अध्याय ३

1 १) य वगर बुद्धिन गलातियो कीय तुमला मोई लेना तु मनी होया समुर यीशु मसीह ला क्रुस य देखाडन आस ।

2 २) मला तुमंयरी यंत्लाज जानन वाना आसका तुमु आत्माला व्यवस्था ना काम यी का विश्वास नी समाचार थी बेटनी ।( गला ३:५, प्रेरितों १५:८-१०)

3 ३) किसा तुमु ईसड वगर बुध्दिन संत का आत्मा नी रीति प सुरुवात करत मामी शरीर नी रीति प अन्त करसा । 4 ४) किसा तुमु यतला दुःख यरुज उकलन पण कदाक यरु नहा मीय ।

5 ५) ईनि करता जो तुम म आत्मा दान कर अंन तुम सामर्थ्य नी काम करतो का व्यवस्था ना काम थी का विश्वास नो समाचार थी ईस कर आस । 6 ६) अब्राहम त देव प विश्वास करजो अंन ईतीनी करता धार्मिकता मनाय गई ।( उत्पत्ति १५:६)

7 ७) ईजानी लेवा जे विश्वास करनार स तेज अब्राहम न पर्य सत ।

8 ८) अंन पवित्र शास्त्र म पयलज ई जानीन का देव विसर जातियों सला विश्वास थी ।( उत्पत्ति १२:३,१८:१८) धर्मी ढर इखी पयल थीज अब्राहम ला यी समाचार थनो का तुमु आमी जाति आशीर्वाद बेडी ।

9 ९) ते विश्वास करनार सत ते विश्वासी अब्राहम नी हारी आशीर्वाद बेड स । 10 १०) अंन जतल लोक व्यवस्था ना कामय भरुसो राखत ते बंड श्राप न अधिकारी संत किसाका लिखे लासह जे कोई व्यवस्था नी चापडी म लीखेलो बडी गोट सम स्थिर नहा रती ते श्रापित आसत ।

11 ११) पण ई गोट आस ज का व्यवस्था नी कारण देव नी जाग कोयज नहा धर्मी ठहरतो किसा का धर्मी जन विश्वास थी जीवत रहित ।

12 १२) पण व्यवस्था ना विश्वास थी कायज ना रिस्तो नहा पण ते तीसला मानी ते तीसनी कारण जीवत रहित ।( लेव्य १८:५) 13 १३) मसीह जो आपनी करता श्रापित बनो आयला किम्त लीन व्यवस्था नो श्राप थी बचाड नी किसाका लिखेलास जे कोई किनारा प लटकाय जात ते श्रापित स ।( व्यवस्था २१:२३)

14 १४) ई इनी करता होना का अब्राहम नी आशीष मसीह यीशु म वगर जातियों सनी जाग पौचनो अंन आपु विश्वास नी कारण ती आत्मा ला पाउत जीनी संयत होनी । 15 १५) ये भावस होन मय मनुष्य नी रीति प आकु का मनुष्य नी सौभाव पैकी होय जाय त नहा टाकतो अंन नहा वाटतो ।

16 १६) नफरत प्रतिज्ञा अब्राहम ला अंन तीना पैरे सला देयला आस ती ईना आकतो पैरिस ला जिस कई कनी बाराम आकन पण जिसका यक नी बाराम का तुनी पैय अंन तो मसीह आस 17 १७) पण मय ई आकुका जो पोचो देव पयली यी पकरी आतली तीला व्यवस्था चार सो तीस वरीस नी बादम ययन नहा यकी सकतो का प्रतिज्ञा यरुज ठहयरी ।( निर्ग १२:४)

18 १८) किसाका ई व्यवस्था ती मीयेली स फिरी प्रतिज्ञा थी नहा पण देव अब्राहम ला प्रतिज्ञा नी कारण दी देनो स । 19 १९) तव किरी व्यवस्था काय रनो तात गुनावी नी बादम देव मयनी काती पैये यवानी सुधी रही जीला प्रतिज्ञा देवाम यनली अंन व्यवस्था नी स्वर्ग दुत नी वजय ती थक वचम नो जागी नी हाय ढरवी गयो ।

20 २०) वचम नी जागी यक नहा होतो पण देव यकज रही । 21 २१) ती काय व्यवस्था देवनी प्रतिज्ञा नी विरोध म त नहा ईसत नहाज किसाका जर ईसडी व्यवस्था देव म यतीत जी जीवन दी सकत खरज धार्मिकता व्यवस्था ती होती ।

22 २२) पण पवित्र शास्त्र बटसला पाय नी खीलाय यीशु मसीह प विश्वास करवानो स विश्वास करनार सनी करता पुरी होय जाई । 23 २३) पण विश्वास नी यवानी पयल व्यवस्था नी अधीनताम आयु कोडयल आतल अंन ती विश्वास यवानी सुधी जी प्रगट होवानी आतली आयु तीनी बन्धन म रन ।

24 २४) ईनि करता व्यवस्था मसीह सुधी पोचारवाला आयु शिक्षक होन का आयु विश्वास थी धर्मी ठयरुत ।

25 २५) पण जव विश्वास म यय गयो त आयु आमि शिक्षक शनी विरोध म नहा रवा ।

26 २६) किसाका तुमु बट ते विश्वास करनार सनी दजयती जा मसीह यीशु प सं देव नी पर्य सत । 27 २७) अंन तुमु स मती जतल मसीह म बपतिस्मा लेन स ते बट मसीह ला पावि लेन सं ।

28 २८) आमी ना कोय यहुदी रना अंन नहा युनानी नहा कोय दास न स्वतंत्र न कोय मनुष्य ना बाई किसाका तुमु बट मसीह यीशु म यक संत ।

29 २९) अंन जर तुमु मसीह मन सत त अब्राहम नी पोथी अंन प्रतिज्ञा नी अनुसार वारिस भी आसत ।