Translation Manual

तर्जुमा दस्ती का तआरुफ़

This section answers the following question: तर्जुमा दस्ती किया है?

तर्जुमा दस्ती क्या तदरीस क्या है?

ये दस्ती तर्जुमा नज़रिया सिखाता है और दीगर ज़बानों (ओएलएस) के लिए एक अच्छा तर्जुमा कैसे बना सकता है. इस दस्ती में तर्जुमा के कुछ उसूल गेट वे ज़बान तर्जुमा पर भी लागू होते हैं. गेट वे ज़बानों के लिए तर्जुमा के औज़ार का सेट तर्जुमा करने के बारे में मख़सूस हिदायात के लिए, ताहम, बराह-ए-करम गेट वे ज़बान दस्ती को मुलाहिज़ा करें. किसी भी किस्म का तर्जुमा मंसूबे शुरू करने से पहले इन मोडीयूलज़ के बहुत से मुताला करने में बहुत मददगार साबित होगा | दीगर मोडीयूलज़, जैसे कि ग्रामर के बारे में, सिर्फ "सिर्फ़ वक़्त में" सीखने के लिए सिर्फ ज़रूरी है |

कुछ तर्जुमा दस्ती में रोशनी डालता है:


जानने की शराइत

This section answers the following question: मुझे क्या शराइत चाहीए?

अहम अलफ़ाज़ जानने के लिए

  • नोट: ये शराइत इस दस्ती में इस्तिमाल होते हैं. तर्जुमा दस्ती का इस्तिमाल करने के लिए मुतर्जिम को इन शराइत को समझने की ज़रूरत होगी. *

टर्म - एक लफ़्ज या फ़िक़रा जिसमें एक चीज़, ख़्याल, या अमल से मुराद है. मिसाल के तौर पर, एक ज़बान में माए डालने के लिए अंग्रेज़ी में इस्तिलाह "पीने" है. एक तक़रीब के लिए जो इस्तिलाह किसी शख़्स की ज़िंदगी में एक अहम मुंतकली की निशानदेही करता है "गुज़रने की रस्म" | इस्तिलाह और एक लफ़्ज के दरमयान फ़र्क़ ये है कि इस्तिलाह में कई अलफ़ाज़ शामिल हो सकते हैं.

** मतन ** - एक मतन ये है कि एक स्पीकर या मुसन्निफ़ ज़बान की तरफ़ से सुनने वाला या रीडर को बातचीत कर रहा है. स्पीकर या मुसन्निफ़ के पास ज़हन में एक ख़ास मअनी है, और इसी तरह वो उस्मानी का इज़हार करने के लिए ज़बान का एक शक्ल मुंतख़ब करता है .

** मतन ** - सवाल में लफ़्ज़, फ़िक़रा या सज़ा के इर्द-गिर्द अलफ़ाज़, जुमले, जुमले, और पैराग्राफ़. सयाक़-ओ-सबॉक् इस मतन का है जिसका मतन आपके मुआइना कर रहे हैं. इन्फ़िरादी अलफ़ाज़ और जुमले के मअनी को मुख़्तलिफ़ हालतों में होने पर तबदील कर सकते है |

फ़ार्म - एस सफ़े पर ज़ाहिर होता है जैसा कि इस सफ़े पर ज़ाहिर होता है या जैसा कि बोला जाता है. "फ़ार्म" का मतलब ये है कि ज़बान का एहतिमाम किया जाता है- इस में लफ़्ज़, लफ़्ज़ी आर्डर, ग्रामर, मुहासिरा, और मतन की साख़त की दूसरी ख़सुसीआत शामिल है

ग्रामर - जिस ज़बान को एक ज़बान में एक दूसरे में शामिल किया जाता है. इस के मुख़्तलिफ़ हिस्सों के हुक्म के साथ ऐसा करना पड़ता है, जैसे फे़अल पहले या आख़िरी या दरमयानी हिस्से में है

मुबाहिसा - एक किस्म का लफ़्ज जो शख़्स, जगह, या चीज़ से मुराद है. एक मुनासिब लफ़्ज एक शख़्स या जगह का नाम है. एक ख़ुलासा संत ये है कि हम "अमन" या "इत्तिहाद" की तरह देखते हैं या नहीं छू सकते. ये एक ख़्याल या एक रियासत की तरफ़ इशारा करता है. कुछ ज़बानें ख़ुलासा लफ़्ज इस्तिमाल नहीं करते हैं

** ज़बानी ** - एक किस्म का एक लफ़्ज जिसमें एक अमल से मुराद है, जैसे "वाक" या "पहुंच गया".

तरमीम - एक किस्म का एक लफ़्ज जिसे किसी और लफ़्ज के बारे में कुछ कहा जाता है. एडवाइसज़ और ऐडवर्डज़ दोनों तरमीम हैं.

स्रात - एक किस्म का एक लफ़्ज जिसका नाम एक लफ़्ज के बारे में है. मिसाल के तौर पर, लफ़्ज "लंबे" लफ़्ज "इन्सान" के बारे में कुछ दर्ज जे़ल सज़ा में बताता है. * में एक क़द आदमी देखता हू

अड्डोरब - एक किस्म का लफ़्ज जो फे़अल के बारे में कुछ कहता है. मिसाल के तौर पर, लफ़्ज "ज़ोर से" कहा जाता है कि फे़अल के बारे में कुछ "बोली" दर्ज जे़ल सज़ा में है. * आदमी ने ज़ोर से लोगों के भीड़ पर बात की.

आईडीवम - एक इज़हार जिसमें कई अलफ़ाज़ का इस्तिमाल होता है और इस का मतलब ये है कि इस से कहीं ज़्यादा कुछ मुख़्तलिफ़ होगा अगर लफ़्ज उस्मानी के साथ समझे जाऐंगे तो उनको अलग अलग इस्तिमाल किया जाता है. ईसाई लफ़्ज लफ़्ज़ी तर्जुमा नहीं कर सकते हैं, ये अलग अलग अलफ़ाज़ के मअनी के साथ हैं |

मतलब - मतन या बुनियादी तौर पर रीडर या सनडरर से बातचीत करने का बुनियादी ख़्याल या तसव्वुर. एक स्पीकर या मुसन्निफ़ को ज़बान के मुख़्तलिफ़ किस्मों का इस्तिमाल करके उसी मअनी से गुफ़्तगु कर सकता है, और मुख़्तलिफ़ लोग इसी ज़बान की शक्ल को सुनने या पढ़ने से मुख़्तलिफ़ मअनी समझ सकते हैं. इस तरह आप देख सकते हैं कि इस फ़ार्म और मअनी वही चीज़ नहीं हैं

** तर्जुमा** - हदफ़ ज़बान की शक्ल में इज़हार करने का अमल इसी मअनी का हामिल है जिसमें मुसन्निफ़ या स्पीकर ज़रीया ज़बान की शक्ल में बयान किया जाता है.

** माख़ज़ ज़बान ** - ज़बान * से * जिसका तर्जुमा किया जा रहा है.

** माख़ज़ टेक्स्ट** - मतन * से * जिसमें तर्जुमा किया जा रहा है.

** हदफ़ ज़बान ** - ज़बान * में * जिसमें तर्जुमा किया जा रहा है

** हदफ़ टेक्स्ट** - मुतर्जिम की तरफ़ से बनाया जा रहा है मतन की तौर पर वो या वो ज़रीया मतन से मअनी का तर्जुमा.

**असल ज़बान ** - जिस ज़बान में बाइबल का मतन इबतिदाई तौर पर लिखा गया था. नए अह्दनामा की हक़ीकी  ज़बान यूनानी है. पुराने अह्दनामा की असल ज़बान इब्रानी है. ताहम, डेनियल और अज़रा के कुछ हिस्सों की असल ज़बान में आरामी है. हक़ीकी ज़बान हमेशा से ज़्यादा दरुस्त ज़बान है जिससे एक गुज़रने का तर्जुमा करना है

** वसीअ मुवासलात की ज़बान ** - एक वसीअ ज़बान पर बोली जाने वाली ज़बान और बहुत से लोगों की तरफ़ से. ज़्यादा-तर लोगों के लिए, ये उनकी पहली ज़बान नहीं है, लेकिन वो ज़बान है जो वो अपनी ज़बानी कम्यूनिटी के बाहर लोगों से बात करने के लिए इस्तिमाल करते हैं. कुछ लोग उसे तिजारती  ज़बान कहते हैं. ज़्यादा से ज़्यादा बाइबल ज़रीया ज़बान के तौर पर वसीअ मुवासलात की ज़बान का इस्तिमाल करते हुए तर्जुमा किया जाएगा

** लफ़्ज़ी तर्जुमा** - एक तर्जुमा जो हदफ़ मतन में ज़रीया टेक्स्ट की शक्ल की तख़लीक़ करने पर तवज्जा  मर्कूज़ करता है, यहां तक कि अगर नतीजे में मअनी तबदील हो जाएगी.

मअनी पर मब नी तर्जुमा (या मुतहर्रिक तर्जुमा) - एक तर्जुमा जो हदफ़ टेक्स्ट में ज़रीया मतन के मअनी को दुबारा पैदा करने पर तवज्जा मर्कूज़ करता है, यहां तक कि अगर फ़ार्म के नतीजे में फ़ार्म तबदील हो जाता है |

पासज - बाइबल के मतन का एक हिस्सा जिसके बारे में बात की जा रही है. ये एक आयत के तौर पर कम अज़ कम हो सकता है, लेकिन ये आम तौर पर कई आयात है जो मिलकर एक मौजू है या एक कहानियां बताएं.

**गेट वे ज़बान ** - एक गेट वे ज़बान (जी ईल) वसीअ मुवासलात की ज़बान है जिसने हमने इन ज़बानी में से एक की हैसियत से शनाख़्त की है जिसमें हम अपने तमाम वसाइल का तर्जुमा करेगे | गेट वे की ज़बानें सीट का सबसे छोटी ज़बानों है जिसके ज़रीया मवाद दुनिया के हर दूसरी ज़बान में फ़राहम की जा सकती है.

**दूसरी ज़बान ** - दूसरी ज़बानें (ओएलएस) दुनिया की तमाम ज़बानों हैं जो गेट वे ज़बान नहीं हैं. हम अपने बाइबल तर्जुमा के औज़ार को गेट वे ज़बानों में तर्जुमा करें ताकि लोग इन ज़बानों को बाइबल को दूसरी ज़बानों में तर्जुमा करने के ले-ए-इस्तिमाल कर सके

इख़ततामी सारिफा बाइबल - ये एक बाइबल है जिसे लोग ने तर्जुमा किया है ताकि वो हदफ़ ज़बान में क़ुदरती रास्ते में बात करें. ये गिरजा-घरों और घरों में इस्तिमाल होने का मतलब है. इस के बरअक्स, युएलटी और युएसटी बाइबल हैं जो तर्जुमा के औज़ार हैं. वो किसी भी ज़बान में क़ुदरती  तौर पर बात नहीं करते हैं, क्योंकि युएलटी एक लफ़्ज़ी तर्जुमा है और युएसटी ज़बानी और आदाद-ओ-शुमार के आदाद-ओ-शुमार का इस्तिमाल करते हुए से बचता है, जो क़ुदरती  तर्जुमा का इस्तिमाल करेगी. इन तर्जुमा के औज़ार का इस्तिमाल करते हुए, एक मुतर्जिम एक इख़ततामी सारिफा बाइबल तैयार कर सकता है

** शुरका** - एक शुरका में एक अदाकारों में से एक है. ये शख़्स कार्रवाई कर रहा है, या वो शख़्स जो कार्रवाई हासिल कर रहा है, या किसी तरह से हिस्सा लेने के तौर पर ज़िक्र किया जा सकता है. एक हिस्सा लेने वाले एक ऐसी चीज़ भी हो सकती है जिसे सज़ा के अमल में हिस्सा लेने के तौर पर कहा जाता है. मिसाल के तौर पर, मुंदरजा ज़ैल हदीस में शुरका का ज़िक्र किया गया है : जान और मर्यम ने एंड्रयू को एक ख़त भेजा. कभी कभी शुरका को अलग अलग छोड़ दिया जाता है, लेकिन वो अब भी अमल का हिस्सा हैं. इस सूरत में, शराकतदार * तक़ाजा * है. मिसाल के तौर पर, दर्ज जे़ल सज़ा में, सिर्फ दो शुरका ने कहा कि: एंड्रयू ने एक ख़त मौसूल किया. भेजने वाले, जान और मर्यम, मुअज़्ज़िज़ हैं. कुछ ज़बानों में, मुजव्वजा शुरका  को कहा जाना चाहीए


तर्जुमा क्या है?

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तआरीफ़

तर्जुमा मुख्तलिफ़ ज़बानों के माबीन अन्जाम दिया जाने वाला अमल है जिसमे किसी शख्स (मुतर्जिम) को उस मानी को समझने की ज़रुरत होती है जिस का मुसन्निफ़ या ख़तीब माख़ज़ ज़बान में असल सामअीन को इत्तिला करने का इरादा रखता था, और फिर उसी मानी को मुख्तलिफ़ सामअीन के साथ हदफ़ ज़बान में बयान करना।

ज़ियादातर वक़्त तर्जुमा को इस तरह से काम करना चाहिए, लेकिन बाज़ औक़ात बाज़ तर्जुमों के दीगर मक़ासिद होते हैं, जैसे किसी माख़ज़ ज़बान की शक्ल को दोबारा पेश करना, जैसा के हम जैल में देखेंगे।

बुनियादी तौर पर दो क़िस्म के तर्जुमे होते हैं: लफ्ज़ी और मुतहरक (या मानी पर मबनी).

  • लफ्ज़ी तर्जुमे माख़ज़ ज़बान में हदफ़ ज़बान की अल्फ़ाज़ के साथ उन अल्फ़ाज़ की नुमाइंदगी पर तवज्जो मरकूज़ करते हैं, जिनके बुनियादी मानी यकसां होते हैं। वो ऐसे जुमले भी इस्तेमाल करते हैं जिनमें माख़ज़ ज़बान में जुमले की तरह के साख्त होते हैं। इस तरह का तर्जुमा कारी को माख़ज़ मतन की साख्त को देखने की इजाज़त देता है, लेकिन यह कारी के लिए माख़ज़ मतन के मानी को समझना मुश्किल या नामुमकिन बना सकता है।
  • मुतहरक, मानी पर मबनी तर्जुमे माख़ज़ ज़बान के जुमले के मानी की इसके क़रीने में नुमाइंदगी पर तवज्जो मरकूज़ करते हैं, और हदफ़ की ज़बान में उस मानी को पहुंचाने के लिए जो भी अल्फ़ाज़ और फ़िक़रे के साख्त सब से मुनासिब हैं उनका इस्तेमाल करेंगे। इस तरह के तर्जुमे का मक़सद माख़ज़ मतन के मानी को कारी के लिए समझना आसान बनाना है। इस तर्जुमा दस्ती में दूसरे ज़बान (OL) के तर्जुमों के लिए इसी क़िस्म के तर्जुमे मशवरा दिया गया है।

ULT को लफ्ज़ी तर्जुमा होने के लिए तश्कील दिया गया है, ताके OL मुतर्जिम असल बाईबल ज़बानों की सूरतें देख सकें। UST को मुतहरक तर्जुमा होने के लिए तश्कील दिया गया है, ताके OL मुतर्जिम बाईबल में इस सूरतों के मानी समझ सके। इन वसाएल का तर्जुमा करते वक़्त, बराह करम ULT का लफ्ज़ी अन्दाज़ में तर्जुमा करें और UST का मुतहरक अन्दाज़ में तर्जुमा करे। इन वसाएल के बारे में मज़ीद मालूमात के लिए, देखें गेटवे ज़बान दस्ती.


तर्जुमा के बारे में मज़ीद

This section answers the following question: तर्जुमा के बारे में मुझे क्या जानना चाहीए?

तर्जुमा एक ऐसी प्रोसेसिंग है जिसमें मुख़्तलिफ़ ज़बानों के दरमयान कारकर्दगी का मुज़ाहर किया जाता है जो किसी फ़र्द (मुतर्जिम) की ज़रूरत होती है इस का मतलब ये समझने के लिए कि एक मुसन्निफ़ या स्पीकर ने ज़रीया ज़बान में असल सामईन को बातचीत करने का इरादा किया है, और फिर इस में मुख़्तलिफ़ सामईन को इसी मअनी का इज़हार करने के लिए मतलूब ज़बान.

लोग नसोस का तर्जुमा क्यों करते हैं?

आम तौर पर मुतर्जिम उनके काम करने के मुख़्तलिफ़ अवामिल हैं. उनकी वजूहात इन दस्तावेज़ात पर मुनहसिर है जो वो तर्जुमा कर रहे हैं और इस शख़्स की ज़रूरीयात पर जो उनसे तर्जुमा करने से पूछ रहे हैं. बाइबल तर्जुमा के मुआमले में, आम तौर पर लोग अपने काम करते हैं क्योंकि वो बाइबल के ख़्यालात को हदफ़ ज़बान के क़ारईन को मुतास्सिर करने के लिए चाहते हैं इसी तरह बाइबल के मज़ामीन के असल क़ारईन और सुनने को मुतास्सिर किया गया था| क्योंकि बाइबल में ख़ुदा के ख़्यालात हमें यसवा मसीह के ज़रीया अबदी ज़िंदगी के ले-ए-लेते हैं, मित्र जमीन को हदफ़ ज़बानी क़ारईन भी अपने ख़्यालात को जानने के लिए चाहते हैं |

बाइबल मित्र जमीन के तौर पर हम आम तौर पर बाइबल ख़्यालात की नुमाइंदगी करने की तवक़्को रखते हैं?

इस में मुख़्तलिफ़ तरीक़ों हैं जिनमें हम एक ज़रीया टेक्स्ट में ख़्यालात की नुमाइंदगी कर सकते हैं: हम उनको एक फ़हरिस्त में डाल सकते हैं, हम उनको तहरीरी सफ़े पर बहुत कम जगह का इस्तिमाल कर सकते हैं, हम उनको आसान बना सकते हैं (जैसा कि हम अक्सर बच्चों की बाइबल की कहानी में करते हैं) किताबों और बाइबल के दीगर किस्मों में मदद मिलती है), या हम उन्हें भी डायाग्राम या चार्ट में डाल सकते हैं. ताहम, बाइबल मित्र जमीन आम तौर पर बाइबल ख़्यालात को मुकम्मल तौर पर मुम्किना तौर पर पेश करने की कोशिश करते है | इस का मतलब ये है कि वो तर्जुमा में इसी किस्म के दस्तावेज़ात असल दस्तावेज़ात (एक पैशन गोई के लिए एक पैशन गोई, एक ख़त के लिए एक ख़त, तारीख की एक किताब के लिए तारीख़, वग़ैरा वग़ैरा) पैदा करने की कोशिश करते हैं इसी कशीदगी को दुबारा बनाने ज़रीया मतन में मौजूद तर्जुमा मे |

मतन में "कशीदगी" की तरफ़ से हमारा क्या मतलब है?

कशीदगी की मिसालें पेश आती हैं जब एक क़ारईन एक कहानी में शुरकी के आगे क्या सोचेंगे, या जब किसी क़ारी को किसी एक मुसन्निफ़ या इस से गुफ़्तगु करने वाले मुसन्निफ़ की दलील, हौसला-अफ़ज़ाई और इंतिबाह की पैरवी की जाये तो मतन में दर्ज की गई है. ज़बूर पढ़ने पर एक क़ारईन कशीदगी महसूस कर सकता है, क्योंकि ख़ुदा की तारीफ़ मुख़्तलिफ़ तरीक़ों से ज़बूर को मुतास्सिर करता है | पुराने अह्दनामा की पैशन गोई की किताब पढ़ते वक़्त, क़ारी कशीदगी बढ़ती हुई महसूस कर सकता है क्योंकि नबी ने लोगों को उनके गुनाहों की मुज़म्मत की है, या उस के तौर पर वो उनको ख़बरदार करने के लिए ख़ुदा की तरफ़ रुजू करने के लिए. मुस्तक़बिल के लिए ख़ुदा के वादों के बारे में पढ़ते वक़्त कशीदगी महसूस की जा सकती है, जैसे कि ख़ुदा ने इन वादों को पूरा किया है, या जब वो उनको पूरा करेंगे. अच्छा मुतर्जिम ज़रीया दस्तावेज़ात में कशीदगी की किस्म का मुताला करते हैं, और वो इन कशीदगी को हदफ़ ज़बान में दुबारा बनाने की कोशिश करते है |

ज़रीया टेक्स्ट में कशीदगी को दुबारा बनाने के बारे में बात करने का एक और तरीका ये है कि तर्जुमा हदफ़ के सामईन पर इसी असर पर होना चाहीए जिसका ज़रीया मतन असल सामईन पर था. मिसाल के तौर पर, अगर ज़रीया टेक्स्ट असल सामईन के लिए बग़ावत है तो, हदफ़ के सामईन को भी तर्जुमानी के तौर पर तर्जुमा महसूस करना चाहीए | एक मुतर्जिम के बारे में सोचने की ज़रूरत होगी कि हदफ़ ज़बान किस तरह बग़ावत और दीगर किस्म के मुवासलात का इज़हार करती है, लिहाज़ा तर्जुमा हदफ़ के सामईन पर सही किस्म का असर होगा |


आप बाइबल तर्जुमा की मदद कैसे करें

This section answers the following question: बाइबल तर्जुमा का मक़सद क्या होना चाहीए?

एक मुतर्जिम एक शिकारी की तरह है

एक मुतर्जिम एक हंटर की तरह है, अगर वो उसे मारने के लिए चाहता है तो जानवर को अपनी बंदूक़ का मक़सद बनाना चाहिए. वो इस किस्म की जानवर जानना चाहता है जो जानता है, क्योंकि शिकारी किसी भी किस्म के गोलों के साथ परिंदों को गोलीमार नहीं देता है जिसे वो बदबख़ती को मारने के लिए इस्तिमाल करेगा

जब हम दूसरों से बात करते हैं तो ये वही है. हम ऐसे नौजवानों से बात नहीं करते जिन्हें हम बिलकुल बालिग़ कहते हैं. ना ही हम अपने दोस्तों से बात करते हैं इसी तरीक़े से हम अपने मलिक के सदर या हुकमरान से बात करेंगे

इन तमाम मुआमलात में, हम मुख़्तलिफ़ अलफ़ाज़ और इज़हार इस्तिमाल करने का फ़ैसला करते हैं. मिसाल के तौर पर, अगर में एक छोटा सा बच्चा के साथ इंजील का इश्तिराक कर रहा हूँ, तो मुझे इस से नहीं कहना चाहीए कि "तौबा करो, और ख़ुदावंद आपको अपनी फ़ज़ल देगा." इस के बजाय, मुझे कुछ ऐसी बात कहना चाहीए, "आपने क्या ग़लत चीज़ों के लिए अफ़सोस करो, और यसवा को बताएं कि आप माफ़ी करते हैं. फिर वो आपका इस्तिक़बाल करेगा, क्योंकि वो आपसे मुहब्बत करता है.

हर ज़बान में, ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो बालिग़ सिर्फ़ इस्तिमाल करते हैं, वो अलफ़ाज़ जो बच्चो ने अभी तक सीखा नहीं है. ज़रूर, बच्चों को आख़िर में इन अलफ़ाज़ में से बहुत से इस्तिमाल करने के लिए सीख जाएगी. लेकिन अगर आप इन अलफ़ाज़ में एक ही वक़्त में बहुत से अलफ़ाज़ को कहते हैं, तो वो आपको समझने में बहुत मुश्किल महसूस करेंगे

इस के इलावा, ज़बानें ऐसे दरख़्तों की तरह हैं जो नए पत्ते बढ़े और पुराने अफ़राद को खो दें: नए अलफ़ाज़ हमेशा ज़बानों में तशकील दे रहे हैं, और कुछ अलफ़ाज़ हमेशा इस्तिमाल से बाहर निकल रहे हैं. ये अलफ़ाज़ जैसे पत्तियों को मरते हैं. वो अलफ़ाज़ हैं जो बूढ़े लोगों को मालूम है लेकिन नौजवान लोगों को कभी भी इस्तिमाल नहीं करना पड़ता है. बड़ी नसल के बाद जाने के बाद, ये पुराने अलफ़ाज़ अब ज़बान में इस्तिमाल नहीं करेंगे | यहां तक कि अगर वो लिखे गए हैं, मिसाल के तौर पर, उस के तौर पर, वो होना चाहीए के तौर पर, नौजवान लोग शायद उनका इस्तिमाल नहीं करेंगे |

इन वजूहात के लिए, बाइबल मित्र जमीन को ये फ़ैसला करना होगा कि लोग कौन हैं जो उनकी तर्जुमा का मक़सद करेंगे. यहां उनके इंतिख़ाब हैं:

मुस्तक़बिल का मक़सद

मुतर्जिम उनके तर्जुमा का मक़सद नौजवान माओं और उनके बच्चों को निशाना बना सकते हैं जो हदफ़ ज़बान बोलते हैं, क्योंकि उन लोगों को उनकी ज़बान का मुस्तक़बिल की नुमाइंदगी है. अगर मित्र जमीन इस तरीक़े से काम करते हैं तो, वो पुराने अलफ़ाज़ इस्तिमाल करने से बचने से बचेंगे जो नौजवान लोग सीखते हैं. इस के बजाय, वो आम, हर-रोज़ मुम्किना अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करेंगे. इस के इलावा, इस तरह के मुतर्जिम उन दूसरे क़वाइद पर अमल करेंगे

  1. वो दूसरी ज़बानों से हदफ़ ज़बान में आम बाइबल के अलफ़ाज़ को तर्जुमा करने की कोशिश नहीं करते. मिसाल के तौर पर, इस का मतलब ये है कि वो बाइबल का लफ़्ज "सिनागॉग" तबदील करने की कोशिश नहीं करेगा जैसे "गनगग" की तरह और इस के बाद लोगों को इस का मतलब सुखाने की कोशिश करेंगे. वो बाइबल के लफ़्ज "फ़रिश्ता" को "इंजील" की तरह किसी चीज़ में तबदील करने की कोशिश नहीं करेंगे और फिर हदफ़ ज़बान के क़ारईन को इस का मतलब सुखाने की कोशिश करेंगे
  2. वो ऐसे ख़्यालात को इशारा करने के लिए नए अलफ़ाज़ को ईजाद करने की कोशिश नहीं करते जो बाइबल में तलाश करते हैं. मिसाल के तौर पर, अगर हदफ़ ज़बान में कोई लफ़्ज नहीं है जिसमें "फ़ज़ल" या "मुक़द्दस" में शामिल तमाम पहलूओं का इशारा होता है तो उनके लिए मुतर्जिम नए अलफ़ाज़ नहीं बनाते. इस के बजाय, वो बाइबल गुज़रने में लफ़्ज़ मअनी का बुनियादी हिस्सा बयान करने के लिए मुनासिब जुमले तलाश करेंगे कि वो काम कर रहे हैं |
  3. वो हदफ़ ज़बान में नाम से जाना जाता अलफ़ाज़ नही लेने और उनके नए मतलब के साथ चीज़ों को नहीं याद है. वो जानते हैं कि अगर वो उस की कोशिश करते हैं तो लोग सिर्फ उस्मानी को नज़रअंदाज करेंगे. नतीजे के तौर पर, लोग उस्मानी को ग़लत समझेगा कि आप मतन को बातचीत करना चाहते हैं.
  4. वो बाइबल नज़रियात को वाज़िह तौर पर वाज़िह करते हैं जो वाज़िह और क़ुदरती हैं. (मुलाहिज़ा करें: साफ़ तर्जुमा बनाएँ, क़ुदरती तर्जुमा बनाएँ)

जब मित्र जमीन इन क़वाइद पर अमल करते हैं, हम नतीजा को एक आम ज़बान के वर्ज़न कहते हैं. अगर आप अपनी पहली बाइबल के साथ एक ज़बान फ़राहम करने के लिए काम कर रहे हैं, तो हम इस तजवीज़ की तजवीज़ करते हैं कि आप इन हिदायात पर अमल करें. अंग्रेज़ी में आम ज़बान के वर्ज़न में आज के अंग्रेज़ी वर्ज़न और आम अंग्रेज़ी बाइबल शामिल हैं. लेकिन याद रखें कि आपकी हदफ़ ज़बान शायद उन तरीक़ों में बहुत से ख़्यालात का इज़हार करना चाहेंगे जो आप इन अंग्रेज़ी वर्ज़न में तलाश करते हैं |

बाइबल मुताला तर्जुमा के लिए मक़सद

मित्र जमीन ईसाईयों में उनकी तर्जुमानी का मक़सद बन सकता है जो बाइबल को बाइबल का मुताला  करना चाहती है जिसे नए ऐसाओं की तरफ़ से पढ़ा जाता है इस से कहीं ज़्यादा गहिरी है. मुतर्जिम इस बात का फ़ैसला कर सकते हैं अगर हदफ़ ज़बान में पहले से ही एक अच्छा बाइबल है जो बेईमान और नए मोमिनों से बात करता है. अगर मित्र जमीन इस तरह काम करते हैं तो, वो ये फ़ैसला कर सकते हैं |

  1. बाइबल की ज़बानों में तलाश करने वाले गरामाती साख़त के ज़्यादा से ज़्यादा नक़ल करने की कोशिश करें. मिसाल के तौर पर, बाइबल का कहना है कि जब, "ख़ुदा की मुहब्बत," मुतर्जिम इस बात का फ़ैसला कर सकते हैं कि वो इज़हार-ए-ख़याल को छोड़कर छोड़ दें. अगर वो ऐसा करते हैं, तो ये फ़ैसला नहीं करेंगे कि "इस का मतलब ये है कि लोगों को ख़ुदा के लिए" या "मुहब्बत जो ख़ुदा के लिए लोगों के लिए है." बाइबल का कहना है कि जब, "हम मसीह यसवा में मुहब्बत रखते हैं," मित्र जमीन ये फ़ैसला नहीं कर सकते कि ये "मसीह यसवा की वजह से" या "मसीह यसवा के लिए मुत्तहिद" का मतलब है |
  2. ये कहना करने की कोशिश करें कि यूनानी या इब्रानी अलफ़ाज़ "तर्जुमा में" पीछे आते हैं. मिसाल के तौर पर, वो उस के फ़वाइद के साथ कर सकते हैं |
  3. हदफ़ ज़बान में नए अज़हा रात की तख़लीक़ करने की कोशिश करें जो बाइबल के अलफ़ाज़ की तरफ़ से किए गए मअनी से ज़्यादा इशारा करते हैं. अगर मुतर्जिम ऐसा करते हैं, तो वो हदफ़ ज़बान के साथ तख़लीक़ी बनना ज़रूरी है.

हम उस की सिफ़ारिश नहीं करते कि आप इस दूसरा रास्ता की पैरवी करें जब तक कि हदफ़ज़बान पहले से बाइबल तर्जुमा नहीं है जो वाज़िह और क़ुदरती रास्ते में बात करती है |


एक अच्छे तर्जुमे की ख़सूसियात

This section answers the following question: एक अच्छे तर्जुमे की ख़सूसियात क्या है?

चार अहम ख़सूसियात है

एक अच्छे तर्जुमे की चार अहम ख़सूसियात होती है। वो होनी चाहिए:

हम इन चार ख़सूसियात की हर ख़सूसियात को चार पाई की एक-एक टाँग की तरह सोच सकते है। अगर एक भी ग़ायब हो तो चार पाई खड़ी नहीं रह सकती। इसी तरह, इन ख़सूसियात में से हर एक का तर्जुमे में मौजूद रहना ज़रूरी है ताकि ये गिर्जा से वफादार और उसके लिए मुफीद रहे।

वाज़ेह

फहम के सबसे ज़्यादा मेयार को हासिल करने के लिए अपनी ज़ुबान का जो भी साख़्त ज़रूरी हो उसका इस्तेमाल करें। इस में शामिल है आसान बनाए गए तसव्वुरात, मतन की शक्ल को दोबारा बदलना, और ज़रूरत के मुताबिक जितने ज़्यादा या कम इसतेलाह का इस्तेमाल करना ताकि असल मानी को जितना मुमकिन हो उतनी ठीक तरह से बता सकें। वाज़ेह तर्जुमह बनाना सीखने के लिएदेखिएवाज़ेह तर्जुमह बनाएँ

क़ुदरती

ऐसी ज़ुबान की शक्लें इस्तेमाल करें जो मोअसर हो और उस तरह की अक्कासी करते हैकिआपकीज़ुबान के मुताल्लिक सयाख़ व सबाख़ में इस्तेमाल की जाती है। कुदरती तर्जुमह बनाना सीखने के लिएदेखिए क़ुदरती तर्जुमह बनाएँ

दुरूस्त

दुरुस्त, शक्ल को बीगाड़े, बदले बग़ैर, या असल मतन के मानी में ज़्यादा शामिल किए बिना तर्जुमह करें, जैसे इसे असल सामाइन समझ सकते थे। मतन के मानी को ज़हन में रख कर तर्जुमह करें और दुरुस्त मालूमात, नामालूम तसव्वुरात, और तख़रीर के एहदाद व शुमार को सही तौर पर बताएं। दुरुस्त तर्जुमह बनाना सीखने के लिएदेखिए दुरुस्त तर्जुमह बनाएँ

गिर्जा से मंज़ूर शुदाह

अगर एक तर्जुमह वाज़ेह, क़ुदरती और दुरुस्त हो, मगर गिर्जा अपनी रज़ा मंदी ना देता है या उसे मंज़ूर नहीे करता हो, तो फिर ये गिर्जा की अफज़ोनी का आख़री मख़सद हासिल करने में नाकाम रहा है। ये ज़रूरी है कि गिर्जा तर्जुमह करने, जांच करने और तर्जुमे की तख़सीम करने में शामिल हो। गिर्जा से मंज़ूर शुदाह तर्जुमह बनाना सीखने के लिएदेखिए दुरुस्त तर्जुमह बनाएँ

छह और खुसूसियात

वाज़ेह, क़ुदरती और दुरुस्त और गिर्जा से मंज़ूर शुदाह होने के अलावा, एक अज़ीम तर्जुमे को होना चाहिए:


साफ़ तर्जुमा बनाएं

This section answers the following question: मैं साफ़ तर्जुमा कैसे बनाऊं?

साफ़ तर्जुमा

साफ़ तर्जुमा हर मुमकिन ज़बानी बनावट इस्तेमाल करेगा ताके पढने वाले को पढने में आसानी हो और समझने में मदद मिले. इसमें लिखाई है जिसे अलग तरीके से या तरतीब से लिखा जाए और जितना हो सके या चंद अल्फाज़ की ज़रूरत करें असल मायने को साफ साफ़ बताने के लिए.

ये हिदायत बाकी दुसरे ज़बानी तर्जुमे के लिए है, नाकि गेटवे लैंग्वेज ट्रांसलेशनस के लिए. जब तुम यूएलटी से गेटवे लैंग्वेज का तर्जुमा करते हो, तो तुम्हे ये तब्दीलियाँ नहीं करनी है. यूएसटी से गेटवे लैंग्वेज के तरजुमे में ये तबदीली करने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि वो पहले ही हो चुकी है. यहाँ सोर्स अल्फाज़ से साफ़ तरजुमे करने के लिए कुछ तरकीब बताई गई है:

प्रोनाउंस जांचे

तुम्हे सोर्स के अल्फाज़ में प्रोनाउंस की जांच करनी होगी और ये साफ़ करना होगा के हर प्रोनाउंस क्या और क्सिके मुताल्लिक है. प्रोनाउंस वो अल्फाज़ अहि जो नाउन और नाउन के जुमले के बिच आता है. प्रोनाउंस का हवाला जो बात पहले से ही बता दी गई हो उनसे है.

ये हमेशा एह्तियातन जांच करें के प्रोनाउन साफ़ तौर पर क्या का किस्से मुताल्लिक है. अगर ये साफ़ न हो, तो प्रोनाउन की जगह किसी शक्स का नाम या चीज़ का ज़िक्र करना ज़रूरी हो सकता है.

शरीक की पहचान करें

आगे आपको ये समझना है के कौन अमल कर रहा है. एक साफ़ तर्जुमा शरीक को पहचान लेगा. शरीक कोई वाके में लोग या चीजें हैं जो उस वाके में हिस्सा लेते हो. कोई शक्स जो कुछ अमल कर रहा हो और कोई चीज़ जो अमल में आई हो ये सदर शरीक हैं. जब कोई वाके की सोच को वर्ब को दोबारा ज़ाहिर करना हो, तब ये बताना ज़रूरी होता है के कौन या क्या शरीक है उस वाके में. आम तौर पर ये तो हालात से साफ़ हो जाता है.

वाके के सोच को वाज़े तौर पर इज़हार करें

गेटवे लैंग्वेज में कई वाके की सोच नोउंस के जैसे आ सकते हैं. एक साफ तरजुमे को इन वाके की सोच को वर्ब की तरह इज़हार करना चाहिए.

जब तरजुमे की तय्यारी हो, तो जुज़ में वाके की सोच ढूंडना काफी फायदेमंद साबित होता है, खासतौर पर वो जो वर्ब के अलावा कोई और फॉर्म से वाजे हो. देखो अगर तुम वाके की सोच के मायने को वर्ब के ज़रिए ज़ाहिर सको तो. अगर, हलाकि, आपकी ज़बान भी इस्तेमाल करती है वाके की सोच और वाके या कोई अमल जो नाउन से बेहतर लगे, तब नाउन फॉर्म का इस्तेमाल करें. [अब्सत्रक्ट नोउंस] देखें(../figs-abstractnouns/01.md)

ताकी ये ठीक से समझ आए तुम्हे हर वाके की सोच को एक्टिव क्लॉज़ में तब्दील करना पड़ सकता है

पैसिव वर्ब्स

एक साफ़ तर्जुमा में किसी पैसिव वर्ब्स को एक्टिव फॉर्म में तब्दील करना पड़ सकता है. [एक्टिव या पैसिव] देखें(../figs-activepassive/01.md)

एक्टिव फॉर्म में, फिकरे में मज़मून ही वो सकस है जो अमल करता है. पैसिव फॉर्म में, फिकरे में मज़मून वो सकस या चिक्स है जिसपर कोई अमल हुआ हो. मसलन, “जॉन ने बिल को मारा” ये एक एक्टिव फिकरा है. “बिल जॉन से मार खाया” ये एक पैसिव फिकरा है.

कई ज़बान में पैसिव फॉर्म नहीं होते, सिर्फ एक्टिव फॉर्म ही मौजूद है. इस सूरत में, पैसिव फॉर्म फिकरे को एक्टिव फॉर्म में तब्दील करना ज़रूरी हो जाता है, कुछ ज़बान में, हलाकि, पैसिव फॉर्म का इस्तेमाल करना तरजीह करते हैं. तर्जुमान को वो फॉर्म का ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए जो हदफी ज़बान में बेहद कुदरती हो.

हर जुज़ में ‘ऑफ़’ को देखो

साफ़ तर्जुमा बनाने के लिए, नोउंस और “ऑफ़” के बिच के ताल्लुक के मायने को पहचानने के लिए तुम्हे हर जुज़ में “ऑफ़” को देखना होगा. कई ज़बान में “ऑफ” की बनावट इतनी नहीं दिखती जितनी इंजील की असल ज़बान में है. “ऑफ़” के हर मायने और दोबारा ज़ाहिर करने से फिकरे के हिस्सों के बिच ताल्लुकात साफ हो जाते हैं.

जब तुमने सब चीजें जाँच ली हो और अपना तर्जुमा जितना हो सके साफ़ कर लिया हो, तो तुम्हे और लोग जो तुम्हारी ज़बान बोलते हैं उनको पढ़ कर सुनाना होगा ये देखने के लिए के उन्हें साफ समझ आ रहा है. अगर कोई हिस्सा उन्हें साफ़ समझ नहीं आ रहा, यानी वो हिस्सा साफ़ अनहि है. आपस में, तुम उस हिस्सा को साफ़ तरीके से कहने के बारे में सोच सकते हो. जब तक सब साफ न हो तब तक तर्जुमेह को कई लोगों के ज़रिए जाँच करो.

याद रखें: तरजुमह करना यानी दोबारा कहना, जितना हो सके उतना दुरुस्त, साफ़ और कुदरती तरीके से असल पैगाम के मायने सामने वाले की ज़बान में.

साफ़ तौर पर लिखना

तर्जुमा जो साफ़ बात जाहिर करे जिसके लिए आपको खुद से ये सवाल करना होगा जो आप के लिए मददगार साबित हो:

  • क्या तुमने वक्फ का इस्तमाल किया के पढने वालों को मदद मिले की कहाँ ठहरना है या सांस लेना है?
  • क्या तुमने ये ज़ाहिर किया के कौनसा हिस्सा डायरेक्ट स्पीच है?
  • क्या तुम जुज़ को अलग करते हो?
  • क्या तुमने सुर्खी की जगह शामिल करने के बारे में सोचा?

क़ुदरती तर्जुमा बनाएँ

This section answers the following question: मैं किस तरह क़ुदरती तर्जुमा बनाऊँ?

क़ुदरती तर्जुमे

बाईबल का तर्जुमा इस तरह करना ताके यह क़ुदरती हो के मानी है:

तर्जुमे की आवाज़ ऐसी महसूस होती हो के यह किसी हदफ़ गिरोह के रकुन के ज़रिए लिखा गया था – न के ग़ैर मुल्की। क़ुदरती तर्जुमा करने के लिए कुछ नज़रियात यहाँ हैं:

मुख़्तसर जुमले इस्तेमाल करें

किसी तर्जुमे को क़ुदरती बनाने के लिए, बाज़ औक़ात तवील, पेचीदा जुमले से मुख़्तसर, आसान जुमले बनाने की ज़रुरत होती है। यूनानी ज़बान में अक्सर तवील, क़वायद के लिहाज़ से पेचीदा जुमले होते हैं। बाज़ बाईबल के मुतर्जमीन यूनानी साख्त को क़रीबी से पैरवी करते हैं और इन तवील जुमलों को अपने तर्जुमे में रखते हैं, यहाँ तक के जब यह क़ुदरती न भी लगे या हदफ़ ज़बान में उलझन वाला हो।

तर्जुमा करने की तैयारी करते वक़्त, तवील जुमलों को मुख़्तसर जुमलों में तोड़कर दोबारा लिखना अक्सर मददगार साबित होता है। यह मानी को ज़ियादा वाज़े तौर पर देखने और बेहतर तर्जुमा करने में आपका मददगार साबित हो सकता है। बहुत सी ज़बानों में मुख़्तसर जुमलों का इन्तखाब करना अच्छा अन्दाज़ है, या जब जुमले तवील हों, तो पेचीदा जुमलों से गुरेज़ करने के लिए। पस मानी को हदफ़ ज़बान में दोबारा बयान करने में, बाज़ औक़ात कुछ असल तवील जुमलों को कई मुख़्तसर जुमलों में तोड़ना ज़रूरी है। क्योंके बहुत सी ज़बानें सिर्फ़ एक या दो शफ़ों की गिरोहबन्दी के साथ जुमले इस्तेमाल करती हैं, मुख़्तसर जुमले क़ुदरती होने का एहसास देंगे। मुख़्तसर जुमले कारअीन को एक बेहतर समझ भी देंगे, क्योंके मानी ज़ियादा वाज़े होगा। यक़ीनी बनाएँ के नई, मुख़्तसर शफों और जुमलों के माबीन वाज़े राब्ते के अल्फ़ाज़ शामिल हों।

तवील, ज़ियादा पेचीदा जुमलों से मुख़्तसर जुमले बनाने के लिए, जुमले में उन अल्फ़ाज़ की शिनाख्त करें जो एक दूसरे से बराह रास्त ताल्लुक रखते हैं, यह के, जो एक शिक़ की तश्कील के लिए एक दूसरे के साथ ताल्लुक रखते हैं। आमतौर पर हर फ़अल या हरकत लफ्ज़ के दोनों तरफ अल्फ़ाज़ होते हैं जो फ़अल के अमल की तरफ़ या पीछे की तरफ़ इशारा करते हैं। इस तरह के अल्फ़ाज़ का एक गिरोह जो ख़ुद खड़ा हो सकता है उसे एक आज़ाद शिक़ या सादे से जुमले के तौर पर लिखा जा सकता है। इन अल्फ़ाज़ के हर गिरोह को साथ रखें और इस तरह से जुमले को इसके अलग अलग नज़रियात या हिस्सों में तक़सीम करें। यह यक़ीनी बनाने के लिए नए जुमले पढ़ें के अभी भी इनका मानी है। अगर कोई मसअला हो तो, आपको तवील जुमलों को एक मुख्तलिफ़ तरीक़े से तक़सीम करने की ज़रुरत हो सकती है। जब आप नए जुमलों के पैग़ाम को समझें तो, हदफ़ ज़बान में उनका तर्जुमा करें, ऐसे जुमले को बनाएँ जो क़ुदरती लम्बाई की हों और क़ुदरती अन्दाज़ में उन्हें मरबूत करें। फिर अपने तर्जुमे को उस ज़बान की बिरादरी के किसी फ़र्द को पढ़कर यह जांचें के आया यह क़ुदरती लगता है।

अपने लोगों के बात करने का तरीक़ा लिखें

बाईबल की क़तआ या बाब को पढ़ें और ख़ुद से पूछें, “यह किस क़िस्म का पैग़ाम है?” फिर क़तआ या बाब को इस तरीक़े से तर्जुमा करें जिस तरह आपकी ज़बान इस क़िस्म के पैग़ाम को इत्तिला करेगी।

मिशाल के तौर पर, अगर क़तआ एक नज़्म है, जैसा के ज़बूर में, तो इसे ऐसी सूरत में तर्जुमा करें जो आपके लोग नज़्म के तौर पर शिनाख्त करेंगे। या अगर क़तआ सहीह ज़िन्दगी जीने की बाबत एक नसीहत है, जैसा के नए अहदनामे के ख़तूत में, तो इसे ऐसी सूरत में तर्जुमा करें जो आपकी ज़बान में लोग एक दूसरे को नसीहत के लिए करते हैं। या अगर क़तआ इस बाबत एक कहानी है जो किसी ने किया था, तो इसे एक कहानी की सूरत में तर्जुमा करें (जो वाक़ई हुआ हो)। बाईबल में इस क़िस्म की बहुत सी कहानियाँ हैं, और इन कहानियों के हिस्से के तौर पर लोग एक दूसरे से ऐसी बातें कहते हैं जिनकी अपनी भी ख़ुद की सूरत होती है। मिशाल के तौर पर, लोग धमकियाँ देते हैं, इन्तिबाह देते हैं, और एक दूसरे की तारीफ़ या मलामत करते हैं। अपने तर्जुमे को क़ुदरती बनाने के लिए, आपको इन में से हर एक बातों को इस तरीक़े से तर्जुमा करना चाहिए जिस तरह आपकी ज़बान में लोग धमकियाँ देते हैं, इन्तिबाह देते हैं, और एक दूसरे की तारीफ़ या मलामत वगैरा करते हैं।

इन मुख्तलिफ़ चीज़ों को लिखने का तरीक़ा जानने के लिए, आपको अपने इर्द गिर्द लोगों की बातों को सुनना होगा, और मुख्तलिफ़ चीज़ें लिखने का मशक़ करना होगा जो लोग कहते हैं और करते हैं, ताके आप उन सूरत और अल्फ़ाज़ से वाक़िफ हों जो लोग इन मुख्तलिफ़ मक़ासद के लिए इस्तेमाल करते हैं।

एक अच्छा तर्जुमा वही ज़खीरा ए अल्फ़ाज़ और तास्रात इस्तेमाल करेगा जो आमतौर पर हदफ़ गिरोह के लोग इस्तेमाल करते हैं। इसे उनके पढ़ने या सुनने के लिए आसान होना चाहिए। कोई बेसलीक़ा या अजीब ओ ग़रीब जुमले नहीं होने चाहिए। तर्जुमा किसी क़रीबी दोस्त के ख़त की तरह आसानी से पढ़ना चाहिए।

गेटवे ज़बान तर्जुमों के लिए नहीं

यह हिस्सा ULT और UST के गेटवे ज़बान तर्जुमों के लिए नहीं है। ये ऐसी बाईबल हैं जो ऐसी ख़ुसूसियात के लिए नक्श की गयी हैं जो उन्हें हदफ़ की ज़बान में क़ुदरती होने से रोकती हैं। वो बाईबल की तर्जुमे के औज़ार हैं न के सारिफ़ की आख़िरी बाईबल। इसकी बाबत मज़ीद मालूमात के लिए, गेटवे ज़बानों के दस्ती में देखें “ULT का तर्जुमा करना” और “UST का तर्जुमा करना”।


दुरुस्त तर्जुमह करें

This section answers the following question: मैं दुरुस्त तर्जुमह कैसे करूँ?

दुरुस्त तर्जुमह

इंजील का दुरुस्त तर्जुमह तैयार करने का मतलब तर्जुमह वही पैगाम दे जो माखज़ हो. कुछ तरीके इताअद करें:

  • जुज़ के मायने दरयाफ्त करना.
  • मरकज़ इरादे को पहचानिए.
  • मुसन्निफ़ के पैगाम को ज़हन में रखकर तर्जुमह करो.

मायने दरयाफ्त करो

पहेले, मायने दरयाफ्त करने के लिए हर जुज़ को कई बार पढ़ें. ट्रांसलेशन स्टूडियो में मौजूद इंजील के दोनों तर्जुमेह इस्तेमाल करो: अन्फोल्डिंग वर्ड सिम्पलीफाईड टेक्स्ट और अन्फोल्डिंग वर्ड लिटरल टेक्स्ट. और ट्रांसलेशन वर्ड्स और ट्रांसलेशन नोट्स की वज़ाहत भी पढ़ लेना.

पहेले अन्फोल्डिंग वर्ड लिटरल टेक्स्ट को पढ़ें

चाहे तुम कोई भी शहर में दाखिल हो, और वो तुम्हारी खुश आमदीद करें, खाओ जो कुछ तुम्हारे आगे रखा जाए, और वहां जो बीमार हो उनका इलाज करो. उनसे कहो,”खुदा की सलतनत तुम्हारे करीब आई है.” (ल्यूक १०:८-९ यूएलटी)

ट्रांसलेशन हेल्प्स: के अन्फोल्डिंग वर्ड सिम्पलीफाईड टेक्स्ट में देखें

जब कभी तुम किसी शहर में दाखिल हो और वहां के लोग तुम्हारा खैर मकदम करें, वो जो कुछ भी मुहय्या कराएं उसे खा लो. और वहां जो लोग बीमार हो उनका इलाज करो. उनसे कहो,’खुदा की सलतनत ठीक तुम्हारे करीब है.’(ल्यूक १०:८-९ यूएसटी)

क्या तुमने कुछ इख्तेलाफी पर तवज्जो दी? हर इंजील के तरजुमह के अल्फाजों में कुछ इख्तेलाफी होती है.

क्या तुम्हारे दरयाफ्त के मायने बराबर है? दोनों ही तरजुमेह में इस्सा मसीह खास तदरीस दे रहे हैं, और वो एक जैसे तदरीस हैं. दोनों ही तर्जुमेह दुरुस्त हैं.

मरकज़ इरादे को पहचानिए

फिर, जुज़ के मायने दरयाफ्त करने के बाद, तुम्हे मरकज़ इरादे की पहचान करना चाहिए.

खुद से पूछिए,” मुसन्निफ़ ये क्यों लिख रहा है, और वो इन चीजों के बारे में कैसा महसूस करता है?

ल्यूक १० जुज़ को दोबारा देखें. तुम्हे क्या लगता है मुसन्निफ़ ये सब क्यों लिख रहा है? तुम क्या सोचते हो के मुसन्निफ़ जो लिखता है वो उसके बारे में क्या महसूस करता है? तुम क्या सोचते हो? जुज़ को कई बार पढने के बाद, इन सवालों का जवाब दो:

  • क्या हो रहा है?इसा मसीह ने हिदायत दी.
  • कब और कहाँ ये चीजें हुई?इन सवालों का जवाब देने के लिए, इसके पहले क्या हुआ ये तुम्हे याद रखना होगा. पहले ल्यूक लिखता है के इसा मसीह और उनके सहाबा यरुसलिम जा रहे हैं, और बाब १० शुरू होता है जहाँ इसा मसीह तबलीग के लिए ७२ लोगों को बाहर भेजते हैं.

इस जुज़ में कौन शामिल है?इसा मसीह और ७२ लोग जिन्हें उन्होंने बाहर भेजा. ७२ लोगों को बाहर क्यों भेजा गया?बीमारों का इलाज करने और सभी को ये बताने के खुदा की सलतनत उनके नजदीक है.

मुसन्निफ़ का पैगाम

आख़िर में, सोर्स के अल्फाज़ को दुरुस्ती से तरजुमह करने के लिए असल हाजरीन का ख्याल होना चाहिए और मुसन्निफ़ का पैगाम.

क्या तुम्हे लगता है के मुसन्निफ़ के पास कुछ कास चीजें थी जिससे पढने वाले को पता चले? याद रहे हमने क्या सोचा था के मुसन्निफ़ की मरकजी सोच क्या थी? मरकजी सोच थी:

  • हिदायत जो इसा मसीह ने दिया
  • के वो ७२ लोग जिन्हें इसा मसीह ने बाहर भेजा था उनके पास बीमारों का इलाज करने के ताकत होगी
  • के वो औरों को कहेंगे के खुदा की सलतनत पास है

असल हाजरीन के लिए ये पैगाम है. वही पैगाम को अपने ज़हन में साफ़ साफ़ हदफी ज़बान में आने दें.

जुज़ को देखो और सोचो तुम अपनी ज़बान में इसे दुसरो को कैसे बताओगे. इस आगाज़ी तर्जुमेह को लिखते जाएँ. अपनी ज़बान के मुताबिक हुरूफ़ इस्तेमाल करें.

**याद रखें.**तरजुमह करना यानी दोबारा कहना, जितना हो सके उतना दुरुस्त, साफ़ और कुदरती तरीके से असल पैगाम के मायने सामने वाले की ज़बान में.


कलीसिया-मंज़ूरशुदा तर्जुमे बनाएँ

This section answers the following question: मैं किस तरह कलीसिया-मंज़ूरशुदा तर्जुमे बनाऊं?

कलीसिया-मंज़ूरशुदा तर्जुमे

अच्छे तर्जुमे की पहली तीन ख़ुसूसियात हैं वाज़े (देखें वाज़े तर्जुमे बनाएँ), क़ुदरती (देखें क़ुदरती तर्जुमे बनाएँ), और दुरुस्त (देखें दुरुस्त तर्जुमे बनाएँ). यह तीनों अल्फ़ाज़ और जुमले को बराह रास्त मुतासिर करते हैं जो तर्जुमे में इस्तेमाल होते हैं। अगर तर्जुमा इन तीनों में से एक नहीं है, तो इस्तेमाल होने वाले अल्फ़ाज़ को तब्दील या दोबारा तरतीब देना ही मसअले को ठीक कर सकता है। चौथा ख़ुसूसियात, कलीसिया-मंजूरशुदा होने का इस्तेमाल होने वाले अल्फ़ाज़ से कम वास्ता है और इस्तेमाल होने वाले अमल से ज़ियादा वास्ता है

तर्जुमा का मक़सद

बाईबल के मवाद के तर्जुमे का मक़सद न सिर्फ़ एक आली मअयार का तर्जुमा पेश करना है, बल्के एक ऐसे आली मअयार का तर्जुमा पेश करना है जिसे कलीसिया में इस्तेमाल और पसन्द किया जाता है। आली मअयार के तर्जुमा का वाज़े, क़ुदरती, और दुरुस्त होना लाज़िम है।

किस तरह कलीसिया-मंज़ूरशुदा तर्जुमे बनाएँ

कलीसिया-मंज़ूरशुदा तर्जुमे बनाना तर्जुमा, जाँच, और तक़सीम के अमल से मुताल्लिक़ है। कलीसिया के जितने ज़ियादा नेटवर्क जो इस आमाल में शामिल होंगे, उतना ही ज़ियादा मुमकिन है के वह तर्जुमे की मंज़ूरी देंगे।

तर्जुमा तजवीज़ शुरू करने से क़ब्ल, जितना ज़ियादा मुमकिन हो सके कलीसिया के नेटवर्क्स से तर्जुमा का हिस्सा बनने के लिए राब्ता और हौसलाआफजाई किया जाना चाहिए और यहाँ तक के उनके कुछ लोगों को भी तर्जुमा टीम का हिस्सा बनने के लिए भेजना चाहिए। तर्जुमा तजवीज़, इसके मक़सद, और इसके अमल में उनके दरामद के लिए उनसे मशवरा किया जाना चाहिए।

यह ज़रूरी नहीं है के कलीसिया फ़आली तौर पर तर्जुमे की रहनुमाई करे, लेकिन यह ज़रूरी है के जो भी तर्जुमे की रहनुमाई कर रहा है उसे कलीसिया के नेटवर्क्स ने मंज़ूर कर लिया हो, तरजीहन शुरू करने से पहले।

कलीसिया की मंज़ूरी और जाँच पड़ताल की सतह

तर्जुमे के लिए कलीसिया की मंज़ूरी की ज़रुरत वाज़े तौर पर जाँच की सतह पर ज़ाहिर होती है। दर हक़ीक़त, जाँच की सतह बड़ी हद तक इस बात की पैमाईश होती है के कलीसिया किस हद तक तर्जुमे की मंज़ूरी देती है।

  • सतह 1 में बताया गया है के कलीसिया-मंजूरशुदा तर्जुमा टीम ने तर्जुमे को मंज़ूरी दे दी है।
  • सतह 2 में बताया गया है के मक़ामी कलीसियों के निगहबानों और रहनुमाओं ने तर्जुमे को मंज़ूरी दे दी है।

सतह 3 में बताया गया है के कलीसिया के मुतद्दिद नेटवर्क्स के रहनुमाओं ने तर्जुमे को मंज़ूरी दे दी है।

हर सतह पर, तर्जुमे की रहनुमाई करने वाले अफ़राद को कलीसिया के नेटवर्क्स से शिरकत और दरामद की हौसलाआफजाई करनी चाहिए। इस अमल को इस्तेमाल करने के ज़रिए, हम ज़ियादा से ज़ियादा कलीसियाई नेटवर्क्स के दरमियान तर्जुमे की कलीसियाई मलकियत की हौसला आफजाई की उम्मीद करते हैं। इस मंज़ूरी के साथ, कलीसिया को मज़बूत बनाने और उसकी हौसला आफजाई के लिए तर्जुमे का इस्तेमाल होने से कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए।


वफ़ादार तर्जुमे बनाएँ

This section answers the following question: वफ़ादार तर्जुमे क्या हैं?

वफ़ादार तर्जुमे

बाईबल का ऐसा तर्जुमा बनाने के लिए जो वफ़ादार हो, लाज़मी है के आप अपने तर्जुमे में किसी भी, सियासी, फ़िरक़ा वराना, नज़रियाती, मुआशरती, तहज़ीबी, या मज़हबी जानिबदारी से गुरेज़ करें। कलीदी इस्तलाहात इस्तेमाल करें जो असल बाईबल की ज़बानों के ज़खीरा ए अल्फ़ाज़ के साथ वफ़ादार हैं। बाईबल के उन अल्फ़ाज़ के लिए मसावी आम ज़बान अल्फ़ाज़ का इस्तेमाल करें जो बाप ख़ुदा और इब्न ए ख़ुदा के दरमियान ताल्लुकात का बयान करते हैं

बाईबल मुतर्जिम की हैसियत से आप का मक़सद एक ही पैग़ाम को पहुँचाना है जिसका बाईबल के असल मुसन्निफ़ ने इत्तिला देने का इरादा किया था। इसका मतलब यह है के आप को अपना पैग़ाम पहुंचाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, या वह पैग़ाम जो आपके ख़याल में बाईबल को कहना चाहिए, या जो आपकी कलीसिया के ख़याल में बाईबल को कहना चाहिए। बाईबल के किसी भी क़तआ के लिए, लाज़मी है के आप वही इत्तिला करें जो यह कहती है, सब कुछ जो यह कहती है, और सिर्फ़ वही जो यह कहती है। आप को अपनी ख़ुद की कोई तर्जुमानी या पैग़ाम बाईबल में डालने के लालच से या उस पैग़ाम में कोई मानी शामिल करना जो बाईबल क़तआ में नहीं है, से मज़ाहमत करनी होगी। (बाईबल क़तआ के पैग़ाम में बातिनी मालूमात शामिल होते हैं। देखें फ़र्ज़ किया हुआ इल्म और मफ़हूम मालूमात).

यह भी लाज़िम है के आप कलीदी इस्तलाहात इस्तेमाल करें जो असल बाईबल की ज़बानों के ज़खीरा ए अल्फ़ाज़ के साथ वफ़ादार हैं। इस बात को यक़ीनी बनाने के लिए तर्ज़ुमाअल्फ़ाज़ की तअरीफें पढ़ें ताके आप इस अल्फ़ाज़ के मानी को समझें। तर्जुमा करें ताके इन कलीदी इस्तलाहात के यही मानी हों, और इन्हें मुख्तलिफ़ तरीक़े से तर्जुमा न करें सिर्फ़ अपने निगहबान, अपने गाँव के रहनुमाओं, या ख़ुद को ख़ुश करने के लिए

हमेशा वफ़ादारी से तर्जुमा करना कई वजूहात की बिना पर मुश्किल हो सकता है:

आप उस तरीक़े के आदी हो सकते हैं जिस तरह से आपकी कलीसिया बाईबल के कुछ हवालों की तर्जुमानी करती है, और नहीं जानती के इसकी दूसरी तर्जुमानी भी मौज़ूद है।

  • मिशाल: जब आप लफ्ज़ “बपटीज़े” का तर्जुमा कर रहे हों, आप इसे एक ऐसे लफ्ज़ से तर्जुमा करना चाह सकते हैं जिसके मानी है “छिड़कना”, क्योंके आपकी कलीसिया यही करती है। लेकिन तर्जुमाअल्फ़ाज़ पढ़ने के बाद, आप सीखते हैं के इस लफ्ज़ का मतलब “डुबकी मारना”, “डूब”, “धोना”, या “पाकीज़गी” की हद में है।

आप बाईबल के एक हवाले का तर्जुमा उस तरीक़े से करना चाह सकते हैं जो आपकी तहज़ीब के मुताबिक़ हो, बजाय इसके के उस मानी के मुताबिक़ जब यह लिखा गया था।

  • मिशाल: शुमाली अमरीका की तहज़ीब में ख़वातीन का कलीसियाओं में तक़रीर और तबलीग़ आम है। उस तहज़ीब से एक मुतर्जिम 1 कुरिन्थियों 14:34 के अल्फ़ाज़ को इस तरीक़े से तर्जुमा करने की आज़माइश में पड़ सकता है जो के उतना सख्त न हो जितना के पौलुस ने उनको लिखा: “... ख़वातीन को कलीसिया में ख़ामोश रहना चाहिए।” मगर एक वफ़ादार मुतर्जिम बाईबल क़तआ के मानी का सिर्फ़ वही तर्जुमा करेगा जैसा यह है।
  1. आप कुछ नापसंद कर सकते हैं जो बाईबल कहती है, और इसे तब्दील करने की आज़माइश में पड़ सकते हैं।
  • मिशाल: आप नापसंद कर सकते हैं जो यिसू ने 6:53 में कहा, “मैं तुमसे सच सच कहता हूँ, के जब तक तुम इब्न ए आदम का गोश्त न खाओ और उसका खून न पीओ, तुम में ज़िन्दगी नहीं”। यह आपको नागवार मालूम हो सकता है। लेकिन लाज़मी है के आप इसका वफ़ादारी से तर्जुमा करें, ताके आप के लोग इसे पढ़ सकें और इस पर गौर करें के इसके ज़रिए यिसू का मानी क्या था।
  1. आप खौफ़ज़दा हो सकते हैं के आपके गाँव में दूसरे क्या सोचेंगे या करेंगे अगर वो जो बाईबल कहती है उसका वफ़ादार तर्जुमा पढेंगे।
  • मिशाल: आप ख़ुदा के अल्फ़ाज़ मत्ती 3:17 में, “ये मेरा प्यारा बेटा है। मैं इससे बहुत ख़ुश हूँ”, को एक ऐसे लफ्ज़ से तर्जुमा करने की आज़माइश में पड़ सकते हैं जिसके मानी “बेटा” नहीं है। लेकिन आप को याद रखना ज़रूरी है के बाईबल जो कहती है उसका मानी तब्दील करने का आपको इख्तियार नहीं है।

आपको बाईबल की क़तआ के बाबत जिसका आप तर्जुमा कर रहे हैं कुछ इज़ाफ़ी बात मालूम हो सकती है और उसे अपने तर्जुमे में शामिल करना चाहते हैं।

  • मिशाल: जब आप मरकुस 10:11 का तर्जुमा कर रहे हैं, “जो कोई अपनी बीवी को तलाक़ दे और दूसरी से ब्याह करे वो उस पहली के बरख़िलाफ़ ज़िना करता है”, आप जानते होंगे के मत्ती 19:9 में भी यह जुमला है, “...ज़िनाकारी के सिवा....” ऐसा है तो भी, इस जुमले को मरकुस 10:11 में शामिल न करें, क्योंके वह वफ़ादारी का तर्जुमा करना नहीं होगा। अपने कलीसिया से अपनी कोई नज़रियात या तालीमात भी शामिल न करें। सिर्फ़ उसी मानी को तर्जुमा करें जो बाईबल के क़तआ में मौज़ूद है।

इन जानिबदारियों से गुरेज़ करने के लिए, ख़ास तौर से उन मामलात से जिनसे आप वाक़िफ़ न हो सकते हैं, लाज़िम है के आप तर्जुमानोट (देखें http://ufw.io/tn/), तर्जुमाअल्फ़ाज़ (see http://ufw.io/tw/) और अफ़शाएकलाम आसान मतन (देखें http://ufw.io/udb/)का मुतालआ करें, और दूसरा कोई भी तर्जुमा मददगार जो आपके पास हो। इस तरीक़े से आप जानेंगे के बाईबल क़तआ के मानी क्या है, और आपका जानिबदाराना, बेवफ़ादाराना अन्दाज़ में तर्जुमा करने का इमकान कम होगा

आप http://ufw.io/guidelines_faithful पर वीडियो भी देखना चाह सकते हैं।


खुदा के बेटे और वालिद खुदा

This section answers the following question: खुदा के बेटे और वालिद खुदा कौन हैं?

खुदा एक हस्ती है, और वो पाक ट्रिनिटी के रूप में मौजूद है, जो की, बाप, बेटा, और पाक रूह

इंजील तालीम देती है के सिर्फ एक ही खुदा है.

पुराने अहद नामे में:

यावी, वो खुदा हैं; और <यू> कोई और खुदा नहीं है</यू>! (I किंग्स ८:६० यूएलटी)

नए अहद नामे में:

इसा मसीह ने कहा,... “ये मुसलसल ज़िंदगी है: के उन्हें तुम्हारे बारे में पता हो,<यू>सिर्फ एक ही सच्चा खुदा”</यू>. (जॉन १७:३ यूएलटी)

(ये भी देखें: ड्यूट्रोनोमी ४:३५, एफेसियनस ४:५-६, १ टिमथी २:५, जेम्स २:१९)

पुराने अहद नामे में खुदा को तीन शख्स के तौर पर ज़ाहिर किया गया है.

<यू>खुदा</यू> ने असमान बनाया... <यू>खुदा की रूह</यू> चल रही थी... “चलो<यू>हम</यू> <यू> अपनी</यू> अक्स में इन्सान बनाते हैं (जेनेसिस १:१-२ यूएलटी)

<ब्लॉककोट>खुदा ने हमसे एक <यू>बेटे</यू>... के ज़रिए बात की और उनके ज़रिए उन्होंने ये कायनात भी बनाइ. उनके <यू>बेटे</यू> के नूर से जहाँ जगमगाएगा, उनके किरदार का निचोड़... <यू>बेटे</यू>के बारे मे वो कहते हैं,... “शुरुआत में, खुदा, तुमने ज़मीन की बुनियाद बनाई; आसमान तुम्हारे हाथो से बना है.” (यहूदी १:२-३, और ८-१० यूएलटी साम से हवाला १०२:२५)</ब्लॉककोट>

गिरजाघर हमेशा ये पता लगाना जरूरी समझता है के नया अहद नामा खुदा तीन अलग शख्स हैं: बाप, बेटा और पाक रूह के बारे में क्या कहता है.

इसा मसीह ने कहा, “...<यू>बाप</यू>, <यू>बेटे</यू> और <यू>पाक रूह</यू> के नाम पर बप्तिस्मा करो.” (मैथिव २८:१९ यूएलटी)

<ब्लॉककोट> खुदा ने उनके <यू>बेटे</यू> को भेजा, औरत के ज़रिए इस दुनिया में पैदा किया,... खुदा ने अपने <यू>बेटे</यू> के <यू>रूह</यू> को हमारे दिलों में भेजा, जो कहता है, “अब्बा, <यू>बाप</यू>.” (गलाशियंस ४:४-६ यूएलटी) </ब्लॉककोट>

ये भी देखें: जॉन १४:१६-१७, १ पीटर १:२

खुदा का हर एक बंदा पूरी तरह खुदा है और इंजील में “खुदा” कहा गया है.

फिर भी हमारे लिए अभी भी सिर्फ एक ही <यू>खुदा बाप...</यू> है (१ करींथियनस ८:६ यूएलटी)

<ब्लॉककोट>थॉमस ने उन्हें जवाब दिया और कहा, “मेरे खुदा और <यू>मेरे खुदा</यू>.” <यू>इसा मसीह</यू> ने उनसे कहा, “क्योंकि तुमने मुझे देख लिए, तो तुम मुझपर यकीन करते हो. खुशनसीब है वो जिसने मुझे नहीं देखा, फिर भी यकीं करते हैं.” (जॉन २०:२८-२९ यूएलटी) </ब्लॉककोट>

<ब्लॉककोट>पर पीटर ने कहा, “अननियास, शैतान ने तुम्हारे दिल में झूठ भरा ताके तुम <यू>पाक रूह</यू> से झूठ बोलो और ज़मीन के पीछे के हिस्से के पैसे रखो?...तुमने लोगों से झूठ नहीं कहा, पर <यू>खुदा</यू> से.” (एक्ट्स ५:३-४ यूएलटी)</ब्लॉककोट>

हर शख्स भी बाकि दो शख्स से मुख्तलिफ होता है. सभी तीन शख्स एक ही वक्त पर अलग अलग नज़र आ सकते हैं. निचे की आयातों में, खुदा बेटे के रूप में जिनका बप्तिस्मा हो रहा है जब की खुदा रूह के रूप में निचे आते हैं और खुदा बाप के रूप में आसमान से बात करते हैं.

उनका बप्तिस्मा होने के बाद, <यू>ईसा मसीह</यू> पानी से... आए... उन्होंने खुदा के <यू>रूह</यू> को निचे आते देखा..., और असमान से एक <यू>आवाज़</यू> [बाप की] आई और कहा, “ये मेरे चहेते <यू>बेटे</यू>...” (मैथिव ३:१६-१७ यूएलटी)


बाप और बेटे का तर्जुमा

This section answers the following question: खुदा को रुजू करने में ये सोच अहम क्यों है?

डोर४३ इंजील के उस तरजुमे का हिमायत करता है जिसमे खुदा को रुजू करने की ये सोच है.

इंजील की शाहदत

“बाप” और “बेटा” ये वो नाम हैं जो खुदा खुदको इंजील में बुलाते हैं.

इंजील बताती है के खुदा इसा मसीह को अपना बीटा कहते हैं:

उनके बप्तिस्मा होने के बाद, इसा मसीह पानी से निकलते हैं, और... आसमान से एक आवाज़ आती है और कहती है, “<यू>ये मेरा प्यारा बेटा है</यू>. मै इनसे बोहोत खुश हूँ.” (मैथिव ३:१६-१७ यूएलटी)

इंजील बताता है के इसा मसीह खुदा को अपना वालिद कहते हैं:

इसा मसीह ने कहा, “मै तुम्हारी तारीफ करता हूँ <यू>बाप</यू>, ज़मीन और आसमान के खुदा,... कोई भी <यू>बाप</यू> के अलावा <यू>बेटे</यू> को नहीं जानता, और कोई भी <यू>बेटे</यू> के अलावा <यू>बाप</यू> को नहीं जानता” (मैथिव ११:२५-२७ यूएलटी) (और भी देखें: जॉन ६:२६-५७)

ईसाईयों ने पाया के “बाप” और “बेटा” एक तसव्वुरात है जो ट्रिनिटी के पहले और दुसरे शख्स के बोहोत अहम अबदी रिश्ते का वजाहत करते हैं. वाकई इंजील उनका हवाला कई तरीके से करता है, पर इन दो शख्स के बीच के प्यार और नजदीकी को कोई और अल्फाज़ नहीं ज़ाहिर कर पाते, न ही उनके बीच अब्दी मातहत रिश्ते.

इसा मसीह ने खुदा को इन तरीकों से रुजू किया:

<यू>बाप के, बेटे के, और पाक रूह के नाम पर </यू> उनका बप्तिस्मा करो. (मैथिव २८:१९ यूएलटी)

बाप और बेटे के बीच का ये करीबी, प्यारा रिश्ता अबदी है, जैसे ये हमेशा के लिए हैं.

बाप बेटे को <यू>चाहता</यू> करता है. (जॉन ३:३५-३६;५:१९-२० यूएलटी)

<ब्लॉककोट>मैं अपने बाप को <यू>चाहता</यू> हूँ, मै वही करता हूँ जो मेरे वालिद मुझे करने का हुक्म देते हैं, जैसे उन्होंने मुझे अहकाम दिए. (जॉन १४:३१ यूएलटी)</ब्लॉककोट>

<ब्लॉककोट><यू> ...बाप के अलावा कोई नहीं जानता के बेटा कौन है, और बेटे के अलावा कोई नहीं जानता के बाप कौन है</यू>.(ल्यूक १०:२२ यूएलटी)</ब्लॉककोट>

“बाप” और “बेटे” का इस्तेलाह बताता है के बाप और बेटा एक ही हैं; वो दोनों अबदी खुदा हैं

इसा मसीह ने कहा, “मेरे वालिद, मेरी तारीफ करो ताके मैं तुम्हारी तारीफ कर सकूँ... मैंने ज़मीन पर तुम्हारी तारीफ की,... अब मेरे वालिद, मेरी तारीफ करो... जैसी तारीफ <यू>मैंने की थी दुनिया के वजूद के पहले</यू>.” (जॉन १७:१-५ यूएलटी)

<ब्लैककोट>पर इन आखीर के दिनों में, उन्होंने [खुदा जो वालिद हैं] अपने बरते के ज़रिए हमसे बातें की, जिसे उन्होंने ने अपने हर चीजों का वारिस बताया. ये उन्ही की बदौलत है के खुदा ने ये कायनात बनाई. वो खुदा के महरबानी की रौशनी हैं, <यू>उन्ही के किरदार का निचोड़</यू>. वो तो अपने अल्फाज़ की शक्ति से हर चीज़ को गिरफ्त किये हैं. (यहूदी १:२-३ यूएलटी)</ब्लॉककोट>

इसा मसीह ने उनसे कहा, “मैं काफी लम्बे अरसे से तुम्हार इ साथ हूँ और तुम अब भी मुझे नहीं जानते, फिलिप? <यू>जिसने भी मुझे देखा उसने वालिद को देखा</यू>. तुम ये कैसे कह सकते हो, ‘हमें वालिद को दिखाओ’? (जॉन १४:९ यूएलटी)

इंसानी रिश्ते

इंसानी बाप और बेटे बिलकुल दुरुस्त नहीं होते, पर इंजील में अभी भी उन अल्फाजों का इस्तेमाल <यू>बाप</यू> और <यू>बेटे</यू> के लिए करता है, जो की बिलकुल दुरुस्त है.

आज ही की तरह, इंजील के दौर में इंसानी बाप-बेटे के रिश्ते इतने प्यारे या दुरुस्त कभी नहीं थे जैसे इसा मसीह और उनके वालिद का रिश्ता था. पर इसका मतलब ये नहीं के तर्जुमान बाप और बेटे के इस सोच को नज़र अंदाज़ करे. किताब खुदा का रुजू करने के लिए इन इस्तलाह का इस्तेमाल करते हैं, बिलकुल दुरुस्त बाप और बेटे, और गुनाहगार इंसानी बाप बेटे भी. खुदा को बाप और बेटा रुजू करने में, इंसानी “बाप” और “बेटे” को रुजू किए जाने वाले अल्फाजों का अपने ज़बान में इंतेखाब करें. इस तरह से तुम बता पाओगे के खुदा एक बाप और खुदा एक बेटा एक ही हैं (वो दोनों खुदा हैं), जैसे इंसानी बाप और बेटे एक जैसे होते हैं, दोनों इन्सान और दोनों एक ही खसूसियत होती है.

तरजुमे के तदबीर

१. अपने ज़बान में ये अल्फाज़ “बाप” और “बेटा” का तर्जुमा करने की हर मुमकिन ख्याल करें. अपनी ज़बान में “बेटा” और “बाप” का बेहतर मज़हबी अल्फाज़ दरयाफ्त करें. १. अगर तुम्हारी ज़बान में “बेटे” के लिए एक से ज्यादा अल्फाज़ आहें तो जो “इकलौता बेटा” के सबसे करीब का अल्फाज़ हो उसे इस्तमाल करें (या “पहला बेटा” अगर ज़रुरत पड़े तो). १. अगर तुम्हारी ज़बान में “बाप” के लिए एक से ज्यादा अल्फाज़ आहें तो जो “पैदाएशी बाप” के सबसे करीब का अल्फाज़ हो उसे इस्तमाल करें, ना के “ले पालू बाप.”

(देखें खुदा एक बाप और खुदा एक बेटा सफहों में[ट्रांसलेशनवर्ड्स]( https://unfoldingword.bible/ tw/“बाप” और “बेटे” के तरजुमे की मदद के लिए.))


हाक्माना तरजुमह बनाएं

This section answers the following question: हाक्माना तरजुमह क्या होता है?

हाक्माना इंजीली तरजुमह वो है जो इंजील के बुनियादी अल्फाजों को असल ज़बान में हो वही इंजील के मुम्तैन मायने को आला दर्जे का माना गया है. जब कभी इंजील के दो या ज्यादा तर्जुमेह इंजील के जुज़ के मायने के बारे में मुख्तलिफ हो, तब उसके मायने के लिए असल ज़बान को इख़्तियार का फैसला किया जाता है. बाज़ औकात लोग इंजील के तर्जुमेह को ले कर इतने मुखलिस होते हैं के वो दुसरे इन्जीली तर्जुमेह से मुखलिस लोगों से बहस करने लगते हैं. पर उन दोनों ही इंजील के तर्जुमेह आला दर्जे के नहीं होते, क्योंकि वो तो महज़ असल इंजील के तर्जुमेह हैं. सभी तर्जुमेह दर्जे में असल ज़बानी तर्जुमेह से सांवि दर्जे की है. इसीलिए हमें इंजील का तरजुमह करने के फैसले के लिए हमेशा इंजील के असल ज़बान से हवाला लेना चाहिए.

क्योंकि हर तर्जुमेह की जमात के पास वो शक्स नहीं होता जो इंजील को असल ज़बान में पढ़े, तो ऐसा हमेशा मुमकिन नहीं हो पता के इंजील का तरजुमह करने के लिए इंजीली ज़बान का हवाला लिया जाए. बल्कि, तर्जुमेह की जमात को तर्जुमेह पर ही भरोसा रखना होता है जो वो पढ़ सकते हैं, जो की, बुनियादी इंजीली ज़बान पर बनी होती है. गेटवे लैंग्वेजेस के कई तर्जुमेह तो इंजीली ज़बान से ही किये गए थे, यूएलटी भी, पर कुछ तो तर्जुमेह के भी तर्जुमेह होते हैं. जब तर्जुमेह में दो या तीन स्टेप हटा दिए गए हो तो गलती आसानी से हो सकती है.

इस मसले से निपटने के लिए, तर्जुमेह की जमात ये तीन चीजें कर सकती है:

१. तर्जुमेह की जमात को ट्रांसलेशननोट्स, ट्रांसलेशनवर्ड्स, और कोई और ट्रांसलेशन हेल्प्स की मदद से बेहतर तरीके से तरजुमह करना चाहिए. ये ट्रांसलेशन हेल्प्स इंजीली तालिब इल्म ने लिखी थी जिन्हें असल इंजीली जबान पता होती है. १. उन्हें अपने तर्जुमेह को बाकी सभी फ़ाज़िल तर्जुमेह से जितना हो सके उतना तशबीह कर लेना चाहिए, ताकी वही पैगाम दें जो बाकी दे रहे हैं. १. तरजुमाह दुरुस्त हो इसलिए जिस किसीने इंजीली ज़बान पढ़ी है उसे तर्जुमेह का मुआएना कर लेना चाहिए. ये शक्स चाहे गिरजाघर के रहनुमा हो, पादरी हो, तरबियत गाह के मुअल्लिम, या इंजीली तरजुमेह के मुअल्लिम हो.

कई बार इंजीली तर्जुमेंह भी मुख्तलिफ होते हैं क्योंकि इंजील के कई जुज़ असल इंजीली ज़बान में भी जू मायने या साफ़ नहीं होते. ऐसी सूरत में, तर्जुमेह की जमात को इन्तिखाब करना चाहिए के इंजील के तालिबे इल्म ट्रांसलेशननोट्स में, ट्रांसलेशनवर्ड्स में, यूंएसटी में, और बाकी ट्रांसलेशन हेल्प्स में क्या कहते हैं.


तारीख़ी तर्जुमे बनाएँ

This section answers the following question: तारीख़ी तर्जुमे क्या हैं?

(http://ufw.io/trans_culture पर “सहीफ़ों का तर्जुमा – तहज़ीब” वीडियो देखें।)

एक तारीख़ी तआरीफ़ तर्जुमा तारीख़ी वाक़यात और हक़ायक़ को दुरुस्त तरीक़े से इत्तिला करता है। उन लोगों के लिए मतलूबा पैग़ाम को दुरुस्त तरीक़े से पहुंचाने के वास्ते ज़रुरत के मुताबिक़ इज़ाफ़ी मालूमात फराहम करना, जो अस्ल मवाद के अस्ल वसूल करने वालों की तरह एक ही क़रीना और तहज़ीब को शरीक नहीं करते।

तारीख़ी दुरुस्तगी के साथ अच्छी इत्तिला करने के लिए, आपको दो बातें याद रखने की ज़रुरत है।

बाईबल एक तारीख़ी दस्तावेज़ है। बाईबल के वाक़यात उस तरह हुए जिस तरह बाईबल तारीख़ के मुख्तलिफ़ औक़ात में बयान करती है। लिहाज़ा, जब आप बाईबल का तर्जुमा करते हैं तो, आपको वाक़िफ़ियत की ज़रुरत होती है के ये वाक़यात पेश आये, और क्या हुआ इसकी तफ्सीलात में से किसी को तब्दील न करें

  1. बाईबल की किताबें तारीख़ के मख्सूस औक़ात में एक ख़ास तहज़ीब के लोगों के लिए लिखी गयीं। इसके मानी है के बाईबल में कुछ मानी जो अस्ल सामअीन और कारअीन के लिए वाज़े थीं, उन लोगों के लिए वाज़े नहीं होंगी जो बाईबल को मुख्तलिफ़ औक़ात और मुख्तलिफ़ तहज़ीब में पढ़ते हैं। इसका वजह यह है के मुसन्निफ़ और कारअीन दोनों ही बहुत सारे तरीक़ों से वाक़िफ थे जिनकी बाबत मुसन्निफ़ ने लिखा था, और पस मुसन्निफ़ को इनकी वज़ाहत करने की ज़रुरत नहीं थी। हम, जो दूसरे औक़ात और तहज़ीब से हैं, इन बातों से वाक़िफ नहीं हैं, और इसलिए हमें किसी की ज़रुरत होती है जो हमारे लिए इनकी वजाहत करे। इस तरह के मालूमात को “मुज़मेर (या मफ़हूम) मालूमात कहा जाता है”। (देखें फ़र्ज़ किया हुआ इल्म और मफ़हूम मालूमात)

बतौर मुतर्जमीन, हमें तारीख़ी तफ्सीलात को दुरुस्तगी से तर्जुमा करने की ज़रुरत है, लेकिन जब हम समझते हैं के हमारे कारअीन को ज़रुरत होगी तो कुछ वजाहत भी फराहम करें ताके वो समझ सकें के तर्जुमा क्या है।

  • मिशाल के तौर पर, पैदाइश 12:16 ऊँटों का हवाला देता है। दुनिया के उन हिस्सों के कारअीन के लिए जहाँ यह जानवर नामालूम है, इसकी वजाहत फ़राहम करना अच्छा हो सकता है। इसे करने का बेहतरीन तरीक़ा हाशिये, या फ़ेहरिस्त ए अल्फ़ाज़ में दाख़िला है जैसा के तर्जुमाअल्फ़ाज़ में।

कुछ वज़ाहत मतन में शामिल किये जा सकते हैं, जब तक के यह मुख़्तसर हो और कारी की तवज्जो मतन के मरकज़ी नुक़ते से न फेरे।

  • मिशाल के तौर पर, नए अहदनामे के मुसन्निफ़ अक्सर पुराने अहदनामे के वाक़यात का हवाला देते हैं, लेकिन बगैर वज़ाहत किये के वो किस चीज़ का हवाला दे रहे थे। वो जानते थे के उनके कारअीन पुराने अहदनामे से काफी वाक़िफ थे, और किसी वज़ाहत की ज़रुरत नहीं रखते थे। लेकिन यह मुमकिन है के दूसरे औक़ात और मक़ामात के कारअीन को कुछ वजाहत दरकार होगी।

आईये 1 कुरिन्थियों 10:1 का ULT और UST से मोवाज़ना करें।

“भाईयों और बहनों, मैं चाहता हूँ के आप जानें, के हमारे सब बाप दादा बादल के नीचे थे और सब के सब समुन्दर में से गुज़रे”। (ULT

<बन्दइक्तबास> “भाईयों और बहनों, मैं आपको याद दिलाना चाहता हूँ, के बहुत पहले ख़ुरूज के वक़्त हमारे यहूदी आबा ओ अजदाद ख़ुदा की पैरवी कर रहे थे, जिसने दिन के वक़्त बादल में होकर उनकी रहनुमाई की, जब वो लाल समुन्दर में ख़ुश्क ज़मीन से गुज़रते थे”। (UST)</बन्दइक्तबास>

गौर करें के UST कई नुक्तों को वाज़े करती है: ‘सब बाप दादा बदल के नीचे थे’ उस वक़्त की बाबत बताता है जब ख़ुदा ने यहूदी आबा ओ अजदाद की बादल की सूरत में रहनुमाई की। ‘हमारे बाप दादा समुन्दर में से गुज़रे’ यह बयान भी, खुरूज़ के वक़्त लाल समुन्दर में से गुजरने’ की बाबत है। UST मुतर्जिम ने तारीख़ी वाक़यात को वाज़े तौर पर बयान करने का फैसला किया। तारीख़ी वाक़यात को तर्जुमा करने का यह एक तरीका है जो उनके लिए ज़ियादा मानी ख़ेज़ है जो पुराने अहदनामे की तारीख़ के बारे में बहुत कम मालूमात रखते हैं।

उन ज़रूरी मफ़हूम मालूमात को शामिल करें या हवाला दें जो अस्ल मुसन्निफ़ का इरादा था जो आपकी बिरादरी को समझने के लिए ज़रूरी होगा के क्या लिखा गया है।

पैग़ाम की तारीख़ी दुरुस्तगी को बरक़रार रखें। उन चीज़ों और वाक़यात का हवाला देने से गुरेज़ करें जो बाईबल के ज़माने में मौज़ूद नहीं थीं। अपने तर्जुमा को इस तरह न बनाएँ जैसे के यह कोई जदीद दिन का वाक़या हो।

याद रखें:

  • तारीख़ी मतन को सच्चा रख्खें। अस्ल पैग़ाम, तारीख़ी वाक़यात, और तहजीबी पस मन्ज़र की मालूमात सब यकसां होना चाहिए जैसा के यह माख़ज़ मतन में लिखा गया था। मिशाल के तौर पर, लाज़मी है के तर्जुमा में पैग़ाम को दोबारा इस तरह नहीं लिखना चाहिए के वाक़यात किसी मुख्तलिफ़ जगह या वक़्त पर हुए हों।
  • पैग़ाम को इस तरीक़े से बयान करने के ज़रिए वाज़े तौर पर इत्तिला करें के हदफ़ ज़बान की तहज़ीब के लोग उस मानी को समझने के क़ाबिल होंगे जो अस्ल मुसन्निफ़ ने इत्तिला करने का इरादा किया था।
  • सिर्फ़ वही इज़ाफ़ी मालूमात फ़राहम करें जो मतलूबा पैग़ाम को दुरुस्त तरीक़े से उन लोगों तक पहुंचाने के वास्ते ज़रूरी है जो अस्ल मवाद के अस्ल वसूल करने वालों की तरह एक ही क़रीना और तहज़ीब को शरीक नहीं करते।

हमसर तर्जुमा करें

This section answers the following question: हमसर तर्जुमा क्या है?

एक हमसर तर्जुमा सोर्स ज़बान को उसही तरीके से सामने वाले की ज़बान में ज़ाहिर कर राबता करते हैं. खास तौर से ध्यान दें के सोर्स के अल्फाज़ जिस जजबात से राबता किया जाता है और सामने वाले के ज़बान के लिए भी फॉर्म्स चुनें. कुछ फॉर्म्स के मिसाल निचे दिए गए हैं.

मुहावरा

डेफिनिशन - मुहावरा कुछ अल्फाजों के गिरोह हैं जिनके मायने बोलने वाले के अल्फाजो के मायने से अलग समझ आते हैं. मुहावरे, कहावत, और अंदाज़ इज़हार को दरयाफ्त करें और वही मायने को जज़बातों के साथ तर्जुमा करें.

तफसील - आम तौर पर मुहावरों का किसी और ज़बान में लाफ्ज़ी तौर पर तर्जुमा नहीं किया जा सकता. मुहावरों के मायने को कोई और ज़बान में वही जज़्बाती तरीके से बोलना चाहिए.

यहाँ तीन तरजुमे हैं, सभी के एक ही मायने हैं, ऑफ़ एक्ट्स १८:६:

  • “तुम्हारा खून तुम्हारे सर के ऊपर होगा! मैं बेगुनाह हूँ.” (आरएसवी)
  • “अगर तुम गुम गए हो, तुम्हे खुदपर ही इलज़ाम लेना होगा उसके लिए, मैं ज़िम्मेदार नहीं हूँ.” (जीएनबी)
  • “अगर खुदा तुम्हे सजा देता है, तो वो तुम्हारी वजह से, मेरी नहीं!” (टीएफटी)

ये सब गुनाहों के इलज़ाम हैं. कुछ लोग मुहावरों को “खून” या “गुम शुदा” जैसे अल्फाजों के साथ इस्तेमाल करते हैं, जबकि तीसरा वाला साफ़ अलफ़ाज़ “सजा” कहा. तुम्हारा तर्जुमा बराबर हो, इस लिए उसमे इलज़ाम को जज़्बाती तरीके से कहना चाहिए, और मुहावरा भी इस्तेमाल कर सकते हो, जब तक इलज़ाम और मुहावरा दोनों ही सामने वाले की ज़बान और सकाफत के हिसाब से हो.

अंदाज़ इज़हार

डेफिनिशन - अंदाज़ इज़हार एक ख़ास तरीका है कुछ बोलने का ताके आप लोगों का ध्यान पकड़ सको या जो भी कहा है उसे जज्बात से ज़ाहिर करने का.

तफसील - अंदाज़ इज़हार के मायने एक शख्स के अल्फाजों के आम मायने से पूरी तरह अलग होता है.

यहाँ कुछ मिसाल हैं:

  • <यू>मैं टूट हो गई थी</यू>! बोलने वाला लाफ्ज़ी तौर पर नहीं टुटा था, पर उसे काफी बुरा लगा.
  • <यू>मैं जो भी कहती वो अपने कान बंद कर लेता.</यू> मतलब, “वो जो कुछ भी कह रही थी उसने सुनना नहीं चाहा.”
  • <यू>हवा पेड़ में गम मना तहे थे</यू>. इसका मतलब जो हवा पेड से लग कर आवाज़ कर रही थी ऐसा लग रहा था के कोई शक्स रो रहा हो.
  • <यू>सारी दुनिया मीटिंग में आई थी</यू>. आलम के हर लोग ने मीटिंग में हाज़िर नहीं हुए. वहां मीटिंग में काफी लोग थे.

हर ज़बान अपने अलग अंदाज़ इज़हार इस्तमाल करती है. कोशिश करो के तुम भी कर सको:

  • पहचानो के अंदाज़ इज़हार का इस्तेमाल हुआ है
  • अंदाज़ इज़हार का मकसद पहचानो
  • अंदाज़ इज़हार का असल मायने पहचानो

अंदाज़ इज़हार का असल मायने यही है जिसे अपनी ज़बान में तर्जुमा करना चाहिए, किसी अफराद के अल्फाजों के मायनों का नहीं. एक बार तुमने असल मायने को समझ लिए, तो तुम सामने वाले की ज़बान में बात ज़ाहिर करने के लिए वही मायने और जजबात का इस्तेमाल कर सकते हो.

(ज्यादा मालूमात के लिए, अंदाज़ इज़हार देखें(../figs-intro/01.md)मालूमात.)

रेटोरिकल सवाल

डेफिनिशन - रेटोरिकल सवालात जिससे बोलने वाला पढने वाले का ध्यान अपनी तरफ मैल करता है.

तफसील - रेटोरिकल सवाल एक किस्म का सवाल है जो जवाब की उम्मीद नहीं रखता या मालूमात नहीं मांगता. वो सिर्फ कसी तरह के जज्बात को ज़ाहिर करता है और बगावत का इरादा भी हो सकता है, एक धमकी, हैरत इज़हार करना, या कोई और चीज़.

देखें, मसलन, मैथिव ३:७: “तुम जहरीले सांप की नसल, तुम्हे मुसीबत से भागने के लिए किसने कहा?”

यहाँ कोई जवाब नहीं चाहता. बोलने वाला मालूमात नहीं पुछ रहा; वो सुनने वाले को डांट रहा है. ये लोगों को खुदा के कहर के बारे में खबरदार करना नेक काम नहीं है, क्योंकि इन्होने अपने बचने का एक ही रास्ता; गुनाहों से तौबा को मना कर दिया.

जब तुम अपना तर्जुमा पढ़ रहे हो तो हो सकता है के तुम्हे रेटोरिकल सवाल दोबारा पढना पढ़े, अगर तुम्हारी जबान रेटोरिकल सवाल उस तरीके से नहीं इस्तेमाल करती. पर याद रखें, के मकसद और मायने को वही रखें, और राबता करें वही जजबात के साथ असल रेटोरिकल सवाल. अगर तुम्हारी ज़बान रेटोरिकल सवाल के मकसद, मायने और जजबात को किसी और अंदाज़ इज़हार से राबता करती है , तो वही अंदाज़ इज़हार इस्तेमाल करें.

(देखें रेटोरिकल सवाल)

एक्सक्लैमेशन्स

डेफिनिशन - ज़बान एक्सक्लैमेशन्स का इस्तेमाल जजबात ज़ाहिर करने को करते हैं. कभी कभी एक्सक्लैमेशन्स के अल्फाज़ या अल्फाजों का मतलब जजबात ज़ाहिर करने के अलावा कुछ नहीं होता, जैसे अंग्रजी में “आलास” या “वाव” जैसे अलफ़ाज़.

देखें, मसलन, १ सैमवेल ४:८:वो टू अस! हमें इन निहायत ताकतवर खुदा से कौन बचाएगा? (यूएलटी)

यहाँ यहूदी तरजुमे किए अल्फाज़ “वो” कुछ बुरा होने के मज़बूत जजबात ज़ाहिर करता है. अगर हो सके तो अपनी ज़बान में वही जजबात को ज़ाहिर करने के लिए एक्सक्लैमेशन ढूंढे.

शायरी

डेफिनिशन - शायरी का एक मकसद ये भी है के किसी चीज़ के बारे में जजबात ज़ाहिर करना.

तफसील - शायरी को कई अलग तरीके से अलग अलग ज़बान में किया जाता है. इन तरीकों पर कई बार गुफ्तगू हो चुकी है, जैसे अंदाज़ इज़हार और एक्सक्लैमेशन्स. शायरी में आम गुफ्तगू में इस्तेमाल की जाने वाली ग्रामर को मुख्तलिफ अंदाज़ से इस्तेमाल किया जाता है, या अल्फाजों के खेल या एक जैसे सुनाई देने वाले अल्फाज़ या इन सिलसिलों के ज़रिए जजबात ज़ाहिर किया जाता है.

देखें, मसलन, साम ३६:५: तुम्हारी इमानदारी का अहद, याह्वी, [पहोचना] जन्नत मे; तुम्हारी वफादारी तुम्हे बादलों में [पहोचाती] है. (यूएलटी)

इस शायरी की शेर हम सूरत सोच को दो लकीरों मे दोहराया, जो यहूदी शायरी का अच्छा तरीका है. और, असल यहूदी में कोई वर्ब भी नही होता, जो के आम तक़रीर के ग्रामर से अलग इस्तेमाल करते हैं. तुम्हारी ज़बान में चीजें मुह्तालिफ हो तो उसे शायरी ही कहो. जब आप शायरी का तार्जुमा कर रहे हो तो कोहिश करो के बात ज़ाहिर करने के लिए अपनी ज़बान के फोर्म्स इस्तेमाल करो ताके पढने वाले को लगे के ये शायरी है, और वो वही जजबात से राबता करेगा जो सोर्स शायरी कोशिश कर रही है.

याद रहे - असल अलफ़ाज़ के अहसास और रवैया को ज़ाहिर करो. उसे तर्जुमा करो उसी फॉर्म में जिस तरीके से तुम अपनी ज़बान में राबता करना चाहते हो. गौर करो के कैसे वो मायने सबसे नेह्तारीन हो सकते हैं बिलकुल दुरुस्त, साफ़ तौर से, इकवली, और कुदरती ज़ाहिर करना सामने वाले की जबान में.


मुश्तरका तर्जुमा बनाएं

This section answers the following question: मुश्तरका तर्जुमा क्या है?

मुश्तरका इंजीली तर्जुमा वो है जिसे एक ही ज़बान बोलने वाले गिरोह तर्जुमा करते हैं. तुम्हारा तर्जुमा आला दर्जे का हो, आपकी ज़बान बोलने वाले गैर मज़हबी लोगों के साथ तर्जुमा करें, जांचे, और तरजुमे के अजज़े को तकसीम करें.

यहाँ कुछ तरीके हैं जिससे बाकियों को तरजुमे की खासियत बेहतर करने में मदद मिली.

  • तरजुमे को किसी के सामने तेज़ आवाज़ में पढ़ें. अगर आपके फिकरे दुरुस्त हैं तो उनकी तवज्जो आपकी तरफ आने दें. उस शक्स से पूछें अगर कोई अल्फाज़ या जुज़ सही नहीं लग रहा या साफ नहीं है. इस तरह से तबदीली करें के ऐसा लगना चाहिए के कोई आप ही के बिरादरी से बोल रहा हो.
  • किसी शक्स को अपना तर्जुमा पढने दें ताके आप हिज्जे की जांच कर सकें. हो सकता है के तुमने कोई अल्फाज़ को अलग हिज्जे लगा कर बोला हो जब वो ज़रूरी नहीं था. कुछ अल्फाज़ अलग हालात में बदल जाते हैं, पर कुछ अल्फाज़ हर हालात में एक जैसे होते हैं. इन तब्दीलियों पर गौर करें, ताके बाकियों को पता चले के तुमने अपनी ज़बानी हिज्जे के बारे में क्या फैसला लिया.
  • अपने आप से पूछो जो तुमने लिखा क्या वो अलग बोली बोलने वाले तुम्हारे बिरादरी के लोग आसानी से पड़ सकेंगे. औरों से पूछो के तुम्हारे तरजुमे में जो कुछ साफ़ नहीं है वो कैसे कहेंगे.

बड़े हाजरीन को तकसीम करने से पहले अपने तरजुमे में तबदीली कर लें.

याद रखें, हो सके तो, तर्जुमा करने के लिए एक ज़बान बोलने वाले गैर मज़हबी लोगों के साथ काम करें, जांच करें, और तरजुमे को तकसीम करें, और यकीं बनाए रखें के तर्जुमा आला दर्जे का हो और ज्यादा से ज्यादा लोग पढ़ें और समझ सकें.

(अगर आप विडियो देखना चाहते हैं तो http://ufw.io/guidelines_collab.)


जारी तर्जुमा करना

This section answers the following question: जारी तर्जुमा क्या है?

इंजीली तर्जुमा जारी रहना चाहिए. तरजुमे को औरों के साथ तकसीम करें और देखें क्या वो पैगाम के मायने समझ पाते हैं. अपने तरजुमे को उनके मशवरो से बेहतर बनाएं. समझ और दरस्त्गी बढ़ाने के लिए तरजुमे को दोबारा पढना एक अच्छी सोच है. जब किसी के पास तरजुमे को बेहतर करने का कोई अच्छा तरीका हो, तो तुम्हे उस तबदीली को शामिल कर तरजुमे को तरतीब करना चाहिए. जब तुम ट्रांसलेशनस्टूडियो या कोई और इलेक्ट्रॉनिक टेक्स्ट एडिटर का इस्तेमाल करते हैं, तो तुम्हे दोबारा पढने और तरजुमे को बेहतर बनाने के काम को जारी रखना चाहिए.

  • मबसर ज़रूरी होते हैं जो तरजुमे को पढ़े और जहाँ दोबारा तबदीली की ज़रूरत हो वहां बता सके.
  • लोगों ने तरजुमे को पढ़ने या तरजुमे के रिकॉर्डिंग को सुनने दो. इससे तुम्हे ये जानने में मदद मिलेगी के आपके बिरादरी में तरजुमे का वही असर होगा जो असल हाजरीन के सामने होगी (मसलन: आराम देना, हौसला अफजाई करना, या हिदायत देना).
  • तरजुमे में तसीह करना जारी रखने से तर्जुमा और ज्यादा दुरुस्त, ज्यादा साफ़, और ज्यादा कुदरती होगा. मंजिल हमेशा यही होना चाहिए के वही मायने बताओ जो सौर्स के अलफ़ाज़ में हो.

याद रखें, लोगों को रिव्यु करने के लिए हौसला अफजाई करते रहें और तुम्हे और बेहतर करने के आईडिया बताएं. और लोगों से भी उन आईडिया के बारे में बातें करें. जब मुतादिद लोग सहमत हो जाएँ के ये आईडिया अच्छे हैं, तब तरजुमे में वो तब्दीलियां कर दें, इस तरह से तर्जुमा बेहतर और बेहतर होता जाएगा.

(आप अगर विडियो देखना चाहते हैं तो http://ufw.io/guidelines_ongoing.)


तर्जुमा अमल

This section answers the following question: मैंने दो चीज़ें जो मैं करती हूँ क्या हैं?

किस तरह तर्जुमा करना

तर्जुमा में दो चीज़ें हैं:

  1. ज़रीया ज़बान मतन में मअनी दरयाफ़त करें (मुलाहिज़ा करें: मतन के मअनी को तलाश करें)
  2. हदफ़ ज़बान तर्जुमा में मअनी दुबारा दुबारा बताओ (मुलाहिज़ा करें: मतलब दुबारा मअनी)

तर्जुमा के लिए हिदायात कभी कभी इन दोनों चीज़ों को छोटे क़दमों में तक़सीम कर देते हैं. जे़ल में ग्राफ़िक से पता चलता है कि ये दो अलफ़ाज़ तर्जुमा अमल में कैसे फुट है |


मतन का मतलब दरयाफ़त करें

This section answers the following question: मैं मतन का मतलब कैसे जान सकता हूँ?

मतलब को दरयाफ़त कैसे करें

बहुत से मुख़्तलिफ़ चीज़ें हैं जो हम मतन के मअनी को तलाश करने में मदद करने के लिए कर सकते हैं, ये यक़ीनी बनाने के लिए कि हम इस बात को समझने के लिए कि मतन को क्या कहना है. यहां चंद तजावीज़ हैं:

  1. इस से पहले कि आप उस का तर्जुमा करने से पहले पूरे रास्ते पढ़ें. इस से पहले कि आप उस का तर्जुमा शुरू करने से पहले पूरे रास्ते का अहम नुक़्ता-ए-नज़र समझें | अगर ये एक अफ़सानवी मंज़ूरी है, जैसा कि यसवा के मोजज़े में से एक की कहानी असल सूरत-ए-हाल की तस्वीर है. तसव्वुर करें कि आप वहां थे. तसव्वुर करें कि लोग किस तरह महसूस करते हैं.
  2. बाइबल का तर्जुमा करते वक़्त, बाइबल के कम से कम दो वर्ज़न हमेशा आपके ज़रीया मतन के तौर पर इस्तिमाल करते हैं. दो वर्ज़नों की मुवाज़ ना आपको मअनी के बारे में सोचने में मदद करेगी, ताकि आप सिर्फ एक लफ़्ज़ी लफ़्ज के अलफ़ाज़ पर अमल ना करें. दो वर्ज़न होना चाहीए
  • एक है जो इस तरह के पास के पास असामान्य शब्द शाब्दिक पाठ (युएलटी) के रूप में मूल भाषा के आकार का अनुसरण करता है।
  • एक मअनी पर मबनी नुस्ख़ा, जैसे बेमिसाल लफ़्ज आसान मतन (यूऐसटी)
  1. शराइत के बारे में सीखने के लिए तर्जुमा अलफ़ाज़ वसाइल का इस्तिमाल करें जो आपसे वाक़िफ नहीं हैं. अलफ़ाज़ कभी कभी एक से ज़्यादा मअनी हैं. इस बात को यक़ीनी बनाएँ कि आपने गुज़रने के लफ़्ज का सही मतलब समझ लिया है |
  2. बाइबिल के साथ अनुवाद कि ULT का उपयोग करें. इस अनुवाद प्रोग्राम और स्टूडियो दरवाजे वेब साइट 43 में उपलब्ध हैं। हो सकता है कि यह उन चीजों के बारे में स्पष्ट न हो जो पारित हुई हैं। यदि संभव हो, तो बाइबल और बाइबल शब्दकोश या बाइबल जैसी अन्य संदर्भ किताबें, एक टिप्पणी की प्रतिलिपि याँ करें, कृपया भी उपयोग करें।

मतलब का मतलब दुबारा

This section answers the following question: मैं किस तरह मतलब दुबारा बताऊं?

मैं किस तरह मतलब दुबारा बताऊं?

मुंदरजा ज़ैल अहकामात की एक फ़हरिस्त मुंदरजा ज़ैल है. इन इक़दामात का मक़सद मुतर्जिम की मदद करने के लिए है जो कि क़ुदरती, काबिल-ए-ज़िक्र और दरुस्त है. एक आम मुतनासिब ग़लतीयों में से एक एक मुतनव्वे मतन की तरक़्को के लिए हदफ़ ज़बान में क़ुदरती शक्लों का इस्तिमाल करने में नाकाम रहा है. इन मराहिल के मुताबिक़, मुतर्जिम एक ज़्यादा क़ुदरती और ज़्याद समझदार तर्जुमा तैयार करेगा

  1. ज़रीया ज़बान में मुकम्मल मुंतख़ब शूदा मंज़ूरी पढ़ें. गुज़रने एक पैराग्राफ़ या एक ऐसी चीज़ हो सकती है जो एक कहानी में वाक़्य हुआ है, या इस से भी एक मुकम्मल सैक्शन (कुछ बबलस में, एक अनवान से अगले सुर्खी तक सब कुछ). एक मुश्किल मतन में, एक मंज़ूरी सिर्फ एक या दो आयात हो सकती है
  2. ज़रीया ज़बान में मतन को देखकर बग़ैर ज़बानी तौर पर हदफ़ ज़बान में बताओ. अगरचे आप कुछ हिस्सों को भूल सकते हैं, आपको आख़िर तक सही तरीक़े से याद रखना जारी रखें.
  3. फिर, ज़रीया ज़बान का मतन मुलाहिज़ा करें. अब हदफ़ ज़बान में सब कुछ बताओ.
  4. माख़ज़ ज़बान के मतन में दुबारा देखकर, आप सिर्फ भूल गए हिस्सों पर तवज्जा मर्कूज़ करते हैं, और फिर ये सब मैमरी की तरफ़ से हदफ़ ज़बान में दुबारा दुबारा बता.
  5. पूरी मंज़ूरी को याद करने के बाद, उसे बिलकुल लिखें जैसा कि उसने याद रखी है कि आप उसे मैमरी की तरफ़ से दुबारा कहा.
  6. लिखा हुआ बार, देखकर ज़रीया ज़बान को देखो कि आपने कुछ तफ़सील नज़रअंदाज की है. किसी भी तफ़सील को सबसे ज़्यादा क़ुदरती  जगह में डालें.
  7. अगर आप ज़रीया टेक्स्ट में किसी चीज़ को नहीं समझते तो, तर्जुमा में [नहीं समझ लिया] में लिखें और बाक़ी हिस्सों को लिखना जारी रखें.
  8. अब, आपने क्या लिखा पढ़ा. अंदाज़ा करें कि आप उसे समझते हैं या नहीं. बेहतर हिस्सों को दरुस्त करें .
  9. अगले हिस्से पर जाएं. ज़रीया ज़बान में उसे पढ़ें. सख़्ती से 2 से 8 मराहिल पर अमल करें.
  • क्रेडिट: इजाज़त की तरफ़ से इस्तिमाल किया, 2013, एसीलील इंटरनैशनल, हमारी मुक़ामी सक़ाफ़्त का इश्तिराक, पी. 59.

सूरत और मानी

This section answers the following question: सूरत और मानी क्या हैं?

सूरत और मानी की तआरीफ़ करना

तर्जुमे के मतन में इस्तेमाल होने वाली दो अहम इस्तलाहात “सूरत” और “मानी” हैं। बाईबल तर्जुमे में ये इस्तलाहात ख़ुसूसी तरीक़े से इस्तेमाल किये जाते हैं। इनकी मुन्दर्जा जैल तआरीफ़ें हैं”

  • सूरत - ज़बान की साख्त जिस तरह यह सफ़ह पर ज़ाहिर होता है या जिस तरह यह बोला जाता है। “सूरत” उस तरीक़े से मुराद है जैसा ज़बान को तरतीब दिया जाता है-इसमें अल्फ़ाज़, लफ्ज़ आरास्तगी, क़वायद, मुहावरे, और मतन के साख्त की कोई भी दूसरी ख़ुसूसियात शामिल होते हैं।
  • मानी - बुनियादी ख़याल या तसव्वर जो यह मतन कारी या सुनने वालों को इत्तिला करने की कोशिश कर रहा है। ख़तीब या मुसन्निफ़ इसी मानी को ज़बान की मुख्तलिफ़ सूरतें इस्तेमाल करने के ज़रिए इत्तिला कर सकते हैं, और ज़बान की इसी सूरत को पढ़ने या सुनने के ज़रिए मुख्तलिफ़ लोग मुख्तलिफ़ मानी समझ सकते हैं। इस तरीक़े से आप देख सकते हैं के सूरत और मानी एक ही चीज़ नहीं हैं।

एक मिशाल

आयें आम ज़िन्दगी से एक मिशाल पर गौर करें। फ़र्ज़ करें के एक दोस्त ने आपको नीचे दिया गया नोट भेजा:

  • मैं एक बहुत मुश्किल हफ़्ता गुज़ार रहा हूँ। मेरी माँ बेमार थीं और मैंने अपनी तमाम रक़म उन्हें डॉक्टर के पास ले जाने और उनके लिए दवा खरीदने में ख़र्च कर दिया। मेरे पास कुछ नहीं बचा। मेरा आजिर अगले हफ़्ते के आख़िर तक मुझे अदायगी नहीं करेगा। मुझे नहीं मालूम के मैं हफ़्ता भर किस तरह गुज़ारूँगा। मेरे पास खाना ख़रीदना के लिए भी रक़म नहीं है”।

मानी

आपको क्यों लगता है के दोस्त ने यह नोट भेजा है? सिर्फ़ अपने हफ़्ते की बाबत आपको बताने के लिए? शायद नहीं। ज़ियादा मुमकिन है के आपको बताने का उसका अस्ल इरादा था:

  • “मैं चाहता हूँ के तुम मुझे रक़म दो”।

यह इस नोट का बुनियादी मानी है जिसको भेजने वाला आपको इत्तिला करना चाहता है। यह कोई रिपोर्ट नहीं बल्के दरख्वास्त है। ताहम, बाज़ तहज़ीबों में इतना बराह रास्त रक़म माँगना बदतमीज़ी होगी-यहाँ तक के दोस्त से भी। लिहाज़ा, उसने दरख्वास्त को पूरा करने और उसकी ज़रुरत को समझने में आपकी मदद के लिए नोट की सूरत को आरास्ता किया। उसने तहज़ीबी तौर पर क़ाबिल ए क़बूल अन्दाज़ में अपनी रक़म की ज़रुरत पेश की लेकिन आपको जवाब देने का पाबन्द नहीं किया। उसने वज़ाहत किया के उसके पास रक़म क्यों नहीं थी (उसकी बीमार माँ), के उसकी ज़रुरत आरिज़ी थी (जब तक के उसकी अदायगी न हो), और के हालत मायूस कुन थी (खाना नहीं)। दूसरी तहज़ीबों में, दरख्वास्त की एक ज़ियादा बारह रास्त सूरत इस मानी को बताने के लिए ज़ियादा मुनासिब हो सकती है।

सूरत

इस मिशाल में, नोट की पूरी मतन सूरत है। मानी है “मैं चाहता हूँ के तुम मुझे रक़म दो!”

हम इन इस्तलाहात को यकसां तरीक़े से इस्तेमाल करते हैं। सूरत इन आयात के पूरे मतन का हवाला देगा जिस का हम तर्जुमा कर रहे हैं। मानी इस ख़याल या नज़रियात का हवाला देगा जिसको मतन इत्तिला करने की कोशिश कर रहा है। किसी मानी को इत्तिला करने के लिए बेहतरीन सूरत मुख्तलिफ़ ज़बानों और तहज़ीबों में मुख्तलिफ़ होगी।


फ़ार्म की एहमीयत

This section answers the following question: फ़ार्म की एहमीयत किया है?

फ़ार्म क्यों अहम है

एक मतन का मतलब सबसे अहम अंसर है. ताहम, मतन की शक्ल बहुत अहम है. ये मअनी के लिए सिर्फ "कंटेनर" से ज़्यादा है. ये रास्ते पर-असर अंदाज़ करता है जिसका मअनी समझा जाता है और मौसूल हुई है. लिहाज़ा फ़ार्म में भी एक मअनी है

मिसाल के तौर पर, ज़बूर 9: 1-2 के दो तर्जुमाओं के दरमयान शक्ल में इख़तिलाफ़ात को देखें:

नया ज़िंदगी वर्ज़न से:

में अपने पूरे दल के साथ रब का शुक्रिया अदा करूँगा. मैंने आपकी तमाम अज़ीम चीज़ें बताएँगी. आपकी वजह से मैं ख़ुशी और ख़ुश होंगी. ए सबसे ज़्यादा आपका नाम आपके नाम की तारीफ़ करूँगा.

नए नज़र-ए-सानी शूदा मयारी वर्ज़न से

मैं अपने पूरे दल के साथ ख़ुदावंद के हुज़ूर शुक्रगुज़ार हूँगा.

मैं आपके तमाम शानदार आमाल बताऊँगा.

मैं ख़ुश होंगे और आप में बहुत ख़ुश होंगे;

मैं आपके नाम की तारीफ़ करता हूँ, ए सबसे ज़्यादा.

पहला वर्ज़न इस मतन को एक शक्ल में रखता है जिससे वो कहानीयों को बताने के लिए फ़ार्म से मुख़्तलिफ़ नहीं है. ज़बूर की हर सतर एक अलैहदा सज़ा के तौर पर कहा जाता है

दूसरे नुस्खे़ मैं, मतन की तर्तीब की जाती है जैसा कि शायरी की लाईनों को हदफ़ की सक़ाफ़्त में तर्तीब दी जाती है, नज़म की हर सतर के सफ़े की अलैहदा लाईन पर. इस के साथ, पहली दो लाइनें नियम नियम कॉलोनी के साथ शामिल हुईं, दूसरी सतर में इन्फ़िरादी तौर पर. ये बात ये बताती हैं कि दो लाइनें मुताल्लिक़ हैं- वो बहुत ही ही चीज़ें कहते हैं. तीसरी और चौथा लाइनें इसी तर्तीब में भी हैं

दूसरा वर्ज़न का एक क़ारईन ये जान लेंगे कि ये ज़बूर एक मिसाल शक्ल है या उस के ज़रीया एक गाना है क्योंकि उस के ज़रीया पहले वर्ज़न के क़ारईन को इस तफ़हीम को हासिल नहीं हो सकता है, क्योंकि ये मतन के ज़रीया नहीं हुआ था. पहले वर्ज़न के क़ारईन को उलझन में पड़ा जा सकता है, क्योंकि ज़बूर को एक गाना लगता है, लेकिन ये एक ही पेश नहीं होता है. अलफ़ाज़ ख़ुशी की जज़बात का इज़हार कर रहे हैं. एक मुतर्जिम के तौर पर, आपको अपनी ज़बान में एक ख़ुशगवार गाना इज़हार करने के लिए फ़ार्म का इस्तिमाल करना चाहीए

2 समोयल 18: 33 ब के तौर पर भी नया बैन-उल-अक़वामी नुस्ख़ा देखो.

"ए मेरे बेटे अबोबालोम, मेरे बेटे, मेरे बेटे अबीबालोम! अगर मेरा बेटा, मेरे बेटा अबोबालोम के बजाय सिर्फ में मर गया हूँ!"

किसी को ये कह सकता है कि इस आयत के इस हिस्से में मौजूद मअनी ये है कि, "मैं चाहता हूँ कि मेरे बेटे अबीबोम के बजाय में मर गया." ये अलफ़ाज़ में मौजूद मअनी का ख़ुलासा करता है. लेकिन फ़ार्म सिर्फ इस मवाद से कहीं ज़्यादा बात करता है | "मेरे बेटा" की तकरार बहुत बार-बार, "उबलो मोम" का नाम तकरार "ए," ख़ाहिश का फ़ार्म "अगर सिर्फ ..." सब उस के वालिद के हिस्सा पर गहराई की शिद्दत का मज़बूत जज़बा बातचीत करते हैं. एक बेटा खो दिया. एक मुतर्जिम के तौर पर, आपको सिर्फ अलफ़ाज़ के मअनी का तर्जुमा करने की ज़रूरत नहीं है बल्कि फ़ार्म का मअनी भी है. 2 समोयल 18: 33 ब के लिए, ये ज़रूरी है कि आप एक ऐसे फ़ार्म का इस्तिमाल करें जो असल ज़बान में मौजूद ही जज़बात से गुफ़्तगु करे

लिहाज़ा हमें बाइबल टेक्स्ट की शक्ल की जांच पड़ताल की ज़रूरत है और अपने आपसे पूछें कि इस का क्या फ़ार्म है और कुछ नहीं. क्या रवैय्या या जज़ब बातचीत है? दीगर सवालात जो हमें फ़ार्म के मअनी को समझने में मदद कर सकते हैं :

  • उसने कौन लिखा?
  • उसे कौन मिला?
  • इस सूरत-ए-हाल में क्या लिखा था?
  • कौनसी अलफ़ाज़ और जुमले मुंतख़ब किए गए थे और क्यों?
  • अलफ़ाज़ बहुत जज़बाती अलफ़ाज़ हैं, या अलफ़ाज़ के हुक्म के बारे में कुछ ख़ास है ?

