अब्राहम ने कतूरा नामक एक स्त्री से विवाह किया।
अब्राहम ने अपनी रखेलियों के पुत्रों को कुछ-कुछ देखकर पूरब देश में भेज दिया और इसहाक को अपना सब कुछ दे दिया।
अब्राहम ने अपनी रखेलियों के पुत्रों को कुछ-कुछ देखकर पूरब देश में भेज दिया और इसहाक को अपना सब कुछ दे दिया।
अब्राहम की आयु एक सौ पचहत्तर वर्ष की थी।
इसहाक और इश्माएल ने अब्राहम को दफन किया था।
उनका व्यवहार एक-दूसरे के प्रति वैरभाव का था।
इसहाक ने यहोवा से प्रार्थना की और यहोवा ने उसकी प्रार्थना सुनी जिसके परिणामस्वरूप रिबका गर्भवती हो गई।
यहोवा ने कहा कि उसके गर्भ में दो जातियां हैं जिनमें एक दूसरे से अधिक शक्तिशाली होगी और बड़ा छोटे की सेवा करेगा।
पहले एसाव का जन्म हुआ और वह लाल वर्ण का था, उसका संपूर्ण शरीर कम्बल के समान रोगमय था।
दूसरा याकूब था और वह एसाव की एड़ी पकड़े हुए उत्पन्न हुआ था।
एसाव वनवासी होकर एक चतुर शिकारी हो गया था।
याकूब सीधा मनुष्य था और तम्बुओं में ही रहा करता था।
इसहाक एसाव से प्रीति रखता था और रिबका याकूब से प्रीति रखती थी।
एदोम एसाव का दूसरा नाम था।
लाल व्यंजन के बदले याकूब ने एसाव से पहिलौठे का अधिकार मांगा था।
एसाव ने शपथ खाई और अपने पहिलौठे का अधिकार याकूब को बेच दिया।
एसाव ने अपने पहिलौठे के अधिकार को तुच्छ जाना था।