अध्याय - ४

1 १) इनिकशाला जवं का मसिह न. शरीर म होईन दु:ख लेनो त तुमुबी तो मनसा ला हथियार नी गत धारण करा, किसाका जो शरीर म दु:ख उठाव, तो पाप थी छुटी गया.

2 २) तिनाम भविष्यम आपनो शेष शारीरिक जीवन मंय नी अभिलाषा ओना गत नह पण परमेश्वर नी इच्छा नी गत व्यतीत करा. 3 ३) किसाका बिसरी जाती नी गत काम करन, अनं लुचाय नी खराब अभिलाषाओ मतवालापण लीलाक्रिडा पिनारो, चडंलो मुर्ती पुजा म जहा सुधी हामु पयल थी समय गमाइन ताज पाक्कास होना!

4 ४) ईनाथी ते चकीत करताय संका तुभी भारी लुचापम तिनो हाथ नहा हातनलो अनं ईनीकरता ते खरा- खोटा आकत सं!

5 ५) पण ते तिसला जो जीवत अनं मरेलसनो न्याय करवाला तयार सं लंखी दिही! (२ तीमु. ४:१)

6 ६) किसाक बी मरेलस लाबी सारो समाचार ईनिकरता वनाळनस का शरिरम त मंय नी गत तीसनो न्याय होनो पण आत्मा मते परमेश्वर नी गत जिवत रहो, 7 ७) बंट्टिस गोठना शेवट लगेज होई, ईनीकरता संयमी होईन प्रार्थना नी करता सावधान रवा, ( याकु. ५:८ /इफि.६:१८)

8 ८) बडम सीदो गोट ईस का यक बिसरा थी पक्का प्रेम थवा, किसाका प्रेम वदार पापो ला ढांकी दिईस! (निती.१०:१३)

9 ९) नहा कुडकुडाए यक बिसर ला अतिथी सत्कार करा! 10 १०) तिला जो वरदान मियनोस, तो तिला परमेश्वर नो नाना प्रकार नी गत सार भण्डारियों नी गत यक बिसरनी सेवा म लगाडवा!

11 ११) नहात कोई बोल त ईसका आ माना परमेश्वरा ना वचन सं नहाता कोई इसं सेवा करा तो तिला शक्ती थी करा जो परमेश्वर देय सं जिला बडी गोटम यीशु मसिहनो गुमति परमेश्वरनी महिमा देखाय सं, महिमा अन स्वशक्ती युगानुयुग तिनी होय आमीन! 12 १२) हे दोस्त दु:ख रुपी आग तुमपं परकवानो करता तुमंय बडति ईनाती समजीन चकित नहा करसा कोयबी नवी गोट तुमंप बिती जाई.

13 १३) पण जिस- जिस मसिहनो दु:ख म बागीदारी होय दुशी मनावा जिनाती तिनी महिमा देखायस येईमती तुमु खुशी अन मगन होवा.

14 १४) फिरी ते मसिहनो नावनी करता तुमनी निंदा करी, तो दन्य सं किसाका महिमा नो आत्मा जो परमेश्वरनो आत्मा आय तुमप सावली करी. 15 १५) तुमु कोई बी व्यक्ती मारनारो का चोरी करनारो का गलत काम करनारो बीसरनी काम ताकनारो कारण ति दु:ख नहा मिय.

16 १६) पण ते मसिह होवानो कारण ती दु:ख मह तो तिला सरमन हार होव पण ई गोटनी करता परमेश्वरनी महिमा होय. 17 १७ ) किसाका तो टाईम यय गयो परमेश्वरना लोकला न्याय करी अजव न्याय नी सुरुवात हामनाथी होई तिसना काय आकरि उई जो परमेश्वरनो सुसमाचार ला नहा मानत.

18 १८) अन, दरमी व्यक्ती ततकालिक उधा्र मिई त बक्तीयीन अनं पापीनो काय ठिकानो।

19 १९) ईनिकरता जो परमेश्वरनी ईच्छा नी अनुसार दु:ख उकलत ते बलाई करत तिनो- तिनो जीवन विश्वास योग्य सरजन हारनी हाथम सोपी देय।