जब हम फ़ार्म के मअनी को समझते हैं, तो हम एक ऐसे फ़ार्म का इंतिख़ाब कर सकते हैं जो इस का मअनी हदफ़ ज़बान और सक़ाफ़्त में है.

सक़ाफ़्त का मतलब है

फ़ार्म का मतलब सक़ाफ़्त की तरफ़ से मुक़र्रर किया जाता है. इसी फ़ार्म में मुख़्तलिफ़ सक़ाफ़्तों में मुख़्तलिफ़ मअनी हो सकते हैं. तर्जुमा में, मअनी भी लाज़िमी है, बिशमोल फ़ार्म का मअनी. इस का मतलब है कि मतन की शक्ल को सक़ाफ़्त को फिट होने के लिए तबदील करना ज़रूरी है


मतलब की सतह

This section answers the following question: मतलब के मयार क्या हैं?

मतलब की सतह

एक अच्छी तर्जुमा की ज़रूरत होती है कि ज़रीया ज़बान के तौर पर हदफ़ ज़बान में इसी मअनी हो.

बाइबल समेत किसी भी मतन में बहुत से मुख़्तलिफ़ मअनी हैं. इन सतहों में शामिल हैं :

  • अलफ़ाज़ का मतलब
  • जुमले का मतलब
  • जुमले का मतलब
  • पैराग्राफ़ का मतलब
  • फसलों का मतलब
  • किताबों का मतलब

अलफ़ाज़ का मतलब है

हम सोचते हैं कि एक मतन का मअनी अलफ़ाज़ में है. लेकिन ये मअनी ये है कि हर लफ़्ज में है इस मफ़हूम की तरफ़ से कंट्रोल किया जाता है. ये है कि, इन्फ़िरादी अलफ़ाज़ का मअनी उस के ऊपर की सतहों पर मुश्तमिल है, बिशमोल जुमले, जुमले और पैराग्राफ़. मिसाल के तौर पर, लफ़्ज "दे" जैसे एक लफ़्ज के लिहाज़ से मुंदरजा ज़ैल ममनू मअनी हो सकते हैं, इन्हिसार (आला दर्जे) पर मुनहसिर है :

  • एक तोहफ़ा फ़राहम करने के लिए
  • गिरने या तोड़ने के लिए
  • हतेयार डालना
  • छोड़ देना
  • तस्लीम करने के लिए
  • फ़राहम करने के लिए
  • वग़ैरा

बड़े मअनी की तामीर

मुतर्जिम को इस बात का अंदाज़ा होना चाहिए कि हर लफ़्ज में हर तनाज़ुर में क्या मतलब है, और फिर उस का तर्जुमा में इसी मअनी को दुबारा पेश करना. इस का मतलब ये है कि लफ़्ज इन्फ़िरादी तौर पर तर्जुमा नहीं किया जा सकता, लेकिन सिर्फ उस्मानी के साथ है कि जब वो दूसरे जुमले के साथ मिलकर मिलकर मिलकर, जुमले, पैराग्राफ़ और बाबा में शरीक होते हैं, जिसमें वो हिस्सा बनाते हैं. लिहाज़ा मुतर्जिम पूरे पैराग्राफ़, बाब, या किताब पढ़ना ज़रूरी है कि वो तर्जुमा करने से क़बल उस का तर्जुमा कर रहा है |


लफ़्ज़ी तर्जुमा

This section answers the following question: लफ़्ज़ी तर्जुमा क्या हैं?

तारीफ़

जुग़राफ़ियाई तर्जुमा, जहां तक मुम्किन हो, दुबारा माख़ज़ मतन की शक्ल में दुबारा कोशिश करने की कोशिश करें.

दूसरे नाम

लफ़्ज़ी तर्जुमा भी कहा जाता है:

  • फ़ार्म पर मबनी है
  • लफ़्ज़ी के लिए लफ़्ज़ी
  • तरमीम शूदा लफ़्ज़ी

फ़ार्म पर मतलब

एक लफ़्ज़ी तर्जुमा ये है जिसका नतीजा हदफ़ के मतन में ज़रीया मतन की शक्ल की तख़लीक़ करने पर तवज्जा मर्कूज़ करता है, इस के नतीजे के तौर पर मअनी में तबदीली, या समझने के लिए मुश्किल है. एक लफ़्ज़ी तर्जुमा का एक इंतिहाई वर्ज़न तर्जुमा में नहीं होगा- उस के ज़रीया इसी हुरूफ़ और अलफ़ाज़ को ज़रीया ज़बान के तौर पर मिलेंगे. अगली क़रीबी मरहला हर लफ़्ज़ी को ज़रीया ज़बान में हदफ़ ज़बान से हदफ़ ज़बान से तबदील करने के लिए होगा ज़बानों के दरमयान ग्रामर में इख़तिलाफ़ात की वजह से, हदफ़ ज़बानी सामईन शायद इस किस्म के तर्जुमा को समझ नहीं सकेंगे. बाइबल के कुछ मित्र जमीन को ये यक़ीन है कि वो हदफ़ टेक्स्ट में ज़रीया टेक्स्ट का लफ़्ज़ी हुक्म रखना चाहीए और सिर्फ ज़रीया ज़बान के अलफ़ाज़ के लिए हदफ़ ज़बान के अलफ़ाज़ को मुतबादिल बनाना चाहीए. वो ग़लत तौर पर यक़ीन रखते हैं कि ये ज़रीया मतन के तौर पर ख़ुदा का कलाम है. लेकिन हक़ीक़त में ये किस्म का तर्जुमा लोगों को ख़ुदा के कलाम को समझने से रोकता है| ख़ुदा चाहता है कि लोगों को अपने कलाम को समझने के लिए , लिहाज़ा ये बाइबल के लिए और बाइबल का तर्जुमा करने के लिए ख़ुदा के लिए सबसे बड़ा एहतिराम ज़ाहिर करता है ताकि लोग समझ सके

लतीफ़ तर्जुमा की कमज़ोर

लफ़्ज़ी तर्जुमा में आम तौर पर मुंदरजा ज़ैल मसाइल हैं:

  • ग़ैर मुल्क अलफ़ाज़ जो हदफ़ सामईन की तरफ़ से समझ नहीं आती है
  • लफ़्ज़ी आर्डर जो हदफ़ ज़बान में अजीब या अजीब है
  • मुहासिरा जो हदफ़ ज़बान में इस्तिमाल या समझ नहीं आती है
  • हदफ़ की सक़ाफ़्त में मौजूद नहीं है कि इश्याय के नाम
  • कस्टमज़ की वज़ाहतें जो हदफ़ की सक़ाफ़्त में नहीं समझते है
  • पैराग्राफ़ जो हदफ़ ज़बान में कोई मंतक़ी कुनैक्शन नहीं है
  • कहानियां और वज़ाहतें जो हदफ़ ज़बान में नहीं समझते है
  • मोतबर मालूमात को छोड़ दिया गया है जिसका मक़सद मअनी को समझने के लिए ज़रूरी है

लफ़्ज़ी तौर पर तर्जुमा कब

गेट वे ज़बानी मवाद, जैसे युएलटी, का तर्जुमा करने के लिए लफ़्ज़ी तर्जुमा का वाहिद वक़्त है, दूसरी ज़बान मित्र जमीन की तरफ़ से इस्तिमाल किया जाएगा. युएलटी का मक़सद मुतर्जिम को ज़ाहिर करना है जो असल में है. यहां तक कि, यू उल्टी सख़्ती से लफ़्ज़ी नहीं है. ये एक तरमीम शूदा लफ़्ज़ी तर्जुमा है जो हदफ़ ज़बान ग्रामर का इस्तिमाल करती है लिहाज़ा क़ारईन उस को समझ सकते हैं (सबक़ देखें तरमीम शूदा लतीफ़ तर्जुमा)इस जगहों के लिए जहां युएलटी बाइबल में असल इज़हार का इस्तिमाल करता है इस को समझने के लिए मुश्किल हो सकता है, हमने तर्जुमा नोट को उनकी वज़ाहत की है


लफ़्ज़ के लिए लफ़्ज़ मुतबादिल

This section answers the following question: मैं लफ़्ज़ के मुतबादिल के लिए लफ़्ज़ का इस्तिमाल क्यों नहीं करूँ?

तारीफ़

एक लफ़्ज़ के लिए लफ़्ज़ मुतबादिल सबसे ज़्यादा लफ़्ज़ी शक्ल है. अच्छे तर्जुमा करने के लिए ये बेहतरीन इंतिख़ाब नहीं है. एक लफ़्ज़ के लिए लफ़्ज़ तर्जुमा सिर्फ़ ज़रीया ज़बान में हर लफ़्ज़ के लिए हदफ़ ज़बान में बराबर लफ़्ज़ को मुतबादिल करता है.

लफ़्ज़ के लिए लफ़्ज़ तर्जुमा में

  • एक वक़्त में तवज्जा एक लफ़्ज़ पर है.
  • क़ुदरती जमहूरी साख़त, हदफ़ ज़बान के जमहूरी ढाँचे और तक़रीर के आदाद-ओ-शुमार को नज़रअंदाज कर दिया जाता है.
  • लफ़्ज़ के लिए लफ़्ज़ का तर्जुमा बहुत आसान है.
  • ज़रीया मतन में पहला लफ़्ज़ एक बराबर लफ़्ज़ की तरफ़ से तर्जुमा किया जाता है.
  • फिर उगला लफ़्ज़ किया जाता है. ये तक जारी है जब तक कि इस का तर्जुमा तर्जुमा ना हो.
  • लफ़्ज़ के लिए लफ़्ज़ नुक़्ता-ए-नज़र कशिश है क्योंकि ये बहुत आसान है. ताहम, उस के नतीजे में एक नाक़ाबिल-ए-यक़ीन मयार का तर्जुमा है

लफ़्ज़ के लिए मुतबादिल मुतबादिल तर्जुमा में नताइज पढ़ते हैं जो पढ़ने के लिए अजीब हैं. वो अक्सर उलझन करते हैं और ग़लत मअनी देते हैं या इस से भी कोई मतलब नहीं देते हैं. आपको इस किस्म की तर्जुमा करने से बचने से बचना चाहीए. यहां कुछ मिसालें हैं:

अलफ़ाज़ की तर्तीब

यहां युएलटी में लूक 3:16 का एक मिसाल है

यूहना ने इन सबसे कहा, "मेरे लिए, मैंने आपको पानी से बपतिस्मा दिया है, लेकिन किसी ऐसे शख़्स आ रहा है जो मुझसे ज़्यादा ताक़तवर है, और में इस के सैंडिल के पिटा खोलने के काबिल नहीं हूँ. वो आपको बपतिस्मा देगा. रूहुल-क़ुदुस और आग के साथ. "

ये तर्जुमा वाज़िह और समझने में आसान है. लेकिन लगता है कि मुतर्जिम अलफ़ाज़ लफ़्ज लफ़्ज़ के लिए इस्तिमाल करते हैं. क्या तर्जुमा कैसा होगा?

यहां, अंग्रेज़ी में तर्जुमा, असल यूनानी के तौर पर इसी आर्डर में अलफ़ाज़ हैं

यहयय ने जवाब दिया कि मैं जानता हूँ कि पानी से आपको बपतिस्मा देता है लेकिन वो जो मुझसे ज़्यादा ताक़तवर नहीं है, में इस के सैंडिल का पिटा नहीं खोल सकता तो वो आपको पाक रूह और आग के साथ बपतिस्मा देगा.

ये तर्जुमा अजीब है और अंग्रेज़ी में कोई मतलब नहीं है

दुबारा ऊपर युएलटीवर्ज़न देखें. अंग्रेज़ी युएलटीमित्र जमीन ने असल यूनानी लफ़्ज़ का हुक्म नहीं रखा. उन्होंने अंग्रेज़ी ग्रामर के क़वानीन को फिट होने के लिए अलफ़ाज़ के इर्द-गिर्द अलफ़ाज़ अलफ़ाज़ में मुंतक़िल कर दिया. उन्होंने कुछ जमहूरीयत भी बदल दी. मिसाल के तौर पर, अंग्रेज़ी युएलटीका कहना है कि, "यूहना ने इन सबसे कहा," बजाय "जान ने सबसे कहा." उन्होंने मुख़्तलिफ़ आवाज़ों में मुख़्तलिफ़ अलफ़ाज़ इस्तिमाल किया ताकि टेक्स्ट आवाज़ को क़ुदरती तौर पर बनाया जा सकता है ताकि ये असल मअनी को कामयाबी से सँभाल सके

तर्जुमा यूनानी मतन के तौर पर इसी मअनी से बात करना ज़रूरी है. इस मिसाल में, युएलटीअजीब लफ़्ज़ लफ़्ज़ के वर्ज़न से ज़्यादा अंग्रेज़ी तर्जुमा है.

लफ़्ज़ मअनी की हद

इस के इलावा, लफ़्ज़ के लिए मुतबादिल मुआवज़ा आम तौर पर ये नहीं समझा जाता है कि तमाम ज़बानों में सबसे ज़्यादा अलफ़ाज़ मअनी की एक हद है. किसी भी गुज़रने में, आम तौर पर मुसन्निफ़ उनके मअनी में सिर्फ एक ज़हन में था. एक मुख़्तलिफ़ गुज़रने में, इस के दिमाग़ में एक मुख़्तलिफ़ मअनी हासिल हो सकता है. लेकिन लफ़्ज़ के लिए लफ़्ज़ी तर्जुमा में, आम तौर पर सिर्फ एक मअनी का इंतिख़ाब किया जाता है और तर्जुमा में इस्तिमाल होता है.

मिसाल के तौर पर, यूनानी लफ़्ज़ "अग्गेलोस" इन्सानी मैसेंजर या एक फ़रिश्ता के हवाले कर सकता है

"ये वही है जिसे लिखा गया है, देखो, में अपने रसूल को अपने चेहरे से पहले भेज रहा हूँ, कौन आपके सामने अपना रास्ता तैयार करेगा." (लूक 7:27)

यहां "अग्गेलोस" लफ़्ज़ इन्सानी मैसेंजर से मुराद है. यसवा जान बपतिस्मा के बारे में बात कर रहा था.

फ़रिश्ते आसमान से उनमें से निकल गए थे (लूक 2:15)

यहां "अग्गेलोस" लफ़्ज़ जन्नत से फ़रिश्तों की तरफ़ इशारा करता है

एक लफ़्ज़ के लिए लफ़्ज़ तर्जुमा अमल दोनों आयात में इसी लफ़्ज़ का इस्तिमाल कर सकता है, अगरचे ये दो मुख़्तलिफ़ किस्म के हवालाजात का हवाला देते हैं. ये क़ारी को उलझन देगा.

अजज़ाए कलाम

आख़िर में, लफ़्ज़ के लिए लफ़्ज़ तर्जुमा में तक़रीर के आदाद-ओ-शुमार को सही तरीक़े से नहीं पहुंचाया जाता है. तक़रीर के आदाद-ओ-शुमार मअनी हैं जो इन्फ़िरादी अलफ़ाज़ से मुख़्तलिफ़ हैं जो उनसे बना रहे हैं. जब वो लफ़्ज़ लफ़्ज़ के लिए तर्जुमा किया जाता है तो, तक़रीर की शनाख़्त का मतलब खो जाता है


लतीफ़ वसाइल के साथ मसाइल

This section answers the following question: तर्जुमा के साथ बहुत सी मुश्किलात क्या हैं जो बहुत माक़ूल हैं?

फार्मों का मतलब तबदील

लफ़्ज़ी तर्जुमा को हदफ़ मतन में ज़रीया टेक्स्ट का फ़ार्म रखना. कुछ मुतर्जिम शायद ऐसा करना चाहते हैं क्योंकि, हमने दरस के मोडीयूल "फ़ार्म की एहमीयत" में देखा जैसा कि एक मतन के ज़रीया मतन के मअनी को मुतास्सिर करता है. ताहम, हमें ये ख़्याल रखना चाहिए कि मुख़्तलिफ़ सक़ाफ़्तों के लोगों को मुख़्तलिफ़ तरीक़े से फ़ार्म के मअनी समझते है | मुख़्तलिफ़ सक़ाफ़्तों में, एक ही शक्ल बहुत मुख़्तलिफ़ तरीक़े से समझा जा सकता है. लिहाज़ा असल शक्ल को बरक़रार रखने से तबदीली से मअनी की हिफ़ाज़त मुम्किन नहीं है. मअनी की हिफ़ाज़त करने का वाहिद तरीका  ये है कि असल शक्ल को एक नए शक्ल में तबदील करें जिसमें नई सक़ाफ़्त में इसी मअनी का इज़हार किया जा सकता है जैसा कि पुरानी सक़ाफ़्त में पुरानी सक़ाफ़्त थी.

मुख़्तलिफ़ ज़बानों के अलफ़ाज़ और जुमले के मुख़्तलिफ़ अहकामात का इस्तिमाल करते हैं

अगर आप अपने तर्जुमा में ज़रीया लफ़्ज आर्डर जारी रखे तो, ये समझने के लिए आपकी ज़बान बोलने वाले लोगों के लिए बहुत मुश्किल, और कभी कभी नामुमकिन हो जाएगा. आपको हदफ़ ज़बान के क़ुदरती लफ़्ज आर्डर का इस्तिमाल करना ज़रूरी है ताकि लोग टेक्स्ट के मअनी को समझ सकें.

मुख़्तलिफ़ ज़बानों में मुख़्तलिफ़ महाज़ और इज़हार इस्तिमाल करते हैं

हर ज़बान अपने महाज और दीगर अज़हा रात, जैसे अलफ़ाज़ या जज़बात की नुमाइंदगी करते हैं. इन चीज़ों के मअनी का इज़हार करने के लिए, आपको एक महाज़ या इज़हार का इंतिख़ाब करना ज़रूरी है जिसका मक़सद हदफ़ ज़बान में इसी मअनी का हामिल है, ना सिर्फ हर लफ़्ज का तर्जुमा. अगर आप सिर्फ हर लफ़्ज का तर्जुमा करते हैं तो, मुहासिरा या इज़हार का ग़लत मतलब होगा.

कुछ शराइत दूसरे सक़ाफ़्तों में मुतवाज़िन नहीं है

बाइबल में ऐसी चीज़ें मौजूद हैं जो अब तक मौजूद नहीं हैं, जैसे क़दीम वज़न (अस्टा दिया, क्यूबिट), पैसे (डरना रेस, सटटर) और इक़दामात (बाअज़, अफ़फ़ा). किताब में जानवरों की दुनिया के बाअज़ हिस्सों में मौजूद नहीं है (लोमड़ी, ऊन). बाअज़ सक़ाफ़्तों (बर्फ़, खतना) में दीगर अलफ़ाज़ नामालूम हैं. इन हालात में इन शराइत के लिए आसानी से अलफ़ाज़ को मुतबादिल करने के लिए मुम्किन नहीं है. मुतर्जिम असल मतलब से बातचीत करने का दूसरा रास्ता तलाश करना होगा

बाइबल को समझा गया था

सहीफ़ों की गवाही ये बताई जाती है कि उनका मतलब समझा जाता है. बाइबल तीन ज़बानों में लिखी जाती है क्योंकि ज़बान का इस्तिमाल ख़ुदा की मुख़्तलिफ़ ज़बानों में मुख़्तलिफ़ था. जब यहूदीयों ने जिलावतनी से वापिस आकर और इब्रानियों को मज़ीद याद नहीं किया तो, पादरी ने पुराने अह्दनामा की रीडिंगों को एबरीरी में भेजा ताकि वो समझ सकें (ना 8: 8) बाद में, जब नए अह्दनामा लिखा गया था, ये आम क्वाइन यूनानी में लिखा गया था, जिसकी ज़बान ये थी कि ज़्यादा-तर लोगों ने इस वक़्त इब्रानी या आरथवाई या यहां तक कि क्लासिकी यूनानी के बजाय उस वक़्त बात की, जो आम लोगों को समझने में मुश्किल हो .

ये और दीगर वजूहात ज़ाहिर करते हैं कि ख़ुदा चाहता है कि लोगों को इस का लफ़्ज समझ जाये. लिहाज़ा हम जानते हैं कि वो चाहता है कि हम बाइबल के मअनी का तर्जुमा करना चाहते हैं, ना ही फ़ार्म दुबारा पेश करें. सहीफों का मतलब फ़ार्म से ज़्यादा अहम है |


मअनी पर मबनी तर्जुमा

This section answers the following question: मतलब की बुनियाद पर तर्जुमा क्या हैं?

तआरुफ़

हमने लफ़्ज़ तर्जुमा में क़रीब से देखा है. अब हम-मअधनी पर मबनी तर्जुमा देखेंगे | ये तर्जुमा भी कहा जाता है |

  • मअनी बराबर
  • इडिओमाटिक
  • मुतहर्रिक

अहम ख़ुसूसीयत

मअनी पर मबनी तर्जुमा की अहम ख़ुसूसीयत ये है कि वो ज़रीया मतन के फ़ार्म की तख़लीक़ के दौरान मअनी का तर्जुमा करने की तर्जीह देते हैं. यही है, वो मअनी वाज़िह करने के लिए ज़रूरत के मुताबिक़ टेक्स्ट की शक्ल को तबदील करें. तबदीलीयों की सबसे आम इक़साम जो मतलब मअनी पर मबनी तर्जुमा है |

  • हदफ़ ज़बान के ग्रामर से मिलने के लिए लफ़्ज का लफ़्ज तबदील करें
  • क़ुदरतियों के साथ ग़ैर मुल्की गरामाती साख़त की जगह ले लूँ
  • हदफ़ ज़बान में मंतिक़ के बहाव के आम हुक्म से मिलने के लिए वजूहात या नताइज की तब्दीली का हुक्म
  • मुहासिरा को मुतबादिल या वज़ाहत
  • दूसरी ज़बानों से इस्तिलाहात की वज़ाहत या तर्जुमा करें ("गोलगोटा" = "खोपड़ी की जगह"
  • ज़रीया टेक्स्ट में मुश्किल या ग़ैरमामूली अलफ़ाज़ के लिए वाहिद लफ़्ज मुसावात तलाश करने की बजाय आसान अलफ़ाज़ के साथ इस्तिमाल जुमले
  • शराइत की जगह ले-ले जो हदफ़ की सक़ाफ़्त में मुसावि शराइत या वज़ाहत के साथ नामालूम हैं
  • अलफ़ाज़ को मुंसलिक करने की जगह ले-ले जो हदफ़ ज़बान से मुंसलिक अलफ़ाज़ के साथ इस्तिमाल नहीं करता है जो हदफ़ ज़बान की ज़रूरत है
  • तक़रीर के हदफ़ ज़बान के आदाद-ओ-शुमार के मुतबादिल के तौर पर जो कि एक ही मअनी के इज़हार के असल आदाद-ओ-शुमार  हैं
  • लाज़िमी मालूमात में शामिल है जो मतन के मअनी को समझने के लिए ज़रूरी है
  • वाज़िह अलफ़ाज़ या तामीरात की वज़ाहत

मअनी पर मबनी तर्जुमा की मिसालें

मअनी की बुनियाद पर तर्जुमा की तरह किया नज़र आता है? हम देखेंगे कि किस तरह मुख़्तलिफ़ वर्ज़न उसी आयत का तर्जुमा करते हैं.

लूक 3: 8, * यूहना बपतिस्मा देने वालों को ख़ुद सादिक़ लोगों को बपतिस्मा देता है जो बपतिस्मा देने के लिए आए थे.*

** यूनानी ** आयत के पहले नसफ़ का मतन जे़ल में दिखाया गया है.

हर यूनानी लफ़्ज के तौर पर एक ही आर्डर में अंग्रेज़ी तर्जुमा, जो कुछ मुतबादिल अंग्रेज़ी अलफ़ाज़ से मुंतख़ब करने के लिए जे़ल में है.

तो / फल पैदा / तौबा की मुनासिब फल / बनाएँ / पैदावार

लफ़्ज़ी

एक लफ़्ज़ी तर्जुमा आम तौर पर यूनानी मतन के अलफ़ाज़ और आर्डर के तौर पर क़रीब से मुम्किन हो सके के मुताबिक़ अमल करेंगे, जैसे दर्ज जे़ल

फलों को जो तौबा की लायक़ है पैदा करें (लूक 3: 8 युएलटी)

याद रखें कि ये तरमीम शूदा लफ़्ज़ी तर्जुमा अलफ़ाज़ "फल" और "तौबा" करते हैं. लफ़्ज़ी आर्डर यूनानी मतन के साथ ही बहुत ही अच्छा है. ये वजह है कि यू उल्टी को मुतर्जिम को दिखाने के लिए डिज़ाइन किया गया है जो असल मतन में है. लेकिन ये आपकी ज़बान में उस्मानी से बातचीत करने के लिए क़ुदरती या वाज़िह तरीका नहीं हो सकता.

मअनी की बुनियाद पर

मअनी पर मबनी तर्जुमा, दूसरी तरफ़ अलफ़ाज़ और अलफ़ाज़ को तबदील करने का इमकान ज़्यादा होता है अगर मित्र जमीन का मतलब ये है कि ये मतलब वाज़िह करने में मदद मिलेगी. इन तीन मअनी पर मबनी तर्जुमा पर ग़ौर करें:

ज़िंदा बाइबल से:

... साबित करो कि आपको क़ाबिल काम करने के ज़रीया गुनाह से तबदील कर दिया गया है

न्यू लिविंग तर्जुमा से:

जिस तरह से आप रहते हो उस की तरफ़ से साबित करो कि तुमने अपने गुनाहों से तौबा की है और ख़ुदा को बदल दिया है |

ग़ैरमामूली लफ़्ज आसान मतन से

ऐसी चीज़ें करो जो आपको वाक़ई में आपके गुनाह के रवैय्ये से दूर कर चुके हैं

याद रखें कि ये तर्जुमा अंग्रेज़ी में ज़्यादा क़ुदरती होने के लिए लफ़्ज का नज़म तबदील कर चुके हैं. इस के इलावा "फल" लफ़्ज अब भी नहीं आता. असल में, बाइबल तर्जुमा में युएलटी तर्जुमा में तक़रीबन अलफ़ाज़ में से कोई भी इस्तिमाल नहीं करता है. इस के बजाय, "फल" के बजाय मअनी पर मबनी तर्जुमा "आमाल" से मुराद या "जिसे आप रहते हैं." इस आयत में "फल" एक इसतार के तौर पर इस्तिमाल किया जाता है. इस इसतार में "फल" का मतलब ये है कि "ऐसी चीज़ें जो शख़्स करता है." (मुलाहिज़ा करें असताफ़र.)

लिहाज़ा ये तर्जुमा सिर्फ़ अलफ़ाज़ के बजाय सयाक़-ओ-सबॉक् में मअनी का तर्जुमा करता है. उन्होंने ये भी एक मुश्किल लफ़्ज "तौबा" के बजाय "गुनाह से निकाला" या "आपके गुनाहों के रवैय्ये से दूर कर दिया" के तौर पर भी ज़्यादा काबिल-ए-ज़िक्र जुमले इस्तिमाल क्या या "उन्होंने अपने गुनाहों से तौबा की और ख़ुदा को तबदील कर दिया" की तरफ़ से लफ़्ज की वज़ाहत की. " इन सब में मअनी वही है, लेकिन ये फ़ार्म बहुत मुख़्तलिफ़ है. मअनी पर मबनी तर्जुमा में, मतलब बहुत वाज़िह है


मतलब के लिए तर्जुमा करें

This section answers the following question: मुझे क्यों मअनी के लिए तर्जुमा करना चाहीए?

मतलब की एहमीयत

बाइबल लिखते हैं जो लोग ख़ुदा की तरफ़ से पैग़ामात रखते हैं कि ख़ुदा चाहता था कि लोग लोग समझें. ये असल मुसन्निफ़ीन ने ज़बान का इस्तिमाल किया है कि उनके लोगों ने ये बात कही कि वो और उनके लोग ख़ुदा के पैग़ामात को समझ सकते हैं. ख़ुदा चाहता है आज लोगों को इसी पैग़ामात को समझने के लिए. लेकिन आज लोग इन ज़बानों को नहीं बोलते हैं जो बाइबल पहले ही लिखा गया थे | लिहाज़ा ख़ुदा ने हमें बाइबल को इन ज़बानों में तर्जुमा करने का काम दिया है जो लोग आज बोलते हैं.

ख़ास ज़बान है जो लोग ख़ुदा के पैग़ामात से गुफ़्तगु करने के लिए इस्तिमाल करते हैं वो अहम नहीं हैं. इस्तिमाल शूदा मख़सूस अलफ़ाज़ अहम नहीं हैं. अहम बात ये है कि ये अलफ़ाज़ बातचीत करते हैं. मतलब ये है कि पैग़ाम, अलफ़ाज़ या ज़बान नहीं है. हमें क्या तर्जुमा करना होगा, फिर, ज़रीया ज़बानों के अलफ़ाज़ या शक्ल नहीं हैं, लेकिन मअनी |

नीचे के जुमले के जोड़ों को देखो.

  • ये रात-भर में हुआ. रात / बारिश रात से गिर गई
  • जब उसने ख़बरों को सुना तो जान बहुत हैरान था. / जब जान ने इस को सुना तो बहुत हैरान हुआ.
  • ये एक गर्म दिन था. / दिन गर्म था.
  • पीटर का घर / घर जो पीटर से ताल्लुक़ रखता है

आप देख सकते हैं कि हर जोड़ी के मअनी का मतलब वही है, अगरचे वो मुख़्तलिफ़ अलफ़ाज़ इस्तिमाल करते हैं. ये एक अच्छा तर्जुमा में है यही तरीका  है. हम ज़रीया मतन के मुक़ाबले में मुख़्तलिफ़ अलफ़ाज़ इस्तिमाल करेंगे, लेकिन हम उस का मअनी रखेंगे. हम ऐसे अलफ़ाज़ इस्तिमाल करेंगे जो हमारे लोगों को समझते हैं और उन्हें अपनी ज़बान के लिए क़ुदरती  तौर पर समझते हैं. वाज़िह और क़ुदरती  रास्ते में ज़रीया मतन के तौर पर इसी मअनी को मुवासलात का तर्जुमा का मक़सद है |

  • क्रेडिट: बर्नवेल, मिसाल के तौर पर, पी पी 19-20, (सी) एसआईएल इंटरनैशनल 1986 से, मिसाल के तौर पर इजाज़त की तरफ़ से इस्तिमाल किया जाता है.*

पहला ड्राफ्ट कैसे बनाये

This section answers the following question: मैं पहला ड्राफ्ट कैसे बनाऊ ?

मैं कैसे शुरू करूँ ?

  • दुआ करो कि ख़ुदा आपको , तर्जुमा कर रहे हैं, मंज़ूरी को समझने में मदद करेगा I और वो आपकी ज़बान में इस गुज़रने के बारे में बात करने का बेहतरीन तरीक़ा तलाश करने में मदद करेगा I
    • अगर आप बाइबल कहानीयों का तर्जुमा कर रहे हैं तो, इस का तर्जुमा करने से पहले पूरी कहानी पढ़ें I अगर आप बाइबल का तर्जुमा कर रहे हैं तो, आप उस के किसी भी हिस्से का तर्जुमा करने से पहले पूरे बाब को पढ़ें I इस तरह आप समझ लेंगे कि आपका तर्जुमा बड़े सयाक़-ओ-सबॉक् में कैसे फिट बैठता है, और आप उसका बेहतर तर्जुमा कर पाएंगे I
  • उस मंज़ूरी का मुताला करें जिसे आप बहुत से मुख़्तलिफ़ तर्जुमाओं में तर्जुमा करने का इरादा रखते हैं I यू एल टी आपको असल मतन की शक्ल देखने में मदद करेगा, जबकि युएस टी आपको असल मतन के मअनी को समझने में मदद करेगी I इस बारे में सोचो कि इस फ़ार्म को किस तरह तर्जुमा करना है कि लोग आपकी ज़बान में इसे इस्तिमाल करें I बाइबिल हेल्प पढ़ें या तबसिरा सुने जिसमें उस मंजूरी के बारे में बात की गयी है I
  • जिस मंजोरी का आप तर्जुमा करना चाहते है उसका तर्जुमा नोट पढ़ें I
  • जिसमें आप तर्जुमा करने की मंसूबा बंदी करते हैं इस में हर नुमायां इशारा के लिए "तर्जुमा वर्ड नामी फ़हरिस्त में अहम शराइत की तारीफ़ पढ़ें I
  • तर्जुमा के टीम में दूसरों के साथ गुज़रने, तरजमही प्वाईंटस, और तर्जुमे के बारे में तबादला-ए-ख़्याल करें I
  • जब आप गुज़रने के बारे में अच्छी बात समझ जाएँ तो वो आपकी जबान में क्या कह रहा है उसे इस तरह अपनी जबान में लिखें की आपके जबान को बोने वाला शख्स उसे आम बात चीत में ला सके ( या रिकॉर्ड करें ) Iपूरे रास्ते (मतन का हिस्सा नीचे लिखें (या रिकार्ड) ये आपको चीज़ें अपनी ज़बान में,कुदरती रूप से , कहने में मदद करेगा ना की उस तरीके से जैसा की जरिया जबान में कुदरती रूप से कहा जायेगा चाहे वो आपके जबान में सही तरीका ना हो I

तर्जुमा लफ़्ज़ों को ढूढना

This section answers the following question: तर्ज़ुमानो को ढूढना

एक तर्जुमा टीम की एहमीयत

बाइबल का तर्जुमा एक बहुत बड़ा और मुश्किल काम हैI जिसे पूरा करने के लिए , बहुत से अफ़राद लग सकते है I इस मोदुले में हम उन खूबी के बारे में बात करंगे जो की बाइबिल तर्जुमा के टीम मैं होनी चाहिए I कुछ लोगों के पास बहुत ज्यादा हुनर और जिम्मेंदारी होगी जबकि कुछ के पास बहुत कम I ये जरूरी है की बाइबिल ट्रांसलेशन टीम में इतने लोग शामिल हो की सारे हुनर का सही इस्तमा हो सके I

चर्च रहनुमाओं

तर्जुमा मंसूबे शुरू करने से पहले, मुम्किना तौर पर बहुत से चर्च के नैटवर्क से राबिता किया जाना चाहीए Iऔर तर्जुमा का एक हिस्सा बनने के लिए हौसला-अफ़ज़ाई की जानी चाहिए I और उनमें से कुछ लोगों को भी तर्जुमा टीम का हिस्सा बनने के लिए भेजा जाये और उनसे मश्वरा किया जाना चाहीए और उनके मशवरों को तर्जुमा के मंसूबे, उस के मक़ासिद में इस्तमाल किया जाना चाहिए I

तर्जुमा कमेटी

ये अच्छा होगा, अगर गिरजा-घरों और चर्च के नैटवर्क के रहनुमा काम की राहनुमाई के लिए एक कमेटी तशकील करें I, मुतर्जिमों का इंतिख़ाब करें, जो मसाइल पैदा हो उन्हें हल करें और गिरिजा-घरों को काम के लिए दुआ करने और माली तौर पर काम करने के लिए हौसला-अफ़ज़ाई करने के लिए कहे I

ये कमेटी ऐसे लोगों को भी मुंतख़ब कर सकती है जो दरूस्तगी और2 के3 सतह पर दरूस्तगी की तर्जुमानी करेंगे

जब वक़्त आता है, तो ये कमेटी भी तर्जुमा की शक्ल के बारे में फ़ैसले कर सकता है I ये किस तरह तक़सीम किया जाएगा, और वो चर्चों को तर्जुमा शूदा सहीफ़े इस्तिमाल करने की हौसला-अफ़ज़ाई कर सकते हैं I

तर्जुमान

ये वो लोग हैं जो तरजमही दस्तकारी बनाने का काम करेंगे, वो तर्जुमा कमीशन की तरफ़ से मुक़र्रर की जाएँगी I उन्हें ऐसे अफ़राद की ज़रूरत है जो हदफ़ ज़बान के मुक़ामी बोलने वाले हैं, जो ज़रीया ज़बान (गेट वे ज़बान को अच्छी तरह से पढ़ सकते हैं, और कम्यूनिटी में उनके ईसाई किरदार के लिए कौन एहतिराम किया जा सकता है इन चीज़ों के बारे में मज़ीद तफ़सीलात के लिए, देखें मुतर्जिम क़ाबिलीयत.

साथ साथ पहले ड्राफ़्ट बनाने के लिए, ये लोग तर्जुमा टीम का बुनियादी बन जाऐंगे जो एक दूसरे के काम की जांच पड़ताल करेंगे I ज़बानी कम्यूनिटी के साथ तर्जुमा की जांच पड़ताल करेंगे और सतह2 और सतह3 चेकर्स से नज़र-ए-सानी के लिए तजावीज़ हासिल करेंगे I हर जायज़े या चैकिंग सैशन के बाद, ये तर्जुमान लाज़िमी तौर पर तर्जुमा में तबदीलीयां करने के लिए ज़िम्मेदार हैंI राबता सही तौर पे कायम करने के लिए वो तर्जुमा को दुबारा करने पे अमल करें I

टाइपिस्टस

अगर मुतर्जिम ख़ुद-कार तरीक़े से कम्पयूटर या टैब्लेट में तर्जुमा का मुसव्वदा नहीं डाल रहे हैं, तो टीम में किसी और को ऐसा करने की ज़रूरत है I इस को किसी ऐसे शख़्स की ज़रूरत है जो बहुत सी गलतीयां किये बग़ैर टाइप कर सकते हैं I इस शख़्स को भी जानने की ज़रूरत है कि किस तरह प्वाईंटस दरुस्त तरीक़े से और मुसलसल तौर पर इस्तिमाल करते हैं I इस शख़्स को चैक करने के हर दौर के बाद तर्जुमा में तरमीम और इस्लाहात की ज़रूरत पड़ सकती हैI

तर्जुमा जचने वाले

कुछ लोगों को ज़बानी कम्यूनिटी के अरकान के साथ तर्जुमा की जांच पड़ताल करने की ज़रूरत है ताकि इस बात का यक़ीन करें कि तर्जुमा वाज़िह है और हदफ़ ज़बान में क़ुदरती तौर पर मुतर्जिम हैंI अक्सर ये तर्जुमान खुद होते हैं पर ये कोई और भी हो सकते है I जाचने वाले को तर्जुमा पढ़ना पड़ता है और फिर पूछना पड़ता है की वो इसे कैसे समझते है ? , देखें दीगर तरीक़ों.

चेकर्स

लोग जो सदाक़त के लिए तर्जुमा चैक करने के लिए मुंतख़ब किए जाते हैं वो लोग ज़रीया ज़बान में बाइबल को अच्छी तरह जानते हो I उन्हें ज़रीया ज़बान में अच्छी तरह पढ़ने के काबिल होना चाहीए वो ज़रीया ब बाइबल में तर्जुमे का मुवाज़ना करेंगे और इस बात का यक़ीन करेंगे कि तर्जुमा ज़रीया बाइबल को पूरी तरह से ज़ाहिर कर्र्ता है I इन लोगों तर्जुमा के काम में दिलचस्पी होना चाहिए और उनके पास जांच पड़ताल का अच्छे से करने का वक़्त है I ये अच्छा है अगर ये लोग मुख़्तलिफ़ चर्च के गिरोहों के अरकान शामिल हो सकते हैं ,जो हदफ़ ज़बान बोलते हैं और जो तर्जुमा का इस्तिमाल करेंगेI सतह2 चेकर्स अपने मुक़ामी चर्च में रहनुमाओं को ,सतह3 चेकर्सों को गिरजा-घरों के ग्रुपों के रहनुमाओं, या ज़बान के इलाक़े में बहुत वसीअ पैमाने पर एहतिराम करना चाहीए चूँकि उनमें से बहुत से लोग बहुत मसरूफ़ हैं, ये मुख़्तलिफ़ कामों या बाबों को मुख़्तलिफ़ लोगों को भेजने के लिए बेहतर काम कर सकते हैं, और पूरी तर्जुमा के साथ एक या दो अफ़राद को बोझ नहीं होगा I


तर्जुमान की एहलियत

This section answers the following question: तर्जुमान की एहलियत क्या है?

तर्जुमान या तरजुमे करने वाले जमात की एहलियत

तर्जुमा करने में गिरजाघरों ले रहनुमाओं को तर्जुमा करने वाली जमात के रुकुन को चुनने के लिए कुछ सवालात करना चाहिए. इन सवालों की मदद से गिरजाघरों और बिरादरी के रहनुमाओं को पता चल सकेगा के उनका चुना हुआ शख्स कामयाबी से इंजील या इंजील की किस्सों का तर्जुमा कर सकेगा

१. क्या वो शख्स हदफी ज़बान का बोहोत अच्छा स्पीकर है? ये बेहद अहम् है के शख्स हदफी ज़बान बोहोत अच्छे से बोलता हो.

  • क्या ये शख्स हदफी ज़बान अच्छे से पढ़ और लिख सकता है?
  • क्या वो शख्स अपनी ज़बानी बिरादरी के साथ लग भाग ज़िंदगी भर से रह रहा है? कोई अगर अपने ज़बानी इलाके से लम्बे वक्त तक दूर रहा हो तो उसे कुदरती तर्जुमा करने में काफी दिक्कत हो सकती है.
  • क्या जिस तरीके से वो शख्स अपनी ज़बान बोलता हो लोग उसकी कद्र करते हैं?

हर तर्जुमान की क्या उमर और मुकामी ज़बान का तजुरबा क्या है? आम तौर पर एक ज़बानी इलाके से मुख्तलिफ मुकामो के लोग और मुख्तलिफ उमर के लोगों का होना अच्छा होता है. तब इन लोगों को आपस में कोई चीज़ को कहने के तरीके की सहमती पर सब को अच्छा लगता है

१. क्क्य उस शख्स को सोर्स ज़बानी अछे से समझ आती है?

किस लेवेल की तालीम उम्होने पाई है, और ह्न्हे सोर्से ज़बान में महारत कैसे मिले?

  • क्या इसाई बिरादरी पहचानता है के इस शख्स के पास सोर्स ज़बान बोलने के लिए मुनासिब एहलियत है और मुहय्या कराइ गई मदद या नोट्स का इस्तेमाल करने लायक एक ज़रुरतन तालीम है?
  • क्या वो शख्स सोर्स ज़बान रवानी और समझ के पढ़ और लिख सकता है?

१. क्या वो शख्स बिरादरी में इसा मसीह का इज्ज़तदार पैरोकार है? वो शख्स नर्म और लोगों की सुनने वाला होना चाहिए के तरजुमे के काम के लिए लोगों से मशवरा या तसीह सुनें. शख्स को हमेशा दूसरों सिखने की चाहत होना चाहिए.

  • वो कितने वक्त से इसाई है, और क्या वो इसाई बिरादरी में अच्छे रुतबे वाला है?
  • इस शख्स ने खुदको इसा मसीह का मुरीद कैसे इर्तेकाब करवाया? इंजील का तर्जुमा काफी मुश्किल है, काफी तबदीली करना होता है, और काम को ले कर बैत की ज़रूरत होती है.

तर्जुमान के लम्बे अरसे के काम करने के बाद, तरजुमे की कमिटी को ध्यान देना है के वो ठीक से काम कर रहे हैं. वो पूछ सकते हैं:

  • क्या उनके काम की हिसाबी औसात मुकामी गिरजाघर के रहनुमाओं से और रुकुन तर्जुमान से मिल रही है? (क्या तर्जुमान बाकियों के साथ तरजुमे टेस्टिंग और चेकिंग करने के लिए तैयार हैं?)

क्या तर्जुमा करना है

This section answers the following question: मैं पहले क्या तर्जुमा करना चाहीए?

मैं पहले क्या तर्जुमा करना चाहीए?

कुछ नुक़्ता-ए-नज़र में, तर्जुमा टीम को ये पता चलना पड़ेगा कि वो पहले क्या तर्जुमा करना चाहते हैं, या, अगर उन्होंने कुछ तर्जुमा पहले ही किए हैं, तो फिर उन्हें क्या तर्जुमा करना चाहीए. कई अवामिल हैं जो ग़ौर करने की ज़रूरत है:

  • चर्च का तर्जुमा क्या करना है?
  • तर्जुमा टीम का तजुर्बा किया है?
  • इस ज़बान में बाइबल कितनी मवाद का तर्जुमा किया गया है

इन सवालात के जवाबात तमाम अहम हैं. लेकिन याद रखें

** तर्जुमा एक महारत है जो तजुर्बे से बढ़ता है.**

क्योंकि तर्जुमा एक महारत है जो बढ़ती हुई है, ये इस मवाद को तर्जुमा करना शुरू करने में मश्वर है जो कम पेचीदा है ताकि मुतर्जिम महारत सीख सकें और कुछ आसान तर्जुमा करते वक़्त.

तर्जुमा मुश्किल

वाइक्लिफ़ बाइबल मुतर्जिम ने बाइबल के मुख़्तलिफ़ किताबों का तर्जुमा करने में दुशवारी का इज़हार किया है. उनकी दर्जा बंदी के निज़ाम में, तर्जुमा करने के लिए सबसे ज़्यादा पेचीदा किताबें सतह 5 परेशानी हासिल होती हैं. तर्जुमा करने के लिए सबसे आसान किताबें सतह 1 हैं

आम तौर पर, इस किताबों में ज़्यादा ख़ुलासा, शायराना, और मज़हबी लिहाज़ से भरी हुई इस्तिलाहात और ख़्यालात का तर्जुमा तर्जुमा करना मुश्किल है. ज़्यादा किताबें और कंक्रीट कितने किताबें आम तौर पर तर्जुमा करना आसान हैं

मुश्किल सतह 5 (तर्जुमा करने के लिए सबसे ज़्यादा मुश्किल)

  • पुराने अह्दनामा
  • मुलाज़मत, ज़बूर, यसईआह, यरमयाह, एजकयाल
  • नया अह्दनामा
  • रोमीयों, ग़लतीयों, एफसियों, फ़िलपाइनों, कालोनीयों, इब्रानियों

मुश्किल सतह 4

  • पुराने अह्दनामा
  • लवीत, नबुव्वत, अक़ल्लीयत, गाना, ऐसी, दाऊद, हवस, येल, अमोस, ओबयाह, मकाह, नहोम, हबीक़क, सफ़नयाह, हगाई, ज़करीया, माला की.
  • नया अह्दनामा
  • यूहना, 1-2 कर नत्थियों, 1-2 थसलनीकीयों, 1-2 पतरस, 1 यूहना, यहूद

मुश्किल सतह 3

  • पुराने अह्दनामा
  • पैदाइश, उरूज, नंबर, देउतेरोनोमय
  • नया अह्दनामा
  • मैथीयू, मार्क, लूका, आमाल, 1-2 तीमती, तत्स, फ़ाएलोन, जेम्ज़, 2-3 जान, वही

मुश्किल सतह 2

  • पुराने अह्दनामा
  • यशवा, जजों, रूथ, 1-2 समोयल, 1-2 किंगज़, 1-2 तारीख़, अज़रा, नहमयाह, ईसोर, यवना
  • नया अह्दनामा
    • कोई नहीं *

मुश्किल सतह 1 (तर्जुमा करने का सबसे आसान)

    • कोई नहीं *

बाइबल कहानियां खोलें

अगरचे इस दर्जा बंदी के निज़ाम के मुताबिक़ खुले बाइबल कहानीयों का ताय्युन नहीं किया गया था, ये मुश्किल सतह की सतह के तहत गिर जाना चाहीए. हम सिफ़ारिश करते हैं कि आप बाइबल की कहानियां तर्जुमा करने लगीं. खुले बाइबल कहानियां तर्जुमा करने से बहुत सारे अच्छे वजूहात हैं:

  • खुले बाइबल कहानीयों को आसानी से तर्जुमा करने के लिए डिज़ाइन किया गया था.
  • ये बड़े पैमाने पर दास्तान है.
  • बहुत मुश्किल अलफ़ाज़ और अलफ़ाज़ आसान बन गए हैं
  • मुतर्जिम के मतन को समझने में मदद के लिए उस के बहुत से तसावीर हैं.
  • बाइबल की कहानियां बाइबल या इस से भी नए अह्द नामे से ज़्यादा छोटा है, लिहाज़ा ये जल्दी मुकम्मल और चर्च में तक़सीम किया जा सकता है.
  • चूँकि ये किताब नहीं है, खुले बाइबल कहानियां ख़ौफ़ को दूर करती हैं कि बहुत से मित्र जमीन ख़ुदा के कलाम का तर्जुमा करते हैं.
  • बाइबल का तर्जुमा करने से क़बल * खिले बाइबल की कहानीयों का तर्जुमा तर्जुमा में मुतर्जिमों का तजुर्बा और तर्बीयत देता है, ताकि जब वो तर्जुमा करें

बाइबल, वो ये ठीक करें गे . खुले बाइबल कहानीयों का तर्जुमा करते हुए, तर्जुमा टीम हासिल करेगी:

  • तर्जुमा और जांच पड़ताल की टीम बनाने में तजुर्बा
  • तर्जुमा करने और अमल की जांच करने में तजुर्बा
  • दरवाज़े 43 तर्जुमा के औज़ार इस्तिमाल करने में तजुर्बा

तर्जुमा के तनाज़आत को हल करने में तजुर्बा चर्च और कम्यूनिटी की शमूलीयत हासिल करने में तजुर्बा मवाद शाय करने और तक़सीम करने में तजुर्बा

  • खुले बाइबल कहानीयों कलीसिया को सुखाने के लिए एक बहुत अच्छा ज़रीया है, खोए हुए इंजील, और मुतर्जिमों को तर्बीयत देने के लिए बाइबल किया है.

आप कहानीयों के ज़रीये अपना रास्ता काम कर सकते हैं जिसे आप चाहते हैं, लेकिन हमें ये कहानी मिल गई है

31 (http://ufw.io/en-obs-31 देखें) ये तर्जुमा करने के लिए एक अच्छी पहली कहानी है क्योंकि ये मुख़्तसर है. समझने में आसान.

नतीजा

बिलआख़िर, चर्च का फ़ैसला करने की ज़रूरत है कि वो क्या तर्जुमा करना चाहते हैं, और क्या आर्डर में. लेकिन इसलिए कि तर्जुमा एक ऐसी महारत है जो इस्तिमाल के साथ बेहतर बनाता है, और इस वजह से तर्जुमा और चैक टीमें बाइबल का तर्जुमा खिले बाइबल कहानीयों की तर्जुमानी करते हैं, और इस की बहुत ज़्यादा क़ीमत की वजह से तर्जुमा करदा खुली बाइबल कहानीयों को मुक़ामी चर्च के ज़रीया फ़राहम करता है, हम आपके तर्जुमा के मंसूबे को खोलें बाइबल कहानीयों के साथ शुरू करते हैं

खुले बाइबल कहानीयों का तर्जुमा करने के बाद, चर्च को फ़ैसला करने की ज़रूरत होगी कि ये कैसे शुरू हो सकता है कि सब कुछ शुरू हो चुका है (पैदाइश, ख़ुरूज) या यसवा (नए अह्दनामा इंजील) के साथ. किसी भी सूरत में, हम बाइबल तर्जुमा शुरू करते हैं कि कुछ मुश्किलात की सतह 2 और 3 किताबें (जैसे पैदाइश, रूथ, और मार्क) | आख़िर में, तर्जुमा टीम के बाद बहुत तजुर्बा है, फिर वो मुश्किल सतह 4 और 5 किताबें (जैसे जान, इब्रानियों और ज़बूरज़) का तर्जुमा शुरू कर सकते हैं. अगर तर्जुमा टीम इस शैडूल के मुताबिक़ है, तो वो बहुत कम ग़लतीयों के साथ बेहतर तर्जुमा करें गे |


एक ज़रीया मतन का इंतिख़ाब

This section answers the following question: एक ज़रीया मतन को मुंतख़ब करते वक़्त क्या अवामिल पर ग़ौर किया जाना चाहीए?

एक ज़रीया मतन पर ग़ौर करने के अवामिल

एक ज़रीया टेक्स्ट का इंतिख़ाब करते वक़्त, कई अवामिल मौजूद हैं जो समझना ज़रूरी है:

ये ज़रूरी है कि ज़बानी ग्रुप में गरजा-घरों के रहनुमाओं से इत्तिफ़ाक़ है कि ज़रीया मतन एक अच्छा है. खोलें बाइबल कहानीयों http://ufw.io/stories/ पर बहुत से ज़रीया ज़बानों में दस्तयाब हैं. वहां बाइबल का तर्जुमा भी अंग्रेज़ी में तर्जुमा के ज़रीया इस्तिमाल होता है, और जल्द ही दूसरी ज़बानें भी |


कॉपीराइट, लाईसैंसिंग, और माख़ज़ मतन

This section answers the following question: एक ज़रीया मतन का इंतिख़ाब करते वक़्त कॉपीराइट और लाईसैंस के बारे में ग़ौर किया जाना चाहीए?

ये क्यों अहम है?

जब तर्जुमा करने का ज़रीया मतन मुंतख़ब करते हैं तो, दो वजूहात के लेए कॉपीराइट / लाईसैंस याफताह मसला पर ग़ौर करना ज़रूरी है. सबसे पहले, अगर आप किसी कॉपीराइट शूदा काम से क़बल पहले इजाज़त के ज़रीया तर्जुमा करते हैं तो, आप क़ानून को मात रहे हैं क्योंकि मवाद के मालिक के लिए तर्जुमा सही है | कुछ जगहों पर, कॉपीराइट की ख़िलाफ़वरज़ी एक मुजरिमानी जुर्म है और इस कॉपीराइट होल्डर की रजामंदी के बग़ैर हुकूमत की तरफ़ से महाकिम किया जा सकता है! दूसरा, जब एक कॉपीराइट शूदा काम से तर्जुमा ख़त्म होजाता है, तो तर्जुमा ज़रीया टेक्स्ट के कॉपीराइट होल्डर का दानशोराना मिल्कियत है. वो तर्जुमा के तमाम हुक़ूक़ को बरक़रार रखते हैं जैसे ही वो ज़रीया मतन के साथ करते हैं. इन और दीगर वजूहात के लिए, ग़ैर वाज़िह लफ़्ज सिर्फ़ तर्जुमाओं को तक़सीम करेगा जो कि कॉपीराइट क़ानून के ख़िलाफ़ नहीं है |

हम क्या लाईसैंस इस्तिमाल करते हैं?

वर्ड को ग़ैर वाज़िह करने के ज़रीया शाय शूदा तमाम मवाद के तहत जारी किया गया है. तख़लीक़ी अलाम इंतिसाब-शराकत के साथ साथ 4.0 लाईसैंस (सीसी - बीवाई - एसए) (http://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0/ देखें). हमारा यक़ीन है कि ये लाईसैंस कलीसिया की सबसे बड़ी मदद है क्योंकि उस का तर्जुमा काफ़ी और जायज़ है कि इस से तर्जुमा और दीगर डीवटीपरीटटस की इजाज़त दी जा सकती है, लेकिन इस तरह की इजाज़त नहीं है कि इन डसीवटीवटस महिदूद हद तक लाईसैंस के तहत बंद हो सकें. इस मसले पर मुकम्मल बेहस के लिए, ईसाई कमांडर पढ़ीं (http://thechristiancommons.com/ देखें)

क्या ज़राए का इस्तिमाल किया जा सकता है?

माख़ज़ नसोस इस्तिमाल किया जा सकता है अगर वो अवामी डोमेन में हैं या मुंदरजा ज़ैल लाईसैंस में से एक के तहत दस्तयाब हैं, जो तख़लीक़ी अलाम इंतिसाब - इश्तिराक इलैक्शन लाईसैंस के तहत जारी करदा तर्जुमा का काम की इजाज़त देता है |

सवाल में तमाम दीगर कामों के लिए, बराए मेहरबानी से राबिता करें. [email protected].

नोट:

  • तमाम ज़रीया मतनें जो तर्जुमा स्टूडियो में ज़रीया नसोस के तौर पर ज़ाहिर होते हैं उनका जायज़ा लिया गया है और किसी भी ज़रीया मतन के तौर पर इस्तिमाल के लिए क़ानूनी हैं.
  • किसी भी लफ़्ज से पहले लफ़्ज को खोलने से शाय किया जाता है, इस के ज़रीया दर्ज जे़ल लाईसैंस में से एक के तहत ज़रीया मतन का जायज़ा लिया जाएगा और दस्तयाब है. आप तर्जुमा करने में नाकाम होने से बचने के लिए तर्जुमा शुरू करने से क़बल अपना ज़रीया मतन चैक करें

माख़ज़ मतन और वर्ज़न नम्बर

This section answers the following question: माख़ज़ मतन को मुन्तखिब करने में वर्ज़न नम्बर किस तरह मदद कर सकते हैं?

वर्ज़न नम्बर की अहमियत

ख़ास तौर से एक खुली तजवीज़ में जैसे अफ़शाएकलाम, शाए शुदा वर्ज़न का ख़ोज रखना अहम है। यह अहम है क्योंके तर्जुमे (और माख़ज़ मतन) अक्सर बदल सकते हैं। हर वर्ज़न की शिनाख्त करने के क़ाबिल होने से यह वाज़े होने में मदद मिलती है के किस तकरार के बारे में बात की जा रही है। वर्ज़न नंबर भी अहम हैं क्योंके तमाम तर्जुमे ताज़ातरीन माख़ज़ मतन के मुताबिक़ होना चाहिए। अगर माख़ज़ मतन में तब्दीली आती है तो ताज़ातरीन वर्ज़न से ममासल होने के लिए आख़िरकार तर्जुमा ताज़ा किया जाना चाहिए।

तर्जुमा तजवीज़ शुरू करने से क़ब्ल, बराए महरबानी यक़ीनी बनाएँ के आपके पास माख़ज़ मतन का जदीद तरीन वर्ज़न है

वर्ज़न किस तरह काम करते हैं

वर्ज़न नम्बर तब ही दिए जाते हैं जब काम जारी होता है, न के जब तरमीम करते हैं। नज़रसानी की तारीख़ दरवाज़ा43 में रखी गयी है, लेकिन यह उस काम से मुख्तलिफ़ है जिसे एक वर्ज़न नम्बर दिया जाए।

हर माख़ज़ मतन को ज़ारी होने पर एक पूरा नंबर दिया जाता है (वर्ज़न 1, 2, 3, वगैरा). इस माख़ज़ मतन पर मबनी कोई भी तर्जुमा माख़ज़ मतन का वर्ज़न नम्बर लेगा और .1 शामिल करेगा। (अंग्रेज़ी OBS वर्ज़न से कोई तर्जुमा वर्ज़न 4.1 बनेगा). दरमियानी तर्जुमा की बुनियाद पर कोई और तर्जुमा उस वर्ज़न नम्बर में एक और .1 का इज़ाफ़ा करेगा जिससे यह बनाया गया था (मिशाल के तौर पर 4.1.1). इन मतन में से किसी के भी नया जारी होने पर उनके ऐशारिया में 1 से इज़ाफ़ा करते हैं

बराए महरबानी मज़ीद तफ्सीलात के लिए देखें http://ufw.io/versioning.

ताज़ातरीन वर्ज़न कहाँ से पाएँ

वसाएल के ताज़ातरीन शाएशुदा वर्ज़न दरवाज़ा43 के कैटलोग में ऑनलाइन https://door43.org/en/?user=Door43-Catalog पर देखे जा सकते हैं। अफ़शाएकलाम अंग्रेज़ी माख़ज़ का मवाद मुख्तलिफ़ शक्लों में भी https://unfoldingword.bible/content/ से दस्तयाब है। नोट: तर्जुमाकोर, तर्जुमास्टूडियो और अफ़शाएकलाम एप में हमेशा ताज़ातरीन वर्ज़न नहीं होता है क्योंके मवाद को अपडेट करना ख़ुद ब ख़ुद नहीं होता है (ताज़ातरीन वर्ज़न हासिल करने के लिए इनमें से हर एप में आप माख़ज़ मवाद की ताज़ाकारी ख़ुसूसियात का इस्तेमाल कर सकते हैं).


अपनी ज़बान लिखने के लिए फ़ैसले

This section answers the following question: अपनी ज़बान लिखने के लिए हमें क्या फ़ैसले करने की ज़रुरत है?

तहरीरी अमल के बारे में अहम सवालात

जब ज़बान पहली दफ़ा लिखी जाती है तो, मुतर्जिम को यह फ़ैसला करना होगा के तमाम तहरीरी ज़बानों की कुछ ख़ुसूसियात की निशानदेही कैसे करें।

ये सवालात वसीअ तर बिरादरी को उन इब्तदाई फैसलों की समझ देंगे जिसे मुतर्जिम ने मक़ामी ज़बान को लिखने के लिए औक़ाफ़, हिज्जे और बाईबल में नाम लिखने के इलाकों में किया था। तर्जुमा टीम और बिरादरी को इस पर इत्तफ़ाक़ करना चाहिए के इसे किस तरह करें।

  • क्या आपकी ज़बान में बराह रास्त या इक्तबासी बयान को नुमायाँ करने का एक तरीक़ा है?
  • आयत नम्बर, इक्तबासी बयान और पुराने अहदनामे के हवालों की निशानदेही करने के लिए आपने क्या हिदायात पर अमल किया है? (क्या आप क़ौमी ज़बान के अन्दाज़ की पैरवी कर रहे हैं? आपने अपनी ज़बान के मुताबिक़ क्या तब्दीलियाँ इस्तेमाल करने का फ़ैसला किया है?)

बाईबल में नाम लिखने के लिए आपने क्या हिदायात पर अमल किया है? क्या आप क़ौमी ज़बान बाईबल में लिखे नामों को इस्तेमाल करते हैं। क्या आपके पास आपकी अपनी ज़बान से हिदायत हैं के नामों का तलफ्फ़ुज़ किस तरह किया जाता है और अगर उन्हें मज़ीद उनवानात की ज़रुरत होती है? (क्या यह फ़ैसला बिरादरी के लिए क़ाबिल ए क़बूल रहा है?

  • क्या आपने अपनी ज़बान के हिज्जे के किसी क़वायद को नोट किया है जिसे आप दूसरों के साथ बाँटना चाहेंगे, जैसे जहाँ एक लफ्ज़ अपनी सूरत बदल देता है और दो अल्फ़ाज़ मुत्तहिद हो जाते हैं? (क्या ये क़वायद बिरादरी के लिए क़ाबिल ए क़बूल हैं?)

हरूफ़-ए-तहज्जी / आरथोगराफी

This section answers the following question: मैं अपनी ज़बान के लिए एक हरूफ़-ए-तहज्जी कैसे बना सकता हूँ?

हरूफ़-ए-तहज्जी बनाना

अगर आपकी ज़बान पहले से लिखा नहीं है तो, आपको एक हरूफ़-ए-तहज्जी बनाना होगा ताकि आप उसे लिख सकें. एक हरूफ़-ए-तहज्जी पैदा करने के बारे में सोचने के लिए बहुत से चीज़ें हैं, और एक अच्छा बनाने में बहुत मुश्किल हो सकता है. अगर ये बहुत मुश्किल लगता है तो, आप एक तहरीर एक के बजाय आडीयो तर्जुमा कर सकते हैं |

एक अच्छा हरूफ़-ए-तहज्जी का मक़सद आपके ज़बान की हर मुख़्तलिफ़ आवाज़ की नुमाइंदगी करने के लिए एक ख़त है |

अगर एक पड़ोसी ज़बान में पहले से ही एक हरूफ़-ए-तहज्जी है, और अगर इस ज़बान को आपकी ज़बान में इसी तरह की आवाज़ मिलती है तो, ये सिर्फ अपने हरूफ़-ए-तहज्जी को क़र्ज़ देने के लिए अच्छी तरह से काम कर सकता है. अगर नहीं, तो अगले सबसे अच्छी बात ये है कि हरूफ़-ए-तहज्जी से लेकर क़ौमी ज़बान से आपको स्कूल में सीखा | ताहम, ये मुम्किन है कि आपकी ज़बान ने ये महसूस किया है कि क़ौमी ज़बान नहीं है, और इस तरह आपकी ज़बान के तमाम आवाज़ों की नुमाइंदगी करने के लिए इस हरूफ़-ए-तहज्जी का इस्तिमाल करना मुश्किल होगा. इस सूरत में, आपकी ज़बान में हर आवाज़ के बारे में सूचना अच्छा है. काग़ज़ की एक टुकडा पर क़ौमी ज़बान के हरूफ़-ए-तहज्जी को ऊपर से नीचे लिखें | फिर आप हर ज़बान के साथ अपनी ज़बान से एक लफ़्ज लिखें जो कि इस आवाज़ से शुरू हो या इस में इस की आवाज़ है. इस ख़त को दर्ज करें जो इस आवाज़ को हर अलफ़ाज़ में बनाता है |

क़ौमी  हरूफ़-ए-तहज्जी में ख़त हो सकते हैं जो आपकी ज़बान  इस्तिमाल नहीं करती है. ये ठीक है. अब इन अलफ़ाज़ से आवाज़ों के बारे में सोचें कि आपने एक मुश्किल वक़्त लिखा था, या आपके लिए एक ख़त नहीं मिल सका. अगर आवाज़ एक ऐसी आवाज़ की तरह है जैसे आपने एक ख़त तलाश किया, तो शायद आप इस आवाज़ को दूसरी आवाज़ की नुमाइंदगी करने में तरमीम कर सकते हैं | मिसाल के तौर पर, अगर आपके पास "s" की नुमाइंदगी  हुई आवाज़ है, और इसी तरह की आवाज़ जिसके लिए कोई ख़त नहीं था, आपको इसी तरह के आवाज़ के लिए एक निशान भी शामिल हो सकता है, जैसे उस के ऊपर या ^ या ~ डाल . अगर आपको मालूम होता है कि आवाज़ का एक गिरोह है जो ऐसा लगता है कि क़ौमी  ज़बान की आवाज़ों से भी इसी तरह की फ़र्क़ है, तो इस तरह के हुरूफ़ के इस ग्रुप में तरमीम करना अच्छा है |

एक-बार जब आपने इस मश्क़ को मुकम्मल कर लिया है और आपकी ज़बान में मज़ीद आवाज़ों पर ग़ौर नहीं किया जा सकता, तो एक कहानी लिखने की कोशिश करें या कुछ ऐसी चीज़ें लिखें जिन्हें हाल ही में हुआ है. जैसा कि आप लिखते हैं, शायद आपको शायद ये पता लग जाएगा कि आपने पहले ही नहीं सोचा. ख़ुतूत में तरमीम जारी रखें ताकि आप इन आवाज़ों को लिख सकें. इस फ़हरिस्त को इन आवाज़ों में शामिल करें जो आपने पहले किए है |

आपकी ज़बान के दूसरे स्पीकर को अपनी ज़बान की आवाज़ ले लू जो क़ौमी ज़बान को भी पढ़ते हैं और देखें कि वो उस के बारे में क्या सोचते हैं. शायद वो कुछ ख़ुतूत में तरमीम करने के लिए मुख़्तलिफ़ तरीक़े से तजवीज़ कर सकते हैं जो पढ़ने के लिए आसान या आसान है. इस दूसरे लोगों को भी जो कि आपने लिखा है इस को भी दिखाएंगे और अलफ़ाज़ और ख़त आवाज़ों की फ़हरिस्त के हवाले से उसे पढ़ने के लिए उनको पढ़ाऐं. अगर वो आसानी से पढ़ने के लिए सीख सकते हैं, तो आपके हरूफ़-ए-तहज्जी अच्छा है |

अगर ये मुश्किल है तो, इस में हरूफ़-ए-तहज्जी के हिस्से हो सकते हैं जो अब भी आसान होने के लिए काम की ज़रूरत होती है, या शायद एक ही ख़त की तरफ़ से नुमाइंदगी की जा रही है जिसमें मुख़्तलिफ़ आवाज़ हो सकती है, या शायद कुछ आवाज़ हो सकती है कि आप अब भी हुरूफ़ तलाश करने की ज़रूरत है.

अगर क़ौमी ज़बान रोमन हरूफ़-ए-तहज्जी के इलावा किसी तहरीरी निज़ाम का इस्तिमाल करता है, तो उस के बारे में सोचो कि मुख़्तलिफ़ अलामात जो आपको अलामात में तरमीम करने के लिए इस्तिमाल कर सकते हैं ताकि आप अपनी ज़बान की आवाज़ पेश कर सकें. ये सबसे बेहतर है अगर आप कम्पयूटर पर दुबारा मुअज़्ज़िज़ होने वाले तरीक़ों में अलामात को निशान ज़िद कर सकते हैं. (आप एक लफ़्ज प्रोसैसर में लिखना के निज़ाम के साथ या तर्जुमा की बोर्ड में की बोर्ड के साथ इस्तिमाल कर सकते हैं. http://ufw.io/tk/) अगर आपकी बोर्ड बनाने में मदद की ज़रूरत हो तो, एक ईमेल की दरख़ास्त [email protected]. पर भेजें. जब आप अलामतों का इस्तिमाल करते हैं जो कम्पयूटर की बोर्ड पर टाइप कर सकते हैं, तो आपका तर्जुमा इलैक्ट्रॉनिक तौर पर ज़ख़ीरा, नक़ल, और तक़सीम किया जा सकता है, और फिर लोगों को उसे किसी भी क़ीमत के ले-ए-नहीं पड़ता और उसे टैब्लेट या सेल फ़ोन पर पढ़ सकता है |


हरूफ़ ए तहज्जी तरक्क़ी

This section answers the following question: आवाज़ किस तरह अल्फ़ाज़ बनते हैं?

तअरीफ़ें

ये अल्फ़ाज़ की तअरीफ़ें हैं जो हम इस बारे में बात करने के लिए इस्तेमाल करते हैं के लोग इन आवाजों को कैसे अल्फ़ाज़ में तश्कील देते हैं, और उन अल्फ़ाज़ की तअरीफ़ें भी जो अल्फ़ाज़ के हिस्सों का हवाला देते हैं।

हरूफ़ ए सहीह

ये वो आवाजें हैं जब लोग ज़बान, दाँतों या होंटों की मक़ाम के ज़रिए अपने फेफड़ों से हवा के बहाव को ख़लल या महदूद करते हैं। हरूफ़ ए तहज्जी में हरूफ़ों की अक्सरियत हरूफ़ ए सहीह की है। ज़ियादातर हरूफ़ ए सहीह का सिर्फ़ एक ही आवाज़ होता है।

हरूफ़ ए इल्लत

दाँतों, ज़बान, या होटों से मसदूद होने के बगैर मुँह से साँसें निकलती हैं तो यह आवाजें मुँह से बनती हैं। (अंग्रेज़ी में, हरूफ़ ए इल्लत हैं a, e, i, o, u और बाज़ औक़ात y.)

हरकत ए लफ्ज़ (syl-ab-al)

लफ्ज़ का वह हिस्सा जिसमें उसके साथ या उसके आसपास के हरूफ़ ए सहीह के बगैर सिर्फ़ एक हरूफ़ ए इल्लत की आवाज़ होती है। बाज़ अल्फ़ाज़ में सिर्फ़ एक हरकत ए लफ्ज़ होती है।

इज़ाफ़ा

ऐसी चीज़ जो किसी लफ्ज़ में शामिल की गयी हो जो उसके मानी को बदल दे। यह शुरू, या आख़िर, या किसी लफ्ज़ की तश्कील में हो सकता है

जड़

किसी लफ्ज़ का सबसे बुनियादी हिस्सा; जो तमाम इज़ाफ़े हटाने के बाद रह जाता है।

सरफ़ीह

एक लफ्ज़ या किसी लफ्ज़ का हिस्सा जिसका कोई मानी हो और उसका कोई छोटा हिस्सा नहीं हो जिसका कोई मानी हो। (मिशाल के तौर पर, “syllable” में 3 हरकात ए लफ्ज़ हैं, मगर सिर्फ़ 1 सरफ़ीह, जबके “syllables” में 3 हरकात ए लफ्ज़ हैं और दो सरफ़ीह (syl-lab-le-). (आख़िरी “s” एक सरफ़ीह है जिसके मानी है जमा”।))

हरकात ए लफ्ज़ किस तरह अल्फ़ाज़ बनाते हैं

हर ज़बान में आवाजें होती हैं जो मुत्तहिद होकर हरकात ए लफ्ज़ की सूरत लेती हैं। किसी लफ्ज़ के इज़ाफ़े या किसी लफ्ज़ के जड़ में वाहिद हरकत ए लफ्ज़ हो सकता है, या इसमें मुतद्दिद हरकत ए लफ्ज़ हो सकते हैं। आवाज़ें मुत्तहिद होकर हरकत ए लफ्ज़ बनती हैं जो फिर मुत्तहिद होकर सरफ़ीह बनती हैं। सरफ़ीह एक साथ मुत्तहिद होकर मानी ख़ेज़ अल्फ़ाज़ बनते हैं। यह समझना अहम है के किस तरह हरकात ए लफ्ज़ आपकी ज़बान में तश्कील लेते हैं और कैसे वो हरकात ए लफ्ज़ एक दूसरे को मुतासिर करते हैं ताके हिज्जे के क़वायद तश्कील पायें और लोग ज़ियादा आसानी से आपकी ज़बान को पढ़ना सीख सकें।

हरूफ़ ए इल्लत की आवाज़ें हरकात ए लफ्ज़ का बुनियादी हिस्सा हैं। अंग्रेज़ी में सिर्फ़ पाँच हरूफ़ ए इल्लत की अलामतें हैं, “a, e, i, o, u”, लेकिन इसके 11 हरूफ़ ए इल्लत की आवाजें हैं जो हरूफ़ ए इल्लत के इत्तहाद और दीगर बहुत से तरीक़ों से लिखे जाते हैं। इन्फ़िरादी अंग्रेज़ी हरूफ़ ए अल्लत की आवाजें इन अल्फ़ाज़ में मिल सकती है जैसे, “beat, bit, bait, bet, bat, but, body, bought, boat, book, boot.”

तलफ्फ़ुज़ की तस्वीर शामिल करें

अंग्रेज़ी की हरूफ़ ए इल्लत

........मुँह के सामने जगह - दरमियानी -...पीछे ...घूमना (बगैर घूमा हुआ) (बगैर घूमा हुआ) (घूमा हुआ) ....ज़बान की ऊँचाई ऊँची i “beat” u “boot” दरमियानी- ऊँचा i “bit” u “book” दरमियानी e “bait” u “but” o “boat” नीचा-दरमियानी e “bet” o “bought” नीचा a “bat” a “body”

(बैन उल अक़वामी सौती हरूफ़ ए तहज्जी में इनमे से हर एक हरूफ़ ए इल्लत की अपनी अलामत होती है।)

हर एक हरकत ए लफ्ज़ के दरमियान से हरूफ़ ए इल्लत की आवाजें, और हरूफ़ ए सहीह की आवाजें हरूफ़ ए इल्लत के पहले और बाद में आती हैं

तलफ्फ़ुज़ इस बात का बयान है के हवा किस तरह मुँह या नाक से आती है उस आवाज़ को पैदा करने के लिए जिसे हम बोली के तौर पर शिनाख्त कर सकते हैं।

तलफ्फ़ुज़ के नुक़ते हलक़ या मुँह के साथ वो जगह हैं जहाँ हवा महदूद किया जाता है या इसका बहाव रोका जाता है। तलफ्फ़ुज़ के आम नुक़ते होटों, दाँतों, दाँतों की (ख़ानादार) रिज, तालू (मुँह की सख्त छत), नरम तालू (मुँह की नरम छत), हलक़ का कौव्वा, और आवाज़ की हड्डी (या हलक़ूम) को शामिल करते हैं।

तलफ्फ़ुज़ करने वाले मुँह के मुतहरिक हिस्से हैं, ख़ास तौर से ज़बान के हिस्से जो हवा के बहाव को सुस्त करते हैं। ज़बान का वह हिस्सा जो यह कर सकता है उसमें ज़बान की जड़, पुश्त, पत्ता, और नोक शामिल हैं। बगैर ज़बान का इस्तेमाल किये होंट भी मुँह के ज़रिये हवा के बहाव को सुस्त कर सकते हैं। होंटों से बने आवाजों में हरूफ़ ए सहीह शामिल हैं जैसे “b”, “v”, और “m”.

तलफ्फ़ुज़ करने का अन्दाज़ बयान करता है के हवा का बहाव किस तरह सुस्त किया जाता है। यह मुकम्मल तौर पर रुक सकता है (जैसा “p” या “b” के साथ, जो ठहरने वाले हरूफ़ ए सहीह या स्टॉप्स कहलाते हैं), भारी रगड़ होना (जैसे “f” या “v”, फ़िरकी कहलाते हैं), या सिर्फ़ थोड़ा सा महदूद होना (जैसे “w” या “y”, नीम हरूफ़ ए इल्लत कहलाते हैं, क्योंके वो तक़रीबन उतने आज़ाद हैं जितने के हरूफ़ ए इल्लत।)

आवाज़ करना ज़ाहिर करता है के आवाज़ की हड्डियाँ लरज़ती हैं या नहीं जब उनमे से हवा गुज़रती है। ज़ियादातर हरूफ़ ए इल्लत, जैसे, “a, e, i, u, o” बोलने वाली आवाजें हैं। हरूफ़ ए सहीह आवाज़ वाले (+v), जैसे “b,d,g,v”, या बेआवाज़ वाले (-v) जैसे “p,t,k,f” हो सकते हैं। ये तलफ्फ़ुज़ के उसी नुक़ते पर और उसी तलफ्फ़ुज़ करने वाले के साथ बनाए जाते हैं जिस तरह आवाज़ वाले हरूफ़ ए सहीह का ज़िक्र पहले किया गया है। “b,d,g,v”, और “p,t,k,f” के दरमियान फ़र्क सिर्फ़ आवाज़ करने (+v और –v) का है।

अंग्रेज़ी के हरूफ़ ए सहीह

तलफ्फ़ुज़ के नुक़ते होट दाँत रिज तालू नरम तालू हलक़ का कौव्वा आवाज़ की हड्डी आवाज़ करना -v/+v -v/+v -v/+v -v/+v -v/+v -v/+v -v/+v तलफ्फ़ुज़ करने वाला – अन्दाज़ होट – रुको p/b होट - फ़िरकी f/v ज़बान की नोक - रुको t/d रक़ीक़ /l /r ज़बान का पत्ता - फ़िरकी ch/dg ज़बान की पुश्त - रुको k/g ज़बान की जड़ - नीम-हरूफ़ ए इल्लत /w /y h/ नाक – हरूफ़ ए सहीह /m /n

आवाजों को नामज़द करना उनके ख़ुसूसियात को कहने के ज़रिये हो सकता है। “b” की आवाज़ को वोइसड बिलाबिअल (दो होट) स्टॉप कहा जाता है। “f” की आवाज़ को वोइसलेस लाबिओ-डेंटल (होट-दाँत) फ्रिकेटिव के तौर पर जाना जाता है। “n” की आवाज़ को वोइसड एलवेलोर (रिज) नसल कहा जाता है।

आवाजों की अलामत करना दो तरीक़ों में से एक में किया जा सकता है। या तो हम उस आवाज़ के लिए बैन उल अक़वामी सौती हरूफ़ ए तहज्जी में पाए जाने वाले अलामत का इस्तेमाल कर सकते हैं, या हम कारअीन के जाने हुए हरूफ़ ए तहज्जी से नामी अलामतें इस्तेमाल कर सकते हैं।

हरूफ़ ए सहीह का चार्ट - तल्फ्फुज़ करने वालों का ज़िक्र किये बगैर यहाँ एक हरूफ़ ए सहीह का अलामत चार्ट पेश किया गया है। जब आप अपने ज़बान की आवाजों को दरयाफ्त करेंगे, अपने ज़बान और होटों की जगह की आवाज़ और एहसास को सुनने के लिए जब आप आवाज़ करेंगे, तो आप उन आवाजों की नुमाइंदगी के लिए इस मज़मून के चार्ट को अलामतों से भर सकते है।

तलफ्फ़ुज़ के नुक़ते होट दाँत रिज तालू नरम तालू हलक़ का कौव्वा आवाज़ की हड्डी आवाज़ करना -v/+v -v/+v -v/+v -v/+v -v/+v -v/+v -v/+v अन्दाज़ रुकना p/b t/d k/g फ़िरकी f/v ch/dg रक़ीक़ /l /r नीम-हरूफ़ ए इल्लत /w /y h/ नाक /m /n


फाइलों को तरतीब देना

This section answers the following question: कोन से फाइल के तरतीब काबिले कबूल हैं ?

तर्जुमा की तकनीकी नौईयत

जबकि तर्जुमा का एक बड़ा हिस्सा ज़बान, अलफ़ाज़ और जुमले के साथ करना है, ये भी सच्च है कि तर्जुमा का एक बड़ा पहलू तकनीकी नौईयत है. हरूफ़-ए-तहज्जी, , टाइपिंग, फॉर्मेटिंग, पब्लिशिंग, और तक़सीम करने के अलवा भी , तर्जुमे के बहुत से तकनीकी पहलूओं हैं Iये सब मुम्किना बनाने के लिए, कुछ मयार हैं जो अपनाया गए है I

यू ऐस एफ़ ऐम: बाइबल तर्जुमा फ़ार्म

बहुत से सालों के लिए, बाइबल तर्जुमा के लिए मयारी शक्ल यू ऐस एफ़ ऐम है (जो मुत्तहिद मयारी फॉर्मेट मारकरज़ के लिए है). हमने भी इस मयार को अपनाया है.

यू ऐस एफ़ ऐम एक किस्म की मार्क अप ज़बान है जो कम्पयूटर प्रोग्राम को मतन की शक्ल में बताती है I मिसाल के तौर पर, हर बाब एस सी सी या सी 33 की तरह निशान लगा दिया गया है. आयात मारकर शायद वी 8 या वी 14 की तरह नज़र आसकते हैं. पैराग्राफ़ निशान \ p लगा दिया गया है I इस तरह के बहुत से दूसरे मारकरों के ऐसे मख़सूस मअनी होते हैं Iतो यू ऐस एफ़ ऐम में जान 1: 1-2 की तरह एक मंज़ूरी इस तरह नज़र आएगी I

c 1 p v 1 शुरुआत में एक लफ्ज़ था , और वो लफ्ज़ खुदा के साथ था , और लफ्ज़ खुदा था I v 2 ये लफ्ज़ शुरू में खुदा के साथ था I

जब एक computer प्रोग्राम , यू ऐस एफ़ ऐम  पढ़ पता है , तोह वो सारे बाब को तरतीब उसी तरह से कर पता है ( जैसे की बड़े अदाद के साथ ) और आयत के सभी अदाद एक तरीके से होते है ( जैसे की छोटे आतिया अदाद )

  • बाइबल तर्जुमाओं को इस के इस्तिमाल के काबिल होने के लिए हमारे लिए यू ऐस एफ़ ऐम में होना ज़रूरी है

USFM की इत्तिला के बारे में मज़ीद पढ़ने के लिए,http://paratext.org/about/usfm पढ़ीं

यू ऐस एफ़ ऐम में बाइबल तर्जुमा कैसे करें

ज़्यादा-तर लोग नहीं जानते किUSFM मैं कैसे लिखा जाता है I उएह एक वजूहात है की हमने तर्जुमा स्टूडियो बनाया है I जब आप तर्जुमा स्टूडियो में तर्जुमा करते है , जो आप देखते है वो एक बिना मार्क अप के आम वर्ड प्रोसेसर डॉक्यूमेंट की तरह दीखता है I हालाँकि तर्जुमा स्टूडियो आप जो कुछ देखते हैं उस के नीचे यू ऐस एफ़ ऐम में ब बाइबल तर्जुमा की तशकील कर रहे हैं I इस तरह, जब आप तर्जुमा स्टूडियो से अपना तर्जुमा अपलोड करते हैं  तो अपलोड किया जा रहा है, पहले से ही यू ऐस एफ़ ऐम में फॉर्मेट किया रहता है और मुख़्तलिफ़ फॉर्मेट्स में फ़ौरी तौर पर शाय किया जा सकता है I

एक तर्जुमा को यू ऐस एफ़ ऐम में तब्दील करना

वैसे तो सिर्फ़ यू ऐस एफ़ ऐम नोटीफ़ीकेशन का इस्तिमाल करते हुए तर्जुमा करने के लिए हौसला-अफ़ज़ाई की जाती है , पर कभी कभी ताजुमन बिना यू ऐस एफ़ ऐम मार्क up के भी किया जाता है I ऐसे तर्जुमा को अभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है , पर पहले यू ऐस एफ़ ऐम मार्कर जोड़ना जरूरी है I ऐसा करने का एक तरीक़ा ये है कि इस का तर्जुमा स्टूडीयो में कापी और पेस्ट करें, फिर आयत नंबर के मार्कर को सही जगह पर रखें  I जब ये किया जाये तो, तर्जुमा यू ऐस एफ़ ऐम के तौर पर बहार भेजने के काबिल हो जाएगा I ये एक बहुत मुश्किल काम है, लिहाज़ा हम मज़बूती से अपने बाइबल के तर्जुमा के काम को इबतिदाई तौर पर तर्जुमा स्टूडियो या कुछ दूसरे प्रोग्राम में इस्तिमाल करते हैं जो यू ऐस एफ़ ऐम इस्तिमाल करते हों I

दीगर मवाद के लिए मारकडाउन

मारकडाउन एक बहुत आम मार्क अप ज़बान है जो इंटरनैट पर बहुत से मुक़ामात पर इस्तिमाल किया जाता है I मार्क डाऊन का इस्तिमाल करते हुए मुख़्तलिफ़ किस्म के फॉर्मेट्स (जैसे वैब सफ़ा, मोबाइल पी डी एफ़, वग़ैरा ) मैं इस्तिमाल होने वाली एक ही मतन के लिए बहुत आसान होता है I

मारकडाउन * बोल्ड * और इटली की हिमायत करती है, इस तरह लिखा है

मारकडाउन बोल्ड और इटेलिक की हिमायत करता है

मारकडाउन इस तरह की उनवानात की भी हिमायत करता है

सुर्ख़ी1

सुर्ख़ी2

सुर्ख़ी3

मार्क डाउन लिनक्स की हिमायत करता है I लिनक्स इस तरह आते हैं और ऐसे लिखे जाते हैं I

https://unfoldingword.bible

लिंक के लिए रवाबित मर्ज़ी के मुताबिक़ अलफ़ाज़  की हिमायत ऐसे की जाती है :

uW Website

नोट करें कि ऐच टी ऐम ईल भी दरुस्त मारकडाउन है I मारकडाउन मुताबिक़त पज़ीरी की मुकम्मल लिस्टिंग के लिए मुलाहिज़ा करेंhttp://ufw.io/md.

इख़तताम

यू ऐस एफ़ ऐम या मार्क डाऊन के साथ निशान ज़दा मवाद हासिल करने का सबसे आसान तरीक़ा ऐसे एडिटर का इस्तेमाल करना है जो खास तौर पे इसी के लिए बनी हो I अगर वर्ड प्रोसैसर या टेक्स्ट ऐडीटर इस्तिमाल किया जाता है तो, ये निशान दस्ती तौर पर दाख़िल होना ज़रूरी है I

  • नोट : एक लफ़्ज़ प्रोसैसर में मतन बोल्ड, इतालवी, या ज़ेर-ए-बहस बनाने पर वो मार्क अप ज़बान में भी बोल्ड, इतालवी, या ज़ेर-ए-बहस नहीं हो जाता है I इस किस्म की फॉर्मेटिंग नामज़द अलामतों को लिख कर करना ज़रूरी है *

जब आप कोन सा सॉफ्टवेअर इस्तिमाल करने पर ग़ौर करते हो तो, बराए मेहरबानी ज़हन में रखू कि तर्जुमा सिर्फ़ अलफ़ाज़ के बारे में नहीं है; वहां बहुत से तकनीकी पहलू हैं जो ग़ौर में ले जाने की ज़रूरत है I जो भी सॉफ्टवेअर इस्तिमाल किया जाता है, इस को याद रखना कि बाइबल तर्जुमाओं को यू ऐस एफ़ ऐम में डालने की ज़रूरी है, और बंकि सब कुछ मार्क मार्ड में डालना होगा I


तर्जुमा करने में मदद

This section answers the following question: मुझे तर्जुमा करने के लिए कहाँ मदद मिल सकती है?

तर्जुमाइमदाद इस्तेमाल करना

बेहतरीन तर्जुमे को मुमकिन बनाने में मुतर्जमीन की मदद करने के लिए, तर्जुमानोट्स, तर्जुमाअल्फ़ाज़, और तर्जुमासवालात को बनाया गया है।

तर्जुमानोट्स तहज़ीबी, लिसानी, और इस्तेसनाई नोट्स हैं जो बाईबल के कुछ पस मन्ज़र को बयान करने और उनकी वज़ाहत करने में मदद करती हैं जिन्हें मुतर्जिम को दुरुस्त तर्जुमे करने के लिए जानने की ज़रुरत है। तर्जुमानोट्स मुतर्जमीन को उन मुख्तलिफ़ तरीक़ों की बाबत भी इत्तिला करती हैं के वो यकसां मानी बयान कर सकती हैं। देखें http://ufw.io/tn/.

तर्जुमाअल्फ़ाज़ खुली बाईबल की कहानियों और बाईबल में पायी जाने वाली कलीदी इस्तलाहात हैं जिनका दुरुस्ती से तर्जुमा करना अहम है। इनमे से हर एक लफ्ज़ या फ़िक़रे की बाबत एक छोटा मज़मून इसके साथ लिखा है और साथ ही दूसरी जगहों के हवाले भी हैं जहाँ इस इस्तलाह को या तो खुली बाईबल की कहानियों या बाईबल में इस्तेमाल किया जाता है। यह मुतर्जिम को तर्जुमाअल्फ़ाज़ के इस्तेमाल के दूसरे तरीक़े दिखाने के लिए और यह यक़ीनी बनाने के लिए के उन जगहों में भी इसका तर्जुमा दुरुस्ती से किया गया है। देखें http://ufw.io/tw/.

तर्जुमासवालात फ़हम के सवालात हैं जिनका इस्तेमाल आपके तर्जुमे की ख़ुद जाँच पड़ताल करने के लिए किया जा सकता है। अगर आप सिर्फ़ हदफ़ ज़बान तर्जुमा का इस्तेमाल करते हुए तर्जुमासवालात का सहीह तौर पर जवाब दे सकें, तो यह एक दुरुस्त तर्जुमा है। हदफ़ ज़बान बिरादरी से जाँच पड़ताल के लिए भी तर्जुमासवालात एक अच्छा औज़ार है। देखें http://ufw.io/tq/.

एक दफ़ा जब आपने तर्जुमानोट्स, तर्जुमाअल्फ़ाज़, और तर्जुमासवालात से मशवरा कर लिया है, फिर आप बेहतरीन तर्जुमा करने के लिए तैयार हैं।

बराय महरबानी अपना तर्जुमा करते वक़्त तर्जुमानोट्स और तर्जुमाअल्फ़ाज़ से मशवरा करें!


अस्ल और माख़ज़ ज़बानें

This section answers the following question: अस्ल ज़बान और माख़ज़ ज़बान के दरमियान क्या फ़र्क है?

अस्ल ज़बान में मतन सबसे ज़ियादा दुरुस्त होता है

तअरीफ़ - अस्ल ज़बान वह ज़बान है जिसमे इब्तदा में बाईबल का मतन लिखा गया था।

बयान - नए अहदनामे की अस्ल ज़बान यूनानी है। पुराने अहदनामे की ज़ियादातर ज़बान इब्रानी है। ताहम, दानीएल और अज़्रा की किताबों के बाज़ हिस्सों की अस्ल ज़बान अरामी है। माख़ज़ ज़बान हमेशा सबसे ज़ियादा दुरुस्त ज़बान होती है जिससे किसी क़तआ का तर्जुमा करना है।

माख़ज़ ज़बान वह ज़बान होती है जिससे तर्जुमा किया जा रहा है। अगर कोई मुतर्जिम बाईबल को अस्ल ज़बानों से तर्जुमा कर रहा है, तो उसके तर्जुमे के लिए अस्ल ज़बान और माख़ज़ ज़बान एक ही हैं। ताहम, सिर्फ़ वही लोग जिन्होंने असली ज़बानों की मुतालआ में कई साल गुज़ारे हैं वह उन्हें समझते हैं और उन्हें माख़ज़ ज़बान के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसी वजह से, ज़ियादातर मुतर्जिम अपने माख़ज़ मतन के तौर पर उन बाईबल का इस्तेमाल करते हैं जिन का तर्जुमा किसी वसीअतर मोवासलात जबान में किया जा चुका है।

अगर आप किसी वसीअतर मोवासलात जबान से तर्जुमा कर रहे हैं, यह बेहतर ख़याल है के किसी ने जो असली ज़बानों का मुतालआ किया है उस हदफ़ ज़बान की तर्जुमे के मानी को अस्ल ज़बान के मानी के साथ मोवाज़ना करे ताके इस बात को यक़ीनी बनाया जा सके के मानी एक ही हैं। हदफ़ ज़बान के तर्जुमे का मानी दुरुस्त है इस बात को यक़ीनी बनाने का एक और तरीक़ा यह है के तर्जुमे को उन तर्जुमा इमदाद के साथ जाँच पड़ताल करना जो अस्ल ज़बान जानने वाले लोगों के ज़रिये लिखे गए हैं। बाईबल के तब्सरे और लुग़त, इसके साथ साथ अफ़शाएकलाम तर्जुमानोट्स, तर्जुमाअल्फ़ाज़ तआरीफ़ें, और तर्जुमासवालात उनके जवाबात के साथ इनमें शामिल हैं।

माख़ज़ज़बान में मतन दुरुस्त न भी हो सकती है

अगर मुतर्जिम को अस्ल ज़बान समझ नहीं आती, तो उसे माख़ज़ ज़बान के तौर पर किसी वसीअतर मोवासलात जबान का इस्तेमाल करना होगा। माख़ज़ में मानी दुरुस्त हो सकते हैं, इस बात पर मुन्हसिर है के इसका अस्ल से कितने एहतियात से तर्जुमा किया गया था। लेकिन यह अभी भी तर्जुमा है, लिहाज़ा यह अस्ल से एक क़दम दूर है और बिल्कुल यकसां नहीं है। बाज़ मुआमलात में, मुमकिन है के माख़ज़ अस्ल के बजाय किसी और माख़ज़ से तर्जुमा किया गया हो, और उसे अस्ल से दो क़दम दूर रखे।

नीचे के मिशाल पर गौर करें। एक मुतर्जिम स्वाहिली नया अहदनामा का इस्तेमाल माख़ज़ के तौर पर एक नई हदफ़ ज़बान तर्जुमे के लिए करता है। ताहम, ख़ास स्वाहिली बाईबल वर्ज़न जिसका वह इस्तेमाल कर रहा है, उसका तर्जुमा अंग्रेज़ी से किया गया था – बराह रास्त यूनानी से नहीं (NT की अस्ल ज़बान). लिहाज़ा यह मुमकिन है के तर्जुमे की जंज़ीर में अस्ल से हदफ़ की ज़बानों में कुछ मानी बदल गए हों।

असली ज़बानों से नए तर्जुमे का मोवाज़ना करना ही इस बात को यक़ीन करने का तरीक़ा है के तर्जुमा ज़ियादा से ज़ियादा दुरुस्त है। जहाँ यह मुमकिन नहीं है, माख़ज़ मतन के तौर पर ULT का इस्तेमाल करें, दीगर बाईबल तर्जुमों के साथ जिनका अस्ल ज़बानों से तर्जुमा किया गया था।


हक़ीक़ी लवाज़मात

This section answers the following question: क्या असल ज़बान मतन के बारे में मज़ीद मालूमात है?

हक़ीक़ी लवाज़मात की तहरीर

बाइबल बहुत सारे साल क़बल ख़ुदा के नबियों और रसूलों की तरफ़ से ख़ुदा के तौर पर लिखते हैं कि उसे लिखने के लिए हिदायत की गई थी. ईसराईलीयों ने इब्रानी ज़बान में कहा, लिहाज़ा, पुराने अह्दनमा की किताबें इब्रानी ज़बान में लिखी गई थीं. जब वो अससयाह और बाबुल में अजनबियों के तौर पर रहते थे, तो उन्होंने अरामी ज़बान सीखने के बारे में सीखा, लिहाज़ा कुछ बाद में पुराने अह्दनमा के बाअज़ हिस्सों ने अरदन में लिखा था |

मसीह के आने के तक़रीबन तीन सौ साल पहले, यूनानी वसीअ मुवासलात की ज़बान बन गया. यूरोप और मशरिक़-ए-वुसता के बहुत से लोग यूनानी ने दूसरी ज़बान के तौर पर बात की. लिहाज़ा  पुराने अह्दनमा यूनानी में तर्जुमा किया गया था. जब मसीह आया, दुनिया के इन इलाक़ों में बहुत से लोगों ने अभी तक यूनानी ने दूसरी ज़बान के बारे में बात की, और नए अह्दनमा की किताबों को यूनानी ज़बान में लिखा गया

फिर वापिस कोई प्रिंटर्ज़ नहीं थे, लिहाज़ा मुसन्निफ़ीन ने किताबों को हाथ से लिखा. ये असल नुस्ख़ा थे. जिन्हों ने इन पादरीयों को नक़ल क्या वो हाथ से भी करते थे. ये भी नुस्खे़ थे. ये किताब इंतिहाई अहम हैं, लिहाज़ा कोपिएर्स ख़ुसूसी तर्बीयत हासिल की और उनको दरुस्त तरीक़े से कापी करने की कोशिश करने के लिए बहुत मुहतात थे |

सैंकड़ों सालों में, लोगों ने बाइबल की किताबों की हज़ारों नक़ल नक़ल की. इस नुस्खे़ जो मुसन्निफ़ीन ने असल में लिखा है सबको खो दिया गया है या जला दिया गया है, लिहाज़ा हम उन्हें नहीं रखते हैं. लेकिन हमारे पास बहुत से कापीयां मौजूद हैं जो पहले ही हाथ से लिख रहे थे. उनमें से कुछ नक़लें कई सैंकड़ों और हज़ारों साल तक ज़िंदा है |


बाइबल की साख़त

This section answers the following question: बाइबल कैसे मुनज़्ज़म है?

बाइबल 66 "किताबें" से बना है. अगरचे उन्हें "किताबें" कहा जाता है अगरचे वो लंबाई में बहुत मुख़्तलिफ़ होते हैं और सबसे कम ही सिर्फ एक सफा या दो लंबे हैं. बाइबल में दो अहम हिस्सों हैं. पहला हिस्सा पहला लिखा गया था और पुराने अह्दनामा कहा जाता है. दूसरा हिस्सा बाद में लिखा गया और उसे नए अह्दनामा  कहा जाता है. पुराने अह्दनामा  39 किताबें हैं और नए अह्दनामा  27 किताबें हैं. (नए अह्दनामा  में से कुछ किताबें लोगों के लिए ख़त हैं.

हर किताब को बाब में तक़सीम किया जाता है. ज़्यादा-तर किताबें एक से ज़ाइद बाब हैं, लेकिन ओबयाह, फ़ाएलोन, 2 यूहना, 3 यूहना, और जोद ने हर एक का सिर्फ एक बाब है. तमाम बाब आयात में तक़सीम किए गए हैं.

जब हम एक आयत का हवाला देता हैं तो, हम सबसे पहले किताब का नाम, फिर बाब और फिर आयत लिखते हैं. मिसाल के तौर पर "जान 3:16" का मतलब जान की किताब, बाब 3, आयत 16

जब हम एक दूसरे के साथ दो या ज़्यादा से ज़्यादा आयात का हवाला देते हैं तो, हम उनके दरमयान एक क़तार रखता है. "जान 3: 16-18" का मतलब जान, बाब 3, आयात 16, 17, और 18.

जब हम इन आयात से इशारा करते हैं जो एक दूसरे के आगे नहीं हैं, तो हम उनको जुदा करने के लिए इस्तिमाल करते हैं. "यूहना 3: 2, 6, 9" का मतलब जान बाब 3, आयात 2, 6, और 9

बाब और आयात नंबरों के बाद, हम बाइबल के तर्जुमा के लिए लिखावट का ज़िक्र करते हैं जो हमने इस्तिमाल किया था. जे़ल में मिसाल के तौर पर, "युएलटी " “खुली लफ़्ज लफ़्ज़ी मतन * के लिए खड़ा है.

तर्जुमे अकैडमी में हम इस निज़ाम को इस्तिमाल करते हैं कि ये बताएं कि किताब के हिस्से कहाँ से आते हैं. ताहम, उस का मतलब ये नहीं है कि पूरी आयत या आयात का सेट दिखाया गया है. जे़ल में मतन जजिज़, बाब 6, आयत 28 से आता है, लेकिन ये पूरी आयत नहीं है | ये आयत आख़िर में ज़्यादा है. तर्जुमा एक अकैडमी में, हम सिर्फ इस आयत का हिस्सा दिखाते हैं जो हम बात करना चाहते हैं.

सुबह के वक़्त जब शहर के लोग उठ गए, बिआल के क़ुर्बान गाह टूट गया था ... (जजों 6:28 युएलटी)


बाब और आयात नंबर

This section answers the following question: मेरे बाइबल में बाब और आयात नंबर क्यों बाइबल में से मुख़्तलिफ़ हैं?

तफ्सील

जब बाइबल की किताबें सबसे पहले लिखे गए थे, तो बाब और आयात के लिए कोई वक़फ़े नहीं थे. लोगों ने बाद में शामिल किया, और फिर दूसरों को बाइबल के ख़ास हिस्सों को तलाश करने में आसान बनाने के लिए बाबात और आयात शुमार की. चूँकि एक से ज़्यादा अफ़राद ने ये क्या, मुख़्तलिफ़ तर्जुमों में इस्तिमाल होने वाली मुख़्तलिफ़ तादाद में निज़ाम मौजूद है | अगर युएलटी में शमूलीयत का निज़ाम मुख़्तलिफ़ बाइबल में नंबर नंबर के निज़ाम से मुख़्तलिफ़ है, तो आप शायद इस बाइबल से निज़ाम को इस्तिमाल करना चाहते हैं.

इस वजह से ये तर्जुमा का मसला है

जो लोग आपकी ज़बान बोलते हैं वो भी एक और ज़बान में लिखा बाइबल इस्तिमाल कर सकते हैं. अगर ये बाइबल और आपका तर्जुमा मुख़्तलिफ़ बाब और आयत नंबरों का इस्तिमाल करते हैं तो, लोगों के लिए ये मुश्किल होगा कि वो किसी बाब और आयत नंबर का कहना है कि जिस आयत के बारे में कोई बात कर रहा है |

बाइबल की मिसाल

14 लेकिन मैं आपको जल्दी देखना चाहता हूँ, और हम चेहरे का सामना करेंगे. 15 आप पर सलाम हो. दोस्त आपको मुबारकबाद देते हैं. दोस्त के ज़रीया दोस्त को सलाम. (3 यूहना 1:14 15 युएलटी)

चूँकि 3 जान सिर्फ एक बाब है, कुछ वर्ज़न बाब नंबर को निशान ज़िद नहीं करते हैं. युएलटी और युएसटी में ये बाब 1 के तौर पर निशान ज़द किया जाता है. इस के इलावा कुछ वर्ज़न आयात 14 और 15 को दो आयात में तक़सीम नहीं करती हैं. इस के बजाय वो सबको आयत नंबर 14 के तौर पर निशान लगा दिया गया है |

दाऊद का एक ज़बूर, जब वो अबोबालोम का बेटा से भाग गया.

1ख़ुदावंद, कितने दूश्मन हैं. (ज़बूर 3: 1 युएलटी)

कुछ ज़लज़ले उनसे पहले एक वज़ाहत है. कुछ वर्ज़नों में वज़ाहत एक आयत नंबर नहीं दी जाती है जैसा कि यू उल्टी और युएसटी में है. दूसरे वर्ज़न में वज़ाहत आयत 1 है, और असल ज़बूर आयत 2 के साथ शुरू होता है |

… और दायरा ने मुदी सलतनत को हासिल किया जब वो तक़रीबन दो साल की उम्र थी. (डेनियल 5:31 युएलटी)

कुछ वर्ज़नों में ये डेनियल की आख़िरी आयत है 5. दीगर वर्ज़नों में ये डेनियल 6 की पहली आयत है.

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

  1. अगर लोग आपके ज़बान में बोलते हैं तो एक और बाइबल है जो वो इस्तिमाल करते हैं, नंबर बाब और आयात जिस तरह से ये करता है. [तर्जुमा स्टूडियो ए पी पी] में आयात को निशान ज़िद करने के बारे में हिदायात पढ़ें. (http://help.door43.org/en/knowledgebase/13-translationstudio-android/docs/24-marking-verses-in-translationstudio)

लागू तर्जुमा असटरीटजीज़ की मिसाले

अगर वो लोग जो आपकी ज़बान बोलते हैं वो एक और बाइबल है जो वो इस्तिमाल करते हैं, नंबर बाब और आयात जिस तरह से ये करता है.

मुंदरजा ज़ैल मिसाल 3 यूहना से है 1. कुछ बाइबल आयतें 14 और 15 के तौर पर इस मतन को निशान ज़िद करते हैं, और बाअज़ ये सब आयत के तौर पर निशान ज़िद करते हैं. आप आयत नंबर को अपने दूसरे बाइबल के तौर पर निशान ज़िद कर सकते है |

14 लेकिन मैं आपको जल्दी देखना चाहता हूँ, और हम चेहरे का सामना करेंगे.15अमन आप पर हो. दोस्त आपको मुबारकबाद देते हैं. दोस्तों के नाम से सलाम. (3 यूहना 1: 14-15 युएलटी)

14 लेकिन मैं जल्द ही आपको देखना चाहता हूँ, और हम चेहरे का सामना करेंगे. सलाम आपके पास हो दोस्त आपको मुबारकबाद देते हैं. दोस्त के ज़रीया दोस्त को सलाम. (3 जान 14)

ज़बूर से पहले एक मिसाल है 3. कुछ बाइबल ज़बूर के आग़ाज़ में एक आयत के तौर पर वज़ाहत नहीं करते हैं, और दूसरें उसे आयत के तौर पर निशान ज़िद करते हैं. आप आयात नंबर को अपने दूसरे बाइबल के तौर पर निशान ज़िद कर सकते हैं.

  • ** दाऊद का एक ज़बूर, जब वो अबोबालोम का बेटा से भाग गया.**

1 ख़ुदावंद, मेरे दुश्मन कितने है

बहुत से लोग मुड़ गए हैं और मुझ पर हमला करते हैं.

2 बहुत से मेरे बारे में कहते हैं,

"ख़ुदा के लिए कोई मदद नहीं है." सलिया

1 दाऊद का एक ज़बूर, जब वो अबोबालोम का बेटा से भाग गया. * 2 ख़ुदावंद, कितने दुश्मन हैं. बहुत से लोग मुड़ गए हैं और मुझ पर हमला करते हैं. 3 बहुत से मेरे बारे में कहते हैं, "ख़ुदा के लिए कोई मदद नहीं है." * सलिया


युएलटी और युएसटी फॉर्मेटिंग सिगनल

This section answers the following question: युएलटी और युएसटी में कुछ फॉर्मेटिंग सिगनल क्या दिखाता है ?

तफ्सील

  • लफ़्ज़ लतीफ़ मतन * (युएलटी) और * लफ़्ज़ सादा मतन * (युएसटी) को खोलने वाले हुरूफ़, लंबी डीशस, क़ारईन, और तशहीर का इस्तिमाल करने के लिए इस्तिमाल करते हैं कि ये किस तरह की मालूमात उस के इर्द-गिर्द है इस से मुताल्लिक़ है

एल्पसस के निशानात

** तारीफ़ ** - एल्पसस के निशानात (...) को ज़ाहिर करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है कि किसी ने किसी भी सज़ा को ख़त्म ना किया जिसने शुरू किया, या मुसन्निफ़ ने जो कुछ कहा वो उस का हवाला नहीं दिया.

मैथीयू 9: 4-6 में, यलसीस के निशान से पता चलता है कि जब यसवा ने इस मुफ़ीदआदमी को अपनी तवज्जा मर्कूज़ कर दी और इस से बात की तो यसवा मसीह ने इस की सज़ा ख़त्म कर दी

देखो, कुछ शरीयत दानों ने ख़ुद में कहा, "ये आदमी नफ़रतअंगेज़ है ." यसवा ने उनके ख़्यालात को जानता था और कहा, "आप अपने दिलों में बुरे क्यों क्यों सोच रहे हैं? इस के लिए कौन आसान है , आपके गुनाहों को माफ़ कर दिया या कहने के लिए, उट्ठो और चलना? लेकिन ये कि आप जान सकते हैं कि इब्न-ए-आदम ने गुनाहों को माफ़ करने के लिए ज़मीन पर इक़तिदार इख़तियार किया है . ... "उसने फ़ला लेकि से कहा," उठ जाओ, अपनी चटाई उठाव. और अपने घर जाओ. " (युएलटी )

मार्क 11: 31- 33 में, यलसीस के निशान से पता चलता है कि या तो मज़हबी रहनुमाओं ने उनकी सज़ा ख़त्म नहीं की, या मार्क ने लिखा कि उन्होंने क्या कहा

उन्होंने अपने दरमयान बेहस की और बेहस की और कहा, "अगर हम कहते हैं कि आसमान से, वो कहेंगे, तुम इस पर क्यों ईमान नहीं लाए? लेकिन अगर हम कहते हैं, मर्दों से, ... "उन्होंने लोगों से ख़ौफ़ज़दा किया, क्योंकि वो सब जानता था कि यूहना नबी था. फिर उन्होंने यसवा का जवाब दिया और कहा, "हम नहीं जानते." फिर ऐसी ने उनसे कहा, "मैं आपको ये बताता हूँ कि मैं इन चीज़ों को जो मैं करता हूँ, इस से नहीं करूँगा." (युएलटी )

लॉंग डैश

तारीफ़ - लंबी डैश (-)) मुतआरिफ़ कराने वाले मालूमात को फ़ौरी तौर पर इस से मुताल्लिक़ किया जा सकता है . मिसाल के तौर पर:

फिर दो आदमी मैदान में होंगे - एक को ले जाया जाएगा, और एक पीछे रह जाएगा. दो ख़वातीन एक मिल के साथ पीसने लगेगी एक को ले जाया जाएगा, और एक को छोड़ दिया जाएगा. पस तुम अपने परवरदिगार की तरफ़ लौट जाओगे क्योंकि तुम नहीं जानते कि तुम्हारा रब क्या दिन आएगा (मति 24: 40-41 युएलटी )

पीरनटीकस

तारीफ़ - पीरनटीकस "()" ज़ाहिर करते हैं कि कुछ मालूमात एक वज़ाहत या बाद अज़मीज़ा है .

पस-ए-मंज़र की मालूमात ये है कि मुसन्निफ़ उस जगह में पढ़ने वाले को इस के इर्द-गिर्द मवाद को समझने में मदद फ़राहम करता है .

यूहना 6: 6 में, यूहना ने कहानी में मुदाख़िलत की कि वो लिखा था कि ये वज़ाहत करने के लिए कि यसवा ने पहले से ही जानता था कि वो क्या करने वाला था. ये पैरिस में डाल दिया जाता है

जब यसवा ने देखा और इस के पास एक बहुत बड़ा भीड़ देखा, फिलिप्स से कहा, "हम रोटी क्यों ख़रीदेंगे ताकि ये खा सके?" ( अब यसवा ने फिलिप्स की आज़माईश के लिए ये कहा, क्योंकि वो अपने आपको जानता था कि वो क्या करने जा रहा था. ) फ़लिप ने जवाब दिया, "हर एक के लिए दो सौ डनराई रोटी काफ़ी नहीं होगी. थोड़ा सा. " (यूहना 6: 5-7 युएलटी )

जे़ल में क़ज़्ज़ाक़ों के अलफ़ाज़ ये नहीं हैं कि यसवा क्या कह रहा था, लेकिन मति ने क़ारी से किया कहा था, क़ारी को जानने के लिए कि यसवा अलफ़ाज़ को इस्तिमाल करते हुए कहने लगे कि वो सोचने और तशरीह करने की ज़रूरत पड़ेगी

"लिहाज़ा, जब आपको तोड़ने के ख़ातमे को देखते हैं, जो डेनियल नबी की तरफ़ से बोला गया था, मुक़द्दस जगह में खड़ा होता है " ( क़ारी को समझते हैं ), "जो लोग यहूदीयों में हैं भागते हैं पहाड़ों पर, जो घर के घर पर है वो उस के घर में कुछ चीज़ें निकालने के लिए नीचे ना जाएं, 18 और जो इस मैदान में है वो अपने चिकन को लेकर वापिस ना आएं. " (मति 24: 15-18 युएलटी )

इशारा

तारीफ़ - जब मतन इन्हिसार किया जाता है , इस का मतलब ये है कि मतन की लाईन ऊपर और इस के नीचे मतन की लाईनों के मुक़ाबले में दाएं तरफ़ शुरू होता है जो इन्फ़िरादी नहीं हैं.

ये शेअर और कुछ फ़हरिस्तों के लिए किया जाता है , ये ज़ाहिर करने के लिए कि इन्फ़िरादी लाइनें उनके ऊपर ग़ैर इंडोर लाईन का एक हिस्सा बनाते हैं. मिसाल के तौर पर:

5 ये उन रहनुमाओं के नाम हैं जिन्हों ने आपके साथ लड़ना होगा: रॉबिन के क़बीले से, एल्यू रिवर सादीर का बेटा 6 समावन के क़बीला सलोमोमील का बेटा सुरेशा दया का बेटा था. 7 यहोदाह के क़बीले से, अमीना दाब का बेटा नाशोन; (नंबर 1: 5-7 युएलटी )


बाइबल का तर्जुमा करते वक़्त युएलटी और युएसटी इस्तिमाल कैसे करें

This section answers the following question: बाइबल का तर्जुमा करने में युएलटी और युएसटी इस्तिमाल करने का बेहतरीन तरीका किया है?

अगर मित्र जमीन के तौर पर, आप युएलटी और युएसटी इस्तिमाल करते हैं तो आप युएलटी और युएसटी के दरमयान दर्ज जे़ल इख़तिलाफ़ात को याद करते हैं, और अगर आप जान सकें कि किस तरह हदफ़ ज़बान किस तरह उन इख़तिलाफ़ात की नुमाइंदगी करता है वो इस मसले से निमटने के लिए कर सकते हैं.

ख़्यालात का आर्डर

ULT ख़्यालात पेश करने की कोशिश करता है उसी आर्डर में जैसा कि वो मंबा मतन में ज़ाहिर होते हैं.

युएसटी उसको एक तर्तीब में ख़्यालात पेश करने की कोशिश करता है जो अंग्रेज़ी में ज़्यादा क़ुदरती है, या मंतिक़ के हुक्म के मुताबिक़ या वक़्त में तर्तीब के हुक्म पर अमल करता है.

जब आप तर्जुमा करते हैं तो, आपको ख़्यालात में डालना चाहीए कि वो हदफ़ ज़बान में क़ुदरती है. (मुलाहिज़ा करें आर्डर आफ़ आर्डर)

1पॉल, यसवा मसीह का ख़ादिम, एक रसूल बनना चाहता है, और ख़ुदा की ख़ुशख़बरी के लिए अलग अलग ..7 ये ख़त सब के लिए है जो रुम में हैं, ख़ुदा के महबूब. (रोमीयों 1: 1.7 युएलटी)
1 मैं, पोल, जो मसीह यसवा की ख़िदमत करता हूँ, मैं रुम के शहर में आप सब मोमिनों को इस ख़त लिख रहा हूँ. (रोमीयों 1: 1 युएसटी)

युएलटी से ज़ाहिर होता है कि पुलिस ने अपने ख़ुतूत शुरू किए हैं. वो ये नहीं कहते कि उनके सामईन आयत आयत 7 तक हैं. ताहम, युएसटी इस स्टाइल की पैरवी करता है जो आज अंग्रेज़ी में बहुत ज़्यादा क़ुदरती और बहुत सी ज़बानों में है |

लागू मालूमात

युएलटी अक्सर नज़रियात पेश करता है कि या दूसरे ख़्यालात को पूरा करने के काबिल है जो क़ारी को समझने के लिए अहम है.

युएसटी अक्सर उन दीगर ख़्यालात को वाज़िह करता है. युएसटी इस को याद दिलाने के लिए करता है कि आपको शायद आपकी तरजमी में ऐसा ही करना चाहीए अगर आप सोचते हैं कि आपके सामईन को मतन को समझने के लिए इस मालूमात को जानने की ज़रूरत होगी .

जब आप तर्जुमा करते हैं तो, आपको ये फ़ैसला करना चाहीए कि आपके सामईन की तरफ़ से उनमें से कौन सा तसव्वुर करदा नज़रियात शामिल किए जाऐंगे. अगर आपके सामईन को इन ख़्यालात को मतन के बग़ैर भी शामिल है, तो आपको उन ख़्यालात को वाज़िह करने की ज़रूरत नहीं है | (मुलाहिज़ा करें बाहमी इलमऔर वाज़िह मालूमात)

यसवा ने शमाउन से कहा, "मत डर मत, क्योंकि तुम अब तक मर्दों को पकड़ोगे." (लूक 5:10 युएलटी )

लेकिन ऐसी ने शमाउन से कहा, "मत डर! जब तक तुम मछली में जमा ना हो, लेकिन अब से तुम लोगों को मेरे शागिर्द बनने के लिए जमा करोगे." (लूक 5:10 युएसटी)

यहां युएसटी रीडर को याद दिलाता है कि साइमन तिजारत की तरफ़ से माही गेरी था. ये भी इसी तरह की बत वाज़िह करता है कि यसवा साइमन के पिछले काम और मुस्तक़बिल के काम के दरमयान ड्राइंग कर रहा था. इस के इलावा, युएसटी ये वाज़िह करता है कि यसवा ने साइमन को "मर्दों को पकड़ने" यानी "अपने शागिर्द बनने के लिए" (युएलटी) की क़ियादत करने का मुतालिबा किया था. (युएसटी)

जब उसने यसवा को देखा, तो उस के चेहरे पर गिर गया और इस से पूछा, "रब, अगर आप चाहे तो, आप मुझे साफ़ बना सकते हैं." (लूक 5:12 युएलटी)

जब उसने यसवा को देखा, तो उस के सामने ज़मीन पर चढ़ाया और इस से दरख़ास्त की, "ए ख़ुदावंद, मुझे शिफा बख़श कर, क्योंकि तुम मुझ पर शिफा बख़श सकते हो." (लूक 5:12 युएसटी)

यहां युएसटी ये वाज़िह करता है कि हादिसे की वजह से इस शख़्स को छुटकारा नहीं था जो हादिसे से ज़मीन पर गिर गया था. इस के बजाय, उन्होंने जान-बूझ कर ज़मीन पर घूम लिया. इस के इलावा, युएसटी ये वाज़िह करता है कि वो यसवा से पूछता है कि इस को शिफा दे सके. युएलटी में, वो सिर्फ़ इस दरख़ास्त का मतलब है.

