता दे, कि मैं समझ लूँ; क्योंकि तुझे छोड़ उसके छुड़ाने का अधिकार और किसी को नहीं है, और तेरे बाद मैं हूँ।” (रूत 4:4 यूएलटी)

परन्तु यदि तू छुड़ाना न चाहे, तो मुझे ऐसा ही बता दे, कि मैं समझ लूँ; क्योंकि तू छुड़ानेहारों की पक्ति में पहले स्थान पर है[केवल तू ही छुड़ा सकता है], और तेरे बाद मैं हूँ।

आदमी ने कहा, “मुझे जाने दे, क्योंकि भोर होने वाला है।” याकूब ने कहा, “जब तक तू मुझे आशीर्वाद न दे, तब तक मैं तुझे जाने दूँगा।” (उत्पत्ति 32:26 यूएलटी)

आदमी ने कहा, “मुझे जाने दे, क्योंकि भोर होने वाला है।” याकूब ने कहा, “मैं मुझे जाने दूंगा केवल तब जब तू मुझे आशीर्वाद दे।

(2) खण्डों के क्रम को उल्टा कर दें, ताकि अपवाद पहले बताए जाएं, और फिर बड़े समूह को दूसरा नाम दिया गया है।

परमेश्वर ने आदम से कहा कि वह अच्छे और बुरे के ज्ञान के पेड़ को छोड़कर वाटिका में से किसी भी वृक्ष से खा सकता है। (ओबीएस कहानी 1 खांचा 11)

परमेश्वर ने आदम से कहा कि वह अच्छे और बुरे के ज्ञान के पेड़ से नहीं खा सकता है, परन्तु वाटिका में से किसी भी वृक्ष से खा सकता है।


व्याकरण के विषय

This section answers the following question: अंग्रेजी व्याकरण की कुछ मूलभूत सूचनाएँ क्या हैं?

व्याकरण के दो भाग हैं: शब्द एवं संरचना। संरचना का अर्थ, किसी कथन, वाक्य अथवा कहावत को बनाने के लिए शब्दों को कैसे जोड़ा जाए।

शब्द के भेद - एक भाषा में सभी शब्द ‘‘शब्द के भेद’’ नामक श्रेणी में आते हैं (देखें Parts of Speech)

वाक्य - जब हम बोलते हैं तो हम हमारे विचारों को वाक्यों में बदलते हैं। एक वाक्य अक्सर, किसी घटना या हालत या अवस्था के बारे में एक पूर्ण विचार होता है (देखें Sentence Structure)

  • वाक्य में कथन, प्रश्न, आज्ञा या विष्मय हो सकता है (देखें Exclamations)
  • वाक्य में एक से अधिक कथन हो सकते हैं (देखें Sentence Structure)
  • कुछ भाषाओं में, प्रत्यक्ष एवं परोक्ष कथन दोनों होते हैं (देखें Active or Passive)

संपत्ति - ये बताता है कि दो संज्ञाओं में मेल है। अंग्रेजी में यह ‘‘लव ऑफ गॉड’’ के ‘‘ऑफ’’ या ‘‘गॉड्स लव’’ के ‘‘एस’’के द्वारा अथवा ‘‘हिस लव’’ के समान स्थानात्मक सर्वनाम के द्वारा चिन्हित होता है (देखें Possession)

उद्धरण - उद्धरण किसी व्यक्ति के द्वारा कही गर्इ बात को कहना है।

  • अक्सर, उद्धरण के दो भाग होते हैं: यह सूचना के किसने कुछ कहा और क्या कहा (देखें Quotations and Quote Margins)
  • उद्धरण प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष भी हो सकते हैं (देखें Direct and Indirect Quotations)
  • उद्धरण के अंदर उद्धरण हो सकते हैं (देखें Quotes within Quotes)
  • उद्धरण को चिन्हित कर, इन्हे पाठक के लिए आसान बनाया जा सकता है कि किसने क्या कहा (देखें Quotes Makings)

भाववाचक संज्ञा

This section answers the following question: भाववाचक संज्ञाएँ क्या होती हैं और मैं अनुवाद में उनसे कैसे निपटूँ?

भाववाचक संज्ञाएँ वे संज्ञाएँ हैं जो व्यवहार, गुण, घटनाएँ या परिस्थितियाँ का उल्लेख करती हैं। ये ऐसी चीजें हैं जिसे शारीरिक तौर पर देखा या छुआ नही जा सकता है, जैसे कि खुशी, वजन, एकता, मित्रता, सेहत और वजह। यह एक अनुवाद की समस्या है क्योंकि कुछ भाषाओं में विचारों को भावनात्मक संज्ञा के द्वारा व्यक्त कर सकते है, जबकि अन्य भाषाओंमें इसे व्यक्त करने के लिए एक अलग तरीके की आवश्यकता होगी।

वर्णन

याद रखें कि संज्ञाएँ वे शब्द हैं जो किसी व्यक्ति,स्थान, वस्तु अथवा विचार को संदर्भित करती हैं। भाववाचक संज्ञाएँ वे संज्ञाएँ हैं जो विचारों को संदर्भित करती हैं। ये व्यवहार, गुण, घटनाएँ, परिस्थितियाँ या  इन विचारों के बीच संबंध भी हो सकते हैं। ये ऐसी चीजें हैं जिन्हे शारीरिक तौर पर देखा या छुआ नही जा सकता है, जैसे कि खुशी, शांति, सृष्टि, भलाई, संतुष्टि, न्याय, सच, आजादी, बदला, धीमापन, लंबाई, वजन और कई, कई और अधिक।

कुछ भाषाएँ जैसे बाइबल यूनानी और अंग्रेजी जिसमे भाववाचक संज्ञा का बहुत अधिक उपयोग होता है। यह क्रियाओं या गुणों को नाम देने का एक तरीका है ताकि इन भाषाओं को बोलने वाले लोग उनके बारे में बात कर सकें जैसे कि वे चीजें थीं। उदाहरण के तौर पर, भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग करने वाली भाषाओं में, लोग कह सकते हैं, ‘‘मैं पापों की क्षमा में विश्वास करता हूँ’’। परन्तु कुछ भाषाओं में भाववाचक संज्ञाओं का बहुत उपयोग नहीं होता हैं। उन भाषाओं में, उनके पास ‘‘क्षमा’’ एवं ‘‘पाप’’ नामक दो भाववाचक संज्ञाएँ नही हैं तो वे अन्य तरीकों से भी यही अर्थ व्यक्त करेंगे। वे कहेंगे, उदाहरण के लिए, ‘‘मैं विश्वास करता हूँ कि पाप कर चुके मनुष्य को परमेश्वर क्षमा करना चाहता है’’ और उसमें विचार की संज्ञाओं का उपयोग करने की बजाय, क्रिया के शब्दों का उपयोग होता है।

वजह यह अनुवाद की समस्या है

अनुवाद की जाने वाली बाइबल में कुछ विचारों के लिए भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग हो सकता है। शायद आपकी भाषा कुछ विचारों के लिए भाववाचक संज्ञा का उपयोग नही करती हो; इसकी बजाय, वे उन विचारों को प्रकट करने के लिए दूसरे कथनों का उपयोग करती होगी। वे कथन भाववाचक संज्ञाओं का उपयोग करने के लिए, अलग प्रकार के शब्दों का उपयोग करते होंगे, जैसे विशेषण, क्रियाएँ, क्रियाविशेषण इत्यादि।उदाहरण के लिए, "इसका वजन क्या है?" को "इसका वजन कितना है?" या "यह कितना भारी है?"के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।

बाइबल से उदाहरण

बालकपन से पवित्रशास्त्र तेरा जाना हुआ है… (2 तीमुथियुस 3:15 ULB)

भाववाचक संज्ञा ‘‘बालकपन’’ बताता है कि व्यक्ति बालक है

पर सन्तोष सहित भक्ति बड़ी लाभ है।  (1 तीमुथियुस 6:6 ULB)

भाववाचक संज्ञा ‘‘भक्ति’’ और ‘‘संतोष’’ बताता है कि व्यक्ति दैवीय और संतुष्ट है । भाववाचक संज्ञा ‘‘लाभ ’’ लाभदायक अथवा मददगार वस्तु की बात करती है।

आज इस घर में उद्धार आया है, इसलिए कि यह भी अब्राहम का एक पुत्र है (लूका 19:9 ULB)

भाववाचक संज्ञा ‘‘उद्धार’’ मुक्ति पाने के बारे में बताता है

प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता जैसी देर कितने लोग समझते हैं (2 पतरस 3:9 ULB)

भाववाचक संज्ञा ‘‘देर’’ बताता है कि कैसे कोई कार्य धीमे होता है

वही तो अंधकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों के उद्देश्यों को प्रगट करेगा (1 कुरिन्थियों 4:5 ULB)

भाववाचक संज्ञा ‘‘उद्देश्यों’’ कोबताता है कि लोग क्या करना चाहते हैं और उसे क्यों करना चाहते हैं

अनुवाद रणनीति

यदि भाववाचक संज्ञा आपकी भाषा में स्वाभाविक है और उसका अर्थ सही निकलता है तो उसका उपयोग करें। यदि नही, यहाँ एक और विकल्प है:

  1. वाक्य को ऐसे कथन में पुन: लिखें जो भाववाचक संज्ञा का अर्थ प्रकट करता हो। संज्ञा की बजाय, नया कथन भाववाचक संज्ञा के अर्थ को बताने के लिए एक क्रिया, एक विशेषण या एक क्रियाविशेषण का उपयोग कर सकता है।

अनुवाद की रणनीति के प्रयोग के उदाहरण

  1. वाक्य को ऐसे कथन में पुन: लिखें जो भाववाचक संज्ञा का अर्थ प्रकट करता हो। संज्ञा की बजाय, नया कथन भाववाचक संज्ञा के अर्थ को बताने के लिए एक क्रिया, एक विशेषण या एक क्रियाविशेषण का उपयोग कर कर सकते है।

बालकपन से पवित्रशास्त्र तेरा जाना हुआ है… (2 तीमुथियुस 3:15 ULB)

जबसे तुम बालक थे तुमने पवित्र शास्त को जाना है।

पर सन्तोष सहित भक्ति बड़ी लाभ है।  (1 तीमुथियुस 6:6 ULB)

पर भक्ति और संतोष में रहना बड़ा लाभदायक है

पर हमें बड़ा लाभ मिलता है जब हमारे अंदर भक्ति और संतोष होता है

पर हमें बड़ा लाभ मिलता है जब हम परमेश्वर के प्रति सम्मान और आज्ञाकारिता दिखाते और हमारे पास जो है उससे खुश होते हैं

आज इस घर में उद्धार आया है, इसलिए कि यह भी अब्राहम का एक पुत्र है (लूका 19:9 ULB)

आज इस घर के लोगों ने उद्धार पाया है आज इस घर के लोगों को परमेश्वर ने उद्धार दिया है

प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के विषय में देर नहीं करता जैसी देर कितने लोग समझते हैं (2 पतरस 3:9 ULB)

प्रभु अपनी प्रतिज्ञा के बारे में देरी से काम नहीं करता, जैसी देरी कुछ लोग समझते हैं

वही तो अंधकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों के उद्देश्यों को प्रगट करेगा (1 कुरिन्थियों 4:5 ULB)

वह अन्धकार कि छिपी बातों को ज्योति में लाएगा, और उन बातों को प्रकट करेगा जो लोग करना चाहते और कारणों को कि वे क्यों करना चाहते हैं


कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य

This section answers the following question: कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य का अर्थ क्या है और मैं कर्मवाच्य कथनों का कैसे अनुवाद करूँ?

कुछ भाषाओं में कर्तृवाच्य (एक्टिव वॉयस) एवं कर्मवाच्य (पैसिव वॉयस) दोनों का उपयोग होता हैं। कर्तृवाच्य में कर्ता कार्य करता है। कर्मवाच्य में कर्ता पर कार्य होता है। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं जिनके कर्ताओं को रेखांकित किया गया है:

  • कर्तृवाच्य: मेरे पिताने 2010 में घर बनाया
  • कर्मवाच्य: घर2010 में मेरे पिता के द्वारा बनाया गया

अनुवादक जिनकी भाषा में कर्मवाच्य वाक्य नही होते हैं, उन अनुवादकों को जानना जरूरी है कि वे किस प्रकार बाइबल में लिखे कर्मवाच्य वाक्यों का अनुवाद करें। अन्य अनुवादकों को पता होना चाहिए कि कर्मवाच्य का कब उपयोग करना है और कर्तृवाच्य का कब।

विवरण

कुछ भाषाओं में वाक्य कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य दोनों रूप होते हैं

  • कर्तृवाच्य वाक्य में, कर्ता कार्य करता है और उसका उल्लेख हमेशा होता है
  • कर्मवाच्य वाक्य में, कर्ता पर कार्य किया जाता है और कार्य करने वाले का ‘हमेशा उल्लेख नही होता’’ है

नीचे लिखे, कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य वाक्यों के उदाहरणों में, हमने कर्ता को रेखांकित किया है

  • कर्तृवाच्य: मेरे पिताने 2010 में घर बनाया
  • कर्मवाच्य: घर2010 में मेरे पिता के द्वारा बनाया गया
  • कर्मवाच्य: घर2010 में बनाया गया (इसमें नही लिखा कि किसने घर बनाया)

कारण यह अनुवाद की एक समस्या है

सब भाषाओं में कर्तृवाच्य वाक्य रूप होते हैं। कुछ भाषाओं में कर्मवाच्य वाक्य रूप होते हैं, कुछ में नही। कुछ भाषाएं केवल कुछ उद्देश्यों के लिए कर्मवाच्य रूपों का उपयोग करती हैं, और कर्मवाच्य रूप सभी भाषाओं में समान उद्देश्यों के लिए उपयोग नही किए जाते हैं।

कर्मवाच्य वाक्यों के उद्देश्य

  • वक्ता एक व्यक्ति अथवा वस्तु पर किए गए कार्य को बताता है, न की उस व्यक्ति के बारे में जिसने कार्य किया है ।
  • वक्ता नही बताना चाहता कि किसने कार्य किया
  • वक्ता को नही पता कि किसने कार्य किया

कर्मवाच्य रूप से संबंधित अनुवाद के सिद्धांत

  • जिन भाषाओं में कर्मवाच्य रूप नही होते हैं, उनके अनुवादकों को इन्हे अलग तरीके से बताने की जानकारी होनी चाहिए
  • जिन भाषाओं में कर्मवाच्य रूप होते हैं, उन अनुवादकों को पता लगाना है कि बाइबल में इन्हे किस उद्देश्य से उपयोग किया गया है और फिर निर्धारित करना है कि कर्मवाच्य रूप का उपयोग किया जाए या नही

बाइबल से उदाहरण

तब धनुर्धारियों ने शहरपनाह पर से तेरे जनों पर तीर छोड़े; और राजा के कितने जन *मर गए , और तेरा दास ऊरिय्याह हित्ती भी *** मर गया ***(2 शमूएल 11:24 ULB)

इसका अर्थ है कि दुश्मनों के धनुर्धारियों ने तीर छोड़े; और ऊरिय्याह समेत, राजा के लोगों को मार डाल । यहाँ का विषय राजा के जनों और ऊरिय्याह हैं, मारने वाले लोग नही । यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य राजा के जनों और ऊरिय्याह पर केंद्रित करना है।

नगर के लोग सवेरे उठकर क्या देखते हैं, कि बाल की वेदी गिरी पड़ीहै (न्यायियों 6:28 ULB)

नगर के लोगों ने देखा कि बाल की वेदी के साथ क्या हुआ परंतु उन्हे यह नही पता था कि उसे किसने गिराया। यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य नगर के लोगों के नजरिए से घटना का विवरण देना है।

उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में लटकाया जाता, और वह समुद्र में डाल दिया जाता(लूका 17:2 ULB)

यह एक ऐसी घटना बताता है जिसमें एक व्यक्ति अपने गले में चक्की के पाट के साथ समुद्र की गहरार्इ में डाला जाता है। यहाँ उपयुक्त कर्मवाच्य रूप का उद्देश्य उस व्यक्ति पर केंद्रित करना है जिसके साथ यह घटना घटी। यह महत्वपूर्ण नही है कि उस व्यक्ति के साथ ऐसा कौन करता है।

अनुवाद रणनीति

यदि आपकी भाषा उसी उद्देश्य के लिए एक कर्मवाच्य रूप का उपयोग करेगी जिस लेखांश में आप अनुवाद कर रहे हैं, तो एक कर्मवाच्य रूप का उपयोग करें। यदि आप तय करते हैं कि कर्मवाच्य रूप के बिना अनुवाद करना बेहतर है, तो यहां कुछ रणनीतियां हैं जिन पर आप विचार कर सकते हैं।

  1. उसी क्रिया को कर्तृवाच्य रूप में उपयोग करें और बताएँ कि किसने या क्या कार्य किया । यदि आप ऐसा करते हैं, तो उस व्यक्ति पर केंद्रित रहें जिस पर यह कार्य किया गया।
  2. उसी क्रिया को कर्तृवाच्य रूप में उपयोग करें परंतु नही बताएँ कि किसने या क्या यह कार्य किया । इसकी बजाय, ‘‘वे’’ या ‘‘लोग’’ या ‘‘कोर्इ’’ जैसे प्रकटीकरणों के शब्दों का उपयोग करें।
  3. अलग क्रिया का उपयोग करें

अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण

  1. उसी क्रिया को कर्तृवाच्य रूप में उपयोग करें और बताएँ कि किसने यह कार्य किया । यदि आप ऐसा करते हैं, तो उस व्यक्ति पर केंद्रित रहें जिस पर यह कार्य किया गया

उसको रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटीदी जातीथी। (यिर्मयाह 37:21 ULB)

राजा के सेवकयिर्मयाह को रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी देते थे थी।

(2) उसी क्रिया को कर्तृवाच्य रूप में उपयोग करें परंतु नही बताएँ कि किसने यह कार्य किया। इसकी बजाय, ‘‘वे’’ या ‘‘लोग’’ या ‘‘कोर्इ’’ जैसे प्रकटीकरणों के शब्दों का उपयोग करें।

उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले मेंलटकाया जाता और वह समुद्र मेंडाल दिया जाता (लूका 17:2 ULB)

यह भला होता, कि वेउसके गले में चक्की का पाट लटकाकर, उसे समुद्र में डाल देते यह भला होता, कि कोर्इउसके गले में चक्की का पाट लटकाकर, उसे समुद्र में डाल देता

(3) सक्रिय वाक्य में अलग क्रिया का उपयोग करें

उसको रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटीदी जातीथी। (यिर्मयाह 37:21 ULB)

उसे रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी मिलतीथी


सूचना देने बनाम याद दिलाने वाले शब्दों में अंतर करना

This section answers the following question: जब एक संज्ञा के साथ किसी वाक्यांश का उपयोग होता है, तो उन वाक्यांशों के बीच क्या अंतर होता है जो दूसरों से संज्ञा को अलग करते हैं और वाक्यांश जो केवल सूचित या याद दिलाते हैं?

वर्णन

कुछ भाषाओं में, एक संज्ञा को परिवर्तित करने वाले वाक्यांशों का उपयोग संज्ञा के साथ दो भिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। वे या तो यह कर सकते हैं (1) संज्ञा को अन्य समान वस्तुओं से अलग करना, या (2) वे संज्ञा के बारे में अधिक जानकारी दे सकते हैं। यह जानकारी पाठक के लिए नई हो सकती है, या कुछ के बारे में एक अनुस्मारक जिसे पाठक पहले से ही जानता है। अन्य भाषाएँ संज्ञा के साथ परिवर्तनकारी वाक्यांशों का उपयोग केवल संज्ञा को अन्य समान वस्तुओं से अलग करने के लिए करती हैं। जब इन भाषाओं को बोलने वाले लोग एक संज्ञा के साथ एक परिवर्तनकारी वाक्यांश में सुनते हैं, तो वे अनुमान लगाते हैं कि इसका कार्य एक वस्तु को दूसरे समान वस्तु से अलग करना है।

कुछ भाषाएँ (1) समान वस्तुओं के बीच अंतर दिखाने के लिए और (2) किसी वस्तु के बारे में अधिक जानकारी देने के बीच अंतर को चिह्नित करने के लिए अल्पविराम का उपयोग करती हैं। अल्पविराम के बिना, नीचे लिखा वाक्य बताता है कि यह एक अन्तर दिखा रहा है:

  • मरियम ने कुछ भोजन अपनी बहन को दिया जो अत्याधिक धन्यवादी थी
  • यदि उसकी बहन सामान्य रूप से धन्यवादी होती तो वाक्यांश "जो अत्याधिक धन्यवादी थी" इस बहन को मरियम की उस बहन से भिन्न करता जो सामान्य रूप से धन्यवादी नहीं थी।

अल्पविराम के साथ, यह वाक्यांश अधिक जानकारी दे रहा है:

  • मरियम ने कुछ भोजन अपनी बहन को दिया जो अत्याधिक धन्यवादी थी
  • इसी वाक्यांश के उपयोग से मरियम की बहन के बारे में अधिक जानकारी दी जा सकती है। यह हमें बताता है कि मरियम ने कैसे प्रतिक्रिया व्यक्त की जब उसकी बहन ने उसे भोजन दिया। इस घटना में यह एक बहन को दूसरी से भिन्न नही दिखाता है।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

  • बाइबल की कर्इ स्रोत भाषाएँ ऐसे वाक्यांशों का उपयोग करती हैं जो संज्ञा को दोनों अर्थात समान लगने वाली वस्तु से अलग दिखाने और साथ ही उसके बारे में अधिक जानकारी देने के लिए परिवर्तित करती हैं। आप (अनुवादक) को सावधानीपूर्वक पहचानना है कि लेखक प्रत्येक घटना में किस अर्थ का उपयोग कर रहा है।
  • कुछ भाषाएँ ऐसे वाक्यांशों का उपयोग करती हैं जो संज्ञा को केवल समान जैसे लगने वाले कथन से अलग दिखाने के लिए परिवर्तित करती हैं। ऐसे वाक्यांशों का अनुवाद करते समय जिन्हे अधिक जानकारी देने के लिए उपयोग किया जाता है, उस भाषा का उपयोग करने वाले लोग उक्त कथन एवं संज्ञा में अंतर अवश्य करें। अन्यथा, इसे पढ़ने या सुनने वाले लोग समझेंगे कि इस संज्ञा का उपयोग समान लगनी वाली वस्तुओं से संज्ञा को अलग दिखाने के लिए किया गया है

बाइबल से उदाहरण

ऐसे शब्दों और वाक्यांशों के उदाहरण जिनका उपयोग एक वस्तु को अन्य संभावित वस्तुओं से भिन्न करने के लिए किया जाता है: ये सामान्य रूप से अनुवाद में कोई समस्या उत्पन्न नहीं करते हैं।

… बीचवाला पर्दा पवित्र स्थान को अतिपवित्र स्थान से अलग किये रहे। (निर्गमन 26:33 ULT)

शब्द ‘‘पवित्र‘‘ एवं ‘‘अतिपवित्र‘‘ दो स्थानों में अन्तर को दिखाते हैं जो एक दूसरे से अलग एवं किसी भी अन्य स्थान से भिन्न हैं।

मूर्ख पुत्र से पिता उदास होता है, और जनने वाली माँ को शोक होता है (नीतिवचन 17:25 ULT)

वाक्यांश "जनने वाली माँ’’ भिन्नता को बताता है कि किस औरत के लिए पुत्र एक शोक है। वह हर औरत के लिए शोक नही है, परंतु अपनी माँ के लिए है।

शब्दों और वाक्यांशों के उदाहरण जो कि किसी वस्तु के बारे में अतिरिक्त जानकारी या अनुस्मारक को देने के लिए उपयोग किए जाते हैं: ये उन भाषाओं के लिए एक अनुवाद का विषय है जो इनका उपयोग नहीं करते हैं।

… क्योंकि तेरे धर्ममय न्याय उत्तम हैं। (भजन संहिता 119:39 ULT)

शब्द ‘‘धर्ममय’’ हमें याद दिलाता है कि परमेश्वर के न्याय सही हैं। यह उसके धार्मिक न्याय या अधर्मी न्याय के बीच अंतर नही दिखा रहा है क्योंकि उसके सारे न्याय धर्ममय हैं।

क्या सारा, जो नब्बे वर्ष की है, पुत्र जनेगी? (उत्पत्ति 17:17-18 ULT)

वाक्यांश ‘‘जो नब्बे वर्ष की है’’ एक कारण है जिससे अब्रहाम सोचता है कि सारा पुत्र नही जन सकती। यह किसी सारा नाम की एक औरत और उसी नाम की दूसरी औरत के बीच में अंतर नही दिखा रहा है जिसकी आयु भिन्न है और वह उसकी आयु के बारे में भी कुछ नया नही बता रहा है। वह तो केवल इतना ही सोचता है कि उस आयु की औरत को बच्चा नहीं हो सकता है।

मनुष्य को जिसकी मैने सृष्टि की है पृथ्वी के ऊपर से मिटा दूंगा। (उत्पत्ति 6:7 ULT)

वाक्यांश ‘‘जिसकी मैने सृष्टि की है’’ परमेश्वर और मनुष्य के बीच के संबंध को बताता है। यही कारण था कि परमेश्वर के पास मनुष्य को पृथ्वी पर से मिटा डालने का अधिकार था। और दूसरा मनुष्य नही है जिसकी परमेश्वर ने सृष्टि की थी।

अनुवाद रणनीति

यदि लोग संज्ञा के साथ आए वाक्याँश के उद्देश्य को समझ सकते हैं, तो वाक्याँश और संज्ञा दोनों को एक साथ उपयोग करने की सोचें। उन भाषाओं में जहाँ संज्ञा का उपयोग एक शब्द या वाक्याँश का दूसरे से अंतर दिखाने के लिए किया जाता है, उनके लिए जानकारी या याद देने वाले शब्दों के अनुवाद की कुछ रणनीतियाँ निम्नलिखित हैं।

  1. वाक्य के एक भाग में जानकारी दें और उसके उद्देश्य को बताने वाले शब्दों को जोड़ें।
  2. अपनी भाषा में उसे बताने के सबसे अच्छे तरीके का उपयोग कर बताएँ कि ये केवल अतिरिक्त सूचना है। शायद एक शब्द जोड़ा गया होगा, या इसकी आवाज की ध्वनि के अनुसरार बदला गया होगा। अक्सर ध्वनि में बदलाव को विरामचिन्हों के प्रयोग से बताया जा सकता है, जैसे कि अल्पविराम, कोष्ठक इत्यादि।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

  1. वाक्य के एक भाग में जानकारी दें और उसके उद्देश्य को बताने वाले शब्दों को जोड़ें।

जोव्यर्थ** मूर्तियों** पर मन लगाते हैं, उनसे मैं घृणा करता हूँ (भजन संहिता 31:6 ULT) - ‘‘व्यर्थ मूर्तियों’’ का उपयोग कर, दाऊद सारी मूर्तियों पर अपनी टिप्पणी दे रहा और उनसे घृणा करने का कारण बता रहा था। यहाँ व्यर्थ मूर्तियों या मूल्यवान मूर्तियों का अंतर नही बताया जा रहा है

चूँकि मूर्तियाँ व्यर्थ हैं, मैं उनकी सेवा करने वालों से घृणा करता हूँ।

...क्योंकि तेरे न्यायधर्ममय** हैं।** (भजन संहिता 119:39 ULT)

... तेरे न्याय अच्छे हैं क्योंकि वे धर्ममय हैं।

क्या सारा,जो नब्बे वर्ष की है, पुत्र जनेगी? (उत्पत्ति 17:17-18 ULT) - वाक्याँश ‘‘जो नब्बे वर्ष की है’’ सारा की आयु का याद दिलाता है। यह बताता है कि अब्राहम क्यों प्रश्न को पूछ रहा था। उसने आशा ही नही की थी कि इस आयु में भी औरत बच्चा जन सकती है।

क्या सारा बच्चा जन सकती है, यद्यपि वह नब्बे वर्ष की है?

**मैं यहोवा को पुकारूँगा,**जो स्तुति के योग्य है (2 शमूएल 22:4 ULT) - केवल एक ही यहोवा है । वाक्याँश ‘‘स्तुति के योग्य’’ यहोवा को पुकारने का कारण बताता है।

मैं यहोवा को पुकारूँगा क्योंकिवह स्तुति के योग्य है।

  1. अपनी भाषा में उसे बताने के सबसे अच्छे तरीके का उपयोग कर बताएँ कि ये केवल अतिरिक्त सूचना है।

तू मेरा पुत्र है,जिससे मैं प्रेम करता हूँ. तुझसे मैं प्रसन्न हूँ। (लूका 3:22 ULT)

तू मेरा पुत्र है। मैं तुझसे प्रेम करता हूँ और तुझसे मैं प्रसन्न हूँ। *** मेरा प्रेम पाने वाला***, तू मेरा पुत्र है। तुझसे मैं प्रसन्न हूँ।


दोहरे नकारात्मक

This section answers the following question: दोहरा नकारात्मकता क्या होती है?

दोहरा  नकारात्मकताएँ तब उत्पन्न होती है जब किसी कथन में दो शब्द ‘‘नही’’ के अर्थ को प्रकट करते हैं। दोहरा नकारात्मकताओं का अर्थ विभिन्न भाषाओं में अलग अलग होता है। दो नकारात्मकता वाले कथनों का सही और स्पष्ट अनुवाद करने के लिए, आपको जानना जरूरी है कि बाइबल में नकारात्मकता का क्या अर्थ है और उसे अपनी भाषा में कैसे अनुवाद करें।

विवरण

नकारात्मक शब्द वे शब्द होते हैं जिनमें ‘‘नही’’ का भाव मौजुद रहता है। उदाहरणत: ‘‘नही’’, ‘‘ना’’, ‘‘कोर्इ नही’’, ‘‘कहीं नही’’, ‘‘कभी नही’’, ‘‘या नही’’ ‘‘बिना’’ इत्यादि। साथ ही साथ, कुछ शब्दों में ‘‘प्रत्यय’’ या ‘‘उपसर्ग’’ जुड़े होते हैं जिनका अर्थ ‘‘ना’’ होता है, जैसे नाखुश, संभव, अन कुछ अन्य प्रकार के शब्दों का नकारात्मक अर्थ भी होता है, जैसे "अभाव" या "अस्वीकार", या "लड़ाई" या "बुराई"। ।

दो नकारात्मकताएँ तब उत्पन्न होती है जब किसी कथन में दो शब्द ‘‘नही’’ के अर्थ को प्रकट करते हैं।

यह नही कि हमें अधिकार नही … (2 थिस्सलुनीकियों 3:9 ULB)

और इसलिये कि मसीह की नियुक्ति ***बिना*** शपथ ***नहीं*** हुर्इ। (इब्रानियों 7:20 ULB)

निश्‍चय जानो, बुरा मनुष्य निर्दोष ठहरेगा (नीतिवचन 11:21 ULB)

कारण यह अनुवाद की समस्या है

दोहरा नकारात्मकताओं का अर्थ विभिन्न भाषाओं में अलग अलग होता है:

  • कुछ भाषाओं में, जैसे कि स्पैनिश, दुगुनी नकारात्मकता नकारात्मकता पर बल देती है। निम्न स्पैनिश कथन No ví a nadie का अर्थ है ‘‘मैने किसी को नही, नही देखा’’ इसमें क्रिया के बाद ‘‘नही’’ और ‘nadie’ जिसका अर्थ है ‘‘किसी को नही’’, दोनों का उपयोग है। दोनो नकारात्मकताएँ एक दूसरे से सहमत हैं और वाक्य का अर्थ है, ‘‘मैंने किसी को नही देखा’’
  • कुछ भाषाओं में, दूसरा नकारात्मक शब्द पहले को रद्द कर देता है जिससे वाक्य सकारात्मक बन जाता है। अत: ‘‘वह निर्बुद्धि नही है’’ का अर्थ होता है कि वह बुद्धिमान है।
  • कुछ भाषाओं में, दो नकारात्मकताएँ मिलकर एक सकारात्मक वाक्य बनाते हैं, परंतु यह एक कमजोर वाक्य होता है। अत: ‘‘वह निर्बुद्धि नही है’’ का अर्थ होता है कि ‘‘उसमें थोड़ी बहुत बुद्धि है’’।
  • कुछ भाषाओं में, जैसे कि बाइबल की भाषा, दो नकारात्मकता एक सकारात्मक वाक्य को बनाती और वाक्य को बल प्रदान करती है। अत: ‘‘वह निर्बुद्धि नही है’’ का अर्थ हो सकता है कि ‘‘वह बहुत बुद्धिमान है’’।

दोहरे नकारात्मकता वाले कथनों का सही और स्पष्ट अनुवाद करने के लिए, आपको जानना जरूरी है कि बाइबल में दोहरे नकारात्मकता का क्या अर्थ है और उसे अपनी भाषा में कैसे अनुवाद करें।

बाइबल से उदाहरण

.... ताकि नि“ ष्फल रहें (तीतुस 3:14 ULB)

इसका अर्थ है ‘‘कि वे फलवंत बनें’’

सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उसमें से कोर्इ भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न न हुर्इ (युहन्ना 1:3 ULB)

दोहरे नकारात्मकताओं का उपयोग कर, यूहन्ना बता रहा है कि परमेश्वर के पुत्र ने ही सब कुछ बनाया है, दोहरे नकारात्मक सरल सकारात्मक की तुलना में अधिक मजबूत बयान देते है।

अनुवाद रणनीति

यदि दो नकारात्मकताएँ स्वाभाविक हैं और आपकी भाषा में यह सकारात्मकता को बताती है, तो उनका उपयोग करें। अन्यथा, निम्न रणनीतियों को अपना सकते हैं:

  1. यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य केवल सकारात्मकता को प्रकट करना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें जिससे यह सकारात्मक बन जाएगा
  2. यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य एक शक्तिशाली सकारात्मक वाक्य बनाना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें और ‘‘बहुत’’ या ‘‘निश्चय तौर पर’’ जैसे शब्दों को जोड़ दें

अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण

  1. यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य केवल सकारात्मकता को प्रकट करना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें जिससे यह सकारात्मक बन जाएगा

क्योंकि हमारा ऐसा महायाजकनहीं**, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी हो सके** (इब्रानियों 4:15 ULB)

’’क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक है जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी होता है’’

.... ताकि वेनि** ष्फल रहें** (तीतुस 3:14 ULB)

‘‘.... ताकि वे फलदायक बनें’’

(2) यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य एक शक्तिशाली सकारात्मक वाक्य बनाना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें और ‘‘बहुत’’ या ‘‘निश्चय तौर पर’’ जैसे शब्दों को जोड़ दें।

निश्‍चय जानो - बुरा मनुष्यनिर्दोष** ठहरेगा...** (नीतिवचन 11:21 ULB)

“मैं निश्चय तौर पर कहता हूँ - बुरा मनुष्य अवश्य दण्ड पाएगा

सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में सेकोर्इ** भी वस्तु उसकेबिना उत्पन्न न हुर्इ** (युहन्ना 1:3 ULB)

‘‘सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ’’ जो कुछ बना है, वह सब उसके द्वारा बनाया गया है


पदन्यूनता

This section answers the following question: पदन्यूनता क्या है?

विवरण

पदन्यूनता उस समय होता है जब वक्ता या लेखक एक या अधिक शब्दों को लिखते वक्त छोड़ देता है क्योंकि उसे पता है कि श्रोता या पाठक वाक्य के पूरे अर्थ को समझ लेंगे और उसे सुनते या पढ़ते वक्त अपने मन में वह शब्द भर लेंगे। छोड़ी गर्इ सूचना को पहले वाक्य में कहा जा चुका होता है।

इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे (भजन संहिता 1:5)

यह पदन्यूनता है क्योंकि ‘‘न पापी धर्मियों की मण्डली में’’ संपूर्ण वाक्य नही है। वक्ता अनुमान लगाता है कि श्रोता पिछले वाक्य के आधार पर अपने आप अपने मन इस बात का अर्थ पता लगा लेंगे कि एक पापी धर्मियों की मण्डली में क्या नही कर पाएगा।

अपूर्ण वाक्यों य कथनों को देखने वाले पाठक छुटी सूचना को नही जान पाएँगे, यदि वे अपनी भाषा में पदन्यूनता का उपयोग नही करते हैं।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

मनुष्य ने अधूरा उत्तर दिया क्योंकि वह विनम्र रहना चाहता और प्रभु से सीधा चंगार्इ नही माँगना चाहता था। वह जानता था कि वह तभी देखने योग्य हो सकता था यदि यीशु उसे चंगा करते।

बाइबल से उदाहरण

लेखक अपने शब्दों को संक्षिप्त रखना और अच्छा काव्य रूप देना चाहता है। उसने यह नही कहा कि यहोवा शिर्योन को जंगली बछड़े के समान उछालता है, क्योंकि उसे पता है कि पाठक स्वयं इस जानकारी को समझ लेंगे।

वह लबानोन को बछड़े की नार्इ उछालता है और शिर्योन को जंगली बछड़े के समान (भजन संहिता 29:6 ULB)

यदि आपकी भाषा में पदन्यूनता का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ देता है, तो इसका उपयोग करें। अन्यथा, अन्य विकल्प निम्न हैं:

  1. अपूर्ण वाक्यों या कथनों में गायब शब्दों को भरें
  • .... जब वह निकट आया, तो यीशु ने उससे पूछा, ‘‘तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं?’’ उसने कहा; हे प्रभु यह कि मैं देखने लगूँ (लूका 18:40-41 ULB)

अनुवाद रणनीति

अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण

  1. अपूर्ण वाक्यों या कथनों में गायब शब्दों को भरें

इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, न पापी धर्मियों की मण्डली में (भजन संहिता 1:5)

.... दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, न पापी धर्मियों की मण्डली में खड़े रह सकेंगे

..... जब वह निकट आया, तो यीशु ने उससे पूछा, ‘‘तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं?’’ उसने कहा; हे प्रभु यह कि मैं देखने लगूँ (लूका 18:40-41 ULB)

....जब अंधा निकट आया, तो यीशु ने उससे पूछा, ‘‘तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं?’’ उसने कहा; हे प्रभु मैं चाहता हूँ तू मुझे चंगा कर कि मैं देखने लगूँ’’

वह लबानोन को बछड़े की नार्इ उछालता है और शिर्योन को जंगली बछड़े के समान (भजन संहिता 29:6)

वह लबानोन को बछड़े की नार्इ उछालता है और वह शिर्योन को जंगली बछड़े के समानउछालता है


तुम के प्रारूप

This section answers the following question: तुम के कौन कौन से प्रारूप हैं?

एकवचन, द्विवचन, और बहुवचन

कुछ भाषाओं में "तुम" शब्द के आधार पर "तुम" शब्द के लिए एक से अधिक शब्द हैं। एकवचन रूप एक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है, और बहुवचन रूप एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। कुछ भाषाओं में एक द्विवचन रूप भी होता है, जो दो लोगों को सन्दर्भित करता है, और कुछ के अन्य रूप होते हैं जो तीन या चार लोगों को सन्दर्भित करते हैं।

तुम http://ufw.io/figs\_younum पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे।

कभी-कभी बाइबल में एक वक्ता "तुम" को एकवचन रूप का उपयोग करता है, चाहे वह भीड़ से ही बात क्यों न कर रहा हो।

औपचारिक और अनौपचारिक

वक्ता और जिस व्यक्ति से बात की जा रही है, उसके बीच सम्बन्धों के आधार पर कुछ भाषाओं में "तुम" के एक से अधिक रूप होते हैं। लोग अपने से बड़ों से या जो उच्च अधिकार रखते हैं, या कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसे वे बहुत अच्छी तरह से नहीं जानते हैं, से बात करते समय "आप" के औपचारिक रूप का उपयोग करते हैं। लोग किसी ऐसे व्यक्ति से बात करते समय अनौपचारिक रूप का उपयोग करते हैं, बड़े नहीं है, या जिनके पास उच्च अधिकार नहीं है, या परिवार का सदस्य या घनिष्ठ मित्र हैं।

तुम http://ufw.io/figs\_youform पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे।

इनका अनुवाद करने में सहायता के लिए, हम आपको सुझाव देते हैं, जिन्हें पढ़ लें:


‘तुम’ के रूप - युग्म/बहुवचन

This section answers the following question: मैं कैसे पता करूँ कि शब्द ‘तुम’ युग्म है या बहुवचन?

वर्णन

कुछ भाषाओं में "आप" का एकवचनीय रूप होता है जब शब्द "आप" केवल एक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है, और एक बहुवचन रूप जब शब्द "आप" एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। कुछ भाषाओं में "आप" का एक द्विवचनीय रूप भी होता है जब शब्द "आप" केवल दो लोगों को सन्दर्भित करता है। जो अनुवादक इन भाषाओं में से किसी एक को बोलते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है ताकि वे अपनी भाषा में शब्द "आप" के लिए सही शब्द को चुन सकें। अंग्रेजी जैसी अन्य भाषाओं में केवल एक ही रूप होता है, जिसे लोग इस बात पर ध्यान दिए बिना कि कितने लोगों को यह सन्दर्भित करता है, उपयोग करते हैं।

बाइबल सबसे पहले इब्रानी, अरामी और यूनानी भाषाओं में लिखी गई थी। इन भाषाओं में शब्द "आप" के एकवचन और "आप" के बहुवचन रूप भी पाए जाते हैं। जब हम उन भाषाओं में बाइबल पढ़ते हैं, तो सर्वनाम और क्रिया के रूप हमें दिखाते हैं कि शब्द "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। यद्यपि, वे हमें नहीं दिखाते हैं कि क्या यह केवल दो लोगों या दो से अधिक लोगों को सन्दर्भित करता है। जब सर्वनाम हमें यह नहीं दिखाते हैं कि शब्द "आप" कितने लोगों को सन्दर्भित करता है, तो हमें यह देखने के लिए सन्दर्भ देखने की आवश्यकता पड़ती है कि वक्ता कितने लोग बात कर रहे थे।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

  • अनुवादक जो एक ऐसी भाषा बोलते हैं जिसमें "आप" के भिन्न एकवचनी, द्विवचनीय और बहुवचनीय रूप होते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है, ताकि वे अपनी भाषा में "आप" के लिए सही शब्द का चुनाव कर सकें।
  • कर्ता के एकवचन या बहुवचन रूप होते है या नहीं, इस पर निर्भर करते हुए कई भाषाओं में क्रिया के विभिन्न रूप भी होते हैं। इसलिए यदि किसी भाषा में सर्वनाम का अर्थ "आप" है, तो इन भाषाओं के अनुवादकों को यह जानने की आवश्यकता होगी कि क्या वक्ता एक व्यक्ति या एक से अधिक का वर्णन कर रहा था।

अक्सर सन्दर्भ यह स्पष्ट कर देगा कि शब्द "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक सन्दर्भित करता है या नहीं। यदि आप वाक्य में अन्य सर्वनामों को देखते हैं, तो वे आपको यह जानने में सहायता करेंगे कि वक्ता कितने लोग सम्बोधित कर रहे थे।

बाइबल से उदाहरण

जब्दी के पुत्र याकूब और यूहन्ना उसके पास आए और कहा, "गुरुजी, हम चाहते हैं कि आप हमारे लिए वह करें, जो हम आपसे मांगते हैं।" उसने [यीशु] उनसे कहा, "तुम मुझ से क्या चाहते हो कि मैं तुम्हारे लिए करूँ?" (मरकुस 10:35-36 ULT)

यीशु दोनों, याकूब और यूहन्ना से पूछ रहा है, कि वे क्या चाहते हैं कि वह उनके लिए करे। यदि लक्षित भाषा में "आप" का द्विवचनीय रूप है, तो इसका उपयोग करें। यदि लक्षित भाषा में द्विवचनीय रूप नहीं है, तो बहुवचनीय रूप ही उपयुक्त होगा।

… और यीशु ने अपने दो शिष्यों को भेजा और उनसे कहा, "हमारे सामने वाले गाँव में जाओ। जैसे ही तुम इसमें प्रवेश करो, तुम्हें एक गदही का बच्चा मिलेगा जिस पर कोई कभी भी सवार नहीं हुआ है। उसे खोलो और उसे मेरे पास लाओ। (मरकुस 11:1-2 ULT)

सन्दर्भ यह स्पष्ट करता है कि यीशु दोनों को सम्बोधित कर रहा है। यदि लक्षित भाषा में "आप" का द्विवचनीय रूप है, तो उसका उपयोग करें। यदि लक्षित भाषा में द्विवचनीय रूप नहीं है, तो बहुवचनीय रूप ही उपयुक्त होगा।

याकूब, परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह का एक सेवक, बिखरे हुए बारह गोत्रों को, नमम्कार। हे मेरे भाइयों, इसे आनन्द की बात समझो कि, जब तुम विभिन्न प्रकार की परेशानियों का अनुभव, यह जानते हुए करते हो कि तुम्हारे विश्वास की परीक्षा धीरज को उत्पन्न करता है। (याकूब 1:1-3 ULT)

याकूब ने इस पत्र को कई लोगों को लिखा है, इसलिए शब्द "तुम" कई लोगों को सन्दर्भित करता है। यदि लक्षित भाषा में "तुम" का बहुवचनीय रूप है, तो इसका उपयोग करना ही ज्यादा अच्छा होगा।

यह जानने के लिए रणनीतियाँ कि "आप" कितने लोगों के लिए सन्दर्भित है

  1. यह देखने के लिए नोट्स देखें कि क्या वे बताते हैं कि “आप” एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है या नहीं।
  2. इसे देखने के लिए यूएसटी अनुवाद देखें कि क्या यह ऐसा कुछ कहता है, जो आपको दिखाए कि शब्द "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है या नहीं।
  3. यदि आपके पास बाइबल है जो उस भाषा में लिखी गई है जो एक वचनीय "आप" को बहुवचनीय से "आप" अलग करती है, तो देखें कि "आप" का कौन-सा रूप बाइबल के वाक्य में है।
  4. इसे देखने के लिए सन्दर्भ देखें कि वक्ता किससे बात कर रहा था और किसने उत्तर दिया था।

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‘तुम’ के रूप - एकवचन

This section answers the following question: मैं कैसे पता लगाऊँ कि शब्द ‘तुम’ एकवचनीय है या नही

वर्णन

कुछ भाषाओं में शब्द आप एकवचन “तुम” के रूप में पाए जाता है जब केवल एक व्यक्ति को सन्दर्भित किया जाता है, और शब्द आप बहुवचन  “तुम्हारे” या आपके के रूप में पाया जाता है जब एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित किया जाता है। जो अनुवादक इन भाषाओं में से किसी एक को बोलते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है, ताकि वे अपनी भाषा में शब्द "आप" के लिए सही शब्द का चुनाव कर सकें। अंग्रेजी जैसी अन्य भाषाओं में इसका केवल एक ही रूप होता है, जिसे लोग इस बात पर ध्यान दिए बिना कि कितने लोगों को यह सन्दर्भित करता है, उपयोग करते हैं।

बाइबल सबसे पहले इब्रानी, अरामी और यूनानी भाषाओं में लिखी गई थी। इन भाषाओं में शब्द "आप" के एकवचनी रूप मिलते है और "आप" के बहुवचन रूप भी मिलते हैं। जब हम उन भाषाओं में बाइबल पढ़ते हैं, तो सर्वनाम और क्रिया के रूप हमें दिखाते हैं कि शब्द "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। जब हम ऐसी भाषा में बाइबल पढ़ते हैं जिसमें आप के भिन्न रूप नहीं होते हैं, तो हमें यह देखने के लिए सन्दर्भ की आवश्यकता पड़ती है कि वक्ता कितने लोग बात कर रहे थे।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

  • अनुवादक जो ऐसी भाषा बोलते हैं, जिसमें "आप" के भिन्न एकवचनीय और बहुवचनीय रूप होते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है, ताकि वे अपनी भाषा में "आप" के लिए सही शब्द चुन सकें।
  • कर्ता के एकवचन या बहुवचन रूप होते है या नहीं, इस पर निर्भर करते हुए कई भाषाओं में क्रिया के विभिन्न रूप भी होते हैं। इसलिए यदि "आप" का कोई सर्वनाम नहीं है, तो इन भाषाओं के अनुवादकों को यह जानने की आवश्यकता होगी कि क्या वक्ता एक व्यक्ति या एक से अधिक का वर्णन कर रहा था।

अक्सर सन्दर्भ यह स्पष्ट कर देगा कि शब्द "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक को सन्दर्भित करता है या नहीं। यदि आप वाक्य में अन्य सर्वनामों को देखते हैं, तो वे आपको वक्ता से बात करने वाले लोगों की सँख्या जानने में सहायता करेंगे। कभी-कभी यूनानी और इब्रानी वक्ताओं ने "आप" के एकवचनीय रूप का उपयोग किया होता है चाहे वे लोगों के समूह से ही बात क्यों न कर रहे थे। देखें 'आप' के रूप - एक भीड़ के लिए एकवचन.

बाइबल से उदाहरण

शासक ने कहा, "मैं अपने युवकपन से ही, इन सभी बातों का पालन करता आया हूँ।" जब यीशु ने यह सुना, तो उसने उससे कहा, "तुझ में एक बात की अभी भी कमी है। तूझे अपना सब कुछ बेच देना चाहिए और उसे गरीबों को वितरित कर देना चाहिए, और तब तुझे स्वर्ग में खजाना प्राप्त होगा-और आ, मेरे पीछे चलने लग जा।” (लूका 18:21, 22 ULT)

जब शासक ने "मैं" कहा तो वह स्वयं के बारे में बात कर रहा था यह हमें दिखाता है कि जब यीशु ने "तुझे" कहा तो वह केवल शासक का वर्णन कर रहा था। इसलिए जिन भाषाओं में "तुझ" के एकवचनीय और बहुवचनीय रूप होते हैं, उनका यहाँ एकवचनीय रूप होगा।

स्वर्गदूत ने उससे कहा, "अपने कपड़े पहिन और अपनी जुत्ते पहिन ले।" पतरस ने ऐसा ही किया। स्वर्गदूत ने उससे कहा, "अपने बाहरी वस्त्र पहिन और मेरे पीछे आ।" तब पतरस स्वर्गदूत के पीछे हो लिया और बाहर चला गया। (प्रेरितों 12:8, ULT)

सन्दर्भ यह स्पष्ट करता है कि स्वर्गदूत एक व्यक्ति से बात कर रहा था और केवल एक व्यक्ति ने ही कार्य किया जिसे स्वर्गदूत ने आदेश दिया था। इसलिए जिन भाषाओं में "आप" के एकवचनीय और बहुवचनीय रूप मिलते हैं, उनके पास "आप" और "आपके" के लिए एकवचनीय रूप भी होगा। इसके अतिरिक्त, यदि क्रियाओं में एकवचन और बहुवचन कर्ताओं के लिए भिन्न रूप हैं, तब क्रियाओं "कपड़े" और "पहिन" के लिए उस रूप की आवश्यकता होती है जो एकवचनीय विषय को इंगित करती हैं।

तीतुस को, जो हमारे सामान्य विश्वास में एक सच्चा पुत्र है… इस उद्देश्य के लिए मैंने क्रेते में तुझे छोड़ा, कि तू उन बातों को सही कर सके, जो अभी तक पूर्ण नहीं हुई हैं, और हर शहर में बुजुर्गों को निर्देशित करे, जैसा मैंने तुझे निर्देश दिया है।… परन्तु तू, वही कह जो शुद्ध शिक्षा से सहमत हो। (तीतुस 1:4,5; 2:1 ULT)

पौलुस ने यह पत्र एक व्यक्ति, तीतुस को लिखा था। अधिकांश समय इस पत्र में शब्द "तू" केवल तीतुस को सन्दर्भित करता है।

यह जानने के लिए रणनीतियाँ कि “आप” कितने लोगों के लिए सन्दर्भित है

  1. यह देखने के लिए नोट्स देखें कि क्या वे बताते हैं कि "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है या नहीं।
  2. इसे देखने के लिए यूएसटी अनुवाद देखें कि क्या यह ऐसा कुछ कहता है, जो आपको दिखाए कि शब्द “आप” एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है या नहीं।
  3. यदि आपके पास बाइबल है, जोकि ऐसी भाषा में लिखी गई है जो एकवचनीय "आप" को बहुवचनीय "आप" से अलग करती है, तो देखें कि "आप" का कौन सा रूप है जिसमें इसका उपयोग बाइबल के उस वाक्य में किया गया है।
  4. यह देखने के लिए सन्दर्भ देखें कि वक्ता कितने लोग बात कर रहा था और किसने उत्तर दिया था।

आप http://ufw.io/figs_younum पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे।


सामान्य संज्ञा गर्भितं वाक्यांश

This section answers the following question: सामान्य संज्ञा के कथन क्या हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे कर सकता हूँ?

वर्णन

सामान्य संज्ञा विशेष व्यक्तियों अथवा वस्तुओं को नही, वरन् सामान्य लोगों अथवा वस्तुओं को संदर्भित करती है, नीतिवचन की पुस्तक में ऐसा प्रयोग बार-बार देखा जाता है क्योंकि नीतिवचनों में ऎसी बातें कही गई हैं जो मनुष्यों के लिए सर्वनिष्ठ हैं|

क्या हो सकता है कि कोई अंगारे पर चले, और उसके पांव न झुलसें? जो पराई स्त्री के पास जाता है , उसकी दशा ऐसी है| वरन जो कोई उसको छूएगा वह दंड से न बचेगा। (नीतिवचन 6:28-29 ULB)

उपरोक्त कथनों में जो मोटे शब्दों में हैं वे किसी व्यक्ति विशेष के सन्दर्भ में नहीं हैं| वे हर किसी मनुष्य को संदर्भित करते हैं जो ऐसा करता है|

अनुवाद की समस्या है होने का कारण

विभिन्न भाषाओं में विभिन्न रूपों में दर्शाया जाता है कि संज्ञा के वाक्यांशों का सन्दर्भ सर्वनिष्ठ है| आप (अनुवादक) को इस सर्वनिष्ठ विचारों को अपनी भाषा के अनुवाद में व्यवहारिक रीति से प्रयोग करना होगा|

बाइबल से उदाहरण

धर्मी विपत्ति से छोट जाता है परन्तु दुष्ट उसी विपत्ति में पद जाता है" (नीतिवचन 11:8 ULT)

उपरोक्त कथन में मोटे सब्द किसी व्यक्ति विशेष को नही वरन् धर्म का काम करने वाले हर एक जन या दुष्टता का काम करने वाले हर एक जन को संदर्भित करते हैं|

जो अपना अनाज रख छोड़ता है उसको लोग शाप देते हैं (नीतिवचन 11:26 ULT)

यह किसी व्यक्ति विशेष को नही वरन् अनाज बेचने से मना करने वाले प्रत्येक जन को संदर्भित करता हैं।

भले मनुष्य से तो यहोवा प्रसन्न होता है, परन्तु बुरी युक्ति करनेवाले को वह दोषी ठहराता है। (नीतिवचन 12:2 ULT)

‘‘भले मनुष्य’’ इस उक्ति द्वारा व्यक्ति विशेष को नही वरन् हर एक भले मनुष्य को संदर्भित किया गया हैं। ‘‘बुरी युक्ति करनेवाले’’ इस उक्ति द्वारा किसी व्यक्ति विशेष को नही वरन् बुरी युक्ति करने वाले हर एक मनुष्य को दर्शया गया हैं।

अनुवाद की युक्तियाँ

यदि आपकी भाषा में व्यक्ति विशेष या वस्तु विशेष की अपेक्षा मनुष्य या वस्तु का सर्वनिष्ठ सन्दर्भ देने के लिए यदि ULT के शब्दों का प्रयोग किया जा सकता है तो उन शब्दों का प्र्स्योग करें| यदि नहीं हो सकता है, तो यहाँ कुछ युक्तियाँ दी जा रही हैं जिसका उपयोग आप कर सकते हैं|

(1) संज्ञा कथन में ‘‘किसी’’ शब्द का उपयोग करें। (2) संज्ञा कथन में ‘‘एक’’ शब्द का उपयोग करें। (3) ‘‘किसी व्यक्ति’’ या ‘‘कोई भी’’ के समान ‘‘किसी वस्तु" या "कोई मनुष्य’’ जैसी उक्तियों का उपयोग करें (4) ‘‘लोग’’ के समान बहुवचन का उपयोग करें (5) अपनी भाषा में काम में आने वाली किसी भी स्वाभाविक विधि का प्रयोग करें|

अनुवाद की युक्तियों के प्रयोग के उदाहरण

(1) संज्ञा कथन में ‘‘किसी’’ शब्द का उपयोग करें।

भले मनुष्य से तो यहोवा प्रसन्न होता है, परन्तु बुरी युक्ति करनेवाले को वह दोषी ठहराता है। (नीतिवचन 12:2 ULT)

" किसी भले मनुष्य से तो यहोवा प्रसन्न होता है, परन्तु किसी बुरी युक्ति करनेवाले को वह दोषी ठहराता है।’’ (नीतिवचन 12:2)

(2) संज्ञा कथन में ‘हर ‘एक’’ का उपयोग करें।

जो अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं (नीतिवचन 11:26 ULT)

"वह हर एक जन जो अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते है।

(3) ‘‘किसी व्यक्ति’’ या ‘‘कोई भी’वस्तु" के समान ‘‘किसी" या "कोई’’ शब्द का उपयोग करें।

जो अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं (नीतिवचन 11:26 ULB)

जो कोई अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं।

(4) ‘‘लोग’’ के समान बहुवचन का उपयोग करें (जैसा इस कथन में है, ‘‘मनुष्य’’)।

जो अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं (नीतिवचन 11:26 ULT)

"मनुष्य उन लोगों को शाप देते हैं जो अपना अनाज रख छोड़ते हैं|

  1. अपनी भाषा में काम में आने वाली किसी भी स्वाभाविक विधि को काम में लें

जो अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं (नीतिवचन 11:26 ULB)

" जो भी अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं।"


जाओ और आओ

This section answers the following question: यदि किसी वाक्य में ‘‘आ’’ और ‘‘जा’’ में सदेह उत्पé हो रहा है तो मैं क्या करूँ?

वर्णन

विभिé भाषाएँ गति के बारे में बात करते वक्त इस बात को निर्धारित करने के विभिé तरीके अपनाती हैं कि ‘‘जा’’ या ‘‘आ’’ का उपयोग करें, अथवा ‘‘ले’’ या ‘‘दे’’ का।

उदाहरण के तौर पर, यह कहने के लिए कि वे एक व्यक्ति के पास जा रहे हैं जिसने उन्हे बुलाया है, अंग्रेजी वक्ता कहेंगे, ‘‘मैं आ रहा हूँ’’ परंतु स्पैनिश वक्ता कहेंगे, ‘‘मैं जा रहा हूँ’’।

आपको ‘‘जा’’ या ‘‘आ’’ (’’ले’’ या ‘‘दे’’) का अनुवाद इस प्रकार करना होगा जिससे पाठक समझ सकें कि वे किस दिशा में बढ़ रहे हैं।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

विभिé भाषाएँ गति के बारे में बताने के लिए विभिé तरीके अपनाती हैं।

बाइबलीय भाषाएँ अथवा आपकी स्रोत भाषा ‘‘जा’’ और ‘‘आ’’ अथवा ‘‘ले’’ या ‘‘दे’’ का उपयोग शायद आपकी अपनी भाषा के तरीके से अलग प्रकार से करती होगी।

यदि इन शब्दों का अनुवाद आपकी भाषा में प्रचलित तरीके के अनुसार नही किया गया तो पाठक इस संदेह में पड़ सकते हैं कि लोग किस दिशा में बढ़ रहे हैं।

बाइबल से उदाहरण

यहोवा ने नूह से कहा, तू अपने सारे घराने समेत जहाज में ; (उत्पत्ति 7:1 ULB)

कुछ भाषाओं में, लोग समझेंगे कि परमेश्वर जहाज के अंदर से बात कर रहा है

तू तब ही मेरी इस शपथ से छूटेगा, जब तू मेरे कुल के लोगों के पास आएगा; और वे कोर्इ स्त्री न दें तो तू मेरी शपथ से छूटेगा (उत्पत्ति 24:41 ULB)

अब्राहम अपने दास से बात कर रहा है । अब्राहम के रिश्तेदार उस जगह से दूर रहते हैं जहाँ वह और उसका दास खड़ा है और वह चाहता है कि उसका दास, उसकी ओर आए नही, वरन् उनके पास जाए

जब तू उस देश में आए जिसे तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है, और उसका अधिकारी हो, और उन में बसकर कहने लगे (व्यवस्थाविवरण 17:14 ULB)

मूसा जंगल में लोगों से बात कर रहा है । वे अभी तक उस देश में आए नही हैं जो परमेश्वर उन्हे देने जा रहा है । कुछ भाषाओं में, इसे इस प्रकार कहना अच्छा होगा, ‘‘जब तू उस देश में जाए ‘‘

यूसुफ और मरियम मंदिर में उसे प्रभु के सामने चढ़ाने के लिए लाए (लूका 2:22 ULB)

कुछ भाषाओं में, ऐसा कहना सही होगा कि यूसुफ और मरियम यीशु को मंदिर में लाए या उठाकर लाए

और देखो, यार्इर नाम एक मनुष्य जो आराधनालय का सरदार था, आया और यीशु के पांवों पर गिर के उससे विनती करने लगा, कि मेरे घर (लूका 8:41 ULB)

जब इस व्यक्ति ने यीशु से बात की तो वह घर पर नही था । वह चाहता था कि यीशु उसके साथ उसके घर जाए

इन दिनों के बाद उस की पत्नी इलीशिबा गर्भवती हुर्इ; और पांच महीने तक सबके सामने नही गर्इ (लूका 1:24 ULB)

कुछ भाषाओं में, ऐसा कहना सही होगा कि इलीशिबा सबके सामने नही आर्इ

अनुवाद रणनीतियाँ

ULB में प्रयुक्त शब्द शायद आपकी भाषा में स्वाभाविक हों और सही अर्थ देते हों, तो उनका उपयोग करें। यदि नही, तो निम्न रणनीतियों का उपयोग कर सकते हैं।

  1. ‘‘जा’’, ‘‘आ’’, ‘‘ले’’ या ‘‘दे’’ में से उन शब्दों का उपयोग करें जो आपकी भाषा में स्वाभाविक हों
  2. सही अर्थ को दिखाने वाले किसी अन्य शब्द का उपयोग करें

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

  1. ‘‘जा’’, ‘‘आ’’, ‘‘ले’’ या ‘‘दे’’ में से उन शब्दों का उपयोग करें जो आपकी भाषा में स्वाभाविक हों
  • तू तब ही मेरी इस शपथ से छूटेगा, जब तू मेरे कुल के लोगों के पास आएगा; और वे कोर्इ स्त्री न दें (उत्पत्ति 24:41 ULB)
  • तू तब ही मेरी इस शपथ से छूटेगा, जब तू मेरे कुल के लोगों के पास जाएगा; और वे कोर्इ स्त्री न दें
  • इन दिनों के बाद उस की पत्नी इलीशिबा गर्भवती हुर्इ; और पांच महीने तक सबके सामने नही गर्इ (लूका 1:24 ULB)
  • इन दिनों के बाद उस की पत्नी इलीशिबा गर्भवती हुर्इ; और पांच महीने तक सबके सामने नही आर्इ
  1. सही अर्थ को दिखाने वाले किसी अन्य शब्द का उपयोग करें
  • जब तू उस देश में आए जिसे तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है, और उसका अधिकारी हो, और उन में बसकर कहने लगे... (व्यवस्थाविवरण 17:14 ULB)
  • ‘‘जब तू उस देश में पहुँचे जिसे तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है, और उसका अधिकारी हो, और उन में बसकर कहने लगे...’’
  • यहोवा ने नूह से कहा, तू अपने सारे घराने समेत जहाज में ; (उत्पत्ति 7:1 ULB)
  • ‘‘यहोवा ने नूह से कहा, तू अपने सारे घराने समेत जहाज में प्रवेश कर‘‘
  • इन दिनों के बाद उस की पत्नी इलीशिबा गर्भवती हुर्इ; और पांच महीने तक सबके सामने नही गर्इ (लूका 1:24 ULB)
  • इन दिनों के बाद उस की पत्नी इलीशिबा गर्भवती हुर्इ; और पांच महीने तक सबके सामने आर्इ ही नही

आम विशेषण

This section answers the following question: संज्ञा के समान लगने वाले विशेषणों का मैं अनुवाद कैसे करूँ?

वर्णन

कुछ भाषाओं में एक विशेषण के उपयोग से उस विशेषण के द्वारा बतार्इ गर्इ चीजों के वर्ग को बताया जा सकता है। और जब ऐसा होता है, तो वह संज्ञा की तरह कार्य करता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘धनी’’ शब्द एक विशेषण है। नीचे दो वाक्य हैं जो दिखाते हैं कि ‘‘धनी’’ शब्द विशेषण है।

धनी व्यक्ति के पास तो बहुत सी भेड़-बकरियां और गाय बैल थे। (2 शमूएल 12:2 ULT)

‘‘धनी’’ नामक विशेषण ‘‘व्यक्ति’’ से पहले आता है और व्यक्ति का वर्णन करता है।

वह धनी न रहेगा; और न उसकी सम्पत्ति बनी रहेगी। (अय्यूब 15:29अ ULT)

‘‘धनी’’ नामक विशेषण ‘‘वह’’ के बाद आता है और "वह" का वर्णन करता है।

निम्न वाक्य बताता है कि ‘‘धनी’’ शब्द संज्ञा का भी कार्य कर सकता है।

तब न तो धनी आधे शेकेल से अधिक दें, और न कंगाल उससे कम दें । (निर्गमन 30:15ब ULT)

निर्गमन 30:15 में, ‘‘धनी’’ शब्द संज्ञा का कार्य करता है और धनी व्यक्तियों की बात करता है। ‘‘कंगाल’’ शब्द भी संज्ञा का कार्य करता है और कंगाल लोगों की बात करता है।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

  • बाइबल में अक्सर विशेषण का उपयोग संज्ञा की तरह लोगों के समूह को दिखाने के लिए हुआ है।
  • कुछ भाषाएँ विशेषणों की उपयोग ऐसे नही करती हैं।
  • इन भाषाओं के पाठक समझेंगे कि यह पद किसी व्यक्ति विशेष की बात कर रहा है परंतु यह वास्तव में केवल उन लोगों के समूह की बात कर रहा होगा जिसे विशेषण दिखाता है।

बाइबल से उदाहरण

क्योंकि दुष्टों का राजदण्ड धर्मी के भाग पर बना न रहेगा (भजन संहिता 125:3अ ULT)

शब्द ‘‘धर्मी’’ यहाँ पर धर्मी लोगों को दिखा रहा है, न कि किसी एक धर्मी को।

धन्य हैं वे, जो नम्र हैं, (मत्ती 5:5अ ULT)

‘‘नम्र’’ वे लोग हैं जो नम्र हैं, कोर्इ एक नम्र व्यक्ति नही।

अनुवाद रणनीतियाँ

यदि आपकी भाषा में विशेषणों का उपयोग संज्ञा के रूप में भी आमतौर पर होता है, तो उनका उपयोग करें। परंतु यदि यह अपरिचित सा लगता है या उसका अर्थ स्पष्ट नही है या गलत है, तो एक और विकल्प निम्नलिखित है:

(1) संज्ञा के बहुवचन रूप के साथ विशेषण का प्रयोग करें जिसका वर्णन विशेषण करता है।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

(1) संज्ञा के बहुवचन रूप के साथ विशेषण का प्रयोग करें जिसका वर्णन विशेषण करता है।

दुष्टों का राजदण्ड धर्मी के भाग पर बना न रहेगा (भजन संहिता 125:3अ ULT)

दुष्टों का राजदण्ड धर्मी लोगों के भाग पर बना न रहेगा।

धन्य हैं वे जो नम्र हैं (मत्ती 5:5अ ULT) धन्य हैं वे लोग जो नम्रहैं।


घटनाओं का क्रम

This section answers the following question: घटनाओं को उनके घटे हुए क्रम में क्यों नही लिखा गया है और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ?

वर्णन

बाइबल में घटनाओं को उनके घटे हुए क्रम में लिखा गया है। कई बार लेखक किसी एक घटना के बारे में बताना चाहता है जो बताई जा रही घटना से बहुत समय पहले घटी थी। इससे पाठक असमंजस में पड़ सकते हैं।

कारण यह अनुवाद की समस्या है:

पाठक सोच सकते हैं कि घटनाएँ उसी क्रम में घटी हैं जैसे उन्हे बताया गया है। उन्हे घटना का सही क्रम जानना बहुत जरूरी है।

बाइबल से उदाहरण

इसलिए हेरोदेस ने उन सबसे बढ़कर यह कुकर्म भी किया, कि यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर। (लूका 3:20-21 ULB)

इसको पढ़कर लग सकता है कि यूहन्ना के कैद होने के बाद यीशु का बपतिस्मा हुआ परंतु वास्तव में कैद से पहले उसने यीशु को बपतिस्मा दिया था।

और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के सामने सात नरसिंगे लिए हुए थे नरसिंगे फूँकते हुए चले, और यहोवा की वाचा का सन्दूक उनके पीछे-पीछे चला।… और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी, “जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूँ, तब तक जयजयकार न करना, और न तुम्हारा कोई शब्द सुनने में आए, न कोई बात तुम्हारे मुँह से निकलने पाए; आज्ञा पाते ही जयजयकार करना।” (यहोशू 6:8-10 ULB)

ऐसा लग सकता है कि सेना के प्रस्थान करने के बाद यहोशु उन्हे जयजयकार नही करने का आदेश दे रहा है, परंतु उसके आदेश को पाने के पश्चात सेना ने प्रस्थान किया था ।

पुस्तक को खोलने और उसकी मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है? (प्रकाशितवाक्य 5:2 ULB)

ऐसा लगता है कि एक व्यक्ति पहले पुस्तक को खोले और फिर मुहर तोड़े, परंतु पुस्तक को बंद करने वाली मुहर को तोड़ने के बाद ही, पुस्तक खोली जाती है।

अनुवाद रणनीति

(1) यदि आपकी भाषा में ऐसे कथनों या समय के शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बताई जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी जोड़कर बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें (2) यदि आपकी भाषा में क्रियायों के काल या संबंधित शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बताई जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें (क्रिया के "पहलूओं" के सेक्शन को देखें) (3) यदि आपकी भाषा घटनाओं को उनके समयानुक्रम में बताने को महत्व देती है तो घटनाओं को उसी क्रम में लिखें। इसमें दो या तीन पदों को एक साथ लिखने की जरूरत पड़ सकती है। (जैसे 5-6) (देखें: पद्य पुल)

अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण

  1. यदि आपकी भाषा में ऐसे कथनों या समय के शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बताई जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी जोड़कर बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें।

20इसलिये हेरोदेस ने ….यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर प्रार्थना कर रहा था, तो आकाश खुल गया। (लूका 3:20-21 ULB)

20इसलिये हेरोदेस ने ….यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया। 21 यूहन्ना के कैद में जाने से पहले, जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर…।

इस पुस्तक के खोलने और उस की मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है (प्रकाशितवाक्य 5:2 ULB)

इस पुस्तक की मुहरें तोड़ने के बाद, उसे खोलने के योग्य कौन है?

