2 २) अन हामु वयकुत स का ईसक ईसक काम करनार सप परमेश्वर नी गुमरी खरी सजा आज्ञा होय स। 3 ३) अन ए वेकित जरतु ईसल ईसल काम करनार सप गलती कालस अन सोताज तेज काम करस कायतु समज तु का परमेश्वर नी सजा नी आज्ञा थी बची जास ?
4 ४) काय तु तिना भलाई ; अन सईनशक्ती अन धीरज रुपी धन ला खर वयक स अन काय ईसनाहा समजतो का परमेश्वर नी भलाई तुला मन फिरावाना सिकालस । 5 ५) पन सोतानी मनमानी अन सडकीला मनि नी मायक तिसनो गुशो ना दिन कर्ता तिनाम परमेश्वर नो खरो न्याय देखाली सोतानी करता गुशो कमावी रईनो स।
6 ६) तो दरेक ला तिसला कामनी मायक बदली देही ।( भजन ६२:१२, नीती २४:१२)
7 ७) जे सारा काम म रहीन महिमा अन आदर अन अमर होवानी कोसीस कर स तिला तो कायम नो जीवन दान देही । 8 ८) पन जे स्वार्थी स अन खराला नाहा मान्त ,पेन बिसरी धर्म ला मानत स तिसत गुशो अन पदरी पली ।
9 ९) अन नजर लागी जाही अन मुसीबत दरेक वेक्ती नो जीव प जो गलत कर आस यहीज पथलत यहुदी प फिरी युनानी प । 10 १०) पन मान पन अन सारा दरेक जनाला मिई जो सारा कर आस पचल यहुदी ला फिरी युनानी ला ।
11 ११) किसाका परमेश्वर कोनीज गुम नाहा वयतो ।( व्य. १०:१७,२ इतिहास १९:७)
12 १२) ईनी करता का जे बिगर यव्स्था लियन पाप करन ते फिगर व्यवस्था नज भरी भी जाही अन जीला यवस्था मीई नी स ते पाप करी तीसनी सजा यवस्था ला मायक होई । 13 १३) किसका परमेश्वर नी ई यवस्था ला वननार धर्मी नाहा पन यवस्था प चालनार धर्मी खर शाबीत होईत ।
14 १४) फिरी जव बिशीर जातिसन लोग तिसनी जाग यवस्था नाहा मिई स्वभाव थीज यवस्था नी गोठयो प चालत सत यवस्था तिसनी जाग नाहा कान होय तरुभी सोतानी कर्ता तिज यवस्था आस । 15 १५) ते यवस्था नी गोठयो आपनी आपनी रुदय म लिखीला देखालत स अन तिसना विवेक भी गवाई देयत आस अन तीसनी टेंशन बिसरसप गलती लगालत का फिरी तिनी गलती नाहा मिई ईस शाबीत कर ।
16 १६) जी दिन परमेश्वर मन्यो सार्यो गोठयो नी मायक ईशु देव नी मदत थी लोको सनी गप्त गोठयो सनो न्याय करी । 17 १७) पन तु सोताना यहुदी आक्तो हुई यवस्था प भर्शो थवतो हुई परमेश्वर नी बाराम घमण्ड करतो हुई ।
18 १८) अन तीनी मजी जान अन यवस्था नि शिक्षा लियन सार्यो सार्यो गोठयो ला खरज वयक स।
19 १९) जव तु सोतव भर्शो थवतो हुई त मय आंधीया सनो रकवायो ,अन आंधाराम पलील सनी उजाया स ।
20 २०) अन बांगसला सिखाल नारो अन न्याय पोरेश ना शिकस अन खरो ज्ञान नो नमुनो ता यवस्था म स मला मिई नो । 21 २१) तु काय जर बिसरसला सिखाल स सोताला नाहा शिखालाव तु काय चोरी नाहा करवा ईस सिखाल स तुज चोरी कर स ।( मती २३:३)
22 २२) तुज आकस व्यभिचार नाहा करवा तुज जर व्यभिचार कर स ? तु जर मुर्ती सप गर्व कर स खुदज त मंदिर सला लुढ स । 23 २३) तु जर यवस्था नी बाराम घमण्ड कर स का पन यवस्था ला नाहा मानिन परमेश्वर ला नकार कर स ?
24 २४) किसा का तुनि वजय री बिसरी समाज म परमेश्वर ना नाव खराब होय रहीना स जी लिखिला भी स ।( यशायाह ५२:५, यहेजकेल ३६:२०) 25 २५) जर तु यवस्था ला नाहा मानतो त तुना खतना बिगर खतना नी हालत म रयतो ( यिर्म.४:४)
26 २६) जर ता खतनारहित मनुष यवस्था नी रीत ला मानी लेतो त तिनी बिगर खतना नी हालत खतना नी मायक ना गनाती ।
27 २७) अन जर मनुष डील नी गत बिगर खतना नो रहनो त पन तो यवस्थाला पुरा करी त काय तुला काय तुला जी शिख भेटवानी अन खतना करी जाय न भी यवस्था ला नाहा मानवाना करता पापी नाहा होवाव तो ? 28 २८) किसा का तो यहुदी नाहा जो बीईर थीज यहुदी देखाय ,अन नाहा तो खतना स देखायत स पन डिलम स ।
29 २९) पन यहुदी तोज स जो आंतरिक स अन खतना ताज स जा उदय नो अन आत्मा म स ईस नाहा का लिखीला ईसज का खुशी लोकोसीन गुमरी नाहा पन परमेश्वर नी गुमरी होय स ।( फिली. ३:३)