अलामती अमल

तारीफ़ - एक अलामती कार्रवाई ये है कि किसी को किसी मख़सूस ख़्याल का इज़हार करने के लिए किया है |

युएलटी अक्सर अलामती कार्रवाई को पेश करता है जिसका मतलब ये है कि इस की कोई वज़ाहत नहीं है. युएसटी अक्सर अलामती कार्रवाई के ज़रीया बयान करदा मअनी को पेश करता है |

जब आप तर्जुमा करते हैं तो, आपको ये फ़ैसला करना चाहीए कि आया आपके नाज़रीन को एक अलामती कार्रवाई दरुस्त तरीक़े से समझ जाएगी. अगर आपके सामईन को समझ नहीं आएगा तो आपको ऐसा करना चाहीए जैसा कि युएसटी करता है. (मुलाहिज़ा करें अलामती अमल)

आला काहिन ने अपने कपड़े उतार कर (मार्क 14:63 युएलटी)

यसवा के अलफ़ाज़ के जवाब में, आला पादरी तो हैरानकुन था कि उसने अपने बैरूनी कपड़े उतारा. (मार्क 14:63 युएसटी)

यहां युएसटी ये वाज़िह करता है कि ये हादिसे से नहीं था कि आला काहिन उस के कपड़े उतारा. ये भी ये वाज़िह करता है कि शायद वो सिर्फ़ उस के बैरूनी लिबास था जिसे वो फंस गया था और उसने ऐसा किया क्योंकि वो ज़ाहिर करना चाहता था कि वो ग़मगीं या नाराज है या दोनो |

क्योंकि आला काहिन वाक़ई में अपने कपड़े उतार कर, युएसटी ज़रूरी है, उसने कहा कि उन्होंने किया. ताहम, अगर कोई अलामती कार्रवाई कभी नहीं हुई तो, आपको इस कार्रवाई की ज़रूरत नहीं है. यहां ऐसी मिसाल है:

अपने गवर्नर को पेश करो. क्या वो आपको क़बूल करेगा या वो अपना चेहरा उठाएगा? " (मालाची 1: 8 युएलटी)

आप अपने अपने गवर्नर को ऐसा तोहफ़ा पेश करने की जुर्रत नहीं करेंगे! आप जानते हैं कि वो उन्हें नहीं लेगा. आप जानते हैं कि वो आपके साथ नाख़ुश होगा और आपका इस्तिक़बाल नहीं होगा (मालाची 1: 8 युएसटी)

यहां अलामती कार्रवाई "यवटटी के किसी शख़्स का सामना करना", जिस तरह युएलटी की नुमाइंदगी करता है, सिर्फ युएसटी में इस का मअनी पेश किया जाता है: "वो आपके साथ नाख़ुश होगा और आपका इस्तिक़बाल नहीं करेगा." इस तरह से पेश किया जा सकता है क्योंकि मुल्हिक़ा असल में किसी मख़सूस वाक़िया से मुताल्लिक़ नहीं है जो असल में वाक़्य हुई थी. वो सिर्फ़ इस वाक़िया की नुमाइंदगी करता है जो ख़्याल से मुताल्लिक़ है.

ग़ैर फ़आल लफ़्ज़ी शक्ले

बाइबल इब्रानी और यूनानी दोनों अक्सर ग़ैर फ़आल फे़अल के इस्तिमाल करते हैं, जबकि बहुत सी दूसरी ज़बानों में ये इमकान नहीं है. युएलटी असल ज़बान उनका इस्तिमाल करते हैं जब ग़ैर फ़आल फे़अल फ़ार्म इस्तिमाल करने की कोशिश करता है. ताहम, युएसटी आम तौर पर इन ग़ैर फ़आल फे़अल इस्तिमाल नहीं करता. इस के नतीजे में, युएसटी बहुत से जुमले को दुबारा तशकील देता है

जब आप तर्जुमा करते हैं तो, आपको ये फ़ैसला करना होगा कि हदफ़ मिसाल के तौर पर हदफ़ ज़बान एक ग़ैर फ़आल इज़हार का इस्तिमाल करते हुए वाक़ियात या रियास्तों को पेश करसकता है. अगर आप किसी ख़ास सयाक़-ओ-सबॉक् में ग़ैर फ़आल फे़अल इस्तिमाल नहीं कर सकते हैं तो, आप जुमला को दुबारा तर्तीब देने के युएसटी मुम्किना तरीका  तलाश कर सकते हैं. (देखें फ़आल या ग़ैर फ़आल)

बाइबल की मिसाल

यवनिका वो हैरानकुन था, और जो सब उस के साथ थे, मछली की पकड़ में जिसने उन्हें लिया था. (लूक 5: 9 युएलटी)

उन्होंने कहा कि इस वजह से उन्होंने पकड़ा था कि बड़ी तादाद में मछली पर हैरत किया. तमाम मर्द जो उस के साथ थे वो भी हैरान थे. (लूक 5: 9 युएसटी)

यहां युएसटी ग़ैर फ़आल आवाज़ में युएलटी फे़अल के बजाय “हैरत-अंगेज़” फ़आल आवाज़ में एक फे़अल का इस्तिमाल करता है |

लोगों की बड़ी भीड़ एक दूसरे के साथ आकर उस को सुखाने और उनकी बीमारीयों से शिफा हासिल करने के लिए आए. (लूक 5:15 युएलटी)

नतीजा ये था कि बहुत से लोगों को यसवा के पास आया जो उसने सिखाया और उसे उनकी बीमारीयों से शिफा देने के लेए. (लूक 5:15 युएसटी)

यहां युएसटी युएलटी ग़ैर फ़आल फे़अल फ़ार्म से शिफा हासिल करने से बचता है "ये इस जुमले को दुबारा तर्तीब देने से करता है. इस का कहना है कि कौन कौन है:" इस के पास [यसवा] उन्हें शिफा देता है. "

अस्तीफा और दीगर बयानात के बयानात

तारीफ़ - युएलटी बाइबल के मज़ामीन में पाया जाने वाली तक़रीर के आदाद-ओ-शुमार की नुमाइंदगी करने की कोशिश करता है जितनी जल्दी मुम्किन हो सके.

युएसटी अक्सर उन ख़्यालात का मतलब दूसरे तरीक़ों से पेश करता है |

जब आप तर्जुमा करते हैं तो, आपको ये फ़ैसला करना पड़ेगा कि हदफ़ ज़बानी क़ारईन को कुछ कोशिशों के साथ, या बिलकुल नहीं. अगर उन्हें समझने की एक बड़ी कोशिश होती है, या अगर वो बिलकुल नहीं समझे तो, आपको दूसरे अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करते हुए बोलने वाले आदाद-ओ-शुमार के लाज़िमी मअनी को पेश करना होगा

उसने आपको हर तरह से, तमाम तक़रीर और तमाम इलम के साथ अमीर बना दिया है. (1 करनत्थियों 1: 5 युएलटी)

मसीह ने आपको बहुत सी चीज़ें दी हैं. उसने आपको अपनी सच्चाई से बात करने और ख़ुदा को जानने में मदद की. (1 करनत्थियों 1: 5 युएसटी)

पॉल "मालदार" लफ़्ज़ी में बयान करदा माद्दी दौलत का एक इशारा इस्तिमाल करता है. अगरचे वो फ़ौरी तौर पर वज़ाहत करता है कि वो "हर तक़रीर में और तमाम इलम के साथ," का मतलब है कि "कुछ क़ारईन समझ नहीं सकते. युएसटी ने इस मुफ़ीद को एक मुख़्तलिफ़ तरीक़े से पेश किया है, बग़ैर किसी माल की मालियत के इस्तिमाल के बग़ैर. (मुलाहिज़ा करें अस्तीफ़ा)

मैं भेड़ों के दरमयान भीड़ के तौर पर भेजता हूँ, (मति 10:16 यू उल्टी)

जब मैं आपको भेजता हूँ तो आप भेड़ों के तौर पर बेपनाह रहेंगे, उन लोगों के दरमयान जो भी भेड़ीयों के तौर पर ख़तरनाक हैं.(माथव 10:16 युएसटी)

यसवा मसीह ने एक ऐसी मिसाल इस्तिमाल की है जो अपने रसूलों को भेड़ीयों के दरमयान बाहर जानेवाले भेड़ों के तौर पर दूसरों के पास जा रहे हैं. कुछ क़ारईन इस बात को समझ नहीं सकेंगे कि रसूलों को भेड़ों की तरह कैसे मिलेगा जबकि दूसरे लोग भेड़ीयों की तरह रहेंगे. युएसटी वाज़िह करती है कि रसूलों को दिफ़ाई होगा और उनके दुश्मनों को ख़तरनाक होगा. (मुलाहिज़ा करें स्माइल)

आप मसीह से अलैहदा हैं, आप जो क़ानून के ज़रीया "जायज़" हैं. आप फ़ज़ल से गिर गए हैं. (ग़लतीयों 5: 4 युएलटी)

अगर आपकी तवक़्को है कि ख़ुदा आपको उस की नज़र में अच्छी तरह से ऐलान करे क्योंकि आप क़ानून को बरक़रार रखने की कोशिश करते हैं, तो आपने अपने आपको मसीह से अलग कर दिया है. भगवान ख़ुदा तुमसे नेक अमल करेगा. (ग़लतीयों 5: 4 युएसटी)

जब पॉल उनकी तरफ़ से क़ानून की तरफ़ से साबित किया जाता है तो वो पुलिस पर तन्क़ीद करता है. उन्होंने पहले ही उनको सिखाया था कि क़ानून की तरफ़ से कोई भी जायज़ नहीं हो सकता. यू उल्टी के हवाला के निशानों का इस्तिमाल "मुस्तहिक़" है जिससे ज़ाहिर होता है कि पोल ने वाक़ई ये यक़ीन नहीं किया कि वो क़ानून के ज़रीया जायज़ थे. युएसटी इसी ख़्याल का तर्जुमा करता है कि ये वाज़िह करने से ये है कि दूसरे लोगों को क्या ख़्याल है. (मुलाहिज़ा करें आईरनी)

ख़ुलासा इज़हार

युएलटी अक्सर ख़ुलासा अस्मानियों, क्या सात, और तक़रीर के दीगर हिस्सों का इस्तिमाल करता है, क्योंकि ये बाइबल के नसोस से क़रीब होने की कोशिश करता है. युएसटी इस ख़ुलासा इज़हार का इस्तिमाल नहीं करने की कोशिश करता है, क्योंकि बहुत से ज़बान ख़ुलासा इज़हार का इस्तिमाल नहीं करते हैं.

जब आप तर्जुमा करते हैं, तो आपको ये फ़ैसला करना पड़ेगा कि हदफ़ ज़बान किस तरह उन ख़्यालात को पेश करने की तर्जीह देते हैं. (मुलाहिज़ा करें ख़ुलासा के मतरादफ़ात)

उसने आपको हर तरह से, तमाम तक़रीर और तमाम इलम के साथ अमीर बना दिया है. (1 करनत्थियों 1: 5 युएलटी)

मसीह ने आपको बहुत सी चीज़ें दी हैं. उसने आपको अपनी सच्चाई से बात करने और ख़ुदा को जानने में मदद की. (1 कर नत्थियों 1: 5 युएसटी)

यहां युएलटी इज़हार "तमाम तक़रीर" और "तमाम इलम" ख़ुलासा लफ़्ज़ी इज़हार हैं. उनके साथ एक मसला ये है कि क़ारईन इस बात को नहीं जान सकेंगे कि बोलने वाले कौन हैं और क्या बात करते हैं, या जो जानने वाला है और क्या ये जानता है कि वो किया है. युएसटी इन सवालात का जवाब देते हैं.

नतीजा

ख़ुलासा में, युएलटी आपकी मदद करने में मदद करेगा क्योंकि ये आपको दरयाफ़त करने में मदद मिल सकती है कि असल बाइबल के मज़ामीन क्या हैं. युएसटी आपकी मदद करने में मदद करसकता है क्योंकि ये युएलटी टेक्स्ट का मअनी वाज़िह करने में मदद करसकता है, और ये भी आपके अपने तर्जुमा में वाज़िह बाइबल के मतन में नज़रियात को बनाने के मुख़्तलिफ़ तरीक़ों को दे सकता है |


रवाबित के साथ नोट्स

This section answers the following question: मुझे लिनक्स का तर्जुमा नोट्स में क्यों इस्तिमाल करना चाहीए?

तर्जुमा नोट्स में दो किस्म की लिनक्स मौजूद हैं: एक अकैडमी के अनवान के लिनक्स और इसी किताब के अंदर बार-बार अलफ़ाज़ या जुमले के लिनक्स |

तर्जुमा अकैडमी मौज़ूआत

तर्जुमा अकैडमी के मौज़ूआत का मक़सद ये है कि किसी भी, किसी भी जगह को किसी भी चीज़ को फ़आल करने के लिए बुनियादी तौर पर सीखने के लिए कि बाइबल को अपनी ज़बान में कैसे तर्जुमा करना है | उनका मक़सद वैब और ऑफलाइन मोबाइल वीडीयो फॉर्मेट्स में सिर्फ उन वक़्त के सीखने के लिए इंतिहाई लचकदार होना है |

हर तर्जुमा नोट यू उल्टी के एक फ़िक़रा की पैरवी करता है और इस जुमले को तर्जुमा करने के बारे में फौरी मदद फ़राहम करेगा. कभी कभी पेश नज़ारा तर्जुमा के इख़तताम पर इस सिलसिले में एक बयान होगा जिस तरह ये नज़र आते हैं: (मुलाहिज़ा करें: असताफ़ार). सबज़ में लफ़्ज या अलफ़ाज़ तर्जुमा अकैडमी के मौजू का एक लिंक हैं. आप मौजू के बारे में मज़ीद जानने के लिए लिंक पर क्लिक कर सकते है |

तर्जुमा अकैडमी के मौजू की मालूमात पढ़ने के कई सबब हैं:

  • मौजू के बारे में सीखने में मुतर्जिम की मदद से ज़्यादा दरुस्त तरीक़े से तर्जुमा करने में मदद मिलेगी |
  • मौज़ूआत को तर्जुमा के उसूलों और हिक्मत-ए-अम ली की बुनियादी तफ़हीम फ़राहम करने के लिए मुंतख़ब किया गया हैं |

मिसालें

  • सुबह और शाम - ये पूरे दिन का हवाला देता है. दिन के दो हिस्सों को पूरे दिन का हवाला देते हुए इस्तिमाल किया जाता है. यहूदीयों की सक़ाफ़्त में, एक दिन जब सूरज क़ायम होता है | (मुलाहिज़ा करें: मरज़म)
  • चल रहा है - "इताअत" (मुलाहिज़ा करें: * असताफ़ार *)
  • उसे मालूम क्या - "इस से बातचीत" (देखें:अमीवम)

एक किताब में बार-बार जुमले

कभी कभी एक फ़िक़रा एक किताब में कई बार इस्तिमाल किया जाता है. जब ऐसा होता है तो, तर्जुमा नोट-सबज़ बाब और आयात नंबरों में एक लिंक होगा जिस पर आप इस पर क्लिक कर सकते हैं- ये आपको वापिस ले जाएगा जहां आपने इस जमली से पहले तर्जुमा किया है. वहां कई वजूहात हैं कि आप इस जगह पर क्यों जाऐंगे जहां लफ़्ज या फ़िक़रा पहले तर्जुमा किया गया था :

  • ये आपको इस जुमले को तर्जुमा करने के लिए आसान बनाएगा कि आपको याद रखे कि आप किस तरह पहले से ही तर्जुमा कर चुके हैं |
  • ये आपका तर्जुमा तेज़ी से और ज़्यादा मुसलसल बना देगा क्योंकि आप हर बार इस जुमले को तर्जुमा करने के लिए याद दिलाएगा |

अगर एक ही जुमला के लिए आपने पहले ही इस्तिमाल किया है तो इस का तर्जुमा एक नए सयाक़-ओ-सबॉक् से मुत्तफ़िक़ नहीं है, लिहाज़ा आपको उस का तर्जुमा करने का एक नया तरीक़ा सोचना पड़ेगा. इस सूरत में, आपको उस का एक नोट बनाना और तर्जुमा टीम पर दूसरों के साथ बातचीत करना चाहीए

ये लिनक्स सिर्फ़ आपको इस किताब में नोट पर ले जाऐंगे जो आप काम कर रहे हैं |

मिसालें

  • फ़ाइदामंद और ज़रब हो - देखो कि आप इन पैदाइशों को जेनेसिस 1:28 में कैसे तर्जुमा करते हैं |
  • सब कुछ जो ज़मीन पर चलता है - इस में तमाम किस्म के छोटे जानवर भी शामिल हैं. देखो कि तुमने जेनेसिस 1:25 में ये कैसे तर्जुमा किया |
  • इस में बरकत दी जाएगी - AT: "इबराहीम की वजह से" बरकत  होगी "या" बरकत की जाएगी क्योंकि मैं इबराहीम बरकत देता हूँ. " "इस में" तर्जुमा करने के लिए, देखें कि आप जेनेसिस 12: 3 में "आपके ज़रीये" कैसे तर्जुमा करते है |

तर्जुमा नोट्स का इस्तिमाल करते हुए

This section answers the following question: मुख़्तलिफ़ किस्म के तर्जुमा नोट्स क्या हैं?

युएलटी से तर्जुमा करने के लिए

  • युएलटी पढ़ें. क्या आप मतन के मअनी को समझते हैं ताकि आप सही तरीक़े से, वाज़िह तौर पर और क़ुदरती तौर पर अपनी ज़बान में मअनी का तर्जुमा कर सकते हैं?
  • जी हाँ? तर्जुमा शुरू करें
  • नहीं? युएसटी को देखो. क्या युएसटी आपको युएलटी मतन के मअनी को समझने में मदद करता है?
  • जी हाँ? तर्जुमा शुरू करें
  • नहीं? मदद के लिए तर्जुमा नोट पढ़ें.

तर्जुमा नोट्स अलफ़ाज़ या जुमले जिनमें युएलटी  से कापी हुई है और फिर वज़ाहत की गई है. अंग्रेज़ी में, हर नोट जो वज़ाहत करता है कि यू उल्टी एक ही शुरू होता है. एक गोली प्वाईंट है, युएलटी मतन बोल्ड में इस के बाद डैश की तरफ़ से है, और इस के बाद तर्जुमे के तजावीज़ या मुतर्जिम के लिए मालूमात मौजूद हैं. नोटिस इस शक्ल की पैरवी करें:

  • युएलटी  मतन कॉपीराइट - तर्जुमा की तजवीज़ या मुतर्जिम के लिए मालूमात

नोट्स की इक़साम

तर्जुमा नोट में बहुत से मुख़्तलिफ़ किस्म के नोट हैं. हर किस्म का नोट मुख़्तलिफ़ तरीक़े से वज़ाहत करता है. नोट की क़सम को जानने वाला मुतर्जिम की मदद करेगा बाइबल मतनको अपनी ज़बान में तर्जुमा करने का बेहतरीन तरीक़ा पर फ़ैसला करे.

  • तारीफ़ात के साथ नोट्स - कभी कभी तुम नहीं जानते हो कि युएलटी में क्या लफ़्ज है. अलफ़ाज़ या जुमले की सादा तारीफ़ें बग़ैर हवाला या जमहूरीयत की शक्ल के बग़ैर शामिल है |
  • नोट्स बयान करते हैं - अलफ़ाज़ या जुमले के बारे में सादा वज़ाहतें जमली शक्ल में हैं.
  • नोट कि तजवीज़ करने के दूसरे तरीक़े - तजवीज़ करें क्योंकि क्योंकि इन नोट्ससों के बहुत से मुख़्तलिफ़ क़िस्म हैं, उन्हें जे़ल में मज़ीद तफ़सील से बयान किया जाता है.

तजवीज़ करदा तर्जुमा

तजवीज़ करदा तर्जुमा की कई इक़साम है

  • हम-आहंगी और मुसावात के साथ नोट्स - बाज़-औक़ात नोटों का तर्जुमा तजवीज़ फ़राहम करता है जो युएलटी मैं लफ़्ज या जुमले तबदील करसकता है. ये मुतबादिलसज़ा के मअनी को तबदील करने के बग़ैर सज़ा में फिट हो सकता है. ये हम-आहंगी और मुसाव जुमले हैं और दोहरी हवालाजात में लिखा जाता है. इस का मतलब युएलटी मैं मतन के तौर पर है .
  • मुतबादिल तर्जुमे के साथ नोट्स (एटी) - एक मुतबादिल तर्जुमा युएलटी  के फ़ार्म या मवाद में तजवीज़ करदा तबदील है क्योंकि हदफ़ ज़बान मुख़्तलिफ़ शक्ल को तर्जीह दे सकती है. मुतबादिल तर्जुमा सिर्फ उस वक़्त इस्तिमाल करना चाहीए जब युएलटी फ़ार्म या मवाद आपकी ज़बान में सही या क़ुदरती नहीं है
  • नोट है कि युएसटी तर्जुमा की वज़ाहत करें - जब युएसटी युएलटी के लिए एक अच्छा मुतबादिल तर्जुमा फ़राहम करता है, तो वहां हो सकता है कि कोई मुतबादिल तर्जुमा फ़राहम ना करें. ताहम, मौक़ा पर नोट एक युएसटी इससे मतन को मुतबादिल तर्जुमा के तौर पर पेश करेगा. इस सूरत में, नोट युएसटी से मतन के बाद "( युएसटी )"
  • नोटों में मुतबादिल  मअनी हैं - कुछ नोट मुतबादिल ज़रीया फ़राहम करती हैं जब एक लफ़्ज या फ़िक़रा एक से ज़्यादा तरीक़े से समझा जा सकता है. जब ये होता है, नोट सबसे पहले मुम्किना मअनी रखता है
  • काबिल-ए-ज़िक्र या मुम्किना मअनी के साथ - कभी कभी बाइबल के आलमगीर इस बात का यक़ीन नहीं जानते हैं, या इस बात पर मुत्तफ़िक़ नहीं हैं कि बाइबल में किसी ख़ास जुमल या सज़ा का मतलब है. इस में से बाअज़ वजूहात में शामिल हैं: क़दीम बाइबल के मतन में मामूली इख़तिलाफ़ात हैं, या एक लफ़्ज में से एक से ज़्यादा मअनी हो या इस्तिमाल हो सकते हैं, या शायद ये बात वाज़िह नहीं हो सकती कि ये लफ़्ज(जैसे एक ज़ात) एक मख़सूस फ़िक़रा में बयान करता है. इस सूरत में, नोट सबसे ज़्यादा मुम्किना मअनी देगा, या बहुत से मअनी मअनी देगा
  • नोट कि बयान के आदाद-ओ-शुमार की निशानदेही करें - जब यू उल्टी मतन में तक़रीर का एक शक्ल है, तो नोट इस बयान की वज़ाहत करेगी कि इस बात की शनाख़ती शक्ल कैसे की जाएगी. कभी कभी एक मुतबादिल तर्जुमा (एटी:) फ़राहम की जाती है. तर्जुमा अकैडमी का इज़ाफ़ा मालूमात और मुतर्जिम की मदद करने के लिए तर्जुमे की हिक्मत-ए-अमली के लिए भी एक लिंक होगा जिसमें दरुस्त तरीक़े से इस किस्म की तक़रीरकी शनाख़्त का तर्जुमा करें
  • याद रखें कि ग़ैर मुस्तक़ीम और बराह-ए-रास्त कोट की शनाख़्त - दो किस्म के कोटेशंज़ हैं: बराह-ए-रास्त कोटेशन और ग़ैर मुस्तक़ीम कोटेशन. एक कोटेशन का तर्जुमा करते वक़्त, मित्र जमीन को ये फ़ैसला करने की ज़रूरत है कि उसे बराह-ए-रास्त कोटेशन या ग़ैर मुस्तक़ीम कोटेशन के तौर पर तर्जुमा किया जाये. ये नोट्स मुतर्जिम को इस इंतिख़ाब को इंतिबाह करेगी जो बनाए जाने की ज़रूरत है
  • लॉंग युएलटी के जुमले के लिए नोट्स - कभी कभी ऐसे ऐसे नोटिस मौजूद हैं जो एक फ़िक़रा और अलैहद नोटिसों का हवाला देते हैं जो इस फ़िक़रा के हुसूल का हवाला देते हैं. इस सूरत में, बड़े फ़िक़रा का नोट पहला है, और इस के छोटे हिस्सों के लिए नोट बाद में अमल की जाती है. इस तरह, नोटों को हर एक हिस्सा के साथ साथ तर्जुमा की तजावीज़ या तशरीहात भी फ़राहम कर सकते है |

नोट्स में मुंसलिक बयान और उमूमि मालूमात

This section answers the following question: इबतिदाई तौर पर कुछ तर्जुमा में युएलटी शब्द क्यों नहीं होता ?

तफ्सील

कभी कभी, नोटों की फ़हरिस्त के सबसे ऊपर, वहां नोट हैं कि मरबूत बयान या उमूमि मालूमात |

एक मुंसलिक बयान बताता है कि किस तरह सहाबा में एक अक़ीदे की इबतिदाईमज़ामीन में सहाबा से मुताल्लिक़ है | मुंसलिक बयानात में कुछ किस्म की मालूमात दर्ज जे़ल हैं |

  • चाहे ये हिस्सा इबतिदाई, दरमयानी या आख़िर में है
  • कौन बोल रहा है
  • जिसे स्पीकर बोल रहा है

एक आम मालूमात नोट एक ऐसे टुकड़े से मुताल्लिक़ मुआमलात के बारे में बताता है जो एक से ज़ाइद जुमले का अहाता करता है. मुंदरजा ज़ैल कुछ किस्म की मालूमात जो आम मालूमात के बयान में मौजूद है |

  • शख़्स या चीज़ जिसका हवाला देते हैं
  • अहम पस-ए-मंज़र या मोतबर मालूमात जिसमें हिस्सा में मतन को समझने की ज़रूरत है
  • मंतक़ी दलायल और नतीजा

नोट्स के दोनों किस्मों को बेहतर तौर पर हिस्सा को समझने में मदद मिलती है और इस मसले से आगाह हो सकती है जो आपको तर्जुमा में ऐडरैस करने की ज़रूरत होगी |

मिसाल

चाहे यह हिस्सा इबतिदाई, दरमयानी या आख़िर में है

1 ये उस वक़्त आया जब यसवा ने अपने बारह शागिर्दों को हिदायत की थी, वो अपने शहरों में पढ़ने और तब्लीग़ करने के लिए वहां से चला गया| >2 जब यसवा ने जेल में मसीह के आमाल के बारे में सुना, तो उसने अपने शागिर्दों को एक पैग़ाम भेजा | 3 और इस से कहा, "क्या तुम आ रहे हो, या क्या कोई और शख़्स है जो हमें तलाश करना चाहीए?” (माथेव 11:1-3 युएलटी)

  • उमूमि मालूमात: - ये इस कहानी का एक नया हिस्सा है जिसमें मुसन्निफ़ ने ये बताया है कि यसवा ने यूहना बपतिस्मा देने वालों के शागिर्दों का जवाब दिया | (मुलाहिज़ा करें: * नई ईवंट का तआरुफ़*)

ये नोट आपको एक कहानी के एक नए हिस्से के आग़ाज़ में इंतिबाह देता है और आपको इस सफ़े का एक लिंक फ़राहम करता है जो उनमें तर्जुमा करने के मुताल्लिक़ नए वाक़ियात और मसाइल के बारे में मज़ीद बताता है |

कौन बोल रहा है

17 क्योंकि वो हम में से था और इस वज़ारत के फ़वाइद का हिस्सा मिला |" 18( अब इस आदमी ने अपने बुरे काम की आमद के साथ एक फ़ील्ड ख़रीदा. फिर वो सबसे पहले सर गिर गया, और इस के जिस्म को खुली खुली दफ़न हुई, और इस के तमाम आधे फट गए |19 ये यरूशलम में रहता है जो उन लोगों के लिए जाना जाता था कि फ़ील्ड को उनकी अपनी ज़बान में अकीलमाअम में बुलाया गया था, ये कि ख़ून का मैदान है |) (एक्ट्स 1:17-19 युएलटी)

  • मरबूत बयान: - पीटर मोमिनों के लिए उस की तक़रीर जारी है कि वो * आमाल 1: 16 * में शुरू हुआ |

ये नोट आपको बताता है कि अब भी पीटर 17 आयत में बोल रहा है लिहाज़ा आप अपनी ज़बान में सही तरीक़े से निशान ज़िद कर सकते हैं |

शख़्स या चीज़ जिसका हवाला देते हैं

20और यसईआह बहुत जुरात मंद है और कहते हैं, "मुझे उन लोगों की तरफ़ से मिल गया जिन्हों ने मुझे तलाश नहीं लिया | इन लोगों को ज़ाहिर हुआ जो मेरे लिए नहीं मांगते थे |" 21 लेकिन इसराईल के लिए वो कहते हैं, "पूरे दिन मैंने अपने हाथों तक पहुँचाया एक ना-फ़रमानी और मुज़ाहम लोगों को. "(रोमीयों 10: 20-21 युएलटी )

  • उमूमि मालूमात: - यहां अलफ़ाज़ "में," "मुझे," और "मेरा" ख़ुदा का हवाला देते हैं.

ये नोट आपको जानता है कि कौन कौन कौंसल हवाला देते हैं. आपको कुछ शामिल करने की ज़रूरत होगी ताकि क़ारईन जान लें कि यसईआह अपने लिए नहीं बोल रहा है, लेकिन इस का हवाला देते हुए ख़ुदा ने कहा |

अहम पस-ए-मंज़र या मोतबर मालूमात

26 अब रब का एक फ़रिश्ता फ़लिप से गुफ्तगू करते हुए कहा, "जल्दी करो और जुनूब की तरफ़ सड़क पर जो यरूशलेम से ग़ज़ा से निकल जाओ." (ये सड़क सहरा में है.) 27 वो उठ गया और चला गया. देखो, एथोपीया से एक आदमी था, Candace के तहत अज़ीम अथार्टी की एक बड़ी तादाद, एथोपीया की रानी. वो उस के तमाम खज़ाना के इंचार्ज थे. वो इबादत करने के लिए यरूशलेम पहुंचा था 28 वो वापिस आ रहा था और अपने रथ में बैठा था, और यसईआह नबी पढ़ रहा था (एक्ट्स 8:26-28 युएलटी)

  • ** उमूमि मालूमात:** - ये फ़लिप और एथोपीया से इन्सान के बारे में कहानी का हिस्सा है. Verse 27 एथोपीया से इन्सान के बारे में पस-ए-मंज़र की मालूमात फ़राहम करता है. (मुलाहिज़ा करें: * पस-ए-मंज़र *)

ये नोट आपको एक कहानी और कुछ पस-ए-मंज़र के बारे में मालूमात के नए हिस्से के आग़ाज़ में इंतिबाह करता है लिहाज़ा आप इन चीज़ों से आगाह हो सकते हैं और उन चीज़ों को दिखाने के अपनी ज़बान के तरीक़ों को इस्तिमाल करते हैं. नोट में पस-ए-मंज़र के बारे में मालूमात के बारे में लिंक का लिंक भी शामिल है ताकि आप किस तरह तर्जुमा करने के बारे में मज़ीद जान सकें |


तारीफ़ें के साथ नोट्स

This section answers the following question: जब मैं नोटों में तारीफ़ देखता हूँ तो में क्या तर्जुमा करना चाहूंगा ?

तफ्सील

बाज़-औक़ात तुम नहीं जानते हो कि यू उल्टी में क्या लफ़्ज है. नोटों में लफ़्ज या फ़िक़रा की एक तारीफ़ या उस की वज़ाहत आपको समझने में मदद करने के लिए हो सकती है |

तर्जुमा नोट्स की मिसालें

अलफ़ाज़ या जुमले की सादा तारीफ़ें बग़ैर हवाला या जमहूरीयत की शक्ल के बग़ैर शामिल हैं. यहां मिसालें है:

ये बच्चों की तरह बाज़ार में चल रहा है, जो बैठे और एक दूसरे से मुलाक़ात करते हैं और कहते हैं, "हमने आपके लिए बाँसुरी की |” (माथेव 11:16-17 युएलटी)

  • बाज़ार - एक बड़ा, खुली हुआ का इलाका जहां लोग अपने सामान फ़रोख़त करने आए हैं
  • बाँसुरी - एक तवील, खोखली मौसीक़ी वाला आला जो हवा में उड़ाने या एक से ज़्यादा इख़तताम पर चल रहा है

जो लोग शानदार लिबास में पहनते हैं और ऐश-ओ-आराम में रहते हैं वो बादशाहों के महलों में हैं (लुक 7:25 युएलटी)

  • बादशाहों के महलात - एक बड़ा, महंगा घर है जो बादशाह में रहता है

तर्जुमा उसूल

  • अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करें जो मुम्किन हो तो आपकी ज़बान का पहले से ही हिस्सा हो |
  • अगर मुम्किन हो तो इज़हार इज़हार मुख़्तसर रखें |
  • दरुस्त तरीक़े से ख़ुदा के हुक्म और तारीख़ हक़ायक़ की नुमाइंदगी करें |

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अलफ़ाज़ या जुमले को तर्जुमा करने के बारे में मज़ीद मालूमात के लिए [ग़ैर-मारूफ़ तर्जुमा करें] देखें जो आपकी ज़बान में नहीं मालूम


नोट बयान करते हैं

This section answers the following question: जब मैं नोटों में वज़ाहत देखूं तो में क्या तर्जुमा करना चाहूंगा ?

तफ्सील

बाज़-औक़ात आपको मालूम नहीं हो सकता कि यू उल्टी में लफ़्ज या फ़िक़रा का मतलब है, और ये भी युएसटी मैं इस्तिमाल किया जा सकता है. इस सूरत में, ये नोटों में वज़ाहत की जाएगी | ये वज़ाहत आपके लफ़्ज या फ़िक़रा को समझने में मदद करने के लिए हैं | अपने बाइबल में तशरीहात का तर्जुमा मत करो | इन मअनी को समझने में मदद करने के ले-ए-उनका इस्तिमाल करें ताकि आप बाइबल के मतन को सही तरीक़े से तर्जुमा कर सकें |

तर्जुमा नोट्स की मिसालें

अलफ़ाज़ या जुमले के बारे में सादा वज़ाहत मुकम्मल अलफ़ाज़ के तौर पर लिखा जाता है | वो एक दार-उल-हकूमत के साथ शुरू करते हैं और एक मुद्दत के साथ ख़त्म करते हैं (".") |

माहि गेरियों से उनमें से निकल गया और अपने जड़ों को धोने लगा |(लुक 5:2 युएलटी)

  • जड़ों को धोने लगा - वो मछली पकड़ने के लिए दुबारा इस्तिमाल करने के लिए अपने माहि गैरी के नैटवर्क की सफ़ाई कर रहे थे |

अगर आपको मालूम नहीं था कि माहि गेरियों ने मछली को पकड़ने के लिए नैट इस्तिमाल किया है, तो आप हैरान हो सकते हैं कि माहि गेरियों ने उनके जड़ों की सफ़ाई क्यों की है. ये वज़ाहत आपको "वाशिंग" और "नैट" के लिए अच्छे अलफ़ाज़ का इंतिख़ाब करने में मदद मिल सकती है |

उन्होंने दूसरे कश्ती में अपने शराकत दारों की मदद की (लुक 5:7 युएलटी)

  • शराकत - वो साहिल से कहीं ज़्यादा दूर थे ताकि वो इशारों बना सके, शायद उनकी बाज़ुओं को धोना |

ये नोट आपको समझने में मदद करसकता है कि किस तरह तहरीक ने लोगों को बनाया है. ये एक तहरीक थी कि लोग फ़ासले से देख सकेंगे. ये आपको "शराकत" के लिए एक अच्छा लफ़्ज या फ़िक़रा मुंतख़ब करने में मदद मिलती है |

वो अपनी रूह से भरा हुआ है, यहां तक कि इस की माँ के पेट में भी(लुक 1:14 युएलटी)

  • यहां तक कि इस की माँ के पेट में भी - लफ़्ज "यहां तक कि" यहां इशारा करता है कि ये खासतौर पर हैरत-अंगेज़ ख़बर है. लोगों से पहले रूहुल-क़ुदुस से भरा हुआ था, लेकिन किसी ने किसी भी बच्चे की रूहुल-क़ुदुस से भरे हुए बच्चे से नहीं सुना था.

ये नोट आपको समझने में मदद करसकता है कि इस लफ़्ज में "यहां तक कि" का मतलब किया है, लिहाज़ आपको इस तरह की हैरत की बात करने का एक तरीक़ा मिल सकता है |


हम-आहंगी और मुसावात के साथ नोट्स

This section answers the following question: जब मैं नोटों में डबल इक़तिबास के निशान में अलफ़ाज़ देखता हूँ, तो में क्या तर्जुमा करना चाहूंगा ?

तफ्सील

कुछ नोट्स एक तर्जुमा तजवीज़ फ़राहम करती है जो लफ़्ज या फ़िक़रा की जगह ले सकती है जो वो युएलटी से हवाला देते हैं. ये मुतबादिल सज़ा के मअनी को तबदील करने के बग़ैर सज़ा में फिट हो सकता है. ये हम-आहंगी और मुसावि जुमले हैं और दोहरी हवालाजात में लिखा जाता है. इस का मतलब युएलटी मैं मतन के तौर पर है. इस तरह का नोट आपको इसी तरीक़ों के बारे में सोचने के दूसरे तरीक़ों के बारे में सोचने में मदद करसकता है, अगर युएलटी में लफ़्ज या फ़िक़रा आपकी ज़बान में क़ुदरती तौर पर बराबर नहीं होता है |

तर्जुमा नोटिस की मिसाले

ख़ुदावंद की राह तैयार करो, (लुक 3:4 युएलटी)

  • रास्ता - "रास्ता" या "सड़क"

इस मिसाल में, लफ़्ज "रास्ता" या अलफ़ाज़ "सड़क" युएलटी में लफ़्ज "रास्ता" की जगह ले सकते हैं. आप ये फ़ैसला कर सकते हैं कि आया ये क़ुदरती ज़बान है कि आपकी ज़बान में "रास्ता," "रास्ता" या "सड़क" का कहना है |

बेकार, इस तरह, बाहमी होना चाहीए, डबल टाकर नहीं. (1 टिमोथी 3:8 युएलटी)

  • बेकार, इसी तरह - "इसी तरह, बेकार" या "ड्रोनज़, निगरानी की तरह"

इस मिसाल में, अलफ़ाज़ "इसी तरह, बेकार" या "बेकार, बैरून-ए-मुल्क मुक़ीम" जैसे युटीटी के अलफ़ाज़ "डययकोन" की जगह ले सकते हैं |आप, मुतर्जिम के तौर पर फ़ैसला कर सकते हैं कि आपकी ज़बान के लिए क़ुदरती क्या चीज़ हैं |


मुतबादिल तर्जुमा के साथ नोट्स (एटी)

This section answers the following question: जब मैं नोटों में “एटी” को देखता हूँ तो क्या फ़ैसला करना होगा ?

तफ़सील

एक मुतबादिल तर्जुमा युएलटी के फ़ार्म को तबदील करने का मुम्किना तरीका है, अगर हदफ़ ज़बान को एक मुख़्तलिफ़ शक्ल की ज़रूरत है या ज़रूरत हो | मुतबादिल तर्जुमा सिर्फ उस वक़्त इस्तिमाल किया जाना चाहीए जब युएलटी फ़ार्म या मवादग़लत मअनी देगा, या ग़ैर वाज़िह या ग़ैर तबीअयात होगी |

मुतबादिल तर्जुमे के मश्वरा में शामिल हो सकता है, मिसाल के तौर पर, वाज़िह तौर पर वाज़िह मालूमात बयान करते हैं, फ़आल से ग़ैर फ़आल आवाज़ में तबदील | नोट अक्सर ये बताते हैं कि मुतबादिल तर्जुमा किया है और इस साफा का लिंक है जिससे मौजू की वज़ाहत करता है|

तर्जुमा नोट्स की मिसालें

“एटी”: ये इशारा करता है कि ये एक मुतबादिल तर्जुमा है | कुछ मिसालें हैं:

वाज़िह मालूमात का वज़ाहत करना

ये माद्दियों और फ़ारसियों का क़ानून है, कि कोई हुक्म या मजाज़ नहीं है जो बादशाह के मुआमलात में तबदील हो सकती है| (डेनियल 6:15 युएलटी)

  • कोई फ़ैसला... नहीं तबदील किया जा सकता है - समझने में मदद के लिए इज़ाफ़ी शब्द भी शामिल की जा सकती है| एटी: “कोई फ़ैसला... नहीं तबदील किया जा सकता ह| लिहाज़ा वो डेनियल को शेरों के गढ़े में फेंक दें |” (देखिये: एक्सप्लिसिट)

इज़ाफ़ी शब्द से ज़ाहिर होता है कि स्पीकर बादशाह को इस की याद-दहानी से समझते हैं कि बादशाह के क़वानीन और मुजस्समे को तबदील नहीं किया जा सकता | मुतर्जिम को कुछ चीज़ें वाज़िह तौर पर तर्जुमानी करने की ज़रूरत है जो असल स्पीकर या मुसन्निफ़ ने ग़ैर-मुस्तहकम या मनफ़ी तौर पर छोड़ दिया है |

ग़ैर फ़आल से फ़आल

जो रूहुल-क़ुदुस के ख़िलाफ़ नफ़रत करता है उसे माफ़ नहीं किया जाएगा | (लुक12:10 युएलटी)

  • उसे माफ़ नहीं किया जाएगा - ये एक फ़आल फे़अल के साथ इज़हार किया जा सकता है | ये एक फे़अल का इस्तिमाल करते हुए मुसबत रास्ता में भी इज़हार किया जा सकता है जिसका मतलब ये है कि “माफ़ी” के बरअक्स | एटी: “"ख़ुदा उसे हमेशा के लिए मुजरिम क़रार देगा" (देखें: फ़आल ग़ैर फ़आल)

ये नोट एक मिसाल फ़राहम करता है कि मुतर्जिम किस तरह इस ग़ैर फ़आल जुमले का तर्जुमा कर सकते हैं अगर उनकी ज़बान-ए-ग़ैर फ़आल अलफ़ाज़ इस्तिमाल नहीं करते हैं |

बयानाती सवाल

साओल, साओल, तुम मुझे क्यों परेशान कर रहे हो? (एक्ट्स 9: 4 युएलटी)

  • तुम मुझ पर क्यों ज़ुलम कर रहे हो? - ये बयानबाज़ी साओल को बग़ावत का इज़हार किया | कुछ ज़बानों में, एक बयान ज़्यादा कुदरती होगा (एटी): " तुम मुझे परेशान कर रहे हो! " या एक कमांड (एटी): " मुझे परेशान मत करो!" (देखें: * बयानाती सवाल *)

यहां तर्जुमा का मश्वरा ये है कि बाइबल बतौर लफ़्ज़ी तर्जुमा (एटी) तर्जुमा करने का एक मुतबादिल ज़रीया है अगर आपकी ज़बान किसी भी तरह को मुस्तर्द करने के बारे में बयानात के इस फ़ार्म का इस्तिमाल नहीं करता |


नोट्स जिसमे युएसटी से लिया हुआ इक़तिबास शामिल है

This section answers the following question: कुछ तर्जुमे में क्यों युएसटी से लिया हुआ इक़तिबास शामिल हैं ?

तफ़सील

कभी कभी एक नोट युएसटी से तर्जुमा का इशारा करता है. इस सूरत में युएसटी से मतन के बाद "( युएसटी)" की पैरवी की जायेगी |

तर्जुमा नोट्स की मिसालें

जो आसमानों में बैठता है उन पर नाराज़ होगा (साम्स 2:4 युएलटी)

लेकिन जो आसमान में अपने तख़्त पर बैठता है उन पर हँसता है (साम्स 2:4 युएसटी)

इस आयत के नोट का कहना है की:

  • आसमानों में बैठता है - यहां बैठा हुक्मरानी की नुमाइंदगी करता है. वो जो बैठता है वो वाज़िह तौर पर बयान किया जा सकता है. एटी: "आसमानों में क़वाइद" या "आसमान में इस के तख़्त पर बैठे हैं | (युएसटी) (देखिये: मेटोनिमी और एक्सप्लिसिट)

यहां आसमानों में जुमला अलफ़ाज़ के लिए दो तजवीज़ करदा तर्जुमा मौजूद हैं. सबसे पहले ज़ाहिर होता है कि "आसमानों में बैठता है" की नुमाइंदगी करता है. दूसरा हुक्मरानी के ख़्याल के बारे में वाज़िह तौर पर बयान किया गया है कि वो अपने "तख़्त" पर बैठा है. ये तजवीज़ युएसटी से है |

जब उसने यसवा को देखा तो उस के चेहरे पर गिर गया . (लुक 5:12 युएलटी)

जब उसने यसवा को देखा, तो उसने ज़मीन पर-ज़ोर दिया | (लुक 5:12 युएसटी)

इस आयत के नोट का कहना है की:

  • उस के चेहरे पर गिर गया - "उसने अपने चेहरे के साथ ज़मीन को पुकारा और छुवा लिया" या "उसने ज़मीन पर घूम लिया" (युएसटी)

यहां युएसटी के अलफ़ाज़ एक और तर्जुमा की तजवीज़ के तौर पर फ़राहम की जाती हैं |


नोट्स जिसके मुतबादिल मआनी हैं

This section answers the following question: कुछ तर्जुमों के नोटों ने तर्जुमा की तजावीज़ को शुमार किया है?

तफ़सील

मुतबादिल मअनी ये बताते हैं कि बाइबल के उल्मा के उल्मा कौंसल का लफ़्ज या फ़िक़रा का मुख़्तलिफ़ मअनी रखते हैं |

नोट में युएलटी मतन पड़ेगा उस के बाद अलफ़ाज़ के साथ शुरू की वज़ाहत "मुम्किना मतलब हैं." मअनी गिनती हैं, और सबसे पहले ये वही है जो बेशतर बाइबल के आलमगीरों को दरुस्त साबित होता है. अगर मतलब ये है कि इस का मतलब ये है कि ये तर्जुमा के तौर पर इस्तिमाल किया जा सकता है, इस के इर्द-गिर्द उस की क़ीमतों का निशान होगा

मुतर्जिम का फ़ैसला करने की ज़रूरत है कि इस का तर्जुमा क्या मतलब है. मुतर्जिम सबसे पहले मअनी का इंतिख़ाब कर सकते हैं, या वो दूसरे मअनी में से एक का इंतिख़ाब कर सकते हैं अगर उनके बरअक्स लोगों को दूसरे बाइबल वर्ज़न का इस्तिमाल और इस का एहतिराम करना है जो उनमें से एक है |

तर्जुमा नोट्स की मिसालें

लेकिन उनमें से एक छोटी तादाद में बाल ले लू और उन्हें अपने शाख़ों में डाल दो| (एजकयाल 5: 3 युएलटी )

  • अपने शाख़ों में डाल दो -- मुम्किना मअनी हैं 1) "आपके बाजू पर कपड़े" ("आपकी आसतीन") (युएसटी) या 2) "आपके शाप पर कपड़े का इख़तताम" ("आप हेम") या 3) लिबास में जहां ये बैलट में टकरा दिया जाता है |

ये नोट युएलटी मतन के बाद तीन मुम्किन मअनी है | "आपकी शाख़ों के टुकड़े" की तरफ़ से तर्जुमा करदा लफ़्ज शाठ के ढीला हिस्सों से मुराद है | ज़्यादा-तर उल्मा को यक़ीन है कि ये यहां आसतीन की तरफ़ इशारा करता है, लेकिन ये नीचे के ढीले हिस्सा या दरमयानी हिस्से में भी बैलट के इर्द-गिर्द के हिस्से में भी हवाला देता है |

लेकिन शमाउन पीटर, जब उसने उसे देखा, यसवा के घुटनों पर गिर गया (लुक 5:8 युएलटी)

  • यसवा के घुटनों पर गिर गया - ममनूआ मअनी 1 हैं) "यसवा के सामने" या 2) "यसवा ऐसी अलैहिस-सलाम के पांव" या "3)" नीचे ऐसी अलैहिस-सलाम के पांव पर ज़मीन पर डाल. " पीटर ग़लती से नहीं गिर गया उसने ऐसी अलैहिस-सलाम के लिए अज़ीज़ी और एहतिराम का निशाना बनाया |

ये नोट ये बताता है कि "यसवा के घुटनों पर गिर गया" क्या मतलब है. पहला मतलब ये है कि सबसे ज़्यादा इमकान सही है, लेकिन दूसरे मअनी भी मुम्किन हैं. अगर आपकी ज़बानमें आम इज़हार नहीं है जिसमें उन जैसे मुख़्तलिफ़ आमाल शामिल हो सकते हैं, तो आप इन इमकानात में से एक को मुंतख़ब करने की ज़रूरत हो सकती है जो ज़्यादा से ज़्यादा खासतौर पर वज़ाहत करें जो साइमन पीटर ने किया | इस बारे में सोचने में भी मददगार साबित होता है कि शमाउन पतरस ने ये क्या-किया, और आपकी सक़ाफ़्त में अज़ीज़ी और एहतिराम के इसी रवैय्ये को किस तरह की बातचीत करेगी |


मुमकिना मानी वाले नोट्स

This section answers the following question: जब मैं नोट में “मुमकिन” लफ्ज़ देखता हूँ तो तर्जुमा करने का क्या फ़ैसला करना चाहिए?

बयान

बाज़ औक़ात बाईबल के उलेमा यक़ीनी तौर पर नहीं जानते, या इस पर इत्तफ़ाक़ नहीं करते के, बाईबल में किसी ख़ास इबारत या जुमले का क्या मतलब है। इसकी कुछ वजाहात में शामिल हैं:

  1. बाईबल के क़दीम मतन में मामूली इख्तलाफ़ात हैं।
  2. एक लफ्ज़ का एक से ज़ियादा मानी या इस्तेमाल हो सकता है।
  3. एक ख़ास इबारत में यह वाज़े न भी हो सकता है के कोई लफ्ज़ (जैसे ज़मीर) से क्या मुराद है।

तर्जुमा नोट्स की मिशालें

जब बहुत सारे उलेमा ये कहते हैं के किसी लफ्ज़ या फ़िकरे का मतलब एक चीज़ है, और बहुत से दूसरे कहते हैं के इसका मतलब दूसरी चीज़ों से है, हम सब से आम मानी दिखाते हैं जो वो देते हैं। इन हालात में हमारे नोट्स “मुमकिना मायने हैं” से शुरू होते हैं और फिर एक नम्बर वाली फेहरिश्त देते हैं। हमारा मशवरा है के आप दिया गया पहला मानी इस्तेमाल करें। ताहम, अगर आपके मुआशरे के लोगों को किसी और बाईबल तक रसाई हासिल है जो एक दूसरे मुमकिना मानी का इस्तेमाल करता है तो, आप फ़ैसला कर सकते हैं के उस मानी को इस्तेमाल करना बेहतर है।

लेकिन शमाऊन पतरस, ये देखकर, यिसू के पाँवों में गिरा, और कहा, “ऐ ख़ुदावन्द, मेरे पास से चला जा, क्योंके मैं गुनाहगार आदमी हूँ”। (लूका 5:8 ULT)

  • यिसू के पाँवों में गिरा - मुमकिन मायने हैं 1) “यिसू के सामने घुटने टेका” या 2) यिसू के क़दमों में सर झुकाया” या 3) “यिसू के क़दमों में ज़मीन पर लेट गया”। पतरस हादसाती तौर पर नहीं गिरा। उसने यिसू के लिए आजिज़ी और एहतराम के अलामत के तौर पर यह किया।

तर्जुमा की हिकमत ए अमली

  1. इसका तर्जुमा इस तरह करें के पढ़ने वाला कोई एक मानी को इमकान के तौर पर समझे।
  2. अगर आपकी ज़बान में ये करना मुमकिन न हो, तो फिर कोई मानी मुन्तखिब करें और उस मानी के साथ इसका तर्जुमा करें।
  3. अगर मानी मुन्तखिब नहीं करना इसे कारअीन के लिए आमतौर पर क़तआ को समझना मुश्किल बना देगा, तो फिर कोई मानी मुन्तखिब करें और उस मानी के साथ इसका तर्जुमा करें।

नोट कि तक़रीर के आदाद-ओ-शुमार की शनाख़्त

This section answers the following question: मैं कैसे जानोंगा कि तर्जुमा का नोट तक़रीर की शक्ल के बारे में है ?

तफ्सील

तक़रीर के आदाद-ओ-शुमार ऐसे चीज़ों का कहना है कि ग़ैर लफ़्ज़ तरीक़ों में अलफ़ाज़ इस्तिमाल करते हैं. यही है, तक़रीर की एक शक्ल का मतलब उस के अलफ़ाज़ के ज़्यादा बराह-ए-रास्त मअनी के तौर पर नहीं है. तक़रीर के बहुत से मुख़्तलिफ़ किस्म के आदाद-ओ-शुमार है |

तर्जुमा नोटों में वहां एक तक़रीर के आदाद-ओ-शुमार के मअनी के बारे में एक वज़ाहत होगी जो गुज़रने में है. कभी कभी एक मुतबादिल तर्जुमा फ़राहम की जाती है. ये "एटी," के तौर पर निशान लगा दिया गया है जिसमें "मुतबादिल तर्जुमा" के इबतिदाई ख़ुतूत हैं. एक तर्जुमा अकैडमी (टीए) के सफ़े का भी लिंक होगा जिसमें इज़ाफ़ा मालूमात और तर्जुमे की हिक्मत-ए- अमली बयान की गई है |

मअनी का तर्जुमा करने के लिए, आपको बोलने की शनाख़्त को तस्लीम करने और ज़रीया ज़बान में इस का क्या मतलब जानने के काबिल होना ज़रूरी है. इस के बाद आप या तो इस बात का इज़हार कर सकते हैं कि वो हदफ़ की एक निशानी या बराह-ए-रास्त रास्ता ज़बानमें इसी मअनी से बातचीत कर सकते हैं |

तर्जुमा नोट्स की मिसालें

बहुत से लोग मेरे नाम में आएँगे और कहते हैं, मैं वही हूँ और वो बहुत गुमराह करेगी | (मार्क 13:6 युएलटी)

  • मेरे नाम - ममनूआ मअनी 1 हैं) ए: "मेरे इख़तियार का दावे" या 2) "दावे करता है कि ख़ुदा ने उनको भेजा.” (देखिये: मेटोनिमी और इडियम)

इस नोट में बयान की शनाख़्त एक मोतबर कहा जाता है. "मेरे नाम में" का जुमला स्पीकर का नाम (यसवा) का हवाला नहीं देता, लेकिन इस के शख़्स और इख़तियार में. नोट दो मुतबादिल तर्जुमा देने की तरफ़ से इस गुज़रने में मारूफ़ तशरीह बयान करता है. इस के बाद, मीटिंग के बारे में टी ए के सफ़े का एक लिंक है. मीटर नौमी और मुतर्जिम तर्जुमा करने के लिए आम हिक्मत-ए- अमली के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें. क्योंकि ये फ़िक़रा एक आम मुहासिरा है, नोट में टीए के सफ़े का एक लिंक भी शामिल है जो मुहासिरा बयान करता है |

आपके वीरों का बच्चा! कौन ने आपको ग़ुस्से से दूर आने के लिए ख़बरदार किया है जो आने वाला है? (लुक 3:7 युएलटी)

  • आपके वीरों का बच्चा - इस अस्तीफ़े में, जान भेड़ों से मुवाज़ना करता है, जो मोहलिक या ख़तरनाक साँप थे और बुरे की नुमाइंदगी करते थे. एटी: "आप बुरी ज़हरीला साँप" या "लोग आपसे दूर रहें जैसे जैसे वो ज़हरीला साँप से बचें. “(देखिये: मेटाफर)

इस नोट में बयान की शक्ल एक इसतार कहा जाता है. नोट इसतार की वज़ाहत करता है और दो मुतबादिल तर्जुमे देता है. इस के बाद, इस्तिआरों के बारे में टी ए के सफ़े का एक लिंक है. अस्तीफा और आम हिक्मत-ए- अमली के बारे में जानने के लिए लिंक पर क्लिक करें उन्हें तर्जुमा करने के लिए |


ग़ैरमामूली और बराह-ए-रास्त कोट की शनाख़ती नोट्स

This section answers the following question: मैं कैसे जानोंगा कि तर्जुमा का नोट तक़रीर की शक्ल के बारे में हैं?

तफ्सील

दो किस्म के कोटेशंज़ हैं: बराह-ए-रास्त कोटेशन और ग़ैर मुस्तक़ीम कोटेशन. एक कोटेशन का तर्जुमा करते वक़्त, मित्र जमीन को ये फ़ैसला करने की ज़रूरत है कि उसे बराह-ए-रास्त कोटेशन या ग़ैर मुस्तक़ीम कोटेशन के तौर पर तर्जुमा किया जाये | (देखिये : डायरेक्ट और इनडायरेक्ट कोटेशन)

जब यू उल्टी में बराह-ए-रास्त या ग़ैर मुस्तक़ीम हवाला मौजूद है, तो नोटों में इस का तर्जुमा दूसरे किस्म के इक़तिबास के तौर पर है. तर्जुमा के मश्वरे के साथ शुरू हो सकता है "ये एक बराह-ए-रास्त इक़तिबास के तौर पर तर्जुमा किया जा सकता है:" या "ये ग़ैर मुस्तक़ीमहवाला के तौर पर तर्जुमा किया जा सकता है:" और इस तरह उस की नक़ल-ओ-हरकत की पैरवी की जाएगी. इस के बाद "बराह-ए-रास्त और ग़ैर मुस्तक़ीम कोट" नामी मालूमात के सफ़े पर एक लिंक की जाएगी जो कि दोनों किस्म के कोटेशनों की वज़ाहत करती है |

जब एक इक़तिबास में इस के अंदर एक दूसरी इक़तिबास है तो इस में बराह-ए-रास्त और ग़ैर मुस्तक़ीम हवालाजात के बारे में एक नोट हो सकता है, क्योंकि ये उलझन कर सकता है. कुछ ज़बानों में ये ग़ैर मुस्तक़ीम इक़तिबास के साथ एक बराह-ए-रास्त इक़तिबास और दूसरी इक़तिबास के साथ इन अलफ़ाज़ में से एक को तर्जुमा करने के लिए ज़्यादा क़ुदरती है. ये नोट नामी मालूमात के सफ़े पर एक लिंक के साथ ख़त्म हो जाएगा " कोटस के अंदर कोटस."

तर्जुमा नोट्स की मिसालें

उन्होंने उसे हिदायत दी कि कोई भी नही कहे (लुक 5:14 युएलटी)

  • कोई भी नही कहे - ये एक बराह-ए-रास्त इक़तिबास के तौर पर तर्जुमा किया जा सकता है: "किसी को ना बताएं" ऐसी मालूमात मौजूद है जो वाज़िह तौर पर बयान किया जा सकता है (एटी): "किसी को ना बताना कि आपको शिफा दिया गया है |

यहां तर्जुमा नोट से पता चलता है कि बराह-ए-रास्त इक़तिबास में ग़ैर मुस्तक़ीम इक़तिबासकिस तरह तबदील करने के ले-ए-, अगर ये हदफ़ ज़बान में वाज़िह या ज़्यादा क़ुदरति हो.

फ़सल के वक़्त में रैपरों से कहूँगा, "सबसे पहले घास निकालने और उन्हें बंडल करने के लिए बंडल में बांध लें, लेकिन गंदुम मेरे बनू में जमा करें" (माथव 13:30 युएलटी)

  • में रैपरों से कहूँगा, "सबसे पहले घास निकालने और उन्हें बंडल करने के लिए बंडल में बांध लें, लेकिन गंदुम मेरे बनू में जमा करें” - आप ये ग़ैर मुस्तक़ीम हवाला के तौर पर तर्जुमा कर सकते हैं: "मैं रीपबलों को सबसे पहले पहाड़ों को जमा करने और उन्हें बनने के लिए बंडल में बांध दूंगा, फिर ग़नम को मेरे बनू में जमा करूँगा |” (देखें: डायरेक्ट और इनडायरेक्ट कोटशन)

यहां तर्जुमा नोट से पता चलता है कि बराह-ए-रास्त इक़तिबास में ग़ैर मुस्तक़ीम इक़तिबास किस तरह तबदील करने के ले-ए-, अगर ये हदफ़ ज़बान में वाज़िह या ज़्यादा क़ुदरति हो.


लॉंग युएलटी जुमले के लिए नोट्स

This section answers the following question: कुछ तर्जुमा क्यों पिछले नोट को दुबारा नोट करती है ?

तफ़सील

कभी कभी इस जुमले के हिस्से के लिए एक जुमला और अलैहदा नोट है | इस सूरत में, बड़ा फ़िक़रा पहले बयान किया गया है, और इस के हिस्सों को बाद में |

तर्जुमा नोट्स की मिसालें

लेकिन ये आपकी सख़्ती और नापसंदीदा दिल की हद तक है कि आप अपने ग़ज़ब, ग़ज़ब के दिन के लिए ज़ख़ीरा कर रहे हैं | (रोमन्स 2:5 ULT)

  • > लेकिन ये आपकी सख़्ती और नापसंदीदा दिल की हद तक है - पॉल एक ऐसे शख़्स की मुवाज़ना करने के लिए एक इसतार का इस्तिमाल करता है जो एक पत्थर की तरह कुछ मुश्किल से ख़ुदा की इताअत करने से इनकार करता है | वो पूरे शख़्स की नुमाइन्दगी करने के लिए मेटोनीम का इस्तिमाल करता है | एटी: “ये है क्योंकि आप सुनने और तौबा करने से इनकार करते हैं” (देखिये: मेटाफर और मेटोनिमी)
  • सख़्ती और नापसंदीदा दिल - “जमहूरीयत के दिल” में लफ़्ज “सख़्ती” की वज़ाहत करता है (देखिये: डॉब्लेट)

इस मिसाल में, पहला नोट मेटाफर और मेटोनिमी बयान करता है, और दूसरा इसी रास्ते में डॉब्लेट बयान करता है |


तर्जुमा अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करते हुए

This section answers the following question: तर्जुमा अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करते हुए तर्जुमा अलफ़ाज़ कैसे कर सकते हैं, मुझे बेहतर तर्जुमा बनाने म मदद?

तर्जुमा अलफ़ाज़

ये मुतर्जिम का फ़र्ज है, इस की सलाहीयत का सबसे बेहतर, इस बात का यक़ीन करने के लिए कि हर बाइबल के पास वो तर्जुमा है जिसका मतलब ये है कि इस बाइबल के हवाला के मुसन्निफ़ ने उसे बात करने का इरादा किया. ऐसा करने के लिए, वो तर्जुमा मुताला करने की ज़रूरत होगी कि बाइबल के उल्मा की तरफ़ से तैयार तर्जुमा में मदद मिलती है, बिशमोल तर्जुमा अलफ़ाज़ वसाइल

तर्जुमा अलफ़ाज़ इस्तिमाल करने के लिए, इन मराहिल पर अमल करें:

  1. ज़रीया मतन में अहम अलफ़ाज़ और किसी भी अलफ़ाज़ की शनाख़्त करें जो समझने या समझने में मुश्किल हैं.
  2. सैक्शन को देखो "तर्जुमा मा अलफ़ाज़".
  3. ऐसे अलफ़ाज़ को तलाश करें जिन्हें आपने अहम या मुश्किल के तौर पर शनाख़्त किया है, और सबसे पहले पर क्लिक करें.
  4. इस लफ़्ज के अलफ़ाज़ तर्जुम अलफ़ाज़ दर्ज करें.
  5. तारीफ़ को पढ़ने के बाद, दुबारा बाइबल के हवाला पढ़ीं, तारीफ़ अलफ़ाज़ के बारे में सोचें कि आप तर्जुमा अलफ़ाज़ में पढ़ते है |
  6. बाइबल के सयाक़-ओ-सबॉक् और तारीफ़ के मुताबिक़ आपकी ज़बान में लफ़्ज का तर्जुमा करने के मुम्किना तरीक़ों पर ग़ौर करें. ये आपकी ज़बान में अलफ़ाज़ और जुमले का मुवाज़ना करने में मददगार साबित हो सकता है जो हर एक का मतलब है और हर एक की कोशिश करें.
  7. एक ऐसे शख़्स के मुंतख़ब करें जो आप सोचते हैं कि वो सबसे बेहतर है और उसे लिखें.
  8. दूसरी तर्जुमा के लिए मुंदरजा ज़ैल इक़दामात को दुबारा दो पाइ अलफ़ाज़ जो आपने शनाख़्त की है.
  9. जब आप तर्जुमा के अलफ़ाज़ के लिए अच्छी तर्जुमा के बारे में सोचते हैं तो फिर पूरे रास्ते का तर्जुमा करे |
  10. दूसरों को पढ़ने के ज़रीया अपना तर्जुमा मंज़ूर करें. जगहों में मुख़्तलिफ़ लफ़्ज या फ़िक़रा में तबदील करें जहां दूसरों को मअनी नहीं समझता

एक-बार आपको तर्जुमा कलाम के लिए एक अच्छा तर्जुमा मिल गया है तो, आपको मुसलसल तर्जुमा में इस का इस्तिमाल करना चाहीए. अगर आप ऐसी जगह ढूँडेंगे जहां उस का तर्जुमा मुनासिब ना हो तो फिर अमल के ज़रीया  सोचें. ये हो सकता है कि इसी मअनी के साथ एक नया लफ़्ज नए सयाक़-ओ-सबॉक् में बेहतर होगा | ट्रैक रखें जिसका लफ़्ज या अलफ़ाज़ आप हर तर्जुमा कलाम का तर्जुमा करने के लिए इस्तिमाल कर रहे हैं और तर्जुमा की टीम पर ये सभी मालूमात को दस्तयाब करें. ये सब तर्जुमा टीम में मदद करेगा कि वो कौन सी अलफ़ाज़ इस्तिमाल करते हैं.

नामालूम ख़्यालात

कभी कभी एक लफ़्ज लफ़्ज किसी ऐसी चीज़ या अपनी मर्ज़ी के मुताबिक़ इशारा करता है जो हदफ़ ज़बान नामालूम नहीं है. ममनू हिल एक वज़ाहती जुमला इस्तिमाल करना है, इसी तरह किसी चीज़ का मुतबादिल, किसी दूसरे ज़बान से ग़ैर मुल्क लफ़्ज इस्तिमाल करते हैं, ज़्यादा आम लफ़्ज का इस्तिमाल करते हैं या ज़्यादा मख़सूस अलफ़ाज़ इस्तिमाल करते हैं. मज़ीद मालूमात के लिए सबक़ नामालूम इस्तिमाल पर सबको  देखें |

एक किस्म की नामालूम ख़्याल ये अलफ़ाज़ हैं जो यहूदी और ईसाई मज़हबी रवायात और अक़ाइद से मुताल्लिक़ हैं. कुछ आम नामालूम ख़्यालात हैं:

जगहों के नाम जैसे जैसे:

  • मंदिर (एक इमारत जहां ईसराईलीयों ने ख़ुदा के लिए क़ुर्बानियां पेश की हैं)
  • सिनागॉग (एक इमारत जहां यहोवाह लोगों को ख़ुदा की इबादत करने के लिए जमा)
  • क़ुर्बान गाह की क़ुर्बान गाह (ख़ुदा के लिए तोहफ़े या क़ुर्बानी के तौर पर जलाया गया है जिसमें एक बलंद तरीन साख़त है.)

ऐसे लोगों के उनवानात जो दफ़्तर रखे जाते हैं जैसे जैसे:

  • पादरी (जो शख़्स अपने लोगों की जानिब से ख़ुदा के लिए क़ुर्बानियां पेश करने के लिए मुंतख़ब किया जाता है)
  • फ़रीसी (यसवा के वक़्त में इसराईल के मज़हबी रहनुमाओं का अहम ग्रुप)
  • नबी (जो शख़्स पैग़ामात फ़राहम करता है जो बराह-ए-रास्त ख़ुदा की तरफ़ से आता है |
  • इन्सान का बेटा
  • ख़ुदा का बेटा
  • बादशाह (एक आज़ाद शहर, रियासत या मलिक के हुकमरान).

कलीदी बाइबल तसव्वुरात जैसे:

  • माफ़ी (उस शख़्स से नफ़रत ना करो और इस पर ग़ुस्सा  ना करो कुछ नुक़्सान पहुंचा)
  • नजात (बुराई, दुश्मनों, या ख़तरे से बचाया जा रहा है
  • छुटकारा (उस चीज़ को वापिस ख़रीदने का एक फे़अल जो पहले ही मिल्कियत था या जो क़ैदी पर मुश्तमिल था)
  • रहमत (मदद करने वाले अफ़राद की मदद)
  • फ़ज़ल (उस की मदद या इस सिलसिले में जो किसी शख़्स को दिया गया है जिसने उसे हासिल नहीं किया है)

(याद रखें कि ये सब सदी हैं, लेकिन वो वाक़ियात की नुमाइंदगी करते हैं, लिहाज़ा उन्हें फे़अल (फे़अल) शक़ों की तरफ़ से तर्जुमा करने की ज़रूरत हो सकती है.)

आप इन तर्जुमा की तारीफों पर तबादला-ए-ख़्याल करने की ज़रूरत हो सकती है, तर्जुमा टीम के दीगर अरकान या आपके चर्च या गांव के लोगों के साथ अलफ़ाज़ उनके तर्जुमा करने का बेहतरीन तरीक़ा तलाश करने के लिए


तर्जुमा सवालात का इस्तिमाल करते हुए

This section answers the following question: तर्जुमा कैसे कर सकते हैं सवालात, मुझे बेहतर तर्जुमा बनाने में मदद करती है?

ये मुतर्जिम का फ़र्ज है, इस की सलाहीयत का सबसे बेहतर, इस बात का यक़ीन करने के लिए कि हर बाइबल के पास वो तर्जुमा है जिसका मतलब ये है कि इस बाइबल के हवाला के मुसन्निफ़ ने उसे बात करने का इरादा किया. ऐसा करने के लेए, वो बाइबल के आलमगीरों की तरफ़ से तैयार तर्जुमा में मदद करने में मदद करता है |

तर्जुमा सवालात (टीक्यू) युएलटी के मतन पर मबनि हैं, लेकिन वो किसी भी बाइबल के तर्जुमा को चैक करने के लिए इस्तिमाल किया जा सकता है. वो बाइबल के मवाद के बारे में सवालात पूछेंगे, जिसको तबदील नहीं होना चाहीए क्योंकि ये मुख़्तलिफ़ ज़बानों में तर्जुमा किया जाता है. हर सवाल के साथ, टीक्यू इस सवाल का एक तजवीज़ फ़राहम करता है. आप अपने तर्जुमा की दरूस्तगी को चैक करने के तरीक़े के तौर पर सवालात और जवाबात के इन सीट इस्तिमाल कर सकते हैं, और आप उनकी ज़बानि कम्यूनिटी के अरकान के साथ भी इस्तिमाल कर सकते हैं |

कम्यूनिटी की जांच के दौरान टीक्यू का इस्तिमाल मुतर्जिम की मदद करेगा अगर हदफ़ज़बान का तर्जुमा वाज़िह तौर पर सही बातचीत कर रहा है. अगर बाइबल के बाब के तर्जुमा को सुनने के बाद कम्यूनिटी का रुकन सही तरीक़े से सवालात का जवाब दे सकता है तो फिर तर्जुमा वाज़िह और दरुस्त है |

टीक्यू के साथ तर्जुमे की जांच पड़ताल

ख़ुद चेक करते वक़्त टीक्यू का इस्तिमाल करने के लिए, इन इक़दामात पर अमल करे :

  1. बाइबल के एक गुज़रने या बाब का तर्जुमा करें.
  2. सैक्शन को "सवालात" कहा जाता है.
  3. इस गुज़रने के लिए सवाल इंदिराज पढ़ें.
  4. तर्जुमा से जवाब के बारे में सोचो. बाइबल के दीगर तर्जुमाओं से आपको क्या मालूम है इस से जवाब देने की कोशिश करें.
  5. जवाब ज़ाहिर करने के लिए सवाल पर क्लिक करे |
  6. अगर आपका जवाब दरुस्त है तो, आपने एक अच्छा तर्जुमा क्या हो सकता है. लेकिन याद रखना, आपको अब भी ज़बानी कम्यूनिटी के साथ तर्जुमा की जांच पड़ताल करने की ज़रूरत है, ये देखने के लिए कि ये दूसरों को इस का मतलब है.

कम्यूनिटी की चैक के लिए टीक्यू का इस्तिमाल करने के लिए, इन मराहिल पर अमल करें:

  1. एक या ज़्यादा बिरादरी के अराकीन को बाइबल बाब का मुकम्मल तर्जुमा पढ़े |
  2. सुनने वालों को इस तर्जुमा से सवालात का जवाब देना और बाइबल के दीगर तर्जुमाओं से किया जानने के ले-ए-जवाब देने का जवाब ना दें. ये तर्जुमा का एक टैस्ट है, ना लोगों के. इस की वजह से, बाइबल को अच्छी तरह से मालूम नहीं करने वालों के साथ तर्जुमा की जांच पड़ताल बहुत मुफ़ीद है.
  3. सैक्शन को "सवालात" कहा जाता है.
  4. इस बाब के लिए पहला सवाल इंदिराज पढ़े
  5. सवाल का जवाब देने के लिए कम्यूनिटी के अरकान से पूछें. सिर्फ तर्जुमा से जवाब के बारे में सोचने के लिए याद रखें.
  6. जवाब ज़ाहिर करने के लिए सवाल पर क्लिक करें. अगर कम्यूनिटी के रुकन का जवाब जवाब में बहुत ही इसी तरह है, तो तर्जुमा वाज़िह तौर पर सही बातचीत कर रहा है. अगर शख़्स सवाल या जवाबात ग़लत तौर पर जवाब नहीं दे सकता तो, तर्जुमा शायद अच्छी तरह से बातचीत नहीं की जा सकती और उसे तबदील करने की ज़रूरत हो सकती है |
  7. बाब के लिए बाक़ी सवालात के साथ जारी रखे |

अजज़ाए कलाम

This section answers the following question: तक़रीर के कुछ आदाद-ओ-शुमार क्या हैं

तक़रीर के आदाद-ओ-शुमार ख़ास मअनी हैं जो इन्फ़िरादी अलफ़ाज़ के मअनी नहीं हैं तक़रीर के मुख़्तलिफ़ किस्म के हैं ये सफ़ा बाइबल में इस्तिमाल किया जाता है उनमें से कुछ की फ़हरिस्त की फ़हरिस्त और वज़ाहत करता है

तारीफ़

तक़रीर के आदाद-ओ-शुमार ऐसे चीज़ों का कहना है कि ग़ैर लफ़्ज़ी तरीक़ों में अलफ़ाज़ इस्तिमाल करते हैं यही है, तक़रीर की एक शक्ल का मतलब उस के अलफ़ाज़ के ज़्यादा बराह-ए-रास्त मअनी के तौर पर नहीं है मअनी का तर्जुमा करने के लिए, आपको तक़रीर के आदाद-ओ-शुमार को तस्लीम करने और ज़रीया ज़बान के ज़रीया तक़रीर का क्या मतलब जानने के काबिल होना ज़रूरी है इस के बाद आप या तो इस बात का इज़हार कर सकते हैं कि वो हदफ़ की एक निशानी या बराह-ए-रास्त रास्ता ज़बान में इसी मअनी से बातचीत कर सकते हैं

इक़साम

मुंदरजा बाला दर्ज जे़ल अलफ़ाज़ के मुख़्तलिफ़ किस्म के बयानात हैं अगर आप इज़ाफ़ी मालूमात चाहें तो रंग के लफ़्ज़ पर क्लिक करें ताकि इस सफ़े पर हिदायत की जाये जिसमें तारीफ़, मिसाल, और तक़रीर के हर आदाद-ओ-शुमार के लिए वीडीयोज़ शामिल हूँ

  • अपोस्टरोपा - एक रिश्वत एक तक़रीर का एक फ़र्द है जिसमें किसी स्पीकर को बराह-ए-रास्त किसी ऐसे शख़्स से पता चलता है जो वहां नहीं है, या किसी चीज़ से पता चलता है जो शख़्स नहीं है
  • Doublet - एक दोपहर अलफ़ाज़ की एक जोड़ी या बहुत मुख़्तसर जुमले हैं जो इसी चीज़ का मतलब है और इसी जुमले में इस्तिमाल किया जाता है बाइबल में, अक्सर ख़्यालात पर-ज़ोर देने के लिए शेअर, पैशन गोई, और वाइज़ में दोपहर का इस्तिमाल होता है
  • अख़लाक़ीयात - एक शौक़ उल-शान नापसंदीदा या शर्मनाक चीज़ का हवाला देने का एक हल्का या पुतला रास्ता है इस का मक़सद ये है कि वो लोग जिनको सुनने या उसे पढ़ने से रोकने से बचें
  • हैंड डैडीस - एक और ख़्याल में एक वाहिद ख़्याल " और "से मुंसलिक दो अलफ़ाज़ के साथ बयान किया जाता है जब एक लफ़्ज़ दूसरे में तरमीम करने के लिए इस्तिमाल किया जा सकता है
  • Hyperbole - एक हाइपर बोबल एक जांबदार मुबालग़ा कारी है जो कुछ के बारे में स्पीकर की एहसास या राय को ज़ाहिर करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है
  • अमेवम - एक महाज़ अलफ़ाज़ का एक गिरोह है जिसका मतलब ये है कि इन्फ़िरादी अलफ़ाज़ के मअनी से किया फ़र्क़ होगा
  • लोहाई - लोहा एक तक़रीर का एक इशारा है जिसमें ये एहसास है कि स्पीकर बातचीत करना चाहता है असल में अलफ़ाज़ के लफ़्ज़ी मअनी के बरअक्स है
  • लतटस - लताइफ़ एक वाज़िह इज़हार को नाराज़ करने की बिना पर किसी चीज़ के बारे में एक शदीद बयान है
  • मरज़म - मरज़म एक तक़रीर का एक फ़र्द है जिसमें किसी शख़्स को कुछ हिस्सों की लिस्टिंग करके या उस के दो इंतिहाई हिस्सों की तरफ़ से कुछ करने की तरफ़ इशारा करता है
  • Metaphor - एक इसतार एक ऐसे आदाद-ओ-शुमार है जिसमें एक और, मुत्तफ़िक़ तसव्वुर की जगह एक तसव्वुर इस्तिमाल होता है ये सुनने को मदऊ करता है कि इस के बारे में सोचने वाले तसव्वुरात आम तौर पर क्या हो यही है, इस्ताफ़ार दो अलग अलग चीज़ों के दरमयान एक मुतवाज़िन मुक़ाबले है
  • Metonymy - Metonymy एक तक़रीर का एक आदाद-ओ-शुमार है जिसमें किसी चीज़ या ख़्याल को अपने नाम से नहीं कहा जा सकता है, लेकिन कुछ उस के नाम से जो इस से मुंसलिक है एक मअनी एक लफ़्ज़ या फ़िक़रा है जो उस के साथ मुंसलिक होता है इस के मुतबादिल के तौर पर इस्तिमाल किया जाता है
  • मुतवाज़ी - मुतवाज़ी तौर पर दो जुमले या अस्बाब जो साख़त या ख़्याल में मिलते-जुलते हैं ये तमाम इब्रानी इब्रानी बाइबल भर में पाया जाता है, जो आम तौर पर ज़बूरों और मुसल्लसों की किताबों की शायरी में है
  • ज़ाती इत्तिला - ज़ाती तौर पर एक ऐसी शख़्सियत है जिसमें एक ख़्याल या चीज़ जिसका इन्सान नहीं है, जैसा कि ये एक शख़्स था और वो चीज़ें कर सकते हैं जो लोग लोगों को करते हैं या उन लोगों को जो ख़सुसीआत रखते हैं
  • पैशन गोई माज़ी - पेशगोई माज़ी एक ऐसी शक्ल है जो कुछ ज़बान मुस्तक़बिल में होने वाले चीज़ों का हवाला देते हैं ये कभी कभी पेशगोई में किया जाता है कि ये ज़ाहिर होता है कि वाक़िया ज़रूर होगा
  • बयान सवाल - एक बयानात का एक सवाल ये है कि मालूमात हासिल करने के इलावा किसी चीज़ के लिए इस्तिमाल किया जाता है अक्सर ये मौज़ू या सुनने वाले की तरफ़ स्पीकर का रवैय्या ज़ाहिर करता है अक्सर उसे दुबारा मारने या ढेरने के लिए इस्तिमाल किया जाता है, लेकिन कुछ ज़बानों में दीगर मक़ासिद भी हैं
  • स्माइल - एक समेली दो चीज़ों की एक मिसाल है जो आम तौर पर इसी तरह नहीं समझा जाता है ये एक मख़सूस ख़ासीयत पर तवज्जा मर्कूज़ करता है कि दो इश्याय आम तौर पर हैं, और इस में मुवाज़ना वाज़िह करने के लिए अलफ़ाज़ जैसे "जैसे "जैसे, या "से शामिल हैं
  • Synecdoche - Synecdoche एक तक़रीर का एक आदाद-ओ-शुमार है जिसमें1) किसी चीज़ का हिस्सा किसी चीज़ का हवाला करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है, या2) पूरी चीज़ का नाम इस्तिमाल किया जाता है इस का सिर्फ एक हिस्सा का हवाला देते हैं

हाज्फी

This section answers the following question: कोन से तकरीरे हालत को हज्फी कहते है I

सिफत

हफ्जी एक तकरीरे-हालत हे जिसमें तकरीर करने वाला ,अपने तावाजः को अपने सुनने वालों से door ले जाता है , और वो किसी ऐसे से या ऐसी चीज़ से बात करता है जो उसे पता है की , उसको नहीं सुन सकता है

तफसील

वो ये , अपने सुनने वालों को , उसका पैगाम या एहसास , उस शख्श के बारे में बताने या किसी चीज़ को मज्त्बूत तौर पर बताने के लिए करता है I

वजह ये एक तर्जुमा का मसला है

कई जबाने हाफ्ज़ी का इस्तमाल नहीं करती है , जिससे पढने वालों को उलझन हो सकती है I वो ये सोच सकते है की तक़रीर करने वाला किस से बात कर रहा है , या सोच सकते है की तक्रिरीदार पागल है , जो की ऐसी चीज़ों से बात कर रहा है जो उसे सुन नहीं सकती है I

बाइबल से मिसालें

गिल्बोया की पहाड़ियां अपने ऊपर बारिश या ओस ना पड़ने दो I

शाह शाऊल , गिल्बोला की पहाड़ियों पे मारा गया , और डेविड ने इसपे एक उदास गाना गया I उसने गाते हुए बताया की वो चाहता था की , इन पहाड़ों को ओस और बारिश ना मिले , उसने दिखाया की वो कितना दुखी है I

यरूशलम, यरूशलम , जिसने प्रोफेट को मारा और तेरे पास भेजे गए लोगों को पत्थर से मरता है I

जीसस, अपने शागिर्दों और फ़रीसयों के एक गिरोह के सामने यरूशलम के लोगों के लिए अपने जज़बात का इज़हार कर रहे थे I यरूशलमपे सीधे तौर पे बात करके , जैसे की उसके लोग उसको सुन रहे हो , जीसस ने ज़ाहिर किया कि उन्हें उन लोगो की कितनी गहिरी परवाह है I

याह्वेह के कलाम के साथ ,वो कुर्बान गIह के सामने रोया , <यु> कुर्बान गाह <यु> कुर्बान गह <यु> ! यही यह्वें कहते है ,’ देखो ....तुम पे वो इंसानी हड्डियाँ जलाएंगे .’ (1 बादशाह13: 2 यू एल टी )

खुदा का बाँदा ऐसे बोलता है जैसे की कुर्बान गआह उसे सुन रहा हो , पर असल में वो चाहता था की सामने खड़ा बादशाह उसे सुने I

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर इफ़राती क़ुदरती होगी और अपनी ज़बान में सही मअनी दे तो इस का इस्तिमाल करें अगर नहीं, तो यहां एक और इख़तियार है

  1. अगर बोलने का ये तरीका आपके अवाम के लिए ,उलझन पैदा करने वाला हो तो ,तक़रीर करने वाले को बोलते रहने चाहिए , जैसे की वो <यु> उन्हें <यु> उन लोगों के बारे में ,अपना पैगाम या एहसास बता रहा है , जो उन्हें सुन नहीं सकते है I ,

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की लागू मिसालें

1 . अगर बोलने का ये तरीका आपके अवाम के लिए ,उलझन पैदा करने वाला हो तो ,तक़रीर करने वाले को बोलते रहने चाहिए , जैसे की वो <यु> उन्हें <यु> उन लोगों के बारे में ,अपना पैगाम या एहसास बता रहा है , जो उन्हें सुन नहीं सकते है I

याह्वेह के कलाम के साथ ,वो कुर्बान गIह के सामने रोया , <यु> कुर्बान गाह <यु> कुर्बान गह <यु> ! यही यह्वें कहते है ,’ देखो ....तुम पे वो इंसानी हड्डियाँ जलाएंगे .’ (1 बादशाह13: 2 यू एल टी )

  • उसने यह किर्बन गह के बारे में कहा ,” यही याह्वेह ने <यु>कुर्बान गाह <यु> के बारे में कहा , देखो ...वो लोग <यु> इस पे <यु> लोगों की हड्डियाँ जलांगे

<यु> गिबोला की पहाड़ियों <यु> यहाँ <यु>तुमपे <यु> कोई ओस या बारिश नहीं होगी (2 समोयल1:21 यू एल टी )

  • <यु> इन गिबोला की पहाड़ियों के लिए <यु> , उनपे कोई ओस या बारिश नहीं होने दो <यु>

याक्सां मानी के अलफाज़

This section answers the following question: याक्सां मानी के अलफाज़ क्या है और मैं उन्का तर्जुमा कैसे कर सकता हूूं?

तफ़सील

हम याह जोड़े शब्द का इस्तमाल दो ऐसे जुमले को बताने के लिए कर रहे है जिनका मतलब एक ही है या  बहुत क़रीब है और जो साथ में इस्तमाल किये जाते है I ज्यादातर उन्हें “ और “ के सस्थ जोड़ा जाता है I अक्सर ये दो अल्फाजों से जाहीर किये गए ख्याल को बरहाने या जोर देने के लिए किया जाता है I

तर्जुमा के मसला की वजह

कुछ जबान में ओग जोड़े का इश्तामाल नहीं करते है I और अगर करते भी है तोह सिर्फ बाअज़ हालात मेंI लिहाज़ा कुछ आयात में उनकी ज़बान में कोई शदीद एहसास नहीं हो सकता है I इनमें से किसी भी हालत में तर्जुमान को दुसरे जबान के इस्तेमाल की ज़रुरत है , ताकि वो डबलेवट (जोड़ी ) के जरिये बताई गयी चीज़ का सही तरीके से तर्जुमा कर सके I

बाइबल की मिसाल

बादशाह डेविड<यु>बूढ़े <यु>थे और , और ज्यादा बूढ़े होते जा रहे थे (1 बादशाह1: 1 यू उल्टी )

ख़त कशीदा लफ्ज़ के मतलब एक ही है I दोनों का मतलब बुध होने से है I

... उसने अपने से ज्यादा, <यु>सालहीन<यु>और <यु>बेहतर<यु>, दो आदमीयों पर हमला किया (1 किलोमीटर2:32 यू उल्टी

इस का मतलब ये है कि वो इस से कहीं ज़्यादा "सादिक़ थे

आपनेu>ग़लत / u>और u>गुमराही / u>अलफ़ाज़ (डेनियल2: 9 यू उल्टी ) तैयार करने का फ़ैसला किया है

इस का मतलब ये है कि उन्होंने "बहुत सारे झूटे चीज़े बोलने के लिए तयैर की है I

... एक मेमने के तौर पर<दाग के बग़ैर / u>और u>बिना किसिस धब्बे के / u>. (1 पतरस1:19 यू उल्टी )

इस का मतलब ये है कि वो एक मीमनी की तरह था जिसमें किसी भी किस्म की ग़लती नहीं थी

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर “ दबलेट “ क़ुदरती होगा और अपनी ज़बान में सही मअनी दे और इस का इस्तिमाल करें अगर नहीं, तो उन हिक्मत-ए-अमली पर ग़ौर करें I

  1. अलफ़ाज़ में से सिर्फ एक का तर्जुमा करें

1अगर “ दौब्लेट” का इस्तेमाल , तर्जुमा के मतलब को जोर डंके कहने के लिए हो रहा हो तो ऐसे लफ्ज़ को जोडे जो उसके मतलब को बरहाह सके I 1अगर “ दौब्लेट” का इस्तेमाल ,मतलब को बरहाह करने के लिए होता है , अपनी जाबां में ये काम करें I

तर्जुमान में लागू हिक्मत-ए-अमली

  1. अलफ़ाज़ में से सिर्फ एक का तर्जुमा करें
  • आपनेu>ग़लत / u>और u>मनफ़ी / u>अलफ़ाज़ तैयार करने का फ़ैसला किया है (डेनियल2: 9 यू उल्टी
  • "आपनेu>ग़लत चीज़ / u>तैयार करने का फ़ैसला किया है.
  1. अगर “ दौब्लत “ का इस्तेमाल , तर्जुमा के मतलब को बरहाने के लिए किया जाता है तो ऐसे लफ्ज़ को जोड़ें जो इसे बरहान सके जैसे की "बहुत या "अज़ीम या "बहुत I

बादशाह डेविड<यु>बूढ़े <यु>थे और , और ज्यादा बूढ़े होते जा रहे थे (1 बादशाह1: 1 यू उल्टी )

  • "किंग डेविड u>बहुत बूढ़े है / u>.

1अगर “ दौब्लेट” का इस्तेमाल ,मतलब को बरहाह करने के लिए होता है , अपनी जाबां में ये काम करें I

... एक मेमने के तौर पर<दाग के बग़ैर / u>और u>बिना किसिस धब्बे के / u>. (1 पतरस1:19 यू उल्टी ) अंग्रेजी “ कोई “ या “ कोई भी “ के साथ जोर देके कहा जा सकता है I

  • ...एक मेमना , बिना किसी दाग – धब्बे के I

खुश कलामी

This section answers the following question: खुश कलामी क्या है ?

तफसील

खुश कलामी , किसी नाख़ुशगवार, शर्मिंदगी, या समाजी तौर पर नाक़ाबिल-ए-क़बूल है, जैसे मौत या सरगर्मीयों जो आम तौर पर ज़ाती तौर पर किया जाता है , को बताने का शाइस्ता तरीका है I

वजाहत

... उन्होंने साओल और उसके बेटों को गलबोह के पहाड़ों पर गिरा हुआ पाया (1 तारीख़10: 8 यू उल्टी

इस का मतलब है कि साओल और उसके बेटें "मुर्दा थे" ये एक शौक़ अलहि है क्योंकि अहम चीज़ ये नहीं थी कि साओल और इस के बेटे गिर गए , बल्कि वो मर गए कभी कभी लोगों को मौत के बारे में बराह-ए-रास्त बात करना पसंद नहीं है क्योंकि ये नाखुस्गावर है I

इसके एक तर्जुमा का मसला होने की वजह

मुख़्तलिफ़ ज़बानों को मुख़्तलिफ़ आत्मीमीम इस्तिमाल करते हैं अगर हदफ़ ज़बान ज़रीया ज़बान के तौर पर इसी आत्ममेमज़म का इस्तिमाल नहीं करता तो, क़ारईन को ये समझ नहीं सकता कि इस का क्या मतलब है और वो ये सोच सकते हैं कि मुसन्निफ़ सिर्फ उस के अलफ़ाज़ को लफ़्ज़ी तौर पर कहते हैं

बाइबल की मिसाल

... जहां ग़ार था साओल अपने आपको फारिग करने अंदर चला गया .. (1 समोयल24: 3 यू उल्टी

असल सुनने वालों को ये समझ में आएगा की साओल ने गार को टवायलट के तौर पर इस्तिमाल करने के लिए वहां दाख़िल हुआ I, लेकिन मुसन्निफ़ ने खिलाफ वर्गी से बचने के लिए या ध्यान हटाने के लिए * उसने खासतौर पर नहीं कहा की* उसने साओल ने क्या किया या वो गार में क्या छोड़ के आया I

मर्यम फ़रिश्ता से कहा, "ये कैसे होगा, क्योंकि मैं कभी किसी आदमी के साथ नहीं सोयी ? (लूका1:34 यू उल्टी )

पुरसुकून होना, मर्यम ने एक खुश कलामी का इस्तिमाल करता है कहने का मतलब है कि उसने कभी कभी मर्द के साथ जिन्सी ताल्लुक़ नहीं रहा I

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर खुश कलामी क़ुदरती तौर पर होगी और अपनी ज़बान में सही मअनी दे, उस का इस्तिमाल करें अगर नहीं, तो यहां दूसरे इख़्तयारात हैं

  1. अपनी सक़ाफ़्त से एक खुश कलामी का इस्तिमाल करें
  2. वाज़िह तौर पर बग़ैर किसी खुश कलामी के  मालूमात को पेश करे , बशर्ते वो जरीहाना ना हो I

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. अपनी सक़ाफ़्त से एक खुश कलामी का इस्तिमाल करें

... जहां ग़ार था साओल अपने आपको फारिग करने अंदर चला गया .. (1 समोयल24: 3 यू उल्टी ) – कुछ जबाने नीचे दिए गए तरीके से खुश कलामी का इस्तेमाल करती है I ... जहां ग़ार था साओल, वहां गड्ढा <यु> खोदने <यु> अन्दर गया<यु> I ... जहां ग़ार था साओल, वहां कुछ समय अकेले गुजरने गया . <यु>I

  • मररियम ने फ़रिश्ता से कहा, "ये कैसे होगा, क्योंकि मैं कभी किसी आदमी के साथ नहीं सोयी <यु> ? (लूका1:34 यू उल्टी )
  • मररियम ने फ़रिश्ता से कहा, "ये कैसे होगा, क्योंकि<यु> में किसी आदमी को नहीं जानती हु <यु> ((ये असल यूनानी में इस्तिमाल किया जाता गया खुश कलामी , है ))
  1. वाज़िह तौर पर बग़ैर किसी खुश कलामी के  मालूमात को पेश करे , बशर्ते वो जरीहाना ना हो I
  • ... उन्होंने साओल और उसके बेटों को गलबोह के पहाड़ों पर गिरा हुआ पाया (1 क्रोनिकल 10:8 यू एल टी )
  • उन्होंने साओल और उसके बेटों को गलबोह के पहाड़ों पर मरा हुआ पाया I

तौसीअ शूदा इसतार

This section answers the following question: तौसीअ शूदा इसतार क्या है ?

तफ़सील

एक तौसीअ शूदा इसतार उस वक़्त होता है जब किसी ऐसी सूरत-ए-हाल की बात करती है जो की एक मुख़्तलिफ़ सूरत-ए-हाल थी  I वो ऐसा इसलिए करने के लिए करता है कि ये मोस्सर तरीक़े से पहली सूरत-ए-हाल की वज़ाहत करने के ले-ए-कुछ ज़रूरी तरीक़े से ये बताये की ये दुसरे सुर्ताहाल से मिलती जुलती है I दूसरी सूरत-ए-हाल में कई , लोग, चीज़ें और आमाल की  * तसावीर * ऐसी होती है जो पहली सूरत-ए-हाल में उनकी नुमाइंदगी करते हैं I

ये तर्जुमा का मसला होने की वजूहात

  • हो सकता है , लोग ये नहीं समझें सकते कि तस्वीर दूसरी चीज़ों की नुमाइंदगी करती हैं
  • लोग इन चीज़ों से वाक़िफ़ नहीं हो सकते जो तसावीर के तौर पर इस्तिमाल होते है
  • तौसीअ शूदा इसतार अक्सर इतने गहिरी होते हैं कि तर्जुमान के लिए इसतार के तमाम मअनी को ज़ाहिर करना नामुमकिन हो जाएगा I

तर्जुमा के उसूल

  • हदफ़ सामईन को वाज़िह तौर पर तौसीअ शूदा इस्तिआरा का मअनी बताएँ , जैसे ये असल सामईन हों I
  • हदफ़ सामईन को मतलब उतना की वाज़िह बताएं जितना असल सामईन को पता हो I
  • जब कोई तौसीअ शूदा इसतार का इस्तिमाल करता है, तो तसावीर , वो जो कहने की कोशिश कर रहा है उसका एक जरूरी हिस्सा होता है I
  • अगर हदफ़ सामईन कुछ तसावीर से वाक़िफ़ नहीं हैं, तो आपको उन तसावीर को समझने में मदद करने का कोई तरीक़ा तलाश करना होगा  ताकि वो पूरे तौसीअ इसतार को समझे I

बाइबल की मिसाल

ज़बूर23: 1-4 मैं, मुसन्निफ़ का कहना है कि , खुदा की, अपने लोगों के लिए ख़दशात और देख-भाल को चरवाहे की अपनी भेड़ के देखभाल से दिखाया जा सकता है I चरवाहा , भेड़ को वो सब कुछ देता है जो उन्हें चाहिए , उन्हें महफूज़ जगह पे ले जाता है , उनकी रहनुमाई करता है , और उनकी हिफाज़त करता है I ख़ुदा उनके लोगों के लिए जो करता है वो इन आमाल की तरह है I

<सप> 1<सप> याह्वेह मेरा चरवाहा है ; मुझे किसी भी चीज़ की कमी नहीं है I <सप> 2<सप> वो <यु> मुझे <यु> हरे चारागाह में लेटने को कहता है I

वो <यु> मुझे ले जाता है </यु> आरामदेह और पुरसुकून पानी के साथ

<सप> 3<सप> वह <यु> मुझमें ज़िन्दगी वापस </यु> लेके आता है I

वो <यु> मुझे हिदायत देता है </यु> उसके नाम के लिए सही रास्ते पे चलने के लिए <सप> 4</सप> चाहे में अंधेरे की साय वाले वादी में चल रहा हूँ I जब आप मेरे साथ हो तो मुझे किसी बात का ख़ौफ़ नहीं है I आपकी राह और आपके अमले मुझे सुकून देते है Iयू एल टी )

यसईआह5: 1-7 मैं, यसईआह ने अपने लोगों के साथ ख़ुदा की मायूसी कुछ इस तरह पेश की है , वो अपने लोगों से ऐसे मायूस थे जैसे की एक किसान ये महसूस करे की उसके वाइन के बगीचे में केवल ख़राब अंगूर ही होते है ,आखिरकार किसान उसकी देखभाल करना बंद कर देता है I 1 से6 तक की आयतें जाहिर तौर पे बताती है की वो सिर्फ खुदा और उसके बन्दों के बारे में है I

<सप> 1</सप>...मेरे प्यारे महबूब का एक बहुत ज़रख़ेज़ पहाड़ी पर एक अंगूर का बाग़ था I <सप> </सप>...उसने उसकी खुदाई की, कंकर – पत्थर हटा दिए और अपनी पसंद के वाइन वहां लगायें

उसने बीचो बीच एक मीनार बनाया , और एक वाइन निकलने वाली मशीन बनाई I उसने अंगूर होने का इंतज़ार किया , पर वहां जंगली अंगूर हुए I

<सप >3<सप/> अब , जेरूसलम के बाशिंदों और जिदाह के लोगों मेरे और अंगूर के खेत के बीच में फैसला करो <सप >4<सप/> में अपने अंगूर के खेतों लिए क्या कर सकता हूँ जो मैंने पहले नहीं किया हो ? जब मैं उनसे अंगूर उगने की उम्मीद करता हूँ , तब वो जंगली अंगूर क्यों दे रहे है ? <सप >5<सप/> में तुम्हे बताऊँगा की मैं अपने अंगूर के खेतों का क्या करूंगा ; मैं सरे झाड़ियों के बाद हटा दूंगा ; मैं इसे एक चारागाह बना दूंगा ; मैं इसके दीवार तोड़ दूंगा , मैं इसे रौंद दूंगा सप > 6</,सप> मैं इसे वीरान छोड़ दूंगा , मुझे कोई शक या शुबा नहीं है , लेकिन कटीली झाड़ियों और कांतों के बीच बहार आएगी I मैं बादलों को हुकुम दूंगा की बारिश ना करें I

सप > 7</,सप> , याह्वेह के अंगूर के बगीचों के लिए इजराइल का घर है I और जुदाहके लोग उसकी सुकून दर रोपाई हैं I उसने इन्साफ का इंतज़ार किया , पर इसकी जगह वो मारा गया I नेकी के लिए , बजाये मदद की गुहार लगाने के (यू एल टी )

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

उसी तौसीअ शूदा इसतार का इस्तेमाल करें , अगर आपके क़ारईन इसे असल कराईन की तरह समझ पातें है I अगर नहीं, तो यहां कुछ और हिक्मत-ए-अमली हैं

  1. अगर हदफ़ के सामईन का ये ख़्याल है कि तसावीर को लफ़्ज़ी तौर पर समझना चाहीए, तो उसे "जैसे या "के तौर पर का इस्तिमाल करके संबल के तौर पर तर्जुमा करें I ये सिर्फ़ पहली दफ़ा या दो में करना काफ़ी हो सकता है I
  2. अगर हदफ़ के सामईन तस्वीर को नहीं जानते तो, इस का तर्जुमा करने का तरीक़ा ढूंढें ताकि वो समझ सकें कि तस्वीर किया है
  3. अगर हदफ़ के सामईन अब भी समझ नहीं पाएँगे तो फिर ये वाज़िह करें

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. अगर हदफ़ के सामईन को लगता है कि तसावीर को लफ़्ज़ी तौर पर समझना चाहीए, तो उसे "जैसे या "के तौर पर इस्तिमाल करके एक संबल के तौर पर तर्जुमा करें I ये सिर्फ़ पहली दफ़ा या दो में करने के लिए काफ़ी हो सकता है ज़बूर23: 1-2 को मिसाल के तौर पर देखें

<सप> 1<सप> याह्वेह मेरा चरवाहा है ; मुझे किसी भी चीज़ की कमी नहीं है I <सप> 2<सप> वो <यु> मुझे <यु> हरे चारागाह में लेटने को कहता है I

वो <यु> मुझे ले जाता है </यु> आरामदेह और पुरसुकून पानी के साथ

तर्जुमा ऐसे किया जा सकता है

“ याह्वेह मेरे लिए चरवाहे <यु>जैसा है <यु> , तो मेरे पास सब कुछ है <यु> जैसे </यु> एक चरवाहा अपनी भेड़ों हो हरे हरे चारागाह में ले जाता है और उन्हें पुरअमन पानी की तरफ ले जाता है I याह्वेह ने मेरी सुकून से आराम करने में मदद की है I “

  1. अगर हदफ़ सामईन तस्वीर को नहीं जानते तो, इस का तर्जुमा करने का एक तरीक़ा ढूंढें ताकि वो समझ सकें कि तस्वीर किया है

मेरे महबूब का एक बहुत ज़रख़ेज़ पहाड़ी पर <यु> बाग़ था<यु> उसने उसकी <यु> खुदाई की <यु>, कंकर – पत्थर हटा दिए और अपनी <यु> पसंद <यु> के वाइन वहां लगायें उसने बीचो बीच एक <यु> मीनार <यु> बनाया , और <यु> एक वाइन निकलने वाली मशीन <यु> बनाई I उसने अंगूर होने का इंतज़ार किया , पर वहां <यु> जंगली अंगूर<यु> हुए ,( यशायाह 5:1-2 यू एल टी )

इसका ऐसे तर्जुमा किया जा सकता है

मेरे महबूब का एक बहुत ज़रख़ेज़ पहाड़ी पर <यु>अंगूर का बाग़ था<यु> उसने उसकी <यु> खुदाई की <यु>, कंकर – पत्थर हटा दिए और अपनी <यु> पसंद <यु> के अंगूर के पौधे लगायें उसने बीचो बीच एक <यु> मीनार <यु> बनाया , और <यु> एक वाइन निकलने वाली मशीन <यु> बनाई , जहाँ वो अंगूर का रस निकल सके I उसने अंगूर होने का इंतज़ार किया , पर वहां <यु> जंगली अंगूर<यु> हुए जो की वाइन बनाने के लिए सही नहीं थे “

  1. अगर हदफ़ के सामईन अब भी समझ नहीं पाएँगे तो फिर ये वाज़िह करें

याह्वेह मेरा <यु> चरवाहा <यु> है ; मुझे किसी भी चीज़ की कमी नहीं है I ( प्साल्म 23 :1 यू एल टी )

  • “ याह्वेह <यु> मेरा ख्याल <यु> वैसे ही रखता है जैसे की एक चरवाहा भेड़ का रखता है , मुझे किसी चीज़ की कमी नहीं है “

सप > 7</,सप> , याह्वेह के अंगूर के बगीचों के लिए इजराइल का घर है I और जुदाहके लोग उसकी सुकून दर रोपाई हैं I उसने इन्साफ का इंतज़ार किया , पर इसकी जगह वो मारा गया I नेकी के लिए , बजाये मदद की गुहार लगाने के (यू एल टी )

इसका तर्जुमान ऐसे करें याह्वेह के अंगूर के बगीचों इजराइल के घर की नुमायन्दगी करते है I और जुदाहके लोग ऐसे है जैसे की उसकी सुकून दर रोपाई हैं I

उसने इन्साफ का इंतज़ार किया , पर इसकी जगह वो मारा गया I नेकी के लिए , बजाये मदद की गुहार लगाने के

या

  • <यु>जैसे किसान उस अंगूर के बाग़ की देख रेख छोड़ देता है जो की ख़राब फसल पैदा करते है </यु>
  • <यु> याह्वेह उसी तरह , </यु> इजराइल और जुदाह को बचाना छोड़ देगा I
  • <यु> क्योंकि वो , वो नहीं कर रहे है जो की सही है I
  • उसने इन्साफ का इंतज़ार किया , पर वो मारे गए I

नेकी के लिए , बजाये मदद की गुहार लगाने के


मुराकब आफती

This section answers the following question: मुरकाब आफती क्या है और में उस फिकरे का तर्जुमा कैसे करू जिसमें ये शामिल है ?

तफ़सील

जब एक ताक्रीरकार ने दो अलफ़ाज़ इस्तिमाल करते हुए एक ख़्याल ज़ाहिर किया है जो "और से मुंसलिक होते हैं तो उसे मुराकब आफती " कहा जाता है I मुराकब आफती मैं, दो अलफ़ाज़ मिलकर काम करते हैं आम तौर पर अलफ़ाज़ में से एक बुनियादी ख़्याल होता है और दूसरा लफ़्ज़ बुनियादी तौर पर बयान करता है I

... उनकी अपनी <बादशाही और जलाल (1 थसलनीकीयों2:12 यू एल टी )

अगरचे "सलतनत और "जलाल दोनों लफ़्ज़ों में इस्म हैं, "जलाल असल में बताता है कि किस किस्म की बादशाही है : यह एक “ * जलाल की बादशाही है * या एक शानदार बादशाही

ये एक तर्जुमा का मसला होने की वजह है

  • ज्यादातर मुराकब आफती , बखाब्री इस्म होतें है I कुछ जबानो में इसी मतलब के साथ इस्म नहीं होतें है I
  • ज्यादातर जबाने मुराकब आफतीका इस्तेमाल नहीं करती है , इसलिए हो सकता है की लोग नहीं समझ पाएं की दो अलफ़ाज़ एक साथ कैसे काम करतें है : जहाँ एक लफ्ज़ दुसरे की तफसील करता हो I

बाइबल की मिसाल

... क्योंकि में आपको <यु>अलफ़ाज़ और हिक्मत </यु>अता करूँगा (लूका21:15 यू एल टी )

“अलफ़ाज़ और हिक्मत” इस्म हैं, लेकिन इस तक़रीर में "हिक्मत "अलफ़ाज़ बयान करता है

... अगर तुम चाहो और फ़रमांबर्दारी करो .. (यसईआह1:19 यू एल टी )

"ख़ाहिश और "फ़रमांबर्दार “ एस्म सिफत है लेकिन "तैयार "इताअत" बयान करता है I

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर मुराकब आफती कुदरती है और आपकी जबान में सही मायने देता है तो, उसका इस्तेमाल करें I नहीं तो यहां दूसरे इख़्तयारात हैं

  1. वज़ाहत के साथ लफ़्ज़ी सिफ़त को एक ख़ासीयत के साथ बदल दें जिसका मतलब एक जैसा है I
  2. एक जमहूरीयत के साथ बयान करदा संजय को तबदील करें जिसका मतलब एक जैसा है I
  3. तशरीह के साथ बयान करदा सिफ़त को तबदील करें जिसका मतलब एक जैसा है I
  4. तक़रीर के दीगर हिस्सों को एक ही चीज़ का मतलब है और ये ज़ाहिर होता है कि एक लफ़्ज़ दूसरे की वज़ाहत करता है I

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. वज़ाहत के साथ लफ़्ज़ी सिफ़त को एक ख़ासीयत के साथ बदल दें जिसका एक जैसा ही मतलब हो I
  • **मैं आपको अलफ़ाज़ और हिक्मत / u>**दूँगा (लूका21:15 यू एल टी )
  • क्योंकि में आपको/> अलफ़ाज़ / u> दूंगा I
    • कि आप ऐसे अंदाज़ में चलें कि ख़ुदा के लायक़ हो, जो आपको उसकी बादशाही और जलाल के लिए बुलाया है (1 थसलनीकीयों2:12 यू एल टी )
  • आपको ऐसे अंदाज़ में चलना चाहीए जो ख़ुदा के लायक़ है, जो आपको आपकी शानदार सलतनत / u> के लिए बुलाये
  1. एक जमहूरीयत के साथ बयान करदा संजय को तबदील करें जिसका एक जैसा मतलब हो I
  • **मैं आपको अलफ़ाज़ और हिक्मत / u>**दूँगा (लूका21:15 यू एल टी )
  • क्योंकि में आपको/> अलफ़ाज़ / u> दूंगा I
  • कि आप ऐसे अंदाज़ में चलें कि ख़ुदा के लायक़ हो, जिसने आपको उसकी बादशाही और जलाल के लिए बुलाया है (1 थसलनीकीयों2:12 यू एल टी )
  • कि आप ऐसे अंदाज़ में चलें कि ख़ुदा के लायक़ हो, जिसने आपको <यु> उसकी<यु> बादशाही और जलाल के लिए बुलाया है
  1. तशरीह के साथ बयान करदा सिफ़त को तबदील करें जिसका एक जैसा मतलब है I
  • अगर आप u> तैयार / u> और u> मुतमइन है / u> (यसईआह1:19 यू एल टी )
  • अगर आप > दिल से मुतमइन हैं / u>
  1. तक़रीर के दीगर हिस्सों को एक ही चीज़ का मतलब है और ये ज़ाहिर होता है कि एक लफ़्ज़ दूसरे की वज़ाहत करता है
  • अगर आप u> तैयार और फ़रमांबर्दारी / u> है (यसईआह1: 1 9) - सिफ़त "फ़रमांबर्दार फे़अल के साथ मुतबादिल किया जा सकता है "इताअत.
  • अगर आप u> रज़ाकाराना तौर पर इताअत करें / u>

मुबालग़ा और तअमीम

This section answers the following question: मुबालग़ा क्या है? तअमीम क्या है?

बयान

ख़तीब या मुसन्निफ़ कुछ यूँ कहने के लिए बिल्कुल वही अल्फ़ाज़ इस्तेमाल कर सकते हैं जिस का मतलब बिल्कुल सच्चा हो, आमतौर पर सच हो, या एक मुबालग़ा के तौर पर। यही वजह है के ये फ़ैसला करना मुश्किल है के बयान को किस तरह समझें।

  • यहाँ हर रात बारिस होती है।
  1. ख़तीब का मतलब यह लफ्ज़ी तौर पर सच है अगर उसका मतलब है के यहाँ वाक़ई हर रात बारिस होती है।
  2. ख़तीब का मतलब यह है के इसे बतौर तअमीम अहमियत दी जाए अगर इसका मतलब है के यहाँ ज़ियादातर रातें बारिस होती है।
  3. ख़तीब का मतलब यह मुबालग़ा के तौर पर है अगर वह कहना चाहता है के वाक़ई में कहीं ज़ियादा बारिस होती है, आमतौर पर बारिस की तादाद की तरफ़ एक मज़बूत रवैया, जैसे नाराज़ होना या ख़ुश होना।

मुबालग़ा: यह एक तर्ज़ ए इज़हार है जो ज़ियादागोई का इस्तेमाल करता है। ख़तीब जान बूझकर किसी इन्तहाई और यहाँ तक के ग़ैर हक़ीक़ी बयान के ज़रिये कुछ बयान करता है, आमतौर पर इसकी बाबत अपना सख्त एहसास या राय ज़ाहिर करने के लिए। वह तवक्को करता है के लोग समझें के वह मुबालग़ा आराई कर रहा है।

वो पत्थर पर पत्थर बाकी न छोड़ेंगे (लूका 19:44 ULT)

  • यह एक मुबालग़ा आराई है। इसके मानी है के दुश्मन यरूशलीम को मुकम्मल तौर पर तबाह कर देंगे।

**तअमीम:**यह ऐसा बयान है जो ज़यादातर वक़्त में या ज़यादातर हालात में सहीह होता है जिस पर इसका इत्तलाक़ होता है।

जो तरबियत को रद्द करता है कंगाल और रुसवा होगा, लेकिन जो तम्बीह का लिहाज़ रखता है इज़्ज़त पायेगा (अम्साल 13:18)

ये तअमीम बताता है के आमतौर पर उन लोगों के साथ क्या होता है जो तरबियत को रद्द करते हैं और आमतौर पर उन लोगों के साथ क्या होता है जो इस्लाह से सीखता है।

और जब तुम दुआ करो, तवील और बेकार बातें दोहराते न रहो जिस तरह ग़ैर क़ौमों के लोग करते हैं, क्योंके वो समझते हैं के हमारे बहुत बोलने के सबब से हमारी सुनी जाएगी। (मत्ती 6:7)

  • यह तअमीम बताता है के ग़ैर क़ौमों के लोग क्या करने के लिए जाने जाते थे। बहुत से ग़ैर क़ौमियों ने ऐसा किया होगा।

अगरचे तअमीम एक मज़बूत आवाज़ वाला लफ्ज़ जैसे “सब”, “हमेशा”, “कोई नहीं”, या “कभी नहीं”, हो सकता है, यह ज़रूरी नहीं है के इसका मतलब बिल्कुल “सब”, “हमेशा”, “कोई नहीं”, या “कभी नहीं”, ही हो। इसका मतलब सिर्फ़ “ज़ियादातर”, “ज़यादातर वक़्त”, शायद ही कोई, या “शाज़ ओ नादिर” होता है।

मूसा ने मिस्रियों के तमाम उलूम में तालीम पाई (आमाल 7:22 ULT)

इस तअमीम के मानी है के उसने ज़ियादातर सीख लिया था जिसको मिस्री जानते और तालीम देते थे।

वजह के यह एक तर्जुमे का मसअला है

  1. कारअीन को यह समझने की ज़रुरत होगी के आया कोई बयान मुकम्मल तौर पर दुरुस्त है या नहीं।
  2. अगर कारअीन महसूस करते हैं के बयान मुकम्मल तौर पर सहीह नहीं है, तो उन्हें समझने की ज़रुरत है के आया यह एक मुबालग़ा है, तअमीम है, या झूट है। (अगरचे बाईबल मुकम्मल तौर पर सहीह है, यह उन लोगों की बाबत बताता है जो हमेशा सच नहीं बोलते थे।)

बाईबल से मिशालें

मुबालग़ा आराई की मिशालें

अगर तेरा हाथ तुझे ठोकर खिलाये तो, उसे काट डाल तेरे लिए बेहतर है के टुंडा होकर ज़िन्दगी में दाख़िल हो.... (मरकुस 9:43 ULT)

जब यिसू ने कहा के अपना हाथ काट डाल, उसका मतलब था के हमें कोई भी इन्तहाई काम करना चाहिए जो ज़रूरी है ताके हमें गुनाह न करना पड़े। उसने इस मुबालग़ा का इस्तेमाल यह ज़ाहिर करने के लिए किया के किस तरह गुनाह करने से रुकना इन्तहाई अहम है।

फ़िलिस्ती इस्राईलियों से लड़ने के लिए इकठ्ठे हुए: तीस हज़ार रथ, छ: हजार सवार, और एक अम्बोह ए कसीर जैसे समुंदर के किनारे की रेत (1 समुएल 13:5 ULT)

ख़त कशीदा जुमला एक मुबालग़ा आराई है। इसका मानी है के वहाँ फ़िलिस्ती फ़ौज में बहुत, बहुत सिपाही थे।

तअमीम की मिशालें

उन्होंने उसे ढूँढ लिया, और उन्होंने उससे कहा, “सब लोग तुझे ढूँढ रहे हैं”। (मरकुस 1:37 ULT)

शागिर्दों ने यिसू को बताया के हर एक उसे ढूँढ रहा था। शायद उनका यह मतलब नहीं था के शहर में हर एक उसे ढूँढ रहा था, बल्के बहुत लोग उसे ढूँढ रहे थे, या वहाँ यिसू के तमाम क़रीबी दोस्त उसे ढूँढ रहे थे।

बल्के जिस तरह उसका मसह तुम्हें सब बातों की बाबत सिखाता है और सच्चा है और झूठा नहीं, और जिस तरह उसने तुम्हें सिखाया, तुम उसमें क़ाइम रहो। (1 यूहन्ना 2:27 ULT)

यह एक तअमीम है। ख़ुदा का रूह हमें सब बातों की बाबत जो हमें जानना ज़रूरी है सिखाता है, हर एक चीज़ की बाबत नहीं जिसे जानना मुमकिन है।

एहतियात

यह न समझें के कोई चीज़ मुबालग़ा आराई है क्योंके ऐसा लगता है के यह नामुमकिन है। ख़ुदा मौजिज़ाती काम करता है।

...उन्होंने यिसू को झील पर चलते और किश्ती के नज़दीक आते देखा... (यूहन्ना 6:19 ULT)

यह मुबालग़ा नहीं है। यिसू वाक़ई में पानी पर चला। यह एक लफ्ज़ी बयान है।

यह न समझें के लफ्ज़ “सब” हमेशा तअमीम है जिसके मानी है "ज़ियादातर”।

ख़ुदावन्द अपनी सब राहों में सादिक़ है और अपने सब कामों में रहीम है। (ज़बूर 145:17 ULT)

ख़ुदावन्द हमेशा सादिक़ है। यह एक मुकम्मल सच्चा बयान है।

तर्जुमा की हिकमत ए अमली

अगर मुबालग़ा आराई या तअमीम क़ुदरती होगा और लोग उसे समझें और यह न सोचें के ये झूट है, तो इसके इस्तेमाल पर गौर करें। अगर नहीं, तो यहाँ दीगर इख्तियारात हैं।

  1. बगैर मुबालग़ा आराई के मानी बयान करें।
  2. तअमीम के लिए, एक जुमला इस्तेमाल करने के ज़रिए ज़ाहिर करें के यह तअमीम है जैसे “आमतौर पर” या “ज़ियादातर मामलात में”।
  3. तअमीम के लिए, “ज़ियादातर” या “तक़रीबन” जैसे लफ्ज़ का इज़ाफ़ा करें ताके यह ज़ाहिर हो के तअमीम ऐन मुताबिक़ नहीं है।
  4. ऐसे तअमीम के लिए जिसमे “सब”, “हमेशा”, “कोई नहीं”, या “कभी नहीं” जैसे लफ्ज़ हों, उस लफ्ज़ को हज्फ़ करने पर गौर करें।

तर्जुमे की हिकमत ए अमली की इतलाक़ी मिशालें

  1. बगैर मुबालग़ा आराई के मानी बयान करें।
  • फ़िलिस्ती इस्राईलियों से लड़ने के लिए इकठ्ठे हुए: तीस हज़ार रथ, छ: हजार सवार, और एक अम्बोह ए कसीर जैसे समुंदर के किनारे की रेत (1 समुएल 13:5 ULT)
  • फ़िलिस्ती इस्राईलियों से लड़ने के लिए इकठ्ठे हुए: तीस हज़ार रथ, छ: हजार सवार, और एक बहुत बड़ी तादाद में पियादा फ़ौजी

  1. तअमीम के लिए, एक जुमला इस्तेमाल करने के ज़रिए ज़ाहिर करें के यह तअमीम है जैसे “आमतौर पर” या “ज़ियादातर मामलात में”।
  • जो तरबियत को रद्द करता है कंगाल और रुसवा होगा ... (अम्साल 13:18)
  • आमतौर पर, जो तरबियत को रद्द करता है कंगाल और रुसवा होगा
  • और जब तुम दुआ करो, तवील और बेकार बातें दोहराते न रहो जिस तरह ग़ैर क़ौमों के लोग करते हैं, क्योंके वो समझते हैं के हमारे बहुत बोलने के सबब से हमारी सुनी जाएगी। (मत्ती 6:7)
  • “और जब तुम दुआ करो, तवील और बेकार बातें दोहराते न रहो जिस तरह ग़ैर क़ौमों के लोग आमतौर परकरते हैं, क्योंके वो समझते हैं के हमारे बहुत बोलने के सबब से हमारी सुनी जाएगी”।
  1. तअमीम के लिए, “ज़ियादातर” या “तक़रीबन” जैसे लफ्ज़ का इज़ाफ़ा करें ताके यह ज़ाहिर हो के तअमीम ऐन मुताबिक़ नहीं है।
  • यहूदिया के मुल्क के सब लोग और यरूशलीम के सबरहने वाले निकलकर उसके पास गए। (मरकुस 1:5 ULT)
  • यहूदिया के मुल्क के तक़रीबन सब लोग और यरूशलीम के तक़रीबन सबरहने वाले निकलकर उसके पास गए”।
  • यहूदिया के मुल्क के ज़ियादातर लोग और यरूशलीम के ज़ियादातर सबरहने वाले निकलकर उसके पास गए”।
  1. ऐसे तअमीम के लिए जिसमे “सब”, “हमेशा”, “कोई नहीं”, या “कभी नहीं” जैसे लफ्ज़ हों, उस लफ्ज़ को हज्फ़ करने पर गौर करें।
  • यहूदिया के मुल्क के सब लोग और यरूशलीम के सबरहने वाले निकलकर उसके पास गए। (मरकुस 1:5 ULT)
  • यहूदिया के मुल्क के और यरूशलीम के लोग निकलकर उसके पास गए।

महावरा

This section answers the following question: महावरा क्या है और उसका तर्जुमान कैसे कर सकता है ?