(2) यदि आपकी भाषा में क्रियायों के काल या संबंधित शब्दों का उपयोग आमतौर पर किया जाता है जहाँ बताई जा रही घटना के साथ पिछली घटनाओं को भी बताया जाता है, तो इस तरीके का उपयोग करें।

और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के सामने सात नरसिंगे लिए हुए थे नरसिंगे फूँकते हुए चले, और यहोवा की वाचा का सन्दूक उनके पीछे-पीछे चला।… और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी, “जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूँ, तब तक जयजयकार न करना, और न तुम्हारा कोई शब्द सुनने में आए, न कोई बात तुम्हारे मुँह से निकलने पाए; आज्ञा पाते ही जयजयकार करना।” (यहोशू 6:8-10 ULB)

8और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले … 10 और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दे रखी थी कि तब तक जयजयकार न करें, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोई शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना।

(3) यदि आपकी भाषा घटनाओं को उनके समयानुक्रम में बताने को महत्व देती है तो घटनाओं को उसी क्रम में लिखें। इसमें दो या तीन पदों को एक साथ लिखने की जरूरत पड़ सकती है (जैसे 5-6)

8और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले … 10 और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी कि तब तक जयजयकार न करें, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोई शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’ (यहोशू 6:8-10 ULB)

8,10यहोशु ने लोगों को आज्ञा दी, ‘‘जयजयकार न करो। कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोई शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’ तब, जैसे यहोशु ने लोगों को आज्ञा दी थी, वे सात याजक, जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे, नरसिंगे फूंकते हुए चले….

इस पुस्तक के खोलने और उस की मुहरें तोड़ने के योग्य कौन है (प्रकाशितवाक्य 5:2 ULB)

इस पुस्तक की की मुहर तोड़ने और इसे खोलने के योग्य कौन है?

आप http://ufw.io/figs\_events पर वीडियो भी देख सकते हैं।


भाषा के भाग

This section answers the following question: अंग्रेजी में भाषा के अलंकार कौन कौनसे हैं?

वर्णन

अलंकार के शब्द शब्दों की श्रेणियाँ हैं। शब्दों की श्रेणियाँ एक वाक्य में कर्इ प्रकार के कार्य करती हैं। सब भाषाओं में अलंकार के शब्द होते हैं और एक भाषा के सभी शब्द अलंकार के शब्दों का भाग होते हैं।

अधिकतर भाषाओं में ये मूलभूत अलंकार के शब्द, कुछ बदलावों के साथ, होते हैं और कुछ भाषाओं में अधिक श्रेणियाँ होती हैं। यह अलंकार के शब्दों की संपूर्ण सूची नही है, परंतु ये सिर्फ मूलभूत श्रेणियों को दिखा रही है।

क्रियाएँ किसी कार्य के करने (उदाहरण, आ, जा, खा) एवं होने (जैसे कि, है, था, थे इत्यादि) को दिखाती हैं। इसकी विस्तृत जानकारी Verbs में उपलब्ध है।

संज्ञाएँ एक व्यक्ति, स्थान, वस्तु अथवा विचार को दिखाने वाले शब्द हैं। सामान्य संज्ञाएँ सर्वसामान्य हैं अर्थात वे किसी व्यक्ति विशेष (मनुष्य, शहर अथवा देश) को नही दिखाती हैं। नाम, अथवा व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ व्यक्तिविशेष को दिखाती हैं अर्थात पतरस, यरूशेलम, मिस्र। अधिक जानकारी के लिए देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें How to Translate Names.

सर्वनाम संज्ञा के स्थान पर काम आता है और वह, वे, हम जैसे शब्दों का इस्तेमाल होता है। सर्वनाम के बारे में अधिक जानकारी Pronouns पृष्ठ पर पार्इ जा सकती है।

संयोजक वे शब्द हैं जो कथनों अथवा वाक्यों को जोड़ते हैं। उदाहरण के तौर पर, और, या, के लिए, तौभी, ना तो इत्यादि। कुछ संयोजकों को युगलों में भी उपयोग किया जाता है: दोनों/और, या/तो, ना/तो इत्यादि। इनके बारे में अधिक जानकारी Connecting Words पर पा सकते हैं।

उपसर्ग वे शब्द हैं जो किसी संज्ञा या क्रिया के साथ जुड़कर उनकी अधिक विशेषता बताते हैं। उदाहरण: लड़की अपने पिता की ओर दौड़ी। यहाँ उपसर्ग ‘‘की ओर’’ लड़की के अपने पिता के साथ रिश्ते के कारण उसकी ओर जाने की क्रिया को दिखाता है। दूसरा उदाहरण, ‘‘यीशु के चारों ओर भीड़ बढ़ने लगी । यहाँ उपसर्ग ‘‘चारों ओर’’ यीशु के संबंध में भीड़ की जगह को दिखाता है। उपसर्ग के कुछ और उदाहरण निम्न हैं: की ओर, से, बाहर, शुरू, साथ, बिना, ऊपर, नीचे, पीछे, आगे, बीच में, द्वारा, बाद में।

आर्टिकल्स ये प्रदर्शित करने वाले शब्द हैं जिन्हे जब वक्ता बताता है तो सुनने वाले समझ सकें। अंग्रेजी में ये शब्द ए (a), एन (an) और दि (the) हैं। ए (a), एन (an) और दि (the) इन तीनों शब्दों के अर्थ समान हैं।

यदि एक वक्ता कहता है, ए डोग तो वह श्रोताओं को बताना चाहता है कि वह कुत्ते की बात बता रहा है, शायद वह पहली बार इस कुत्ते की बात कर रहा हो। यदि एक वक्ता कहता है, दि डोग तो वह एक विशेष कुत्ते की बात बता है और चाहता है कि श्रोता भी इस बात को पहचानें कि वह किस कुत्ते की बात बता रहा है। अंग्रेजी वक्ता दि का उपयोग यह बताने के लिए भी करते हैं वे किसी बात पर सामान्य राय दे रहे हैं। उदाहरण के तौतर पर, वे कहते हैं दि एलिफेंट इस ए लार्ज ऐनिमल (हाथी एक बड़ा जानवर होता है) तो वह हाथी के बारे में सामान्य जानकारी दे रहा है। इसके बारे में आप अधिक जानकारी Generic Noun Phrases पर पा सकते हैं।

विशेषण वे शब्द होते हैं जो संज्ञा की विशेषता बताते हैं और उनकी संख्या, आकार, रंग और उम्र इत्यादि की जानकारी देते हैं। कुछ उदाहरण: कर्इ, बड़ा, नीला, बूढ़ा, होशियार, थका। कर्इ बार लोग किसी चीज के बारे में कुछ जानकारियाँ देने के लिए विशेषण का उपयोग करते हैं और कर्इ बार लोग इनकी मदद से एक चीज का दूसरी से अंतर करते हैं। उदाहारण, मेरे बुजुर्ग पिता, बुजुर्ग विशेषण मेरे पिता के बारे में कुछ बातें बताता है। परंतु मेरी सबसे बड़ी बहन में सबसे बड़ी शब्द मेरी एक और बड़ी बहन से अलग दिखा रहा है। आप इसकी अधिक जानकारी Distinguishing versus Informing or Reminding पर पा सकते हैं।

क्रिया विशेषण वे शब्द हैं जो क्रिया या विशेषण की विशेषता बताते हैं और उनके बारे में ‘‘कैसे, कब, कहाँ, क्यों और कहाँ तक’’ जैसी जानकारियाँ देते हैं। कर्इ सारे अंग्रेजी क्रिया विशेषण के शब्दों के अंत में ly होता है। क्रिया विशेषण के कुछ उदाहरण हैं: स्लोली (धीरे धीरे), लेटर (बाद में), फार (दूर), इंटेंनशन्ली (जानबूझकर), वैरी (बहुत) ।


स्वत्वबोधन

This section answers the following question: ‘ स्वत्वबोधन क्या है और मैं उसका अनुवाद कैसे कर सकता हूँ?

वर्णन

अंग्रेजी में स्वत्व का जो व्याकरण रूप है वह सामान्यतः‘ मनुष्यों और वस्तुओं तथा मनुष्यों के आपसी संबंधों की विविधता दर्शाता है| अंग्रेजी में यह व्याकरण आधारित सम्बन्ध (का) शब्द के प्रयोग से प्रकट होता है या शब्द के पीछे सम्बन्ध कारक चिन्ह "s" लगाने से व्यक्त होता है या सम्बन्धवाचक सर्वनाम के उपयोग से दर्शाया जाता है| निम्नलिखित उदाहरण ऐसे ही कुछ विभिन्न रूप हैं जिनसे दर्शाया गया है कि मेरे दादा का एक घर है|

*द हाउस of माए ग्रान्डफादर

*माए ग्रान्डफादरs हाउस

  • हिज़ हाउस

इब्रानी, यूनानी और अंग्रेजी में स्वामित्त्व के संकेतक उपयोग द्वारा विभिन्न परिस्थितिओं को दर्शाया जाता है। यहाँ कुछ सामान्य परिस्थितियाँ दी गई हैं जिनमें इसका उपयोग होता है

  • स्वामित्व - किसी के पास कुछ है
  • मेरे वस्त्र - वस्त्र जो मेरे हैं
  • सामाजिक संबंध - किसी एक का दूसरे के साथ सामाजिक संबंध है
  • मेरी माता - मुझे जन्म देने वालीं या मुझे संभालने वालीं
  • मेरे अध्यापक - मुझे शिक्षा देनेवाला व्यक्ति
  • संपर्क - कोई वस्तु विशेष किसी व्यक्ति विशेष या वस्तु विशेष से सम्बंधित है
  • दाऊद का रोग - रोग जिसका अनुभव दाऊद को हो रहा है *परमेश्वर का भय - परमेश्वर के साथ सम्बन्ध में मनुष्य में अवस्थित भय होना उचित है  *अन्तर्वस्तु - किसी चीज में कुछ है *कपड़ों का थैला -थैला जिसमें कपड़े हैं या एक थैला जिसमें कपड़े भरे हैं
  • आंशिक या सम्पूर्ण - कोई वस्तु किसी दूसरी वास्तु का भाग है
  • मेरा सिर - सिर जो शरीर का अंग है *मेरे घर की छत - छत जो मेरे घर का एक भाग है

कुछ भाषाओं में एक विशेष प्रकार का स्वामित्व होता है जिसे अपरिहार्य स्वामित्व कहते हैं| इस प्रकार के स्वामित्व को तब प्रयोग करते हैं जब कोई ऐसी वस्तु हो जो आपसे अविच्छेध्य हो अर्थात उन वस्तुओं के विपरीत जिन्हें आपसे अलग किया जा सकता है| उदाहरणार्थ उपरोक्त उदाहरणों में मेरा सिर और मेरी माता अपरिहार्य सम्बन्ध के उदाहरण हैं (कम से कम कुछ भाषाओं में)|दूसरी ओर, * मेरे कपडे* और मेरा शिक्षक परिहार्य सम्बन्ध हैं| अब परिहार्य और अपरिहार्य किसको माना जाए ? यह भाषाओं पर निर्भर करता है|

अनुवाद की बाधाओं के कारण

  • जब एक संज्ञा दूसरी संज्ञा के साथ स्वत्व के व्याकरण आधारित सम्बन्ध में हो तो ऐसी दो संग्याओं के विचारों के संबंधों को समझना अनुवादकों के लिए अति आवश्यक है|
  • कुछ भाषाओं में उन सब परिस्थितिओं में व्याकरण आधारित संबंधों को व्यक्त नहीं किया जाता है जिनको आपके मूल बाईबल पाठ में किया गया है|

बाइबल में से उदाहरण

स्वामित्व - निम्नलिखित उदाहरण में, पुत्र के पास पैसा था

छोटा पुत्र … निरंकुश जीवन जीने के कारण कंगाल हो गया (लूका 15:13 )

सामाजिक संबंध - निम्नलिखित उदाहरण में, चेले वे लोग थे जिन्होने यूहन्ना से शिक्षा पाई थी|

तब यूहन्ना के चेले उसके पास आए (मत्ती 9:14 ULT)

संपर्क - निम्नलिखित उदाहरण में, सुसमाचार वह सन्देश है जिसका सम्बन्ध पौलुस से है क्योंकि वह उसका प्रचार करता था|

मसीह यीशु को स्मरण रख जिसको मृतकों में से पुनर्जीवित किया गया,वह दाऊद का वंश है मेरा सुसमाचार यही है (2 तिमुथियुस 2:8 ULT)

सामग्री - निम्नलिखित उदाहरण में, मुकुट बनाने के लिए जो सामग्री काम में ली जाती है वह सोना है|

उनके सिरों पर सोने के मुकुट जैसे कुछ थे (प्रकाशित वाक्य 9:7)

अंतर्वस्तु - निम्नलिखित उदाहरण में, कटोरे में पानी है|

जो कोई एक कटोरा पानी तुम्हे पीने को दे...अपना प्रतिफल नहीं खोएगा (मरकुस 9:41 ULT)

  • सम्पूर्ण का अंश - निम्नलिखित उदाहरण में, द्वार महल का एक भाग है|

परन्तु उरिय्याह ..राजभवन के द्वार में लेट गया| (2शमुएल 11:9 ULT)

समूह का एक भाग निम्नलिखित उदाहरण में "हम" सम्पूर्ण समूह के सन्दर्भ में है और "हर एक" प्रत्येक जन के सन्दर्भ में है|

पर हम में से हर एक को मसीह के दान के परिमाण से अनुग्रह मिला है। (इफिसियों 4:7 ULB)

घटनाएँ एवं संपत्ति

कई बार एक अथवा दोनो संज्ञाएँ भाववाचक संज्ञाए होती है जो किसी घटना या कार्य को दिखाती हैं। निम्नलिखित उदाहरणों में, भाववाचक संज्ञाएँ प्रखर शब्दों में दी गई हैं। ये कुछ संबंध हैं जो दो संज्ञाओं के बीच संभव हैं जब उनमें से एक किसी घटना के सन्दर्भ में हो।

कर्ता - कभी-कभी "का" के बाद का शब्द दर्शाता है कि काम का करने वाला कौन है जिसका नाम पहली संज्ञा व्यक्त करती है। निम्नलिखित उदाहरण में, यूहन्ना लोगों को बपतिस्मा देता था|

यूहन्ना का बपतिस्मा क्या स्वर्ग से था या मनुष्यों की ओर से? उत्तर दो।’’ (मरकुस 11:30)

निम्नलिखित उदाहरण में, मसीह हमसे प्रेम करता है

हमको मसीह के प्रेम से कौन अलग करेगा? (रोमियों 8:35)

साधनकभी कभी "का" के बाद आने वाला शब्द दर्शाता है कि किसको और किसे कुछ होगा।

निम्नलिखित उदाहरण में, लोग धन से प्रेम करते हैं

क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है (1 तिमुथियुस 6:10 ULT)

साधन- कई बार "का" के बाद आने वाला शब्द दर्शाता है कि कैसे कुछ होगा| निम्नलिखित उदाहरण में, परमेश्वर क्षत्रुओं को भेज कर तलवार से नरसंहार का दंड देता है|

तो तुम तलवार से डरो, क्योंकि जलजलाहट से तलवार का दंड मिलता है (अय्यूब 19:29 ULT)

द्योतीकरण - निम्नलिखित उदाहरण में यूंहन्ना पापों से मन फिराने वालों को बप्तिस्मा दे रहा था| उनको बपतिस्मा दिया जा रहा था कि उनका प्रायश्चित प्रकट हो| उनका बप्तिस्मा उनके प्रायश्चित का द्योतक था|

यूहन्ना जंगल में बपतिस्मा देता और प्रचार करता आया, पापों की क्षमा के लियेमनफिराव का बपतिस्मा। (मरकुस 1:4 ULT)

दो संज्ञाओं के आपसी संबंध को जानने का कौशल

  1. आसपास के पदों को पढ़कर पता करें कि इससे आप दो संज्ञाओं के बीच के संबंध को पहचान सकें

2.पद को UST में पढ़ें। कई बार यह संबंध को स्पष्ट बताता है

  1. देखें कि इसके बारे में टिप्पणियाँ क्या कहती हैं।

अनुवाद का कौशल

यदि दो संज्ञाओं के बीच के संबंध के बारे में बताने के लिए संपत्ति का उपयोग स्पष्ट या सामान्य है तो उसका उपयोग करें। यदि यह अपरिचित हो या समझने में कठिन लगता है, तो निम्न को देखें:

  1. ऐसे विशेषण का उपयोग करें जिससे एक संज्ञा दूसरी को स्पष्ट कर सके
  2. क्रिया का उपयोग कर बताएँ कि दोनो कैसे संबंधित हैं
  3. यदि एक संज्ञा किसी घटना को बताती है तो इसका अनुवाद एक क्रिया के रूप में करें

अनुवाद के कौशल को व्यवहार में लेने के उदाहरण

  1. ऐसे विशेषण का उपयोग करें जिससे एक संज्ञा दूसरी को स्पष्ट कर सके।

उनके सिरों पर मानों सोने के मुकुट थे (प्रकाशितवाक्य 9:7)

उनके सिरों पर सोने के मुकुट थे

  1. क्रिया का उपयोग कर बताएँ कि दोनो कैसे संबंधित हैं।

जो कोई तुम्हे पीने के लिए एक कटोरा पानी दे... वह अपना प्रतिफल न खोएगा।’ (मरकुस 9:41 ULT)

जो कोई तुम्हे पीने के लिए पानी से भरा कटोरा दे... अपना प्रतिफल नहीं खोएगा

कोप के दिन धन से तो कुछ लाभ नहीं होता (नीतिवचन 11:4 ULT)

जिस दिन परमेश्वर अपना कोप प्रकट करे उस दिन धन किसी लाभ का नहीं |

3.यदि संज्ञाओं में से एक किसी घटना का बोध कराती है तो उसका अनुवाद क्रिया रूप में करें| (निम्नलिखित उदाहरणों में दो संपर्क सम्बन्ध हैं, "परमेश्वर का दंड" और "तेरा परमेश्वर")

सोचो क्योंकि मैं तो तुम्हारे बाल-बच्चों से नहीं कहता, जिन्होंने न तो देखा और न जाना है कि तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने क्या क्या ताड़ना की (व्यवस्थाविवरण 11:2 ULT)

तू अपनी आंखों से दृष्टि करेगा और दुष्टों के अंत को देखेगा (भजन संहिता 91:8 ULT)

तू अपनी आंखों से दृष्टि करेगा और देखेगा कि यहोवा कैसे दुष्टों का अंत करता है

तुम पवित्र आत्मा का दान पाओगे (प्रेरितों के काम 2:38 ULT)

तुम पवित्र आत्मा को पाओ जो परमेश्वर तुम्हेदेगा


क्रियाएँ

This section answers the following question: क्रियाएँ क्या हैं और उनके साथ कौन कौनसी वस्तुएँ जुड़ी होती हैं?

विवरण

क्रियाएँ वे शब्द होते हैं जो किसी कार्य या घटना का सन्दर्भ देते हैं या जिसका उपयोग वस्तुओं का वर्णन करने या पहचानने में किया जाता है। "कार्य" वह है जो किया जाता है| "घटना" "कार्य" से अधिक सामान्य होती है| घटना वह है जो होती है जैसे, मृत्यु| सहायक क्रिया ("is") होने की अवस्था का वर्णन करती है|

उदाहरण नीचे दिए गए उदाहरणों में क्रियाएँ गहरी की गई हैं।

  • यूहन्ना दौड़ा . ("दौड़ना" एक कार्य है।)

  • यूहन्ना ने एक केला खाया । ("खाना" एक कार्य है।)

  • यूहन्ना ने मरकुस को देखा । ("देखना" एक घटना है।)

  • यूहन्ना की मृत्यु हो गई ("मृत्यु" एक घटना है।)

  • यूहन्ना लम्बा है। (वाक्यांश "लम्बा है" यूहन्ना का वर्णन करता है और "है" शब्द यूहन्ना का सम्बन्ध "लंबा" से प्रकट करता है|)

  • यूहन्ना रूपवान दिखता है| ("रूपवान" शब्द यूहन्ना का वर्णन करता है| यहाँ "दिखता"'शब्द एक क्रिया है जो "यूहन्ना" को "रूपवान" शब्द से जोड़ता है|)

  • यूहन्ना मेरा भाई है| (यह वाक्यांश, "मेरा भाई है" यूहन्ना की पहचान कराता है|)

क्रिया के साथ संबद्ध लोग या वस्तुएं

क्रिया सामान्य रूप से किसी मनुष्य या किसी वस्तु के बारे में कुछ कहती है। ऊपर दिए गए सभी उदाहरण वाक्य यूहन्ना के बारे में कुछ कहते हैं। "यूहन्ना" उन वाक्यों का कर्ता है। अंग्रेजी में कर्ता सामान्य रूप से क्रिया से पहले आता है। कभी-कभी क्रिया के साथ कोई अन्य व्यक्ति या वस्तु जुड़ी होती है। नीचे दिए गए उदाहरणों में, रेखांकित शब्द क्रिया है, और बड़े अझरों में छपे वाक्यांश कर्म है। अंग्रेजी में कर्म सामान्य रूप से क्रिया के बाद में आता है।

  • उसने खाया "भोजन".
  • उसने गाया "एक गीत".
  • उसने पढ़ी "एक पुस्तक".
  • उसने देखी "वह पुस्तक".

कुछ क्रियाओं में कभी कर्म नहीं होता है।

  • सूर्य छः बजे उगा था।
  • यूहन्ना अच्छी तरह से सोया था।
  • यूहन्ना गिर गया था।

अंग्रेजी में कई क्रियाओं में, कर्म को छोड़ना तब ठीक होता है, जब कर्म वाक्य में महत्वपूर्ण नहीं है।

  • वह रात में कभी नहीं खाता है
  • वह हर समय हर समय गाता रहता है।
  • वह स्पष्ट पढ़ता है।
  • वह देख नहीं सकता है।

कुछ भाषाओं में, क्रिया को कर्म की आवश्यकता हो तो उसमें कर्म होना आवश्यक है, चाहे कर्म बहुत महत्वपूर्ण न हो। जो लोग उन भाषाओं को बोलते हैं वे उपरोक्त वाक्यों को इस प्रकार कहेंगे।

  • वह रात में भोजन कभी नहीं खाता है।
  • वह हर समय गाने गाता है ।
  • वह शब्दों को अच्छी तरह से पढ़ता है.
  • वह कुछ भी नहीं देख सकता है।

क्रियाओं पर कर्ता और कर्म को चिन्हित करना

कुछ भाषाओं में, क्रियाएँ व्यक्तियों या उससे जुड़े वस्तुओं के आधार पर थोड़ी अलग हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, जब कर्ता केवल एक व्यक्ति होता है तब अंग्रेजी बोलने वाले क्रिया के अन्त में "s" अक्षर जोड़ते है। क्रिया को चिन्हित करने वाली अन्य भाषाओं में क्रिया के अन्तः चिन्ह प्रकट करते है कि कर्ता "मैं", "तू/आप", या "वह" है या वह एकवचन, द्विववचन या बहुवचन में है या स्त्रीलिंग है या पुल्लिंग है या मनुष्य है या वस्तु/पशु है| यह दिखाया जा सकता है कि कर्ता "मैं," "आप," या "वह" है; एकवचन, द्विवाचक, या बहुवचन; पुरूष या स्त्री, या मानव या गैर-मानवीय है।

  • वे प्रतिदिन केले खाते हैं। (कर्ता "वे" एक से अधिक व्यक्ति हैं।)
  • यूहन्ना प्रतिदिन केले खाता है। (कर्ता "यूहन्ना" एक व्यक्ति है।)

समय और काल

जब हम किसी घटना के बारे में बताते हैं, तो हम सामान्य रूप से बताते हैं कि यह अतीत, वर्तमान या भविष्य में घटित हुई है या नहीं। कभी-कभी हम "कल," "अब," या "कल" जैसे शब्दों के साथ उपयोग करते हैं। कुछ भाषाओं में क्रिया साथ जुड़े समय के आधार पर थोड़ी अलग हो सकती है।

क्रिया पर इस तरह के चिन्ह को "काल" कहा जाता है। जब घटनाएँ अतीत में घटित हुईं हैं तो अंग्रेजी बोलने वाले कभी-कभी क्रिया के अन्त में अतीतकालीन "चिन्ह" डालते हैं, जैसे "ed" जोड़ना।

  • मरियम कभी-कभी मांस पकाती है
  • मरियम ने कल मांस पकाया था । (उसने बीते समय में ऐसा किया था।)

कुछ भाषाओं में वक्ता समय के बारे में कुछ बताने के लिए एक शब्द को जोड़ देते हैं। अंग्रेजी बोलने वाले भावी घटनाओं के सन्दर्भ में क्रिया के साथ सहायक क्रिया, "will" का उपयोग करते हैं जब क्रिया भविष्य में किसी बात को सन्दर्भित करती है।

  • कल मरियम मांस पकाएंगी

भाव

जब हम किसी घटना के बारे में बताते हैं, तो कभी-कभी हम यह दिखाना चाहते हैं कि समय के साथ-साथ घटना की प्रगति कैसे हुई, या घटना किसी अन्य घटना से कैसे सम्बन्धित है।

यह भाव है। कभी-कभी एक घटना किसी अन्य घटना से या वर्तमान समय से कैसे सम्बन्धित होता है, इसे दिखाने के लिए अंग्रेजी बोलने वाले, "is" या "has" जैसी सहायक क्रियाओं का उपयोग करते हैं और क्रिया के अन्त में "s" (ता/ती) या "ing" (रहा है/रहा था) या "ed" (किया) लगाकर प्रकट करते हैं कि एक घटना दूसरी घटना से या पर्त्मान समय से कैसे जुड़ी है ।

  • मरियम प्रतिदिन मांस पकाती है। (यह दर्शाता है कि मरियम इस काम कोअक्सर करती है।)
  • मरियम मांस पका रही है। (यह दर्शाता है कि मरियम अभी कुछ करने की प्रक्रिया में है।)
  • मरियम ने मांस पकाया , और यूहन्ना घर आया । (यह मात्र इतना ही बताता है कि मरियम और यूहन्ना ने कोई काम किया था।)
  • जब मरियम मांस पका रही थी तब रही थी, यूहन्ना घर आया। (यह दर्शाता है कि जब यूहन्ना घर आया तब मरियम कुछ करने की प्रक्रिया में थी)
  • मरियम ने मांस पकाया है और वह चाहती है कि हम आकर उसको खाएं। (यह दर्शाता है कि मरियम ने ऐसा कुछ किया जो अब भी प्रासंगिक है।)
  • मरियम मांस पका चुकी थी जब यूहन्ना घर आया। (यह दर्शाता है कि किसी घटना के होने पूर्व ही मरियम ने एक काम कर लिया था)

जब पुल्लिंग शब्दों में स्त्रियाँ शामिल होती हैं

This section answers the following question: मैं ‘भार्इ’ या ‘वह’ का अनुवाद कैसे करूँ, जबकि इसका संकेत स्त्री या पुरुष किसी की ओर भी हो सकता है?

बाइबल में, कई बार ‘‘पुरुष’’, ‘‘भार्इ’’ और ‘‘पुत्रों‘‘ जैसे शब्द केवल पुरुषों को दिखाते हैं। तो कुछ अन्य भागों में, ये शब्द स्त्री एवं पुरुष दोनों को दिखाते हैं। जब लेखक स्त्री एवं पुरुष दोनों को दिखाता है, तो अनुवादकों को भी ऐसे ही अनुवाद करना है जिससे कि यह केवल पुरुष को ही दिखाने वाला न हो।

वर्णन

कुछ भाषाओं में, पुरुष को दिखाने वाला शब्द ही स्त्री एवं पुरुष दोनों को दिखाने वाला सामान्य शब्द भी हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, बाइबल कर्इ बार जब ‘भार्इयों‘ कहती है तो उसका अर्थ भार्इ और बहन दोनों से ही होता है।

साथ ही कुछ भाषाओं में, पुरुषवाची उच्चारण ‘‘वह’’ और ‘‘उसका’’ को किसी भी व्यक्ति के लिए अधिक सामान्य तरीके से भी उपयोग किया जाता है यदि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि वह व्यक्ति एक पुरुष है या एक स्त्री। नीचे दिए गए उदाहरण में, सर्वनाम "उसका" है, परन्तु यह पुरुषों तक ही सीमित नहीं है।

बुद्धिमान पुत्र से उसका पिता आनन्दित होता है परन्तु मूर्ख पुत्र के कारण उसकी माता उदास रहती है। (नीतिवचन 10:1 ULT)

कारण यह अनुवाद की समस्या है

  • कुछ संस्कृतियों में, ‘‘पुरुष’’, ‘‘भार्इ’’ और ‘‘पुत्र‘‘ केवल पुरुषों के लिए इस्तेमाल होते हैं। यदि उन शब्दों को एक अनुवाद में अधिक सामान्य तौर पर उपयोग किया जाए, तो लोग सोच सकते हैं कि जो कुछ कहा गया है वह स्त्रियों पर लागू नही होता है।
  • कुछ संस्कृतियों में, पुरुषवाची सर्वनाम ‘‘वह’’ और ‘‘उसका’’ केवल पुरुषों को दिखाता है। यदि पुरुषवाची सर्वनाम का उपयोग होता है, तो लोग सोचेंगे कि जो कुछ कहा गया है वह स्त्रियों पर लागू नही होता है।

अनुवाद के सिद्धांत

यदि कोर्इ कथन स्त्री एवं पुरुष दोनों पर लागू होता है, तो उसका अनुवाद भी इसी तरीके से हो जिससे लोग समझें कि यह दोनों के लिए है।

बाइबल से उदाहरण

अब हे भाइयों, हम तुम्हें परमेश्वर के उस अनुग्रह का समाचार देते हैं, जो मकिदुनिया की कलीसियाओं पर हुआ है। (2 कुरिन्थियों 8:1 ULT)

यह वचन कुरिन्थियों के विश्वासियों के लिए है, न केवल पुरुष के लिए, वरन् पुरुषों एवं स्त्रियों दोनों को सम्बोधित करता है।

तब यीशु ने अपने चेलों से कहा, "यदि कोर्इ मेरे पीछे आना चाहे तो, वह अपने आपका, इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले।’’ (मत्ती 16:24-26 ULT)

यीशु यहाँ केवल पुरुष की ही नही, अपितु पुरुषों एवं स्त्रियों दोनों की बात कर रहा है।

चेतावनी : कर्इ बार केवल पुरुष को दिखाने वाले पुरुषवाची शब्दों का उपयोग होता है । इसलिए ऐसे शब्दों का उपयोग न करें जिससे लोगों को लगे कि यह स्त्रियों को भी सम्मिलित करते हैं। नीचे लिखे रेखांकित शब्द केवल पुरुषों के लिए हैं।

मूसा ने कहा था, 'कि यदि कोर्इ पुरुष बिना सन्तान मर जाए, तो उसका भार्इ उसकी पत्नी को ब्याह करके अपने भार्इ के लिये वंश उत्पन्न करे।' (मत्ती 22:24 ULT)

अनुवाद रणनीति

यदि लोग समण्ते हैं कि पुरुषवाची सर्वनाम जैसे ‘‘पुरुष’’, ‘‘भार्इ’’ और ‘‘वह’’ स्त्रियों को भी सम्मिलित कर सकते हैं, तो उनका प्रयोग करने पर विचार करें। अन्यथा, यहाँ अनुवाद के कुछ तरीके उन शब्दों के लिए दिए गए हैं जो स्त्रियों को भी सम्मिलित करती हैं।

  1. एक संज्ञा का उपयोग करें जिसका उपयोग पुरुषों एवं स्त्रियों दोनों के लिए हो सके।
  2. एक शब्द का उपयोग करें जो पुरुषों को संदर्भित करता है और एक शब्द जो स्त्रियों को संदर्भित करता है।
  3. ऐसे सर्वनामों का उपयोग करें जिनका उपयोग स्त्रियों एवं पुरुषों दोनों के लिए हो सके।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

  1. एक संज्ञा का उपयोग करें जिसका उपयोग पुरुषों एवं स्त्रियों दोनों के लिए हो सके।

बुद्धिमानपुरुष** क्योंकर मूर्ख के समान मरता है।** (सभोपदेशक 2:17 ULT)

'"बुद्धिमान व्यक्ति ऐसे मरता है जैसे एक मूर्ख।" "बुद्धिमान लोग मूर्ख के समान मरते हैं।’’

  1. एक शब्द का उपयोग करें जो पुरुषों को संदर्भित करता है और एक शब्द जो स्त्रियों को संदर्भित करता है।

हेभाइयों**, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा।** (2 कुरिन्थियों 1:8) - पौलुस अपना पत्र स्त्री और पुरुष दोनों को ही लिख रहा है।

"हे भाइयों और बहनों, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा।’’ (2 कुरिन्थियों 1:8)

  1. ऐसे सर्वनामों का उपयोग करें जिनका उपयोग स्त्रियों एवं पुरुषों दोनों के लिए हो सके।

यदि कोर्इ मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले।’’ (मत्ती 16:24-26 ULT) - अंग्रेजी वक्ता ‘‘वह’’,’’उसका’’ और ‘‘वह स्वयं’’ जैसे एकवचन के सर्वनामों को बहुवचन ‘‘वे’’, ‘‘वे स्वयं’’ और ‘‘उनका’’ में बदल सकते हैं जिससे यह पता चले कि यह सभी लोगों पर लागू हो रहा है, न कि केवल पुरुषों के ऊपर।

"यदि लोग मेरे पीछे आना चाहें, तो वे स्वयं का इन्कार करे और अपना क्रूस उठाए, और मेरे पीछे हो ले।"


शब्द क्रम

This section answers the following question: शब्द क्रम का मतलब क्या है?

वर्णन

कर्इ भाषाओं में एक वाक्य के भागों को क्रमबद्ध करने के सामान्य तरीके होते हैं। सभी भाषाओं में ऐसा नही होता है। अनुवादकों को पता होना चाहिए कि उनकी भाषाओं में कौनसे सामान्य तरीके इस्तेमाल होते हैं।

वर्णन

अधिकतर वाक्यों में आम तौर पर तीन मूलभूत भाग होते हैं: कर्ता, कर्म और क्रिया। कर्ता और कर्म आम तौर पर संज्ञाएँ (उदा. एक व्यक्ति, वस्तु, स्थल या विचार) या सर्वनाम होते हैं। क्रियाएँ कार्यों अथवा उसके वर्तमान अवस्था को दिखाती हैं।

कर्ता

कर्ता अर्थात वाक्य क्या है या क्या बता रहा है। यह आम तौर पर, कुछ कार्यों को प्रकट करता अथवा उसका वर्णन देता है। कर्ता प्रत्यक्ष हो सकता है; यह कुछ करता है, जैसे कि गाना, कार्य करना या सिखाना।

  • पतरस अच्छा गीत गाता है। कर्ता के साथ कुछ किया गया होता है
  • पतरस को अच्छा खाना खिलाया गया। कर्ता का वर्णन किया जा सकता है या यह किसी अवस्था में पाया जा सकता है, जैसे कि खुश, उदास या क्रोधित।
  • वह लंबा है।
  • लड़का खुश है।

कर्म

कर्म वो वस्तु है जिस पर या जिसके लिए कर्ता कार्य करता है।

  • पतरस गेंद को मारता है।
  • पतरस पुस्तक पढ़ता है।
  • पतरस ने अच्छा गीत गाया।
  • पतरस ने अच्छा खाना खाया।

क्रिया

जिन शब्दों में किसी कार्य का करना या होना व्यक्त होता है।

  • पतरस अच्छा गीत गाता है।
  • पतरस गा रहा है।
  • पतरस लंबा है।

इच्छित शब्द क्रम

सब भाषाओं में शब्दों के इच्छित क्रम होते हैं।

निम्नलिखित उदाहरण कुछ भाषाओं में ‘‘पतरस गेंद को मारता है’’ के कर्ता, कर्म और क्रिया के क्रम को दिखाते हैं। अंग्रेजी जैसी कुछ भाषाओं में निम्न क्रम होते हैं: कर्ता, क्रिया, कर्म,

  • पतरस मारता है गेंद को। कुछ भाषाओं में क्रम होता है: कर्ता, कर्म, क्रिया
  • पतरस गेंद को मारता है। कुछ भाषाओं में क्रम होता है: क्रिया, कर्ता, कर्म
  • मारता है पतरस गेंद को।

शब्दों के क्रम में परिवर्तन

शब्द क्रम बदल सकता है यदि वाक्य:

  • एक प्रश्न या आदेश है
  • होने को बताता है (यह खुश है। वह लंबा है)
  • ‘‘यदि’’ जैसी बात बताता है
  • में कोर्इ क्षेत्र या जगह शामिल है
  • में कोर्इ समय शामिल है
  • में कोर्इ कविता है

शब्द के क्रम भी बदल सकते हैं

  • यदि वाक्य के किसी भाग पर किसी प्रकार का ज्यादा बल है
  • यदि वाक्य वास्तव में कर्ता के अलावा, और किसी के बारे में है

अनुवाद प्रक्रिया

  • जानें कि आपकी भाषा में शब्दों का कौनसा क्रम प्रचलित है
  • अपनी भाषा के प्रचलित शब्द क्रम का ही उपयोग करें, यदि आपके पास इसे बदलने का कोर्इ जरूरी कारण न हो
  • वाक्य का अनुवाद इस प्रकार करें कि इसका अर्थ सही और स्पष्ट हो और सबको स्वाभाविक लगे

आप वीडियो को http://ufw.io/figs_order पर भी देख सकते हैं


उद्धरण एवं उद्धरण हासिये

This section answers the following question: उद्धरण संकेत क्या होते हैं और मैं उनका कहाँ उपयोग करूँ?

विवरण

जब यह कहना कि किसी ने कुछ कहा है, तो हम प्रायः यह बताते हैं कि वह किसने कहा था, किससे कहा था और क्या कहा था।  किसने बात की और किसके साथ बात की, इस बारे में जानकारी को उद्धरण हाशिया कहा जाता है। उस व्यक्ति ने क्या कहा उद्धरण चिन्हों में होता है। (इसे हवाला भी कहा जाता है।)कुछ भाषाओं में उद्धरण चिन्ह अरम्ब में या अंत में या उद्धरण के दो अंशों के मध्य आते हैं।

उद्धरण हाशिया नीचे रेखांकित हैं।

  • उसने कहा , "भोजन तैयार है। आ जाओ और खाओ।"
  • "भोजन तैयार है। आ जाओ और खाओ, " उसने कहा .
  • "भोजन तैयार है," उसने कहा, "आ जाओ और खाओ।" कुछ भाषाओं में, उद्धरण हाशिया में एक से अधिक क्रियाएं हो सकती हैं, जिनका अर्थ "कहा" ही होता है।

परन्तु उसकी माता ने उत्तर दिया और कहा,  "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा।" (लूका 1:60 यूएलटी)

जब यह लिखना होता है कि किसी ने कुछ कहा है, तो कुछ भाषाओं में उसके उद्धरण (जो कहा गया  है) को उद्धरण चिन्हों अर्थात उल्टे कौमा ("") में लिखा जाता है। कुछ भाषा उद्धरण के चारों ओर अन्य तरह के प्रतीकों का उपयोग करती हैं, जैसे कोण उद्धरण चिह्न («»), या कुछ और।

इसको अनुवाद की समस्या होने का कारण

  • अनुवादकों को उद्धरण हाशिया डालने की आवश्यकता होगी जहाँ यह उनकी भाषा में सबसे अधिक स्पष्ट और स्वभाविक है।
  • अनुवादकों को यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि क्या वे उद्धरण हाशिए में एक या दो क्रियाएँ चाहते हैं जिसका अर्थ है, "कहा"।
  • अनुवादकों को यह निर्णय लेना होगा कि उद्धरण को कौन से चिन्हों में रखें ।

बाइबल से उदाहरण

उद्धरण से पहले उद्धरण हाशिया

जकर्याह ने स्वर्गदूत से कहा, "मुझे कैसे पता चलेगा कि यह होगा? क्योंकि मैं बूढ़ा व्यक्ति हूँ, और मेरी पत्नी भी बहुत बूढ़ी है।” (लूका 1:18 यूएलबी)

फिर कुछ चुंगी लेने वाले भी बपतिस्मा लेने आए, और **उन्होंने उससे कहा**, "हे शिक्षक, हमें क्या करना चाहिए?" (लूका 3:12 यूएलबी)

उसने उनसे कहा"जो तुम्हारे लिए ठहराया गया है उससे अधिक धन इकट्ठा न करो।" (लूका 3:13 यूएलबी)

उद्धरण के बाद उद्धरण हाशिया

यहोवा इस बात से पछताया । "ऐसा नहीं होगा," उसने कहा. (आमोस 7:3 यूएलटी)

उद्धरण के दो भागों के बीच उद्धरण हाशिया

"मैं उनसे अपना मुख छिपा लूँगा," उसने कहा, "और देखूँगा कि उनका अन्त कैसा होगा, क्योंकि वे बहुत टेढ़े हैं, और धोखा देने वाले पुत्र हैं।" (व्यवस्थाविवरण 32:20 यूएलटी)

"इसलिए, जो कर सकते हैं," उसने कहा, "उसे हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।” (प्रेरितों 25:5 यूएलटी)

"क्योंकि देखो, ऐसे दिन आ रहे हैं" यह यहोवा की वाणी है - "जब मैं अपने लोगों, इस्राएल के भाग्य को पुर्नस्थापित करूँगा" (यिर्मयाह 30:3 यूएलटी)

अनुवाद की युक्तियाँ

  1. निर्णय लें कि उद्धरण हाशिया कहाँ रखा जाए।
  2. निर्णय लें कि "कहा" के समानार्थक एक या दो शब्द चुनें या नहीं।

अनुवाद की युक्तियोँ की व्यावहारिकता के उदाहरण

  1. निर्णय लें कि उद्धरण हाशिया कहाँ रखा जाए।

उसने कहा, "तुम में जो अधिकार रखते हैं वे साथ चलें, और यदि इस मनुष्य ने कुछ अनुचित काम किया है तो उस पर दोष लगाएं।”

"तुम में से जो अधिकार रखते हैं वे साथ चालें, उसने कहा और यदि इस मनुष्य ने कुछ अनुचित काम किया है तो उस पर दोष लगाएं।" "तुम में जो अधिकार रखते हैं वे साथ चलें, और यदि इस मनुष्य ने कुछ अनुचित काम किया है तो उस पर दोष लगाएं,"उसने कहा. "तुम में जो लोग अधिकार रखते हैं," उसने कहा वे साथ चलें और यदि इस मनुष्य ने कुछ अनुचित काम किया है तो उस पर दोष लगाएं।"

  1. निर्णय लें कि "कहा" के समानार्थक एक या दो शब्दों को चुनें या न चुनें ।

परन्तु उसकी माता ने उत्तर दिया और कहा, "नहीं, वरन उसका नाम यूहन्ना रखा जाए।" (लूका 1:60 यूएलटी)

परन्तु उसकी माता ने उत्तर दिया, "नहीं, वरन उसका नाम यूहन्ना रखा जाए।" परन्तु उसकी माता ने कहा, "नहीं, वरन उसका नाम यूहन्ना रखा जाए।" परन्तु उसकी माता ने यह उत्तर दिया,"नहीं, वरन उसका नाम यूहन्ना रखा जाए," उसने कहा


प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण

This section answers the following question: प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण क्या हैं?

वर्णन

उद्धरण दो प्रकार के होते हैं: प्रत्यक्ष उद्धरण एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण।

प्रत्यक्ष उद्धरण तब प्रगट होता है जब कोर्इ किसी के कहे कथन को मूलभूत श्रोताओं के दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है। लोग अपेक्षा करते हैं कि इस प्रकार के उद्धरण वास्तविक लेखक के वास्तविक शब्दों को बताएँ। नीचे दिए गए उदाहरण में, यूहन्ना ने स्वयं का उल्लेख करते हुए ‘‘मैं’’ कहा होगा, अत: यूहन्ना के शब्दों की सूचना देने वाला वक्ता भी यूहन्ना की ओर इशारा करते हुए ‘‘मैं का उपयोग कर रहा है। यह दिखाने के लिए कि ये शब्द स्वयं यूहन्ना के हैं, कर्इ भाषाएँ उद्वरण चिन्ह ‘‘.‘‘ के बीच में उसके शब्दों को लिखते हैं।

  • यूहन्ना ने कहा, ‘‘मैं नही जानता कि मैं कब पहुँचूँगा?’’

अप्रत्यक्ष उद्धरण तब प्रगट होता है जब कोर्इ किसी के कहे कथन को बताता तो है, परंतु इस घटना में, वह उसकी बात को, वास्तविक लेखक के स्थान पर, स्वयं के दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है। इस प्रकार का उद्धरण आम तौर पर, सर्वनाम में आए बदलाव को बताते हैं और अक्सर समय, शब्दों के चुनाव और लंबार्इ में परिवर्तन को दिखाता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, कथाकार यूहन्ना को उद्धरण में "वह" के रूप में संदर्भित करता है और शब्द निश्चित "होगा" द्वारा इंगित भविष्य काल को बदलने के लिए शब्द अनुमानित "होगा" का उपयोग करता है।

  • यूहन्ना ने कहा कि वह नही जानता था कि वह कब पहुचेगा?’’

कारण यह अनुवाद की समस्या है

कुछ भाषाओं में, सूचित वक्तव्य को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों उद्धरणों के साथ बताता जा सकता है। जबकि कुछ भाषाओं में, एक का उपयोग दूसरे से अधिक सामान्य तरीके से होता है। एक प्रकार के तरीके से उपयोग से उसे निश्चित अर्थ मिलता है। इसलिए हर उद्धरण के लिए, अनुवादक को निर्णय लेना है कि उनका उनका प्रत्यक्ष उद्धरण में करे या अप्रत्यक्ष में।

बाइबल में से उदाहरण

निम्नलिखित उदाहरण में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार के उद्धरण सम्मिलित हैं। नीचे लिखे वर्णनों में, हमने उद्धरणों को मोटे अक्षरों में लिखा है।

तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, "परन्तु जाकर, अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है, उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।’’ (लूका 5:14 ULT)

  • अप्रत्यक्ष उद्धरण: तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह,

प्रत्यक्ष उद्धरण: "परन्तु जाकर, अपने आप को याजक को दिखा…"

जब फरीसियों के द्वारा पूछा गया, कि परमेश्वर का राज्य कब आएगा? तो उसने उनको उत्तर दिया कि, "पमेश्वर का राज्य प्रगट रूप में नहीं आता। 21 और लोग यह न कहेंगे कि, 'देखो, यहाँ है!', या 'वहाँ है!" क्योंकि देखो, परमेश्वर का राज्य तुम्हारे बीच में है।’’

जब फरीसियों के द्वारा पूछा गया, कि परमेश्वर का राज्य कब आएगा? तो उसने उनको उत्तर दिया कि, "पमेश्वर का राज्य प्रगट रूप में नहीं आता। और लोग यह न कहेंगे कि, 'देखो, यहाँ है!' या 'वहाँ है!' क्योंकि देखो, परमेश्वर का राज्य तुम्हारे बीच में है।’’ (लूका 17:20-21 ULT)

  • अप्रत्यक्ष उद्धरण: जब फरीसियों के द्वारा पूछा गया, कि परमेश्वर का राज्य कब आएगा,
  • प्रत्यक्ष उद्धरण: यीशु ने उनको उत्तर दिया और कहा कि, "पमेश्वर का राज्य प्रगट रूप में नहीं आता। और लोग यह न कहेंगे कि, 'देखो, यहाँ है!' या 'वहाँ है!' क्योंकि देखो, परमेश्वर का राज्य तुम्हारे बीच में है।"
  • प्रत्यक्ष उद्धरण: लोग यह न कहेंगे कि '**देखो, यहाँ है!' या,**वह वहाँ है!'

अनुवाद की रणनीतियाँ

स्रोत लेख में उपयोग किये गए उद्धरण यदि आपकी भाषा में सही बैठते हैं तो उनका उपयोग करें। यदि उपयोग किए गए उद्धरण आपकी भाषा में स्वाभाविक नही लगते हैं, तो इन रणनीतियों का उपयोग करें

(1) यदि आपकी भाषा में प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है, तो उसे अप्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें। (2) यदि आपकी भाषा में अप्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है, तो उसे प्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

(1) यदि आपकी भाषा में प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है, तो उसे अप्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें।

तब उसने उसे चिताया कि किसी से न कह, “परन्तु जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।" (लूका 5:14 ULT)

तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, परन्तु जाकर स्वयं को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।."

(2) यदि आपकी भाषा में अप्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है, तो उसे प्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें।

तब उसने उसे चिताया, कि किसी से न कह, परन्तु, "जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।" (लूका 5:14 ULT)

तब उसने उसे चिताया कि, “किसी से न कह. बस जाकर अपने आप को याजक को दिखा और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।"

आप http://ufw.io/figs_quotations पर वीडियो भी देख सकते हैं।


उद्धरण चिन्ह

This section answers the following question: उद्धरणों को चिन्हित कैसे करें, विशेषकर तब जब उद्धरण के अंदर उद्धरण हों?

वर्णन

कुछ भाषाएँ उद्धरण चिन्हों का उपयोग कर उद्धरणों को शेष वाक्य से अलग दिखाती हैं। अंग्रेजी भाषा में उद्धरण चिन्ह " का उपयोग उद्धरण के पहले और ठीक बाद में होता है।

  • यूहन्ना ने कहा, ‘‘मुझे नही पता कि मैं कब पहुँचुँगा।’’

उद्धरण चिन्हों को अप्रत्यक्ष उद्धरणों में उपयोग नही किया जाता है।

  • यूहन्ना ने कहा कि उसे नही पता कि वह कब पहुँचेगा।

जब उद्धरणों के बीच में उद्धरणों की कर्इ परतें होती हैं, तो पाठकों को यह पता नही चल पाता है कि कौन क्या कह रहा है। दो प्रकार के उद्धरण चिन्हों का बदल बदल कर उपयोग करने से उन्हें समझा जा सकता है। अंग्रेजी भाषा में सबसे बाहरी उद्धरण में दोहरे उद्धरण चिह्न होते हैं, और अगले उद्धरण में एकल चिह्न होता हैं। उसके भीतर के अगले उद्धरण में दोहरे उद्धरण चिह्न होते हैं।

  • मरियम ने कहा, “यूहन्ना ने कहा, ‘मुझे नही पता कि मैं कब पहुँचुँगा।’ “
  • बॉब ने कहा, ‘‘मरियम ने कहा, ‘यूहन्ना ने कहा, ‘‘मुझे नही पता कि मैं कब पहुँचुँगा’’ ‘ ‘‘

कुछ दूसरी भाषाओं में और भी प्रकार के उद्धरण चिन्ह का उपयोग होता है: इसके कुछ उदाहरण यहाँ पर हैं: ‚ ' „ " ‹ › « » ⁊ — .

बाइबल से उदाहरण

नीचे के उदाहरण में ULT में उपयोग किए गए उद्धरण चिन्हों के बारे में बताया गया है।

एक परत के साथ उद्धरण चिन्ह

प्रथम प्रत्यक्ष उद्धरण के बाहर दोहरे उद्धरण चिह्न होते हैं। श्र राजा ने उत्तर दिया, ‘‘वह तिशबी एलिय्याह होगा।’’ (2 राजा 1:8 ULT)

दो परतों के साथ उद्धरण चिन्ह

दूसरे प्रत्यक्ष उद्धरण के बाहर एकल उद्धरण चिन्ह होता है। हमने उसे और वाक्याँश को रेखांकित किया है ताकि आप उसे स्पष्टता से पहचान सकें।

उन्होंने उससे पूछा, ‘‘वह कौन मनुष्य है जिसने तुझसे कहा, ‘खाट उठाकर चल फिर?’?’’ (यूहन्ना 5:12 ULT)

…उसने अपने चेलों में से दो को यह कहकर भेजा, ‘‘साम्हने के गांव में जाओ, और उसमें पहुंचते ही एक गदही का बच्चा जिस पर कभी कोर्इ सवार नहीं हुआ, बन्धा हुआ तुम्हें मिलेगा, उसे खोलकर लाओ। और यदि कोर्इ तुमसे पूछे, ‘उसे क्यों खोलते हो?' तो यह कह देना कि, ‘प्रभु को इस का प्रयोजन है।’‘‘ (लूका 19:29-31 ULT)

तीन परतों के साथ उद्धरण चिन्ह

तीसरे प्रत्यक्ष उद्धरण के बाहर दोहरा उद्धरण चिन्ह होता है। हमने उसे रेखांकित किया है ताकि आप उसे स्पष्टता से पहचान सकें।

अब्राहम ने कहा, ‘‘मैंने यह सोचा था, 'कि इस स्थान में परमेश्वर का कुछ भी भय न होगा; सो ये लोग मेरी पत्नी के कारण मेरा घात करेंगे।’ और फिर भी सचमुच वह मेरी बहिन है, वह मेरे पिता की बेटी तो है पर मेरी माता की बेटी नहीं; फिर वह मेरी पत्नी हो गर्इ। और ऐसा हुआ कि जब परमेश्वर ने मुझे अपने पिता का घर छोड़कर निकलने की आज्ञा दी, तब मैंने उससे कहा, ‘इतनी कृपा तुझे मुझ पर करनी होगी: कि हम दोनों जहां जहां जाएं वहां वहां तू मेरे विषय में कहना, ‘‘यह मेरा भार्इ है।’’‘ ‘‘ (उत्पत्ति 20:10-13 ULT)

चार परतों के साथ उद्धरण चिन्ह

चौथी परत वाले प्रत्यक्ष उद्धरण के बाहर एकल उद्धरण चिन्ह होता है। हमने उसे रेखांकित किया है ताकि आप उसे स्पष्टता से पहचान सकें।

उन्होंने उससे कहा, ‘‘एक मनुष्य हम से मिलने को आया, और कहा, ‘जिस राजा ने तुम को भेजा उसके पास लौटकर कहो, ‘‘यहोवा यों कहता है: ‘क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा; परन्तु मर ही जाएगा।’ ‘‘ ‘ ‘‘ (2 राजा 1:5-6 ULT)

उद्धरण उपयोग की रणनीतियाँ

यहाँ नीचे कुछ तरीके दिए गए हैं जिनके द्वारा आप पाठकों को दिखा सकते हैं कि उद्धरण कहाँ शुरू हुआ है और कहाँ समाप्त होता है जिससे वो जान सकें कि कौन क्या कह रहा है।

  1. दोनों प्रकार के उद्धरण चिन्हों का बदल बदल उपयोग कर प्रत्यक्ष उद्धरण की परतों को दिखाएँ। अंग्रेजी में दोहरे उद्धरण चिन्ह और एकल उद्धरण चिन्ह का उपयोग होता है।
  2. एक या कुछ उद्धरण चिन्हों का अनुवाद अप्रत्यक्ष उद्धरणों में करे जिससे कम से कम चिन्हों का उपयोग हो, क्योंकि अप्रत्यक्ष उद्धरणों में चिन्हों की जरूरत नही होती है। (देखें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उद्धरण।)
  3. यदि कोर्इ उद्धरण बहुत अधिक लंबा है और उसमें चिन्हों की कर्इ परते हैं, तो पूरी तरह से नए उद्धरण चिन्ह का उपयोग करें और इसके भीतर ही प्रत्यक्ष उद्धरण के लिए उद्धरण चिह्नों का उपयोग करें।

उद्धरण उपयोग की रणनीतियों के उदाहरण

(1) दोनों प्रकार के उद्धरण चिन्हों का बदल बदल उपयोग कर प्रत्यक्ष उद्धरण की परतों को दिखाएँ जैसा नीचे ULT के मूलपाठ में दिखाया गया है।

उन्होंने उससे कहा, ‘‘एक मनुष्य हमसे मिलने को आया, और कहा, ‘जिस राजा ने तुमको भेजा उसके पास लौटकर कहो, ‘‘यहोवा यों कहता है: ‘क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।’ ‘‘ ‘ ‘‘ (2 राजा 1:5-6 ULT)

(2) एक या कुछ उद्धरण चिन्हों का अनुवाद अप्रत्यक्ष उद्धरणों में करे जिससे कम से कम चिन्हों का उपयोग हो, क्योंकि अप्रत्यक्ष उद्धरणों में चिन्हों की जरूरत नही होती है। अंग्रेजी में, शब्द ‘‘कि’’ एक अप्रत्यक्ष उद्धरण को दिखा सकता है। निम्नलिखित उदाहरण में, ‘‘कि’’ के बाद के सभी शब्द अप्रत्यक्ष उद्धरण हैं जिसे संदेशवाहक ने राजा से कहे। उस अप्रत्यक्ष उद्धरण के अंदर, शब्द ‘‘और ‘ के साथ कुछ और भी प्रत्यक्ष उद्धरण भी दिए गए हैं।

उन्होंने उससे कहा कि, "एक मनुष्य उनसे मिलने आया, और कहा, ‘जिस राजा ने तुमको भेजा उसके पास लौटकर कहो, "यहोवा यों कहता है: 'क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।’“ ‘“ (2 राजा 1:6 ULT)

उन्होंने उसे बताया कि एक मनुष्य उनसे मिलने आया, और कहा, "जिस राजा ने तुमको भेजा उसके पास लौटकर कहो, 'यहोवा यों कहता है: "क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।”‘“

(3) यदि कोर्इ उद्धरण बहुत अधिक लंबा है और उसमें चिन्हों की कर्इ परते हैं, तो पूरी तरह से नए उद्धरण चिन्ह का उपयोग करें और इसके भीतर ही प्रत्यक्ष उद्धरण के लिए उद्धरण चिह्नों का उपयोग करें।

उन्होंने उससे कहा, ‘‘एक मनुष्य हमसे मिलने को आया, और कहा, ‘जिस राजा ने तुमको भेजा उसके पास लौटकर कहो, ‘‘यहोवा यों कहता है: ‘क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा।’‘‘‘‘‘ (2 राजा 1:5-6 ULT)

उन्होंने उससे कहा,

एक मनुष्य उनसे मिलने आया, और कहा, "जिस राजा ने तुमको भेजा उसके पास लौटकर कहो, ‘यहोवा यों कहता है: ‘‘क्या इस्राएल में कोर्इ परमेश्वर नहीं जो तू एक्रोन के बालजबूब देवता से पूछने को भेजता है? इस कारण जिस पलंग पर तू पड़ा है, उस पर से कभी न उठेगा, परन्तु मर ही जाएगा। ”‘“


उद्धरणों में उद्धरण

This section answers the following question: संबोधन के अंदर संबोधन का क्या अर्थ है? और मैं पाठकों को यह बताने में कैस मदद करूँ कि कौन क्या कह रहा है?

विवरण

एक उद्धरण के भीतर एक उद्धरण हो सकता है, और उद्धरणों के भीतर जो उद्धरण होते हैं, उन भीतर भी उद्धरण हैं। जब एक उद्धरण के भीतर उद्धरण होता है, तो हम उद्धरण की परतों के बारे में बात कर सकते हैं, और प्रत्येक उद्धरण एक परत है। जब उद्धरणों के भीतर उद्धरणों की कई परतें होती हैं, तो श्रोताओं और पाठकों के लिए यह जानना कठिन हो सकता है कि कौन क्या कह रहा है6।कुछ भाषाएँ इसे आसान बनाने के लिए प्रत्यक्ष उद्धरण और अप्रत्यक्ष उद्धरण के संयोजन का उपयोग करती हैं।

इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है

  1. जब उद्धरण के भीतर एक उद्धरण होता है, तो श्रोता को यह जानने की आवश्यकता होती है कि सर्वनाम किसको सन्दर्भित करता है। उदाहरण के लिए यदि उद्धरण के भीतर एक उद्धरण में शब्द "मैं" है, तो श्रोता को यह जानने की आवश्यकता है कि "मैं" आन्तरिक उद्धरण या बाहरी उद्धरण के वक्ता को सन्दर्भित करता है या नहीं।
  2. उद्धरण के भीतर उद्धरण होने पर कुछ भाषाएँ विभिन्न प्रकार के उद्धरणों का उपयोग करके इसे स्पष्ट करती हैं। वे दूसरों के लिए अप्रत्यक्ष उद्धरणों और कुछ के लिए प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग कर सकती हैं।
  3. कुछ भाषाएँ अप्रत्यक्ष उद्धरणों का उपयोग नहीं करती हैं।

बाइबल से उदाहरण

केवल एक परत वाला एक उद्धरण

परन्तु पौलुस ने कहा, "मेरा जन्म रोमी नागरिक के रूप में हुआ था।" (प्रेरितों 22:28 यूएलबी)

दो परतों वाले उद्धरण

यीशु ने उत्तर दिया और कहा, "सावधान रहो कि कोई भी तुम्हें भटका न दे। कई लोग मेरे नाम पर आएंगे। वे कहेंगे, 'मैं मसीह हूँ,' और कई भटका देंगे।” मत्ती 24:4-5 यूएलबी

सबसे बाहरी परत वह है जिसे यीशु ने अपने शिष्यों से कहा था। दूसरी परत वह है जो यह कहती है कि अन्य लोग क्या कहेंगे।

यीशु ने उत्तर दिया, "तुम कहते हो कि मैं राजा हूँ।" (यूहन्ना 18:37 यूएलबी)

सबसे बाहरी परत वह है जिसे यीशु ने पिलातुस से कहा था। पीलातुस ने यीशु के बारे में जो कहा वह दूसरी परत है।

तीन परतों वाला एक उद्धरण

अब्राहम ने कहा, "... मैंने उससे कहा, 'तूझे मुझे मेरी पत्नी के रूप में यह विश्वासयोग्यता दिखानी चाहिए: हर स्थान जहाँ हम जाते हैं, मेरे बारे में कहें, "वह मेरा भाई है।" '“ (उत्पत्ति 20:10-13 यूएलबी)

सबसे बाहरी परत वह है जिसे अब्राहम ने अबीमेलेक से कहा था। दूसरी परत वह है जिसे अब्राहम ने अपनी पत्नी से कहा था। तीसरी परत वह है जिसे वह अपनी पत्नी को कहना चाहता था। (हमने तीसरी परत को रेखांकित किया है।)

चार परतों वाला एक उद्धरण

उन्होंने उससे कहा, "एक व्यक्ति हमसे मिलने आया जिसने हमसे कहा, 'उस राजा के पास वापस चले जाओ, जिसने तुम्हें भेजा है, और उससे कहो," यहोवा यह कहता है: ' ऐसा इसलिए है कि क्या इस्राएल में कोई परमेश्वर नहीं है कि तूने एक्रोन के देवता बाल जबूब से परामर्श करने के लिए पुरुषों को भेजा था? इसलिए तू अपने बिस्तर से नीचे नहीं आएगा जिस पर तू पड़ा हैं; इसकी अपेक्षा, तू निश्चित मर जाएगा।' " ' " (2 राजा 1:6 यूएलबी)

सबसे बाहरी परत वह है जिसे सन्देशवाहकों ने राजा से कहा था। दूसरी परत वह है उस व्यक्ति ने कही जो सन्देशवाहकों से मिला था। तीसरी परत वह है जिसे वह व्यक्ति सन्देशवाहकों को राजा से कहने के लिए कहना चाहता था। चौथा परत वह है जिसे यहोवा ने कहा था। (हमने चौथी परत को रेखांकित किया है।)

अनुवाद की रणनीतियाँ

कुछ भाषाएँ केवल प्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग करती हैं। अन्य भाषाएँ प्रत्यक्ष उद्धरण और अप्रत्यक्ष उद्धरण के संयोजन का उपयोग करती हैं। उन भाषाओं में यदि प्रत्यक्ष उद्धरणों की कई परतें हैं तो यह असामान्य लग सकता है और कदाचित् भ्रमित भी कर सकता है।

  1. सभी उद्धरणों का प्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में अनुवाद करें।
  2. अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में एक या कुछ उद्धरणों का अनुवाद करें। (देखें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष उद्धरण)

अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण

  1. सभी उद्धरणों का प्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में अनुवाद करें। नीचे दिए गए उदाहरण में हमने यूएलबी अनुवाद में दिए गए अप्रत्यक्ष उद्धरणों और उन उद्धरणों को रेखांकित किया है, जिन्हें हमने नीचे दिए गए प्रत्यक्ष उद्धरणों में परिवर्तित दिया है।
  • फेस्तुस ने पौलुस के मुकद्दमे को राजा को प्रस्तुत किया; उसने कहा, "फ़ेलिक्स के द्वारा कैदी के रूप में एक निश्चित व्यक्ति को पीछे छोड़ गया है... मैं इस विषय की जाँच को लेकर परेशान था, और मैंने उससे पूछा कि यदि वह इन बातों के बारे में न्याय प्राप्त करने के लिए यरूशलेम जाना चाहता है . परन्तु जब पौलुस ने कहा कि सम्राट के निर्णय की प्राप्ति तक उसे सुरक्षा में रखा जाए , तो मैंने आदेश दिया कि उसे तब तक रखा जाए जब तक कि मैं उसे के पास न भेज दूँ.” (प्रेरितों 25:14- 21 यूएलबी)

फेस्तुस ने पौलुस के मुकद्दमे को राजा को प्रस्तुत किया; उसने कहा, "फ़ेलिक्स के द्वारा कैदी के रूप में एक निश्चित व्यक्ति को पीछे छोड़ गया है... मैं इस विषय की जाँच को लेकर परेशान था, और मैंने उससे पूछा कि यदि वह इन बातों के बारे में न्याय प्राप्त करने के लिए यरूशलेम जाना चाहता है परन्तु जब पौलुस ने कहा कि सम्राट के निर्णय की प्राप्ति तक उसे सुरक्षा में रखा जाए , तो मैंने आदेश दिया कि उसे तब तक रखा जाए जब तक कि मैं उसे के पास न भेज दूँ.

  1. अप्रत्यक्ष उद्धरण के रूप में एक या कुछ उद्धरणों का अनुवाद करें। अंग्रेजी में शब्द "यह" अप्रत्यक्ष उद्धरण से पहले आ सकता है। यह नीचे दिए गए उदाहरणों में रेखांकित है। अप्रत्यक्ष उद्धरण के कारण परिवर्तित किए गए सर्वनाम भी रेखांकित किए गए हैं।
  • तब यहोवा ने मूसा से कहा और कहा, "मैंने इस्राएलियों की बुड़बुड़ाहट को सुना है। उनसे कहो, 'सांझ में तो तुम मांस खाओगे, और सुबह में तु रोटी से भर दिए जाओगे। तब तुम जानोगे कि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूँ।” (निर्गमन 16:11-12 यूएलबी)
  • तब यहोवा ने मूसा से कहा और कहा, "मैंने इस्राएलियों की बुड़बुड़ाहट को सुना है। उनसे कहो यह कि सांझ वे मांस खाएंगे, और सुबह वे रोटी से भरे जाएंगे। फिर वे जान जाएंगे कि मैं यहोवा उनका परमेश्वर हूँ।”
  • उन्होंने उससे कहा, "एक व्यक्ति हमसे मिलने आया जिसने हमसे कहा, 'उस राजा के पास वापस चले जाओ, जिसने तुम्हें भेजा है, और उससे कहो," यहोवा यह कहता है: 'क्या ऐसा इसलिए है कि क्या इस्राएल में कोई परमेश्वर नहीं है कि तूने एक्रोन के देवता बाल जबूब से परामर्श करने के लिए पुरुषों को भेजा था? इसलिए तू अपने बिस्तर से नीचे नहीं आएगा जिस पर तू पड़ा हैं; इसकी अपेक्षा, तू निश्चित मर जाएगा।' " ' " (2 राजा 1:6 यूएलबी)
  • उन्होंने उससे कहा यह कि एक व्यक्ति उन से मिलने आया था, जिसने उन्हें कहा था, "'उस राजा के पास वापस चले जाओ, जिसने तुम्हें भेजा है, और उससे कहो यह कि यहोवा यह कहता है: 'क्या ऐसा इसलिए है कि क्या इस्राएल में कोई परमेश्वर नहीं है कि तूने एक्रोन के देवता बाल जबूब से परामर्श करने के लिए पुरुषों को भेजा था? इसलिए तू अपने बिस्तर से नीचे नहीं आएगा जिस पर तू पड़ा हैं; इसकी अपेक्षा, तू निश्चित मर जाएगा। ' "

सर्वनाम

This section answers the following question: सर्वनाम क्या हैं और कुछ भाषाओं में सर्वनाम के कौन कौनसे प्रकार होते हैं?

