यूसुफ को सन्देश मिला कि उसका पिता अस्वस्थ है, अत: वह अपने पुत्रों को लेकर उसके पास गया।
याकूब ने स्मरण किया कि परमेश्वर ने उसे फूलने फलने और बुद्धिमान होने की और जातियों की मण्डली होने की तथा उसके वंशजों को सदा के लिए कमान देने की प्रतिज्ञा की है।
याकूब ने कहा कि वह यूसुफ के दोनों पुत्रों को अपनी ही सन्तान मानता है।
याकूब ने कहा कि वह यूसुफ के दोनों पुत्रों को अपनी ही सन्तान मानता है।
इस्राएल यूसुफ के दोनों पुत्रों को पहचान नहीं पाया था क्योंकि आयु के कारण उसकी दोनों आंखें देखने में असक्षम थीं।
इस्राएल यूसुफ के दोनों पुत्रों को पहचान नहीं पाया था क्योंकि आयु के कारण उसकी दोनों आंखें देखने में असक्षम थीं।
इस्राएल यूसुफ के दोनों पुत्रों को पहचान नहीं पाया था क्योंकि आयु के कारण उसकी दोनों आंखें देखने में असक्षम थीं।
मनश्शे यूसुफ का पहिलौठा था।
इस्राएल ने अपना दाहिना हाथ एप्रैम पर रखा और बायां हाथ मनश्शे पर रखा था।
यूसुफ ने इस्राएल के दाहिने हाथ को मनश्शे पर रखना चाहा क्योंकि वह पहिलौठा था।
यूसुफ ने इस्राएल के दाहिने हाथ को मनश्शे पर रखना चाहा क्योंकि वह पहिलौठा था।
इस्राएल ने इंकार इसलिए किया था कि छोटा पुत्र पहिलौठे से अधिक महान होना था।
इस्राएल ने कहा कि भविष्य में इस्राएल की प्रजा किसी को आशीर्वाद देते समय कहेगी,"परमेश्वर तुझे एप्रैम और मनश्शे के समान बना दे।"
इस्राएल ने कहा कि यूसुफ अपने पितरों के देश में लौटाया जायेगा।