महावरा , एक सनत बदाई है , जो अलफ़ाज़ के एक गिरोह की एक इबारत है जिसका, मजमूई तौर पर, मतलब इन्फ़िरादी अलफ़ाज़ के मअनी से अलग होता है I सक़ाफ़्त के बाहर से लोगों को को आम तौर पर , सक़ाफ़्त के अंदर अपने हक़ीक़ी मअनी की वज़ाहत , बग़ैर किसी महाज़ की समझ में नहीं आता है  I सभी जबान महावरे का इस्तेमाल करते है I अंग्रेजी के मिसाल हैं :

  • आप मेरी टांग खींच रहे हैं (इस का मतलब है, "आप मुझसे झूट बोल रहे हैं"
  • लिफ़ाफ़े को धक्का ना दें (उस का मतलब है, "इस की इंतिहाई एहमीयत मत करो")
  • ये घर पानी के नीचे है (इस का मतलब ये है कि, "इस घर के लिए क़र्ज़ा शूदा क़र्ज़ उस की असली क़दर से ज़्यादा है")
  • हम इस शहर को सुर्ख़ कर रहे हैं (इस का मतलब है, "आज रात हम शहर के इर्द-गिर्द जा रहे हैं बहुत शदीद मुनाज़रा कर रहे हैं")

तफ़सील

महावरा एक ऐसा फिक्रह है जिसका वहां के लोगों के जबान और सफकात मे ख़ास मायने होता है I इसका मतलब आम फिकरे में हर लाफाज़ को अलग से इस्तमाल करने से अलग होता है I

उन्होंने यरूशलेम में जाने के लिए उस के चेहरे को u> तयार कर दिया (लूका9:51 यू उल्टी )

यहाँ “ set हिज फेस “ एक महवर है जिसका मतलंबी तयार होना है I

कभी कभी लोग दुसरे सफक्ती से मह्वारे को समझने में कामयाब होता है , पर फिर भी उन्हें मतलब समझाना अजीब लग सकता है I

में इस काबिल इ हूँ की आप मेरे छत के <यु>अन्दर <यु> आयें ( लुक 7:6 यू एल टी )

यहाँ फिकरा मेरी छत के नीचे आयें एक महावर है जिसका मतलब है मेरे घर के अन्दर आयें I

इन बातों को अपने कानो में घहरा जाने दो <यु> (लुक 9:44 यू एल टी )

महवर “ ध्यान से सुने मैं क्या कह रह हूँ “

मक़सद किसी महाज़ को किसी सक़ाफ़्त में शायद किसी हादिसे से पैदा किया जाता है I जब कोई किसी ग़ैरमामूली अंदाज़ में कुछ बयान करता है लेकिन, जब ये ग़ैरमामूली तरीक़ा जब पैग़ाम को ताक़तवर पैग़ाम से गुफ़्तगु करता है और लोगों को ये वाज़िह तौर पर समझमें आता है तो, दूसरे लोगों को इस का इस्तिमाल करना शुरू कर देते है I थोड़ी देर के बाद, यह उस ज़बान में बात करने का एक आम तरीक़ा बन जाता है I

वजूहात ये तर्जुमा का मसला है

  • लोग बाइबल की तख़लीक़ करदा सक़ाफ़्तों को नहीं जानते तो लोग आसानी से बाइबल के असल ज़बानों में मुहासिरा ग़लत समझ सकते हैं
  • लोग आसानी से महाज़ों को ग़लत समझ सकते हैं जो ज़रीया ज़बान बाइबल में हैं अगर वो ऐसे सक़ाफ़्तों को नहीं जानते जो इन तर्जुमाओं को बनाते हैं
  • महवरे का तर्जुमा करना किसी काम का नहीं है ( उसे लफ़्ज़ों के हिसाब से ) अगर ज़रीया ज़बान के लोग समझ नहीं पा रहे हो की वो क्या कहना चाहते है I

बाइबल की मिसाल

इस वक़्त तमाम इसराईल दाऊद में हिब्रून में आया और कहा, "देखो, हम आपके गोश्त और हड्डी हैं. (1 तारीख़11: 1 यू एल टी )

इस का मतलब है, "हम और आप इसी नसल , इसी ख़ानदान से ताल्लुक़ रखते हैं I

इसराईल के बच्चों आला हाथ के साथ / u> बाहर चले गए (ख़ुरूज14: 8 ASV)

इस का मतलब ये है कि, "ईसराईलीयों बदकारी से निकल गए .

जो शख़्स मेरे सर को उठाता है (ज़बूर3: 3 यू एल टी )

इस का मतलब है, "वो जो मेरी मदद करता है.”

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर आपकी ज़बान में महाज़ को वाज़िह तौर पर समझा जाएगा तो इस का इस्तिमाल करें अगर नहीं, तो यहां कुछ और इख़्तयारात हैं

  1. महाज़ को इस्तिमाल करने के बग़ैर वाज़िह तौर पर मअनी का तर्जुमा करें
  2. मुख़्तलिफ़ महाज़ का इस्तिमाल करें कि लोग आपकी अपनी ज़बान में इस्तिमाल करते हैं जो इसी मअनी रखते हैं

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. महाज़ को इस्तिमाल करने के बग़ैर वाज़िह तौर पर मअनी का तर्जुमा करें
  • इस वक़्त तमाम इसराईल दाऊद में हिब्रून में आया और कहा, "देखो, हम आपके गोश्त और हड्डी हैं. " (1 तारीख़11: 1 यू एल टी )
  • ... देखो, हम सब u> इसी मुल्क से ताल्लुक़ रखते हैं / u>.
  • वो यरूशलम जाना चाहता है (लूका9: ​​51)
  • उसने यरूशलेम के लिए सफ़र करना शुरू कर दिया, u> और वहां पहुँचने के लिए तेयेओन है / u>.
    • में इस काबिल नहीं हूँ की आप मेरे छत के <यु>नीचे <यु> आयें ( लुक 7:6 यू एल टी )

में इस काबिल नहीं हूँ की आप मेरे घर के अन्दर <यु> आयें

  1. एक ऐसे महाज़ का इस्तिमाल करें जो कि लोग आपकी अपनी ज़बान में इस्तिमाल करते हैं और जो इसी मअनी रखते हैं I
  • एन अल्फाजों को अपने कानो के भीतर जाने दो / u> (लूका9:44 यू एल टी )
  • <यु> इन अल्फाजों के लिए सारे कान बन जाओ जब में ये कहता हूँ I
  • "मेरी <यु>आखें गम से धुंदली हो गयी है </यु> (प्साल्म 6:7 यू एल टी )
  • में अपनी आखों को बहार करके रो रहा हूँ ( में बहुत दुखी हूँ )

इस्तिह्ज़ा

This section answers the following question: इस्तिह्ज़ा क्या है और मैं कैसे इसका तर्जमा कर सकता हूँ.

वजाहत

इस्तिह्ज़ा कलाम की एक शक्ल होती है जिसमें बोलने वाला शऊरी तौर पर ऐसे अल्फाज़ का इस्तेमाल करता है जिनका असली मानी बिलकुल बरअक्स होते हैं. कभी-कभी कोई शख्स किसी और के अल्फाज़ का इस्तेमाल करके ऐसा करता है, लेकिन एक तरह से यह बताता है कि वह उनसे मुत्तफ़िक़ नहीं है. लोग ऐसा इस बात पर जोर देने के लिए करते हैं कि कोई चीज़ जैसी होनी चाहिए उससे कितनी अलग है, या कैसे किसी शख्स के किसी चीज़ पर ईमान लाना गलत या बेवकूफी है.

ईसा ने उन्हें उत्तर दिया, "जिनकी सेहत अच्छी होती है, उन्हें किसी तबीब की ज़रूरत नहीं होती है, सिर्फ उन लोगों को तबीब ज़रूरत होती है जो बीमार होते हैं. मैं नेक लोगों की तौबा के लिए नहीं आया था, बल्कि गुनाहगारों को तौबा के लिए बुलाने के लिए आया था." (Luke 5:31-32 ULT)

जब ईसा ने "नेक लोगों" की बात की, तो वह ऐसे लोगों का जिक्र नहीं कर रहे थे जो हकीकत में नेक थे, बल्कि उन लोगों की बात कर रहे थे जिन्होंने ग़लतफ़हमी पाल रखी थी कि वे नेक थे. इस्तिह्ज़ा का इस्तेमाल करके, ईसा ने आगाह किया कि उनकी सोचन गलत थी कि वे दूसरों के मुकाबले बेहतर थे और उन्हें तौबा की ज़रूरत नहीं थी.

वजह यह तर्जमा का मसला है

  • अगर किसी को एहसास नहीं है कि कोई बात करने वाला इस्तिह्ज़ा का इस्तेमाल कर रहा है, तो वह सोचेगा कि बोलने वाला हकीकत उसी बात में यकीन रखता है जो वह कह रहा है. वह इक्तिबास को उसके असली मानी से मुख्तलिफ मानी के हिसाब से समझेगा.

बाइबिल की मिसाल

तुम अपनी रिवायतों के चलते >खुदा के हुक्म को बड़ी महारत से झुठला देते हो(Mark 7:9 ULT)

यहाँ पर ईसा कुछ ऐसा करने के लिए फरीसियों की तारीफ़ करता है जो वाजेह तौर से गलत है. इस्तिह्ज़ा के ज़रीय, वह तारीफ़ का मुखालिफ कलाम इस्तेमाल करता है: वह बताता है कि फरीसी, जो अहकाम बरदारी में बहुत फख्र महसूस करते हैं, खुदा से इतने दूर हैं कि वे यह भी नहीं जानते हैं कि उनकी रिवायतें खुदा के अहकाम को तोड़ रही हैं. इस्तिह्ज़ा का इस्तेमाल फरीसी के गुनाह को और वाजेह और चौंकाने वाला बना देता है.

”अपना दावा पेश करो,” यासयाह कहता है; “अपने बुतों के बदले मज़बूत दलीलें हाज़िर करो,” याकूब का बादशाह कहता है. उन्हें हमारे सामने दलीलें पेश करने दो; उन्हें हमारे सामने लाओ और उन्हें बताने दो कि आगे क्या होने वाला है, ताकि हम भी उन्हें अच्छी तरह समझ लें. उन्हें आगे होने वाली बातें बताने दो, ताकि हम उन पर गौर करें और अंजाम को समझें .(Isaiah 41:21-22 ULT)

लोग मूर्तियों की पूजा ऐसे करते थे मानो उनकी मूर्तियों में इल्म या ताक़त थी, और याहवा उनके ऐसा करने से गुस्सा था. इसलिए उसने इस्तिह्ज़ा का इस्तेमाल किया और उनकी मूर्तियों को ललकारा कि वे बताएं कि मुस्तकबिल में क्या होगा. वह जानता था कि मूर्तियाँ ऐसा नहीं कर सकती हैं, लेकिन यह बोलकर कि वे कर सकते हैं, उसने मूर्तियों का मज़ाक उड़ाया, जिससे उनकी नाकामी और वाजेह हो गई, और लोगों को उनकी पूजा करने के लिए फटकार लगाई.

क्या तुम उजाले और अंधेरे को उनके काम करने की जगह पर ले जा सकते हो? क्या तुम उनके लिए उनकी वापसी का रास्ता ढूंढ सकते हो? बिला शुबहा तुम जानते हो, कि तुम तब पैदा हुए थे; ; "तुम्हारे दिनों की तादाद इतनी लम्बी है!" (Job 38:20, 21 ULT)

ऐयूब सोचते थे कि वह अक़लमंद हैं. यह्वा ने यह दिखाने के लिए कि ऐयूब अक़लमंद नहीं हैं इस्तिह्ज़ा का इस्तेमाल किया. ऊपर के दो बैनस्सतूर जुमले इस्तिह्ज़ा हैं. वह जो कहते हैं उसके मुखालिफ बात पर जोर देते हैं, क्योंकि उनको मालूम है कि वह बिलकुल झूठे हैं. वे इस बात पर जोर देते हैं कि मुमकिन है कि अय्यूब रौशनी की पैदाइश के बारे में खुदा के सवालों का जवाब नहीं दे सकते क्योंकि अय्यूब का जन्म कई सालों बाद तक नहीं हुआ था.

तुम्हारे पास पहले से ही वह सब है जो तुम्हें चाहिए था! तुम पहले ही अमीर हो चुके हो! तुमने हुकूमत करना शुरू कर दिया है – और यह चीजें हमसे थोड़ी बईद हैं! (1 Corinthians 4:8 ULT)

कुरंथियों ने खुद को बहुत अक़लमंद, खुद मुख़्तार समझते थे, और पॉल नामी रसूल से किसी तरह की हिदायत की ज़रूरत नहीं समझते थे. पॉल ने इस्तिह्ज़ा का इस्तेमाल किया, ऐसा बोलते हुए मानो वह उनसे मुत्तफ़िक़ था, दिखाने के लिए कि वह कितने घमंड के तरीके से काम करते थे और वह अक़ल्मंदी से कितनी दूर थे.

तर्जमा की हिकमत-ए-अमली

अगर इस्तिह्ज़ा आपको अपनी ज़बान में अच्छी तरह समझ में आ जाए, तो इसका तर्जमा वैसे ही करें जैसा यह कहा गया है. अगर नहीं, तो यहाँ कुछ दीगर हिकमत-ए-अमली मजूद हैं.

  1. इसे इस तरह से तर्जमा करें जिससे पता चले कि बोलने वाला वही बात कह रहा है जिसमें दूसरा आदमी यकीन रखता है.
  2. इस्तिह्ज़ा के बयान के असल, इरादा किए गए मानी का तर्जमा करें. इस्तिह्ज़ा का असली मानी है नहीं पाया गया बोलने वाले के लफ्ज़ी मानी में, बल्कि उसके बजाए असली मानी बोलने वाले के लफ्ज़ी मानी के मुखालिफ में पाया गया.

तर्जमा की हिकमत-ए-अमली की इस्तेमाल की गई मिसालें

  1. इसे इस तरह से तर्जमा करें जिससे पता चले कि बोलने वाला वही बात कह रहा है जिसमें दूसरा आदमी यकीन रखता है.
  • तुम अपनी रिवायतों के चलते >खुदा के हुक्म को बड़ी महारत से झुठला देते हो (Mark 7:9 ULT)
  • तुम सोचते हो कि तुमने खुदा के हुक्म को ठुकरा कर बहुत अच्छा किया ताकि तुम अपनी रिवायतों को जारी रख सको!
  • तुम ऐसा करते हो जैसे खुदा के हुक्म को ठुकरा देना अच्छी बात है ताकि तुम अपनी रिवायतों को जारी रख सको!
  • मैं बुलाने के लिए नहीं आया हूँ नेक लोगों को तौबा करने के लिए, बल्कि गुनाहगारों को तौबा के लिए बुलाने आया हूँ. (Luke 5:32 ULT)
  • मैं बुलाने के लिए नहीं आया हूँ उन लोगों को जो खुद को नेक समझते हैं तौबा करने के लिए, बल्कि गुनाहगारों को तौबा के लिए बुलाने आया हूँ.
  1. इस्तिह्ज़ा के बयान के असल, इरादा किए गए मानी का तर्जमा करें.
  • तुम अपनी रिवायतों के चलते >खुदा के हुक्म को बड़ी महारत से झुठला देते हो (Mark 7:9 ULT)
  • खुदा के हुक्म को ठुकरा कर तुम एक भयानक काम कर रहे हो ताकि तुम अपनी रिवायतों को जारी रख सको!
  • ”अपना दावा पेश करो,” यासयाह कहता है; “अपने बुतों के बदले मज़बूत दलीलें हाज़िर करो,” याकूब का बादशाह कहता है. उन्हें हमारे सामने दलीलें पेश करने दो; उन्हें हमारे सामने लाओ और उन्हें बताने दो कि आगे क्या होने वाला है, ताकि हम भी उन्हें अच्छी तरह समझ लें. उन्हें आगे होने वाली बातें बताने दो, ताकि हम उन पर गौर करें और अंजाम को समझें .(Isaiah 41:21-22 ULT)
  • 'अपना दावा पेश करो,’ यासयाह कहता है; ‘अपने बुतों के बदले मज़बूत दलीलें हाज़िर करो,’ याकूब का बादशाह कहता है. तुम्हारे बुत हमारे सामने अपनी दलीलें पेश नहीं कर सकते या हमारे सामने नहीं आ सकते यह बताने के लिए कि आगे क्या होने वाला है, ताकि हम भी उन्हें अच्छी तरह समझ लें. हम उनसे कोई जवाब नहीं सुन सकते क्योंकि वह बोल नहीं सकतेहमें यह बताने के लिए कि आगे क्या होने वाला है, ताकि हम उन पर गौर करें और अंजाम को समझें” .(Isaiah 41:21-22 ULT)
  • क्या तुम उजाले और अंधेरे को उनके काम करने की जगह पर ले जा सकते हो?
  • क्या तुम उनके लिए उनकी वापसी का रास्ता ढूंढ सकते हो?
  • बिला शुबहा तुम जानते हो, कि तुम तब पैदा हुए थे; ;
  • तुम्हारे दिनों की तादाद इतनी लम्बी है!" (Job 38:20, 21 ULT)
  • क्या तुम उजाले और अंधेरे को उनके काम करने की जगह पर ले जा सकते हो? क्या तुम उनके लिए उनकी वापसी का रास्ता ढूंढ सकते हो? तुम ऐसा कर रहे हो मानो तुम जानते हो कि उजाले और अंधेरे को कैसे पैदा किया गया है, जैसे कि तुम वहां मौजूद थे; जैसे कि तुम्हारी उम्र उनसे भी ज्यादा है, लेकिन ऐसा नहीं है!

ल्ल्म ए बयान

This section answers the following question: ल्ल्म ए बयान क्या होता है ?

तफसील

ल्ल्म ए बयान , सनत बदाई लीटटस एक तक़रीर का एक आदाद-ओ-शुमार है जिसमें स्पीकर ने एक मनफ़ी अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करते हुए दो मनफ़ी अलफ़ाज़ या मनफ़ी अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करते हुए एक मुसबत मुसबत मअनी ज़ाहिर किया है जिसका मअनी वो उस का मअनी रखता है मनफ़ी अलफ़ाज़ के चंद मिसालें "नहीं, "नहीं, "कोई, और "कभी नहीं. "अच्छा के बरअक्स "ख़राब है कोई कह सकता है कि कुछ "ख़राब नहीं है मतलब ये है कि ये बहुत अच्छा है

वजह ये एक तर्जुमा का मसला है

कुछ ज़बानें इस्तिमाल नहीं करते हैं वो लोग जो इन ज़बानों में बोलते हैं वो समझ नहीं सकते हैं कि क़ाइद-ए-आज़म का इस्तिमाल करते हुए एक बयान मुसबत मअनी को मज़बूत बनाता है इस के बजाय, शायद वो सोचें कि ये कमज़ोर है या मुसबत मअनी को भी मंसूख़ कर देता है

बाइबल की मिसाल

आप अपने आपको जानते हैं, भाई, आपके आने वाले हमारे आपको बेकार नहीं था, 1 थसलनीकीयों2: 1 यू उल्टी

लेट्स का इस्तिमाल करते हुए, पाल ने ज़ोर दिया कि उनके साथ उनका दौरा u> बहुत / u> मुफ़ीद था

जब ये दिन बन गया तो, फ़ौजीयों के दरमयान कोई छोटा सा हौसला-अफ़ज़ाई नहीं था, जिसके बारे में पीटर हुआ था (आमाल12:18 यू उल्टी

लेट्स का इस्तिमाल करते हुए, लूका ने ज़ोर दिया कि पतरस के साथ किया वाक़े के बारे में फ़ौजीयों के दरमयान हौसला-अफ़ज़ाई या तशवीश का सिलसिला / u> था (पीटर जेल में था, और यहां तक कि वहां उस की हिफ़ाज़त करने वाले फ़ौजी थे, जब वो एक फ़रिश्ता उसे बाहर जाने से बचा तो वो बहुत परेशान थे.

और तुम, बीत लहम्, यहूदाह के मुल्क में यहूदाह के रहनुमाओं के दरमयान कम अज़ कम / u> हैं आपके लिए एक हुकमरान आएगा जो मेरे लोगों को इसराईल का चरवाहा करेगा (मति2: 6 यू उल्टी

क़ाइद-ए-आज़म का इस्तिमाल करते हुए, नबी ने ज़ोर दिया कि बेत अलहि एक बहुत अहम शहर होगा/ u>.

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर लाइट्स को सही तरीक़े से समझा जाएगा तो इस का इस्तिमाल करें

  1. अगर मनफ़ी के साथ मअनी वाज़िह ना हो, तो strong> को मज़बूत तरीक़े से मअनी दें

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. अगर मनफ़ी के साथ मअनी वाज़िह ना हो, तो strong> को मज़बूत तरीक़े से मअनी दें
  • आप अपने आपको जानते हैं, भाई, आपके पास आने वाले हमारे आपको बेकार नहीं था (1 थसलनीकीयों2: 1 यू उल्टी
  • "आप अपने आपको, भाईयों, आपके विज़िटर्ज़ का रिकार्ड रखा जाएगाu> बहुत अच्छा किया / u>."
  • जब ये दिन बन गया तो, फ़ौजीयों के दरमयान कोई छोटा सा हौसला-अफ़ज़ाई नहीं था, पीटर के साथ किया हुआ था (आमाल12:18 यू उल्टी
  • "जब ये दिन बन गया तो, फ़ौजीयों के दरमयान वहां बहुत बड़ा हौसला-अफ़ज़ाई हुआ था, जिसके बारे में पीटर हुआ था.
  • "जब ये दिन बन गया तो, फ़ौजीयों ने पीटा हुआ किया हुआ था क्योंकि बहुत सारे लोग थे.

तमसीली

This section answers the following question: लफज़ तमसीली के क्या मतलब है और में उन जुमलों का तरजुमा कैसे कर सकता हूं जिन में ये है?

तारीफ़

Merism एक तक़रीर का एक आदाद-ओ-शुमार है जिसमें एक शख़्स उस के दो इंतिहाई हिस्सों के बारे में बात कर के कुछ इशारा करता है इंतिहाई हिस्सों का हवाला देते हुए, स्पीकर का मक़सद उन हिस्सों के दरमयान सब कुछ भी शामिल है ''मैं उल्फ़ा और ओमेगा हूँ, 'ख़ुदा ख़ुदा फ़रमाता है, "जो है, और कौन था, और कौन है, ग़ालिबान. (मुकाशफ़ा1: 8، यू उल्टी

में u>उल्फ़ा और ओमेगा / u>، सबसे पहले और आख़िरी / u>، आग़ाज़ और इख़तताम / u>हूँ (मुकाशफ़ा22:13، ​​यू उल्टी

उल्फ़ा और ओमेगा / u>यूनानी हरूफ़-ए-तहज्जी के पहले और आख़िरी हुरूफ़ हैं ये एक ख़ासीयत है जिसमें आग़ाज़ से आख़िर तक सब कुछ शामिल है ये अबदी का मतलब है

मैं आपकी पैरवी करता हूँ, बाप, रब की<आसमानी और ज़मीन .. ، (मति11:25यू उल्टी

आसमानी और ज़मीन / u>एक ज़हनीयत है जिसमें मौजूद सब कुछ शामिल है

वजह ये एक तर्जुमा का मसला है

कुछ ज़बानेंmerism इस्तिमाल नहीं करते हैं इन ज़बानों के क़ारईन को ये ख़्याल है कि ज़िक्र करदा इश्याय पर सिर्फ अलफ़ाज़ पर लागू होता है वो ये महसूस नहीं कर सकते कि ये इन दोनों चीज़ों और हर चीज़ के दरमयान है

बाइबल की मिसाल

सूरज की बढ़ती हुई तर्तीब से इस के तर्तीब से, ख़ुदावंद का नाम की तारीफ़ की जानी चाहीए (ज़बूर113: 3 यू उल्टी

ये बुनियादी तौर पर फ़िक़रा एक मर्ज़ है क्योंकि ये मशरिक़ी और मग़रिब और हर जगह के दरमयान है इस का मतलब है "हर जगह.

वो इस शख़्स को बरकत देगा जो इस का एज़ाज़ रखते हैं, दोनों u>नौजवान और पुराने / u>. (ज़बूर115: 13)

ज़ेर अलतवा फ़िक़रा मुराद है क्योंकि वो बात करता है, बूढ़े और नौजवान और सब के दरमयान इस का मतलब है "सब.

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर मर्ज़ क़ुदरती होगी और अपनी ज़बान में सही मअनी दे तो इस का इस्तिमाल करें अगर नहीं, तो यहां दूसरे इख़्तयारात हैं

  1. इस बात की शनाख़्त करें कि मर्ज़ों को बग़ैर किसी चीज़ का ज़िक्र किया गया है
  2. इस बात की शनाख़्त करें कि मर्ज़ को कौनसा हुसूल और हिस्सों में शामिल है

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. इस बात की शनाख़्त करें कि मर्ज़ों को बग़ैर किसी चीज़ का ज़िक्र किया गया है
  • मैं आपकी तारीफ़ करता हूँ, बाप, रब का ख़ुदा, आसमान और ज़मीन .. (मति11:25 यू उल्टी
  • मैं आपकी तारीफ़ करता हूँ, वालिद, रब का<सब कुछ / u> ...
  • ** सूरज की बढ़ती हुई जगह से इस की तर्तीब में, ख़ुदावंद का नाम की तारीफ़ की जाये** (ज़बूर113: 3 यू उल्टी
  • तमाम मुक़ामात पर / u>، लोगों को ख़ुदावंद का नाम की तारीफ़ करना चाहीए
  1. इस बात की शनाख़्त करें कि मर्ज़ को कौनसा हुसूल और हिस्सों में शामिल है
  • मैं आपकी पैरवी करता हूँ, बाप, रब का ख़ुदा, आसमान और ज़मीन (मति11:25 यू उल्टी
  • मैं आपकी तारीफ़ करता हूँ, वालिद, रब का<सब कुछ, बिशमोल जन्नत में और जो ज़मीन पर है दोनों समेत
  • वो इस शख़्स को बरकत देगा जो इस का एज़ाज़ रखते हैं, दोनों u>नौजवान और पुराने / u>. (ज़बूर115: 13 यू उल्टी

वो इन सबको बरकत देगा जो इस का एज़ाज़ रखते हैं, चाहे वो नौजवान या पुराने / u>हैं


इस्तिआरह

This section answers the following question: इस्तिआरह क्या है और में उस जुमले का तर्जुमा कर सकता हूं जिसमें ये है?

तफ़सील

एक इस्तिआरा एक ऐसी बात है जिसका इज़हार एक दूसरे के लिए इस्तिमाल किया जाता है, और जिसमें दोनों के दरमयान कम अज़ कम एक नुक़्ता-ए-नज़र है दूसरे अलफ़ाज़ में, इसतार में, किसी को एक चीज़ की बात होती है जैसा कि अगर ये एक मुख़्तलिफ़ चीज़ थी क्योंकि वो चाहता है कि लोगों को ये सूचना है कि इन दोनों चीज़ें एक जैसे हैं मिसाल के तौर पर, कोई ऐसा कह सकता है

  • मुझे पसंद है लड़की एक सुर्ख़ गुलाब है

इस मुआमले में, स्पीकर स्नीडर चाहता है कि इस के बारे में सोचें कि उनके मौज़ू, "लड़की में प्यार करता हूँ, और इस की तस्वीर उस का मुवाज़ना करने के लिए इस्तिमाल कर रहा है, "सुर्ख़ गुलाब. ज़्यादा-तर शायद, वो चाहता है कि हम इस पर ग़ौर करें कि वो दोनों ख़ूबसूरत हैं

कभी कभी स्पीकर ऐसे इस्तिआरों का इस्तिमाल करते हैं जो अपनी ज़बान में बहुत आम हैं ताहम, कभी कभी स्पीकर ऐसे इस्तिआरों का इस्तिमाल करते हैं जो ग़ैरमामूली हैं, और यहां तक कि कुछ अस्तीफ़ा भी मुनफ़रद हैं

बोलने वालों अक्सर अपने पैग़ाम को मज़बूत बनाने के लिए इस्तिमाल करते हैं, अपनी ज़बान को ज़्यादा झूट बनाते हैं, अपनी जज़बात को बेहतर बनाने के लिए, किसी दूसरे तरीक़े से कहने के लिए मुश्किल है, या लोगों को अपने पैग़ाम को याद करने में मदद करने के लिए कहेंगे

अस्तीफ़ा की इक़साम

दो बुनियादी किस्म के इसतार हैं "मुर्दा अस्तीफ़ा और "ज़िंदा इस्तिआरा वो हर एक मुख़्तलिफ़ किस्म का तर्जुमा मसला पेश करते हैं

मुर्दार अस्तीफ़ा

एक मुर्दा इसतार एक इसतार है जो इस ज़बान में बहुत ज़्यादा इस्तिमाल किया गया है कि इस के बोलने वालों को इस के इलावा किसी दूसरे के लिए एक तसव्वुर तसव्वुर नहीं होता मुर्दार अस्तीफ़ा इंतिहाई आम हैं अंग्रेज़ी में मिसालें "टेबल टांग, "ख़ानदानी दरख़्त, "पत्ती का मतलब एक किताब में एक सफ़े, और "क्रेन का मतलब है कि भारी बोझ उठाने के लिए एक बड़ी मशीन अंग्रेज़ी बोलने वाले सिर्फ उन अलफ़ाज़ के बारे में सोचते हैं जैसे एक से ज़्यादा मअनी रखते हैं बाइबल इब्रानी में मिसालें "हाथ का मतलब है "ताक़त, "चेहरे का मतलब "मौजूदगी", और जज़बात या अख़लाक़ी ख़सुसीआत के बारे में बात करने के तौर पर अगर वो "लिबास थे

अस्तीफ़ा के तौर पर काम करने के नुक़्ता-ए-नज़र की नुमाइश के जोड़े

अस्तीफ़ा अलफ़ाज़ के कई तरीक़े तसव्वुरात के जोड़े पर मुनहसिर हैं, जहां एक बुनियादी तसव्वुर अक्सर मुख़्तलिफ़ बुनियादी तसव्वुर के लिए खड़ा है मिसाल के तौर पर, अंग्रेज़ी में, सिम्तUP अक्सर अक्सर या ज़्यादा के तसव्वुर के लिए खड़ा है बुनियादी तसव्वुरात की इस जोड़ी की वजह से, हम इस तरह के जुमले को "पेट्रोल की क़ीमत जा रहे हैं *, "एक इंतिहाई ज़हीन इन्सान, और इस के बरअक्स भी ख़्याल कर सकते हैं "दर्जा हरारत चल रहा है नीचे *, "और मैं बहुत कम महसूस कर रहा हूँ "

तसव्वुरात के नमूना जोड़े मुसलसल दुनिया की ज़बानों में अस्तीफ़ा मक़ासिद के लिए इस्तिमाल किए जाते हैं, क्योंकि वो ख़्यालात को मुनज़्ज़म करने के लिए आसान तरीक़े से काम करते हैं आम तौर पर, लोग ख़ुलासा ख़सुसीआत, ताक़त, मौजूदगी, जज़बात और अख़लाक़ी ख़सुसीआत जैसे बातें करते हैं जैसे कि वो ऐसी चीज़ें हैं जो देखते हैं या मुनाक़िद हो सकते हैं, जैसे वो जिस्म के हिस्से थे, या जैसे जैसे वो वाक़ियात थे जैसे ही हुआ-हुआ देखा जाये

जब ये इसतार मामूल के तरीक़ों में इस्तिमाल होते हैं, तो ये नायाब है कि स्पीकर और सामईन को उनकी शनाख़ती तक़रीर की हैसियत से समझा जाता है अंग्रेज़ी में अस्तीफ़ा की मिसालें जो ग़ैर-मारूफ़ हैं

  • "गर्मी को अपनाईं *."UP के तौर पर मज़ीद कहा जाता है
  • "हमारा बेहस के साथ आगे बढ़ो 'ऐसा करना जो वाअदा किया जा सकता है वो बोली या अड्डा निसंग के तौर पर
  • "आप आपका नज़रिया अच्छा है ' ARGUMENT WAR के तौर पर बात की है
  • अलफ़ाज़ की A * बहाव लफ़्ज़ अलफ़ाज़ के तौर पर बोली जाती हैं

अंग्रेज़ी बोलने वाले ये ग़ैरमामूली या अस्तीफ़ा इज़हार के तौर पर नहीं देखते हैं, लिहाज़ा ये ग़लत होगा कि दूसरी ज़बानों में उनकी ज़बान तर्जुमा करें ताकि लोगों को उनकी तवज्जा पर मबनी तक़रीर के तौर पर अदा करे

बाइबल की ज़बानों में इस तरह के अशआर के अहम नमूनों की वज़ाहत के लिए, बराह-ए-करम [बाइबल की तस्वीर आम पैटर्न] (../bita-part1/01.md) देखें और वो सफ़हात जिससे आपको बराह-ए-रास्त हिदायत मिलेगी

जब किसी दूसरी ज़बान में किसी मुर्दा इसतार का तर्जुमा करते हैं, तो उसे एक इसतार के तौर पर मुत्तफ़िक़ ना करें इस के बजाय, हदफ़ ज़बान में इस चीज़ या तसव्वुर के लिए सिर्फ बेहतरीन इज़हार इस्तिमाल करें

लाईव इसतार

ये अस्तीफ़ा हैं कि लोग एक तसव्वुर के तौर पर दूसरे तसव्वुर के लिए खड़े हैं, या एक चीज़ के लिए एक चीज़ वो लोग सोचते हैं कि एक चीज़ दूसरी चीज़ की तरह है, क्योंकि ज़्यादा-तर तरीक़ों में दो चीज़ें बहुत मुख़्तलिफ़ हैं लोग आसानी से उन इस्तिआरों को भी तस्लीम करते हैं जैसे पैग़ाम को ताक़त और ग़ैरमामूली ख़सुसीआत फ़राहम करते हैं इस वजह से, लोग इन इस्तिआरों पर तवज्जा देते हैं मिसाल के तौर पर

क्योंकि तुम मेरे नाम से डरते हो, सदाक़त का सूरज अपने पंखों में शिफ़ा देने के साथ बढ़ जाएगा (मालकी4: 2 यू उल्टी

यहां ख़ुदा अपनी नजात के बारे में बात करता है जैसा कि वो इस से मुहब्बत करता है जो लोगों से मुहब्बत करता है इस की किरण चमकाने के लिए सूरज की बढ़ती हुई थी वो सूरज की किरनों के बारे में भी बोलते हैं जैसे वो पंख थे इस के इलावा, वो इन पंखों के बारे में बोलते हैं जैसे वो दवा ले रहे थे जो अपने लोगों को शिफ़ा बख़्शेंगे यहां एक और मिसाल है

"यसवा ने कहा, जाओ जाओ और ये फॉक्स बताओ .. '' (लूका13: 11)

यहां, "ये लोमड़ी किंग हीरो दूर से मुराद है जो लोग यसवा के बारे में सुनते हैं इस बात को यक़ीनी तौर पर समझा जाता है कि यसवा उनके लिए हीरो देस के फॉक्स की मख़सूस ख़सुसीआत को लागू करने के लिए उनका इरादा रखते थे उन्होंने शायद ये समझा कि यसवा ने बातचीत करने का इरादा किया कि हीरो दे बुरा था, या तो एक शानदार रास्ता में या किसी ऐसे शख़्स के तौर पर तबाहकुन, क़ातिल, या जो चीज़ें उस के साथ नहीं थीं, या उन सबको

लाईव इस्तिआरा ऐसे अस्तीफ़ा हैं जो सही तरीक़े से तर्जुमा करने के लिए ख़ुसूसी देख-भाल की ज़रूरत है ऐसा करने के लिए, हमें एक इसतार के हिस्सों को समझने की ज़रूरत है और वो कैसे पैदा करने के लिए मिलकर काम करते हैं

एक इसतार के हिस्से

एक इसतार तीन हिस्सों में है

  1. मौज़ू - जो कुछ बोलता है उसे मौज़ू कहा जाता है
  2. तस्वीरी - जो चीज़ ये कहती है वो तस्वीर है
  3. मुवाज़ना प्वाईंट - जिस तरह से या तरीक़े जिसमें मुसन्निफ़ का दावे करता है कि मौज़ू और तस्वीर इसी तरह की होती हैं उनके प्वाईंटस के मुक़ाबले में

जे़ल में अस्तीफ़ा में, स्पीकर औरत को बयान करता है जिसे वो सुर्ख़ गुलाब के तौर पर पसंद करता है औरत (उस की "मुहब्बत" मौज़ू, और "सुर्ख़ गुलाब तस्वीर है ख़ूबसूरती और नाज़ुक मुक़ाबले के प्वाईंटस हैं कि स्पीकर मौज़ू और तस्वीर दोनों के दरमयान मुमासिलत के तौर पर देखता है

  • मेरी मुहब्बत एक सुर्ख़, सुर्ख़ गुलाब है

अक्सर, जैसा कि ऊपर के इसतार में, स्पीकर वाज़िह तौर पर * मौज़ू * और * तस्वीर * बताता है, लेकिन वो मुक़ाबले के प्वाईंटस की रियासत नहीं बताता है स्पीकर उस के मुक़ाबले में इन प्वाईंटस के बारे में सोचने के लिए सुनकर को छोड़ देता है चूँकि सुनने वालों को इन ख़्यालात को ख़ुद को समझना ज़रूरी है, स्पीकर का पैग़ाम सिंड्रों पर ज़्यादा ताक़तवर असर है

बाइबल में, आम तौर पर * मौज़ू * और * तस्वीर * वाज़िह तौर पर कहा जाता है, लेकिन मुक़ाबले के प्वाईंटस नहीं मुसन्निफ़ इस से मुत्तफ़िक़ा तौर पर सामईन को छोड़ देता है कि इस के मुक़ाबले में उनके नुक़्ता-ए-नज़र को समझने और समझने के ले-ए-समझा जाये

यसवा ने उनसे कहा, "मैं ज़िंदगी की रोटी हूँ; जो मेरे पास आता है वो भूक नहीं रहता, और जो मुझ पर ईमान रखता है वो कभी प्यास नहीं होगा. (यूहना6:35 यू उल्टी

इस अस्तीफ़ा में, यसवा ने अपने आपको ज़िंदगी की रोटी का नाम दिया * मौज़ू * है "में, और * तस्वीर * है "रोटी. रोटी एक ऐसा खाना है जिसे लोग हरवक़त खाते थे मुक़ाबले * रोटी और यसवा के दरमयान ये है कि लोग दोनों को रहने के लिए की ज़रूरत है जिस्मानी ज़िंदगी के ले-ए-लोगों को खाना खाने की ज़रूरत है, रुहानी ज़िंदगी रखने के ले-ए-लोगों को यसवा में भरोसा करना है

अस्तीफ़ा का मक़सद

  • इस्तिआरा का एक मक़सद लोगों को इस चीज़ के बारे में सिखाया जा रहा है जो वो नहीं जानते हैं ( मौज़ू ये ज़ाहिर करते हुए कि ये किसी चीज़ की तरह है जो पहले से ही जानते हैं .
  • एक और मक़सद ये है कि इस पर-ज़ोर दिया जा सकता है कि कुछ खासतौर पर मयार हो या ज़ाहिर करे कि इस के मयार को इंतिहाई अंदाज़ में है
  • एक और मक़सद ये है कि लोग लोगों को के बारे में इसी तरह महसूस करें क्योंकि वो * तस्वीर * के बारे में महसूस करेंगे

वजूहात ये तर्जुमा का मसला है

  • लोग इस बात को तस्लीम नहीं कर सकते हैं कि कुछ एक इसतार है दूसरे अलफ़ाज़ में, वो एक लफ़्ज़ी बयान के लिए एक अस्तीफ़ा ग़लती कर सकते हैं, और इस तरह उस को ग़लत समझा
  • लोग इस चीज़ से वाक़िफ़ नहीं हो सकते हैं जो तस्वीर के तौर पर इस्तिमाल किया जाता है, और इस तरह इसतार को समझने में नाकाम हो
  • अगर मौज़ू बयान नहीं किया जाता है तो, लोग जान नहीं सकते कि मौज़ू किया है
  • लोग इस मुक़ाबले के प्वाईंटस को नहीं जानते जो स्पीकर को समझते हैं कि वो समझते हैं अगर वो इन मक़ासिद के बारे में सोचने में नाकाम रहे तो, वो अस्तीफ़ा को नहीं समझेंगे
  • लोग ये सोच सकते हैं कि वो अस्तीफ़ा समझते हैं, लेकिन वो नहीं करते ऐसा होता है जब वो बाइबल सक़ाफ़्त से बजाय उनकी अपनी सक़ाफ़्त से मुक़ाबले के प्वाईंटस को लागू करते हैं

तर्जुमा के उसूल

  • एक अशआर का मअनी हदफ़ के सामईन को वाज़िह करने के तौर पर जैसे असल नाज़रीन के पास था
  • हदफ़ के सामईन को वाज़िह करने के लिए एक अस्तीफ़ा का मअनी नहीं बनाना, आपको लगता है कि ये असल नाज़रीन के साथ था

बाइबल की मिसाल

इस लफ़्ज़ को सुनें, u>आप बसान की गाहों / u>، (अमोस4: 1यू उल्टी

इस इसतार में अमोस सामरिया के ऊपरी तिब्बी ख़वातीन से बात करता है (मौज़ू "आप"है जैसे कि वो गाय थे (तस्वीर) अमोस ये नहीं कहते कि इन ख़वातीन और गाइयों के दरमयान क्या फ़र्क़ है वो चाहता है कि क़ारी उनके बारे में सोचें और मुकम्मल तौर पर तवक़्क़ो रखता है कि क़ारईन उस की सक़ाफ़्त से आसानी से करेंगे सयाहत से, हम देख सकते हैं कि इस का मतलब ये है कि औरतों की तरह वो गाय की तरह हैं जैसे वो ख़ुद को खिलाने में सिर्फ चर्बी और दिलचस्पी रखते हैं अगर हम मुख़्तलिफ़ सक़ाफ़्त से मुक़ाबले के प्वाईंटस को लागू करना चाहते थे, जैसे जैसे गाइयों मुक़द्दस हैं और इबादत की जानी चाहीए, हम इस आयत से ग़लत मअनी हासिल करेंगे

नोट, ये भी कि अमोस इस हक़ीक़त का मतलब नहीं है कि औरतों को गाय हैं वो इन्सान के तौर पर उनसे बात करता है

और अभी तक, आप हमारे बाप हैं<हम हम मिट्टी हैं / u>. आप हमारे पोटर हैं / u>؛ और हम सब आपके हाथ का काम हैं (यसईआह64: 8यू उल्टी

मुंदरजा बाला मिसाल के तौर पर दो मुताल्लिक़ा इसतार हैं मौज़ूआत "हम और "आप हैं, और तसावीर "मिट्टी और पोटर हैं "एक पोटर और ख़ुदा के दरमयान मुक़ाबले के इरादा नुक़्ता हक़ीक़त ये है कि दोनों चीज़ों को उनके माल से किया फ़ायदा है वो मिट्टी से बाहर चाहता है, और ख़ुदा अपनी मर्ज़ी से जो चाहता है इस के मुताबिक़ करता है पोटा की मिट्टी के दरमयान मुक़ाबले का नुक़्ता और "हम ये है कि ना ही मिट्टी और ना ही ख़ुदा के लोगों को उनके बारे में शिकायत करने का हक़ है

यसवा ने उनसे कहा, "फ़रीसयों और सद वदियों के ख़मीर से ख़बरदार रहो. शागिर्दों ने अपने आपको दलील दी और कहा, "ये वजह है कि हमने रोटी ना ली. (मति16: 6-7 यू उल्टी

यसवा ने यहां एक अस्तीफ़ा इस्तिमाल किया, लेकिन इस के शागिर्दों को ये एहसास नहीं था जब उन्होंने "ख़मीर कहा था तो उन्होंने सोचा कि वो रोटी के बारे में बात कर रहा था, लेकिन "ख़मीर इस की अस्तीफ़ा की तस्वीर थी, और मौज़ू फ़रीसयों और सदूसियों की तालीम थी चूँकि शागिर्द (असल नाज़रीन यसवा का मतलब समझते नहीं थे, ये वाज़िह नहीं होगा कि वाज़िह तौर पर ये बताएं कि यसवा मसीह का क्या मतलब है

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर लोग इस तरह के अस्तीफ़ा को समझेंगे कि असल क़ारईन उस को समझ लेंगे, आगे बढ़ो और उसे इस्तिमाल करें इस बात का यक़ीन करने के लिए तर्जुमा की आज़माईश यक़ीनी बनाएँ कि लोग उसे सही तरीक़े से समझते हैं

अगर लोग उसे समझने या नहीं समझते तो, यहां कुछ और हिक्मत-ए-अमली हैं

  1. अगर इसतार ज़रीया ज़बान में एक आम इज़हार है या बाइबल की ज़बान में एक मुफ़स्सिल जोड़ी के तसव्वुरात का इज़हार करते हैं (एक "मुर्दा इसतार), तो आपकी ज़बान की तरफ़ से तर्जीह के सबसे आसान तरीक़ा में अहम ख़्याल का इज़हार
  2. अगर अस्तीफ़ा एक "ज़िंदा इशारा लगता है तो, आप उसे लफ़्ज़ी तौर पर तर्जुमा कर सकते हैं u>अगर आप सोचते हैं कि हदफ़ ज़बान भी इस इसतार का इस्तिमाल करता है इसी तरह बाइबल में इसी चीज़ का मतलब है . अगर आप ऐसा करते हैं तो, इस बात को यक़ीनी बनाना कि इस बात का यक़ीन करने के लिए कि ज़बानी कम्यूनिटी को ये सही तरीक़े से समझा जाये
  3. अगर हदफ़ के सामईन को ये एहसास नहीं होता कि ये एक इसतार है, तो अस्तीफ़ा को एक संबल में तबदील करें कुछ ज़बानें अलफ़ाज़ जैसे "जैसे या "के तौर पर शामिल कर के करते हैं मुलाहिज़ा करें समील.
  4. अगर हदफ़ के सामईन * तस्वीर * को नहीं जानते, देखें ग़ैरमौजूदगी का तर्जुमा इस तस्वीर का तर्जुमा कैसे करें
  5. अगर हदफ़ के सामईन एस * तस्वीर * इस मतलब के लिए इस्तिमाल नहीं करेंगे, उस की बजाय अपनी अपनी सक़ाफ़्त से एक तस्वीर इस्तिमाल करें इस बात को यक़ीनी बनाएँ कि ये एक ऐसी तस्वीर है जो बाइबल के औक़ात में मुम्किन हो सकता है
  6. अगर हदफ़ के सामईन को नहीं मालूम होता कि * मौज़ू * किया है, तो इस मौज़ू को वाज़िह तौर पर बयान करें (ताहम, ऐसा नहीं करते अगर असल नाज़रीन को मालूम नहीं था कि मौज़ू किया था.
  7. अगर हदफ़ के सामईन मक़सद और * तस्वीर के मुक़ाबले में * नुक़्ता-ए-नज़र नहीं जानतेगा, फिर उस को वाज़िह तौर पर रियासत
  8. अगर उनमें से कोई भी हिक्मत-ए-अमली तसल्ली बख़श नहीं है तो फिर सिर्फ एक इसतार को इस्तिमाल करने के बग़ैर वाज़िह तौर पर ये ख़्याल बयान करें

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. अगर इसतार ज़रीया ज़बान में एक आम इज़हार है या बाइबल की ज़बान में एक मुफ़स्सिल जोड़ी के तसव्वुरात का इज़हार करते हैं (एक "मुर्दा इसतार), तो आपकी ज़बान की तरफ़ से तर्जीह के सबसे आसान तरीक़ा में अहम ख़्याल का इज़हार
  • फिर-फिर इबादत-गाह के रहनुमाओं में से एक, जवीरस का नाम आया और जब उसने उसे देखा, तो उस के पांव पर गिर गया (मरकुस5:22 यू उल्टी
  • तब यरूशलेम नामी इबादत-गाह के सरदारोँ में से एक आया और जब उसने उसे देखा तो<फ फ़ौरी तौर पर उस के आगे झुक गया / u>.
  1. अगर अस्तीफ़ा एक "ज़िंदा इशारा लगता है तो, आप उसे लफ़्ज़ी तौर पर तर्जुमा कर सकते हैं u>अगर आप सोचते हैं कि हदफ़ ज़बान भी इस इसतार का इस्तिमाल करता है इसी तरह बाइबल में इसी चीज़ का मतलब है अगर आप ऐसा करते हैं तो, इस बात को यक़ीनी बनाना कि इस बात का यक़ीन करने के लिए कि ज़बानी कम्यूनिटी को ये सही तरीक़े से समझा जाये
  • ये आपके<सख़्त दलों की वजह से था जिसने आपने इस क़ानून को लिखा, (मरकुस10: 5 यू उल्टी
  • ये आपके सख़्त दलों की वजह से था कि उसने आपको ये क़ानून लिखा था

इस में कोई तबदीली नहीं है लेकिन इस बात का यक़ीन करने के लिए ये जांच पड़ताल की जानी चाहीए कि हदफ़ के सामईन को ये अस्तीफ़ा सही तरीक़े से समझा जाये

  1. अगर हदफ़ के सामईन को ये एहसास नहीं होता कि ये एक इसतार है, तो अस्तीफ़ा को एक संबल में तबदील करें कुछ ज़बानें अलफ़ाज़ जैसे "जैसे या "के तौर पर शामिल कर के करते हैं
  • और अभी तक, आप हमारे बाप हैं हम u>मिट्टी हैं / u>. आप हमारे Potter हैं; और हम सब आपके हाथ का काम हैं * (यसईआह64: 8 यू उल्टी
  • और अभी तक, ख़ुदावंद, आप हमारे बाप हैं हम u>जैसे / u>मिट्टी हैं आप u>पसंद हैं / u>एक पोटर; और हम सब आपके हाथ का काम हैं
  1. अगर हदफ़ के सामईन * तस्वीर * को नहीं जानते, देखें ग़ैरमौजूदगी का तर्जुमा इस तस्वीर का तर्जुमा कैसे करें
  • साओल, साओल, आप मुझे क्यों परेशान करते हो? आपके लिए मुश्किल है कि एक माला लेना / u> (आमाल26:14 यू उल्टी
  • साओल, साओल, आप मुझे क्यों तकलीफ़ देते हैं? आपके लिए मुश्किल है u>एक निशानदेही इस्टेक् के ख़िलाफ़ कट / u>.
  1. अगर हदफ़ के सामईन एस * तस्वीर * इस मतलब के लिए इस्तिमाल नहीं करेंगे, उस की बजाय अपनी अपनी सक़ाफ़्त से एक तस्वीर इस्तिमाल करें इस बात को यक़ीनी बनाएँ कि ये एक ऐसी तस्वीर है जो बाइबल के औक़ात में मुम्किन हो सकता है
  • और अभी तक, आप हमारे बाप हैं हम u>मिट्टी हैं / u>. आप हमारे Potter हैं; और हम सब आपके हाथ का काम हैं * (यसईआह64: 8 यू उल्टी
  • "और अभी भी, आप हमारे बाप हैं, हम हम लक्कड़ी हैं हम आपके<क़ारूर / u>हैं और हम सब आपके हाथ का काम हैं.
  • "और अभी तक, ख़ुदावंद, आप हमारे बाप हैं; हम string हैं हम आप हैं / weaver ؛ और हम सब आपके हाथ का काम हैं.
  1. अगर हदफ़ के सामईन को नहीं मालूम होता कि * मौज़ू * किया है, तो इस मौज़ू को वाज़िह तौर पर बयान करें (ताहम, ऐसा नहीं करते अगर असल नाज़रीन को मालूम नहीं था कि मौज़ू किया था.
  • **ख़ुदावंद ही रहता है हो सकता है u>मेरी राक / u>तारीफ़ की जाये मेरी नजात का ख़ुदा बुलंद हो जाएगा ** (ज़बूर18:46 यू उल्टी
  • ख़ुदावंद ज़िंदा रहता है वो मेरा पत्थर है / u>. इस की तारीफ़ की जा सकती है मेरी नजात का ख़ुदा बुलंद हो जाएगा
  1. अगर हदफ़ के सामईन मक़सद और * तस्वीर के मुक़ाबले में * नुक़्ता-ए-नज़र नहीं जानतेगा, फिर उस को वाज़िह तौर पर रियासत
  • ख़ुदावंद ही रहता है हो सकता है u>मेरी राक / u>तारीफ़ की जाये मेरी नजात का ख़ुदा बुलंद हो जाएगा (ज़बूर18:46 यू उल्टी
  • ख़ुदावंद ज़िंदा रहता है वो उस की तारीफ़ की जा सकती है क्योंकि वो पत्थर है जिसके तहत में अपने दुश्मनों से छिप सकता हूँ / u>. मेरी नजात का ख़ुदा बुलंद हो जाएगा
  • साओल, साओल, आप मुझे क्यों परेशान करते हो? आपके लिए मुश्किल है कि एक माला लेना / u> (आमाल26:14 यू उल्टी
  • साओल, साओल, आप मुझे क्यों तकलीफ़ देते हैं? आप u>मेरे ख़िलाफ़ लड़ें और अपने आपको एक ऐसे बैल की तरह तकलीफ़ दें जो उस के मालिक की निशानदेही की छड़ी के ख़िलाफ़ केक है
  1. अगर उनमें से कोई भी हिक्मत-ए-अमली तसल्ली बख़श नहीं है तो फिर सिर्फ एक इसतार को इस्तिमाल करने के बग़ैर वाज़िह तौर पर ये ख़्याल बयान करें
  • मैं आपको मर्दों के मछली बनाएगा (मरकुस1:17 यू उल्टी
  • मैं आपको बनाएगाu>लोग जो लोग जमा करते हैं / u>.
  • अब आप मछली जमा करते हैं मैं तुम्हें बनाऊँगा/ u>लोगों को जमा

मख़सूस इस्तिआरों के बारे में मज़ीद जानने के लिए, देखें बाइबल की तस्वीर आम पैटर्न.


मेटोनीमि

This section answers the following question: मेटोनीमि क्या है?

तफ़सील

Metonymy एक तक़रीर की एक ऐसी इबारत है जिसमें किसी चीज़ या ख़्याल को अपने नाम से नहीं कहा जा रहा है, लेकिन कुछ उस के नाम से जो इस से मुंसलिक है A metonym एक लफ़्ज़ या फ़िक़रा है जो उस के साथ मुंसलिक किया गया है इस के मुतबादिल के तौर पर इस्तिमाल किया जाता है

और u>ख़ून / u>मैं इस का बेटा हमें हर गुनाह से पाक करता है (1 यूहना1: 7 यू उल्टी

ख़ून मसीह की मौत की नुमाइंदगी करता है उसने खाने के बाद इसी तरह में / u> मेरे ख़ून में नया अह्द है, जो आपके लिए डाला जाता है (लूका22: 20 यू उल्टी

ये कप शराब में शराब की नुमाइंदगी करता है

Metonymy इस्तिमाल किया जा सकता है

  • कुछ इशारा करने का एक छोटा सा तरीक़ा है
  • इस के साथ मुंसलिक एक जिस्मानी चीज़ के नाम से इस का इशारा करते हुए एक ख़ुलासा ख़्याल ज़्यादा मअनी बनाना

वजह ये एक तर्जुमा का मसला है

बाइबल अक्सर अक्सर मोतबर इस्तिमाल करता है कुछ ज़बानों के बोलने वालों को धुआँ इस्तिमाल करने के लिए इस्तिमाल नहीं किया जाता है और वो उसे बाइबल में पढ़ते वक़्त उसे पहचान नहीं सकते हैं अगर वो मारूफ़ नहीं पहचानते हैं, तो वो गुज़रने को नहीं समझ सकेंगे, बदतरीन अभी तक, वो गुज़रने से ग़लत समझे जाते हैं जब भी एक मोतबर इस्तिमाल होता है, लोगों को ये समझने के काबिल होना ज़रूरी है कि इस की नुमाइंदगी करें

बाइबल की मिसाल

ख़ुदा ख़ुदा उसे उस के वालिद, दाऊद के तख़्त को देगा (लूका1:32 यू उल्टी

एक तख़्त बादशाह के इख़तियार की नुमाइंदगी करता है "अर्श "बादशाहत इख़तियार, "बादशाहत या "हुक्मरानी के लिए एक मअनी है इस का मतलब है कि ख़ुदा उसे बादशाह बनाता है जो किंग दाऊद की पैरवी करता है

फ़ौरी तौर पर उनका<मुँह / u>खोला गया था (लूका1:64 यू उल्टी

यहां मुँह बोलने की ताक़त ज़ाहिर करती है इस का मतलब ये है कि वो दुबारा बात करने में कामयाब था

... जिसने आपकोu>ग़ज़ब / u>से भागने की धमकी दी है जो आ रहा है? (लूका3: 7 यू उल्टी

"ग़ज़ब या "ग़ुस्सा लफ़्ज़ "सज़ा के लिए एक मअनी है ख़ुदा लोगों के साथ बहुत नाराज़ था, और इस के नतीजे में, वो उन्हें सज़ा देगा

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर लोग आसानी से मारूफ़ समझे जाऐंगे तो इस का इस्तिमाल करें दूसरी सूरत में, यहां कुछ इख़्तयारात हैं

  1. जिस चीज़ की नुमाइंदगी करता है इस के नाम के साथ साथ नामूस का इस्तिमाल करें
  2. चीज़ का नाम सिर्फ नुमाइंदगी की नुमाइंदगी करता है

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. जिस चीज़ की नुमाइंदगी करता है इस के नाम के साथ साथ नामूस का इस्तिमाल करें
  • उन्होंने कप के बाद इसी तरह कप लेकर कहा, "u>ये कप मेरे ख़ून में नया अह्द है, जो आपके लिए डाला जाता है (लूका22:20 यू उल्टी
  • "उन्होंने कप के बाद इसी तरह कप लेकर कहा, इस कप में शराब / u>मेरे ख़ून में नया अह्द है, जो आपके लिए डाला जाता है "
  1. इस चीज़ का नाम इस्तिमाल करें जो इर्फ़ान की नुमाइंदगी करती है
  • ख़ुदावंद ख़ुदा उसे उस के बाप, दाऊद का तख़्त तख़्ता देगा (लूका1:32 यू उल्टी
  • "ख़ुदावंद ख़ुदा उसे उस के वालिद, दाऊद की बादशाहत इख़तियार करेगा/ u>.
  • "ख़ुदावंद ख़ुदा उस के मालिक, बादशाह दाऊद की तरह उसे बादशाह बनाएगा
  • जिसने आपको ग़ायब करने से ख़बरदार किया u>ग़ज़ब / u>؟ (लूका3: 7यू उल्टी
  • "जिसने तुम्हें ख़ुदा के आने से फ़रार होने से मना किया है?

कुछ मुशतर्का मुआइने के बारे में जानने के लिए, मुलाहिज़ा करें बाइबल की तस्वीर आम मुमासिलत.


मुतावाज़ि-पन

This section answers the following question: मुतावाज़ि-पन क्या है?

तफ़सील

मुतवाज़ी में दो जुमले या अस्बाब जिसे साख़त या ख़्याल में मिलकर मिलकर इस्तिमाल किया जाता है मुख़्तलिफ़ किस्म के मुतवाज़ी हैं उनमें से कुछ मुंदरजा ज़ैल हैं

  1. दूसरी शक़ या जुमला का मतलब पहला है ये मुतर्जिम मुतवाज़ी भी कहा जाता है
  2. दूसरा पहला मतलब वाज़िह करने या मज़बूत करता है
  3. दूसरा मुकम्मल किया है जो पहले में कहा जाता है
  4. दूसरा कहता है कि सबसे पहले के साथ मुज़ाहमत है, लेकिन इसी ख़्याल में इज़ाफ़ा होता है

पुराने अह्दनामा शेअर में मुतवाज़ी तौर पर आम तौर पर पाया जाता है, जैसे ज़बूर और इमसालों की किताबों में ये यूनानी ज़बान में नए अह्दनामा में वाक़्य है, दोनों चार इंजीलों और रसूलों के हुरूफ़ में भी

संजीदा मतवाज़ीज़म (जिस क़सम में दो जुमले एक ही चीज़ का मतलब है असल ज़बानों की शेअर में कई असरात हैं

  • ये पता चलता है कि ये एक-बार से ज़्यादा और एक से ज़्यादा तरीक़े से कह कर कुछ एहमीयत रखता है
  • ये सुनने में मदद करता है कि इस ख़्याल के बारे में मज़ीद गहराई से सोचने के ले-ए-मुख़्तलिफ़ तरीक़ों से ये कह कर
  • ये ज़बान को ज़्यादा ख़ूबसूरत और बोलने का आम तरीक़ा से ऊपर बना देता है

वजह ये एक तर्जुमा का मसला है

कुछ ज़बानें मुतरादिफ़ मुतवाज़ी का इस्तिमाल नहीं करेंगे वो या तो ये सोचते हैं कि किसी भी शख़्स को दो बार कहा गया था, या ये सोचते हैं कि दो जुमले को मतलब में कुछ फ़र्क़ होगा उनके लिए ये ख़ूबसूरत, बजाय बदमाश है

नोट हम तवील लफ़्ज़ या फ़िक़रे के लिए "मुतरादिफ़ मुतवाज़ी इस्तिलाह का इस्तिमाल करते हैं जो इसी मअनी रखते हैं हम इस्तिलाहात Doublet अलफ़ाज़ या बहुत मुख़्तसर जुमले के लिए इस्तिमाल करते हैं जो बुनियादी तौर पर एक ही चीज़ का मतलब है और एक दूसरे के साथ इस्तिमाल किया जाता है

बाइबल की मिसाल

दूसरी शक़ या जुमला का मतलब पहला है

आपका लफ़्ज़ मेरे पांव की चिराग़ है और मेरे रास्ते के लिए एक रोशनी (ज़बूर119: 105 यू उ

सज़ा के दोनों हिस्से इसतार देते हैं कि ख़ुदा का कलाम लोगों को किस तरह ज़िंदा रहने की तालीम देता है

आप उसे अपने हाथों के कामों पर हुकमरान बनाते हैं आपने हर चीज़ को अपने पांव के नीचे डाल दिया है (ज़बूर8: 6 यू उल्टी

दोनों लाईनों का कहना है कि ख़ुदा ने इन्सान को हर चीज़ का हुकमरान बनाया

दूसरा पहला मतलब वाज़िह करता है या उस को मज़बूत करता है

ख़ुदावंद की आँखें हर जगह हैं बुराई और अच्छे पर देखते रहो (इमसाल15: 3 यू उल्टी

दूसरी लाईन खासतौर पर ये बताती है कि ख़ुदावंद क्या देखता है

दूसरा पहले मुकम्मल तौर पर किया कहा जाता है मुकम्मल

मैं ख़ुदावंद को अपनी आवाज़ उठाऊँगा और वो मुझे अपने मुक़द्दस पहाड़ी से जवाब देता है (ज़बूर3: 4 यू उल्टी

दूसरी सतर ये बताती है कि जिस शख़्स ने पहले शक़ में किया है इस के जवाब में किया है

दूसरा कुछ कहता है जो सबसे पहले के साथ होता है, लेकिन इसी ख़्याल में इज़ाफ़ा होता है

क्योंकि ख़ुदावंद सालिहों के रास्ते से मंज़ूर करता है लेकिन बदकारों का रास्ता तबाह हो जाएगा (ज़बूर1: 6 यू उल्टी

ये बरअक्स लोगों के साथ क्या होता है जो बदतरीन लोगों के साथ होता है

नरम जवाब ग़ज़ब से दूर होजाता है लेकिन एक सख़्त लफ़्ज़ ने ग़ुस्से को बर्दाश्त किया (इमसाल15: 1 यू उल्टी

इस का सामना होता है जब कोई किसी को कुछ सख़्त कहते हैं तो उस के साथ कोई नरम जवाब देता है

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

मुतअद्दिद किस्म के मुतवाज़ी किस्म के लिए ये दोनों मक़ालों या जुमले का तर्जुमा करना अच्छा है मुतवाज़ी मुतवाज़ी के लिए, दोनों फ़िक़राओं का तर्जुमा करना अच्छा है अगर आपकी ज़बान में लोग समझते हैं कि एक ही ख़्याल को मज़बूत करने के लिए कुछ दो बार कहने का मक़सद है लेकिन अगर आपकी ज़बान इस तरह मुतवाज़ी का इस्तिमाल नहीं करती, तो फिर दर्ज जे़ल तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली में से एक का इस्तिमाल करें

  1. दोनों क़वाइद के ख़्यालात को एक में शामिल करें
  2. अगर ऐसा लगता है कि शक़ीं एक दूसरे के साथ मिलकर इस्तिमाल होते हैं कि वो जो कुछ कहते हैं वो सच्चा है, आप ऐसे अलफ़ाज़ शामिल कर सकते हैं जो सच्च "सच्च या "यक़ीनी तौर पर पर-ज़ोर देते हैं
  3. अगर ये ज़ाहिर होता है कि शक़ उनमें एक ख़्याल को तेज़ करने के साथ मिलकर इस्तिमाल किया जाता है तो, आप अलफ़ाज़ जैसे "बहुत, "मुकम्मल तौर पर या "सब जैसे इस्तिमाल कर सकते हैं

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. दोनों क़वाइद के ख़्यालात को एक में शामिल करें
  • जब तक आपने मुझे धोका दिया है और मुझे झूट बोला (जजिज़16:13، यू उल्टी - दलीला ने ये ख़्याल दो बार ज़ोर दिया कि वो बहुत परेशान हो
  • "जब तक आपने मुझे अपने झूट से धोका दिया है.
  • ख़ुदावंद सब कुछ देखता है जो शख़्स किसी को करता है और वो तमाम रास्ते देखता है जिसे वो लेता है (इमसाल5:21 यू उल्टी - "तमाम रास्ते वो लेते हैं जिसका जुमला "वो सब करता है का एक इशारा है
  • "ख़ुदावंद हर शख़्स को हर शख़्स पर तवज्जा देता है.
  • क्योंकि यहूवाह के लोगों के साथ एक मुक़द्दमा है, और वो इसराईल के ख़िलाफ़ अदालत में लड़ेगा (मकाह6: 2 यू उल्टी - ये मुतवाज़ी एक संगीन इख़तिलाफ़ात की वज़ाहत करता है कि ख़ुदावंद ने लोगों के एक गिरोह के साथ किया था अगर ये वाज़िह नहीं है तो, जुमले को मुशतर्का किया जा सकता है
  • "इसराईल के लिए इसराईल के लिए एक मुक़द्दमा है, इसराईल.
  1. अगर ऐसा लगता है कि शक़ीं एक दूसरे के साथ मिलकर इस्तिमाल होते हैं कि वो जो कुछ कहते हैं वो सच्चा है, आप ऐसे अलफ़ाज़ शामिल कर सकते हैं जो सच्च "सच्च या "यक़ीनी तौर पर पर-ज़ोर देते हैं
  • ख़ुदावंद हर चीज़ को देखता है और वो तमाम रास्ते देखता है जिसे वो ले जाता है (इमसाल5:21 यू उल्टी
  • "ख़ुदावंद वाक़ई हर चीज़ को देखता है.
  1. अगर ये ज़ाहिर होता है कि शक़ उनमें एक ख़्याल को तेज़ करने के साथ मिलकर इस्तिमाल किया जाता है तो, आप अलफ़ाज़ जैसे "बहुत, "मुकम्मल तौर पर या "सब जैसे इस्तिमाल कर सकते हैं
  • आपने मुझे धोका दिया है और मुझे झूट बोला (जजिज़16:13 यू उल्टी
  • "आपने जो कुछ किया है वो मुझसे झूट बोलता है.
  • ख़ुदावंद हर चीज़ को देखता है और वो तमाम रास्ते देखता है जिसे वो ले जाता है (इमसाल5:21 यू उल्टी
  • "ख़ुदावंद बिलकुल सब कुछ देखता है जो किसी शख़्स को करता है.

मुतावाज़ियत एक से मायने के साथ

This section answers the following question: मुतावाज़ियत एक से मायने के साथ क्या है ?

तफ़सील

इसी मअनी के साथ मुतवाज़ी एक शायराना आला है जिसमें एक पेचीदा ख़्याल दो या ज़्यादा मुख़्तलिफ़ तरीक़ों में बयान किया जाता है I तक़रीर करने वाला ऐसा इसलिए करता है की वोह इस ख्याल पे जोर दे सके की दोनों फिकरों में ख्याल एक ही है I इसे "मुतरादिफ़ मुतवाज़ी भी कहा जाता है I

नोट : हम तवील जुमले या फ़िक़रे के लिए "इसी मअनी के साथ मुतवाज़ी इस्तिलाह का इस्तिमाल उनके लिए करते हैं जिनका एक ही मयानी होता है I हम लफ़्ज़ों के लिए या छोटे फिकरों के लिए जोड़े का इस्तेमाल करते हैं जिसका एक ही जैसा मायना होता है और एक साथ इस्तेमाल किये जाते हैं I

याह्वेह <यु> वह सब कुछ देकता है जो लोग करतें है और उनके <यु> चुने <यु> हुए रस्ते पर नज़र रखता है I ( प्रोवेर्ब 5:21 यू एल टी )

पहले दर्ज करदा जुमला और दूसरा दर्ज जे़ल जुमला का मतलब एक ही है I इन दो जुमले के दरमयान तीन ख़्यालात मौजूद हैं "देखता है " नज़र रखता है "" सब कुछ .. करता है "से मुताल्लिक़ है तमाम रास्ते .. लेता है, "और एक शख़्स " वो "से मिलता है

मीतर मुतावाज़ियत का शायरी में बहुत असर होता है I

  • यह बताता है की कुछ बहुत जरूरी , एक-बार से ज़्यादा और एक से ज़्यादा तरीक़े से कह कर  कहा गया है I
  • ये सुनने को मदद करता है कि,वो ले-ए-मुख़्तलिफ़ तरीक़ों से कहे गए ख़्याल के बारे में मज़ीद गहराई से सोचे I
  • ये ज़बान को ज़्यादा ख़ूबसूरत और बोलने के आम तरीक़ा से ऊपर बना देता है

ये एक तर्जुमा मसला होने की वजाहत

कुछ जबान में ओग एक ही चीज़ को दो बार , चाहे अलग अलग तरीके से ,कहने को तवज्जो नहीं देते हैं I उनका ये स्पोचना है की अगर दो जुमले या दो फिकरे हो तो उनका अलग अलग मायने होना चहिये I लिहाज़ा वो समझते नहीं हैं कि नज़रियात को दोहराना ख़्याल पर-ज़ोर देने में मदद मिलती है I

बाइबल की मिसाल

तुम्हारे लफ्ज़ मेरे पांव का चीराग है और मेरे रह की रौशनी है I ( पसलम 119:105 यू एल टी )

जुमले के दोनों हिस्से कन्या हैं जो की बता रहे है की , कूड़ा के लफ्ज़ लोगों को जीना सिखाते हैं I यहाँ लफ्ज़ “ चिराग “ और “ रौशनी “ के एक जैसे मायने हैं क्योंकि वो रौशनी के बारे में बता रहें है I और “ मेरे पांव “ और “ मेरा रास्ता “ लफ्ज़ आपस में तालुकात रखते हैं I

तुम सारे देश , याह्वेह की <यु> तारीफ <यु> करें उसके <यु> हम्दो साना <यु> बने ! (पासलम 117:1 यू एल टी )

जुमले के दोनों हिस्से , लोगों से कह रहे हैं की याह्वेह की तारीफ करो I यहाँ तारीफ और हम्दो सानालफ़्ज़ों का एक ही मायने है I याह्वेह और “ उसकी : के मायने भी एक ही हैं वैसे ही “ तुम सरे देश “ और “तुम सभी लोग” के भी मायने एक ही हैं I

क्योंकि याह्वेह का <यु> उसके लोगों के साथ <यु> मुकदमा है और वो इजराइल के खिलाफ <यु> कोर्ट में लडेगा <यु> ( मिकाह 6 :2 यू एल टी )

इस आयत के दो हिस्सों का कहना है कि यहूवाह अपने लोगों, इसराईल के साथ संगीन इख़तिलाफ़ात रखता है I ये दो मुख़्तलिफ़ इख़तिलाफ़ात या दो मुख़्तलिफ़ गिरोह नहीं हैं

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर आपकी जबान, मुतावाज़ियत का इस्तेमाल , बिब्लिकल जबान की तरह , करती है , एक अकेले ख्याल को मजबूत करती है तो उसे अपने तर्जुमा में इस्तेमाल करें I लेकिन अगर आपकी ज़बान इस तरह मुतवाज़ी का इस्तिमाल नहीं करती, तो फिर दर्ज जे़ल तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली में से एक का इस्तिमाल करें

  1. दोनों क़वाइद के ख़्यालात को एक में शामिल करें
  2. अगर ऐसा लगता है कि शक़ीं एक दूसरे के साथ मिलकर इस्तिमाल होकर जो कुछ कहते हैं वो सच्चा है, आप ऐसे अलफ़ाज़ शामिल कर सकते हैं जो सच्च या "यक़ीनी तौर पर पर-ज़ोर देते हैं I
  3. अगर ये ज़ाहिर होता है कि फिकरे का एक साथ इस्तेमाल , एक ख़्याल को बराहने , के लिए किया गया है तो, आप अलफ़ाज़ जैसे "बहुत, "मुकम्मल तौर पर या "सब को इस्तिमाल कर सकते हैंI

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. दोनों क़वाइद के ख़्यालात को एक में शामिल करें
  • अभी तक तुमने मुझे <यु> धोखा <यु> दिया और <यु>झूठ बोला <यु> -(जजेस 16:13, यू एल टी ) देल्लिआह ने अपने ने ख़्याल पे दो बार ज़ोर दिया कि वो बहुत परेशान है I
  • अभी तक तुमने मुझे अपने <यु> झूठ <यु> से धोका </यु> दिया है

याह्वेह <यु> वह सब कुछ देकता है जो लोग करतें है और उनके <यु> चुने <यु> हुए रस्ते पर नज़र रखता है I ( प्रोवेर्ब 5:21 यू एल टी ) – यहाँ “ जो रास्ता वो लेता है “ ,” जो वो करता है “ के लिए एक कनाया है I

  • याह्वेह <यु> निगरानी <यु> रखता है की कोण क्या कर रहा है I

क्योंकि याह्वेह का <यु> उसके लोगों के साथ <यु> मुकदमा है और वो इजराइल के खिलाफ <यु> कोर्ट में लडेगा <यु> ( मिकाह 6 :2 यू एल टी ) – ये मुतावाज़ियत एक संगीन इख़तिलाफ़ात की वज़ाहत करता है कि  जो याह्वेह का एक झुण्ड के लोगों के साथ था I अगर ये वाज़िह नहीं है तो, जुमले को मुशतर्का किया जा सकती है I

  • याह्वेह का अपने लोगों के साथ, इजराइल <यु> मुकादमा था <यु>
  1. अगर ऐसा लगता है कि शक़ीं एक दूसरे के साथ मिलकर इस्तिमाल होकर जो कुछ कहते हैं वो सच में सही है , तो आप ऐसे अलफ़ाज़ शामिल कर सकते हैं जो "सच्च या "यक़ीनी तौर पर पर” पे ज़ोर देते हैं I
  • याह्वेह <यु> वह सब कुछ देकता है जो लोग करतें है और उनके <यु> चुने <यु> हुए रस्ते पर नज़र रखता है ( प्रोवेर्ब 5:21 यू एल टी )
  • याह्वेह <यु> सच में<यु> देख सकता है की लोग क्या कर सकते हैं
  1. अगर ये ज़ाहिर होता है कि फिकरे उनमें एक ख़्याल को पुरजोर रखने के लिए इस्तिमाल किया जाता है तो, आप अलफ़ाज़ जैसे "बहुत, "मुकम्मल तौर पर या "सब जैसे इस्तिमाल कर सकते हैं I
  • ... अभी तक तुमने मुझे <यु> धोखा <यु> दिया और <यु>झूठ बोला <यु> -(जजेस 16:13, यू एल टी )
  • तुमने </यु> सिर्फ मुझसे झूठ बोलेन है I
  • याह्वेह <यु> वह सब कुछ देखता है जो लोग करतें है <यु> और <यु> जो रस्ते चुनते है ( प्रोवेर्ब 5:21 यू एल टी )
  • याह्वेह <यु> सब </यु> कुछ देखता है की एक इंसान क्या कर रहा है I

तमसील

This section answers the following question: तमसील क्या है?

तफ़सीर

तमसील तक़रीर का एक इहदाद व शुमार है जिसमें कोई किसी चीज़ के बारे में ऐसे बोलता है कि वो चीज़ सब कुछ कर सकती है जो इंसान या जानवर कर सकते है। लोग अक्सर ऐसा करते है क्योंकि इस से उन चीज़ों के बारे में बात करना आसान हो जाता है जिसे हम देख नहीं सकते:

जैसे कि दानिशमंदी

क्या दानिशमंदी तुम्हें पुकार नहीं रही है?(इम्साल 8:1 ULT)

या गुनाह:

गुनाह दरवाज़े पर ताक लगा कर बैठा है(जेनेसिस 8:1 ULT)

लोग ऐसा इस लिए भी करते है क्योंकि बाज़ औक़ात ग़ैर-इंसानी चीज़ों से लोगों के ताल्लुकात, जैसे की दौलत, के बारे मे बात करना आसान होता है अगर उन्हे लोगों के दरमियान के रिश्तों की तरह बताया जाए।

तुम ख़ुदा और दौलत दोनों की खिदमत नहीं कर सकते।(मैथ्यू 6:24 ULT)

क्या वजह है कि ये तर्जुमे का मसला है

  • कुछ ज़बानों में तमसील को इस्तेमाल नही किया जाता।
  • कुछ ज़बानों में चंद हालात में ही तमसील का इस्तेमाल होता है।

बाइबल से मिसालें

तुम ख़ुदा और दौलत दोनों की ख़िदमत नहीं कर सकते।(मैथ्यू 6:24 ULT)

ईसा दौलत के बारे में ऐसे ज़िक्र करते है जैसे कि वो एक मालिक है जिस की लोग ख़िदमत कर सकते है। पैसे से मोहब्बत और उस के मुताबिक फैसले लेना उसकी खिदमत करना है, जिस तरह से एक ग़ुलाम अपने मालिक की ख़िदमत करता है।

क्या हिक्मत तुम्हें पुकार नहीं रही है? क्या फहम अपनी आवाज़ ऊंची नही कर रहा है? (इम्साल 8:1 ULT)

मुंसिफ हिक्मत और तफहीम को एक औरत की तरह बयान करते है जो लोगों को सिखाने के लिए बुला रही है। इसका मतलब है कि ये कोई छुपी हुई चीज़ नहीं है, बल्कि वाज़ेह है जिस पर लोगों को तवज्जू देना चाहिए।

तर्जुमे की हिक्मत अमली

अगर तमसील को आसानी से समझा जा सकता है तो उन्हे इस्तेमाल करने के बारे में ग़ौर कीजिए। अगर ये नहीं समझा जा सकता है तो, यहां तर्जुमह करने के कुछ और तरीके है।

  1. वाज़ेह करने के लिए अलफाज़ और जुमलों का इज़ाफा कीजिए।

"जैसे कि"या"यानि कि"जैसे लफ़्ज़ों का इस्तेमाल कीजिए ये समझाने के लिए कि इन जुमलों को लफ़्जी तौर पर(लिट्रल) नहीं समझना चाहिए।

  1. तमसील के बिना उसका तर्जुमह करने का रास्ता खोजिए।

तर्जुमे में हीक्मते-अमली के इस्तेमाल की मिसालें

  1. वाज़ेह करने के लिए अलफाज़ और जुमलों का इज़ाफा कीजिए।
  • ... गुनाह दरवाज़े पर ताक़लगा कर बैठा है (जेनेसिस 8:1 ULT)- ख़ुदा गुनाह को एक जंगली जानवर कहते है जो हमला करने के मौके के इंतेज़ार में बैठा है। ये बताता है कि गुनाह कितना ख़तरनाक है। इस ख़तरे को वाज़ेह करने के लिए एक जुमले का इज़ाफा किया जा सकता है।
  • ... गुनाहतुम्हारे दरवाज़े पर है, हमला करने का इंतज़ार कर रहा है
  1. "जैसे कि"या"यानि कि"जैसे लफ़्ज़ों का इस्तेमाल कीजिए ये समझाने के लिए कि इन जुमलों को लफ़्जी तौर पर नहीं समझना चाहिए।
  • …गुनाह दरवाज़े पर ताक लगा कर बैठा है(जेनेसिस 8:1 ULT) इसे "जैसे कि"अलफाज़ के साथ तर्जुमह किया जा सकता है।
  • ... गुनाह दरवाज़े पर ताक लगा कर बैठा है, जैसे किएक जंगली जानवर एक शक्स पर हमला करने के इंतज़ाम में बैठा रहते है
  1. तमसील के बिना उसका तर्जुमह करने का रास्ता खोजिए।
  • ...यहां तक कि हवाएँ और समंदर भी उसकी इताअत करते है(मैथ्यू8:27 ULT) – लोग "हवाओं और समंदर के बारे में ऐसे बोल रहे है जैसे कि वो सुन सकते है"और इताअत कर सकते है ईसा की, जैसे लोग करते है। इस जुमले के तर्जुमह ईसा की इताअत का ज़िक्र निकाल कर किया जा सकता है, जिस से ये लगे कि वो उन पर काबू रखते है।
  • यहां तक कि वोहवाओं और समन्दर पर काबू रखते है।

ध्यान दें हमने तमसील की तारीफ़ को वसीह करके "तमसील"में "ज़ू-माॅर्फिज़म"को भी शामिल किया है(दूसरी चीज़ों की बात करते हुए जैसे कि उनमें जानवरों की ख़सूसियात थी)


पेशगोई माज़ी

This section answers the following question: पेशगोई माज़ी क्या है?

तफसील

पेशगोई माज़ी तक़रीर का एक आदाद-ओ-शुमार है जो मुस्तक़बिल में होने वाली चीज़ों के हवाले से माज़ी में इस्तिमाल करता है ये कभी कभी पेशगोई में किया जाता है कि ये ज़ाहिर होता है कि वाक़िया ज़रूर होगा ये कामिल नबवीह भी कहा जाता है

लिहाज़ा मेरे लोग समझने की कमी के लिए क़ैद में गए हैं उनके रहनुमाओं को भूक लगी है, और उनकी अवाम को पीने के लिए कुछ भी नहीं है (यसईआह5:13 यू उल्टी

मुंदरजा बाला मिसाल में, इसराईल के लोग अभी तक क़ैद नहीं हुए थे, लेकिन ख़ुदा ने उनकी गिरफ़्तारी के बारे में बात की थी जैसे कि पहले ही हुआ क्योंकि उसने फ़ैसला किया था कि वो यक़ीनी तौर पर क़ैद में जाऐंगे

वजह ये एक तर्जुमा का मसला है

क़ारईन जो मुस्तक़बिल के वाक़ियात का हवाला देते हुए पैशन गोई में इस्तिमाल होने वाले माज़ी के वाक़ियात से आगाही नहीं रखते वो उसे उलझन में देख सकते हैं

बाइबल की मिसाल

अब यरूशलम के तमाम दरवाज़े बंद कर दिए गए थे क्योंकि इसराईली फ़ौज की वजह से कोई भी बाहर नहीं गया और कोई भी नहीं आया ख़ुदावंद ने यशवा से कहा, "देखो, मैंने तुझे यरोश, उस का बादशाह और तर्बीयत दी है. (यशवा6: 1-2 यू उल्टी

हमारे लिए एक बच्चा पैदा हुआ है, हमारे लिए एक बेटा दिया गया है और क़ायदा अपने कंधे पर होगा; (यसईआह9: 6 यू उल्टी

मुंदरजा बाला मिसाल में, ख़ुदा ने ऐसी चीज़ों के बारे में बात की है जो मुस्तक़बिल में होगी जैसे कि वो पहले ही हुआ था

और उन लोगों के बारे में आदम, पहले पेशगोई के सातवें हनोक, कहने लगे, "देखो, ख़ुदावंद लोन हज़ार हज़ार उस के मुक़द्दसों के साथ आया, (यहूदाह1:14 यू उल्टी

हनोक मुस्तक़बिल में होगा जो कुछ के बारे में बात कर रहा था, लेकिन उन्होंने गुज़श्ता कशीदगी का इस्तिमाल किया जब उन्होंने कहा कि "रब आया.

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर पिछले अर्से से क़ुदरती हो जाएगा और अपनी ज़बान में सही मअनी दे तो इस का इस्तिमाल करें अगर नहीं, तो यहां कुछ और इख़्तयारात हैं

मुस्तक़बिल के वाक़ियात का हवाला देने के लिए मुस्तक़बिल में कशीदगी का इस्तिमाल करें

  1. अगर ये मुस्तक़बिल में किसी चीज़ का ज़िक्र करता है, तो इस फ़ार्म का इस्तिमाल करें जो ज़ाहिर करेगा
  2. कुछ ज़बानें मौजूदा कशीदगी को ज़ाहिर करने के लिए इस्तिमाल कर सकती हैं कि कुछ जल्द ही जल्द ही होगा

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

मुस्तक़बिल के वाक़ियात का हवाला देने के लिए मुस्तक़बिल में कशीदगी का इस्तिमाल करें

  • हमारे लिए एक बच्चा पैदा हुआ है / u>، हमें एक बेटा<दिया गया है / u>؛ (यसईआह9: 6एव उल्टी
  • "हमारे लिए एक बच्चा पैदा हो जाएगा/ u>، हमें एक बेटा u>दिया जाएगा/ u>؛
  1. अगर ये किसी चीज़ से मुराद होता है जो जल्द ही ही होता है, इस का इस्तिमाल करें जो इस से ज़ाहिर होता है
  • ख़ुदावंद ने यशवा से कहा, "देखो, मैंने आपको यरीव, उस के बादशाह और इस के तर्बीयत याफताह फ़ौजीयों के हवाले कर दिया है. (यशवा6: 2 यू उल्टी
  • ख़ुदावंद ने यशवा से कहा, "देखो, में आपको यरोश, उस के बादशाह और इस के तर्बीयत याफताह सिपाहीयों के हवाले करूँगा
  1. कुछ ज़बानें मौजूदा कशीदगी को ज़ाहिर करने के लिए इस्तिमाल कर सकती हैं कि कुछ जल्द ही जल्द ही होगा
  • ख़ुदावंद ने यशवा से कहा, "देखो, मैंने आपको यरीव, उस के बादशाह और इस के तर्बीयत याफताह फ़ौजीयों के हवाले कर दिया है. (यशवा6: 2 यू उल्टी
  • ख़ुदावंद ने यशवा से कहा, "देखो, में आपको यरीव, उस का बादशाह और इस के तर्बीयत याफताह सिपाहीयों के हवाले कर रहा हूँ.

बयान बाज़ी भरे सवाल

This section answers the following question: बयान बाज़ी भरे सवाल क्या है और में उनका तर्जुमा कैसे कर सकता हूं?

एक बयान में एक सवाल ये है कि एक स्पीकर इस से पूछता है कि इस के बारे में मालूमात हासिल करने के बजाय किसी चीज़ के बारे में अपने रवैय्ये का इज़हार करने में वो दिलचस्पी रखते हैं बोलने वालों को गहिरी जज़बात का इज़हार करने या संजीदगियों को हौसला-अफ़ज़ाई देने के लिए बयानात से मुताल्लिक़ सवालात का इस्तिमाल करते हैं कि वो किसी चीज़ के बारे में गहिरी सोचें बाइबल में बहुत सारे बयानात हैं, अक्सर अक्सर हैरत-अंगेज़ इज़हार करते हैं, सुनने वाले को हटा दें या सुखाने के लिए, या सुखाने के लिए कुछ ज़बानों के बोलने वाले दूसरे मक़ासिद के लिए भी बयानाती सवालात का इस्तिमाल करते हैं

तफ़सील

एक बयान ये है कि एक सवाल ये है कि मज़बूती से किसी की तरफ़ स्पीकर का रवैय्या ज़ाहिर करता है अक्सर स्पीकर तमाम मालूमात की तलाश नहीं कर रहा है, लेकिन अगर वो मालूमात के बारे में पूछ रहा है, तो आम तौर पर ये मालूमात ऐसी नहीं है जो सवाल पूछना होता है स्पीकर मालूमात हासिल करने के मुक़ाबले में अपने रवैय्ये का इज़हार करने में ज़्यादा दिलचस्पी रखता है

जिन्हों ने खड़े हुए कहा, "u>क्या ये है कि आप किस तरह ख़ुदा के आला पादरी की तौहीन करते हैं? / u>" (आमाल23: 4 यू उल्टी

वो लोग जिन्हों ने पूल से पूछा, इस से ख़ुदा के आला पादरी की तौहीन करने के रास्ते के बारे में पूछ नहीं रहे थे बल्कि उन्होंने उस का दावे किया कि पुलिस को आला पादरी की तौहीन करने का इल्ज़ाम लगाया जाये

बाइबल में कई बयानात हैं इन बयानात में से बाअज़ मक़ासिद लोगों को बदबख़ती और जज़बात का इज़हार करते हैं, लोगों को याद करते हैं जो कुछ जानते हैं और उनको हौसला-अफ़ज़ाई करते हैं कि वो कुछ नया करने के ले-ए-उनकी दरख़ास्त करें और उन्हें कुछ मुतआरिफ़ किराया जिनके बारे में बात करना चाहते हैं

वजूहात ये तर्जुमा का मसला है

  • कुछ ज़बानें बयानाती सवालात का इस्तिमाल नहीं करते हैं; उनके लिए एक सवाल हमेशा मालूमात की दरख़ास्त है
  • कुछ ज़बानें बसीरत के सवालात का इस्तिमाल करते हैं, लेकिन मक़ासिद के लिए बाइबल में इस से कहीं ज़्यादा महिदूद या मुख़्तलिफ़ हैं
  • ज़बानों के दरमयान इन इख़तिलाफ़ात की वजह से, कुछ क़ारईन बाइबल में एक बयानाती सवाल का मक़सद ग़लत समझ सकते हैं

बाइबल की मिसाल

क्या आप अब भी इसराईल की बादशाही पर क़ाबू पाते हैं? 1 बादशाह21: 7 यू उल्टी

यज़बील ने मुंदरजा बाला सवाल का इस्तिमाल किया था कि बादशाह के अहबाब को याद रखना चाहीए कि वो पहले से ही जानते थे उसने अब भी इसराईल की बादशाही पर-ज़ोर दिया है बयानात ने इस बात से ज़्यादा ज़ोर दिया कि अगर उसने सिर्फ उस की वज़ाहत की है, क्योंकि उसने आबिद को अपना नुक़्ता-ए-नज़र तस्लीम किया उसने ऐसा करने के लिए उसे ग़रीब आदमी की जायदाद पर क़बज़ा करने की ख़ाहिश नहीं की वो ये कह रहे थे कि चूँकि वो इसराईल का बादशाह था, उस के पास आदमी की जायदाद लेने की ताक़त है

क्या कुँवारी उस के जे़वरात को भूल जाएगी, उस की दुल्हन क्यों

ख़ुदा ने मुंदरजा ज़ैल सवाल को अपने लोगों को याद दिलाने के लिए इस्तिमाल किया था जो पहले से ही जानते थे एक जवान औरत कभी भी इस के जे़वरात को भूल नहीं सकेंगे या दुल्हन को इस के पर्दा भूल जाते हैं फिर उसने अपने लोगों को इस को भूलने के लिए मजबूर किया, जो इन चीज़ों से कहीं ज़्यादा है

जब मैंने पेट से बाहर निकाला तो मैं क्यों नहीं मरता? (मुलाज़मत3:11 यू उल्टी

मुलाज़मत ने गहराई जज़बात को ज़ाहिर करने के लिए मुंदरजा ज़ैल सवाल का इस्तिमाल किया ये बयानबाज़ी का इज़हार ज़ाहिर करता है कि वो कितने उदास हुए थे जैसे ही वो पैदा हुए थे वो चाहता था कि वो ज़िंदा नहीं रह सके

और ये मेरे साथ क्यों हुआ है कि मेरे रब की माँ मुझे आना चाहीए? (लूका1:43 यू उल्टी

अलज़बैथ ने मुंदरजा बाला सवाल का इस्तिमाल किया था कि किस तरह हैरानकुन और ख़ुश हूँ वो उस के रब की माँ उस के पास आया

या आप में से किया आदमी है, जो इस का बेटा इसे रोटी के लिए पूछता है, उसे एक पत्थर देगा? (मति7: 9 यू उल्टी

यसवा ने मुंदरजा बाला सवाल का इस्तिमाल करते हुए लोगों को याद दिलाने के लिए याद रखी थी जो पहले से ही जानते थे एक अच्छा वालिद कभी कभी अपने बेटे को खाने के लिए कुछ बुरा नहीं देगा इस मौक़ा को मुतआरिफ़ कराने से, यसवा अपने अगले बयानाती सवाल के साथ ख़ुदा के बारे में उन्हें सुखाने के लिए चला सकते थे

लिहाज़ा, अगर आप बुरे हैं कि आप अपने बच्चे को अच्छे तोहफ़े कैसे देंगे तो, आपके बाप से जन्नत कितना अच्छा करेगा, जो उनसे पूछेंगे (मति7:11 यू उल्टी

यसवा मसीह ने इस सवाल को लोगों को एक जज़बाती अंदाज़ में सुखाने के लिए इस्तिमाल किया था कि ख़ुदा उन लोगों से अच्छी बातें करता है जो उनसे पूछता है

ख़ुदा की बादशाही कैसा है, और में इस की क्या मुवाज़ना करसकता हूँ? / u>ये एक दाढ़ी के बीज की तरह है जिसे आदमी ने अपने बाग़ में ले लिया और फेंक दिया .. (लूका13: 18-19 यू उल्टी

यसवा ने मुंदरजा बाला सवाल का इस्तिमाल किया था कि वो क्या बात कर रहे थे वो कुछ ख़ुदा के ख़ुदा की बादशाही का मुवाज़ना करने वाला था

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

दरुस्त तरीक़े से एक बयानबाज़ी का तर्जुमा तर्जुमा करने के लिए, सबसे पहले इस बात को यक़ीनी बनाए कि आप जो तर्जुमा आपका तर्जुमा कर रहे हैं वो एक मफ़हूम सवाल है और मालूमात का सवाल नहीं है अपने आपसे पूछें, "क्या सवाल इस सवाल से पहले सवाल का जवाब जानता है? अगर ऐसा है तो, ये एक बयानाती सवाल है या, अगर कोई कोई सवाल का जवाब नहीं देता, तो वही है जो इस से परेशान हुआ कि इस का जवाब नहीं मिला? अगर नहीं, तो ये एक बयानाती सवाल है

जब आप इस बात को यक़ीनी बनाते हैं कि ये सवाल बयान की जाती है, तो इस बात को यक़ीनी बनाए कि आपको मालूम है कि बयानाती सवाल का मक़सद किया है क्या ये सुनने वाला या सँभालने या शर्मिंदा है? क्या ये एक नया मौज़ू लाने के लिए है? क्या ये कुछ और करने के लिए है

जब आप बयानाती सवाल का मक़सद जानते हैं, तो इस मक़सद को हदफ़ की ज़बान में इज़हार करने का सबसे बड़ा क़ुदरती तरीक़ा पर ग़ौर करें ये एक सवाल, या एक बयान के तौर पर हो सकता है, या एक इफ़्तिताही तौर पर

अगर यहूदी सवालात का इस्तिमाल करते हुए क़ुदरती होगा और आपकी ज़बान में सही मअनी दे तो ऐसा करने पर ग़ौर करें अगर नहीं, तो यहां दूसरे इख़्तयारात हैं

  1. सवाल के बाद जवाब शामिल करें
  2. बयान या आलामीया को बयानात से मुताल्लिक़ सवाल को तबदील करें
  3. बयान के मुताबिक़ बयानात को तबदील करें, और फिर मुख़्तसर सवाल के साथ अमल करें
  4. सवाल की शक्ल में तबदील करें ताकि आप अपने ज़बान में बातचीत कर सकें जिसकी ज़बानी स्पीकर ने इस में बात की थी

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. सवाल के बाद जवाब शामिल करें
  • ** क्या कुँवारी उस के जे़वरात को भूल जाएगी, उस की दुल्हनों को भूल जाये? / u>अभी तक मेरे लोगों ने मुझसे बेशुमार दिनों को भूल दिया है** (यरमयाह2:32 ULT)
  • क्या कुँवारी उस के जे़वरात को भूल जाएगी, उस के पर्दे की एक दुल्हन होगी? u>बिलकुल नहीं अभी तक मेरे लोगों ने मुझे बग़ैर किसी भी दिन के लिए भूल दिया है
  • या आप में से किया आदमी है, जो इस का बेटा इसे रोटी के लिए पूछता है, उसे एक पत्थर देगा (मति7: 9 यू उल्टी
  • या आप में से कौन आदमी है, जो इस का बेटा इसे रोटी के लिए पूछता है, उसे एक पत्थर देगाu>आप में से कोई ऐसा नहीं करेगा/ u>
  1. बयान या आलामीया को बयानात से मुताल्लिक़ सवाल को तबदील करें
  • ** ख़ुदा की बादशाही कैसा है, और में इस की क्या मुवाज़ना करसकता हूँ / u>ये एक सरवां बीज की तरह है ..** (लूका13: 18-19 यू उल्टी
  • ये वही है जो ख़ुदा की बादशाही की तरह है ये एक सरवां बीज की तरह है .. "
  • ** क्या ये है कि आप किस तरह ख़ुदा के आला पादरी की तौहीन करते हैं? / u>** (आमाल23: 4 यू उल्टी
  • आपको ख़ुदा के आला पादरी की तौहीन नहीं करना चाहीए / u>
  • ** जब मैंने पेट से बाहर निकाला तो मैं क्यों नहीं मरता? / u>** (मुलाज़मत3:11 यू उल्टी
  • ख़ाहिश है कि जब मैंने पैदाइश से बाहर निकाला तो मैं मर गया
  • ** और ये मेरे साथ क्यों हुआ है कि मेरे रब की माँ मेरे पास आए? / u>** (लूका1:43 यू उल्टी
  • ये कितनी हैरत-अंगेज़ है कि मेरे रब की माँ मेरे पास आई है
  1. बयान के मुताबिक़ बयानात को तबदील करें, और फिर मुख़्तसर सवाल के साथ अमल करें

** क्या आप अभी तक इसराईल की सलतनत नहीं करते हैं?** (1 बादशाह21: 7 यू उल्टी

  • आप अब भी इसराईल की बादशाही पर क़ाबू पाते हैं, u>आप नहीं हैं? / u>
  1. सवाल की शक्ल में तबदील करें ताकि आप अपने ज़बान में बातचीत कर सकें जिसकी ज़बानी स्पीकर ने इस में बात की थी
  • या u>आपके दरमयान कौन सा आदमी है जो / u>، अगर उस का बेटा इसे रोटी के लिए पूछता है तो u>उसे उसे पत्थर देगा/ u> (मति7: 9 यू उल्टी
  • अगर आपका बेटा आपकी रोटी के लिए आपसे पूछता है तो u>आप उसे एक पत्थर देगा/ u>؟
  • ** क्या कुँवारी उस के जे़वरात को भूल जाएगी, उस की दुल्हन की एक दुल्हन / u>؟ फिर भी मेरे लोगों ने मुझे बग़ैर किसी दिन भूल दिया है** (यरमयाह2:32यू उल्टी

इस कुँवारी ने इस के जे़वरात को भूल जाएगा, और इस की दुल्हन को कौन सी दुल्हन भूल जाएगी? अभी तक मेरे झगड़े मुझे बग़ैर दिन के लिए भूल गए हैं


मिसाल

This section answers the following question: मिसाल क्या है?

एक मिसालदो चीज़ों की एक मुक़ाबले है जो आम तौर पर इसी तरह नहीं सोचते हैं एक कहा जाता है जैसे "दूसरे जैसे ये एक मख़सूस ख़ासीयत पर तवज्जा मर्कूज़ करता है जिसमें दो इश्याय आम हैं, और इस में अलफ़ाज़ "जैसे ""या "के मुक़ाबले में शामिल हैं

तफ़सील

एकsimile दो चीज़ों की एक मुक़ाबले है जो आम तौर पर इसी तरह नहीं सोचते हैं ये एक मख़सूस ख़ासीयत पर तवज्जा मर्कूज़ करता है जिसमें दो इश्याय आम हैं, और इस में अलफ़ाज़ "जैसे ""या "के मुक़ाबले में शामिल हैं

जब उन्होंने भीड़ देखा, तो वो उनके लिए शफ़क़त रखते थे, क्योंकि वो फ़िक्रमंद थे और उलझन में थे, क्योंकि वो भेड़ों की तरह चरवाहा थे (मति9:36)

यसवा ने लोगों के भेड़ों को चरवाहा के बग़ैर भेड़ों को मुक़ाबले में देखा भेड़ों में इज़ाफ़ा हुआ है जब उनके पास महफ़ूज़ मुक़ामात पर उनकी क़ियादत करने के लिए अच्छा चरवाहा नहीं है भीड़ ऐसे ही थे क्योंकि उनके पास अच्छे मज़हबी रहनुमाओं नहीं थे

देखें, में आपको भेजा u>भेड़ीयों के तौर पर भेड़ीयों के दरमयान / u>، लिहाज़ा वारेन / u>के तौर पर और नुक़्सानदेहu>डेविस के तौर पर / u>. (मति10:16 यू उल्टी

यसवा ने अपने शागिर्दों को भीड़ और उनके दुश्मनों को भेड़ीयों से मुक़ाबले में देखा भीड़ भीड़ पर हमला करते हैं यसवा के दुश्मन अपने शागिर्दों पर हमला करेंगे

ख़ुदा के कलाम के लिए ज़िंदा और फ़आल और तेज़ी से किसी भी दो तरफ़ा तलवार से ज़्यादा है (इब्रानियों4:12 यू उल्टी

ख़ुदा का लफ़्ज़ एक दो तलवार तलवार के मुक़ाबले में है एक दो तरफ़ा तलवार एक हथियार है जो आसानी से किसी शख़्स के गोश्त से काट सकता है एक शख़्स के दिल और ख़्यालात में क्या ज़ाहिर करने में ख़ुदा का कलाम बहुत मोस्सर है

स्माइल के मक़ासिद

  • एक समेली कुछ ऐसी चीज़ों के बारे में सिखा सकता है जो इस से ज़ाहिर होता है कि ये किस तरह कुछ मालूम होता है
  • एक समेली कुछ ऐसी चीज़ों के बारे में सिखा सकता है जो इस से ज़ाहिर होता है कि ये किस तरह कुछ मालूम होता है
  • स्माइल मदद दिमाग़ में एक तस्वीर बनाते हैं या क़ारईन के तजुर्बे में मदद करें जो वो मज़ीद मुकम्मल तौर पर पढ़ रहे हैं

वजूहात ये तर्जुमा का मसला है

  • लोग नहीं जान सकते कि दो चीज़ें इसी तरह की हैं
  • लोग इस शैय से वाक़िफ़ नहीं हो सकते हैं जो किसी चीज़ के मुक़ाबले में है

बाइबल की मिसाल

मेरे साथ सख़्त मुश्किलात, u>मसीही ऐसी अलैहिस-सलाम के एक अच्छे सिपाही के तौर पर / u>. (2 तेमथीसि2: 3 यू उल्टी

इस मिसाल के तौर पर, पोल इस बात से मुत्तफ़िक़ है कि फ़ौजीयों को कौनसा बर्दाश्त होता है, और वो तेमोथी को उनकी मिसाल पर अमल करने की हौसला-अफ़ज़ाई करता है

क्योंकि u>जैसा कि बिजली ज़ाहिर होती है जब आसमान के किसी हिस्से से आसमान का दूसरा हिस्सा चमकता है, लिहाज़ा इब्न-ए-आदम उस के दिन में रहेंगे (लूका17:24 यू उल्टी

ये आयत ये नहीं कहता है कि इब्न-ए-आदम किस तरह बिजली की तरह होगी लेकिन सयाहत से हम इस आयात से समझ सकते हैं कि इस तरह से जैसे जैसे रोशनी चमकता है और हर कोई उसे देख सकता है, इन्सान का बेटा अचानक आ जाएगा और सब उसे देख सकेंगे इस के बारे में कोई भी नहीं कहा जाएगा

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर लोग समेली के सही मअनी को समझेंगे तो इस का इस्तिमाल करें अगर वो नहीं करेंगे तो, यहां कुछ ऐसी हिक्मत-ए-अमली हैं जो आप इस्तिमाल कर सकते हैं

  1. अगर लोग ये नहीं जानते कि दो चीज़ें एक जैसे हैं, तो बताएं कि वो एक जैसे हैं ताहम, ऐसा नहीं करते अगर माअनवी सामईन को वाज़िह नहीं किया गया था
  2. अगर लोग इस शैय से वाक़िफ़ नहीं हैं जो किसी चीज़ के मुक़ाबले में है, तो आप अपनी अपनी सक़ाफ़्त से किसी चीज़ को इस्तिमाल करें यक़ीन रखू कि ये वही है जो बाइबल के सक़ाफ़्तों में इस्तिमाल किया जा सकता है
  3. सिर्फ उस के इलावा किसी दूसरे के मुक़ाबले में शैय की वज़ाहत करें

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. अगर लोग ये नहीं जानते कि दो चीज़ें एक जैसे हैं, तो बताएं कि वो एक जैसे हैं ताहम, ऐसा नहीं करते अगर माअनवी सामईन को वाज़िह नहीं किया गया था
  • देखो, में आपको भेजता हूँ u>भेड़ीयों के तौर पर भेड़ीयों के दरमयान / u> (मति10:16 यू उल्टी - ये इस ख़तरे का मुवाज़ना करता है कि यसवा के शागिर्द इस ख़तरे के साथ होंगे जो भेड़ हैं जब वो भेड़ीयों से घेरे हुए हैं
  • मुलाहिज़ा करें, में आपको बदतरीन लोगों के दरमयान / u>भेजता हूँ और आप उनसे ख़तरा होंगे क्योंकि वो भेड़ीयों में मौजूद हैं जैसे भेड़ों भेड़ों में हैं
  • ख़ुदा के कलाम के लिए ज़िंदा और फ़आल और तेज़ है किसी भी दो तरफ़ा तलवार से (इब्रानियों4:12 यू उल्टी
  • ख़ुदा के कलाम के लिए ज़िंदा और फ़आल और बहुत तेज़ दो तरफ़ा तलवार से ज़्यादा ताक़तवर है / u>
  1. अगर लोग इस शैय से वाक़िफ़ नहीं हैं जो किसी चीज़ के मुक़ाबले में है, तो आप अपनी अपनी सक़ाफ़्त से किसी चीज़ को इस्तिमाल करें यक़ीन रखू कि ये वही है जो बाइबल के सक़ाफ़्तों में इस्तिमाल किया जा सकता है
  • देखो, में आपको भेजता हूँ u>भेड़ीयों के तौर पर भेड़ीयों के दरमयान / u>، (मति10:16यू उल्टी - अगर लोग नहीं जानते हैं कि भीड़ और भेड़ीयों के हैं, या भेड़ीयों को मारे जाऐंगे भेड़ों को खाओ, आप दूसरे जानवरों को इस्तिमाल कर सकते हैं जो किसी दूसरे को मारते हैं
  • मुलाहिज़ा करें, मैं तुम्हें बाहर भेजता हूँ<>जंगली कुत्तों के दरमयान मुर्गी के तौर पर / u>
  • **मैंने आपके बच्चों को एक दूसरे के साथ जमा करने के लिए कितनी बार अक्सर किया था, सिर्फ एक ही किस्म के तौर पर आपके मुर्ग़ीयों के नीचे उनकी मुर्गी जमा हो जाती है, लेकिन आपने मुत्तफ़िक़ नहीं किया * ** (मति23:37 यू उल्टी
  • मैं कितनी बार आपके बच्चों को एक दूसरे के साथ जमा करना चाहता हूँ, u>माँ की हैसियत से अपने बच्चों को क़रीबी देखता है, लेकिन आपने इनकार कर दिया
  • अगर आपके पास कुछ भी छोटा सा<र सरसों के अनाज के तौर पर है, (मति17: 20)
  • अगर आपको छोटे u>छोटे बीज के तौर पर भी यक़ीन है तो / u>
  1. सिर्फ उस के इलावा किसी दूसरे के मुक़ाबले में शैय की वज़ाहत करें
  • मुलाहिज़ा करें, में आपको भेजा u>भेड़ीयों के तौर पर भेड़ीयों के दरमयान / u>، (मति10:16यू उल्टी
  • देखें, में आपको भेजता हूँ और u>लोग आपको नुक़्सान पहुंचाना चाहते हैं / u>.
  • मैंने आपके बच्चों को एक दूसरे के साथ जमा करने के लिए कितनी बार अक्सर किया था, सिर्फ एक ही किस्म के तौर पर आपके मुर्ग़ीयों के नीचे उनकी मुर्गी जमा हो जाती है, लेकिन आपने मुत्तफ़िक़ नहीं किया (मति23:37 यू उल्टी
  • मैं कितनी बार आप u>की हिफ़ाज़त करना चाहता हूँ / u>، लेकिन आपने इनकार कर दिया

सिनेकडकि

This section answers the following question: सिनेकडकि का मतलब क्या है?

तफ़सील

सिनेकडकि ये है कि जब स्पीकर पूरे का हवाला देने के लिए कुछ का हिस्सा इस्तिमाल करता है या हिस्सा का हवाला देते हुए पूरी तरह इस्तिमाल करता है

मेरी रूह / u>रब को नजात देता है (लूका1:46 यू उल्टी

मर्यम जो रब कर रहा था उस के बारे में बहुत ख़ुश था, उसने उसने कहा कि "मेरी रूह, जिसका मतलब ये है कि ख़ुद को अंदरूनी, जज़बाती तौर पर, उस के पूरे नफ़स का हवाला देना

फ़रीसयों ने इस से कहा, "देखो, वो ऐसा क्यूँ-कर रहे हैं जो क़ानूनी नहीं है ...? (मार्क2:24 ULT)

फ़रीसयों जो वहां खड़े थे वहां एक ही वक़्त में बिलकुल वही अलफ़ाज़ नहीं बोलते थे इस के बजाय, ये ज़्यादा इमकान है कि एक ग्रुप ने इन अलफ़ाज़ को नुमाइंदगी की

वजूहात ये तर्जुमा का मसला है

  • कुछ क़ारईन को लफ़्ज़ी तौर पर अलफ़ाज़ समझ सकती हैं
  • कुछ क़ारईन इस बात का एहसास कर सकते हैं कि वो लफ़्ज़ी तौर पर अलफ़ाज़ को नहीं समझते हैं, लेकिन वो नहीं जान सकते कि क्या मतलब है

बाइबल से मिसाल

मैंने इस कामों को देखा जो आपने अपने हाथों को पूरा किया था (कलीसिया2: 11 यू उल्टी

"मेरे हाथ पूरे शख़्स के लिए एक हम-आहंगी है, क्योंकि वाज़िह तौर पर हथियार और बाक़ी जिस्म और दिमाग़ शख़्स की कामयाबियां भी शामिल थीं

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर हम-आहंगी क़ुदरती होगी और अपनी ज़बान में सही मअनी दे, तो इस पर ग़ौर करें अगर नहीं, तो यहां एक और इख़तियार है

  1. खासतौर पर रियासत कोंसलकशी से मुराद किया है

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. खासतौर पर रियासत कोंसलकशी से मुराद किया है
  • " मेरी रूह / u>परवरदिगार. (लूका1:46 यू उल्टी
  • " में / u>रब को बढ़ाना.
  • ... फ़रीसयों ने इस से कहा (मर्कूज़2:24 यू उल्टी
  • ... फ़रीसयों के एक नुमाइंदा ने उसे बताया ..
  • ... मैंने इन तमाम कामों को देखा जो आपने अपने हाथों को पूरा किया .. (कलीसिया2: 11 यू उल्टी
  • मैंने इस कामों को देखा जो u>मैंने/ u>मुकम्मल किया था

क़वायीदे जबान

This section answers the following question: 1. अंग्रेजी क़वायीदे जबान के बारे में बुनयादी मालूमात क्या है ?

अलफ़ाज़ और साख़त , क़वायीदे जबान , के दो अहम हिस्से हैं Iसाख़त में ये शामिल है कि हम अलफ़ाज़, मक़ालों, और जुमले बनाने के लिए साथ साथ अलफ़ाज़ डालें I

तक़रीर के हिस्सों - एक ज़बान में तमाम अलफ़ाजो तक़रीर का हिस्सा कहते हैं (मुलाहिज़ा करें बयान के हिस्से)

इंतिबाह - जब हम बोलते हैं, हम अपने ख़्यालात में जुमले को मुनज़्ज़म करते हैं आम तौर पर जुमला, एक वाक़िया या एक सूरत-ए-हाल या होने वाली हालत के बारे में मुकम्मल ख़्याल होता है मुलाहिज़ा करें सज़ा साख़त)

  • सज़ाएं बयानात, सवालात, हुक्म, या इआलमेह हो सकती हैं (मुलाहिज़ा करें आलामीया)
  • सज़ाएं एक से ज़्यादा शक़ हो सकती हैं (मुलाहिज़ा करें सज़ा साख़त)
  • कुछ ज़बानें फ़आल और ग़ैर फ़आल जुमले हैं (देखें फ़आल या ग़ैर फ़आल)

मालिकाना हुकूक - ये ज़ाहिर करता है कि दो इस्माईलों के दरमयान ताल्लुक़ है I अंग्रेज़ी में ये " मुहब्बत खुदा की "या “ तें” "के साथ ख़ुदा की मुहब्बतें "के तौर पर या मालिकाना हुकुक इस्म जैसे “ उसकी मोहाबत “ के तौर पे निशानदेह किया जाता है I (मुलाहिज़ा करें पोज़ीशन)

नाज़िर - एक नाज़िर एक मारसाला है जो ये बता है की किसी और ने क्या कहा है I


इस्म मुजर्रिद

This section answers the following question: इस्म मुजर्रिद है और में अपने तर्जुमा में इनका कैसे तकसीम करूँ ?

इस्म मुजर्रिद ऐसे इस्म हैं जो इन ख़्यालात, ख़सुसीआत, वाक़ियात, हालात, या उन ख़्यालात के दरमयान ताल्लुक़ात के हवाले से भी इशारा करते हैं I ये ऐसी चीज़ें हैं जो जिस्मानी माअनों में नहीं देखी जा सकती हैं, जैसे की ख़ुशी, वज़न, चोट, इत्तिहाद, दोस्ती, सेहत, और वजह I ये तर्जुमा का मसला है क्योंकि कुछ ज़बानें एक तरह के इस्म मुजर्रिद के साथ एक ख़ास ख़्याल बयान कर सकते हैं, जबकि दूसरों को इस का इज़हार करने का एक मुख़्तलिफ़ तरीक़ा होगा मिसाल के तौर पर, "इसका कितना <वज़न / u> है को कहा जा सकता है "ये / u> कितना वज़न रखता है? या "किस कितना u> भारी / u> है?