वर्णन

किसी व्यक्ति या वस्तु को दिखाने के लिए संज्ञा के स्थान पर काम में आने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं। कुछ उदाहरण हैं, “मैं,” ”तुम, “यह,” “वह,” “स्वयं,” “कोर्इ,” और अन्य। सर्वनाम का सर्वाधिक सामान्य प्रकार व्यक्तिवाचक है।

व्यक्तिवाचक सर्वनाम

व्यक्तिवाचक सर्वनाम लोगों या वस्तुओं को दिखाता है और बताता है कि वक्ता स्वयं की बात कर रहा है या जिससे बात कर रहा है या किसी व्यक्ति या किसी वस्तु को दिखा रहा है। व्यक्तिवाचक सर्वनाम के द्वारा दी जाने वाली सुचनाओं के प्रकार निम्न हैं। अन्य प्रकार के सर्वनाम भी इनमें से कुछ सूचनाएँ दे सकते हैं।

व्यक्ति

  • प्रथम व्यक्ति - वक्ता एवं शायद कुछ और (मैं, हम)
  • विशेष और समावेशी "हम"
  • द्वितीय व्यक्ति - वक्ता जिससे या जिनसे बात कर रहा एवं शायद अन्य लोग (तुम)
  • तुम के रूप
  • तृतीय व्यक्ति - वक्ता अथवा जिनसे वह बात कर रहा है उनके अतिरिक्त कोर्इ और व्यक्ति या वस्तु (वह, यह, वे)

सँख्या

लिंग

  • पुल्लिंग - वह
  • स्त्रीलिंग – वह
  • नपुंसक लिंग - यह

वाक्य के अन्य शब्दों से संबंध

  • क्रिया का विषय: मैं, तु, पुल्लिंग वह, स्त्रीलिंग वह, यह, ये
  • क्रिया या पूर्वसर्ग की उद्देश्य: मुझे, तुझे, पुल्लिंग उसे, स्त्रीलिंग उसे, यह, हम, उन्हें
  • संज्ञा के साथ स्वामित्व: मेरा, तेरा, पुल्लिंग उसका, स्त्रीलिंग उसका, यह, हमारा, उनका
  • संज्ञा के बिना स्वामित्व: मेरा, तुम्हारा, पुल्लिंग उसका, स्त्रीलिंग उसका, इसका, हमारे, उनके

सर्वनाम के अन्य प्रकार

कर्मकर्ता सर्वनाम उसी वाक्य में उपस्थित दूसरी संज्ञा या सर्वनाम को दिखाता है: मैं स्वयं, तुम स्वयं, वह स्वयं, यह स्वयं, हम स्वयं, तुम स्वयं, वे स्वयं

  • यूहन्ना ने स्वयं को दर्पण में देखा। - शब्द ‘‘स्वयं’’ यूहन्ना को दिखाता है।

प्रश्नवाचक सर्वनामों का उपयोग ऐसे प्रश्न के लिए होता है जिसका उत्तर केवल हाँ या ना से अधिक होता है: क्या, किसका, कौन, किसको, किसका।

  • किसने घर बनाया?

संबंधवाचक सर्वनाम एक संबंधनात्मक वाक्यांश को चिन्हित है। संबंधवाचक सर्वनाम, कौन, किसे, किसका, कौन सा और वह वाक्य के मुख्य भाग में एक संज्ञा के बारे में अधिक जानकारी देते हैं। कभी-कभी, संबंधवाचक सर्वनाम कब और जिसे भी संबंधवाचक सर्वनाम के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

  • मैने वो घर देखा जिसे यूहन्ना ने बनाया है. वाक्यांश “जिसे यूहन्ना ने बनाया’’ बताता है कि मैने कौन सा घर देखा।
  • मैने उस व्यक्ति को देखा जिसने घर बनाया. वाक्यांश ‘‘जिसने घर बनाया’’ बताता है कि मैने कौन सा घर देखा

संकेतवाचक सर्वनाम किसी वस्तु या व्यक्ति की ओर ध्यान खींचते हैं एवं उससे वक्ता की दूरी को दिखाते हैं, जैसे यह, ये, वह, वे। संकेतवाचक सर्वनाम का उपयोग किसी व्यक्ति या किसी चीज़ पर ध्यान आकर्षित करने और वक्ता या किसी वस्तु से दूरी दिखाने के लिए किया जाता है। संकेतवाचक सर्वनाम हैं: यह, ये, वह, और वे।

  • क्या तुमने यह यहाँ देखा है?
  • वहाँ पर कौन है?

अनिश्चयवाचक सर्वनाम का उपयोग तब किया जाता है जब किसी विशेष संज्ञा को संदर्भित नहीं किया जाता है। अनिश्चियवाचक सर्वनाम हैं: कोई, कोई भी, कोई व्यक्ति, कोई वस्तु, कुछ वस्तु और कुछ। कभी-कभी एक व्यक्तिगत सर्वनाम का उपयोग सामान्य तरीके से करने के लिए उपयोग किया जाता है: आप, वे, वह या वह।

  • वह किसी से बात नही करना चाहता है।
  • किसी ने इसे सही कर दिया है, परंतु मैं नहीं जानता किसने।
  • वे कहते हैं कि तुम्हे सोए हुए कुत्ते को जगाना नही चाहिए

अंतिम उदाहरण में, ‘‘वे’’ एवं ‘‘तुम’’ सामान्य रूप में लोगों को संदर्भित करते हैं।


प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरुष

This section answers the following question: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरुष क्या होते हैं और मैं इसका अनुवाद कैसे करूँ जब तृतीय पुरुष के रूप का संकेत तृतीय पुरुष की ओर नही होता है?

सामान्य रूप से एक वक्ता स्वयं को ‘‘मैं’’ और उसे सुन रहे लोगों को ‘‘आप’’ कह कर संबोधित करता है। बाइबल में अक्सर, एक वक्ता स्वयं को एवं जिनसे बात कर रहा है, उनको ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के अतिरिक्त अन्य शब्दों से भी संबोधित करता है।

वर्णन

  • प्रथम पुरुष - सामान्य रूप से वक्ता स्वयं के लिए इन्हीं शब्दों का उपयोग करता है। अंग्रेजी भाषा ‘‘मैं’’ और ‘‘हम’’ के सर्वनामों का उपयोग करती है। (साथ ही: मुझे, मेरा, मेरे, हम, हमें, हमारा)
  • द्वितीय पुरुष - इस शब्द से वक्ता सामान्य रूप से उन्हें संबोधित करता जिनसे वह बात कर रहा है। अंग्रेजी भाषा ‘‘आप’’ के सर्वनामों का उपयोग करती है (साथ ही: आपका, आपके)
  • तृतीय पुरुष - इसके द्वारा वक्ता और किसी को संबोधित करता है। अंग्रेजी भाषा पुल्लिंग या स्त्रीलिंग ‘‘वह’’ और "यह" ‘‘वे’’ जैसे सर्वनामों का उपयोग करती है। (साथ ही: पुल्लिंग या स्त्रीलिंग उसे, उसका, उनका) संज्ञा वाक्यांश ‘‘पुरुष’’ या ‘‘स्त्री’’ भी तृतीय पुरुष हैं।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

बाइबल में कर्इ बार वक्ता स्वयं या बात करने वालों को संबोधित करने के लिए तृतीय पुरुष का उपयोग करता है। पाठक सोच सकते हैं कि वक्ता किसी और की बात कर रहा है। उनको पता नही चल पाता कि उसका अर्थ ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ से था।

बाइबल से उदाहरण

अक्सर लोग ‘‘मैं’’ या ‘‘मुझे’’ की अपेक्षा स्वयं के बारे में बताने के लिए तृतीय पुरुष का उपयोग करते हैं।

परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, ‘‘*आपका सेवक *अपने पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’ (1 शमुएल 17:34 ULT)

दाऊद ने स्वयं को तृतीय पुरुष के रूप में ‘‘आपका सेवक’’ और ‘‘अपने’’ कहा। शाऊल के सामने अपनी नम्रता दर्शाने के लिए वह स्वयं को शाऊल का सेवक कह रहा था

तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ‘‘…क्या तेरी भुजाएँ परमेश्वर के समान हैं? क्या तू उसकी आवाज की भांति गर्जन कर सकता है? (अय्यूब 40:6,9 ULT)

परमेश्वर ने ‘‘परमेश्वर के’’ और ‘‘उसके’’ जैसे शब्दों से स्वयं के लिए तृतीय पुरुष का संबोधन किया। क्योंकि वह बल देना चाहता था कि वह परमेश्वर है और सामर्थी है।

अक्सर लोग ‘‘आप’’ या ‘‘आपका’’ के स्तान पर तृतीय पुरुष का उपयोग उनके लिए करते हैं जिनसे वो बात कर रहे हैं।

अब्रहाम ने उत्तर दिया और कहा, ‘‘देख मैंने क्या किया है, मैने मेरे प्रभु यहोवा से बात की है, यद्यपि मैं केवल धूल और राख हूँ! (उत्पति 18:27 ULT)

अब्रहाम परमेश्वर से बात कर रहा था और उसने उसे ‘‘आप’’ के स्थान पर ‘‘मेरे प्रभु यहोवा’’ के रूप में संबोधित किया । उसने ऐसा परमेश्वर के सामने अपनी नम्रता दिखाने के लिए किया।

इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि तुममें हर कोर्इ पूरे दिल से अपने भार्इ को क्षमा न करे (मती 18:35 ULT)

‘‘तुममें हर कोर्इ’’ कहने के बाद, ‘‘उसका’’ या ‘‘तुम्हारा’’ कहने के स्थान पर यीशु ने तृतीय पुरुष का उपयोग किया।

अनुवाद रणनीतियाँ

यदि ‘‘मैं’’ और ‘‘आप’’ के अर्थ को बताने के लिए तृतीय पुरुष का उपयोग स्वभाविक है और आपकी भाषा में इससे सही अर्थ दिया जा सकता है तो उसका उपयोग करें। यदि नही, तो निम्नलिखित कुछ विकल्प दिए गए हैं:

  1. सर्वनाम ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के साथ तृतीय पुरुष वाक्यों का उपयोग करें।
  2. तृतीय पुरुष के स्थान पर केवल प्रथम (’’मैं’’) या द्वितीय पुरुष (’’आप’’) का उपयोग करें।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

  1. सर्वनाम ‘‘मैं’’ या ‘‘आप’’ के साथ तृतीय पुरुष वाक्यों का उपयोग करें।

**परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, ‘‘**आपका सेवक अपने पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था’’ (1 शमुएल 17:34)

परंतु दाऊद ने शाऊल से कहा, ‘‘मैं, आपका सेवक, मेरे पिता की भेड़ों की रखवाली किया करता था।’’

  1. तृतीय पुरुष के स्थान पर केवल प्रथम (’’मैं’’) या द्वितीय पुरुष (’’आप’’) का उपयोग करें।

तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ‘‘…क्या तेरी भुजाएँपरमेश्वर के समान हैं? क्या तूउसकी* आवाज की भांति गर्जन कर सकता है? (अय्यूब 40:6,9 ULT)

तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ‘‘...क्या तेरी भुजाएँ मेरे समान हैं? क्या तू मेरी आवाज की भांति गर्जन कर सकता है?’’

इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदितुममें हर कोर्इ पूरे दिलअपने भार्इ को क्षमा न करे। (मती 18:35 ULT)

इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि तुममें हर कोर्इ पूरे दिल से तुम्हारे भार्इ को क्षमा न करे।


विशिष्ट एवं संयुक्त ‘‘हम’’

This section answers the following question: संयुक्त और विशिष्ट ‘‘हम’’ क्या है?

वर्णन

कुछ भाषाओं में ‘‘हम’’ के एक से अधिक रूप होते हैं: एक ‘‘संयुक्त’’ रूप जिसका अर्थ ‘‘मैं और तुम’’ एवं एक ‘‘विशिष्ट’’ रूप जिसका अर्थ है ‘‘मैं एवं कोई और परंतु तुम नही‘‘। विशिष्ट रूप उस व्यक्ति को अलग रखता है जिससे बात हो रही होती है। संयुक्त रूप उस व्यक्ति को जिससे बात हो रही होती है और संभवत: दूसरों को भी शामिल करता है। ‘‘हम’’, ‘‘हमारा’’ एवं ‘‘हम स्वयं’’ के मामले में भी यही सच है। कुछ भाषाओं में इसमें से हर एक के लिए संयुक्त एवं विशिष्ट रूप दोनों होते हैं। उन भाषाओं के अनुवादक जिनमें इन शब्दों के लिए संयुक्त एवं विशिष्ट रूप दोनों होते हैं, उन्हे पता होना चाहिए कि वक्ता क्या कहना चाहता था जिससे वे सही रूप का उपयोग कर सकें।

चित्र देखें: दाहिनी ओर खड़े लोगों से वक्ता बात कर रहा है। पीला रंग दिखाता है कि उनमें कौन संयुक्त ‘‘हम’’ हैं और कौन विशिष्ट ‘‘हम’’ हैं।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

बाइबल को सर्वप्रथम इब्री, अरामी और यूनानी भाषा में लिखा गया था। अंग्रजी के समान, इन भाषाओं में ‘‘हम’’ के लिए अलग अलग रूप नही हैं। ‘‘हम’’ के लिए विभिé रूपों का उपयोग करने वाली भाषाओं के अनुवादकों को पता होना चाहिए कि वक्ता क्या कहना चाहता था जिससे वे ‘‘हम’’ के सही रूप का उपयोग कर सकें।

बाइबल से उदाहरण

उसने उनसे कहा, हमारे पास पांच रोटियां और दो मछली को छोड़ और कुछ नहीं: परन्तु हां, यदि हम जाकर इन सब लोगों के लिये भोजन मोल लें... (लूका 9:13 ULB)

पहले कथन में, चेले यीशु को कह रहे हैं कि उनके पास कितनी रोटियाँ हैं, अत: यह ‘‘हम’’ संयुक्त या विशिष्ट भी हो सकता है। दूसरे कथन में, चेले कह रहे हैं कि उनमें से कुछ लोग भोजन मोल लेने जा सकते हैं, अत: यहा ‘‘हम’’ का रूप विशिष्ट है क्योंकि यीशु भोजन मोल लेने नही जा रहे थे।

हम ने उसे देखा, और उस की गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं, जो पिता के साथ था, और हम पर प्रगट हुआ (1 यूहन्ना 1:2 ULB)

यूहéा उन लोगों को बता रहा है जिन्होने यीशु को नही देखा है कि उसने और प्रेरितों ने क्या देखा है। अत: ‘‘हम’’ के विभिé रूपों का उपयोग करने वाली भाषाएँ, यहाँ विशिष्ट रूप का उपयोग करेंगी।

.... गड़ेरियों ने आपस में कहा, आओ, हम बैतलहम जाकर यह बात जो हुई है, और जिसे प्रभु ने हमें बताया है, देखें। (लूका 2:15 ULB)

चरवाहे एक दूसरे से बात कर रहे हैं। उनके द्वारा प्रयुक्त ‘‘हम’’ में वे सब शामिल हैं जिनसे वे आपस में बात कर रहे हैं।

फिर एक दिन, वह और उसके चेले नाव पर चढ़े, और उसने उनसे कहा; कि आओ, हम झील के पार चलें। सो उन्होंने नाव खोल दी। (लूका 8:22 ULB)

यीशु के द्वारा प्रयुक्त ‘‘हम’’ में वे स्वयं एवं चेले शामिल थे जिनसे वे बात कर रहे थे अत: यह संयुक्त रूप है।


‘तू /तुम’ के रूप - औपचारिक या अनौपचारिक

This section answers the following question: औपचारिक एवं अनौपचारिक ‘तुम’ क्या हैं?

(आप http://ufw.io/figs_youform पर दिया गया वीडियो भी देखना चाहेंगे।)

विवरण

कुछ भाषाएँ "आप" के औपचारिक रूप और "आप" के अनौपचारिक रूप के बीच अन्तर बनाती हैं। यह पृष्ठ मुख्य रूप से उन लोगों के लिए है जिनकी भाषाओं यह अन्तर है।

कुछ संस्कृतियों में लोग बुर्जगों या अधिकार प्राप्त व्यक्ति से बात करते समय औपचारिक "आप" का उपयोग करते हैं, और वे अनौपचारिक "तू/तुम" का उपयोग तब करते हैं, जब वे किसी ऐसे बात करते हैं जो उनकी आयु का हो या उनसे छोटा हो या जिसके पास कम अधिकार हों। अन्य संस्कृतियों में, लोग अनजानों से या कम परिचित लोगों से बात करते समय औपचारिक "आप" का प्रयोग करते हैं और परिवार के सदस्यों तथा घनिष्ठ मित्रों के साथ बात करते समय अनौपचारिक "तू/तुम" का उपयोग करते हैं।

इसका अनुवाद की समस्या होने का कारण

  • बाइबल इब्रानी, अरामी और यूनानी में लिखी गई थी। इन भाषाओं में "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूप नहीं पाए जाते हैं।
  • अंग्रेजी और कई अन्य स्रोत भाषाओं में "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूप नहीं पाए जाते हैं।
  • अनुवादक जो किसी भाषा में स्रोत मूलपाठ का उपयोग करते हैं, जिसमें "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूप नहीं होते हैं, उन्हें यह समझने की आवश्यकता होगी कि उस भाषा में उन रूपों का उपयोग कैसे किया जाता है। उस भाषा में पाए जाने वाले नियम अनुवादक की भाषा में पाए जाने वाले नियमों के जैसे नहीं हो सकते हैं।
  • अनुवादकों को अपनी भाषा में उपयुक्त रूप चुनने के लिए दो वक्ताओं के बीच सम्बन्धों को समझने की आवश्यकता होगी।
  • यीशु से बात करते समय मनुष्यों द्वारा "आप/तू" का उपयोग अनुवादकों के लिए विशेष कठिनाई उत्पान करता है| क्योंकि यीशु परमेश्वर है इसलिए कुछ अनुवादक सदैव ही औपचारिक रूप काम में लेना चाहेंगे जब मनुष्य उससे बात करते हैं| परन्तु यीशु के साथ उनके संबंधों को और उनकी भावनाओं को यथार्थ में पहचानना महत्वपूर्ण है| फरीसी और सदूकी तो पहले से ही यीशु के बैरी हो गए थे और उन्सेम्तो आशा ही नहीं कि वे उससे सम्मानपूर्वक बातें करते| पिलातुस के साथ भी ऐसा ही था क्योंकि यीशु उसके समक्ष एक अपराधी स्वरूप खडा था तो वह उससे क्यों सम्मान का व्यवहार करता|

अनुवाद के सिद्धान्त

  • वक्ता और उसकी बात सुनने वाले व्यक्ति या लोगों के बीच सम्बन्धों को समझें।
  • जिस व्यक्ति से वक्ता बातें करता है उसके प्रति उसके दृष्टिकोण को समझें।
  • उस संबंध दृष्टिकोण के परिप्रेक्ष्य में अपनी भाषा का सुचारू रूप चुनें है।

बाइबल से उदाहरण

तब यहोवा परमेश्वर ने पुकार कर आदम से पूछा, " तू कहाँ है?" (उत्पत्ति 3:9 ULT)

परमेश्वर आदम पर अधिकार रखता है, इसलिए जिन भाषाओं में "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूप हैं, वे यहाँ अनौपचारिक रूप का उपयोग करेंगे।

इसलिए, मुझे भी यह उचित मालूम हुआ कि उन सब बातों का सम्पूर्ण हाल आरम्भ से ठीक ठीक जाँच करके, उन्हें तेरे लिए क्रमानुसार लिखूं ताकि तू यह जान ले कि वे बातें जिनकी तू ने शिक्षा पाई है, कैसी अटल हैं । (लूका 1:3-4 ULT)

लूका ने थियुफिलुस को "श्री मान्" कहा है। यह हमें समझ में आता है कि है कि थियुफिलुस एक उच्च अधिकारी था. जिसके लिए लूका बहुत अधिक सम्मान दिखा रहा था। "आप" का औपचारिक रूप रखने वाली भाषाओं के वक्ताओं के लिए कदाचित् इसी रूप का उपयोग करना उचित होगा।

'हे हमारे स्वर्गीय पिता, तेरा नाम को पवित्र माना जाए'। (मत्ती 6:9 ULT)

यह उस प्रार्थना का एक अंश है, जो यीशु ने अपने शिष्यों को सिखाई थी। कुछ संस्कृतियों में औपचारिक "आप" का उपयोग किया गया हैं, क्योंकि परमेश्वर के हाथ में सम्पूर्ण अधिकार है। अन्य संस्कृतियों में अनौपचारिक "तेरा" शब्द का उपयोग किया जाता है क्योंकि परमेश्वर हमारा पिता है।

अनुवाद की उक्तियाँ

जिन अनुवादक की भाषा में "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूप पाए जाते हैं, उन्हें अपनी भाषा में "आप" के उचित रूप का चयन करने के लिए वार्तालाप के दोनों पक्षों के बीच सम्बन्धों को समझने की आवश्यकता होगी।

औपचारिक या अनौपचारिक "आप" का उपयोग करने का निर्णय लेना

  1. वक्ताओं के बीच सम्बन्धों पर ध्यान दें।
  • क्या एक वक्ता दूसरे के ऊपर अधिकारी है?
  • क्या एक वक्ता दूसरे से बड़ा है?
  • क्या वक्तागण परिवार के सदस्य, सम्बन्धी, मित्र हैं या अनजान हैं या शत्रु हैं?
  1. यदि आपके पास ऐसी भाषा में बाइबल है, जिसमें "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूप दोनों हैं, तो देखें कि वह किस रूप का उपयोग करती है। परन्तु स्मरण रखें कि उस भाषा में नियम आपकी भाषा के नियमों से अलग हो सकते हैं।

अनुवाद की उक्तियों की प्रासंगिकता

अंग्रेजी में "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूप नहीं हैं, इसलिए हम अंग्रेजी में "आप" के औपचारिक और अनौपचारिक रूपों का उपयोग अनुवाद करने के लिए नहीं दिखा सकते हैं। कृपया उपरोक्त उदाहरण और पारिचर्चा देखें।


समूह को दिखाने वाले एकवचन सर्वनाम

This section answers the following question: लोगों के समूह को दिखाने वाले एकवचन सर्वनाम का मैं कैसे अनुवाद करूँ?

विवरण

बाइबल इब्रानी, अरामी और यूनानी में लिखी गई थी।

इन भाषाओं में "तू" शब्द एक वचन में तब होता है जब वह किसी एक मनुष्य का सन्दर्भ देता है और जब उसका सन्दर्भ एक से अधिक मनुष्यों से हो तो उसका बहुवचन रूप होता है परन्तु बाईबल के वक्ता कभी-कभी जन समूह के संबोधन में भी एकवचन "तू" शब्द का प्रयोग करते हैं| अंग्रेज़ी भाषा की बाईबल में यह स्पष्ट प्रकट नहीं है क्योंकि अंग्रेज़ी भाषा में "आप" या "तू" को स्पष्ट दर्शाने के लिए अलग-अलग वचन नहीं हैं परन्तु आप उन भाषाओं की बाईबल में ऐसा देख सकते हैं जिनमें वचनांतर है|

एक और बात है कि पुराने नियम के वक्ता और लेखक जनसमूह को बहुवचन "वे" की अपेक्षा एक वचन सर्वनाम,"वह"से संबोधित करते हैं|

अंत में, पुराने नियम के वक्ता और लेखक किए गए सामूहिक कार्य को,जिसमें वे भी सहभागी हैं, "मैं" ने किया कहते हैं जबकि सच तो यह है कि वह कार्य सब ने किया है|

इसे अनुवाद की एक समस्या होने का कारण

  • कई भाषाओं में, अनुवादक यदि बाईबल में 'तू" के सर्वनिष्ठ प्रयोग को देख रहा है तो उसके लिए यह समझना आवश्यक है कि संबोधन एक व्यक्ति को किया गया है या एक से अधिक को|
  • कुछ भाषाओं में यह एक भ्रम उत्पन्न करने वाला हो सकता है, यदि वक्ता एक से अधिक व्यक्ति से या उनके विषय में बात करते समय एकवचन सर्वनाम का उपयोग करता है।

बाइबल से उदाहरण

सावधान रहो तुममनुष्यों को दिखाने के लिए अपने धर्म के काम न करो, नहीं तो अपने स्वर्गीय पिता से कुछ भी फल न पाओगे| २इस्लिए जब तू दान करे, तो अपने आगे तुरही न बजवा,जैसे कपटी, सभाओं और गलियों में करते हैं, जिससे कि लोग उनकी प्रशंसा करें|मैं तुम से सच कहता हूँ कि वे अपना प्रतिफल पा चुके| (मत्ती 6:1-2 ULT)

यीशु ने भीड़ को संबोधित करते समय पद 1 में बहुवचन "तू" का उपयोग किया है और पद 2 के पहले वाक्य में एकवचन "तू" का उपयोग किया है| तदोपरांत अंतिम वाक्य में उसने पुनः बहुवचन का उपयोग किया है|

तब परमेश्वर ने यह सब वचन कहे: "मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ," जो तुझेदासत्व के घर अर्थात मिस्र देश से निकाल लाया है। तू मुझे छोड़ दूसरों को इश्वर करके न मानना| (निर्गमन 20:1-3 ULT)

परमेश्वर ने इस्राएल के सब लोगों से यह कहा था। वह उन्हें मिस्र से बाहर ले आया था और वह चाहता था कि वे सब उसकी आज्ञा का पालन करें, परन्तु उसने उनसे बात करते समय यहाँ एकवचन "तू" शब्द का उपयोग किया है।

यहोवा यह कहता है, "एदोम के तीन ...अपराधों के कारण , वरन् चार... के कारण , मैं उसका दण्ड न छोडूंगा, क्योंकि उसने अपने भाई को तलवार लिए हुए खदेड़ा और कुछ भी दया न की, परन्तु अपने क्रोध में उनको लगातार फाड़ता ही रहा,, और अपने रोष को अनंत काल के लिए बनाए रहा” (आमोस 1:11 ULT)

यहोवा ने इन बातों को एदोम राष्ट्र के बारे में कहा, न केवल एक व्यक्ति के बारे में।

तब मैं थोड़े पुरुषों को लेकर रात को उठा...मैं रात को तराई के फाटक में होकर निकला...और यरूशलेम की टूटी पडी हुई शहरपनाह.. को देखा...फिर घुमकर तराई के फाटक से भीतर आया,और...लौट आया| (नहेम्याह 2:12,15)

नहेम्याह स्पष्ट कहता है कि वह अपने निरीक्षण अभियान में अन्य लोगों को भी साथ ले गया था परन्तु अपने निरीक्षण के वर्णन में वह कहता है,"मैं" ने यह किया और वह किया|

अनुवाद का कौशल

यदि लोगों के समूह का वर्णन करते समय सर्वनाम का एकवचन रूप स्वभाविक हो, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें।

  • आप इसका उपयोग कर सकते है या नहीं यह निर्भर करता है कि वक्ता कौन है और जिन लोगों के बारे में या जिन लोगों से वह चर्चा कर रहा है, वे कौन हैं|
  • यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि वक्ता क्या कह रहा है|

अनुवाद के कौशल की व्यावहारिकता

  1. यदि लोगों के समूह का वर्णन करते समय सर्वनाम का एकवचन रूप स्वभाविक नहीं है, या यदि पाठक इसके द्वारा भ्रमित हो जाएंगे, तो सर्वनाम के बहुवचन रूप का उपयोग करें।

यहोवा यों कहता है, "एदोम के तीन...अपराधों के कारण वरव चार...के कारण मैं अपना दंड न छोडूंगा; क्योंकि उसने अपने भाई को तलवार लिए हुए खदेड़ा और कुछ भी दया न की, परन्तु अपने क्रोध में उनको लगातार फाड़ता ही रहा,और अपने रोष को अनंतकाल के लिए बनाए रहा (आमोस 1:11 यूएलबी)

यहोवा यों कहता है, "एदोम के तीन…अपराधों के कारण वरव चार…के कारण मैं अपना दंड न छोडूंगा; क्योंकि उसने अपने भाई को तलवार लिए हुए खदेड़ा और कुछ भी दया न की, परन्तु अपने क्रोध में उनको लगातार फाड़ता ही रहा,और अपने रोष को अनंतकाल के लिए बनाए रहा

मैं थोड़े पुरुषों को लेकर रात को उठा...मैं रात को तराई के फाटक से होकर निकला...और.. टूटी हुई शहरपनाह... को देखा...फिर घूमकर तराई के फाटक से भीटर आया ओरिस प्रकार मैं लौट आया| (नहेम्याह 2:12,15)

मैं थोड़े पुरुषों को लेकर रात को उठा...हम रात को तराई के फाटक से होकर निकले ...और.. हमने टूटी हुई शहरपनाह... को देखा...फिर हम घूमकर तराई के फाटक से भीटर आए ओर इस प्रकार हम लौट आए|


कर्मकर्त्ता सर्वनाम

This section answers the following question: निजवाचक सर्वनाम क्या होते हैं?

विवरण

सभी भाषाओं में यह दिखाने की विधियां हैं कि एक ही व्यक्ति किसी वाक्य में दो भिन्न भूमिकाएँ निभाता है| अंग्रेज़ी में, यह काम निजवाचक सर्वनाम के माध्यम से किया जाता है| ये सर्वनाम उन वस्तुओं या मनुष्यों का सन्दर्भ देते हैं जिसकी चर्चा वाक्य में पहले की जा चुकी है| अंग्रेज़ी में निजवाचक सर्वनाम हैं: "मैं", "तू", "वह" (पुरुष), "वह" (स्त्री), "वह" (वस्तु), "हम", "तुम" और "वे" अन्य भाषाओं में इनके अपने ही रूप होंगे|

यह अनुवाद की समस्या होने का कारण

  • भाषाओं में इसे दिखाने के विभिन्न तरीके होते हैं जिससे कि एक ही व्यक्ति एक वाक्य में दो भिन्न भूमिकाएँ पूरी करता है। उन भाषाओं के लिए, अनुवादकों को यह जानने की आवश्यकता होगी कि अंग्रेजी भाषा के निजवाचक सर्वनामों का अनुवाद कैसे करना है।
  • अंग्रेजी में इन निजवाचक सर्वनामों में अन्य कार्य भी होते हैं।

निजवाचक सर्वनामों के उपयोग

  • यह दिखाने के लिए कि एक ही व्यक्ति या चीजें वाक्य में दो भिन्न भूमिकाएँ पूरी करती हैं
  • वाक्य में किसी व्यक्ति या वस्तु पर बल देना
  • यह दिखाने के लिए कि किसी ने अकेले ही कुछ किया है
  • यह दिखाने के लिए कि कोई अकेला था या कोई वस्तु अकेली था

बाइबल से उदाहरण

निजवाचक सर्वनाम का उपयोग उसी व्यक्ति या वस्तु को दिखाने के लिए किया जाता है जो वाक्य में दो भिन्न भूमिकाएँ पूरी करते हैं।

यदि मैं ही अपने बारे में गवाही दूँ, तो मेरी गवाही सच नहीं होगी। (यूहन्ना 5:31 ULT)

अब यहूदियों का फसह निकट था, और कई लोग फसह से पहले ही बाहरी क्षेत्रों से यरूशलेम गए थे कि स्वयं को शुद्ध कर सकें। (यूहन्ना 11:55 ULT)

निजवाचक सर्वनामों का उपयोग वाक्य में किसी व्यक्ति या वस्तु पर बल देने के लिए किया जाता है।

यीशु स्वयं बपतिस्मा नहीं दे रहा था, परन्तु उसके शिष्य दे रहे थे (यूहन्ना 4:2 ULT)

इसलिए वे भीड़ को छोड़कर, यीशु को अपने साथ ले गए, क्योंकि वह पहले से ही नाव में था। अन्य नाव भी उनके साथ थीं। और एक बड़ा तूफान उभर उठा और लहरें नाव पर लग रही थीं जिससे कि नाव में पानी भरता जा रहा था। परन्तु यीशु स्वयं पिछले भाग में गद्दी पर सो रहा था। (मरकुस 4:36-38 ULT)

निजवाचक सर्वनाम का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि किसी ने अकेले ही कुछ किया है।

तब यीशु यह जानकार कि वे उसे राजा बनाने के लिए पकड़ना चाहते हैं, फिर पहाड़ पर अकेला चला गया| (यूहन्ना 6:15 ULT)

निजवाचक सर्वनाम का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि कोई मनुष्य या कोई वस्तु अकेली थी।

उसने वहाँ सन के कपड़े और उस कपड़े को पड़ा देखा जिसे उसने सिर पर लगाया हुआ था। यह सन का कपड़ा उन कपड़ों को साथ नहीं था, परन्तु अलग एक स्थान पर स्वयं ही लिपटा पड़ा हुआ था। (यूहन्ना 20:6-7 ULT)

अनुवाद की युक्तियाँ

यदि आपकी भाषा में निजवाचक सर्वनामों का भी ऐसा ही काम है तो उसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ कुछ अन्य युक्तियाँ दी जा रही हैं।

(1) कुछ भाषाओं में लोग यह दिखाने के लिए क्रिया पर जोर डालते हैं कि क्रिया का कर्म वही है जो कर्ता है। (2) कुछ भाषाओं में लोग वाक्य में एक विशेष स्थान के सन्दर्भ द्वारा किसी व्यक्ति या वस्तु पर जोर देते हैं। (3) कुछ भाषाओं में लोग उस शब्द में कुछ जोड़कर या उसके साथ एक और शब्द डालकर किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु पर बल देते हैं। (4) कुछ भाषाओं में लोग दिखाते हैं कि किसी ने अकेले कुछ किया तो "स्वयं" शब्द का उपयोग करते हैं। (5) कुछ भाषाओं में यह दिखाने के लिए कि कोई वस्तु अकेली थी, तो उसके लिए उस स्थान का नाम लिया जाता है जहां वह वस्तु थी।

अनुवाद की युक्तियों के उदाहरणों की प्रासंगिकता

  1. कुछ भाषाओं में लोग यह दिखाने के लिए क्रिया में बदलाव करते हैं कि क्रिया का कर्म कर्ता प्रकट हो।

यदि मुझे ही अपने बारे में एकमात्र गवाह होना है तो मेरी गवाही सच नहीं होगी। (यूहन्ना 5:31)

"यदि मुझे अकेले ही अपनी गवाही देना हो तो मेरी गवाही सच नहीं होगी।"

अब यहूदियों का फसह निकट था, और बहुत से लोग फसह के पर्व से पहले ही बाहरी क्षेत्रों से यरूशलेम गए, कि स्वयं को शुद्ध करें ( यूहन्ना 11:55)

"अब यहूदियों का फसह निकट था, और बहुत से लोग फसह के पर्व से पहले ही बाहरी क्षेत्रों से यरूशलेम गए, ताकि स्वशोधन करें"

(2) कुछ भाषाओं में लोग वाक्य में एक विशेष स्थान पर किसी मनुष्य या वस्तु का सन्दर्भ देकर बलाघात करते हैं।

उसने आप हमारी दुर्बलताओं को ले लिया और हमारी बीमारियों को उठा लिया।" (मत्ती 8:17 ULT)

" वही था जिसने स्वयं के ऊपर हमारी बीमारियों को ले लिया और हमारी दुर्बलताओं को उठा लिया।"

यीशु स्वयं बपतिस्मा नहीं दे रहा था, परन्तु उसके शिष्य दे रहे थे। (यूहन्ना 4:2)

वह यीशु नहीं था जो बपतिस्मा दे रहा था, परन्तु उसके शिष्य दे रहे थे।"

(3) कुछ भाषाओं में लोग किसी मनुष्य या वस्तु पर बलाघात हेतु उस शब्द में कुछ जोड़ देते हैं या उसके साथ एक और शब्द जोड़ देते हैं| अंग्रेज़ी में निजवाचक सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है|

उसने यह बात फिलिप्पुस को परखने के लिए कही क्योंकि वह आप जानता था कि वह क्या करेगा| (यूहन्ना 6:6)

(4) कुछ भाषाओं में लोग "स्वयं" शब्द के उपयोग द्वारा प्रकट करते हैं कि किसी ने अपने आप कुछ किया है|

यीशु यह जानकार कि वे मुझे राजा बनाने के लिए पकड़ना चाहते हैं, फिर पहाड़ पर अकेला चला गया|

"जब यीशु यह जान गया कि वे आकर उसको पकड़ने वाले हैं की उसको बलपूर्वक राजा बना दें, वह स्वयं ही पुनः पहाड़ पर चला गया|"

(5) कुछ भाषाओं में लोग यह दिखाने के लिए कि कोई वास्तु अकेली पड़ी थी तो वे एक वाक्यांश के द्वारा उसका यथास्थान व्यक्त करते हैं|

उसने वहाँ सन के कपड़े और उस कपड़े को पड़ा देखा जिसे उसने सिर पर लगाया हुआ था। सन का कपड़ा उन कपड़ों को साथ नहीं पड़ा हुआ था, परन्तु अपने स्थान पर स्वयं ही लिपटा पड़ा हुआ था. (यूहन्ना 20:6-7 ULT)

"उसने वहाँ सन के कपड़े और उस कपड़े को पड़ा देखा जिसे उसने सिर पर लगाया हुआ था। सन का कपड़ा उन कपड़ों को साथ नहीं पड़ा हुआ था, परन्तु अपने स्थान पर लिपटा पड़ा हुआ था।”


सर्वनाम - उनका कब उपयोग करें

This section answers the following question: मैं कैसे निर्णय लूँ कि सर्वनाम का उपयोग करूँ या नही?

विवरण

जब हम बात करते हैं या लिखते हैं, तो हम संज्ञा या नाम को दोहराए बिना लोगों या वस्तुओं को सन्दर्भित करने के लिए सर्वनाम का उपयोग करते हैं। सामान्य रूप से पहली बार जब हम किसी कहानी में किसी को सन्दर्भित करते हैं, तो हम एक वर्णनात्मक वाक्यांश या नाम का उपयोग करते हैं। अगली बार हम उस व्यक्ति को साधारण संज्ञा या नाम से सन्दर्भित कर सकते हैं। उसके बाद हम उसे केवल सर्वनाम के साथ सन्दर्भित कर सकते हैं, जब तक कि हम सोचते हैं कि हमारे श्रोतागण उसे आसानी से समझने में सक्षम हो जाएगा जिसके लिए सर्वनाम सन्दर्भित किया गया है।

अब वहाँ पर एक फरीसी था जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो यहूदी महसभा का सदस्य था. यह व्यक्ति यीशु के पास आया… यीशु ने उसे उत्तर दिया (यूहन्ना 3:1-3 ULT)

यूहन्ना 3 में, नीकुदेमुस को सबसे पहले संज्ञा वाक्यांशों और उसके नाम से सन्दर्भित किया जाता है। फिर उसे संज्ञा वाक्यांश "यह व्यक्ति" के साथ सन्दर्भित किया जाता है। फिर उसे सर्वनाम "उसे" के साथ सन्दर्भित किया जाता है।

प्रत्येक भाषा में लोगों और वस्तुओं का वर्णन करने के इस सामान्य तरीके में इसके लिए नियम और अपवाद होते हैं।

  • कुछ भाषाओं में पहली बार किसी अनुच्छेद या अध्याय में कुछ सन्दर्भित किया जाता है, तो इसे सर्वनाम की अपेक्षा संज्ञा के साथ सन्दर्भित किया जाता है।
  • मुख्य पात्र वह व्यक्ति होता है, जिसके बारे में एक कहानी होती है। कुछ भाषाओं में, एक कहानी में एक मुख्य चरित्र को प्रस्तुत किए जाने के बाद, उसे सामान्य रूप से सर्वनाम के साथ सन्दर्भित किया जाता है। कुछ भाषाओं में विशेष सर्वनाम होते हैं, जो केवल मुख्य चरित्र को सन्दर्भित करते हैं।
  • कुछ भाषाओं में, क्रिया को चिन्ह्ति करने से लोगों को पता चलता है कि कर्ता कौन है। (देखें क्रियाएँ.) इनमें से कुछ भाषाओं में, श्रोतागण इस चिन्ह के ऊपर भरोसा करते हैं कि उन्हें यह समझने में सहायता मिले कि कर्ता कौन है, और वक्तागण केवल सर्वनाम, संज्ञा वाक्यांश या नाम का उपयोग करते हैं, जब वे जोर देना चाहते हैं या स्पष्ट करना चाहते हैं कि कर्ता कौन है।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

  • यदि अनुवादक अपनी भाषा के लिए गलत समय पर सर्वनाम का उपयोग करते हैं, तो पाठकों को पता नहीं लग सकता कि लेखक किसके बारे में बात कर रहा है।
  • यदि अनुवादक निरन्तर नाम से मुख्य चरित्र का सन्दर्भ लेते हैं, तो कुछ भाषाओं के श्रोताओं को यह नहीं पता चल सकता है कि व्यक्ति एक मुख्य चरित्र है, या वे सोच सकते हैं कि एक ही नाम के साथ एक नया चरित्र दिया गया है।
  • यदि अनुवादक गलत समय पर सर्वनाम, संज्ञाएं या नाम का उपयोग करते हैं, तो लोग सोच सकते हैं कि उस व्यक्ति या वस्तु पर कुछ विशेष जोर दिया गया है, जो इसके लिए सन्दर्भित की गई है।

बाइबल से उदाहरण

नीचे दिया गया उदाहरण एक अध्याय के आरम्भ में आता है। कुछ भाषाओं में यह स्पष्ट नहीं हो सकता है कि सर्वनाम किसके सन्दर्भ में हैं।

फिर यीशु यहूदी आराधनालय में चला गया, और सूखे हाथ वाला एक व्यक्ति वहाँ था। उन्होंने उसे देखा कि कहीं वह सब्त के दिन तो उसे चंगा नहीं करता है। (मरकुस 3:1-2 ULT)

नीचे दिए गए उदाहरण में, दो पुरुषों को पहले वाक्य में ही बताया गया है। यह स्पष्ट नहीं हो सकता है कि दूसरे वाक्य में "वह" किसको सन्दर्भित करता है।

अब कुछ दिनों के बाद, राजा अग्रिप्पा और बिरनीके फेस्तुस से आधिकारिक मुलाकात करने के लिए कैसरिया पहुंचे। इसके बाद वह कई दिनों तक वहाँ रहा था, फेस्तुस ने पौलुस के मुकद्दमे को राजा के सामने प्रस्तुत किया … (प्रेरितों 25:13-14 ULT)

यीशु मत्ती की पुस्तक का मुख्य पात्र है, परन्तु नीचे वचनों में उस नाम के साथ चार बार सन्दर्भित किया जाता है। यह कुछ भाषाओं के वक्ताओं को यह सोचने के लिए प्रेरित कर सकता है कि यीशु मुख्य पात्र नहीं है। या यह उन्हें यह सोचने के लिए प्रेरित कर सकता है कि इस कहानी में यीशु के नाम के एक से अधिक व्यक्ति हैं। या यह उन्हें यह सोचने के लिए प्रेरित कर सकता है कि उस पर किसी प्रकार का दबाव है, चाहे वहाँ पर कोई दबाव नहीं हो।

उस समय यीशु सब्त के दिन गेहूँ के खेतों में से होकर जा रहा था। उसके शिष्य भूखे थे और उन्होंने गेहूँ की बालियाँ तोड़नी आरम्भ की और उन्हें खा लिया। परन्तु जब फरीसियों ने यह देखा, तो उन्होंने कहा, यीशु, "देख, तेरे शिष्य उस कार्य को करते हैं, जो सब्त के दिन करना गैरकानूनी है।” परन्तु यीशु ने उनसे कहा, "क्या तुमने कभी नहीं पढ़ा कि दाऊद, और उसके साथ रहने वाले पुरुष ने क्या किया था, जब वे भूखे थे?…" फिर यीशु वहाँ से चला गया और उनके यहूदी आराधनालय में गया। (मत्ती 12:1-9 ULT)

अनुवाद की रणनीतियाँ

  1. यदि यह आपके पाठकों को स्पष्ट नहीं है कि सर्वनाम कौन या किस को सन्दर्भित करता है, तो संज्ञा या नाम का उपयोग करें।
  2. यदि संज्ञा या नाम दोहराना लोगों को यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि मुख्य पात्र मुख्य पात्र नहीं है, या लेखक उस नाम के साथ एक से अधिक व्यक्तियों के बारे में बात कर रहा है, या कोई और है, या यह कि किसी पर कोई दबाब है, जबकि वहाँ पर किसी के ऊपर कोई दबाब नहीं है, तो इसकी अपेक्षा एक सर्वनाम का उपयोग करें।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

(1) यदि यह आपके पाठकों को स्पष्ट नहीं है कि सर्वनाम कौन या किस को सन्दर्भित करता है, तो संज्ञा या नाम का उपयोग करें।

फिर यीशु यहूदी आराधनालय में चला गया, और सूखे हाथ वाला एक व्यक्ति वहाँ था। उन्होंने उसे देखा कि कहीं वह सब्त के दिन तो उसे चंगा तो नहीं करता है। (मरकुस 3:1-2) एक बार फिर से यीशु यहूदी आराधनालय में चला गया, और सूखे हाथ वाला एक व्यक्ति वहाँ था। कुछ फरीसियों ने यीशु को देखा कि कहीं वह सब्त के दिन उसे चंगा तो नहीं करता है। (मरकुस 3:1-2 UST)

  1. यदि संज्ञा या नाम दोहराना लोगों को यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि मुख्य पात्र मुख्य पात्र नहीं है, या लेखक उस नाम के साथ एक से अधिक व्यक्तियों के बारे में बात कर रहा है, या कोई और है, या यह कि किसी पर कोई दबाब है, जबकि वहाँ पर किसी के ऊपर कोई दबाब नहीं है, तो इसकी अपेक्षा एक सर्वनाम का उपयोग करें।

उस समय यीशु सब्त के दिन गेहूँ के खेतों में से होकर जा रहा था। उसके शिष्य भूखे थे और उन्होंने गेहूँ की बालियाँ तोड़नी आरम्भ की और उन्हें खा लिया। परन्तु जब फरीसियों ने यह देखा, तो उन्होंने कहा, यीशु, "देख, तेरे शिष्य उस कार्य को करते हैं, जो सब्त के दिन करना गैरकानूनी है।” परन्तु यीशु ने उनसे कहा, "क्या तुमने कभी नहीं पढ़ा कि दाऊद, और उसके साथ रहने वाले पुरुष ने क्या किया था, जब वे भूखे थे?… फिर यीशु वहाँ से चला गया और उनके यहूदी आराधनालय में गया। (मत्ती 12:1-9 ULT)

इस प्रकार अनुवाद किया जा सकता है:

उस समय यीशु सब्त के दिन गेहूँ के खेतों में से होकर जा रहा था। उसके शिष्य भूखे थे और गेहूँ की बालियाँ तोड़नी आरम्भ की और उन्हें खा लिया। परन्तु जब फरीसियों ने यह देखा, तो उन्होंने, उस, से कहा, देखे, तेरे शिष्य उस कार्य को करते हैं, जो सब्त के दिन करना गैरकानूनी है। परन्तु उसने उनसे कहा, "क्या आपने कभी नहीं पढ़ा कि दाऊद, और उसके साथ रहने वाले पुरुष ने क्या किया था, जब वह भूखा था?… फिर वह वहाँ से चला गया और उनके यहूदी आराधनालय में गए।


अज्ञात का अनुवाद

This section answers the following question: मैं उन विचारों का अनुवाद कैसे करूँ जिनसे मेरे पाठक परिचित नही हैं?

बाइबल का अनुवाद करने के लिए, आप (अनुवादक) अपने आप से कह रहे होंगे कि: "मैं सिंह, अंजीर के पेड़, पर्वत, याजक या मन्दिर जैसे शब्दों का अनुवाद कैसे करूँ क्योंकि मेरी संस्कृति में लोगों ने इन चीजों को कभी नहीं देखा है और हमारे पास उनके लिए कोई शब्द नहीं है?"

वर्णन

अज्ञात चीजें वे होती हैं जो स्रोत मूलपाठ में होती हैं जो आपकी संस्कृति के लोगों को ज्ञात नहीं हैं। अनफोल्डिंग वर्ड® ट्रांसलेशन वर्ड्स पेज और अनफोल्डिंग वर्ड® ट्रांसलेशन नोट्स आपको समझने में मदद करेंगे कि वे क्या हैं। उन्हें समझने के बाद, आपको उन चीज़ों को संदर्भित करने के लिए तरीके खोजने होंगे ताकि आपके अनुवाद को पढ़ने वाले लोग समझ सकें कि वे क्या हैं।

यहाँ हमारे पास पाँच रोटी और दो मछलियों को छोड़ और कुछ नहीं है (मत्ती 14:17 ULT)

एक विशेष प्रकार का भोज्य पदार्थ ब्रैड के आटे को पीसे हुए अनाज को तेल के साथ मिलाकर गूंदा जाता है, और फिर इस मिश्रण को पकाया जाता है ताकि यह सूख जाए। (अनाज एक प्रकार के पौधे के बीज होते हैं।) कुछ संस्कृतियों में लोगों के पास रोटी नहीं है और यह नहीं जानते कि यह क्या है।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

  • हो सकता है कि पाठकों को कुछ बातें पता न हों जो बाइबल में पाई जाती हैं क्योंकि वे चीजें उनकी अपनी संस्कृति का हिस्सा नहीं हैं।
  • पाठकों को एक मूलपाठ को समझने में कठिनाई हो सकती है यदि वे कुछ ऐसी चीजों को नहीं जानते हैं जो इसमें उल्लिखित हैं।

अनुवाद के सिद्धान्त

  • यदि संभव हो तो उन शब्दों का उपयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा का हिस्सा हैं।
  • यदि संभव हो तो अभिव्यक्त को छोटा रखें।
  • परमेश्वर की आज्ञाओं और ऐतिहासिक तथ्यों का सटीकता से प्रस्तुतिकरण करें।

बाइबल से उदाहरण

मैं यरूशलेम को खण्डहर बनाकर गीदड़ों का स्थान बनाऊँगा (यिर्मयाह 9:11 ULT)

गीदड़ जंगली जानवर जैसे कुत्ते हैं जो संसार के कुछ ही हिस्सों में रहते हैं। इसलिए उन्हें कई स्थानों पर नहीं जाना जाता है।

झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के भेष में तुम्हारे पास आते हैं, परन्तु अन्तर में फाड़नेवाले भेड़िए हैं। (मत्ती 7:15 ULT)

यदि भेड़ियों वहाँ नहीं रहते है, जहाँ अनुवाद पढ़ा जाएगा, तो पाठकों को समझ में नहीं आ सकता है कि ये जंगली जानवर जैसे फाड़नेवाले कुत्ते जो भेड़ पर आक्रमण करते हैं और खा जाते हैं।

और उसे गन्धरस मिला हुआ दाखरस देने लगे, परन्तु उसने नहीं लिया। (मरकुस 15:23 ULT)

हो सकता है कि लोगों को यह पता न हो कि गन्धरस क्या होता है और इसका उपयोग दवा के रूप में किया जाता था।

उसने बड़ी-बड़ी ज्योतियाँ बनाईं (भजन संहिता 136:7 ULT)

कुछ भाषाओं में उन चीजों के लिए शब्द पाए जाते हैं जो प्रकाश देती हैं, जैसे सूरज और आग, परन्तु उनके पास ज्योति के लिए कोई सामान्य शब्द नहीं है।

तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के हों, तो भी वे हिम के समान उजले हो जाएँगे (यशायाह 1:18 ULT)

संसार के कई भागों में लोगों ने बर्फ नहीं देखी है, परन्तु उन्होंने इसे चित्रों में इसे देखा होगा।

अनुवाद रणनीति

यहाँ ऐसे तरीके दिए गए हैं जिनके द्वारा आप किसी ऐसे शब्द का अनुवाद कर सकते हैं जो आपकी भाषा में ज्ञात नहीं है:

  1. एक वाक्यांश का उपयोग करें जो यह बताता है कि अज्ञात वस्तु क्या है, या वचन में उपयोग की गई अज्ञात वस्तु के बारे में क्या महत्वपूर्ण है।
  2. आपकी भाषा से मिलता-जुलता कुछ करें यदि ऐसा करना किसी ऐतिहासिक तथ्य को गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं करता है।
  3. शब्द को किसी अन्य भाषा से नकल करें, और लोगों को इसे समझने में सहायता देने के लिए एक सामान्य शब्द या वर्णनात्मक वाक्यांश जोड़ें।
  4. एक शब्द का प्रयोग करें जो अपने अर्थ में अधिक सामान्य है।
  5. एक शब्द या वाक्यांश का उपयोग करें जो अपने अर्थ में अधिक विशेष है।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

  1. एक वाक्यांश का उपयोग करें जो यह बताता है कि अज्ञात वस्तु क्या है, या वचन में उपयोग की गई अज्ञात वस्तु के बारे में क्या महत्वपूर्ण है।

झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के भेष में तुम्हारे पास आते हैं, परन्तु अन्तर में फाड़नेवाले भेड़िए हैं। (मत्ती 7:15 ULT)

झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के भेष में तुम्हारे पास आते हैं, परन्तु वास्तव में भूखे और खतरनाक जानवर हैं

यहाँ "फाड़नेवाले भेड़िए" एक रूपक का हिस्सा है, इसलिए पाठक को यह जानकारी समझने के लिए आवश्यक है कि वे इस रूपक में भेड़ों के लिए अत्याधिक खतरनाक हैं। (यदि भेड़ें भी अज्ञात हैं, तो आपको अनुवाद करने के लिए अनुवाद रणनीतियों में से किसी एक का उपयोग करने की आवश्यकता होगी, या रूपकों के लिए अनुवाद की रणनीति का उपयोग करके रूपक को किसी अन्य चीज़ में बदलना होगा। देखें रूपकों का अनुवाद करना)।

यहाँ हमारे पास केवल पाँचरोटियाँ** और दो मछलियाँ हैं** (मत्ती 14:17 ULT)

यहाँ हमारे पास केवल पाँच पके हुए अनाज के बीज की रोटियाँ और दो मछलियाँ हैं

  1. आपकी भाषा से मिलता-जुलता कुछ करें यदि ऐसा करना किसी ऐतिहासिक तथ्य को गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं करता है।

तुम्हारे पाप... हिम के समान उजले हो जाएँगे (यशायाह 1:18 ULT) यह वचव बर्फ के बारे में नहीं है। यह लोगों को बोलने के तरीके को समझने में सहायता देने के लिए उपयोग किया गया है कि लोग समझे कि सफेद का अर्थ कैसा होगा।

तुम्हारे पाप…दूध के जैसे सफेद हो जाएंगे तुम्हारे पाप…चन्द्रमा के जैसे सफेद होंगे

  1. शब्द को किसी अन्य भाषा से नकल करें, और लोगों को इसे समझने में सहायता देने के लिए एक सामान्य शब्द या वर्णनात्मक वाक्यांश जोड़ें।

और उसेगन्धरस** मिला हुआ दाखरस देने लगे, परन्तु उसने नहीं लिया।** (मरकुस 15:23 ULT) – हो सकता है कि लोग सर्वोत्तम रीति से समझें कि गन्धरस क्या है यदि इसे सामान्य शब्द "दवा" के साथ प्रयोग किया जाए।

और उसे गन्धरस नामक एक दवा मिला हुआ दाखरस देने लगे, परन्तु उसने नहीं लिया।

यहाँ हमारे पास केवल पाँचरोटियाँ** और दो मछलियाँ हैं** (मत्ती 14:17 ULT) - हो सकता है कि लोग सर्वोत्तम रीति से समझें कि ब्रेड क्या होती है यदि इसका उपयोग एक वाक्यांश के साथ किया जाता है जो यह बताता हो कि यह किस से (बीज) बना है और इसे कैसे (पीस कर और पका कर) तैयार किया जाता है । यहाँ हमारे पास केवल पाँच रोटियाँ पीसे हुए बीज की पकी हुई हैं और दो मछलियाँ हैं

  1. एक शब्द का प्रयोग करें जो अपने अर्थ में अधिक सामान्य है।

मैं यरूशलेम को खण्डहर बनाकर गीदड़ों का स्थान बनाऊँगा (यिर्मयाह 9:11 ULT)

मैं यरूशलेम को खण्डहर बनाकर जंगली कुत्तों का स्थान बनाऊँगा

यहाँ हमारे पास केवल पाँचरोटियाँ** और दो मछलियाँ हैं** (मत्ती 14:17 ULT)

यहाँ हमारे पास केवल पाँच पकी हुई रोटियाँ और दो मछलियाँ हैं

  1. एक शब्द या वाक्यांश का उपयोग करें जो अपने अर्थ में अधिक विशेष है।

उसने*बड़ी-बड़ी ज्योतियाँ बनाईं (भजन संहिता 136:7 ULT)

उसने सूर्य और चन्द्रमा को बनाया


शब्दों की नकल करना या यथावत रखना

This section answers the following question: दूसरी भाषा के शब्दों का यथावत उपयोग करने का उद्देश्य क्या है और मैं यह कैसे कर सकता हूँ?

विवरण

कभी-कभी बाइबल में ऐसी बातें लिखी होती हैं. जो आपकी संस्कृति का भाग नहीं होती हैं और आपकी भाषा में इनके लिए कोई शब्द नहीं होता है। बैबल में ऐसे लोगों और स्थानों को भी उल्लेख किया गया है, जिनके लिए संभवतः आपके पास नाम नहीं होंगे। ऎसी स्थिति में आप बाइबल से शब्द को अपनी परिचित भाषा में "ज्यों का त्यों" ले काम मवन ले सकते हैं। इसका अर्थ है कि आप मूल रूप से इसे दूसरी भाषा से नकल करते हैं। यह पृष्ठ बताता है कि शब्दों को "ज्यों का त्यों" काम में लेना हो तो क्या करें।

(ऐसे शब्दोंजो आपकी भाषा में नहीं हैं उनका अनुवाद करने के लिए अन्य विधियां भी हैं, जो आपकी भाषा में नहीं हैं। देखें अज्ञात का अनुवाद करें.)

बाइबल से उदाहरण

सड़क के किनारे अंजीर का पेड़ देख के वह उसके पास गया (मत्ती 21:19 ULT)

यदि आपके भाषा क्षेत्र में अंजीर पेड़ नहीं होता है, तो आपकी भाषा में इस प्रकार के पेड़ का नाम नहीं हो सकता है।

उससे ऊंचे पर साराप दिखाई दिए; उनके छः छः पंख थे; दो पंखों से वे अ ने मुंह को धान्प्रे हुए थे और दो से अपने पांवों को, और दो से उड़ रहे थे। (यशायाह 6:2 उल्ट)

आपकी भाषा में ऐसे प्राणी के लिए नाम नहीं हो सकता है।

मलाकी के के द्वारा इस्राएल के विषय में कहा हुआ यहोवा का भारी वचन। (मलाकी 1:1 ULT)

आपकी भाषा में मलाकी कदाचित् ऐसा नाम न हो, जिसे लोग आपकी भाषा उपयोग करते हों।

अनुवाद की उक्तियाँ

किसी अन्य भाषा से शब्दों के यथावत उपयोग के बारे में सतर्क रहने के लिए कई बातें हैं।

  • भिन्न भाषाएँ इब्रानी, यूनानी, लतीनी, सिरिलिक, देवनागरी और कोरियाई विभिन्न लिपियों का उपयोग करती हैं। ये लिपियाँ उनके शब्दों में अक्षरों को दर्शाने के लिए विभिन्न आकारों का उपयोग करती हैं।
  • एक ही वर्काण माला का उपयोग करने वाली भाषाओं में अक्षरों का उच्चारण भिन्न भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, जर्मन बोलते समय, लोग "जे" अक्षर वैसे ही करते हैं जैसे बोलते समय "y" अक्षर उच्चारण किया जाता हैं।
  • सभी भाषाओं में ध्वनियाँ या ध्वनियों के संयोजन एक से नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए, कई भाषाओं में अंग्रेजी शब्द "सोच" के लिए कोमल "थ" की ध्वनि नहीं होती है, और कुछ भाषाएँ "स्टॉप" में "स्टॉ" जैसे ध्वनियों के संयोजन के साथ शब्द का आरम्भ नहीं कर सकती हैं।

किसी शब्द का यथावत प्रयोग करने की अनेक विधियां हैं।

(1) यदि आपकी भाषा में अनुवाद की जाने वाली मूल भाषा की लिपि से भिन्न लिपि है , तो आप अपनी भाषा की लिपि के सम्बन्धित अक्षर के आकार के साथ प्रत्येक अक्षर के आकार को मात्र प्रतिस्थापित कर सकते हैं।

(2) आप उस शब्द की वर्तनी उसी प्रकार रख सकते हैं जिस प्रकार मूल भाषा में उसकी वर्तनी है और उसका उच्चारण इस प्रकार करें जिस प्रकारम आपकी भाषा में सामान्य रूप से उन अक्षरों का उच्चारण किया जाता है।

(3) आप इस का उच्चारण वैसे ही कर सकते हैं, जैसे उस भाषा में किया गया है और अपनी भाषा के नियमानुसार वर्तनी को समायोजित कर सकते हैं।

अनुवाद के लिए प्रायोगिक युक्तियों के उदाहरण

(1) यदि आपकी भाषा उस भाषा से एक अलग लिपि का उपयोग करती है, जिसका आप अनुवाद कर रहे हैं, तो आप अपनी भाषा की लिपि के सम्बन्धित अक्षर के आकार के साथ प्रत्येक अक्षर के आकार को आसानी से प्रतिस्थापित कर सकते हैं।

  • צְפַנְיָ֤ה --- इब्रानी अक्षरों में एक व्यक्ति का नाम।
  • "सपन्याह" - अंग्रेजी अक्षरों में यही नाम

(2) आप इस शब्द को वैसे ही लिख सकते हैं, जैसे दूसरी भाषा में लिखा जाता है, और उसका उच्चारण वैसे ही करें जैसे आपकी भाषा में सामान्य रूप से उन अक्षरों के लिए उच्चारण किया जाता है।

  • सपन्याह - यह एक व्यक्ति का नाम है।
  • "सपन्याह" - जैसा कि अंग्रेजी में लिखा गया है, परन्तु आप इसका उच्चारण अपनी भाषा के नियमों के अनुसार कर सकते हैं।

(1) आप इस शब्द का उच्चारण मूल भाषा के अनुसार करके वर्तनी को अपमनी भाषा के नियमानुसार लिखें।

  • सपन्याह - यदि आपकी भाषा में "स" नहीं है, तो आप "ज" का उपयोग कर सकते हैं। यदि आपकी लेखन प्रणाली "प" का उपयोग नहीं करती है तो आप "फ" का उपयोग कर सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप "न्" का उच्चारण कैसे करते हैं, आप इसे "न्" या "ना" या "नि" के साथ लिख सकते हैं।
  • "सेफानिया"
  • "सेफानीया"
  • "सेफानाया"

नामों का अनुवाद कैसे करें

This section answers the following question: मेरी संस्कृति के लिए नए नामों का मैं अनुवाद कैसे करूँ?

