अध्याय १

1 १) पौलुस नी गुमथी जो परमेश्वर नो दास अन यीशु मसीह ना प्रेरित स देव ना पसन करेला लोक न बसारवाना करन अन खरा ना ज्ञान बसारवानी करता जो भक्ति म हारो सहमा स ।

2 २) तो कापम जीवन नी आशा प जीनी कसम देव न जा लुयाप बोल तो नहा सनातन से की है ।

3 ३) पन सारो समय प मना पयन ला ईनि गत भासन न पजेती प्रगट किनो जो हामनो सारा करनारो देव नी आज्ञा थी हामला सोप वाम पना । 4 ४) तीतुस नी नाम थी जो विश्वास नी तिनी हारी ना पियार थी मना सारा पोरया स ,देव आबा अन हामनो सारा करनारो मसीह यीशु नी गुमथि मला अनुग्रह अन शांति होय आश ।

5 ५) मय ईनि करता तुला क्रेते म छोडी थनोलो त तु रयली गोटला सुधार अन मनी आज्ञा नी अनुसार नगर नगर जुन ला नियुक्त कर। 6 ६) जो गलती नहा करता अन डाक ज जायको नो माटी जिसन पोरय विश्वासी होय अन जिन प लुयापन अन निर्कुषता नो दोषी नाहा ।

7 ७) किसाका अध्यक्ष ला देव ना भण्डारो होवाना कारण गलती नहा करनारो जोय नहा हढी ,नहा लुशा करनारो ,नहा दारु पीनारो नहा लडाय झगडो करनारो ,अन नहा खराब कमाई ना लोभी । 8 ८) पन पहुनाई करनारो सारा ला जान नारा संपमी न्याय वित्र पोक्को अन जितेद्रींय हो ।

9 ९) अन विश्वास सारा वचन प जो धमोपदेश नी गत स एक ज जाग रवा का खरा गज्ञान थ उपदेश दि सकी अन विरोद करनार ना मुय बन्द करी सकी । 10 १०) किसाका वदार अनुशासन हीन लोक निरंकुश बकवास करनार अन विश्वास तोडी देनार स विशेष करके खतनावाला मे से ।

11 ११) इनका मुय बन्द करु जोय प लोक नीच कमाई नी करता अनुचित गोट खिखविन घर ना घर बिगाडी दे देय स। 12 १२) तिला मथि एक जन नो जो तिला का भविष्यदृक्ता है आक नोला स कृती लोक कायम लुयाप खराब पशु अन आपसायला पेट होय स ।

13 १३) ई षाषी खरा आस इनिकता तिला कडाई से चेतावनी दिही करा का तो विश्वास म पक्का होय जाडय । 14 १४) यहुदियों ना कथा कहानीया अन ता मनय नी आताओ प मन नहा लगाव स जो खराथी भटकी जाय स । 15 १५) पोक्क लोक नी करता बटी वस्तु पोक्की स ,पन अ पोक्क अन बिन विश्वास नी करता कायनो सु पोक्का नहा परंतु तिन दिमाग अन विवेक बेनी अ पोक्क स।

16 १६) ते आफत का हामु देव ला वयकुत पन तिसना काम थी तिला काय नहा अप नावत आस किसाका तो घुसा वायो अन गोटो मान नारा आस अन कोला सारा काम ना सारा नहा ।