तफ़सील

याद रकहें\ कि इस्म ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो किसी शख़्स, जगह, चीज़ या ख़्याल से इशारा करते हैं इस्म मुजर्रिद ख़्यालात का हवाला देते हैं I ये उन ख़्यालात, ख़सुसीआत, वाक़ियात, हालात, या उन ख़्यालात के दरमयान ताल्लुक़ात भी हो सकते हैं ये ऐसी चीज़ें हैं जो जिस्मानी माअनों में नहीं देख जा सकते हैं , जैसे ख़ुशी, अमन, तख़लीक़, ख़ूबी, इतमीनान, इन्साफ़, सच्चाई, आज़ादी, इंतिक़ाम, मुसीबत, लंबाई और वज़न

इस्म मुजर्रिद लोगों को इस से कम अलफ़ाज़ में ख़्यालात का इज़हार करने की इजाज़त देती है I ये आमाल या ख़सुसीआत को नाम देने का एक तरीक़ा है ताकि लोग उनके बारे में बात कर सकें I यह एक ज़बान में मुख़्तसर अस्सं रस्ते की की तरह है I मिसाल के तौर पर, इस्म मुजर्रिद इस्तिमाल करने वाले ज़बान में, लोग कह सकते हैं, "मैं गुनाह की बख़शिश में यक़ीन रखता हूँI लेकिन अगर ज़बान में दो इस्म मुजर्रिद "बख़शिश और "गुनाह नहीं हैं तो फिर उन्हें एक ही मअनी का इज़हार करने के लिए एक तवील अरसा बनाना होगा उन्हें ये कहना पड़ेगा, "मिसाल के तौर पर, मैं यक़ीन करता हूँ कि इन लोगों के गुनाहों के बावजूद अल्लाह उन्हें मांफ करना चाहता है ,” यहाँ इस्म की जगह जुमले फ़ैल का इस्तमाल हुआ है I

ये एक तर्जुमा का मसला होने की वजह

बाइबल जिससे आप तर्जुमा करते हैं, इस्म मुजर्रिद लफ़्ज़ों का इस्तिमाल बाअज़ नज़रियात का इज़हार करने के लिए करता हैं Iआपकी ज़बान इन नज़रियात में से कुछ के लिए ख़ुलासा इस्म मुजर्रिद का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं I उस के बजाय, ये उन जुमले को इज़हार करने के लिए ख्याल का इस्तिमाल कर सकते हैं I इन जुमले दूसरे किस्म के अलफ़ाज़ जैसे अलफ़ाज़, फे़अल, या मुतालिक फ़ैल के इस्तिमाल करेंगे जो इस्म मुजर्रिद के मअनी का इज़हार करते हैं I

बाइबल की मिसIलें

... u> बचपन से / u> आपने मुक़द्दस तहरीरों को जाना है .. (2 तेमथीसि3:15 यू उल्टी

इस्म मुजर्रिद "बचपन” से मुराद ये है कि जब कोई बच्चा हो

लेकिन u> देवता-ए- / u> इतमीनान के साथ / u> अज़ीम u> फ़ायदा / u> है (1 तेमथीसि6: 6 यू उल्टी

इस्म मुजर्रिद लफ़्ज़ "ख़ुदा-परस्ती और "इतमीनान का मअनी ख़ुदा की तरफ़ से है इस्म मुजर्रिद, संजीदा "फ़ायदा किसी चीज़ से मुराद है जो फ़वाइद या किसी की मदद करता है

आज u> नजात / u> इस घर में आया है, क्योंकि वो भी इबराहीम का बेटा है (लूका19: 9 यू उल्टी

ख़ुलासा लफ़्ज़ "नजात यहां महफ़ूज़ होने की बात कर रहा है

ख़ुदा अपने वादों के बारे में आहिस्ता-आहिस्ता नहीं चलता, जैसा कि कुछ सोच सकते है (3 पतरस3: 9 यू उल्टी )

इस्म मुजर्रिद "फ़रेब हवाला देती है कि किस तरह आहिस्ता-आहिस्ता कुछ किया जाता है

वो तारीकी के पोशीदा चीज़ों को रोशन करने और दिल की u> मक़ासिद / u> को ज़ाहिर करेगा (1 कर नत्थियों4: 5 यू उल्टी

इस्म मुजर्रिद "मक़ासिद ऐसी चीज़ों से इशारा करता है जो लोगों को करना है और वो वजूहात जो उन्हें करना चाहते हैं

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर इस्म मुजर्रिद क़ुदरती होगा और अपनी ज़बान में सही मअनी दे तो इस का इस्तिमाल करें अगर नहीं, तो यहां एक और इख़तियार है

  1. जुमला को इस फिकरे के साथ दुबारा रुजू करें जो इस्म मुजर्रिद का मअनी बयान करता हो I इस्म के बजाय, , नया फ़िक़रा एक फे़अल, अड्डो रब, या ख़ुलासा सुन्नत के तसव्वुर को इज़हार करने के लिए एक सिफ़त इस्तिमाल करेगा I

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. जुमला को इस जुमले के साथ दुबारा रुजू करें जो इस्म मुजर्रिद का मअनी बयान करता है I इस के बजाय , नया फ़िक़रा एक फे़अल, अड्डो रब, या ख़ुलासा सुन्नत के तसव्वुर को इज़हार करने के लिए एक सिफ़त इस्तिमाल करेगा I
  • ... u> बचपन से / u> आपने मुक़द्दस तहरीरों को मालूम किया .. (2 तेमथीसि3:15 ULT)
  • जब u> आप बच्चे थे / u> तभी से ,आपको मुक़द्दस तहरीर मालूम है
  • लेकिन u> इतमीनान के साथ फ़लाह-ओ-बहबूद / मेंu> अज़ीम u> फ़ायदा / u> है * (1 तेमथीसि6: 6 यू उल्टी
  • लेकिन u> ख़ुदाए / u> और u> मवाद / u> बहुत u> फ़ाइदामंद/ u> है
  • लेकिन हम / u> फायदे में रहते है / u> जब हम खुदाए/ u> और u> मवाद / u> होते हैं
  • लेकिन हम / u> फ़वाइद / u> जब हम />> ख़ुदा का एहतिराम करते हैं और इताअत करते हैं और जब हम />> हमारे साथ हैं / u>.
  • आज u> नजात / u> इस घर में आया है, क्योंकि वो भी इबराहीम का बेटा है (लूका19: 9 यू उल्टी
  • आज लोगों को इस घर में u> बचाया गया है / u> ...
  • आज ख़ुदा ने इस घर में लोगों को बचाया है / u>
  • ख़ुदा अपने वादों के बारे में आहिस्ता-आहिस्ता नहीं चलता, जैसा कि कुछ हो सकता है (2 पतरस3: 9 यू उल्टी
  • ख़ुदावंद अपने वादों के बारे में आहिस्ता-आहिस्ता नहीं चलता है, जैसा कि बाअज़ लोग आहिस्ता-आहिस्ता आगे बढ़ते हैं
  • वो अंधेरे के पोशीदा चीज़ों को रोशन करने और दल के u> मक़ासिद / u> को ज़ाहिर करेगा (1 कर नत्थियों4: 5 यू उल्टी
  • वो अंधेरे के पोशीदा चीज़ों को रोशन करने और उन चीज़ों को ज़ाहिर करेगा जिन्हें लोगों को करना चाहते है और वो वजूहात जिनके साथ उनको करना चाहते हैं / u>.

फीले ताज़म और फीले मुतादी

This section answers the following question: फीले ताज़म और फीले मुतादी का मतलब क्या है और फीले मुतादी को कैसे बदला जाये I

कुछ ज़बानो में फीले ताज़म और फीले मुतादी जुमले होते हैं Iफ़आल जुमले में, मज़मून कार्रवाई करता है ग़ैर फ़आल सज़ाएं में, ये मज़मून वही है जो कार्रवाई हासिल करते है I यहां कुछ मिसाल हैं जिनके मज़ामीन को ख़त कशीदा किया गया है I

  • फ़आल मेरे वालिद / u> ने2010 मैं घर तामीर किया
  • फीले मुतादी ,घर / u> 2010 मैं तामीर किया गया था

तर्जुमान , जिनके ज़बानों में ग़ैर फ़आल अलफ़ाज़ नहीं हैं उन्हें जानने की ज़रूरत होगी कि वो इन्हें बाइबल में कैसे तलाश कर सकते हैं कि वो ग़ैर फ़आल अलफ़ाज़ का तर्जुमा कैसे कर सकते हैं Iदूसरे तर्ज़ुमानो को ये फैसला करना होगा की कब फीले ताज़मका इस्तेमाल करें कब फीले मुतादी का इस्तेमाल करे

तफ़सील

कुछ ज़बानें के जुमले में फीले ताज़म और फीले मुतादी दोनों होते हैं

  • फीले ताज़म फ़ार्म में, मज़मून कार्रवाई करता है और उसका हमेशा ज़िक्र किया जाता है
  • फीले मुतादी फ़ार्म में, कार्रवाई पर अमल किया जाता है, और जो करवाई करता है उसे हमेशा जाहिर नहीं किया जाता है I

जे़ल में फीले ताज़म और फीले मुतादी की मिसाल में, हमने इस मौज़ू पर-ज़ोर दिया है

  • फीले ताज़म मेरा वालिद / u> ने2010 में घर तामीर किया
  • फीले मुतादी घर / u> मेरे वालिद ने2010 मैं बनाया था
  • फीले मुतादी घर / u> 2010 मैं तामीर किया गया था (ये ये नहीं बताया कि ये अमल किया है.

वजूहात , की ये तर्जुमा का मसला है

तमाम ज़बानों में फीले ताज़म फ़ार्म हैं कुछ ज़बानों में फीले मुतादी फ़ार्म हैं, और कुछ नहीं

फीले मुतादी फ़ार्म ,तमाम ज़बानों में इसी मक़ासिद के लिए इस्तिमाल नहीं किया जाता है

फीले मुतादी के मक़सद

  • तक़रीर करने वाला उस शख़्स या चीज़ के बारे में बात कर रहा है जिसपे अमल किया गया था, इस शख़्स के बारे में नहीं जिसने अमल किया था
  • स्पीकर ये नहीं कहना चाहता है कि अमल किसने किया
  • स्पीकर ये नहीं जानता कि अमल किसने किया

फीले मुतादी बारे में तर्जुमा उसूल

  • तर्जुमान जिनकी ज़बान-ए-ग़ैर फीले मुतादी

का इस्तिमाल नहीं करती, उन्हें इस ख़्याल का इज़हार करने का दूसरा रास्ता तलाश करने की ज़रूरत होगी

  • तर्जुमान जिनकी ज़बान में फीले ताज़म है उन्हें बाइबिल में इसके इस्तेमाल को समझाने की जरूरत है I उन्हें तर्जुमा के वक़्त ये फैसला करना होगा की वो ज़बान में फीले का इस्तेमाल करे या नहीं I

बाइबल की मिसाल

और उनके निशानेबाजों ने आपके फ़ौजीयों पर दीवार के पीछे से गोली चलायी , और बादशाह के कुछ मुलाज़मीन को मार डाला, और आपके ख़ादिम अव्याह हथेति u> भी मारे गए (2 समोयल11:24 यू उल्टी

इस का मतलब ये है कि दुश्मन के शूटर ने बादशाह के बाअज़ मुलाज़मीन को गोलीमार कर हलाक कर दिया जिसमें यूयाह भी शामिल थे I नुक़्ता ये है कि बादशाह के मुलाज़मीन और युवाह को क्या हुआ, ना किस ने उन्हें गोलीमार दी I यहां फीले मुतादी फ़ार्म का मक़सद बादशाह के मुलाज़मीन और ओरया पर तवज्जा रखना है I

सुबह के वक़्त जब शहर के लोग उठ गए, बाअल की क़ुर्बान गाह टूट गयी थी .. (जजिज़6:28 यू उल्टी)

शहर के लोगों ने देखा कि बाअल की क़ुर्बान गाह के पास किया हुआ था, लेकिन वो नहीं जानते थे कि उसे किस तरह तबाह कर दिया गया था I यहां फीले मुतादी फ़ार्म का मक़सद इस वाक़े को शहर के मर्दों के नुक़्ता-ए-नज़र से मुंसलिक करना है I

उस के लिए बेहतर होगा अगर उस की गर्दन के इर्द-गिर्द एक मील का पत्थर डाल दिया जाये और उसको समुंद्र में फेंक दिया जाये (लूका17: 2 यू उल्टी

ये इस सूरत-ए-हाल की वज़ाहत करता है जिसमें एक शख़्स समुंद्र में गर्दन के इर्द-गिर्द मील के पत्थर के साथ के साथ ख़त्म हो जाता है I यहां फीले मुतादी फ़ार्म का मक़सद उस शख़्स पर तवज्जा मर्कूज़ करना है I किस ने इन चीज़ों को किया और किन शख्स ने इन चीज़ों को किया ये अहम नहीं है I

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर आप फ़ैसला करते हैं कि ये फीले मुतादी फ़ार्म के बग़ैर तर्जुमा करने के लिए बेहतर है, तो यहां कुछ ऐसी हिक्मत-ए-अमली हैं जो आप पर ग़ौर कर सकते हैं

  1. इसी फे़अल को एक फ़आल जमहूरीयत में इस्तिमाल करें और बताएं कि किस ने या क्या अमल किया है I अगर आप ऐसा करते हैं तो, कार्रवाई हासिल करने वाले शख़्स पर तवज्जा मर्कूज़ रखने की कोशिश करें I
  2. इसी फे़अल को एक फ़आल जुमला में इस्तिमाल करें, और ये ना बताएं कि उसने किसने या क्या अमल किया है I इस के बजाय, आम इज़हार की तरह "वो या "लोग या "किसी को इस्तिमाल करेI
  3. मुख़्तलिफ़ फे़अल का इस्तिमाल करें

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. एक ही फे़अल को एक फ़आल सज़ा में इस्तिमाल करें और बताएं कि अमल किया है अगर आप ऐसा करते हैं तो, कार्रवाई हासिल करने वाले शख़्स पर तवज्जा मर्कूज़ रखने की कोशिश करें
  • बेकर की गली से उसे हर-रोज़ रोटी u> दी गई थी (यरमयाह37:21 यू उल्टी
  • बादशाह के मुलाज़मीन ने हर-रोज़ बैकरों की सड़क से यरमयाह को रोटी दी
  1. इसी फे़अल को एक फ़आल जुमला में इस्तिमाल करें, और ये ना कहें कि किसने अमल किया I इस के बजाय, आम इज़हार की तरह "वो या "लोग या "किसी को इस्तिमाल करें I
  • उस के लिए बेहतर होगा अगर उस की गर्दन के इर्द-गिर्द मी का पत्थर डाले जाऐं और उसे समुंद्र में फेंक दें (लूका17: 2 यू उल्टी
  • इस के लिए बेहतर होगा अगर u> वो उस की गर्दन के इर्द-गिर्द एक मी का पत्थर डालें और उसे समुंद्र में फेंक दें
  • इस के लिए बेहतर होगा अगर किसी को अपनी गर्दन के इर्द-गिर्द एक भारी पत्थर डालें और उसे समुंद्र में फेंक दें
  1. एक फ़आल फे़अल में एक मुख़्तलिफ़ फे़अल का इस्तिमाल करें
  • बेकर की गली से हर-रोज़ रोटी u> दी गई थी (यरमयाह37:21 यू उल्टी
  • उसे बेकार की गली से हर रोज़ रोटी मिलती है I

फ़र्क़ करना बनाम मुतालआ करना या याद दिलाना

This section answers the following question: जब एक जुमले का इस्तेमाल इस्म के साथ किया जाता है, तो उन जुमलों के दरमियान क्या फ़र्क़ है जो इस्म को दूसरों से जुदा करते हैं और जो सिर्फ़ मुतालआ करते या याद दिलाते हैं?

बयान

बाज़ ज़बानों में, जुमले जो एक इस्म में तरमीम करते हैं, इस्म के साथ दो मुख्तलिफ़ मक़ासद के लिए इस्तेमाल हो सकते हैं। वो या तो इस्म को दीगर यकसां क़िस्म से जुदा कर सकते हैं, या वो इस्म की बाबत मज़ीद मालूमात दे सकते हैं। यह मालूमात कारअीन के लिए नई हो सकती है, या किसी चीज़ की बाबत याद दहानी जो कारी को पहले से मालूम हो सकती है। दूसरी ज़बानें इस्म को सिर्फ़ दीगर यकसां चीज़ों से फ़र्क करने के लिए इस्म के साथ तरमीम करने वाले जुमले इस्तेमाल करती हैं। ये ज़बानें बोलने वाले लोग जब एक इस्म के साथ तरमीम करने वाले जुमले को सुनते हैं, वो फ़र्ज़ करते हैं के इस का काम एक चीज़ को उसी तरह की दूसरी चीज़ से जुदा करना है।

बाज़ ज़बानें यकसां चीज़ों और एक चीज़ की बाबत मज़ीद मालूमात देने के दरमियान फ़र्क की निशानदेही के लिए कोमा का इस्तेमाल करती हैं। कोमा के बगैर, नीचे दिए गए जुमले से यह बात वाज़े हो जाती है के यह इम्तियाज़ी सुलूक कर रहा है:

  • मरियम ने कुछ खाना अपनी बहन को जो बहुत शुक्रगुज़ार थीदिया।
  • अगर उसकी बहन आमतौर पर शुक्रगुज़ार थी, तो जुमला “जो शुक्रगुज़ार थी” मरियम की इस बहन को फ़र्क कर सकता था उससे जो आमतौर पर शुक्रगुज़ार नहीं थी।

कोमा के साथ, जुमला मज़ीद मालूमात दे रहा है:

  • मरियम ने कुछ खाना अपनी बहन को, जो बहुत शुक्रगुज़ार थीदिया।
  • इसी जुमले का इस्तेमाल मरियम की बहन की बाबत हमें मज़ीद मालूमात देने के लिए किया जा सकता है। यह हमें बताता है के मरियम की बहन ने किस तरह जवाब दिया जब मरियम ने उसे खाना दिया। इस सूरत में यह एक बहन से दूसरी बहन को फ़र्क नहीं करता है।

वजूहात के यह एक तर्जुमा का मसअला है

  • बाईबल की कई माख़ज़ ज़बानें ऐसे जुमलों का इस्तेमाल करती हैं जो इस्म को तरमीम करती हैं दोनों के लिए, इस्म को दूसरे यकसां चीज़ से फ़र्क करने के लिए और इस्म की बाबत मज़ीद मालूमात देने के लिए भी। मुतर्जिम को यह समझने में मोहतात रहना चाहिए के हर एक सूरत में मुसन्निफ़ का इरादा किस मानी से था।
  • बाज़ ज़बानें ऐसे जुमलों का इस्तेमाल करती हैं जो एक इस्म को तरमीम करती हैं सिर्फ़ इस्म को दूसरे यकसां चीज़ से फ़र्क करने के लिए। जब किसी ऐसे जुमले का तर्जुमा करते हो जिसका इस्तेमाल मज़ीद मालूमात के लिए किया जाता है, तो वह लोग जो ये ज़बानें बोलते हैं, उन्हें जुमले को इस्म से अलग करने की ज़रुरत होगी। वरना, जो लोग इसे पढ़ते या सुनते हैं वो यह सोचेंगे के इस जुमले का मक़सद इस्म को दूसरी ऐसी ही चीज़ों से फ़र्क करना है।

बाईबल से मिशालें

अल्फ़ाज़ और जुमलों की मिशालें जो एक चीज़ से दूसरी मुमकिन चीज़ों को फ़र्क करने के लिए इस्तेमाल होती हैं: ये आमतौर पर तर्जुमे में दुश्वारी का सबब नहीं बनते हैं।

... ये पर्दा पाक मक़ाम को पाकतरीन मक़ाम से अलग करेगा। (ख़ुरूज 26:33 ULT)

अल्फ़ाज़ “पाक” और “पाकतरीन” दो मुख्तलिफ़ मक़ामात को एक दूसरे से फ़र्क करते हैं।

अहमक़ बेटा अपने बाप के लिए ग़म, और उस औरत के लिए जिसने उसे जनम दिया तल्खी है। (अम्साल 17:25 ULT)

जुमला “जिसने उसे जनम दिया” तमीज़ करता है के बेटा किस औरत के लिए तल्खी है। वह तमाम औरतों के लिए तल्खी नहीं, बल्के अपनी माँ के लिए है।

अल्फ़ाज़ और जुमलों की मिशालें जो किसी चीज़ की बाबत इज़ाफ़ी मालूमात या याद दहानी फ़राहम करने के लिए इस्तेमाल होती हैं: ये उन ज़बानों के लिए तर्जुमा का मसअला है जो इनको इस्तेमाल नहीं करती हैं।

... क्योंके तेरे रास्त फ़ैसले भले हैं। (ज़बूर 119:39 ULT)

लफ्ज़ “रास्त” हमें सिर्फ़ यह याद दिलाता है के ख़ुदा के फ़ैसले सादिक़ हैं। यह उसके रास्त फैसलों को नारास्त फैसलों से फ़र्क नहीं करता है, क्योंके उसके सारे फ़ैसले रास्त हैं।

क्या सारा, जो नब्बे बरस की है, औलाद पैदा कर सकती है? – पैदाइश 17:17-18 ULT)

जुमला “जो नब्बे बरस की है” वजह है के अब्राहम ने यह नहीं सोचा था के सारा औलाद पैदा कर सकती है। वह सारा नाम की एक औरत को दूसरी सारा नाम की औरत जिसकी उमर मुख्तलिफ़ थी से फ़र्क नहीं कर रहा था, और वह किसी को उसकी उमर की बाबत कुछ नया नहीं बता रहा था। उसने महज़ यह नहीं सोचा था के एक औरत जो इतनी बूढ़ी थी वह बच्चा पैदा कर सकती थी।

मैं इन्सान को जिसे मैंने पैदा किया रू-ए-ज़मीन पर से मिटा दूँगा। (पैदाइश 6:7 ULT)

जुमला “जिसे मैंने पैदा किया” ख़ुदा और इन्सान के दरमियान ताल्लुक़ात की याद दहानी है। यही वजह है के ख़ुदा को इंसानों को मिटा देने का हक़ था। दूसरा कोई इन्सान नहीं है जिसे ख़ुदा ने पैदा नहीं किया।

तर्जुमा की हिकमत ए अमली

अगर लोग इस्म के साथ किसी जुमले का मक़सद समझें, फिर जुमला और इस्म को एक साथ रखने पर गौर करें। उन ज़बानों के लिए जो अल्फ़ाज़ या जुमलों का इस्म के साथ इस्तेमाल सिर्फ़ एक चीज़ को दूसरे से फ़र्क करने के लिए करती हैं, यहाँ बाज़ हिकमत ए अमली हैं उन जुमलों के तर्जुमे के लिए जो इत्तिला देने या याद दिलाने के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं।

  1. मालूमात को जुमले के एक और हिस्से में रख्खें और ऐसे अल्फ़ाज़ शामिल करें जो इसका मक़सद ज़ाहिर करें।

यह बताने के लिए अपनी ज़बान का एक तरीक़ा इस्तेमाल करें के यह अभी शामिल की गयी मालूमात है। यह एक छोटा सा लफ्ज़ शामिल करके या जिस तरीक़े से बोलने की आवाज़ आती है उसे बदलने के ज़रिए हो सकता है।

तर्जुमे की लागू की गयी हिकमत ए अमली की मिशालें

  1. मालूमात को जुमले के एक और हिस्से में रख्खें और ऐसे अल्फ़ाज़ शामिल करें जो इसका मक़सद ज़ाहिर करें।
  • मैं उनसे नफ़रत करता हूँ जो बेकार बुतों की ख़िदमत करते हैं (ज़बूर 31:6 ULT) – “बेकार बुतों” कहने के ज़रिए, दाऊद तमाम बुतों के बारे में तब्सरे कर रहा था और उनकी ख़िदमत करने वालों से नफ़रत करने की अपनी वजह बता रहा था। वह बेकार बुतों को क़ीमती बुतों से फ़र्क नहीं कर रहा था
  • क्योंके बुत बेकार हैं, मैं उनसे नफ़रत करता हूँ जो उनकी ख़िदमत करते हैं।
  • ... क्योंके तेरे रास्त फ़ैसले भले हैं। (ज़बूर 119:39 ULT)
  • ... तेरे फ़ैसले भले है क्योंके वो रास्त हैं।
  • क्या सारा, जो नब्बे बरस की है, औलाद पैदा कर सकती है? – पैदाइश 17:17-18 ULT) – जुमला “जो नब्बे बरस की है” सारा के उमर की याद दहानी है। यह बताता है के अब्राहम सवाल क्यों पूछ रहा था। उसने उम्मीद नहीं की थी के एक औरत जो इतनी बूढ़ी थी, बच्चा पैदा कर सकती थी।
  • क्या सारा औलाद पैदा कर सकती है यहाँ तक के जब वो नब्बे बरस की है?
  • मैं ख़ुदावन्द को पुकारूँगा, जो सिताइश के लाइक है (2 समुएल 22:4 ULT) – ख़ुदावन्द सिर्फ़ एक है। जुमला “जो सिताइश के लाइक है” ख़ुदावन्द को पुकारने की वजह देता है।

मैं ख़ुदावन्द को पुकारूँगा, क्योंके वह सिताइश के लाइक है

  1. यह बताने के लिए अपनी ज़बान का एक तरीक़ा इस्तेमाल करें के यह अभी शामिल की गयी मालूमात है।
  • तू मेरा बेटा है, जिसे मैं प्यार करता हूँ मैं तुझ से ख़ुश हूँ। (लूका 3:22 ULT)
  • तू मेरा बेटा है, मैं तुझसे प्यार करता हूँ और मैं तुझ से ख़ुश हूँ।
  • मेरी महब्बत को हासिल करना, तू मेरा बेटा है। मैं तुझ से ख़ुश हूँ।

दोहरे मनफ़ी

This section answers the following question: दोहरे मनफ़ी क्या हैं?

एक दोहरा मनफ़ी उस वक़्त पाया जाता है जब किसी शिक़ में दो अल्फ़ाज़ हों जो हर एक के मानी को “न” क़रार देते हैं। दोहरे मनफ़ी के मुख्तलिफ़ ज़बानों में बहुत मुख्तलिफ़ मानी होते हैं। दुरुस्त और वाज़े तौर पर दोहरे मनफ़ी वाले जुमले का तर्जुमा करने के लिए, आपको यह जानने की ज़रुरत होगी के बाईबल में दोहरे मनफ़ी का क्या मतलब है और अपनी ज़बान में इस ख़याल को किस तरह ज़ाहिर करना है

बयान

मनफ़ी अल्फ़ाज़ वो अल्फ़ाज़ हैं जिनके मानी है “नहीं”। मिशालें हैं “नहीं”, “नहीं”, “कोई नहीं”, कोई नहीं”, “कुछ नहीं”, कहीं नहीं”, कभी नहीं”, “न तो”, “दोनों नहीं”, और “बगैर”। और बाज़ अल्फ़ाज़ में साबिक़ा या लाहिक़ा होते हैं जिसके मानी “नहीं” होता है जैसे इन अल्फ़ाज़ के ख़त कशीदा वाले हिस्से: “नाख़ुश”, “नामुमकिन”, और “बेकार

एक दोहरा मनफ़ी उस वक़्त पाया जाता है जब किसी जुमले में दो अल्फ़ाज़ हों जो हर एक के मानी को “न” क़रार देते हैं।

इसलिएनहींके हमको इख्तियारनहींहै.... (2 थिस्सलुनीकियों 3:9 ULT)

<बन्दइक्तबास>और यह तक़र्रुर बगैरक़सम के नहीं हुआ... (इब्रानियों 7:20 ULT) </बन्दइक्तबास>

यक़ीनन-बदकार बेसज़ा छूटेगा (अम्साल11:21 ULT)

वजह के यह एक तर्जुमे का मसअला है

दोहरे मनफ़ी के मुख्तलिफ़ ज़बानों में बहुत मुख्तलिफ़ मानी होते हैं।

  • बाज़ ज़बानों में, जैसे हस्पानवी में दोहरा मनफ़ी, मनफ़ी पर जोर देता है। ज़ैल में दर्ज हस्पानवी जुमले नो वि अ नाडी का लफ्ज़ी मानी है, “मैंने नहीं देखा किसी को नहीं”। इसमें दोनों लफ्ज़ हैं ‘नहीं’ फ़अल के आगे और “नाडी” जिसके मानी है “कोई नहीं”। दोनों मनफ़ियों को एक दूसरे के साथ मोआहदा करते हुए देखा जाता है, और जुमले का मानी है, “मैंने किसी को भी नहीं देखा”।
  • बाज़ ज़बानों में, दूसरा मनफ़ी पहली को मन्सूख़ करता है, जिससे एक मुश्बत जुमला पैदा होता है। पस, “वह कुंद ज़हन नहीं है” मतलब “वह ज़हीन है”
  • बाज़ ज़बानों में दोहरा मनफ़ी एक मुश्बत जुमला बनाता है, मगर यह एक कमज़ोर बयान है। पस, “वह कुंद ज़हन नहीं है” मतलब, “वह किसी हद तक ज़हीन है”।
  • बाज़ ज़बानों में, जैसे बाईबल की ज़बानों में, दोहरा मनफ़ी एक मुश्बत जुमला पैदा कर सकता है, और अक्सर बयान को मज़बूत करता है। पस, “वह कुंद ज़हन नहीं है” का मतलब हो सकता है “वह ज़हीन है” या “वह बहुत ही ज़हीन है”।

दुरुस्त और वाज़े तौर पर दोहरे मनफ़ी वाले जुमले का तर्जुमा आपकी ज़बान में करने के लिए, आपको यह जानने की ज़रुरत होगी के बाईबल में दोहरे मनफ़ी का क्या मतलब है और अपनी ज़बान में इस ख़याल को किस तरह ज़ाहिर करना है

बाईबल से मिशालें

...ताके वो बेफलरहें। (तितुस 3:14 ULT)

इसके मानी है “ताके वो फलदार होंगे”।

सब चीज़ें उसके वसीले से पैदा हुईं, और जो कुछ पैदा हुआ है उसमे से कोई चीज़ भी उसके बगैरपैदा नहींहुई। (यूहन्ना 1:3 ULT)

दोहरा मनफ़ी इस्तेमाल करने के ज़रिए, यूहन्ना ने ज़ोर दिया है के ख़ुदा के बेटे ने हर चीज़ को बिल्कुल पैदा किया।

तर्जुमा की हिकमत ए अमली

अगर दोहरे मनफ़ी क़ुदरती हैं और आपकी ज़बान में मुश्बत बयान करने के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं, तो उनके इस्तेमाल पर गौर करें।

  1. अगर बाईबल में दोहरे मनफ़ी का मक़सद सिर्फ़ एक मुश्बत बयान देना है, और अगर यह आपकी ज़बान में ऐसा नहीं करेगा, तो दोनों मनफ़ी को हटा दें ताके यह मुश्बत हो जाए।
  2. अगर बाईबल में दोहरे मनफ़ी का मक़सद एक मज़बूत मुश्बत बयान देना है, और अगर यह आपकी ज़बान में ऐसा नहीं करेगा, तो दोनों मनफ़ी को हटा दें और एक मज़बूत करने वाला लफ्ज़ या जुमला जैसे “बहुत” या “ज़रूर” डालें।

तर्जुमे की हिकमत ए अमली की इतलाक़ी मिशालें

  1. अगर बाईबल में दोहरे मनफ़ी का मक़सद सिर्फ़ एक मुश्बत बयान देना है, और अगर यह आपकी ज़बान में ऐसा नहीं करेगा, तो दोनों मनफ़ी को हटा दें ताके यह मुश्बत हो जाए।
  • क्योंके हमारा ऐसा सरदार काहिन नहीं जो हमारी कमज़ोरियों में हमारा हमदर्द हो सके। (इब्रानियों 4:15 ULT)
  • “क्योंके हमारा ऐसा सरदार काहिन है जो हमारी कमज़ोरियों में हमारा हमदर्द हो सकता है”।
  • ...ताके वो बेफलरहें। (तितुस 3:14 ULT)
  • “...ताके वो फलदार हो सकें”।
  1. अगर बाईबल में दोहरे मनफ़ी का मक़सद एक मज़बूत मुश्बत बयान देना है, और अगर यह आपकी ज़बान में ऐसा नहीं करेगा, तो दोनों मनफ़ी को हटा दें और एक मज़बूत करने वाला लफ्ज़ या जुमला जैसे “बहुत” या “ज़रूर” डालें।
  • यक़ीनन-बदकार बेसज़ा छूटेगा... (अम्साल11:21 ULT)
  • “यक़ीनन-बदकार को सज़ा ज़रूर मिलेगी...”
  • सब चीज़ें उसके वसीले से पैदा हुईं, और जो कुछ पैदा हुआ है उसमे से कोई चीज़ भी उसके बगैरपैदा नहीं हुई। (यूहन्ना 1:3 ULT)
  • “सब चीज़ें उसके वसीले से पैदा हुईं। हर एक शय जो पैदा हुआ है बिल्कुल उसी ने पैदा कीं”

तकदीर कलाम

This section answers the following question: तकदीर कलाम क्या है ?

तफ़सील

तकदीर कलाम, तब होता है जब कभी तक़रीर करने वाला या मुसन्निफ़ करने वाला , एक से ज्यादा अफज़ छोड़े देता है , क्योंकि वो जनता है की सुनने या पढने वाले , जुमले का मतलब समझ जायेंगे और वो उन लफ़्ज़ों को उन लोगों के दिम्माग में ब्भर देता है , जब वो तक़रीर सुन रहे होते है या पढ़ रहे होते है I वहां हज़फ़ कर दिया गया मालूमात आम तौर पर पहले से ही जुमला या फ़िक़रा में बयान की गई होती है I

... शैतान फ़ैसले में खड़ा नहीं होगा, और ना नेकों के के लितमा में खता-कर होगा (ज़बूर1: 5)

यह एक तकदीर कलाम है क्योंकि , “नेकों के के लितमा में खता-कर “ एक पूरा जुमला नहीं है I स्पीकर इस बात को क़बूल करता है कि सुनने वाला, पिछले फिक्रह से, ये समझ लेगा कि खता – कार नेकों के के लितमा में क्या नहीं करेगा I

यह एक तर्जुमा का मसला की वजह है

अगर वो अपनी ज़बान में तकदीर कलाम, इस्तिमाल नहीं करते हैं क़ारईन जो ग़ैरमामूली जमहूरीयत या जुमले देखते हैं वो नहीं जान सकते हैं कि लापता मालूमात किया है I

बाइबल की मिसाल

... जब अंधे आदमी के क़रीब था, यसवा ने इस से पूछा, "तुम मुक्झ्से क्या चाहते हो ? उन्होंने कहा, "रब, में चाहता हु की मेरी आँखों की रौशनी वापस आ जाये . (लूका18: 40-41 यू उल्टी

इस शख़्स ने एक ना-मुकम्मल सज़ा में जवाब दिया क्योंकि वो शाइस्ता रहना चाहता था और जेसुस से सीधे तौर पे उसे ठीक करने के लिए नहीं कहना चाहता था I वो जनता था की जीसस समझ जायेंगे की उसकी रौशनी लौटने का सिर्फ एक तरीका है वो है उसे ठीक कर के I

वो लुबनान की तरह एक बिछड़ाबनता है और सीरियन की तरह एक नौजवान बैल / u> (ज़बूर29: 6 यू उल्टी )

मुसन्निफ़ चाहता है कि इस के अलफ़ाज़ चंद रहें और अच्छी शायरी बनाए I उन्होंने ये नहीं कहा कि ख़ुदावंद सीरियन को एक छोटा सा बैल बना देता है क्योंकि वो जानता था कि इस के क़ारईन को ख़ुद को मालूमात फ़राहम की जा सकती है I

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर तकदीर कलाम क़ुदरती हो जाएगा और आपकी ज़बान में सही मअनी दे, उस का इस्तिमाल करें अगर नहीं, तो यहां एक और इख़तियार है

  1. लापता अलफ़ाज़ को ना-मुकम्मल जुमला या सज़ा में शामिल करें

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. लापता अलफ़ाज़ को ना-मुकम्मल जुमला या सज़ा में शामिल करें
  • ... शैतान फ़ैसले में खड़ा नहीं होगा, और ना नेकों के के लितमा में खता-कर होगा (ज़बूर1: 5)
  • .. शैतान फ़ैसले में खड़ा नहीं होगा, और नेकों के के लितमा में खता-कर नहीं खड़ा होगा

... जब अंधे आदमी के क़रीब था, यसवा ने इस से पूछा, "तुम मुक्झ्से क्या चाहते हो ? उन्होंने कहा, "रब, में चाहता हु की मेरी आँखों की रौशनी वापस आ जाये . (लूका18: 40-41 यू उल्टी

  • ... जब अंधे आदमी के क़रीब था, यसवा ने इस से पूछा, "तुम मुक्झ्से क्या चाहते हो ? उन्होंने कहा, "रब, में चाहता हु की आप मुझे ठीक करें , ताकि मुझे अपनी आँखों की रौशनी मिल सके “

वो लुबनान की तरह एक बिछड़ाबनता है और सीरियन की तरह एक नौजवान बैल / u> (ज़बूर29: 6 यू उल्टी

  • वो लुबनान की तरह एक बिछड़ा और<यु> सीरियन<यु> की तरह एक नौजवान बैल / u> बनाता<यु> है


“तुम “ के रूप

This section answers the following question: “तुम “ के कितने रूप हैं

एक , दो या अदद

कुछ ज़बानों में "आप के लिए एक से ज़्यादा लफ़्ज़ है, इस पर मबनी है कि "आप का लफ़्ज़ कितना हवाला देते हैं वाहिद फ़ार्म एक शख़्स से मुराद है, और एक से ज़्यादा अफ़राद को हवाला देता है कुछ ज़बानों में * डबल * फ़ार्म है जिसमें दो अफ़राद की तरफ़ इशारा है, और बाअज़ ऐसे दूसरे फ़ार्म हैं जो तीन या चार लोगों से इशारा करते हैं I

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बाइबल में कभी कभी स्पीकर "आप की वाहिद शक्ल का इस्तिमाल करता है अगरचे वो भीड़ से बात कर रहा है

रस्मी और ग़ैर रस्मी

कुछ ज़बानें स्पीकर और वो शख़्स जो बात कर रहे हैं के दरमयान ताल्लुक़ात पर मबनी "आप के एक से ज़ाइद फ़ार्म हैं लोग * आपके 'बाक़ायदगी से फ़ार्म इस्तिमाल करते हैं जब किसी शख़्स से बात करते हुए जो कि उम्र से ज़्यादा है, या आला अथार्टी है, या वो है जो किसी को अच्छी तरह से नहीं जानते लोग * ग़ैर रस्मी * फ़ार्म का इस्तिमाल करते हैं जब किसी ऐसे शख़्स से बात करते वक़्त जो बड़ी नहीं है, या आला अथार्टी नहीं है, या ख़ानदान के किसी रुकन या क़रीबी दोस्त हैं

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उनका तर्जुमा करने में मदद के लिए, हम आपको पढ़ने का मश्वरा देते हैं


तुम का रस्मी रूप – दो /अदद

This section answers the following question: हम कैसे जानेगे की तुम दो /अदद है I

तफ़सील

जब कुछ लफ़्ज़ "आप से ज़्यादा एक शख़्स का हवाला देते हैं तो आपके अलफ़ाज़ "आप सिर्फ एक शख़्स को मुंसलिक करते हैं कुछ ज़बानों में भी "आप का * डबल * फ़ार्म है जब लफ़्ज़ "आप को सिर्फ दो अफ़राद का हवाला देते हैं इन ज़बानों में से एक बोलते हैं जो मित्र जमीन को हमेशा ये जानना होगा कि स्पीकर का मतलब किया है ताकि वो अपनी ज़बान में "आप के लिए सही लफ़्ज़ मुंतख़ब कर सकें अंग्रेज़ी जैसे दीगर ज़बानों में, सिर्फ एक ही फ़ार्म है, जो लोग क़त-ए-नज़र करते हैं कि ये कितना ही लोग इस से मुराद हैं

बाइबल सबसे पहले इब्रानी, अब्र उम्मा और यूनानी ज़बानों में लिखा गया था ये सभी ज़बानें आपके "आप और "आप के एक मजमूई शक्ल का वाहिद रूप है जब हम इन ज़बानों में बाइबल पढ़ते हैं तो, ज़मीर और फे़अल के फ़ार्म हमें ज़ाहिर करती हैं कि "आप लफ़्ज़ एक फ़र्द से ज़्यादा या एक शख़्स से ज़्यादा है ताहम, वो हमें नहीं दिखाते हैं कि ये सिर्फ दो अफ़राद या दो अफ़राद से ज़्यादा है जब ज़मीर यन हमें नहीं दिखाते हैं कि "कितना लफ़्ज़ आपको हवाला देता है, हमें इस सयाक़-ओ-सबॉक् को देखने की ज़रूरत है कि ये कितने लोग बोलने वाले थे

वजूहात ये एक तर्जुमा मसला है

  • Translators जो एक ज़बान बोलते हैं जिनमें "आप की मुख़्तलिफ़ वाहिद, दोहरी, और कसीर शक्लें होती हैं तो ये भी जानने की ज़रूरत होगी कि स्पीकर का क्या मतलब है ताकि वो अपनी ज़बान में "आप के लिए सही लफ़्ज़ मुंतख़ब कर सकें
  • बहुत से ज़बानें इस फे़अल के मुख़्तलिफ़ इक़साम हैं जिनके मुताबिक़ ये मौज़ू वाहिद या कसीर है लिहाज़ा अगर कोई मतलब नहीं है तो "आप, इन ज़बानों के मित्र जमीन को मालूम होना पड़ेगा कि अगर स्पीकर एक शख़्स से ज़्यादा एक या ज़्यादा से ज़्यादा इशारा करता है

अक्सर सयाक़-ओ-सबॉक् ये वाज़िह करेगा कि "आप लफ़्ज़ एक शख़्स से ज़्यादा एक या ज़्यादा से ज़्यादा है अगर आप दूसरे ज़मीरों की सज़ा में नज़र आते हैं, तो वो आपको ये बताएँगे कि किस तरह बहुत से लोग स्पीकर से ख़िताब करते रहे थे

बाइबल की मिसाल

ज़बडी के बेटे याक़ूब और यूहना उस के पास आए और कहा, "उस्ताद, हम चाहते हैं कि हम आपके लिए जो चाहें हम आपसे कहेंगे उसने [यसवा उनसे कहा, "आप u> आप / u> के लिए किया करना चाहते हैं?](मार्क10: 35-36 यू उल्टी

यसवा * दो, जेम्ज़ और जान से पूछ रहा है, वो चाहते हैं कि वो उनके लिए किया करें अगर हदफ़ ज़बान है तो * आपके "डबल * फ़ार्म का इस्तिमाल करें अगर हदफ़ ज़बान में दोहरी शक्ल नहीं है तो, कसीर शक्ल मुनासिब होगा

यसवा * दो, जेम्ज़ और जान से पूछ रहा है, वो चाहते हैं कि वो उनके लिए किया करें अगर हदफ़ ज़बान है तो * आपके "डबल * फ़ार्म का इस्तिमाल करें अगर हदफ़ ज़बान में दोहरी शक्ल नहीं है तो, कसीर शक्ल मुनासिब होगा

सयाक़-ओ-सबॉक् ये वाज़िह करता है कि यसवा ने * दो * लोग ख़िताब कर रहे हैं अगर हदफ़ ज़बान है तो * आपके "डबल * फ़ार्म का इस्तिमाल करें अगर हदफ़ ज़बान में दोहरी शक्ल नहीं है तो, कसीर शक्ल मुनासिब होगा

जेम्ज़, ख़ुदा का ख़ादिम और ख़ुदावंद यसवा मसीह का, खादिमों के बारह क क़बीलों के लिए, मुबारकबाद अपने भाईयों को ये सब ख़ुशी पर ग़ौर करें जब u> आप / u> मुख़्तलिफ़ मुसीबतों का सामना करते हैं, जानते हैं कि आपका/ u> आपके ईमान की आज़माईशी ईमान की बर्दाश्त का काम है (जेम्ज़1: 1-3 यू उल्टी

जेम्ज़ ने ये ख़त बहुत से लोगों को लिखा है, लिहाज़ा लफ़्ज़ "आप बहुत से अफ़राद को इशारा करता है अगर हदफ़ ज़बान है तो * आपका "कसीर फ़ार्म है, उसे यहां इस्तिमाल करना बेहतर होगा

मालूम करने के लिए इस्ट्रेटजाइट्स कितने लोग "आप से मुराद हैं

  1. नोटों को देखो कि आया वो बताएं कि आया "आप एक फ़र्द से ज़्यादा एक या ज़्यादा से ज़्यादा अफ़राद की तरफ़ इशारा करते हैं
  2. यू ऐस इसको देखने के लिए देखें कि ये कुछ भी कहता है कि आपको दिखाएगा कि "आप लफ़्ज़ एक शख़्स या एक से ज़ाइद अफ़राद को बयान करता है
  3. अगर आपके पास एक बाइबल है जिसे किसी ज़बान में लिखा जाता है जिसमें आपको "आप से मुत्तफ़िक़ "ज़बान का फ़र्क़ मिलता है, देखें कि "बाइबल जिसमें आप इस बाइबल में मौजूद हैं
  4. सयाक़-ओ-सबॉक् को देखो कि स्पीकर कौन से बात कर रहा था और कौन जवाब दिया

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‘तुम’ की सूरतें – वाहिद

This section answers the following question: मैं किस तरह जानूँ के लफ्ज़ ‘तुम’ वाहिद है?

बाज़ ज़बानों में “तुम” की वाहिद सूरत” होती है जब लफ्ज़ “तुम” का सिर्फ़ एक शख्स से मुराद होता है, और जमा सूरत होती है जब लफ्ज़ “तुम” का एक से ज़ियादा शख्स से मुराद होता है। मुतर्जमीन जो इन ज़बानों में से कोई एक बोलते हैं उन्हें हमेशा यह जानने की ज़रुरत होगी के ख़तीब का मतलब क्या था ताके वो “तुम” के लिए अपनी ज़बान में सहीह लफ्ज़ मुन्तखिब कर सकें। दूसरी ज़बानें, जैसे अंग्रेज़ी में सिर्फ़ एक ही सूरत होती है, जो लोग इस्तेमाल करते हैं बे लिहाज इसका कितने ही लोगों से मुराद हो।

बाईबल सबसे पहले इब्रानी, अरेमिक, और यूनानी ज़बानों में लिखी गयी थी। इन तमाम ज़बानों में “तुम” की वाहिद सूरत और “तुम” की जमा सूरत दोनों होती हैं। जब हम उन ज़बानों में बाईबल पढ़ते हैं, ज़मीर और फ़अल की सूरतें हमें दिखाती हैं के आया लफ्ज़ “तुम” से मुराद एक शख्स से है या एक से ज़ियादा। जब हम बाईबल को एक ऐसे ज़बान में पढ़ते हैं जिसमे “तुम” की मुख्तलिफ़ सूरतें नहीं होती हैं, तो हमें क़रीना देखने की ज़रुरत है के ख़तीब कितने लोगों से बात कर रहा है।

वजह के यह एक तर्जुमा का मसअला है

  • मुतर्जमीन जो ऐसी ज़बान बोलते हैं जिसमें “तुम” की अलाहिदा वाहिद और जमा सूरतें होती हैं उन्हें हमेशा यह जानने की ज़रुरत होगी के ख़तीब का क्या मतलब था ताके वो अपनी ज़बान में “तुम” के लिए सहीह लफ्ज़ मुन्तखिब कर सकें।
  • बहुत सी ज़बानें फ़अल की मुख्तलिफ़ सूरतें भी रखती हैं जो इस पर मुन्हसिर होती हैं के फ़ाएल वाहिद है या जमा है। पस यहाँ तक के अगर “तुम” का मानी रखने वाला कोई ज़मीर नहीं है, इन ज़बानों के मुतर्जमीन को यह जानने की ज़रुरत होगी के ख़तीब एक शख्स या एक से ज़ियादा का हवाला दे रहा था।

अक्सर क़रीना यह वाज़े कर देगा के आया लफ्ज़ “तुम” एक शख्स या एक से ज़ियादा से मुराद है। अगर आप जुमले में दीगर ज़मीरों को देखें तो वो आपको ख़तीब से गुफ़्तगू करने वाले अफ़राद की तादाद जानने में मदद करेंगे। बाज़ औक़ात यूनानी और इब्रानी बोलने वालों ने “तुम” को वाहिद इस्तेमाल किया हालाँके वह लोगों के किसी गिरोह से बात कर रहे थे। देखें ‘तुम’ की सूरतें – एक हुजूम के लिए वाहिद

बाईबल से मिशालें

सरदार ने कहा, “मैंने लड़कपन से इन सब पर अमल किया है। यिसू ने ये सुनकर, उससे कहा, “अभी तक तुझमें एक बात की कमी है। तू अपना सब कुछ बेचकर ग़रीबों को बाँट दे, और तुझे आसमान पर ख़ज़ाना मिलेगा – और आकर, मेरे पीछे हो ले।” (लूका 18:21,22 ULT)

सरदार सिर्फ़ अपनी बाबत बात कर रहा था जब उसने कहा “मैंने”। यह ज़ाहिर करता है के जब यिसू ने कहा “तू”, वह सिर्फ़ सरदार का हवाला दे रहा था। पस जिन ज़बानों में वाहिद और जमा “तुम” होता है यहाँ वाहिद सूरत होगी।

फ़िरिश्ते ने उससे कहा, “अपना कमर बाँध और अपनी जूती पहन ले”। पतरस ने ऐसा ही किया। फ़िरिश्ते ने उससे कहा, “अपना चोगा पहनकर मेरे पीछे हो ले”। पस पतरस पीछे हो लिया और फ़िरिश्ता चला गया। (आमाल 12:8, ULT)

क़रीना इसे वाज़े करता है के फ़िरिश्ता एक शख्स से बात कर रहा था और सिर्फ़ उसी एक शख्स ने वह किया जिसका फ़िरिश्ते ने हुक्म दिया। पस जिन ज़बानों में वाहिद और जमा “तुम” होता है यहाँ “अपना” और “अपनी” के लिए वाहिद सूरत होगी। साथ ही, अगर अफ़आल की फ़ाएलीन के लिए मुख्तलिफ़ वाहिद और जमा सूरतें हों, तो अफ़आल “बांधना” और “पहनना” को वाहिद “तुम” की ज़रुरत होगी।

ईमान की शिरकत के रू से सच्चे फ़र्ज़न्द तितुस के नाम। ... मैंने तुझे क्रेते में इसलिए छोड़ा था, के तू बाक़ी मान्दा बातों को दुरुस्त करे, और शहर ब शहर बुज़ुर्गों को मुक़र्रर करे जिस तरह मैंने तुझे हिदायात दिए थे। ... लेकिन तू वो बातें बयान कर जो सहीह तालीम के मुताबिक़ हैं। (तितुस 1:4,5; 2:1 ULT)

पौलुस ने यह ख़त एक शख्स, तितुस को लिखा। ज़ियादातर वक़्त इस ख़त में लफ्ज़ “तुम” सिर्फ़ तितुस से मुराद है।

“तुम” कितने लोगों से मुराद है इसकी तलाश के लिए हिकमत ए अमली

  1. यह देखने के लिए नोट्स पर गौर करें के आया लफ्ज़ “तुम” से मुराद एक शख्स या एक से ज़ियादा अफ़राद हैं।
  2. यह देखने के लिए UST पर गौर करें के क्या ये ऐसा कुछ कहता है के आया लफ्ज़ “तुम” से मुराद एक शख्स या एक से ज़ियादा अफ़राद हैं।
  3. अगर आप के पास ऐसी बाईबल है जो एक ऐसी ज़बान में लिखी गयी है जो के वाहिद “तुम” को जमा “तुम” से फ़र्क करता है, तो देखें के उस बाईबल में “तुम” की कौन सी सूरत उस जुमले में है।
  4. यह देखने के लिए क़रीने पर गौर करें के ख़तीब कितने लोगों से बात कर रहा था और किसने जवाब दिया।

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जिंसी इस्म फीकरा

This section answers the following question: जिंसी इस्म फीकरा क्या होता है , में इनका तर्जुमा कैसे कर सकता हूँ ?

तफ़सील

जिंसी इस्म फीकरा ,किसी खास की जगह आम लोगों और चीज़ों के बार में बात करता है I  ये अक्सर नबुव्वत में होता है, क्योंकि मुबस्सिरीन ऐसी चीज़ों के बारे में बताते हैं जो आम तौर पर लोगों के बारे में सच्च हैं I

क्या <यु> एक आदमी अपने पांव को छीले बग़ैर गर्म कोयले पर चल सकता है ?

तो u> वो आदमी जो अपने पड़ोसी की बीवी पे जाता है / u>؛ <यु>जिसका उसके साथ रिश्ता है <यु> वो <यु> बिना सजा के नहीं जा सकता है (इमसाल 6:28 यू एल टी )

मुंदरजा बाला हुरूफ़ एक ख़ास आदमी का हवाला नहीं देते हैं वो किसी भी शख़्स जो ये काम करता है उस का हवाला देते हैं I

ये एक तर्जुमा मसला होने की वजह

मुख़्तलिफ़ ज़बानों में ये ज़ाहिर करने के मुख़्तलिफ़ तरीक़े हैं कि लफ़्ज़ी जुमले किसी आम चीज़ के बारे में बात कर रहे है I तर्जुमान इन ख़यालात को इस तरह खेताब करें जैसा उनके जुबान में कुदरती हो I

बाइबल की मिसाल

जो सही करता है </यु> वह मुसीबत से door रहता है और सब कुछ <यु> खबीस <यु> पे आजाता है I

मुंदरजा बाला जुमले किसी भी मख़सूस लोगों के बारे में बात नहीं कर रहे है बल्कि उसके बारे में बात कर रहे है जो सही है या खाबीश है I

लोग उस <यु> आदमी <यु> को बद्दुआ देते है जो उन्हें अनाज देने से माना कर देता है I (मक्वाला 11:26 यू एल टी )

ये किसी ख़ास शख़्स पे इशारा नहीं करता है, बल्कि कोई भी शख़्स को जो अनाज को बेचने से इनकार करता उसके बारे में बात करता है I

ख़ुदावंद अच्छे इन्सान पे एहसान करता है, लेकिन वो उस शख़्स की मुज़म्मत करता है जो शर की मंसूबा बंदी करता है / u>. (इमसाल12: 2 यू उल्टी )

फिकरा "एक अच्छा इन्सान “ किसी ख़ास आदमी से नहीं बल्कि किसी भी शख़्स को ओर इशारा करता है I फिकर "इन्सान जो बुरे मंसूबे रखता है” किसी मख़सूस शख़्स की नहीं , बल्कि किसी भी शख़्स जो बुराई की मंसूबा बंदी करता है के बारे में बात करता है I

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर आपकी जबान , किसी ख़ास लोग या चीज़ की जगह ,आम लोगों और चीज़ों को बताने के लिए क, ULT के जैसे ही अल्फाजों का इस्तेमाल करती है , तब उसी अल्फाजों का इस्तमाल करें I यहां कुछ ऐसी हिक्मत-ए-अमली हैं जो आप इस्तिमाल कर सकते हैं

  1. इस्म फिक्रेह में “ द “ का इस्तेमाल करें
  2. इस्म फिक्रेह में “ ए “ का इस्तेमाल करें
  3. इस्म फिक्रेह में “ किसी“ को “ किसी आदमी “ या “ कोई “ के लिए इस्तेमाल करें
  4. कसीर शक्ल का इस्तिमाल करें जैसे जैसे "लोग.
  5. आपकी ज़बान में क़ुदरती तौर पर किसी दूसरी तरह का इस्तिमाल करें

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. इस्म फिक्रेह में “ द “ का इस्तेमाल करें
  • ख़ुदावंद <यु>एक अच्छे इन्सान<यु> पे एहसान करता है, लेकिन वो <यु>उस शख़्स<यु> की मुज़म्मत करता है जो शर की मंसूबा बंदी करता है </यु>. (इमसाल12: 2 यू उल्टी )
  • " ख़ुदावंद <यु अच्छे इन्सान<यु> पे एहसान करता है, लेकिन वो <यु>उस शख़्स<यु> की मुज़म्मत करता है जो शर की मंसूबा बंदी करता है </यु>. (इमसाल12: 2 यू उल्टी )
  1. इस्म फिक्रेह में “ द “ का इस्तेमाल करें
  • लोग उस <यु> आदमी <यु> को बद्दुआ देते है जो उन्हें अनाज देने से माना कर देता है I (मक्वाला 11:26 यू एल टी ) * " लोग उस <यु> वैसे आदमी <यु> को बद्दुआ देते है जो उन्हें अनाज देने से माना कर देता है I
  1. इस्म फिक्रेह में “ किसी“ को “ किसी आदमी “ या “ कोई “ के लिए इस्तेमाल करें

लोग <यु> आदमी <यु> को बद्दुआ देते है जो उन्हें अनाज देने से माना कर देता है I (मक्वाला 11:26 यू एल टी )

  • लोग उस <यु> आदमी <यु> को बद्दुआ देते है जो उन्हें अनाज देने से माना कर देता है I (मक्वाला 11:26 यू एल टी )
  1. कसीर शक्ल इस्तिमाल करें, जैसे "लोगों (या उस मजाज़ में, "मर्दों" में
  • लोग उस <यु> आदमी <यु> को बद्दुआ देते है जो उन्हें अनाज देने से माना कर देता है. (मक्वाला 11:26 यू एल टी )

लोग <यु> आदमी <यु> को बद्दुआ देते है जो उन्हें अनाज देने से माना कर देता है I

  1. आपकी ज़बान में क़ुदरती तौर पर किसी दूसरी किस्म का इस्तिमाल करें
  • लोग उस <यु> आदमी <यु> को बद्दुआ देते है जो उन्हें अनाज देने से माना कर देता है.

लोग किसी <यु> आदमी <यु> को, जो उन्हें अनाज देने से माना कर देता है. को बद्दुआ देते है जो


जाओ और आओ

This section answers the following question: अगर किसि जुमले में “ जाना “ और “आना “ मुबहम हो तो क्या करना चाहिए ?

तफ़सील

मुख़्तलिफ़ ज़बानों में इस बात का ताय्युन करने के मुख़्तलिफ़ तरीक़ों हैं की कब लफ्ज़ “ जाओ “ और “ “आओ “ का इस्तिमाल करें और कब “ ले जाओ “ और “ ले आओ “ का इस्तेमाल हरकत के लिए करें I मिसाल के तौर पर, जब ये कह रहे हैं कि वो ऐसे शख़्स के पास आ रहे हैं जिन्हों ने उन्हें बुलाया है, अंग्रेज़ी बोलने वाले कहते हैं कि "मैं आ रहा हूँ, जबकि हिसपानवी बोलने वाले कहते हैं "में जा रहा हूँ.  आपको "जाने और "आने (और "ले और "जाने" के अलफ़ाज़ का तर्जुमा करने की ज़रूरत होगी जिससे आपके क़ारईन को ये समझ आ जाएगा कि लोग किस तरह मुंतक़िल करते हैं I

वजह ये एक तर्जुमा का मसला है

तहरीक के बारे में बात करने के मुख़्तलिफ़ ज़बानों में मुख़्तलिफ़ तरीक़े हैं बाइबल की ज़बानें या आपके ज़रीया ज़बान आप "अलफ़ाज़ और "आते या "ले को इस्तिमाल कर सकते हैं और "अपनी ज़बान से मुख़्तलिफ़ लफ़्ज़ों को इस्तिमाल करते हैं अगर ये अलफ़ाज़ आपकी ज़बान में क़ुदरती तौर पर मुनहसिर नहीं हैं तो, आपके क़ारईन को इस बात पे परेशानि हो सकता है कि लोगों को किस तरह मुंतक़िल करना है I

बाइबल की मिसाल

ख़ुदावंद ने नूह से कहा, "आप और आपके तमाम घर वालों को कश्ती में <यु>ले आओ <यु> (पैदाइश7: 1 यू उल्टी )

कुछ ज़बानों में, ये लोगों को ये सोचते हैं कि यहूवाह ख़ुदा के संदूक़ में था I

लेकिन अगर आप मेरे रिश्तेदारों के पास <यु>आयेंगे<यु> तो आपके हलफ़ से आज़ाद हो जाऐंगे और वो आपको उसे नहीं दे सकेंगे फिर तुम मेरे हलफ़ से आज़ाद हो (पैदाइश24:41 यू उल्टी )

इबराहीम अपने ख़ादिम से बात कर रहा था I इबराहीम के रिश्तेदार, जहाँ इब्राहीम और उसका खदीम खड़ा था , उससे बहुत दूर रहते थे I और वो चाहता था की उसका खदीम उनके पास <यु> जाए <यु> नाकि इब्राहीम की तरफ <यु> आये <यु> I

जब तुम उस जमीन पे <यु>आते हो <यु> जो याह्वेह तुम्हारे खुदा ने तुम्हे दी है , जब तुम इसकी मल्कियत लेते हो और जब तुम इस्पे रहने लगते हो ....( दुएतेरोनोमी 17:14 यू एल टी )

मोसेस जंगले में लोगो से बात कर रहा है I वो अभी तक उस जमीन पे नही गए थे जिसे खुदा ने उसे दी थी I कुछ जबानो में , यह कहना ज्यादा सही होगा I ये कहना कोई समझ नहीं बनता है की तुम <यु> गए <यु> उस जमीन में ...

जोसफ और मेरी उसे , जेरुसलम में उसके खुदा के पास मंदिर <यु>लेके आये <यु> (लुक 1:22 यू एल टी )

कुछ जबानो में ये कहना ज्यादा होगा की जोसफ और मैरी <यु>लेकर <यु> या उठा कर <यु> जीसस को मंदिर आयें I

देखो, यरूशलम का एक आदमी आया, और वो इबादत-गाह के रहनुमाओं में से एक था I येरस यसवा के पांव पर गिर गया और उसने उन्हें अपने घर पर <यु>आने<यु> के लिए कहा (लूका8:41 यू एल टी )

वो आदमी अपने घर पे नहीं था जब वो जीसस से बात कर रह था I वो चाहता था की जीसस उसके साथ, उसके घर <यु> जायें <यु> I

इस सब के कुछ समय बाद , उसी बीवी एलिज़ाबेथ हमिला हो गयी , पर वो लोगों के सामने , पांच महीने के लोए नहीं <यु>गयी <यु> ( लुक 1:24 यू एल टी )

कुछ जबानो में , ये कहना ज्यादा सही होगा की एलिज़ाबेथ कुछ समय के लिए लोगों के बीच नहीं <यु> आई <यु> I

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर यू एल टी मैं इस्तिमाल होने वाला लफ़्ज़ क़ुदरती है और आपकी ज़बान में सही मअनी दे तो इस का इस्तिमाल करें अगर नहीं, तो यहां दीगर हिक्मत-ए-अमली हैं

  1. लफ़्ज़ "जाने, "आने, "लेन, या "लेजाने का इस्तिमाल करें जो आपकी ज़बान में क़ुदरती होगी
  2. दूसरे लफ़्ज़ का इस्तिमाल करें जो सही मअनी बयान करे

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. लफ़्ज़ "जाने, "आने, "लेन, या "लेजाने का इस्तिमाल करें जो आपकी ज़बान में क़ुदरती होगी

लेकिन अगर आप मेरे रिश्तेदारों के पास <यु>आयेंगे<यु> तो आपके हलफ़ से आज़ाद हो जाऐंगे और वो आपको उसे नहीं दे सकेंगे फिर तुम मेरे हलफ़ से आज़ाद हो (पैदाइश24:41 यू उल्टी ) लेकिन अगर आप मेरे रिश्तेदारों के पास <यु>जायेंगे<यु> तो आपके हलफ़ से आज़ाद हो जाऐंगे और वो आपको उसे नहीं दे सकेंगे फिर तुम मेरे हलफ़ से आज़ाद हो (पैदाइश24:41 यू उल्टी )

  • इस सब के कुछ समय बाद , उसी बीवी एलिज़ाबेथ हमिला हो गयी , पर वो लोगों के सामने , पांच महीने के लोए नहीं <यु>गयी <यु> ( लुक 1:24 यू एल टी )

इस सब के कुछ समय बाद , उसी बीवी एलिज़ाबेथ हमिला हो गयी , पर वो लोगों के सामने , पांच महीने के लोए नहीं <यु>आयी <यु> ( लुक 1:24 यू एल टी )

सही मअनी बयानकरने के लिए दूसरे लफ़्ज़ का इस्तिमाल करें

जब तुम उस जमीन पे <यु>आते हो <यु> जो याह्वेह तुम्हारे खुदा ने तुम्हे दी है , जब तुम इसकी मल्कियत लेते हो और जब तुम इस्पे रहने लगते हो ....( दुएतेरोनोमी 17:14 यू एल टी ) जब तुम उस जमीन पे <यु>आते हो <यु> जो याह्वेह तुम्हारे खुदा ने तुम्हे दी है , जब तुम इसकी मल्कियत लेते हो और जब तुम इसपे रहने लगते हो ...”

ख़ुदावंद ने नूह से कहा, "आप और आपके तमाम घर वालों को कश्ती में <यु>ले आओ <यु> (पैदाइश7: 1 यू उल्टी )

  • ”ख़ुदावंद ने नूह से कहा, "आप और आपके तमाम घर वालों को कश्ती में <यु> आ जाओ <यु> (पैदाइश7: 1 यू उल्टी )
    • इस सब के कुछ समय बाद , उसी बीवी एलिज़ाबेथ हमिला हो गयी , पर वो लोगों के सामने , पांच महीने के लोए नहीं <यु>गयी <यु> ( लुक 1:24 यू एल टी )
    • इस सब के कुछ समय बाद , उसी बीवी एलिज़ाबेथ हमिला हो गयी , पर वो लोगों के सामने , पांच महीने के लोए नहीं <यु>दीखी <यु>

बराए नाम सिफ्त

This section answers the following question: में किस तरह उन इस्म सिफ्त के ततर्जुमा करूं जो इस्म की तरह काम करते है?

तफ़सील

कुछ ज़बानों में एक सिफ़त इस्तिमाल करने के लिए इस्तिमाल किया जा सकता है जो उस की सिफ़त बयान करता है जब ऐसा होता है तो ये एक असैंबली की तरह काम करता है मिसाल के तौर पर, लफ़्ज़ "अमीर एक सिफ़त है यहां दो अलफ़ाज़ हैं जो कि "अमीर एक सिफ़त है

... अमीर आदमी / u>बड़ी तादाद में भेड़ों और रगों थे .. (2 समोयल12: 2 यू उल्टी

लफ़्ज़ "अमीर लफ़्ज़ "इन्सान से पहले आता है और "इन्सान की वज़ाहत करता है

वो अमीर नहीं होंगे/ u>؛ इस की दौलत आख़िरी नहीं होगी .. (मुलाज़मत15:29यू उल्टी

लफ़्ज़ "अमीर फे़अल के बाद आता है और इस की वज़ाहत करता है "वो.

यहां एक जमहूरीयत है जिससे पता चलता है कि "अमीर एक इस्म के तौर पर भी काम करसकता है

... अमीर / u>नसफ़ शैक्ल से ज़्यादा नहीं देना चाहिए, और u>ग़रीब / u>कम नहीं करना ज़रूरी है (ख़ुरूज30:15 यू उल्टी

ख़ुरूज30:15 मैं, लफ़्ज़ "अमीर लफ़्ज़ "अमीर के मअनी के तौर पर काम करता है और ये अमीर लोगों से मुराद है लफ़्ज़ "ग़रीब लफ़्ज़ के नाम के तौर पर भी काम करता है और ग़रीब अफ़राद से मुराद करता है

वजह ये एक तर्जुमा का मसला है

  • बपतिस्मा देने वाले बाइबल में कई बार लोगों के ग्रुप का बयान करने के लिए इसमएल के तौर पर इस्तिमाल किया जाता है
  • कुछ ज़बानें इन्फ़िरादी तौर पर इस्तिमाल नहीं करते हैं
  • इन ज़बानों के क़ारईन को ये लगता है कि टेक्स्ट एक मख़सूस शख़्स के बारे में बात कर रहा है जब ये वाक़ई लोगों के ग्रुप के बारे में बात कर रहा है जिसमें सिफ़त बयान की जाती है

बाइबल की मिसाल

बदकारी के उश्र<ज़मीन सादिक़ों में ज़मीन पर क़ाइल नहीं होना चाहीए (ज़बूर125: 3 यू उल्टी

"सादिक़ यहां ऐसे लोग हैं जो सालिह हैं, ना ही एक मख़सूस सादिक़ शख़्स

मुबारक हो u>मक्खी / u> (मति5: 5 यू उल्टी

यहां "मक्खी तमाम ऐसे लोग हैं जो नेक हैं, खासतौर पर नेक शख़्स

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर आपकी ज़बान एकसपरीससाईओज़ का इस्तिमाल करते हैं तो लफ़्ज़ों के तौर पर लोगों की तरफ़ इशारा करने के लिए, इस तरह सेadjectives इस्तिमाल करते हुए ग़ौर करें अगर ये अजीब लगेगा, या मअनी वाज़िह या ग़लत हो जाये तो, ये एक और इख़तियार है

  1. सिफ़त के एक कसीर शक्ल के साथ सिफ़त का इस्तिमाल करें जो सिफ़त बयान करता है

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. सिफ़त के एक कसीर शक्ल के साथ सिफ़त का इस्तिमाल करें जो सिफ़त बयान करता है
  • बदक़िस्मती का उश्र<ज़मीन मुल्कों में ज़मीन पर क़ाइल नहीं होना चाहीए (ज़बूर125: 3 यू उल्टी
  • बदसूरत के उश्र U>सालिह क़ौम / u>ज़मीन में हुकमरान नहीं होना चाहीए
  • मुबारक हो u>मक़्क / u> ... (मति5: 5 यू उल्टी
  • मुबारक हो u>लोग जो माईक हैं / u> ...

वाक़ियात का सिलसिला

This section answers the following question: ये वाक्यात , जिस तरीके से हुए है , वैसे सिलसिलेवार तरीके से क्यों नहीं है , में इनका तर्जुमा कैसे करू ?

तफसील

बाइबिल में वाक्यात उस सिसिलावर तरीके से नहीं कहे जाते है जैसे वो होते है I मुसन्निफ़ किसी ऐसी बात पर तबादला-ए-ख़्याल करना चाहता है जो, अभी बात कर रहे वाक्यात से, पहले हो चुके है I ये पढने वाले के लिए उलझन की स्थिति पैदा कर सकता है I

ये एक तर्जुमा का मसला होने की वजह क़ारईन ये सोच सकते हैं कि ये वाक़ियात ईसि सिलसिलेवार ढंग से हुए है जैसे बताये गए है I इन्हें इन वाक़ियात के सही हुक्म को समझने में मदद करना ज़रूरी है I

बाइबिल की मिसालें

पर फिर हेरेड ने ... जॉन को जेल में बंद किया I बाद में ये पता चला की , जॉन ने सभी लोगों को , जीसस के समेत , बप्तियीज्द किया I (ल्यूक 3 : 20-21 यु अल टी )

ये सुसने में ऐसा लग सकता है की जॉन ने , जेल में कैद होने के बाद , जीसस को बेपताईज्द किया

<सप> 8 </सप> जैसा कि यहूदाह ने लोगों से कहा था, ,ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे ... <सप> 10</सप> .. लेकिन यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ (यशवा6: 8-10 यू उल्टी )

ये ऐसा लग सकता है जैसे की जशुआ ने, जब फौज कुछ कर चुकी थी , तब हुक्म दिया हो की , चिल्लाओ नहीं , I पर असल में जसुआ ने ये हुक्म तब ही दिया जब तक फ़ौज ने कूच नहीं किया था I

इस किताब को खोलने और अपनी मोहरों को तोड़ने के काबिल कौन है? (मुकाशफ़ा5: 2 यू उल्टी )

ऐसा लगता है जैसे किसी शख़्स को इस किताब को खोलने के बाद लाज़िमी तौर पर उस के सील को तोडा I पर जो सील , इस दायरे पे ताला लगा रही है , उसे दायरे से पहले तोड़ने की जरूरत है )

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

  1. अगर आपकी ज़बान में जुमले या वक़्त के अलफ़ाज़ का इस्तिमाल होता है तो यह दिखाएँ की , ये वाक्य , पहले बताये गए वाक्य से पहले हो चूका है I दोनों में से किसी एक के इस्तिंला की कोशिश करें I
  2. अगर आपकी ज़बान फे़अल कशीदगी या पहलू इस्तिमाल करती है तो, ये ज़ाहिर करने के लिए कि, पहले जिक्र वाकये से, ये वाक़िया पहले हो चूका है I इस का इस्तिमाल करते हुए ग़ौर करें (मुलाहिज़ा करें पहलूओं पर हिस्से ज़बानें)
  3. अगर आपकी जबान में , वाक्य सिर्फ सिसिलेवर ढंग से ही बताया जा सकता हिया तो , सारे वाक्यों को सिसिलेवार ढंग से ही बताये I इसके लिए एक या दो नज़मों को भी डाकने की ज़रुरत हो सकती है ( जैसे 5-6 ) ( देखें : [ शायरी तनीम])

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. अगर आपकी ज़बान में जुमले , समय बताने वाले लफ्ज़, या हाल का इस्तिमाल होता है तो, बताये गए वाकये से पहले हुए वाकये को बताने के लिए , उनको इस्तेमाल करें I
  • <सप> 20</सप> लेकिन फिर हेरोड....ने जॉन को जेल में बंद कर दिया I <सप> 21</सप> अब ये सामने आया है की , जब सभी लोग बप्तिज़ेद हुए थे जीसस को भी बप्तिसेद किया गया था I
  • <सप> 20</सप> लेकिन फिर हेरोड....ने जॉन को जेल में बंद कर दिया I <सप> 21</सप> अब ये सामने आया है की ,जॉन को जेल में डालने से पहले , जब सभी लोग बप्तिज़ेद हुए थे जीसस को भी बप्तिसेद किया गया था I
  • किताब खोलने और उसके मुहर को तोड़ने के काबिल कौन है (मुकाशफ़ा5: 2 यू उल्टी )
  • किताब खोलने के बाद इसकी मुहर तोड़ने के काबिल कोण है ? ( रेवेलाशन 5:2 यु अल टी )
  1. अगर आपकी ज़बान फे़अल कशीदगी या पहलू इस्तिमाल करती है तो ये ज़ाहिर करने के लिए, बताये गए वाकये से ये, वाक़िया पहले ही ज़िक्र हो चूका है , इन पर भी गौर फरमाए I
  • <सप> 8 </सप> जैसा कि यहूदाह ने लोगों से कहा था, ,ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे ... <सप> 10</सप> .. लेकिन यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ (यशवा6: 8-10 यू उल्टी )
  • <सप> 8 </सप> जैसा कि यहूदाह ने लोगों से कहा था, ,ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे ... <सप> 10</सप> .. लेकिन यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ I सिर्फ जब में कहूँ तब चिल्लाना I
  1. अगर आपकी जबान में , वाकया उस सिलसिले में कहा जाता है जिस में हुआ है तो . वाक्यों को फीर से जमाये I इसके लिए एक या दो नज़्म जोड़ने की जरूरत हो सकती है ( जैसे की 5-6 )
  • <सप> 8 </सप> जैसा कि यहूदाह ने लोगों से कहा था, ,ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे ... <सप> 10</सप> .. लेकिन यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ I सिर्फ जब में कहूँ तब चिल्लाना I ( जोशुआ 6 : 8 -10 यु एल टी )
  • <सप> 8 </सप> यशवा ने लोगों को हुक्म दिया, " चिल्लाएं नहीं , आपके मुंह से तब तक कोई आवाज़ नहीं आनि चाहिए जब तक में ना कहूँ I सिर्फ जब में कहूँ तब चिल्लाना I तब जोशुआ ने ओगों से कहा ख़ुदावंद के सामने, सात पादरीयों ने भेड़ के सिंग से बने सात नगाड़े उठा रखे थे , जैसे वो आगे बढे , वो जोर जोर से नगाड़े बजने लगे I
  • किताब खोलने और उसके मुहर को तोड़ने के काबिल कौन है (मुकाशफ़ा5: 2 यू उल्टी )
  • मुहर तोड़ने और किताब खोलने के काबिल कोण है ?

आप ये विडियो भी देख सकते है http://ufw.io/figs_events.


तख़रीर के हिस्से

This section answers the following question: अंग्रेज़ी में कुछ तख़रीर के हिस्से क्या है?

तफ़सील

तक़रीर के हिस्सों अलफ़ाज़ की इक़साम हैं अलफ़ाज़ की मुख़्तलिफ़ इक़साम को एक जुमले में मुख़्तलिफ़ अफ़आल हैं तमाम ज़बानों में तक़रीर के हिस्से हैं, और ज़बान में तमाम अलफ़ाज़ तक़रीर के एक हिस्से से ताल्लुक़ रखते हैं ज़्यादा से ज़्यादा ज़बानें बोलने वाले के बुनियादी हिस्सों में हैं, कुछ मुख़्तलिफ़ हालतों के साथ, और कुछ ज़बानें इस से ज़्यादा इक़साम हैं ये तक़रीर के मुख़्तलिफ़ हिस्सों की एक मुकम्मल फ़हरिस्त नहीं है, लेकिन ये बुनियादी इक़साम को शामिल करता है

VERBS वो अलफ़ाज़ हैं जो किसी भी कार्रवाई का इज़हार करते हैं (मसला आते हैं, जाना, खाते हैं या एक रियासत की हैसियत (जैसे कि, किया, था) मज़ीद अलफ़ाज़ पर Verbs पर पाया जा सकता है

नोंस ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो किसी शख़्स, जगह, चीज़ या ख़्याल की नुमाइंदगी करते हैं आम नामा आम हैं, ये है कि, वो किसी मख़सूस इदारे (आदमी, शहर, मलिक का हवाला नहीं देते हैं नाम, या मुनासिब मअनी, एक मख़सूस इदारे का हवाला देते हैं (पीटर, यरूशलेम, मिस्र) (मज़ीद मालूमात के लिए देखें नामों का तर्जुमा कैसे करें.

PRONOUNS इस्मों की जगह ले लू और इस तरह के अलफ़ाज़ में शामिल हैं, वो, वो, ये, आप, वो, और हम pronouns पर मज़ीद तफ़सीली सफ़हात Pronouns पर पाया जा सकता है

तजावीज़ ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो जुमले या जुमले में शामिल होते हैं मिसाल में शामिल हैं, और, या, लेकिन, के लिए, अभी तक, और ना ही बाअज़ मुशतर्का जोड़ों में इस्तिमाल होते हैं बू )

एहतियात ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो लफ़्ज़ या फे़अल को संजीदा या फे़अल से मुंसलिक करते हैं जिनमें उस का लफ़्ज़ या फे़अल के बारे में मज़ीद तफ़सील के साथ राबिता किया जाता है मिसाल के तौर पर, "लड़की ने अपने बाप को / u>भा गया. यहां "पेश पेश नज़ारा के साथ ये जुमला उस के वालिद के सिलसिले में लड़की के चल रहा है (अमल की सिम्त बताता है एक और मिसाल ये है कि, "भीड़ u>के इर्द-गिर्द यसवा / u>नंबरों में इज़ाफ़ा हुआ. पेश नज़ारा u>के इर्द-गिर्द लफ़्ज़ यसवा के सिलसिले में भेड़ की जगह बताता है पेश नज़ारा के कुछ मिसालें, के अंदर, अंदर, बाहर, पर, बंद, बग़ैर, ऊपर, नीचे, उस के बाद, पीछे, आगे, दरमयान, के अंदर अंदर, के दरमयान

मज़ामीन ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो लफ़्ज़ों के साथ इस्तिमाल किया जाता है इस से ज़ाहिर होता है कि स्पीकर इस बात का इशारा करता है कि इस के सुनने वाले को शनाख़्त करने के काबिल होना चाहीए अंग्रेज़ी में ये अलफ़ाज़ हैं "एक", एक, अलफ़ाज़ u> th/and; either/or; neither/nor; not only/but also. More information about these can be found on Connecting Words.

मज़ामीन ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो लफ़्ज़ों की वज़ाहत करते हैं और इस तरह की चीज़ें मिक़दार, साइज़, रंग और उम्र के तौर पर बयान करते हैं कुछ मिसालें हैं बहुत, बड़े, नीले, पुराने, होशयार, थकावट कभी कभी लोगों को किसी चीज़ के बारे में कुछ मालूमात फ़राहम करने के लिएadjectives का इस्तिमाल करते हैं, और कभी कभी लोग उनको इस्तिमाल करते हैं कि एक चीज़ किसी दूसरे से मुख़्तलिफ़ हो मिसाल के तौर पर, में अपने बुज़ुर्ग फिया ).

ऐडवर्डज़ ऐसे अलफ़ाज़ हैं जिनमें फे़अल याadjectives बयान करते हैं और ऐसी बातें बताएं कि किस तरह, जब, कहाँ, क्यों, और किस हद तक बहुत से अंग्रेज़ी हदीसें u> ly मैं ख़त्म होते हैं ऐडवर्डज़ के कुछ मिसालें आहिस्ता-आहिस्ता, बाद में, दूर, जान-बूझ कर, बहुत


क़बज़ा

This section answers the following question: क़बज़ा क्या है और में उन जुमलों का तर्जुमा कैसे कर सकता हूं जिस में ये हो?

तफ़सील

आम अंग्रेज़ी में, "क़बज़ा किसी चीज़ को, या किसी शख़्स को जो कुछ है इस से मुराद है अंग्रेज़ी में कि />के / u>، याapostrophe और ख़त u>के साथ, या एक ज़ातीpronoun के साथ जुग़राफ़ियाई ताल्लुक़ात दिखाया गया है

मेरे घर दादा / u>

  • मेरे दादा<य घर
  • इस / u>घर

एक मुख़्तलिफ़ किस्म के हालात के लिए इब्रानी, यूनानी, और अंग्रेज़ी में इस्तिमाल किया जाता है यहां कुछ आम हालात हैं जो उस के लिए इस्तिमाल किया जाता है

मालिकियत किसी को मालिक का मालिक है

  • मेरे कपड़े मेरे कपड़े
  • समाजी ताल्लुक़ात किसी के साथ कोई किस्म का समाजी ताल्लुक़ है
  • मेरी वालिदा जो औरत ने मुझे जन्म दिया है, या औरत जिसने मेरे लिए परवाह की है
  • मेरे उस्ताद जो शख़्स मुझे सिखाता है
  • फ़हरिस्त कुछ इस में कुछ है
  • एक बैग आलू एक बैग जिसमें आलू है, या एक बैग जो आलू से भरा हुआ है
  • हिस्सा और पूरी एक चीज़ एक दूसरे का हिस्सा है
  • मेरा सर मेरा जिस्म मेरा हिस्सा है
  • एक घर की छत छत जो घर का हिस्सा है

वजूहात ये तर्जुमा का मसला है

  • मित्र जमीन के दो नज़रियात के दरमयान ताल्लुक़ात को समझने की ज़रूरत होती है जो दो इस्माईलों की नुमाइंदगी करता है जब एक दूसरे का ताल्लुक़ है
  • कुछ ज़बान क़बज़े के तमाम इस्तिमाल के लिए इस्तिमाल नहीं करते हैं कि आपके ज़रीया मतन बाइबल उस के लिए इस्तिमाल कर सकते हैं

बाइबल की मिसाल

जे़ल में मिसाल के तौर पर, बेटे पैसे की मिल्कियत है

... छोटा बेटा .. भूक लातादाद ज़िंदा रहने के साथ u>इस के पैसा ज़ाए कर दिया / u>. (लूका15:13)

सोशल रिश्ता - मिसाल के तौर पर जे़ल में, शागिर्द जान थे जिन्हों ने जान से जान लिया

फिर u>जान के शागिर्द / u>इस के पास आए .. ((मति9: 14 यू उल्टी

मवाद - जे़ल में मिसाल के तौर पर, ताज बनाने के लिए इस्तिमाल होने वाला मवाद सोने था

उनके सर पर कुछ सोने की ताज थे (यूहना9: 7) जो भी आपको देता है u>एक कप पानी / u>पीने के लिए .. इस का अज्र ज़ाए नहीं होगा (मार्क9:41 यू उल्टी

पूरे हिस्सा - नीचे मिसाल के तौर पर, दरवाज़े महल का हिस्सा था

लेकिन अयाह बादशाह के महल के दरवाज़े पर सो गया / u> (2 समोयल11: 9 यू उल्टी

पूरे हिस्सा - नीचे मिसाल के तौर पर, दरवाज़े महल का हिस्सा था

लेकिन अयाह बादशाह के महल के दरवाज़े पर सो गया / u> (2 समोयल11: 9 यू उल्टी

एक गिरोह का हिस्सा - जे़ल में, "हम पूरे गिरोह का हवाला देते हैं और "हर एक इन्फ़िरादी अरकान को इशारा करता है

आप<हम हर एक / u>को तोहफ़ा दिया गया है (एफसियों4: 7 यू उल्टी

तक़रीबात और पोज़ीशन

बाज़-औक़ात दोनों लफ़्ज़ों का ख़ुलासा इख़तताम है जिसमें एक वाक़िया या अमल होता है मुंदरजा ज़ैल मिसालों में, ख़ुलासा लफ़्ज़ * bold प्रिंट में हैं ये सिर्फ़ ऐसे ताल्लुक़ात में से कुछ हैं जिनमें दो इस्माईलों के दरमयान मुम्किन है जब उनमें से किसी एक वाक़े से मुराद हो

मज़मून - कभी कभी "के के बाद लफ़्ज़ जो पहले नाम से नामज़द अमल करेगा कहता है मिसाल के तौर पर, u>जान ने लोगों को बपतिस्मा दिया / u>.

बपतिस्मा की जान / u>، क्या ये आसमान से या मर्दों से था? जवाब दो "(मर्कूज़11:30)

मिसाल के तौर पर, u>मसीह हमसे मुहब्बत करता है / u>.

हमें कौन से अलैहदा करेंगे<यसवा की * मुहब्बत * ؟(रोमीयों3:35)

आब्जेक्ट - बाज़-औक़ात लफ़्ज़ "के के बाद जो शख़्स बताता है या जो कुछ होगा मिसाल के तौर पर, u>लोग पैसे से प्यार करते हैं / u>.

के लिए u> पैसे की मुहब्बत / u>हर किस्म के बुरे की जड़ है (1 तेमथीसि6:10 यू उल्टी

आले - कभी कभी "के के बाद लफ़्ज़ बताता है कि कुछ कैसे होगा मिसाल के तौर पर, ख़ुदा दुश्मनों को तलवारों के साथ उन पर हमला करने के लिए लोगों को सज़ा देगा

फिर तलवार से डरते रहो क्योंकि ग़ज़ब<तुलू तलवार / u> (मुलाज़मत19:29 यू उल्टी

नुमाइंदगी - जे़ल में, यूहना ने लोगों को बपतिस्मा दिया था जो उनके गुनाहों की तौबा कर रहे थे वो बपतिस्मा देने के लिए थे कि वो तौबा कर रहे थे उनके बपतिस्मा ने उनकी तौबा की नुमाइंदगी की थी

जैसा कि जान आया, वो बाबुल में बपतिस्मा देने वाला था और गुनाहों की बख़शिश के लिए u>एक * बपतिस्मा * तौबा की / u>की तब्लीग़ कर रहा था (मार्क1: 4 यू उल्टी

दो संतों के दरमयान ताल्लुक़ किया सीखने के लिए हिक्मत-ए-अमली

  1. इर्द-गिर्द आयात को पढ़ने के ले-ए-देखें कि अगर आप दोनों सौमों के दरमयान ताल्लुक़ात को समझने में मदद करते हैं तो
  2. UST मैं आयत पढ़ें कभी कभी ये ताल्लुक़ात वाज़िह तौर पर ज़ाहिर करता है
  3. मुलाहिज़ा करें कि इस के बारे में क्या नोट हैं

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर क़बज़े में दो इस्माईलों के दरमयान एक ख़ास ताल्लुक़ ज़ाहिर करने का एक क़ुदरती तरीक़ा होगा तो इस का इस्तिमाल करें अगर ये समझने के लिए अजीब या मुश्किल होगा, तो उन पर ग़ौर करें

  1. एक ख़ासीयत का इस्तिमाल करने के लिए इस्तिमाल करें कि ये एक बयान करे
  2. एक फे़अल का इस्तिमाल करें कि वो किस तरह दो से मुताल्लिक़ हैं
  3. अगर एक असैंबली में एक वाक़िया का ज़िक्र होता है, तो उसे फे़अल के तौर पर तर्जुमा करें

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. एक ख़ासीयत का इस्तिमाल करने के लिए इस्तिमाल करें कि ये एक बयान करे जे़ल में सिफ़त बोल्ड प्रिंट में है
  • उनके सर पर कुछ सोने की ताज थे / u> (मुकाशफ़ा9: 7)
  • "उनके सर पर u> सोने ताज / u>"
  1. एक फे़अल का इस्तिमाल करें कि वो किस तरह दो से मुताल्लिक़ हैं जे़ल में मिसाल में, इज़ाफ़ी फे़अल बोल्ड में है
  • ... जो भी आपको<यू एक पानी का पानी देता है उसे पीने के लिए .. इस का अज्र ज़ाए नहीं होगा (मार्क9:41 यू उल्टी
  • ... जो भी आपको देता है u>एक कप है कि * इस में पानी है / u>पीने के लिए .. इस का अज्र खू नहीं करेगा
  • ग़रीब का दिन / u> पर ग़ैर महिदूद है (इमसाल11: 4 यू उल्टी
  • दौलत इस क़दर बेरोज़गारी है कि जिस दिन ख़ुदा अपने ग़ज़ब से ज़ाहिर होता है
  • दौलत पर बेरोज़गारी बेरोज़गारी है जब ख़ुदा * इस के ग़ज़ब के सबब * लोगों को सज़ा देता है
  1. अगर एक असैंबली में एक वाक़िया का ज़िक्र होता है, तो उसे फे़अल के तौर पर तर्जुमा करें जे़ल में मिसाल के तौर पर, ये फे़अल बोल्ड में है
  • याद रखें कि मैं आपके बच्चों से बात नहीं कर रहा हूँ, जो आपके ख़ुदा के ख़ुदा की सज़ा नहीं जानता या नहीं देखा है (Deuteronomy 11: 2 ULT)
  • याद रखें कि मैं अपने बच्चों से बात नहीं कर रहा हूँ जो नहीं जानता या नहीं देखा u>आपके ख़ुदा की किस तरह * सज़ा दी * मिस्र के लोगों
  • आप सिर्फ शैतानों की सज़ा देखेंगे और देखेंगे (ज़बूर91: 8 यू उल्टी
  • आप सिर्फ मुशाहिदा करेंगे और देखेंगे कि यहूवाह ख़ुदा की शरीयत * किस तरह सज़ा देता है
  • ... आपको रूहुल-क़ुदुस की तोहफ़ा / u>मिल जाएगा (आमाल2:38 यू उल्टी
  • ... आपको रूहुल-क़ुदुस मिलेगा, जिसे ख़ुदा करेगा आपको दे

फे़अल

This section answers the following question: फे़अल क्या हैं और उनके साथ किया चीज़ें मुंसलिक हैं ?

तफ़सील

फे़अल ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो एक कार्रवाई या वाक्य का हवाला देते हैं या चीज़ों की वज़ाहत या शनाख़्त में इस्तिमाल होते हैं

मिसालें फे़अल की मिसाले मुंदरजा ज़ैल हैं

  • जॉन <यु> भगा </यु> ( दौड़ना एक करवाई है )
  • जॉन ने केला <यु> खाया <यु> ( खाना एक करवाई है )
  • जॉन ने मार्क को <यु> देखा <यु> (देखन एक करवाई है I
  • जान u> मर गया ("मर एक वाक़िया है. )
  • जॉन लम्बे <यु> है <यु> ( लम्बा जोन के बारे में बता रहा है I यहाँ “ है “ एक फियल है जो जॉन को लम्बाई से जोड़ता है I
  • जॉन खुबसूरत <यु> लग <यु> रहा है I ( जुमला खुबसूरत जॉन के बारे में बता है जबकि “लग रहा है “ एक फियल है जो की जॉन और हन्द्सोमे को जोड़ता है “)
  • जॉन <यु> मेरा <यु> भाई है I ( जुमला “ मेरा भाई है “ झोन को पहचान देता है )

फियल से जुड़े लोग और चीज़ें

एक फे़अल आम तौर पर किसी और चीज़ के बारे में कुछ कहते हैं मुंदरजा बाला सब मिसाल के तौर पर जान जान जान के बारे में कुछ कहते हैं "जान इन जुमले का * मौज़ू * है अंग्रेज़ी में आम तौर पर फे़अल से पहले क़बल आता है I

कभी कभी फे़अल के साथ मुंसलिक किसी दूसरे शख़्स या चीज़ मौजूद होता है I मुंदरजा ज़ैल मिसाल में, ज़ेर अलतवा लफ़्ज़ फे़अल है, और बोल्ड प्रिंट में फ़िक़रा * एतराज़ * है अंग्रेज़ी में आम तौर पर फे़अल के बाद शय आता है I

  • उसने लंच <यु> खा <यु> लिया .
  • उसने गाना <यु>गया </यु>
  • उसने किताब </यु> पढ़ी <यु>
  • उसने किताब <यु> देखि <यु>

कुछ फियल के पास कोई शय नहीं होता है

  • सूरज छह बजे <यु>उग <यु>जाता है I
  • जॉन अच्छे से <यु> सोया <यु>
  • कल जॉन <यु> गिर गया *

अंग्रेजी के बहुत फायल के लिए , शय को छोड़ देना एक आम बात है , बशर्ते जुमले में शय बहुत लाज़मी ना हो

  • वो रात को कभी नहीं <यु> खता <यु> है
  • वो हर समय <यु> गता <यु> है
  • वो अच्छा <यु> पड़ता <यु> है
  • वो तुम्हे <यु> देख <यु> नहीं सकता है I

कुछ लफ़्ज़ों में एक फायल को हमेशा शय की जरूरत होती है , तब हमेशा एक ले चाहे वो बहुत जरूरी ही क्यों ना हो I जो लोग वो जबान बोलते हैं शायद वो जुमले को इस तरीके से बयां करेंगे

  • वो रात को इ खाना कभी खाना नहीं <यु> खता <यु> है
  • वो हर समय गाना <यु> गाता <यु> है
  • वो लफ़्ज़ों को बहुत अच्छे तरीके से <यु> पड़ता <यु> है
  • वो कुछ नहीं <यु>देख <यु> सकता है I

मुजो और शय की फियल पे

कुछ ज़बानों में, फे़अल इस से मुंसलिक अफ़राद या चीज़ों पर मुनहसिर हो सकता है I मिसाल के तौर पर, अंग्रेज़ी बोलने वाले कभी कभी फे़अल के आख़िर में "य डालते हैं I जब मज़मून सिर्फ एक शख़्स है फे़अल की निशानदेही करने वाली दीगर ज़बानों में ये ज़ाहिर होता है कि ये मज़मून "में, "आप, या "वो है वाहिद, दोहरी, या कसीर; मर्द या औरत, या इन्सानी या ग़ैर इन्सानी है I

  • वो हर दिन केले _ खाते _ है ( मुजो “ वो “ एक से ज्यादा लोगों के बारे में बात कर रहा है )
  • जॉन हर रोज केले _ खता _ है ( जॉन मुजो एक आदमी है )

वक़्त और फाल का ज़मना

जब हम किसी वाक्य के बारे में बताते हैं तो, हम आम तौर पर ये बताते हैं कि ये माज़ी, मौजूदा, या मुस्तक़बिल में है I कभी कभी हम उसे "कल, "अब, या "कल जैसे अलफ़ाज़ के साथ कहते हैं I

कुछ ज़बानों में फे़अल इस से मुंसलिक वक़्त पर मुनहसिर है एक फे़अल पर इस तरह की निशान ज़िद * कशीदगी * कहा जाता है जब तक़रीर माज़ी में हुआ तो अंग्रेज़ी बोलने वालों ने कभी "फे़अल के साथ “एड “ इख़तताम पर डाल देते हैं I

  • कभी कभी मरियम खाने मैं गोश <यु> पकती <यु> है I
  • कल मरियम नगोश्त <यु> पकाया <यु> था ( उसने ये काम माजी में किये है )

कुछ ज़बानों में बोलने वाले को इस वक़्त कुछ अलफ़ाज़ बताने के लिए एक लफ़्ज़ शामिल हो सकता है I जब फे़अल मुस्तक़बिल में कुछ इशारा करता है तो अंग्रेज़ी बोलने वाले लफ़्ज़ "विल का इस्तिमाल करते हैं I

  • कल मरियम ने गोश्त <यु> पकाया <यु> था I

पहलू

जब हम किसी वाक्य के बारे में बताते हैं तो, कभी कभी हम ये बताना चाहते हैं कि इस अर्से से वाक्य किस तरह पेश-रफ़्त हुई है, या वो वाक़े किसी दूसरी वाकये से कैसे मुताल्लिक़ है I ये * पहलू * है अंग्रेज़ी बोलने वाले कभी कभी फे़अल के इख़तताम पर फे़अल "है या "है और "य "ing،" या ed" का इस्तिमाल करते हैं ताकि ये बताएं कि ये वाक़िया किसी दूसरी ईवंट से मुताल्लिक़ या मौजूदा वक़्त से मुताल्लिक़ है I

  • मैरी हर रोज़ गोश्त <यु>पकती <यु> है ( यह उन चीज़ों के बारे में बता है जो मैरी अक्सर करती है I
  • मैरी गोश्त <यु> पका <यु> रही है I ( यह उन चीज़ों के बारें में बता है जो की मैरी अभी कर रही है)
  • मैरी ने गोश्त <यु>पकाया<यु> और जॉन उसे खाने आया ( ये बता रहा है की मर्री और जॉन ने क्या किया

?)

  • जब मैरी गोश्त <यु> पका </यु> रही थी जॉन घर आया ( ये बता है की मैरी क्या कर रही थी जब जॉन घर आया )
  • मैरी * ने गोश्त पकाया और वो चाहती थी की हम उसे खाएं ( ये बता है की मैरी ने कुछ किया जो अब अभी जरूरी है )
  • मैरी ने गोश्त <यु>पकाया <यु>था जब मार्क घर आया ( ये बतात है की मैरी अपना काम पूरा कर चुकी थी )

जब मज़कूरा अलफ़ाज़ ख़वातीन में शामिल हो

This section answers the following question: मैं किस तरह "भाई या "वो का तर्जुमा कर सकता हूँ जब ये मर्द या औरत दोनों का हवाला दे रहे हो I

बाइबल के कुछ हिस्सों में, "मर्दों", "भाई और "बेटों “अलफ़ाज़ सिर्फ़ मर्दों के हवाले से हैं I बाइबल के दीगर हिस्सों में, इन अलफ़ाज़ में मर्द और औरत दोनों शामिल हैं I जब मुसन्निफ़ मर्द और औरत दोनों बोलना चाहता है तो, तर्जुमान को इस तरह से तर्जुमा करने की ज़रूरत होती है जो मर्दों के मअनी को , सिर्फ आदमी तक ,महिदूद ना करे I

तफ़सील

कुछ ज़बानों में , एक लफ्ज़ अगर मर्दों के लिए इस्तिअमल होता है तोह वही लफ्ज़ मर्द और औरतों के लिए भी इस्तिअमल हो सकता है I जैसे की बाइबिल में कई जगह <यु> “ भाई “<यु>शब्द का इस्तेमाल है , यहाँ इसका मतलब “ भाई और बहिन दोनों है I

कुछ जबान में , मज़कूरा शख़्सियात "वो और "इन किसी भी शख़्स के लिए ज़्यादा आम तरीक़े से इस्तिमाल की जा सकती हैं, गर ये बताना ज़रूरी नहीं है कि ये शख़्स मर्द या औरत  I जे़ल में मिसाल के तौर पर, इस्म " उसका” है, लेकिन ये मुर्दों तक महिदूद नहीं है I

एक समझदार बच्चा <यु> उसके <यु> पिता को ख़ुशी देता है I पर एक नासमझ बच्चा <यु>अपनी<यु> मा के लिए दुःख लता है I (इमसाल10: 1 यू एल टी )

इसके एक तर्जुमा का मसला होने की वजह

  • कुछ सक़ाफ़्तों में अलफ़ाज़ जैसे "इन्सान, "भाई, और "बेटा सिर्फ मर्दों के हवाले से इस्तिमाल किया जा सकता है I अगर उन लफ़्ज़ों को, आम , तर्जुमा में इस्तमाल किया जाता है , तो लोग ये सोचेंगे की जो कहा गया है वो खातुनो पे लागू नहीं होता है I
  • कुछ सक़ाफ़्तों मैं, मज़कूरा इस्म : वो “ और “उसका “ सिर्फ मर्दों का हवाला देता है Iअगर एक मज़कूर इस्म का इस्तिमाल किया जाता है , तो लोग ये सोचेंगे की जो कहा गया है वो खातुनो पे लागू नहीं होता है I

तर्जुमा के उसूल

जब एक बयान मर्द और औरतों पर होता है, तो इस तरह तर्जुमा करें कि लोग समझ सकेंगे कि ये दोनों पर लागू होता है I

बाइबल की मिसाल

<यु> भाई <यु> हम चाहते की आप चर्च ऑफ़ मसिदोनिया को दिए खुदा की नेमत के बारे में जाने (2 कोरिन्थिंस 8 :1 यू एल टी )

इस आयात में कोरिंथ को मानने वालों लोगों को ख़िताब किया गया है , सिर्फ “ मर्दों “ को नहीं बल्कि “ मर्दों और औरतों को “

तब जीसस ने अपने शागिर्दों से कहा ,” अगर कोई मेरे राह पे चलना चाहता है तो <यु> उसे <यु> खुद को भूलना होगा , <यु> उसका <यु> क्रॉस उठाना होगा और मेरे पीछे चलना होगा .” ( मथ्यु 16 :24 -26 यू एल टी )

यसवा सिर्फ़ मर्दों की बात नहीं कर रहा था बल्कि * मर्दों और औरतों दोनों के बारे में बोल रहा था I

एहतियात कभी कभी मअरदाना अलफ़ाज़ खासतौर पर मर्दों का हवाला देते हैं I ऐसे लफ़्ज़ों का इस्तेमाल ना करें जिसे लोगों को लगे की खातून इसमें शामिल नहीं है I नीचे ख़त खीचें गए अलफ़ाज़ सिर्फ मर्दों के लिए है I

मोसेस ने कहा , अगर कोई <यु>आदमी <यु>मर जाता है , जिसके कोई बच्चे नहीं थे , तो <यु> उसके <यु> भाई को पत्नी के साथ शादी कर लीनी <यु>चाहिए <यु> , और <यु>उसके<यु> भाई<यु> के लिए बच्चे करने चाहिए I ( मार्क 22:24 यू एल टी )

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर लोग समझ लेंगे कि मरदाना अलफ़ाज़ जैसे "इन्सान, "भाई, और "वो मैं ख़वातीन शामिल हो सकती हैं तो फिर उनका इस्तिमाल करेंI दूसरी सूरत में, यहां इन अलफ़ाज़ को तर्जुमा करने के लिए कुछ तरीक़े हैं जो ख़वातीन को शामिल करते हैं

  1. एक इस्म का इस्तेमाल कीजिये जो मर्द और औरत दोनों के लिए इस्तिमाल किया जा सकता है
  2. एक ऐसे लफ़्ज़ का इस्तिमाल करें जो मर्दों और औरतों से मुराद हो
  3. मर्दों और औरतों के लिए इस्तिमाल किया जा सकता ज़मीर वन इस्तिमाल करें

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. नारैणों का इस्तिमाल करें जो मर्द और औरत दोनों के लिए इस्तिमाल किया जा सकता है
  • बेवक़ूफ़ / u> जैसे ही अक्लमंद आदमी भी मर जाता है (कलीसिया2:16 यू एल टी )
  • "अक्लमंद <यु> शख़्स <यु>व्वासे ही मर जाता है जैसे की बेवकूफ शख्स I
  • “"अक्लमंद <यु> लोग <यु> वैसे ही मर जाते है जैसे की बेवकूफ शख्स मरते है .”
  1. ऐसे लफ्ज़ का इस्तमाल करें जो की मर्द और औरत से मुराद हो
  • हम नहीं चाहते की आप नावाकिफ रहे , <यु> भाई <यु> एशिया में हमें जो मुश्कालत हुई है . (2 कोरिन्थिंस 1:8 ) – पॉल ये ख़त मर्द और खातून दोनों को लिख रहा है I
  • हम नहीं चाहते की आप नावाकिफ रहे , <यु> भाईयों और बहनों <यु> एशिया में हमें जो मुश्कालत हुई है . (2 कोरिन्थिंस 1:8 )
  1. ऐसे इस्म का इस्तेमाल करें जो की मर्दों और औरतों के लिए इस्तिमाल किया जा सकता है I
  • अगर कोई मेरी रह पैर चलना चाहता है , तो वो अपने आपको इनकार करे, अपने क्रास को लेकर मेरा पैरोकार करें (मथ्यु 16:24 यू एल टी ) - अंग्रेज़ी बोलने वाले , मर्दानी वाहिद इस्म , जैसे की “वो “,” उसका “ उसने “ जमा इस्म में बदल सकते है , जो की जींस के बारे में नहीं बताती है I “ वो “ “ उन्होंने “ उनका “ को यह बताने के लिए इस्तमाल करे की की वो सबके लिए इस्तमा किये जा सकए है I
  • ” अगर <यु> लोग <यु> मेरी राह पे चलना चाहते है , <यु> उन्हें <यु> अपने आपको <यु> चोदना होगा , अपना क्रॉस लेन्ना होगा और मेरे पीछे चलना होगा .”

अलफाज़ की तरतीब

This section answers the following question: "अलफाज़ की तरतीब"का मतलब क्या है?

तफ़सील

ज़्यादा से ज़्यादा ज़बानों में एक जुमला के हिस्सों का हुक्म देने का एक आम तरीक़ा है ये तमाम ज़बानों में एक ही नहीं है मित्र जमीन को ये जानना ज़रूरी है कि उनकी ज़बान में आम लफ़्ज़ आर्डर किया है

एक सज़ा के अहम हिस्से

सबसे ज़्यादा सज़ाएं तीन बुनियादी अहम हिस्सों हैं मौज़ू, एतराज़, और फे़अल मज़ामीन और इश्याय आम तौर पर लफ़्ज़ों (यानी एक शख़्स, जगह, चीज़, या ख़्याल हैं या ज़मीर फे़अल कार्रवाई या किसी की हैसियत ज़ाहिर करती है

मज़मून

मौज़ू आम तौर पर किया है जिसकी सज़ा है ये आम तौर पर कुछ अमल अंजाम देता है या बयान किया जा रहा है एक मज़मून * फ़आल * हो सकता है; ऐसा कुछ करता है जैसे गाना, या काम, या सिखाया जाता है

  • पीटर / u>गाना ठीक है

एक मौज़ू हो सकता है इस के साथ कुछ क्या हो

  • पीटर / u>अच्छा खाना खिलाया गया था

एक मौज़ू बयान की जा सकती है या ये * रियासत में * हो सकता है, जैसे ख़ुशी, उदास, या नाराज़ होने वाला

  • वो / u>क़द है
  • लड़का / u>ख़ुश है

आब्जेक्ट

एतराज़ अक्सर ये है कि इस मौज़ू को कुछ करना है

  • पीटर मारा u>गेंद / u>.
  • पतरस u>एक किताब / u>पढ़ता है
  • पतरस ने u>गाना / u>ठीक है
  • पीटर खाया u>अच्छा खाना / u>.

कलाम

फे़अल एक कार्रवाई या एक रियासत ज़ाहिर करता है

  • पतरस u> sings गाना ठीक है
  • पीटर u>गाना है / u>.
  • पीटर u>है / u>क़द

पसंदीदा वर्ड आर्डर

तमाम ज़बानों में एक पसंदीदा लफ़्ज़ आर्डर है मुंदरजा ज़ैल मिसालें कुछ ज़बानों के लिए "पीटर हट गेंद मैं मौज़ू, एतराज़, और फे़अल का हुक्म दिखाता है कुछ ज़बानों में, जैसे अंग्रेज़ी के तौर पर, आर्डर मज़ामीन की ज़बानी आब्जेक्ट है

  • पीटर ने गेंद को मारा

कुछ ज़बानों में आर्डर मौज़ू-आबादी-फे़अल है

  • पीटर गेंद को मारा

कुछ ज़बानों में आर्डर फे़अल-मौज़ू-आब्जेक्ट है

  • पीटर गेंद को मार डालो

कलाम आर्डर में तबदीलीयां

लफ़्ज़ का आर्डर अगर ये फ़ैसला कर सकता है तो

  • एक सवाल या कमांड है

एक रियासत की वज़ाहत करता है (वो ख़ुश है वो क़द है. शर्त बयान करता है, जैसे लफ़्ज़ "अगर एक जगह है

  • एक वक़्त अंसर है
  • एक नज़म में है

लफ़्ज़ आर्डर भी बदल सकता है

  • अगर जुर्म के किसी मख़सूस हिस्से पर किसी किस्म की ज़ोर मौजूद है तो
  • अगर सज़ा वाक़ई मौज़ू के सिवा किसी चीज़ के बारे में है

तर्जुमा के उसूल

  • जानें कि आपकी ज़बान में कौनसी लफ़्ज़ आर्डर पसंद है
  • अपनी ज़बान की तरजीही लफ़्ज़ आर्डर का इस्तिमाल करें जब तक कि आपकी ज़बान में किसी वजह से उसे तबदील करने की कोई वजह नहीं है
  • इस जुमले का तर्जुमा करें ताकि मअनी दरुस्त और वाज़िह हो और इस से ये क़ुदरती लगीं

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प्रोनाॅन्स

This section answers the following question: प्रोनाॅन्स क्या है और कुछ ज़बानें में किस तरह के प्रोनाॅन्स होते है?

तफ़सील

प्रोनाॅन्सवोअलफ़ाज़ हैं जो लोग एक सदी के किसी जगह या किसी चीज़ का हवाला देते हैं कुछ मिसालें हैं, आप, वो, ये, ये, ख़ुद, किसी को pronoun की सबसे आम क़िस्म ज़ाती है

ज़ाती मज़कूरा

ज़ाती ज़मीमा लोगों या चीज़ों से इशारा करते हैं और ज़ाहिर करते हैं कि अगर स्पीकर अपने आपसे इशारा करता है, वो शख़्स जो बात कर रहा है, या किसी या किसी और चीज़ से मुंदरजा ज़ैल किस्म के मालूमात हैं जो ज़ाती ज़मीर को दे सकते हैं दीगर किस्म के ज़मीमा इस मालूमात में से कुछ भी दे सकते हैं

शख़्स

  • पहला शख़्स स्पीकर और मुम्किना तौर पर दूसरों (में, हम
  • ख़ुसूसी और शामिल करदा "हम"
  • दूसरा शख़्स वो शख़्स या जो शख़्स स्पीकर बात कर रहा है और मुम्किना तौर पर दूसरों को (आप

आपके फ़ार्म

  • तीसरी शख़्स स्पीकर के इलावा किसी को या कुछ और जो वो बात कर रहा है (वो, वो, वो, वो

नंबर

सिनफ़

  • मुज़क्कर वो
  • Feminine - वो
  • नेचुरटर ये

सज़ा में दूसरे अलफ़ाज़ से ताल्लुक़

  • फे़अल का मौज़ू मैं, तुम, वो, वो, ये, हम, वो
  • फे़अल या तास्सुब का मक़सद मुझे, आप, इस, एस, ये, हम, एन
  • एक शनाख़्त के साथ मालिक मेरा, आप, इस, एस, एस, हमारे, उनके
  • किसी शैय के बग़ैर मालिक मेरा, तुम्हारा, एस, एस, एस, हमारे, उनके

ज़मीर की दीगर इक़साम

रीफ़रेजवीटPronouns एक ही लफ़्ज़ में दूसरे संत या ज़मीर का हवाला देते हैं ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद

  • जान ने देखा u>ख़ुद / u>आईने में - "ख़ुद लफ़्ज़ जान से मुराद है

तहक़ीक़ातीPronouns एक सवाल बनाने के लिए इस्तिमाल किया जाता है जो एक जवाब के लिए सिर्फ एक या ज़्यादा से ज़्यादा की ज़रूरत है कौन, जन, जन, कहाँ, कहाँ, जब, क्यों, क्यों

  • ** कौन / u>घर बनाया?**

रिश्तेदारPronouns एक रिश्तेदार शक़ को निशान ज़िद करें उन्होंने सज़ा के अहम हिस्से में एक लफ़्ज़ के बारे में मज़ीद कहा जो, कौन, कौन, कहाँ, कहाँ, जब

  • मैंने इस घर को देखा जिसमें जान बनाया गया था इस शक़ का मतलब जिसने जान बनाया था कि जिस घर मैंने देखा था
  • मैंने देखा जिस आदमी ने घर बना दिया इस शक़ का जो घर बनाया गया है वो बताता है जिसे मैंने देखा था

मुज़ाहरा नाPronouns किसी को या कुछ पर तवज्जा देना और स्पीकर या कुछ और से फ़ासिला ज़ाहिर करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है ये, ये, वो

  • क्या आपने देखा u>इस / u>यहां?
  • वहां u>वो कौन है?

ग़ैर वाज़िह ज़मीमा इस्तिमाल किया जाता है जब कोई ख़ास संजीदा नहीं है किसी, किसी, किसी, किसी चीज़, कुछ-कुछ, कभी कभी ज़ाती ज़मीमा ये करने के लिए आम तरीक़े से इस्तिमाल किया जाता है आप, वो, वो या ये

  • वो u>किसी को / u>से बात नहीं करना चाहता
  • ** किसी को / u>मुक़र्रर किया है, लेकिन में नहीं जानता कौन**
  • ** वो / u>कहते हैं कि u>आप / u>एक नींद कुत्ते नहीं जीना चाहीए**

आख़िरी मिसाल में, "वो और "आप सिर्फ आम तौर पर लोगों का हवाला देते हैं


पहला , दुसरा या तीसरा शख्श

This section answers the following question: पहला, दूसरा और तीसरा शख़्स क्या है ? और में तीसरे सख्श में तर्जुमा कैसे करू अगर फॉर्म तीसरे सख्श में ना हो I

अक्सर , बोलने वाला खुद को “मैं “ कहता है और सुनने वाले को “ तुम “ कहता है I कभी कभी बाइबिल में , बोलने वाला सख्श खुद को या सुनने वाले सख्श को में या तुम कहता है I

तफसील

  • पहला शख़्स - तरकिक करने वाले खुद का, ज्यादातर ,ऐसे ही हवाल देता है I अंग्रेजी में , इसमें ज़मीर “ मैं “ और “ हम “ का इस्तेमाल होता है ( इस के इलावा मुझे, मेरा, मेरा, हम, हमारे, हमारे )
  • दूसरा शख़्स - एक तक्रीकर इस तरीके से लोगों या शख्स की मिसाल देता है I अंग्रेजी , “ तुम “ इसमें ज़मीर इस्तेमाल करती है . (इस के इलावा आप आपका )
  • तीसरी शख़्स - एक तक्रीकर इस तरीके से किसी और की बात करता है I अंग्रेज़ी का लफ़्ज़ "वो, "वो, "ये और "वो का इस्तिमाल करता है I (इस के इलावा उसका , उसकी , उसके “लिए ) नाउन फ्रसेस जैसे की “ आदमी “ या “औरत “ तीसरे शक्श है I

इसके तर्जुमा मसला होने की वजह

कभी कभी बाइबिल में एक तक़रीर करने वाला , तीसरे शक्श की बात करता है , तो वह अपने आपसे या लोगों से ख़िताब करता रहता है I क़ारईन ये सोच सकते हैं कि तक़रीर करने वाला किसी और की से बात कर रहा था I वो शायद ये नहीं समझ सकते है की उसका मतलब “ में “ या “ आप “ है

बाइबल की मिसाल

कभी कभी लोग,अपने आप का खिताब करने के लिए , “ में “ या “आप “ की जगह , तीसरे शख्स का इस्तेमाल करते है I

पर डेविड ने शाऊल से कहा ,” <यु> तुम्हारा खदीम <यु> उसके <यु> असीमें आबा के भेड़ रखा करता था ((1 समोयल17:34 यू एल टी ))

डेविड अपने आक को तीसरे शख्स की तरह खिताब करता है जैसे” तुम्हारा खादीम “ . वो अपने आप को शाऊल का खादीम बता रहा था , जिससे वो सौ के लिए अपनी आजाजी देखा सके I

तब ख़ुदावंद ने अय्यूब को सख़्त तूफ़ान के साथ जवाब दिया और कहा "... क्या आपकी बाज़ू, <यु> ख़ुदा <यु> की तरह है? क्या आप अपनी आवाज़ के साथ , <यु> उसकी <यु> तरह गरज सकते है सकते हैं? (मुलाज़मत40: 6، 9 यू एल टी )

ख़ुदा ने ख़ुद को , “खुदा का “ और “इसका “ जैसे लफ़्ज़ों के साथ "तीसरे शख़्स के तौर पे दीखाया है . ऐसा उसने इस पर-ज़ोर देने के लिए किया है की वो ख़ुदा है, और वो ताक़तवर है I

कभी कभी लोग दूसरों से बात करने के लिए "आप या "आप के बजाय तीसरे शख़्स का इस्तिमाल करते हैं इबराहीम ने जवाब दिया , "देखो अपने <यु> खुदा <यु> से बात करने के लिए मैंने क्या किया , जबकि मैं सिर्फ धुल और राख (पैदाइश18:27 यू एल टी )

इबराहीम खुदा से बात कर रहा था और खुदा को तुम कहने की जगह ए खुदा कह रहा था I ऐसा उसने अपनी अजाजी देखने के लिए की I

अगर आप दोनों में से हर एक / u> दिल से भाई को माफ़ नहीं करता ,तो आप मेरे आसमानी वालिद आपके साथ करेंगे (मेथ्यु 18:35 यू एल टी )

“ तुम में से हर किस्सी के कहने के बाद “ जीसस ने “ तुम्हारे “ की जगह तीसरा शख्स , उसका इस्तेमाल किया है I

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर तीसरे शख़्स का मतलब “ मैं “ या “तुम” है तोह यह क़ुदरती होंगे और आपकी ज़बान में सही माअनवी मअनी देंगे I इसको इस्तमाल करने , या ना करने , से मुतलक कुछ और इख़्तयारात भी हैं I

  1. तीसरे शख्स का इस्तमाल , इसमें ज़मीर “ मैं” और “ तुम “ के साथ होता है
  2. तीसरे शख्स की जगह ,पहले शख्स के लिए “ मैं “ और दुसरे शख्स के लिए “ तुम” का इस्तमाल करे I

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

1 इसमें ज़मीर “ में “ और “ तुम “ के साथ तीसरा शख्स इस्तमाल करे

  • पर डेविड ने शाऊल से कहा ,” <यु> तुम्हारा खदीम <यु> उसके <यु> असीमें आबा के भेड़ रखा करता था ((1 समोयल17:34  ))
  • पर डेविड ने शाऊल से कहा ,” <यु> तुम्हारा खदीम <यु> मेरे <यु> असीमें आबा के भेड़ रखा करता था

1 1. तीसरे शख्स की जगह ,पहले शख्स के लिए “ मैं “ और दुसरे शख्स के लिए “ तुम” का इस्तमाल करे I

  • तब ख़ुदावंद ने अय्यूब को सख़्त तूफ़ान के साथ जवाब दिया और कहा"... क्या आपकी बाज़ू, <यु> ख़ुदा <यु> की तरह है? क्या आप अपनी आवाज़ के साथ , <यु> उसकी <यु> तरह गरज सकते है सकते हैं? (मुलाज़मत40: 6، 9 यू एल टी )
  • तब ख़ुदावंद ने अय्यूब को सख़्त तूफ़ान के साथ जवाब दिया और कहा"... क्या आपकी बाज़ू, <यु> मेरी <यु> तरह है? क्या आप अपनी आवाज़ के साथ , <यु> मेरी <यु> तरह गरज सकते हो ?

अगर आप दोनों में से हर एक / u> दिल से मेरे भाई को माफ़ नहीं करता ,तो आप मेरे आसमानी वालिद आपके साथ करेंगे (मेथ्यु 18:35 यू एल टी )

अगर आप दोनों में से हर एक / u> दिल से तुम्हारे भाई को माफ़ नहीं करता ,तो आप मेरे आसमानी वालिद आपके साथ करेंगे (मेथ्यु 18:35 यू एल टी )


ख़ुसूसी और सामाईत "हम

This section answers the following question: ख़ुसूसी और सामाईत "हम क्या होता है

तफसील

कुछ जबानो में “ हम “ को एक से ज्यादा तरीके से बयां किया जाता है , एक सामाईत तरीका होता है जिसका मतलब “ मैं और तुम “ होता है और एक ख़ुसूसीतरीका होता है ,जिसका मतलब , “ में और कोई और होता है “ पर <यु> तुम <यु> नहीं I ख़ुसूसी तरीके में , जिसे बात कही जाती है , उसे शामिल नहीं किया जाता है I जबकि सामाईत तरीके में जिसे कहा गया हो उसे , और ज्यादातर दूसरों को भी शामिल किया जाता है I यह बात “ हम “ , “हमारा “, “हमारे” और “ हमको “ के लिए भी सही है I कुछ जबानो में इन सब के लिए ख़ुसूसी और सामाईत रूप होते है I तर्जुमान , जिसकी जबान में , इन लफ़्ज़ों के ख़ुसूसी और सामाईत रूप अलग अलग होते है , उन्हें ये समझना चहिये की बोलने वाला क्या कह रहा है , जिसेसे वो ये फैसला ले पाएं की कोण सा रूप इस्तेमाल करना है I

तस्वीर देखें I दायीं तरफ के लोग वो है जिस से बोलने वाला बात कर रहा है I पीले रंग से नुमाया , बताते है की कौन सामाईत और कौन ख़ुसूसी है I

इसके तर्जुमा का मसला होने की वजह

बाइबल सबसे पहले इब्रानी, अब्र उम्मा और यूनानी ज़बानों में लिखा गया था I अंग्रेज़ी की तरह, उन ज़बानों में "हम के लिए अलैहदा और इन्फ़िरादी शक्ल नहीं हैं I तर्जुमान जिनकी जबान में "हम की अलैहदा ख़ुसूसी और इन्फ़िरादी शक्ल है I उन्हें समझने की जरूरत है की बोलने वाला क्या कहना चाहता है , उसके हिसाब से वो फैसला करें की कोण सा रूप सही होगा I

बाइबल की मिसाल

उन्होंने कहा , <यु> हमारे पास <यु> पांच रोटी और दो मछलियों के अलावा कुछ भी नहीं है I जबतक <यु> हम <यु> बहार जाके इस भीड़ के लिए कुछ खाना ना लायें I

पहली शक़ में, शागिर्दों ने यसवा को ये कह रहे हैं कि , उनके पास कितना खाना है I

<यु> हमने देखा है , और इस बात के गवाह है , और जो अब्दरी जिंदगी, जो हमारी हमारे आबा ओ आज़ाद के साथ थी , और जिसकी वजाहत हमे फरमाई गयी है,उसे तुम्हारे नाम करने का एलान करते है की <यु> हमें <यु>, उसे अपने ( 1 जॉन 1:२ यू एल टी )

यहाँ जॉन उन लोगो को बता रहा है , जिसने जीसस को नहीं देखा है , की उसने और दुसरे रसूलों ने क्या देखा I

.. चरवाहों ने आपस में कहा , चलो <यु>हमें <यु> बेथलेहम चलना चाहिए , और उन चीज़ों को देखना चाहिए जो हुआ है , और खुदा ने जिसे <यु>हमें <यु> दिखाया है ( लुक 2: 15 यू एल टी )

चरवाहों ने अपस में कहा Iजब वो <यु> हम कह रहे है तो, उन लोगों को भी शामिल कर रहे है जिनसे वो बात कर रहे है –आपस में I

उन दिनों में एक दिन ऐसा हुआ की जीसस और उसके रसूल नाव पे चढ़े , और उसने उनसे कहा , “ चलो <यु> हम <यु> झील के दुसरे किनारे चलते है I ( लुक 8:22 यू एल टी )

जब जीसस ने “ हम “ कहा तो वो अपने आप की और अपने रसूलों की बात कर रहे थे , इसलिए ये एक सामाईत रूप है I


“ तुम के “ रास्मी और गैर रास्मी रूप

This section answers the following question: “ तुम के “ रास्मी और गैर रास्मी रूप क्या है ?