विवरण

बाइबल में कई लोगों, लोगों के समूह और स्थानों के नाम हैं। इनमें से कुछ नाम असामान्य लग सकते हैं और कहने में कठोर हो सकते हैं। कभी-कभी पाठकों को यह नहीं पता होता कि नाम क्या सन्दर्भित करता है, और कभी-कभी उन्हें यह समझने की आवश्यकता हो सकती है कि नाम का क्या अर्थ है। यह पृष्ठ आपको यह दिखाने में सहायता करेगा कि आप इन नामों का अनुवाद कैसे कर सकते हैं और आप लोगों को यह समझने में कैसे सहायता कर सकते हैं कि उन्हें उनके बारे में क्या जानने की आवश्यकता है।

नामों के अर्थ

बाइबल में अधिकांश नामों के अर्थ हैं। अधिकांश समय, बाइबल में नामों का उपयोग उन लोगों और स्थानों की पहचान करने के लिए किया जाता है, जिन्हें वे सन्दर्भित करते हैं। परन्तु कभी-कभी किसी नाम का अर्थ विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है।

यह **मलिकिसिदक **शालेम का राजा, और परमप्रधान परमेश्वर का याजक, जब अब्राहम राजाओं को मारकर लौटा जाता था, तो इसी ने उससे भेंट करके उसे आशीष दी। (इब्रानियों 7:1 यूएलबी)

यहाँ लेखक मुख्य रूप से "मलिकिसिदक" नाम का उपयोग करते हैं, जो उस व्यक्ति को उद्धृत करता है, जिसका यह नाम था, और "शालेम के राजा" शीर्षक हमें बताता है कि वह एक निश्चित शहर के ऊपर शासन करता था।

उसके नाम "मलिकिसिदक" का अर्थ "धार्मिकता का राजा" और "शालेम का राजा", अर्तात्, "शान्ति का राजा" है। (इब्रानियों 7:2 यूएलबी)

यहाँ लेखक मलिकिसिदक के नाम और शीर्षक के अर्थ को बताता है, क्योंकि ये बातें हमें व्यक्ति के बारे में और अधिक जानकारी देती हैं। अन्य समयों में, लेखक किसी नाम के अर्थ की व्याख्या नहीं करता है, क्योंकि वह अपेक्षा करता है कि पाठक पहले ही उनके अर्थ को जानते हैं। यदि सन्दर्भ को समझने के लिए नाम का अर्थ महत्वपूर्ण है, तो आप मूलपाठ में या फुटनोट में अर्थ को सम्मिलित कर सकते हैं।

कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है

  • बाइबल के कुछ नामों को पाठक नहीं जानते होंगे। वे नहीं जानते कि कोई नाम किसी व्यक्ति या स्थान या कुछ और को सन्दर्भित करता है या नहीं।
  • सन्दर्भ को समझने के लिए पाठकों को नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता हो सकती है।
  • कुछ नामों में विभिन्न ध्वनियाँ या ध्वनियों के संयोजन हो सकते हैं, जिनका उपयोग आपकी भाषा में नहीं किया जाता है या आपकी भाषा में कहने के लिए अप्रिय हैं। इस समस्या को सम्बोधित करने के लिए रणनीतियों के लिए, शब्दों को उधार लेना को देखें।
  • बाइबल में कुछ लोगों और स्थानों के दो नाम हैं। पाठकों को यह एहसास नहीं हो सकता कि दो नाम एक ही व्यक्ति या स्थान को सन्दर्भित करते हैं।

बाइबल से उदाहरण

तब तुम यरदन पार होकर यरीहो के पास आए, और जब यरीहो के लोग, और एमोरी, परिज्जी, कनानी, हित्ती, गिर्गाशी, हिब्बी, और यबूसी तुम से लड़े (यहोशू 24:11 यूएलबी)

पाठकों को पता नहीं हो सकता कि "यरदन" नदी का नाम है, "यरीहो" एक शहर का नाम है, और "एमोरी" लोगों के समूह का नाम है।

कहा, “क्या मैं यहाँ भी उसको जाते हुए देखने पाई और देखने के बाद भी जीवित रही?” इस कारण उस कुएँ का नाम बएर-लहई-रोई कुआँ पड़ा(उत्पत्ति 16:13-14 यूएलबी)

पाठकों को दूसरा वाक्य समझ में नहीं आ सकता है, यदि उन्हें नहीं पता कि "बएर-लहई-रोई" का अर्थ "जीवित रहने वाले का कुँआ जो मुझे देखता है।"

उसने यह कहकर उसका नाम मूसा रखा, “मैंने इसको जल से निकाला था।” (निर्गमन 2:10 यूएलबी)

पाठकों को यह समझ में नहीं आ सकता है कि उसने यह क्यों कहा यदि उन्हें नहीं पता कि मूसा का नाम इब्रानी शब्दों "खींच कर बाहर निकालने" की तरह प्रतीत होता है।

शाऊल उसकी मृत्यु के साथ सहमत था। (प्रेरि. 8:1 यूएलबी)

इकुनियुम में ऐसा हुआ कि पौलुस और बरनबास यहूदियों की आराधनालय में साथ-साथ गए, (प्रेरि. 14:1 यूएलबी)

पाठकों को यह नहीं पता हो सकता है कि शाऊल और पौलुस नाम एक ही व्यक्ति को सन्दर्भित करते हैं।

अनुवाद की रणनीतियाँ

  1. यदि पाठक सन्दर्भ से आसानी से समझ नहीं सकते हैं कि नाम किस प्रकार की बात को सन्दर्भित करता है, तो आप इसे स्पष्ट करने के लिए एक शब्द जोड़ सकते हैं।
  2. यदि पाठकों को, जो कहा गया है, उसके बारे में समझने के लिए किसी नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता है, तो नाम की प्रतिलिपि करें और मूलपाठ में या फुटनोट में इसके अर्थ के बारे में बताएँ।
  3. या यदि पाठकों को, जो कहा गया है, उसके बारे में समझने के लिए किसी नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता है, और वह नाम केवल एक ही बार उपयोग किया गया है, तो नाम की प्रतिलिपि बनाने की अपेक्षा नाम के अर्थ का अनुवाद करें।
  4. यदि किसी व्यक्ति या स्थान के दो भिन्न नाम होते हैं, तो अधिकांश समय एक नाम का और दूसरा नाम केवल तभी उपयोग करें, जब मूलपाठ व्यक्ति या स्थान के बारे में बताता है, जिसमें एक से अधिक नाम होते हैं या जब यह कहता है कि व्यक्ति या स्थान को वह नाम क्यों दिया गया था। जब स्रोत मूलपाठ उस नाम का उपयोग करता है, जिसका उपयोग निरन्तर कम किया जाता है, तो एक फुटनोट लिखें।
  5. या यदि किसी व्यक्ति या स्थान के दो भिन्न नाम हैं, तो स्रोत मूलपाठ में जो भी नाम दिया गया है, उसका उपयोग करें, और एक फुटनोट जोड़ें, जो दूसरा नाम प्रदान करता है।

अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण

(1) यदि पाठक सन्दर्भ को आसानी से नहीं समझ सकते हैं कि नाम किस प्रकार की बात को सन्दर्भित करता है, तो आप इसे स्पष्ट करने के लिए एक शब्द जोड़ सकते हैं।

तब तुम यरदन पार होकर यरीहो के पास आए, और जब यरीहो के लोग, और एमोरी, परिज्जी, कनानी, हित्ती, गिर्गाशी, हिव्वी, और यबूसी तुम से लड़े, (यहोशू 24:11 यूएलबी)

तुम यरदन नदी पार हुए और यरीहो के नगर पहुँचे। यरीहो के अगुओं ने तुम्हारे विरुद्ध, अमोरियों के गोत्र के साथ मिलकर लड़ाई की

कुछ समय बाद, कुछ फरीसी आए और उससे कहा, "जा और यहाँ से चले जा क्योंकि **हेरोदेस **तुझे मारना चाहता है।" (लूका 13:31 यूएलबी)

कुछ समय बाद, कुछ फरीसी आए और उससे कहा, "जा और यहाँ से चले जा क्योंकि राजा हेरोदेस तुझे मारना चाहता है।

(2) यदि पाठकों को, जो कहा गया है, उसके बारे में समझने के लिए किसी नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता है, तो नाम नकल करें और मूलपाठ में या फुटनोट में इसके अर्थ के बारे में बताएँ।

उसने यह कहकर उसका नाम मूसा रखा, “मैंने इसको जल से निकाला था।”(निर्गमन 2:11 यूएलबी)

उसने उसे नाम दिया मूसा (जो 'खींचा गया' जैसा प्रतीत होता है), और कहा, "क्योंकि मैंने उसे पानी से बाहर निकाला था।"

(3) या यदि पाठकों को, जो कहा गया है, उसके बारे में समझने के लिए किसी नाम के अर्थ को समझने की आवश्यकता है, और वह नाम केवल एक ही बार उपयोग किया जाता है, तो नाम की प्रतिलिपि बनाने की अपेक्षा नाम के अर्थ का अनुवाद करें।

… कहा, “क्या मैं यहाँ भी उसको जाते हुए देखने पाई और देखने के बाद भी जीवित रही?” इस कारण उस कुएँ का नाम बएर-लहई-रोई कुआँ पड़ा (उत्पत्ति 16:13-14 यूएलबी)

… उसने कहा, "क्या मैं वास्तव में निरन्तर देखती रहूँ, जबकि उसने मुझे देख लिया है?" इसलिए कुएँ को जीवित रहने वाले का कुँआ जो मुझे देखता है कह गया;

(3) यदि किसी व्यक्ति या स्थान के दो भिन्न नाम होते हैं, तो अधिकांश समय एक नाम का और दूसरा नाम केवल तभी उपयोग करें, जब मूलपाठ व्यक्ति या स्थान के बारे में बताता है, जिसमें एक से अधिक नाम होते हैं या जब यह कहता है कि व्यक्ति या स्थान को वह नाम क्यों दिया गया था जब स्रोत मूलपाठ उस नाम का उपयोग करता है, जिसका उपयोग निरन्तर कम किया जाता है, तो एक फुटनोट लिखें। उदाहरण के लिए, प्रेरितों 13 के पहले पौलुस को "शाऊल" और प्रेरितों 13 के बाद "पौलुस" कहा जाता है। प्रेरितों 13:9 को छोड़कर आप हर समय "पौलुस" के रूप में उसका नाम अनुवाद कर सकते हैं, जहाँ यह उसके दो नाम होने के बारे में बात करता है।

… शाऊल नामक एक जवान (प्रेरि. 7:58 यूएलबी)

… एक युवा व्यक्ति जिसे पौलुस नाम दिया गया है1

फुटनोट इस तरह दिखेगा:

[1]अधिकांश संस्करण यहाँ शाऊल कहते हैं, परन्तु बाइबल में अधिकांश समय उसे पौलुस कहा जाता है।

फिर बाद में कहानी में, आप इस तरह से अनुवाद कर सकते हैं:

तब शाऊल ने जिसका नाम पौलुस भी है, पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होकर (प्रेरि. 13:9)

परन्तु शाऊल, जिसे पौलुस भी कहा जाता है, पवित्र आत्मा से भरा हुआ था;

(5) या यदि किसी व्यक्ति या स्थान के दो नाम हैं, तो स्रोत मूलपाठ में जो भी नाम दिया गया है, उसका उपयोग करें, और एक फुटनोट जोड़ें, जो दूसरा नाम प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, आप "शाऊल", जहाँ स्रोत मूलपाठ में "शाऊल" और "पौलुस" जहाँ स्रोत मूलपाठ में "पौलुस" है, लिख सकते हैं।

एक युवा व्यक्ति जिसका नाम शाऊल था (प्रेरि. 7:58 यूएलबी)

शाऊल नाम का एक जवान व्यक्ति

फुटनोट इस तरह दिखेगा:

[1]यह वही व्यक्ति है, जिसे प्रेरितों 13 के आरम्भ में पौलुस को कहा जाता है।

फिर बाद में कहानी में, आप इस तरह से अनुवाद कर सकते हैं:

तब शाऊल ने जिसका नाम पौलुस भी है, पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होकर (प्रेरि. 13:9)

परन्तु शाऊल, जिसे पौलुस भी कहा जाता है, पवित्र आत्मा से भरा हुआ था;

फिर कहानी ने नाम बदलने की व्याख्या की, आप इस तरह से अनुवाद कर सकते हैं।

इकुनियुम में ऐसा हुआ कि पौलुस और बरनबास यहूदियों की आराधनालय में साथ-साथ गए, (प्रेरि. 14:1 यूएलबी)

ऐसा इकुनियुम में हुआ कि पौलुस 1 और बरनबास ने यहूदी आराधनालय में एक साथ प्रवेश किया।

फुटनोट इस तरह दिखेगा:

[1]  यह वही मनुष्य है, जिसे प्रेरितों 13 से पहले शाऊल कहा जाता था।


अनुमानित ज्ञान एवं अंतर्निहित सूचना

This section answers the following question: मुझे कैसे निश्चय हो कि मेरे अनुवाद में अनुमानित ज्ञान के साथ साथ, मूल संदेश की सुस्पष्ट एवं अंतर्निहित जानकारी भी शामिल है

  • अनुमानित ज्ञान वो ज्ञान है जो एक वक्ता सोचता है कि उसके बोलने या किसी प्रकार की सूचना देने से पहले ही उसके श्रोता जानते हैं। वक्ता श्रोताओं को दो तरीके से सूचनाएँ देता है:
  • सुस्पष्ट वक्ता अपनी बात सीधी बोलता है।
  • अंतर्निहित वक्ता अपनी बात सीधी नही बोलता है क्योंकि वह चाहता है कि उसकी बातों को सुनकर श्रोता स्वयं उसे जानें या सीखें।

विवरण

जब कोर्इ लिखता या बोलता है, वह लोगों को कुछ विशेष देना चाहता है कि वे जानें, करें या सोचें। अक्सर वह उस बात को सीधे कहता है। यह है सूस्पष्ट जानकारी

वक्ता अनुमान लगाता है कि श्रोताओं को पहले से ही कुछ पता है और अब इस सूचना को समझने के लिए उनके बारे में सोचना जरूरी है। अक्सर वह लोगों को ये बातें नही बताता है क्योंकि उन्हे पहले से ही पता होता है। यह है अनुमानित ज्ञान

वक्ता अपनी बात सीधी नही बोलता है क्योंकि वह चाहता है कि उसकी बातों को सुनकर श्रोता स्वयं उसे जानें या सीखें। वे सूचनाएँ, जिनके बारे में वक्ता चाहता है कि लोग उसके द्वारा कही बातों के द्वारा समझें, यद्यपि उन्हे सीधे नही कहा गया हो, अंतर्निहित सूचनाएँ कहलाती हैं।

अक्सर, श्रोता पहले से ज्ञात (अनुमानित सूचना) एवं वक्ता के द्वारा सीधी बोली जाने वाली बातों को सूस्पष्ट सूचना के साथ जोड़कर ही, अंतर्निहित सूचना को समझ पाते हैं।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

ये तीनों प्रकार की सूचनाएँ वक्ता के संदेश का हिस्सा हैं। यदि सूचना का एक भी प्रकार गायब है, तो श्रोता संदेश को नही समझ पाएँगे। चूँकि लक्षित अनुवाद एक ऐसी भाषा में हो रहा है जो बाइबल की भाषा से अलग है एवं श्रोतागण का समय एवं स्थान बाइबल के समय के लोगों से एकदम अलग है, कर्इ बार अनुमानित सूचना या अंतर्निहित सूचना संदेश से गायब रहती है। दूसरे शब्दों में, आधुनिक पाठक को उन बातों का बिलकुल भी ज्ञान नही है जो मूलभूत वक्ताओं एवं पाठकों को था। चूँकि ये सारी बातें संदेश को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं, आप इन्हे अपने लेख के बीच में या नीचे लिखी टिप्पणियों में लिख सकते हैं।

बाइबल से उदाहरण

तब एक शास्त्री ने पास आकर उससे कहा, “हे गुरु, जहाँ कहीं तू जाएगा, मैं तेरे पीछे-पीछे हो लूँगा।” यीशु ने उससे कहा,  “लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु  मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।” (मत्ती 8:20 ULB)

यीशु ने यह नही कहा कि लोमड़ी या पक्षी भट और बसेरे किसके लिए इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि उसका अनुमान था कि शास्त्री को यह पता होगा कि लोमड़ियाँ भट में और पक्षी बसेरों से रहते हैं। यह अनुमानित ज्ञान है

यीशु ने सीधे नही कहा कि ‘‘मैं मनुष्य का पुत्र हूँ’’ परंतु यदि शास्त्रियों को पहले से यह पता नही होता तो यह अंतर्निहित सूचना हो जाती और इसीलिए वह समझ पाया कि यीशु स्वयं की ओर इशारा कर रहे थे। और, यीशु ने स्पष्ट नही बताया कि वे बहुत अधिक यात्रा करते थे और हर रात को उन्हे सोने के लिए घर नही मिलता था।यह अंतर्निहित सूचना है जिससे शास्त्री यीशु की बात को जान सके कि उसके पास सिर धरने की जगह नही थी

हाय, खुराजीन! हाय, बैतसैदा! जो सामर्थ्य के काम तुम में किए गए, यदि वे सोर और सीदोन में किए जाते, तो टाट ओढ़कर, और राख में बैठकर, वे कब से मन फिरा लेते। परन्तु मैं तुम से कहता हूँ; कि न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी। (मत्ती 11:21-22 ULB)

यीशु ने अनुमान लगाया कि जिनसे वह बात कर रहा था वे सोर और सीदोन के बारे में जानते थे कि वे बहुत दुष्ट थे और न्याय का दिन एक ऐसा दिन है जब परमेश्वर सब लोगों का न्याय करेगा । यीशु को यह भी पता था कि जिनसे वह बात कर रहा था, वे विश्वास करते थे कि वे लोग अच्छे थे और उन्हे मन फिराने की जरूरत नही थी । यीशु को उन्हे यह सब बताने की जरूरत नही थी । ये सब अनुमानित ज्ञान है ।

यहाँ अंतर्निहित सूचना का एक महत्वपूर्ण कथन यह है कि चूँकि उन लोगों ने मन नही फिराया, जिनसे यीशु बात कर रहा था, उनका न्याय सोर और सीदोन के लोगों से भी अधिक कठिन होगा।

तेरे चेले प्राचीनों की परम्पराओं\को क्यों टालते हैं, कि बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं (मत्ती 15:2 ULB)

प्राचीनों की परंपराओं में से एक यह थी जिसमें लोग भोजन करने से पहले परंपरागत तरीके से अपने हाथों को धोया करते थे। लोगों का मानना था कि धर्मी बनने के लिए, प्राचीनों की परंपराओं का पालन करना जरूरी था । यह अनुमानित ज्ञान था कि फरीसी जिनसे यीशु बात कर रहे थे, वे ये बातें जानते थे। यह कहकर, वे चेलों पर परंपराओं का पालन नही करने एवं धर्मी नही होने का आरोप लगा रहे थे। अंतर्निहित सूचना थी कि वे चाहते थे कि वह उनकी बातों को समझें ।

अनुवाद रणनीतियाँ

यदि पाठक के पास संदेश को पूरी तरह से समझने का अनुमानित ज्ञान है, या वे किसी भी अंतर्निहित एवं सुस्पष्ट सूचना को समझ सकते हैं तो उस ज्ञान को वैसा ही, एवं अंतर्निहित सूचना को अंतर्निहित ही रहने दें। यदि वे इन बातों की जानकारी नही होने के कारण, संदेश समझ नही पा रहे हैं तो निम्न रणनीतियों का पालन करें:

  1. यदि पाठक अनुमानित ज्ञान नही होने के कारण संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस ज्ञान को सुस्पष्ट ज्ञान के रूप में लिखें
  2. यदि पाठक अंतर्निहित सूचना की जानकारी नही होने के कारण, संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस कथन को स्पष्ट तौर पर लिखें परंतु उसे इस प्रकार लिखें जिससे श्रोताओं को यह नही लगे कि यह सूचना नर्इ थी

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

  1. यदि पाठक अनुमानित ज्ञान नही होने के कारण संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस ज्ञान को सुस्पष्ट ज्ञान के रूप में लिखें

यीशु ने उससे कहा, ‘‘लोमड़ियों केभट** और आकाश के पक्षियों केबसेरे होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।’’** (मत्ती 8:20 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि लोमड़ी भटों में और पक्षी बसेरों में सोते हैं

यीशु ने उससे कहा, ‘‘लोमड़ी भट में रहती और आकाश के पक्षी बसेरे में रहते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।’’

मैं तुम से कहता हूँ; किन्याय के दिन** तुम्हारी दशा से सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी।** (मत्ती 11:21-22 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि सोर और सीदोन के लोग बहुत, बहुत दुष्ट थे। इसे सुस्पष्ट बताया जा सकता है

.... न्याय के दिन तुम्हारी दशा से *** सोर और सीदोन जिसके लोग बहुत दुष्ट थे*** की दशा अधिक सहने योग्य होगी या: ... न्याय के दिन तुम्हारी दशा से दूष्ट शहर सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी

तेरे चेले पुरनियों की रीतों को क्यों टालते हैं? वेबिना हाथ धोए रोटी खाते हैं (मत्ती 15:2 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि प्राचीनों की परंपराओं में से एक यह थी जिसमें लोग भोजन करने से पहले परंपरागत तरीके से अपने हाथ धोया करते थे कि वे धर्मी बन सकें। यह रोगों से बचने के लिए किटाणुओं को मारने का तरीका नही था जसा एक आधुनिक पाठक समझता होगा ।

तुम्हारे चेले प्राचीनों की प्रथा को क्यों तोड़ते हैं? क्योंकि वे धर्मी बनने के लिए, हाथ धाने की पवित्र प्रथा का पालन नही करते हैं जब वे रोटी खाते हैं

(2) यदि पाठक अंतर्निहित सूचना की जानकारी नही होने के कारण, संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस कथन को स्पष्ट तौर पर लिखें परंतु उसे इस प्रकार लिखें जिससे श्रोताओं को यह नही लगे कि यह सूचना नर्इ थी

तब एक शास्त्री ने पास आकर उससे कहा, ‘‘हे गुरू, जहाँ कहीं तू जाएगा, मैं तेरे पीछे पीछे हो लूंगा।’’ यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है। (मत्ती 8:20 ULB) - अंतनिर्हित सूचना यह है कि यीशु स्वयं मनुष्य का पुत्र है । एक और अंतर्निहित सूचना यह है कि यदि शास्त्री यीशु के पीछे चलना चाहता है, तो उसे यीशु के समान बिना घर के जीना पड़ता।

यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है। यदि तुम मेरे पीछे चलोगे, तो तुम भी वहाँ जी पाओगे जहाँ मैं जीता हूँ

न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी। इसे सुस्पष्ट बनाया जा सकता है. (मत्ती 11:22 ULT) - निहित जानकारी यह है कि परमेश्वर न केवल लोगों का न्याय करेगा; वह उन्हें सज़ा देगा। इसे स्पष्ट किया जा सकता है। ...> न्याय के दिन परमेश्वर आपको मिलने वाले दण्ड से कम *** सोर और सीदोन को दण्ड*** देगा जहाँ के लोग दुष्ट हैं

या: न्याय के दिन परमेश्वर आपको *** सोर और सीदोन से अधिक दण्ड*** देगा जहाँ के लोग दुष्ट हैं।

आधुनिक पाठक शायद कुछ बातों को न पहचानें जिन्हे प्रथम पाठक अथवा उस समय के लोग जानते हों। इससे उन्हे वक्ता अथवा लेखक की कही जाने वाली अथवा अंतर्निहित बातों को समझना मुश्किल हो सकता है। अनुवादकों को अपने अनुवाद में इन बातों को सुस्पष्ट तरीके से बतानी होंगीं जिन्हे लेखकों अथवा वक्ताओं ने अंतर्निहित तरीके से लिखा था


विशिष्ट सूचना को अंतर्निहित कब बनाएँ

This section answers the following question: यदि हमारी भाषा में कोर्इ सुस्पष्ट सूचना संदेहपूर्ण, अस्वाभाविक अथवा अनावश्यक लगे तो मैं क्या करूँ?

वर्णन

कुछ भाषाओं में किसी बात को कहने की अपनी ही व्यावहारिक विधि होती है जो उनके लिए सामान्य है परन्तु किसी और भाषा में उसका अनुवाद किया जाए तो वह विचित्र सी लगती है| इसका एक कारण है कि कुछ भाषाओं में सविस्तार वर्णन किया जाता है जबकि अन्य भाषाओं में उसको माना हुआ समझ कर छोड़ दिया जाता है|

अनुवाद की समस्या होने के कारण

यदि आप स्रोत भाषा की सभी सुस्पष्ट जानकारियों को लक्षित भाषा में विस्तृत जानकारियों में अनुवाद कर दें तो वह अपरिचित, अस्वाभाविक और संभवतः निर्बुद्ध सुनाई देगी, यदि लक्षित भाषा उसका सविस्तार वर्णन न करे| इसकी अपेक्षा ऎसी जानकारियों को लक्षित भाषा में अभिप्रेत अर्थ में ही छोड़ देना उत्तम है|

बाइबल से उदाहरण

और अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि उसमें आग लगाए (न्यायियों 9:52 ESV)

बाइबल की इब्रानी भाषा में, वाक्यों के परस्पर सम्बन्ध को दिखाने के लिए,अधिकाँश वाक्यों को और जैसे संयोजकों से आरम्भ करना एक सामान्य अभ्यास है| अंग्रेजी भाषा में ऐसा करना प्रायोगिक नहीं है| अंग्रेज़ी के पाठक के लिए यह क्लान्तकारी होता है और लेखक के लिए गंवारू होने की छवि दर्शाता है| अंग्रेज़ी में, अधिकाँश वाक्यों के मध्य सम्बन्ध के विचार को अभिप्रेत रखना ही उत्तम है, संयोजक शब्दों को अभिप्रेत ही रहने दिया जाए| बाइबल की इब्रानी भाषा में, यह कहना की कोई वस्तु आग से जलाई गई, सामान्य अभिव्यक्ति है| अंग्रेज़ी भाषा में, जलाने का विचार जलाने की क्रिया में अन्तर्निहित है| अतः दोनों विचारों को स्पष्ट व्यक्त करना अस्वाभाविक है| किसी वस्तु को जलाया मात्र कहना ही पर्याप्त है| आग का विचार निहितार्थ रहने दिया जाए|

सूबेदार ने उत्तर दिया और कहा "हे प्रभु मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए....’’ (मत्ती 8:8 ULB)

बाइबल की इब्रानी भाषा में उच्चारित दो क्रियाओं के साथ अपरोक्ष कथन को समाविष्ट करना सामान्य अभ्यास है| एक क्रिया शब्द काम का संकेत देता है तो दूसरा वक्ता के शब्दों का समावेश कराता है| अंग्रेज़ी में, वक्ता ऐसा नहीं करते हैं<इसलिए अंग्रेज़ी भाषा में दो क्रिया शब्दों को काम में लेना अस्वाभाविक और भ्रामक होता है| अंग्रेज़ी भाषा के वक्ता के लिए शब्दोच्चारण का विचार उत्तर देने के विचार में निहित होता है| अंग्रेज़ी में दो क्रियाओं का उपयोग एक बात की अपेक्षा दो भिन्न-भिन्न बातों का अभिप्रेत अर्थ रखता है| अतः अंग्रेज़ी भाषा में, शब्दोच्चारण के लिए एक ही क्रिया शब्द का उपयोग उत्तम है|

अनुवाद की युक्तियाँ

(1) यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट जानकारी लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक लगती है तो इसका अनुवाद स्पष्ट जानकारी में ही किया जाए| (2) यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट व्यक्त जानकारी लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक प्नरतीत नहीं होती है, या अनावश्यक या भ्रामक प्रतीत होती है तो सुस्पष्ट जानकारी को अभिप्रेत ही रहने दें| ऐसा तब ही करें जब पाठक जानकारी को प्रसंग से समझ ले| आप पाठक से किसी गद्यांश विशेष से सम्बंधित प्रश् पूछ कर इसका परिक्षण कर सकते हैं|

अनुवाद की युक्तियों के विनियोग के उदाहरण

(1) यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट व्यक्त जानकारी लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक सुनाई देती है तो इसे स्पष्टता में ही अनुवाद करें|

  • इस युक्ति के प्रयोग में कथन में कोई भी परिवर्तन नहीं होगा, इसलिए यहाँ कोई उदाहरण नहीं दिया जा रहा है|

(2) यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट जानकारी लक्षित भाषा में स्वाभाविक नही है, या अनावश्यक या भ्रामक प्रतीत होती है तो स्पष्ट जानकारी को अभिप्रेत जानकारी में परिवर्तित कर दें| ऐसा तब ही करें जब पाठक जानकारी को प्रसंग से समझ ले| इसका परिक्षण पाठक से गद्यांश सम्बंधित प्रश्न पूछ कर किया जा सकता है|

तब अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि उसमें आग लगाए (न्यायियों 9:52 ESV)

और अबीमेलेक गुम्मट के निकट आया और उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि उसे जला दे (या) की उसमें आग लगा दे अंग्रेज़ी में, स्पष्ट है कि इस पद का कार्य पिछले पद के कार्य का अनुपालन करता हैऔर संयोजक शब्द "और" कीआवश्यक्ता आरम्भ में नहीं है इसलिए उसका निराकरण किया गया है| और यह भी कि "आग से" शब्दों को छोड़ दिया गया है क्योंकि यह जानकारी, "जलाए" शब्द में अभिप्रेत है| "उसे जला दे" के लिए वैकल्पिक अनुवाद होगा, "उसमें आग लगा दे|" अंग्रेज़ी भाषा में "जला दे" और "आग" दोनों का उपयोग स्वाभाविक नहीं है| अतः अंग्रेज़ी के अनुवादक को एक ही शब्द का चुनाव करना होगा| पाठक ईसिस अभिप्रेत जानकारी को समझ गए है इसका परिक्षण एक प्रश्न पूछ कर किया जा सकता है: "द्वार कैसे जलेगा?" यदि वे कहते हैं, "आग से" तो इसका अर्थ है कि वे अभिप्रेत जानकारी को समझ गए हैं| या आप यदि दूसरा विकल्प चुनते हैं तो पूछें, "जिस द्वार को आग से जलाया गया, उसका क्या हुआ?" यदि पाठक का उत्तर है,"जल गया" तो उन्होंने अभिप्रेत जानकारी को समझ लिया है|

सूबेदार ने उत्तर दिया और कहा, ‘‘हे प्रभु, मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए...’’ (मत्ती 8:8 ULB)

सूबेदार ने उत्तर दिया , ‘‘हे प्रभु, मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए...’’

अंग्रेजी में, सूबेदार ने पत्युत्तर में जो कहा, वह जानकारी "उत्तर दिया" में निहित है| अतः क्रिया शब्द, "कहा" में अभिप्रेत है| पाठक इस अभिप्रेत जानकारी को समझ गया है, इसको परखने के लिए उससे पूछ सकते हैं, "सूबेदार ने कैसे उत्तर दिया?" यदि वे कहता है, कह कर तो स्पष्ट है कि वे अभिप्रेत जानकारी को समझ गया है|

और वह अपना मुंह खोल कर उन्हें उपदेश देने लगा (मत्ती 5:2 ULT)

उसने यह कहते हुए उनको उपदेश देना आरम्भ किया (या) उसने यह कहते हुए उनको शिक्षा दी अंग्रेजी में तो यह अति विचित्र प्रतीत होगा कि ऐसी जानकारी दें कि शब्दोच्चारण करते समय यीशु ने मुंह खोला| यह जानकारी क्रिया शब्द "उपदेश देने" में और "कहने" में समाहित है| अतः इस उक्ति को छोड़ दिया जाए और इस जानकारी को अभिप्रेत रहने दिया जाए| तथापि. "अपना मुंह खोल कर" एक मुहावरा हैजो आख्यान के आरम्भ का समावेश करता है| अतः वह जानकारी समाहित की जाए या अभिप्रेत रहने दी जाए|


सूचना को अंतर्निहित कब रखें

This section answers the following question: अंतर्निहित सूचना को सुस्पष्ट सुचना में कैसे बदलूँ?

कर्इ बार यह बेहतर रहता है कि हम अनुमानित ज्ञान या अंतनिर्हित सूचना को सुस्पष्ट न बताएँ।

वर्णन

कर्इ बार यह बेहतर रहता है कि हम अनुमानित ज्ञान या अंतनिर्हित सूचना को सुस्पष्ट न बताएँ। यह पृष्ठ कुछ निर्देश दे रहा है कि कहाँ उनका उपयोग नही होना चाहिए।

अनुवाद के सिद्धांत

  • यदि वक्ता अथवा लेखक ने जानबूझकर कुछ स्पष्ट नही किया है, तो उसे स्पष्ट करने की कोशिश न करें
  • यदि प्राथमिक श्रोताओं ने वक्ता के संदेश को नही समझा, तो आप भी उसे इतना स्पष्ट न करें कि पाठकों को यह अपरिचित सा लगे कि असली श्रोताओं को यह समझ क्यों नही आया
  • यदि आप किसी अनुमानित ज्ञान अथवा अंतर्निहित सूचना को स्पष्ट रूप से बताना चाहते हैं, तो इसे इस प्रकार करने की कोशिश करें जिससे पाठकों को यह नही लगे कि प्राथमिक श्रोताओं को यह सब बताने की जरूरत थी
  • यदि यह संदेश को उसकी मुख्य बात से से दूर करता या इसके कारण पाठक इसके केन्द्रबिन्दु को भूल रहे हैं तो इसे स्पष्ट लिखने की कोशिश न करें
  • यदि आपके पाठक इसे वैसे ही समझ पा रहे हैं तो अनुमानित ज्ञान या अंतर्निहित सूचना को स्पष्ट न करें

बाइबल से उदाहरण

खानेवाले में से खाना; बलवन्त में से मीठी वस्तु (न्यायियों 14:14 ULB)

यह एक पहेली थी। शिमशोन ने जानबूझकर ऐसे तरीके में कहा कि उसके दुश्मन उसके अर्थ को न समझ पाएँ। स्पष्ट न करें कि खानेवाला या बलवन्त वस्तु सिंह था और मीठी वस्तु शहद था।

यीशु ने उनसे कहा, ‘‘फरीसियों और सदूकियों के खमीर से सावधान और चौकस रहना’’ चेले आपस में विचार करने लगे और कहा, ‘‘हम तो रोटी नहीं लाए।’’.... (मती 16:6,7 ULB)

यहाँ संभव अंतर्निहित सूचना यह है कि चेलों को फरीसियों और सदूकियों की झूठी शिक्षाओं से सावधान रहना था । परंतु यीशु के चेले यह नही समझे । उन्होने सोचा कि यीशु वास्तविक खमीर और रोटी की बात कर रहे थे। अत: इसे स्पष्ट तरीके से बताना सही नही होगा कि यहाँ प्रयुक्त शब्द ‘‘खमीर’’ झूठी शिक्षा’’ को दिखाता है।

चेले तब तक समझ नही पाए, जब तक कि यीशु ने इसके बारे में मती 16:11 में नही कहा -

‘‘तुम क्यों नहीं समझते कि मैंने तुमसे रोटियों के विषय में नहीं कहा? फरीसियों और सदूकियों के खमीर से चौकस रहना।’’ तब उनको समझ में आया, कि उसने रोटी के खमीर से नहीं, पर फरीसियों और सदूकियों की शिक्षा से चौकस रहने को कहा था (मती 16:11,12 ULB)

यीशु मसीह के द्वारा वर्णन करने पर ही उन्हे पता चला कि उसने रोटी के बारे में नही, परंतु फरीसियों और सदूकियों की झूठी शिक्षा के बारे में कहा था। अत: मती 16:6 में वर्णित अंतर्निहित सूचना को स्पष्ट लिखना सही नही होगा।

अनुवाद रणनीतियाँ

इस पृष्ठ में कोर्इ अनुवाद रणनीति नही है।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

इस पृष्ठ में कोर्इ अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग नही हैं।


बाइबल में दूरी

This section answers the following question: मैं बाइबल में दी गर्इ लंबार्इ एवं दूरी के माप का अनुवाद कैसे करूँ?

वर्णन

निम्नलिखित शब्द बाइबल में मूल रूप से उपयोग की जाने वाली दूरी या लम्बाई के लिए सबसे सामान्य समाधान हैं। इनमें से अधिकांश हाथ और बाँह की हथेली के आकार पर आधारित हैं।

  • हाथ की दूरी एक व्यक्ति के हाथ की हथेली की चौड़ाई थी।
  • लम्बाई या हाथ की लम्बाई उँगलियों को फैलाने के साथ एक व्यक्ति के हाथ की चौड़ाई थी।
  • एक हाथ कोहनी से लेकर सबसे लम्बी उंगली की नोक तक, एक व्यक्ति के बाँहों की हथेली की लम्बाई थी।
  • "लम्बा" हाथ केवल यहेजकेल 40-48 में उपयोग किया जाता है। यह एक सामान्य हाथ और एक हाथ की दूरी की लम्बाई है।
  • स्टेडीयम (बहुवचन, स्टेडिया) एक निश्चित पैदल दौड़ प्रतिस्पर्धा को सन्दर्भित करता है जो लगभग 185 मीटर लम्बी थी। अंग्रेजी के कुछ पुराने संस्करणों ने इस शब्द को "फर्लोंग" के रूप में अनुवादित किया, जो एक खेती वाले क्षेत्र की औसत लम्बाई को सन्दर्भित करता है।

नीचे दी गई तालिका में दशमलव मापन विधि के अनुसार माप दिए गए हैं, परन्तु ये बाइबल के समय में उपयोग होते मापों के तुल्य नहीं हैं। बाइबल के समय के माप समय और स्थान के अनुसार सटीक लम्बाई में एक दूसरे भिन्न थे। नीचे समकक्ष औसत माप देने का प्रयास किया गया है।

मूल माप दशमलव आधारित माप
हाथ की दूरी 8 सेंटीमीटर
लम्बाई 23 सेंटीमीटर
हाथ 46 सेंटीमीटर
"लम्बी" हाथ 54 सेंटीमीटर
स्टेडिया 185 मीटर

अनुवाद के सिद्धान्त

  1. बाइबल में पाए जाने वाले लोगों ने मीटर, लीटर और किलोग्राम जैसे आधुनिक मापों का उपयोग नहीं किया। मूल मापों का उपयोग करने से पाठकों को यह जानने में सहायता मिल सकती है कि बाइबल वास्तव में बहुत समय पहले लिखी गई थी जब लोग उन मापों का उपयोग करते थे।
  2. आधुनिक मापों का उपयोग करने से पाठकों को मूलपाठ को आसानी से समझने में सहायता मिल सकती है।
  3. आप जिस भी माप का उपयोग करते हैं, पाठ, या फुटनोट अर्थात् पाद टिप्पणी में अन्य प्रकार के मापों के बारे में बताना, यदि सम्भव हो तो ज्यादा अच्छा होगा।
  4. यदि आप बाइबल के मापों का उपयोग नहीं करते हैं, तो पाठकों को यह विचार न देने का प्रयास करें कि माप सटीक हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक वर्ग को ".46 मीटर" या यहाँ तक कि "46 सेंटीमीटर" के रूप में भी अनुवाद करते हैं, तो पाठकों सोच सकते हैं कि माप सटीक है। "आधा मीटर," "45 सेंटीमीटर," या "50 सेंटीमीटर" इत्यादि कहना अधिक सर्वोत्तम होगा।
  5. कभी-कभी यह दिखाने के लिए शब्द "माप" का उपयोग करने में सहायता मिल सकती है कि माप सटीक नहीं है। उदाहरण के लिए, लूका 24:13 कहता है कि इम्माऊस यरूशलेम से साठ स्टेडिया पर स्थित था। इसका अनुवाद यरूशलेम से "लगभग दस किलोमीटर" के रूप में किया जा सकता है।
  6. जब परमेश्वर लोगों को बताता हैं कि कितना समय होना चाहिए, और जब लोग उस लम्बाई के अनुसार कामों को करते हैं, तो अनुवाद में इसके "बारे" में उपयोग न करें। अन्यथा यह इस तरह का प्रभाव देगा कि परमेश्वर को सटीकता के साथ सरोकार नहीं है कि वास्तव में कोई समय कितना लम्बा होना चाहिए था।

अनुवाद रणनीतियाँ

  1. यूएलटी अनुवाद से माप का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखकों उपयोग किया करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी में लिखें जो यूएलटी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हो। (देखें प्रतिलिपी या शब्दों को उधार लें.)
  2. यूएसटी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक अर्थात् दशलमव माप का प्रयोग करें। यूएसटी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्यों को प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है।
  3. उन मापों का प्रयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किया जा रहे हैं। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं।
  4. यूएलटी अनुवाद से माप का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं।
  5. आपके लोगों के द्वारा मापने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलटी अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

सारी रणनीतियों को नीचे निर्गमन 25:10 पर लागू किया गया है।

उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ढाई हाथ होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई डेढ़ हाथ होगी; और इसकी ऊँचाई डेढ़ हाथ होगी। (निर्गमन 25:10 ULT)

(1) यूएलटी अनुवाद से माप का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखकों उपयोग किया करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी में लिखें जो यूएलटी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हो। (देखें प्रतिलिपी या शब्दों को उधार लें.)

"उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ढाई हाथ होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई डेढ़ हाथ होगी; और इसकी ऊँचाई डेढ़ हाथ होगी।”

(2) यूएसटी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक अर्थात् दशलमव माप का प्रयोग करें। यूएसटी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्यों को प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है।

"उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई एक मीटर होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई मीटर की दो तिहाई होगी; और इसकी ऊँचाई मीटर की दो तिहाई होगी।”

(3) उन मापों का प्रयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किया जा रहे हैं। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप मानक मीटर लंबाई का उपयोग करके चीजों को मापते हैं, तो आप इसे नीचे दिए गए अनुसार अनुवाद कर सकते हैं।

"उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई एक मीटर होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई मीटर की दो तिहाई होगी; और इसकी ऊँचाई मीटर की दो तिहाई होगी।”

(4) यूएलटी अनुवाद से माप का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं। निम्नलिखित मूलपाठ में दोनों माप दिखाए गए हैं।

"उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ढाई हाथ (एक मीटर) होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई डेढ़ हाथ होगी (एक मीटर का दो तिहाई); और इसकी ऊँचाई ***डेढ़ हाथ (मीटर का दो तिहाई)***होगी।

(5) आपके लोगों के द्वारा मापने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलटी अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें। निम्नलिखित नोट्स में यूएलटी अनुवाद माप को दिखाता है।

"उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई एक मीटर 1 होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई मीटर का दो तिहाई 2 होगी; और इसकी ऊँचाई मीटर का दो तिहाई होगी।”

फुटनोट्स कुछ इस तरह से दिखाई देगा:

"उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई एक मीटर 1 होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई मीटर का दो तिहाई 2 होगी; और इसकी ऊँचाई मीटर का दो तिहाई होगी।”

फुटनोट्स कुछ इस तरह से दिखाई देगा:

[1] ढाई हाथ [2] डेढ़ हाथ


बाइबलीय मात्रा

This section answers the following question: मैं बाइबल में दिए गए मात्रा के माप का अनुवाद कैसे करूँ?

वर्णन

बाइबल में उपयोग की जाने वाली मात्रा की निम्न सामान्य इकाइयाँ यह बताती हैं कि एक निश्चित पात्र में कितना तरल आ सकता है। पात्र और माप दोनों तरल पदार्थ (जैसे दाखरस) और शुष्क ठोस (जैसे अनाज) के लिए उपयोग किए जाते हैं। मीट्रिक अर्थात् दशमलव मूल्य सटीकता के साथ बाइबल के मापों के तुल्य नहीं हैं। बाइबल के माप कदाचित् विभिन्न समयों और स्थानों में सटीक मूल्य में भिन्न थे। नीचे समकक्ष औसत माप देने का प्रयास किए गए हैं।

प्रकार मूल माप लीटर
ठोस ओमेर 2 लीटर
ठोस एपा 22 लीटर
ठोस होमेर 220 लीटर
ठोस कोर 220 लीटर
ठोस सीआ 7.7 लीटर
ठोस लेथेक 114.8 लीटर
तरल मेरेटे 40 लीटर
तरल बत 22 लीटर
तरल हीन 3.7 लीटर
तरल कब 1.23 लीटर
तरल लोज 0.31 लीटर

अनुवाद के सिद्धान्त

  • बाइबल के लोगों ने मीटर, लीटर और किलोग्राम जैसे आधुनिक मापों का उपयोग नहीं किया। मूल मापों का उपयोग करने से पाठकों को यह जानने में सहायता मिल सकती है कि बाइबल वास्तव में बहुत समय पहले लिखी गई थी जब लोग उन मापों का उपयोग करते थे।
  • आधुनिक मापों का उपयोग पाठकों को मूलपाठ को अधिक आसानी से समझने में सहायता कर सकते हैं।
  • जो भी माप आप उपयोग करते हैं, मूलपाठ, या फुटनोट में अन्य प्रकार के मापों के बारे में बताना, यदि सम्भव हो तो यह अच्छा रहेगा।
  • यदि आप बाइबल के मापों का उपयोग नहीं करते हैं, तो पाठकों को यह विचार देने का प्रयास न करें कि माप सटीक हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक हीन का अनुवाद "3.7 लीटर" के रूप में करते हैं, तो पाठकों को लगता है कि माप पूर्ण रीति से 3.7 लीटर है, 3.6 या 3.8 नहीं। अधिक अनुमानित माप जैसे "साढ़े तीन लीटर" या "चार लीटर" का उपयोग करना सर्वोत्तम रीति से अच्छा होगा।
  • जब परमेश्वर लोगों को बताता है कि कितना उपयोग करना है, और जब लोग उन आज्ञाओं का पालन करते हैं, तो अनुवाद में "इसके बारे में" मत कहें। अन्यथा यह इस तरह का प्रभाव देगा कि परमेश्वर को सटीकता के साथ कोई सरोकार नहीं है कि वास्तव में उन्होंने कितने माप का उपयोग किया।

माप की इकाई को कब कहा जाता है

अनुवाद की रणनीतियाँ

  1. यूएलटी अनुवाद से मापों का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलटी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हैं। (देखें प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें.)
  2. यूएसटी अनुवाद में दिए गए मीट्रिक मापों का प्रयोग करें। यूएसटी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक अर्थात् दशमलव पद्धति में मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है।
  3. उन मापों का प्रयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग की जा रही हैं। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और प्रत्येक मापों को समझते हैं
  4. यूएलटी अनुवाद से मापों का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं।
  5. अपने लोगों के द्वारा जानने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलटी अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग

प्रयोग की गई रणनीतियाँ नीचे यशायाह 5:10 पर लागू होती हैं।

चार हेक्टेयर दाख की बारी के लिए केवल एक बत मिलेगा, और बीज का एक होमेर केवल एक एपा को उत्पन्न करेगा। (यशायाह 5:10 ULT)

(1) यूएलटी अनुवाद से मापों का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उन्हें ऐसे तरीके से वर्तनी करें जो यूएलबी अनुवाद में ध्वनि देते या वर्तनी के तरीके के समतुल्य हैं। (देखें प्रतिलिपी या उधार शब्दों को लें.)

"अंगूर के चार हेक्टेयर खेत के लिए केवल एक बत मिलेगा, और बीज के एक होमेर से केवल एक एपा उत्पन्न होगा।"

(2) यूएसटी अनुवाद में दिए गए मापों का प्रयोग करें। सामान्य रूप से वे मीट्रिक माप हैं। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है।

"चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल बीस लीटर मिलेगा, और बीज की दस टोकरी केवल एक टोकरी को उत्पन्न करेगी।"

"चार हेक्टेयर अंगूर के लिए केवल बीस लीटर और 220 लीटर बीज से केवल बाईस लीटर मिलेगा।"

(3) उन मापों का प्रयोग करें जो पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किए जा रहे हैं। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं।

"चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल छह गैलन मिलेगा, और बीज के ढाई बुशेल केवल बीस क्वार्ट को उत्पन्न करेंगे।"

(4) यूएलटी अनुवाद से मापों का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं। निम्नलिखित मूलपाठ में दोनों माप दिखाए गए हैं।

"चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल एक बत (छः गैलन) मिलेगा, और बीज के एक होमेर (ढाई बुशेल) से केवल एक एपा (बीस क्वार्ट्स) मिलेगा।”

(5)आपके लोगों के द्वारा जानने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलटी अनुवाद से माप सम्मिलित करें। निम्नलिखित फुटनोट्स में यूएलटी अनुवाद माप दिखाए गए हैं।

"चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल बीस लीटर 1 मिलेगा, और बीज के 220 लीटर 2 केवल बाइस लीटर 3 के देंगे।”

फुटनोट इस तरह दिखेगा:

[1] एक बत [2] एक होमेर [3] एक एपा

जब माप की इकाई को निहित किया जाता है

कभी-कभी इब्रानी मात्रा की एक विशेष इकाई को निर्दिष्ट नहीं करती है, परन्तु केवल एक सँख्या का उपयोग करती है। ऐसी घटनाओं में, यूएलटू अनुवाद और यूएसटी अनुवाद समेत अंग्रेजी के कई अन्य संस्करण, शब्द "माप" को जोड़ते हैं।

जब भी कोई अनाज के बीस मापों के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास माप की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ से केवल बीस को ही पाया था। (हाग्गै 2:16 ULT)

अनुवाद की रणनीतियाँ

  1. एक इकाई के बिना सँख्या का उपयोग करके शाब्दिक रूप से अनुवाद करें।
  2. "माप" या "मात्रा" या "मूल्य" जैसे सामान्य शब्द का प्रयोग करें।
  3. उचित पात्र के नाम का प्रयोग करें, जैसे अनाज के लिए "टोकरी" या दाखरस के लिए "बर्तन"।
  4. माप के एक इकाई का उपयोग करें जिसे आप पहले से ही अपने अनुवाद में उपयोग कर रहे हैं।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग

प्रयोग की गई सभी रणनीतियाँ नीचे हाग्गै 2:16 पर लागू होती हैं।

जब भी कोई अनाज के बीस मापों के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास माप की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ से केवल बीस को ही पाया था। (हाग्गै 2:16 ULT)

(1) एक इकाई के बिना सँख्या का उपयोग करके शाब्दिक रूप से अनुवाद करें।

जब भी कोई अनाज के बीस के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ केवल बीस को ही पाया था।

(2) "माप" या "मात्रा" या "मूल्य" जैसे सामान्य शब्द का प्रयोग करें।

जब भी कोई अनाज के बीस मूल्यों के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास मूल्यों की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ केवल बीस को ही पाया था।

(3) उचित पात्र के नाम का प्रयोग करें, जैसे अनाज के लिए "टोकरी" या दाखरस के लिए "बर्तन"।

जब भी कोई अनाज की बीस टोकरी के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास बर्तन की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ केवल बीस को ही पाया था।

(4) उस माप के एक इकाई का उपयोग करें जिसे आप पहले से ही अपने अनुवाद में उपयोग कर रहे हैं।

जब भी कोई अनाज के बीस लीटर के लिए आया, तो उसने केवल दस को ही पाया था, और जब भी कोई व्यक्ति दाखरस की भट्टी के पास पचास लीटर की दाख को पाने के लिए आया तो उसने वहाँ केवल बीस को ही पाया था।


बाइबल में भार के माप

This section answers the following question: बाइबल में दिए गए वजन के माप का मैं अनुवाद कैसे करूँ?

विवरण

निम्नलिखित शब्द बाइबल में भार नापने की सबसे सामान्य इकाइयाँ हैं। शब्द शेकेल का अर्थ है, "वज़न," शेकेल शब्द अनेक अन्य भार मापकों का अर्णन करता है। इनमें से कुछ वजनों को पैसे के लिए उपयोग किया गया था। नीचे दी गई तालिका में मीट्रिक सिस्टम (दाशमिक प्रणाली) मान बाइबल के मापों के समतुल्य नहीं हैं। बाइबल के माप विभिन्न समयों और स्थानों में सटीक मूल्य में भिन्न हो जाते थे। नीचे दिए गए समकक्ष माप औसत माप दर्शाने के प्रयास मात्र हैं।

मूल माप शेकेल ग्राम किलोग्राम
शेकेल 1 शेकेल 11 ग्राम -
बेका 1/2 शेकेल 5.7 ग्राम -
पिम 2/3 शेकेल 7.6 ग्राम -
गेरा 1/20 शेकेल 0.57 ग्राम -
मीना 50 शेकेल 550 ग्राम 1/2 किलोग्राम
तोड़ा 3,000 शेकेल - 34 किलोग्राम

अनुवाद के सिद्धान्त

  1. बाइबल के लोगों ने मीटर, लीटर और किलोग्राम जैसे आधुनिक मापों का उपयोग नहीं किया। मूल मापों का उपयोग करने से पाठकों को यह जानने में सहायता मिल सकती है कि बाइबल वास्तव में बहुत समय पहले लिखी गई थी जब लोग उन मापों का उपयोग करते थे।
  2. आधुनिक मापों का उपयोग करने से पाठकों को मूलपाठ को आसानी से समझने में सहायता मिल सकती है।
  3. जो भी माप आप उपयोग करते हैं, पाठ, या फुटनोट में अन्य प्रकार के माप के बारे में बताना, यदि सम्भव हो तो अच्छा होगा।
  4. यदि आप बाइबल के मापों का उपयोग नहीं करते हैं, तो प्रयास करके पाठकों के मन में यह विचार न आने दें कि माप सटीक हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक गेरा को ".57 ग्राम" के रूप में अनुवाद करते हैं, तो पाठकों को लगता है कि माप सटीक है। "आधा ग्राम" कहना सर्वोत्तम होगा।
  5. यह दिखाने के लिए कि माप यथातथ्य सही नहीं है, "लगभग" शब्द का उपयोग करना सहायक सिद्ध होगा। उदाहरण के लिए, 2 शमूएल 21:16 कहता है कि गोलीयत का भाला 300 शेकेल वजन जितना था। इसे "3300 ग्राम" या "3.3 किलोग्राम" के रूप में अनुवाद करने की अपेक्षा, इसका अनुवाद "लगभग साडे तीन किलोग्राम" के रूप में किया जा सकता है।
  6. जब परमेश्वर लोगों को बताता है कि किसी वस्तु का भार कितना होना चाहिए, और जब लोग उन वजनों का उपयोग करते हैं, तो अनुवाद में "लगभग" शब्द का उपयोग न करें अन्यथा भ्रम उत्पन्न होगा कि परमेश्वर को भ्चिंता नहीं थी कि वस्तुओं का भार यथातथ्य कितना होना है|

अनुवाद की युक्तियाँ

  1. मापों को दर्शाने के लिए ULT के अनुवाद का उपयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उनकी वर्तनी उनके उच्चारण के सामान ही रखें या ULT के सदृश्य रखें। (देखें प्रतिलिपि बनाना या शब्द उधार लेना)
  2. UST अनुवाद में दी गई मेट्रिक प्रणाली का प्रयोग करें। UST के अनुवादकों ने पहले ही मेंट्रिक प्रणाली के तुल्य मापों को दर्शाने की खोज कर ली है।
  3. उन मापों का प्रयोग करें जिन्हें पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किया जा रहा है। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मेंट्रिक प्रणाली से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को समझते हैं।
  4. ULT में दर्शाए गए मापों का उपयोग करें और उन मापों को, जिनसे आपके पाठक परिचित हैं, उनको मूलपाठ में या टिप्पणी में दर्शाएं।
  5. आपके लोगों जिन मापों से परिचित हैं, उनका उल्लेख करें और ULT में दी गए मापों को मूल पाठ में या टिप्पणी में रखें।

अनुवाद की युक्तियों की प्रासंगिकता

सब युक्तियाँ अधोलिखित निर्गमन 38:29 से प्रासंगिक हैं।

और भेंट का पीतल सत्तर किक्कार और 2,400 शेकेल था। (निर्गमन 38:29 ULT)

  1. ULT अनुवाद से मापों का प्रयोग करें। ये वही माप हैं, जिन्हें मूल लेखक उपयोग करते थे। उनकी वर्तनी ऎसी हो जो उच्चारण के सदृश्य हो या ULT के सदृश्य हो। (देखें प्रतिलिपि बनाना या शब्द उधार लेना)

" और भेंट का पीतल सत्तर किक्कार और 2,400 शेकेल था।"

(2) UST अनुवाद में दी गई मेंट्रिक प्रणाली का प्रयोग करें। UST के अनुवादकों ने पहले ही मेंट्रिक प्रणाली प्रणाली के मापों को दर्शाने की खोज कर ली है।

"और भेंट का पीतल 2,400 किलोग्राम था।"

(3) उन मापों का प्रयोग करें जिन्हें पहले से ही आपकी भाषा में उपयोग किया जा रहा है। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपके माप मेट्रिक प्रणाली से कैसे सम्बन्धित हैं और आप प्रत्येक माप को सोच विचार कर समझना होगा।

"और भेंट का पीतल 5,300 पाउंड था।"

(4) ULT से मापों का उपयोग करें और उन मापों को, जिनसे आपके पाठक परिचित हैं, मूल पाठ में या पादटिप्पणी में रखें। निम्नलिखित मूलपाठ में दोनों माप दिखाए गए हैं।

"और भेंट का पीतल सत्तर किक्कार (2,380 किलोग्राम) और 2,400 शेकेल (26.4 किलोग्राम) था"

(5) उन मापों का प्रयोग करें जिन्हें आपके लोग पहले से जानते हैं, और मूलपाठ में या फुटनोट में ULT के अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें। निम्नलिखित ULT माप टिप्पणी में दिखाए गए हैं।

"और भेंट का पीतल सत्तर किक्कार और 2,400 शेकेल था," 1"

फुटनोट इस तरह दिखेगा:

[1] इसका कुल भार लगभग 2,400 किलोग्राम था।


बाइबल में धन

This section answers the following question: मैं बाइबल में दिए गए धन के मूल्य का अनुवाद कैसे करूँ?

वर्णन

पुराने नियम के आरम्भिक दिनों में, लोग चाँदी और सोने जैसे धातुओं का वजन किया करते थे और इन वस्तुओं को खरीदने के लिए उस धातु को एक निश्चित वजन में देते थे। बाद में लोगों ने सिक्कों को बनाना आरम्भ कर दिया क्योंकि प्रत्येक में एक निश्चित धातु की मानक मात्रा होती है। डेरिक एक ऐसा ही सिक्का है। नए नियम के समय में, लोग चाँदी और तांबे के सिक्कों का उपयोग किया करते थे।

नीचे दी गई दो सारणी पुराने नियम (पु. नि.) और नए नियम (न. नि.) में पाए जाने वाले धन की कुछ सबसे प्रसिद्ध इकाइयों को दिखाती हैं। पुराने नियम की इकाइयों की तालिका से पता चलता है कि किस प्रकार की धातु का उपयोग किया गया था और इसका वजन कितना था। नए नियम की इकाइयों की तालिका दिखाती है कि किस प्रकार की धातु का उपयोग किया गया था और दिन के वेतन के सन्दर्भ में यह कितना मूल्य रखता था।

पु. नि. में यूनिट धातु वजन
डेरिक सोने का सिक्का 8.4 ग्राम
शेकेल विभिन्न धातु 11 ग्राम
तोडा विभिन्न धातु 33 किलोग्राम
न. नि. में यूनिट धातु एक दिवस का वेतन
दिनारें/दिनार चाँदी का सिक्का 1 दिन
दिरहम चाँदी का सिक्का 1 दिन
पाई तांबे का सिक्का 1/64 दिन
शेकेल चाँदी का सिक्का 4 दिन
तोड़ा चाँदी 6,000 दिन

अनुवाद के सिद्धान्त

प्रतिवर्ष आधुनिक धन के मूल्य में परिवर्तन आने के कारण इनका उपयोग न करें। उनका उपयोग करने से बाइबल अनुवाद पुराने और गलत हो जाएगा।

अनुवाद रणनीतियाँ

पुराने नियम में अधिकांश समय धन का मूल्य उसके वजन पर आधारित था। इस कारण जब पुराने नियम में इन वजनों का अनुवाद करते हैं, तो देखें बाइबल के वजन. नीचे दी गई रणनीतियाँ नए नियम में धन के मूल्य का अनुवाद करने के लिए हैं

  1. बाइबल के शब्दों का प्रयोग करें और इसे उसी तरह से लिखे कि यह उनके समतुल्य अर्थ को संचारित करें। (देखें प्रतिलिपी या शब्दों को उधार लें.)
  2. वर्णन करें कि पैसे के मूल्य को किस प्रकार के धातु से किया गया था और कितने सिक्के उपयोग किए गए थे।
  3. एक दिन के वेतन में बाइबल के समय में लोग क्या कमा सकते हैं, इस विषय में धन के मूल्य का वर्णन करें।
  4. बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और मूलपाठ या नोट में समतुल्य मूल्य को लिखें।
  5. बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और इसे एक नोट में समझाएँ।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

अनुवाद रणनीतियाँ नीचे दिए गए लूका 7:41 पर लागू होती हैं।

एक पर पाँच सौ दिनार, और दूसरे पर पचास दिनार की देन थी। (लूका 7:41 ULT)

(1) बाइबल के शब्दों का प्रयोग करें और इसे उसी तरह से लिखे कि यह उनके समतुल्य अर्थ को संचारित करें। (देखें प्रतिलिपी या शब्दों को उधार लें.)

"एक पर पाँच सौ दिनार, और दूसरे पर पचास दिनार की देन थी।"

(1) वर्णन करें कि पैसे के मूल्य को किस प्रकार के धातु से किया गया था और कितने सिक्के उपयोग किए गए थे।

"एक पर पाँच सौ चाँदी के सिक्के, और दूसरे पर पचास चाँदी के सिक्कों की देन थी।"

(3) एक दिन के वेतन में बाइबल के समय में लोग क्या कमा सकते हैं, इस विषय में धन के मूल्य का वर्णन करें।

"एक पर पाँच सौ दिन की मजदूरी, और दूसरे पर पचास दिन की मजदूरी की देन था।"

(4) बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और मूलपाठ या नोट में समतुल्य मूल्य को लिखें।

"एक पर पाँच सौ दिनार की 1 , और दूसरे पर पचास दिनार की देन थी. 2 "

फुटनोट्स कुछ इस तरह दिखेगा:

[1] पाँच सौ दिन की मजदूरी [2] पचास दिन की मजदूरी

(5) बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और इसे एक नोट में समझाएँ।

"एक पर पाँच सौ दिनार की 1 , और दूसरे पर पचास दिनार की देन थी।" (लूका 7:41 ULT)

[1] एक दिनार की मूल्य चाँदी की उतनी मात्रा थी, जिसे लोग एक दिन के काम को करके कमा सकते थे।


इब्रानी महीने

This section answers the following question: इब्रानी महीने कौन कौन से हैं?

वर्णन

बाइबल में उपयोग किए गए इब्रानी कैलेन्डर या पंचाग में बारह महीने हैं। पश्चिमी कैलेन्डर के विपरीत, इसका पहला महीना उत्तरी गोलार्ध के वसन्त में आरम्भ होता है। कभी-कभी एक महीने को उसके नाम (अबीब, जीव, सीवान) के द्वारा बुलाया जाता है, और कभी-कभी इसे इब्रानी कैलेन्डर वर्ष (पहले महीने, दूसरे महीने, तीसरे महीने) की अपनी व्यवस्था से बुलाया जाता है।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

  • पाठकों को उन महीनों को पढ़ने में आश्चर्य हो सकता है, जिनके बारे में उन्होंने कभी नहीं सुना है, और वे आश्चर्यचकित हो सकते हैं कि ये महीनों उन महीनों के अनुरूप कैसे हैं, जिन्हें वे उपयोग करते हैं।
  • पाठकों को यह एहसास नहीं हो सकता है कि "पहला महीना" या "दूसरा महीना" जैसे वाक्यांश इब्रानी कैलेन्डर के पहले या दूसरे महीने को सन्दर्भित करते हैं, किसी अन्य कैलेन्डर को नहीं।
  • पाठकों को पता नहीं हो सकता है कि इब्रानी कैलेन्डर का पहला महीना कब आरम्भ होता है।
  • पवित्रशास्त्र किसी निश्चित महीने में कुछ होने के बारे में बता सकता है, परन्तु पाठक यह समझने में सक्षम नहीं होंगे कि इसके बारे में क्या कहा जाता है, यदि वे नहीं जानते कि वर्ष की कौन सी ऋतु थी।

इब्रानी महीनों की सूची

यहाँ इब्रानी महीनों की एक सूची है, जो उनके बारे में जानकारी देती है, जो अनुवाद में सहायक हो सकते हैं।

अबीब - (इस महीने को बेबीलोन में निर्वासन के बाद नीसान कहा जाता है।) यह इब्रानी कैलेन्डर का पहला महीना है। यह चिन्हित करता है, कि परमेश्वर कब इस्राएल के लोगों को मिस्र से बाहर लाया था। यह वसन्त ऋतु का आरम्भ है, जब पिछली वर्षा होती है और लोग अपनी फसलों की कटनी आरम्भ करते हैं। यह मार्च के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर में अप्रैल के पहले भाग का समय है। फसह का त्यौहार अबीब 10 से आरम्भ होता है, अखमीरी रोटी का त्योहार इसके ठीक बाद में आता था, और कटनी का त्यौहार उसके कुछ हफ्ते बाद आता था।

जीव - यह इब्रानी कैलेन्डर का दूसरा महीना है। यह कटनी के ऋतु के समय आता है। यह अप्रैल के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे मई के पहले भाग का समय है।

शीवान - यह इब्रानी कैलेन्डर का तीसरा महीना है। यह कटनी की ऋतु के अन्त में और शुष्क ऋतु के आरम्भ में आता है। यह मई के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जून के पहले भाग का समय है। शीवान 6 से सप्ताहों का त्यौहार मनाया जाता है।

तम्मूज - यह इब्रानी कैलेन्डर का चौथा महीना है। यह शुष्क ऋतु के समय आता है। यह जून के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जुलाई के पहले भाग का समय है।

अब - यह इब्रानी कैलेन्डर का पाँचवाँ महीना है। यह शुष्क ऋतु के समय आता है। यह जुलाई के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे अगस्त के पहले भाग का समय है।

एलुल - यह इब्रानी कैलेन्डर का छठा महीना है। यह शुष्क ऋतु के अन्त में और वर्षा के ऋतु की आरम्भ में है। यह अगस्त के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे सितम्बर के पहले भाग का समय है।

इथानीम - यह इब्रानी कैलेन्डर का सातवाँ महीना है। यह आरम्भिक वर्षा की ऋतु के समय में आता है, जो बुवाई के लिए भूमि को नरम कर देती है। यह सितम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे अक्टूबर के पहले भाग का समय है। इस महीने में झोपड़ियों का त्यौहार और प्रायश्चित के दिन को मनाया जाता है।

बुल - यह इब्रानी कैलेन्डर का आठवाँ महीना है। यह वर्षा की ऋतु के समय में आता है जब लोग अपने खेतों को जोतते और बीज बोते हैं। यह अक्टूबर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे नवम्बर के पहले भाग का समय है।

कीस्लेव - यह इब्रानी कैलेन्डर का नौवाँ महीना है। यह बुवाई की ऋतु के अन्त में और ठण्ड की ऋतु की आरम्भ में आता है। यह नवम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे दिसम्बर के पहले भाग में है।

टीबेथ - यह इब्रानी कैलेन्डर का दसवाँ महीना है। यह ठण्ड के ऋतु के समय में आता है जब वर्षा और बर्फ हो सकती है। यह दिसम्बर के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे जनवरी के पहले भाग का समय है।

शेबत - यह इब्रानी कैलेन्डर का ग्यारहवाँ महीना है। यह वर्ष का सबसे ठण्डा महीना है, और इसमें भारी वर्षा होती है। यह जनवरी के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे फरवरी के पहले भाग का समय है।

अदार - यह इब्रानी कैलेन्डर का बारहवाँ और अन्तिम महीना है। यह ठण्ड की ऋतु का समय है।। यह फरवरी के अन्तिम भाग और पश्चिमी कैलेन्डर मे मार्च के पहले भाग का समय है। पुरीम नामक त्योहार अदार महीने में मनाया जाता है।

बाइबल से उदाहरण

तुम इस दिन मिस्र से बाहर जा रहे हैं, अबीब के महीने में। (निर्गमन 13:4 ULT)

तुम चौदहवें दिन के सूर्यास्त के समय से वर्ष के पहले महीने से लेकर, महीने के बीसवें दिन के सूर्यास्त तक अखमीरी रोटी खाना। (निर्गमन 12:18 ULT)

अनुवाद रणनीतियाँ

आपको महीनों के बारे में कुछ जानकारी स्पष्ट करने की आवश्यकता हो सकती है। (देखें कल्पित ज्ञान और अस्पष्ट जानकारी.)

  1. इब्रानी महीने की सँख्या बताएँ।
  2. उन महीनों का उपयोग करें जिन्हें लोग जानते हैं।
  3. स्पष्ट रूप से बताएँ कि महीना किस ऋतु में आया था।
  4. समय को महीने के सन्दर्भों में लेने की अपेक्षा ऋतु के सन्दर्भ में उद्धृत करें। (यदि सम्भव हो, तो इब्रानी महीने और दिन को दिखाने के लिए एक फुटनोट्स का उपयोग करें।)

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

नीचे दिए गए उदाहरण इन दो वचनों का उपयोग करते हैं।

उस समय, तुम मेरे सामनेअबीब के महीने** में आना, जो इस उद्देश्य के लिए निर्धारित है। यह इस महीने में ही हुआ था कि तुम मिस्र से बाहर आए थे।** (निर्गमन 23:15 ULT)

यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा किसातवें महीने में, महीने के दसवें दिन में**, तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए।** (लैव्यव्यवस्था 16:29 ULT)

  1. इब्रानी महीने की सँख्या बताएँ।

उस समय, तुम मेरे सामने वर्ष के पहले महीने में आना, जो इस उद्देश्य के लिए निर्धारित है। यह इस महीने में हुआ था कि तुम मिस्र से बाहर आए थे।

  1. उन महीनों का उपयोग करें जिन्हें लोग जानते हैं।

उस समय, तुम मेरे सामने मार्च महीने में आना, जो इस उद्देश्य के लिए निर्धारित है। यह इस महीने में हुआ था कि तुम मिस्र से बाहर आए थे।

यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि जिस दिन को मैं उत्तरोत्तर सितम्बर में चुनता हूँ तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए।"

(3) स्पष्ट रूप से बताएँ कि महीना किस ऋतु में आया था।

यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि पतझड़ ऋतु में, सातवें महीने के दसवें दिन तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए।

(4) समय को महीने के सन्दर्भों में लेने की अपेक्षा ऋतु के सन्दर्भ में उद्धृत करें।

यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि जिस दिन को मैं आरम्भिक पतझड़ ऋतु में चुनता हूँ 1 तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए।

  • फुटनोट्स कुछ इस तरह दिखेगा:

[1] इब्रानी कहता है, "सातवें महीना, महीने के दसवें दिन।"


संख्याएँ

This section answers the following question: मैं संख्याओं का अनुवाद कैसे करूँ?

विवरण

बाइबल में कई सँख्याएँ हैं। उन्हें शब्दों, जैसे "पाँच" या अंकों के रूप में, जैसे "5" के रूप में लिखा जा सकता है। कुछ सँख्याएँ बहुत बड़ी हैं, जैसे कि "दो सौ" (200), "बीस हजार" (22,000), या "दस करोड़" (100,000,000) कुछ भाषाओं में इन सभी सँख्याओं के लिए शब्द नहीं हैं। अनुवादकों को यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि सँख्याओं का अनुवाद कैसे करें और उन्हें शब्दों या अंकों के रूप में लिखना है या नहीं।

कुछ सँख्याएँ सटीक हैं और अन्य पूर्णांक हैं।

अब्राहम छियासी वर्षों का था जब हाजिरा ने इश्माएल को अब्राम से जन्म दिया। (उत्पत्ति 16:16 यूएलबी)

छियासी (86) एक सटीक सँख्या है।

उस दिन लगभग तीन हजार लोगों की मृत्यु हो गई। (निर्गमन 32:28 यूएलबी)

यहाँ सँख्या तीन हजार एक पूर्णांक सँख्या है। यह उससे थोड़ा अधिक या उससे थोड़ा कम हो सकती है। शब्द "लगभग" दिखाता है कि यह एक सटीक सँख्या नहीं है।

कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है

कुछ भाषाओं में इनमें से कुछ सँख्याओं के लिए शब्द नहीं हैं।

अनुवाद के सिद्धान्त

  • सटीक सँख्याओं का अनुवाद निकटता से और विशेष रूप से किया जा सकता है, जितना सम्भव वे हो सकती हैं।
  • पूर्णांक सँख्याओं का अधिक सामान्य रूप से अनुवाद किया जा सकता है।

बाइबल से उदाहरण

जब येरेद एक सौ बासठ वर्ष का हुआ, तब उसने हनोक को जन्म दिया। हनोक के जन्म के पश्चात् येरेद आठ सौ वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं। इस प्रकार येरेद की कुल आयु नौ सौ बासठ वर्ष की हुई; तत्पश्चात् वह मर गया। (उत्पत्ति 5:18-20 यूएलबी)

सँख्या 162, आठ सौ, और 962 सटीक सँख्याएँ हैं, और उन सँख्याओं के निकटता में जितना अधिक सम्भव हो सके अनुवाद किया जाना चाहिए।

हे हमारी बहन, तू हजारों लाखों की आदिमाता हो (उत्पत्ति 24:60 यूएलबी)

यह एक पूर्णांक सँख्या है। यह पूर्ण रीति से नहीं कहता कि उसके कितने वंशज होने चाहिए, परन्तु उनमें से यह एक बड़ी सँख्या थी।

अनुवाद की रणनीतियाँ

  1. अंक का उपयोग कर सँख्याएँ लिखें।
  2. उन सँख्याओं के लिए अपनी भाषा के शब्दों या गेटवे भाषा प्रवेशिका भाषा के शब्दों का उपयोग करके सँख्याएँ लिखें।
  3. शब्दों का उपयोग करके सँख्याएँ लिखें, और अंक उनके बाद कोष्टक में रखें।
  4. बड़ी सँख्याओं के लिए शब्दों को आपस में जोड़ दें।
  5. बहुत बड़ी पूर्णांक सँख्याओं के लिए एक बहुत ही सामान्य अभिव्यक्ति का उपयोग करें और बाद में कोष्टक में अंक लिखें।

अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण

हम अपने उदाहरणों में निम्नलिखित वचन का उपयोग करेंगे:

सुन, मैंने अपने क्लेश के समय यहोवा के भवन के लिये एक लाख किक्कार सोना, और दस लाख किक्कार चाँदी, और पीतल और लोहा इतना इकट्ठा किया है,(1 इतिहास 22:14 यूएलबी)

(1) अंक का उपयोग कर सँख्या लिखें।

मैंने यहोवा के घर के लिए तैयार किया है 100,000 सोने के किक्कार, 1,000,000 चाँदी, और कांस्य और लौहे के बड़ी मात्रा में किक्कार।

(2) उन सँख्याओं के लिए अपनी भाषा के शब्दों या गेटवे भाषा शब्दों का उपयोग करके सँख्याएँ लिखें।

मैंने यहोवा के घर के लिए तैयार किया है एक लाख सोने के किक्कार, दस लाख चाँदी, और कांस्य और लोहे के बड़ी मात्रा में किक्कार।

(3) शब्दों का उपयोग करके सँख्याएँ लिखें, और अंक उनके बाद कोष्टक में रखें।

मैंने यहोवा के घर के लिए एक सौ हजार (100,000) सोने के किक्कार, एक सौ लाख (1,000,000) चाँदी, और कांस्य और लौहे के बड़ी मात्रा में किक्कार तैयार किए हैं।

(4) बड़ी सँख्याओं के लिए शब्दों को आपस में जोड़ दें।

मैंने यहोवा के घर के लिए तैयार किया है एक सौ हजार सोने के किक्कार, दस लाख चाँदी, और कांस्य और लौह के बड़ी मात्रा में किक्कार तैयार किए हैं।

(5) बहुत बड़ी पूर्णांक सँख्याओं के लिए एक बहुत ही सामान्य अभिव्यक्ति का उपयोग करें और बाद में कोष्टक में अंक लिखें।

मैंने यहोवा के घर के लिए तैयार किया है सोने की एक बड़ी मात्रा (100,000 किक्कार), चाँदी का दस गुणा अधिक (1,000,000 किक्कार), और बड़ी मात्रा में कांस्य और लौह।

सुसंगता

अपने अनुवाद में सुसंगत रहें। सँख्याओं या अंकों का उपयोग करके, सँख्याओं का अनुवाद कैसे किया जाएगा, निर्धारित करें। सुसंगत होने के विभिन्न तरीके हैं।

  • हर समय सँख्याओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए शब्दों का प्रयोग करें। (आपके पास बहुत लम्बा शब्द हो सकता है।)
  • हर समय सँख्याओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए अंकों का उपयोग करें।
  • उन शब्दों का प्रतिनिधित्व करने के लिए शब्दों का उपयोग करें जिनके लिए आपकी भाषा में शब्द हैं और सँख्याओं के लिए अंकों का उपयोग करें, जिनके लिए आपकी भाषा में शब्द नहीं हैं।
  • छोटी सँख्या के लिए कम शब्दों का और बड़ी सँख्याओं के लिए अंकों का प्रयोग करें।
  • उन सँख्याओं के लिए शब्दों का उपयोग करें, जिनके लिए कुछ शब्दों और अंकों के लिए सँख्याओं की आवश्यकता होती है, जिन्हें कुछ शब्दों की ही आवश्यकता होती है।
  • सँख्याओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए शब्दों का प्रयोग करें, और उनके बाद कोष्टक में अंकों को लिखें।

यूएलटी और यूएसटी अनुवादों में सुगंतता

अनफोल्डिंग वर्ड® लिट्रल टेक्स्ट (यूएलटी) और अनफोल्डिंग वर्ड® सिम्प्लिफिएड टेक्स्ट (यूएसटी) उन सँख्याओं के लिए शब्दों का उपयोग करती है, जिनमें केवल एक या दो शब्द (नौ, सोलह, तीन सौ) हैं। ये सँख्याओं के लिए अंकों का उपयोग करती हैं, जिनमें दो से अधिक शब्द होते हैं ("एक सौ तीस" की अपेक्षा अंक "130")।

जब आदम एक सौ तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा उसकी समानता में उस ही के स्वरूप के अनुसार एक पुत्र उत्पन्न हुआ। उसने उसका नाम शेत रखा। और शेत के जन्म के पश्चात् आदम आठ सौ वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं। इस प्रकार आदम की कुल आयु नौ सौ तीस वर्ष की हुई, तत्पश्चात् वह मर गया। (उत्पत्ति 5:3-5 यूएलबी)


क्रमसूचक संख्याएँ

This section answers the following question: क्रमसूचक संख्याएँ क्या हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ?

