अध्याय ६

1 १) तहा हामु काय आकुत का आपु पाप करत ज रउत का आशीर्वाद भुकतो होई ।

3 २) कवज नाहा आपु जव पापनी करता मरी गय ताहा फिरी आगय किसकाय जीवन बित उत ।

2 ३) किसा तुमु नाहा जानंत का आपु बट जतल भी मसीह यीशु नी बपतिस्मा लेनत तीनी मृत्यु नो बतीस्मा लेन स । 4 ४) ईनिज करता ताहा मृत्यु नी बपतिस्मा लेवाथी मसीह आबा नी महिमा नी वजय थी मरेलसमती जीवाडेला स तिसज आपु भी नवो जीवन चाल चालुत ।

5 ५) किसा का जर आपु भी तीनी मृत्यु नी समान ता म तीनी हारी जोडाय गय स त नकी तीला जीवी उठवावी समानताम जोडाय जावा । 6 ६) अन आपला मालुम स का आपनो जुन मन्स तव तीनी हारी क्रुस प चडाववाम यनला तीसज पाप नी शरीर नो नाश होय जाय अन आपु आग्य पाप नी हालत म नाहा खुत ।

7 ७) किसाका जे मरी गय ते पाप थी छुडी गय स । 8 ८) ईनिज करता आपु मसीह नी हारी मरी गय त तरु भी आपनो विश्वास यो सका तीनी हारी जीवण थी ।

9 ९) किसाका आपला मालुम सई का मसीह मरेल मथी जीवतो उठनो अन फिरी कवज नहा मराव मृत्यु तीप प्रभुता नाहा करती । 10 १०) तीनाम जर तो मरी गया ता पापनी करता यकज दाव मरी गया ता पन जे जीवत स ते देव नी करता जीवित स ता ।

11 ११) ईसज तुमु भी सौताला पाप नी करता मारा अन परमेश्वर नी करता मसीह यीशु म जीवत समज । 12 १२) ईनिज करता पाप तुमनी नाश करना रो शरीर म राज ना नाहा कर का तुमु तीनी लालुस म नाहा रसा।

13 १३) अन आपना अगो सला अधर्म नी इथीयार होवानी करता पापला सौपा पन सोताला मरेलसम थी जीवी उठेलो समजीन परमेश्वर सौपा अन सोतान अंगों सला धार्मिकता ला इथीयार थवाला परमेश्वर ला सौपा।

14 १४) तव तुमु सप पापनी गलती नाहा होवाव किसाका तुमु व्यवस्था नी विरोध म नहा पन अनुग्रह नी विरोध म नहा । 15 १५) त काय होना किसा आपु ईनि करता पाप करुत का आपु व्यवस्था मी विरोध म नहा पन अनुग्रह नी विरोध म स कवज नहा।

16 १६) किसा तुमु नहा जानत का जीनी आज्ञा मानवाला तुमु सौताला वस्स नी गत सौपी देयत तीनोज दास रइता नंत पापनी जीनी अन्त मृत्यु स तन आज्ञा मानीन जिनो अंत धार्मिकता स । 17 १७) पन परमेश्वर ला धन्यवाद सका तुमु जो पाप न दास आतला आमि मंन थरी तो उपदेशला माननार रोय गय जिनी सोच म डाकी देवाम गयल ।

18 १८) अन पाप थी छोडावी न धार्मिकता नो दास होय गय। 19 १९) म तुमनी शरीरनी दुर्बलता नी वजय थी मन्स सला रीती प आकुत स जीस तुन अगो सला अशुद्धता अन कुकर्म नी वास बनवी न सोप नो तीसज आलि तुन अंगो सला पवित्रता नी करता धार्मिकता नो दास बनवी न सौपी दे ।

20 २०) जव तुमु पाप न वास आतल तव धार्मिकता नी गुम थी सुड आतल ।

21 २१) त जी गोटसम आमी तुमु लज्जित होत स त तीना थी तुमु तो समय म काय कोलबेट स किसाका तीसनी अन्त त मृत्यु स । 22 २२) पन आमि पाप थी स्वतंत्र होयन अन परमेश्वर नो दास बनीन तुमला फय मियनो जिनाथी पवित्रता बेटी जाय स अन तीसनो अन्त अनन्त जीवन स।

23 २३) किसाका पापनी मजूरी मरण स पन परमेश्वर नो वरदान हामनो प्रभु मशीह यीशु म (अनन्त) कायम नो जीवन स