आप ये विडियो देखना पसंद करेंगे http://ufw.io/figs_youform.)

तफसील

कुछ ज़बानें “तुम” के रस्मी शक्ल और " ग़ैर रस्मी शक्ल के दरमयान फ़र्क़  होता है Iये सफ़ा बुनियादी तौर पर लोगों के लिए है जिनकी ज़बान इस फ़र्क़ होता है I

कुछ सक़ाफ़्तों में लोग, दूसरों से बात केरते वक़्त जो की ओहदे में बड़ा हो “ तुम “ को रस्मी तौर पर इस्तिमाल करते हैं , और वो अपने हमउम्र या अपने से छोटे से बात करने के लिए “ तुम “ का गैर रस्मी रूप इस्तेमाल करते हैं I दीगर सक़ाफ़्तों में, लोग " तुम “रस्मी तौर पर इस्तिमाल करते हैं जब अजनबियों या उन लोगों से बात करते हैं जिनसे वो अच्छी तरह से नहीं जानते हो और ग़ैर रस्मी तौर पर इस्तिमाल करते हैं जब ख़ानदान के अरकान और क़रीबी दोस्तों से गुफ़्तगु करते हैं I

वजूहात की ,ये एक तर्जुमा मसला है

  • बाइबल इब्रानी, अरेमिक, और यूनानी में लिखा गया था , इन ज़बानों में "आप के रस्मी और ग़ैर रस्मी शक्ल नहीं हैं I
  • अंग्रेज़ी और बहुत सारे दीगर वसाइल की ज़बानों में "आप के रस्मी और ग़ैर रस्मी शक्ल नहीं हैं
  • तर्जुमान जो ज़बान में एक ज़रीया मतन का इस्तिमाल करते हैं जिसमे "आप के रस्मी और ग़ैर रस्मी शक्ल हैं , उन्हें ये समझना चाहिए की इसे किस शक्ल में इस्तमाल करें I इस ज़बान के क़वानीन मुतर्जिम की ज़बान में क़वाइद जैसे नहीं हो सकते हैं I
  • तर्जुमान को दो तक़रीर करने वालों के बीच का रिश्ता समझने की जरूरत है , ताकि वो सही जबान इस्तमाल कर सके I

तर्जुमा के उसूल

  • तक़रीर करने वाले और शख्स या लोग जिससे वो बात कर रहा है के बीच रिश्ता समझने की जरूरत है I
  • तक़रीर करने वाले का वो जिससे बात कर रहा है उसकी तरफ रवैय्ये को समझें I
  • अपनी ज़बान में उस रूप को मुंतख़ब करें जो इस रिश्ता और रवैय्या के लिए मुनासिब हो I

बाइबल की मिसाल

याह्वेह ख़ुदा ने आदमी को बुलाया और इस से कहा, <यु> " तुम “<यु> कहाँ हो ( जेनेसिस 3:9 यू एल टी )

ख़ुदा इन्सान पर हुकमरान है, इसलिए जिन जबानो में “ तुम” के रस्मी और गैर रस्मी रूप होंगे , वो यहाँ गैर रस्मी रूप का इस्तेमाल करेंगे I

तो यह मुझे सही लग रहा है , <यु> तुम्हारे लिए <यु> सबसे अच्छे थेओफिलुस लिखने के लिए , सब चीज़ों की , शुरू से , अच्छे से तक़रीर की है I मैं चाहता हूँ की , जो चीज़ें तुम्हे सिखाई गयी है तुम उसके यकीनियत को समझो ( लुका 1:3-4 यू एल टी )

लुका ने थियोफीलस को सबसे अच्छा बताया I यह दिखाता है की थियोफीलस कोई बड़ा अधकारी था जिसके लिए लुक ने अपनी इज्ज़र दिखाई I तक़रीर करने वाले के जबान मैं रस्मी “ तुम “ ज्यातर याहं पे इस्तेमाल होगा I

जन्नत के अस्सेमो आबा <यु> आपका नाम <यु> मुकदस करें ( मैथ्यू 6:9 यू एल टी )

ये एक दुआ का हिस्सा है जिसने जीसस ने अपने शागिर्दों को सिखाया था I कुछ सक़ाफ़्ती रस्मी "आप का इस्तिमाल करेंगे क्योंकि ख़ुदा इख़तियार में है  दीगर सक़ाफ़्तें आपको "ग़ैर रस्मी तुम का “ इस्तिमाल करते हैं क्योंकि ख़ुदा हमारे असीमो आबा हैं I

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

तर्जुमान जिसकी जबान रस्मी और गैर रस्मी है उन्हें “ “तुम “ का अपनी जुबान में सही इंतकाब करने के लिए , दो तक़रीर दारों के बीच में रिश्ता समझने की जरूरत है I

रस्मी या गैर रस्मी “ तुम “ के इस्तेमाल का फैसला कैसे करें

  1. मुक़र्ररीन के दरमयान ताल्लुक़ात पर तवज्जा दे
  • क्या एक तक़रीर करने वाला दुसरे से उम्र में बड़ा है ?
  • क्या तक़रीर करना वाले के रिश्तेदार, दोस्त , अजनबी या दुश्मन है ?
  1. अगर आपके पास एक ज़बान में बाइबल मौजूद है जिसमें आपके "रस्म और ग़ैर रस्मी शक्लें मौजूद हैं तो देखें कि वो क्या इस्तिमाल करते है I याद रखें, अगरचे, इस ज़बान में क़वाइद आपकी ज़बान के क़वानीन से मुख़्तलिफ़ हो सकते हैं I

तर्जुमान लागु करने की हिक्मत-ए-अमली

अंग्रेज़ी में "आप का रस्मी और ग़ैर रस्मी शक्ल नहीं है,I लिहाज़ा हम अंग्रेज़ी में नहीं दिखा सकते हैं कि आप के रस्मी और ग़ैर रस्मी शक्लों का इस्तिमाल करते हुए तर्जुमा कैसे करेंगेI मुंदरजा बाला मिसालें और बेहस मुलाहिज़ा करें I


गिरोहों का हवाला देते हैं कि संगीन इन्किशाफ़

This section answers the following question: मैं वाहिद संगीन अलफ़ाज़ का तर्जुमा कैसे करसकता हूँ जो लोगों के गिरोहों का हवाला देते हैं

तफ़सील

बाइबल इब्रानी, अबरा मयाह और यूनानी में लिखा था जब आप "एक से मुराद एक फ़र्द को हवाला देते हैं तो ये ज़बानें एक * वाहिद वाहिद फ़ार्म ' आप ' हैं जब आप लफ़्ज़ "आप एक से ज़ाइद अफ़राद को हवाला देते हैं ताहम बाइबल में कभी कभी मुक़र्ररीन * आपके "वाहिद * फ़ार्म का इस्तिमाल करते हुए अगरचे वो लोगों के ग्रुप से बात कर रहे थे ये वाज़िह नहीं है जब आप अंग्रेज़ी में बाइबल को पढ़ते हैं, क्योंकि अंग्रेज़ी में "आप के वाहिद और "आप के लिए मुतअद्दिद फ़ार्म नहीं हैं लेकिन आप ये देख सकते हैं कि अगर आप बाइबल को एक ज़बान में पढ़ते हैं जो मुख़्तलिफ़ शक्लें हैं

इस के इलावा, पुराने अह्दनामा के स्पीकर और मुसन्निफ़ीन अक्सर अक्सर लोगों के गिरोहों का हवाला देते हैं जिनके साथ "वाहिद लफ़्ज़ वाहिद "वो है जो उस के मुक़ाबले में "ज़मीर है

वजह ये एक तर्जुमा मसला है

  • बहुत से ज़बानों के लिए, जो आप आप के आम शक्ल के साथ बाइबल पढ़ते हैं वो एक मुतर्जिम जानने की ज़रूरत होगी कि स्पीकर एक शख़्स से बात कर रहा था या एक से ज़्यादा
  • कुछ ज़बानों में ये उलझन हो सकता है कि अगर एक स्पीकर एक से ज़्यादा शख़्स बोलते हैं या एक से ज़्यादा शख़्स बोलते हैं तो एक स्पीकर वाहिद ज़मीमा का इस्तिमाल करता है

बाइबल की मिसाल

1 पर ग़ौर करें कि आप u> आप / u> लोगों को आपकी तरफ़ से देखे जाने से पहले नेकी नहीं करते हैं, या फिर आप / आप / आप आप / u> के वालिद से कोई अज्र नहीं होगा जो जन्नत में है 2 लिहाज़ा जब आप u> आप / u> को ज़कात देते हैं तो, आपकोu> ख़ुद से पहले ट्राप् ना लगे क्योंकि मुनाफ़िक़ इबादत-गाहों और सड़कों में करते हैं, ताकि वो लोगों की तारीफ़ हो सकती है सच्च में में u> आप / u> से कहता हूँ, उन्हें उनका अज्र मिलेगा (मति6: 1،2 यू उल्टी

यसवा ने ये भीड़ से कहा उन्होंने आयत1 में "आप कसरत से इस्तिमाल किया था, और "तुम आयत की पहली सज़ा में 2. फिर आख़िरी सज़ा में उन्होंने दुबारा कसरत से इस्तिमाल किया

ख़ुदा ने इन तमाम अलफ़ाज़ से बात की "मैं ख़ुदावंद हूँ, आप / u> ख़ुदा हूँ, जिसने मिस्र की ज़मीन से गु़लामी के घर से बाहर निकाल दिया आप / u> मेरे सामने कोई माबूद नहीं होना चाहीए " (ख़ुरूज20: 1-3 यू उल्टी

ख़ुदा ने इसराईल के तमाम लोगों को ये कहा उसने मिस्र को इन सबको ले लिया था और वो सबको उस का इताअत करने के लिए चाहता था, लेकिन जब वो उनसे बात कर रहा था तो वो आपका वाहिद फ़ार्म इस्तिमाल करते थे

ये वही है जिसे ख़ुदावंद कहते हैं "अदूम के तीन गुनाहों के लिए यहां तक कि चार के लिए मैं सज़ा को दूर नहीं करूँगा मैं सज़ा को दूर नहीं करूँगा और तमाम अफ़सोस का इज़हार करें इस के / u> ग़ुस्सा मुसलसल मुसलसल झगड़ा हुआ इस के / u> ग़ुस्सा मुसलसल मुसलसल झगड़ा हुआ

ख़ुदावंद ने इन चीज़ों को अदूम के मलिक के बारे में कहा, ना सिर्फ एक शख़्स

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर ज़मीर का वाहिद फ़ार्म क़ुदरती तौर पर लोगों की तरफ़ इशारा करे तो इस का इस्तिमाल करें

  • चाहे आप उस का इस्तिमाल कर सकते हो इस पर मुनहसिर हो सकता है कि स्पीकर कौन है और कौन लोग हैं कि वो बात कर रहे हैं या बात करने से बात करते हैं
  • ये भी इस बात पर मुनहसिर है कि स्पीकर क्या कह रहा है
  1. अगर ज़मीर का वाहिद रूप क़ुदरती तौर पर नहीं होता जब लोगों के किसी गिरोह से बातचीत होती है, या अगर क़ारईन उस की तरफ़ से उलझन की जाये तो, ज़मून के जमा शक्ल का इस्तिमाल करें

एप्लीकेशन की हिक्मत-ए-अमली लागू

  1. अगर ज़मीर का वाहिद रूप क़ुदरती तौर पर नहीं होता जब लोगों के किसी गिरोह से बातचीत होती है, या अगर क़ारईन उस की तरफ़ से उलझन की जाये तो, ज़मून के जमा शक्ल का इस्तिमाल करें

ये वही है जिसे ख़ुदावंद कहते हैं "अदूम के तीन गुनाहों के लिए यहां तक कि चार के लिए मैं सज़ा को दूर नहीं करूँगा क्योंकि u> वो / u> ने तलवार के साथ u> इस / u> भाई का पीछा किया और तमाम अफ़सोस का इज़हार करें इस के / u> ग़ुस्सा मुसलसल मुसलसल झगड़ा हुआ और u> इस का ग़ज़ब हमेशा तक जारी रहा "(अमोस1:11 यू उल्टी

ये वही है जिसे ख़ुदावंद कहते हैं "अदूम के तीन गुनाहों के लिए यहां तक कि चार के लिए मैं सज़ा से दूर नहीं करूँगा क्योंकि u> वो / u> तलवार के साथ u> अपने भाई / u> की पैरवी की और तमाम अफ़सोस का इज़हार करें उनके/ u> ग़ज़ब मुसलसल ग़ुस्से में झगड़ा और u> इन / u> ग़ज़ब हमेशा तक जारी रही "


इज़तरारी फअल

This section answers the following question: इज़तरारी फअल क्या है?

तफ़सील

तमाम ज़बानों को ज़ाहिर करने के तरीक़ों हैं कि इसी शख़्स को दो मुख़्तलिफ़ किरदारों को सज़ा में मिलती है * रीफ़लाजक ज़मीर वन * का इस्तिमाल करके अंग्रेज़ी करता है ये ज़मीर यन हैं जो किसी ऐसे शख़्स या किसी चीज़ से मुताल्लिक़ है जो पहले ही किसी सज़ा में ज़िक्र की गई है अंग्रेज़ी मेंreflexive pronouns हैं ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, ख़ुद, और ख़ुद दीगर ज़बानों में ये ज़ाहिर करने के दूसरे तरीक़ों हो सकते हैं

वजह ये एक तर्जुमा का मसला है

  • ज़बानें ज़ाहिर करने के मुख़्तलिफ़ तरीक़े हैं कि इसी शख़्स को दो मुख़्तलिफ़ किरदारों को एक सज़ा में मिलती है इन ज़बानों के लिए, मित्र जमीन को जानने की ज़रूरत होगी कि अंग्रेज़ी रीफ़लाएकस कौंसल का तर्जुमा कैसे करें
  • अंग्रेज़ी में रीफ़ेक्साईओ ज़मीमा भी दीगर अफ़आल हैं

रीफ़रेजवीटPronouns का इस्तिमाल

  • ज़ाहिर करने के लिए कि वही शख़्स या चीज़ें दो मुख़्तलिफ़ किरदारों को एक सज़ा में मिलती है
  • सज़ा में किसी शख़्स या चीज़ पर-ज़ोर देना
  • ज़ाहिर करने के लिए कि किसी ने कुछ काम किया
  • ज़ाहिर करने के लिए कि किसी को या कुछ अकेला ही था

बाइबल की मिसाल

एक ही शख़्स को ज़ाहिर करने के लिए रीफ़लाजक ज़मीमा इस्तिमाल किए जाते हैं या चीज़ को दो मुख़्तलिफ़ किरदारों में एक जुर्म में भर्ती है अगरआपu>में/ u>केबारेमेंगवाहीदेनाचाहेतोमैंअकेलेहीहूँ, मेरीगवाहीसच्चनहींहोगी(यूहना5:31 यूउल्टी

अब यहूदीयों का फ़ुसह क़रीब था, और u>बहुत ज़्यादा / u>फ़ुसह से पहले मुल्क से बाहर यरूशलेम तक गया (यूहना11:55 यू उल्टी)

रीफ़लाजक ज़मीरों को सज़ा में किसी शख़्स या चीज़ पर-ज़ोर देने के लिए इस्तिमाल किया जाता है यसवाख़ुद/ u>बपतिस्मादेनेवालानहींथा, लेकिनइसकेशागिर्दथे(यूहना4: 2 यूउल्टी

लिहाज़ा उन्होंने भीड़ छोड़कर, उनके साथ यसवा ले लिया, क्योंकि वो पहले ही कश्ती में था दीगर कश्तियां भी इस के साथ थे और एक सख़्त तूफ़ान आगई और लहरों को क्षति में तोड़ दिया गया ताकि कशती मुकम्मल हो सकती लेकिन u>यसवा ख़ुद / u>एक तकिया पर सुस्त, सो रहा था (मार्क4: 36-38 यू उल्टी

रीफ़लाजक ज़मीरों को ये ज़ाहिर करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है कि किसी ने अकेले कुछ किया

जब यसवा ने महसूस किया कि वो उस के बादशाह को बनाने के ले-ए-उस के आने और क़ाबू पाने के बारे में थे, तो वो पहाड़ को अपने आपको वापिस ले लिया / u>. (यूहना6:15 यू उल्टी

रीफ़लाजक ज़मीरों को ये ज़ाहिर करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है कि किसी को या कुछ अकेला ही था

उसने कपड़े पहनने वाले कपड़े और इस के कपड़े पहने हुए कपड़े देखा ये / u>लांडन के कपड़े से झूट नहीं बोला लेकिन इस की जगह उस की जगह u>की तरफ़ से है (यूहना20: 6-7 यू उल्टी

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर आपके ज़बान में एक रीफ़लोकसायक ज़मीर भी इसी फंक्शन का हामिल हो तो इस का इस्तिमाल करें अगर नहीं, तो कुछ और हिक्मत-ए-अमली हैं

  1. कुछ ज़बानों में लोग लोग फे़अल पर कुछ डालते हैं कि ये ज़ाहिर करते हैं कि फे़अल का मक़सद मौज़ू के तौर पर ही है
  2. कुछ ज़बानों में लोगों को किसी ख़ास शख़्स या चीज़ पर-ज़ोर दिया जा सकता है कि इस में किसी ख़ास जगह में किसी ख़ास जगह पर इशारा हो
  3. कुछ ज़बानों में लोग किसी मख़सूस शख़्स या चीज़ को इस लफ़्ज़ में कुछ भी शामिल करके या उस के साथ किसी दूसरे लफ़्ज़ पर-ज़ोर देते हैं
  4. कुछ ज़बानों में लोग ज़ाहिर करते हैं कि किसी ने "अकेले जैसे अलफ़ाज़ को इस्तिमाल करके अकेले कुछ किया था
  5. कुछ ज़बानों में लोग ज़ाहिर करते हैं कि एक जुमला का इस्तिमाल करते हुए किसी चीज़ का वाहिद ज़रीया था जिससे ये कहता था कि ये कहाँ थी

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. कुछ ज़बानों में लोग लोग फे़अल पर कुछ डालते हैं कि ये ज़ाहिर करते हैं कि फे़अल का मक़सद मौज़ू के तौर पर ही है
  • अगर मैं ख़ुद u>ख़ुद / u>के बारे में गवाही देना चाहूँ तो, मेरी गवाही सच्च नहीं होगी (यूहना5:31)
  • "अगर मुझे अकेले ख़ुद को गवाही देना चाहिए तो मेरी गवाही सच्च नहीं होगी.
  • अब यहूदीयों के फ़ुसह के क़रीब था, और फ़ुसह से पहले बहुत से लोग यरूशलेम के पास जा कर अपने आपको पाक करने के लिए गए थे (यूहना11:55)
  • "अब यहूदीयों के फ़ुसह के क़रीब था, और बहुत से फ़ुसह से पहले बहुत से मुल्क यरूशलेम के पास गए और ख़ुद को पाक करने के लिए.
  1. कुछ ज़बानों में लोगों को किसी ख़ास शख़्स या चीज़ पर-ज़ोर दिया जा सकता है कि इस में किसी ख़ास जगह में किसी ख़ास जगह पर इशारा हो
  • ** उन्होंने ख़ुद को बीमार किया और हमारी बीमारीयों को बर्दाश्त किया** (मति8:17 यू उल्टी
  • " ये वही था जो / u>हमारी बीमारी को ले ली और हमारी बीमारीयों को बर्दाश्त कर ली.
  • ** यसवा ख़ुद / u>बपतिस्मा देने वाला नहीं था, लेकिन इस के शागिर्द थे** (यूहना4: 2)
  • " ये यसवा नहीं था जो / u>बपतिस्मा देने वाला था, लेकिन इस के शागिर्द थे.
  1. कुछ ज़बानों में लोग किसी मख़सूस शख़्स या चीज़ को इस लफ़्ज़ में कुछ भी शामिल करके या उस के साथ किसी दूसरे लफ़्ज़ पर-ज़ोर देते हैं अंग्रेज़ी में रीफ़ेक्साईओ पैरौ वन शामिल है
  • अब यसवा ने फ़लिप की आज़माईश के लिए कहा, क्योंकि वो जानता था कि वो क्या करने जा रहा था (यूहना6: 6)
  1. कुछ ज़बानों में लोग ज़ाहिर करते हैं कि किसी ने "अकेले जैसे अलफ़ाज़ को इस्तिमाल करके अकेले कुछ किया था
  • जब यसवा ने महसूस किया कि वो उस के बादशाह को बनाने के ले-ए-उस के आने और क़ाबू पाने के बारे में थे, तो वो पहाड़ी को ख़ुद को ख़ुद से लेकर ले गया (यूहना6: 15)
  • "जब यसवा ने महसूस किया कि वो उस के बादशाह को बनाने के ले-ए-उस के आने और क़ाबू पाने के बारे में थे, तो वो पहाड़ी पर दुबारा दुबारा वापिस चला गया.
  1. कुछ ज़बानों में लोग ज़ाहिर करते हैं कि एक जुमला का इस्तिमाल करते हुए किसी चीज़ का वाहिद ज़रीया था जिससे ये कहता था कि ये कहाँ थी
  • **उसने कपड़े पहनने वाले कपड़े और इस के कपड़े पहने हुए कपड़े देखा ये लुबनानी कपड़े से झूट नहीं बोला था लेकिन इस की जगह उस की जगह में फैल गया था ** (यूहना20: 6-7 यू उल्टी
  • "उसने उस के कपड़े पहनने वाले कपड़े और इस के कपड़े पर देखा था ये कपड़े के कपड़े से झूट नहीं बोला लेकिन इस की अपनी जगह में / u>झूट बोला था

ज़मीर – इनका इस्तेमाल कब करें

This section answers the following question: मैं इसका फ़ैसला कैसे करूँ के ज़मीर इस्तेमाल करना है या नहीं?

बयान

जब हम बात करते या लिखते हैं, तो हमेशा बगैर इस्म या नाम को दोहराए हम लोगों या चीज़ों का हवाला देने के लिए ज़मीर का इस्तेमाल करते हैं। आमतौर पर पहली दफ़ा जब हम कहानी में किसी का हवाला देते हैं, तो हम वाज़ाहती जुमला या नाम इस्तेमाल करते हैं। अगली दफ़ा हम उस शख्स का एक आम इस्म या नाम के ज़रिये हवाला देते हैं। उसके बात हम उसका हवाला सिर्फ़ एक ज़मीर से दे सकते हैं, जहाँ तक हम सोचते हैं के हमारे सामअीन आसानी से यह समझने के क़ाबिल होंगे के ज़मीर किसका हवाला दे रहा है।

अब वहाँ एक फ़रीसी जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो यहूदी अदालत का एक रुकन थायह आदमीयिसू के पास ... यिसू ने जवाब में उससे कहा (यूहन्ना 3:1-3 ULT)

यूहन्ना 3 में, नीकुदेमस का हवाला पहले इस्म जुमले और उसके नाम से दिया जाता है। फिर उसका हवाला इस्म जुमले “यह आदमी” से दिया जाता है। फिर उसका हवाला ज़मीर “उसे” से दिया जाता है’।

लोगों और चीज़ों का हवाला देने के इस आम तरीक़े के हर ज़बान में अपने उसूल और इस्तेसना होते हैं।

  • बाज़ ज़बानों में पहली दफ़ा जब किसी पैरा या बाब में किसी चीज़ का हवाला दिया जाता है, तो यह ज़मीर की बजाय इस्म से दिया जाता है
  • मरकज़ी किरदार वह शख्स है जिसके बारे में कहानी होती है। बाज़ ज़बानों में, मरकज़ी किरदार का कहानी में तार्रुफ़ के बाद, आमतौर पर उसका एक ज़मीर से हवाला दिया जाता है। बाज़ ज़बानों में ख़ुसूसी ज़मीर होते हैं जो सिर्फ़ मरकज़ी किरदार का हवाला देते हैं।
  • बाज़ ज़बानों में, फ़अल की निशानदेही करना लोगों को यह जानने में मदद करता है के फ़ाएल कौन है। (देखें फ़अल) इनमे से बाज़ ज़बानों में, सामअीन यह समझने में मदद के लिए के फ़ाएल कौन है इस निशानदेही पर भरोसा करते हैं, और ख़तीब एक ज़मीर, इस्म जुमला, या नाम का इस्तेमाल सिर्फ़ तब करते हैं जब वो इस बात पर ज़ोर देना या वाज़े करना चाहते हैं के फ़ाएल कौन है।

वजह के यह एक तर्जुमा का मसअला है

  • अगर मुतर्जमीन अपनी ज़बान के लिए ज़मीर का इस्तेमाल एक ग़लत वक़्त पर करते हैं, तो हो सकता है के कारअीन यह न जान पाए के मुसन्निफ़ किसकी बाबत बात कर रहा है।
  • अगर मुतर्जमीन मुतअद्दद बार नाम के ज़रिये मरकज़ी किरदार का हवाला देते हैं, तो हो सकता है के बाज़ ज़बानों के सामअीन यह महसूस न कर पाएँ के यह शख्स मरकज़ी किरदार है, या वो ऐसा सोच सकते हैं के एक ही नाम का कोई नया किरदार है।
  • अगर मुतर्जमीन ज़मीर, इस्म या नाम का इस्तेमाल ग़लत वक़्त पर करते हैं, तो हो सकता है लोग सोचें के इस शख्स या चीज़ पर जिसका यह हवाला दे रहा है कोई ख़ास ज़ोर दिया गया है।

बाईबल से मिशालें

जैल की मिशाल एक बाब के शुरू में मिलती है। बाज़ ज़बानों में यह वाज़े न भी हो सकता है के ज़मीर किसका हवाला दे रहे हैं।

यिसू इबादतखाने में फिर दाख़िल हुआ, और वहाँ एक आदमी था जिसका हाथ सूखा हुआ था। वोउसकी ताक में रहे के अगर वो उसे सब्त के दिन अच्छा करेगा। (मरकुस 3:1-2 ULT)

नीचे की मिशाल में, पहले जुमले में दो आदमियों का नाम दिया गया है। यह वाज़े न भी हो सकता है के दूसरे जुमले में “वह” किसका हवाला दे रहा है।

कुछ दिन गुज़रने के बाद, अग्रिप्पा बादशाह और बिरनीके ने क़ैसरिया में आकर फ़ेस्तुस से मुलाक़ात की। उनके कुछ अरसे वहाँ रहने के बाद, फ़ेस्तुस ने पौलुस का मुक़दमा बादशाह को पेश किया ... (आमाल 25:13-14 ULT)

यिसू मत्ती की किताब का मरकज़ी किरदार है, लेकिन नीचे की आयात में उसका हवाला चार दफ़ा नाम के ज़रिये दिया गया है। इसकी वजह से बाज़ ज़बानों के ख़तीब यह सोच सकते हैं के यिसू मरकज़ी किरदार नहीं है। या इसकी वजह से वो यह सोच सकते हैं के इस कहानी में यिसू नामी एक से ज़ियादा अफ़राद मौज़ूद हैं। या इसकी वजह से वो यह सोच सकते हैं के उस पर किसी क़िस्म का ज़ोर दिया गया है, अगरचे कोई ज़ोर नहीं दिया गया है।

उस वक़्त यिसूसब्त के दिन खेतों में होकर गया। उसके शागिर्दों को भूक लगी और वो बालें तोड़ तोड़ कर खाने लगे। लेकिन जब फ़रीसियों ने वह देखा, उन्होंने यिसू से कहा, “देख, तेरे शागिर्द वो काम करते हैं जो सब्त के दिन करना रवा नहीं।” मगर यिसू ने उनसे कहा, “क्या तुमने ये नहीं पढ़ा के जब दाऊद और उसके साथी भूके थे, तो दाऊद ने क्या किया? ...” फिर यिसू वहाँ से चलकर उनके इबादतख़ाने में गया। (मत्ती 12:1-9 ULT)

तर्जुमा की हिकमत ए अमली

  1. अगर आपके कारअीन को यह वाज़े नहीं होगा के ज़मीर किसका या क्या हवाला देता है, तो इस्म या नाम का इस्तेमाल करें।
  2. अगर इस्म या नाम को दोहराना लोगों के लिए यह सोचने की वजह बनेगा के मरकज़ी किरदार कोई मरकज़ी किरदार नहीं है, या यह के मुसन्निफ़ उस नाम से एक से ज़ियादा लोगों के बारे में बात कर रहा है, या यह के किसी पर किसी क़िस्म का ज़ोर दिया गया है जबके कोई ज़ोर नहीं है, तो इनकी बजाय ज़मीर का इस्तेमाल करें।

तर्जुमा की हिकमत ए अमली की इतलाक़ी मिशालें

  1. अगर आपके कारअीन को यह वाज़े नहीं होगा के ज़मीर किसका या क्या हवाला देता है, तो इस्म या नाम का इस्तेमाल करें।
  • यिसू इबादतखाने में फिर दाख़िल हुआ, और वहाँ एक आदमी था जिसका हाथ सूखा हुआ था। वोउसकी ताक में रहे के अगर वो उसे सब्त के दिन अच्छा करेगा। (मरकुस 3:1-2 ULT)
  • यिसू इबादतखाने में फिर दाख़िल हुआ, और वहाँ एक आदमी था जिसका हाथ सूखा हुआ था। कुछ फ़रीसी यिसू की ताक में थे के अगर वह उस आदमी को सब्त के दिन अच्छा करेगा। (मरकुस 3:1-2 UST)
  1. अगर इस्म या नाम को दोहराना लोगों के लिए यह सोचने की वजह बनेगा के मरकज़ी किरदार कोई मरकज़ी किरदार नहीं है, या यह के मुसन्निफ़ उस नाम से एक से ज़ियादा लोगों के बारे में बात कर रहा है, या यह के किसी पर किसी क़िस्म का ज़ोर दिया गया है जबके कोई ज़ोर नहीं है, तो इनकी बजाय ज़मीर का इस्तेमाल करें।

उस वक़्त यिसूसब्त के दिन खेतों में होकर गया। उसके शागिर्दों को भूक लगी और वो बालें तोड़ तोड़ कर खाने लगे। लेकिन जब फ़रीसियों ने वह देखा, उन्होंने यिसू से कहा, “देख, तेरे शागिर्द वो काम करते हैं जो सब्त के दिन करना रवा नहीं।” मगर यिसू ने उनसे कहा, “क्या तुमने ये नहीं पढ़ा के जब दाऊद और उसके साथी भूके थे, तो दाऊद ने क्या किया? ... फिर यिसू वहाँ से चलकर उनके इबादतख़ाने में गया। (मत्ती 12:1-9 ULT)

इस तरह तर्जुमा हो सकता है:

उस वक़्त यिसूसब्त के दिन खेतों में होकर गया। उसके शागिर्दों को भूक लगी और वो बालें तोड़ तोड़ कर खाने लगे। लेकिन जब फ़रीसियों ने वह देखा, उन्होंने उससे कहा, “देख, तेरे शागिर्द वो काम करते हैं जो सब्त के दिन करना रवा नहीं। मगर उसने उनसे कहा, “क्या तुमने ये नहीं पढ़ा के जब दाऊद और उसके साथी भूके थे, तो दाऊद ने क्या किया? ... फिर वह वहाँ से चलकर उनके इबादतख़ाने में गया।


जुमले की साख़्त

This section answers the following question: एक जुमले के हीस्से क्या है?

तफ़सील

अंग्रेज़ी में सबसे आसान जमहूरीयत का एक * मज़मून * और एक * कार्रवाई * लफ़्ज़ शामिल है

  • लड़का भाग गया

मज़मून

  • मौज़ू वो कौन है या जिसकी सज़ा है इन मिसालों में, मौज़ू पर-ज़ोर दिया गया है
  • लड़का / u> चल रहा है
  • वो / u> चल रहा है

मज़ामीन आम तौर पर लफ़्ज़ी जुमले या ज़मीर हैं (मुलाहिज़ा करें स्पीच के हिस्से) मुंदरजा बाला मिसाल में, "लड़का एक सुलह फ़िक़रा है जिसका नाम "लड़का है, और "वो एकpronoun है

जब सज़ा एक कमांड है, तो इस में बहुत से ज़बानों में इस मौज़ू का ज़मीर नहीं है लोग समझते हैं कि ये मज़मून "आप है

  • दरवाज़ा बंद करो

नुमाइश

पेशगी सज़ा का एक हिस्सा है जो मौज़ू के बारे में कुछ बताता है ये आम तौर पर एक फे़अल है (मुलाहिज़ा करें ज़बानें) जे़ल में, मज़ामीन "इन्सान और "वो हैं हालिया वाक़ियात पर-ज़ोर दिया गया है और फे़अल जुरात में हैं

  • आदमी मज़बूत है
  • वो u> ने काम किया मुश्किल / u>.
  • वो u> बनाया एक बाग़ / u>.

कम्पाऊंड सेंट्स

एक सज़ा से ज़्यादा एक से ज़्यादा सज़ा की जा सकती है जे़ल में दो लाईनों में से हर एक को एक मौज़ू और एक पेश-रफ़्त है और मुकम्मल सज़ा है

  • उसने याम लगाए
  • इस की बीवी ने मक्खी लगाया

मुंदरजा ज़ैल कम्पाऊंड की सज़ा मुंदरजा ज़ैल दो सज़ाएं है अंग्रेज़ी में, कम्पाऊंड जमहूरीयत जैसे "और, "लेकिन, या "या के साथ मिलकर शामिल हो जाते हैं

  • उसने यमन लगाए और / u> इस की बीवी को मक्खी लगाया

क्लॉज़

मुजरिमों को भी शक़ और दीगर जुमले भी शामिल हो सकते हैं शक़ीं इस तरह की सज़ाएं हैं क्योंकि उनके ताबे और मज़हकाख़ेज़ हैं, लेकिन वो ख़ुद से आम तौर पर नहीं होते हैं यहां क़वाइद के कुछ मिसालें हैं मज़ामीन जराइम में हैं, और पेशगोई निगहदाशत हैं

  • जब मकान तैयार था / u>
  • बाद * वो * उसे उठाया / u>
  • क्योंकि * ये * बहुत अच्छा चखा / u>

सज़ातों में बहुत से फ़ुक़दान हो सकते हैं, और इसी तरह वो लंबी और पेचीदा हो सकते हैं लेकिन हर मजाज़ में कम अज़ कम एक * आज़ाद शक़ * होना ज़रूरी है, यानी ये है कि ये एक शक़ है जो अपने आपकी तरफ़ से एक जुमला हो सकता है दीगर शक़ीं जो ख़ुद की तरफ़ से सज़ाएं नहीं बंसकती हैं * इन्हिसार शूदा मराकज़ * कहते हैं इन्हिसार शक़ीं उनके मअनी को पूरा करने के लिए आज़ाद शक़ पर मुनहसिर है मुंदरजा बाला जुमले में इन्हिसार शूदा मक्का लू की वज़ाहत की गई है

  • जब मकई तैयार थी / u>، उसने उसे उठाया
  • उसे मुंतख़ब करने के बाद / u>، उसने उसे घर ले लिया और उसे पकाया
  • फिर वो और इस के शौहर ने उसे खाया, u> क्योंकि उसने बहुत अच्छा चखा / u>.

मुंदरजा बाला जुमले हर एक को मुकम्मल सज़ा दे सकते हैं वो मुंदरजा बाला जुमले से आज़ाद शक़ हैं

  • वो उठाया
  • उसने उसे घर लिया और उसे पकाया
  • फिर वो और इस के शौहर ने उसे खाया

रिश्तेदार क्लॉज़

कुछ ज़बानों में, शक़ों को एक इस्म के साथ इस्तिमाल किया जा सकता है जो एक जुमला का हिस्सा है उन्हें * रिश्तेदार ख़ाली जगहों * कहा जाता है

मुंदरजा ज़ैल सज़ा में, "जो मकई तैयार थी पूरी सज़ा के पेश-ए-नज़र का हिस्सा है रिश्तेदार शक़ "जो तैयार था का नाम "मकई के साथ इस्तिमाल किया जाता है ताकि वो जिस मकई ने उठाया

  • इस की बीवी ने उठाया * मकई * जो तैयार था / u>.

जे़ल में इस की सज़ा में "अपनी माँ, जो बहुत परेशान था पूरी सज़ा के पेश-ए-नज़र का हिस्सा है रिश्तेदार शक़ "जो बहुत परेशान था के नाम "माँ के साथ इस्तिमाल किया जाता है कि ये बताना कि इस की माँ ने महसूस किया कि जब उसने कोई मक्खी नहीं मिली

  • उसने किसी की मक्खी * इस की माँ * नहीं, u> जो बहुत नाराज़ था

तर्जुमा के मसाइल

  • ज़बानें एक जुमला के हिस्सों के लिए मुख़्तलिफ़ अहकामात हैं (मुलाहिज़ा करें // // मालूमात साख़ता सफ़ा शामिल करें //
  • कुछ ज़बानों के ताल्लुक़ से ताल्लुक़ रखने वाले फ़ुक़दान नहीं हैं, या वो महिदूद तरीक़े से उनका इस्तिमाल करते हैं (मुलाहिज़ा करें तफ़हीम साज़ी के बरअक्स मालूमात या याद रखना)

इत्तेलाआती साख्त

This section answers the following question: ज़बानों में जुमले के हिस्सों का बंदोबस्त कैसे किया जाता है?

तसरीह

अलग-अलग ज़बानों में जुमले के हिस्सों को अलग अलग तरीके से बंदोबस्त किया जाता है। अंग्रेज़ी में, एक जुमले में आम तौर पर पहले मौज़ूह, फिर फअल, फिर बदलाव करने वाले होते है, कुछ ऐसे -

पीटर ने कल अपना घर रंगा था ,

कई ज़बानों में इन चीजों को दूसरे ढंग से बंदोबस्तकिया जाता है, जैसे की:

रंगा था कल पीटर ने अपना घर ,

अगर-चे सभी ज़बानों में जुमले के हिस्सों के लिए, एक आम तरीका होता है, मगर बोलने वाला या मुंसिफ क्या मालूमात देना चाहता है उस बिना पर ये तरीका बदला जा सकता है। फर्ज़ कीजिए कि कोई सवाल का जवाब दे रहा है, "पीटर ने कल क्या रंगा है? सवाल करने वाले शक्स को पहले ही से हमारे जुमले की तमाम मालूमात है सिवाय “घर” के। लिहाज़़ा, ये मालूमात का सबसे अहम हिस्सा बन जाता है, और अंग्रेज़ी में जवाब देने वाला शक्स ये कह सकता है कि

उसका घर था जिसे पीटर ने रंगा था ( कल )

ये पहले सबसे अहम मालूमात देता है, जो अंग्रेज़ी के लिए मामूल की बात हैIबहुत सारी दूसरी ज़बानों में आम तौर पर सबसे अहम मालूमात आखिरमें फ़राहम की जाती हैI एक मतन के बहाव में,सबसे जरूरी मालूमात आम तौर पर वो होती है जो मुंसिफ, पढ़ने वालों के लिए नया समझता है I कुछ ज़बानों में नई​​मालूमात पहले आती है, और दूसरों में ये आखिरमें आती है I

ये तर्जुमेका मसला होने की वजह

  • मुख़्तलिफ़ ज़बानों में एक जुमले के हिस्सों को अलग-अलग तरह से बंदोबस्त किया जाता है। अगर कोई मुतर्जुम मग़ज़ से जुमले के लिखे सिलसिले की नक़ल करता है तो, शायद उसकी ज़ुबान में ये समझ में नहीं आएगा।
  • अलग-अलग ज़बानों में अहम या नई मालूमात को जुमले में अलग-अलग जगह रखा जाता है। अगर एक मुतर्जुमअहम या नई मालूमात को जुमले में उसी जगह पर रखे जैसे मग़ज़ में रखा गया है, तो ये उनकीज़ुबान में समझ नहीं आएगा।

बाइबल से मिसालें

वो सब खाते रहे जब तक वो मुत्मईन ना हुए।(मार्क 6:42 ULT)

असल यूनानी मगज़ ज़बान में इस जुमले को अलग तरीके से जमाया गया था। वो ऐसे था:

  • और वो खाए सब और वो मुत्मईन थे।

अंग्रेज़ी में इसका मतलब होगा कि उन लोगों ने सब कुछ खा लिया। लेकिन फिर अगली आयत में कहा गया हा कि वो लोग बारा टोकरी भर कर बचे हुे खाने के तुकढ़े ले गए। लोगों को उलज़न में ना दालने के लिए ULT के मुतर्जुमीन ने जुमले के हिस्सों को अंग्रेज़ी में सही तरीके से जमाया।

अब दिन ख़तम होने को था, और वो बाराह उनके पास आए और कहा, "भीड़ को भेज दीजिए ताकि वो आस-पास के गावों और देहाति इलाकों में रहने की जगह और खाना ढूंढ सके, क्योंकि हम यहां तनहा सुंसान जगह पर है।" (ल्यूक9:12 ULT)

इस आयत में ईसा से शागिर्दों ने जो कहा वो अहम मालूमात को पहले रखती है - कि उन्हे भीड़ को भेज देना चाहिए। मगर उन ज़बानों में जिसमें अहम मालूमात आख़िर में रखी जाती है, लोग उसे ही वजह समझेंगे जो उन्होने दी थी - कि ये एक सुंसान तनहा जगह है - ये ईसा के पैग़ाम का सबसे अहम हिस्सा है। शायद वो सोच सकते है कि शागिर्दों को उस जगह की रूहों का डर था, और लोगों को खाना ख़रीदने के लिए भेज देना एक तरह से रूहों से उनकी हिफ़ाज़त करना है। ये गलत पैग़ाम होगा।

तबाही है तुम पर, जब सब लोग तुम्हारे बारे में अच्छा बोलते लगे, क्योंकि उनके आबा-ओ-अजदाद ने भी छूटे नबीयों के साथ ऐसा ही सलूक किया था।

इस आयत में, मालूमात का सबसे अहम हिस्सा पहले है - कि "तबाही"लोगों की ओर आ रही है, उनके किए-कराए की वजह से। जो वजह इस इंतेबाह की हामियत करता है वो आख़िर नें आती है। ये उन लोगों को उलझन में दाल सकता है जो अहम मालूमात को आख़िर में आने की उम्मीद रखते है।

तर्जुमे की हिक्मते अमली

  1. मुताला कीजिए कि आपकी ज़ुबान जुमले के किन हिस्सों को तरतीब देती है और अपने तर्जुमे में उस तरीके को अपनाएं।
  2. मुताला कीजिए कि आपकी ज़ुबान में नई या अहम मालूमात कहां रखी जाती है, और मालूमात के तरीके को देबारा तरतीब कीजिए ताकि उस तरह से हो जैसे आपकी ज़ुबान में होना चाहिए।

तर्जुमे की हिक्मते अमली का इतलाख़

  1. मुताला कीजिए कि आपकी ज़ुबान जुमले के किन हिस्सों को तरतीब देती है और अपने तर्जुमे में उस तरीके को अपनाएं।
  • और वो वहां से निकल कर अपने आबाइ शहर में आए, और वो उनके पीछे आए शागिर्द उनके।(मार्क6:1)

असली यूनानी तरीके में ये आयत ऐसी है। ULT ने इसे अंग्रेज़ी के लिए सही तरीके से रखा है।

और वो वहां से निकल कर अपने आबाइ शहर आए, और उनके शागिर्द उनके पीछे आए।

  1. मुताला कीजिए कि आपकी ज़ुबान में नई या अहम मालूमात कहां रखी जाती है, और मालूमात के तरीके को दोबारा तरतीब कीजिए ताकि उस तरह से हो जैसे आपकी ज़ुबान में होना चाहिए।

अब दिन ख़तम होने को था, और वो बाराह उनके पास आए और कहा, "भीड़ के भेज दीजिए ताकि वो आस-पास के गावों और देहाति इलाकों में रहने की जगह और खाना ढूंढ सके, क्योंकि हम यहां सुंसान तनहा जगह पर है।" (ल्यूक9:12 ULT)

अगर आपकी ज़ुबान अहम मालूमात आख़िर में रखती है तो आप आयत के बंदोबस्त के बदल सकते है:

  • अब दिन ख़तम होने को था, और वो बाराह उनके पास आए और कहा, “क्योंकि हम यहां एक सुंसान तनहा जगह पर है, भीड़ को भेज दीजिए ताकि वो आस-पास के गावों और देहाति इलाकों में रहने की जगह और खाना ढूंढ सके।"

तबाही है तुम पर, जब सब लोग तुम्हारे बारे में अच्छा बोलते है, क्योंकि उनके आबा-ओ-अजदाद ने भी झूठेनबियों के साथ ऐसा ही सलूक किया था।

अगर आपकी ज़ुबान अहम मालूमात आख़िर में रखी जाती है तो आप आयत के बंदोबस्त के बदल सकते है:

  • जब सब लोग आपके बारे में अच्छी बातें बोलते है, जैसे कि लोगों के आबा-ओ-अजदाद ने झूठे नबियों के साथ सलूक किया था, तो फिर तबाही है तुम पर!

जुमलों की किसमें

This section answers the following question: जुमलों की मुखतलिफ अख़साम क्या है और उन्हे किस लिए इसतेमाल किया जाता है?

तफ़सील

A * सज़ा * अलफ़ाज़ का एक ग्रुप है जो मुकम्मल सोच का इज़हार करता है बुनियादी इक़साम की सज़ाएं इन अफ़आल के साथ जे़ल में दर्ज हैं जिन्हें वो बुनियादी तौर पर इस्तिमाल किया जाता है

    • बयानात * - ये बुनियादी तौर पर मालूमात देने के लिए इस्तिमाल किया जाता है 'ये एक हक़ीक़त है.
    • सवालात * - ये बुनियादी तौर पर मालूमात के लिए तलब करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है 'तुम उसे जानते हो?
  • इमतियाज़ी सज़ा - ये बुनियादी तौर पर एक ख़ाहिश या ज़रूरत का इज़हार करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है जो किसी को कुछ करता है '_ इस को अपलोड करें ._
    • आलामीया * - ये बुनियादी तौर पर एक मज़बूत एहसास का इज़हार करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है '_

वजूहात ये एक तर्जुमा मसला है

  • मख़सूस ज़बानों में मख़सूस अफ़आल ज़ाहिर करने के लिए ज़बान की इक़साम इस्तिमाल करने के मुख़्तलिफ़ ज़बानों में
  • ज़्यादा से ज़्यादा ज़बान एक से ज़्यादा फंक्शन के लिए उनकी सज़ाएं इक़साम इस्तिमाल करते हैं
  • बाइबल में हर सज़ा किसी मख़सूस सज़ा के कसम से ताल्लुक़ रखता है और एक ख़ास फे़अल है, लेकिन कुछ ज़बान इस किस्म के इस किस्म के सज़ा का इस्तिमाल नहीं करेगी

बाइबल से मिसालें

मुंदरजा ज़ैल मिसालें उनमें से हर एक को अपने अहम अफ़आल के लिए इस्तिमाल करते हैं

बयानात

शुरू में ख़ुदा ने आसमानों और ज़मीन को पैदा किया (पैदाइश1: 1 यू उल्टी

बयानात में भी दीगर अफ़आल भी हो सकते हैं (मुलाहिज़ा करें बयानात दीगर इस्तिमाल)

सवालात

मुंदरजा ज़ैल मुक़र्ररीन ने इन सवालात को मालूमात हासिल करने के लिए इस्तिमाल किया, और वो लोग जो उनके सवालात के जवाब में बोल रहे थे

ऐसी अलैहिस-सलाम ने उनसे कहा, "u>क्या आपको यक़ीन है कि मैं ये कर सकता हूँ? / u>"उन्होंने उनसे कहा, "हाँ, रब. (मति9:28 यू उल्टी

जेलर.. नेकहा, "सर, आपकोबचानेकेलिएमेंक्याकरनाचाहीए? उन्होंनेकहा, "ख़ुदावंदऐसीअलैहिस-सलामपरईमानलाए, औरआपकोऔरआपकेघरकोबचायाजाएगा" (आमाल16: 29-31 यूउल्टी

सवालात भी दीगर अफ़आल भी कर सकते हैं (मुलाहिज़ा करें बयान सवाल)

इमतियाज़ी सज़ा

मुख़्तलिफ़ किस्म के ज़रूरी जुमले हैं हुक्म, हिदायात, तजावीज़, दावतनामा, दरख़ास्तों, और ख़ाहिशात

कमांड के साथ, स्पीकर अपनी अथार्टी का इस्तिमाल करता है और किसी को कुछ करने के लिए कहता है

उठाएं / u>، बालक, और u>सन / u>. आप मुझे / u>सुनें, आप ज़पपोर का बेटा (नंबर23:18 यू उल्टी

एक * के साथ, स्पीकर किसी को बताता है कि किस तरह कुछ करना है

... लेकिन अगर आप ज़िंदगी में दाख़िल करना चाहते हैं तो u>हुक्मों को बरक़रार रखें / u>. ... अगर आप कामिल होना चाहते हैं तो u>जाएं / u>، फ़रोख़त / u>आपके पास किया है, और u>दे / u>उसे ग़रीबों के ले-ए-, और आपको ख़ज़ाना मिलेगा जन्नत में (मति19:17، 21यू उल्टी

  • मश्वरा के साथ, स्पीकर किसी को ऐसा करने से कहता है या ऐसा ना करे कि वो इस शख़्स की मदद करसके जे़ल में मिसाल के तौर पर, ये दोनों अंधे मर्दों के लिए बेहतरीन है अगर वो एक दूसरे की क़ियादत करने की कोशिश नहीं करते हैं

एक अंधे आदमी u>नहीं होना चाहीए / u>एक और अंधा आदमी की क़ियादत करने की कोशिश करें अगर वो किया तो, वो दोनों एक सुराख़ में गिर जाऐंगे (लूका6:39 यू ऐस ऐस

बोलने वाले इस ग्रुप का हिस्सा बन सकते हैं जो उस की तजवीज़ की जाती है पैदाइश11 मैं, लोग ये कह रहे थे कि उनके साथ साथ उनके साथ मिलकर अच्छा काम होगा

उन्होंने एक दूसरे से कहा, "आव, u>हमें जाने दें / u>ईंटों बनाएँ और उन्हें अच्छी तरह से पकाईं. (पैदाइश11: 3 यू उल्टी

दावत नामे के साथ, स्पीकर सयासी या दोस्ती का इस्तिमाल करता है ताकि ये समझे कि अगर कोई चाहता है तो कोई ऐसा करेगा ये आम तौर पर कुछ है कि स्पीकर सोचता है कि सुनने वाला लुतफ़ अंदोज़ करेगा

आव / u>हमारे साथ और हम आपको अच्छा करूँगा (नंबर10: 2 9)

  • दरख़ास्त के साथ, स्पीकर सयासी तौर पर ये कहते हैं कि वो किसी को कुछ करने के लिए चाहता है का इस्तिमाल करता है इस में 'बराह-ए-करम का लफ़्ज़ शामिल हो सकता है कि ये वाज़िह हो जाएगी कि ये एक दरख़ास्त है और एक कमांड नहीं है ये आम तौर पर कुछ है जो स्पीकर से फ़ायदा उठाएगा

आज हमारी रोज़ाना रोटी blockquote> हमें दे दो / u> (मति6:11 यू उल्टी

बराए मेहरबानी उज़्र करें / u>. (लूका14:18 यू उल्टी

एक * ख़ाहिश के साथ * एक शख़्स ज़ाहिर करता है कि वो क्या करना चाहते हैं अंग्रेज़ी में वो अक्सर "शायद या "चलो लफ़्ज़ के साथ शुरू करते हैं

पैदाइश28 मैं, इसहाक़ ने याक़ूब से कहा कि वो चाहता था कि ख़ुदा उस के लिए करे

आप ख़ुदा को मुबारकबाद दे, आपको फल बनाने और आपको ज़ाए करना (पैदाइश28: 3 यू उल्टी

पैदाइश9 मैं, नूह ने कहा कि कनआन को क्या करना चाहता था

लानत हो / u>कनआन वो अपने भाईयों के खादिमों के मुलाज़िम हो सकता है (इब्तिदा-ए-9:25 यू उल्टी

पैदाइश21 मैं, हग्ऱ ने इस की मज़बूत ख़ाहिश का इज़हार किया कि इस का बेटा मर ना सके, और फिर वो चले गए ताकि वो मर ना जाएं

मुझे बच्चे की मौत पर नज़र नहीं आते (पैदाइश21:16 यू उल्टी

मतियाज़ी सज़ाएं भी दूसरे अफ़आल हैं (मुलाहिज़ा करें शॉपिंग दीगर इस्तिमाल)

इफ़्तिताही

ऐलानात मज़बूत एहसास का इज़हार करते हैं ULT औरUST मैं, वो आम तौर पर इख़ततामी निशान (! हैं

रब हमें बचाएं; हम मरने के लिए हैं (मति8:25 यू उल्टी

मुलाहिज़ा करें अख़्तलाआत दीगर तरीक़ों के लिए जो एज़ाज़ात दिखाए गए हैं और उनका तर्जुमा करने के तरीक़े.

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

  1. अपनी ज़बान के तरीक़ों को ज़ाहिर करने का इस्तिमाल करते हुए कि इस में एक ख़ास फे़अल है
  2. जब बाइबल में एक जमहूरीयत की सज़ा है तो आपकी ज़बान में सज़ा की तक़रीब के लिए इस्तिमाल नहीं करेंगे, तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली के लिए मुंदरजा ज़ैल सफ़हात मुलाहिज़ा करें

बयानात दीगर इस्तिमाल

This section answers the following question: बयानात के ले-ए-दीगर इस्तिमाल क्या हैं ?

तफ़सील

आम तौर पर बयानात , मालूमात देने के लिएइस्तिमाल होते हैं लेकिन बाज़-औक़ात उऩ्हें बाइबल में दूसरे अफ़आल के लिए भी इस्तिमाल किया जाता है I

ये एक तर्जुमा का मसला होने की वजह

कुछ ज़बानें बाइबल में इस्तिमाल होने वाले बयानात के कुछ अफ़आल के लिए एक बयान का इस्तिमाल नहीं करती है I

बाइबल की मिसाल

बयानात आम तौर पर मालूमात फ़राहम करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है यूहना1: 6-8 जे़ल में तमाम जुमला बयानात हैं, और उनका काम मालूमात देना है

एक सख्श था, जिसे खुदा ने भेजा था , उसका नाम जॉन था I वो रौशनी के बारे में गवाही देने आया , ताकि उके जरिये लोग इस पर भरोसा करें I झोन खुद वो रौशनी नहीं था पर वो आया ताकि वो इसकी गवाही डे सके ( जॉन 1:6-8 यू एल टी )

एक बयां को हुक्मके तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है , ताकि बताया जा सके , क्या करना है Iमिसाल में, आला काहिन ने फे़अल "चाहिए “ के साथ बयान दिया था की लोगों को क्या करना चाहिए I

उन्होंने उनको हुक्म दिया, "ये आपको करना चाहीए I आपमें से तीसरा , जो सब्बाथ पे आया है , वो शाह के घर पे नज़र रखेगा , और तीसरा सुर के दरवाज़े पे होगा , और तीसरा बगीचे के पीछे के दरवाज़े पे होगा I (2 शाह 11:5 यू एल टी )

एक जुमले को एक हिदायत देने के लिए भी इस्तिमाल किया जा सकता है I जे़ल में स्पीकर सिर्फ़ यूसुफ़ को यह नहीं कह रहा था जो कुछ जोज़फ़ मुस्तक़बिल में करेगा; वो जोज़फ़ को क्या करने की ज़रूरत थी वो कह रहा था I

वो एक बेटे को जन्म देगी और आप उसे जीसस के नामे से बुलाएँगे क्योंकि वो अपने लोगों को अपने गुनाहों से बचाएगा (मति1:21 यू उल्टी )

एक दरख़ास्त बनाने के लिए एक बयान भी इस्तिमाल किया जा सकता है I वो आदमी जिसे कोढ़ है , वो सिर्फ ये नहीं कह रहा था कि जीसस क्या करने के काबिल था I वो जीसस से अपने आप को ठीक करने के लिए भी कह रहा था I

देखो, एक कोढ़ी उस के पास आया और उसके आगे झुक के बोला, "रब, अगर आप चाहे तो, आप मुझे पाक साफ़ कर सकते हैं. (मति8: 2 यू उल्टी

एक बयान * कुछ अंजाम देने के लिए भी इस्तिमाल किया जा सकता है I आदम को बता कर कि ज़मीन उस की वजह से लानती है , ख़ुदा ने उसे लानत दी

... आपकी वजह से लानत की ज़मीन है (पैदाइश3:17 यू उल्टी

क आदमी को उसके गुनाह बता कर उस के गुनाहों को माफ़ कर दिया गया, यसवा ने इन्सान के गुनाहों को माफ़ कर दिया I

उनके ईमान को देखकर, यसवा ने मफ़लूज आदमी से कहा, "बेटा, आपके गुनाहों को माफ़ कर दिया. (लूका2: 5 यू उल्टी

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

  1. अगर आपकी ज़बान में एक बयान का काम सही तरीक़े से नहीं समझा जाएगा तो , जो जुमले के उस किस्म का इस्तमाल करें जो की आप के  इस काम का इज़हार करेगा I
  2. अगर आपकी ज़बान में एक बयान की तक़रीब को दरुस्त तरीक़े से नहीं समझा जाएगा तो, जुमले के ऐसे किस्म को जोड़ें जो की काम को सही तरह से इजहार कर सके I
  3. अगर आपकी ज़बान में एक बयान का काम सही तरीक़े से नहीं समझा जाएगा तो, एक फे़अल फ़ार्म का इस्तिमाल करें जो इस काम का इज़हार करेगा

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. अगर आपकी ज़बान में एक बयान का काम सही तरीक़े से नहीं समझा जाये तो, एक ऐसी किस्म का इस्तिमाल करें जो इस काम का इज़हार करेगी

वो एक बेटे को जन्म देगी और आप उसे जीसस के नामे से बुलाएँगे क्योंकि वो अपने लोगों को अपने गुनाहों से बचाएगा (मति1:21 यू उल्टी ) यहाँ फिक्र “ आप उसे बुलायंगे “एक हिदायत है I ये आम हिदायत के इस्तमाल के साथ तर्जुमा की जा सकती है I वो एक बेटे को जन्म देगी और आप उसे जीसस के नामे से बुलाएँगे क्योंकि वो अपने लोगों को अपने गुनाहों से बचाएगाI

  1. अगर आपकी ज़बान में एक बयान का काम सही तरीक़े से नहीं समझा जाएगा तो, एक जमली किस्म को शामिल करें जो इस काम का इज़हार करेगी I
  • ، रब, अगर आप चाहें तो u> आप मुझे साफ़ बना सकते हैं (मति8: 2 यू उल्टी आपको "मुझे पाक साफ़ कर सकते हैं की तक़रीब एक दरख़ास्त करना है बयान के इलावा, एक दरख़ास्त शामिल की जा सकती है I
  • रब, अगर तुम चाहो तो u> आप मुझे साफ़ बना सकते हैं बराए मेहरबानी ऐसा करें
  • ख़ुदावंद, अगर तुम चाहो तो u> बराह-ए-करम मुझे साफ़ करो मैं जानता हूँ कि आप ऐसा कर सकते हैं
  1. अगर आपकी ज़बान में एक बयान का काम सही तरीक़े से नहीं समझा जाएगा, तो इस फे़अल का एक फे़अल फ़ार्म इस्तिमाल करें जो फे़अल का इज़हार करेगी

वो एक बेटे को जन्म देगी और आप उसे जीसस के नामे से बुलाएँगे क्योंकि वो अपने लोगों को अपने गुनाहों से बचाएगा (मति1:21 यू उल्टी ) वो एक बेटे को जन्म देगी और आपके लिए उसे जीसस के नामे से बुलाना लाज़मी है क्योंकि वो अपने लोगों को अपने गुनाहों से बचाएगा

  • बेटा, आपके गुनाहों को बख़श दिया गया है लूका2: 5 यू उल्टी
  • बेटा, में आपके गुनाहों को माफ़ करूँगा
  • बेटा, ख़ुदा ने आपके गुनाहों को माफ़ कर दिया है

हुक्माया जुमले

This section answers the following question: बाइबिल में हुक्मुया जुमलों का दूसरा इस्तेमाल क्या है ?

तफ़सील

हुक्मियां जुमले ,बुनियादी तौर पर एक ख़ाहिश या ज़रूरत का इज़हार करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है I कही कभी हुक्मियां जुमलों का बाइबिल में कुछ अलग इस्तेमाल भी होता है I

वजह ये एक तर्जुमा का मसला है

कुछ जबाने हुक्मियां जुमलों का इस्तेमाल बाइबिल के कुछ उनसार के लिए नहीं करेगी I

बाइबल की मिसाल

तक़रीर करने वाला अक्सर हुक्माया जुमलों का इस्तेमाल अपने सुनने वालों से , कुछ करने के लिए कहने के लिए करता है I जेनेसिस 2 , खुदा ने इस्सक से कहा , मिस्त्र मत जाओ , बल्कि वहां रहो जहाँ खुदा कहता है I

अब याह्वेह सामने आया और उसने कहा <यु> नीचे मिस्त्र मत जाओ </यु> उस जमीन पे रहो जहाँ में तुम्हे रहने के लिए कहता हूँ I ( जेनेसिस 26:2 यू एल टी )

कभी कभी बाइबिल में हुक्माया जुमले का दूसरा इस्तमाल भी होता है I

लाज़मी जो चीजों को करती है

खुदा चीज़ों को , होने के लिए हुकुम देके , होने देता है I जीसस ने एक आदमी को , ठीक होने का हुकुम देके ,ठीक किया I आदमी यहाँ उस हुकुम की तामील के लिए कुछ नहीं कर सकता है , पर जीसस ने उसे हुकुम देके सही किया (“ साफ़ होने” का मतलब है “ठीक होना “)

में चाहता हूँ की <यु> तुम साफ़ हो जाओ <यु> उसी समय वो कोढ़ से साफ़ हो गया ( मैथ्यू 8:3 यू एल टी )

जेनेसिस1 में , खुदा ने हुकुम दिया की रौशनी हो , और हुकुम देके , उसने वैसा होना मुमकिन किया I कुछ जबानो में जैसे की हिब्रू बाइबिल में कमांड तीसरे सख्स की शकल में है I अंग्रेजी ये नहीं करता है , इसलिए लाज़मी है की वो तीसरे शख्स के हुकुम को दुसरे शख्स में बदल दे यू एल टी )

खुदा ने कहा ,” <यु> वहां रौशनी होने दो,” और वहां रौशनी हो गयी ( जेनेसिस 1:3 यू एल टी )

जिस जबान में तीसरा शख्स की कमान होती है , वो असल इब्रानी की पैरवी कर सकते हैं , जो की अंग्रेजी में कुछ इस तरह तर्जुमान होता है “"रोशनी होना ज़रूरी है.

हुक्माया जो बरकत के तौर पर काम करती हैं

बाइबल में, ख़ुदा हुक्माया को इस्तिमाल करके लोगों को बरकत देते है I ये इशारा करता है कि उनकी मर्ज़ी उनके लिए किया है I

खुदा ने उन्हें बरकत दी और कहा ,” <यु> तुम फूलो फलो <यु> और बढ़ो </यु> . ज़मीन को <यु> भर<यु> दो और <यु> तस्खीर <यु> करो I समुन्दर की मछलियों पे <यु> राज<यु> करो , आकाश के परिंदों पे और  हर ज़िंदा चीज़ पर जो ज़मीन पर चलता है "

हुक्माया जो हालात के तौर पर काम करते हैं

हुक्माया जुमले का इस्तेमाल “ हालात” बताने के लिए भी किये जा सकता है जिसमें कुछ हुआ हो I ज़राब , ज़िन्दगी और चीज़ों के बारे में बताती है जो हो चुकें है I ज़राब 4:6 का यह मकसद हुक्माया देना नहीं है , बल्कि लोगों को ये सीखना है की क्या हो सकता है , <यु> अगर <यु> लोग दाने पसंद हो तो I

... <यु> > ... इलम को तर्क ना करें और वो आपको देखेंगे <यु>> उसे प्यार करें / u> और वो आपको महफ़ूज़ रखेंगे (इमसाल4: 6 यू उल्टी

इमसाल22: 6 का मक़सद ये है कि वो सिखा सकें कि अगर लोग अपने बच्चों को उनके चलने का रास्ता बताएं तो वो क्या हो सकते हैं I

<यु> एक </यु> बच्चे को सिखाएं उन्हें किस राह पे जाना चाहिए इसलिए जब वो बूढ़े हो जायेंगे तो इस हिदायात से दूर नहीं रहेंगे (इमसाल22: 6 यू एल टी )

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

  1. अगर लोग बाइबल में एक अफ़आल में से एक के लिए लाज़िमी सज़ा का इस्तिमाल नहीं करेंगे, उस के बजाय एक बयान इस्तिमाल करने की कोशिश करें
  2. अगर लोग समझ नहीं सकेंगे कि किसी चीज़ को होने की वजह से किसी सज़ा का इस्तिमाल किया जाता है, तो इस से ज़ाहिर होता है कि इस का क्या नतीजा ये था कि क्या बात की गई थी
  3. अगर लोग एक हालत के तौर पर किसी कमांड का इस्तिमाल नहीं करेंगे, तो लफ़्ज़ "अगर और "फिर के साथ एक बयान के तौर पर तर्जुमा करें

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. अगर लोग बाइबल में एक अफ़आल में से एक के लिए लाज़िमी सज़ा का इस्तिमाल नहीं करेंगे, उस के बजाय एक बयान इस्तिमाल करने की कोशिश करें
  • साफ़ रहो ( मथ्यु 8: 3 यू एल टी )
  • ” अब आप साफ़ है .”
  • ” मैंने तुम्हे साफ़ कर दिया है “
  • खुदा ने कहा ,” <यु> वहां रौशनी होने दो,” और वहां रौशनी हो गयी ( जेनेसिस 1:3 यू एल टी )
  • खुदा ने कहा ,” <यु> अब यहाँ रौशनी है,” और वहां रौशनी हो गयी I
  • खुदा ने उन्हें बरकत दी और कहा ,” <यु> तुम फूलो फलो <यु> और बढ़ो </यु> . ज़मीन को <यु> भर<यु> दो और <यु> तस्खीर <यु> करो I समुन्दर की मछलियों पे <यु> राज<यु> करो , आकाश के परिंदों पे और  हर ज़िंदा चीज़ पर जो ज़मीन पर चलता है ." (जेनेसिस 1:3 ULT)"
  • खुदा ने उन्हें बरकत दी और कहा ,” <यु>में तुम्हारे लिए चाहता हूँ की तुम फूलो फलो <यु> और बढ़ो </यु> . ज़मीन को <यु> भर<यु> दो और <यु> तस्खीर <यु> करो I और में चाहता हूँ की तुम समुन्दर की मछलियों पे <यु> राज<यु> करो , आकाश के परिंदों पे और  हर ज़िंदा चीज़ पर जो ज़मीन पर चलता है ."
  1. अगर लोग समझ नहीं सकेंगे कि किसी चीज़ को होने की वजह से किसी सज़ा का इस्तिमाल किया जाता है, तो इस से ज़ाहिर होता है कि इस का क्या नतीजा ये था कि क्या बात की गई थी
  • ख़ुदा ने कहा, "यहाँ रौशनी होने दो, और रोशनी थी (पैदाइश1: 3 यू उल्टी )
  • ख़ुदा ने कहा, 'रोशनी ना दो, तो / u> वहां रोशनी थी I

खुदा ने कहा ,” रौशनी होनी चाहिए </यु> और इसके नातिज़ं वह रौशनी थी I

  1. अगर लोग एक हालत के तौर पर किसी कमांड का इस्तिमाल नहीं करेंगे, तो लफ़्ज़ "अगर और "फिर के साथ एक बयान के तौर पर तर्जुमा करें I

एक बच्चे को सिखाएं उन्हें किस राह पे जाना चाहिए इसलिए जब वो बूढ़े हो जायेंगे तो इस हिदायात से दूर नहीं रहेंगे (इमसाल22: 6 यू एल टी )

तर्जुमाऐसे करें :

<यु> अगर </यु> तुम एक बच्चे को सेखायेगो की किस राह जाना है वो उसी राह जायेगा I <यु> इसलिए जब वो बूढ़े हो जायेंगे तो इस हिदायात से दूर नहीं रहेंगे .”


अस्तिजाब

This section answers the following question: अलामत का तर्जुमान कैसे किया जा सकता है ?

तफसील

ऐलानात अलफ़ाज़ या जुमले वो हैं जो कशीदगी, ख़ुशी, ख़ौफ़, या ग़ुस्से जैसे मज़बूत एहसास को ज़ाहिर करती हैं I ULT औरUST मैं, वो आम तौर पर इख़ततामी निशान (! ) इस निशान से पता चलता है कि ये एक एज़ाज़ है Iहालात और लोग जो कहते हैं उस के मअनी की मदद से हम समझते हैं कि वो कौनसी जज़बात बयान की गयी हैं I मैथीयू 8 से नीचे लिए गए मिसाल मैं , सतक़रीर करने वाले बहुत ख़ौफ़ज़दा थे I मिसाल के तौर पर मैथीयू9 से, तक़रीर करने वाले हैरान हुए थे, क्योंकि कुछ हुआ जो उन्हें पहले कभी नहीं देखा था I

खुदा हमें बचाए , हम मरने वाले है ! ( मेथ्यु 8: 25 युएलटी )

जब शैतान बाहर निकाला तो गूँगा बोलने लगा I भीड़ हैरान होकर और कहा, "ये कभी इसराईल में नहीं देखा गया है! (मेथ्यु 9:33 यू उल्टी )

ये एक तर्जुमा का मसला होने की वजाहत

जबान के पास , एक जुमले के मज़बूत जज़बात दीखने के कई तरीके है I

बाइबिल के मिसाल

कुछ अस्तिजाब में ऐसे अलफ़ाज़ होते है जो की जजबात दिखाते है I कुछ जुमे नीचे दिए गए है जिसमे “ओह” और “आह “ यहाँ तक़रीर करने वाले की हैरानगी को बयां करते है I

<यु> ओह </यु> ओह ! दानाई अफरात और खुदा का शुरूर ! ( रोमन 11 : 33 यु एल टी )

“अह” बताता है की लफ़्ज़ से पता चलता है कि गाइडन बहुत ख़ौफ़नाक था I गाईडीओंन समझ गया की कि ये ख़ुदावंद का फ़रिश्ता था I गाईडीओंन ने कहा, " <यु> आह <यु> ख़ुदावंद के खुदा !, क्योंकि मैंने ख़ुदावंद के फ़रिश्ते को आमने – सामने देखा है. (जज 6:22 यू उल्टी )

कुछ अस्तिजाब सवाल से शुरू होते है जैसे की “ कैसे “ या “ क्यों “ जबकि वो सवाल नहीं होते है I नीचे दिए गए जुमले ये बताते है की तक़रीर करने वाला , खुदा के फैसलों की गैर जांबदारी पे कितना हैरान था I

<यु> कैसे </यु> गैर जांबदारी उसके फैसले है और और उनके तरीक़े दरयाफ़त करने से बाहर हैं (रोमीयों11:33 यू उल्टी )

बाइबल में कुछ अस्तिजाब में अहम फे़अल नहीं होते हैं I मुंदरजा ज़ैल से अस्तिजाब ज़ाहिर होता है कि तक़रीर करने वाला उस शख़्स से गुस्सा है जिस से वो बात कर रहा है I

आप एक बेकार शख़्स (मेथ्यु5:22 यू उल्टी )

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

  1. अगर आपकी ज़बान में एक अस्तिजाब को एक फे़अल की ज़रूरत है, तो एक शामिल करें I अक्सर, "है या "हैं. एक अच्छा फे़अल है I
  2. अपनी ज़बान से एक अस्तिजाब लफ़्ज़ का इस्तिमाल करें जो मज़बूत एहसास को ज़ाहिर करता हो I
  3. अस्तिजाब लफ़्ज़ का एक जुमला जिससे एहसास ज़ाहिर होता है उस का तर्जुमा करें I
  4. जुमले के उस हिस्से का इस्तमाल करें जो की जुमले में पुरजोर एहसास को लता है I
  5. अगर हदफ़ ज़बान में मज़बूत एहसास वाज़िह नहीं है तो फिर बताएं कि  शख़्स किस तरह महसूस कर रहा है I

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. अगर आपकी ज़बान में अस्तिजाब को एक फे़अल की ज़रूरत है, तो एक शामिल करें I अक्सर, "है या "हैं. एक अच्छा फे़अल है I
  • आप बेकार शख़्स है (मथ्यु 5:22 यू एलटी )
  • आप बिलकुल बेकार शख्स <यु> है <यु> !
  • ओह ! दानाई अफरात और खुदा का शुरूर ! ( रोमन 11 : 33 यु एल टी )
  1. अपनी जबान से एक अस्तिजाब का इस्तेमाल करें जो की मज़बूत एहसास को ज़ाहिर करती हो I जे़ल में, लफ्ज़ "वाह “ से पता चलता है कि वो हैरानकुन थे I Iइज़हार "ओह नहीं” से पता चलता है कि कुछ ख़ौफ़नाक हुआ है I
  • वो बिलकुल हैरान हुए थे, कहने लगे, "उसने सब कुछ ठीक किया है I उसने बहरे को सुनने और गूंगे को बोलने वाला बनाया है. (मर्कूज़7:36 यु एल टी )
  • वो बिलकुल हैरान हुए थे, कहने लगे, " <यु>वाह ! <यु>उसने सब कुछ ठीक किया है I उसने बहरे को सुनने और गूंगे को बोलने वाला बनाया है I“

गाईडीओंन ने कहा, " <यु> आह <यु> ख़ुदावंद के खुदा !, क्योंकि मैंने ख़ुदावंद के फ़रिश्ते को आमने – सामने देखा है. (जज 6:22 यू उल्टी )

  • _ओह नहीं _ याह्वे के खुदा ! मैंने ख़ुदावंद के फ़रिश्ते को आमने – सामने देखा है!”
  1. अस्तिजाब लफ़्ज़ों को ऐसे जुमले में तर्जुमा करें जो की एहसास दिखाती हो I
  • <यु> आह <यु> याह्वेह के खुदा ! मैंने ख़ुदावंद के फ़रिश्ते को आमने – सामने देखा है!” (जज 6:22 यू एल टी )
  • याह्वेह के खुदा ! मेरा क्या होगा <यु> ? मैंने ख़ुदावंद के फ़रिश्ते को आमने – सामने देखा है!”
  • <यु> मदद </यु> याह्वेह के खुदा ! मैंने ख़ुदावंद के फ़रिश्ते को आमने – सामने देखा है!”
  1. ऐसे लफ्ज़ का इस्तेमाल करें जो की जुमलें के हिस्से में मजबूत एहसास लेके आये I
  • कैसे गैर जांबदारी उसके फैसले है और और उनके तरीक़े दरयाफ़त करने से बाहर हैं (रोमीयों11:33 यू उल्टी )
  • उसके फैसले <यु> गैर जांबदारी <यु> है और उनके तरीक़े दरयाफ़त करने से बाहर हैं !”
  1. अगर हदफ़ ज़बान में मज़बूत एहसास वाज़िह नहीं है तो फिर , शख़्स ने किस तरह महसूस किया वो बताएं I

गाईडीओंन समझ गया की याह्वेह खुदा का फ़रिश्ता है I गाईडीओंन ने कहा, " <यु> आह <यु> ख़ुदावंद के खुदा !, क्योंकि मैंने ख़ुदावंद के फ़रिश्ते को आमने – सामने देखा है. (जज 6:22 यू एल टी )

  • ’ गाईडीओंन समझ गया की याह्वेह खुदा का फ़रिश्ता है I <यु> वो बहुत खुश था और ने कहा मैंने ख़ुदावंद के फ़रिश्ते को आमने – सामने देखा है. (जज 6:22 यू एल टी )

इख्तिबास और इख्तिबास हशिह्सा

This section answers the following question: इख्तिबास और इख्तिबास हशिह्सा क्या है ?

तफ़सील

जब कोई कहता है की किसी ने कुछ कहा तो हम अक्सर कहते हैं कोण बोला, किससे बोला और क्या बोला I किस् से बोला और कोण बोला की मालूमात को इख्तिबास हशिह्सा कहा जाता है और जो बन्दे ने कहा उसे इख्तिबास कहते हैं ( इसे कोट भी कहते है ) कुछ जबानो में इख्तिबास हशिह्सा पहले आता है या दो इख्तिबास के बीच में आता है I

इख्तिबास हशिह्सा जे़ल में कशीदा खीचा हुआ दर्ज हैं

  • <यु> उन्होंने <यु> कहा / u>، "खाना तैयार है आव और खा लो “
  • “ खाना तैयार है आओ और खा लो “<यु> उसने कहा <यु>
  • “ खान तैयार है “<यु> उसने कहा <यु> “ आओ और खा लो “

कुछ जबानो में इख्तिबास हशिह्सा के एक से ज्यादा फाएल मायने हो सकते हैं “ कहा “

पर उसकी मा ने <यु> जवाब दिया <यु> और <यु> कहा </यु> ,” नहीं उसकी जगह वो जॉन को बुलाएगा “ ( लुक 1:60 यू एल टी )

जब कुछ जबान में किसने किस से क्या कहाँ लिख रहे हो तो इख्तिबास को ( किसने क्या कहा ) इख्तिबास हशिह्सा मैं डालें जिसे अलामात इक्ताबास कहते हैं I कुछ जबान इक्ताबास के साथ दुसरे निशाँ का इस्तेमाल करते हैं , जैसे कोण इक्ताबास (« »), या कुछ और I

वजूहात ये तर्जुमा का मसला है

  • मुतर्जिम इक़तिबास मार्जिन डालने की ज़रूरत है जहां ये अपनी ज़बान में सबसे वाज़िह और क़ुदरती है
  • तर्जुमान को को ये फ़ैसला करने की ज़रूरत है कि वो एक या दो फे़अल का मअनी चाहते हैं कि "इक़तिदार"
  • मित्र जमीन को ये फ़ैसला करने की ज़रूरत है कि कोटेशन के इर्द-गिर्द इस्तिमाल करने के लिए कौन सा निशान मौजूद है

बाइबल की मिसाल

इक़तिबास से पहले इक़तिबास मार्जिन

ज़करीया ने फ़रिश्ता से कहा / u>، "मैं जानता हूँ कि ये क्या होगा? क्योंकि में एक बूढ़े आदमी हूँ, और मेरी बीवी भी बहुत पुरानी है. (लूका1:18 यू उल्टी

फिर कुछ टैक्स जमा करने वाले भी बपतिस्मा देने आए थे, और u> उन्होंने इस से कहा / u>، "उस्ताद, हम क्या करें? (लूका3:12 यू उल्टी )

उन्होंने उनसे कहा, / u> "आप ज़्यादा पैसे जमा ना करें. (लूका3:13 यू उल्टी

इक़तिबास के बाद इक़तिबास मार्जिन

इस के बारे में ख़ुदावंद ने रुजू किया "ऐसा नहीं होगा, उन्होंने कहा / u>. (अमोस7: 3 यू उल्टी )

इक़तिबास मार्जिन इक़तिबास के दो हिस्सों के दरमयान

“में अपना चेहरा छुपा लूँगा ,” <यु> उसने कहा और देखूंगा की उनका अंजाम क्या होगा  क्योंकि वो एक ख़तरनाक नसल हैं, ये वो बच्चे है जो बेनज़ीर हैं. (Deuteronomy 32:20 यू उल्टी )

<ब्लाक कोट> इसलिए जो लोग कर सकता है ,” <यु> उसने कहा </यु> उन्हें हमारे साथ वहां जाना चैये I अगर कुछ गलत है तो उसपे इलज़ाम लगाओ ( एक्ट 25:5 यू एल टी ) </<ब्लाक कोट>

"देखो, दिन आ रहा है - ये ख़ुदावंद का ऐलान है जब "जब में अपने लोगों के इसराईल के ख़ुश-क़िस्मत को बहाल करूँगा (यरमयाह30: 3 यू उल्टी

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

  1. हवाला मार्जिन डालने का फ़ैसला करें
  2. फ़ैसला करें कि आया एक या दो लफ़्ज़ों का मतलब है कि मतलब ये है कि "कहा.

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. हवाला मार्जिन डालने का फ़ैसला करें
  • "लिहाज़ा, जो लोग कर सकते हैं "/ u>" हमारे साथ वहां जाना चाहीए अगर आदमी के साथ कुछ ग़लत है तो आपको इस पर इल्ज़ाम लगाना चाहीए "(आमाल25: 5 यू उल्टी )
  • उन्होंने कहा, / u> "लिहाज़ा, जो लोग हमारे साथ वहां जा सकते हैं अगर आदमी के साथ कुछ ग़लत हो तो आपको इस पर इल्ज़ाम लगाना चाहीए.
  • "लिहाज़ा, जो लोग हमारे साथ वहां जा सकते हैं अगर आदमी के साथ कोई ग़लती हो तो आपको इस पर इल्ज़ाम लगाया जाना चाहीए.
  • "लिहाज़ा, वो लोग जो हमारे साथ वहां जा सकते हैं, उन्होंने कहा "अगर इन्सान के साथ कुछ ग़लत हो तो आपको इस पर इल्ज़ाम लगाना चाहीए.
  1. फ़ैसला करें कि आया एक या दो लफ़्ज़ों का मतलब है कि मतलब ये है कि "कहा.
  • लेकिन इस की माँ ने जवाब दिया और कहा / u>، "नहीं, उस के बजाय वो यूहना कहा जाएगा (लूका1:60 यू उल्टी )
  • लेकिन इस की माँ ने जवाब दिया / u>، '' नहीं, उस के बजाय वो जान को बुलाया जाएगा ''
  • लेकिन इस की माँ ने / u> कहा, "नहीं, उस के बजाय वो जान को बुलाया जाएगा
  • लेकिन इस की माँ ने जवाब दिया / u>، "नहीं, उस के बजाय वो जान को बुलाया जाएगा I

बराहे रास्त और बिला वास्ता हवाला देना

This section answers the following question: बराहे रास्त और बिला वास्ता हवाला देना क्या है?

तफ़सील

दो किस्म के कोटेशंज़ हैं बराह-ए-रास्त कोटेशन और ग़ैर मुस्तक़ीम कोटेशन

एक * बराह-ए-रास्त कोटेशन * इस वक़्त होता है जब किसी को किसी दूसरे शख़्स को असल स्पीकर के नुक़्ता-ए-नज़र से किया कहा गया है लोग आम तौर पर तवक़्क़ो रखते हैं कि इस तरह के कोटेशन असल स्पीकर के ऐन मुताबिक़ अलफ़ाज़ की नुमाइंदगी करेंगे जे़ल में मिसाल के तौर पर, जान ने कहा कि "में अपने आपको बयान करते वक़्त कहा करता था, लिहाज़ा, जिसे जान के अलफ़ाज़ की रिपोर्टिंग कर रहा है, जान के हवाला में I"का लफ़्ज़ इस्तिमाल करता है ये ज़ाहिर करने के लिए कि ये जान के ऐन मुताबिक़ अलफ़ाज़ हैं, बहुत से ज़बानों को कोटेशन के निशान के दरमयान अलफ़ाज़ डालते हैं "".

  • जान ने कहा, "u>में / u>नहीं जानता कि किस वक़्त u>में / u>पहुंच जाएगा

एक * ग़ैर मुस्तक़ीम कोटेशन * इस वक़्त होता है जब किसी स्पीकर को किसी और ने किया कहा है, लेकिन इस सूरत में, स्पीकर उसे असल शख़्स के नुक़्ता-ए-नज़र से बजाय अपने नुक़्ता-ए-नज़र से रिपोर्ट कर रहा है ये किस्म का मुआइना आम तौर पर ज़मीमा में तबदील होता है, और ये अक्सर वक़्त में, लफ़्ज़ इंतिख़ाब में, और लंबाई में तबदीली करता है जे़ल में मिसाल के तौर पर, मुसन्निफ़ "जान की तरफ़ से इशारा मुस्तक़बिल के कशीदगी को तबदील करने के लिए "गे लफ़्ज़ को इस्तिमाल करते हैं और इस्तिमाल में "वो के तौर पर जान है

  • जान ने कहा कि u>वो / u>नहीं मालूम था कि इस वक़्त u>वो / u>पहुंच जाएगा

क्यों ये तर्जुमा का मसला है

कुछ ज़बानों में, रिपोर्ट याफताह बराह-ए-रास्त या ग़ैर मुस्तक़ीम कोटेशनों की तरफ़ से इज़हार किया जा सकता है दूसरी ज़बानों में, ये एक दूसरे के बजाय एक दूसरे का इस्तिमाल करने के लिए ज़्यादा क़ुदरती है, या एक दूसरे के मुक़ाबले में एक का इस्तिमाल करते हुए एक मअनी मअनी है लिहाज़ा हर कोटेशन के लिए, मित्र जमीन को ये फ़ैसला करने की ज़रूरत है कि क्या ये बराह-ए-रास्त बेहतरीन कोटेशन या ग़ैर मुस्तक़ीम कोटेशन के तौर पर तर्जुमा करना है

बाइबल की मिसाल

मुंदरजा ज़ैल मिसालें में आयात दोनों बराह-ए-रास्त और ग़ैर मुस्तक़ीम कोटेशनों पर मुश्तमिल हैं आयत के नीचे वज़ाहत में, हमने कोटेशनों पर-ज़ोर दिया है

उसने उस को हिदायत दी कि वो किसी को ना बताए, लेकिन इस से कहा, "अपने रास्ते पर जाओ और अपने आपको पादरी को पेश करो और अपनी पाकीज़गी के लिए क़ुर्बानी पेश करो (लूका5:14 यू उल्टी

  • ग़ैर मुस्तक़ीम हवाला उन्होंने इस को हिदायत दी कि किसी को नहीं बताएं / u>
  • बराह-ए-रास्त इक़तिबास लेकिन इस से कहा, "u>अपने रास्ते पर जाओ, और अपने आपको पादरी को য৒ब दिखाएंगे .. "

फ़रीसयों से पूछा जा रहा है कि जब ख़ुदा की बादशाही आयेंगी तो यसवा ने जवाब दिया और कहा, "ख़ुदा की बादशाही ऐसी चीज़ नहीं है जिसे देखा जा सकता है ना वो कहेंगे, 'देखो देखो! या, 'देखो! क्योंकि ख़ुदा की बादशाही तुम्हारे दरमयान है " (लूका17: 20-21 यू उल्टी

  • ग़ैर मुस्तक़ीम हवाला फ़रीसयों से पूछा जा रहा है कि जब ख़ुदा की बादशाही आएगी तो / u>
  • बराह-ए-रास्त इक़तिबास यसवा ने उनसे जवाब दिया और कहा, "आपके ख़ुदा की बादशाही ऐसी चीज़ नहीं है जिसे मुशाहिदा किया जा सकता है ना ही वो कहते हैं, 'देखो! या, 'देखो! क्योंकि ख़ुदा की बादशाही तुम्हारे दरमयान है "
  • बराह-ए-रास्त हवालाजात ना वो कहेंगेu>यहां देखो 'या, 'u>वहां देखो '

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर ज़रीया मतन में इस्तिमाल की जाने वाली किस़्म आपकी ज़बान में अच्छी तरह से काम करेगी तो इस का इस्तिमाल करें अगर इस किस्म के इक़तिबास में इस्तिमाल होने वाली नौईयत आपकी ज़बान के लिए क़ुदरती नहीं है तो, उनकी हिक्मत-ए-अमली पर अमल करें

  1. अगर बराह-ए-रास्त इक़तिबास आपकी ज़बान में अच्छी तरह से काम नहीं करेगा, तो उसे ग़ैर मुस्तक़ीम इक़तिबास में तबदील करें
  2. अगर एक ग़ैर मुस्तक़ीम लफ़्ज़ आपकी ज़बान में अच्छी तरह से काम नहीं करेगा तो, बराह-ए-रास्त इक़तिबास में तबदील करें

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. अगर बराह-ए-रास्त इक़तिबास आपकी ज़बान में अच्छी तरह से काम नहीं करेगा, तो उसे ग़ैर मुस्तक़ीम इक़तिबास में तबदील करें
  • उसने उस को हिदायत दी कि वो किसी को ना बताए, लेकिन इस से कहा, "आप अपने रास्ते पर जाएं और अपने आपको इमाम के सामने पेश करें और आपकी सफ़ाई के लिए क़ुर्बानी पेश करो " (लूका5:14 यू उल्टी
  • उसने उस को हिदायत दी कि वो किसी को नहीं बल्कि उस के पास जाने के ले-ए-और अपने आपको पादरी को पेश करने और अपनी सफ़ाई के लिए क़ुर्बानी पेश करने के लिए, मौसी के हुक्म के मुताबिक़ उनकी गवाही के ले-ए-/ u> . "
  1. अगर एक ग़ैर मुस्तक़ीम लफ़्ज़ आपकी ज़बान में अच्छी तरह से काम नहीं करेगा तो, बराह-ए-रास्त इक़तिबास में तबदील करें
  • उसने उस को हिदायत दी कि वो कोई नहीं बताए, लेकिन इस से कहा, "अपने रास्ते पर जाओ और अपने आपको इमाम को दिखाओ और अपनी सफ़ाई के लिए क़ुर्बानी पेश करो उनकी गवाही "(लूका5:14 यू उल्टी
  • उसने उस को हिदायत की, "कोई नहीं कहो. बस अपने रास्ते पर जाओ और अपने आपको पादरी को पेश करो और अपनी सफ़ाई के लिए क़ुर्बानी पेश करो मौसी के मुताबिक़ उनके मुताबिक़ गवाही दी गई है

आपhttp://ufw.io/figs_quotations पर वीडीयो देखना चाहते हैं


हवालों के निशानात

This section answers the following question: हवालों को किस तरह निशान ज़द किया जा सकता है, ख़ासकर जब हवालों के अन्दर हवाले हों?

बयान

बाज़ ज़बानें बाक़ी मतन से बराह रास्त हवालों को निशान ज़द करने के लिए अलामत ए इक्तबास का इस्तेमाल करती हैं। अंग्रेज़ी में इक्तबास से पहले और बाद में “ निशान इस्तेमाल होता है।

  • यूहन्ना ने कहा, “मैं नहीं जनता के मैं कब पहुचुँगा”।

अलामत ए इक्तबास का इस्तेमाल बिला रास्त हवालों के साथ नहीं होता है

  • यूहन्ना ने कहा के वह नहीं जनता था के वह कब पहुँचेगा।

जब हवालों के अन्दर हवालों की कई परतें हों, कारअीन के लिए यह समझना मुश्किल हो सकता है के कौन क्या कह रहा है। दो क़िस्म के अलामत ए इक्तबास को मुतबादिल करने से मोहतात कारअीन को इनसे बाख़बर रहने में मदद मिल सकती है। अंग्रेज़ी में सबसे बाहरी हवाले का अलामत ए इक्तबास दोहरा होता है, और अन्दर के अगले हवाले का अलामत तन्हा होता है।

  • मरियम ने कहा, “यूहन्ना ने कहा, ‘मैं नहीं जानता के मैं कब पहुँचूँगा।’ ”
  • बॉब ने कहा, “मरियम ने कहा, ‘यूहन्ना ने कहा, “मैं नहीं जानता के मैं कब पहुँचूँगा” ’ ”

बाज़ ज़बानें दीगर क़िस्म के अलामत ए इक्तबास का इस्तेमाल करती हैं: यहाँ बाज़ मिशालें हैं: , ’ ,, ” « » ⁊ — .

बाईबल से मिशालें

नीचे दी गयी मिशालें ज़ाहिर करती हैं के ULT में किस क़िस्म के अलामत ए इक्तबास का इस्तेमाल किया जाता है।

सिर्फ़ एक परत वाला हवाला

पहली परत के रास्त हवाले में उसके आस पास दोहरे अलामत ए इक्तबास होते हैं।

पस बादशाह ने जवाब दिया, “ये तो एलियाह तिशबी है”। (2 सलातीन 1:8 ULT)

दो परतों वाले हवाले

दूसरी परत के रास्त हवाले में उसके आस पास तन्हा अलामत ए इक्तबास होता है। आपके लिए हमने इसे और जुमले को वाज़े तौर पर देखने के लिए ख़त कशीदा किया है।

उन्होंने उससे पूछा, “वो कौन शख्स है जिसने तुझसे कहा, ‘अपनी चारपाई उठाकर चल फिर’?” (यूहन्ना 5:12 ULT)

... उसने शागिर्दों में से दो को ये कहकर भेजा, “सामने के गाँव में जाओ। उसमे दाख़िल होते ही, एक गधी का बच्चा बंधा हुआ मिलेगा जिस पर कभी कोई आदमी सवार नहीं हुआ। उसे खोलकर मेरे पास ले आओ। अगर कोई तुमसे पूछे, ‘इसे क्यों खोलते हो?’ तो यूँ कहना, ‘के ख़ुदावन्द को इसकी ज़रुरत है’।” (लूका 19:29-31 ULT)

तीन परतों वाला हवाला

तीसरी परत के रास्त हवाले में उसके आस पास दोहरे अलामत ए इक्तबास होते हैं। आपके लिए हमने इसे वाज़े तौर पर देखने के लिए ख़त कशीदा किया है।

अब्राहम ने कहा, “क्योंके मेरा ख़याल था के ख़ुदा का खौफ़ तो इस जगह हरगिज़ न होगा, और वो मुझे मेरी बीवी के सबब से मार डालेंगे’। और फ़िलहक़ीक़त वो मेरी बहन भी है, क्योंके वो मेरे बाप की बेटी है, अगरचे मेरी माँ की बेटी नहीं; फिर वो मेरी बीवी हुई। और जब ख़ुदा ने मेरे बाप के घर से मुझे आवारा किया, तो मैंने इससे कहा, ‘मुझ पर ये तेरी महरबानी होगी के जहाँ कहीं हम जाएँ, तू मेरे हक़ में यही कहना, ‘के ये मेरा भाई है”। ’ ” (पैदाइश 20:10-13 ULT)

चार परतों वाला हवाला

चौथी परत के रास्त हवाले में उसके आस पास तन्हा अलामत ए इक्तबास होता है। आपके लिए हमने इसे वाज़े तौर पर देखने के लिए ख़त कशीदा किया है।

उन्होंने उससे कहा, “एक शख्स हमसे मिलने को आया और हमसे कहने लगा, ‘उस बादशाह के पास जिसने तुमको भेजा है फिर जाओ, और उससे कहो, “ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: ‘क्या इस्राएल में कोई ख़ुदा नहीं जो तू अक्रून के देवता बालज़बूब से पूछने को भेजता है? इसलिए तू उस पलंग से जिस पर तू चढ़ा है उतरने न पायेगा; बल्के, ज़रूर ही मरेगा’। ” ’ ” (2 सलातीन 1:5-6 ULT)

अलामत ए इक्तबास की हिकमत ए अमली

यहाँ कुछ ऐसे तरीक़े हैं जिनसे आप कारअीन को यह देखने में मदद कर सकेंगे के हर हवाला कहाँ से शुरू होता है और इख्तताम पज़ीर होता है ताके वह ज़ियादा आसानी से जान सकें के किस ने क्या कहा है।

  1. रास्त हवालों की परतें ज़ाहिर करने के लिए दो क़िस्म के अलामत ए इक्तबास को मुतबादिल करें। अंग्रेज़ी दोहरे अलामत ए इक्तबास और तन्हा अलामत ए इक्तबास को मुतबादिल करती है।
  2. अलामत ए इक्तबास का इस्तेमाल कम करने के लिए एक या कुछ हवालों को बिला रास्त हवालों के तौर पर तर्जुमा करें, क्योंके बिला रास्त हवालों को इनकी जरूरत नहीं होती है। (देखें रास्त और बिला रास्त हवाले)
  3. अगर एक हवाला काफी तवील है और इसमें हवालों की बहुत सी परतें हैं, मरकज़ी हवाले को दान्ते डालें, और इसके अन्दर के सिर्फ़ रास्त हवालों के लिए अलामत ए इक्तबास का इस्तेमाल करें।

अलामत ए इक्तबास की हिकमत ए अमली की इतलाक़ी मिशालें

  1. रास्त हवालों की परतें ज़ाहिर करने के लिए दो क़िस्म के अलामत ए इक्तबास को मुतबादिल करें जैसा ULT मतन में नीचे दिखाया गया है

उन्होंने उससे कहा, “एक शख्स हमसे मिलने को आया और हमसे कहने लगा, ‘उस बादशाह के पास जिसने तुमको भेजा है फिर जाओ, और उससे कहो, “ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: ‘क्या इस्राएल में कोई ख़ुदा नहीं जो तू अक्रून के देवता बालज़बूब से पूछने को भेजता है? इसलिए तू उस पलंग से जिस पर तू चढ़ा है उतरने न पायेगा; बल्के, ज़रूर ही मरेगा’ ” ’ ” (2 सलातीन 1:6 ULT)

  1. अलामत ए इक्तबास का इस्तेमाल कम करने के लिए एक या कुछ हवालों को बिला रास्त हवालों के तौर पर तर्जुमा करें, क्योंके बिला रास्त हवालों को इनकी जरूरत नहीं होती है। अंग्रेज़ी में लफ्ज़ “दैट” बिला रास्त हवाले का तार्रुफ़ कर सकता है। नीचे के मिशाल में, लफ्ज़ “दैट” के बाद सब कुछ बिला रास्त हवाला है के क़ासिदों ने से बादशाह से क्या कहा। इस बिला रास्त हवाले के अन्दर, बाज़ रास्त हवाले हैं जिन्हें “एंड” के साथ निशानज़द किया गया ?

उन्होंने उससे कहा, “एक शख्स हमसे मिलने को आया और हमसे कहने लगा, ‘उस बादशाह के पास जिसने तुमको भेजा है फिर जाओ, और उससे कहो, “ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: ‘क्या इस्राएल में कोई ख़ुदा नहीं जो तू अक्रून के देवता बालज़बूब से पूछने को भेजता है? इसलिए तू उस पलंग से जिस पर तू चढ़ा है उतरने न पायेगा; बल्के, ज़रूर ही मरेगा’ ” ’ ” (2 सलातीन 1:6 ULT)

  • उन्होंने उससे कहा के एक शख्स हमसे मिलने को आया और हमसे कहने लगा, “उस बादशाह के पास जिसने तुमको भेजा है फिर जाओ, और उससे कहो, ‘ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: “क्या इस्राएल में कोई ख़ुदा नहीं जो तू अक्रून के देवता बालज़बूब से पूछने को भेजता है? इसलिए तू उस पलंग से जिस पर तू चढ़ा है उतरने न पायेगा; बल्के, ज़रूर ही मरेगा।” ’ ”

  1. अगर एक हवाला काफी तवील है और इसमें हवालों की बहुत सी परतें हैं, मरकज़ी हवाले को दान्ते डालें, और इसके अन्दर के सिर्फ़ रास्त हवालों के लिए अलामत ए इक्तबास का इस्तेमाल करें।

उन्होंने उससे कहा, “एक शख्स हमसे मिलने को आया और हमसे कहने लगा, ‘उस बादशाह के पास जिसने तुमको भेजा है फिर जाओ, और उससे कहो, “ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: ‘क्या इस्राएल में कोई ख़ुदा नहीं जो तू अक्रून के देवता बालज़बूब से पूछने को भेजता है? इसलिए तू उस पलंग से जिस पर तू चढ़ा है उतरने न पायेगा; बल्के, ज़रूर ही मरेगा’ ” ’ ” (2 सलातीन 1:6 ULT)

  • उन्होंने उससे कहा,
  • एक शख्स हमसे मिलने को आया जिसने हमसे कहा, “उस बादशाह के पास जिसने तुमको भेजा है फिर जाओ, और उससे कहो, ‘ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: “क्या इस्राएल में कोई ख़ुदा नहीं जो तू अक्रून के देवता बालज़बूब से पूछने को भेजता है? इसलिए तू उस पलंग से जिस पर तू चढ़ा है उतरने न पायेगा; बल्के, ज़रूर ही मरेगा।” ’ ”

हवालों के अन्दर हवाले

This section answers the following question: हवालों के अन्दर हवाले क्या हैं, और किस तरह मैं कारअीन को यह समझने में मदद कर सकता हूँ के कौन क्या कह रहा है?

बयान

एक हवाले के अन्दर हवाला हो सकता है, और वो हवाले जो दूसरे हवालों के अन्दर हैं उनके अन्दर भी हवाले हो सकते हैं। जब एक हवाले के अन्दर हवाला हो, हम इसके बारे में हवालों की परतें होने की बात कर सकते हैं, और हर हवाला एक परत है। जब हवालों के अन्दर हवालों की कई परतें हों, सामअीन और कारअीन के लिए यह जानना मुश्किल हो सकता है के कौन क्या कह रहा है। बाज़ ज़बानें इसे आसान बनाने के लिए रास्त हवालों और बिला रास्त हवालों का इत्तहाद इस्तेमाल करती हैं।

वजूहात के यह एक तर्जुमा का मसअला है

  1. जब हवाले के अन्दर हवाला होता है, सामअीन को यह जानने की ज़रुरत है के ज़मीर किस का हवाला देते हैं। मिशाल के तौर पर अगर एक हवाले के अन्दर हवाला है जिसमे लफ्ज़ “मैं” है, सामअीन को यह जानने की ज़रुरत है के आया “मैं” अन्दर वाले हवाले के खतीब से मुराद है या बाहर वाले हवाले के।
  2. जब हवाले के अन्दर हवाले होते हैं, बाज़ ज़बानें मुख्तलिफ़ क़िस्म के हवाले इस्तेमाल करके इसे वाज़े करती हैं। वो बाज़ के लिए रास्त हवाले और दूसरों के लिए बिला रास्त हवाले का इस्तेमाल कर सकती हैं
  3. बाज़ ज़बानें बिला रास्त हवाले का इस्तेमाल नहीं करती हैं।

बाईबल से मिशालें

सिर्फ़ एक परत वाला हवाला

मगर पौलुस ने कहा, “मैं तो पैदाइशी रोमी शहरी हूँ।” (आमाल 22:28 ULT)

दो परतों वाले हवाले

यिसू ने जवाब में उनसे कहा, “ख़बरदार रहो के कोई तुम्हें गुमराह न कर दे। क्योंके बहुतेरे मेरे नाम से आयेंगे और कहेंगे, ‘मैं मसीह हूँ,’ और बहुत से लोगों को गुमराह करेंगे।” मत्ती 24:4-5 ULT

सबसे बाहरी परत है जो यिसू ने अपने शागिर्दों से कहा। दूसरी परत वो है जो दूसरे लोग कहेंगे।

यिसू ने जवाब दिया, “तू ख़ुद कहता है के मैं बादशाह हूँ।” (यूहन्ना 18:37 ULT)

सबसे बाहरी परत है जो यिसू ने पीलातुस से कहा। दूसरी परत वो है जो पीलातुस ने यिसू से कहा।

तीन परतों वाला हवाला

अब्राहम ने कहा, “... मैंने इससे कहा, ‘मुझ पर ये तेरी महरबानी होगी के जहाँ कहीं हम जाएँ, तू मेरे हक़ में यही कहना, “ये मेरा भाई है।” ’ ” (पैदाइश 20:10-13 ULT)

सबसे बाहरी परत है जो अब्राहम ने अबीमलिक से कहा। दूसरी परत वह है जो अब्राहम ने अपनी बीवी से कहा था। तीसरी परत वो है जो अपनी बीवी से वह चाहता था के कहे। (हमने तीसरी परत को ख़त कशीदा किया है।)

चार परतों वाला हवाला

उन्होंने उससे कहा, “एक शख्स हमसे मिलने को आया और हमसे कहने लगा, ‘उस बादशाह के पास जिसने तुमको भेजा है फिर जाओ, और उससे कहो, “ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: ‘क्या इस्राएल में कोई ख़ुदा नहीं जो तू अक्रून के देवता बालज़बूब से पूछने को भेजता है? इसलिए तू उस पलंग से जिस पर तू चढ़ा है उतरने न पायेगा; बल्के, ज़रूर ही मरेगा’ ” ’ ” (2 सलातीन 1:5-6 ULT)

सबसे बाहरी परत है जो क़ासिदों ने बादशाह से कहा। दूसरी परत वह है जो उस आदमी ने उनको बतायाजो क़ासिदों से मिला था। तीसरी परत वो है जो वह आदमी चाहता था के क़ासिद बादशाह से कहें। चौथी वह है जो ख़ुदावन्द ने कहा। (हमने चौथी परत को ख़त कशीदा किया है।)

तर्जुमा की हिकमत ए अमली

बाज़ ज़बानें सिर्फ़ रास्त हवालों का इस्तेमाल करती हैं। दीगर ज़बानें रास्त हवाले और बिला रास्त हवाले का इत्तहाद इस्तेमाल करती हैं। उन ज़बानों में यह अजीब लग सकता है और शायद उलझन भी हो सकता है अगर रास्त हवालों की बहुत सी परतें हों

  1. तमाम हवालों को रास्त हवाले के तौर पर तर्जुमा करें।
  2. एक या कुछ हवालों को बिला रास्त हवाले के तौर पर तर्जुमा करें। (देखें रास्त और बिला रात हवाले)

तर्जुमा की हिकमत ए अमली की लागू की गयी मिशालें

  1. तमाम हवालों को रास्त हवाले के तौर पर तर्जुमा करें। नीचे के मिशाल में हमने ख़त कशीदा किया है, ULT के रास्त हवालों को और उन हवालों को जो हमने इसके नीचे रास्त हवाले में तब्दील किया है।
  • फ़ेस्तुस ने पौलुस का मुक़द्दमा बादशाह को पेश किया; उसने कहा, “एक शख्स को फ़ेलिक्स क़ैद में छोड़ गया है। ...मैं इन बातों की तहक़ीक़ात की बाबत उलझन में था, इसलिए उससे पूछा क्या तू यरूशलीम में जाने को राज़ी है के वहाँ इन बातों का फ़ैसला हो। लेकिन जब पौलुस ने अपील की के मेरा मुक़द्दमा शहंशाह की अदालत में फ़ैसला हो तो , मैंने हुक्म दिया के जब तक उसे क़ैसर के पास न भेज दूँ वो क़ैद रहे।” (आमाल 25:14-21 ULT)
  • फ़ेस्तुस ने पौलुस का मुक़द्दमा बादशाह को पेश किया; उसने कहा, “एक शख्स को फ़ेलिक्स क़ैद में छोड़ गया है। ...मैं इन बातों की तहक़ीक़ात की बाबत उलझन में था, और मैंने उससे पूछा, ‘क्या तू यरूशलीम में जाने को राज़ी है के वहाँ इन बातों का फ़ैसला हो’। लेकिन जब पौलुस ने कहा, ‘मेरा मुक़द्दमा शहंशाह की अदालत में फ़ैसला हो,’, मैंने हुक्म दिया, ‘जब तक उसे क़ैसर के पास न भेज दूँ वो क़ैद रहे।’
  1. एक या कुछ हवालों को बिला रास्त हवालों के तौर पर तर्जुमा करें। अंग्रेज़ी में लफ्ज़ “दैट” बिला रास्त हवाले के पहले आ सकता है। इसे नीचे के मिशाल में ख़त कसीदा किया गया है। जो ज़मीर बिला रास्त हवालों के सबब से तब्दील किये गये हैं उन्हें भी ख़त कसीदा किया गया है।
  • फिर ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा, “मैंने बनी-इस्राएल का बड़बड़ाना सुन लिया है। उनसे कह दे, ‘शाम को तुम गोश्त खाओगे, और सुबह को तुम रोटी से सेर होगे। तब तुम जान लोगे के मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ।’ ” (ख़ुरूज 16:11-12 ULT)
  • फिर ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा, “मैंने बनी-इस्राएल का बड़बड़ाना सुन लिया है। उनसे कह दे के शाम को वो गोश्त खाएंगे, और सुबह को वो रोटी से सेर होंगे। तब वो जान लेंगे के मैं ख़ुदावन्द उनका ख़ुदा हूँ।”
  • उन्होंने उससे कहा, “एक शख्स हमसे मिलने को आया और हमसे कहने लगा, ‘उस बादशाह के पास जिसने तुमको भेजा है फिर जाओ, और उससे कहो, “ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: ‘क्या इस्राएल में कोई ख़ुदा नहीं जो तू अक्रून के देवता बालज़बूब से पूछने को भेजता है? इसलिए तू उस पलंग से जिस पर तू चढ़ा है उतरने न पायेगा; बल्के, ज़रूर ही मरेगा’ ” ’ ” (2 सलातीन 1:6 ULT)
  • उन्होंने उससे कहा के एक शख्स उनसे मिलने को आया और उनसे कहने लगा, “उस बादशाह के पास जिसने तुमको भेजा है फिर जाओ, और उससे कहो के ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है: ‘क्या इस्राएल में कोई ख़ुदा नहीं जो तू अक्रून के देवता बालज़बूब से पूछने को भेजता है? इसलिए तू उस पलंग से जिस पर तू चढ़ा है उतरने न पायेगा; बल्के, ज़रूर ही मरेगा’ ”

लिखना की इक़साम

This section answers the following question: मुख़्तलिफ़ किस्म के तहरीरी मौज़ूआत और मसाइल शामिल हैं

तफ़सील

लिखना मुख़्तलिफ़ इक़साम या किस्में हैं, और हर किस्म के लिखने का अपना मक़सद है क्योंकि इन मक़ासिद मुख़्तलिफ़ हैं, मुख़्तलिफ़ किस्म के मुख़्तलिफ़ किस्म के मुख़्तलिफ़ किस्म की तहरीरें मुनज़्ज़म हैं वो मुख़्तलिफ़ फ़ालात, मुख़्तलिफ़ किस्म के जुमले इस्तिमाल करते हैं और उन लोगों और चीज़ों का हवाला देते हैं जो मुख़्तलिफ़ तरीक़े से लिखते हैं ये इख़तिलाफ़ात रीडर की मदद से तेज़ी से लिखने के मक़सद को जानने में मदद करती हैं, और वो बेहतरीन ज़रीया में मुसन्निफ़ के मअनी को बातचीत करने के लिए काम करते हैं

लिखावट की इक़साम

मुंदरजा ज़ैल चार बुनियादी इक़साम की तहरीर मौजूद हैं जो हर ज़बान में मौजूद हैं हर किस्म की तहरीरी एक मुख़्तलिफ़ मक़सद है

  • दास्तान * या * क़ाबिल - एक कहानी या वाक़िया बताता है
  • तशरीह - हक़ायक़ की वज़ाहत करता है या उसूलों को सिखाता है
  • अमलदरआमद - बताता है कि किस तरह कुछ करना है
  • Argumentative - किसी को कुछ करने के लिए क़ाइल करने की कोशिश करता है

ये क्यों एक तर्जुमा मसला है

हर ज़बान में इन मुख़्तलिफ़ इक़साम की तहरीरी तंज़ीम को मुनज़्ज़म करने का अपना तरीक़ा है मुतर्जिम को लिखने के कुसुम को समझना चाहिए कि वो तर्जुमा कर रहे हैं, समझते हैं कि ये किस तरह ज़रीया ज़बान में मुनज़्ज़म किया जाता है, और ये भी जानता है कि इस की ज़बान इस तरह के तहरीर को किस तरह मुनज़्ज़म करती है वो लिखते हैं कि इस की शक्ल इस शक्ल में डालती है कि इस की ज़बान इस किस्म की तहरीरी के लिए इस्तिमाल करती है ताकि लोगों को सही तरीक़े से समझ सके हर तर्जुमा में, जिस तरह के अलफ़ाज़, जुमले और पैराग्राफ़ का एहतिमाम किया जाता है वो इस बात पर-असर अंदाज़ करेगा कि लोग पैग़ाम किस तरह समझ लेंगे

लिखना तरज़ें

मुंदरजा ज़ैल तरीक़े से लिखने के तरीक़े हैं जो मुंदरजा बाला चार बुनियादी इक़साम के साथ मिल सकते हैं ये तहरीरी शैलियों अक्सर तर्जुमा में चैलेंजिज़ पेश करते हैं

  • शेअर - एक ख़ूबसूरत अंदाज़ में ख़्यालात और एहसासात का इज़हार
  • इमसाल - मुख़्तसर तौर पर एक सच्च या हिक्मत सिखाता है
  • अलामती ज़बान - चीज़ों और वाक़ियात की नुमाइंदगी करने के लिए निशान इस्तिमाल करता है
  • संबू लेक नबुव्वत - अलामती ज़बान का इस्तिमाल करता है कि मुस्तक़बिल में क्या होगा
  • हयातयाती हालात - इस बारे में बताता है कि अगर कुछ सही हो या किसी चीज़ के बारे में जज़बात का इज़हार करे जो हक़ीक़ी नहीं है

डिस्काउंट की ख़सुसीआत

ज़बान में मुख़्तलिफ़ इक़साम की तहरीरी के दरमयान फ़र्क़ उनकी गुफ़्तगु की ख़सुसीआत को कहा जा सकता है किसी मख़सूस मतन का मक़सद इस बात पर-असर अंदाज़ करेगा कि किस किस्म की गुफ़्तगु की ख़सुसीआत इस्तिमाल की जाती हैं मिसाल के तौर पर, एक रिवायत में, गुफ़्तगु की ख़सुसीआत में शामिल होगी

  • दूसरे वाक़ियात से पहले और इस के बाद होने वाले वाक़ियात के बारे में बताएं
  • कहानी में लोगों को मुतआरिफ़ किराया
  • कहानी में नए वाक़ियात मुतआरिफ़ किराया
  • गुफ़्तगु और हवालाजात का इस्तिमाल
  • इस्म और चीज़ों के साथ लोगों और चीज़ों का हवाला देते हुए

ज़बानें इन मुख़्तलिफ़ गुफ़्तगु की ख़सुसीआत का इस्तिमाल करने के मुख़्तलिफ़ तरीक़े हैं मुतर्जिम अपनी ज़बान को हर एक चीज़ से मुताल्लिक़ तरीक़े से मुताला करने की ज़रूरत होगी, ताकि उस का तर्जुमा वाज़िह और क़ुदरती रास्ते में सही पैग़ाम से गुफ़्तगु करे दीगर किस्म की तहरीरी दीगर अलफ़ाज़ की ख़सुसीआत हैं

मख़सूस बेहस के मसाइल

  1. नई ईवंट का तआरुफ़ - अलफ़ाज़ "जैसे एक दिन "या ये उस के बारे में आया "या ये कैसे हुआ "या इस के बाद कुछ "इस क़ारईन के लिए सिगनल कि नई तक़रीब के बारे में कहा जाएगा
  2. नए और पुराने शुरका का तआरुफ़ - ज़बानें नए लोगों को मुतआरिफ़ कराने के तरीक़ों हैं और उन लोगों का दुबारा हवाला देते हैं
  3. पस-ए-मंज़र की मालूमात - एक मुसन्निफ़ कई वजूहात के लिए पस-ए-मंज़र की मालूमात इस्तिमाल कर सकता है 1) कहानी के मुफ़ाद में इज़ाफ़ा करने के लिए,2) कहानी को समझने के लिए ज़रूरी मालूमात फ़राहम करने के लिए या3) कहानी में कुछ क्यों अहम है
  4. मुतर्जिम उनका इस्तिमाल करने के लिए - ज़बानों में ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो ज़मीमा इस्तिमाल करते हैं अगर उस के पैटर्न की पैरवी नहीं की जाती है तो, ग़लत मतलब का नतीजा हो सकता है
  5. कहानी का इख़तताम - कहानियां मुख़्तलिफ़ इक़साम की मालूमात के साथ ख़त्म हो सकती हैं ज़बानें मुख़्तलिफ़ होती हैं कि ये किस तरह की मालूमात कहानी से मुताल्लिक़ है
  6. कोटेशन और इक़तिबास मार्जिनज़ - ज़बानों में किसी ने किया कहा है की रिपोर्टिंग के मुख़्तलिफ़ तरीक़े हैं
  7. मरबूत अलफ़ाज़ - ज़बानें ताल्लुक़ रखने वाले अलफ़ाज़ (जैसे "और, "लेकिन, या "फिर" के इस्तिमाल के लिए नमूना हैं)

पस-ए-मंज़र की मालूमात

This section answers the following question: पस-ए-मंज़र की मालूमात kya है, और मैं कैसे दिखा सकता हूँ कि कुछ मालूमात पस-ए-मंज़र की मालूमात है ?

तफ़सील

जब लोग एक कहानी बताते हैं तो, वो आम तौर पर वाक़ियात को बताते हैं कि वो हुआ I वाक़ियात के इस सिलसिले से कहानी बनती है I कहानी कार्रवाई फे़अल से भरा हुआ होता है जो कि वक़्त में साथ कहानी को मुंतक़िल करती है I लेकिन बाज़-औक़ात मुसन्निफ़ एक कहानी से वक़फ़े ले सकता है और कुछ मालूमात ऐसी देता है कि इस के सुनने वालों को कहानी बेहतर समझने में मदद मिलती है I इस किस्म की मालूमात को * पस-ए-मंज़र की मालूमात कहा जाता है पस-ए-मंज़र की मालूमात उस चीज़ के बारे में हो सकती है जो इस वाक़ियात से क़बल हुआ हो या जो उसने पहले ही बताई है, या उस की कहानी में बाद में किसी चीज़ की वज़ाहत हो सकती है इब

मिसाल - जे़ल में कहानी में ज़ेर अलतवा जुमले तमाम पस-ए-मंज़र की मालूमात हैं I

पीटर और जान शिकार के सफ़र पर गए क्योंकि उनके गांव अगले दिन एक तहवार थी I पीटर गांव में सबसे बेहतरीन शिकारी था I उन्होंने एक दिन में एक-बार तीन जंगली ख़िंज़ीरों को हलाक कर दिया I वो घंटों तक चलने के बाद झाड़ीयों तक पहुंच गए पर तब तक जंगली सुवर भाग गया I लेकिन उन्होंन सुवर को मार गिराया I इस के बाद उन्होंने कुछ रस्सी के साथ उस की टांगों को बांध दिया I वे उसे अपने साथ लायें और घर के खम्भे पे उसे लटका दिया I जब वो उसे गांव में ले आए तो, पीटर के चचेरे भाई ने सुवर देखा और उसे एहसास हुआ कि <ये उसका अपनी सूअर है / u>. पीटर ने ग़लती से अपने चचेरे भाई के सुवर को मार डाला था / u>.