वर्णन

मूल रूप से किसी सूची में किसी बात की स्थिति बताने के लिए बाइबल में सामान्य सँख्याओं का उपयोग किया जाता है।

उसने कलीसिया को पहले प्रेरितों, दूसरा भविष्यद्वक्ताओं, तीसरा शिक्षकों को दिया, तब उनको जो सामर्थ्य के काम करते हैं (1 कुरिन्थियों 12:28 ULT)

यह सेवकों की एक सूची है, जिसे परमेश्वर ने अपने क्रम में कलीसिया को दिया है।

अंग्रेजी में क्रमसूचक सँख्याएँ

अंग्रेजी में अधिकांश क्रमसूचक सँख्याओं में केवल "-th" को अन्त में जोड़ा दिया जाता है।

अंक सँख्या क्रमसूचक सँख्या
4 चार चौथा
10 दस दसवाँ
100 एक सौ एक सौवाँ
1000 एक हजार एक हज़ारवाँ

अंग्रेजी में कुछ क्रमसूचक सँख्याएँ इस पद्धित का पालन नहीं करती हैं।

अंक सँख्या क्रमसूचक सँख्या
1 एक पहला
2 दो दूसरा
3 तीन तीसरा
5 पाँच पाँचवाँ
12 बारह बारहवाँ

कारण यह अनुवाद की समस्या है

कुछ भाषाओं की सूची में वस्तुओं का क्रम दिखाने के लिए विशेष सँख्या नहीं होती है। इससे निपटने के विभिन्न तरीके पाए जाते हैं।

बाइबल से उदाहरण

पहली चिट्ठी यहोयारीब, दूसरी यदायाह, तीसरी हारीम, चौथी सोरीम के ऊपर निकली, … तेईसवाँ दलायाह की, और चौबीसवीं माज्याह के नाम पर निकली। (1 इतिहास 24:7-18 यूएलबी)

लोगों ने बहुत सारी चिट्ठीयाँ डाली और की गई व्यवस्था के अनुसार चिट्ठीयाँ इन लोगों में से प्रत्येक के नाम पर निकली।

तूझे उसमें बहुमूल्य पत्थरों की चार पंक्तियाँ रखनी होंगी। पहली पंक्ति में एक माणिक्य, एक पद्मराग और एक लालड़ी होनी चाहिए। दूसरी पंक्ति में एक मरकत, एक नीलमणि, और एक हीरा होना चाहिए। तीसरी पंक्ति में एक लशम, एक सूर्यकांत, और एक नीलम होना चाहिए। चौथा पंक्ति में एक फोरीजा, और एक सुलैमानी मणि, और एक यशब होना चाहिए। उन्हें सोने की खानों में जड़ा जाना चाहिए। (निर्गमन 28:17-20 ULT)

यह पत्थरों की चार पंक्तियों का वर्णन करता है। पहली पंक्ति कदाचित् शीर्ष पंक्ति है, और चौथी पंक्ति कदाचित् नीचे वाली पंक्ति है।

अनुवाद रणनीतियाँ

यदि आपकी भाषा में क्रमसूचक सँख्याएँ हैं और उनका उपयोग करने से सही अर्थ प्राप्त होगा, तो उनका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ दी गई कुछ रणनीतियों पर विचार करना चाहिए:

  1. पहले वस्तु के साथ "एक" और शेष के साथ "दूसरा" या "अगला" का प्रयोग करें।
  2. वस्तुओं की कुल सँख्या बताएँ और फिर उन्हें सूचीबद्ध करें या उनके साथ जुड़ी बातों को सूचीबद्ध करें।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

  1. पहले वस्तु के साथ "एक" और शेष के साथ "दूसरा" या "अगला" का प्रयोग करें।

पहली यहोयारीब के नाम पर, यदायाह को दूसरी, हारीम को तीसरी, सोरीम को चौथी,… तेईसवीं दलायाह और चौबीसवीं माज्याह पर निकली। (1 इतिहास 24:7- 18 ULT)

चौबीस चिट्ठीयाँ थी। एक चिट्ठी यहोयारीब के नाम पर, अन्य यदायाह, अन्य हारिम पर,... अन्य दलायाह के पर, और अन्तिम माज्याह के नाम पर निकली। *** चौबीस*** चिट्ठीयाँ थी। एक चिट्टी यहोयारीब के पास गई, अगली यदायाह, उससे अगली हारीम के पास,... उससे अगली दलायाह के पास, और अन्तिम माज्याह के पाई गई।

वाटिका को पानी देने के लिए अदन से एक नदी निकाली गई। वहाँ से यह विभाजित हो गई और चार नदियाँ बन गईं। पहली का नाम पिशोन है। यह वह है, जो हवीला की सारी भूमि में बहती है, जहाँ सोना है। उस भूमि का सोना अच्छा है। वहाँ मोती और सुलैमानी पत्थर भी है। दूसरी नदी का नाम गीहोन है। यह कूश की पूरी भूमि में बहती है। तीसरी नदी का नाम हिद्देकेल है, जो अश्शूर के पूर्व में बहता है। चौथी नदी फरात है। (उत्पत्ति 2:10-14 ULT)

वाटिका को पानी देने के लिए अदन से एक नदी निकाली गई। वहाँ से यह विभाजित हो गई और चार नदियाँ बन गईं। एक का नाम पिशोन है। यह वह है, जो हवीला की सारी भूमि में बहती है, जहाँ सोना है। उस भूमि का सोना अच्छा है। वहाँ मोती और सुलैमानी पत्थर भी है। अगली नदी का नाम गीहोन है। यह कूश की पूरी भूमि में बहती है। अगली नदी का नाम हिद्देकेल है, जो अश्शूर के पूर्व में बहता है। अन्तिम नदी फरात है।

(2) वस्तुओं की कुल सँख्या बताएँ और फिर उन्हें सूचीबद्ध करें या उनके साथ जुड़ी बातों को सूचीबद्ध करें।

पहली यहोयारीब के नाम पर, यदायाह को दूसरी, हारीम को तीसरी, सोरीम को चौथी,… तेईसवीं दलायाह और चौबीसवीं माज्याह पर निकली। (1 इतिहास 24:7- 18 ULT)

उन्होंने चौबीस चिट्ठीयों को डाला था। चिट्ठीयाँ यरोयारीब, यदायाह, हारीम, सोरीम,... दलायाह और माज्याह के नाम पर निकली।


अंश

This section answers the following question: अंश क्या होते हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ?

विवरण

अंश एक प्रकार की सँख्या है जो सम्पूर्णता का प्रतिनिधित्व करती है।  जब किसी वस्तु को अनेक बराबर अंशों में विभाजित किया जाता है तब उसका एक अंश उन अंशों में से एक या अनेक अंशों का सन्दर्भ देता है।

यहोवा को सुखदायक सुगंध देनेवाला तिहाई हीन दाखमधु। (गिनती 15:7 ULT)

हीन एक निर्धारित पात्र होता है, जो दाखरस और अन्य तरल पदार्थ को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। उन लोगों को हीन नामक पात्र को तीन बराबर भागों में विभाजित करने की कल्पना करनी होती थी और उसके एक ही भाग तक तरल पदार्थ भरना होता था।

एक तिहाई जहाज नष्ट हो गए। (प्रकाशितवाक्य 8:9 ULT)

समुद्र में अनेक जहाज थे| यदि इन सब जहाज़ों को तीन बराबर भागों में विभाजित किया जाए तो उनका एक बेड़ा नष्ट हो गया था।

अंग्रेज़ी में अधिकाँश अंशों को दर्शाने वाले शब्दों के अंत में "th" होता है जैसे  फॉरth, सिक्सth, नाइनth,  टेनth.

सम्पूर्ण को अनेक अंशों में विभाजित किया जाता है | अंश | |……………..|………………..| फॉर | फोर्थ | | टेन |टेंथ | वन हंड्रेड | वन हनडरेथ | |वन थाऊजन | वन थऊसेन्थ |

अंग्रेजी में कुछ अंश इस पद्धति का पालन नहीं करते हैं।

| पूरे भाग को अनेक |अंश | में विभाजित किया गया है | अंश | |-------- | -------- || दो | आधा || तीन | तीसरा | | पाँच | पाँचवाँ |

इसे अनुवाद की समस्या होने के कारण

कुछ भाषाओं में अंशों का प्रयोग नहीं किया जाता है| वे केवल भागों या समूहों का उल्लेख करती हैं, परन्तु वे अंशों द्वारा संकेत नहीं देती हैं कि कोई भाग कितना बड़ा हैं या किसी समूह में कितने भाग हैं|

बाईबल से उदाहरण

अब मनश्शे के आधे गोत्रियों को, मूसा ने बाशान में भाग दिया था परन्तु दुसरे आधेगोत्र को, यहोशू ने… यदरन के पश्चिम की ओर भाग दिया था। (यहोशू 22:7 ULT)

मनश्शे का गोत्र दो समूहों में बांटा गया। यह वाक्यांश, "मनश्शे केआधे गोत्रियों उन दो समूहों में से एक के सन्दर्भ में है| दुसरे आधे का सन्दर्भ दुसरे समूह से है।

वे चारों स्वर्गदूत…जो उस घड़ी…के लिए मनुष्यों की एक तिहाई को मार डालने को तैयार किए गए थे। (प्रकाशितवाक्य 9:15 ULT)

यदि सब लोगों को तीन बराबर समूहों में विभाजित किया जाए, तो एक समूह के लोगों की सँख्या मारी जाएगी।

और चौथाई हीन अर्घ करके देना। (गिनती 15:5 ULT)

वे एक हीन को काल्पनिक चार बराबर भागों में विभाजित करके एक भाग दाखमधु लेते थे|

अनुवाद कौशल

यदि आपकी भाषा में कोई अंश सही अर्थ देता है, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो आप इस कौशल पर विचार कर सकते हैं।

(1) उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिनमें किसी वस्तु को विभाजित किया जाएगा, और फिर उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिन्हें सन्दर्भित किया जा रहा है।

(2) वजन और लम्बाई के माप के लिए, उस इकाई का उपयोग करें जो आपके लोगों को पता हो या जो ईकाइयां UST में हों।

(3)माप के लिए, अपनी भाषा में उपयोग किए जाने वाले मापों का ही उपयोग करें। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपका माप मीट्रिक प्रणाली अर्थात् दशमलव पद्धति से कैसे सम्बन्धित है और आप प्रत्येक माप को समझें।

अनुवाद के कौशल को व्यावहार में लाने के उदाहरण

(1) उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिसमें किसी वास्तु को विभाजित किया जाएगा, तदोपरांत उन भागों या समूहों का वर्णन करें जिनको संदर्भित किया जा रहा है।

समुद्र का एक तिहाई लहू हो गया (प्रकाशितवाक्य 8:8 ULT)

यह ऐसे था कि मानो उन्होंने समुद्र को तीन भागों में विभाजित कर दिया, और समुद्र का एक भाग रक्त बन गया।

तब बछेड़े का चढ़ाने वाला उसके संग आधा हीन तेल से सना हुआ एपा का तीन दसवां अंशअन्नबलि करके चढ़ाए। (गिनती 15:9 ULT)

… तब तू मैदे का एक एपा दस भागों में विभाजित करना और तेल के एक हीन को दो भागों में विभाजित करना. तब मैदे के उन तीन भागों को तेल के दो भागों में से एक में सान लेना,तदोपरांत उस अन्नबलि को बछड़े के साथ चढ़ाना।

(2) माप के लिए, USTअनुवाद में दिए गए माप का उपयोग करें। USTअनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मापों का संरूपण किया हुआ है।

शेकेल का दो तिहाई (1 शमूएल 13:21 ULT)

…चाँदी के आठ ग्राम…(1 शमूएल 13:21 UST)

आधा हीन तेल में सना हुआ एपा का तीन दसवां अंश मैदा (गिनती 15:9 ULT) यूएलबी

साढ़े छह लीटर मैदे दो लीटर जैतून के तेल में मिलाया जाए। (गिनती 15:9 ULT)

(3) माप के लिए, अपनी भाषा में उपयोग किए जाने वाले मापों का ही उपयोग करें। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपका माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित है और आपको प्रत्येक माप को समझना होगा।

आधा हीन तेल में सना हुआ एपा का तीन दसवां अंश मैदा (गिनती 15:9 ULT)

छः क्वार्ट मैदा दो क्वार्ट तेल के साथ मिला हुआ।


प्रतीकात्मक कार्य

This section answers the following question: प्रतीकात्मक कार्य क्या है और उनका अनुवाद कैसे करूँ?

वर्णन

एक प्रतीकात्मक गतिविधि कुछ ऐसी बात होती है, जिसे एक निश्चित विचार को व्यक्त करने के लिए कोई करता है। उदाहरण के लिए, कुछ संस्कृतियों में लोगों ने अपने सिर को ऊपर और नीचे हिलाते हुए "हाँ" का या अपने सिर को इधर से उधर हिलाते हुए "ना" का अर्थ दिया है। प्रतीकात्मक कार्यों का अर्थ सभी संस्कृतियों में एक ही बात से नहीं होता है। बाइबल में, कभी-कभी लोग प्रतीकात्मक कार्य करते हैं और कभी-कभी वे केवल प्रतीकात्मक गतिविधि को सन्दर्भित करते हैं।

प्रतीकात्मक कार्यों के उदाहरण

  • कुछ संस्कृतियों में लोग यह दिखाने के लिए हाथ मिलाते हैं कि वे मित्रतापूर्ण बनने के लिए इच्छुक हैं।
  • कुछ संस्कृतियों में लोग आगे की ओर झुकते हैं, जब वे एक-दूसरे का सम्मान करने के लिए मिलते हैं।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

एक गतिविधि का एक संस्कृति में अपना अर्थ हो सकता है, और किसी अन्य संस्कृति में एक अलग अर्थ या कोई अर्थ नहीं हो सकता है। उदाहरण के लिए, कुछ संस्कृतियों में भौहें उठाने का अर्थ "मैं आश्चर्यचकित हूँ" या "आपने क्या कहा है?" होता है। अन्य संस्कृतियों में इसका अर्थ "हाँ" होता है।

बाइबल में लोगों ने ऐसी बातें की जिनका उनकी संस्कृति में कुछ अर्थ थे। जब हम बाइबल पढ़ते हैं, तो हम समझ नहीं पाएँ कि किसी बात का क्या अर्थ है, यदि हम अपनी संस्कृति में इसका अर्थ यह है, पर आधारित होकर गतिविधि की व्याख्या करते हैं।

आपको (अनुवादकों को) यह समझने की आवश्यकता होती है कि बाइबल में लोगों का क्या अर्थ था, जब उन्होंने प्रतीकात्मक गतिविधियों का उपयोग किया। यदि किसी गतिविधि का अर्थ उनकी संस्कृति में वही बात नहीं है, तो उन्हें यह समझने की आवश्यकता है कि उस गतिविधि का क्या अर्थ है, जिसका अनुवाद करना है।

बाइबल से उदाहरण

याईर यीशु के पैरों पर गिर गया। (लूका 8:41 ULT)

प्रतीकात्मक गतिविधि का अर्थ: उसने यीशु के प्रति बहुत अधिक सम्मान दिखाने के लिए ऐसा किया।

देख, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ। यदि कोई मेरी आवाज सुनता है, और दरवाजे को खोलता है, तो मैं उसके घर के भीतर आऊँगा, और उसके साथ भोजन करूँगा, और वह मेरे साथ। (प्रकाशितवाक्य 3:20 ULT)

प्रतीकात्मक गतिविधि का अर्थ: जब लोग चाहते थे कि कोई उन्हें अपने घर में स्वागत करे, तो वे दरवाजे पर खड़े होकर उस पर खटखटाए थे।

अनुवाद की रणनीतियाँ

यदि लोग सटकीता से समझेंगे कि बाइबल में लोगों के लिए एक प्रतीकात्मक कार्यवाही का क्या अर्थ है, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो अनुवाद करने के लिए यहाँ कुछ रणनीतियाँ दी गई हैं।

  1. बताएँ कि व्यक्ति ने क्या किया और उसने ऐसा क्यों किया।
  2. यह मत बताएँ कि व्यक्ति ने क्या किया, परन्तु बताएँ कि उसका क्या अर्थ है।
  3. अपनी संस्कृति से एक गतिविधि का प्रयोग करें जिसका अर्थ वैसा ही है। इसे केवल काव्य, दृष्टान्त, और उपदेशों में ही करें। तब ऐसा न करें जब वास्तव में एक व्यक्ति था जिसने एक विशेष गतिविधि की था।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

  1. बताएँ कि व्यक्ति ने क्या किया और उसने ऐसा क्यों किया।

याईर यीशु के पैरों पर गिर गया। (लूका 8:41 ULT)

यीशु के पैरों पर याईर यह दिखाने के लिए गिर गया कि वह उसका बहुत अधिक सम्मान करता था।

देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ। (प्रकाशितवाक्य 3:20 ULT)

देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और उस को खटखटा रहूँ हूँ, जिससे कि तुम मुझे भीतर आने के लिए कहो।

  1. यह मत बताएँ कि व्यक्ति ने क्या किया, परन्तु बताएँ कि उसका क्या अर्थ है।

याईर यीशु के पैरों पर गिर गया। (लूका 8:41)

याईर ने यीशु को बहुत अधिक सम्मान दिखाया।

देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ। (प्रकाशितवाक्य 3:20)

देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और तुम से भीतर आने के लिए कहता हूँ।

  1. अपनी संस्कृति से एक गतिविधि का प्रयोग करें जिसका अर्थ वैसा ही है।

याईर यीशु के चरणों में गिर गया। (लूका 8:41 यूएलटी) - क्योंकि याईर ने वास्तव में ऐसा किया था, इसलिए हम अपनी संस्कृति से इसके लिए कोई विकल्प नहीं देंगे।

देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और खटखटाता हूँ। (प्रकाशितवाक्य 3:20 यूएलबी) - यीशु एक वास्तविक दरवाजे पर नहीं खड़ा था। अपितु वह लोगों के साथ सम्बन्ध बनाने के बारे में बात कर रहा था। इस कारण ऐसी संस्कृतियाँ जहाँ एक घर में भीतर जाने की इच्छा रखते समय किसी के द्वारा गले से हुंकार भरना विनम्र तरीका है, तो आप उसका उपयोग कर सकते हैं

देखो, मैं दरवाजे पर खड़ा हूँ और अपने गले से हुंकार भर रहा हूँ।


भाषा के अलंकार

This section answers the following question: भााषा के अलंकार कौन कौनसे हैं?

अलंकार के विशेष अर्थ होते हैं जो उसके एक एक शब्दों के अर्थ के समान नही होते हैं। अलंकार के कर्इ प्रकार होते हैं। यह पृष्ठ बाइबल में प्रयुक्त इस प्रकार के शब्दों की सूची की जानकारी देता है।

वर्णन

अलंकार बातों को कहने का एक तरीका है जिसमें शब्दों का उपयोग गैर-शाब्दिक तौर पर होता है। अर्थात, अलंकार का अर्थ उसमें प्रयुक्त एक एक शब्द के प्रत्यक्ष अर्थ के समान नही होता है। अर्थ का अनुवाद करने के लिए, आपको अलंकार को पहचानना है और जानना है कि आपकी भाषा में उस अलंकार के लिए क्या इस्तेमाल होता है। तब आप चुन सकते हैं कि स्रोत भाषा में उसके अर्थ को समझाने के लिए अलंकार का प्रयोग करें या सीधा अर्थ बताएँ।

प्रकार

नीचे अलंकार के प्रकारों को लिखा गया है। यदि आप अधिक जानकारी चाहते हैं तो रंगीन शब्दों पर क्लिक करें जिससे आप प्रत्येक अलंकार की परिभाषाओं, उदाहरणों एवं वीडियो के पेज पर जा सकते हैं

  • संबोधन Apostrophe - संबोधन एक अलंकार है जिसमें वक्ता ऐसे व्यक्ति या वस्तु की बात करता है जो वहाँ उपस्थित नही है
  • युग्मक Doublet - युग्मक ऐसे शब्दों या छोटे छोटे कथनों का जोड़ा होता है जिनका अर्थ समान होता और उपयोग समान कथनों में किया जाता है। बाइबल में, युग्मकों का उपयोग कविताओं, भविष्यवाणियों और किसी विचार को महत्व देने वाले संदेशों में हुआ है।
  • शिष्ट प्रयोग Euphemism - शिष्ट प्रयोग किसी अप्रिय अथवा निंदित बात को मृदुल तरीके से कहने का तरीका है। इसका उद्देश्य सुनने या पठने वाले लोगों को चोट नही पहुँचाना है।
  • युगल शब्द Hendiadys - युगल शब्द में एक विचार को दो शब्दों में प्रकट किया जाता है जो आपस में ‘‘और’’ से जुड़े होते हैं एवं एक से दूसरे को बदला जा सकता है।
  • अतिशयोक्ति Hyperbole - अतिशयोक्ति मनपूर्वक बढ़ा चढ़ाकर कहे जाने का एक तरीका है जिससे लेखक अपनी भावनाओं या विचारों को प्रकट करना वाहता है।
  • मुहावरा Idiom - मुहावरा शब्दों का समूह है जिसका एक संयुक्त अर्थ होता है जो उसमें प्रयुक्त प्रत्येक शब्द के सीधे अर्थ से अलग होता है।
  • व्यंग्यIrony - व्यंग्य एक अलंकार है जिसमें लेखक का विचार लिखे गए शब्द के सीधे अर्थ से विपरीत होता है।
  • विडंबना Litotes - विडंबना नकारात्मक अथवा विपरीत के विचारों के द्वारा किसी वस्तु के बारे में प्रकट किया गया कथन है।
  • मेरिस्म Merism - वैपरित्व एक अलंकार है जिसमें एक व्यक्ति उसके किसी एक भाग की ओर इशारा कर, उसकी दोनो पराकाष्ठा अथवा चरमसीमा को व्यक्त करता है।
  • रूपक Metaphor - रूपक एक अलंकार है जिसमें एक विचार के स्थान पर दूसरे विचार का इस्तेमाल होता है और दोनों विचार एक दूसरे से संबंधित नही होते हैं। इससे श्रोता यह सोचने को मजबुर हो जाता है कि इन विपरीत विचारों में समान क्या है। अर्थात, रूपक दो विपरीत वस्तुओं के बीच की अंतर्निहित तुलना है।
  • मेटोनिमी Metonymy - मेटोनिमी एक अलंकार है जिसमें एक वस्तु अथवा विचार को उसके नाम से नही, परंतु उससे जुड़े किसी और नाम से पुकारा जाता है। मेटोनिम एक शब्द या कथन है जिसका उपयोग किसी वस्तु के बदले में होता है जिससे वह जुड़ी है।
  • समरूपता Parallelism - समरूपता में, संरचना या विचार में समान दिखने वाले दो कथनों या वाक्यांशों का एक साथ उपयोग होता है। यह पूरी इब्री बाइबल में पाया जाता है, विशेषकर, भजन संहिता एवं नीतिवचन की कविताओं में।
  • मानवीकरण Personification - मानवीकरण एक अलंकार है जिसमें एक वस्तु या विचार कोएक मनुष्य के समान प्रकट किया जाता है और उसमें एक मनुष्य जैसी योग्यताएँ हैं।
  • भविष्यसूचक अतीत Predictive Past - भविष्यसूचक अतीत कुछ भाषाओं के द्वारा उपयोग किया जाने वाला रूप है जो भविष्य में घटने वाली बातों को प्रकट करता है। इनका उपयोग भविष्यवाणियों में यह दिखाने के लिए होता है कि ये पूरी होंगी।
  • शब्दाडंबर प्रश्न Rhetorical Question - शब्दाडंबर प्रश्न एक ऐसा प्रश्न है जिसे मात्र सूचना पाने के अधिक के लिए उपयोग किया जाता है। अक्सर यह विषय अथवा श्रोता के प्रति वक्ता के व्यवहार को प्रकट करता है। इसका उपयोग अक्सर डाँट, फटकार के लिए होता है, परंतु कुछ भाषाओं में इसके अलग उद्देश्य भी हैं
  • उपमा Simile - उपमा दो बातों की तुलना है जिन्हे आम तौर पर समान नही माना जाता। यह उन दोनों वस्तुओं में समान दिखने वाली बात पर केन्द्रित होता एवं ‘‘जैसे’’, ‘‘समान’’ ‘‘तरह’’ जैसे शब्दों का उपयोग करता है।
  • उपलक्ष्य अलंकार Synecdoche - उपलक्ष्य अलंकार एक अलंकार है जिसमें 1) किसी वस्तु के एक भाग के नाम का उपयोग उस पूरी वस्तु के वर्णन में होता है; या 2) पूरी वस्तु के नाम का उपयोग उसके किसी एक भाग के वर्णन के लिए होता है।

संबोधक चिन्ह

This section answers the following question: संबोधक चिन्ह नामक विराम चिन्ह का क्या अर्थ है?

विवरण

संबोधक चिन्ह विराम चिन्हों में से एक चिन्ह है जहाँ वक्ता अपने श्रोताओं का ध्यान आकर्षित करता और उससे या किसी चीज से बात करता है जिसके बारे में उसे पता है कि वह उसे सुन नही सकता। वह श्रोताओं को किसी व्यक्ति या वस्तु के बारे में अपना संदेश या भावनाओं को शक्तिशाली तरीके से बताने के लिए ऐसा करता है।

कारण यह एक अनुवाद का विषय है

कर्इ भाषाएँ संबोधक चिन्ह का उपयोग नही करती हैं और पाठक इससे संदेह में पड़ सकते हैं। वे आश्चर्य में पड़ जाते हैं कि वक्ता किससे बात कर रहा है या सोचते हैं कि वक्ता पागल हो गया है जो अपनी बातें किसी ऐसी वस्तु या लोगों से बताने की कोशिश कर रहा है जो उसे सुन नही सकते।

बाइबल से उदाहरण

हे गिलबो पहाड़ों, तुम पर न ओस पड़े। (2 शमूएल 1∶21अ ULT)

राजा शाऊल को गिलबो पर्वत पर मार दिया गया था और दाऊद ने इसके बारे में एक दुखद गीत गाया। इन पर्वतों को वर्णन कर वह यह बताना चाहता था कि उनके पास न तो ओस हो और न ही वर्षा, उसने दिखाया कि वह कितना अधिक दुखी था।

हे यरूशलेम! हे यरूशलेम! तू जो भविष्यद्वक्ताओं को मार डालता है, और जो तेरे पास भेजे गए उन्हें पत्थराव करता है। (लूका 13:34अULT)

यीशु अपने शिष्यों और फरीसियों के एक समूह के सामने यरूशलेम के लोगों के लिए अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रहा था। यरूशलेम से सीधे बात करके जैसे कि उसके लोग उसे सुन सकते हो, यीशु ने यह दिखाया कि वह उनके बारे में कितनी गहराई से चिन्ता करता है।

उस जन ने यहोवा से वचन पाकर वेदी के विरुद्ध यह पुकारा, “वेदी, हे वेदी! यहोवा यह कहता है, ‘कि सुन … तुझ पर मनुष्यों की हड्डियाँ जलाई जाएँगी।’” (1 राजा 13:2 ULT)

परमेश्वर के जन ने ऐसे बोला कि जैसे वेदी उसे सुन सकती थी, परन्तु वह सचमुच राजा को, जो वहाँ खड़ा था, उसकी बात सुनना चाहता था।

अनुवाद रणनितियाँ

यदि संबोधक चिन्ह स्वभाविक होगा और अपनी भाषा में सही अर्थ देगा, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। परन्तु यदि बोलने का यह तरीका आपके लोगों को भ्रमित करने वाला होगा, तो वक्ता को लोगों से बोलता रहे जो उसे सुन रहे हैं जब वह उन्हें अपना संदेश देता या लोगों के बारे में भावनाओं को बताता है या ऐसी बात जिन्हें वे नहीं सुन सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण देखें।

अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण

उस जन ने यहोवा से वचन पाकर वेदी के विरुद्ध यह पुकारा, “वेदी, हे वेदी! यहोवा यह कहता है, ‘कि सुन … तुझ पर मनुष्यों की हड्डियाँ जलाई जाएँगी।’” (1 राजा 13:2 ULT)

उसने यह वेदी के बारे में कहा∶ “यहोवा यह कहता है इस वेदी के बारे। ‘सुन … तुझ पर मनुष्यों की हड्डियाँ जलाई जाएँगी।’”

हे गिलबो पहाड़ों, तुम पर न ओस पड़े। (2 शमूएल 1∶21अ ULT)

जहाँ तक गिलबो पहाड़ों की बात है, उन पर कोई ओस न पड़े।


परोक्ष टिपण्णी

This section answers the following question: परोक्ष टिप्पणी, यह अलंकर वास्तव में क्या है?

परोक्ष टिपण्णी

परोक्ष टिपण्णी एक रूपक है जिसमें किसी मनुष्य या किसी समूह से वार्तालाप करनेवाला बीच में ही रुक कर स्वयं से या किसी और से श्रोता के विषय कुछ बोलता है| वक्ता उस व्यक्ति विशेष या समूह के बारे में अपनी भावनाओं को या विचारों को प्रबल रूप में व्यक्त करता है|

इसको अनुवाद की समस्या होने का कारण

अनेक भाषाओं में इस परोक्ष टिपण्णी का उपयोग नहीं किया जाता है और पाठक इसके कारण उलझन में पढ़ सकते हैं| वे आश्चर्य करते हैं कि श्रोता ने अकस्मात् ही श्रोताओं के बारे में स्वयं से या किसी और से बात करना क्यों आरंभ कर दिया है?

बाईबल से उदाहरण

तेरी वाचा के लोग तुझे सीमा पर ढकेल रहे हैं| तेरे साथ शांति बनाए रखने वाले लोग तुझे धोखा दे रहे हैं और तुझ पर प्रबल हो रहे है| जो तेरी रोटी खाते हैं तेरे लिए फंदा लगाते हैं उसमें कुछ समझ नहीं है| (ओबद्ध्याह 1:7 ULT)

पहली तीन पंक्तिओं में, यहोवा एदोम के के लोगों से कह रहा है कि उन्होंने यहूदा का साथ नहीं दिया है इसलिए उनके साथ क्या होगा| चौथी पंक्ति में यहोवा एदोम के बारे में स्वयं से बात कर रहा है|

मैं ने उनको सब अन्यजातियों से शुद्ध किया| और..बारी और काम ठहरा दिया: याजक और लेवीयोँ के लिए, एक-एक को उसका काम और लकड़ी ले आने के निश्चित समय ठहरा दिए; और पहली उपज देने का समय भी निश्चित कर दिया है| हे मेरे परमेश्वर! मेरे हित के लिए मुझे स्मरण रख|

नहेम्याह अपने विवरण के पाठकों से बातें कर रहा है और निर्वासन से लौट कर आने वालों के लिए यहूदा में सच्ची आराधना के पुनः स्थापन में किए गए उसके कामों में से कुछ का उल्लेख कर रहा है| अकस्मात् ही वह हट कर परमेश्वर से परोक्ष बात करता है,वह परमेश्वर से निवेदन करता है कि उसने उन लोगों के लिए जो किया है उसके निमित परमेश्वर उसको, नहेम्याह को आशीष दे|

अनुवाद का कौशल

यदि परोक्ष टिपण्णी आपकी भाषा में स्वाभाविक है और उचित अर्थ व्यक्त करती है तो इसका उपयोग अवश्य करें| यदि इस प्रकार की परोक्ष बातें उनके लिए उलझन उत्पन्न करें तो वक्ता अपने श्रोताओं से ही बात करता रहे परन्तु स्पष्ट करें कि वह अब उनके प्रति अपने विचार और भावनाएं व्यक्त कर रहा है|

(2) यदि कोई मनुष्य परोक्षरूप में परमेश्वर से प्रार्थना करता है तो आप उस प्रार्थना को उद्धरण चिन्हों में रख सकते हैं जिससे उसका परोक्ष होना प्रकट हो|

अनुवाद कौशल की व्यावहारिकता के उदाहरण

(1)

तेरी वाचा के लोग तुझे सीमा पर ढकेल रहे हैं| तेरे साथ शांति बनाए रखने वाले लोग तुझे धोखा देकर तुझ पर प्रबल हुए हैं| तेरी रोटी खाने वाले तेरे लिए फंदा लगाते हैं|

उनमें कुछ समझ नहीं है|(ओबद्ध्याह 1:7)

तेरी वाचा के लोग तुझे सीमा पर ढकेल रहे हैं| तेरे साथ शान्ति बनाए रखने वाले धोखा देकर तुझ पर प्रबल हुए हैं|. तेरी रोटी खाने वाले तेरे लिए फंदा लगाते हैं|They of your bread will set a trap under you.

उनमें कुछ समझ नहीं है|

(2)

मैं ने उनको सब अन्यजातियों से शुद्ध किया है| मैं ने याजकों और लेविओं के लिए एक-एक करके बारी-बारी से काम ठहरा दिया है; 31 और लकड़ी ले आने के लिए समय निश्चित कर दिया है| और पहली फसल ले आने का भी प्रबंध कर दिया है| हे परमेश्वर! मेरे हित के लिए मुझे स्मरण कर| (नहेम्याह 13:30-31 ULT)

मैं ने उनको सब अन्यजातियों से शुद्ध किया है|मैं ने याजकों और लेविओं के लिए एक-एक करके बारी-बारी से काम ठहरा दिया है; 31 और लकड़ी ले आने के लिए समय निश्चित कर दिया है| और पहली फसल ले आने का भी प्रबंध कर दिया है| हे परमेश्वर! मेरे हित के लिए मुझे स्मरण कर| (नहेम्याह 13:30-31 ULT)


दोहरात्मक

This section answers the following question: दोहरात्मक क्या होते हैं और मैं उनका अनुवाद कैसे करूँ?

विवरण

हम ‘‘दोहरात्मक शब्द का उपयोग दो शब्दों या छोटे कथनों को करते हैं जिनका अर्थ समान है, एकदम करीब होते हैं और एक साथ उपयोग किए जाते हैं। ये शब्द अक्सर ‘‘और’’ से जुड़े होते हैं। अक्सर उनका उपयोग दो शब्दों के द्वारा प्रकट अर्थों पर बल देने के लिए किया जाता है।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

कुछ भाषाओं में, लोग दोहरात्मक का उपयोग नही करते हैं। या वे दोहरात्मक का उपयोग तो करते हैं परंतु केवल कुद परिस्थितियों में, अत: कुछ पदों के लिए, उनकी भाषा में दोहरात्मक का कोर्इ अर्थ नही निकलता है। दोनों मामलों में, अनुवादकों को दोहरात्मक के द्वारा प्रकट अर्थ को किसी और तरीके से समझना जरूरी है।

बाइबल से उदाहरण

दाऊद राजा बूढ़ा और *** उसकी आयु बहुत बढ़ गई थी*** (1 राजा 1:1 ULB)

रेखांकित शब्दों का अर्थ समान है। दोनों शब्दों का अर्थ है ‘‘बहुत बूढ़ा’’

... उसने ... अपने से अधिक धर्मी और भले दो पुरुषों पर, ... पर टूटकर.... (1 राजा 2:32 ULB)

इसका अर्थ है कि वे उससे ‘‘बहुत अधिक धर्मी’’ थे।

तुमने... झूठी और गपशप की बातें ....गोष्ठी की है (दानिय्येल 2:9 ULB)

इसका अर्थ है कि उन्होंने झूठ बोलने का फैसला किया था, जो यह कहने का एक और तरीका है कि उनका इरादा लोगों को धोखा देने का था।

....पर निर्दोष और निष्कलंक मेम्ने (1 पतरस 1:19 ULB)

इसका अर्थ है कि वह एक ऐसा मेमना था जिसमें कोर्इ दोष नही था - एक भी नही।

अनुवाद रणनीति

यदि आपकी भाषा में दोहरात्मक का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ बताता है, उसका उपयोग करें। अन्यथा, इन रणनीतियों पर विचार करें ।

  1. केवल एक शब्द का अनुवाद करें
  2. यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, -’’अधिक’’, ‘‘कर्इ’’ जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें।
  3. यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा में से किसी तरीके का उपयोग करें

अनुवाद रणनीति प्रयुक्त

  1. दोनों में से एक शब्द का अनुवाद करें

तुमने ....झूठी औरगपशप** की बातें .... गोष्ठी की है** (दानिय्येल 2:9 ULB)

‘‘तुमने झूठी बातें .... गोष्ठी की है’’

(2)यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, -’’अधिक’’, ‘‘कर्इ’’ जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें

दाऊद राजाबूढ़ा*** और*** उसकी आयु बहुत बढ़ गई थी (1 राजा 1:1 ULB)

‘‘दाऊद राजा बहुत बूढ़ा हुआ’’

(3) यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा में से किसी तरीके का उपयोग करें

....परनिर्दोष** औरनिष्कलंक मेम्ने...** (1 पतरस 1:19 ULB) - अंग्रेजी में ‘‘any’’ एवं ‘‘at all’’ जैसे शब्दों से इस पर बल दिया जा सकता है

‘‘...पर बिल्कुल निर्दोष मेम्ने...


शिष्टोक्ति

This section answers the following question: शिष्टोक्ति क्या है?

वर्णन

शिष्टोक्ति किसी अप्रिय, दुखी करने वाली या सामाजिक तौर पर अमान्य बात को मृदुल अथवा विनम्र तरीके के कहने का तरीका है, जैसे कि मृत्यु या चुपके से की जाने वाली बातें।

…. उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर पड़े हुए मिले (1 इतिहास 10:8 ULB)

इसका अर्थ है कि शाऊल और उसके पुत्र ‘‘मर चुके थे’’। यह शिष्टोक्ति है क्योंकि महत्वपूर्ण यह नही था कि शाऊल और उसके पुत्र पड़े हुए थे परंतु यह कि वे मर चुके थे। कभी कभार लोग ऐसी बातें सीधे बोलना पसंद नही करते हैं क्योंकि वे अप्रिय होती हैं।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

विभिन्न भाषाएँ विभिन्न शिष्टोक्तियों का उपयोग करती हैं। यदि लक्षित भाषा स्रोत भाषा की तरह समान शिष्टोक्तियों का उपयोग नही करती है, तो पाठकों को उनका अर्थ नही समझ आएगा और वे सोचेंगे कि लेखक लिखे हुए शब्द का शाब्दिक अर्थ ही बता रहा है।

बाइबल से उदाहरण

…. जहाँ एक गुफा थी और शाऊल दिशा फिरने को उसके भीतर गया…. (1 शमूएल 24:3 ULB)

मूल पाठकों को पता चल गया होगा कि शाऊल गुफा का शौचालय की तरह उपयोग कर रहा था परंतु लेखक ठेस पहुँचाने वाली भाषा का उपयोग नही करना चाहता था अत: उसने विशेष तौर पर नही कहा कि शाऊल ने गुफा में क्या किया या क्या छोड़कर आया ।

मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, “यह कैसे होगा? मैं तो पुरुष को जानती ही नहीं।” (लूका 1:34 ULB)

विनम्रता दिखाने के लिए, मरियम शिष्टोक्ति को उपयोग कर, कह रही है कि उसने कभी भी किसी पुरूष के साथ लैंगिक संबंध नही बना हैं।

अनुवाद की रणनीतियाँ

यदि आपकी भाषा में शिष्टोक्ति का उपयोग सामान्य है और सही अर्थ देता है, तो इसका उपयोग करें। यदि नही, तो अन्य विकल्प निम्नलिखित हैं:

(1) अपनी संस्कृति की शिष्टोक्ति के शब्द का उपयोग करें।

(2) यदि किसी को ठेस न पहुँचे तो शिष्टोक्ति का उपयोग किए बगैर, उसका सीधा अर्थ लिखें।

अनुवाद रणनीति प्रयोग के उदाहरण

(1) अपनी संस्कृति की शिष्टोक्ति के शब्द का उपयोग करें

… जहाँ एक गुफा थी, तब शाऊल दिशा फिरने को उसके भीतर गया(1 शमूएल 24:3 ULB) - कुछ भाषाएँ निम्न शिष्टोक्ति का उपयोग कर सकती हैं:

"…. जहाँ गुफा थी ,तब शाऊल बड़ा गड्ढ़ा खोदने उसके भीतर गया"

"…. जहाँ गुफा थी तब शाऊल थोड़ा समय अकेले में बिताने उसके भीतर गया

मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, “यह कैसे होगा? मैं तो पुरुष को जानती ही नहीं।” (लूका 1:34 ULB)

मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, "यह कैसे होगा, क्योंकि मैं किसी पुरूष को नही जानती" - (यह मूल यूनानी में प्रयुक्त शिष्टोक्ति है)

(2) यदि किसी को ठेस न पहुँचे तो शिष्टोक्ति का उपयोग किए बगैर, उसका सीधा अर्थ लिखें

तब उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर पड़े हुए मिले (1 इतिहास 10:8 ULB)

"तब उनको शाऊल और उसके पुत्र गिलबो पहाड़ पर मरे हुए मिले"


हेन्डियडिस

This section answers the following question: हेन्डियडिस क्या है और इन्हे उपयोग किये जा रहे कथनों का मैं कैसे अनुवाद करूँ?

विवरण

जब एक वक्ता दो शब्दों के उपयोग से एक विचार को बताता है तो ‘‘और’’ से जुड़े होते हैं, उसे ‘‘हेन्डियडिस’’ कहते हैं। हेन्डियडिस में दो शब्द एक साथ कार्य करते हैं। आमतौर पर, उनमें से एक शब्द प्राथमिक होता है एवं दूसरा शब्द पहले का वर्णन करता है।

.... अपने राज्य और महिमामें (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 ULB)

‘‘राज्य’’ और ‘‘महिमा’’ दोनों संज्ञाएँ हैं, महिमा बताता है कि राज्य कैसा है: यह एक महिमा का राज्य है या महान राज्य है।

"और" से जुड़े दो वाक्यांश भी किसी एक व्यक्ति, चीज या घटना को संदर्भित करते समय एक हेन्डियडिस हो सकते हैं।

और उस धन्य आशा की अर्थात् अपने महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा के प्रगट होने की प्रतीक्षा करते रहें। (तीतुस 2:13 ULB)

तीतुस 2:13 में दो हेन्डियडिस शामिल हैं। "धन्य आशा" और "महिमा के प्रगट होने " एक ही बात को संदर्भित करते हैं और इस विचार को मजबूत करने के लिए सेवा करते हैं कि यीशु मसीह की वापसी बहुत प्रत्याशित और अद्भुत है। इसके अलावा, "हमारे महान परमेश्वर" और "उद्धारकर्ता यीशु मसीह" एक व्यक्ति को संदर्भित करते हैं, दो नहीं।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

  • अक्सर हेन्डियडिस में एक भाववाचक संज्ञा होती है। कुछ भाषाओं में शायद इसी अर्थ की संज्ञाएँ न हों।
  • कर्इ सारी भाषाएँ हेन्डियडिस का उपयोग नही करतीं, इसलिए लोगों को शायद पता न चले कि दो शब्द एक साथ कैसे कार्य करते हैं और एक दूसरे की व्याख्या कैसे करता है।
  • कई भाषाएँ हेन्डियडिस का उपयोग नहीं करती हैं, इसलिए लोग नहीं समझ सकते हैं कि यह केवल एक व्यक्ति या किसी चीज़ का मतलब है, दो नहीं

बाइबल से उदाहरण

क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा बोल और बुद्धि दूँगा (लूका 21:15 ULB)

‘‘बोल’’ और ‘‘बुद्धि’’ संज्ञाएँ हैं, परंतु अलंकार भाषा में ‘‘बुद्धि’’ ‘‘शब्दों’’ का वर्णन करती है।

... यदि तुम आज्ञाकारी होकर मेरी मानो... (यशायाह 1:19 ULB)

‘‘चाहना’’ और ‘‘आज्ञा मानना’’ विशेषण हैं परंतु ‘‘चाहना’’ ‘‘आज्ञा मानना’’ का वर्णन करता है।

अनुवाद रणनीतियाँ

यदि आपकी भाषा में हेन्डियडिस स्वाभाविक हैं और सही अर्थ देते हैं, तो उनका इस्तेमाल करें। यदि नही, तो निम्न विकल्प मौजूद हैं:

  1. वर्णन करने वाली संज्ञा के बदले में एक विशेषण लगाएँ जिसका समान अर्थ हो
  2. वर्णन करने वाली विशेषण के बदले में एक क्रिया-विशेषण लगाएँ जिसका समान अर्थ हो
  3. वर्णन करने वाली संज्ञा के बदले में एक विशेषण लगाएँ जिसका समान अर्थ हो
  4. उसकी जगह पर अन्य शब्द भेद लगाएँ जिसका समान अर्थ हो और दिखाए कि एक शब्द दूसरे का वर्णन कर रहा है
  5. यदि स्पष्ट नहीं है कि यह केवल किसी एक चीज का मतलब है, तो वाक्यांश को बदल दें ताकि यह स्पष्ट हो।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

  1. वर्णन करने वाली संज्ञा के बदले में एक वाक्य लगाएँ जिसका समान अर्थ हो
  • मैं तुम्हें ऐसा*शब्द और बुद्धि *** दूंगा** (लूका 21:15 ULB)

मैं तुम्हें बुद्धिमान शब्द दूंगा

कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हेंअपने राज्य और महिमा** में बुलाता है** (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 ULB)

कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें अपने महिमा के राज्य में बुलाता है

(2) वर्णन करने वाली संज्ञा को एक वाक्यांश के साथ प्रतिस्थापित करें जिसका अर्थ समान है।

क्योंकि मैं तुम्हें ऐसाशब्द और बुद्धि** दूंगा** (लूका 21:15 ULB)

क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा बुद्धिमान शब्द दूंगा

कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हेंअपने राज्य और महिमा** में बुलाता है** (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 ULB)

कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें अपने राज्य और महिमा में बुलाता है

(3)वर्णन करने वाली विशेषण के बदले में एक क्रिया-विशेषण लगाएँ जिसका समान अर्थ हो

... यदि तुमचाहते** औरआज्ञा मानते हो...** (यशायाह 1:19 ULB)

यदि तुम आज्ञा मानना चाहते हो...

(4) उसकी जगह पर अन्य शब्द भेद लगाएँ जिसका समान अर्थ हो और दिखाए कि एक शब्द दूसरे का वर्णन कर रहा है

  • यदि तुमचाहते और आज्ञा मानते** हो...** (यशायाह 1:19 ULB)
  • विशेषण ‘‘आज्ञा’’ की जगह पर ‘‘आज्ञा मानना’’ आ सकता है

यदि तुम आज्ञा मानना चाहते

(4) और (5) यदि यह स्पष्ट नहीं है कि केवल एक ही चीज़ है, तो वाक्यांश को बदल दें ताकि यह स्पष्ट हो।

और उस धन्य आशा की अर्थात् अपने महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता यीशु मसीह की महिमा के प्रगट होने की प्रतीक्षा करते रहें। (तीतुस 2:13 ULT)

संज्ञा "महिमा" को विशेषण "गौरवशाली" में बदला जा सकता है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यीशु का ऐसा दिखना वह है जिसकी हम आशा करते हैं। इसके अलावा, "यीशु मसीह" को वाक्यांश के सामने ले जाया जा सकता है और "महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता" को एक सापेक्ष खंड में डाल दिया जाता है जो एक व्यक्ति, यीशु मसीह का वर्णन करता है।

जबकि हम प्राप्त करने के लिए तत्पर हैं हम किस चीज के लिए तरस रहे हैं, धन्य और शानदार दिखने वाला यीशु मसीह, जो हमारा महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता है।


अतिशयोक्ति

This section answers the following question: अतिशयोक्ति क्या है? सामान्यीकरण क्या हैं? मैं इनका अनुवाद कैसे कर सकता हूं?

विवरण

एक वक्ता या लेखक किसी बात को कहने के लिए समान शब्दों का उपयोग कर सकता है जिसका अर्थ,है कि पूरा सच, या आमतौर पर सही या अतिशयोक्ति भी कह सकता है। और इसीलिए एक कथन को समझने का निर्णय लेने में कठिनार्इ हो सकती है। उदाहरण के लिए निचे दिए गए वाक्य का तिन अलग-अलग अर्थ हो सकता है

यहाँ हर रात बरसात होती है

  1. वक्ता एकदम सही बोल रहा है जैसा लिखा है कि यहाँ हर रात बरसात होती है
  2. वक्ता एक आत बात बोल रहा है जो वहाँ सामान्य तौर पर होता है कि वहाँ लगभग हर रात बरसात होती है
  3. वक्ता इसे अतिशयोक्ति के रूप में यह कहना चाहता है कि यहाँ सामान्य तरीके से अधिक बरसात होती है जिससे वह बरसात की तादाद को अधिक बल देकर, खुशी या नाराजगी जाहिर करते हुए कहना चाहता है।

अतिशयोक्ति : यह एक अलंकार है जिसमें बढ़ा चढ़ाकर बताना अथवा अत्युक्ति वक्ता असामान्य या बड़े शब्दों में कुद कहना चाहता है, जिससे वह इसके बारे में, अपनी भावना या विचार को प्रकट कर सके। वह आशा करता है कि लोग उसकी अत्युक्ति को पहचान सकें।

वे तुझमें पत्थर पर पत्थर भी न छोड़ेंगे (लूका 19:44 ULB)

यह अत्युक्ति है इसका अर्थ है है कि दुश्मन पूरे यरूशलेम का नाश कर डालेंगे

कारण यह अनुवाद की समस्या है >और मूसा को मिस्रियों की सारी विद्या पढ़ार्इ गर्इ (प्रेरितों के काम 7:22 ULB)

*ये सामान्यीकरण का अर्थ है कि उसने मिस्र की अधिकतर विद्याएँ सीख ली थीं।*और इस तरह किसी भी मिस्री के रूप में शिक्षित किया गया था।

सामान्यीकरण: एक कथन जो अक्सर सही होता है और जिसे हर परिस्थिति में लागु किया जा सकता है।

जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता, वह निर्धन होता और अपमान पाता है, परन्तु जो डाँट को मानता, उसकी महिमा होती है (नीतिवचन 13:18)

  • ये सामान्यीकरण उन लोगों के बारे में बताते हैं जो सामान्य रूप से उन लोगों के साथ होते हैं जो निर्देश की उपेक्षा करते हैं और सामान्य रूप से उन लोगों के साथ होते हैं जो सुधार से सीखते हैं। इन बयानों में कुछ अपवाद हो सकते हैं, लेकिन वे आम तौर पर सच हैं।

प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नार्इ बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उन की सुनी जाएगी (मत्ती 6:7)

ये सामान्यीकरण बताता है कि अन्यजाति किस कार्य के लिए विख्यात थे कई अन्यजातियों ने ऐसा किया। अगर कुछ नहीं किया तो कोई बात नहीं। मुद्दा यह था कि श्रोताओं को इस प्रसिद्ध अभ्यास में शामिल नहीं होना चाहिए।

कर्इ अन्यजातियों ने ऐसा किया होगा। यद्यपि सामान्यीकरण में ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोर्इ नही’’ या ‘‘कभी नही’’ जैसे शक्तिशाली लगने वाले शब्द हो सकते हैं, इसका मतलब यह नही है उनका अर्थ बिल्कुल वही होगा। इसका मतलब हो सकता है, ‘‘अक्सर’’, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘कभी कभार’’।

कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है

  1. पाठकों को ज्ञात होना चाहिए कि एक कथन पूरा सही है या नही
  2. यदि पाठकों को लगता है कि कथन पूरा सही नही है, तो उन्हे यह पता होना चाहिए कि कहीं ये अतिशयोक्ति, सामान्यीकरण या झूठ तो नही है (यद्यपि बाइबल पूरी तौर पर सच है, यह उन लोगों के बारे में बताती है जो हमेशा सच नही बोलते थे)

बाइबल से उदाहरण

अत्युक्ति के उदाहरण

यदि तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाए तो उसे काट डाल टुंडा होकर जीवन में प्रवेश करना, तेरे लिये इससे भला है..... (मरकुस 9:43 ULB)

जब यीशु ने हाथ काट डालने को कहा, तो उसका मतलब था कि हमें पाप को रोकने के लिए कुछ भी कठिन कार्य करना पड़े, तो करने को तैयार हों। वह इस अतिशयोक्ति का उपयोग कर पाप को रोकने की गंभीरता को दिखा रहे हैं।

और पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए: तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और समुद्र के तीर की बालू के किनकों के समान बहुत से लोग इकट्ठे हुए (1 शमूएल 13:5 ULB)

उक्त रेखांकित शब्द सा वाक्य एक अत्युक्ति है। इसका अर्थ है कि पलिस्तीनों के साथ बहुत सारे सैनिक थे। इसका मतलब है कि फिलिस्तीन की सेना में *** कई, कई*** सैनिक थे।

वरन जैसे वह अभिषेक... तुम्हें सब बातें सिखाता है, और यह सच्चा है, और झूठा नहीं: और जैसा उस ने तुम्हें सिखाया है वैसे ही तुम उसमें बने रहते हो। (1 यूहन्ना 2:27 ULB)

यह एक हाइपरबोले है। यह इस आश्वासन को व्यक्त करता है कि परमेश्वर की आत्मा हमें *** के बारे में सिखाती है जो हमें*** जानना आवश्यक है। परमेश्‍वर की आत्मा हमें हर उस चीज़ के बारे में नहीं सिखाती जिसे जानना संभव है।

‘‘जब वह मिला, तो उससे कहा कि सब लोग तुझे ढूंढ रहे हैं’’ (मरकुस 1:37 ULB)

चेलों ने यीशु से कहा कि सब लोग उसे खोज रहे थे। उनका मतलब यह नही था कि शहर के सब लोग उसे खोज रहे थे, परंतु कर्इ लोग अथवा घनिष्ठ मित्र उसे ढ़ूँढ़ रहे थे। यह भावना व्यक्त करने के उद्देश्य से एक अतिशयोक्ति है कि वे और कई अन्य लोग उसके बारे में चिंतित थे।

सामान्यीकरण के उदाहरण

*** क्या नाज़रथ से कुछ अच्छा निकल सकता है?*** (यूहन्ना 1:46 ULB)

यह अलंकारिक प्रश्न सामान्यीकरण को व्यक्त करने के लिए है कि नाज़रथ में कुछ भी अच्छा नहीं है। वहां के लोगों की प्रतिष्ठा अशिक्षित होने और कड़ाई से धार्मिक न होने के कारण थी। बेशक, अपवाद थे।

उनमें से एक, अपने स्वयं के पैगंबरों में से एक ने कहा है, "* क्रेते के लोग हमेशा झूठे, दुष्ट जानवर, आलसी घंटी हैं।" (तीतुस 1:12 ULB)

यह एक सामान्यीकरण है जिसका अर्थ है कि क्रेते के लोगों की प्रतिष्ठा इस तरह से थी क्योंकि सामान्य तौर पर, क्रेते के लोगों का व्यवहार कैसा होता है। यह संभव है कि यह अपवाद थे।

*** एक आलसी हाथ गरीबी का कारण बनता है, लेकिन मेहनती का हाथ उसे अमीर बनाता है***। (नीतिवचन 10: 4 ULB)

यह आम तौर पर सच है और अधिकांश लोगों के अनुभव को दर्शाता है। यह संभव है कि कुछ परिस्थितियों में अपवाद हो।

चेतावनी

यह मत समझो कि कुछ अतिशयोक्ति है क्योंकि यह असंभव प्रतीत होता है। परमेश्वर आश्चर्यकर्म करते हैं।

उन्होंने यीशु को झील पर चलते, और नाव के निकट आते देखा (युहन्ना 6:19 ULB)

यह अतिशयोक्ति नही है। यीशु वास्तव में जल पर चले थे। यह सच्चा कथन है ।

यह अनुमान न लगाएँ कि जहाँ भी ‘‘सब’’ आता है, उसका अर्थ हमेशा ‘‘अधिकतर’’ होता है।

यहोवा अपनी सब गति में धर्मी और अपने सब कामों मे करूणामय है (भजन संहिता 145:17 ULB)

यहोवा सदा धर्मी है। यह पूरा सच्चा कथन है।

अनुवाद रणनीतियाँ

यदि आपकी भाषा में सामान्यीकरण या अतिशयोक्ति स्वाभाविक है और लोगों को समझ आता है और इसे झूठ नही समझते हैं, तो इसका उपयोग करें। यदि नही, तो दूसरे विकल्प निम्न हैं:

  1. अतिशयोक्ति के बिना अर्थ व्यक्त करें।
  2. सामान्यीकरण के लिए, ‘‘सामान्य तौर पर’’ या ‘‘अक्सर’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर बताएँ कि यह सामान्यीकरण है
  3. सामान्यीकरण के लिए, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘लगभग’’ जैसे शब्द जोड़ें जिससे पता चले कि सामान्यीकरण एकदम सही नही है
  4. ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोर्इ नही’’ या ‘‘कभी नही’’ का उपयोग करने वाले सामान्यीकरण में उन शब्दों को हटाने की कोशिश करें

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

  1. अतिशयोक्ति के बिना अर्थ व्यक्त करें।
  • पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए: तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और समुद्र के तीर की बालू के किनकों के समान बहुत से लोग इकट्ठे हुए (1 शमूएल 13:5 ULB)
  • पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए: तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और एक बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हुए

(2) सामान्यीकरण के लिए, ‘‘सामान्य तौर पर’’ या ‘‘अक्सर’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर बताएँ कि यह सामान्यीकरण है

  • जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता वह निर्धन होता और अपमान पाता है... (नीतिवचन 13:18 ULB)
  • सामान्य तौर पर, जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता वह निर्धन होता और अपमान पाता है...
  • प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नार्इ बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उनकी सुनी जाएगी (मत्ती 6:7 ULB)
  • प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नार्इ, जैसा वो अक्सर करते हैं बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उनकी सुनी जाएगी

(3) सामान्यीकरण के लिए, ‘‘अधिकतर’’ या ‘‘लगभग’’ जैसे शब्द जोड़ें जिससे पता चले कि सामान्यीकरण एकदम सही नही है

  • और सारे यहूदिया देश के, और यरूशलेम के सब रहनेवाले निकलकर उसके पास गए (मरकुस 1:5 ULB)
  • और करीब सारे के सारे यहूदिया देश के, और यरूशलेम के करीब सब के सब रहनेवाले निकलकर उसके पास गए

या:

  • और लगभग सारे यहूदिया देश के, और यरूशलेम के लगभग सब रहनेवाले निकलकर उसके पास गए
  1. ‘‘सब’’, ‘‘हमेशा’’, ‘‘कोर्इ नही’’ या ‘‘कभी नही’’ का उपयोग करने वाले सामान्यीकरण में उन शब्दों को हटाने की कोशिश करें
  • और सारे यहूदिया देश के, और यरूशलेम के सब रहनेवाले निकलकर उसके पास गए (मरकुस 1:5 ULB)
  • यहूदिया देश और यरूशलेम के लोग निकलकर उसके पास गए

मुहावरे

This section answers the following question: मुहावरे क्या है और मैं उनका अनुवाद कैसे कर सकता हूँ?

मुहावरा शब्दों के समूह से बना अलंकार का एक तरीका है जिसका संपूर्ण अर्थ एक एक शब्द के अर्थ से बिल्कुल अलग होता है। एक संस्कृति के बाहर वाला व्यक्ति उन मुहावरों को तब तक नही समझा सकता, जब तक कि संस्कृति के अंदर वाला व्यक्ति उसे समझाए नही। हर भाषा मुहावरों का उपयोग करती है।कुछ अंग्रेजी के उदाहरण निम्न है:

  • यू आर पुलिंग माय लेग (इसका अर्थ है, "तुम मुझे कुछ ऐसा बोलकर मुझे चिढ़ा रहे हैं जो सच नहीं है।")
  • डू नॉट पुश दि एनवेलप (इसका अर्थ है, ‘‘किसी बात को ऊपर तक मत लेकर जाओ’’)
  • दिस हाउस इस अंडर वाटर (इसका अर्थ है, ‘‘इस घर पर लिया गया कर्जा इसकी कीमत से अधिक है’’)
  • वी आर पैंटिंग दि टाऊन रेड (इसका अर्थ है, ‘‘तुम आज रात शहर में बहुत आनंद लेने जा रहे हो’’)

वर्णन

मुहावरा एक वाक्य है जिसका, उस भाषा या संस्कृति के लोगों में विशेष अर्थ होता है। उससका संपूर्ण अर्थ उसके एक एक शब्द के अर्थ से बिल्कुल अलग होता है जिनकी मदद से वह वाक्य बनता है।

उसने यरूशलेम की ओर अपना मुख किया (लूका 9:51 ULB)

‘‘अपना मुख किया’’ एक मुहावरा है जिसका अर्थ है ‘‘निर्णय लिया’’। कर्इ बार लोग दूसरी संस्कृति के मुहावरों को समझ सकते हैं परंतु उसका अर्थ बताना उनके लिए कठिन हो सकता है

मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए (लूका 7:6 ULB)

‘‘तू मेरी छत तले आए’’ एक मुहावरा है जिसका अर्थ है ‘‘घर में आए’’

ये बातें तुम्हारे कानों में पड़ी रहें (लूका 9:44 ULB)

इस मुहावरे का अर्थ है ‘‘ध्यान से सुनें और मेरी बातों को याद रखें’’

उद्देश्य एक संस्कृति में शायद एक मुहावरा तब बनता है जब कोई किसी कार्य को असामान्य तरीके से बताता है। परंतु, जब यह असामान्य तरीका संदेश को पूरे बल के साथ बताता है और लोगों को स्पष्ट समझ में आता है तो लोग इसका उपयोग शुरू कर देते हैं। कुछ समय के बाद, उस भाषा में बातचीत का यह तरीका सामान्य हो जाता है

कारण यह अनुवाद की समस्या है

  • लोग बाइबल की मूल भाषा के मुहावरों का गलत अर्थ निकाल सकते हैं यदि उस संस्कृति का ज्ञान नही है जिसमें बाइबल तैयार हुई है
  • लोग स्रोत बाइबल की भाषा के मुहावरों का गलत अर्थ निकाल सकते हैं यदि उस संस्कृति का ज्ञान नही है जिसमें वे अनुवाद तैयार हुए हैं
  • मुहावरों को आक्षरिक अनुवाद (एक एक शब्द का अर्थ बताना) व्यर्थ होगा यदि श्रोता को उसका अर्थ समझ नही आ रहा है

बाइबल से उदाहरण

तब सब इस्राएली दाऊद के पास हेब्रोन में इकट्ठे होकर कहने लगे, ‘‘सुन, हम लोग और तू एक ही हड्डी और मांस हैं’’ (1 इतिहास 11:1 ULB)

इसका अर्थ है, ‘‘हम और तुम एक वंश, एक परिवार के हैं’’

परंतु इस्राएली तो बेखटके निकले चले जाते थे (निर्गमन 14:8 ULB)

इसका अर्थ है, ‘‘इस्राएली निडर होकर चले जाते थे’’

मेरे मस्तिष्क का ऊंचा करनेवाला है। (भजन संहिता 3:3 ULB)

इसका अर्थ है, ‘‘मेरी मदद करने वाला’’

अनुवाद रणनीतियाँ

यदि आपकी भाषा में मुहावरों का उपयोग सामान्य है तो उनका उपयोग करें। अन्यथा, निम्नलिखित कुछ विकल्प हैं

(1) मुहावरे के उपयोग के बगैर ही साफ अर्थ लिखें। (2) उसी अर्थ को बताने वाले, आपकी भाषा में उपयोग किये जाने वाले मुहावरों का इस्तेमाल करें।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

(1) मुहावरे के उपयोग के बगैर ही साफ अर्थ लिखें

तब सब इस्राएली दाऊद के पास हेब्रोन में इकट्ठे होकर कहने लगे, ‘‘सुन, हम लोग और तू एक ही हड्डी और मांस हैं’’ (1 इतिहास 11:1 ULB)

देखो, हम सब एक राष्ट्र के लोग हैं

उसने यरूशलेम की ओर अपना मुख किया (लूका 9:51 ULB)

उसने यरूशलेम पहुँचने के लिए उसकी ओर यात्रा शुरू कर दी

मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए (लूका 7:6 ULB)

मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरे घर में आए

(2) उसी अर्थ को बताने वाले, आपकी भाषा में उपयोग किये जाने वाले मुहावरों का इस्तेमाल करें।

ये बातें तुम्हारे कानों में पड़ी रहें (लूका 9:44 ULB)

ये सारी बातें सुनने के लिए सब कुछ सब कान बन जाएँ

’’मेरी आंखें शोक से बैठी जाती हैं (भजन संहिता 6:7 ULB)

रो रोकर मेरी आँखें निकल आई हैं


व्यंग्यात्मक

This section answers the following question: व्यंग्य क्या है और मैं इसका अनुवाद कैसे करूँ?

विवरण

व्यंग्य एक अलंकार है जिसमें लेखक का विचार लिखे गए शब्द के सीधे अर्थ से विपरीत होता है। कर्इ बार एक व्यक्ति और किसी के शब्दों के उपयोग कर इसका उपयोग करता है, परंतु एक ऐसे तरीके से बताता है जिससे वह स्वयं सहमत नही है। लोग यह दिखाने के लिए ऐसा करते हैं कि कोर्इ वस्तु जैसे उसको होना था, उससे अलग क्यों है या किसी के प्रति किसी का विश्वास गलत या मूर्खतापूर्ण क्यों है। यह अक्सर हास्यप्रद लगता है।

यीशु ने उनको उत्तर दिया; ‘‘कि वैद्य भले चंगों के लिये नहीं, परन्तु बीमारों के लिये अवश्य है । मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूँ’’ (लूका 5:31-32 ULT)

जब यीशु “धर्मी लोगों” की बात की तो वह उनकी बात नही कर रहा था जो वास्तव में धर्मी थे। परंतु उन लोगों की जो गलत तरीके से विश्वास करते थे कि वे धर्मी हैं। व्यंग्य का उपयोग करने के द्वारा, यीशु ने बताया कि उनका यह विश्वास गलत था कि वे दूसरों से उत्तम थे और उन्हे मन फिराने की जरूरत नही थी।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

यदि किसी को यह पता नहीं चलता कि एक वक्ता व्यंग्य का उपयोग कर रहा है, तो वह यही सोचेगा कि वक्ता वास्तव में जो कुछ कह रहा है उसी के ऊपर विश्वास करता है। वह अनुच्छेद का वास्तविक अर्थ समझने के स्थान पर इसके अर्थ के विपरीत समझेगा।

बाइबल से उदाहरण

तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये > परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो! (मरकुस 7:9ब ULT)

यहाँ यीशु फरीसियों के द्वारा किए गए गलत काम के लिए उन्हें सराह रहा है। व्यंग्य के द्वारा, वह सराहना के विपरीत का अर्थ बताता है। वह बताता है कि फरीसी जो आज्ञाओं को मानने में घमण्ड महसूस करते हैं, परमेश्वर के इतने अधिक दूर हैं कि उन्हे ज्ञात तक नही है कि उनके रीति रिवाज परमेश्वर की आज्ञाओं को तोड़ रहे हैं। व्यंग्य का उपयोग फरीसियों के पाप को और दिखने वाला और गंभीर जताता है।

“‘अपना मुकद्दमा लड़ो,” यहोवा कहता है; “मूर्तियों के लिए अपने सबसे अच्छे तर्कों को लाओ,” याकूब का राजा कहता है। “अपने प्रमाण दो वे उन्हें देकर हम को बताएं कि भविष्य में क्या होगा? पूर्वकाल की घटनाएँ बताओ कि आदि में क्या क्या हुआ, ताकि हम इन बातों को अच्छी तरह से जान सकें। वे हमें पूर्ववर्ती घोषणाओं के बारे में बताएँ, ताकि हम उन पर विचार कर सकें और जान सकें कि वे कैसे पूरी हुईं।’’ (यशायाह 41:21-22 ULT)

लोग मूरतों की ऐसे उपासना करते थे जैसे कि उनमें ज्ञान और ताकत थी, और यहोवा उनके काम के कारण से उनसे नाराज था। अत: वह व्यंग्य का उपयोग कर, मुरतों को वो बातें बताकर चुनौती देता है जो भविष्य में होने वाली हैं। वह जानता था कि मूरतें कुछ नही कर सकती हैं परंतु ऐसे बोलकर जैसे कि वे कर सकती हों, वह मूरतों का उपहास कर रहा था, जिससे उनकी अयोग्यता सबके सामने आर्इ और उनकी आराधना करने के लिए लोगों को भी डाँटा ।

क्या तू रोशनी और अंधकार को उसके सिवाने तक हटा सकता है? क्या तू उसके घर की डगर पहिचान सकता है? निसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा, क्योंकि तू तो उस समय उत्पन्न हुआ था;और तेरे दिनों की गिनती बहुत ज्यादा है!” (अय्यूब 38:20-21 ULT)

अय्यूब ने सोचा कि वह बुद्धिमान था । यहोवा ने व्यंग्य का उपयोग कर अय्यूब को बताया कि वह बुद्धिमान नही था । उपरोक्त कथन में दो रेखांकित शब्द व्यंग्यात्मक हैं। वे कही गर्इ बात का विपरीत दिखाते हैं क्योंकि स्पष्ट दिखता है कि वे गलत हैं। वे बताते हैं कि अय्यूब शायद परमेश्वर के प्रश्न का उत्तर नही दे पाया था क्योंकि उसका जन्म बहुत, बहुत से सालों बाद हुआ था ।

तुम तो तृप्त हो चुके हो! तुम धनी हो चुके हो! हमारे बिना तुमने राज्य किया और मेरी इच्छा है कि तुम वास्तव में शासन करो, ताकि हम भी तुम्हारे साथ शासन कर सकें। (1 कुरिन्थियों 4:8 ULB)

कुरिन्थियों ने स्वयं को बहुत ही बुद्धिमान, स्व-आश्रित और ऐसा समझा कि उन्हे पौलुस के उपदेशों की जरूरत नही थी । पौलुस व्यंग्य का उपयोग करता है, लगता है कि वह उनसे सहमत है कि वे यह सब करते हुए घमण्ड महसूस कर रहे थे परन्तु वास्तव में वे कितनी दूर थे ।

अनुवाद रणनीतियाँ

यदि आपकी भाषा में व्यंग्य को अच्छी तरह से पहचाना जा सकता है, तो इसका अनुवाद ठीक इसी प्रकार करें। यदि नही, तो नीचे कुछ रणनीतियाँ दी गई हैं:

(1) इस प्रकार अनुवाद करें जिससे यह पता चल सके कि वक्ता वो बात कह रहा है जिसे श्रोता मानते या विश्वास करते हैं (2) व्यंग्य के द्वारा बतार्इ गर्इ बात को अथवा उसके असली उद्देश्य को सीधा लिखें। व्यंग्य का सही अर्थ वक्ता के शब्दों में नही मिलेगा परंतु वक्ता के शब्दों का विपरीत अर्थ ही उसका सही अर्थ होगा।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

(1) इस प्रकार अनुवाद करें जिससे यह पता चल सके कि वक्ता वो बात कह रहा है जिसे श्रोता मानते या विश्वास करते हैं

तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये > परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो! (मरकुस 7:9अ ULT)

तुम्हारा मानना है कि परमेश्वर की आज्ञा को तोड़ते वक्त तुम अच्छा कर रहे हो जिससे कि तुम अपनी रीतियों को मान सको! तुम ऐसा बर्ताव करते हो कि परमेश्वर की आज्ञा तोड़ना अच्छा है जिससे कि तुम्हारी रीतियाँ पूरी होनी चाहिए

मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूँ (लूका 5:31-32 ULT)

मैं उन लोगो को पश्चाताप के लिए बुलाने नही आया जो खुद को धर्मी समझतेहैं, परंतु पापियों को पश्चाताप के लिए बुलाने आया हूँ

(2) व्यंग्य के द्वारा बतार्इ गर्इ बात को अथवा उसके असली उद्देश्य को सीधा लिखें

तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो! (मरकुस 7:9अ ULT)

जब तुम परमेश्वर की आज्ञाओं को तोड़ते हो तो खतरनाक काम करते होजिससे तुम अपनी रीतियों को पूरा कर सको!

