यहोवा ने याकूब से कहा कि वह बेतेल जाकर उसके लिए एक वेदी बनाये।
याकूब ने कहा कि वे देवी-देवताओं की मूर्तियों को अलग करके अपना शोधन करके वस्त्र बदलें।
उन्होंने याकूब के परिवार का पीछा नहीं किया क्योंकि उन पर यहोवा का भय छा गया था।
याकूब ने उस स्थान का नाम एलबेतेल इसलिए रखा कि जब वह अपने भाई एसाव से भाग रहा था तब वहां यहोवा ने उसे दर्शन दिया था।
परमेश्वर ने याकूब को एक नया नाम, इस्राएल दिया था।
यहोवा ने अपनी प्रतिज्ञा दोहराई कि याकूब से जातियों की एक मंडली उत्पन्न होगी और उसके वंश में राजा भी होंगे और जिस देश की प्रतिज्ञा परमेश्वर ने अब्राहम और इसहाक से की थी वह उसका और उसके वंशजों का होगा।
बिन्यामीन को जन्म देते समय राहेल की मृत्यु हो गई।
बिन्यामीन को जन्म देते समय राहेल की मृत्यु हो गई।
इस्राएल ने सुना कि रूबेन उसकी रखैल बिल्हा के साथ सोया था।
याकूब के बारह पुत्र थे।
यूसुफ और बिन्यामीन राहेल से उत्पन्न हुए थे।
इसहाक 180 वर्ष का होकर मर गया।
एसाव और याकूब ने इसहाक को दफन किया।