पस-ए-मंज़र की मालूमात अक्सर उस चीज़ के बारे में बताता है जो पहले हुआ था या कुछ जो कुछ बाद में होता है I इनकी मिसाल है "उनके गांव में अगले दिन एक तहवार रखने था और "उन्होंने एक दिन में एक-साथ तीन जंगली ख़िंज़ीरों को हलाक कर दिया", "वो जो अपने साथ ले आए थे और "पीटर ने ग़लती से अपने कज़न के स्वर को मार डाला था I

अक्सर पस-ए-मंज़र की मालूमात "फे़अल जैसे "था “ और "थे के बजाय “है “ का इस्तिमाल करते हैं I उनकी मिसाल "पीटर u> था / u> गांव में बेहतरीन शिकारी और "ये u> था / u> उनका अपना सुवर था I

पस-ए-मंज़र की मालूमात भी इन अलफ़ाज़ के साथ निशान ज़द कि जा सकती है जो क़ारी को बताते हैं कि ये मालूमात कहानी की ईवंट लाईन का हिस्सा नहीं है I इस कहानी में, कुछ अलफ़ाज़ "क्योंकि, "एक-बार और "था. में से हैं I

एक मुसन्निफ़ पस-ए-मंज़र की मालूमात का इस्तिमाल कर सकता है

  • उनके सुनने वालों की कहानियां दिलचस्पी बनाये रखने के लिए
  • उनके सुनने वालों को कहानी में कुछ समझने में मदद करने के लिए
  • सुनने वालों को समझने में मदद करने के लिए की कहानी में कुछ अहम क्यों है
  • एक कहानी की तर्तीब को बताने के लिए
  • तर्तीब में शामिल हैं
  • जहां कहानी हुई है
  • जब कहानी होती है
  • कहानी कब शुरू होती है
  • कहानी कब शुरू होती है क्या हो रहा है

वजूहात ये तर्जुमा का मसला है

  • ज़बानें पस-ए-मंज़र की मालूमात और कहानी की मालूमात को निशान ज़िद करने के मुख़्तलिफ़ तरीक़े हैं इ
  • तर्जुमान को बाइबल में वाक़ियात के सिसिले को जानने की ज़रूरत है, जिसकी मालूमात पस-ए-मंज़र की मालूमात है, और कहानी की मालूमात है I
  • तर्जुमान को इस तरह कहानी का तर्जुमा इस तरह करना होगा कि पस-ए-मंज़र की मालूमात को डाला जा सके उनके अपने क़ारईन वाक़ियात के हुक्म को समझ पायें , जो मालूमात पस-ए-मंज़र की मालूमात है, और कहानी की मालूमात किया है I

बाइबल की मिसाल

हिज्र ने इबराम के बेटे को जन्म दिया, और इबराम ने अपना बेटा को नाम दिया I जिसने हरीर इस्माईल बन गया I इब्राहीम 86 साल का <यु> था <यु> जब हगर इस्माइल को अब्राहम के पास लेके आया I

पहली सज़ा दो वाक़ियात के बारे में बताती है हग्ऱ ने जन्म दिया और इबराहीम ने अपने बेटे का नाम दिया I दूसरी सज़ा पस-ए-मंज़र के बारे में मालूमात है जब वो इबराम कितने साल का जब ये चीज़ें हुइ I

जब जेसुसू ने खुद पढना शुरू किया तो वो तीस साल की <यु> उम्र <यु> के थे I वो जोसफ के <यु> बेटे <यु> थे , जो हेली के बेटे थे I ( लुक 3:23 यू एल टी )

इस आयात से पहले ये बाते गया है की जीसस कब बप्तिज्द हुए I इस जुमले में पीछे की बात बताई गयी है की जीसस की उम्र क्या है उनके पूर्वज कोन थे .I कहानी चैप्टर 4 जहाँ बताया गया है की जीसस जंगले में चले गए I

अब u> ये सबुत का दिन हुआ है कि हज़रत ऐसी अलैहिस-सलाम अनाज के शोबों के ज़रीये जा रहे थे और इस के शागिर्दों ने अनाज के सर उठा रहे थे, उनके दरमयान रगड़ने लगे हाथ, और अनाज खाते हैं लेकिन बाअज़ फ़रीसयों ने कहा .. (लूका6: 1-2a यू उल्टी

ये आयात कहानी की तर्तीब देते हैं वाक़ियात सबुत के दिन पर एक गल्ला मैदान में हुई यसवा, उस के शागिर्द, और फ़रीसयों वहां मौजूद थे, और यसवा के शागिर्दों ने अनाज के सर उठा कर उन्हें खाया कहानी में अहम कार्रवाई की सज़ा से शुरू होता है, "लेकिन फ़रीसयों में से बाअज़ ने कहा.

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

वाज़िह और क़ुदरती तर्जुमा रखने के लिए आपको ये मुताला करने की ज़रूरत होगी कि लोग अपनी ज़बान में कहानियां कैसे बताएं मुलाहिज़ा करें कि आपकी ज़बान की पस-ए-मंज़र की मालूमात कैसे की जाती है आप पढ़ने के ले-ए-आपको कुछ कहानियां लिखने की ज़रूरत हो सकती है मुलाहिज़ा करें कि किस किस्म की फे़अल आपकी ज़बान पस-ए-मंज़र की मालूमात के लिए इस्तिमाल करती हैं और किस किस्म के अलफ़ाज़ या दूसरे मारकरों को इस बात का इशारा है कि कुछ पस-ए-मंज़र की मालूमात है जब आप तर्जुमा करते हैं तो ये वही चीज़ें करें, ताकि आपका तर्जुमा वाज़िह और क़ुदरती है और लोग उसे आसानी से समझ सकें

  1. अपनी ज़बान का तरीक़ा इस्तिमाल करने का तरीक़ा इस्तिमाल करें कि कुछ मालूमात पस-ए-मंज़र की मालूमात हो
  2. मालूमात को दुबारा तर्तीब दें ताकि पहले वाक़ियात का ज़िक्र किया जाये (पस-ए-मंज़र की मालूमात बहुत तवील है जब ये हमेशा मुम्किन नहीं है.

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. अपनी ज़बान का तरीक़ा इस्तिमाल करने का तरीक़ा इस्तिमाल करें कि कुछ मालूमात पस-ए-मंज़र की मालूमात हो जे़ल में मिसालें बयान करते हैं कि ये अंग्रेज़ी तर्जुमा में क्या तर्जुमा किया गया था
  • अब / u> यसवा ख़ुद, जब उसने सिखाया शुरू किया तो u> था / u> 30 साल के बारे में वो (यूसुफ़ का बेटा था जो यूसुफ़ का बेटा था, हैली का बेटा था (लूका3:23 यू उल्टी अंग्रेज़ी "अब का लफ़्ज़ इस्तिमाल करता है कि ये ज़ाहिर करने के लिए कि कुछ किस्म की तबदीली है कहानी फे़अल "था से पता चलता है कि ये पस-ए-मंज़र की मालूमात है
  • बहुत सी दीगर पेशकशों के साथ, उन्होंने लोगों को अच्छी ख़बर दी यूहना ने हीरो देस ने अपने बाप की बीवी, हीर विद्यास / u> और u> हैरोद ने किया-क्या दूसरी दूसरी बुराई चीज़ों के लिए शादी करने के लिए हीरो देस को टक्कर कर दिया लेकिन इस के बाद हैरोद ने एक और बहुत बुरी बात की थी उसने यूहना को जेल में बंद कर दिया था (लूका3: 18-20 यू उल्टी यूहना ने हीरो देस को दुबारा मारने से क़बल उस का ज़िक्र किया अंग्रेज़ी में, "फे़अल की मदद से फे़अल फे़अल से पता चलता है कि इस के बाद हैरोद ने इन चीज़ों को क्या जो उसने उसे दुबारा बना दिया था
  1. मालूमात को दुबारा तर्तीब दें ताकि पहले वाक़ियात का ज़िक्र किया जाये
  • हिज्र ने इबराम के बेटे को जन्म दिया, और इबराम ने अपने बेटे का नाम दिया, जिसमें हग्ऱ ईश्वरा बन गया जब इबराहीम ने इस्माईल इबराहीम को इबराम से बाँधा तो इबराम इतनी छः साल की उम्र थी (इब्तिदा-ए-16:16 यू उल्टी )
  • " जब इबराम इतनी छः साल की उम्र थी, हिज्र ने अपने बेटे को जन्म दिया और इबराहीम अपने बेटे इस्माईल का नाम दिया.
  • यूहना ने हीरो देस ने अपने शौहर की बीवी, हीर विद्यास / u> और u> हैरोद ने किया-क्या दूसरी दूसरी बुराई चीज़ों के लिए शादी करने के लिए हीरो देस को टयुटर उच्च भेजा लेकिन इस के बाद हैरोद ने एक और बहुत बुरी बात की थी उसने यूहना को जेल में बंद कर दिया था (लूका3: 18-20) - रीडरज़ के नीचे तर्जुमा जान की बग़ावत और हैरोद के आमाल
  • "हीरो देस ने अपने भाई की बीवी, हीर विद्यास से शादी की, और उसने बहुत सी बुरी चीज़ें कीं, इस लिए यूहना ने उसे मार डाला लेकिन इस के बावजूद हैरोद ने एक और बहुत बुरी बात की थी यहयय ने जेल में बंद कर दिया था.

जोड़ने वाले लफ्ज़

This section answers the following question: जोड़ने वाले लफ्ज़ क्या हैं और इनका तर्जुमा कैसे करे ?

तफ़सील

  • मुंसलिक अलफ़ाज़ ज़ाहिर करें कि किस तरह ख़्यालात दूसरे ख़्यालात से मुताल्लिक़ हैं उन्हें * कुनैक्शन * भी कहा जाता है ये सफ़ा ऐसे अलफ़ाज़ को मुंसलिक करने के बारे में है जो बयानात और बयानात के गिरोहों को दूसरों से मुंसलिक करते हैं अलफ़ाज़ को मुंसलिक करने के कुछ मिसालें हैं और, लेकिन, लिहाज़ा, लिहाज़ा, अब, अगर, सिर्फ, उस के बाद, जब, जब, जब भी, क्योंकि, अभी तक, जब तक
  • बारिश हो रही थी, u> तो / u> मैंने छत खोल दिया
  • बारिश हो रही थी, u> लेकिन / u> मैं छत नहीं था तो / u> मैं बहुत गली हुई

कभी कभी लोग किसी मुंसलिक लफ़्ज़ का इस्तिमाल नहीं कर सकते हैं क्योंकि वो क़ारईन को इस बात की तवक़्क़ो रखते हैं कि सयाक़-ओ-ज़वाबत की वजह से ख़्यालात के दरमयान ताल्लुक़ात को समझने की ज़रूरत है

  • बारिश हो रही थी मेरे पास छतरी नहीं थी मुझे बहुत गली हुई है

वजह ये एक तर्जुमा का मसला है

  • मित्र जमीन बाइबल में मुंसलिक लफ़्ज़ और ख़्यालात के दरमयान ताल्लुक़ात को मुंसलिक करने की ज़रूरत को समझने की ज़रूरत है
  • हर ज़बान में ये सोचने का अपना तरीक़ा है कि किस तरह ख़्यालात से ताल्लुक़ रखते हैं
  • मित्र जमीन को जानने की ज़रूरत है कि उनके क़ारईन को उनकी ज़बान में क़ुदरती तौर पर किया ख़्यालात के ख़्यालात के दरमयान ताल्लुक़ात को समझने में मदद मिलेगी

तर्जुमा के उसूल

  • मित्र जमीन को इस अंदाज़ में तर्जुमा करने की ज़रूरत है कि क़ारईन इस ख़्याल के दरमयान ही ताल्लुक़ समझ सकते हैं जो असल क़ारईन समझते हैं
  • किसी मुंसलिक लफ़्ज़ इस्तिमाल किया जाता है या नहीं, उस के तौर पर अहम नहीं है क्योंकि क़ारईन के ख़्यालात के दरमयान ताल्लुक़ात को समझने के काबिल हो सकता है

बाइबल की मिसाल

मैंने गोश्त और ख़ून से फ़ौरी तौर पर मश्वरा नहीं किया था, ना ही में यरूशलम को जो मुझसे पहले रसूल बन गया था उस के बजाय में अरब चला गया और दमिशक़ में वापिस आया तीन साल बाद में यरूशलेम के पास गया, और इस के साथ में इस के साथ पंद्रह दिन रह गया (ग़लतीयों1: 16-18 यू उल्टी

लफ़्ज़ "लेकिन इस बात का तआरुफ़ करता है जो पहले ही कहा गया था यहां उस के बरअक्स पुलिस ने किया-क्या क्या के साथ ऐसा नहीं किया है यहां "इस लफ़्ज़ का लफ़्ज़ पुलिस ने मुतआरिफ़ किराया है जब वो दमिशक़ में वापिस आए

लिहाज़ा / u> जो शख़्स उन कमांडों में से एक कम अज़ कम तोड़ता है तो उसे दूसरों को सुखाने के लिए सिखाया जाता है, कम अज़ कम आसमान की बादशाही में भी कहा जाएगा लेकिन / u> जो कोई उनको बरक़रार रखता है और उन्हें सिखाता है वो आसमान की बादशाही में बहुत अच्छा नाम दिया जाएगा (मति5:19 यू उल्टी

"लिहाज़ा इस सैक्शन से पहले इस सैक्शन से मुंसलिक होता है, इस बात का इशारा है कि इस से पहले इस सैक्शन का सबब दिया "लिहाज़ा आम तौर पर एक हिस्से से ज़्यादा हिस्सों के लिनक्स लफ़्ज़ और 'है इस आयत में "लेकिन इस बात का इशारा करता है कि क्या लोगों का एक गिरोह ख़ुदा की बादशाही में रखा जाएगा, उस के साथ किया लोगों का एक ग्रुप बुलाया जाएगा

हम किसी के सामने एक मुस्तहकम बलॉक नहीं रखते हैं, u> के लिए / u> हम अपनी वज़ारत को ग़ैरमामूली तौर पर लाया नहीं चाहते हैं बजाय / u>، हम अपने तमाम आमाल से ख़ुद को साबित करते हैं, कि हम ख़ुदा के ख़ादिम हैं (2 कर नत्थियों6: 3-4 यू उल्टी

यहां "के लिए लफ़्ज़ इस से मुंसलिक करता है जो पहले से आया है इस की वजह से इस वजह से कि पुलिस को रोकने के ब्लॉक्स नहीं हैं, वो ये चाहता है कि इस की वज़ारत बेवक़ूफ़ में ना आए "इस के बजाय का सामना करना पड़ता है कि पाल किया करता है (इस के आमाल से साबित होता है कि वो ख़ुदा के नौकर हैं के साथ किया है जो उसने कहा है कि वो महिज़ ब्लॉक्स नहीं रखता

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर यू टयूब में ख़्यालात के दरमयान ताल्लुक़ ज़ाहिर होता है तो क़ुदरती तौर पर होगी और अपनी ज़बान में सही मअनी देगा, फिर उस का इस्तिमाल करें अगर नहीं, तो यहां कुछ और इख़्तयारात हैं

  1. एक मुंसलिक लफ़्ज़ का इस्तिमाल करें (अगरचे यू ईल ईल किसी को इस्तिमाल नहीं करता)
  2. एक मुंसलिक लफ़्ज़ का इस्तिमाल ना करें अगर ये किसी का इस्तिमाल करने के लिए अजीब होगा और लोगों को इस के बग़ैर ख़्यालात के दरमयान सही ताल्लुक़ात समझ जाएगा
  3. मुख़्तलिफ़ मुंसलिक लफ़्ज़ का इस्तिमाल करें

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. एक मुंसलिक लफ़्ज़ का इस्तिमाल करें (अगरचे यू ईल ईल किसी को इस्तिमाल नहीं करता)
  • यसवा ने उनसे कहा, "मेरे बाद आव, और मैं तुम्हें मर्दों के मछली बनाऊँगा फ़ौरी तौर पर उन्होंने जांबाहक़ हुए और इस के बाद चलाया (मार्क1: 17-18 यू उल्टी - उन्होंने यसवा की पैरवी की क्योंकि उन्होंने उन्हें बताया कुछ मुतर्जिम शायद उस के साथ "तो. निशान ज़िद करना चाहते हैं
  • यसवा ने उनसे कहा, "मेरे पीछे आव, और मैं तुझे मर्दों के मछली बनाऊँगा तो / u> फ़ौरी तौर पर उन्होंने जड़ों को छोड़ दिया और इस के बाद चला गया
  1. एक मुंसलिक लफ़्ज़ का इस्तिमाल ना करें अगर ये किसी का इस्तिमाल करने के लिए अजीब होगा और लोगों को इस के बग़ैर ख़्यालात के दरमयान सही ताल्लुक़ात समझ जाएगा
  • लिहाज़ा जो भी इन कमांडों में से कम अज़ कम किसी को तोड़ देता है u> और / u> दूसरों को ऐसा करने के लिए सिखाया जाता है तो, आसमान की बादशाही में कम अज़ कम कहा जाएगा लेकिन / u> जो कोई उनको बरक़रार रखता है और इस को सिखा देता है वो आसमान की बादशाही में बहुत अच्छा बोला जाएगा (मति5:19 यू उल्टी -

कुछ ज़बानें यहां तक कि मुंसलिक अलफ़ाज़ इस्तिमाल नहीं करना पसंद हैं, क्योंकि मअनी उनके बग़ैर वाज़िह है और उनका इस्तिमाल ग़ैरमामूली होगा वो शायद उस का तर्जुमा कर सकते हैं

  • लिहाज़ा जो भी इन कमांडों में से एक कम से कम तोड़ता है, दूसरों को इस तरह करने के लिए भी सिखाया जाएगा, आसमान की बादशाही में कम अज़ कम कहा जाएगा जो भी उनको बरक़रार रखता है और उन्हें सिखा देता है वो आसमान की बादशाही में अज़ीम नाम दिया जाएगा
  • मैंने गोश्त और ख़ून से फ़ौरी तौर पर मश्वरा नहीं किया था, ना ही में यरूशलम को जो लोग मुझसे पहले रसूल बन गया था उस के बजाय में अरब चला गया और दमिशक़ में वापिस आया तीन साल बाद में यरूशलेम के पास गया जहां वो सफाह को दूर करने के लिए गए, और में उनके साथ पंद्रह दिन रह गया (गलात1: 16-18 यू उल्टी

कुछ ज़बानों शायद "लेकिन या "फिर अलफ़ाज़ की ज़रूरत नहीं हो सकती हैं

  • मैंने गोश्त और ख़ून से फ़ौरी तौर पर मश्वरा नहीं किया था, और ना ही में यरूशलेम को जो लोग मुझसे पहले रसूल बन चुके थे उन पर चढ़ाया था इस के बजाय में अरब गया और फिर दमिशक़ वापिस आया तीन बरस के बाद में कीफ़ा का दौरा करने के लिए यरूशलम गया, और में उनके साथ पंद्रह दिन रहता था
  1. मुख़्तलिफ़ मुंसलिक लफ़्ज़ का इस्तिमाल करें
  • ** लिहाज़ा / u> जो शख़्स उन कमांड में से एक कम अज़ कम तोड़ता है और दूसरों को ऐसा करने के लिए सिखा देता है तो उसे आसमान की बादशाही में कम अज़ कम कहा जाएगा लेकिन / u> जो कोई भी उनको बरक़रार रखता है और उन्हें सिखा देता है वो आसमान की बादशाही में बहुत अच्छा नाम दिया जाता है** (मति5: 1 9. यू उल्टी इस तरह के लफ़्ज़ "लिहाज़ा इस से क़बल एक सैक्शन था जिसने मुंदरजा ज़ैल हिस्से का सबब दिया इस के इलावा, लफ़्ज़ "लेकिन यहां इस्तिमाल किया जाता है क्योंकि उस के बरअक्स लोगों के दो ग्रुपों के दरमयान लेकिन कुछ ज़बानों में, लफ़्ज़ "लेकिन ये बताएगा कि हैरत-अंगेज़ बात करने के बाद जो इस से पहले आया था उस के बाद क्या आता है तो "और इन ज़बानों के लिए वाज़िह हो सकता है
  • इस की वजह से, जो भी इन कमांडों में से एक कम अज़ कम तोड़ता है और दूसरों को ऐसा करने के लिए सिखा देता है, कम अज़ कम आसमान की बादशाही में रखा जाएगा और / u> जो कोई उनको बरक़रार रखता है और उन्हें सिखाता है वो आसमान की बादशाही में बहुत अच्छा कहा जाएगा
  • ** चूँकि कप्तान सब शोर की वजह से कुछ भी नहीं बता सका, उसने हुक्म दिया कि पाओल को क़िला में ले जाया जाये** (आमाल21:34 यू उल्टी - इस के बजाय पहला हिस्सा शुरू करने के बजाय "के बाद कुछ मित्र जमीन के साथ मिलकर इस रिश्ते का दूसरा हिस्सा शुरू करने की तर्जीह देती है
  • "कप्तान हर शोर की वजह से कुछ नहीं कह सकता, u> तो / u> उन्होंने हुक्म दिया कि पाल क़िला में ले आए.

कहानी का ख़ातमा

This section answers the following question: एक कहानी के आख़िर में क्या किस्म की मालूमात दी जाती हैं

तफ़सील

कहानी के इख़तताम पर दी जाने वाली मालूमात की मुख़्तलिफ़ किस्में हैं अक्सर ये पस-ए-मंज़र की मालूमात है ये पस-ए-मंज़र की मालूमात कहानी का अहम हिस्सा बनाए जानेवाले आमाल से मुख़्तलिफ़ है बाइबल का एक किताब अक्सर कई छोटी कहानीयों से बना होता है जो इस किताब की बड़ी कहानी का हिस्सा है मिसाल के तौर पर, यसवा की पैदाइश की कहानी लूका की किताब की बड़ी कहानी में एक छोटी कहानी है उनमें से हर एक कहानियां, चाहे बड़े या छोटे, उस के आख़िर में पस-ए-मंज़र की मालूमात हो सकती है

कहानी की मालूमात के इख़तताम के लिए मुख़्तलिफ़ मक़ासिद

  • कहानी का ख़ुलासा करने के लिए
  • कहानी में क्या हुआ के बारे में एक तबसरा देने के लिए
  • बड़ी कहानी में छोटी कहानियां मुंसलिक करने का ये हिस्सा है
  • क़ारी को बताने के लिए कहानी के अहम हिस्से के बाद एक ख़ास किरदार के साथ क्या होता है
  • कहानी की अहम हिस्सा के बाद जारी रहने वाली कार्रवाई को बताना ख़त्म करने के लिए
  • इस कहानी के बाद क्या कहता है कि इस वाक़िया के नतीजे में कहानी कहानी में हुआ

वजूहात ये तर्जुमा का मसला है

मुख़्तलिफ़ ज़बानों में इन किस्म की मालूमात पेश करने के मुख़्तलिफ़ तरीक़े हैं अगर मुतर्जिम उस के करने के अपने ज़बान के तरीक़ों को इस्तिमाल नहीं करते तो, क़ारईन ये चीज़ें जान नहीं सकते हैं

  • कि ये मालूमात कहानी ख़त्म कर रही है
  • मालूमात का क्या मक़सद है
  • मालूमात किस तरह से मुताल्लिक़ है

तर्जुमा के उसूल

  • ख़ास किस्म की मालूमात को एक कहानी के आख़िर में तर्जुमा करें जिस तरह आपकी ज़बान इस किस्म की मालूमात का इज़हार करती है
  • इस का तर्जुमा करें ताकि लोगों को ये समझ जाएगा कि ये कहानी का इस सिलसिले से मुताल्लिक़ है
  • अगर मुम्किन हो तो, इस कहानी के इख़तताम का तर्जुमा करें जिस तरह लोग लोग जान लेंगे कि इस की कहानी ख़त्म हो जाती है और अगले शुरू होता है

बाइबल की मिसाल

  1. कहानी का ख़ुलासा करने के लिए

फिर बाक़ी मर्दों को जहाज़, कुछ और जहाज़ों से कुछ और जहाज़ से दूसरी चीज़ों पर चलना चाहीए इस तरह से ये हुआ कि हम सबको ज़मीन पर महफ़ूज़ तरीक़े से पहुंचा (आमाल27:44 यू उल्टी

  1. कहानी में क्या हुआ के बारे में एक तबसरा देने के लिए

बहुत से लोग जिन्हों ने जादू फनों को अपनी किताबें एक साथ लाया और सबको नज़रअंदाज कर दिया जब उन्होंने उनकी क़ीमत शुमार की, तो वो चांदी के पच्चास हज़ार टुकड़े टुकड़े थे लिहाज़ा रब का कलाम ताक़तवर तरीक़े से वसीअ पैमाने पर फैला हुआ है (आमाल19: 19-20 यू उल्टी )

  1. क़ारईन को बताने के लिए कहानी के अहम हिस्से के बाद एक मख़सूस किरदार के साथ क्या होता है

मर्यम ने कहा, "मेरी रूह ख़ुदा की तारीफ़ करती है, और मेरी रूह ख़ुदा ने अपने नजातदिहंदा में ख़ुशहाली की है ... मर्यम तीन माह के बारे में अलीशबत के साथ रहता था और फिर उस के घर वापिस आया (लूका1:46 -47، 56 यू उल्टी

  1. कहानी की एहमीयत के बाद जारी रहने वाली कार्रवाई को बताने के लिए

जिन्हों ने ये सुना वो चरवाहों की तरफ़ से उनसे क्या बातचीत में हैरानकुन थे > लेकिन मर्यम ने इन तमाम चीज़ों के बारे में सोच रखी जिसने सुना है, उनके दिल में उनका ख़ज़ाना (लूका2: 18-19 यू उल्टी)

  1. इस बात को बताना कि इस वाक़िया के नतीजे में कहानी किया है जो कि कहानी में ही हुआ

"यहूवाह के क़वानीन पर तुम पर अफ़सोस है, क्योंकि आपने इलम की एहमीयत को दूर किया है, आप अपने अंदर दाख़िल नहीं होते हैं, और आप उन लोगों को झुकते हैं जो दाख़िल होते हैं. जब यसवा वहां से भाग गया, तो उसने उस के मुख़ालिफ़ीन और फ़रीसयों ने इस का मुक़ाबला किया और इस के साथ उनके अपने अलफ़ाज़ में झाड़ने की कोशिश की, बहुत सी चीज़ों के बारे में बेहस की (लूका11: 52-54 यू उल्टी


फर्ज़ी सूरतेहाल

This section answers the following question: फ़र्ज़ी सूरतेहाल क्या है?

“अगर सूरज ने चमकना बंद कर दिया...” , “क्या होगा अगर सूरज ने चमकना बंद कर दिया...” , “फ़र्ज़ करो के अगर सूरज ने चमकना बंद कर दिया...” हम फर्ज़ी सूरतेहाल मर्तब करने के लिए ऐसे तासिरात का इसतेमाल करते है, तसव्वुर करते हुए कि क्या हो सकता था या मुसतख़बिल में क्या हो सकता है पर शायद ना हो। हम इन्हे अफसोस और ख़्वाहिशों का इज़हार करने के लिए भी इसतेमाल करते है। ये बाइबल नें अक्सर पाए जाते है। हमें उनका इस तरह से तर्जुमह करने की ज़रूरत है कि लोग जान जाए कि ये हादसा वाकइ में नहीं हुआ है, और ताकि वो समझ जाए कि ये हादसा क्यों तसव्वुर किया गया है।

तसरीह

फ़र्ज़ी सूरतेहाल ऐसे हालात है जो सच्चे नहीं है। वो माज़ी, हाल या मुसतखबिल में हो सकते है। माज़ी और हाल के फ़र्ज़ी सूरतेहाल नहीं हुए है और जो मुसतखबिल में है उनके होने की उम्मीद नहीं है।

लोग कभी हालात के बारे में बताते है और क्या हो सकता है अगर वो हकीकत में दरपेश हो जाए, मगर वो जानते है कि यह चीज़ें नहीं हुई है और शायद होगी भी नहीं।(ये हालात वो जुमले है जो "अगर"से शुरू होते है।)

  • अगर उसे दावत के बारे में मालूम हेता तो वो ज़रूर आता। (मगर वो नहीं आया।)
  • अगर वो दावत के बारे में जानता, तो वो यहां होता। (मगर वो यहां नहीं है।)
  • अगर उसे दावत के बारे में पता होता तो वो उसमें शरीक होता। (मगर शायद वो नहीं आएगा)

बाज़ औक़ात लोग उन चीज़ों के बारे में ख्वाहिशात का इज़हार करते है जो नहीं हुई है और जिनके होने की उम्मीद नहीं है।

  • काश वो आता।
  • काश वो यहां होता।
  • काश वो आ जाए।

बाज़ औक़ात लोग उन चीज़ों के बारे में अफ़सोस का इज़हार करते है जो नहीं हुई है और जिनके होने की उम्मीद नहीं है।

  • बस अगर वो आ जाता।
  • बस अगर वो यहां होता।
  • बस अगर वो आ जाए।

ये तर्जुमे का मसला होने की वजह

  • मुतर्जुमीन को बाइबल में मुकतलिफ किस्म के ग़ैर फर्ज़ी सूरतेहाल की पहचान होने की ज़रूरत है।
  • मुतर्जुमीन को मुखतलिफ किस्म के ग़ैर फ़र्ज़ी सूरतेहालके बारे में अपनी ज़बान में बात करने के तरीकों को जानने की ज़रूरत है।

बाइबल से मिसालें

  1. माज़ी में फर्ज़ी हालात

“चोराज़ां, तुम पर अफ़सोस! बेथसाएदा तुम पर अफसोस! इतने बड़े आमाल जो तुमने किए है वो टाएर और सैदा ने किए होते, तो राख़ और टाट में तवील अर्से तक तौबा करते। (मैथ्यू11:21 ULT)

यहां मैथ्यू 11:21 में ईसा ने कहा किअगरटाएर और सैदा के खदीम शहरों में रहने वाले लोगों के इन मोहजिसात के देखने का मौका मिलता जिनकी कारकर्दगी उन्होने की, तो वो एक तवील अर्सा पहले ही तौबा कर लेते। टाएर और सैदा के लोगों ने असल में उनके मोहजिसात को नहीं देखा और ना ही तौबा की। ईसा ने ये बस चोराज़ां और बेथसाएदाके लोगों को डांटने के लिए कहा जिन्होनें उन के मोहजिसात को देखा था लेकिन फिर भी तौबा नहीं की।

मार्था ने फिर ईसा से कहा "मालिक अगर आप होते तो मेरा भाई मर नहीं गया होता।" (जाॅन 11:21 ULT)

मार्था ने ये अपनी ख़्वाहिशज़ाहीर करने के लिए कहा की काश ईसा जल्दी आए होते। मगर ईसा जल्दी ना आ सके, और उसका भाई मर ही गया।

  1. फिलहाल में फ़र्ज़ी सूरतेहाल

और फिर, कोई भी इंसान पुराने शराब के मश्कीज़े में नई शराब नहीं डालता। अगर वो ऐसा करता है तो, नई शराब की वजह से चमढ़ा फ़ट जाएगा, और शराब बह निकलेगी, और मश्कीज़ा बर्बाद हो जाएगा।

ईसा ने बताया कि क्या होगा अगर एक शक्स पुराने मश्कीज़े में नई शराब भरता है। मगर कोई भी ऐसा नहीं करेगा। उन्होने इस फ़र्ज़ी सूरतेहालको एक मिसाल के तौर पर इस्तेमाल किया ये बताने के लिए कि कभी- कबहार नई चीज़ो को पुरानी चीज़ों में मिलाना ग़ैर- दानिशमंदी है। उन्होने ऐसा इस लिए किया ताकि लोग समझ जाए क्यों उनके शागिर्द उस तरह से रोज़ा नहीं रख रहे है जैसे लोग रिवायती तौर पर रखते थे।

ईसा ने उनसे कहा, “तुम में से कौनसा शक्स है जो, अगरउसके पास सिर्फ एक भेड़ हो, और अगर ये भेड़ सब्त के रोज़ एक गहरे गढ़े में गिर जोए, तो वो उसे खीचकर बाहर निकालने की कोशिश नहीं करेगा?”

ईसा ने मज़हबी रेहनुमाओं से पूछा कि वो क्या करेंगे अगर सब्त के रोज़ उनकी एक भेड़ गढ़े में गिर जाए। वो ये नहीं कह रहे थे कि उनकी भेड़ें गढ़े में गिर जाएगी। उन्होने एक फ़र्ज़ी सूरतेहाल का इसतेमाल किया, उन्हे बताने के लिए कि सब्त के रोज़ शिफा-याबी करने पर उनके ऐतेराज़ करने में वो गलत है।

  1. मुसत्खबिल में फ़र्ज़ी सूरतेहाल

जब तक कि वो दिन छोटे नहीं हो जाते, कोई भी जानदार बचा लिया नहीं जाएगा; लेकिन इंतेखाब किए जाने वालों की खातिर, उन दिनों को छोटा कर दिया जाएगा।(मैथ्यू24:22 ULT)

ईसा मुसतखबील के वक़्त की बात कर रहे थे जब बोहत बुरी चीज़ों होंगी। उन्होने बताया कि क्या होगा अगर वो मुसीबत के दिन एक तवील अर्से के लिए जारी रहेंगे। उन्होने ऐसा किया ताकि वो बता सके कि वो दिन कितने बुरे होंगे - इतने बुरे कि अगर वो एक तवील मुद्दत तक चलते रहे तो, कोई भी बच नहीं पाएगा। लेकिन फिर उन्होने वाज़ेह कर दिया कि खुदा उन मुसीबत के दिनों को छोटा कर देगा, ताकि इंतेखाब किए गए(जिन्हे चुन लिया गया है) वो बचा लिए जाएंगे।

  1. एक फ़र्ज़ी सूरतेहाल के बारे में जज़बात का इज़हार

अफ़सोस और ख्वाहिशात बहोत मिलते जुलते है बनी इसराइल ने उनसे कहे, "काश कि हममिस्र की ज़मीन में ही याहवे के हाथ से मारे जाते, जहान हम गोश्त की हांडि़यों के पास बैठे थे और पेट भर कर रोटी खा रहे थेक्योंकि तुमने हमारी सारी बिरादरी को इस बियाबान में भूक से मरने के लिए लाया है।" (ख़रूज 16:3 ULT)

यहां इसराईलियों को डर था कि वो इस बियाबान में भूक से तड़प कर मर जाएंगे, और इसी लिए उनकी ख्वाहिश थी कि काश वो मिस्र में ही रुक गए होते तो वो वहां भरे पेटों के साथ मरते। वो शिकायत कर रहे थे, अफ़सोस का इज़हार करते हुए कि ऐसा नहीं हुआ।

में जानता हूं कि तुम ने क्या किया है, और ये भी कि तुम ना तो सर्द हो ना कि गर्मकाश कि तुम सर्द होते या गर्म! (मुकाश्फा3:15 ULT)

ईसा कि ख्वाहिश थी कि ये लोग या सर्द होते या गर्म मगर वो देनों भी नहीं थे। वो उन्हे डांट रहे थे, इस बात पर अपना ग़ुस्से का इज़हार करते हुए।

तर्जुमह करने की हिकमते-इलमी

जानें कि लोग आपकी ज़ुबान मे कैसे बताते है:

  • कि कुछ हो सकता था लेकिन नहीं हुआ।
  • कि कुछ सच्च हो सकता है मगर नहीं है।
  • कि मुसतखबिल में कुछ हो सकता है, मगर नहीं होगा अगर कोई चीज़ बदली गई तो।
  • कि वो किसी चीज़ की ख्वाहिश करते है, मगर वो नहीं होती।
  • कि वो अफ़सोस करते है कि कोई चीज़ नहीं हुई।

इन किस्म की चीज़ों को बतोने के लिए अपनी ज़बान के तकीकों को इसतेमाल कीजिए।

आप पर वीडियो भी देखने चाहेंगे।


एक नए वाक़ये का तार्रुफ़

This section answers the following question: कहानी में हम एक नए वाक़ये का तार्रुफ़ किस तरह करते हैं?

बयान

जब लोग कोई कहानी सुनाते हैं, तो वह किसी वाक़यात या वाक़यात की एक सिलसिले के बारे में बताते हैं। अक्सर वो कहानी के आग़ाज़ में कुछ ख़ास मालूमात रखते हैं, जैसे कहानी किस के बारे में है, यह कब हुआ, और यह कहाँ हुआ। यह मालूमात जो मुसन्निफ़ कहानी के वाक़यात शुरू होने से पहले देता है, इसे कहानी के तरतीब कहते हैं। कहानी में कुछ नए वाक़यात की तरतीब भी होती है क्योंके उनमे नए लोग, नए वाक़यात, और नई जगहें शामिल हो सकती हैं। बाज़ ज़बानों में लोग यह भी बताते हैं के आया वाक़या उन्होंने देखा या किसी और से उसके बारे में सुना।

जब आपके लोग वाक़यात की बाबत बताते हैं, तो आग़ाज़ में वो क्या मालूमात देते हैं? क्या कोई ख़ास तरतीब है जिन्हें वे इसमें रखते हैं? आपके तर्जुमे में, आपको उस तरीक़े की पैरवी करने की ज़रूरत होगी जिस तरह आपकी जबान नए मालूमात का कहानी या नए वाक़ये के आग़ाज़ में तार्रुफ़ करती है, बजाय इसके जिस तरीक़े से यह माख़ज़ ज़बान ने किया था। इस तरह आपका तर्जुमा क़ुदरती लगेगा और आपकी ज़बान में वाज़े तौर पर बात चीत करेगा।

बाईबल से मिशालें

यहूदिया के बादशाह, हेरोदेस के ज़माने में, अब्बियाह के फ़रीक़ में सेज़करियाह नाम का एक काहिन थाउसकी बीवी हारून की औलाद में से थी, और उसका नाम इलीशिबा था। (लूका 1:5 ULT)

मज़कूरा बाला आयात ज़करियाह के बारे में एक कहानी पेश करती हैं। पहला ख़त कशीदा जुमला बताता है के यह कब हुआ, और अगले दो ख़त कशीदा जुमले मरकज़ी लोगों का तार्रुफ़ करती हैं। अगली दो आयात में यह वज़ाहत की गयी है के ज़करियाह और इलीशिबा बूढ़े थे और उनकी कोई औलाद नहीं थी। यह सब तरतीब है। फिर लूका 1:8 में फ़िक़रा “एक दिन” कहानी के पहले वाक़ये के तार्रुफ़ में मदद करता है:

एक दिन जब ज़करियाह ख़ुदा के हुज़ूर अपने फ़रीक़ की बारी पर कहानत का काम अंजाम देता था तो ऐसा हुआ, के कहानत के दस्तूर के मुवाफ़िक़ उसके नाम का कुरआ निकला के ख़ुदावन्द के मक़दिस में जाकर खुशबू जलाए। (लूका 1:8-9 ULT)

यिसू मसीह की पैदाइश इस तरह हुई।उसकी माँ मरियम की मंगनी युसुफ़ के साथ हुई थी, लेकिन उनके इकठ्ठे होने से पहले, वो रूह उल क़ुद्स की क़ुदरत से हामिला पायी गयी। (मत्ती 1:18 ULT)

ऊपर ख़त कशीदा जुमला यह वाज़े करता है के यिसू के बारे में एक कहानी का तार्रुफ़ किया जा रहा है। कहानी इस बाबत बताएगी के यिसू की पैदाइश किस तरह हुई।

जब यिसू हेरोदेस बादशाह के ज़माने में यहूदिया के बैतलहम में पैदा हुआ, कई मजूसी मशरिक़ से यरूशलीम में ये कहते हुए आये,... (मत्ती 2:1 ULT)

ऊपर ख़त कशीदा जुमला ज़ाहिर करता है के मजूसियों से मुतालिक़ वाक़यात यिसू की पैदाइश के बाद हुए।

उन दिनों में यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला आया और यहूदिया के बियाबान में ये मनादी करने लगा, ... (मत्ती 3:1-22 ULT)

ऊपर ख़त कशीदा जुमला ज़ाहिर करता है के यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला पिछले वाक़यात के वक़्त मनादी करने आया। शायद यह बहुत आम है और इससे मुराद है जब यिसू नासरत में रहता था।

तब यिसू गलील से यरदन के किनारे यूहन्ना के पास उससे बपतिस्मा लेने आया। (मत्ती 3:13 ULT)

लफ्ज़ “तब” ज़ाहिर करता है के यिसू यरदन नदी पर पिछली आयात में वाक़यात के कुछ वक़्त बाद आया।

अब वहाँ एक फ़रीसी जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो यहूदी अदालत का एक रुकन था। यह आदमी यिसू के पास रात के वक़्त आया (यूहन्ना 3:1-2 ULT)

मुसन्निफ़ ने पहले नए आदमी का तार्रुफ़ किया और फिर बताया के उसने क्या किया और इसे कब किया। बाज़ ज़बानों में वक़्त के बारे में पहले बताना ज़ियादा क़ुदरती हो सकता है।

6नूह छ: सौ बरस का था जब सैलाब ज़मीन पर आया। 7नूह, उसके बेटे, और उसकी बीवी, और उसके बेटों की बीवियाँ उसके साथ सैलाब से बचने के लिए किश्ती में गए। (पैदाइश 7:6-7 ULT)

आयत 6 उन वाक़यात का ख़ुलासा है जो बाब 7 के बाक़ी हिस्सों में पेश आते हैं। बाब 6 पहले ही इस बारे में बताया है के ख़ुदा ने किस तरह नूह से कहा के एक सैलाब होगा, और नूह ने किस तरह इसके लिए तैयारी की। बाब 7 आयत 6 कहानी के उस हिस्से का तार्रुफ़ करता है जो नूह और उसके ख़ानदान और जानवरों के किश्ती में जाने, बारिश का आग़ाज़, और बारिश का ज़मीन पर सैलाब लाने के बारे में बताता है। बाज़ ज़बानों में इसे वाज़े करने की ज़रुरत हो सकती है के यह आयत सिर्फ़ वाक़ये का तार्रुफ़ करता है, या इस आयत को आयत 7 के बाद मुन्तक़िल करे। आयत 6 कहानी के एक वाक़यात में से नहीं है। सैलाब आने के पहले लोग किश्ती में गए।

तर्जुमा की हिकमत ए अमली

अगर किसी नए वाक़ये के आग़ाज़ में दिया गया मालूमात आपके कारअीन के लिए वाज़े और क़ुदरती है, तो इसका तर्जुमा उस तरह करने पर गौर करें जैसा ULT या UST में है। अगर नहीं, तो इनमे से एक हिकमत ए अमली पर गौर करें।

  1. वाक़ये का तार्रुफ़ करने वाले मालूमात को उस तरतीब में रखें जिस तरह आप के लोग इसे रखते हैं।
  2. अगर कारअीन कुछ मालूमात की तवक्को करें लेकिन यह बाईबल में नहीं हो तो, उस मालूमात को भरने के लिए एक ग़ैर महदूद लफ्ज़ या फ़िक़रे के इस्तेमाल पर गौर करें, जैसे: “किसी और वक़्त” या “किसी को”।
  3. अगर तार्रुफ़ पूरे वाक़ये का एक ख़ुलासा है, तो यह ज़ाहिर करने के लिए के यह एक ख़ुलासा है, अपनी ज़बान के तरीक़े का इस्तेमाल करें।
  4. अगर आग़ाज़ में वाक़ये का एक ख़ुलासा देना हदफ़ ज़बान में अज़ीब हो, तो ज़ाहिर करें के यह वाक़या बाद में कहानी में अस्ल में होगा।

तर्जुमे की हिकमती अमली की इत्तलाक़ की मिशालें

  1. वाक़ये का तार्रुफ़ करने वाले मालूमात को उस तरतीब में रखें जिस तरह आप के लोग इसे रखते हैं।
  • अब वहाँ एक फ़रीसी जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो यहूदी अदालत का एक रुकन था। यह आदमी यिसू के पास रात के वक़्त आया और उससे कहा ...(यूहन्ना 3:1,2)
  • एक आदमी था जिसका नाम नीकुदेमुस था। वह एक फ़रीसी और यहूदी अदालत का रुकन था। एक रात वह यिसू के पास आया और कहा...
  • एक रात एक आदमी जिसका नाम नीकुदेमुस था, जो एक फ़रीसी और यहूदी अदालत का रुकन था, यिसू के पास आया और कहा...
  • जब वो जा रहा था, तो उसने हलफ़ई के बेटे लावी को महसूल की चौकी पर बैठे देखा और उसने उससे कहा... (मरकुस 2:14 ULT)
  • जब वो जा रहा था, हलफ़ई का बेटा लावी महसूल की चौकी पर बैठा हुआ था। यिसू ने उसे देखा और उससे कहा...
  • जब वो जा रहा था, तो महसूल की चौकी पर एक आदमी बैठा हुआ था उसका नाम लावी था, और वह हलफ़ई का बेटा था। यिसू ने उसे देखा और उससे कहा...
  • जब वो जा रहा था, तो वहाँ एक महसूल लेने वाला महसूल की चौकी पर बैठा हुआ था। उसका नाम लावी था, और वह हलफ़ई का बेटा था। यिसू ने उसे देखा और उससे कहा...
  1. अगर कारअीन कुछ मालूमात की तवक्को करें लेकिन यह बाईबल में नहीं हो तो, उस मालूमात को भरने के लिए एक ग़ैर महदूद लफ्ज़ या फ़िक़रे के इस्तेमाल पर गौर करें, जैसे: “किसी और वक़्त” या “किसी को”।
  • नूह छ: सौ बरस का था जब सैलाब ज़मीन पर आया। (पैदाइश 7:6 ULT) – अगर लोग नए वाक़ये के बारे में के यह कब हुआ कुछ सुनने की तवक्को रखते हैं, तो जुमला “उसके बाद” यह देखने में उनकी मदद कर सकता है के यह पहले से ज़िक्र किये गए वाक़यात के बाद हुआ।
  • उसके बाद, जब नूह छ: सौ बरस का हुआ, सैलाब ज़मीन पर आया।
  • वो फिर झील के किनारे तालीम देने लगा। (मरकुस 4:1 ULT) – बाब 3 में यिसू किसी के घर पर तालीम दे रहा था। कारअीन को यह बताना ज़रूरी हो सकता है के यह नया वाक़या किसी दूसरे वक़्त में हुआ, या यह के यिसू झील पर गया।
  • किसी और वक़्त यिसू फिर से लोगों को झील के किनारे तालीम देने लगा।
  • यिसू झील पर गया और वहाँ लोगों को फिर से तालीम देने लगा।
  1. अगर तार्रुफ़ पूरे वाक़ये का एक ख़ुलासा है, तो यह ज़ाहिर करने के लिए के यह एक ख़ुलासा है, अपनी ज़बान के तरीक़े का इस्तेमाल करें।
  • नूह छ: सौ बरस का था जब सैलाब ज़मीन पर आया। (पैदाइश 7:6 ULT)
  • ऐसा हुआ के जबनूह छ: सौ बरस का था और सैलाब ज़मीन पर आया।
  • यह हिस्सा इस बाबत बताता है के क्या हुआ जब सैलाब ज़मीन पर आया। यह उस वक़्त हुआ जब नूह छ: सौ बरस का था।
  1. अगर आग़ाज़ में वाक़ये का एक ख़ुलासा देना हदफ़ ज़बान में अज़ीब हो, तो ज़ाहिर करें के यह वाक़या बाद में कहानी में अस्ल में होगा।
  • नूह छ: सौ बरस का था जब सैलाब ज़मीन पर आया। नूह, उसके बेटे, और उसकी बीवी, और उसके बेटों की बीवियाँ उसके साथ सैलाब से बचने के लिए किश्ती में गए। (पैदाइश 7:6-7 ULT)
  • ऐसा हुआ के जब नूह छ: सौ बरस का हुआ नूह, उसके बेटे, और उसकी बीवी, और उसके बेटों की बीवियाँ उसके साथ किश्ती में गए क्योंके ख़ुदा ने कहा था के सैलाब का पानी आएगा

नए और पुराने शुरका का तआरुफ़

This section answers the following question: मेरे तर्जुमा के क़ारईन को क्यों नहीं समझता कि कौन मुसन्निफ़ मुसन्निफ़ के बारे में लिख रहा था

तफ़सील

पहली बार कि एक कहानी में लोग या चीज़ें ज़िक्र की जाती हैं, वो <नया शुरका हैं / u>. इस के बाद, जब भी उन्होंने ज़िक्र किया है, वो / u> बूढ़े शुरका हैं

अब u> एक फ़रीसी था जिसका नाम नेकदीमस था / u> ... ये आदमी यसवा के पास रात के वक़्त आया .. यसवा ने जवाब दिया u> यूहना3: 1)

पहला ज़िक्र करदा फ़िक़रा नेकोदीमस मुतआरिफ़ किराया है इस के बाद वो "इस आदमी और "इस के तौर पर कहा जाता है जब वो एक पुराने शुरका है

वजह ये एक तर्जुमा का मसला है

आपका तर्जुमा वाज़िह और क़ुदरती बनाने के लिए ज़रूरी है कि शुरका को इस तरह से मुलाहिज़ा करें ताकि लोगों को मालूम हो जाएगीगा कि वो नए शुरका या शुरका हैं जो पहले ही पढ़ चुके हैं मुख़्तलिफ़ ज़बानों में ये करने के मुख़्तलिफ़ तरीक़े हैं आपको इस तरह की पैरवी करना ज़रूरी है कि आपकी ज़बान ये है, ना ही ज़रीया ज़बान ये है

बाइबल की मिसाल

नए शुरका

अक्सर अहम तरीन अहम शुरका एक फ़िक़रा के साथ मुतआरिफ़ किराया जाता है जिसका कहना है कि वो मौजूद था, जैसे "जे़ल में एक आदमी था" लफ़्ज़ "वहां था हमें बताता है कि ये आदमी मौजूद था "एक आदमी लफ़्ज़ "एक हमें बताता है कि मुसन्निफ़ पहली बार उनके बारे में बात कर रहा है बाक़ी सज़ा ये बताता है कि ये आदमी कहाँ से था, ख़ानदान कौन था, और इस का नाम किया था ज़ोरीह के ख़ानदानी गिरोह में से एक आदमी था, जिसका नाम मनु था (जजों13: 2 यू उल्टी) एक नए शुरका जो सबसे ज़्यादा अहम नहीं है अक्सर ज़्यादा अहम शख़्स के सिलसिले में मुतआरिफ़ किराया जाता है जो मुतआरिफ़ किराया गया था जे़ल में मिसाल के तौर पर, मनवा की बीवी को सिर्फ "अपनी बीवी कहा जाता है ये फ़िक़रा उस के साथ उस का ताल्लुक़ ज़ाहिर करता है

दूरियों के ख़ानदानी गिरोह ज़ोराह का एक आदमी था, जिसका नाम मनु था इस की बीवी / u> हामिला बनने के काबिल नहीं था और उसने जन्म नहीं दिया था (जजों13: 2 यू उल्टी ) कभी कभी नया हिस्सा लेने वाले को सिर्फ नाम से मुतआरिफ़ किराया जाता है क्योंकि मुसन्निफ़ ये समझता है कि क़ारईन को मालूम है कि ये शख़्स कौन है 1 किंगज़ की पहली आयत में, मुसन्निफ़ इस बात का यक़ीन करता है कि उनके क़ारईन को मालूम है कि कौन बादशाह डेविड है, तो इस की वज़ाहत करने की ज़रूरत नहीं है कि वो कौन है

कभी कभी नया हिस्सा लेने वाले को सिर्फ नाम से मुतआरिफ़ किराया जाता है क्योंकि मुसन्निफ़ ये समझता है कि क़ारईन को मालूम है कि ये शख़्स कौन है 1 किंगज़ की पहली आयत में, मुसन्निफ़ इस बात का यक़ीन करता है कि उनके क़ारईन को मालूम है कि कौन बादशाह डेविड है, तो इस की वज़ाहत करने की ज़रूरत नहीं है कि वो कौन है

जब बादशाह डेविड बहुत पुरानी था, तो वो उसे कम्बल के साथ ढकाते थे, लेकिन वो गर्मी नहीं रख सकी (1 बादशाह1: 1 यू उल्टी

पुराने शुरका

एक शख़्स जो पहले से ही कहानी में लाया गया है उसे उस के बाद ज़मीर क़रार दिया जा सकता है जे़ल में मिसाल के तौर पर, मनु को "इस का क़रार दिया जाता है और इस की बीवी को "वो pronoun के साथ हवाला दिया गया है

इस की / u> बीवी हामिला बनने के काबिल नहीं थे और इस की वजह से इस की पैदाइश नहीं मिली थी (जजों13: 2 यू उल्टी

कहानी में क्या हो रहा है इस पर मुनहसिर है, पुराने शुरका को भी दीगर तरीक़ों से भी हवाला दिया जा सकता है जे़ल में मिसाल के तौर पर, कहानी एक बेटा के बारे में है, और मनु की बीवी ने लफ़्ज़ "औरत के साथ कहा जाता है

ख़ुदावंद के फ़रिश्ता ने औरत को देखा और इस से कहा, (जजों13: 3 यू उल्टी

अगर पुराने शुरका थोड़ी देर के लिए ज़िक्र नहीं किया गया है, या अगर शुरका के दरमयान उलझन हो सकता है, तो मुसन्निफ़ दुबारा हिस्सा लेने वाले का नाम इस्तिमाल करसकता है मुंदरजा ज़ैल मिसाल में, मनु को इस का नाम कहा जाता है, जिसका मुसन्निफ़ इस आयत का इस्तिमाल नहीं करता है

फिर u> मनोहा अल्लाह ने दुआ की .. (जजों13: 8 यू उल्टी

कुछ ज़बानों में इस फे़अल पर कुछ है जो मौज़ू के बारे में कुछ बताता है उनमें से कुछ ज़बानों में लोग हमेशा पुराने शुरका के लिए संजीदा जुमले या ज़मीमा इस्तिमाल नहीं करते जब वो सज़ा का मौज़ू हैं फे़अल पर मारकर सुनने वाले के लिए काफ़ी मालूमात फ़राहम करता है ताकि ये समझ सके कि कौन सी मौज़ू है (देखें ज़बानें)

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

  1. अगर हिस्सा नया है तो, नए शुरका मुतआरिफ़ कराने के अपने ज़बान के तरीक़ों में से एक का इस्तिमाल करें
  2. अगर ये वाज़िह ना हो कि को नौ नौ मैन हवाला करता है तो, लफ़्ज़ी लफ़्ज़ या नाम का इस्तिमाल करें
  3. अगर एक पुराने शुरका का नाम नाम या एक लफ़्ज़ के ज़रीया दर्ज किया गया है, और लोगों को ये मालूम होता है कि ये एक और नया हिस्सा है तो उस के बजाय एक ज़मून इस्तिमाल करने की कोशिश करें अगर एक ज़मीर की ज़रूरत नहीं है क्योंकि लोग समझते हैं कि ये वाज़िह तौर पर सयाक़-ओ-सबॉक् से समझते हैं, फिर ज़मीर को छोड़ दें

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. अगर हिस्सा नया है तो, नए शुरका मुतआरिफ़ कराने के अपने ज़बान के तरीक़ों में से एक का इस्तिमाल करें
  • यूसुफ़ यूसुफ़, एक क़बरस से आदमी, क़बरस का नाम बरनबास को रसूलों की तरफ़ से दिया गया था (जिसकी तफ़सीर की पैरवी की गई है) (आमाल4: 36-37 यू उल्टी - जोज़फ़ के साथ सज़ा शुरू जब नाम मुतआरिफ़ नहीं किया गया तो अभी कुछ ज़बानों में उलझन हो सकती है
  • क़बरस से एक आदमी था जो लेवी का था इस का नाम यूसुफ़ था, और उन्हें रसूलों की तरफ़ से बरनबास का नाम दिया गया था (जो कि तशहीर का बेटा है)
  • क़बरस का एक लेवी था जिसका नाम यूसुफ़ था रसूलों ने उन्हें बर्नाबास का नाम दिया, जिसका मतलब है कि हौसला-अफ़ज़ाई का बेटा
  1. अगर ये वाज़िह नहीं है कि कौन कौंसल हवाला करता है, इस का लफ़्ज़ या नाम इस्तिमाल करते हैं
  • ये हुआ जब एक मख़सूस जगह पर नमाज़ पढ़ कर ख़त्म हुआ, उस के शागिर्दों में से एक ने कहा, "ए ख़ुदावंद हमें जान लू कि जैसा कि यूहना ने अपने शागिर्दों को सिखाया है. (लूका11: 1) यू उल्टी - चूँकि ये एक बाब में पहली आयत है, क़ारईन शायद इस बात का अंदाज़ा लगाऐं कि "वो का हवाला देते हैं
  • ये हुआ जब किसी ख़ास जगह पर नमाज़ पढ़ाई गई, उस के शागिर्दों में से एक ने कहा, "ख़ुदावंद, हमें दुआ करो कि जैसा कि यूहना ने अपने शागिर्दों को सिखाया
  1. अगर एक पुराने शुरका का नाम नाम या एक लफ़्ज़ के ज़रीया दर्ज किया गया है, और लोगों को ये मालूम होता है कि ये एक और नया हिस्सा है तो उस के बजाय एक ज़मून इस्तिमाल करने की कोशिश करें अगर एक ज़मीर की ज़रूरत नहीं है क्योंकि लोग समझते हैं कि ये वाज़िह तौर पर सयाक़-ओ-सबॉक् से समझते हैं, फिर ज़मीर को छोड़ दें
  • ** जोज़फ़ / u> मास्टर ने u> ले लिया और उसे क़ैद में डाल दिया, उस जगह में जहां तमाम क़ैदीयों की क़ैदी की गई थी, और u> जोज़फ़ / u> वहां ठहरे** (पैदाइश39:20 यू उल्टी - चूँकि कहानी में यूसुफ़ का बुनियादी शख़्स है, कुछ ज़बानें उसे नापाक या उस का नाम बहुत ज़्यादा इस्तिमाल करने में उलझन मिल सकती हैं वो एक मज़ाक पसंद कर सकते हैं
  • जोज़फ़ के मास्टर ने u> ले लिया / u> और उसे क़ैद में डाल दिया, उस जगह में जहां तमाम क़ैदीयों के क़ैदीयों को रखा गया था, और u> वो .

तम्सीलें

This section answers the following question: तम्सील क्या है?

तम्सील एक मुख़्तसर कहानी है जो हक़ीक़त को समझने में आसान और फ़रामोश करना मुश्किल बनाती है।

बयान

तम्सील एक मुख़्तसर कहानी है जिसे सच्चाई की तालीम देने के लिए बताया जाता है। अगरचे तम्सील के वारदात हो सकते हैं, वो असल में हुए नहीं। उनको सिर्फ़ एक सच्चाई की तालीम देने के लिए बताया जाता है। तम्सीलें शाज़ ओ नादिर ही मख्सूस लोगों के नाम शामिल करती हैं। (इससे आपको यह शिनाख्त करने में मदद मिल सकती है के तम्सील क्या है और किसी हक़ीक़ी वाक़ये का खाता क्या है।) तम्सीलों में अक्सर तर्ज़ ए इज़हार होता है जैसे तश्बीह और इस्तआरा।

फिर उसने उनसे एक तम्सील भी कही। “क्या अन्धे को अन्धा राह दिखा सकता है? अगर उसने ऐसा किया, क्या वो दोनों गढ़े में न गिरेंगे?” (लूका 6:39 ULT)

यह तम्सील सिखाता है के अगर एक शख्स को रूहानी समझ नहीं है, तो वह किसी दूसरे को रूहानी बातें समझने में मदद नहीं कर सकता।

बाईबल से मिशालें

चिराग़ जलाकर लोग पैमाने के नीचे नहीं, बल्के चिराग़दान पर रखते हैं, तो उससे घर के सब लोगों को रौशनी पहुँचती है। इसी तरह तुम्हारी रौशनी आदमियों के सामने चमके, ताके वो तुम्हारे नेक कामों को देखकर तुम्हारे बाप की जो आसमान पर है तम्जीद करें। (मत्ती 5:15-16 ULT)

यह तम्सील हमें तालीम देता है के जिस तरह से हम ख़ुदा के लिए जीते है उसे दूसरों से न छिपायें।

फिर यिसू ने एक और तम्सील उनके सामने पेश करके कहा, “आसमान की बादशाही उस राई के दाने की मानिंद है, जिसे किसी आदमी ने लेकर अपने खेत में बो दिया। वो सब बीजों से छोटा तो है मगर जब बढ़ता है तो सब तरकारियों से बड़ा और ऐसा दरख़्त हो जाता है, के हवा के परिंदे आकर उसकी डालियों पर बसेरा करते हैं”। (मत्ती 13:31-32 ULT)

यह तम्सील तालीम देता है के ख़ुदा की बादशाही पहले छोटी मालूम पड़ सकती है, मगर यह बढ़ेगी और पूरी दुनिया में फैल जायेगी।

तर्जुमा की हिकमत ए अमली

  1. अगर एक तम्सील को समझना मुश्किल है क्योंके इसमें नामालूम चीज़ें हैं, आप नामालूम चीज़ों को उन चीज़ों से तब्दील कर सकते हैं जो आपके तहज़ीब में लोग जानते हैं। ताहम, तालीम को यकसां रखने के लिए मोहतात रहें। (देखें: नामालूम का तर्जुमा करें)
  2. अगर तम्सील की तालीम ग़ैर वाज़े है, तो इसके बारे में थोड़ा सा बताने पर गौर करें के यह तार्रुफ़ में क्या तालीम देता है, जैसे “यिसू ने यह कहानी फैय्याज़ होने के बारे में बताया”।

तर्जुमा की हिकमत ए अमली की इतलाक़ी मिशालें

  1. अगर एक तम्सील को समझना मुश्किल है क्योंके इसमें नामालूम चीज़ें हैं, आप नामालूम चीज़ों को उन चीज़ों से तब्दील कर सकते हैं जो आपके तहज़ीब में लोग जानते हैं। ताहम, तालीम को यकसां रखने के लिए मोहतात रहें।
  • यिसू ने उनसे कहा, “क्या चिराग़ घर में इसलिए लाते हैं के पैमाने या पलंग के नीचे रख्खा जाए? तुम इसे अन्दर लाते हो और तुम इसे एक चिराग़दान पर रखते हो”। (मरकुस 4:21 ULT) – अगर लोग नहीं जानते के चिराग़दान क्या है, तो आप इसे किसी और चीज़ से मुतबादिल कर सकते हैं जिस पर लोग चिराग़ रखते हैं ताके यह घर को रोशन करे।
  • यिसू ने उनसे कहा, “क्या चिराग़ घर में इसलिए लाते हैं के पैमाने या पलंग के नीचे रख्खा जाए? तुम इसे अन्दर लाते हो और तुम इसे एक ऊँची ताक़ पर रखते हो”।
  • फिर यिसू ने एक और तम्सील उनके सामने पेश करके कहा, “आसमान की बादशाही उस राई के दाने की मानिंद है, जिसे किसी आदमी ने लेकर अपने खेत में बो दिया। वो सब बीजों से छोटा तो है मगर जब बढ़ता है तो सब तरकारियों से बड़ा और ऐसा दरख़्त हो जाता है, के हवा के परिंदे आकर उसकी डालियों पर बसेरा करते हैं”। (मत्ती 13:31-32 ULT) – बीज बोने का मतलब है उसे फेंकना ताके वो ज़मीन पर बिखर जाएँ। अगर लोग बुवाई से वाक़िफ़ नहीं हैं तो आप पौदे लगाने से मुतबादिल कर सकते है
  • फिर यिसू ने एक और तम्सील उनके सामने पेश करके कहा, “आसमान की बादशाही उस राई के दाने की मानिंद है, जिसे किसी आदमी ने लेकर अपने खेत में लगाया। वो सब बीजों से छोटा तो है मगर जब बढ़ता है तो सब तरकारियों से बड़ा और ऐसा दरख़्त हो जाता है, के हवा के परिंदे आकर उसकी डालियों पर बसेरा करते हैं”।
  1. अगर तम्सील की तालीम ग़ैर वाज़े है, तो इसके बारे में थोड़ा सा बताने पर गौर करें के यह तार्रुफ़ में क्या तालीम देता है, जैसे “यिसू ने यह कहानी फैय्याज़ होने के बारे में बताया”।
  • यिसू ने उनसे कहा, “क्या चिराग़ घर में इसलिए लाते हैं के पैमाने या पलंग के नीचे रख्खा जाए? तुम इसे अन्दर लाते हो और तुम इसे एक चिराग़दान पर रखते हो”। (मरकुस 4:21 ULT)
  • यिसू ने उनसे इस बाबत तम्सील कहा के उन्हें क्यों खुलकर गवाही देनी चाहिए। “क्या चिराग़ घर में इसलिए लाते हैं के पैमाने या पलंग के नीचे रख्खा जाए? तुम इसे अन्दर लाते हो और तुम इसे एक चिराग़दान पर रखते हो”। (मरकुस 4:21 ULT)
  • फिर यिसू ने एक और तम्सील उनके सामने पेश किया। उसने कहा, “आसमान की बादशाही उस राई के दाने की मानिंद है, जिसे किसी आदमी ने लेकर अपने खेत में बो दिया। वो सब बीजों से छोटा तो है मगर जब बढ़ता है तो सब तरकारियों से बड़ा और ऐसा दरख़्त हो जाता है, के हवा के परिंदे आकर उसकी डालियों पर बसेरा करते हैं”। (मत्ती 13:31-32 ULT)
  • फिर यिसू ने एक और तम्सील उनके सामने इस बाबत पेश किया के ख़ुदा की बादशाही किस तरह बढ़ती है। उसने कहा, “आसमान की बादशाही उस राई के दाने की मानिंद है, जिसे किसी आदमी ने लेकर अपने खेत में बो दिया। वो सब बीजों से छोटा तो है मगर जब बढ़ता है तो सब तरकारियों से बड़ा और ऐसा दरख़्त हो जाता है, के हवा के परिंदे आकर उसकी डालियों पर बसेरा करते हैं”।

शायरी

This section answers the following question: शायरी क्या है में इसका तर्जुमा कैसे करूँ ?

तफसील

शायरी लफ्जों और धुनों को इस्तेमाल करने का एक तरीका है जिसेसे लोग ज्यादा अच्छी तरह तक़रीर कर पातें हैं और ज्यादा ख़ूबसूरत लिख पातें है I शायरी से लोग दूसरों से , गैर शायराना अंदाज़ की जगह ,गहरे जज्बात के साथ जुड़ पातें है I

शायरी में पाई जाने वाली आम चीज़ें

  • तक़रीर के बहुत से आदाद-ओ-शुमार जैसे हफ्जी.
  • मुतवाज़ी लाइनें (देखें मुतवाज़ी और इसी मअनी के साथ मुतवाज़ी)
  • कुछ या तमाम लाईन की तकरार
  • इस की तारीफ़ ,इस की तमाम फ़रिश्तों फ़ौज की तारीफ़ करो, इस की तमाम फ़रिश्तों की तारीफ़ करो, करो, सूरज और चांद उस की तारीफ़ करो, तुम सब सितारे चमकते हो (ज़बूर148: 2-3 यू उल्टी
  • इसी लंबाई की लाईन्ज़
  • प्यार सब्र दार और दयालु है वो किसी का दुश्मन नहीं है वो घमंड नहीं करता है , हसद या फ़ख़र नहीं करता ये परेशान या बेहद नहीं है (1 कर नत्थियों13: 4 यू उल्टी
  • आख़िर में या दो या इस से ज़्यादा लाईनों की इबतिदा में इस्तिमाल की गई आवाज़
  • चमकते हुए छोटे <यु> सितारे <यु> में कैसे समझूँ की तुम क्या हो ( (अंग्रेज़ी शायरी से ))
  • इसी धुन को कई मर्तबा दोहराया गया
  • "पीटर, पीटर, कददो खाने (एक अंग्रेज़ी शायरी से
  • पुराने अलफ़ाज़ और इज़हार
  • ड्रामाई तस्वीर
  • ग्रामर के मुख़्तलिफ़ इस्तिमाल बिशमोल
  • ना-मुकम्मल सज़ाएं
  • कंक्रीट अलफ़ाज़ की कमी

अपनी ज़बान में शायरी को देखने के लिए कुछ जगहें

  1. गाने, बच्चों के खेलों में खासतौर पर पुराने गाने, नग़मे या गाना
  2. मज़हबी तक़रीब या पादरीयों या डायन डाक्टरों के माद्दा
  3. दुआ, बरकतें और लानत
  4. पुरानी किंवदंतियों

ख़ूबसूरत या पसंदी तक़रीर

ख़ूबसूरत या फ़ांससी तक़रीर शायरी की तरह ही है जिसमें ख़ूबसूरत ज़बान का इस्तिमाल होता है, Iलेकिन ये शायरी की तमाम ख़सुसीआत को इस्तिमाल नहीं करता I और ये उनकी ज़्यादा-तर शायरी के तौर पर इस्तिमाल नहीं करता I ज़बान में मक़बूल बोलने वाले अक्सर ख़ूबसूरत तक़रीर का इस्तिमाल करते हैं, और ये मुम्किना तौर पर आपकी ज़बान में तक़रीर किस तरह बयान होती है है तलाश करने के लिए सबसे आसान ज़रीया है I

वजूहात ये एक तर्जुमा का मसला है

  • मुख़्तलिफ़ ज़बानों मुख़्तलिफ़ चीज़ों के लिए शायरी का इस्तिमाल करते हैं I अगर शाय्राराना शक्ल आपकी ज़बान में इसी मअनी से मुत्तफ़िक़ ना हो तो आपको शायरी के बग़ैर इसे लिखने की ज़रूरत होगी I
  • कुछ ज़बानों में, बाइबल के एक ख़ास हिस्से के लिए शायरी का इस्तिमाल क उसे ज़्यादा ताक़तवर बनाने के लिए होता है I

बाइबल की मिसाल

बाइबल गाने, तालीम, और पैशन गोई के लिए शायरी का इस्तिमाल करता है इ पुराने अह्दनामा की तमाम किताबें में शायरी हैं और बहुत सारे किताबें मुकम्मल तौर पर शायरी हैं

क्योंकि आपने मेरी मुसीबत देखी आपको मेरी रूह की तकलीफ़ जानते थे (ज़बूर31: 7 यू उल्टी )

ये मिसाल इसी मअनी के साथ मुतवाज़ी मैं दो लाइनें हैं जो इस का मतलब हैख़ुदावंद, क़ौमों का फ़ैसला करो

याह्वेह मेरा फैसला करें मुझे शाहे शाबित करें , क्योंकि में नेक और मासूम हूँ , ऊपर वाले

हम-आहंगी का ये मिसाल , दो मुकलिफ को दिखता है एक की डेविड खुदा से उसके लिए क्या चाहता है और वो खुदा बदनीयत देशों के साथ क्या करें ?

अपने ख़ादिम को भी ज़बरदस्त गुनाहों से दूर रखू इन पर मुझ पर क़ाबू पाने दो (ज़बूर19:13 यू उल्टी

इन्फ़िरादी तौर पर ये मिसाल गुनाहों की बात करती है जैसे वो किसी शख़्स पर क़ाबू पाते हैं (मुलाहिज़ा करें शख़्सियत) ओह, ख़ुदावंद की शुक्र करो क्योंकि वो अच्छा है, क्योंकि उस के अह्द वफ़ादार हमेशा उसे चाहते हैं

ओह, ख़ुदा के ख़ुदा की शुक्र अदा करो क्योंकि उस के अह्द वफ़ादार हमेशा हमेशा रहता है ओह, रब के मालिकों का शुक्रिया अदा करो क्योंकि उस के अह्द वफ़ादार हमेशा उसे चाहते है (ज़बूर136: 1-3 यू उल्टी

इस मिसाल के तौर पर "शुक्रिया अदा करें और "उनके अह्द वफ़ादार हमेशा हमेशा रहता है.

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर माख़ज़ के मतन में इस्तिमाल होने वाली शायरी की तर्ज़ क़ुदरती होगी और आपकी ज़बान में सही मअनी देगी तो इस का इस्तिमाल करें अगर नहीं, तो यहां तर्जुमा करने के कुछ तरीक़े हैं

  1. शायरी की अपनी शैलियों में से एक का इस्तिमाल करते हुए शायरी का तर्जुमा करें
  2. शायरी की ख़ूबसूरत मिज़ाज की अपनी तर्ज़ का इस्तिमाल करते हुए तर्जुमा करें
  3. आम तक़रीर की अपनी तर्ज़ का इस्तिमाल करते हुए शायरी का तर्जुमा करें

अगर आप शायरी इस्तिमाल करते हैं तो ये बहुत ख़ूबसूरत हो सकती है

अगर आप आम तक़रीर का इस्तिमाल करते हैं तो ये ज़्यादा वाज़िह हो सकता है

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

मुबारक हो वो आदमी जो बदकारों की मश्वरा में नहीं चलता है या गुना-गारों के साथ राह में खड़े हो जाओ या मज़ाक़ की असैंबली में बैठो लेकिन इस की ख़ुशी रब के क़ानून में है और इस के क़ानून पर वो दिन और रात का ख़्याल रखता है (ज़बूर1: 1،2 यू उल्टी

मुंदरजा ज़ैल मिसाल हैं कि लोग कैसे ज़बूर1: 1،2 तर्जुमा कर सकते हैं

  1. शायरी की अपनी शैलियों में से एक का इस्तिमाल करते हुए शेरों का तर्जुमा करें (इस मिसाल के अंदाज़ में अलफ़ाज़ हैं जो हर लाईन के इख़तताम में इसी तरह की आवाज़ है.

"मुबारक है जिस शख़्स ने u> गुनाह से नहीं हौसला-अफ़ज़ाई की है / u> ख़ुदा के लिए नापसंदीदा है वो नहीं / u> शुरू करेंगे इन लोगों के लिए जो ख़ुदा पर हँसने लगे वो वो नहीं है ख़ुदा उस की मुसलसल <ख़ुशी / u> है वो वही करता है जो ख़ुदा कहते हैं u> सही है / u> वो पूरे दिन u> और रात / u> सोचता है

  1. ख़ूबसूरत तक़रीर की अपनी तर्ज़ का इस्तिमाल करते हुए शायरी का तर्जुमा करें
  • ये एक ऐसा शख़्स है जो वाक़ई बर मंद है जो बदकार लोगों के मश्वरा पर अमल नहीं करती, या गुना-गारों से बात करने के लिए रोका या निहायत ख़ुदा के साथ मिलने वाला है बल्कि वो ख़ुदावंद के क़ानून में बहुत ख़ुशी लाता है, और वो दिन और रात इस पर ग़ौर करता है
  1. आम तक़रीर की अपनी तर्ज़ का इस्तिमाल करते हुए शायरी का तर्जुमा करें
  • जो लोग बुरा लोगों के मश्वरा सुनते नहीं हैं वो वाक़ई ख़ुश हैं I वो ऐसे लोगों के साथ वक़्त नहीं देते जो मुसलसल बुरी चीज़ें करते हैं या उन लोगों के साथ जो ख़ुदा की इज़्ज़त नहीं करते हैं I वो रब के क़ानून की इताअत करने से मुहब्बत करते हैं, और वो हरवक़त उस के बारे में सोचते हैं I

कहावत

This section answers the following question: निगहदाशत क्या हैं, और मैं उनका तर्जुमा कैसे करसकता हूँ

तफ़सील

इमसाल मुख़्तसर अलफ़ाज़ हैं जो हिक्मत बख़शी या सच्च सिखाते हैं लोग नबुव्वत से लुतफ़ अंदोज़ करते हैं क्योंकि वो चंद अलफ़ाज़ में बहुत दानिशमंद हैं बाइबल में इमसाल अक्सर अस्तीफ़ा और मुतवाज़ी इस्तिमाल करते हैं

नफ़रत से तनाज़आत की मुख़ालिफ़त लेकिन मुहब्बत तमाम जुर्मों पर अहाता करता है (इमसाल10:12 यू उल्टी

इमसालों से एक और मिसाल

आपके सुस्त आदमी, ऐन्टी को देखो, उस के रास्ते पर ग़ौर करो और अक़लमंद हो इस में कोई कमांडर, अफ़्सर या हुक्मरानी नहीं है अभी तक ये मौसिम-ए-गर्मा में अपने खाने की तैयारी और फ़सल के दौरान उस को इस्टोरीज किया करता है (इमसाल6: 6-8 यू उल्टी

वजह ये एक तर्जुमा का मसला है

हर ज़बान में नबुव्वत करने का अपना तरीक़ा है बाइबल में बहुत से नबुव्वत मौजूद हैं उन्हें अपनी ज़बान में निगहदाशत करने का तरीक़ा ये है कि इन लोगों को तर्जुमा करने की ज़रूरत है, ताकि लोगों को उनकी ज़बानी तौर पर पहचान लिया जाये और वो समझ सकें कि वो क्या सीखते हैं

बाइबल की मिसाल

एक अच्छा नाम अज़ीम अमीर पर मुंतख़ब किया जाना है और चांदी चांदी और सोने से बेहतर है (इमसाल22: 1 यू उल्टी

इस का मतलब ये है कि ये बेहतर शख़्स है और अच्छी साख हासिल करने के मुक़ाबले में बहुत ज़्यादा पैसा है

दाँतों पर सरका की तरह और आँखों में धुआँ तो इस को भेजने वालों को सुलेमान है (इमसाल10:26 यू उल्टी

इस का मतलब ये है कि एक सस्ती आदमी उन लोगों को बहुत परेशानकुन है जो उसे कुछ करने के लिए भेजते हैं

ख़ुदावंद का रास्ता उन लोगों की हिफ़ाज़त करता है जो सदाक़त रखते हैं लेकिन बदकारों के लिए ये तबाही है (इमसाल10:29 यू उल्टी

इस का मतलब ये है कि ख़ुदावंद उन लोगों को हिफ़ाज़त करता है जो हक़ायक़ के मुताबिक़ करता है, लेकिन वो बुराईयों को तबाह कर देता है

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर एक ज़बानी तर्जुमा का लफ़्ज़ी लफ़्ज़ी तौर पर क़ुदरती होगी और आपकी ज़बान में सही मअनी दे, तो इस पर ग़ौर करें अगर नहीं, तो यहां कुछ इख़्तयारात हैं

  1. मालूम करें कि किस तरह लोगों को आपकी ज़बान में मुसल्लस कहते हैं, और उन तरीक़ों में से एक का इस्तिमाल करें
  2. अगर मुहासिरा में बाअज़ चीज़ों को आपके ज़बान के ग्रुप में बहुत से लोगों से मालूम नहीं होता है, तो उन पर ग़ौर करें कि लोगों को मालूम है और आपकी ज़बान में इसी तरह के काम करते हैं
  3. आपकी ज़बान में एक नबुव्वत का मुतबादिल है जिसमें बाइबल में नबुव्वत के तौर पर वही तालीम है
  4. आपकी ज़बान में एक नबुव्वत का मुतबादिल है जिसमें बाइबल में नबुव्वत के तौर पर वही तालीम है

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. मालूम करें कि किस तरह लोगों को आपकी ज़बान में मुसल्लस कहते हैं, और उन तरीक़ों में से एक का इस्तिमाल करें
  • एक अच्छा नाम अज़ीम अमीर पर मुंतख़ब किया जाना चाहीए
  • और चांदी और सोने से बेहतर है (इमसाल22: 1 यू उल्टी

यहां कुछ ऐसे तरीक़े हैं जो लोगों को उनकी ज़बान में मुतग़य्यर कहते हैं

  • बहुत अच्छा अमीर होना बेहतर है, और लोगों की तरफ़ से लोगों को इस के इलावा चांदी और सोने के मुक़ाबले में बेहतर बनाया जाये
  • दानिशवरों को बहुत सारे अमीरों पर अच्छे नाम का इंतिख़ाब करते हैं, और चांदी और सोने से ज़्यादा पसंद करते हैं
  • अज़ीम अमीर के बजाय एक अच्छी शौहरत हासिल करने की कोशिश करें
  • क्या वाक़ई आपकी मदद करनी होगी? मेरी बजाय एक अच्छी शौहरत होगी
  1. अगर मुहासिरा में बाअज़ चीज़ों को आपके ज़बान के ग्रुप में बहुत से लोगों से मालूम नहीं होता है, तो उन पर ग़ौर करें कि लोगों को मालूम है और आपकी ज़बान में इसी तरह के काम करते हैं
  • जैसे मौसिम-ए-गर्मा में बर्फ़ / u> या फ़सल में बारिश,
  • एक बेवक़ूफ़ इज़्ज़त का मुस्तहिक़ नहीं है (इमसाल26: 1 यू उल्टी
  • फ़सल के मौसम में मौसिम-ए-गर्मा में मौसिम-ए-गर्मा में फटने के लिए या उस के लिए क़ुदरती तौर पर नहीं है; और ये बेवक़ूफ़ शख़्स का एहतिराम करना क़ुदरती नहीं है
  1. आपकी ज़बान में एक नबुव्वत का मुतबादिल है जिसमें बाइबल में नबुव्वत के तौर पर वही तालीम है
  • कल के बारे में फ़ख़र ना करो (इमसाल27: 1 यू उल्टी
  • अपने मिर्चों को गिनने से पहले गन्ना-गारों को शुमार ना करें
  1. इसी तालीम दे दो लेकिन नबुव्वत के किसी शक्ल में नहीं
  • एक नसल जो अपने बाप को लानत करता है और अपनी माँ को बरकत नहीं देता
  • ये एक नसल है जो अपनी आँखों में ख़ालिस है
  • लेकिन वो उनकी गंदी नहीं धोते हैं (इमसाल30: 11-12 यू उल्टी
  • जो लोग अपने वालदैन का एहतिराम नहीं करते वो सोचते हैं कि वो सालिह हैं, और वो अपने गुनाह से दूर नहीं होते हैं

अलामति ज़ुबान

This section answers the following question: अलामति ज़ुबान क्या है और में उसका कैसे तर्जुमह करूँ?

तमसील

तक़रीर और लिखने में दूसरी चीज़ों और वाक़ियात की नुमाइंदगी करने के लिए जो अलामात इस्तेमाल की जाती है वो अलामति ज़ुबान है। बाइबल में ये पेशंगोई और शायरी में सबसे ज़्यादा होती है, ख़ास तौर पर मुस्तखबिल में होने वाली चीज़ों के ख़्वाब और ख्यालात के लिए। अगर-चे लोग फौरी तौर पर एक अलामात का मतलब नहीं जानते, लेकिन फिर भी उसे तर्जुमे में रखना ज़रूरी है।

"इस किताबचे को खाओ, फिर इसराइल के खानदान से जा कर बात करो।”(इज़ाकील 3:1 ULT)

ये एक ख़्वाब में आया था। किताबचे को खाना, जो उस में लिखा है उसे अच्छी तरह से पढ़ने और समझने की, और ख़ुदा के इन लफ़्ज़ों के खुद में कबूल करना की अलामात है।

अलामतीत के मक़ासिद

  • अलामतीत का एक मकसद एक हादसे की संजीदगी और अहमियत को समझने के लिए लोगों की मदद करना है, उन्हे और किसी, बहुत ड्रमाइ इस्लाहात में डाल कर।
  • अलामतीत का एक और मकसद किसी चीज़ के बारे में कुछ लोगों को बताना जबकि उसका असल मतलब औरों से छुपाना है जो अलामतीत के असली मानी को नहीं समझते।

ये तर्जुमे का मुद्दा होने की वजह

आज-कल जो लोग बाइबल पढ़ते है, शायद उन्हे ये पहचानना मुश्किल है कि उसकी ज़ुबान अलामति है, और शायद वो ना जानते हो कि उस अलामत का क्या मतलब है।

तर्जुमे के असूल

  • जब अलामति ज़ुबान का इस्तेमाल किया गया है, ये अहम है कि तर्जुमे में उस अलामत को रखा जाए।
  • ये भी अहम है कि उसे असल मुखररीन और मुंसिफ से ज़्यादा वज़ाहत ना करें, क्योंकि शायद वो नही चाहते थे कि उस वक़्त में रहने वाला हर शक्स उसे आसानी से समझ जाए।

बाइबल से मिसालें

इस के बाद मैनेंरात में अपने ख़्वाब में देखाएक चौथा जानवर, खौफ़नाक, डरावना, और बहुत ताक़तवर।उसकेबड़े लोहे के दाँत थे; उसनेनिगल लिया, तुकढ़े कर दिया, और जो भी बचा था उसे अपने पैरों तले रौंद दिया।वो और जानवरों से अलग था, और उसकेदस सींघ थे. (दानयाल7:7 ULT)

ख़त कशीद किए गए अलामतों का मतलब दानयाल 7:23-24 में समझाया गया है जैसे कि नीचे दिखाया है। वो जानवर सलतनतों की नुमाइंदगी करते है, लोहे के दाँत ताक़तवर फौज की, और सींघ ताक़तवर रहनुमाओं की नुमाइंदगी करते है।

ये है जो उस शक्स ने कहा, ‘जहां तक चौथे जानवर की बात है, वो चौथी सल्तनत होगीज़मीन पर जो तमाम रियासतों से मुख़तलिफ होगी। ये पूरी ज़मीन को खा जाएगी, और वो इसे रौंद कर तुकढ़े-तुकढ़े कर देगी। और जहां तक दस सींघों की बात है, इस सल्तनत से दस बादशाहपैदा होंगे, और उन के बाद एक और पैदा होगा। वो पिछले बादशाहों से मुख़तलिफ होगा, और वो तीनों रियासतों को फ़तह करेगा। (दानयाल7:23-24 ULT)

मैने पलट कर देखा कि किस की आवाज़ मुझ से बात कर रही है, और जब मै पलठा तो मैने सात सुनहरेचिराग़ दान देखे। चिराग़दानों के दर्मियां वो था एक इंसान की औलाद जैसा, … उसके दाहिने हाथ में सात सितारे थे, और उसके मूंह से एक तेज़ दो-धारी तलवार निकल रही थी …. और मेरे दाहिने हाथ में जो सात सितारे तुमने देखे उसका छुपा हुआ मतलब, और उन सात चिराग़दानों का मतलब है: वो सात सितारे सात गिर्जाओं के सात फरिश्ते है , और वो सात चिराग़ दान सात गिर्जा है. (मुकाश्फा 1:12, 16, 20 ULT)

ये हिस्सा सात सितारों और सात चिराग़दानों का मतलब की वज़ाहत करता है। वो दो-धारी तलवार ख़ुदा के कलाम और फैसले की नुमाइंदगी करता है।

तर्जुमे की हिक्मते अमली

  1. मतन को अलामत के साथ तर्जुमह कीजिए। मखररीन और मुंसिफ अक्सर बाद मे इन के मानी की वज़ाहत करते है।
  2. मतन को अलामात के साथ तर्जुमह करें. फिर फुटनेट्स में अलामात की वज़ाहत करें।

तर्जुमह की हिक्मते अमली की मिसालें

  1. मतन को अलामति के साथ तर्जुमह करें। मखररीन और मुंसिफ अक्सर बाद मे इन के मानी की वज़ाहत करते है।
  • इस के बाद मैने सात में अपने ख़्वाब में देखाएक चौथा जानवर, खौफ़नाक, डरावना, और बहुत ताक़तवर. उसकेबड़े लोहे के दाँत थे; उसनेनिगल लिया, तुकढ़े कर दिया, और जो भी बचा था उसे अपने पैरों तले कुचल दिया. वो और जानवरों से अलग था, और उसकेदस सींघ थे।(दानयाल7:7 ULT) – लेग जब दानयाल7:23-24 को पड़ेंगे तो वो अलामात के मतलब को समझ जाएंगे।

  1. मतन को अलामात के साथ तर्जुमह करें। फिर फुटनोट्स में अलामात की वज़ाहत करें।
  • इस के बाद मैने सात में अपने ख़्वाब में देखाएक चौथा जानवर, खौफ़नाक, डरावना, और बहुत ताक़तवर. उसकेबड़े लोहे के दाँत थे; उसनेनिगल लिया, तुकढ़े कर दिया, और जो भी बचा था उसे अपने पैरों तले कुचल दिया।वो और जानवरों से अलग था, और उसकेदस सींघ थे। (दानयाल 7:7 ULT)

  • इस के बाद मैने सात में अपने ख़्वाब में देखाएक चौथा जानवर, 1खौफ़नाक, डरावना, और बहुत ताक़तवर।उसके बड़े लोहे के दाँत थे; 2उसने निगल लिया, तुकढ़े कर दिया, और जो भी बचा था उसे अपने पैरों तले कुचल दिया। वो और जानवरों से अलग था, और उसके दस सींघ थे।3
  • फुटनोट्स कुछ ऐसे दिखेंगो:
  • [1]वो जानवर एक सल्तनत की अलामत है।
  • [2]लोहे के दांत सल्तनत की ताक़तवर फौज की अलामत है।
  • [3]सींघ ताक़तवर बादशाहों की अलामत है।

अलामती पेशगोई

This section answers the following question: अलामती ज़बान किया है और में इस का तर्जुमा कैसे करूँ ?

तफ़सील

अलामती पैशन गोई पैग़ाम का एक किस्म है जिसे ख़ुदा ने एक नबी को दिया ताकि पैग़ंबर दूसरों को इसके बारे में बताए I ये पैग़ाम तसावीर और अलामतों का इस्तिमाल करते हैं ताकि ये ज़ाहिर कर सके कि ख़ुदा मुस्तक़बिल में क्या करेगा I

इन पैशन गोई की अहम किताबें यसईआह, एजुकेआल, दानील, ज़िक्रयाह और रेवेलाशन हैं I अलामती पैशन गोई के मुख़्तसर मिसाल दीगर किताबों, जैसे मैथीयू24، मार्क13، और लूका21 में, में भी मिलते हैं

बाइबिल हमें दोनों बातें बताता है की खुदा ने हर पैगाम को कैसे दिया है और वो पैगाम क्या था I जब ख़ुदा पैग़ामात देता है तो, वो अक्सर ख्वाबो और तसावुर में मोजिज़ा तरीक़े से ऐसा करता है I देखें dream and vision I जब पैगम्बर ने इन ख्वाबो और तसावुर को देखा , तोह उन्होंने अक्सर खुदा उसके निहां और जन्नत को देखा I नमें से कुछ तसावीर एक तख़्त, सोने के चिराग़ खड़े हैं, सफ़ैद बाल और सफ़ैद कपड़े के साथ एक ताक़तवर आदमी, और आग जैसी आँखें और ताम्बे जैसी टाँगे देखि I उनमें से कुछ तसावीर एक से ज़्यादा नबियों की तरफ़ से देखा गया था I

दुनिया के बारे में घिब गोई में तसावुर और निशाँ शामिल है I मिसाल के तौर पे कुछ घिब गोई में मजबूत जानवर बादशाहत को , सिंघ रजा को या बादशाह को , ड्रैगन या सांप शिअतन को , समुद्र राज्य की और हफ्ते लम्बे समय की नुमायन्दगी करते है I

घिब गोई दुनिया मैं बुराई के बारे में बताता है , की कैसे खुदा दुनिया का फैसला करेगा और गुनाहों को सजा देगा और कैसे खुदा, अपने नयी दुनिया में जिसे वो बना रहा है , अपनी नेक बादशाहत कायम करेगा I वह उन चीएजों के बारे में भी बताता है जो जन्नत और दोज़ख के बारे में बताती है I

बाइबिल की ज्यादातर घिब गोई शायरी में बयां की गयी है I कुछ सफक्ती लोगों का ये मनना है की अगर कुछ शायराना तरीके से खा जाता है , तो वो तवज्जो लायक या सही नहीं होता है I जबकि बाइबिल की घिब गोई सच्ची हैं और बहुत अहमियत रखती हैं , चाहे वो शायराना या गैर शायराना अंदाज़ में हो I

कभी कभी, इन किताबों में, माज़ी के वाक़ियात के लिए फ़ैल माजी का इस्तिमाल किया जाता है  I जबकि कभी कभी मुस्तक़बिल वाके के लिए फ़ैल माजी का इस्तिमाल किया जाता है I हमारे वाप इसकी दो वजह है I जब घिब गोई ने उन चीज़ों के बारे में बताया जो की वो सपने में या तासुव्रात में देखते है , तो वो अक्सर फ़ैल माजी का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि खवाब माजी में आया था I फ़ैल माजी का इस्तेमाल मुस्तकबिल ब्बातों के लिए इसलिए भी किया जाता है ताकि इस बात पे जोर दिया जा सके की ये वाकया जरूर होगा Iऐसा इसलिए ताकि ऐसा लगे की ये हो चूका है I उम इसे फैल माजी का दूसरा इस्तेमाल कहते हैं I “ पेश गोयाना माजी “.

नबियों की बाअज़ चीज़ों में कुछ बाद हुआ, और उनमें से कुछ इस दुनिया के आख़िर में होगा I

ये तर्जुम मसला होने की वजूहात

  • कुछ तसावीर को समझना मुश्किल है क्योंकि हमने पहले कभी इन जैसे चीज़ों क नहीं देखा है I
  • जो चीज़ें हमने कभी नहीं देखी हैं या उस दुनिया में मौजूद नहीं हैं उनकी वज़ाहतें तर्जुमा करना मुश्किल है
  • अगर ख़ुदा-या नबी ने फ़ैल माजी का इस्तिमाल किया तो, क़ारईन को ये जानने में मुश्किल हो सकता है कि वो किसी चीज़ के बारे में बात कर रहे है , जो बाद में हुआ था या आगे जो कुछ होगा I

तर्जुमा के उसूल

  • तसावीर में मतन का तर्जुमा करें I उनकी तशरीह करने की कोशिश मत करो और उनके मअनी का तर्जुमा करें
  • बाइबल में एक से ज़ाइद जगहों पर एक तस्वीर-ए-ज़ाहिर होता है, और उसे उसी तरीके से बयां किया जाता है, इस तरह उन जगहों में इसी तरह तर्जुमा करने की कोशिश करें I
  • अगर शायराना शक्ल या ग़ैर शायराना फ़ार्म आपके क़ारईन को ये मुत्तफ़िक़करा रहे हैं की पैशन गोई दरुस्त नहीं है या ग़ैर ज़रूरी है, तो उस फ़ार्म का इस्तिमाल करें जो इन चीज़ों पर सही ढंग से असर अंदाज़ करेI
  • कभी कभी ये समझने में मुश्किल है कि मुख़्तलिफ़ पैशन गोई किस तसलसुल में हुआ है I उन्हें वैसे ही लिखें जैसे की पैशन गोई  में सामने आत हैं I
  • फॉल के तर्जुमा को इस तरीके से नजाम दे की क़ारईन ये समझ सकते हैं कि स्पीकर का क्या मतलब है I अगर क़ारईन गोय्ना माजी को नहीं समझ पता है तो ,मुस्तक़बिल फाल का इस्तेमाल करें I

कुछ घिब गोई तब  मुकम्मल हुई जब नबियों ने उनके बारे में लिखा I जब कुछ अभी तक मुकमाल नहीं हुई है I पैशन गोई में वाज़िह ना करें जब ये पैशन गोई पूरी हुईं या किस तरह पूरा हुईं I

बाइबल की मिसाल

मुंदरजा ज़ैल हिस्सों में ताक़तवर मख़लूक़ात बयान करते हैं जो ऐजिकेल، डेनियल, और जान ने देखा I जो तसवुर उनके खेल में आया उसमें ऊन जैसे सफ़ेद बाल शामिल थे , और पानी जैस कई आवाजें ,सुनहरे बेल्ट और चमकते तांबें की तरह पवन और पंजे शामिल थे I वैसे तो नबियों ने मुख़्तलिफ़ तफ़सीलात देखे,जो सभी एक मायने में एक जैसी थी I पेरा में , रेवेलाशन से , ख़त कसीदा जुमला , डेनियल और एजेकील के पेरा में भी हो चूका है I

<ब्लाक कोट> चिराग के वास्त में एक इंसान का बेटा जैसा था जिसने लम्बी शाप पहन रखी थी जो की उसके पावों तक पहुँच रही थी , और उसकी कमर के चरों और सुनहरी बेल्ट थी , <यु> उसके <यु> सर के और छाती के बाल <यु> ऊन <यु> की तरह सफ़ेद थे और उसकी आँखें आग की तरह थी <यु> उसके <यु> पावं <यु> जले हुए ताबें , वो भी भट्टी के ताम्बे की तरह थे , <यु> और उसकी आवाज़ पानी के बहते हुए किलकारी की तरह थी I उसके दायें हाथ में सात तारे थे और उसके मुंह से दो धरी तलवार बहार आ रही थी I उसका चेहरा सूरज के सबसे चमकीले चमका के साथ चमक रहा था I ( रेवेलाशन 1:13-16 <ब्लाक कोट>)

जैसे ही मैंने देखा

कांटे अपनी जगह लग गए थे उसकी कपडे अब सफ़ेद थे और उसके सर के <यु> बाल <यु> खालिस ऊन की तरह था I ( डेनियल 7:9 यू एल टी )

<ब्लाक कोट> मेने ऊपर देखा और देखा की एक आदमी मकमल के कपड़ों मे , कमर के चरों और खालिस सोने की बनी बेल्ट पहना हुआ था I उसका बदन टोपाज की तरह था , उसका चेहरा चमक रहा था , उसकी आँखें चमकती हुई मशाल की तरह थी , उसके बांह और <यु>उसके पैर <यु> चमकते हुए ताम्बे की तरह थे </यु> और उसकी आवाज़ किसी बड़े भीड़ की तरह थी I

देखो इसराईल के ख़ुदा का जलाल मशरिक़ से आया <उस की आवाज़ पानी की आवाज़ की तरह थी, और ज़मीन उस की शान से चमक गई थी (एजुकेआल43: 2 यू उल्टी )

मुंदरजा ज़ैल ने गुजरे हुए वाक्यात को दिखने के लिए फैज़ माजी का इस्तेमाल किया है I ज़ेर अलतवा फे़अल गुज़श्ता वाक़ियात का हवाला देते हैं I

यसईआह , अमोज़ के बटे , का ख़ाब, जो उसने <यु> देखा <यु> की वो जुदाह और जेरुसिलम का मुतालका करे , जब उज्ज़ियाह , जोथम, अह्ज़ज और हेइज़िकेइयाह जुदाह के बादशाह थे I सुनो जन्नत को , कान लगाओ , जमीन ; याह्वेह <यु> ने कहा <यु> : मैंने अपने <यु> बच्चों का फरोग किया <यु> उन्हें <यु> बड़ा किया <यु> लेकिन उन्होंने मेरे <यु> ख़िलाफ़ <यु> बग़ावत की है (यशायाह 1:1-2 यू एल टी )

मुंदरजा ज़ैल गुज़रने वाले मुस्तक़बिल के कशीदगी और माज़ी के कशीदगी के मुख़्तलिफ़ इस्तिमाल को ज़ाहिर करता है I ज़ेर अलतवा फे़अल पेशगोई की माज़ी की मिसाल हैं I  जहां फ़र्ज़ माज़ी के इस्तिमाल ये दिखने के लिए होगे की वाक्य जरूर होगा I

उसके तरेकी को खत्म कर दिया जायेगा जो क गुस्से में है I शुरुवाती दिनों में उसने बेईजत्ति की ज़ेबुलन और नाप्थाल्ली की ज़मीन बाद के समय में वो इसे शानदार बनाएगा , समुद्र जाने का रास्ता , जॉर्डन, गलीली के पार I अंधेरे में चलने वाले लोग ने <यु>एक अज़ीम रोशनी<यु> देखि I

जो लोग मौत के साय की ज़मीन में रहते हैं, उनपे रौशनी चमकेगी ( यशायाह 9:12 यू एल टी )


मतन मुतग़य्युरात

This section answers the following question: युएलटी ने आयात को ग़ायब या शामिल किया है, और मैं उनका तर्जुमा करना चाहीए?

तफ्सील

हज़ारों साल पहले, लोगों ने बाइबल की किताबें लिखी थीं. फिर उसने दूसरे लोगों को हाथ से हाथ लगाया और उन्हें तर्जुमा किया. उन्होंने ये काम बहुत एहतियात से किया, और कई बरसों में बहुत से लोग हज़ारों कापीयां बनाते हैं. ताहम उन लोगों ने देखा जो बाद में बाद में देखा कि उनके दरमयान छोटे इख़तिलाफ़ात थे. कुछ का प्योर ने हादिसे से कुछ अलफ़ाज़छोड़ दिया, और बाअज़ ने उसे एक और लफ़्ज़ से ग़लत समझा जिसे इस तरह देखा | कभी-कभार उन्होंने लफ़्ज़ या मुकम्मल जुमले भी शामिल किए हैं, या तो हादिसा की तरफ़ से, या इस वजह से कि वो किसी चीज़ की वज़ाहत करना चाहते हैं. जदीद बाइबल पुराने कापीयां का तर्जुमा हैं. कुछ जदीद बाइबल में से बाअज़ ऐसे जुमले हैं जिनमें शामिल किया गया था. यू ईल ईल में, आम तौर पर इन इज़ाफ़ी सज़ाएं फ़ातिहों में लिखा जाता है

बाइबल के उल्मा ने बहुत से पुरानी कापी पढ़ा है और उनके मुक़ाबले में एक दूसरे के मुक़ाबले में. बाइबल में हर जगह के लिए जहां फ़र्क़ था, उन्होंने महसूस किया है कि कौन सा लफ़्ज़ सबसे ज़्यादा इमकान दरुस्त है. युएलटी के मित्र जमीन ने कहा है कि उल्मा का कहना है कि ज़्यादा से ज़्यादा इमकान दरुस्त है. क्योंकि लोग जो युएलटी इस्तिमाल करते हैं वो बाइबल तक रसाई हासिल कर सकते हैं जो दीगर कापीयां पर मबनी हैं, युएलटी मित्र जमीन ने इन फोटों को शामिल किया जो उनके दरमयान इख़तिलाफ़ात के बारे में बताते हैं

तर्जुमानों को युएलटी में मतन तर्जुमा करने और फ़ो टन्नू टस में इज़ाफ़ी सज़ाएं लिखने के लिए हौसला-अफ़ज़ाई की जाती है, जैसा कि यू ईल ईल में किया जाता है. ताहम, अगर मुक़ामी किलीसा वाक़ई चाहता है कि इन अलफ़ाज़ को बुनियादी मतन में शामिल किया जा सकता है तो, मुतर्जिम उन्हें मतन में डाल सकते हैं और उनके बारे में फूट शामिल हैं.

बाइबल की मिसाल

मैथीयू 18: 10-11 युएलटी ने आयत 11 के बारे में एक फूटेज नामा दिया है देखो कि तुम इन छोटों में से किसी को नापसंद नहीं करते. क्योंकि मैं आपसे कहता हूँ कि जन्नत में उनके फ़रिश्तों ने मेरे वालिद जो आसमान में है हमेशा के सामने नज़र आते हैं. बहुत से हुक्काम, कुछ क़दीम, दाख़िल करें v. 11. * इब्न-ए-आदम के लिए वो खो गया जो बचाने के लिए आया. *

बहुत से हुक्काम, कुछ क़दीम, दाख़िल करें v. 11. * इब्न-ए-आदम के लिए वो खो गया जो बचाने के लिए आया. *

यूहना 7: 53-8: 11 सबसे बेहतर क़दीम नुस्ख़ों में नहीं है. ये युएलटी में शामिल किया गया है, लेकिन ये शुरू और आख़िर में मुरब्बा ब्रैकट ([]) के साथ निशान लगा दिया गया है, और आयत 11 के बाद एक फ़ोटोत फिर हर शख़्स अपने घर चला गया. ... उसने कहा, "नहीं, ख़ुदावंद." यसवा ने कहा, "ना ही में आपकी मुज़म्मत करता हूँ. अपने रास्ते पर जाओ, अब से गुनाह से ज़्यादा नहीं."

[2] सबसे बेहतर इबतिदाई नुस्ख़ों में जान 7: 53-8: 11 है

तर्जुमा की हिक्मत-ए- अमली

जब कोई मितन्नी मुतग़य्यर है, तो आप युएलटी या दूसरे वर्ज़न पर अमल करना चाहते हैं जो आप तक रसाई हासिल कर सकते हैं

  1. आयात का तर्जुमा करें कि युएलटी में शामिल और फूट शामिल है जो युएलटी फ़राहम करता है.
  2. आयात का तर्जुमा एक और वर्ज़न के तौर पर करें, और फ़ोटोत तबदील करें ताकि ये इस सूरत-ए-हाल को ठीक हो.

लागू तर्जुमा असटरीटजीज़ की मिसालें

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली मार्क 7: 14-16 युएलटी पर लागू होते हैं, जिसमें आयत 16 के बारे में एक फूटेज है.

  • उसने दुबारा भीड़ को बुलाया और उनसे कहा, "तुम सबको सुनो और मेरी बात सुनो." इस शख़्स से बाहर कोई चीज़ नहीं है जो उस के अंदर दाख़िल होजाता है. जिस शख़्स ने उसे ख़सारा दिया है.
  • *बेहतरीन क़दीम कापीयां v. 16 * बाहर छोड़ दें * अगर कोई शख़्स सुनने के लिए सन है, उसे सुनने के लिए .
  1. आयात का तर्जुमा करें कि युएलटी में शामिल और फूट शामिल है जो युएलटी फ़राहम करता है
  • उसने भीड़ से ख़िताब किया और उनसे कहा, "तुम सबको सुनो और मेरी समझो." इस शख़्स के बाहर से कुछ भी नहीं है जो उस के अंदर दाख़िल होजाता है. उसे ख़ाली करता है. "
  • बेहतरीन क़दीम नुस्खे़ आयत आयत 16 से निकलती है. * अगर कोई शख़्स सुनने के लिए सन ले तो उसे सुनने दें.
  1. आयात का तर्जुमा एक और वर्ज़न के तौर पर करें, और फ़ोटोत तबदील करें ताकि ये इस सूरत-ए-हाल को ठीक हो
  • उसने भीड़ को बुलाया और उनसे कहा, "तुम सबको सुनो और मेरी बात सुनो." इस शख़्स से बाहर कोई चीज़ नहीं है जो उस के अंदर दाख़िल होजाता है. उसे ख़ाली करता है. अगर कोई आदमी सुनने के लिए , तो उसे सुनने दो. "
  • कुछ क़दीम नक़लें आयत 16 नहीं हैं

वावर पलज़

This section answers the following question: कुछ आयतें क्यों मिलती हैं, जैसे "3-5" या "17-18"?

तफ्सील

ग़ैरमामूली मुआमलात में, आपको ग़ैरमामूली लफ़्ज़ लफ़्ज़ी मतन (युएलटी) या ग़ैरमामूली लफ़्ज आसान मतन (युएसटी) में नज़र आएगा जो दो या इस से ज़्यादा आयत नंबर मुशतर्का हैं, जैसे 17-18. ये एक आयत पुल कहा जाता है. इस का मतलब ये है कि आयात में मालूमात दुबारा तबदील की गई थी ताकि कहानी या पैग़ाम आसानी से समझ सके

ये हरियों के क़बीला थे: लोत, शबोल, ज़ोन और अन्ना, दावन, उज़्र, दशन. ये हरीवन की आबादीयों के मुताबिक़ ये हरियों के क़बीले हैं. (पैदाइश 36: 29-30 युएलटी )

हारून के औलाद थे जिन लोगों ने सययर ज़मीन में रहते थे. लोग ग्रुपों के नाम लोत, शोबोल, ज़बन, अन, डशन, उज़्र, और दानिश हैं. (पैदाइश 26: 29-30 युएसटी)

युएलटी मतन में, आयात 29 और 30 अलैहदा हैं, और Seir में रहने वाले लोगों के बारे में मालूमात आयत 30 के इख़तताम पर है. युएसटी  मतन में, आयात में शमूलीयत इख़तियार की जाती है, और इस के बारे में मालूमात सायर में रहती है शुरू बहुत से ज़बानों के लिए, ये मालूमात का ज़्यादा मंतक़ी हुक्म है.

बाइबल की मिसाल

कभी कभी युएलटी अलैहदा आयात हैं जबकि युएसटी आयत आयत है

लेकिन अगर तुम में से कोई ग़रीब ना हो तो (यहोवाह ख़ुदा तुमको इस मुल्क में जो बरकतदेने के ले-ए-तुम्हें मीरास करेगा) बरकत देगा. अगर तुम सिर्फ ख़ुदावंद के ख़ुदा की आवाज़ सुनते हो तो उन तमाम अहकामात को पूरा करना. मैं आज तुम्हें हुक्म देता हूँ (देउतेरोनोमय 15: 4-5 युएलटी)

ख़ुदावंद हमारा ख़ुदा इस मुल्क में आपको बरकत देगा जिसे वो आपको दे रहा है. अगर तुम हमारे ख़ुदा की इताअत करते हो और जो आज मैं तुमको दे रहा हूँ उस के हुक्मों का इताअतकरो, तुम्हारे दरमयान कोई ग़रीब आदमी ना हो

युएलटी में कुछ आयत पल भी मौजूद हैं.

अज़रा के बेटे झीर, मरड, उपर और जलन थे. मरड की मिस्री बीवी मीर अम्मी, शमामी और ऐसा बन गए, जो समीमा का बाप बन गया. ये बीतयाह के बेटों थे, फ़िरऔन की बेटी जिसने मेरी शादी की थी. मरड की यहूदी बीवी जेरी बन गई, जो गवादर का बाप बन गया. हेब्बर, जो समा के बाप बन गया. ज़ोहयाह का बाप बन गया. (1 तारीख 4: 17-18 युएलटी )

युएलटी ने आयत 18 से आयत 17 से ज़्यादा वाज़िह तौर पर ज़ाहिर की है जिसमें बीतयाह के बेटों थे. ये असल हुक्म है, जो बहुत से क़ारईन को उलझन में है:

17 उज़ैर के बेटों: जेनर, मरड, उपर और जलन. वो हामिला हुई और मीर अम्मी, शमीमी और एशीमा के ईसबा बाप बन गए. 18 और इस की यहोदाह की बीवी जदोर का बाप बन गया, सवो के बाप हब्र और ज़नोह का बाप जीव तीली. ये बनी बीतयाह बेटी के बेटों थे, जिनकी शादी मीरीर थी

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

इस आर्डर को इस तरह से आर्डर करें जो आपके क़ारईन को वाज़िह हो जाएगी.

  1. अगर आप पहले आयात की मालूमात से पहले एक आयत से मालूमात डालते हैं तो, दो आयत नंबरों के दरमयान एक हर्फ़ रखू.
  2. अगर युएलटी एक आयत पल है, लेकिन आपको एक दूसरे बाइबल का हवाला देते हैं जो आपके पास नहीं है तो आप इस आर्डर का इंतिख़ाब कर सकते हैं जो अपनी ज़बान के लिए बेहतरीन काम करता है

मुलाहिज़ा करें कि आयात [निशान स्टूडियो ए पी पी] को निशान ज़िद करें (http://help.door43.org/en/knowledgebase/13-translationstudio-android/docs/24-marking-verses-in-translationstudio).

लागू तर्जुमा असटरीटजीज़ की मिसाले

  1. अगर एक आयत से मुताल्लिक़ मालूमात पहले आयात से पहले पेश की जाती है, तो इस आयत में इन आयतों के दरमयान पहले हदीस के साथ पहली आयत से पहले दर्ज कीजीए
  • आपको आपके मलिक के दरमयान तीन शहरों को मुंतख़ब करना लाज़िमी है कि ख़ुदावंद तुम्हारा ख़ुदा आपको दे दे. आपको एक सड़क बनाना और अपनी ज़मीन की सरहदों को तीन हिस्सों में तक़सीम करें, जिस मुल्क जिसे ख़ुदावंद तुम्हारा ख़ुदा आपके वारिस होने का सबब बनता है, ताकि किसी दूसरे शख़्स को मारने वाले अफ़राद वहां भागें. (देउतेरोनोमय 19: 2-3
  • आपको तीन हिस्सों में तक़सीम करना होगा जिसे वो आपको दे रहा है. फिर हर हिस्से में एक शहर का इंतिख़ाब करें. आपको अच्छी सड़कें बनाना ज़रूरी है ताकि लोग इन शहरों को आसानी से हासिल कर सकें. कोई शख़्स जो किसी शख़्स को क़तल करता है वो इन शहरों में से एक से महफ़ूज़ हो सकता है जो महफ़ूज़ हो सकता है. (देउतेरोनोमय 19: 2-3 युएसटी )
  1. अगर युएलटी एक आयत पल है, लेकिन आपको एक दूसरे बाइबल का हवाला देते हैं जो आपके पास नहीं है तो आप इस आर्डर का इंतिख़ाब कर सकते हैं जो अपनी ज़बान के लिए बेहतरीन काम करता है

नामालूम का तर्जुमा करें

This section answers the following question: मैं किस तरह ख़्यालात का तर्जुमा कर सकता हूँ कि मेरे क़ारईन से वाक़िफ़ नहीं है?

मैं शेरों, अंधेरे के दरख़्त, पहाड़, पादरी, या मंदिर जैसे अलफ़ाज़ का तर्जुमा कैसे करूँगा जब मेरी सक़ाफ़्त में लोगों को ये चीज़ कभी नहीं देखी है और हमारे पास कोई लफ़्ज़ नहीं है

तफ्सील

नामालूम चीज़ें ऐसी चीज़ें हैं जो ज़रीया मतन में वाक़्य होते हैं जो आपकी सक़ाफ़्त के लोगों को नहीं जानते हैं. तर्जुमा अलफ़ाज़ सफ़हात और तर्जुमा नोट आपको समझने में मदद मिलेगी कि वो क्या हैं. आप उनको समझने के बाद, आपको इन चीज़ों का हवाला देने के तरीक़ों को तलाश करने की ज़रूरत होगी ताकि आपका तर्जुमा पढ़ने वालों को वो समझ लेंगे.

हमारे यहां सिर्फ पाँच रोटी और दो मछली हैं (मति 14:17 युएलटी )

रोटी एक मख़सूस खाना है जो पतली कच्चा अनाजों के साथ तेल के साथ मिलकर बनाती है और फिर मुरक्कब को खाना पकाना ताकि ख़ुशक हो. (अनाजों में एक किस्म की घास का बीज है.) कुछ सक़ाफ़्तों में लोग रोटी नहीं रखते हैं या ये जानते हैं कि ये किया है.

वजह ये एक तर्जुमा का मसला है

  • क़ारईन शायद कुछ चीज़ें जो बाइबल में नहीं जान सकते हैं क्योंकि इस चीज़ें उनकी अपनी सक़ाफ़्त का हिस्सा नहीं हैं
  • क़ारईन को एक मतन को समझने में मुश्किल हो सकती है अगर वो इस में ज़िक्र करदा कुछ चीज़ें नहीं जानती हैं.

तर्जुमा उसूल

  • अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करें जो मुम्किन हो तो आपकी ज़बान का पहले से ही हिस्सा हो.
  • अगर मुम्किन हो तो इज़हार इज़हार मुख़्तसर रखें.
  • दरुस्त तरीक़े से ख़ुदा के हुक्म और तारीख़ हक़ायक़ की नुमाइंदगी करें.

बाइबल की मिसाल

मैं यरूशलेम को खंडरों के ढेरों में तबदील करूँगा, जैकों के लिए छिपा होगा (यरमयाह 9: 11 युएलटी )

जकड़े जानवरों जैसे जानवर हैं जो सिर्फ दुनिया के चंद हिस्सों में रहते हैं. तो वो बहुत से मुक़ामात पर नहीं जानते हैं.

झूटे नबियों से ख़बरदार रहो, जो भेड़ों के लिबास में आपको आते हैं, लेकिन सच्चा भीढ़ी हैं. (मति 7:15 युएलटी )

अगर भेड़ीयों को नहीं रहना है जहां तर्जुमा पढ़ा जाएगा, क़ारईन को ये समझ नहीं सकता कि वो सख़्त और जंगली जानवरों जैसे कुत्तों को जो हमला करते हैं और भेड़ खाते हैं

इस के बाद उन्होंने ईसाई शराब देने की कोशिश की, जो मीरीरा के साथ मिला था. लेकिन उसने उसे पीने से इनकार कर दिया. (मार्क 15:23 युएलटी )

लोग नहीं जान सकते हैं कि इसरार किया है और ये दवा के तौर पर इस्तिमाल किया जाता है.

उसने उस के लिए जो अज़ीम रोशनी बनाए (ज़बूर 136: 7 युएलटी )

कुछ ज़बानें ऐसी चीज़ें हैं जो रोशनी देते हैं जैसे सूरज और आग की तरह, लेकिन उनकी रोशनी में कोई आम इस्तिलाह नहीं है.

आपके गुनाहों ... बर्फ़ की तरह सफ़ैद हो जाएगा (यसईआह 1:18 युएलटी )

दुनिया के बहुत से हिस्सों में लोग बर्फ़ नहीं देख चुके हैं, लेकिन वो तसावीर में देख सकते हैं.

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

यहां आप ऐसे अलफ़ाज़ हैं जो आप किसी इस्तिलाह को तर्जुमा कर सकते हैं जो आपकी ज़बान में नहीं मालूम है.

  1. एक फ़िक़रा का इस्तिमाल करें जो बयान करता है कि नामालूम शैय क्या चीज़ है, या आयात का तर्जुमा तर्जुमा के लिए नामालूम इश्याय के बारे में क्या ज़रूरी है.
  2. अगर आप ऐसा करते हो तो आपकी ज़बान से कुछ ऐसी चीज़ें जो कि तारीख़ हक़ीक़त से बे-नक़ाब की नुमाइंदगी नहीं करती हैं
  3. दूसरी ज़बान से लफ़्ज़ कापी करें, और लोगों को समझने में मदद करने के लिए एक आम लफ़्ज़ या तशरीही इबारत शामिल करें.
  4. एक लफ़्ज़ का इस्तिमाल करें जो मअनी में ज़्यादा आम है.
  5. लफ़्ज़ या फ़िक़रा का इस्तिमाल करें जो मअनी में ज़्यादा मख़सूस है.

लागू तर्जुमा असटरीटजीज़ की मिसाले

  1. एक फ़िक़रा का इस्तिमाल करें जो बयान करता है कि नामालूम शैय क्या चीज़ है, या आयात का तर्जुमा तर्जुमा के लिए नामालूम इश्याय के बारे में क्या ज़रूरी है
  • झूटे नबियों से ख़बरदार रहो, जो भेड़ों के लिबास में आपके पास आते हैं, लेकिन सच्चा भूक हैं. (मति 7:15 युएलटी )
  • झूटे नबियों से ख़बरदार रहो, जो भेड़ों के लिबास में आपको आते हैं, लेकिन वाक़ई भूक और ख़तरनाक जानवर हैं

"मुस्तहकम भेड़ीयों" यहां एक इसतार का हिस्सा है, लिहाज़ा क़ारी को जानने की ज़रूरत है कि ये अस्तीफ़ा को समझने के लिए भेड़ों के लिए बहुत ख़तरनाक है. (अगर भीड़ भी नामालूम नहीं हैं तो आपको भीड़ तर्जुमा करने के लिए तर्जुमे की हिक्मत-ए-अमली में से एक का इस्तिमाल करना होगा, या इसतार के लिए तरजमही हिक्मत-ए-अमली का इस्तिमाल करते हुए, कुछ और करने के लिए अस्तीफ़ा तबदील करें.

