यूसुफ ने इस्राएल के शव में सुगंधित द्रव्य मरवाये।
यूसुफ ने इस्राएल के शव में सुगंधित द्रव्य मरवाये।
यूसुफ ने फिरौन से निवेदन किया कि पिता के दफन हेतु उसे कनान जाने की अनुमति दी जाये क्योंकि उसके पिता ने उसे शपथ खिलाई थी।
यूसुफ ने फिरौन से निवेदन किया कि पिता के दफन हेतु उसे कनान जाने की अनुमति दी जाये क्योंकि उसके पिता ने उसे शपथ खिलाई थी।
यूसुफ ने फिरौन से निवेदन किया कि पिता के दफन हेतु उसे कनान जाने की अनुमति दी जाये क्योंकि उसके पिता ने उसे शपथ खिलाई थी।
फिरौन के सब अधिकारी, उसके भवन के पुरनिये, मिस्र देश के सब पुरनिये, यूसुफ के घर के सब लोग, यूसुफ के भाई, उसके पिता का परिवार तथा रथ और सवार सब गये थे।
फिरौन के सब अधिकारी, उसके भवन के पुरनिये, मिस्र देश के सब पुरनिये, यूसुफ के घर के सब लोग, यूसुफ के भाई, उसके पिता का परिवार तथा रथ और सवार सब गये थे।
फिरौन के सब अधिकारी, उसके भवन के पुरनिये, मिस्र देश के सब पुरनिये, यूसुफ के घर के सब लोग, यूसुफ के भाई, उसके पिता का परिवार तथा रथ और सवार सब गये थे।
कनानियों ने कहा कि वह मिस्रियों का कोई भारी विलाप था।
यूसुफ और उसके भाई मिस्र लौट आये।
उन्हें चिन्ता हो गई कि अब यूसुफ उसके साथ की गई का बदला उनसे लेगा।
यूसुफ के भाइयों ने उसके साथ किये गये संपूर्ण अनाचार की क्षमा मांगी।
यूसुफ के भाइयों ने उसके पास आकर गिर पड़े।
यूसुफ ने कहा कि परमेश्वर ने अनेकों के जीवन की भलाई उत्पन्न की है।
यूसुफ एक सौ दस वर्ष जीवित रहा।
यूसुफ ने कहा कि वह मरने वाला है।
यूसुफ ने कहा कि परमेश्वर उन लोगों के पास आयेगा और उन्हें अब्राहम, इसहाक और याकूब से की गई प्रतिज्ञा के देश में ले जायेगा।
यूसुफ ने उनसे प्रतिज्ञा करवाई कि वे यूसुफ की अस्थियों को अपने साथ ले जायेंगे जब वे मिस्र से पलायन करेंगे।
यूसुफ की देह में सुगंधित द्रव्य भर कर मिस्र ही में कफन में रख दिया गया।