“‘अपना मुकद्दमा लड़ो,” यहोवा कहता है; ”मूर्तियों के लिए अपने सबसे अच्छे तर्कों को लाओ,” याकूब का राजा कहता है। “अपने प्रमाण दो वे उन्हें देकर हम को बताएं कि भविष्य में क्या होगा? पूर्वकाल की घटनाएँ बताओ कि आदि में क्या क्या हुआ, ताकि हम इन चीजों को अच्छी तरह से जान सकें। वे हमें पूर्ववर्ती घोषणाओं के बारे में बताएं, ताकि हम उन पर विचार कर सकें और जान सकें कि वे कैसे पूरी हुईं थीं।’’ (यशायाह 41:21-22 ULT)

‘अपना मुकद्दमा लड़ो,’ यहोवा कहता है; ‘मूर्तियों के लिए अपने सबसे अच्छे तर्कों को लाओ,’ याकूब का राजा कहता है। अपने प्रमाण दो वे उन्हें देकर हम को बताएं कि भविष्य में क्या होगा? पूर्वकाल की घटनाएँ बताओ कि आदि में क्या क्या हुआ, ताकि हम इन चीजों को अच्छी तरह से जान सकें। हम उन्हें नहीं सुन सकते क्योंकि हमें अपनी पूर्ववर्ती घोषणाओं को बताने के लिए वे नहीं बोल सकते हैं, इसलिए हम उन पर चिन्तन नहीं कर सकते हैं और यह जान सकते हैं कि वे कैसे पूरी हुईं।

क्या तू प्रकाश और अंधकार की अगुवाई उनके काम के स्थानों पर कर सकता है? और तू उनके घर की डगर पहचान सकता है? निःसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा! क्योंकि तू तो उस समय उत्पन्न हुआ था; और तेरी आयु के वर्ष बहुत हैं! >” (अय्यूब 38:20-21 ULT)

क्या तू प्रकाश और अंधकार की अगुवाई उनके काम के स्थानों पर कर सकता है? और तू उनके घर की डगर पहचान सकता है? तू ऐसे व्यवहार करता है कि जैसे तू यह जानता है कि प्रकाश और अंधकार कैसे उत्पन्न हुआ, जैसे कि तू वहाँ पर था; जैसे कि तेरी आयु सृष्टि जितनी है, परन्तू तू नहीं हैं!


सम्भाव्यता  माला

This section answers the following question: संभाव्यता  माला  नामक रूपक क्या है?

Description

संभाव्यताओं की माला एक रूपक है जिसमें समरूप कथनों की श्रृंखला की सूची होती है| वक्ता ऐसा इसलिए करता है कि उसकी बात को बिना अपवाद बोध सम्बन्धी स्वीकार किया जाए|

इसका अनुवाद समस्या होने का कारण

अनेक भाषाओं में संभाव्यताओं की माला का उपयोग नहीं किया जाता है और पाठक उलझन में पढ़ सकते हैं| वे आश्चर्य करते हैं कि वक्ता क्यों एक ही बात को बार-बार कह रहा है?

बाईबल से उदाहरण

चाहे वे खोदकर अधोलोक में उतर जाएं, तो वहाँ से मैं हाथ बढ़ाकर उंहें लाऊंगा; चाहे वे आकाश पर चढ़ जाएं, तो वहाँ से मैं उन्हें उतार लाऊँगा| चाहे वे कर्म्मेल में छिप जाएं, परन्तु वहाँ भी मैं ढूंढ-ढून्ढ कर पकड़ लूंगा, और चाहे वे समुद्र की थाह में मेरी दृष्टि से ओट हों वहाँ भी मैं सर्प को उन्हें डसने की आज्ञा दूंगा| चाहे क्षत्रु उंहें हांक कर बन्धुआई में ले जाएं, वहाँ भी मैं आज्ञा देकर तलवार से उन्हें घात कराऊंगा| (आमोस 9:2-4 ULT)

इस गद्यांश में यहोवा इस्राएलियों से कह रहा है कि जब वह उन्हें दंड देगा तब उनमें से कोई भी नहीं बचेगा|

परन्तु तुझे उचित नहीं था कि तू अपने भाई के दिन में, अर्थात उसकी विपत्ति के दिन में उसकी ओर देखता रहता, और यहूदियों के विनाश के दिन उसके ऊपर आनंद करता, और उसके संकट के दिन बड़ा बोल बोलता| तुझे उचित नहीं था कि मेरी प्रजा की विपत्ति के दिन तू उसके फाटक में घुसता, और उसकी विपत्ति के दिन उसकी दुर्दशा को देखता रहता, और उसकी विपत्ति के दिन उसकी धन संपत्ति पर हाथ लगाता| तुझे उचित नहीं था कि तिर्मुहाने पर उसके भागनेवालों को मार डालने के लिए खडा होता, और संकट के दिन उसके बचे हुओं को पकडता| (ओबद्ध्याह 1:12–14)

इस गद्यांश में यहोवा एदोमियों से कह रहा है कि उन्हें यहूदा के लोगों की सहायता करना आवश्यक था जब बेबिलोनियों ने उन्हें पराजीत किया था|

अनुवाद का कौशल

यदि संभाव्यताओं की माला को वैसा ही समझा जाए जैसा ULT में है तो सम्भव्यता के माला को ज्यों का त्यों ही अनुवाद किया जाए| यदि समझ में न आए तो निम्लिखित युक्तिओं में से एक या अधिक का उपयोग किया जाए|

(1) बाईबल में संभाव्यताओं की माला के आरम्भ या अंत में एक सामान्य कथन होता है जो उसके समग्र अर्थ को संक्षेप में व्यक्त करता है| आप उस वाक्य को इस प्रकार रच सकते हैं कि वह उसका सारांश वाक्य होना दर्शाए जो संभाव्यता माला का अर्थ प्रकट करता हो|

(2) आप संभाव्यता माला के प्रत्येक वाक्य को एक अलग पंक्ति में रख सकते हैं| यह भी कि यदि संभाव्यता माला के प्रत्येक वाक्य के दो भाग हों तो आप संभाव्यता माला को इस प्रकार रच सकते हैं कि प्रत्येक भाग के समरूप भाग क्रम में हों| इसको या अन्य किसी प्रकार की रचना का उपयोग करें तो प्रत्येक वाक्य द्वारा एक ही अर्थ का प्रबलीकरण हो|

(3) आप "और," "परन्तु" "या" शब्दों को वाक्यों के आरम्भ से हटा सकते हैं जिससे कि स्पष्ट हो सके कि सम्भाव्यता माला के अवयव सब एक क्रम में सूचीबद्ध किए जा रहे हैं|

अनुवाद के कौशल का व्यावहारिक उपयोग

(1) और (3)का संयोजन:

संभाव्यता की माला के आरम्भ या अंत में बाईबल में प्रायः एक सामान्य वाक्य होता है जो उसके समग्र अर्थ का सारांश होता है| आप उस वाक्य की रचना इस प्रकार कर सकते हैं कि उससे प्रकट हो कि वह संभाव्यता की माला का सारांश गर्भित वाक्य है|

आप "और," "परन्तु" तथा "या" जैसे शब्दों को हटा सकते हैं जिसे कि स्पष्ट हो कि संभाव्यता की माला अवयव सब एक क्रमम में आ रहे हैं|

जिस दिन परदेशी लोग उसकी धन संपत्ति छीनकर ले गए और पराए लोगों ने उसके फाटकों से घुस कर यरुशलेम पर चिट्ठी डाली, उस दिन तू भी उन में से एक था:

पर तुझे उचित नहीं था कि तू अपने भाई के दिन में,अर्थात उसकी विपत्ति के दिन में उसकी ओर देखता रहता, और यहूदिओं के विनाश के दिन उसके ऊपर आनंद करता, और उसके संकट के दिन बड़ा बोल बोलता| तुझे उचित नहीं था कि मेरी प्रजा की विपत्ति के दिन तू उसके फाटक में घुसता, और उसकी विपत्ति के दिन उसकी दुर्दशा को देखता रहता, और उसकी विपत्ति के दिन उसकी धन संपत्ति पर हाथ लगाता| तुझे उचित नहीं था कि तिर्मुहाने पर उसके भागनेवालों को मार डालने के लिए खडा होता, और संकट के दिन उसके बचे हुओं को पकडता| (ओब्ध्याह 1:11–14)

उपरोक्त उदाहरण में, पद 11 संभाव्यता माला जो पद 12-14 में है उसका सारांश और अर्थ पद 11 में प्रकट किया गया है|

(1) और (2)का संयोजन:

संभाव्यता की माला के आरम्भ या अंत में बाईबल में प्रायः एक सामान्य वाक्य होता है जो उसके समग्र अर्थ का सारांश होता है| आप उस वाक्य की रचना इस प्रकार कर सकते हैं कि उससे प्रकट हो कि वह संभाव्यता की माला का सारांश गर्भित वाक्य है, जो उसका अर्थ व्यक्त करता है|

आप संभाव्यता माला के प्रत्येक वाक्य को एक अलग पंक्ति में रख सकते हैं| यह भी कि यदि संभाव्यता माला के प्रत्येक वाक्य के दो भाग हों तो आप संभाव्यता माला को इस प्रकार रच सकते हैं कि प्रत्येक भाग के समरूप भाग क्रम में हों| इसको या अन्य किसी प्रकार की रचना का उपयोग करें तो प्रत्येक वाक्य द्वारा एक ही अर्थ का प्रबलीकरण हो|

उनमें से एक भी न भाग निकलेगा, और जो अपने को बचाए, वह बचने न पाएगा|:

चाहे वे खोदकर अधोलोक में उतर जाएं,,                                 मैं हाथ बढाकर उंहें लाऊँगा

चाहे वे आकाश पर चढ़ जाएं,                                  वहाँ से मैं उंहें उतार लाऊँगा|

चाहे वे कर्म्मेल में छिप जाएं l,                        वहाँ भी मैं उन्हें ढूंढ ढूंढकर पकड़ लूंगा,            there I will search and take them.

चाहे वे समुद्र की थाह में मेरी दृष्टी से ओट हों, वहाँ भी मैं सर्प को उंहें डसने की आज्ञा दूंगा|

चाहे क्षत्रु उंहें हांककर बंधूआई में ले जाए, वहाँ भी मैं आज्ञा देकर तलवार से उंहें घात कराऊंगा; (आमोस 9:1b–4 ULT)

उपरोक्त उदाहारण में,सम्भाव्यता माला से पहले का वाक्य समग्र अर्थ व्यक्त करता है| उस वाक्य को प्रस्तावना स्वरूप रखा जा सकता है| प्रत्येक वाक्य के दूसरे भाग को, जैसा ऊपर है, अवतरण सोपान मार्ग स्वरुप या प्रत्येक वाक्य के आरंभिक भाग के सदृश्य क्रमवार प्रस्तुत किया जा सकता है, या किसी और शैली में रखा जा सकता है| जो भी वाक्य रचना दर्शाए कि ये सब वाक्य एक ही सत्य का (कि परमेश्वर से बचना संभव नाहीं) प्रकाशन कर रहे हैं तो उसका प्रयोग करें|


विडंबना

This section answers the following question: विडंबना क्या है?

विवरण

विडंबना भाषा में एक ऐसा अलंकार होता है जिसमें वक्ता दो नकारात्मक शब्दों या एक शब्द के साथ एक नकारात्मक शब्द का उपयोग करके एक दृढ़ सकारात्मक अर्थ व्यक्त करता है इसका अर्थ शब्द द्वारा दी गई मंशा का विपरीत अर्थ होता है। नकारात्मक शब्दों के कुछ उदाहरण "न," "नहीं", "कोई नहीं," और "कभी नहीं" इत्यादि हैं। "अच्छे" का विपरीत "बुरा" है। कोई कह सकता है कि कुछ "बुरा नहीं है" इसका अर्थ है कि यह बहुत अच्छा है।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

कुछ भाषाएँ विडंबनाओं का उपयोग नही करतीं हैं। उन भाषाओं को बोलने वाले नही समझ सकते कि विडंबनाओं के उपयोग से एक कथन के सकारात्मक पहलू को अधिक बल मिलता है। परन्तु, वे सोच सकते हैं कि इसका उपयोग सकारात्मक अर्थ को कमजोर या यहाँ तकि नगण्य सा कर देता है।

बाइबल से उदाहरण

हे भाइयों, तुम आप ही जानते हो कि हमारा तुम्हारे पास आना व्यर्थ न हुआ, (1 थिस्सलुनीकियों 2:1 ULT)

विडंबना के उपयोग से, पौलुस बल देता है कि उसका आना बहुत ही लाभदायक रहा

भोर को सिपाहियों की हलचल कम नही थी कि पतरस क्या हुआ (प्रेरितों के काम 12:18 ULT)

विडंबना के उपयोग से, लूका जोर देता है कि पतरस के साथ हुर्इ घटना के कारण सिपाहियों में बहुत ज्यादा हलचल थी। (पतरस कैदखाने में था और सिपाहियों की निगरानी के बावजूद, वह स्वर्गदूत की मदद से बाहर निकल आया । इसलिए वे गुस्साए हुए थे)

हे बैतलहम, जो यहूदा के देश में है तू किसी रीति से यहूदा के अधिकारियों में सबसे छोटा नहीं क्योंकि तुझ में से एक अधिपति निकलेगा जो मेरी प्रजा इस्राएल की रखवाली करेगा (मत्ती 2:6 ULT)

विडंबना के उपयोग से, भविष्यद्वक्ता बल देता है कि बैतलहम बहुत महत्वपूर्ण शहर होगा

अनुवाद रणनीतियाँ

यदि विडंबना को सही तरह से समझा जाता है, तो उसका उपयोग करें।

(1) यदि नकारात्मक रूप से कही बात समझ के परे हैं, तो सीधे तौर पर सकारात्मक रूप से बात को कहें

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

(1) यदि नकारात्मक रूप से कही बात समझ के परे हैं, तो सीधे तौर पर सकारात्मक रूप से बात को कहें

हे भाइयों, तुम आप ही जानते हो कि हमारा तुम्हारे पास आना व्यर्थ न हुआ, (1 थिस्सलुनीकियों 2:1 ULT)

‘‘क्योंकि तुम स्वयं जानते हो, हो भार्इयों, हमारा तुम्हारे पास आना अत्याधिक लाभदायक रहा.”

भोर को सिपाहियों की हलचल कम नही थी कि पतरस क्या हुआ (प्रेरितों के काम 12:18 ULT)

“और जब दिन हुआ, तो सिपाहियों के बीच में बड़ी हलचल होने लगी कि पतरस के साथ क्या हुआ।’’ “और जब दिन हुआ, तो सिपाही बहुत चिंतित थे कि पतरस के साथ क्या हुआ।’’


विभज्योतक

This section answers the following question: विभज्योतक का अर्थ क्या है और इसका उपयोग करने वाले वाक्यो का मैं अनुवाद कैसे करूँ?

विवरण

विभज्योतक भाषा का एक अलंकार है जिसमें एक व्यक्ति किसी चीज को उसके दो चरम हिस्सों की बात करके संदर्भित करता है। चरम भागों का संदर्भ देकर, वक्ता उन हिस्सों के बीच की हर बात को शामिल करने का मंशा रखता है।

‘मैं ही अल्फा और ओमेगा हूँ, प्रभु परमेश्वर कहता है, “वह जो है, और जो था, और जो आनेवाला है, जो सर्वशक्तिमान है.” (प्रकाशितवाक्य 1:8 ULT)

मैं अल्फा और ओमेगा, पहिला और पिछला, आदि और अंत हूँ. (प्रकाशितवाक्य 22:13, ULT)

अल्फा और ओमेगा यूनानी भाषा के पहला और अंतिम शब्द हैं। यह विभज्योतक है जो आरम्भ से लेकर अंत के बीच की सभी बातों को शामिल करते हैं। इसका अर्थ अनंतकाल से है।

…हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ (मत्ती 11:25ब ULT)

स्वर्ग और पृथ्वी विभज्योतक है जो हर उस चीज को शामिल करते हैं जो अस्तित्व में है।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

कुछ भाषाएँ विभज्योतक का उपयोग नही करती हैं। उन भाषाओं के पाठक समझेंगे कि ये कथन केवल लिखे गये तथ्य तक ही सीमित है। वे यह न समझ पाएँगे कि उसके बीच की हर बात को उसमें शामिल किया गया है।

बाइबल से उदाहरण

उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक, यहोवा का नाम स्तुति के योग्य है। (भजन संहिता 113:3 ULT)

मोटा वाक्यांश विभज्योतक है क्योंकि यह पूर्व से पश्चिम और इस के बीच की हर चीज को शामिल करता है। इसका अर्थ ‘‘हर जगह’’ से है।

क्या छोटे क्या बड़े जितने यहोवा के डरवैये हैं, वह उन्हें आशीष देगा। (भजन संहिता 115:13)

मोटा वाक्यांश विभज्योतक है क्योंकि यह बड़े और छोटे लोगों और उनके बीच के सब लोगों की बात कर रहा है। इसका अर्थ ‘‘प्रत्येक’’ से है।

अनुवाद रणनीतियाँ

यदि आपकी भाषा में विभज्योतक का उपयोग स्वाभाविक होगा और अपनी भाषा में सही अर्थ देगा, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ अन्य विकल्प दिए गए हैं:

(1) दोनों भागों को बताए बिना पहचानें कि विभज्योतक किसको दिखाता है। (2) दोनों भागों को शामिल करते हुए पहचानें कि विभज्योतक किसको दिखाता है।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

(1) दोनों भागों को बताए बिना पहचानें कि विभज्योतक किसको दिखाता है।

हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ… (मत्ती 11:25ब ULT) हे पिता, सबकेप्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ।

उदयाचल से लेकर अस्ताचल तक, यहोवा का नाम स्तुति के योग्य है (भजन संहिता 113:3 ULT)

(2) दोनों भागों को शामिल करते हुए पहचानें कि विभज्योतक किसको दिखाता है।

हे पिता, स्वर्ग और पृथ्वी के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ (मत्ती 11:25ब ULT)

हे पिता, सब कुछ, स्वर्ग में जो कुछ है और पृथ्वी में जो कुछ है के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ।

क्या छोटे क्या बड़े जितने यहोवा के डरवैये हैं, वह उन्हें आशीष देगा। (भजन संहिता 115:13 ULT)

वह उन सभी को आशीष देगा, जो उसे आदर देते हैं, भले ही वे छोटे या बड़े हों।


रूपक

This section answers the following question: रूपक क्या है और मैं उन बाइबल आयतों का अनुवाद कैसे करूं जिसमे इसका उपयोग हो?

विवरण

रूपक एक ऐसा अलंकार होता है, कोई व्यक्ति एक बात बोलता है, मानो कि यह एक भिन्न बात थी, क्योंकि वह चाहता है कि लोग इसके बारे में सोचें कि वे दो चीजें एक जैसे कैसे हैं।

उदाहरण के लिए, कोई कह सकता है,

  • मैं जिस लड़की से प्यार करता हूँ, वह लाल गुलाब है।

एक लड़की और गुलाब बहुत अलग चीजें हैं, लेकिन वक्ता का मानना है कि वे किसी तरह से समान हैं। श्रोताओं का कार्य यह समझना है कि वे किस तरह से एक जैसे हैं।

रूपकों के प्रकार

ऊपर दिए गए उदाहरण से हमें पता चलता है कि एक रूपक के तीन भाग होते हैं। इस रूपक में, वक्ता "जिस लड़की से प्यार करता है", उसके बारे में बात कर रहा है। यह विषय है। वक्ता चाहता है कि सुनने वाला यह सोचे कि उसके और “लाल गुलाब” के बीच क्या समानता है।लाल गुलाब छवि है जिसमें वह लड़की की तुलना करता है। संभवत, वह चाहता है कि सुनने वाला यह विचार करे कि वे दोनों सुंदर हैं। यह विचार है जिसे लड़की और गुलाब दोनों साझा करते हैं, और इसलिए हम इसे तुलना का बिंदु भी कह सकते हैं।

प्रत्येक रूपक के तीन भाग होते हैं:

  • विषय, लेखक/वक्ता द्वारा तुरंत चर्चा की जाने वाली वस्तु।
  • छवि, भौतिक वस्तु (वस्तु, घटना, कार्य, आदि) जो वक्ता विषय का वर्णन करने के लिए उपयोग करता है।
  • विचार, अमूर्त अवधारणा या गुणवत्ता कि भौतिक छवि सुनने वाले के मन में आती है जब वह सोचता है कि छवि और विषय समान कैसे हैं। प्रायः, एक रूपक का विचार स्पष्ट रूप से बाइबल में नहीं बताया गया है, लेकिन यह केवल संदर्भ से निहित है। सुनने वाले या पाठक को आमतौर पर विचार की आवश्यकता होती है।

इन शब्दों का उपयोग करते हुए, हम कह सकते हैं कि एक रूपक ऐसा अलंकार होता है जो एक भौतिक छवि का उपयोग करता है एक अमूर्त विचार वक्ता के विषय में लागू होता है।

आमतौर पर, एक लेखक या वक्ता विषय के बारे में कुछ व्यक्त करने के लिए रूपक का उपयोग करता है, कम से कम एक विषय और छवि के बीच तुलना का बिंदु (विचार) । अक्सर रूपकों में, विषय और छवि स्पष्ट रूप से कहा जाता है, लेकिन विचार केवल निहित है। लेखक/वक्ता अक्सर पाठकों/श्रोताओं को विषय और छवि के बीच समानता के बारे में सोचने के लिए और विचार को खुद से पता लगाने के लिए रूपक का उपयोग करते हैं।

वक्ता अक्सर अपने संदेश को मजबूत करने के लिए, अपनी भाषा को अधिक सुस्पष्ट बनाने के लिए, अपनी भावनाओं को बेहतर ढंग से व्यक्त करने के लिए, किसी ऐसी बात को कहने के लिए जो किसी अन्य तरीके से कहना कठिन है, या लोगों को उनके संदेश को याद रखने में मदद करने के लिए रूपकों का उपयोग करते हैं।

कभी-कभी वक्ता रूपकों का उपयोग करते हैं जो उनकी भाषा में बहुत आम हैं। हालांकि, कभी-कभी वक्ता ऐसे रूपकों का उपयोग करते हैं जो असामान्य हैं, और यहां तक कि कुछ रूपक जो अद्वितीय हैं। जब किसी भाषा में एक रूपक बहुत आम हो जाता है, तो अक्सर यह असामान्य रूपकों के विपरीत एक "निष्क्रिय" रूपक बन जाता है, जिसे हम "सक्रिय" होने के रूप में वर्णित करते हैं। निष्क्रिय रूपक और सक्रिय रूपक प्रत्येक एक अलग तरह की अनुवाद समस्या पेश करते हैं, जिसके बारे में हम नीचे चर्चा करेंगे।

निष्क्रिय रूपक

एक निष्क्रिय रूपक एक रूपक है जिसे भाषा में इतना अधिक उपयोग किया गया है कि इसके बोलने वाले अब इसे एक अवधारणा के रूप में नहीं मानते हैं। भाषाविद अक्सर इन्हें "मृत रूपक" कहते हैं। निष्क्रिय रूपक बेहद सामान्य हैं। अंग्रेजी के उदाहरणों में शब्द "टेबल लेग," "फैमिली ट्री," "बुक लीफ" (जिसका अर्थ एक किताब में एक पृष्ठ है) या "क्रेन" शब्द (जिसका अर्थ एक शब्द भारी भार उठाने के लिए बड़ी मशीन)शामिल है ।अंग्रेजी बोलने वाले बस इन शब्दों को एक से अधिक अर्थ वाले समझते हैं। बाइबल की इब्रानी भाषा में निष्क्रिय रूपकों के उदाहरण के तौर पर,"हाथ" शब्द का प्रयोग "शक्ति" का प्रतिनिधित्व करने के लिए, "चेहरा" शब्द का उपयोग करके "उपस्थिति", या भावनाओं या नैतिक गुणों का प्रतिनिधित्व करने के लिए करना जैसे कि वे "कपड़े" है।

रूपक के रूप में तथ्यों के नमूनेरत् युग्म

रूपकों का उपयोग तथ्यों के युग्मों के आधार पर कई प्रकार से किया जाता है, जहाँ एक अंतर्निहित अवधारणा अक्सर एक अलग अंतर्निहित अवधारणा के लिए कार्य करता है। उदाहरण के तौर पर, अंग्रेजी में, अप (ऊपर) की दिशा अधिक या बेहतर (विचार) की अवधारणाओं का प्रतिनिधित्व करता है। इन महत्वपूर्ण तथ्यों के युग्मों के कारण, हम निम्न वाक्य बना सकते हैं, ‘‘गैस की कीमत चढ रही है’’, "एक अत्यधिक बुद्धिमान व्यक्ति," और विपरीत विचार भी: "तापमान नीचे जा रहा है" और “मैं बहुत कम महसूस कर रहा हूँ"।

दुनिया के भाषाओं में रूपांतरित उद्देश्यों के लिए प्रतिरूपित प्रतिमानों का निरंतर उपयोग किया जाता है, क्योंकि वे विचार को व्यवस्थित करने के लिए सुविधाजनक तरीके के रूप में कार्य करते हैं। सामान्य तौर पर, लोग अमूर्त गुणों (जैसे कि शक्ति, उपस्थिति, भावनाओं और नैतिक गुणों) की बात करना पसंद करते हैं जैसे कि वे शरीर के अंग थे, या जैसे कि वे ऐसी वस्तुएं थीं जिन्हें देखा या धारण किया जा सकता था, या जैसे कि वे घटनाएँ थीं जैसा हुआ वैसा देखा जा सकता था।

जब इन रूपकों का सामान्य तौर पर उपयोग किया जाता है, तो बहुत कम बार होता है कि वक्ता और दर्शक उन्हें अलंकार के रूप में इस्तेमाल करते हैं। अंग्रेजी में उपयोगी रूपकों के उदाहरण जिन पर अक्सर ध्यान नही दिया जाता:

  • “गर्मी बढ़ाओ।अधिक को बढाओं के रूप में बात की जाती है।
  • "हम अपनी वाद-विवाद को आगे बढ़ाते हैं।" योजना के अनुसार करने को चलना या पालन करने के रूप में कहा गया है।
  • "आप अपने सिद्धांत का अच्छी त रह से बचाव करते हैं। " तर्क को युद्ध के रूप में बात की जाती है।
  • "शब्दों का प्रवाह" शब्दों को तरल के रूप में बात की जाती है

अंग्रेजी बोलने वाले इसे रूपक या अलंकार के रूप में नहीं देखते हैं, इसलिए उन्हें अन्य भाषाओं में इस तरह से अनुवाद करना गलत होगा, जिससे लोग उनके लिए अलंकारिक भाषण के रूप में विशेष ध्यान दें। बाइबल की भाषाओं में इस तरह के रूपक के महत्वपूर्ण प्रतिमान के विवरण के लिए, कृपया देखें बाइबल के चित्र – सामान्य पद्धतियाँ और वे पृष्ठ जो आपको निर्देशित करेंगे।

किसी ऐसी चीज़ का अनुवाद करते समय जो किसी अन्य भाषा में एक निष्क्रिय रूपक है, इसे एक रूपक के रूप में न मानें। इसके बजाय, बस लक्ष्य भाषा में उस चीज़ या अवधारणा के लिए सबसे अच्छी अभिव्यक्ति का उपयोग करें।

सक्रिय रूपक

ये ऐसे रूपक हैं जिन्हें लोग एक अवधारणा के रूप में किसी अन्य अवधारणा के लिए खड़े होते हैं, या किसी अन्य चीज़ के लिए एक चीज़ के रूप में पहचानते हैं। वे लोगों के बारे में सोचते हैं कि एक चीज दूसरी चीज की तरह कैसे है, क्योंकि ज्यादातर तरीकों से दोनों चीजें बहुत अलग हैं। लोग इन रूपकों को आसानी से ताकत देने और संदेश के लिए असामान्य गुण के रूप में भी पहचानते हैं। इस कारण से, लोग इन रूपकों पर ध्यान देते हैं। उदाहरण के लिए,

परन्तु तुम्हारे लिये जो मेरे नाम का भय मानते हो, धार्मिकता का सूर्य उदय होगा, और उसकी किरणों के द्वारा तुम चंगे हो जाओगे; (मलाकी 4:2 यूएलबी)

यहाँ परमेश्वर अपने उद्धार के बारे में बताता है, मानो कि सूरज की किरणें उन लोगों पर उदय हो रही हैं, जिनसे वह प्रेम करता है। वह ऐसे बात करता है कि सूर्य की किरणें मानों उसके पँख थे। इसके अतिरिक्त, वह उन पँखों की बात कर रहा, जैसे कि वे लोगों को चँगा करने की औषधि ला रही हों। यहाँ एक और उदाहरण दिया गया है:

उसने उनसे कहा, “जाकर उस लोमड़ी से कह दो…,’'' (लूका 13:32 यूएलबी)

यहाँ, "उस लोमड़ी" राजा हेरोदेस को सन्दर्भित करता है। यीशु को सुनने वाले लोग निश्चित रूप से समझ गए थे कि यीशु चाहता था कि वे हेरोदेस के ऊपर एक लोमड़ी की कुछ विशेषताओं को लागू करें। वे कदाचित् समझ गए थे कि यीशु ने यह बताना चाहता था कि हेरोदेस दुष्ट था, या तो धूर्त तरीके से या किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में जो नाश करने वाले, हत्यारा, या जो उसने बातों को अपने लिया जो उससे सम्बन्धित नहीं थीं या इनमें सभों को अपने लिए ले लिया था।

सक्रिय रूपक ऐसे रूपक होते हैं, जिनका सही अनुवाद करने के लिए विशेष रीति से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता होती है। ऐसा करने के लिए, हमें एक रूपक के भागों अर्थात् खण्डों को समझने और यह देखने की आवश्यकता होती है कि वे अर्थ का उत्पन्न करने के लिए कैसे एक साथ काम करते हैं।

यीशु ने उनसे कहा, "जीवन की रोटी मैं हूँ" जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा।(यूहन्ना 6:35 यूएलबी)

इस रूपक में, यीशु ने अपने आपको जीवन की रोटी कहा। "मैं" विषय है (जिसका अर्थ है स्वयं यीशु) और छवि "रोटी" है। उस जगह और समय पर लोगों की प्राथमिक भोजन रोटी थी। रोटी और यीशु के बीच समानता यह है कि लोगों को जीने के लिए दोनों की आवश्यकता थी। जिस तरह लोगों को भौतिक जीवन जीने के लिए भोजन करने की आवश्यकता होती है, उसी तरह अनन्त जीवन पाने के लिए लोगों को यीशु पर भरोसा करने की आवश्यकता है। रूपक का विचार "जीवन" है। इस मामले में, यीशु ने रूपक के केंद्रीय विचार को कहा, लेकिन अक्सर विचार केवल निहित है।

रूपक के उद्देश्य

  • रूपक का एक उद्देश्य लोगों को किसी ऐसी वस्तु के बारे में सिखाना है, जिसे वे नहीं जानते (विषय) यह दिखाते हुए कि यह कुछ ऐसा है जिसे वे पहले से जानते हैं (छवि)।
  • एक अन्य उद्देश्य यह बताना है कि उस वस्तु(विषय) में एक विशेष गुण(विचार) है अथवा यह दिखाना है कि इसमें वह गुण अपने चरम रूप में है।
  • एक और उद्देश्य लोगों में एक विषय के बारे में इस प्रकार का भाव लाना है, जैसा कि वे किसी छविके बारे में महसूस करते हैं।

कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है

  • लोग कदाचित् समझ ही नहीं पाएँ कि रूपक का उपयोग हुआ है। दूसरे शब्दों में, वे रूपक को एक शाब्दिक कथन समझकर भम्र में पड़ जाएँ और इस तरह उसे गलत समझ लें।
  • हो सकता है कि लोग उपयोग किए गए छवि से परिचित न हों और इसलिए रूपक को समझने में सक्षम नहीं हैं।
  • यदि विषय को नहीं बताया गया होता है, तो लोग पहचान ही नहीं पाएंगे कि यह एक विषय है।
  • लोग तुलना के बिन्दुओं को समझ न पाएँ जिसे लेखक सोच रहा है और वह चाहता है कि लोग इसे समझे। यदि वे तुलना के बिन्दुओं को नहीं समझ पाते हैं, तो वे रूपक को भी नहीं समझ पाएँगे।
  • लोग सोच सकते हैं कि वे रूपक को समझते हैं, परन्तु वे इसे नहीं समझते हैं। ऐसा तब हो सकता है, जब वे बाइबल की संस्कृति की अपेक्षा अपनी संस्कृति में तुलना के बिन्दुओं को लागू करते हैं।

अनुवाद की रणनीतियाँ

  • रूपक के अर्थ को लक्षित श्रोताओं के लिए उतना ही स्पष्ट रखें जितना यह प्रथम श्रोताओं के लिए था।
  • रूपक के अर्थ को लक्षित श्रोताओं के लिए उससे अधिक स्पष्ट न बनाएँ जितना यह प्रथम श्रोताओं के लिए था।

बाइबल से उदाहरण

हे बाशान की गायों, यह वचन सुनो, (आमोस 4:1 यूएलबी)

इस रूपक में, आमोस सामरिया की उच्च-वर्ग की स्त्रियों से इस प्रकार बात करता है (विषय ‘‘तुम’’ है) जैसे कि वे गायें (छवि) हों। आमोस इन स्त्रियों और गायों के मध्य तुलना के बिन्दुओं को नहीं बताता है। वह चाहता है कि पाठक उनके बारे में सोचें, और पूरी तरह से अपेक्षा करता है कि अपनी संस्कृति से आने वाले पाठक आसानी से ऐसा करेंगे। परन्तु सन्दर्भ से, उसका यह अर्थ स्पष्ट हो जाता है कि स्त्रियाँ और गायें दोनों मोटी हैं और केवल स्वयं के लिए भोजन पाने में ही इच्छुक हैं। यदि हम एक भिन्न संस्कृति से तुलना के बिन्दुओं को लागू करते हैं, जैसे कि गायें पवित्र है और उनकी पूजा की जानी चाहिए, तो हमें इस सन्दर्भ से गलत अर्थ प्राप्त होगा।

ध्यान दें: आमोस यह नहीं कह रहा है कि वे स्त्रियाँ गायें हैं। क्योंकि वह उन्हे मनुष्य ही बता रहा है।

तो भी, हे यहोवा, तू हमारा पिता है; देख, हम तो मिट्टी है, और तू हमारा कुम्हार है; हम सब के सब तेरे हाथ के काम हैं।(यशायाह 64: 8 यूएलबी)

उपरोक्त उदाहरण दो सम्बन्धित रूपक हैं। विषय ‘‘हम’’ और ‘‘तू’’ एवं छवि ‘‘मिट्टी’’ और ‘‘कुम्हार’’ हैं। एक कुम्हार और परमेश्वर के बीच तुलना का इच्छित बिन्दु यह तथ्य है कि दोनों वही बनाते हैं जो वे अपनी सामग्री से चाहते हैं: कुम्हार वह बनाता है, जो वह मिट्टी से चाहता है, और परमेश्वर वह बनाता है, जो वह अपने लोगों से चाहता है।कुम्हार की मिट्टी और "हमारे" मध्य की तुलना का बिन्दु नहीं है कि न तो मिट्टी और न ही परमेश्वर के लोगों को यह शिकायत करने का अधिकार है कि वे क्या बन रहे हैं

यीशु ने उनसे कहा, “देखो, फरीसियों और सदूकियों के ख़मीर से सावधान रहना।” वे आपस में विचार करने लगे, “हम तो रोटी नहीं लाए। इसलिए वह ऐसा कहता है।” (मत्ती 16: 6-7 यूएलबी)

यीशु यहाँ एक रूपक का उपयोग करता है, परन्तु शिष्यों ने उसे नहीं पहचाना। जब उसने ‘‘खमीर’’ कहा, तो उन्होंने सोचा कि वह रोटी की बात कर रहा है, परन्तु ‘‘खमीर’’ उसके रूपक का छवि था, और विषय, फरीसियों और सदूकियों की शिक्षाएँ थीं। चूँकि शिष्यों (प्रथम श्रोतागण) ने यीशु के अर्थ को नहीं पहचाना, इसलिए यीशु के अर्थ को पहले से ही खुलकर अथवा स्पष्ट बताना सही नहीं होगा।

अनुवाद की रणनीतियाँ

यदि आपकी भाषा में लोग रूपकों को ठीक उसी प्रकार समझ सकते हैं, जैसे कि प्रथम श्रोतागण समझते थे, तो इसका उपयोग करें। अनुवाद की जाँच इस बात को सुनिश्चित करने के लिए करें कि लोग इसे सही रीति से समझ रहे हैं या नहीं।

यदि लोग नहीं समझ पा रहे हैं, तो आप निम्नलिखित रणनीतियाँ अपना सकते हैं:

  1. यदि रूपक स्रोत भाषा में एक सामान्य अभिव्यक्ति है या एक बाइबल की भाषा (निष्क्रिय रूपक) में तथ्यों के पद्धति आधारित जोड़े को व्यक्त करता है, तो अपनी भाषा में भी सबसे सरल शब्दों का उपयोग कर इस मुख्य विचार को प्रकट करें।
  2. यदि ऐसा प्रतीत होता है कि रूपक ‘सक्रिय रूपक के रूप में है, तो आप इसका शाब्दिक अनुवाद कर सकते हैं यदि आपको लगता है कि लक्षित भाषा भी इस रूपक का उपयोग उसी तरह से करती है, जैसे कि बाइबल में किया गया है. यदि आप ऐसा करते हैं, तो इसे जाँच कर सुनिश्चित कर लें कि भाषाई समुदाय इसे सही तरीके से समझ पा रहा है।
  3. यदि लक्षित श्रोतागण इसे नहीं समझ पा रही है कि यह एक रूपक है, तो रूपक को उपमा मे परिवर्तित कर दें। कुछ भाषाएँ ‘‘जैसे‘‘ या ‘‘तरह’’ इत्यादि शब्दों का उपयोग करके इन्हें लिखती हैं। देखें उपमा.
  4. यदि लक्षित श्रोतागण छवि को नहीं जानते हैं, तो उस छवि की व्याख्या कैसे की जाए के लिए अज्ञात का अनुवाद करें में दिए हुए विचारों को देखें।
  5. यदि लक्षित श्रोतागण उस अर्थ के लिए उस छवि का उपयोग नहीं करते हैं, तो इसके स्थान पर अपनी संस्कृति में से छवि का उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि ये छवि बाइबल के समयों में संभवतया प्रचलित रहा हो।
  6. यदि लक्षित श्रोतागण नहीं जानते हैं कि विषय क्या है, तो विषय को स्पष्ट तौर पर बताएँ। (तथापि, यदि मूल श्रोताओं को भी विषय का पता नहीं था, तो ऐसा न करें)
  7. यदि लक्षित श्रोतागण विषय और छवि के बीच अपेक्षित समानता(विचार) को नहीं समझ पाते है, तो उन्हें स्पष्ट तौर पर लिखें।
  8. यदि उपरोक्त वर्णित रणनीतियों में से कोई भी काम नहीं आती है, तो विचार को बिना रूपक के स्पष्ट तौर पर लिखें।

अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण

(1) यदि बाइबल की भाषा (एक निष्क्रिय रूपक) में लिखा गया रूपक स्रोत भाषा में पाई जाने वाली एक सामान्य अभिव्यक्ति या तथ्यों के पद्धित आधारित जोड़ों को प्रकट कर रहा है, तो अपनी भाषा में भी सबसे सरल शब्दों का उपयोग कर इस मुख्य विचार को प्रकट करें।

और याईर नामक आराधनालय के सरदारों* में से एक आया, और उसे देखकर, उसके पाँवों पर गिरा। (मरकुस 5:22 यूएलबी)

तब आराधनालय के अगुवों में से एक, जिसका नाम याईर था, आया और जब उसने उसे देखा, तो तुरन्त उसके पैरों पर गिर गया

(2) यदि रूपक सक्रिय रूपक प्रतीत होता है, तो आप इसका शाब्दिक अनुवाद कर सकते हैं यदि आपको लगता है कि लक्षित भाषा भी इस रूपक का उपयोग उसी तरह से करती है जैसे कि बाइबल का अर्थ में दिया गया है। यदि आप ऐसा करते हैं, तो यह सुनिश्चित करने के लिए जाँच करें कि भाषा समुदाय इसे सही तरीके से समझता है।

तुम्हारे मन की कठोरता के कारण उसने तुम्हारे लिये यह आज्ञा लिखी। (मरकुस 10:5 यूएलबी)

यह तुम्हारे कठोर मनों के कारण था कि उसने तुम्हारे लिए यह कानून लिखा,

इसमें कोई परिवर्तन नहीं हुआ है - परन्तु यह सुनिश्चित करने के लिए जाँच की जानी चाहिए कि लक्षित श्रोतागण इस रूपक को सही तरीके से समझते हैं।

(3) यदि लक्षित श्रोता नहीं समझ पा रहा है कि यह एक रूपक है, तो रूपक को उपमा मे परिवर्तित कर दें। कुछ भाषाएँ ‘‘जैसे‘‘ या ‘‘तरह’’ इत्यादि शब्दों का उपयोग कर इन्हें लिखती हैं।

तो भी, हे यहोवा, तू हमारा पिता है; देख, हम तो मिट्टी है, और तू हमारा कुम्हार है; हम सब के सब तेरे हाथ के काम हैं।(यशायाह 64: 8 यूएलबी)

और तो भी, यहोवा, तू हमारा पिता है; हम तो मिट्टी के जैसे है। तू कुम्हार की तरह है; और हम सब तेरे हाथ के काम हैं।

(4) यदि लक्षित श्रोता छवि को नहीं समझ पा रहा है, तो छवि को विचारों में परिवर्तित करने में सहायता के लिए अज्ञात का अनुवाद करें को देखें।

‘हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है? पैने पर लात मारना तेरे लिये कठिन है।’ (प्रेरितों के काम 26:14 यूएलबी)

शाऊल, शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है? तेरे लिए एक नुकीली छड़ी के विरूद्ध लात कठिन है.

(5) यदि लक्षित भाषा उस अर्थ के लिए उस छवि का उपयोग नहीं करती है, तो अपनी संस्कृति में से छवि का उपयोग करें। यह निश्चित करें कि ये छवि बाइबल के समयों में संभवतया प्रचलित रहा हो।

तो भी, हे यहोवा, तू हमारा पिता है; देख, हम तो मिट्टी है, और तू हमारा कुम्हार है; हम सब के सब तेरे हाथ के काम हैं।(यशायाह 64: 8 यूएलबी)

और तो भी, यहोवा, तू हमारा पिता है, हम लकड़ी हैं। तू हमारा कुम्हार है; और हम सब तेरे हाथ के काम हैं।”

और तौभी, यहोवा, तू हमारा पिता है, हम तार हैं। तू बुननेवाला हैं; और हम सब तेरे हाथ के काम हैं। ”

(6) यदि लक्षित श्रोता उसके विषय को नहीं समझ पाता है, तो विषय के बारे में स्पष्ट तौर पर लिखें। (तथापि, ऐसा तब न करें जब मूल श्रोता को भी यह नहीं पता है कि विषय क्या था)

यहोवा परमेश्‍वर जीवित है; मेरी चट्टान धन्य है; और मेरे मुक्तिदाता परमेश्‍वर की बड़ाई हो।(भजन संहिता 18:46 यूएलबी)

यहोवा जीवित है; वह मेरी चट्टान है. उसकी प्रशंसा की जाए। मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर की बड़ाई हो।

(7) यदि लक्षित श्रोतागण विषय और छवि के बीच अपेक्षित समानता को नहीं समझ पाते है, तो उन्हें स्पष्ट तौर पर लिखें।

यहोवा परमेश्‍वर जीवित है; मेरी चट्टान धन्य है; और मेरे मुक्तिदाता परमेश्‍वर की बड़ाई हो।(भजन संहिता 18:46 यूएलबी)

यहोवा जीवित है; उसकी प्रशंसा हो क्योंकि वह चट्टान है जिसके नीचे मैं अपने शत्रुओं से छुपा सकता हूँ. मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर की बड़ाई हो।

‘हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है? पैने पर लात मारना तेरे लिये कठिन है।’(प्रेरितों के काम 26:14 यूएलबी)

शाऊल, शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है? तू मुझसे लड़ता है और स्वयं को ही चोट पहुँचा रहा है जैसे एक बैल स्वामी के पैने पर लात मारकर स्वंय को ठेस पहुँचता है

(8) यदि उपरोक्त वर्णित कोई भी रणनीति काम नहीं आती है, तो कथन को बिना रूपक के स्पष्ट तौर पर लिखें।

मैं तुम को मनुष्यों के पकड़नेवाले बनाऊँगा।”(मरकुस 1:17 यूएलबी)

मैं तुम्हें लोगों को इकट्ठा करने वाला बनाऊँगा।

अब तुम मछलियाँ इकट्ठा करते हो। मैं तुम्हें लोगों को इक्ट्ठा करने वाला बनाऊँगा।

विशिष्ट रूपकों के बारे में अधिक जानने के लिए, देखें बाइबल के चित्र – सामान्य पद्धतियाँ


लक्षणालंकार

This section answers the following question: लक्षणालंकार क्या है?

वर्णन

लक्षणालंकार एक अलंकार है जिसमें एक वस्तु अथवा विचार को उसके नाम से नही, परंतु उससे जुड़े किसी और नाम से पुकारा जाता है। लक्षणालंकार एक शब्द है जिसका उपयोग उससे जुड़ी किसी और वस्तु के बदले में होता है।

और उसके पुत्र यीशु मसीह का लहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है। (1 यूहन्ना 1:7 यूएलबी)

लहू यीशु की मृत्यू को दिखाता है।

इसी रीति से उसने भोजन के बाद कटोरा भी यह कहते हुए दिया, “यह कटोरा मेरे उस लहू में जो तुम्हारे लिये बहाया जाता है नई वाचा है। (लूका 22:20 यूएलबी)

कटोरा उसमें डाली गई दाखरस को दिखाता है।

लक्षणालंकार का उपयोग किया जा सकता है

  • इसे किसी वस्तु के बारे में संक्षिप्त में बताने के लिए जिसे यह दिखाती है
  • इससे संबंधित किसी वस्तु का उपयोग कर उसके अर्थ को और अर्थपूर्ण बनाने के लिए

कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है

बाइबल लक्षणालंकार का अक्सर उपयोग करती है। कुछ भाषाओँ के वक्ताएं लक्षणालंकार का उपयोग नही करते हैं और शायद इसी कारण, वे बाइबल को पढ़ते वक्त इन्हे समझ न पाएँ। यदि वे लक्षणालंकार को नही पहचानते हैं तो संदेश को भी नही पहचानेंगे, और उससे भी बदत्तर, वे उसका गलत अर्थ समझ लेंगे। जब भी लक्षणालंकार का उपयोग होता है तो लोगों को पहचान होनी चाहिए कि यह किसको दिखाता है।

बाइबल से उदाहरण

प्रभु परमेश्‍वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उसको देगा। (लूका 1:32 यूएलबी)

सिंहासन राजा के अधिकार को दिखाता है। ‘‘सिंहासन’’ ‘‘राजकीय अधिकार’’ ‘‘राजत्व’’ ‘‘राज’’ का लक्षणालंकार है। इसका अर्थ है कि परमेश्वर उसे राजा दाऊद के बाद का एक राजा बनाएगा।

तब उसका मुँह और जीभ तुरन्त खुल गई; (लूका 1:64 यूएलबी)

मूँह बोलने की सामर्थ को दिखाता है। इसका अर्थ है कि वह दुबारा बोलने में सक्षम हो गया।

…. तुम्हें किस ने चेतावनी दी, कि आनेवाले क्रोध से भागो।(लूका 3:7 यूएलबी)

‘‘क्रोध’’ या ‘‘गुस्सा’’ ‘दण्ड अथवा सजा’ का लक्षणालंकार है। परमेश्वर अपने लोगों से बहुत क्रोधित था और परिणामस्वरूप, वह उनको दण्ड देगा।

अनुवाद रणनीतियाँ

यदि लोग लक्षणालंकार को अच्छी तरह से समझ सकते हैं तो उनका उपयोग करें।अन्यथा, निम्नलिखित विकल्पों को चुना जा सकता है।

  1. लक्षणालंकार के साथ में ही उस वस्तु का नाम भी लिखें जिसे वह दिखाता है
  2. केवल वस्तु का नाम लिखें जो जिसे लक्षणालंकार दिखाता है।

अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण

(1) लक्षणालंकार के साथ में ही उस वस्तु का नाम भी लिखें जिसे वह दिखाता है।

इसी रीति से उसने भोजन के बाद कटोरा भी यह कहते हुए दिया, “यह कटोरा मेरे उस लहू में जो तुम्हारे लिये बहाया जाता है नई वाचा है। (लूका 22:20 यूएलबी)

इसी प्रकार, उसने भोजन के बाद कटोरा यह कहते हुआ दिया, कि इस कटोरे का दाखरस मेरे उस लहू में, जो तुम्हारे लिये बहाया जाता है नई वाचा है

(2) केवल वस्तु का नाम लिखें जो जिसे लक्षणालंकार दिखाता है।

प्रभु परमेश्‍वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उसको देगा। (लूका 1:32 यूएलबी)

"प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का राजकीय अधिकार उसको देगा" या:

"प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद के समान उसे राजा बनाएगा"

तुम्हें किस ने चेतावनी दी, कि आनेवाले क्रोध से भागो।(लूका 3:7 यूएलबी)

"तुम्हें किसने जता दिया, कि आनेवाले परमेश्वर के दण्ड से भागो?"

आम तौर पर उपयोग होने वाले लक्षणालंकार की जानकारी के लिए, Biblical Imagery - Common Metonymies देखें।


समरूपता

This section answers the following question: समरूपता क्या है?

वर्णन

समरूपता में, संरचना या विचार में समान दिखने वाले दो खंड या वाक्यांशों का एक साथ उपयोग होता है। नीचे दी गई समरूपताएँ कर्इ प्रकार की होती हैं।

  • दूसरे खंड या वाक्यांश का अर्थ पहले जैसा है। इसे पर्यायवाची समानता कहा जाता है।
  • दूसरा पहले के अर्थ को स्पष्ट करता या उसे बल देता है।
  • दूसरा पहले में कही गर्इ बात को पूरा करता है।
  • दूसरा पहले में लिखे विचार के विपरीत कहता है। परंतु उस विचार में कुछ जोड़ता भी है।

समरूपता को हम अधिकतर भजन संहिता एवं नीतिवचन जैसी पुराने नियम की कविताओं में पा सकते हैं। यह नये नियम की यूनानी भाषा में भी मिलती है, दोनों चार सुसमाचारों और प्रेरितों की पत्रियों में।

मूल भाषाओं की कविताओं में प्रयुक्त पर्यायवाची समरूपता (एक रूप जिसमें दोनों वाक्य एक दूसरे जैसे लगते हैं) के कर्इ प्रभाव हो सकते हैं:

  • एक बार से अधिक बार अथवा तरीकों में बताने से यह दिखाता है कि उक्त कथन बहुत महत्वपूर्ण है।
  • अलग तरीके से बताने के द्वारा इसे सुननेवाले उस विचार को अधिक गहरार्इ से समझते हैं।
  • इससे भाषा अधिक सुंदर एवं बोलने के आम तरीके से उत्तम हो जाती है।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

कुछ भाषाओं में समरूपता का उपयोग नही होता है। एक बात को दो बार कहने से उनको यह अजीब सा लगता है या वे सोचते हैं कि उन दोनों वाक्यों के विभिन्न अर्थ हैं। उनके लिए यह सुंदर होने के स्थान पर, संदेहपूर्ण हो जाता है।

ध्यान दें: हम उन लंबे वाक्यों या कथनों के लिए ‘‘पर्यायवाची समरूपता’’ का उपयोग करते हैं जिनका अर्थ समान होता है। हम उन शब्दों या छोटे वाक्यों के लिए युग्मकों का उपयोग करते हैं जिनके मूल अर्थ समान होते और एक साथ उपयोग किया जाता है।

बाइबल में से उदाहरण

(1)दूसरे खंड या वाक्यांश का अर्थ पहले जैसा है।

तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। (भजन संहिता 119:105 ULT)

वाक्य के दोनों भाग रूपक हैं जो यह कहते हैं कि परमेश्वर का वचन लोगों को जीना सिखाता है।

तूने उसे अपने हाथों के कार्यों पर प्रभुता दी है; तूने उसके पांव तले सब कुछ कर दिया है। (भजन संहिता 8:6 ULT)

दोनों वाक्य कहते हैं कि परमेश्वर ने मनुष्य को सबका शासक बनाया है।

(2) दूसरा पहले के अर्थ को स्पष्ट करता या उसे बल देता है।

यहोवा की आंखें सब स्थानों में लगी रहती हैं, वह बुरे भले दोनों को देखती रहती हैं (नीतिवचन 15:3 ULT)

दूसरा वाक्य विशेष रूप से बताता है कि यहोवा नजर रखता है।

(3)दूसरा पहले में कही गर्इ बात को पूरा करता है।

मैं ऊँचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूँ, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है (भजन संहिता 3:4 ULT)

दूसरा वाक्य बताता है कि व्यक्ति पहले वाक्य में जो करता है यहोवा उसके उत्तर में कुछ दूसरे वाक्य में करता है।

(4) दूसरा पहले में लिखे विचार के विपरीत कहता है। परंतु उस विचार में कुछ जोड़ता भी है।

क्योंकि यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है, परन्तु दुष्टों का मार्ग नाश हो जाएगा। (भजन संहिता 1:6 ULT)

यह धर्मी लोगों के साथ क्या होता की तुलना दुष्टों के साथ क्या होता है से करने के द्वारा अंतर करता है।

कोमल उत्तर सुनने से जलजलाहट ठंडी होती है, परन्तु कटुवचन से क्रोध धधक उठता है। (नीतिवचन 15:1 ULT)

यह अंतर बताता है कि जब कोर्इ कोमल उत्तर देता है तो क्या होता और कठोर उत्तर का क्या प्रभाव पड़ता है।

अनुवाद की रणनीतियाँ

समरूपता के अधिकतर प्रकारों में, दोनों वाक्यों या कथनों का अनुवाद करना उचित होता है। प्रयायावाची समरूपता में, दोनों वाक्यों का अनुवाद करना उचित है यदि आपकी भाषावाले इस बात को जानते हैं कि किसी बात को दो बार कहने से उस बात को बल मिलता है। परंतु यदि आपकी भाषा में समरूपता का उपयोग इस प्रकार नही होता है, तो अनुवाद के निम्न तरीकों में से एक का उपयोग करें।

(1) दोनों वाक्यों के विचारों को एक कर लें। (2) यदि आपको यह लगता है कि उनके द्वारा कर्इ गर्इ बातें वास्तव में सच हैं, तो आप ‘‘वास्तव’’ या ‘‘सच में’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं। (3) यदि आपको लगता है कि वाक्यों का उपयोग उसके विचार को गहरा करने के लिए दिया गया है तो आप ‘‘बहुत’’, ‘‘पूर्णतया’’ या ‘‘सब’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

(1) दोनों वाक्यों के विचारों को एक कर लें।

अब तक तू मुझ से छल करता और झूठ बोलता आया है (न्यायियों 16:13, ULT) - दलीला दो बार शब्दों का उपयोग कर बताती है कि वह कितनी अधिक नाराज है।

"अब तक तूने झूठ से मेरे साथ छल किया है

क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं, और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान करता है। (नीतिवचन 5:21 ULT) - ‘‘उसके सब मार्ग’’ ‘‘मनुष्य के मार्ग’’ का रूपक है

‘‘यहोवा मनुष्य के किए गए हर कार्य पर ध्यान देता है’’

क्योंकि यहोवा का अपनी प्रजा के साथ मुकद्दमा है, और वह इस्राएल से वादविवाद करता है (मीका 6:2 ULT) - यह समरूपता यहोवा और एक समूह के लोगों के बीच की गंभीर मतभेद को दिखाती है यदि यह स्पष्ट नही है, तो वाक्यों को एक किया जा सकता है:

‘‘क्योंकि यहोवा के पास अपने लोगों के लिए मुकद्दमा है।’’

(2) यदि आपको यह लगता है कि उनके द्वारा कर्इ गर्इ बातें वास्तव में सच हैं, तो आप ‘‘वास्तव’’ या ‘‘सच में’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं।

क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं, और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान करता है। (नीतिवचन 5:21 ULT)

‘‘यहोवा वास्तव में मनुष्य के हर कार्य को देखता है।’’

(3) यदि आपको लगता है कि वाक्यों का उपयोग उसके विचार को गहरा करने के लिए दिया गया है तो आप ‘‘बहुत’’, ‘‘पूर्णतया’’ या ‘‘सब’’ जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं।

अब तक तू मुझ से छल करता, और झूठ बोलता आया है। (न्यायियों 16:13, ULT)

‘‘तूने मेरे साथ सब कुछ झूठ बोला है।’’

क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान करता है (नीतिवचन 5:21 ULT)

"यहोवा मनुष्य के किए गए सब कार्यों को अच्छी तरह से जानता है। "


समान अर्थ के साथ समरूपता

This section answers the following question: समान अर्थ के साथ समानान्तरवाद का क्या अर्थ हैं?

विवरण

समान अर्थ के साथ समान्तरतावाद एक काव्य युक्ति है जिसमें एक जटिल विचार दो या दो से अधिक अलग तरीकों से व्यक्त किया जाता है। वक्ता दो विचारों में समान विचारों पर जोर देने के लिए ऐसा कर सकते हैं। इसे "समानार्थी समान्तरतावाद" भी कहा जाता है।

ध्यान दें: हम लम्बे वाक्यांशों या खण्डों के लिए "समान अर्थ वाले समान्तरतावादी" शब्द का उपयोग करते हैं जिसका अर्थ समान है। हम शब्दों के लिए युग्म शब्दावली का उपयोग करते हैं या बहुत कम वाक्यांशों को जिनका अर्थ मूल रूप से एक ही वस्तु के अर्थ से और एक साथ उपयोग से होता है।

यहोवा सब कुछ देखता है जो एक व्यक्ति करता है और वह सभी उसके द्वारा लिए हुए सभी पथों पर ध्यान करता है . (नीतिवचन 5:21 यूएलबी)

पहला रेखांकित वाक्यांश और दूसरा रेखांकित वाक्यांश एक ही बात का अर्थ देता है। इन दो वाक्यांशों के बीच तीन विचार हैं, जो एक जैसे हैं। "देखता" "ध्यान" की समानता में, "सब कुछ ... करता है" "सभी पथ ... लेता है" और "एक व्यक्ति" की समानता में है "वह"। वचन में समानार्थी समान्तरतावाद के कई प्रभाव पाए जाते हैं:

  • यह दिखाता है कि इसे एक से अधिक बार और एक से अधिक तरीकों से कहकर बुलाना बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण है।
  • यह श्रोताओं को विभिन्न तरीकों से कहने के विचार के बारे में अधिक गहराई से सोचने में सहायता करता है।
  • यह भाषा को और अधिक सुन्दर बनाता और बोलने के सामान्य तरीके से ऊपर उठाता है।

इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है

कुछ भाषाओं में लोग किसी से भी भिन्न तरीकों से दो बार एक ही बात कहने की अपेक्षा नहीं करते हैं। वे अपेक्षा करते हैं कि यदि दो वाक्यांश या दो वाक्य हैं, तो उनके भिन्न अर्थ होंगे। इसलिए वे समझ में नहीं पाते हैं कि विचारों की पुनरावृत्ति ही विचार पर जोर देती है।

बाइबल से उदाहरण

तेरा वचन मेरे पैरों के लिए एक दीपक है और मेरे पथ के लिए एक प्रकाश है। (भजन 119:105 यूएलबी)

वाक्यों के दोनों भाग रूपक हैं, जो कह रहे हैं कि परमेश्वर का वचन लोगों को शिक्षा देता है कि कि कैसे जीवन व्यतीत करना है। शब्द "दीपक" और "प्रकाश" अर्थ में एक जैसे ही हैं क्योंकि वे प्रकाश का सन्दर्भ देते हैं, और "मेरे पैर" और "मेरे पथ" शब्द सम्बन्धित हैं, क्योंकि वे चलने वाले व्यक्ति को सन्दर्भित करते हैं।

यहोवा की स्तुति करो , तुम सभी राष्ट्रों; उसकी बड़ाई करों , तुम सभी लोग! (भजन 117:1 यूएलबी)

इस वचन के दोनों भाग लोगों को हर स्थान पर यहोवा की स्तुति करने के लिए कहते हैं। 'स्तुति' और 'बड़ाई' शब्द का अर्थ एक ही बात से है, 'यहोवा' और 'उसकी' उसी व्यक्ति का सन्दर्भ देते हैं, और तुम सभी राष्ट्रों' और तुम सभी लोग' एक ही तरह के लोगों को सन्दर्भित करते हैं।

क्योंकि यहोवा का उसके लोगों के साथ मुकदमा है , और वह इस्राएल के विरूद्ध अदालत में लड़ेगा। (मीका 6:2 यूएलबी)

इस वचन के दो भाग हैं जो कहते हैं कि यहोवा का उसके लोगों, इस्राएल के साथ गम्भीर असहमति है। ये दो भिन्न मतभेद या लोगों के दो भिन्न समूह नहीं हैं।

अनुवाद की रणनीतियाँ

यदि आपकी भाषा समानांतरता का उपयोग करती है जैसे बाइबल की भाषाएँ, अर्थात्, एक विचार को दृढ़ करने के लिए, तो आपके अनुवाद में इसका उपयोग करना उचित होगा।

परन्तु यदि आपकी भाषा इस तरह की समानांतरता का उपयोग नहीं करती है, तो निम्न अनुवाद रणनीतियों में से एक का उपयोग करने पर विचार करें।

  1. दोनों खण्डों के विचारों को एक में मिलाएँ।
  2. यदि ऐसा प्रतीत होता है कि खण्डों का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि वे जो कहते हैं वह वास्तव में सच है, तो आप उन शब्दों को सम्मिलित कर सकते हैं जो सत्य को "सच" या "निश्चित रूप से" होने पर जोर देते हैं।
  3. यदि ऐसा प्रतीत होता है कि खण्डों में एक विचार को तीव्रता देने के लिए एक साथ उपयोग किया जाता है, तो आप "बहुत," "पूरी तरह से" या "सब" जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं।

अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण

  1. दोनों खण्डों के विचारों को एक में मिलाएँ।
  • अब तक तूने मुझे धोखा दिया है और मुझसे झूठ कहा है . (न्यायियों 16:13, यूएलबी) - दलीला ने इस विचार को दो बार व्यक्त किया कि वह बहुत अधिक परेशान थी।
  • अब तक तूने मुझे अपने झूठ से धोखा दिया है .
  • यहोवा सब कुछ देखता है जो एक व्यक्ति करता है और वह उन सब पथों पर ध्यान देता हैजिसे वह लेता है। (नीतिवचन 5:21 यूएलबी) - वाक्यांश "वह उन सब पथों को लेता है" इस बात "वह जो कुछ करता है" के लिए रूपक है।
  • यहोवा सब कुछ पर ध्यान देता है जिसे एक व्यक्ति करता है।
  • क्योंकि यहोवा का उसके लोगों के साथ मुकदमा है , और वह इस्राएल के विरूद्ध अदालत में लड़ेग (मीका 6:2 यूएलबी) - यह समान्तरतावाद एक गम्भीर असहमति का वर्णन करती है जो यहोवा की एक समूह था लोगों के साथ थी। यदि यह अस्पष्ट है, तो वाक्यांशों को जोड़ा जा सकता है:
  • क्योंकि यहोवा का तुम्हारे लोगों , इस्राएल के साथ मुकदमा है ।
  1. यदि ऐसा प्रतीत होता है कि खण्डों का उपयोग यह दिखाने के लिए किया जाता है कि वे जो कहते हैं वह वास्तव में सच है, तो आप उन शब्दों को सम्मिलित कर सकते हैं जो सत्य को "सच" या "निश्चित रूप से" पर जोर देते हैं।
  • यहोवा सब कुछ देखता है कोई व्यक्ति करता है और वह जो भी पथ लेता है उस पर ध्यान देता है। (नीतिवचन 5:21 यूएलबी)
  • यहोवा वास्तव में सब कुछ देखता है जिसे एक व्यक्ति करता है।
  1. यदि ऐसा प्रतीत होता है कि खण्डों में एक विचार को तीव्रता देने के लिए एक साथ उपयोग किया जाता है, तो आप "बहुत," "पूरी तरह से" या "सब" जैसे शब्दों का उपयोग कर सकते हैं।
  • ... तूने मुझे धोखा दिया है और मुझ से झूठ कहा है। (न्यायियों 16:13 यूएलबी)
  • सभी तूने जो किया वह झूठ है।
  • यहोवा सब कुछ देखता है जिसे एक व्यक्ति करता है और वह जो भी पथ लेता है उस पर ध्यान देता है। (नीतिवचन 5:21 यूएलबी)
  • यहोवा पूर्ण रीति से सब कुछ देखता है जिसे एक व्यक्ति करता है।

मानवीकरण

This section answers the following question: मानवीकरण क्या है?

