Matthew 5

Matthew 5:3

Q? दिल के हलीम लोग मुबारक क्यों हैं?

  1. दिल के हलीम लोग मुबारक हैं क्यूँकि आसमान की बादशाही उन्हीं की है .

Matthew 5:4

Q? ग़म करने वाले क्यों मुबारक हैं?

  1. ग़म करने वाले मुबारक हैं क्यूँकि वह तसल्ली पाएंगे .

Matthew 5:5

Q? हलीम लोग मुबारक क्यों हैं?

  1. हलीम लोग मुबारक हैं क्यूँकि वह ज़मीन के वारिस होंगे .

Matthew 5:6

Q? रास्तबाज़ी के भूखे और प्यासे क्यों मुबारक हैं?

  1. रास्तबाज़ी के भूखे और प्यासे मुबारक हैं क्यूँकि वह सेर किए जाएंगे .

Matthew 5:11

Q? ‘ईसा की वजह से बे’इज़्ज़त होने वाले और सताए जाने वाले क्यों मुबारक हैं?

  1. ‘ईसा की वजह से जिनकी बे’इज़्ज़ती की जाए और उन्हें सताया जाए वह मुबारक हैं क्यूँकि उनके लिए जन्नत में बड़ा फल है।

Matthew 5:12

Q? ‘ईसा की वजह से बे’इज़्ज़त होने वाले और सताए जाने वाले क्यों मुबारक हैं?

  1. ‘ईसा की वजह से जिनकी बे’इज़्ज़ती की जाए और उन्हें सताया जाए वह मुबारक हैं क्यूँकि उनके लिए जन्नत में बड़ा फल है।

Matthew 5:15

Q? ईमानदार लोगों के सामने अपनी रोशनी कैसे चमकाएंगे?

  1. ईमानदार नेक कामों के ज़रिए' लोगों के सामने अपनी रौशनी चमकाएं .

Matthew 5:16

Q? ईमानदार लोगों के सामने अपनी रोशनी कैसे चमकाएंगे?

  1. ईमानदार नेक कामों के ज़रिए' लोगों के सामने अपनी रौशनी चमकाएं .

Matthew 5:17

Q? ‘ईसा पुराने ‘अहद नामा की शरी’अत और नबियों के साथ क्या करने आया था?

  1. ‘ईसा पुराने ‘अहद नामा की शरी’अत और नबियों की किताबों को पूरा करने आया था .

Matthew 5:19

Q? आसमान की बादशाही में बड़ा कौन कहलाएगा?

  1. जो ख़ुदा के हुक्मों का पालन करेगा और उन्हें लोगों को सिखाएगा वह आसमान की बादशाही में बड़ा कहलाएगा। .

Matthew 5:21

Q? ‘ईसा ने ता’लीम दी कि ख़ूनी ही नहीं ख़ुदा की सज़ा के हक़दार और कौन होंगे?

  1. ‘ईसा की ता’लीम थी कि ख़ूनी ही नहीं, अपने भाई पर ग़ुस्सा करने वाले भी सज़ा पाने के लायक़ हैं .

Matthew 5:22

Q? ‘ईसा ने ता’लीम दी कि ख़ूनी ही नहीं ख़ुदा की सज़ा के हक़दार और कौन होंगे?

  1. ‘ईसा की ता’लीम थी कि ख़ूनी ही नहीं, अपने भाई पर ग़ुस्सा करने वाले भी सज़ा पाने के लायक़ हैं .

Matthew 5:23

Q? अगर हमारे भाई के ख़्याल में हमारे ख़िलाफ़ कुछ है तो ‘ईसा की ता’लीम के मुताबिक़ क्या करना चाहिए?

  1. ‘ईसा ने सिखाया कि अगर हमारे भाई के ख़्याल में हमारे ख़िलाफ़ कुछ है तो हमें उससे मेल मिलाप करना है .

Matthew 5:24

Q? अगर हमारे भाई के ख़्याल में हमारे ख़िलाफ़ कुछ है तो ‘ईसा की ता’लीम के मुताबिक़ क्या करना चाहिए?

  1. ‘ईसा ने सिखाया कि अगर हमारे भाई के ख़्याल में हमारे ख़िलाफ़ कुछ है तो हमें उससे मेल मिलाप करना है .

Matthew 5:25

Q? ‘ईसा ने क्या सिखाया कि हम ‘अदालत में जाने से पलहे करें?

  1. ‘ईसा ने सिखाया कि हमें ‘अदालत में जाने से पहले ही अपने मुद्द'ई से समझौता कर लेना चाहिए .

Matthew 5:27

Q? ‘ईसा ने सिखाया कि ज़िनाकार तो गलत है ही अगर्चे और क्या है जो ग़लत है?

