1
जब यीशु जंग को देखा वह पहाड़ पर गया। तब वह बैठ गया। उसके पास में आने की। पास्चाय्राया
2
वह प्राचीन मूर्त खोल को। उन्हें सिखाने लगे।
3
कहने लगे, धन्य है वे जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग। राज्य उन्हीं का है।
4
धन्य है वे जो शोक करते हैं, वे शांति पाएंगे।
5
धन्य है वे जो नम्र हैं वे पृथ्वी के अधिकारी। बनेंगे।
6
धन्य है वे जो धर्म की भूख मेरे प्यासे हैं, क्योंकि वे तृप्त किये जायेंगे।
7
धन्य है वे जो दयालु हैं, क्योंकि वे उन। पर दया की जायेगी।
8
धन्य है वे जिन के मन शुद्ध हैं, क्योंकि। वे परमेश्वर को देखेंगे।
9
धन्य है वे जो मेल कराते हैं, क्योंकि वे। परमेश्वर के पुत्र कहलाये जायेंगे।
10
धन्य है वे जो धर्म के कारण सताए जाते हैं, क्योंकि स्वर्ग के राज्य उन्हीं का है।
13
तुन व्यती की जिम्मा हो, प्रौ निस्कम के स्वाद, सखसा होजाय सी किस-चीज से नमकीन किया जाय। 14 किसे साम के नयी केवल बहार फेंक दिया जाये प्रौ लोग। पैर से इन्दु किया जाये।
14
तुन ससार कलती हो, रुक नगर जो पथाय पउ दे जो दिप नही सकती।
16
15
15
तुम्हारा वती लोगो के सगाते इस तरह से चमकु की लोग तुम्हारे शृफ्ट नाम की इन्दु के तुम्हारे रत्नग पिता की सहीषा करे।
23
इसलिये तुम वेदी पर उपहार लेता है और वहाँ याद आ जाए कि तेरा भाई तुझसे कुछ रखता है,
24
तो अपना उपहार वेदी के पास रख कर पहले जाकर अपने भाई से मेल करले, और फिर आकर अपना उपहार चढ़ा।
25
25 इसलिये मैं तुमसे कहता हूँ कि अपने प्रतिद्वन्द्वी से जब तक तू उसके साथ कचहरी जाने पर है, उसी में छुटकारा पा ले, कहीं ऐसा न हो कि वह तुझे विधि न्यायी के हाथ में सौंपे, और विधि न्यायी तुझे सिपाही के हाथ में सौंपे, और तुझे कैदखाने में डाल दें।
26
मैं तुझसे सच कहता हूँ, कि जब तक तुम पाई पाई नहीं भर देगा, वहाँ से तुम निकल नहीं पायेगा।
27
तुमने सुना होगा कि व्यभिचार ना करना।
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पर तुमसे कहता हूँ, कि जो कोई एक स्त्री पर कुदृष्टि डाले, वह अपने मन में उसके साथ व्यभिचार कर चुका।
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29 इसलिये यदि तेरी दाहिनी आँख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकाल कर फेंक दे, क्योंकि तेरे लिये यही भला है कि तेरे अंगों में से एक नाश हो, और तेरा सारा शरीर नरक में न डाला जाए।उस सिक्के फेंक दूं। यह चिल्ला है। मैं देखूँ कै एक-एक तड़प जाते। पूरे
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तड़प प्रो. नारद में जाये। 30 प्रो. उपाध्याय हेमलता तुम्हें धोखा हुआ है, उसे काट कर फेंक दूं। यह माल ही इफ्रेट को मार इफ्रेट 3 बार नो ली के ऊपर इफ्रेट बरस में जाये।
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में कह दिया। वो जो प्राण पथनी को फोड़ दूं। उसे त्याग
न दूं।
दूत।