वर्णन

मानवीकरण भाषा का एक अलंकार है जिसमें एक वस्तु को एक व्यक्ति या जन्तु के समान दिखाया जाता है कि वह उनके समान कार्य कर सकती है। लोग इसका उपयोग इसलिए करते हैं जिससे वे नही दिखने वाली चीजों की जानकारी आसानी से दे सकें।

जैसे कि बुद्धि:

क्या बुद्धि नहीं पुकारती है? (नीतिवचन 8:1 यूएलबी)

या पाप:

पाप द्वार पर छिपा रहता है (उत्पत्ति 4:7 यूएलबी)

लोग इसका उपयोग इसलिए भी करते हैं क्योंकि उन्हे निर्जीव वस्तुओं के साथ मनुष्य के रिश्ते के बारे में बताना आसान लगता है, जैसे कि धन, मानो यह लोगों के बीच के रिश्ते हो।

तुम परमेश्वर और धन दोनो की सेवा नहीं कर सकते” (मत्ती 6:24 यूएलबी)

प्रत्येक मामले में, मानवीकरण का उद्देश्य निर्जीव वस्तुओं की एक निश्चित विशेषता को उजागर करना है। जैसा कि रूपक में है, पाठक को यह सोचने की ज़रूरत है कि वस्तुएँ एक विशेष प्रकार के व्यक्ति की तरह है।

कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है

  • कुछ भाषाएँ मानवीकरण का उपयोग नही करती हैं
  • कुछ भाषाएँ मानवीकरण का उपयोग कुछ परिस्थितियों में ही करती हैं

बाइबल में से उदाहरण

तुम परमेश्वर और धन दोनो की सेवा नहीं कर सकते” (मत्ती 6:24 यूएलबी)

यीशु धन को एक मालिक के समान बताते हैं जिनकी मनुष्य सेवा कर सकता है। धन से प्रेम करना या उसके आधार पर निर्णय लेना उस दास के समान है जो अपने मालिक की सेवा करता है।

क्या बुद्धि नहीं पुकारती है? क्या समझ ऊंचे शब्द से नहीं बोलती है? (नीतिवचन 8:1 यूएलबी)

लेखक बुद्धि और समझ को स्त्रियों के समान बताता है जो लोगों को सिखाने के लिए पुकार रही हैं। इसका अर्थ है कि वे छुपी हुई वस्तुएँ नहीं, वरन् देख सकने योग्य हैं जिन पर लोग ध्यान दे सकते हैं।

अनुवाद की रणनीतियाँ

यदि आपकी भाषा में मानवीकरण को आसानी से समझा जा सकता है तो उसका उपयोग करें। यदि इसे समझा नही जाता है तो अनुवाद के कुछ अन्य तरीकों का उपयोग करें।

  1. मनुष्य (या पशु) की विशेषता स्पष्ट करने के लिए शब्द या वाक्यांश जोड़े।
  2. रणनीति (1) के अलावा,‘‘जैसे’’ या ‘‘समान’’ जैसे शब्दों का उपयोग करें जिससे कथन का सीधा अर्थ समझा नहीं जाए।
  3. मानवीकरण के बिना, इसका अनुवाद करने की कोशिश करें।

अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण

(1) मनुष्य (या पशु) की विशेषता स्पष्ट करने के लिए शब्द या वाक्यांश जोड़े।

...पाप द्वार पर छिपा रहता है (उत्पत्ति 4:7 यूएलबी)- परमेश्वर पाप को एक जंगली जानवर के रूप में दिखा रहा है जो हमला करने के मौके की तलाश में लगा है। यह दिखाता है कि पाप कितना खतरनाक है। इस खतरे को और दिखाने के लिए एक अतिरिक्त कथन जोड़ा जा सकता है।

... पाप तुम्हारे द्वार पर है जो तुम पर हमला करने की इंतजार में है

(2) रणनीति (1) के अलावा,‘‘जैसे’’ या ‘‘समान’’ जैसे शब्दों का उपयोग करें जिससे कथन का सीधा अर्थ समझा नहीं जाए।

...पाप द्वार पर छिपा रहता है (उत्पत्ति 4:7 यूएलबी)- यह "जैसा है" शब्द के साथ अनुवाद किया जा सकता है।

... पाप द्वार पर छिपा रहता है, - जैसे कोई जंगली जानवर किसी व्यक्ति पर हमला करने की प्रतीक्षा करता है

(3) मानवीकरण के बिना, इसका अनुवाद करने की कोशिश करें

...आँधी और पानी भी उसकी आज्ञा मानते हैं।” (मत्ती 8:27 ULB) - मनुष्य ‘‘आँधी और पानी के बारे में ऐसे बोल रहे हैं जैसे कि वो सुन पा रहे हैं और लोगों के समान यीशु की बात मानते हैं। आज्ञा के विचार के बिना भी इसका अनुवाद किया जा सकता है, इस प्रकार कि यीशु ने उन्हें नियंत्रित किया।

वह तो आँधी और पानी पर भी नियंत्रण रखता है

ध्यान दें : हमने मानवीकरण की परिभाषा को और बड़ा करके उसमें ‘‘जूफोर्मिस्म’’ (वस्तुओं को ऐसे पेश करना कि उनमें जानवरों का स्वभाव हो) और ‘‘आन्द्रोपोफोर्मिस्म’’ (निर्जीव वस्तुओं को मनुष्य समान दिखाना) को भी शामिल किया गया है, क्योंकि उनके लिए अनुवाद की रणनीतियाँ समान हैं।।


भविष्यसूचक अतीत

This section answers the following question: भविष्यसूचक अतीत क्या है?

वर्णन

भविष्यसूचक अतीत भाषा का वो अलंकार है जो भूतकाल वाले वाक्य का उपयोग कर भविष्य की किसी घटना का उल्लेख करता है। ऐसा अक्सर भविष्यद्वाणियों में यह दिखाने के लिए किया जाता है कि वह घटना जरूर घटेगी। इसे भविष्यद्वाणीय पूर्ण भी कहते हैं।

इसलिये अज्ञानता के कारण मेरी प्रजा बंधुवार्इ में जाती है; उसके प्रतिष्ठित पुरूष भूखों मरते और साधारण लोग प्यास से ब्याकुल होते हैं (यशायाह 5:13 ULT)

उपरोक्त उदाहरण में, इस्राएली अभी बंधुवार्इ में गए नही थे परंतु परमेश्वर ने उनके बंधुवार्इ में जाने के बारे में इस प्रकार कहा कि वे बंधुवार्इ में हैं क्यों उसने उन्हे बंधुवार्इ में भेजने की ठान ली थी।

कारण यह अनुवाद का विषय है

भूतकाल के बारे में अनभिज्ञ पाठक भविष्यद्वाणी में बतार्इ गर्इ भावी घटना के बारे में पढ़कर संदेह से भर सकते हैं।

बाइबल में से उदाहरण

और यरीहो के सब फाटक इस्राएलियों के डर के मारे लगातार बन्द रहे और कोर्इ बाहर भीतर आने जाने नहीं पाता था। फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, “सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में कर देता हूँ।” (यहोशू 6:1-2 ULT)

क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी। (यशायाह 9:6अ ULT)

उपरोक्त उदाहरण में, परमेश्वर ने भविष्य में होने वाली घटना के बारे में इस प्रकार कहा कि वह पहले से ही घट चुकी हो।

और हनोक ने भी जो आदम से सातवीं पीढ़ी में था, इन के विषय में यह भविष्यद्ववाणी की कि “देखो! प्रभु अपने लाखों पवित्रों के साथ आया। (यहूदा 1:5 ULT)

हनोक भविष्य में होने वाली घटना के बारे में बता रहा था परंतु उसने यह कहकर भूतकाल का उपयोग किया जब उसने कहा, ‘‘प्रभु आया।’’

अनुवाद की रणनीतियाँ

यदि आपकी भाषा में भूतकाल स्वभाविक होगा और वह आपकी भाषा में सही अर्थ को दे रहा है, तो इसके उपयोग पर विचार करें। अन्यथा, यहाँ निम्नलिखित कुछ विकल्प दिए गए हैं:

(1) भविष्य की बातों को बताने के लिए भविष्यसूचक शब्दों का ही उपयोग करें (2) यदि वहाँ भविष्य की एकदम से घटने वाली घटना के बारे में लिखा है, तो ऐसे रूप का उपयोग करें जिससे वह स्पष्ट हो (3) कुछ भाषाएँ भविष्य में होने वाली घटना को दिखाने के लिए वर्तमान काल का भी उपयोग करती हैं

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

(1) भविष्य की बातों को बताने के लिए भविष्यसूचक शब्दों का ही उपयोग करें

क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है। (यशायाह 9:6अ ULT)

क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न होगा, हमें एक पुत्र दिया जाएगा है।

(2) यदि वहाँ भविष्य की एकदम से घटने वाली घटना के बारे में लिखा है, तो ऐसे रूप का उपयोग करें जिससे वह स्पष्ट हो

फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, “सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में कर देता हूँ। (यहोशू 6:2 ULT)

फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, “सुन, मैं यरीहो को तेरे वश में करने पर हूँ उसके राजा और शूरवीरों समेत।”

(3) कुछ भाषाएँ भविष्य में होने वाली घटना को दिखाने के लिए वर्तमान काल का भी उपयोग करती हैं

फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, सुन, मैं यरीहो को उसके राजा और शूरवीरों समेत तेरे वश में कर देता हूँ।” (यहोशू 6:2 ULT)

फिर यहोवा ने यहोशू से कहा, “सुन, मैं यरीहो को तेरे वश में कर रहा हूँ उसके राजा और शूरवीरों समेत।”


उत्तर की अपेक्ष किए बिना प्रभावोत्पादक प्रश्न

This section answers the following question: भाषणगत प्रश्न क्या हैं और मैं कैसे उनका अनुवाद कर सकता हूँ?

एक भाषणगत प्रश्न वह होता है जिसे एक वक्ता तब पूछता है कि जब वह इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने की अपेक्षा किसी वस्तु के बारे में अपना दृष्टिकोण व्यक्त करने में अधिक रुचि रखता है। वक्ता गहरी भावना व्यक्त करने के लिए भाषणगत प्रश्नों का उपयोग करते हैं या श्रोताओं को कुछ के बारे में गहराई से सोचने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। बाइबल में कई भाषणगत प्रश्न पाए जाते हैं, अक्सर आश्चर्य व्यक्त करने के लिए, श्रोताओं को ताड़ना देने या डांटने या सिखाने के लिए। कुछ भाषाओं के वक्ता अन्य प्रयोजनों की प्राप्ति के लिए भी भाषणगत प्रश्नों का उपयोग करते हैं।

वर्णन

एक भाषणगत प्रश्न एक ऐसा प्रश्न होता है जो किसी चीज़ के प्रति वक्ता के रवैये को दृढ़ता से व्यक्त करता है। अक्सर वक्ता जानकारी की खोज नहीं कर रहा होता है, परन्तु यदि वह जानकारी माँग रहा है, तो सामान्य रूप से वह जानकारी नहीं होती है जिसके लिए प्रश्न को पूछा गया प्रतीत होता है। वक्ता जानकारी प्राप्त करने की अपेक्षा अपने दृष्टिकोण को व्यक्त करने में अधिक रुचि रखता है।

जो लोग पास खड़े थे, उन्होंने कहा, “क्या तू परमेश्वर के महायाजक का अपमान करता है?" (प्रेरितों 23:4 ULT)

जिन लोगों ने पौलुस से यह प्रश्न पूछा वे परमेश्वर के महायाजक का अपमान करने के उसके तरीके के बारे में नहीं पूछ रहे थे। इसकी अपेक्षा उन्होंने महायाजक का अपमान करने के लिए पौलुस पर आरोप लगाने के लिए इस प्रश्न का उपयोग किया था।

बाइबल में कई भाषणगत प्रश्न पाए जाते हैं। इन भाषणगत प्रश्नों के कुछ उद्देश्यों में लोगों को ताड़ना देने, लोगों को शिक्षा देने, कुछ लोगों को स्मरण दिलाने के लिए कुछ सीखने और उन्हें कुछ नया करने के लिए लागू करने, और कुछ ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिसके बारे में वे बात करना चाहते हैं।

कारण यह अनुवाद की समस्या है

  • कुछ भाषाएँ भाषणगत प्रश्नों का उपयोग नहीं करती हैं; उनके लिए एक प्रश्न सदैव जानकारी के लिए एक अनुरोध होता है।
  • कुछ भाषाएँ भाषणगत प्रश्नों का उपयोग करती हैं, परन्तु उन उद्देश्यों के लिए जो बाइबल की तुलना में अधिक सीमित या भिन्न होते हैं।
  • भाषाओं के बीच इन मतभेदों के कारण, कुछ पाठक बाइबल में एक भाषणगत प्रश्न के उद्देश्य को गलत समझ सकते हैं।

बाइबल में से उदाहरण

क्या तू अभी भी इस्राएल के राज्य के ऊपर शासन नहीं करता है? (1 राजा 21:7ब ULT)

ईज़ेबेल ने उपरोक्त प्रश्न का उपयोग राजा अहाब को स्मरण दिलाने के लिए किया था जिसे वह पहले से जानता था: कि वह अभी भी इस्राएल के राज्य के ऊपर शासन कर रहा था। भाषणगत् प्रश्न ने उसकी बात को और अधिक मजबूती बना दिया यदि उसने केवल इसे कहा मात्र होता, क्योंकि इसने अहाब को इस बात को स्वीकार करने के लिए मजबूर कर दिया था। उसने निर्धन व्यक्ति की सम्पत्ति लेने की इच्छा न रखने के लिए उसे ताड़ना देने के लिए ऐसा किया। वह यह कह रही थी कि क्योंकि वह इस्राएल का राजा था, इस लिए उसके पास उस व्यक्ति की सम्पत्ति लेने की सामर्थ्य थी।

क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन उसके घूंघट भूल जाएगी? तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं! (यिर्मयाह 2:32 ULT)

परमेश्वर ने उपरोक्त प्रश्न का उपयोग अपने लोगों को स्मरण दिलाने के लिए किया था जिस बात को वे पहले से ही जानते थे: एक जवान स्त्री अपने गहने को कभी नहीं भूलती या दुल्हन अपने घूंघट को नहीं भूलती है। उसके बाद उसने अपने लोगों को भूलने के लिए ताड़ना दी जो उन वस्तुओं से बहुत अधिक बढ़कर है।

जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर ही नहीं नहीं गया? (अय्यूब 3:11अ ULT)

अय्यूब ने गहरे भाव को दिखाने के लिए ऊपर दिए गए प्रश्न का उपयोग किया है। यह भाषणगत प्रश्न व्यक्त करता है कि वह कितना अधिक दुखी था कि वह जन्म होने के तुरन्त बाद ही क्यों नहीं मर गया। वह आशा करता था कि उसे जीवित नहीं रहना चाहिए था।

और मेरे साथ ऐसा क्यों घटित हुआ कि मेरे पास प्रभु की माता पास आई? (लूका 1:43 ULT)

इलीशिबा ने उपरोक्त प्रश्न का उपयोग यह दिखाने के लिए किया है कि वह कितनी अधिक आश्चर्यचकित और आनन्दित थी कि उसके अपने प्रभु की माता उसके पास आई थी

या तुम में से ऐसा कौन सा व्यक्ति है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगता है, तो उसे पत्थर देगा? (मत्ती 7:9 ULT)

यीशु ने ऊपर दिए गए प्रश्न का उपयोग उन वस्तुओं को लोगों को स्मरण दिलाने के लिए किया जिन्हें वे पहले से ही जानते थे: एक अच्छा पिता कभी अपने पुत्र को खाने के लिए कुछ बुरा नहीं देगा। इस बात को प्रस्तुत करते हुए, यीशु उन्हें अपने अगले भाषणगत प्रश्न के साथ परमेश्वर के बारे में शिक्षा दे सकता था:

इसलिए, यदि तुम बुरे होकर अपने बच्चों को अच्छे उपहार देना जानते हो, तो स्वर्ग से तुम्हारा पिता उनके लिए और अच्छी वस्तुओं को क्यों न देगा जो उससे मांगते हैं? (मत्ती 7:11 ULT)

यीशु ने इस प्रश्न का उपयोग लोगों को ओजस्वी तरीके से सिखाने के लिए किया था कि परमेश्वर उन्हें अच्छी वस्तुएँ देता है जो उससे मांगते हैं।

परमेश्वर का राज्य कैसा है, और मैं इसकी तुलना किस से कर सकता हूँ? यह सरसों के बीज की तरह है जिसे एक व्यक्ति ने अपने खेत में ले लिया और बिखरा कर चला गया… (लूका 13:18ब-19अ ULT)

यीशु ने ऊपर दिए गए प्रश्न का उपयोग करने के लिए कहा कि वह किस बारे में बात करने वाला था। वह परमेश्वर के राज्य की तुलना किसी वस्तु से करने वाला था। इस घटना में, उसने परमेश्वर के राज्य की तुलना सरसों के बीज से की।

अनुवाद की रणनीतियाँ

एक भाषणगत प्रश्न का सही अनुवाद करने के लिए पहले सुनिश्चित करें कि जिस प्रश्न का आप अनुवाद कर रहे हैं वह वास्तव में एक भाषणगत प्रश्न है और यह एक जानकारी वाला प्रश्न नहीं है। स्वयं से पूछें, "क्या प्रश्न पूछने वाले व्यक्ति को पहले से ही प्रश्न का उत्तर पता है?" यदि हाँ, तो यह एक भाषणगत प्रश्न है। या, यदि कोई इस प्रश्न का उत्तर नहीं में देता है, तो क्या जिसने पूछा है उसे उत्तर प्राप्त करने की आशा थी? यदि नहीं, तो यह एक भाषणगत प्रश्न है।

जब आप सुनिश्चित हो जाते हैं कि प्रश्न भाषणगत है, तो सुनिश्चित करें कि आप जानते हैं कि भाषणगत प्रश्न का उद्देश्य क्या है। क्या यह श्रोताओं को प्रोत्साहित करने या ताड़ना देने या शर्मिंदा करने के लिए है? क्या यह एक नया विषय लाने के लिए है? क्या यह किसी और कार्य को करने के लिए है?

जब आप भाषणगत प्रश्न के उद्देश्य को जानते हैं, तो लक्षित भाषा में उस उद्देश्य को व्यक्त करने के सबसे स्वभाविक तरीके के बारे में सोचें। यह एक प्रश्न, या एक कथन, या विस्मयादिबोधक के रूप में हो सकता है।

यदि भाषणगत प्रश्न का प्रयोग करना स्वाभाविक हो और आपकी भाषा में सही अर्थ दे, तो ऐसा करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ अन्य विकल्प दिए गए हैं:

(1) प्रश्न के बाद उत्तर जोड़ें। (2) भाषणगत प्रश्न को एक कथन या विस्मयादिबोधक में परिवर्तित करें। (3) भाषणगत प्रश्न को एक कथन में परिवर्तित करें, और फिर इसे एक संक्षिप्त प्रश्न के साथ उपयोग करें। (4) प्रश्न के रूप अर्थात् ढ़ांचे को परिवर्तित करें ताकि यह आपकी भाषा में संचारित कर सके कि मूल वक्ता ने उसके बारे में क्या बताया।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

(1) प्रश्न के बाद उत्तर जोड़ें।

क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन को उसके घूंघट भूल जाएगी? तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं! (यिर्मयाह 2:32 ULT)

क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन को उसके घूंघट भूल जाएगी? बिलकुल भी नहीं! तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं!

या आप में से कौन सा व्यक्ति ऐसा है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा? (मत्ती 7:9 ULT)

या आप में से कौन सा व्यक्ति ऐसा है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा? तुम में से कोई भी ऐसा नहीं करेगा!

(2) भाषणगत प्रश्न को एक कथन या विस्मयादिबोधक में परिवर्तित करें।

परमेश्वर का राज्य कैसा है, और मैं इसकी तुलना किस से कर सकता हूँ? यह सरसों के बीज की तरह है। (लूका 13:18-19अ ULT)

परमेश्वर का राज्य ऐसा ही है। यह सरसों के बीज की तरह है..."

क्या तू इस तरह परमेश्वर के महायाजक का अपमान करता है? (प्रेरितों 23:4ब ULT) (प्रेरितों 23:4 ULT)

तुझे परमेश्वर के महायाजक का अपमान नहीं करना चाहिए!

जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर ही नहीं नहीं गया? (अय्यूब 3:11अ ULT)

कितना अच्छा होता कि जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर गया होता!

और मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई? (लूका 1:43 ULT)

यह कितना अद्भुत है कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई है!

(3) भाषणगत प्रश्न को एक कथन में परिवर्तित करें, और फिर इसे एक संक्षिप्त प्रश्न के साथ उपयोग करें।

इस्राएल के राज्य के ऊपर क्या तू अभी भी शासन नहीं करता है? (1 राजा 21:7ब ULT)

तू अभी भी इस्राएल के राज्य पर शासन करता है, क्या तू नहीं करता है?

(4) प्रश्न के रूप अर्थात् ढ़ांचे को परिवर्तित करें ताकि यह आपकी भाषा में संचारित कर सके कि मूल वक्ता ने उसके बारे में क्या बताया।

या तुम में से ऐसा कौन सा व्यक्ति है जो , यदि उसका पुत्र उस से रोटी की रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा? (मत्ती 7:9 ULT)

या तुम में से ऐसा कौन सा व्यक्ति है, जो यदि उसका पुत्र उस से रोटी की रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा?

क्या एक कुँवारी उसके गहने, तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं? तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं! (यिर्मयाह 2:32 ULT)

कौन सी कुँवारी उसके गहने को भूल जाएगी, और दुल्हन उसके घूंघट को भूल जाएगी? तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं।


उपमा

This section answers the following question: उपमा क्या है?

वर्णन

एक उपमा दो वस्तुओं की तुलना होती है जो सामान्य रूप से एक जैसी नहीं मानी जाती है। यह एक विशेष गुण पर केन्द्रित होता है जिसमें दो वस्तुएँ एक जैसी होती हैं, और इसमें "जैसे", "की तरह" या "तब" शब्द सम्मिलित होते हैं।

जब उसने भीड़ को देखा तो उसको लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे उन भेड़ों के समान जिनका कोई चरवाहा न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे। (मत्ती 9∶36)

यीशु ने लोगों की भीड़ की तुलना चरवाहे के बिना भेड़ों से की। भेड़ें तब भयभीत हो जाती हैं, जब उनके पास सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए एक अच्छा चरवाहा नहीं होता है। भीड़ इसी के समान थी क्योंकि उनके पास अच्छे धार्मिक अगुवे नहीं थे।

देखो, मैं तुम्हें भेड़ों की तरह भेड़ियों के बीच में भेजता हूँ इसलिए साँपों की तरह बुद्धिमान और कबूतरों की तरह भोले बनो। (मत्ती 10:16 ULT)

यीशु ने अपने शिष्यों की तुलना भेड़ और उनके शत्रुओं के भेड़ियों से की। भेड़िए भेड़ पर आक्रमण करते हैं; यीशु के शत्रुओं उसके चेलों पर आक्रमण करेंगे।

क्योंकि \it परमेश्वर का वचन जीवित, प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत तेज है. (इब्रानियों 4:12अ ULT)

परमेश्वर के वचन की तुलना दोधारी तलवार से की जाती है। एक दोधारी तलवार एक ऐसा हथियार है जो किसी भी व्यक्ति के शरीर को आसानी से काट सकता है। किसी व्यक्ति के मन और विचारों में क्या है यह दिखाने के लिए परमेश्वर का वचन बहुत अधिक प्रभावी है।

उपमा के उद्देश्य

  • एक उपमा कुछ ऐसी चीज़ों के बारे में शिक्षा दे सकती है जो अज्ञात है कि यह उस चीज़ के समान कैसे है जो ज्ञात है।
  • एक उपमा एक विशेष गुण पर जोर दे सकती है, कभी-कभी इस तरह से करती है कि यह लोगों का ध्यान आकर्षित करता है।
  • उपमाएँ मन में एक चित्र बनाने में सहायता करती हैं या पाठक को जो कुछ वह पढ़ रहा होता है उसे पूरी तरह से समझने के अनुभव को पाने में सहायता करती हैं ।

इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है

  • लोग नहीं जानते कि दोनों वस्तुएँ एक जैसी कैसे होती हैं।
  • लोग उस वस्तुएँ से परिचित नहीं होंगे जिसकी तुलना किसी वस्तु से की जाती है।

बाइबल से उदाहरण

मसीह यीशु के एक अच्छे सैनिक के रूप में मेरे साथ कठिनाई का सामना कर। (2 तीमुथियुस 2:3 ULT)

इस उपमा में, पौलुस सैनिकों की तरह कठिनाई का सामना करने की तुलना उस दुख से करता है जिसे वह उठाता है, और वह तीमुथियुस को उनके उदाहरण का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

क्योंकि जैसे बिजली प्रकट होती है जब यह आकाश के एक भाग से आकाश के दूसरे भाग में चमकती है, वैसे ही मनुष्य का पुत्र उसके दिन में होगा। (लूका 17:24ब ULT)

यह वचन यह नहीं बताता है कि मनुष्य का पुत्र बिजली की चमक की तरह कैसे होगा। परन्तु सन्दर्भ से हम पहले के वचनों से समझ सकते हैं कि जैसे प्रकाश अचानक चमकता है और हर कोई उसे देख सकता है, मनुष्य का पुत्र अचानक आ जाएगा और हर कोई उसे देख पाएगा। इसके बारे में किसी को भी नहीं बताया जाना चाहिए।

अनुवाद की रणनीतियाँ

यदि लोग एक उपमा के सही अर्थ में समझते हैं तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि वे ऐसा नहीं करेंगे, तो यहाँ पर उपयोग करने के लिए कुछ रणनीतियाँ दी गई है:

(1) यदि लोग नहीं जानते कि दोनों वस्तुएँ एक जैसी कैसे हैं, तो बताएँ कि वे एक जैसी कैसे हैं। तथापि, तब ऐसा न करें यदि मूल दर्शकों के लिए अर्थ स्पष्ट न होता है।

(2) यदि लोग उन वस्तुएँ से परिचित नहीं हैं जिसकी तुलना किसी वस्तु से की जाती है, तो अपनी स्वयं की संस्कृति से किसी दूसरी वस्तुएँ का उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि यह वही हैं जिसे बाइबल की संस्कृतियों में उपयोग किया जा सकता था। यदि आप इस रणनीति का उपयोग करते हैं, तो आप मूल वस्तु को फ़ुटनोट में रख सकते हैं।

(3) केवल इसे ही किसी अन्य वस्तु से तुलना किए बिना वर्णन करें।

अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण

(1) यदि लोग नहीं जानते कि दोनों वस्तुएँ एक जैसी कैसे हैं, तो बताएँ कि वे एक जैसी कैसे हैं। तथापि, तब ऐसा न करें यदि मूल दर्शकों के लिए अर्थ स्पष्ट न होता है।

देखो, मैं तुम्हें भेड़िये के बीच में भेड़ के रूप में भेजता हूँ (मत्ती 10:16अ ULT) - यह खतरे की तुलना करता है कि यीशु के शिष्य भेड़ के रूप में खतरे से घिरे हुए होते हैं जब वे भेड़िये के मध्य में होते हैं।

देखो, मैं तुम्हें दुष्ट लोगों के बीच भेजता हूँ और तुम उनकी ओर से खतरे में होंगे जैसे भेड़ें तब खतरे में होती हैं जब वे भेड़िये से घिरे हुई होती हैं.

परमेश्वर का वचन किसी भी दोधारी तलवार की तुलना में जीवित और सक्रिय और तेज है। (इब्रानियों 4:12अ ULT)

परमेश्वर का वचन किसी भी दो धारी तलवार से अधिक सामर्थी जीवित और सक्रिय और तेज है।

(2) यदि लोग उन वस्तुएँ से परिचित नहीं हैं जिसकी तुलना किसी वस्तु से की जाती है, तो अपनी स्वयं की संस्कृति से किसी दूसरी वस्तुएँ का उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि यह वही हैं जिसे बाइबल की संस्कृतियों में उपयोग किया जा सकता था। यदि आप इस रणनीति का उपयोग करते हैं, तो आप मूल वस्तु को फ़ुटनोट में रख सकते हैं।

देखो, मैं तुम्हें भेड़िये के बीच में भेड़ के रूप में भेजता हूँ, (मत्ती 10:16अ ULT) - यदि लोग नहीं जानते कि भेड़ और भेड़िये क्या हैं, या भेड़िये मारते हैं और भेड़ खाते हैं, तो आप किसी अन्य जानवर का उपयोग कर सकते हैं जो किसी और को मारता है।

देखो, मैं तुम्हें जंगली कुत्तों के बीच में मुर्गियों के रूप में भेजता हूँ।

कितनी बार मैं अपने बच्चों को एक साथ इकट्ठा करना चाहता था, बस एक मुर्गी उसके बच्चों को उसके पंखों के नीचे इकट्ठा करती है, परन्तु तुम इस से सहमत नहीं थे! (मत्ती 23:37ब ULT)

मैं कितनी बार तेरे बच्चों को एक साथ इकट्ठा करना चाहता था, जैसे माता अपने शिशुओं का ध्यान बहुत ही अच्छी तरह से करती है, परन्तु तुमने इन्कार कर दिया!

यदि तुम्हारे पास सरसों के अनाज के जैसा ... छोटे विश्वास है तो (मत्ती 17:20)

यदि तुम्हारे पास छोटे से बीज जितना, विश्वास है

(3) केवल इसे ही किसी अन्य वस्तु से तुलना किए बिना वर्णन करें।

देखो, मैं तुम्हें भेड़ियों के बीच में भेड़ के रूप में भेजता हूँ, (मत्ती 10:16अ ULT)

देखो, मैं तुम्हे भेजता हूँ और लोग तुम्हें नुकसान पहुँचाना चाहेंगे.

कितनी बार मैं तेरे बच्चों को एक साथ इकट्ठा करना चाहता था, जैसे एक मुर्गी उसके बच्चों को उसके पंखों के नीचे इकट्ठा करती है, परन्तु तुम सहमत नहीं थे! (मत्ती 23:37ब ULT)

कितनी बार तुम्हारी रक्षा करना चाहता था, परन्तु तुमने इन्कार कर दिया!


उपलक्षण अलंकार

This section answers the following question: उपलक्षण अलंकार का अर्थ क्या है, और मैं अपनी भाषा में इस तरह का अनुवाद कैसे कर सकता हूं?

विवरण

उपलक्षण अलंकार का उपयोग तब होता है जब एक वक्ता पूरे सन्दर्भ में कुछ भाग का उपयोग करता है या किसी भाग को सन्दर्भित करने के लिए पूरे का उपयोग करता है।

मेरा प्राण प्रभु की बड़ाई करता है।(लूका 1:46 यूएलबी)

मरियम बहुत ही अधिक आनन्दित था कि प्रभु क्या कर रहा था, इसलिए उसने कहा, "मेरा प्राण" जिसका अर्थ है कि वह अपने पूरे स्वयं को सन्दर्भित करने के लिए आन्तरिक, भावनात्मक भाग का उपयोग करती है।

तब फरीसियों ने उससे कहा, “देख, ये सब्त के दिन वह काम क्यों करते हैं जो उचित नहीं?”(मरकुस 2:24 यूएलबी)

फरीसी जो वहाँ खड़े थे, वे सभी एक ही समय में एक ही शब्द नहीं कहते थे। इसकी अपेक्षा, यह संभावना अधिक है कि समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले एक व्यक्ति ने उन शब्दों को कहा होगा।

कारण यह एक अनुवाद मुद्दा है

  • कुछ पाठक उपलक्षण अलंकार नहीं पहचान पाते हैं और शब्दों को शाब्दिक कथन के रूप में गलत समझ सकते हैं।
  • कुछ पाठकों को यह एहसास हो सकता है कि उन्हें शब्दों को शाब्दिक रूप से नहीं समझना है, परन्तु वे नहीं जानते कि इसका अर्थ क्या है।

बाइबल से उदाहरण

मैंने फिर से अपने हाथों के सब कामों को, और अपने सब परिश्रम को देखा, (सभोपदेशक 2:11 यूएलबी)

"मेरे हाथ" पूरे व्यक्ति के लिए एक उपलक्षण अलंकार है, क्योंकि स्पष्ट रूप से हाथों और शेष शरीर और मन सभी एक व्यक्ति की उपलब्धियों में सम्मिलित थे। हाथों को व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना जाता है क्योंकि वे शरीर के अंग हैं जो सीधे काम में शामिल होते हैं।

अनुवाद की रणनीतियाँ

यदि उपलक्षण अलंकार स्वभाविक होगा और आपकी भाषा में सही अर्थ देगा, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो यहाँ एक और विकल्प है:

  1. विशेष रूप से बताएँ कि उपलक्षण अलंकार क्या सन्दर्भित करता है।

अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण

(1) विशेष रूप से बताएँ कि उपलक्षण अलंकार क्या सन्दर्भित करता है।

मेरा प्राण प्रभु की बड़ाई करता है। (लूका 1:46 यूएलबी)

मैं प्रभु की बड़ाई करती हूँ।"

फरीसियों ने उससे कहा(मरकुस 2:24 यूएलबी)

फरीसियों के प्रतिनिधि ने उससे कहा …

…मैंने फिर से अपने हाथों के सब कामों को, और अपने सब परिश्रम को देखा, (सभोपदेशक 2:11 यूएलबी)

मैंने उन सभी कार्यों को देखा जो मेरे हाथ पूरा कर चुके थे


बाइबल के रूप

This section answers the following question: बाइबल में आम तौर पर किस प्रकार के अलंकारों का उपयोग होता है?

वर्णन

अलंकार एक भाषा है जिसमें एक चित्र को एक विचार से जोड़ा जाता है जिससे कि वह तश्वीर विचार को दिखा सके । इसमें रूपालंकार, उपमा, रूपक या सांस्कृतिक नमूना शामिल रहता है। एक भाषा में इनमें से अधिकतर रूपों में चित्र और विचार को बड़े तौर पर जोड़ा जाता है, परंतु कुछ रूपों में ऐसा नही होता। बाइबल के अंलकार के इन पन्नों में बाइबल में वर्णित अलंकार को दर्शाया गया है।

बाइबल में वर्णित जोड़ने का तरीका, इब्री और यूनानी भाषाओं में विशिष्ट था। इन तरीकों को जानना लाभदायक है क्योंकि इससे अनुवादकों के सामने समान समस्याओं को बार बार लाया जाता है कि उनका अनुवाद कैसे हो। और एक बार अनुवाद सोचकर इन चुनौतियों का सामना करने का हल निकाल लेता है तो वे समस्या को कहीं और पर भी आ जाने पर इन्हे आसानी से निपट सकते हैं।

रूपालंकार और उपमा में समान तथ्य

रूपालंकार तब आता है जब कोर्इ एक वस्तु के बारे में इस प्रकार बात करता है और ऐसा लगता है कि वह किसी और की बात कर रहा है। वक्ता अपनी पहली बात को अच्छी तरह से समझाने के लिए एक रूप का उपयोग करता है। उदाहरण के तौर पर, ‘‘मेरी मोहब्बत एक लाल, लाल पुष्प है,’’ वक्ता उस स्त्री से बात कर रहा है जिससे वह प्रेम करता है और वो इतनी सुंदर और लचीली है जितना एक फूल।

उपमा एक रूपालंकार के समान है परंतु वह श्रोताओं को एक इशारा देने के लिए यह केवल एक भाषा का रूप है, इसमें ‘‘के समान’’ या ‘‘जैसा’’ का उपयोग करता है। उपरोक्त उदाहरण को कहने के लिए, उपमा रूप कहेगा ‘‘मेरा प्रेम फूल, लाल फूल जैसा है’’।

‘‘रूपालंकार और उपमा को आपस में जोड़ने के कुछ आम तरीकों के लिंक को पाने के लिए, देखें Biblical Imagery - Common Patterns’’

आम रूपक

रूपकों में, एक वस्तु अथवा विचार को उसके नाम से नही, परंतु उससे नजदीकी से जुड़ी अन्य वस्तु के नाम से पुकारा जाता है।

‘‘बाइबल में वर्णित आम रूपकों के लिए Biblical Imagery - Common Metonymies देखें’’

सांस्कृतिक नमूने

सांस्कृतिक नमूने जिंदगी अथवा व्यवहार के भागों की मानसिक तश्वीर होती है। ये तश्वीरें कल्पना करने एवं इन बातों के बारे में बात करने में हमारी मदद करती हैं। उदाहरण के लिए, अमरीकी व्यक्ति विवाह, मित्रता इत्यादि चीजों के बारे में इस प्रकार सोचते हैं कि वे एक मशीन हों। अमरीकी कहेगा, ‘‘उसकी शादी टूट रही है,’’ या ‘‘उनकी दोस्ती तीव्र गति से आगे दौड़ रही है’’

बाइबल अक्सर परमेश्वर को चरवाहे और लोगों को भेड़ों के रूप में दिखाती है । यह है सांस्कृतिक नमूना

यहोवा मेरा चरवाहा है; मुझे कोर्इ कमी नही होगी । (भजन संहिता 23:1 ULB)

उसने लोगों को भेड़ों की तरह अगुवार्इ दी और एक झुण्ड के रूप में जंगल में से होकर निकाल ले गया (भजन संहिता 78:52 ULB)

बाइबल में वर्णित कुछ सांस्कृतिक नमूनों को प्राचीन पूर्वी देशों के द्वारा अधिकतर उपयोग किया जाता था, केवल इस्राएल के द्वारा ही नही ।

‘‘बाइबल के सांस्कृतिक नमूनों की सूची के लिए see Biblical Imagery - Cultural Models देखें’’


बाइबल के रूप - सामान्य नमूने

This section answers the following question: बाइबल में अक्सर कौनसे विचारों का उपयोग दूसरों विचारों को बताने के लिए किया जाता है?

यह पéा उन विचारों को बताता है जो सीमित तरीकों से एक साथ जुड़े हैं। (अधिक जटिल युग्मों पर विचार विमश करने के लिए, देखें Biblical Imagery - Cultural Models.)

वर्णन

भी भाषाओं में, अधिकतर रूपक कर्इ विचारों को एक साथ जोड़ने के द्वारा बनते हैं जिसमें एक विचार दूसरे को दिखाता है। उदाहरण के तौर पर, कुछ भाषाओं में ऊँचार्इ को ‘‘ज्यादा’’ एवं नीचे को ‘‘ज्यादा नही’’ से जोड़ा जाता है जिससे ऊँचार्इ ‘‘ज्यादा’’ को एवं नीचा ‘‘ज्यादा नही’’ को दर्शाए।

कारण, यदि ढ़ेर में बहुत सारी चीजें होती हैं तो ढ़ेर ऊँचा होता है। इसी प्रकार, किसी वस्तु के लिए ज्यादा पैसा लगता है तो लोग कहते हैं कि कीमत ऊँची है या किसी शहर में पहले से ज्यादा लोग रहने लगे हैं, हम कह सकते हैं कि यहाँ के लोगों की संख्या बढ़ गर्इ है।

इसी तरह, यदि किसी का वनज कम हो गया है या वह पतला हो गया है तो हम कहेंगे कि उसका वजन घट गया है ।बाइबल में इस्तेमाल किए गए तरीके यूनानी एवं इब्री भाषा में विशेष हैं। इन तरीकों को पहचानना महत्वपूर्ण हैं क्योंकि अनुवादकों के सामने समान समस्याओं को लाते हैं कि उनका अनुवाद कैसे किया जाए।

एक बार अनुवादक को पता चल जाए कि उस चुनौती का हल कैसे निकले तो वे हर जगह पर इसका सामना करने के लिए तैयार होंगे। उदाहरण के तौर पर, विचार जोड़ने का एक तरीका है कि बाइबल में चाल को व्यवहार से एवं मार्ग को व्यवहार के एक तरीके से जोड़ा गया है।

भजन संहिता 1 में, दुष्ट की युक्ति में चलने का अर्थ है दुष्ट के कहे अनुसार कार्य करना

धन्य है वह जो दुष्टों की युक्ति से नही चलता है (भजन संहिता 1:1 ULB)

यही तरीका हम भजन संहिता 119:32 में भी देख सकते हैं जहाँ परमेश्वर के मार्ग में दौड़ने का मतलब परमेश्वर की आज्ञाओं को मानना है। चूँकि दौड़ाना चलने से अधिक गंभीर है, दौड़ने का अर्थ पूरे दिल से कार्य करना हो सकता है। मैं तेरी विधियों के मार्ग में दौड़ूँगा (भजन संहिता 119:32 ULB)

कारण यह अनुवाद का मामला है

ये तरीके तीन चुनौतियों को पेश करते हैं जो उन्हे पहचानना चाहता है:

  1. बाइबल के किसी रूपक को यदि हम देखें, हमेशा यह व्यक्त नही होता है कि उसमें दो विचार जुड़े हैं । उदाहरण के तौर पर, यह विचार कि परमेश्वर मुझे एक कटिबंध की तरह सामर्थ पहनाता है। (भजन संहिता 18:32), हमें शायद, एकदम से पता न चले कि यहाँ वस्त्र को नैतिक मूल्य से जोड़ा गया है। इस मामले में, कटिबंध की तश्वीर सामर्थ को दिखाती है (देखें Biblical Imagery - Man-made Objects)
  2. किसी भी विचार को देखते ही, अनुवादक को यह पता करना है कि यह किसी को प्रकट कर रहा है या नही। यह आस पास के कथनों को समझने से ही पहचाना जा सकता है। उदाहरण के तौर पर, आसपास के कथन बताते हैं कि ‘‘दीवट’’ तेल से भरे एक डिब्बे और उसमें लगी बत्ती को दिखाता है या यह केवल एक प्रतीक के रूप में उपयोग हो रहा है। (देखें Biblical Imagery - Natural Phenomena में ‘‘आग और दीवट जीवन को दिखाते हैं’’)

1 राजा 7:50 में, कैंची एक सामान्य दीवट की बत्ती को काटने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला औजार है

2 शमुएल 21:17 में इस्राएल का दीवट दाऊद राजा के जीवन को दिखाता है

जब उसके लोग चिंतित थे कि ‘‘इस्राएल का दीवट बुझ न जाए’’, तो उनकी चिंता थी कि उसे मार डाला न जाए

कटोरे, दीवट की कैंचियाँ, तसले, चिमटे और धूपदान सब चोखे सोने से बने थे (1 राजा 7:50 ULB)

तब यिशबोबनोब ने.... दाऊद को मारने को ठाना । परन्तु सरूयाह के पुत्र अबीशै ने दाऊद की सहायता करके उस पलिश्ती को ऐसा मारा कि वह मर गया।

तब दाऊद के जनों ने शपथ खाकर उससे कहा, ‘‘तू फिर हमारे संग युद्ध करने नही जाएगा, ऐसा न हो कि तेरे मरने से इस्राएल का दीया बुझ जाए’’ (2 शमूएल 21:16-17 ULB)

  1. विचारों को आपस में जोड़ने वाले प्रकटीकरण अक्सर जटिल तरीके से एक दूसरे से जुड़े होते हैं। इतना ही नही, वे अक्सर समान रूपकों अथवा सांस्कृतिक नमूनों के आधार पर जुड़े होते हैं। (देखें Biblical Imagery - Common Metonymies and Biblical Imagery - Cultural Models)

उदाहरण के तौर पर, 2 शमुएल 14:7 में, ‘‘अंगारा’’ पुत्र के जीवन की तश्वीर है जिसका प्रकटीकरण उसके पिता को याद कराता है। अत: यहाँ दो प्रकार के युग्मों को देख सकते हैं: पुत्र के जीवन के साथ अंगारे का संबंध एवं पुत्र का पिता की याद के साथ संबंध

वे कहते हैं, कि जिसने अपने भार्इ को घात किया उसको हमें सौंप दे, कि उसके मारे हुए भार्इ के प्राण के पलटे में उसको प्राण दंड दे’’

और वारिस को भी नाश करें।

इस तरह वे मेरे अंगारे को जो बच गया है बुझाएंगे, और मेरे पति का नाम और सन्तान धरती पर से मिटा डालेंगे (2 शमूएल 14:7 ULB)

बाइबल के तश्वीरों के लिंक

निम्न पéों में उन विचारों की सूचियाँ हैं जो बाइबल मं किसी दूसरे को प्रकट करते हैं। इन्हे तश्वीरों के प्रकार के आधार पर क्रमबद्ध किया गया है


बाइबल के रूप - सामान्य मेटोनिमी

This section answers the following question: बाइबल में आमतौर पर उपयोग की गर्इ मेटोनिमी कौन कौनसी हैं?

बाइबल में से कुछ रूपकों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है।

एक कटोरा अथवा बर्तन दिखाता है कि उसमें क्या है

मेरा कटोरा उमण्ड रहा है (भजन संहिता 23:5 ULB)

कटोरे में इतना कुछ है कि वह उसके मूँह के ऊपर से बह रहा है

जब भी तुम यह रोटी खाते, और इस कटोरे में से पीते हो, तो प्रभु की मृत्यु को जब तक वह न आए, प्रचार करते हो (1 कुरिन्थियों 11:26 ULB)

लोग कटोरा नही पीते हैं। जो कटोरे के अंदर जो है, उसे पीते हैं

मूँह शब्दों अथवा बातचीत को दिखाता है

मूर्ख का विनाश उसकी बातों (मूँह) से होता है (नीतिवचन 18:7 ULB)

वरन मैं अपने वचनों (मूँह) से तुमको हियाव दिलाता (अय्यूब 16:5 ULB)

तुमने अपने मुुंह से मेरे विरुद्ध बड़ार्इ मारी, और मेरे विरुद्ध बहुत बातें कही हैं । इसे मैंने सुना है (यहेजकेल 35:13 ULB)

इन उदाहरणों में मूँह उन बातों को दिखाता है जो एक व्यक्ति कहता है

एक व्यक्ति की याद उसके वंशजों को दिखाता है

एक व्यक्ति की याद उसके वंशजों को दिखाता है क्योंकि वे ही याद करते और उसका सम्मान करते हैं। यदि बाइबल कहती है किसी की याद चली गर्इ, तो इसका मतलब है कि या तो उसकी संतान नही है, या उनकी मृत्यु होगी।

तूने अन्यजातियों को झिड़का और दुष्ट को नाश किया है तूने उनका नाम अनन्तकाल के लिये मिटा दिया है शत्रु जो है, वह मर गए, वे अनन्तकाल के लिये उजड़ गए हैं; और जिन नगरों को तू ने ढा दिया उनका नाम वा निशान भी मिट गया है (भजन संहिता 9:5-6 ULB)

पृथ्वी पर से उसका स्मरण मिट जाएगा (अय्यूब 18:17 ULB)

यहोवा बुरार्इ करनेवालों के विमुख रहता है ताकि उनका स्मरण पृथ्वी पर से मिटा डाले (भजन संहिता 34:16 ULB)

एक व्यक्ति लोगों के समूह को दिखाता है

क्योंकि दुष्ट अपनी अभिलाषा पर घमण्ड करता है और लोभी परमेश्वर को त्याग देता है और उसका तिरस्कार करता है (भजन संहिता 10:3 ULB)

यह किसी दुष्ट विशेष की ओर इशारा नही है परंतु आम दुष्ट लोगों की ओर इशारा है

व्यक्ति का नाम उसके वंशजों को बुलाता है

गाद पर एक दल चढ़ार्इ तो करेगा; पर वह उसी दल के पिछले भाग पर छापा मारेगा आशेर का भोजन स्वादिष्ट खाना होगा, वह स्वादिष्ट राजकीय भोजन दिया करेगा नप्ताली एक छूटी हुर्इ हरिणी है; वह सुन्दर बातें बोलता है (उत्पत्ति 49:19-21 ULB)

गाद, नप्ताली और आशेर जैसे नाम केवल मनुष्यों को ही नही, वरन् उनकी संतानों को भी दिखाते हैं

एक व्यक्ति स्वयं को और लोगों को खुद के द्वारा प्रकट करता है

फिर ऐसा हुआ कि जब अब्राम मिस्र में आया, तब मिस्रियों ने उसकी पत्नी को देखा कि वह अति सुन्दर है (उत्पत्ति 12:14 ULB)

यहाँ ‘‘अब्राम’’ शब्द अब्राम एवं उसके साथ यात्रा करने वाले लोगों को दिखाता है। केन्द्र अब्राम पर था

बेधना मारने को दिखाता है

उसके हाथों ने वेग से भागनेवाले नाग को बेधा (अय्यूब 26:13 ULB)

इसका अर्थ है कि उसने सर्प को मारा

देखो, वह बादलों के साथ आनेवाला है; और हर एक आंख उसे देखेगी, वरन् जिन्होंने उसे बेधा था, वे भी उसे देखेंगे (प्रकाशितवाक्य 1:7 ULB)

‘‘जिन्होने बेधा’’ का मतलब है जिन्होने यीशु को मारा।

पाप (अपराध) उन पापों के दण्ड को दिखाता है

यहोवा ने हम सभों के अधर्म का बोझ उसी पर लाद दिया।

इसका अर्थ है कि उसने उस पर वह दण्ड लाद दिया जो हम सबको मिलना था।


विस्तृत रूपक

This section answers the following question: विस्तृत रूपक क्या है?

वर्णन

विस्तृत रूपक एक व्यापक रूपक होता है जो एक ही बार में अनेक मानसिक चित्रण और अनेक विचारों को काम में लेता है| यह सुबोध रूपक की विषमता में होता है क्योंकि इसमें एक ही मानसिक चित्रण और एक ही विचार होता है| एक विस्तृत रूपक और जटिल रूपक में जो अंतर है वह है कि विस्तृत रूपक लेखक/वक्ता द्वारा सविस्तार वर्णन किया जाता है जबकि जटिल रूपक में ऐसा नहीं किया जाता है|

विस्तृत रूपक की व्याख्या

रूपक के प्रयोग में लेखक/वक्ता किसी तात्कालिक विषय के सम्बन्ध में एक अवस्तुपरक विचार को व्यक्त करने के लिए बोधगम्य मानसिक चित्रण को रचता है जिसमें विषय विशेष और मानसिक चित्रण में कम से कम एक बात की तुलना की गई हो| विस्तृत रूपक में, लेखक/वक्ता विषय विशेष का सविस्तार वर्णन करता है| तदोपरांत वह अनेक मानसिक चित्रणों का वर्णन करते हुए अनेक विचारों का संचार करता है|

यशायाह 5:1-7 में, भविष्यद्वक्ता दाख की बारी (मानसिक चित्रण) का उपयोग करता है कि इस्राएल से परमेश्वर की निराशा (विचार) को व्यक्त करे जिसका (विषय) है, परमेश्वर और उनके साथ बंधी हुई परमेश्वर की वाचा के साथ विश्वासघात| किसान अपनी बारी की देख-रेख करता है और जब उसकी बारी में बुरे फल उत्पन्न हों तो वह किसान अत्यधिक निराश हो जाता है| यदि दाख की बारी लम्बे समय तक बुरे फल दे तो किसान अंततः उसको त्याग देता है| इसको हम विस्तृत रूपक कहते हैं क्योंकि भविष्यद्वक्ता दाख की बारी से सम्बंधित अनेक मानसिक चित्रणों का और साथ ही साथ परमेश्वर की निराशा के अनेक पक्षों का सविस्तार वर्णन करता है|

  1. एक अति उपजाऊ टीले पर मेरे प्रिय की एक दाख की बारी थी| 2. उसने उसकी मिट्टी खोदी और उसके पत्थर बीनकर उसमें उत्तम जाति की एक दाखलता लगाई; उसके बीच में उसने एक गुम्मट बनाया, और दाखरस के लिए एक कुंड भी खोदा, तब उसने दाख की आशा की, परन्तु उसमें निकम्मी दाखें ही लगीं| 3. अब हे यरूशलेम के निवासियों और हे यहूदा के मनुष्यों, मेरे और मेरी दाख की बारी के बीच न्याय करो| 4. मेरी दाख की बारी के लिए और क्या करना रह गया जो मैं ने उसके लिए न किया हो? फिर क्या कारण है कि जब मैं ने दाख की आशा की तब उसमें निकम्मी दखें लगीं? 5. अब मैं तुमको बताता हूँ कि अपनी दाख की बारी से क्या करूंगा| मैं उसके कांटे वाले बाड़े को उखाड़ दूंगा कि वह चट की जाए और और उसकी दीवार को ढा दूंगा कि वह रौंदी जाए| 6. मैं उसे उजाड़ दूंगा; वह न तो फिर छाँटी और खोदी जाएगी और उसमें भाँति-भाँति के कंटीले पेड़ उगेंगे; मैं मेघों को भी आज्ञा दूंगा कि उस पर जल न बरसाएं| 7. क्योंकि सेनाओं के यहोवा की दाख की बारी तो इस्राएल का घराना है, और उसका प्रिय पौधा यहूदा के लोग हैं; और उसने उनमें न्याय की आशा की परन्तु अन्याय दिखाई पड़ा; उसने धर्म की आशा की, परन्तु उसे चिल्लाहट ही सुनाई पड़ी| (यशा. 5:1-7 ULT)

बाईबल के अन्य उदाहरण

भजन संहिता 23 में, भजनकार एक वस्तुपरक मानसिक चित्रण ,चरवाहे के माध्यम से परमेश्वर के विधान (विषय) का वर्णन करता है कि वह अपने लोगों के लिए महान चिंता और देख-रेख (विचार) करता है| भजनकार भेड़ों के संरक्षण में किए गए चरवाहे के अनेक कार्यों (उनको चारागाहों में ले जाना, पानी के पास ले जाना और उनकी रक्षा करना) का वर्णन करता है| भजनकार उन अनेक कार्यों का भी वर्णन करता है जो परमेश्वर उसकी सुध रखने में करता है (उसको जीवन देता है, धार्मिकता देता है, उसे शान्ति देता है, आदि|) चरवाहे भेड़ों को उनकी आवश्यकता की वस्तुएं देते हैं, उनको सुरक्षित स्थानों में ले जाते हैं, उनको संकटों से उबार लेते हैं, उनकी अगुआई करते हैं और उनकी रक्षा करते हैं| परमेश्वर अपने लोगों के लिए जो करता है वे ऐसे ही काम हैं|

1 यहोवा मेरा चरवाह है,मुझे कुछ घटि न होगी. 2 वह मुझे हरी-हरी चारागाहों में बैठाता है : वह मुझे सुखदाई जल के झरनों के पास ले चलता है| 3 वह मेरे जी में जी ले आता है ; धर्म के मार्गों मेंब वह अपने नाम के निमित्त मेरी अगुआई करता है | 4 चाहे मैं घोर अन्धकार से भारी हुई तराई से होकर चलूँ, तौभी हानि से न डरूंगा; क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है|

कारण कि यह अनुवाद की समस्या है

  • लोगों को शायद यह पता ही न चले कि ये मानसिक चित्रनान्य बातों को भी दर्शाते हैं|
  • लोग शायद उन उपमाओं से परिचित न हों जिनका उपयोग हो रहा है
  • विस्तृत रूपक प्रायः ऐसा गहरा अर्थ रखते हैं कि अनुवादक के लिए रूपक द्वारा व्यक्त किए गए उन सब अभिप्रायों को प्रकट करना असंभव हो सकता है|

अनुवाद के सिद्धांत

  • विस्तृत रूपक के अर्थ को लक्षित भाषा में पाठकों के लिए उतना ही स्पष्ट करें जितना कि आरंभिक पाठकों के लिए था|
  • विस्तृत रूपक के अर्थ को आरंभिक पाठकों की समझ से अधिक स्पष्ट करने का प्रयास न करें|
  • जब कोई विस्तृत रूपक का उपयोग करता है, तो जो वो कहता है, उसमें मानसिक चित्रण महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाते हैं
  • यदि लक्षित भाषा के पाठक उपयोग किए गए मानसिक चित्रणों में से कुछ से परिचित नही हैं, तो आपको ऎसी विधियों की खोज करना होगी जिनके द्वारा उनको इन चित्रणों को समझने में सहायता मिले जिससे कि वे सम्पूर्ण विस्तृत रूपक को समझ पाएं|

अनुवाद की युक्तियाँ

यदि आपके पाठक आरंभिक पाठकों के तुल्य समझ पाएं तो रूपकों का प्रयोग ज्यों का त्यों ही करें, यदि नहीं, तो यहाँ कुछ युक्तियाँ दी गई हैं:

(1) यदि लक्षित भाषा के पाठक सोचते हैं कि मानसिक चिओत्रनोन को ज्यों का त्यों रखने से समझ में आ जाएंगी तो रूपकों को "जैसे कि" या "जिस प्रकार" जैसी उक्तियों के प्रयोग से उपमा रूप में व्यक्त करें| पहले और दुसरे वाक्यों में ऐसा करना पर्याप्त ही होगा| (2) यदि लक्षित भाषा के पाठक मानसिक चित्रणों को नहीं समझ पाते हैं तो उनका अनुवाद करने की विधियों की खोज करें जिससे कि वे समझ सकें कि वह मानसिक चित्रण क्या है| (3) यदि लक्षित भाषा के पाठक तब भी न समझ पाएं तो स्पष्ट व्यक्त करें|

अनुवाद की युक्तियों के उदाहरणों की प्रासंगिकता

(1) यदि लक्षित भाषा के पाठक सोचते हैं कि मानसिक चिओत्रनोन को ज्यों का त्यों रखने से समझ में आ जाएंगी तो रूपकों को "जैसे कि" या "जिस प्रकार" जैसी उक्तियों के प्रयोग से उपमा रूप में व्यक्त करें| पहले और दुसरे वाक्यों में ऐसा करना पर्याप्त ही होगा| उदाहरणार्थ देखें भजन संहिंता 23:1-2.

यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटि न होगी| वह मुझे हरी हरी चराइयों में बैठाता है; वह मुझे सुखदाई जल के झरनों के पास ले चलता है ; इसका अनुवाद हो सकता है “यहोवा मेरे लिए एक चरवाहे के सामान है, इसलिए मुझे किसी प्रकार की कमी नहीं होगी| > उस चरवाहे के सामान जो अपनी भेड़ों को हरी हरी चारागाहों में बैठाता है, और उनको सुख देने वाले जल के झरनों के पास ले चलता है, यहोवा मेरी सहायता करता है कि मुझे शान्तिपूर्वक विश्राम मिले|" (2) यदि लक्षित भाषा के पाठकों को यह मानसिक चित्रण समझ में नहीं आता है तो इसका अनुवाद करने की युक्ति खोजें जिससे कि उनको समझ में आ जाए कि यह चित्रण क्या है|

एक अति उपजाऊ टीले पर मेरे प्रिय की एक दाख की बारी थी| उसने उसकी मिट्टी खोदी और उसके पत्थर बीनकर उसमें उत्तम जाति की एक दाखलता लगाई उसके बीच में उसने एक गुम्मट बनाया और दाखरस के लिए एक कुण्ड भी खोदा तब उसने दाख की आशा की, परन्तु उसमें निकम्मी दखें ही लगीं" (यशायाह 5:1b-2 ULT) इसका अनुवाद हो सकता है मेरे अति प्रिय के पास एक अत्यधिक उपजाऊ पहाडी पर दाख की बारी थी| उसने भूमि खादी और पत्थरों को निकाला और वहाँ अति उत्तम दाख लगाई उसके मध्य में उसने एक चौकी बनवाई और वहाँ उसने एक हौज़ भी बनवाया जिसमें अंगूरों का रस कुचल कर निकाला जाए उसने प्रतीक्षा की कि उसमें अछे अंगूर उगें परन्तु उसमें उगे जंगली अंगूर जिनसे दाखरस निकालना संभव नहीं था| (3) यदि लक्षित भाषा के पाठक अब भी न समझ पाएं तो इसको स्पष्ट व्यक्त करें| यहोवा मेरा चरवाहा है; मुझे कुछ घटि न होगी| (भजन संहिता 23:1 ULT)

“यहोवा मेरी सुधि लेता है जैसे कोई चरवाहा अपनी भीड़ों को संभालता है, यही कारण है कि मुझे किसी भी प्रकार की कमी नहीं होगी|"

क्योंकि सेनाओं के यहोवा की दाख की बारी है ,इस्राएल का घराना| और यहूदा के लोग उसकी मनभावन पौध| उसने प्रतीक्षा करके देखा तो वहाँ न्याय की अपेक्षा हत्याएं हो रही थीं| धार्मिकता खोजी तो वहाँ सहायता की पुकार हो रही थी| (यशायाह 5:7 ULT) इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है:

क्योंकि सेनाओं के यहोवा की दाख की बारी इस्राएल के घराने का प्रतिनिधित्व करती है| और यहूदा के लोग उसकी मनभावन पौध के सदृश्य हैं उसने न्याय की प्रतीक्षा की परन्तु वहाँ हत्याएं थीं; धार्मिकता की प्रतीक्षा की परन्तु वहाँ सहायता की पुकार थी|

या जिस प्रकार

अतः जिस प्रकार किसान दाख की बारी बुरे फल देने वाला बागान की देख रेख करना त्याग देता है इस्राएल और यहूदा की रक्षा करना त्याग देगा क्योंकि वे न्यायोचित कार्य नहीं करते हैं उसने न्याय की प्रतीक्षा की परन्तु वहाँ हत्याएं थीं धार्मिकता की परन्तु वहाँ सहायता की पुकार थी|


बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण

This section answers the following question: देह के अंगों और मानवीय गुणों के कुछ उदाहरण क्या हैं जो बाइबल में छवियों के रूप में उपयोग किए जाते हैं।

शरीर के अंगों और मानवीय गुणों से युक्त बाइबल के कुछ सामान्य लक्षणालंकारों और रूपकों को नीचे वर्णमाला क्रम में सूचीबद्ध किया गया है। सभी बड़े अक्षरों में लिखे शब्द एक छवि की पहचान करते हैं जो एक विचार का प्रतिनिधित्व करती है। छवि का विशिष्ट शब्द छवि का उपयोग करने वाले प्रत्येक वचन में प्रकट नहीं हो सकता है, परन्तु पाठ तौभी किसी तरह से छवि की अवधारणा को संचारित करेगा।

देह लोगों के समूह का प्रतिनिधित्व करती हैl

इसी प्रकार तुम सब मिलकर मसीह की देह हो और अलग अलग उसके अंग हो (1 कुरिन्थियों 12:27 ULT)

वरन् प्रेम में सच्चाई से चलते हुए, सब बातों में उस में जो सिर है अर्थात् मसीह में बढ़ते जाएँ मसीह से सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर, अपने आपको देह में बढ़ाती है, कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए

इन वचनों में, मसीह की देह मसीह के पीछे चलने वाले लोगों के समूह का प्रतिनिधित्व करती है।

एक भाई एक व्यक्ति के रिश्तेदारों, सहयोगियों या साथियों का प्रतिनिधित्व करता है

यहूदी मोर्दकै, क्षयर्ष राजा ही के बाद था, और यहूदियों की दृष्टि में बड़ा था, और उसके सब भाई उससे प्रसन्न थे … (ऐस्तर 10:3अ ULT)

एक पुत्री एक कस्बे या नगर के पास स्थित गाँव का प्रतिनिधित्व करता है

एक माता एक कस्बे या शहर को चारों से गाँवों से घिरे हुए होने का प्रतिनिधित्व करती है

बच गए गाँव और उनके खेत, सो कुछ यहूदी किर्यतअर्बा, और उनके गाँव में, कुछ दीबोन, और उसके गाँवों में, कुछ यकब्सेल और उसके गाँवों में रहते थे…(नहेम्याह 11∶25 ULT)

चेहरा किसी की उपस्थिति, दृष्टि, ज्ञान, धारणा, ध्यान या निर्णय का प्रतिनिधित्व करता है

तब एस्तेर ने अपनी गतिविधि फिर से दोहराई, और उसने राजा के चेहरे के सामने बात की। (ऐस्तर 8:3अ ULT)

तू अपना चेहरा क्यों छिपाता हैं और हमारे दुःख और हमारे क्लेश को भूल जाता है? (ऐस्तर 44:24 ULT)

किसी से अपना चेहरा छिपाने का अर्थ उसे अनेदखा करना है।

बहुत से ऐसे हैं जो शासक का चेहरा देखना चाहते हैं। (नीतिवचन 29:26 ULT)

यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का चेहरा देखना चाहता है, तो वह यह आशा करता है कि वह व्यक्ति उस पर ध्यान देगा।

क्या तुम लोग मेरा भय नहीं मानते? - यहोवा की यह वाणी है – या क्या तुम मेरे चेहरे के सामने नहीं थरथराते? (यिर्मयाह 5:22 ULT)

इस्राएल के घराने में से जो कोई अपनी मूर्तियाँ अपने मन में स्थापित करके, और अपने अधर्म की ठोकर उसके चेहरे के सामने रखकर भविष्यद्वक्ता के पास आए, उसको, मैं यहोवा, उसकी बहुत सी मूरतों के अनुसार ही उत्तर दूँगा। (यहेजकेल 14:4 ULT)

किसी के सामने कुछ रखने के लिए उसे ध्यान से देखना या उस पर ध्यान देना है।

चेहरा कुछ का प्रतिनिधित्व करता है

तब हताक नगर के उस चौक में, जो राजभवन के फाटक के सामने था, मोर्दकै के चेहरे के सामने से निकल गया। (एस्तेर 4:6 ULT)

फिर एस्तेर उसके पाँव के चेहरे के सामने गिरकर, आँसू बहा बहाकर उससे गिड़गिड़ाकर विनती की, कि अगागी हामान की बुराई और यहूदियों की हानि की उसकी युक्ति निष्फल की जाए। (एस्तेर 8:3ब ULT)

चेहरा किसी चीज की सतह का प्रतिनिधित्व करता है

अकाल सारी पृथ्वी के चेहरे पर फैल गया (उत्पत्ति 41:56अ ULT)

वह चाँद के चेहरे को ढक देता है और उसे बादलों पर फैलाता है (अय्यूब 26:9 ULT)

एक पिता किसी के पूर्वज का प्रतिनिधित्व करता है

एक बेटा किसी के वंशज(जों) का प्रतिनिधित्व करता है

परन्तु उन्होंने और हमारे पुरखाओं ने अभिमान किया, और उन्होंने अपने गरदन को कठोर कर लिया और तेरी आज्ञाएँ न मानी (नहेमायाह 9:16 ULT)

और तेरे जो दास नबी लोग, हमारे राजाओं, हाकिमों, पूर्वजों और सब साधारण लोगों से तेरे नाम से बातें करते थे, उनकी हमने नहीं सुनी। हे प्रभु, तू धर्मी है (दानिय्येल 9:6-7अ ULT)

हाथ एक व्यक्ति की शक्ति, नियंत्रण, मध्यस्थता या गतिविधि का प्रतिनिधित्व करता है

परमेश्वर मेरे हाथ के द्वारा मेरे शत्रुओं पर जल की धारा के समान टूट पड़ा है। (1 इतिहास 14:11 ULT)

" परमेश्वर मेरे हाथ के द्वारा मेरे शत्रुओं पर जल की धारा के समान टूट पड़ा है" का अर्थ है "याहवे ने मुझे मेरे शत्रुओं पर धारा के समान टूट पड़ने के लिए उपयोग किया है।"

तेरा हाथ तेरे सब शत्रुओं को ढूँढ़ निकालेगा, तेरा दाहिना हाथ तेरे सब बैरियों का पता लगा लेगा। (भजन संहिता 21:8 ULT)

"तेरा हाथ तेरे सब शत्रुओं को ढूँढ़ निकालेगा" का अर्थ है कि "तू अपनी शक्ति से अपने सभी शत्रुओं को अपने अधीन कर लेगा।"

सुनो, यहोवा का हाथ ऐसा छोटा नहीं हो गया कि उद्धार न कर सके। (यशायाह 59:1 ULT)

"उसका हाथ ऐसा छोटा नहीं है" का अर्थ यह है कि वह कमजोर नहीं है।

सिर नोक, शीर्ष, या किसी चीज़ के ऊपरी भाग का प्रतिनिधित्व करता है

तब राज ने उससे प्रसन्न होकर सोने का राजदण्ड जो उसके हाथ में था उसकी ओर बढ़ाया। तब एस्तेर ने निकट जाकर राजदण्ड की नोक छुई। (एस्तेर 5: 2 बी ULT)

मन सोचने या महसूस करने की क्रिया का प्रतिनिधित्व करता है

जब बोअज खा पी चुका, और उसका मन आनन्दित हुआ, तब जाकर अनाज के ढेर के एक सिरे पर लेट गया। (रूत 3:7अ ULT)

सातवें दिन, जब राजा का मन दाखमधु में मगन था... (एस्तेर 1:10अ ULT)

दिल एक व्यक्ति के रवैये का प्रतिनिधित्व करता है

तब राजा क्षयर्ष ने एस्तेर रानी से पूछा, “वह कौन है? और कहाँ है जिसने ऐसा करने की मनसा की है?” (एस्तेर 7:5 ULT)

इस संदर्भ में, पूरे दिल से भरे हुए होने का अर्थ घमण्ड या अभिमानी होना है।

आँखें दृष्टि, ज्ञान, धारणा, ध्यान या निर्णय का प्रतिनिधित्व करती है

क्योंकि रानी के इस काम की चर्चा सब स्त्रियों में होगी और तब वे भी उनकी आँखों में उनके पति तुच्छ जान पड़ेंगे... (एस्तेर 1:17अ ULT)

आँखें एक व्यक्ति के रवैये का प्रतिनिधित्व करती हैं

... परन्तु तू घमण्ड ऊँची आँखों को नीची करता है! (भजन संहिता 18:27ब ULT)

ऊँची आँखें दिखाती हैं कि एक व्यक्ति घमण्डी है।

परमेश्वर एक घमण्डी व्यक्ति को नम्र करता है, और नीची आँखों वाले को बचाता है। (अय्यूब 22:29 ULT)

नीची आँखें दिखाती हैं कि एक व्यक्ति नम्र है।

सिर एक शासक, एक अगुवे या दूसरों पर अधिकार रखने वाले व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है

तुम्हारे साथ प्रत्येक गोत्र का एक पुरुष भी हो जो अपने पितरों के घराने का मुख्य पुरुष हो। (गिनती 1:4 ULT)

और सब कुछ उसके पाँवों तले कर दिया और उसे सब वस्तुओं पर सिर के रूप में ठहराकर कलीसिया को दे दिया, जो उसकी देह है, उसकी भरपूरी जो सब कुछ भर देती है (इफिसियों 1:22-23 ULT)

एक स्वामी किसी भी ऐसी बात का प्रतिनिधित्व करता है जो एक व्यक्ति को कार्य करने के लिए प्रेरित करती है

कोई मनुष्य दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता, क्योंकि वह एक से बैर और दूसरे से प्रेम रखेगा, या एक से निष्ठावान रहेगा और दूसरे का तिरस्कार करेगा। तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा नहीं कर सकते। (मत्ती 6:24 ULT)

परमेश्वर की सेवा के लिए परमेश्वर से प्रेरित होना होता है। धन की सेवा करने के लिए धन से प्रेरित होना होता है।

मुँह का अर्थ बोलने या शब्दों से है

मूर्ख व्यक्ति का मुँह उसे उजाड़ देता है। (नीतिवचन 18:7 ULT)

मैं अपने मुँह से तुझे दृढ़ करूँगा। (अय्यूब 16:5 ULT)