  1. ‘ईसा ने सिखाया कि ज़िनाकार ही ग़लत नहीं ‘औरत की ख़्वाहिश करना भी ग़लत है .

Matthew 5:28

Q? ‘ईसा ने सिखाया कि ज़िनाकार तो गलत है ही अगर्चे और क्या है जो ग़लत है?

  1. ‘ईसा ने सिखाया कि ज़िनाकार ही ग़लत नहीं ‘औरत की ख़्वाहिश करना भी ग़लत है .

Matthew 5:29

Q? ‘ईसा की ता’लीम के मुताबिक़ हमें गुनाह के हर एक वजह के साथ क्या करना है?

  1. ‘ईसा ने सिखाया कि हमें उस हर एक बात से नजात पाना है जो हमसे गुनाह करवाती है .

Matthew 5:30

Q? ‘ईसा की ता’लीम के मुताबिक़ हमें गुनाह के हर एक वजह के साथ क्या करना है?

  1. ‘ईसा ने सिखाया कि हमें उस हर एक बात से नजात पाना है जो हमसे गुनाह करवाती है .

Matthew 5:32

Q? ‘ईसा ने तलाक़ की इजाज़त क्यों दी थी?

  1. ‘ईसा ने हरामकारी की वजह से तलाक़ को क़ुबूल किया था .

Q? अगर शौहर अपनी बीवी को ग़लत तलाक़ दे तो वह उसे क्या बनने पर मजबूर करता है?

  1. अगर कोई शौहर अपनी बीवी को ग़लत तलाक़ दे और वह बीवी दूसरी शादी कर लें तो वह उससे ज़िना करवाता है .

Matthew 5:33

Q? आसमान, ज़मीन, यरूशलीम या अपने सिर की क़सम खाने की सोच हमें ‘ईसा की ता’लीम के मुताबिक़ क्या करना चाहिए?

  1. ‘ईसा का कहना था कभी किसी भी बात की क़सम नहीं खाना चाहिए बल्कि हमारी बात "हाँ" की "हाँ" और "नहीं" की "नहीं" हो। .

Matthew 5:37

Q? आसमान, ज़मीन, यरूशलीम या अपने सिर की क़सम खाने की सोच हमें ‘ईसा की ता’लीम के मुताबिक़ क्या करना चाहिए?

  1. ‘ईसा का कहना था कभी किसी भी बात की क़सम नहीं खाना चाहिए बल्कि हमारी बात "हाँ" की "हाँ" और "नहीं" की "नहीं" हो। .

Matthew 5:38

Q? ‘ईसा की ता’लीम के मुताबिक़ हमें बुरा करने वाले के साथ कैसा सुलूक करना चाहिए?

  1. ‘ईसा ने सिखाया कि हमें बुरे का सामना नहीं करना चाहिए .

Matthew 5:39

Q? ‘ईसा की ता’लीम के मुताबिक़ हमें बुरा करने वाले के साथ कैसा सुलूक करना चाहिए?

  1. ‘ईसा ने सिखाया कि हमें बुरे का सामना नहीं करना चाहिए .

Matthew 5:43

Q? ‘ईसा की ता’लीम के मुताबिक़ हमें अपने दुश्मनों और सताने वालों के साथ क्या करना चाहिए?

  1. ‘ईसा ने सिखाया कि हमें अपने दुश्मनों से मुहब्बत करना है और अपने सताने वालों के लिए दु’आ करना है .

Matthew 5:44

Q? ‘ईसा की ता’लीम के मुताबिक़ हमें अपने दुश्मनों और सताने वालों के साथ क्या करना चाहिए?

  1. ‘ईसा ने सिखाया कि हमें अपने दुश्मनों से मुहब्बत करना है और अपने सताने वालों के लिए दु’आ करना है .

Matthew 5:46

Q? ‘ईसा ने क्यों कहा कि हमें अपने मुहब्बत करने वालों से ही नहीं अपने दुश्मनों से भी मुहब्बत करना है?

  1. ‘ईसा ने कहा कि अगर हम अपने मुहब्बत करने वालों से ही मुहब्बत रखें तो हमें अज्र नहीं मिलेगा क्यूँकि हम वही करते हैं जो ग़ैर क़ौमें करती हैं .

Matthew 5:47

Q? ‘ईसा ने क्यों कहा कि हमें अपने मुहब्बत करने वालों से ही नहीं अपने दुश्मनों से भी मुहब्बत करना है?

  1. ‘ईसा ने कहा कि अगर हम अपने मुहब्बत करने वालों से ही मुहब्बत रखें तो हमें अज्र नहीं मिलेगा क्यूँकि हम वही करते हैं जो ग़ैर क़ौमें करती हैं .