अध्याय 5

1 काहाके हर एक महान पुजारू माणहोम देखु लेणेम आवतलो , एने माणहोन कोरीन तिना वातोन विषयमा जो बोगवानोन हाते संबध मेकतलु से , ठहराव जातलु , के भेट एने पापबली यठावतु रोये ! 2 अवी च्या आज्ञानियो , एने भुल , भटकला हाते , नरम से , व्यहार कसतलू इनान कोरीन कि आपु भी निर्बलता देखु पोडलु से ! 3 एने इनान तिनाहा जुवे , कि जेहे माणहे कोरीन , तोहलोस आपने कोरीन पाप बली चढ़ावता रोये 4 ओवी यो आदर का पद कुण भी आपने आप नी लेतलु , जेत्यार तेत्यार के हारुनोन गोत बोगवानोन खेर दोखु ठहरावलो नी जाए ! 5 तेहेज कोरीन मसीही भी महानपुजारू बननेन महिमा आपने आप नी लेदी , पुण तिनाहा चु आपु , तिनाहा च्यु कोयलु ओतु , तु मारू पुरयु से , आज भी तो हो जोलमालु से ! 6 इनीस प्रकार चु दीहरी जागे भी कोयतलु , के तु कोलिकीसिदक रीती पर हमेशान कोरीन पुजारू से ! 7 येशु भी आपनी डोलोमा रोयईन रोहमा मोटा आवान दोखु आयडी एने आवहा वडाईन – वडाईन च्यु तिनहा मोतोमा दोखु वाचाड सकतलु , प्रार्थना एने विनती कोरीन एने भक्तीन कारण दोखु हामवणे आवलो ! 8 एने पुरयु ओईन भी च्यु दुःख उठावीन आज्ञा माणने हिख्यू ! 9 एने सिद्ध, बोणीन , आपना आखा आज्ञा माननेवालो कोरीन सदा कालोन उद्धार कारण ओय गोयलु ! 10 अवी तिनाहा बोगवान की ओर दोखु मेलिकिसीदक रीती पोर महान पुजारान पद जुडयो । 11 इनान विषय मा आमु खुब वात कोयणुसे , जिनाहा समझवणु भी कठीन से , इनान करीन तुमु उंचो हमवणे बाजला से । 12 समय विचार दोखो ते तुमुहु गुरु ओय जाणु जावतलो तेभी यह आवश्यक से कि कुण भी तुमुहु बोगवानोन वचनोन आरदी शिक्षा ओवी हिकाडे , तुमु ते ओहला ओय गोयला से , कि तुमुहु रूटा बदले ओवी लोगन दुध ही जुवे , ! 13 काहाके दुध पीनेवावा होते धार्मिकतान वचन पोहयान नी ओती , काहाके च्यु पुरयु से 14 पुण खाणो हुशारोन कोरीन से , तिंदरी ज्ञानेदिया अध्यास करता – करता भोलो एने बुरो मा भेद करने मा निपुर्ण ओय गोया !