अध्याय २

1 १) पन तु ईसी जी गोट आका कर जो खरा सिद्धांत नि योग्य स ।

2 २) अथवा डपरा मनुष सचेत अन खराब अन संयमी होय अन तिना विश्वास अन प्रेम अन धीर खरा होय । 3 ३) इनी गत डपरो बाई ना चाल चलन भक्ति मुक्त लोक नी गत हाय ते दोष लगाटनारो अन दारु पिनारो नहा पन सारी गोट सिखाडनारो होय ।

4 ४) तिनाम तो जीवान बायो ला चेतावनी देतो रही का आपना माटी ला अन पोरे स प मया राखा ।

5 ५) अन संयमी पति वृता घर ला काम काज करनाली सारी अन जिनो तिनो माटी नी अधीन रहनारो होय तिनाम देव ना वचन नी निन्दा नहा होय जोय । 6 ६) ईनी गत जीवान मंच ला भी समझाया कराका सयंमी होय ।

7 ७) बती गोट म मनो मनी गोत्र ला सारा कामला नमुना बना ,तुना उपदेश म सकाई गम्भीरता ।

8 ८) अन ईस खरा मानु जोई का तिला कोय खराब नहा आकी सक जिनाति विरोध करनार हमु प काय दोष लगाड नाका अपसर नहा पोईन लज्जित होय । 9 ९) चेला ला समझ का जिनो जिनो माटी ला हारी खर अन बडी बडी गोट म तिला प्रसन्न थवा अन उलडीन जवाब नहा दे ।

10 १०) चोरी अन चालाकी नहा करा ,पन बडी गत थी पुरो विश्वासी लिगी का ते बड बाड म हामन उद्धारकर्ता देव मा उपदेश का शोबा वदाडो दे । 11 ११) किसाका देव ला हमनी हारीनो देखाना स जे बट मंच म उद्धार लेनार म सक्षम हो ।

12 १२) अन हामु हानी चिंताम आस हामु आराधना न अन दुनिया दारी नी मन बदलीन ई युगम सोताला सारा कामथी भक्ति जीवन वा जीवाना ।

13 १३) अन तिला घनी आशा मंझे हाय महान परमेश्वर नी अन उधार करता यीशु मशीनो महीमा देखवानी करता वाड हेरु । 14 १४) जीला हामनी करता सोताला हामला दि देनो हामला बडी गुमथी खराब काम करवाला सोड अन सुध कर अन सोतानो करता एक ईसणो जाति बनाणीले अन सार सार काम स्वर्ग म होय । 15 १५) बडो अधीकार नी हारी ईगोट आकनो अन समझा अन सीखत रवा कोय बीतुला रीकामो नहा समझ ।