इन उदाहरणों में मुँह से तात्पर्य है कि कोई व्यक्ति क्या कहता है।

एक नाम उस व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है जिसके वह नाम होता है

तेरा परमेश्वर सुलैमान का नाम तेरे नाम से भी उत्तम कर सकता है, और उसके सिंहासन को तेरे सिंहासन से बड़ा कर सकता है।" (1 राजा 1:47 ULT)

सुनो, मैंने अपने बड़े नाम की शपथ खाई है - कि अब पूरे मिस्र देश में कोई यहूदी मनुष्य मेरा नाम लेकर फिर कभी यह न कहने पाएगा, ‘प्रभु यहोवा के जीवन की सौगन्ध।’ (यिर्मयाह 44:26 ULT)

यदि किसी का नाम बजडा है, तो इसका अर्थ है कि वह महान है।

तू अपने दास की प्रार्थना पर, और अपने उन दासों की प्रार्थना पर, जो तेरे नाम का भय मानना चाहते हैं, कान लगा. (नहेमायाह 1:11 ULT)

किसी के नाम से भयभीत होना उसे सम्मानित करना है।

एक नाम किसी की प्रसिद्धि या प्रतिष्ठा का प्रतिनिधित्व करता है

तू मेरे पवित्र नाम को अपनी भेंटों और मूरतों के द्वारा फिर अपवित्र न करना। (यहेजकेल 20:39 ULT)

परमेश्वर के नाम को अपवित्र करना उसकी प्रतिष्ठा को अपवित्र करना है, अर्थात् ऐसी अपिवत्रता जिसमें लोग उसके बारे में सोचते हैं।

क्योंकि मैं अपने बड़े नाम को पवित्र ठहराऊँगा, जिसे तुम ने जातियों के बीच अपवित्र किया है ... (यहेजकेल 36:23 ULT)

परमेश्वर के नाम को पवित्र मानना लोगों को प्रेरित करना है कि परमेश्वर पवित्र हैं।

तेरे दास बहुत दूर के देश से तेरे परमेश्वर यहोवा का नाम सुनकर आए हैं, क्योंकि हमने यह सब सुना है, अर्थात् उसकी कीर्ति और जो कुछ उसने मिस्र में किया, (यहोशू 9:9 ULT)

तथ्य यह है कि पुरुषों ने कहा कि उन्होंने परमेश्वर के बारे में एक रिपोर्ट सुनी है, जो यह दर्शाती है कि "परमेश्वर के नाम के कारण" का अर्थ परमेश्वर की प्रतिष्ठा का कारण है।

एक नाम किसी की शक्ति, अधिकार, पदवी या प्रतिष्ठा का प्रतिनिधित्व करता है

राजा क्षयर्ष के नाम से लिखी गईं; और उनमें राजा की मुहर वाली अंगूठी की छाप लगाई गई। (एस्तेर 3:12ब ULT)

नाक क्रोध का प्रतिनिधित्व करती है

तब … जल के नाले देख पड़े, और जगत की नींव प्रगट हुई, यह तो यहोवा तेरी डाँट से और तेरे नथनों की साँस की झोंक से हुआ। (भजन संहिता 18:15 ULT)

तेरे नथनों की साँस से जल एकत्र हो गया, धाराएँ ढेर के समान थम गईं। (निर्गमन 15:8अ ULT)

उसके नथनों से धुआँ निकला, और उसके मुँह से आग निकलकर भस्म करने लगी। (2 शमूएल 22:9अ ULT)

यहोवा, यहोवा, परमेश्वर दयालु और अनुग्रहकारी, कोप करने में धीरजवन्त… (निर्गमन 34:6अ ULT)

इब्रानी में, एक लाल नाक क्रोध का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें ऐसी छवियाँ शामिल हैं जो एक व्यक्ति के नाक से आ रही हवा या धुएँ के विस्फोट के रूप में भरी हुई होती हैं। "लाल नाक" के विपरीत एक "लंबी नाक" है। इब्रानी में "क्रोध में धीरजवन्त" वाक्यांश का शाब्दिक अर्थ "नाक का लंबा होना।" एक लंबी नाक धैर्य का प्रतिनिधित्व करती है, जिसका अर्थ है कि उस व्यक्ति की नाक को लाला होने में अधिक समय लगता है।

एक पुत्र एक जानवर(रों) की संतानों का प्रतिनिधित्व करता है

उसने चिट्ठियाँ लिखाकर (और उन पर राजा की मुहर वाली अंगूठी की छाप लगाकर, वेग चलनेवाले सरकारी घोड़ों, खच्चरों और साँड़नियों पर सवार हरकारों के हाथ भेज दीं) ... (एस्तेर 8:10अ ULT)

कुछ का पुत्र किसी अन्य चीज के गुणों को दर्शाता है

कोई दुष्टता का पुत्र उस पर अत्याचार करेगा। (भजन संहिता 89:22ब ULT)

दुष्टता का पुत्र दुष्ट व्यक्ति होता है।

बन्दियों का कराहना तेरे कान तक पहुँचे; तू अपनी सामर्थ्य के महानता के कारण मृत्यु की सन्तान को जीवित रखेगा (भजन 79:11 ULT)

यहाँ मृत्यु की सन्तान वे लोग हैं जिन्हें दूसरों ने मारने की योजना बनाई है।

इनमें हम भी सब के सब पहले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएँ पूरी करते थे, और अन्य लोगों के समान स्वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे। (इफिसियों 2:3 ULT)

यहाँ क्रोध की सन्तान वे लोग हैं जिनके ऊपर परमेश्वर बहुत अधिक क्रोधित है।

बोली किसी व्यक्ति या लोगों के समूह द्वारा बोली जाने वाली भाषा का प्रतिनिधित्व करती है

प्रत्येक पुरुष अपने-अपने घर में अधिकार चलाएँ, और अपनी जाति की भाषा बोला करें।। (एस्तेर 1:22ब ULT)

अनुवाद रणनीतियाँ

बाइबल आधारित छवियाँ- सामान्य पद्धतियाँ पर अनुवाद रणनीतियाँ देखें।


बाइबल के रूप - मानवीय व्यवहार

This section answers the following question: लोगों के कार्यों में वे कौनसे उदाहरण हैं जिनका उपयोग बाइबल में अलंकार के रूप में किया गया है

बाइबल में वर्णित शरीर के अंगों और मनुष्यों के गुणों से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है. बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं. यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है

झुके हुए का मतलब है निराश

यहोवा सब गिरते हुओं को संभालता है, सब झुके हुओं को सीधा खड़ा करता है. (भजन संहिता 145:14 ULB)

प्रसव पीड़ा एक नर्इ हालत को पाने में जरूरी दर्द को दिखाती है

हे सिय्योन की बेटी, जच्चा स्त्री की नार्इं पीड़ा उठाकर उत्पé कर क्योंकि अब तू गढ़ी में से निकलकर मैदान में बसेगी, वरन बाबुल तक जाएगी वहीं तू छुड़ार्इ जाएगी वहीं यहोवा तुझे तेरे शत्राुओं के वश में से छुड़ा लेगा (मीका 4:10 ULB)

क्योंकि जाति पर जाति, और राज्य पर राज्य चढ़ार्इ करेगा और जगह जगह अकाल पड़ेंगे, और भुर्इडोल होंगे ये सब बातें (प्रसव) पीड़ाओं का आरम्भ होंगी (मत्ती 24:7-8)

हे मेरे बालकों, जब तक तुम में मसीह का रूप न बन जाए, तब तक मैं तुम्हारे लिये फिर जच्चा की सी पीड़ाएं सहता हूं! (गलातियों 4:19 ULB)

कुछ कहलाना दिखाता है कि वह व्यक्ति वैसा है

इस्राएल का पवित्र तेरा छुड़ानेवाला है, वह सारी पृथ्वी का भी परमेश्वर कहलाएगा (यशायाह 54:5 ULB)

कारण, वह वास्तव में संपूर्ण पृथ्वी का परमेश्वर है

जिसके हृदय में बुद्धि है, वह समझवाला कहलाता है, (नीतिवचन 16:21अ ULB)

कारण, वह वास्तव में समझवाला है

वह... परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा (लूका 1:32 ULB)

कारण, वह वास्तव में परमप्रधान का पुत्र है

वह पवित्र जो उत्पन्न होनेवाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा (लूका 1:35 ULB)

कारण, वह वास्तव में परमेश्वर का पुत्र है

हर एक पहिलौठा प्रभु के लिये पवित्र ठहरेगा (लूका 2:23 ULB)

कारण, वह वास्तव में प्रभु के लिए पवित्र है

शुद्धता का मतलब परमेश्वर के मकसद के लिए स्वीकार्य बनना है

तब नूह ने यहोवा के लिये एक वेदी बनार्इ और सब शुद्ध पशुओं, और सब शुद्ध पक्षियों में से, कुछ कुछ लेकर वेदी पर होमबलि चढ़ाया परमेश्वर ने सुखदायक सुगंध ली (उत्पत्ति 8:20 ULB)

सातवें दिन याजक उसको फिर देखे, और यदि देख पड़े कि व्याधि की चमक कम है और व्याधि चर्म पर फैली न हो तो याजक उसको शुद्ध ठहराए क्योंकि उसके तो चर्म में पपड़ी है और वह अपने वस्त्र धोकर शुद्ध हो जाए और वह शुद्ध है (लैव्यव्यवस्था 13:6 ULB)

शुद्ध करना किसी वस्तु को परमेश्वर के लिए स्वीकार्य बनाना है

फिर वह निकलकर उस वेदी के पास जो यहोवा के सामने है, जाए और उसके लिये प्रायश्चित्त करे, अर्थात् बछड़े के लहू और बकरे के लहू दोनों में से कुछ लेकर उस वेदी के चारों कोनों के सींगो पर लगाए और उस लहू में से कुछ अपनी उंगली के द्वारा सात बार उस पर छिड़ककर उसे इस्राएलियों की भांति भांति की अशुद्धता छुड़ाकर शुद्ध और पवित्र करे (लैव्यव्यवस्था 16:18-19 ULB)

क्योंकि उस दिन तुम्हें शुद्ध करने के लिये तुम्हारे निमित्त प्रायश्चित्त किया जाएगा; और तुम अपने सब पापों से यहोवा के सम्मुख पवित्र ठहरोगे (लैव्यव्यवस्था 16:30 ULB)

अशुद्धता का मतलब परमेश्वर के स्वीकार्य योग्य नही होना है

पशुओं में से जितने चिरे वा फटे खुर के होते हैं और पागुर करते हैं उन्हें खा सकते हो परन्तु पागुर करनेवाले वा फटे खुरवालों में से इन पशुओं को न खाना, अर्थात् ऊंट, जो पागुर तो करता है परन्तु चिरे खुर का नहीं होता इसलिये वह तुम्हारे लिये अशुद्ध ठहरा है (लैव्यव्यवस्था 11:3-4 ULB)

और इनमें से किसी की लोथ जिस किसी वस्तु पर पड़ जाए वह भी अशुद्ध ठहरे, चाहे वह काठ का कोर्इ पात्र हो, चाहे वस्त्र, चाहे खाल, चाहे बोरा चाहे किसी काम का कैसा ही पात्रादि क्यों न हो; वह जल में डाला जाए, और सांझ तक अशुद्ध रहे तब शुद्ध समझा जाए (लैव्यवस्था 11:32 ULB)

किसी वस्तु को अशुद्ध करने का मतलब है उसे परमेश्वर के लिए अस्वीकार्य बनाना

यदि कोर्इ किसी अशुद्ध वस्तु को अज्ञानता से छू ले, तो चाहे वह अशुद्ध बनैले पशु की, चाहे अशुद्ध रेंगनेवाले जीव-जन्तु की लोथ हो, तो वह अशुद्ध होकर दोषी ठहरेगा (लैव्यव्यवस्था 5:2 ULB)

किसी के यहाँ जा नही पाने का मतलब है कि वह उससे अलग हो गया है

और उज्जिय्याह राजा मरने के दिन तक कोढ़ी रहा, और कोढ़ के कारण अलग एक घर में रहता था, वह तो यहोवा के भवन में जाने न पाता था। (2 इतिहास 26:21 ULB)

बीच में से नाश करने का मतलब है मार दिया जाना

इस कारण तुम विश्रामदिन को मानना, क्योंकि वह तुम्हारे लिये पवित्र ठहरा है जो उसको अपवित्र करे वह निश्चय मार डाला जाए जो कोर्इ उस दिन में से कुछ कामकाज करे वह प्राणी अपने लोगों के बीच से नाश किया जाए (निर्गमन 31:14-15 ULB)

इसलिये जो प्राणी उस दिन दु:ख न सहे वह अपने लोगों में से नाश किया जाएगा जो प्राणी उस दिन किसी प्रकार का कामकाज करे, उसे मैं उसके लोगों के बीच में से नाश कर डालूंगा (लैव्यव्यवस्था 23:29-30 ULB)

वह जीवतों के बीच में से उठा लिया गया (यशायाह 53:8 ULB)

किसी के सामने आने और खड़े होने का मतलब है उसकी सेवा करना

धन्य हैं तेरे जन! धन्य हैं तेरे ये सेवक! जो नित्य तेरे सम्मुख उपस्थित रहकर तेरी बुठ्ठि की बातें सुनते हैं (1 राजा 10:8 ULB)

वाचा की विश्वासयोग्यता और सच्चार्इ तेरे आगे आगे चलती है (भजन संहिता 89:14 ULB)

वाचा की विश्वासयोग्यता और सच्चार्इ को यहाँ व्यक्तिरूप दिया गया है (देखें Personification)

शराबीपन कष्ट को एवं दाखमधु न्याय को दिखाता है

अधिक मदिरा व्यक्ति को कमजोर बनाती एवं लड़खड़ाती है. इसी प्रकार, जब लोग न्याय करते हैं तो वे भी कमजोर होते और लड़खड़ाते हैं. अत: दाखमधु का विचार परमेश्वर के न्याय को दिखाने के लिए लाया गया है

तूने अपनी प्रजा को कठिन दु:ख भुगताया तूने हमें लड़खड़ा देनेवाला दाखमधु पिलाया है (भजन संहिता 60:3 ULB)

भजन संहिता से एक और उदाहरण

परंतु परमेश्वर ही न्यायी है वही एक को उठाता और दूसरे को गिराता है यहोवा के हाथ में एक कटोरा है, जिसमें का दाखमधु झागवाला है उसमें मसाला मिला है, और वह उसमें से उंडेलता है निश्चय उसकी तलछट तक पृथ्वी के सब दुष्ट लोग पी जाएंगे (भजन संहिता 75:8 ULB)

प्रकाशितवाक्य से एक उदाहरण

वह परमेश्वर के प्रकोप की निरी मदिरा जो उसके क्रोध के कटोरे में डाली गर्इ है, पीएगा (प्रकाशितवाक्य 14:10 ULB)

खा जाने का मतलब है नाश कर देना

परमेश्वर इस्राएल को मिस्र में से निकाले लिये आ रहा है वह तो बनैले सांड के सामान बल रखता है जाति जाति के लोग जो उसके द्रोही है उनको वह खा जायेगा और उनकी हड्डियों को टुकडे़ टुकडे़ करेगा और अपने तीरों से उनको बेधेगा (गिनती 24:8 ULB)

‘‘खा डालने’’ का एक और शब्द है निगलना

इस कारण जैसे अग्नि की लौ से खूंटी भस्म होती है और सूखी घास जलकर बैठ जाती है वैसे ही उनकी जड़ सड़ जाएगी और उनके फूल धूल होकर उड़ जाएंगे (यशायाह 5:24 ULB)

यशायाह से एक और उदाहरण

इस कारण यहोवा उन पर रसीन के बैरियों को प्रबल करेगा और उनके शत्रुओं को अर्थात् पहिले आराम को और तब पलिश्तियों को उभारेगा और वे मुंह खोलकर इस्राएलियों को निगल लेंगे (यशायाह 9:11-12 ULB)

व्यवस्थाविवरण से एक उदाहरण

मैं अपने तीरों को लहू से मतवाला करूँगा और मेरी तलवार माँस खाएगी वह लहू, मारे हुओं और बन्धुओं का और वह मांस, शत्रुओं के प्रधानों के शीश का होगा (व्यवस्थाविवरण 32:42 ULB)

उतरना अथवा में डालना प्रभाव डालने को दिखाता है

तब यहोवा परमेश्वर ने आदम को भारी नींद में डाल दिया, और जब वह सो गया (उत्पत्ति 2:21 ULB)

क्या तुम उसके माहात्म्य से भय न खाओगे? क्या उसका डर तुम्हारे मन में न समाएगा (उतारेगा)? (अय्यूब 13:11 ULB)

तब यहोवा का आत्मा मुझ पर उतरा, और मुझसे कहा यहेजकेल 11रू5 ULB

अब देख, प्रभु का हाथ तुझ पर लगा (उतरा) है; और तू कुछ समय तक अन्धा रहेगा (प्रेरितों के काम 13:11 ULB)

किसी के पीछे चलने का मतलब है उसके प्रति कृतध्न होना

वे अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा को, जो उन्हें मिस्र देश से निकाल लाया था, त्यागकर पराये देवताओं की उपासना करने लगे, और उन्हें दण्डवत् किया यहोवा को रिस दिलार्इ क्योंकि वे यहोवा को त्याग कर के बाल देवताओं और अशतोरेत देवियों की उपासना करने लगे

सुलैमान तो सीदोनियों की अशतोरेत नाम देवी के पीछे चला, और अम्मोनियों के मिल्कोम नाम घृणित देवता के पीछे चला (1 राजा 11:5 ULB)

जितनों ने मेरा अपमान किया है, उनमें से कोर्इ भी उसे देखने न पाएगा परन्तु इस कारण से कि मेरे दास कालिब के पास और ही आत्मा है और उसने पूरी रीति से मेरा अनुकरण किया है, मैं उसको उस देश में जिस में वह हो आया है, पहुंचाऊंगा और उसका वंश उस देश का अधिकारी होगा (गिनती 14:23-24 ULB)

आगे जाना, साथ जाना अथवा दूसरे साथियों के साथ राजा के पीछे चलना उसकी सेवा करने को दिखाता है

देख, मजदूरी उसके पास है और उसका काम उसके सामने है (यशायाह 62:11 ULB)

धर्म उसके आगे आगे चलेगा, और उसके पांवों के चिन्हों को हमारे लिये मार्ग बनाएगा भजन संहिता 85:13 ULB

अधिकारी होने का मतलब है अपने वश में करना

तब राजा अपनी दाहिनी ओर वालों से कहेगा, ‘‘हे मेरे पिता के धन्य लोगो, आओ, उस राज्य के अधिकारी हो जाओ, जो जगत के आरंभ से तुम्हारे लिये तैयार किया हुआ है। (मत्ती 25:34 ULB) राजा जिनसे बात कर रहा है उन्हे परमेश्वर के संपूर्ण राज स्थायी अधिकार के तौर पर मिल रहा है

हे भाइयों, मैं यह कहता हूँ कि मांस और लहू परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं हो सकते और न विनाश अविनाशी का अधिकारी हो सकता है (1 कुरिन्थियों 15:50 ULB)

लोग तब तक परमेश्वर के राज को स्थायी तौर पर नही पा सकते हैं, जब तक वे अपने मरणहार शरीर में हैं

मीरास का अर्थ है किसी वस्तु को स्थायी तौर पर अपना बनाना

तू उन्हें पंहुचाकर अपने निज भागवाले (निर्गमन 15:17 ULB)

परमेश्वर के उपासना के पहाड़ को एक स्थिर भाग के रूप में बताया गया है

हमारे अधर्म और पाप को क्षमा कर, और हमें अपना निज भाग मानके ग्रहण कर (निर्गमन 34:9 ULB)

मूसा फिर परमेश्वर से कहता है कि वह इस्राएल को अपने निज भाग के रूप में स्वीकार करे अर्थात ऐसी प्रजा जो स्थिर तौर पर उसकी होगी

उसके लिए पवित्र किए गए लोगों में उसकी मीरास की महिमा का धन कैसा है (इफिसियों 1:18 ULB)

परमेश्वर के लिए पवित्र किए गए लोगों के लिए परमेश्वर जिन बातों को करता है, वे उनकी स्थिर निज भाग होती हैं

‘‘वारिस’’ एक ऐसा व्यक्ति होता है जो स्थायी तौर पर अपनी चीजों का अधिकारी होता है

क्योंकि यह प्रतिज्ञा कि वह जगत का वारिस होगा, न इब्राहीम को, न उसके वंश को व्यवस्था के द्वारा दी गर्इ थी, परन्तु विश्वास की धार्मिकता के द्वारा मिली (रोमियों 4:13 ULB)

प्रतीज्ञा यह थी कि अब्रहाम और उसके वंश पूरे संसार के स्थायी अधिकारी होंगे

इन दिनों के अन्त में हमसे पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उसने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उस ने सारी सृष्टि रची है (इब्रानियों 1:2 ULB)

परमेश्वर का पुत्र सब चीजों को स्थायी भाग के तौर पर स्वीकार करेगा

विश्वास ही से नूह ने..... संसार को दोषी ठहराया; और उस धर्म का वारिस हुआ, जो विश्वास से होता है (इब्रानियों 11:7 ULB)

नूह धार्मिकता को स्थायी भाग के रूप में स्वीकार करता है

सोना मरने को दिखाता है

जब तेरी आयु पूरी हो जाएगी, और तू अपने पुरखाओं के संग सो जाएगा, तब मैं तेरे निज वंश को तेरे पीछे खड़ा करके उसके राज्य को स्थिर करूंगा (2 शमुएल 7:12 ULB)

उनसे पूछो, ‘‘तू किससे मनोहर है? तू उतरकर खतनाहीनों के संग पड़ा रह वे तलवार से मरे हुओं के बीच गिरेंगे! उनके लिये तलवार ही ठहरार्इ गर्इ है; सो मिस्र को उसकी सारी भीड़ समेत घसीट ले जाओ! (यहेजकेल 32:19-20 ULB)

राज या शासन करना नियंत्रण करने को दिखाता है

जैसा पाप ने मृत्यु फैलाते हुए राज्य किया, वैसा ही हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा अनुग्रह भी अनन्त जीवन के लिये धर्मी ठहराते हुए राज्य करे (रोमियों 5:21 ULB)

इसलिये पाप तुम्हारे मरनहार शरीर में राज्य न करे, कि तुम उस की लालसाओं के आधीन रहो (रोमियों 6:12 ULB)

विश्राम करना अथवा विश्रामस्थल एक स्थायी लाभदायक हालत को दिखाता है

उसकी सास नाओमी ने उससे कहा, ‘‘हे मेरी बेटी, क्या मैं तेरे लिये ठांव (विश्रामस्थल) न ढूंढूं कि तेरा भला हो?’’ (रूत 3:1)

इस कारण मैंने क्रोध में आकर शपथ खार्इ कि ये मेरे विश्रामस्थान में कभी प्रवेश न करने पाएंगे (भजन संहिता 95:11 ULB)

यह तो युग युग के लिये मेरा विश्रामस्थान हैं; यहीं मैं रहूंगा, क्योंकि मैं ने इसको (Zion) चाहा है (भजन संहिता 132:14 ULB)

सब राज्यों के लोग उसे ढूंढ़ेंगें, और उसका विश्रामस्थान तेजोमय होगा (यशायाह 11:10 ULB)

उठना या खड़े होना कार्य करने को दिखाता है

हमारी सहायता के लिये उठ खड़ा हो! और अपनी करूणा के निमित्त हमको छुड़ा ले (भजन संहिता 44:26 ULB)

कुछ देखना का मतलब है वहाँ उपस्थित होना

क्योंकि तू विश्वासयोग्य मेरे प्राण को अधोलोक में न छोड़ेगा (देखेगा) (भजन संहिता 16:10 ULB)

बेचना किसी के नियंत्रण में दे देने को दिखाता है

खरीदना किसी के नियंत्रण में आने को दिखाता है

उसने (Yahweh) उनको अरम्नहरैम के राजा कूशत्रिशातैम के अधीन (बेच) कर दिया (न्यायियों 3:8 ULB)

विराजमान होना राज करने को दिखाता है

तब दया के साथ एक सिंहासन स्थिर किया जाएगा और उस पर दाऊद के तम्बू में सच्चार्इ के साथ एक विराजमान होगा (यशायाह 16:5 ULB)

खड़े रहना सफलतापूर्वक सामना करने को दिखाता है

इस कारण दुष्ट लोग अदालत में खड़े न रह सकेंगे, और न पापी धर्मियों की मण्डली में ठहरेंगे; (भजन संहिता 1:5 ULB)

चलना व्यवहार करने एवं पथ (मार्ग) व्यवहार को दिखाता है

क्या ही धन्य है वह पुरूष जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता (भजन संहिता 1:1 ULB)

क्योंकि यहोवा धर्मियों के मार्ग को मान्यता देता है (भजन संहिता 1:6 ULB)

मुझ को झूठ के मार्ग से दूर कर (भजन संहिता 119:29 ULB)

मैं तेरी आज्ञाओ के मार्ग में दौडूंगा (भजन संहिता 119:32 ULB)

बाइबल के रूप - प्राकृतिक नमूने

This section answers the following question: प्रकृति के किन उदाहरणों का उपयोग बाइबल में अलंकार के रूप में किया गया है?

बाइबल में से कुछ प्राकृतिक नमूनों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है।

रोशनी किसी के चेहरे को दिखाती है (यह इस विचार से जुड़ा है कि चेहरा किसी की उपस्थिति को दिखाता है)

हे यहोवा तू अपने मुख का प्रकाश हम पर चमका (भजन संहिता 4:6 ULB)

क्योंकि वे न तो अपनी तलवार के बल से इस देश के अधिकारी हुए, और न अपने बाहुबल से; परन्तु तेरे दहिने हाथ और तेरी भुजा और तेरे प्रसé मुख के कारण जयवन्त हुए; क्योंकि तू उनको चाहता था (भजन संहिता 44:3 ULB)

जब उनको कुछ आशा न रहती थी तब मैं हंसकर उनको प्रसé करता था; (अय्यूब 29:24 ULB)

हे यहोवा, वे लोग तेरे मुख के प्रकाश में चलते हैं (भजन संहिता 89:15 ULB)

रोशनी भलार्इ को एवं अंधकार दुष्टता को दिखाता है

परन्तु यदि तेरी आंख बुरी हो, तो तेरा सारा शरीर भी अन्धियारा होगा इस कारण वह उजियाला जो तुझमें है, यदि अन्धकार हो तो वह अन्धकार कैसा बड़ा होगा! (मत्ती 6:23 ULB)

छाया या अंधकार मृत्यु को दिखाता है

तौभी तूने हमें गीदड़ों के स्थान में पीस डाला और हमको घोर अन्धकार में छिपा दिया है (भजन संहिता 44:19 ULB)

आग बड़ी भावनाओं, अर्थात प्रेम एवं क्रोध को दिखाती है

और अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्डा हो जाएगा (मत्ती 24:12 ULB)

पानी की बाढ़ से भी प्रेम नहीं बुझ सकता (श्रेष्ठगीत 8:7 ULB)

क्योंकि मेरे कोप की आग भड़क उठी है, जो पाताल की तह तक जलती जाएगी (व्यवस्थाविवरण 32:22 ULB)

तब यहोवा का क्रोध इस्राएलियों पर भड़का (न्यायियों 3:8 ULB)

यहोवा सुनकर क्रोध से भर गया, तब याकूूब के बीच आग लगी, और इस्राएल के विरूठ्ठ क्रोध भड़का (भजन संहिता 78:21 ULB)

आग या दीवट जीवन को दिखाता है

वे कहते हैं, ‘‘जिसने अपने भार्इ को घात किया उसको हमें सौंप दे, कि उसके मारे हुए भार्इ के प्राण के पलटे में उसको प्राण दंड दे’’ और वारिस को भी नाश करें। इस तरह वे मेरे अंगारे को जो बच गया है बुझाएंगे, और मेरे पति का नाम और सन्तान धरती पर से मिटा डालेंगे (2 शमूएल 14:7 ULB)

तू फिर हमारे संग युद्ध को जाने न पाएगा, ऐसा न हो कि तेरे मरने से इस्राएल का दीया बुझ जाए (2 शमूएल 21:17 ULB)

और सुलैमान के पुत्र को मैं एक गोत्र दूंगा, इसलिये कि यरूशलेम में मेरे दास दाऊद का दीपक मेरे सामने सदैव बना रहे (1 राजा 11:36 ULB)

तौभी दाऊद के कारण उसके परमेश्वर यहोवा ने यरूशलेम में उसे एक दीपक दिया अर्थात् उसके पुत्रा को उसके बाद ठहराया और यरूशलेम को बनाए रखा (1 राजा 15:4 ULB)

तौभी दुष्टों का दीपक बुझ जाएगा, और उसकी आग की लौ न चमकेगी उसके डेरे में का उजियाला अन्धेरा हो जाएगा, और उसके ऊपर का दीया बुझ जाएगा (अय्यूब 18:5-6 ULB)

हां, तू ही मेरे दीपक को जलाता है; मेरा परमेश्वर यहोवा मेरे अन्धियारे को उजियाला कर देता है (भजन संहिता 18:28 ULB)

न टिमटिमाती बत्ती को बुझाएगा (यशायाह 42:3 ULB)

चौड़ा स्थान सुरक्षा, हिफाजत एवं आराम को दिखाता है

मेरी विपत्ति के दिन वे मुझ पर आ पडे, परन्तु यहोवा मेरा आश्रय था! और उसने मुझे निकालकर चौड़े स्थान में पहुंचाया, उस ने मुझको छुड़ाया, क्योंकि वह मुझसे प्रसé था (भजन संहिता 18:18-19 ULB) तू मेरे पै़रों के लिये स्थान चौड़ा करता है और मेरे पैर नहीं फिसले (2 शमूएल 22:37 ULB) तूने घुड़चढ़ों को हमारे सिरों के ऊपर से चलाया हम आग और जल से होकर गए परन्तु तूने हमको उबार के सुख से भर दिया है (भजन संहिता 66:12 ULB)

संकरा स्थान खतरे और कठिनार्इयों को दिखाता है

हे मेरे धर्ममय परमेश्वर, जब मैं पुकारूं तब तू मुझे उत्तर दे जब मैं सकेती में पड़ा तब तूने मुझे विस्तार दिया मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले (भजन संहिता 4:1 ULB) वेश्या गहिरा गड़हा ठहरती है और परार्इ स्त्री संकरे कुँए के समान है (नीतिवचन 23:27 ULB)

तरल पदार्थ नैतिक गुण (भावना, व्यवहार, आत्मा, जीवन) को दिखाती है

यहोवा मेरे सामने होकर मेरे शत्रुओं पर जल की धारा की नार्इ टूट पड़ा है (2 शमूएल 5:20 ULB)

परन्तु वह उमड़ती हुर्इ धारा से उसके स्थान का अन्त कर देगा (नहूम 1:8 ULB)

मेरा जीव उदासी के मारे गल चला है (भजन संहिता 119:28 ULB)

मैं जल की नार्इं बह गया हूँ (भजन संहिता 22:14 ULB)

उन बातों के बाद मैं सब प्राणियों पर अपना आत्मा उण्डेलूंगा (योएल 2:28 ULB)

हे मेरे परमेश्वर; मेरा प्राण मेरे भीतर गिरा जाता है (भजन संहिता 42:6 ULB)

क्योंकि यहोवा की बड़ी ही जलजलाहट हम पर इसलिये भड़की है (2 इतिहास 34:21 ULB)

जल किसी की बातचीत को दिखाती है

पत्नी के झगड़े-रगड़े सदा टपकने वाले जल के समान है (नीतिवचन 19:13 ULB)

उसके होंठ सोसन फूल हैं जिनसे पिघला हुआ गन्धरस टपकता है (श्रेष्ठगीत 5:13 ULB)

मेरा विलाप धारा की नार्इ बहता रहता है (अय्यूब 3:24 ULB)

मनुष्य के मुंह के वचन गहिरा जल, वा बुद्धि के सोते हैं (नीतिवचन 18:4 ULB)

बड़ा जल या बाढ़ आपदा को दिखाती है

मैं गहिरे जल में आ गया, और धारा में डूबा जाता हूं (भजन संहिता 69:2 ULB)

मैं गहिरे जल में डूब न मरूँ (भजन संहिता 69:15 ULB)

अपने हाथ ऊपर से बढ़ाकर मुझे महासागर से उबार, अर्थात् परदेशियों के वश से छुड़ा (भजन संहिता 144:7 ULB)

जल का सोता किसी वस्तु के स्रोत अथवा आरंभ को दिखाती है

यहोवा का भय मानना, जीवन का सोता है (नीतिवचन 14:27 ULB)

चट्टान सुरक्षा को दिखाती है

हमारे परमेश्वर को छोड़ क्या और कोर्इ चट्टान है? (भजन संहिता 18:31 ULB)

हे यहोवा परमेश्वर, मेरी चट्टान और मेरे उद्धार करनेवाले (भजन संहिता 19:14 ULB)

बाइबल के रूप - मानवनिर्मित वस्तुएँ

This section answers the following question: लोगों की बनार्इ गर्इ चीजों में वे कौनसे उदाहरण हैं जिनका उपयोग बाइबल में अलंकार के रूप में किया गया है

बाइबल में वर्णित मनुष्य निर्मित वस्तुओं से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है।

पीतल ताकत को दिखाता है

वह मेरे हाथों... पीतल का धनुष झुक जाता है । (भजन संहिता 18:34 ULB)

रस्सियाँ या जंजीर नियंत्रण को दिखाती हैं

आओ, हम उनके बन्धन तोड़ डालें, और उनकी रस्सियों को अपने ऊपर से उतार फेंके। (भजन संहिता 2:3 ULB)

वस्त्र नैतिक गुणों (भावनाएँ, व्यवहार, आत्मा, जीवन)को दिखाता है

यह वही र्इश्वर है, जो सामर्थ से मेरा कटिबन्ध बान्धता है। (भजन संहिता 18:32 ULB)

उसकी कटि का फेंटा धर्म और उसकी कमर का फेंटा सच्चार्इ होगी (यशायाह 11:5 ULB)

मेरे विरोधियों को अनादररूपी वस्त्र पहिनाया जाए, और वे अपनी लज्जा को कम्बल की नार्इं ओढ़ें (भजन संहिता 109:29 ULB)

मैं उसके शत्रुओं को तो लज्जा का वस्त्र पहिनाऊंगा (भजन संहिता 132:18 ULB)

फंदा (रस्सियों से बना हल्का सा जाल) मृत्यु को दिखाता है

वह तो मुझे बहेलिये के जाल से बचाएगा (भजन संहिता 91:3 ULB)

मृत्यु की रस्सियां मेरे चारों ओर थीं; मैं अधोलोक की सकेती में पड़ा था (भजन संहिता 116:3 ULB)

मैं दुष्टों की रस्सियों से बन्ध गया हँू (भजन संहिता 119:61 ULB)

दुष्टों ने मेरे लिये फन्दा लगाया है (भजन संहिता 119:110 ULB)

दुष्ट अपने किए हुए कामों में फंस जाता है (भजन संहिता 9:16 ULB) वरन उन्हीं जातियों से हिलमिल गए और उनके व्यवहारों को सीख लिया और उनकी मू​िर्त्तयों की पूजा करने लगे, और वे उनके लिये फन्दा बन गर्इ (भजन संहिता 106:35-36 ULB)

इस मामले में फंदा दुष्टता को करने का प्रभाव था जो मृत्यु की ओर खींचता है

तंबु अथवा डेरा एक घर, गृह, घर के लोग, बच्चों को दिखाता है

निश्चय र्इश्वर तुझे सदा के लिये नाश कर देगा; वह तुझे पकड़कर तेरे डेरे से निकाल देगा (भजन संहिता 52:5 ULB)

दुष्टों का घर नाश हो जाता है, परन्तु सीधे लोगों के तम्बू में आबादी होती है (नीतिवचन 14:11 ULB)

तब दया के साथ एक सिंहासन स्थिर किया जाएगा और उस पर दाऊद के तम्बू में सच्चार्इ के साथ एक विराजमान होगा (यशायाह 16:5 ULB)


बाइबल के रूप - खेतीबाड़ी

This section answers the following question: खेतीबाड़ी से लिए गए वे कौनसे उदाहरण हैं जिनका उपयोग बाइबल में अलंकार के रूप में किया गया है

बाइबल में वर्णित खेतीबाड़ी से संबंधित कुछ तश्वीरें निम्नलिखित हैं। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है।

किसान परमेश्वर को दिखाता और दाख की बारी चुने हुए लोगों को दिखाती है

एक अति उपजाऊ टीले पर मेरे प्रिय की एक दाख की बारी थी उसने मिट्टी खोदी और उसके पत्थर बीनकर उसमें उत्तम जाति की एक दाखलता लगार्इ उसके बीच में उस ने एक गुम्मट बनाया, और दाखरस के लिये एक कुंड भी खोदा तब उसने दाख की आशा की, परन्तु उस में निकम्मी दाखें ही लगीं (यशायाह 5:1-2)

स्वर्ग का राज्य किसी गृहस्थ के समान है, जो सवेरे निकला, कि अपने दाख की बारी में मजदूरों को लगाए (मती 20:1 ULB)

एक गृहस्थ था, जिसने दाख की बारी लगार्इ । और उसके चारों ओर बाड़ा बान्धा; और उस मे रस का कुंड खोदा; और गुम्मट बनाया; और किसानों को उसका ठीका दिया और परदेश चला गया (मती 21:33 ULB)

जमीन लोगों के दिल (अंतरंग) को दिखाती है

क्योंकि यहूदा और यरूशलेम के लोगों से यहोवा ने यों कहा है: ‘अपनी पड़ती भूमि को जोतो’ और कटीले झाड़ों में बीज मत बोओ (यिर्मयाह 4:3 ULB)

जो कोर्इ राज्य का वचन सुनकर नहीं समझता यह वही बीज है, जो मार्ग के किनारे बोया गया था जो पत्थरीली भूमि पर बोया गया, यह वह है, जो वचन सुनकर तुरन्त आनन्द के साथ मान लेता है... जो झाड़ियों में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनता है, पर इस संसार की चिन्ता और धन का धोखा वचन को दबाता है... जो अच्छी भूमि में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनकर समझता है (मती 13:19-23 ULB)

अपनी पड़ती भूमि को जोतो... यह यहोवा के पीछे हो लेने का समय है (होशै 10:12 ULB)

बोना कार्य अथवा व्यवहार को तथा काटना न्याय एवं इनाम को दिखाता है

मेरे देखने में तो जो पाप को जोतते और दुख बोते हैं, वही उसको काटते हैं (अय्यूब 4:8 ULB) धोखा न खाओ परमेश्वर ठट्ठों में नहीं उड़ाया जाता क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा (गलातियों 6:7-8 ULB)

गहाना एवं फटकना अच्छे लोगों का बुरे लोगों से अलग होने को दिखाता है


बाइबल के रूप - जानवर

This section answers the following question: वे कौनसे जानवर अथवा उनके शरीरों के अंग हैं जिनका उपयोग बाइबल में अलंकार के रूप् किया गया है?

बाइबल में वर्णित शरीर के अंगों और मनुष्यों के गुणों से संबंधित कुछ तश्वीरों को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में लिखे गए शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है।

जानवर का सींग ताकत को दिखाता है

परमेश्वर मेरी चट्टान है। उसका मैं शरणागत हूँ। वह मेरी ढाल, मेरा बचानेवाला सींग, मेरा ऊंचा गढ़, और मेरा शरणस्थान है। वह मुझे उपद्रव से बचाता है (2 शमुएल 22:3 ULB)

मेरे ‘‘उद्धार का सींग’’ मुझे बचाने में शक्तिशाली है

वहाँ मैं दाऊद के सींग को उठाऊँगा । (भजन संहिता 132:17 ULB)

‘‘दाऊद का सींग’’ राजा दाऊद की सैनिक ताकत है

पक्षी उन लोगों को दिखाता है जो खतरे में है ओर कोर्इ बचाव नही है

कारण यह है कि कुछ पक्षी आसानी से फंदे में पड़ जाते हैं

मेरे शत्रुओं ने निर्दयता से पक्षी के समान मेरा अहेर किया है । (विलापगीत 3:52 ULB)

अपने आपको हरिणी के समान शिकारी के हाथ से छुड़ा पक्षी के समान बहेलिये के शिकंजे से छुड़ा (नीतिवचन 6:5 ULB)

बहेलिया पक्षियों को पकड़ने वाला व्यक्ति है और शिकंजा एक छोटा फंदा होता है

हमारा जीव पक्षी की नार्इं बहेलिये के जाल से छूट गया; जाल फट गया, हम बच निकले (भजन संहिता 124:7 ULB)

माँसाहारी पक्षी चतुरार्इ से हमला करने वाले शत्रु को दिखाता है

हबक्कुक और होशै में, इस्राएल के सामने आकर हमला करने वाले दुश्मनों की तुलना एक उकाब से की गर्इ है।

और उनके घुड़सवार कोसों दूर से आए - वे अहेर पर झपटने वाले उकाब की नांर्इ उड़ते हैं। ( बक्कुक 1:8 ULB)

एक उकाब यहोवा के घर पर आता है …इस्राएल ने भले को त्याग दिया और दुश्मन उसका पीछा करेगा (होशै 8:1 ULB)

यशायाह में, परमेश्वर ने एक राजा को अहेर करने वाला पक्षी कहा क्योंकि वह तीव्रगति से आता और इस्राएल के दुश्मनों पर हमला करता।

मैं पूर्व से एक उकाब पक्षी को अर्थात् दूर देश से अपनी युक्ति के पूरा करनेवाले पुरूष को बुलाता हूँ। (यशायाह 46:11 ULB)

पक्षी के पंख सुरक्षा को दिखाते हैं

कारण यह कि पक्षी अपने बच्चों पर पंख फैलाए रखते हैं कि उन्हे खतरों से सुरक्षित रखे

आँख की पुतली समान मुझे सुरक्षित रख; अपने पंखों की छाँव में मुझे छिपा रख। दुष्टों से जो मुझ पर अत्याचार करते हैं, मेरे प्राण के शत्राुओं से जो मुझे घेरे हुए हैं (भजन संहिता 17:8-9 ULB)

एक और उदाहरण कि कैसे पंख सुरक्षा को दिखाते हैं

हे परमेश्वर, मुझ पर अनुग्रह कर, मुझ पर अनुग्रह कर क्योंकि मैं तेरा शरणागत हूं; और जब तक ये आपत्तियां निकल न जाएं इस नाश के समापत होने तक मैं तेरे पंखों के तले शरण लिए रहूंगा ।(भजन संहिता 57:1 ULB)

खतरनाक जानवर खतरनाक लोगों को दिखाते हैं

भजन संहिता में, दाऊद अपने दुश्मनों की तुलना शेर से करता है

मेरा प्राण सिंहों के बीच में है मैं मुझे निगलने वालों के बीच में हूँ मैं ऐसे मनुष्यों के बीच में हूँ जिनके दांत बर्छी और तीर हैं और जिनकी जीभ तेज तलवार है हे यहोवा, तू स्वर्ग पर विराजमान है (भजन संहिता 57:4 ULB)

पतरस ने शैतान को गर्जने वाला शेर कहा

सचेत हो, और जागते रहो तुम्हारा विरोधी शैतान गर्जनेवाले शेर की नार्इ इस खोज में रहता है, कि किसको निगल जाए (1 पतरस 8:8 ULB)

मती में, यीशु मसीह ने झूठे भविष्यद्वक्ताओं को भेड़िये कहा क्योंकि उन्होने अपने झूठ से लोगों को इतना नुकसान पहुँचाया था

झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के वेष में तुम्हारे पास आते हैं, परन्तु अंदर में वे फाड़नेवाले भेड़िए हैं (मत्ती 7:15 ULB)

मती में, यूहéा बपतिस्मादाता ने धार्मिक अगुवों को जहरीले सर्प कहा क्योंकि उन्होने अपनी शिक्षाओं से लोगों को क्षति पहुँचार्इ थी

जब उसने बहुत से फरीसियों और सदूकियों को बपतिस्मा के लिये अपने पास आते देखा, तो उनसे कहा, कि हे विषैले सर्प के बच्चों, तुम्हें किसने जता दिया कि आनेवाले क्रोध से भागो? (मती 3:7 ULB)

उकाब ताकत को दिखाता है

वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है जिससे तेरी जवानी उकाब की नार्इं नर्इ हो जाती है (भजन संहिता 103:5 ULB)

क्योंकि यहोवा यों कहता है, देखो, वह उकाब सा उड़ेगा और मोआब के ऊपर अपने पंख फैलाएगा (यिर्मयाह 48:40 ULB)

भेड़ या झुण्ड ऐसे लोगों को दिखाता है जिन्हे अगुवार्इ की जरूरत है और जो खतरे में पड़े हैं

मेरी प्रजा खोर्इ हुर्इ भेडें हैं। उनके चरवाहों ने उनको पहाड़ों पर भटका दिया है; (यिर्मयाह 50:6 ULB)

परन्तु अपनी प्रजा को भेड़-बकरियों की चलया, और जंगल में उनकी अगुवार्इ पशुओं के झुण्ड के समान की (भजन संहिता 78:52 ULB)

इस्राएल भगार्इ हुर्इ भेड़ है, सिंहों ने उसको भगा दिया है। पहिले तो अश्शूर के राजा ने उसको खा डाला और तब बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने उसकी हड्डियों को तोड़ दिया है। (यिर्मयाह 50:17 ULB)

देखो, मैं तुम्हें भेड़ों की नार्इ भेड़ियों के बीच में भेजता हूँ, सो सांपों की नार्इ बुद्धिमान और कबूतरों की नार्इ भोले बनो । लोगों से सावधान रहो! वे तुम्हे कटघरों में खड़ा करेंगे और न्यायालयों में कोड़े लगवाएँगे। (मत्ती 10:16 ULB)

बाइबल के रूप - पौधे

This section answers the following question: पौधों के कौनसे उदाहरणों का उपयोग बाइबल में अलंकार के रूप में किया गया है?

बाइबल में वर्णित पेड़ पौधों से संबंधित तश्वीरों को को नीचे वर्णमाला के क्रम में दिया गया है। बड़े अक्षरों में अंकित शब्द एक विचार को दिखाते हैं। यह जरूरी नही है कि जहाँ जहाँ भी यह तश्वीर है, उस हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है।

शाखा अथवा डाली एक व्यक्ति के वंश को दिखाती है

नीचे लिखें उदाहरण में, यशायाह ने यिशै के एक वंशज एवं यिर्मयाह ने दाऊद के एक वंशज के बारे में लिखा

तब यिशै के ठूंठ में से एक डाली फूट निकलेगी और उसकी जड़ में से एक शाखा निकलकर फलवन्त होगी और यहोवा की आत्मा, बुद्धि और समझ की आत्मा, उस पर ठहरी रहेगी। (यशायाह 11:1-2 ULB) देख, ऐसे दिन आते हैं - यहोवा की यही वाणी है - जब मैं दाऊद के कुल में एक धर्मी अंकुर उगाऊँगा, और वह राजा बनकर बुठ्ठि से राज्य करेगा, और अपने देश में न्याय और धर्म से प्रभुता करेगा (यिर्मयाह 23:5 ULB)

अय्यूब में, लिखा है, ‘‘डालियां कट जाएंगी’’ जिसका अर्थ है कि उसका वंश नही होगा

उसकी जड़ तो सूख जाएगी और डालियां कट जाएंगी पृथ्वी पर से उसका स्मरण मिट जाएगा और बाज़ार में उसका नाम कभी न सुन पड़ेगा । (अय्यूब 18:17 ULB)

पौधा एक व्यक्ति को दिखाता है

निश्चय र्इश्वर तुझे सदा के लिये नाश कर देगा; वह तुझे .... जीवतों के लोक से तुझे उखाड़ डालेगा (भजन संहिता 52:5 ULB)

पौधा भावना अथवा व्यवहार को दिखाता है

जैसे एक प्रकार का बीज बोने से उसी प्रकार का पौधा उगता है, एक तरीके का व्यवहार उसी तरीके का परिणाम लाता है। आयतों में लिखी भावनाओं और व्यवहार को रेखांकित किया गया है।

अपने लिये धार्मिकता का बीज बोओ, तब करूणा के अनुसार खेत काटने पाओगे। (होशे 10:12 ULB)

मेरे देखने में तो जो पाप को जोतते और दुख बोते हैं, वही उसको काटते हैं (अय्यूब 4:8 ULB)

वे वायु बोते हैं, और वे बवण्डर लवेंगे। (होशे 8:7 ULB)

तुम लोगों ने .... धार्मिकता के फल को कड़वे फल से बदल डाला है? (आमोस 6:12 ULB)

सो जिन बातों से अब तुम लज्जित होते हो, उनसे उस समय तुम क्या फल पाते थे? (रोमियों 6:21 ULB)

वृक्ष एक व्यक्ति को दिखाता है

वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है। और अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। इसलिये जो कुछ वह पुरूष करे वह सफल होता है (भजन संहिता 1:3 ULB)

मैंने दुष्ट को बड़ा पराक्रमी और ऐसा फैलता हुए देखा, जैसा कोर्इ हरा पेड़ अपने निज भूमि में फैलता है (भजन संहिता 37:35 ULB)

परन्तु मैं तो परमेश्वर के भवन में हरे जलपार्इ के वृक्ष के समान हूँ (भजन संहिता 52:8 ULB)


बाइबल के रूप - सांस्कृतिक नमूने

This section answers the following question: सांस्कृतिक नमूने क्या हैं एवं बाइबल में कौनसे सांस्कृतिक नमूनों का उपयोग किया गया है?

सांस्कृतिक नमूने जीवन अथवा व्यवहार के अंगों की मानसिक तश्वीरें हैं। ये तश्वीरें इन विषयों के बारे में कल्पना एवं बातचीत करने में हमारी मदद करती हैं।

उदाहरण के तौर पर, अमरीकी लोग विवाह, मित्रता जैसी कर्इ चीजों के बारे में ऐसा सोचते हैं जैसे कि वो मशीनें हैं। अमरीकी शायद कहे, ‘‘उसका विवाह टूट रहा है’’ या ‘‘उनकी दोस्ती तेज गति में बढ़ रही है’’

इस उदाहरण में, मानवीय संबंधों को मशीन की तरह दर्शाया गया है। बाइबल मं वर्णित कुछ सांस्कृतिक नमूने अथवा मानसिक तश्वीरें निम्नलिखित हैं। पहले, परमेश्वर के नमूने हैं, फिर मनुष्यों, वस्तुओं और अनुभवों के नमूने हैं। हर शीर्षक के नमूने को बड़े अक्षरों में लिखा गया है। यह जरूरी नही है कि हर आयत में यह शब्द हो, परंतु उस शब्द का विचार अवश्य मौजूद है

परमेश्वर को मानव अथवा मनुष्य के रूप में दिखाया गया है

यद्यपि बाइबल इंकार करती है कि परमेश्वर एक मानव है, अक्सर उसके कार्यों को मनुष्यों के कार्यों के समान बताया गया है। परंतु परमेश्वर मानव नही है अत: जब बाइबल कहती है कि परमेश्वर बोलता है, तो हमें यह नही सोचना चाहिए कि परमेश्वर का कंठ है और उसमें स्वरतंत्री है। और जब यह उसके हाथ के किसी कार्य को बताती है तो हमें यह नही साचेना है कि परमेश्वर के शारीरिक हाथ होते हैं।

यदि हम अपने परमेश्वर यहोवा का शब्द फिर सुनें, तब तो मर ही जाएंगे (व्यवस्थाविवरण 5:25 ULB)

मेरे परमेश्वर यहोवा के हाथ ने मुझे बल दिया (एज्रा 7:28 ULB)

यहूदा पर भी परमेश्वर का हाथ (शक्ति) आया कि वे एक मन होकर, जो आज्ञा राजा और हाकिमों ने यहोवा के वचन के अनुसार दी थी, उसे मानने को तैयार हुए (2 इतिहास 30:12 ULB)

‘‘हाथ’’ शब्द परमेश्वर की शक्ति को दिखाने वाला रूपक है (देखें: Metonymy)

परमेश्वर को राजा के रूप में दिखाया गया है

क्योंकि परमेश्वर सारी पृथ्वी का राजा है; (भजन संहिता 47:7 ULB) क्योंकि राज्य यहोवा ही का है और सब जातियों पर वही प्रभुता करता है (भजन संहिता 22:28 ULB) हे परमेश्वर, तेरा सिंहासन सदा सर्वदा बना रहेगा तेरे राज्य का राजदण्ड न्याय का राजदण्ड है (भजन संहिता 45:6 ULB) यहोवा यों कहता है, आकाश मेरा सिंहासन और पृथ्वी मेरे चरणों की चौकी है (यशायाह 66:1 ULB) परमेश्वर जाति जाति पर राज्य करता है परमेश्वर अपने पवित्र सिंहासन पर विराजमान है राज्य राज्य के रर्इस (राजकुमार) इब्राहीम के परमेश्वर की प्रजा होने के लिये इकट्ठे हुए हैं क्योंकि पृथ्वी की ढालें परमेश्वर के वश में हैं वह तो शिरोमणि है (भजन संहिता 47:8-9 ULB)

परमेश्वर को चरवाहे एवं उसके लोगों को भेड़ों के रूप में दिखाया गया है

यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी (भजन संहिता 23:1 ULB)

उसके लोग भेड़ हैं

क्योंकि वही हमारा परमेश्वर है, और हम उसकी चरार्इ की प्रजा, और उसके हाथ की भेड़ें हैं।। भला होता, कि आज तुम उसकी बात सुनते (भजन संहिता 95:7 ULB)

वह अपने लोगों को भेड़ों के समान चलाता है

परन्तु अपनी प्रजा को भेड़-बकरियों की नार्इ पयान कराया, और जंगल में उनकी अगुवार्इ पशुओं के झुण्ड की सी की (भजन संहिता 78:52 ULB)

वह अपनी भेड़ों को बचाने के लिए मरने के लिए भी तैयार है

अच्छा चरवाहा मैं हूँ; मैं अपनी भेड़ों को जानता हूँ, और मेरी भेड़ें मुझे जानती हैं

जिस तरह पिता मुझे जानता है, और मैं पिता को जानता हूं, और मैं भेड़ों के लिये अपना प्राण देता हूँ मेरी और भी भेड़ें हैं, जो इस भेड़शाला की नहीं; मुझे उन का भी लाना अवश्य है, वे मेरा शब्द सुनेंगी; तब एक ही झुंड और एक ही चरवाहा होगा (युहन्ना 10:14-15 ULB)

परमेश्वर को योद्धा के रूप में दिखाया गया है

यहोवा योद्धा है (निर्गमन 15:3 ULB) यहोवा वीर की नार्इं निकलेगा और योद्धा के समान अपनी जलन भड़काएगा वह ऊंचे शब्द से ललकारेगा और अपने शत्रुओं पर जयवन्त होगा (यशायाह 42:13 ULB) हे यहोवा, तेरा दाहिना हाथ शक्ति में महाप्रतापी है हे यहोवा, तेरा दाहिना हाथ शत्रु को चकनाचूर कर देता है (निर्गमन 15:6 ULB) परन्तु परमेश्वर उन पर तीर चलाएगा वे अचानक घायलहो जाएंगे (भजन संहिता 64:7 ULB)

क्योंकि तू अपना धनुष उनके वि:द्ध चढ़ाएगा, और वे पीठ दिखाकर भागेंगे (भजन संहिता 21:12 ULB)

एक अगुवे को चरवाहा अथवा उसकी अगुवार्इ के लोगों को भेड़ों के रूप में दिखाया गया है

तब इस्राएल के सब गोत्र दाऊद के पास हेब्रोन में आकर कहने लगे, सुन... जब शाऊल हमारा राजा था, तब भी इस्राएल का अगुवा तू ही था; और यहोवा ने तुझ से कहा, कि मेरी प्रजा इस्राएल का चरवाहा, और इस्राएल का प्रधान तू ही होगा (2 शमूएल 5:1-2 ULB)

‘‘उन चरवाहों पर हाय जो मेरी चरार्इ की भेड़ों को तितर-बितर करते ओर नाश करते हैं, यहोवा यह कहता है।’’ (यिर्मयाह 23:1 ULB)

इसलिये अपनी और पूरे झुंड की चौकसी करो; जिससे पवित्र आत्मा ने तुम्हें अध्यक्ष ठहराया है

कि तुम परमेश्वर की कलीसिया की रखवाली करो, जिसे उस ने अपने लोहू से मोल लिया है। मैं जानता हूँ कि मेरे जाने के बाद फाड़नेवाले भेड़िए आएंगे, जो झुंड को न छोड़ेंगे। तुम्हारे ही बीच में से भी ऐसे ऐसे मनुष्य उठेंगे, जो चेलों को अपने पीछे खींच लेने को टेढ़ी मेढ़ी बातें कहेंगे। (प्रेरितों के काम 20:28-30 ULB)

आँख को दीवट के रूप में दिखाया गया है

इस नमूने एवं दुष्ट आँखों के नमूने में विभिéताएँ संसार के कर्इ भागों में मौजूद हैं। बाइबल में वर्णित अधिकतर संस्कृतियों में, इन नमूनों में निम्न तत्व शामिल हैं:

लोग वस्तुओं को देखते हैं, उनके चारों ओर मौजूद रोशनी की वजह से नही, परंतु उनकी आँखों से उन वस्तुओं पर रोशनी चमकने की वजह से

शरीर का दीवट आंख है

इसलिये यदि तेरी आंख निर्मल हो, तो तेरा सारा शरीर भी उजियाला होगा (मत्ती 6:22 ULB) आँखों से चमकने वाली इस रोशनी में, देखने वाले का स्वभाव भी सम्मिलित होता है।

दुष्ट जन बुरार्इ की लालसा जी से करता है; वह अपने पड़ोसी पर अनुग्रह की दृष्टि नही करता (नीतिवचन 21:10 ULB)

घृणा और शाप को किसी पर बुरी दृष्टि एवं प्रसéता को अच्छी नजर के रूप में दिखाया गया है

बुरी नजर से भरे व्यक्ति की प्राथमिक भावना घृणा होती है। मरकुस में ‘‘घृणा’’ का यूनानी शब्द से अनुवाद ‘‘आँख’’ किया गया है जो दुष्ट दृष्टि को दिखाता है।

उसने कहा, ‘‘जो मनुष्य में से निकलता है, वही मनुष्य को अशुद्ध करता है क्योंकि भीतर से अर्थात् मनुष्य के मन से, बुरी बुरी चिन्ता.... कुदृष्टि, ... (मरकुस 7:20-22 ULB)

मती 20:15 की पृष्ठभूमि में घृणा की भावना सम्मिलित है ‘‘क्या .... बुरी दृष्टि से देखता है?’’ का अर्थ है ‘‘क्या तुममें घृणा है’’

क्या उचित नहीं कि मैं अपने माल से जो चाहूँ सो करूं?

या क्या मेरे भेले होने के कारण तू बुरी दृष्टि से देखता है? (मत्ती 20:15 ULB) यदि एक व्यक्ति की दृष्टि बुरी होती है तो उसकी नजर दूसरे लोगों के धन पर रहती है

शरीर का दीया आंख है

इसलिये यदि तेरी आंख निर्मल हो, तो तेरा सारा शरीर भी उजियाला होगा। परन्तु यदि तेरी आंख बुरी हो, तो तेरा सारा शरीर भी अन्धियारा होगा । इस कारण वह उजियाला जो तुझ में है यदि अन्धकार हो तो वह अन्धकार कैसा बड़ा होगा। कोर्इ मनुष्य दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता, क्योंकि वह एक से बैर ओर दूसरे से प्रेम रखेगा, वा एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्छ जानेगा; “तुम परमेश्वर और धन दोनो की सेवा नहीं कर सकते“ (मत्ती 6:22-24 ULB)

घृणा से भरा व्यक्ति दूसरों पर अपनी बुरी दृष्टि डालकर उन पर जादू या शाप डाल सकता है।

हे निर्बुद्धि गलतियों, किसने (किसकी बुरी आँखों) ने तुम्हें मोह लिया? (गलतियों 3:1 ULB)

अच्छी दृष्टि वाला व्यक्ति दूसरों पर अपनी दृष्टि डालकर आशीष दे सकता है

मुझ पर तेरे अनुग्रह की दृष्टि हो, (1 शमूएल 27:5 ULB)

जीवन को लहू के रूप में दिखाया गया है

इस नमूने में, किसी व्यक्ति या जन्तु का लहू उनके जीवन को दिखाता है

पर मांस को प्राण समेत अर्थात् लहू समेत तुम न खाना (उत्पत्ति 9:4 ULB)

लहू का बहाया या छिड़का जाना, किसी के मारे जाने को दिखाता है

जो कोर्इ मनुष्य का लहू बहाएगा, उसका लहू मनुष्य ही से बहाया जाएगा (उत्पत्ति 9:6 ULB)

जब तक न्याय के लिये मण्डली के सामने खड़ा न हो, तब तक बहाए गए खून का पलटा लेनेवाला उसे मार डालने न पाए (यहोशू 20:9 ULB)

यदि लहू पुकारता है, प्रकृति स्वयं उस व्यक्ति से पलटा लेने के लिए पुकार रही है जिसने किसी को मारा है। (इसमें लहू को व्यक्ति के रूप में दिखाया गया है क्योंकि लहू पुकार रहा है) देखें: Personification

यहोवा ने कहा, तूने क्या किया है? तेरे भार्इ का लहू भूमि में से मेरी ओर चिल्लाकर मेरी दोहार्इ दे रहा है (उत्पत्ति 4:10 ULB)

एक देश को स्त्री और वहाँ के देवताओं को उसके पति के रूप में दिखाया गया है

गिदोन के मरते ही इस्राएली फिर गए, और व्यभिचारिणी की नार्इं बाल देवताओं के पीछे हो लिए और बालबरीत को अपना देवता मान लिया (न्यायियों 8:33 ULB)

इस्राएल राष्ट्र को परमेश्वर के पुत्र के रूप में दिखाया गया है

जब इस्राएल बालक था, तब मैंने उससे प्रेम किया, और अपने पुत्र को मिस्र से बुलाया (होशे 11:1 ULB)

सूरज को रात में मण्डप के अंदर दिखाया गया है

उनका स्वर सारी पृथ्वी पर गूंज गया है, और उनके वचन जगत की छोर तक पहुंच गए हैं। उनमें उसने सूर्य के लिये एक मण्डप खड़ा किया है । जो दुल्हे के समान अपने महल से निकलता है। वह शूरवीर की नार्इ अपनी दौड़ दौड़ने को हर्षित होता है । (भजन संहिता 19:4-5 ULB)

भजन संहिता 110 बताता है कि उदय से पहले सूरज गर्भ के अंदर होता है

तेरे जवान लोग पवित्रता से शोभायमान, और भोर के गर्भ से जन्मी हुर्इ ओस के समान तेरे पास हैं (भजन संहिता 110:3 ULB)

तेजी से चलने वाली चीजों को पंख के रू में दिखाया गया है

ये बात हवा या आकाश में चलने वाली वस्तुओं के बारे में सही है। सूरज को पंख लगी तश्तरी की तरह दिखाया गया है जिससे यह हवा में से उड़ता और दिनभर में पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ता है।

भजन संहिता 139 में, ‘‘भोर के पंख’’ का इशारा सूरज की ओर है।

मलाकी 4 में, परमेश्वर स्वयं को ‘‘धार्मिकता का सूरज’’ कहता है और सूरज को पंखसहित बताता है।

यदि मैं भोर की किरणों पर चढ़कर समुद्र के पार जा बसूँ... (भजन संहिता 139:9 ULB)

परन्तु तुम्हारे लिये जो मेरे नाम का भय मानते हो, धार्मिकता का सूर्य उदय होगा, और उसकी किरणों (पंखों) के द्वारा तुम चंगे हो जाओगे (मलाकी 4:2 ULB)

हवा तेजी से बहती और उसे पंखसहित बताया गया है

और वह करूब पर सवार होकर उड़ा, और पवन के पंखों पर चढ़कर दिखार्इ दिया (2 शमूएल 22:11 ULB)

और वह करूब पर सवार होकर उड़ा, वरन पवन के पंखों पर सवारी करके वेग से उड़ा (भजन संहिता 18:10 ULB)

पवन के पंखों पर चलता है (भजन संहिता 104:3 ULB)

व्यर्थता को एक ऐसी वस्तु के रूप में दिखाया गया है जिसे पवन उड़ा ले जाता है

इस नमूने में, पवन मूल्यहीन अथवा ज्यादा समय तक नही टिकने वाली वस्तुओं को उड़ा ले जाता है। भजन संहिता 1 और अय्यूब 27 बताता है कि दुष्ट व्यक्ति मूल्यहीन एवं ज्यादा समय तक नही टिकने वाले लोग हैं।

दुष्ट लोग ऐसे नहीं होते वे उस भूसी के समान होते हैं, जो पवन से उड़ार्इ जाती है (भजन संहिता 1:4 ULB) पुरवार्इ उसे ऐसा उड़ा ले जाएगी, और वह जाता रहेगा और उसको उसके स्थान से उड़ा ले जाएगी (अय्यूब 27:21 ULB)

उपदेशक का यह वचन है कि सब कुछ व्यर्थ है

ओस की भाप की तरह हवा के झोंके की तरह सब कुछ व्यर्थ! कर्इ सारे सवाल बाकी हैं उस सब परिश्रम से जो मनुष्य सूर्य तले धरती पर करता है, उसको क्या लाभ प्राप्त होता है? (सभोपदेशक 1:2-3 ULB)

अय्यूब 30:15 में, अय्यूब शिकायत करता है कि उसका सम्मान और समृद्धि चली गर्इ है

मुुझमें घबराहट छा गर्इ है और मेरा रर्इसपन (सम्मान) मानो वायु से उड़ाया गया है और मेरा कुशल (समृद्धि) बादल की नार्इ जाता रहा (अय्यूब 30:15 ULB)

मनुष्य के युद्ध को दैवीय मल्लयुद्ध के रूप में दिखाया गया है

जब राष्ट्रों के बीच युद्ध हो रहा था, तो लोगों ने सोचा कि राष्ट्र के देवता आपस में युद्धरत् थे

जब कि मिस्री अपने सब पहिलौठों को मिट्टी दे रहे थे जिन्हें यहोवा ने मारा था; और उसने उनके देवताओं को भी दण्ड दिया था (गिनती 33:4 ULB)

तेरी प्रजा इस्राएल के भी तुल्य कौन है? यह तो पृथ्वी भर में एक ही जाति है जिसे परमेश्वर ने जाकर अपनी निज प्रजा करने को छुड़ाया... और तू अपनी प्रजा के सामने, जिसे तूने मिस्र में से और जाति जाति के लोगों और उनके देवताओं से छूड़ा लिया (2 शमूएल 7:23 ULB)

तब अराम के राजा के कर्मचारियों ने उससे कहा, उन लोगों का देवता पहाड़ी देवता है । इस कारण वे हम पर प्रबल हुए। इसलिये हम उनसे चौरस भूमि पर लड़ें तो निश्चय हम उन पर प्रबल हो जाएंगे (1 राजा 20:23 ULB)

जीवन की कठिनार्इयों को भौतिक सीमाओं के रूप में दिखाया गया है

नीचे के आयत वास्तविक सीमाओं के बारे में नही, परंतु जीवन की कठिनार्इयों अथवा कठिनार्इयों की कमी के बारे में बताते हैं

उसने मेरे चारों ओर बाड़ा बान्धा है कि मैं निकल नहीं सकता उसने मुझे भारी सांकल से जकड़ा है। (विलापगीत 3:7 ULB)

मेरे मार्ग को उसने गढ़े हुए पत्थरों से रोक रखा है, मेरी डगरों को उस ने टेढ़ी कर दिया है (विलापगीत 3:9 ULB)

मेरे लिये माप की डोरी मनभावने स्थान में पड़ी (भजन संहिता 16:5 ULB)

खतरनाक स्थलों को संकरे स्थल के रूप में दिखाया गया है

भजन संहिता 4 में, दाऊद परमेश्वर से छुटकारे की गुहार करता है

हे मेरे धर्ममय परमेश्वर, जब मैं पुकारूं तब तू मुझे उत्तर दे जब मैं सकेती में पड़ा, तब तूने मुझे विस्तार दिया मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले (भजन संहिता 4:1 ULB)

सकेती से भरी हालत को जंगल के रूप में दिखाया गया है

जब अय्यूब उस पर आर्इ परेशानियों के कारण सकेती में था, तो वह इस प्रकार बोला जैसे िकवह किसी जंगल में था। गीदड़ और शुतुर्मुर्ग जंगल में रहने वाले जानवर हैं।

मेरी अन्तड़ियां निरन्तर उबलती रहती हैं और आराम नहीं पातीं; मेरे दुख के दिन आ गए हैं मैं शोक का पहिरावा पहिने हुए मानो बिना सूर्य की गर्मी के काला हो गया हूँ; और सभा में खड़ा होकर सहायता के लिये दोहार्इ देता हूँ मैं गीदड़ों का भार्इ और शुतुर्मुर्ग का संगी हो गया हूँ (अय्यूब 30:27-29 ULB)

कुशलता को शारीरिक शुद्धि एवं दुष्टता को शारीरिक अशुद्धि के रूप में दिखाया गया है

कोढ़ एक रोग है। यदि किसी व्यक्ति में यह होता था, तो उसे अशुद्ध माना जाता था।

और देखो, एक कोढ़ी ने पास आकर उसे प्रणाम किया और कहा; कि हे प्रभु यदि तू चाहे, तो मुझे शुद्ध कर सकता है यीशु ने हाथ बढ़ाकर उसे छूआ, और कहा, ‘‘मैं चाहता हूँ तू शुद्ध हो जा’’ और वह तुरन्त कोढ़ से शुद्ध हो गया। (मत्ती 8:2,3 ULB)

‘‘अशुद्ध आत्मा’’ दुष्टात्मा होती है

जब अशुद्ध आत्मा मनुष्य में से निकल जाती है, तो सूखी जगहों में विश्राम ढूंढ़ती फिरती है, और नही पाती है (मत्ती 12:43 ULB)