  • हमारे पास सिर्फ पाँच रोटी और दो मछली हैं (मति 14:17 युएलटी )
  • यहां हमारे पास सिर्फ पाँच पकवान अनाज के बीज और दो मछली हैं
  1. अगर आप ऐसा करते हो तो आपकी ज़बान से कुछ ऐसी चीज़ें जो कि तारीख़ हक़ीक़त से बे-नक़ाब की नुमाइंदगी नहीं करती हैं.
  • आपके गुनाहों बर्फ़ की तरह सफ़ैद हो जाएगा (यसईआह 1:18 ULT) ये आयत बर्फ़ के बारे में नहीं है. लोगों को समझने में मदद करने के लिए ये तक़रीर के आदाद-ओ-शुमार में बर्फ़ का इस्तिमाल करता है ताकि सफ़ैद कैसे हो जाये.
  • आपके गुनाहों ... दूध की तरह सफ़ैद हो जाएगा
  • आपके गुनाहों ... चांद की तरह सफ़ैद हो जाएगा
  1. दूसरी ज़बान से लफ़्ज़ कापी करें, और लोगों को समझने में मदद करने के लिए एक आम लफ़्ज़ या तशरीही इबारत शामिल करें.
  • फिर उन्होंने ईसाई शराब देने की कोशिश की, जो मीरीरा के साथ मिला था. लेकिन उसने उसे पीने से इनकार कर दिया. (मार्क 15:23 युएलटी ) - लोग बेहतर समझ सकते हैं कि इसरार किया है कि ये आम लफ़्ज़ "दवा" के साथ इस्तिमाल किया जाता है.
  • फिर उन्होंने ईसाई शराब देने की कोशिश की जो मीरीरीर नामी एक दवा के साथ मिला था. लेकिन उसने उसे पीने से इनकार कर दिया
  • हमारे यहां सिर्फ पाँच रोटियों और दो मछली हैं (मैथीयू 14:17 युएलटी ) - लोग बेहतर समझ सकते हैं कि क्या रोटी ये है कि ये एक फ़िक़रा के साथ इस्तिमाल किया जाता है जो बताता है कि ये क्या (बीजों) ये तैयार है (कुचल और पका हुआ).
  • यहां हमारे पास सिर्फ बेक्ड कच्चा बीज की रोटी और दो मछली हैं
  1. एक लफ़्ज़ का इस्तिमाल करें जो मअनी में ज़्यादा आम है.
  • मैं यरूशलेम को खंडरों के ढेरों में तबदील करता हूँ, जैकेटों के लिए एक पोशीदा जगह (यरमयाह 9: 11 युएलटी )
  • मैं यरूशलेम को खंडरों के ढेरों में तबदील करता हूँ, जंगली कुत्तों के लिए छिपा होगा
  • हमारे पास सिर्फ पाँच रोटी और दो मछली हैं (मति 14:17 युएलटी )
  • हमारे पास सिर्फ पाँच पका हुआ खाना और दो मछली हैं
  1. लफ़्ज़ या फ़िक़रा का इस्तिमाल करें जो मअनी में ज़्यादा मख़सूस है.
  • जो उसने बहुत बड़ी रोशनी बनाई है (ज़बूर 136: 7 युएलटी )
  • उसने जो सूरज और चांद बनाया

कापी या क़र्ज़ अलफ़ाज़

This section answers the following question: दूसरे अलफ़ाज़ से अलफ़ाज़ को क़र्ज़ देने का मतलब किया है और में ये कैसे कर सकता हूँ?

तफ्सील

कभी कभी बाइबल ऐसी ऐसी चीज़ें शामिल हैं जो आपकी सक़ाफ़्त का हिस्सा नहीं हैं और आपकी ज़बान में कोई लफ़्ज़ नहीं है. इस में लोगों और मुक़ामात शामिल हैं जो आपके लिए नाम नहीं हैं

जब ऐसा होता है तो आप बाइबल से अपनी ज़बान में "क़र्ज़" ले सकते हैं. इस का मतलब ये है कि आप बुनियादी तौर पर उसे दूसरी ज़बान से नक़ल करते हैं. ये सफ़ा बताता है कि किस तरह "क़र्ज़" अलफ़ाज़ को. (आपकी ज़बान में नहीं है कि चीज़ों के लिए अलफ़ाज़ का तर्जुमा करने के दूसरे तरीक़े भी हैं. मुलाहिज़ा करें नामालूम नामा तर्जुमा.)

बाइबल की मिसाल

उन्होंने सड़क के किनारे पर एक इंजीर का दरख़्त देखा (मति 21: 1 9: युएलटी )

अगर कोई इंजीर के दरख़्त हैं जहां आपकी ज़बान बोली जाती है तो आप इस ज़बान में इस किस्म के दरख़्त का नाम नहीं बन सकते.

इस के ऊपर सैर फ़ेम थे; हर एक छः पंख थे. दोनों के साथ उस के चेहरे का अहाता किया, और दो के साथ उसने अपने पैरों को ढक लिया, और दो के साथ वो उड़ गया. (यसईआह 6: 2 युएलटी )

शायद आपकी ज़बान इस किस्म की मख़लूक़ के लिए एक नाम नहीं है.

माला की के हाथ से इसराईल के लिए ख़ुदावंद का कलाम ऐलान. (माला की 1: 1 युएलटी )

मलाका शायद ऐसा नाम ना हो जो आपकी ज़बान बोले वो लोग इस्तिमाल करते हैं.

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

दूसरी चीज़ों से अलफ़ाज़ को क़र्ज़ देने के बारे में आगाह करने के लिए कई चीज़ें मौजूद हैं.

  • मुख़्तलिफ़ ज़बानों में मुख़्तलिफ़ स्क्रिप्ट जैसे इब्रानी, यूनानी, लातीनी, साईलक, देवानिगारी, और कोरियन स्क्रिप्ट इस्तिमाल करते हैं. ये स्क्रिप्ट उनके हुरूफ़ में हुरूफ़ की नुमाइंदगी करने के लिए मुख़्तलिफ़ साइज़ का इस्तिमाल करते हैं
  • इन ज़बानों में जो एक ही स्क्रिप्ट का इस्तिमाल करते हैं वो हुरूफ़ को इस रस्म-उल-ख़तमें मुख़्तलिफ़ अलफ़ाज़ में तबदील कर सकते हैं. मिसाल के तौर पर, जर्मन बोलते वक़्त, लोग ख़त "ज" को इसी तरह बोलते हैं जैसे लोग अंग्रेज़ी बोलते वक़्त "य" लफ़्ज़ बोलते हैं.
  • ज़बानों में सभी आवाज़ों के साथ ही आवाज़ नहीं मिलती है. मिसाल के तौर पर, बहुत से ज़बानें अंग्रेज़ी लफ़्ज़ "सोचते हैं" मैं नरम "त" आवाज़ नहीं है और कुछ ज़बानें "स्टॉप" जैसे "स्टॉप" जैसे आवाज़ों के मजमूआ के साथ एक लफ़्ज़ शुरू नहीं कर सकते हैं

एक लफ़्ज़ को क़र्ज़ देने के कई तरीक़े हैं.

अगर आपकी ज़बान ज़बान से मुख़्तलिफ़ स्क्रिप्ट का इस्तिमाल करती है तो आप इस से तर्जुमा कर रहे हैं, आप अपनी ज़बान की स्क्रिप्ट की इसी ख़त शक्ल के साथ आसानी से हर ख़त शक्ल को तबदील कर सकते हैं.

  1. आप इस लफ़्ज़ को हिज्जे कर सकते हैं जैसा कि दूसरी ज़बान उस की मुनादी करता है, और इस तरह आपकी ज़बान को आम तौर पर इन ख़तों की तरफ़ इशारा करता है.
  2. आप इस लफ़्ज़ को इसी तरह ज़बान की दूसरी ज़बान में ले सकते हैं, और आपके क़वाइद को पूरा करने के लिए हिज्जे को एडजस्ट कर सकते हैं

लागू तर्जुमा असटरीटजीज़ की मिसाले

  1. अगर आपकी ज़बान की ज़बान से मुख़्तलिफ़ स्क्रिप्ट का इस्तिमाल होता है तो आप इस से तर्जुमा कर रहे हैं, आप अपनी ज़बान की स्क्रिप्ट की मुताल्लिक़ा ख़त शक्ल के साथ आसानी से हर ख़त की शक्ल को तबदील कर सकते हैं.
  • צְפַנְיָ֤ה - एक आदमी का नाम इब्रानी ख़ुतूत में.
  • "सफना" - रोमन ख़त में एक ही नाम
  1. आप इस लफ़्ज़ को हिज्जे कर सकते हैं जैसा कि दूसरी ज़बान उस की मुनादी करता है, और इस तरह आपकी ज़बान को आम तौर पर इन ख़तों की तरफ़ इशारा करता है
  • ज़फ़नीह - ये एक आदमी का नाम है.
  • "सफना" - इस नाम का नाम अंग्रेज़ी में है, लेकिन आप अपनी ज़बान के क़वाइद के मुताबिक़ इसे दर्ज कर सकते हैं.
  1. आप इस लफ़्ज़ को इसी तरह से दूसरी ज़बान के रास्ते में दर्ज कर सकते हैं, और अपनी ज़बान के क़वानीन को फिट करने के लिए हिज्जे को एडजस्ट कर सकते हैं
  • ज़फ़नीह - अगर आपकी ज़बान में "Z" नहीं है तो, आप "s" इस्तिमाल कर सकते हैं. अगर आपकी तहरीरी निज़ाम "ph" इस्तिमाल नहीं होती तो आप "f" इस्तिमाल कर सकते हैं. इस पर मुनहसिर है कि आपको किस तरह बोलते हैं उसे "i" या "ai" या "ay" के साथ मईल कर सकते हैं.
  • "सीफ़याया"
  • "सीफ़याया"
  • "समुंद्र”

नामों का तर्जुमा कैसे करें

This section answers the following question: मैं अपने नाम के नाम से किस तरह तर्जुमा कर सकता हूँ जो मेरी सक़ाफ़्त में नया है?

तफ़सील

बाइबल बहुत से लोग, लोगों के ग्रुपों और मुक़ामात के नाम हैं. उनमें से कुछ नाम अजीब लग सकते हैं और कहना मुश्किल हो सकते हैं. बाज़-औक़ात क़ारईन को ये मालूम नहीं कि नाम का नाम किया है, और बाज़-औक़ात उनको समझने की ज़रूरत हो सकती है कि एक नाम का मतलब किया है. ये सफा आपकी मदद करेगा कि आप इन नामों को किस तरह तर्जुमा कर सकते हैं और किस तरह आप उन लोगों को समझ सकते हैं जो उनके बारे में जानने की ज़रूरत है |

नामों का मतलब

बाइबल में सबसे ज़्यादा नाम मअनी है | बेशतर वक़्त, बाइबल में नाम सिर्फ उन लोगों और जगहों की निशानदेही करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है जो उनका हवाला देते है |

ये सुलेमान बादशाह सुलेमान बादशाह था, ये ख़ुदा के सबसे ज़्यादा आला काहिन था, जो इबराहीम के बादशाहों की ज़बह से वापिस आए और उनसे बरकत हासिल की. (इब्रानियों 7: 1 युएलटी)

यहां तक कि मुसन्निफ़ ने "मीलचीज़डक" का नाम इस्तिमाल किया है जो बुनियादी तौर पर इस शख़्स का हवाला देते हैं और "सलीम के बादशाह" का लक़ब हमें बताता है कि उसने एक ख़ास शहर पर हुकमरान किया था.

इस का नाम "मीलचीजै़द" का मतलब है "रास्त बाज़ी का बादशाह" और "सलीम का बादशाह", ये "अमन का बादशाह" है. (इब्रानियों 7: 2 युएलटी)

यहां मुसन्निफ़ मीलची ज़कीक का नाम और अनवान के मअनी बयान करता है, क्योंकि इन चीज़ों को हमें इस शख़्स के बारे में मज़ीद बताया जाता है. दूसरे बार, मुसन्निफ़ ने एक नाम का मअनी नहीं बयान किया क्योंकि वो इस क़ारईन को पहले से ही मअनी जानने की तवक़्को रखता है. अगर पासपोर्ट को समझने के लिए नाम का मतलब अहम है, तो आप मतन में या एक फ़ोटोत में मअनी शामिल कर सकते हैं.

इस का एक तर्जुमा मसला है

  • क़ारईन बाइबल में कुछ नाम नहीं जान सकते हैं. वो ये नहीं जान सकते कि आया कोई नाम किसी शख़्स या जगह से या किसी और से मुराद करता है.
  • क़ारईन को समझने के लिए क़ारईन को एक नाम के मअनी को समझने की ज़रूरत हो सकती है.
  • कुछ नाम शायद मुख़्तलिफ़ आवाज़ या आवाज़ों के मजमुए हो सकते हैं जो आपकी ज़बानमें इस्तिमाल नहीं होते हैं या आपकी ज़बान में नापसंदीदा हैं. इस मसला को हल करने के लिए हिक्मत-ए-अमली के लिए, देखें क़र्ज़ अलफ़ाज़
  • बाइबल में कुछ लोग और मुक़ामात दो नाम हैं. क़ारईन ये नहीं समझ सकते कि दो नाम एक ही शख़्स या जगह का हवाला देते हैं.

बाइबल की मिसाल

आप यरूशलम के पास गए और यरीव के पास आए. यरीव के रहनुमाओं ने अमूरियों के साथ आपके ख़िलाफ़ लड़ाई (यशवा 24:11 युएलटी)

क़ारईन शायद नहीं जानते कि "अरदन" एक दरिया का नाम है, "यरीव" एक शहर का नाम है, और "अमूरियों" लोगों का एक गिरोह है

उसने कहा, "क्या मैं वाक़ई देखता रहता हूँ, यहां तक कि उसने मुझे देखा है?" लिहाज़ा उस को अच्छी तरह से बेअरलोरी (बुलाओस 16: 13 14 यू-उल्टी) कहा गया था

रईन की दूसरी सज़ा नहीं समझ सकती अगर वो नहीं जानते कि "बेअरलहराई" का मतलब है "जो ज़िंदा है वो मुझे जो देखता है."

उसने उसे मौसीस का नाम दिया और कहा, "क्योंकि मैंने उसे पानी से निकाल दिया." (ख़ुरूज 2:11 युएलटी)

क़ारईन इस बात को समझ नहीं सकते कि उसने ये क्यों कहा है कि अगर वो नहीं जानते तो मौसी का नाम इब्रानी अलफ़ाज़ जैसे "बाहर निकाला”.

साओल अपनी मौत के साथ मुआहिदा था (आमाल 8: 1 युएलटी)

ये आईकोनीम के बारे में आया था कि पॉल और बरनबास एक दूसरे के साथ कातिब में दाख़िल हुए (आमाल 14: 1 युएलटी)

क़ारईन ये नहीं जान सकते कि नाम साओल और पॉल उसी शख़्स का हवाला देते हैं.

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

  1. अगर क़ारईन को सयाक़-ओ-सबॉक् से आसानी से नहीं समझा जा सकता है, इस का नाम किस किस्म की है, तो आप उस को वाज़िह करने के लिए एक लफ़्ज शामिल कर सकते हैं.
  2. अगर क़ारईन को इस के बारे में क्या कहा जाता है समझने के लिए एक नाम का मअनी समझने की ज़रूरत है तो, नाम कापी करें और इस के मअनी के बारे में कि मतन में या एक फ़ोटोत में.
  3. या अगर क़ारईन को इस के बारे में क्या कहा जाता है समझने के लिए एक नाम का मतलब समझने की ज़रूरत है, और इस का नाम सिर्फ एक-बार इस्तिमाल किया जाता है, नाम कापी करने की बजाय नाम का मअनी तर्जुमा
  4. अगर किसी शख़्स या जगह में दो मुख़्तलिफ़ नाम हूँ तो, ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त और एक नाम का नाम इस्तिमाल करें, जब मतन किसी शख़्स से या एक से ज़्यादा नाम रखने के बारे में बताता है या जब ये किसी चीज़ का ज़िक्र करता है तो इस शख़्स या जगह क्यों थी? इस का नाम दिया एक फ़ोटनोट लिखें जब ज़रीया मतन का नाम इस्तिमाल होता है जो कम कसरत से इस्तिमाल होता है.
  5. या अगर किसी शख़्स या जगह में दो मुख़्तलिफ़ नाम हूँ तो, ज़रीया मतन में जो कुछ नाम दिया जाता है इस्तिमाल करें, और एक नामुमकिन शामिल करें जो दूसरा नाम फ़राहम करें

लागू तर्जुमा सटरीटजीज़ की मिसाले

  1. अगर क़ारईन को सयाक़-ओ-सबॉक् से आसानी से नहीं समझा जा सकता है, इस का नाम किस किस्म की है, तो आप उस को वाज़िह करने के लिए एक लफ़्ज शामिल कर सकते है |
  • आप यरूशलम के पास गए और यरीव के पास आए. यरीव के रहनुमाओं ने अमूरियों के साथ आपके ख़िलाफ़ लड़ाई (यशवा 24:11 युएलटी)

आप यरूशलम नदी के पास गए और यरीव के पास आए. यरीव के रहनुमाओं ने अमूरियों के साथ आपके ख़िलाफ़ लड़ाई

  • कुछ अर्से बाद, कुछ फ़रीसयों के पास आकर इस से कहा, "जाओ और यहां छोड़ो क्योंकि हीरोद आपको मार डाला.” (लूक 13:31 युएलटी)
  • कुछ अर्से बाद, कुछ फ़रीसी आए और इस से कहा, “जाओ और यहां छोड़ दो क्योंकि बादशाह हीरोद को आपको मारना चाहता है.
  1. अगर क़ारईन को इस के बारे में क्या कहा जाता है समझने के लिए एक नाम का मतलब समझने की ज़रूरत है, नाम कापी करें और इस के मअनी के बारे में या तो मतन में या एक फ़ोटोत मे
  • उसने उसे मोसेस >/u> का नाम दिया और कहा, "क्योंकि मैंने उसे पानी से निकाल दिया.” (एक्सोडस 2:11 युएलटी)
  • उसने उसे मौसी का नाम दिया, जिसकी तरह आवाज़ निकली और कहा, "क्योंकि मैंने उसे पानी से निकाल दिया."
  1. या अगर क़ारईन को इस के बारे में क्या कहा जाता है समझने के लिए एक नाम का मअनी समझने की ज़रूरत है, और इस का नाम सिर्फ एक-बार इस्तिमाल किया जाता है, नाम कापी करने के बजाय नाम का मअनी तर्जुमा.
  • …उसने कहा, "क्या मैं वाक़ई देखता रहता हूँ, यहां तक कि उसने मुझे देखा है?" लिहाज़ा उस को अच्छी तरह से बेअरलोरी; (इब्तिदा-ए-16: 13-14 युएलटी)
  • ... उसने कहा, "क्या मैं वाक़ई देखता रहता हूँ, यहां तक कि उसने मुझे देखा है?"  लिहाज़ा उस को अच्छी तरह से वैसे का नाम दिया गया था जो मुझे देखता है
  1. अगर किसी शख़्स या जगह में दो मुख़्तलिफ़ नाम हूँ तो, ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त और एक नाम का नाम इस्तिमाल करें, जब मतन किसी शख़्स से या एक से ज़्यादा नाम रखने के बारे में बताता है या जब ये किसी चीज़ का ज़िक्र करता है तो इस शख़्स या जगह क्यों थी? इस का नाम दिया एक फ़ोटनोट लिखें जब ज़रीया मतन का नाम इस्तिमाल होता है जो कम कसरत से इस्तिमाल होता है. मिसाल के तौर पर, पोल 13: 13 और "पाल" के आमाल 13 के बाद "साओल" कहा जाता है |आप हरवक़त " पाल " के तौर पर अपने नाम का तर्जुमा कर सकते हैं, इलावा आमाल 13: 9 में, जहां वो दोनों नामों के बारे में बात करते हैं.
  • ... साओल नामी एक जवान आदमी (आमाल 7:58 युएलटी)
  • ... पाल नामी एक जवान आदमी1
  • फूटेज की तरह नज़र आएगा:
  • [1]ज़्यादा से ज़्यादा वर्ज़न साओल कहते हैं, लेकिन बाइबल में ज़्यादा-तर वक़्त वो पाल कहते है |
  • लेकिन साओल, जो भी पाल कहा जाता है, रूहुल-क़ुदुस से भरा हुआ था (आमाल 13: 9)
  • लेकिन साओल, जो भी पाल बोला जाता है, रूहुल-क़ुदुस से भर गया;
  1. या अगर एक शख़्स या जगह दो नाम हैं तो, ज़रीया मतन में जो कुछ नाम दिया जाता है इस्तिमाल करें और एक नामुमकिन शामिल करें जो दूसरा नाम फ़राहम करे. मिसाल के तौर पर, आप "साओल" लिख सकते हैं जहां ज़रीया मतन "साओल" और "पाल" है जहां ज़राए का मतन "पाल" है |
  • साओल नामा एक नौजवान आदमी (आमाल 7:58 युएलटी)
  • एक जवान आदमी >u>साओल का नाम था
  • फूटेज की तरह नज़र आएगा:
  • [1] वही वही आदमी है जो पाल 13 को इब्तिदा-ए-में शुरू करता है.
  • लेकिन साओल, जो भी पोल कहा जाता है, रूहुल-क़ुदुस से भर गया; (आमाल 13: 9 युएलटी)
  • लेकिन साओल , जो भी कहा जाता है पाल, रूहुल-क़ुदुस से भरा हुआ था;
  • ये आइकनीमीम के बारे में आया था कि पोल और बरनबास एक दूसरे के साथ इबादत-गाह में दाख़िल हुआ (आमाल 14: 1 युएलटी)
  • ये आइकनीमीम के बारे में आया था कि पोल1 और बरनबास एक दूसरे के साथ कातिब में दाख़िल हुए
  • फूटेज की तरह नज़र आएगा:
  • [1]ये वही शख़्स है जिसे आमाल 13 से पहले साओल कहा जाता था

बाहमी इलम और मोतबर मालूमात

This section answers the following question: मैं इस बात का कैसे यक़ीन कर सकता हूँ कि मेरा तर्जुमा असल पैग़ाम के वाज़िह मालूमात के साथ फ़र्ज़ करदा इलम और माक़ूल मालूमात से बात करता है

  • बाहमी इलम का मतलब है ,जो भी एक बोलने वाला, अपने सुनने वालों की शरूर के बारे में तस्लीम करता है और कुछ उनको कुछ किस्म की मालूमात फ़राहम करता है I तक़रीर करने वाले ने दो तरीक़ों से सामईन की मालूमात फ़राहम की है
  • वाज़िह मालूमात स्पीकर जिसका बराह-ए-रास्त रियासत करता है I
  • वाज़िह इत्तिलाआत वही है जो स्पीकर बराह-ए-रास्त रियासत नहीं करता क्योंकि उस की तवक़्क़ो है कि वो अपने सामईन को इस के बारे में सीखा सके I

तफ़सील

जब कोई बोलता या लिखता है, तो उस के पास कुछ ख़ास है जो वो चाहता है की लोग जाने I वो आम तौर पर ये बराह-ए-रास्त कहते हैं ये * वाज़िह मालूमात * है I

स्पीकर इस बात का फ़र्ज़ करता है कि इस के सामईन पहले से ही कुछ चीज़ों को जानता है जो कि उन्हें इस मालूमात को समझने के लिए सोचने की ज़रूरत होगी I आम तौर पर वो लोगों को ये चीज़ें नहीं बताता, क्योंकि वो पहले ही उन्हें जानता है इसे * फ़र्ज़ इलम * कहा जाता है I

स्पीकर हमेशा हर चीज़ को बराह-ए-रास्त एहतिराम नहीं करता जिसे वो चाहता है की उसके समायीन समझे की वो क्या कह रहा है I वो मालूमात जो वो , अपने कहे बातों से ,चाहता है की लोग जाने , चाहे उसे सीधे तौर पे उसने कहा ही ना हो उसे वाज़िह मालूमात कहते है I

अक्सर, सामईन ऐसे * वाज़िह इत्तिलाआत को समझते हैं जो पहले से ही इलम रखते हैं (समझ लिया) वाज़िह मालूमात के साथ कि स्पीकर उन्हें बराह-ए-रास्त बता रहा है I

वजूहात ये तर्जुमा का मसला है

तीन किस्म की मालूमात स्पीकर के पैग़ाम का हिस्सा हैं I अगर उनमें से किसी किस्म की मालूमात ग़ायब हो गयी तो, सामईन पैग़ाम को समझ नहीं पाएँगे I क्योंकि हदफ़ तर्जुमा एक ऐसी ज़बान में है जो बाइबल की ज़बानों से बहुत मुख़्तलिफ़ है और ऐसे सामईन के लिए बना दिया गया है जो बाइबल के लोगों के मुक़ाबले में बहुत मुख़्तलिफ़ वक़्त और जगह में रहते हैं I कई बार * इलमी इलम * या * वाज़िह मालूमात पैग़ाम से ग़ायब होते है दूसरे अलफ़ाज़ में, जदीद क़ारईन सब कुछ नहीं जानते हैं जो की कि बाइबल को असल में बोलने वाले और सुनने वाले जानते थे I जब पैग़ाम को समझने के लिए ये चीज़ अहम हैं तो, आप इस मालूमात को मतन में या तन्क़ुईदे हसिया में शामिल कर सकते हैं I

बाइबल की मिसाल

इस के बाद एक मुसानिफ उस के पास आए और कहा, "उस्ताद, में जहां भी जाऊँगा आपकी पैरवी करूँगा I यसवा ने इस पे कहा, "लोमड़ियों के पास <यु>सुराख़<यु> हैं, और आसमान के परिंदों के <यु>पास घोंसला<यु> हैं, लेकिन इन्सान का बेटा उस के सर पर क़ाबू नहीं रखता है. (मेथ्यु 8:20 यू एल टी )

यसवा ने ये नहीं कहा कि लोमड़ी और परिंदें सुराख़ और घोंसला इस्तिमाल किस लिए करते हैं, क्योंकि उसने ये फ़र्ज़ किया था कि मुसानिफ को पता है कि लोमड़ी जमीन में किये सुराख और परिंदे घोसलों में सोते हैं ये * इलम का फ़र्ज़ है

यसवा मसीह ने बराह-ए-रास्त यहां नहीं कहा था "मैं इन्सान का बेटा हूँ लेकिन, अगर मुसानिफ को पहले से ही नहीं पता था, तो उसे इस हक़ीक़त की * वाज़िह मालूमात होगी * I वो सीख सकता है क्योंकि यसवा मसीह ने इस तरह यहाँ अपना हवाला दिया था I इस के इलावा, यसवा ने वाज़िह तौर पर ये बयान नहीं किया कि वो बहुत सफ़र करते थे और उनके पास एक घर नहीं था जिसमें वो हर रात सोये I * मुज़मिर मालूमात * है कि यसवा ने कहा जब मुसानिफ सीख सकता है की उनके पास सर छुपाने की जगह नहीं थी I

आप पर अफ़सोस है, चवरिया ज़ैन आप पर अफ़सोस है बेतसाईदा अगर ताक़तवर का में u> टावर और सदावन / u> मैं किए गए हैं जो आप में किए गए हैं, तो वो तवील अरसा पहले कटोरी और चौक में तौबा कर चुके हैं लेकिन ये आपके मुक़ाबले में फ़ैसले के दिन <टावर और सदावन के लिए ज़्यादा बर्दाश्त हो सकता है (मति11:21، 22 यू उल्टी

यसवा ने फ़र्ज़ किया कि वो जिनसे बात कर रहे थे जानते थे कि टायर और सदावन बहुत कबीस थे I और फैसले का दिन , वो है जब ख़ुदा हर शख़्स का फ़ैसला करेगा Iयसवा भी ये जानते थे की वो जिन लोगों से बात कर रहे हैं वो इस बात पर यक़ीन रखते थे कि वो अच्छे थे और उन्हें तौबा करने की ज़रूरत नहीं थी I यसवा ने उन्हें इन चीज़ें को बताने की ज़रूरत नहीं थी ये सब * फ़र्ज़ इलम * है

वाज़िह मालूमात का एक अहम हिस्सा ये है कि वो लोग जिनसे वो बात कर रहे थे वो तौबा नहीं करते, उन्हें टायर और सदावन के मुक़ाबले में कम शदीद नहीं समझा जाएगा I

आपके शागिर्द क्यों बुज़ुर्गों की रवायात की ख़िलाफ़वरज़ी करते हैं? जब वो खाते हैं तो <अपने हाथों को धोते नहीं हैं (मथ्यु15: 2 यू एल टी )

बुज़ुर्गों की रवायात में एक तक़रीब थी जिसमें लोग खाने से पहले , रुहानी तौर पर साफ़ होने के लिए, अपने हाथ धो लेंगे I लोगों ने सोचा कि रास्तबाज़ होने के लिए, उन्हें बुज़ुर्गों की तमाम रवायात पर अमल करना पड़ेगा I ये एक * इख्तियार मालूमात * है कि फ़रीसी जो यसवा से बात कर रहे थे , उम्मीद करते थे की वो यह जाने I ये कह कर, वो अपने शागिर्दों पर, रवायात की पैरवी नहीं करने का , इल्ज़ाम लगा रहे थे और बता रहे थे की इस तरह वो नेक अमल नहीं है I ये * वाज़िह मालूमात * है जो वो चाहते हैं कि वो इसे समझें I

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर क़ारईन को काफ़ी मोतदिल इलम है तो, वाज़िह मालूमात जो अहम मालूमात के साथ होती है के साथ , पैग़ाम को समझने में कामयाब हो सकते हैं I तब सही यही होगा की जो मालूमात बताई नहीं गयी है उसे रहने दे, और मोतबर मालूमात को वज़ह ही रहने देI अगर क़ारईन पैग़ाम नहीं समझते हैं क्योंकि उनमें से एक उनके लिए ग़ायब है, तो नीचे दिए गए हिक्मत-ए-अमली पर अमल करें :

  1. अगर क़ारईन पैग़ाम को नहीं समझ पता है ,क्योंकि उनके पास कुछ इलमी इलम नहीं है, तो इस इलम को वाज़िह मालूमात के तौर पर फ़राहम करें
  2. अगर क़ारईन पैग़ाम को नहीं समझ पता है क्योंकि वो कुछ मोतबर मालूमात नहीं जानते हैं, फिर उस मालूमात को साफ़ साफ़ बताएं, लेकिन ऐसा इस तरह ना करें कि ये असल सामईन के लिए एक नयी मालूमात बन जाए I

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. अगर क़ारईन पैग़ाम को नहीं समझा जा सकता है क्योंकि उनके पास कुछ इलमी इलम नहीं है, तो इस इलम को वाज़िह मालूमात के तौर पर फ़राहम करें

यसवा ने इस पे कहा, "लोमड़ियों के पास <यु>सुराख़<यु> हैं, और आसमान के परिंदों के <यु>पास घोंसला<यु> हैं, लेकिन इन्सान का बेटा उस के सर पर क़ाबू नहीं रखता है. (मेथ्यु 8:20 यू एल टी ) यहाँ मोतबर मालूमात यह है की लोमड़ी अपने सुराख़ में और परिंदे अपने घोंसले में सोते है I

  • यसवा ने उस से कहा ,” लौमादी के पास <यु> रहने के लिए सुराख़ है , और परिंदों के पास रहने के लिए <यु> घोंसला है , पर इंसान के बेटे के पास सर छुपाने और सोने की कोई जगह नहीं है I “
  • ये, फैसले के दिन, <यु> टायर और सिडॉन<यु> के लिए, तुमसे ज्यादा बर्दाश्ते काबिल होगा (मथ्यु 11:22 यू एल टी ) – यहाँ फ़र्ज़ किया मालूमात यह है की , टायर और सिडॉन के लोग बहुत कबीस है I इसे वज़ह तौर पे बताया जा सकता है I
  • ... ये आपके मुक़ाबले में, <यु> फ़ैसले के दिन, u> टायर और सिदोन <यु> शहरों <यु> के लिए ज़्यादा बर्दाश्ते काबिल होगा , जिनके लोग बहुत शदीद </यु> थे I
  • या फिर
  • ... आपके मुक़ाबले में, फ़ैसले के दिन , उस बदतरीन शहर टायर और सीडोन / u> के लिए ज़्यादा बर्दाश्ते काबिल होगा I
  • आपके शागिर्द क्यों बुज़ुर्गों की रवायात की ख़िलाफ़वरज़ी करते हैं? जब वो खाते हैं तो वो अपने हाथों को नहीं धोते (मथ्यु15: 2 यू एल टी ) - माक़ूल इलम ये था कि बुज़ुर्गों की रवायात में से एक तक़रीब यह थी, जिसमें लोग, खाने से पहले, अपना हाथ, रुहानी तौर पर साफ़ होने के लिए ,धो लेंगे , और उन्हें सालिह होना चाहीए I जैसा कि एक जदीद क़ारईन सोच सकता है की अगर गन्दगी नहीं साफ़ की गयी तो , वो बीमार हो जायेंगे I
  • आपके शागिर्द क्यों बुज़ुर्गों की रवायात की ख़िलाफ़वरज़ी करते हैं? जब वो <यु> खाते <यु> है तो सदाक़त के <यु> रस्मी <यु> वसूलों की तामील नहीं करते है I
  1. अगर क़ारईन पैग़ाम को नहीं समझ पता है क्योंकि वो कुछ मोतबर मालूमात नहीं जानते हैं, फिर उस मालूमात को साफ़ साफ़ बताएं, लेकिन ऐसा इस तरह ना करें कि ये असल सामईन के लिए एक नयी मालूमात बन जाए I

इस के बाद एक मुसानिफ उस के पास आए और कहा, "उस्ताद, में जहां भी जाऊँगा आपकी पैरवी करूँगा I यसवा ने इस पे कहा, "लोमड़ियों के पास <यु>सुराख़<यु> हैं, और आसमान के परिंदों के <यु>पास घोंसला<यु> हैं, लेकिन इन्सान का बेटा उस के सर पर क़ाबू नहीं रखता है. (मेथ्यु 8:20 यू एल टी ) – यहाँ मुताबिर मालूमात यह है की जीसस खुद आदमी के बेटे है I दूसरा मुताबिर मालूमात यह है की मुसानिफ उनकी राह पर चलना चाहता है , उसे जीसस की तरह बिना घर के रहना होगा I

  • यसवा ने उस से कहा ,” लौमादी के पास <यु> रहने के लिए सुराख़ है , और परिंदों के पास रहने के लिए <यु> घोंसला है , पर इंसान के बेटे के पास आराम करने के लिए कोई <यु>घर<यु> नहीं है I अगर तुम मेरी राह पे चलना कहते हो तो तुम वैसे ही रहोगे जैसे में रहता हूँ <यु>
  • ... ये आपके मुक़ाबले में, फ़ैसले के दिन, टायर और सिदोन के लिए ज़्यादा बर्दाश्ते काबिल होगा I यहाँ मोतबर मालूमात यह है की , खुदा उन लोगो का सिर्फ फैसला ही नहीं करेगा पर उन्हें सजा भी देगा I यह एक वाजिह मालूमात हो सकती है I
  • ... ये आपके मुक़ाबले में, <यु> फ़ैसले के दिन, u> टायर और सिदोन <यु> शहरों <यु> के लिए ज़्यादा बर्दाश्ते काबिल होगा , जिनके लोग बहुत शदीद </यु> थे I
  • फैसले के दिन , खुदा तुम्हे , टायर और सिदोन,ऐसे शहर जहाँ के लोग ज्यादा कबीस थे , से , ज्यादा शदीद <यु> सजा <यु> देगा I

जदीद क़ारईन शायद कुछ चीज़ों को नहीं जान सकें जो बाइबल और पहले पढने वाले लोग जानते थे I किसि तक़रीर करने वाले या मुसन्निफ़ की बातो को समझना और मोतबिर चीज़ें जिन्हें तक़रीर करने वाले ने रहने दिया है उसे सीखना इसे पड़ने वाले के लिए मुश्किल हो सकता है I तर्जुमान को इसकी तर्जुमानी में वाज़िह तौर पर कुछ चीज़ें पेश करना हैं जो असल स्पीकर या मुसन्निफ़ ने ग़ैर-मुस्तहकम या मनफ़ी तौर पर छोड़ दिया है I


इशारतन मालूमात को वाजिः मालूमात कब बनाया जाये ?

This section answers the following question: अगर कुछ वाज़िह मालूमात हमारी ज़बान में उलझन, ग़ैर तबीई, या ग़ैर ज़रूरी नज़र आती है , तो मैं क्या कर सकता हूँ ?

तफ़सील

कुछ जबानो में चीज़ों को बताने का कुदरती तरीका मौजूद होता है पर जब वो दुसरे जबान में तर्जुमा की जाती है तो अजीब अगति हैं I इसका कारन ये है की कुछ जबाने वज़ह तौर पे बातों को बताती है जबकि कुछ जबाने इशारतन तौर पे मालूमात सामने रखती हैं I

यह एक तर्जुमा का मसला होने की वज़ह

अगर आप सभी वजीह मालुमातों का तर्जुमा ज़रीया ज़बान से वाज़िह ज़बान में करते है तो, ग़ैर मुल्की, ग़ैर तबीई, या शायद नाक़ाबिल-ए-यक़ीन भी लग सकता है , अगर जरीय जबान उसे वजीह तौर पे ज़ाहिर ना करें I हदफ़ ज़बान में इस किस्म की मालूमात से निमटने के लिए सबसे बेहतर है इसे इशारतन तौर पे ही रहने देना चाहिए I

बाइबल की मिसाल

<यु> और </यु> अभिमेलेच मीनार पे आया और इस के ख़िलाफ़ लड़ा और मीनार के दरवाज़े को आग से जलने के लिए उसके क़रीब गया (जजों9:52 ESV)

इब्रानी बाइबल में , इत्तिहाद के साथ राबते को ज़ाहिर करने के लिए , किसी जुमले को वसाल, जैसे”और “ का इस्तेमाल दो जुमलों को जोड़ने के लिए किये जाता है , के साथ शुरू करना एक आम बात है I जबकि अंग्रेजी में ये कायदे – खिलाफ है Iअंग्रेज़ी क़ारईन के लिए बहुत यह बहुत तकलीफ़देह है, और ये तास्सुर देता है कि मुसन्निफ़ ग़ैर मुनहसिर था Iअग्रेज़ी में, सबसे बेहतर है कि ज़्यादा-तर मुक़द्दमात में झूटे अलफ़ाज़ के दरमयान राबते का ख़्याल छोड़ें और वाज़िह तौर पर उसका तर्जुमा ना करें I

इब्रानी बाइबल में , ये कहना मामुल था की आग से कुछ जला दिया गया I जबकि अंग्रेजी में आग का ख़्याल जलाने की कार्रवाई में शामिल है I और इस तरह दोनों नज़रियात को वाज़िह तौर पर बयान करना गैर जरूरी है I ये कहने के लिए काफ़ी है कि कुछ जला दिया गया और आग का ख़याल इशारतन रहने दे I

सेंतुरियन <यु> ने जवाब <यु> दिया और कहा </यु>, “ खुदा , आप मेरे छत के नीचे आयेएं में इसके काबिल नहीं हूँ..” 9 ( मथ्यु 8:8 यू एल टी )

बाइबल की ज़बानों में, ये आम था कि बराह-ए-रास्त तक़रीर मुतआरिफ़ कराने के दो फे़अल के साथ इस्तेमाल करें I एक फे़अल , मुखातिब तरीका बयां करेगा , और दूसरा तक़रीर करने वाले के लफ़्ज़ों को मुतारिफ कराएगा I अंग्रेज़ी बोलने वाले ऐसा नहीं करते, लिहाज़ा ये बहुत ग़ैर तबीई है और दो फे़अल इस्तिमाल करने में उलझन है I अंग्रेज़ी स्पीकर के लिए, बोलने का ख़्याल जवाब देने के ख़्याल में शामिल है I अंग्रेज़ी में दो फे़अलों का इस्तिमाल करते हुए सिर्फ एक की बजाय दो अलैहदा तक़रीर का मतलब है , तो अंग्रेज़ी में, बोली का सिर्फ एक फे़अल इस्तिमाल करना बेहतर है I

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

  1. अगर ज़रीया ज़बान की वाज़िह मालूमात हदफ़ ज़बान में क़ुदरती लगती है, तो इस की वाज़िह मालूमात के तौर पर तर्जुमा करें
  2. अगर वाज़िह मालूमात हदफ़ ज़बान में क़ुदरती नहीं लगती है या ग़ैर ज़रूरी या उलझन लगता है, तो वाज़िह वाज़िह मालूमात को छोड़ दो पर सिर्फ इस सूरत में अगर रीडर इस मालूमात को सयाक़-ओ-सबॉक् से समझ सकता है I आप इस क़िस्त से पूछगिछ के बारे में , पढने वाले से , सवाल पूछ सकते हैं I

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

  1. अगर ज़रीया ज़बान की वाज़िह मालूमात हदफ़ ज़बान में क़ुदरती लगती है, तो इस की वाज़िह मालूमात के तौर पर तर्जुमा करें
  • इस हिक्मत-ए-अमली का इस्तिमाल करते हुए मतन में कोई तबदीली नहीं होगी, लिहाज़ा यहां कोई मिसाल नहीं दी जाती है
  1. अगर वाज़िह मालूमात हदफ़ ज़बान में क़ुदरती नहीं लगती है या ग़ैर ज़रूरी या उलझन लगता है, तो वाज़िह वाज़िह मालूमात को छोड़ दो पर सिर्फ इस सूरत में की अगर रीडर इस मालूमात को सयाक़-ओ-सबॉक् से समझ सकता है I आप इस क़िस्त से पूछगिछ के बारे में, पढने वाले से ,सवाल पूछ सकते हैं I

<यु> और </यु> अभिमेलेच मीनार पे आया और इस के ख़िलाफ़ लड़ा और मीनार के दरवाज़े को आग से जलने के लिए उसके क़रीब गया (जजों9:52 ESV)

  • अभिमेलेच मीनार पे आया और इस के ख़िलाफ़ लड़ा और मीनार के दरवाज़े को <यु> जला दिया...या <यु>आग <यु> लगा दिया I

अंग्रेज़ी में, ये वाज़िह है कि इस आयत की कार्रवाई पिछले आयात की कार्रवाई को, बिना जोड़ने वाले लफ्ज़ जैसे “ और “ को शुरू में लगा के , इतात करती है , इसलिए उसे हटा दिया गया है I इसके अलवा “ आग के साथ “ लफ्ज़ को छोड़ दिया गया है क्योंकि “ जलने में “ लफ्ज़ के साथ उसे इशारतन तौर पे बता दिया गया है I “ जलने के लिए “ का एक दूसरा तर्जुमा “ आग लगा देना “ हो सकता है I अंग्रेज़ी में , आग और जलने को साथ में इस्तमाल करना कुदरती नहीं है , इसलिए अंग्रेजी के तर्ज़ुमानो को सिर्फ कोई एक लफ्ज़ इस्तेमाल करना चाहिए I आप आज़माईशी कर सकते हैं कि क़ारईन ने इशारतन मालूमात को समझा की नहीं , "दरवाज़े को कैसे जला दिया जाएगा ?” अगर वो जानते हैं कि ये आग की से था, तो उन्होंने इशारतन मालूमात को समझा है या, अगर आप दूसरे इख़तियार का इंतिख़ाब करते हैं, तो आप पूछ सकते हैं, "दरवाज़ा पे आग लगाया जाता है तो क्या होता है? अगर क़ारईन का जवाब है " वो जलता है, तो वह उनकी इशारातान मालूमात को समझ गया है I

  • सेंतुरियन ने जवाब दिया और कहा , “ खुदा , आप मेरे छत के नीचे आये में इसके काबिल नहीं हूँ..” 9 ( मथ्यु 8:8 यू एल टी )
  • सेंतुरियन ने <यु> जवाब दिया <यु> ,” खुदा आप मेरे छत के नीचे आये में इसके काबिल नहीं हूँ.. “

अंग्रेज़ी में, सन्तुरियन ने जो के जो मालूमात दिए है उन्हें , फियल “ जवाब दिया “ में शामिल किया गया है , इसलिए “ कहा “ फियल को इशारतन तौर पे छोड़ दिया गया है I आप क़ारईन को इशारतन मालूमात समझ में आया की नहीं इसकी आज़माईश उनसे ये पुच कर , कर सकते है की , “सेन्तुरियन ने कैसे जवाब दिया ?” अगर वो जानते है की बोलके तो वो इशारतन मालूमात को समझ रहे है I


मालूमात को इशारतन कब रखना है ?

This section answers the following question: इशारतन को वजीह तौर पे बनाए के लिए क्या करना चाहिए ?

कभी कभी फ़र्ज़ किये गए या इशारतन मालूमात को वाज़ेह करना सही नहीं होता है I

तफसील

कभी कभी फ़र्ज़ किये गए या इशारतन मालूमात को वाज़ेह करना सही नहीं होता है Iये सफ़ा, जब ऐसा नहीं करते, की कुछ सिम्त देता है I

तर्जुमा के उसूल

  • अगर तक़रीर करने वाला या मुसन्निफ़ ने जान-बूझ कर किसी चीज़ को वाज़िह नहीं किया, तो उसे मज़ीद साफ़ करने की कोशिश ना करें I
  • अगर असल सामईन ने इस बात को नहीं समझा कि स्पीकर का मतलब क्या है , तो ये इतना वाज़िह ना करें , कि आपके क़ारईन को ये अजीब लगे और असली नाज़रीन को ये समझ ही नहीं आये I
  • अगर आपको वाज़िह तौर पर कुछ फ़र्ज़ करदा इलम या वाज़िह मालूमात की ज़रूरत है, तो इस तरह ऐसा करने की कोशिश करें कि ये आपके क़ारईन को ये ख़्याल नहीं आये कि असल सामईन को इन चीज़ों को बताना ज़रूरी है I
  • अगर ये पैग़ाम को तवज्जा से बाहर निकाल देता है तो उसे वाज़िह ना करें और ऐसा ना करें की क़ारईन अहम नुक़्ते से भटक जाए I
    • अगर आपके क़ारईन ने उसे पहले से ही समझा तो फ़र्ज़ करदा इलम या इशारतन मालूमात वाज़िह ना करें I

बाइबल की मिसाल

खाने वालों में कुछ खाने लायक था ; मजबूत में कुछ मीठा था ( जुजेस 14 : 14 यू एल टी )

यह एक पहली थी . सेमसन ने जान बुझ के इसे ऐसे लफ़्ज़ों में कहा था ताकि उसके दुश्मनों के लिए ये समझाना मुश्किल हो I इसे अलग से मत समझाओ की यहाँ खाने वाला और मजबूत चीज़ शेर है और मीठी चीज़ शहद है I

जीसस ने उनसे कहा ,” अपना ख्याल रखो , और फ़रीसयों और सद वदियों के ख़मीर से ख़बरदार रहो .” इस्पे शागिर्दों ने कहा “ इसी वजह से  हमने रोटी नही ली. ... (मथ्यु 16 :6 यू एल टी )

यहां मुम्किना माक़ूल मालूमात ये है कि शागिर्द फ़रीसयों और सद वदियों की ग़लत तालीम से होशियार रहो I पर जीसस के शागिर्द ये समझ नहीं सकें I उन्होंने सोचा कि यसवा हक़ीक़ी ख़मीर और रोटी के बारे में बात कर रहे थे I इसलिए यहाँ वजीह तौर पे ये बताना सही नहीं होगा की जीसस खमीर की बात नहीं कर रहे कर रहे है बल्कि गलत तालीम की बात कर रहे है I शागिर्द इस बात को तब तक नहीं समझ पाएं जब तक उन्होंने , जीसस ने मेथ्यु 16:11 में क्या कहा था नहीं सुना I

ऐसा कैसे हुआ की तुम समझ नहीं पाए की में ब्रेड के बारे में बात नहीं कर रहा हूँ I ध्यान रखो और फ़रीसयों और सदुसेस के ख़मीर से ख़बरदार रहो ! तब जेक वो समझे की जीसस उन्हें रोटी के खमीर से बचने के लिए नहीं कह रहे है बल्कि उन्हें फ़रीसयों और सदुसेस से होशियार रहने के लिए कह रहे है I

सिर्फ जब जीसस ने समझाया की वो ब्रेड के बारें में बात नहीं कर रहे है बल्कि फारसियों की गलत तालीम की बात कर रहे हैं उन्हें समझ में आया I इसलिए यहाँ , मथ्यु 16 :6 के इशारतन मालूमात को वजीह करना गलत होगा I

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

इस सफ़ा में कोई तर्जुमा हिक्मत-ए-अमली नहीं है

लागू तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली की मिसालें

इस सफ़े पर कोई तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली लागू नहीं होती


बाइबल फ़ासिला

This section answers the following question: मैं किस तरह बाइबल में लंबाई और फ़ासले का तर्जुमा कर सकता हूँ?

तफ्सील

मुंदरजा ज़ैल शराइत बुनियादी तौर पर बाइबल में इस्तिमाल होने वाले फ़ासले या लंबाई के लिए सबसे ज़्यादा आम इक़दामात हैं. उनमें से अक्सर हाथ और फ़ोरर के साइज़ पर मबनी है |

  • हाथ की चौड़ाई आदमी के हाथ की हथेली की चौड़ाई थी |
  • काओनटी या हैंडपेन एक आदमी के हाथ की चौड़ाई थी जिससे उंगलियां फैल गई थीं.
  • क्यूबिट एक आदमी की फ़ारमीवम की लंबाई थी, क्लोन की लंबी उंगली की छडी से.
  • "तवील" क्यूबिट सिर्फ़ एजीकील 40-48 में इस्तिमाल किया जाता है | ये एक आम क्यूबिट के इलावा एक मुद्दत की लंबाई है |
  • स्टेडीयम (कसीर, स्टेडीय) एक मख़सूस फुटरेस का हवाला दिया है जो लंबाई 185 मीटर थी. कुछ पुराने अंग्रेज़ी वर्ज़न उस लफ़्ज का तर्जुमा "फ़र्र गिविंग" के तौर पर बयान करती हैं, जिसमें एक पुख़्ता फ़ील्ड की औसत लंबाई का हवाला दिया जाता है |

मुंदरजा ज़ैल टेबल में मैट्रिक इक़दार बाइबल के इक़दामात के बिलकुल क़रीब नहीं हैं. बाइबल के तरीक़ों को शायद वक़्त से और जगह जगह से बिलकुल लंबाई में इख़तिलाफ़ किया गया था. जे़ल में मुसावात एक औसत पैमाइश देने की कोशिश कर रहे हैं |

हक़ीकी पैमाइश मैट्रिक पैमाइश
हाथ की चौड़ाई 8 सेंटीमीटर
मुद्दत 23 सेंटीमीटर
क्यूबिट 46 सेंटीमीटर
"लंबी" क्यूबिट 54 सेंटीमीटर
स्टेडीय 185 मीटर

तर्जुमा उसूल

  1. बाइबल के लोग जदीद इक़दामात जैसे मीटर, लीटर, और किलोग्राम इस्तिमाल नहीं करते थे. असल इक़दामात का इस्तिमाल करते हुए क़ारईन को जानने में मदद मिल सकती है कि बाइबल सच्च में एक-बार उस वक़्त वाक़ई लिखा गया था जब लोग इन इक़दामात का इस्तिमाल करते थे.
  2. जदीद इक़दामात का इस्तिमाल करते हुए क़ारईन को आसानी से टेक्स्ट को समझने में मदद मिल सकती है.
  3. आप जो भी इस्तिमाल करते हैं इस की पैमाइश करते हैं, ये मुम्किन होगा, अगर मुम्किनहो तो, मतन या फूटेज में दूसरे किस्म की पैमाइश के बारे में बताना
  4. अगर आप बाइबल के इक़दामात का इस्तिमाल ना करें तो, क़ारईन को ये ख़्याल देने की कोशिश ना करें कि पैमाइश सही हो. मिसाल के तौर पर, अगर आप "46 मीटर" या "46 सेंटीमीटर" के तौर पर एक क्यूबिट का तर्जुमा करें तो क़ारईन ये समझ सकते हैं कि पैमाइश दरुस्त है. ये "नसफ़ मीटर," "45 सेंटीमीटर," या "50 सेंटीमीटर" का कहना है कि बेहतर होगा
  5. बाज़-औक़ात ये "पैमाइश" के लफ़्ज को इस्तिमाल करने में मददगार साबित हो सकता है कि ये पता चला कि पैमाइश सही नहीं है. मिसाल के तौर पर, लूका 24:13 का कहना है कि अमसोस यरूशलेम से सिटी स्टेडीय दिया था. ये यरूशलम से "दस किलोमीटर" के तौर पर तर्जुमा किया जा सकता है.
  6. जब ख़ुदा लोगों को बताता है कि कुछ अर्से तक लोगों को क्या होना चाहीए, और जब लोग उनकी लंबाई के लिहाज़ से चीज़ें करें तो, तर्जुमा में "के बारे में" इस्तिमाल ना करें. वर्ना ये तास्सुरात देगा कि ख़ुदा ने इस की परवाह नहीं की है कि कुछ अरसा तक कितना वक़्त होना चाहीए |

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

  1. युएलटी से पैमाइश का इस्तिमाल करें. ये इसी तरह की पेमाइशें हैं जो असल लिखने वाले थे. उन्हें ऐसे रास्ते से हिज्जे करें जो इस तरह की आवाज़ की तरह है या यू उल्टी में हिज्जे हुए हैं. (मुलाहिज़ा करें कापी या क़र्ज़ अलफ़ाज़)
  2. युएसटी में दी गई मैट्रिक पैमाइश का इस्तिमाल करें. युएसटी के मित्र जमीन ने पहले से ही अंदाज़ा लगाया है कि मैट्रिक निज़ाम में मिक़दार की नुमाइंदगी कैसे की जाती है |
  3. पैमाइश का इस्तिमाल करें जो पहले से ही आपकी ज़बान में इस्तिमाल किया जाता है. ऐसा करने के लिए आपको जानने की ज़रूरत होगी कि आपकी पैमाइश मैट्रिक निज़ाम से मुताल्लिक़ है और हर पैमाइश को मालूम है.
  4. यू उल्टी से पैमाइश का इस्तिमाल करें और पैमाइश शामिल करें कि आपके लोग मतनया नोट में जानें.
  5. पैमाइश का इस्तिमाल करें जो आपके लोग जानते हैं, और मतन में या एक नोट में यू उल्टी की पैमाइश शामिल करें.

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली लागू

तमाम हिक्मत-ए-अमली मुंदरजा बाला 25: 25:10 पर लागू होते हैं.

  • वो एकीकया लक्कड़ी का एक संदूक बनाना चाहती हैं. इस की लंबाई दो हफ़्तों का होना चाहीए. इस की चौड़ाई एक क्यूबिट और नसफ़ होगी. और इस की ऊंचाई एक क्यूबिट और नसफ़ होगी (सोर्स 25:10 युएलटी)
  1. युएलटी में दी गई पैमाइश का इस्तिमाल करें. ये इसी तरह की पेमाइशें हैं जो असल लिखने वाले थे. उन्हें ऐसे रास्ते से हिज्जे करें जो इस तरह की आवाज़ की तरह है या युएलटी में हिज्जे हुए हैं. (मुलाहिज़ा करें कापी या क़र्ज़ अलफ़ाज़)
  • "वो इक़्कास की लक्कड़ी का एक संदूक बनाना चाहते हैं. इस की लंबाई दो कबट का होना चाहीए; उस की चौड़ाई एक कबट और नसफ़ होगी और इस की ऊंचाई एक कबट और नसफ़ होगी.”
  1. युएसटी मैं दी गई मैट्रिक पैमाइश का इस्तिमाल करें. युएसटी के मित्र जमीन ने पहले से ही अंदाज़ा लगाया है कि मैट्रिक निज़ाम में मिक़दार की नुमाइंदगी कैसे की जाती है |
  • "वो एकड़या लक्कड़ी का एक कश्ती बनाना चाहते हैं. इस की लंबाई एक मीटर होगी; उस की चौड़ाई एक मीटर की दो तिहाई होगी; और इस की ऊंचाई एक मीटर की दो तिहाई होगी."
  1. पैमाइश का इस्तिमाल करें जो पहले से ही आपकी ज़बान में इस्तिमाल किया जाता है. ऐसा करने के लिए आपको जानने की ज़रूरत होगी कि आपकी पैमाइश मैट्रिक निज़ाम से मुताल्लिक़ है और हर पैमाइश को मालूम है. मिसाल के तौर पर, अगर आप मयारी फ़ुट लंबाई का इस्तिमाल करते हुए चीज़ों की पैमाइश करते हैं तो, आप उसे जे़ल में तर्जुमा कर सकते हैं |
  • "वो इक़्कास की लक्कड़ी का एक कश्ती बनाना चाहते हैं. इस की लंबाई 3 ¾ फुट होगी; उस की चौड़ाई 2 ¼ फ़ुट होगी; और इस की ऊंचाई 2 ¼ फुट होगी."
  1. युएलटी से पैमाइश का इस्तिमाल करें और पैमाइश शामिल करें कि आपके लोग मतन या नोट में जानें. मुंदरजा ज़ैल मतन में दोनों पैमाइश को ज़ाहिर करता है |
  • "वो एककसी की लक्कड़ी का एक संदूक बनाना चाहती हैं. इस की लंबाई दो या नसफ़ लंबाई (एक मीटर) होना चाहीए; उस की चौड़ाई एक क्यूबिट और एक नसफ़ (एक मीटर की दो तिहाई) होगी और इस की ऊंचाई एक फुट होगी. और नसफ़ (मीटर के दो तिहाई)."
  1. पैमाइश का इस्तिमाल करें जो आपके लोग जानते हैं, और मतन में या एक नोट में युएलटी की पैमाइश शामिल करें. मुंदरजा ज़ैल में युएलटी की पैमाइश नोटों में ज़ाहिर करती है |
  • "वो एकड़या लक्कड़ी का एक कश्ती बनाना चाहते हैं. इस की लंबाई एक मीटर1 होगी; उस की चौड़ाई एक मीटर की दो तिहाई2 होगी; और इस की ऊंचाई एक मीटर की दो तिहाई होगी." फ़ोटनोट इस तरह नज़र आएगा: * [1] दो और नसफ़ क्यूब * [2] एक क्यूबिट और नसफ़

बाइबल हुजम

This section answers the following question: मैं किस तरह बाइबल में हुजम के इक़दामात का तर्जुमा कर सकता हूँ?

तफ्सील

मुंदरजा ज़ैल शराइत बाइबल में इस्तिमाल किया जाता हुजम की सबसे ज़्यादा आम यूनिट्स हैं कि किस तरह एक ख़ास कंटेनर पकड़ सकता है. कंटेनरज़ और पैमाइश दोनों माइअआत (जैसे शराब) और ख़ुशक सुराख़ (जैसे जैसे अनाज) के लिए दिया जाता है. मैट्रिक इक़दार बाइबल के इक़दामात के बराबर नहीं हैं. बाइबल के इक़दामात मुम्किना वक़्त से सही वक़्त में मुख़्तलिफ़ जगहों पर जगह ले लेते हैं | जे़ल में मुसावात एक औसत पैमाइश देने की कोशिश कर रहे हैं.

कुसुम हक़ीक़ी पैमाइश लेटर्ज़
ख़ुशक उम्र 2 लीटर
ख़ुशक अफ़फ़ा 22 लीटर
ख़ुशक होमर 220 लीटर
ख़ुशक कौर 220 लीटर
ख़ुशक सय 7.7 लीटर
ख़ुशक भूक 114.8 लीटर
माए मीटरीट 40 लीटर
माए ग़ुसल 22 लीटर
माए hin 3.7 लीटर
माए काब 1.23 लीटर
माए लॉग इन 0.31 लीटर

तर्जुमा उसूल

  • बाइबल के लोग जदीद इक़दामात जैसे मीटर, लीटर, और किलोग्राम इस्तिमाल नहीं करते थे. असल इक़दामात का इस्तिमाल करते हुए क़ारईन को जानने में मदद मिल सकती है कि बाइबल सच्च में एक तवील अरसा पहले बाइबल में लिखा गया था जब लोग इन इक़दामात का इस्तिमाल करते थे.
  • जदीद इक़दामात का इस्तिमाल करते हुए क़ारईन को मतन आसानी से समझने में मदद मिल सकती है.
  • जो भी आप इस्तिमाल करते हैं उस के इक़दामात, ये मुम्किन हो, अगर मुम्किन हो तो, दूसरे किस्म के इक़दामात के बारे में मतन या फूटेज में बताना
  • अगर आप बाइबल के इक़दामात का इस्तिमाल नहीं करते है तो, क़ारईन को ये ख़्याल देने की कोशिश ना करें कि पैमाइश दरुस्त हो. मिसाल के तौर पर, अगर आप "3.7 लीटर" के तौर पर एक हिन् का तर्जुमा करते हैं तो शायद ये समझ सके कि पैमाइश 3.7 लेटर, 3.6 या 3.8 नहीं है. ये ज़्यादा बेहतर तख़मीना इस्तिमाल करना बेहतर होगा जैसे तीन "नसफ़ लेटर" या "चार लीटर"
  • जब ख़ुदा लोगों को बताता है कि किस तरह कुछ इस्तिमाल करना है, और जब लोग उस की इताअत करते हैं तो उनकी मिक़दार में इस्तिमाल करते हैं, तर्जुमा में "के बारे में" नहीं कहते हैं | वर्ना ये तास्सुरात देगा कि ख़ुदा ने इस की परवाह नहीं की थी कि वो कितना इस्तिमाल करते थे.

जब पैमाइश का यूनिट बयान किया जाता है

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

  1. युएलटीसे पैमाइश का इस्तिमाल करें. ये इसी तरह की पेमाइशें हैं जो असल लिखने वाले थे. उन्हें ऐसे रास्ते से हिज्जे करें जो इस तरह की आवाज़ की तरह है या युएलटी में हिज्जे हुए हैं. (मुलाहिज़ा करें कापी या क़र्ज़ अलफ़ाज़)
  2. युएसटी मैं दी गई मैट्रिक पैमाइश का इस्तिमाल करें. युएसटीके मित्र जमीन ने पहले से ही अंदाज़ा लगाया है कि मैट्रिक निज़ाम में मिक़दार की नुमाइंदगी कैसे की जाती है.
  3. पैमाइश का इस्तिमाल करें जो पहले से ही आपकी ज़बान में इस्तिमाल किया जाता है. ऐसा करने के लिए आपको जानने की ज़रूरत होगी कि आपकी पैमाइश मैट्रिक निज़ाम से मुताल्लिक़ है और हर पैमाइश को मालूम है.
  4. युएलटी से पैमाइश का इस्तिमाल करें और पैमाइश शामिल करें कि आपके लोग मतनया नोट में जानें
  5. पैमाइश का इस्तिमाल करें जो आपके लोग जानते हैं, और मतन में या एक नोट में युएलटी की पैमाइश शामिल करें.

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली लागू

तमाम हिक्मत-ए-अमली जे़ल में यसईआह 5:10 पर लागू होते हैं.

  • अंगूर के चार हेक्टरों के लिए सिर्फ एक ग़ुसल पैदा होगा, और बीज का एक हुनर सिर्फ एक अफ़फ़ा पैदा करेगा. (यसईआह 5:10 युएलटी )
  1. युएलटीसे पैमाइश का इस्तिमाल करें. ये इसी तरह की पेमाइशें हैं जो असल लिखने वाले थे. उन्हें ऐसे रास्ते से हिज्जे करें जो इस तरह की आवाज़ की तरह है या युएलटी में हिज्जे हुए हैं. (मुलाहिज़ा करें कापी या क़र्ज़ अलफ़ाज़)
  • "अंगूर के चार हिस्सों के लिए सिर्फ एक बट पैदा होगा, और बीज का एक हुनर सिर्फ एक सूफ़ी बन जाएगा."
  1. युएसटीमैं दी गई पैमाइश का इस्तिमाल करें. आम तौर पर वो मैट्रिक पैमाइश हैं. युएसटीके मित्र जमीन ने पहले से ही ये महसूस किया है कि मीठी में रक़म की नुमाइंदगी कैसे की जाएगी
  • "अंगूर के चार हेक्टरों के लिए सिर्फ बीस लीटर पैदा करेगा, और दस टोकरी के बीज सिर्फ एक टोकरी पैदा करेगी."
  • "अंगूर के चार हेक्टर के लिए सिर्फ बीस लीटर पैदा होगा और 220 लीटर बीज सिर्फ बीस लीटर पैदा करेगा."
  1. पैमाइश का इस्तिमाल करें जो पहले से ही आपकी ज़बान में इस्तिमाल किया जाता है. ऐसा करने के लिए आपको जानने की ज़रूरत होगी कि आपकी पैमाइश मैट्रिक निज़ाम से मुताल्लिक़ है और हर पैमाइश को मालूम है
  • "अंगूर के चार हेक्टरों के लिए सिर्फ छः गैलन पैदा हो जाएगा, और छः हधे नसफ़ बेले सिर्फ बीस किलोग्राम होंगी."
  1. युएलटी से पैमाइश का इस्तिमाल करें और पैमाइश शामिल करें कि आपके लोग मतन या नोट में जानें. मुंदरजा ज़ैल मतन में दोनों पैमाइश को ज़ाहिर करता है.
  • "अंगूर के चार हेक्टरों के लिए सिर्फ एक ग़ुसल (छः गैलन) पैदा हो जाएगा, और बीज के एक होनर (छः आधे छुटे) सिर्फ एक अफ़फ़ा (बीस कोट) बनाएगा
  1. पैमाइश का इस्तिमाल करें जो आपके लोग जानते हैं, और मतन में या एक नोट में युएलटी की पैमाइश शामिल करें. मुंदरजा ज़ैल युएलटीकी पैमाइश फ़वाइद में दिखाता है.
  • "अंगूर के चार हेक्टर के लिए सिर्फ बीस लीटर पैदा करेगा, और 220 लीटर बीज सिर्फ बीस लीटर पैदा करेगा." फ़ोटनोट इस तरह नज़र आएगा: * [1]एक ग़ुसल * [2]एक होमर * [3]एक अफ़फ़ा

जब पैमाइश की यूनिट का तक़ाज़ा होता है

बाज़-औक़ात इब्रानी हुजम की एक मख़सूस यूनिट की वज़ाहत नहीं करता लेकिन सिर्फ एक नंबर का इस्तिमाल करता है. इन मुक़द्दमात में, युएलटी और युएसटीसमेत बहुत से अंग्रेज़ी वर्ज़न, लफ़्ज "पैमाइश" शामिल करें.

  • जब भी किसी को अनाज के इक़दामात के बीस हिस्से के पास आए तो सिर्फ दस ही थे, और जब किसी शराब शराब के पच्चास क़दमों को निकालने के लिए आया तो सिर्फ बीस. (हगाई 2:16 युएलटी )

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

  1. यूनिट के बग़ैर नंबर इस्तिमाल करके लफ़्ज़ी तौर पर तर्जुमा करें.
  2. आम लफ़्ज़ का इस्तिमाल करें जैसे "पैमाइश" या "मिक़दार" या "रक़म".
  3. एक मुनासिब कंटेनर का नाम इस्तिमाल करें जैसे शराब "के लिए" या "जार" के लिए "टोकरी".
  4. पैमाइश की एक यूनिट का इस्तिमाल करें जो आप पहले ही आपके तर्जुमा में इस्तिमाल करते हैं

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली लागू

हिक्मत-ए-अमली सभी जे़ल में हगाई 2:16 में लागू होते हैं.

  • जब भी किसी को अनाज के इक़दामात के बीस हिस्से के पास आए तो सिर्फ दस ही थे, और जब किसी शराब शराब के पच्चास क़दमों को निकालने के लिए आया तो सिर्फ बीस. (हगाई 2:16 युएलटी )
  1. यूनिट के बग़ैर नंबर इस्तिमाल करके लफ़्ज़ी तौर पर तर्जुमा करें
  • जब कोई किसी को अनाज के पास बीस अनाज के पास आया तो सिर्फ दस ही थे, और जब किसी शराब शराब में पच्चास शराब निकालने के लिए आया तो सिर्फ बीस थे.
  1. आम लफ़्ज़ का इस्तिमाल करें जैसे "पैमाइश" या "मिक़दार" या "रक़म".
  • जब किसी को बीस किलोग्राम अनाज के पास आया तो सिर्फ दस ही थे, और जब किसी शराब शराब में पच्चास चीज़ें निकालने के लिए आए तो वहां सिर्फ बीस थे
  1. एक मुनासिब कंटेनर का नाम इस्तिमाल करें जैसे शराब "के लिए" या "जार" के लिए "टोकरी".
  • जब किसी को अनाज के बीस टोकरियों के पास आया तो सिर्फ दस ही थे, और जब किसी शराब शराब के पच्चास जड़ों को निकालने के लिए आया तो सिर्फ बीस थे.
  1. पैमाइश की एक यूनिट का इस्तिमाल करें जो आप पहले ही आपके तर्जुमा में इस्तिमाल करते हैं.
  • जब कोई किसी बीस किलोग्राम अनाज के पास आया तो सिर्फ दस लीटर थे, और जब किसी शराब शराब से पच्चास लीटर शराब निकालने के लिए आया तो सिर्फ बीस लीटर थे.

बाईबल के वज़न

This section answers the following question: मैं बाईबल में वज़न की क़ीमतों का तर्जुमा कैसे कर सकता हूँ?

बयान

दर्ज जैल इस्तलाहात बाईबल में वज़न की सबसे आम इकाई हैं। “शेकेल” की इस्तलाह का मतलब “वज़न” है और बहुत से दूसरे वज़न को शेकेल के लिहाज़ से बयान किया जाता है। इनमे से बाज़ वज़न रक़म के लिए इस्तेमाल किये जाते थे। नीचे दिए गये जदौल में मीट्रिक की कीमतें बाईबल के पैमाने के बिल्कुल बराबर नहीं हैं। बाईबल के पैमानों में ऐन मुताबिक़ रक़म वक़्त वक़्त और जगह जगह मुख्तलिफ़ थी। जैल में मसावी औसत पैमाइश देने की सिर्फ़ एक कोशिश है।

अस्ल पैमाना शेकेल ग्राम किलोग्राम
शेकेल 1 शेकेल 11 ग्राम -
बका 1/2 शेकेल 5.7 ग्राम -
पिम 2/3 शेकेल 7.6 ग्राम -
गेराह 1/20 शेकेल 0.57 ग्राम -
मिना 50 शेकेल 550 ग्राम 1/2 किलोग्राम
टैलेंट 3,000 शेकेल - 34 किलोग्राम

तर्जुमा के उसूल

  1. बाईबल में लोग जदीद पैमाने जैसे मीटर, लीटर, और किलोग्राम का इस्तेमाल नहीं करते थे। अस्ल पैमानों का इस्तेमाल करना कारअीन को जानने में मददगार हो सकता है के बाईबल वाक़ई तवील अरसे पहले एक वक़्त में लिखी गयी थी जब लोग उन पैमानों का इस्तेमाल करते थे।
  2. जदीद पैमानों का इस्तेमाल करना कारअीन के लिए मतन को आसानी से समझने में मददगार हो सकता है।
  3. आप जो भी पैमाना इस्तेमाल करें, अगर मुमकिन है तो, मतन या हासिये में दूसरे क़िस्म के पैमानों की बाबत बताना अच्छा होगा।
  4. अगर आप बाईबल के पैमानों का इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो कारअीन को यह ख़याल देने की कोशिश न करें के पैमाइश बिल्कुल ठीक हैं। मिशाल के तौर पर, अगर आप एक गेराह का तर्जुमा “.57 ग्राम” करते हैं तो कारअीन ऐसा सोच सकते हैं के पैमाइश बिल्कुल ठीक है। “आधा ग्राम” कहना बेहतर होगा।
  5. बाज़ औक़ात यह ज़ाहिर करने के लिए के पैमाइश बिल्कुल ठीक नहीं है लफ्ज़ “तक़रीबन” का इस्तेमाल करना मददगार हो सकता है। मिशाल के तौर पर, 2 समुएल 21:16 कहता है के जूलियत के भाले का वज़न 300 शेकेल था। इसका तर्जुमा “3300 ग्राम” या “3.3 किलोग्राम” करने के बजाय इसे “तक़रीबन साढ़े तीन किलोग्राम” के तौर पर तर्जुमा किया जा सकता है।
  6. जब ख़ुदा लोगों को बताता है के किसी चीज़ का वज़न कितना होना चाहिए, और जब लोग़ उन वज़न को इस्तेमाल करते हैं, तो तर्जुमे में “तक़रीबन” न कहें। वरना इससे तासीर यह होगा के ख़ुदा को परवाह नहीं थी के चीज़ का वज़न बिल्कुल कितना होना चाहिए।

तर्जुमा की हिकमत ए अमली

  1. पैमाइशों का इस्तेमाल ULT से करें। ये उसी क़िस्म की पैमाईश हैं जिनका अस्ल मुसन्निफीन ने इस्तेमाल किया था। इनका हिज्जा इस तरीक़े से करें जिस तरह ULT में इनकी आवाज आती है या हिज्जा किया गया है। (देखें अल्फ़ाज़ कॉपी करें या क़र्ज़ लें)
  2. UST में दिए गए मीट्रिक पैमाइशों का इस्तेमाल करें। UST के मुतर्जमीन ने पहले ही अंदाज़ा लगाया है के मीट्रिक निज़ाम में मौज़ूद रक़म की नुमाइंदगी कैसे की जाए।
  3. उन पैमाइशों का इस्तेमाल करें जो आपकी ज़बान में पहले से इस्तेमाल की जाती हैं। ऐसा करने के लिए आपको यह जानने की ज़रुरत होगी के आपकी पैमाइश मीट्रिक निज़ाम से कैसे मुताल्लिक़ है और हर पैमाइश का अन्दाज़ा लगाएँ।
  4. पैमाइशों का इस्तेमाल ULT से करें और उन पैमाइशों को शामिल करें जो आपके लोग मतन या नोट में जानते हों।
  5. उन पैमाइशों का इस्तेमाल करें जो आपके लोग जानते हैं, और उन पैमाइशों को शामिल करें जो ULT मतन या नोट में से हों।

तर्जुमा की हिकमत ए अमली की इतलाक़ी

नीचे हिकमत ए अमली का पूरा इतलाक़ ख़ुरूज 38:29 पर किया गया है।

  • हदिये के पीतल का वज़न सत्तर क़िन्तार और 2,400 मिस्क़ाल था। (ख़ुरूज 38:29 ULT)
  1. पैमाइशों का इस्तेमाल ULT से करें। ये उसी क़िस्म की पैमाईश हैं जिनका अस्ल मुसन्निफीन ने इस्तेमाल किया था। इनका हिज्जा इस तरीक़े से करें जिस तरह ULT में इनकी आवाज आती है या हिज्जा किया गया है। (देखें अल्फ़ाज़ कॉपी करें या क़र्ज़ लें)
  • “हदिये के पीतल का वज़न सत्तर क़िन्तार और 2,400 मिस्क़ाल था।”
  1. UST में दिए गए मीट्रिक पैमाइशों का इस्तेमाल करें। UST के मुतर्जमीन ने पहले ही अंदाज़ा लगाया है के मीट्रिक निज़ाम में मौज़ूद रक़म की नुमाइंदगी कैसे की जाए।
  • “हदिये के पीतल का वज़न 2,400 किलोग्राम था।”
  1. उन पैमाइशों का इस्तेमाल करें जो आपकी ज़बान में पहले से इस्तेमाल की जाती हैं। ऐसा करने के लिए आपको यह जानने की ज़रुरत होगी के आपकी पैमाइश मीट्रिक निज़ाम से कैसे मुताल्लिक़ है और हर पैमाइश का अन्दाज़ा लगाएँ।
  • “हदिये के पीतल का वज़न 5,300 पाउन्ड था।”
  1. पैमाइशों का इस्तेमाल ULT से करें और उन पैमाइशों को शामिल करें जो आपके लोग मतन या हाशिए में जानते हों। मुन्दर्जा जैल मतन दोनों पैमाइश को ज़ाहिर करता है।
  • “हदिये के पीतल का वज़न सत्तर क़िन्तार (2,380 किलोग्राम) और 2,400 मिस्क़ाल (26.4 किलोग्राम) था।”
  1. उन पैमाइशों का इस्तेमाल करें जो आपके लोग जानते हैं, और उन पैमाइशों को शामिल करें जो ULT मतन या हासिये में से हों। मुन्दर्जा जैल नोट में ULT पैमाइश को ज़ाहिर करता है।
  • “हदिये के पीतल का वज़न सत्तर क़िन्तार और 2,400 मिस्क़ाल था।1
  • हाशिया इस तरह नज़र आएगा”

[1] यह कुल तक़रीबन 2,400 किलोग्राम था।


बाइबल मनी

This section answers the following question: मैं बाइबल में पैसे की क़ीमतों मैं किस तरह तर्जुमा कर सकता हूँ?

तफ्सील

पुराने अह्दनामा के औक़ात में, लोगों ने उनकी धातें जैसे चांदी और सोने की तरह वज़न लिया और चीज़ों को ख़रीदने के लिए इस धात का एक ख़ास वज़न देगा. बाद में लोगों ने सिक़्कों बनाने का आग़ाज़ किया कि हर एक को मयारी मिक़दार में एक ख़ास धात शामिल है. दाढ़ एक ऐसा सके है. नए अह्द नामे के औक़ात में, लोगों ने चांदी और ताँबे के सिक़्कों का इस्तिमाल किया |

मुंदरजा ज़ैल दो मेज़ें पुराने अह्दनामा (ओटी) और न्यू अह्दनामा (एनटी) में पाया जानेवाले पैसे की सबसे मशहूर मशहूर यूनिट्स दिखाती हैं. पुराने अह्दनामा यूनिट्स के लिए मेज़ से पता चलता है कि किस तरह की धात इस्तिमाल की गई थी और कितना वज़न था. न्यू अह्दनामा यूनिट्स के लिए मेज़ से पता चलता है कि किस तरह की धात का इस्तिमाल किया गया था और एक दिन के उजरत के लिहाज़ से इस की क़ीमत कितनी थी |

ओटी में यूनिट मेटल वज़न
दरिक सोने का सिक्का 8.4 ग्राम
शीकल मुख़्तलिफ़ धातें 11 ग्राम
प्रतिभा मुख़्तलिफ़ धातें 33 किलो ग्राम
एनटी में यूनिट मेटल दिन की वाज
डीनारी / डनारी चांदी का सिक्का 1 दिन
डरमा चांदी का सिक्का 1 दिन
माईट ताँबे का सिक्का 1/64 दिन
शीकल चांदी का सिक्का 4 दिन
प्रतिभा चांदी 6,000 दिन

तर्जुमा उसूल

साल से साल से उन तबदीलीयों से जदीद पैसे के इक़दार का इस्तिमाल ना करें. उनका इस्तिमाल करते हुए ब बाइबल का तर्जुमा क़दीम और ग़लत बन जाएगा.

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

पुराने अह्दनामा में सबसे ज़्यादा पैसे की क़ीमत उस के वज़न पर मबनी था. लिहाज़ा  जब पुराने अह्दनामा में इन वज़नों का तर्जुमा करते हैं, देखें बाइबल वज़न.

मुंदरजा ज़ैल हिक्मत-ए-अमली नए अह्दनामे में पैसे की क़ीमत का तर्जुमा करने के लिए है |

  1. बाइबल की इस्तिलाह का इस्तिमाल करें और इस तरह से इस तरह की बातें जो इस तरह की आवाज़ से मिलते-जुलते हैं. (मुलाहिज़ा करें कापी या क़र्ज़ अलफ़ाज़)
  2. पैसे की क़ीमत बयान किया जा सकता है कि इस किस्म की धात की बनावट की गई थी और कितने सिक़्कों का इस्तिमाल किया गया था.
  3. बाइबल के लोगों के काम के एक दिन में लोगों को क्या हासिल कर सकता है के लिहाज़ा से पैसा की क़ीमत की वज़ाहत करें.
  4. बाइबल की इस्तिलाह का इस्तिमाल करें और मुसावात को मतन या एक नोट में दे |
  5. बाइबल की इस्तिलाह का इस्तिमाल करें और उसे एक नोट में बयान करें.

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली सब जे़ल में लूक 7:41 तक लागू होते हैं.

  • पाँच सौ नारी, और एक दूसरे की तरफ़ से पच्चास देणारी. (लूक 7:41 युएलटी)
  1. बाइबल की इस्तिलाह का इस्तिमाल करें और इस तरह से इस तरह की बातें जो इस तरह की आवाज़ से मिलते-जुलते हैं. (मुलाहिज़ा करें कापी या क़र्ज़ अलफ़ाज़)
  • "पाँच सौ डनाली, और एक दूसरे पर पुख़्ता पच्चास डीनाली बनाना." (लूक 7:41 युएलटी)
  1. पैसे की क़ीमत बयान करें कि किस तरह की धात की बनावट की गई थी और कितने टुकड़े टुकड़े या सिक़्कों का इस्तिमाल किया गया था.
  • "पाँच सौ चांदी के सिक़्के, और बाक़ी पच्चास चांदी के सिक़्कों में से एक बन गया." (लूक 7:41 युएलटी)
  1. बाइबल के लोगों के काम के एक दिन में लोगों को क्या हासिल कर सकता है के लिहाज़ से पैसा की क़ीमत की वज़ाहत करें.
  • "पाँच सौ पाँच रोज़गार उजरत और एक दूसरे को पच्चास दिन के मज़दूरों का क़र्ज़ा दिया."
  1. बाइबल की इस्तिलाह का इस्तिमाल करें और मुसावात को टेक्स्ट या फ़ोटोत में फ़राहम करें
  • "पाँच सौ नारयारी1, और दूसरे पुख़्ता पच्चास मुनकरीन2" (लूक 7: 41 युएलटी) एक फ़वाइद की तरह नज़र आती है: * [1] पाँच सौ दिन उजरत * [2] पच्चास दिन का उजरत
  1. बाइबल की इस्तिलाह का इस्तिमाल करें और इस के फ़वाइद में वज़ाहत करें.
  • "पाँच सौ नारयारी1, और एक दूसरे को पच्चास डनारी बनाना." (लूक 7:41 युएलटी)
  • [1]एक डरना रेस चांदी की मिक़दार थी जो लोग काम के एक दिन में हासिल कर सकते थे |

इब्रानी महीने

This section answers the following question: इब्रानी माह क्या हैं?

तफ्सील

बाइबल में इस्तिमाल होने वाला इब्रानी कैलिंडर बारह माह है. मग़रिबी कैलिंडर के बरअक्स, उस की पहली माह शुमाली गोधूलि के बिहार में शुरू होता है. कभी कभी एक महीना उस के नाम (अबीब, ज़्यो, सेना) की तरफ़ से कहा जाता है, और बाज़-औक़ात ये इब्रानी कैलिंडर साल (पहले महीने, दूसरा माह, तीसरा महीना) में इस के हुक्म से कहा जाता है

इस का एक तर्जुमा मसला है

  • क़ारईन हैरानकुन हो सकते हैं कि इन महीने में पढ़ते हैं जिन्हों ने कभी कभी नहीं सुना है, और वो ये सोच सकते हैं कि इन माहों में इन मुहीनयों से मुताल्लिक़ है जो वो इस्तिमाल करते हैं.
  • क़ारईन इस बात को नहीं समझ सकते कि जैसे "महीने पहले महीने" या "दूसरा माह" इब्रानी कैलिंडर के पहले या दूसरे महीने का हवाला देते हैं, कुछ दूसरे कैलिंडर नहीं.
  • क़ारईन ये नहीं जान सकते कि जब इब्रानी कैलिंडर का पहला महीना शुरू होता है
  • सहीफ़ा किसी मख़सूस महीने में कुछ हो रहा है के बारे में बता सकता है, लेकिन क़ारईन इस बात को मुकम्मल तौर पर समझ नहीं सकेंगे कि इस के बारे में क्या कहा जाता है तो वो साल का मौसम नहीं जानते.

इब्रानी महीने की फ़हरिस्त

ये इब्रानी माहों की फ़हरिस्त है जो उनके बारे में मालूमात के साथ मददगार साबित हो सकती है

अबीब - (इस महीना निसान कहा जाता है बाबील नायब के बाद.) ये इब्रानी कैलिंडर का पहला महीना है. ये इशारा करता है कि जब ख़ुदा ने इसराईल के मिस्र मिस्र से निकाल दिया. ये मौसम-ए-बिहार के आग़ाज़ में है जब देर की बारिश आती है और लोगों को अपनी फसलों का फ़सल शुरू करना शुरू होता है. ये मार्च के आख़िरी हिस्से और मग़रिब के कैलेंडरों पर पहला हिस्सा अप्रैल के दौरान है | फ़ुसह का जश्न आबब 10 पर शुरू हुआ, ग़ैर अख़लाक़ी रोटी का तहवार उस के बाद ही ठीक था, और फ़सल का मेला कुछ हफ़्ते बाद ही था.

ज़्यो - ये इब्रानी कैलिंडर का दूसरा महीना है. ये फ़सल फ़सल के दौरान है. ये अप्रैल के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर मई के पहले हिस्से के दौरान है

शेन - ये इब्रानी कैलिंडर का तीसरा महीना है. फ़सल फ़सल के इख़तताम पर और ख़ुशक मौसम के आग़ाज़ में है. ये मई के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर जून के पहले हिस्से के दौरान है. हफ़्ता के मौक़ा पर सुन्नी 6 पर मनाया जाता है.

तोमज़ - ये इब्रानी कैलिंडर का चौथ महीना है. ये ख़ुशक मौसम के दौरान है. ये जून के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर जुलाई के पहले हिस्से के दौरान है

अब - ये इब्रानी कैलिंडर का पांचवां महीना है. ये ख़ुशक मौसम के दौरान है. ये जुलाई के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर अगस्त का पहला हिस्सा है.

इलोल - ये इब्रानी कैलिंडर के छिटे महीने है. ख़ुशक मौसम और बरसात के मौसम के आग़ाज़ में ये है. ये अगस्त के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर सितंबर का पहला हिस्सा है

अथनी - ये इब्रानी कैलिंडर का सातवें महीना है. ये इबतिदाई बारिश के मौसम के दौरान है जो ब्वॉय के लिए ज़मीन को नरम करेगा. ये सितंबर के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर अक्तूबर का पहला हिस्सा है. इस महीने में जमा होने और जुमा का दिन मनाया जाएगा

बिल - ये इब्रानी कैलिंडर का आठवां महीना है. बारिश का मौसम है जब लोग अपने खेतों को खाते हैं और बीज बोने देते हैं. ये अक्तूबर के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर नवंबर का पहला हिस्सा .

कीसलवी - ये इब्रानी कैलिंडर का नौवीं महीना है. ये बोझ के मौसम और सर्दी के मौसम की शुरूआत के इख़तताम पर है. ये नवंबर के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर दिसंबर का पहला हिस्सा है

तबतत - ये इब्रानी कैलिंडर का दसवाँ महीना है. बारिश और बर्फ़ हो सकता है जब ये सर्द मौसम के दौरान होता है. ये दिसंबर के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर जनवरी का पहला हिस्सा है.

शीबट - ये इब्रानी कैलिंडर के ग्यारह महीने है. ये साल का सबसे बड़ा महीना है, और इस में भारी बारिश हुई है. ये जनवरी के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर फरवरी का पहला हिस्सा है

एडार - ये इब्रानी कैलिंडर का बारहवीं और आख़िरी महीना है. ये सर्द मौसम के दौरान है. ये फरवरी के आख़िरी हिस्से और मग़रिबी कैलेंडरों पर मार्च का पहला हिस्सा है. उदार में नामी दावत आर में मनाया जाता है.

बाइबल की मिसाल

आप अबीब के महीने में, इस दिन मिस्र में जा रहे हैं. (ख़ुरूज 13: 4 युएलटी )

" चौथाई दिन के महीने से पहले महीने के बीस दिन के दिन तक तुझसे रोटी खा देना चाहीए (ख़ुरूज 12: 18 युएलटी )

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

आपको महीनों के बारे में कुछ मालूमात करने की ज़रूरत हो सकती है. (मुलाहिज़ा करें बाहमी इलम और वाज़िह मालूमात)

  1. इब्रानी महीने की तादाद बताएं.
  2. ऐसे अफ़राद का इस्तिमाल करें जिन लोगों को मालूम है.
  3. रियासत वाज़िह तौर पर महीने में क्या मौसम हुआ है.
  4. माह के लिहाज़ से बजाय मौसम के लिहाज़ से वक़्त का हवाला दें. (अगर मुम्किन हो तो, उबरा नेह महीना और दिन को दिखाने के लिए एक फ़ोटपोट इस्तिमाल करें.

लागू तर्जुमा असटरीटजीज़ की मिसाले

जे़ल में मिसालें इन दो आयात को इस्तिमाल करते हैं.

  • इस वक़्त, आप अबीब के महीने में मेरे सामने हाज़िर होंगे, जो इस मक़सद के लिए तय-शुदा है. ये इस महीने में था कि आप मिस्र से बाहर आए. (ख़ुरूज 23:15 युएलटी )
  • ये हमेशा आपके लिए एक मुजरिम साबित होगा कि सात महीनों में, महीने के दससवीं दिन में आपको अपने आपको नेक करना चाहिए और कोई काम नहीं करना. (लियारी 16:29 युएलटी )
  1. इब्रानी महीने की तादाद बताएं.
  • इस वक़्त, आप इस साल के पहले महीने में मेरे सामने हाज़िर होंगे, जो इस मक़सद के लिए तय-शुदा है. ये इस महीने में था कि आप मिस्र से बाहर आए.
  1. ऐसे अफ़राद का इस्तिमाल करें जिन लोगों को मालूम है.
  • इस वक़्त, आप मार्च के महीने में मेरे सामने हाज़िर होंगे, जो इस मक़सद के लिए तय-शुदा है. ये इस महीने में था कि आप मिस्र से बाहर आए
  • ये हमेशा आपके लिए एक क़ानून होगा कि मैं सितंबर के आख़िर में मुंतख़ब होने वाले दिन आपको अपने आपको नेक करना और कोई काम नहीं करना. "
  1. रियासत वाज़िह तौर पर महीने में क्या मौसम हुआ है.
  • ये हमेशा आपके लिए एक मुजरिम साबित होगा कि सातवीं महीने के दस दिन के इख़तताम पर आपको अपने आपको नेक करना होगा और कोई काम नहीं करना चाहीए.
  1. माह के लिहाज़ से बजाय मौसम के लिहाज़ से वक़्त का हवाला दें
  • ये हमेशा आपके लिए एक क़ानून होगा कि मैं जिस दिन में इबतिदाई मौसिम-ए-ख़ज़ाँ  में इंतिख़ाब करता हूँ 1 आपको अपने आपको नेक करना और कोई काम ना करना.
  • फूटेज की तरह नज़र आएगा:
  • [1]इब्रानी कहते हैं, "सातवें महीने के महीने के दससवीं दिन.

नंबर

This section answers the following question: मैं नंबरों का तर्जुमा कैसे करूँ?

तफ्सील

बाइबल में बहुत सी तादाद मौजूद हैं. वो अलफ़ाज़ के तौर पर लिखा जा सकता है, जैसे "पाँच" या आदाद-ओ-शुमार, जैसे "5." कुछ तादाद बहुत बड़े हैं, जैसे "दो सौ" (200), "बीस हज़ार" (22,000), या "सौ मिलियन" (100,000,000.) कुछ ज़बानों में इन तमाम तादादों के लिए अलफ़ाज़ नहीं हैं. मित्र जमीन को इस बात का फ़ैसला करने की ज़रूरत है कि नंबरों का तर्जुमा कैसे करें और अलफ़ाज़ या नंबर के तौर पर उन्हें लिख लें

कुछ तादाद दरुस्त हैं और दूसरों को गोल किया जाता है. इबराम आठ साल की उम्र थी जब हग्ऱ इस्माईल अबराहाम को इबराम के पास ले गए थे. (इब्तिदा-ए-16:16 युएलटी)

अथार्टी (86) एक दरुस्त नंबर है.

इस दिन लोगों में से तीन हज़ार मर्द मर गए. (ख़ुरूज 32:28 युएलटी)

यहां नंबर तीन हज़ार एक गोल नंबर है. ये इस से कम या इस से कम-कम हो सकता है. "के बारे में" लफ़्ज़ से पता चलता है कि ये एक दरुस्त नंबर नहीं है

वजह ये एक तर्जुमा का मसला है: कुछ ज़बानों में उनमें से कुछ नंबरों के लिए अलफ़ाज़ नहीं हैं.

तर्जुमा उसूल

  • दरुस्त तादाद खासतौर पर क़रीब और खासतौर पर के तौर पर तर्जुमा किया जाना चाहीए के तौर पर वो हो सकता है.
  • गोल नंबर ज़्यादा आम तौर पर तर्जुमा किया जा सकता है.

बाइबल की मिसाल

जब जावर 16 साल की उम्र में रहते थे, तो वो हनोक का बाप बन गया. हनोक के बाप बनने के बाद, जीरर आठ सौ साल था. वो ज़्यादा बेटों और बेटों का बाप बन गया. जावर 962 साल रहता था, और फिर वो मर गया. (पैदाइश 5: 18-20 युएलटी)

नंबर 162, आठ सौ, और 962 दरुस्त नंबर हैं और मुम्किना हद तक उनकी तादाद के क़रीब किसी चीज़ के साथ तर्जुमा किया जाना चाहीए.

हमारी बहन, आप हज़ारों हज़ार की माँ हो सकते हैं (इब्तिदा-ए-24:60 युएलटी)

ये एक गोल नंबर है. ये ये नहीं कहता है कि वो कितनी औलाद के पास होना चाहीए, लेकिन ये उनकी बड़ी तादाद थी.

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

  1. प्वाईंटस का इस्तिमाल करते हुए नंबर लिखें.
  2. उनकी तादाद के लिए आपकी ज़बान के अलफ़ाज़ या गेट वे की ज़बान के अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करते हुए नंबर लिखें.
  3. अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करते हुए नंबर लिखें, और उनके बाद पैराग्राफ़ में प्वाईंटस डालें.
  4. बड़ी तादाद के अलफ़ाज़ को जोड़ें
  5. बहुत बड़े गोल नंबरों के लिए एक बहुत आम इज़हार का इस्तिमाल करें और बाद में क़ारईन फेरों में नंबर लिखें.

लागू तर्जुमा असटरीटजीज़ की मिसाले

हम मुंदरजा ज़ैल आयत को अपने मिसाल में इस्तिमाल करेंगे:

अब, देखो, मैंने ख़ुदावंद के घर के लिए 100,000 प्रतिभा सोने, एक मिलियन चांदी के चांदी, और बड़ी मिक़दार में कांसी और लोहा के लिए तैयार की गई कोशिश में. (1 तारीख 22:14 युएलटी)

  1. प्वाईंटस का इस्तिमाल करते हुए नंबर लिखें.
  • मैंने ख़ुदावंद के घर 100,000 क़ाबिलीयत सोने के लिए तैयार किया है, 1,000,000 प्रतिभा चांदी, और बड़ी मिक़दार में कांसी और आयरन
  1. उनकी तादाद के लिए आपकी ज़बान के अलफ़ाज़ या गेट वे की ज़बान के अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करते हुए नंबर लिखें.
  • मैंने ख़ुदावंद के घर के लिए एक लाख प्रतिभा सोने, एक लाख चांदी का चांदी, और बड़ी मिक़दार में कांसी और आयरन तैयार किया है.
  1. अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करते हुए नंबर लिखें, और उनके बाद पैराग्राफ़ में प्वाईंटस डालें.
  • मैंने ख़ुदावंद के घर के लिए एक सौ हज़ार (100,000) क़ाबिलीयत के लिए तैयार किया है, एक लाख (1,000,000) चांदी की चादरें, और बड़ी मिक़दार में कांसी और आयरन
  1. बड़ी तादाद के अलफ़ाज़ को जोड़ें.
  • मैंने ख़ुदावंद के घर के लिए एक लाख प्रतिभा सोने, एक हज़ार हज़ार चांदी की चांदी और पीतल और लोहे की बड़ी मिक़दार में तैयार किया है.
  1. बहुत बड़े गोल नंबरों के लिए एक बहुत आम इज़हार का इस्तिमाल करें और बाद में क़ारईन फेरों में नंबर लिखें.
  • मैंने ख़ुदावंद के घर के लिए बहुत सोना सोनीया (100,000 प्रतिभा), चांदी की दस गुना (1000,000 प्रतिभा), और बड़ी मिक़दार में कांसी और आयरन तैयार किया है

मुस्तक़िल मिज़ाज

आपके तर्जुमा में मुसलसल रहीं. नंबरों या आदाद-ओ-शुमार का इस्तिमाल करते हुए नंबरों का तर्जुमा कैसे करेंगे. मुस्तक़िल होने के मुख़्तलिफ़ तरीक़े हैं.

  • हरवक़त की तादाद की नुमाइंदगी करने के लिए अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करें. (आपके पास बहुत तवील अलफ़ाज़ हो सकते हैं.)
  • हरवक़त की तादाद की नुमाइंदगी करने के लिए आदाद-ओ-शुमार का इस्तिमाल करें.
  • नंबरों की नुमाइंदगी करने के लिए अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करें कि आपकी ज़बान में अलफ़ाज़ के ले-ए-अलफ़ाज़ और नंबर इस्तिमाल करें जिनकी ज़बान आपके पास अलफ़ाज़नहीं है
  • आला नंबरों के लिए कम नंबर और आदाद-ओ-शुमार के लिए अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करें.
  • नंबरों के लिए अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करें जो चंद अलफ़ाज़ से ज़्यादा की ज़रूरत होती है जो तादाद के लिए चंद अलफ़ाज़ और आदाद-ओ-शुमार की ज़रूरत होती है.
  • आदाद-ओ-शुमार की नुमाइंदगी करने के लिए अलफ़ाज़ का इस्तिमाल करें, और उनके बाद क़ारईनों में प्वाईंटस लिखें.

युएलटी और युएसटी में मुताबिक़त

  • * लफ़्ज़ लफ़्ज़ लतीफ़ टेक्स्ट * (युएलटी) और * लफ़्ज़ बोली लफ़्ज़ आसान मतन * (युएसटी) के आदाद-ओ-शुमार का इस्तिमाल करते हैं जो सिर्फ एक या दो अलफ़ाज़ (नौ, सोला, तीन सौ) हैं. वो तादाद के लिए आदाद-ओ-शुमार का इस्तिमाल करते हैं जो दो अलफ़ाज़ से ज़्यादा हैं (नंबर "130" की बजाय "एक सौ तीस" की बजाय)

जब आदम 130 साल की उम्र में रहता था तो वो अपनी तस्वीर के बाद अपने बेटे के बाप बन गया, और उसने उस का नाम सियत रखा. आदम के बाद सियत का बाप बन गया, वो आठ सौ साल गुज़रा. वो ज़्यादा बेटों और बेटों का बाप बन गया. आदम 930 साल रहता था, और फिर वो मर गया. (पैदाइश 5: 3-5 युएलटी)


तर्तीबी आदाद

This section answers the following question: क्या हर्फ़ी नंबर हैं और मैं उनका तर्जुमा कैसे करसकता हूँ?

तफ्सील

बुनियादी तौर पर बाइबल में इस्तिमाल होने वाले नंबरों को बुनियादी तौर पर एक फ़हरिस्त में कुछ चीज़ की हैसियत से बताना है.

उसने चर्च पहले रसूलों, दूसरा पैग़म्बरों, तीसरे असातिज़ा, और फिर जो ताक़तवर काम करते हैं (1 कर नत्थियों 12:28 युएलटी )

ये कारकुनों की एक फ़हरिस्त है जिसने ख़ुदा ने उनके हुक्म में चर्च को दिया

अंग्रेज़ी में असल नंबर

अंग्रेज़ी में ज़्यादा-तर आर्टीकल नंबरों को सिर्फ "th" मैं इख़तताम तक शामिल किया गया है.

नंबर नंबर असल नंबर
4 चार चौथाई
10 दस दसवाँ
100 एक सौ एक सौ
1,000 एक हज़ार एक हज़ार

अंग्रेज़ी में कुछ आरडरीनटल नंबर इस पैटर्न की पैरवी नहीं करते

नंबर नंबर असल नंबर
1 एक पहले
2 दो दूसरा
3 तीन तीसरी
5 पाँच पांचवें
12 बारह बिट्टूएं

वजह ये एक तर्जुमा का मसला है:

कुछ ज़बानों में एक फ़हरिस्त में इश्याय की आर्डर को दिखाने के लिए ख़ुसूसी नंबर नहीं हैं. इस से निमटने के मुख़्तलिफ़ तरीक़े हैं.

बाइबल की मिसाल

सबसे पहले यहवाबीरब, दूसरा यदईआह, दूसरा हर्म, सीरम के चौथे हिस्से, ... बेसा दरीलयाहीअह और मजायाह के चौथाई से. (1 तारीख 24: 7-18 युएलटी )

लोगों ने बहुत पूछ लिया और उन सब में से हर एक लोगों को हुक्म दिया

आपको क़ीमती पत्थरों के चार सफ़ों में रखना ज़रूरी है. पहली क़तार में एक रूबी, एक सरज़ और एक गारनी होना ज़रूरी है. दूसरी क़तार में अममल, एक नीलम और हीरे का होना लाज़िमी है. तीसरे क़तार में जाक़स, एक उम्र, और एक दाँत होना ज़रूरी है. चौथा क़तार में एक बैरी और एक प्रेमी और एक जैक होना ज़रूरी है. उन्हें सोने की तरतीबात में नसब किया जाना चाहीए. (ख़ुरूज 28: 17-20 युएलटी )

ये चार पत्थरों की वज़ाहत करता है. पहली क़तार शायद सबसे ऊपर क़तार है, और चौथा क़तार शायद सबसे नीचे क़तार है

तर्जुमा की हिक्मत-ए- अमली

अगर आपकी ज़बान में लाज़िमी नंबर हैं और उनका इस्तिमाल करते हुए सही मअनी देगा, तो उनका इस्तिमाल करें. अगर नहीं, तो यहां कुछ हिक्मत-ए-अमली पर ग़ौर करना है:

  1. पहली शैय के साथ "एक" का इस्तिमाल करें और बाक़ी "दूसरे" या "अगले" के साथ.
  2. इश्याय की कल तादाद बताएं और फिर उनकी फ़हरिस्त या उनसे मुताल्लिक़ चीज़ें दर्ज करें.

लागू तर्जुमा असटरीटजीज़ की मिसाले

  1. इश्याय की कल तादाद बताएं, और "शैय" को पहली शैय के साथ और "बाक़ी" के साथ "दूसरा" या "अगले" का इस्तिमाल करें
  • सबसे पहले यहूदा हब के पास, यदईआह का दूसरा, तीसरी हर्म, सूर्यम के चौथाई, ... बीस तीसरे दलीलयाह और चौथाई माज़याह. (1 क्रोनिकल्स24: 7- 18 युएलटी )
  • बीस चौड़ाई थे. एक बहुत यहवाबीर, दूसरा यदईआह, एक और हर्म के पास गया था ... एक और दलीला और आख़िर में माज़िया गया.
  • बीस चौड़ाई थे. एक बहुत यहवाबीर, यदईआह के आगे, हर्म के आगे, डीलयाह के आगे
  • एक दरिया बाग़ पानी के लिए ईडन से बाहर गया. वहां से उसने तक़सीम किया और चार दरिया बन गए. पहला नाम पैशन है. ये वही है जो हीलोह के पूरे मुल्क में बेहती है, जहां सोने है. इस ज़मीन का सोने अच्छा है. वहां वहां भी बीडीलीम और सोनी पत्थर है. दूसरी दरिया का नाम गीहोनहै. ये एक कोष की पूरी ज़मीन में बेहती है. तीसरी दरिया का नाम तरीस है, जो असशोर के मशरिक़ में बेहती है. चौथी दरिया फुरात है (पैदाइश 2:10-14 युएलटी )
  • बाग़ को पानी के लिए एक दरिया ईडन से बाहर चला गया. वहां से उसने तक़सीम किया और चार दरिया बन गए. एक का नाम पैशन है. ये वही है जो हीलोह के पूरे मुल्क में बेहती है, जहां सोने है. इस ज़मीन का सोने अच्छा है. वहां वहां भी बीडीलीम और सोनी पत्थर है. अगले दरिया का नाम गीहोन है. ये एक कोष की पूरी ज़मीन में बेहती है. अगली दरिया का नाम तरीस है, जो असशोर के मशरिक़ में बेहती है. आख़िरी दरिया फुरात है
  1. इश्याय की कल तादाद बताएं और फिर उनकी फ़हरिस्त या उनसे मुताल्लिक़ चीज़ें दर्ज करें.
  • सबसे पहले यहूदा हब के पास, यदईआह का दूसरा, तीसरी हर्म, सूर्यम के चौथाई, ... बीस तीसरे दलीलयाह और चौथाई माज़याह. (1 क्रोनिकल्स24: 7- 18 युएलटी )
  • उन्होंने अचानक डाल दिया बहुत बहुत. बहुत सारे लोग यरवईआब, यदयाह, हर्म, सूर्यम, ... दलीला और माज़िया

कसरें

This section answers the following question: कसरें क्या हैं और मैं उनका तर्जुमा किस तरह कर सकता हूँ?

बयान

कसरें एक क़िस्म की अदद हैं जो किसी चीज़ के मसावी हिस्सों, या लोगों या चीज़ों के एक बड़े गिरोह के अन्दर मसावी गिरोहों का हवाला देते हैं। किसी चीज़ या चीज़ों की एक गिरोह को दो या ज़ियादा हिस्सों या गिरोहों में तक़सीम किया गया है, और एक हिस्सा उन हिस्सों या गिरोहों में से एक या ज़ियादा से मुराद है।

तपावन के तौर पर, तिहाई हीन के बराबर मय देना। (गिनती 15:7 ULT)

हीन एक ज़र्फ़ है जो मय और दीगर रक़ीक़ की पैमाइश के लिए इस्तेमाल होता है। उन्हें हीन ज़र्फ़ को तीन बराबर हिस्सों में तक़सीम करने के बारे में सोचना था और उन हिस्सों में से सिर्फ़ एक हिस्से को पुर करना था और उस रक़म की पेशकश होनी थी।

तिहाई जहाज़ तबाह हो गए। (मुकाश्फ़ा 8:9 ULT)

वहाँ बहुत सी जहाज़ें थी। अगर उन तमाम जहाज़ों को जहाज़ों की तीन बराबर गिरोहों में तक़सीम किया जाता, तो जहाज़ों की एक गिरोह तबाह हो गयी थी।

अंग्रेज़ी के ज़ियादातर कसरों में अदद के आख़िर में सिर्फ़ “-th” इजाफ़ा होता है

हिस्सों की तअदाद जिसमे मुसल्लम को तक़सीम किया गया है कसर
चार चौथाई
दस दसवां
एक सौ एक सौवां
एक हज़ार एक हजारवां

अंग्रेज़ी में बाज़ कसरें उस नमूने की पैरवी नहीं करती हैं।

हिस्सों की तअदाद जिसमे मुसल्लम को तक़सीम किया गया है कसर
दो आधा
तीन तिहाई
पाँच पाँचवां

वजह के यह एक तर्जुमा मसअला है: बाज़ ज़बानें कसरें इस्तेमाल नहीं करती हैं। वो सिर्फ़ हिस्सों या गिरोहों की बाबत बात कर सकती हैं, लेकिन वो यह बताने के लिए कसरों का इस्तेमाल नहीं करती हैं के एक हिस्सा कितना बड़ा है या एक गिरोह में कितने शामिल हैं।

बाईबल से मिशालें

अब मनस्सी के आधे क़बीले को तो मूसा ने बसन में मीरास दी थी, लेकिन उसके दूसरे आधे को, यशूअ ने उनके भाईयों के दरमियान यरदन के इस पार मग़रिब की तरफ़ हिस्सा दिया। (यशूअ 22:7 ULT)

मनस्सी का क़बीला दो गिरोहों में तक़सीम था। फ़िक़रा “मनस्सी के आधे क़बीले” उन गिरोहों में एक से मुराद है। फ़िक़रा “दूसरे आधे” दूसरे गिरोह से मुराद है।

पस वो चारों फ़िरिश्ते खोल दिए गए, जो ख़ास घड़ी और दिन और महीने और बरस के लिए तिहाई आदमियों को मार डालने के लिए तैयार किये गए थे। (मुकाश्फ़ा 9:15 ULT)

अगर तमाम लोगों को तीन बराबर गिरोहों में तक़सीम करना होता, तो एक गिरोह के लोगों की तअदाद मार दी जाती।

तपावन के तौर पर चौथाईहीन के बराबर मया भी लाये। (गिनती 15:5 ULT)

उन्हें मय की एक हीन को चार बराबर हिस्सों में तक़सीम करने का तसव्वर करना था और उन में से एक हिस्से के बराबर रक़म को तैयार करना था।

तर्जुमा की हिकमत ए अमली

अगर आपकी ज़बान में कसर सहीह मानी देता है, तो इसके इस्तेमाल पर गौर करें। अगर नहीं, आप इन हिकमत ए अमली पर गौर कर सकते हैं।

  1. हिस्सों या गिरोहों की तअदाद बताएँ जिसमे चीज़ को तक़सीम किया जाना है, और फिर उन हिस्सों या गिरोहों की तअदाद बताएँ जिनका हवाला दिया जा रहा है।
  2. वज़न और लम्बाई जैसी पैमाइशों के लिए, ऐसी इकाई का इस्तेमाल करें जिसे आपके लोग जानते हों या UST की इकाई।
  3. पैमाइशों के लिए, उन्हें इस्तेमाल करें जो आपकी ज़बान में इस्तेमाल किये जाते हैं। ऐसा करने के लिए आपको जानने की ज़रुरत होगी के आपकी पैमाईशें मीट्रिक निज़ाम से किस तरह का ताल्लुक रखती हैं और हर पैमाइश का पता लगायें।

इन तर्जुमा की हिकमत ए अमली की इत्तलाक़ी मिशालें

  1. हिस्सों या गिरोहों की तअदाद बताएँ जिसमे चीज़ को तक़सीम किया जाना है, और फिर उन हिस्सों या गिरोहों की तअदाद बताएँ जिनका हवाला दिया जा रहा है।
  • तिहाई समुन्दर ख़ून की मानिन्द लाल हो गया (मुकाश्फ़ा 8:8 ULT)
  • यह ऐसा था के उन्होंने समुन्दर को तीन हिस्सों में तक़सीम किया, और समुन्दर का एक हिस्सा ख़ून हो गया।
  • तू उस बछड़े के साथ नज़्र की क़ुर्बानी के तौर पर ऐफ़ा के तीन दहाई हिस्से के बराबर मैदा जिसमें निस्फ़ हीन के बराबर तेल मिला हुआ हो चढ़ाए। (गिनती 15:9 ULT)
  • ...तो तू एक ऐफ़ा मैदे को दस हिस्सों में तक़सीम कर और तेल के एक हीन को दो हिस्सों मेंतक़सीम कर। फिर मैदे के उन तीनों हिस्सों को तेल के उस एक हिस्से के साथ मिलाना। तब तू उस बछड़े के साथ नज़्र की क़ुर्बानी चढ़ाना।
  1. पैमाइशों के लिए, उन पैमाइशों का इस्तेमाल करें जो UST में दी गयी हैं। UST के मुतर्जमीन ने पहले से ही पता कर लिया है के रक़म की नुमाइंदगी मीट्रिक निज़ाम में किस तरह करें।
  • एक मिस्काल की दो तिहाई (1 समुएल 13:21 ULT)
  • आठ ग्राम चाँदी (1 समुएल 13:21 UST)
  • एफ़ा का तीन दहाई हिस्सा मैदा निस्फ़ हीन तेल के साथ मिला हुआ। (गिनती 15:9 ULT)
  • साढ़े छः लीटर मैदा दो लीटर जैतून के तेल के साथ मिला हुआ। (गिनती 15:9 UST)
  1. पैमाइशों के लिए, उन्हें इस्तेमाल करें जो आपकी ज़बान में इस्तेमाल किये जाते हैं। ऐसा करने के लिए आपको जानने की ज़रुरत होगी के आपकी पैमाईशें मीट्रिक निज़ाम से किस तरह का ताल्लुक रखती हैं और हर पैमाइश का पता लगायें।
  • एफ़ा का तीन दहाई हिस्सा मैदा निस्फ़ हीन तेल के साथ मिला हुआ। (गिनती 15:9 ULT)
  • छः क्वार्ट्स मैदा दो क्वार्ट्स तेल के साथ मिला हुआ।

कम से कम नंबर

This section answers the following question: क्या हरफी नंबर हैं और मैं उनका तर्जुमा कैसे करसकता हूँ?

डीसट प्वाईंट, या डीसा कमा, एक नंबर है जिसमें एक बड़ी तादाद के बाएं जानिब दिखाए जाने के लिए ज़ाहिर होता है कि ये तादाद एक मुकम्मल नंबर का हिस्सा बनती है. मिसाल के तौर पर .1 मीटर पूरे मीटर नहीं है लेकिन एक मीटर का सिर्फ दसवाँ हिस्सा है और 5 मीटर पाँच मीटर नहीं है, लेकिन सिर्फ एक मीटर के पाँच टन है. 3.7 मीटर तीन मीटर और एक मीटर के दस किलो मीटर है. * जैसे अलफ़ाज़ दर्ज जे़ल अलफ़ाज़ में इस्तिमाल होते हैं * (युएसटी)

कुछ ममालिक में लोग एक डीसर प्वाईंट का इस्तिमाल करते हैं, और दूसरे ममालिक में लोग एक बारह कमा इस्तिमाल करते हैं. तो ऐसे ममालिक में जो मुतर्जिम एक डीसीह कमा इस्तिमाल करते हैं "3.7 मीटर" लिखते हैं "3,7 मीटर." कुछ सक़ाफ़्तों में लोग मुख़्तलिफ़किस्म की तर्जीह देते हैं. (मुलाहिज़ा करें फॉक्स)

बेशुमार अलफ़ाज़ में सादा अलफ़ाज़ के अलफ़ाज़ (युएसटी) हिस्सों में शुमार या ज़वाबत के तौर पर लिखा जाता है. जब वो पैमाइश के साथ इस्तिमाल करते हैं जैसे मीटर, ग्राम, और लीटर, आम तौर पर डेव लुट्स के तौर पर लिखा जाता है |

युएसटी मैं कम से कम नंबर

कम से कम फ्रैक्शन आसान फ्रैक्चर
.1 एक दसीं
.2 दो दसवीं एक पांचवीं
3 तीन दसवीं
4 चार दसवीं दो पांचवें
5 पाँच दसवीं एक नसफ़
6 छः दसीं तीन पांचवें
7 सात दसीं
8 आठ दसीं चार पांचवें
9 नौ दसवीं
25 पच्चीस सौ एक सौ एक चौड़ाई
75 सतरह सत्तर एक सौ तीन चौथाई

इस का एक तर्जुमा मसला है

  • अगर मुतर्जिमों को युएसटी मैं इक़दामात इस्तिमाल करना चाहते हैं तो, वो उनके साथ इस्तिमाल किया जाता है कि डीसर नंबरों को समझने के काबिल हो जाएगा.
  • मुतर्जिमों को तादाद में लिखने की ज़रूरत होगी जिस तरह उनके क़ारईन उनको समझ लेंगे.

बाइबल की मिसाल

एक बड़ी तादाद के हिस्सों के बारे में बताने के लिए, बोली अलफ़ाज़ लफ़्ज़ी मतन(युएलटी) फ़राइज़ का इस्तिमाल करता है, और जब तक कि पैमाइश के साथ नंबर इस्तिमाल किया जाता है, इस से ज़ाहिर होता है कि वर्ड आसान करदा मतन (युएसटी) ज़्यादा से ज़्यादा आदाद-ओ-शुमार का इस्तिमाल करता है | युएलटी और युएसटी उसके दरमयान एक और फ़र्क़ यही है कि बाइबल फ़ासले, बाइबलीकल वज़न और बाइबलकल हुजम की पैमाइश करते वक़्त, वो मुख़्तलिफ़ निज़ाम इस्तिमाल करते हैं, लिहाज़ा युएलटी और युएसटी मैं नंबर नहीं हैं इन इक़दामात के लिए भी.

वो एककसी की लक्कड़ी का एक संदूक बना रहे हैं. इस की लंबाई दो क्यूबिट और नसफ़ का होना चाहीए. इस की चौड़ाई एक क्यूबिट और नसफ़ होगी. और इस की ऊंचाई एक क्यूबिट और नसफ़ होगी. (ख़ुरूज 25:10 युएलटी)

युएलटी का हिस्सा "नसफ़" का इस्तिमाल करता है. ये भी एक बारिश के तौर पर लिखा जा सकता है: .5.

लोगों को बताएं कि एकीकसी लक्कड़ी से एक मुक़द्दस सीने बनाना. ये एक मीटर लंबा, 0.7 मीटर वसीअ और 0.7 मीटर बुलंद है. (सूरज 25:10 युएसटी)

युएसटी उसका डस कलीमर 0.7 का इस्तिमाल करता है. ये सात ठोस है.

तक़रीबन दो फुट है.

एक नसफ़ क्यूबिट तक़रीबन 7 मीटर या एक मीटर के सात टन.

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

  • फ़ैसला करें कि आया आप सिर्फ हिस्सों का इस्तिमाल करना चाहते हैं, सिर्फ तुख़्म, या दोनों का एक मजमूआ.
  • फ़ैसला करें कि आया आप युएलटी या युएसटी या किसी दूसरे किस्म के इक़दामात में दी गई इक़दामात इस्तिमाल करना चाहते है
  • अगर आपको युएलटी मैं अजज़ा और इक़दामात का इस्तिमाल करने का फ़ैसला है तो, सिर्फ युएलटी मैं तादाद और इक़दामात का तर्जुमा.
  • अगर आप डीटम इस्तिमाल करते हैं और युएसटी मैं इक़दामात इस्तिमाल करते हैं तो, सिर्फ युएसटी में नंबर और इक़दामात का तर्जुमा करें.
  1. अगर आप प्रैक्टिस और युएलटी के इक़दामात इस्तिमाल करने का फ़ैसला करते हैं, तो आपको युएलटी मैं डीवलपमनट में डीवलशनज़ को तबदील करने की ज़रूरत होगा.
  2. अगर आपको ताय्युनाती और युएसटी मैं इक़दामात का इस्तिमाल करने का फ़ैसला होता है, तो आपको युएसटी मैं डेवलुट्स तक तबदील करने की ज़रूरत होगा.

लागू तर्जुमा असटरीटजीज़ की मिसाले

  1. अगर आप प्रैक्टिस और युएलटी के इक़दामात इस्तिमाल करने का फ़ैसला करते हैं, तो आपको युएलटी मैं डीवलपमनट में डीवलशनज़ को तबदील करने की ज़रूरत होगी.
  • अनाज के नज़राना के तीन दहाईयों में एक नज़र की क़ुर्बानी के तौर पर तेल के साथ मिला कर एक अच्छा तेल. (लीवीत 14:10 युएलटी)
  • "0.3 अनाज के नज़राना के तौर पर तेल के साथ ठीक ठीक आटा का अफ़फ़ा, और एक लागत का तेल.
  1. अगर आपको ताय्युनाती और युएसटी मैं इक़दामात का इस्तिमाल करने का फ़ैसला होता है, तो आपको युएसटी मैं डेवलुट्स तक तबदील करने की ज़रूरत होगी.
  • एक सोथी पच्चास लीटर की क़ुर्बानी की क़ुर्बानी, ज़ैतून के तेल के साथ मिला, एक क़ुर्बानी के लिए और एक तिहाई लीटर ज़ैतून का तेल. (लीवीत 14:10 यू ऐस ऐस)
  • "अनाज की क़ुर्बानी की छथीयों का नसफ़ लीटर, एक ज़ैतून का तेल, एक क़ुर्बानी के तौर पर और एक तिहाई लीटर>/u> ज़ैतून का तेल.

अलामती कार्रवाई

This section answers the following question: एक अलामती कार्रवाई किया है और में इस का तर्जुमा कैसे करूँ?

तफ्सील

एक अलामती कार्रवाई ये है कि किसी को किसी मख़सूस ख़्याल का इज़हार करने के लिए कोई काम नहीं करता. मिसाल के तौर पर, बाअज़ सक़ाफ़्तों में लोग "जी हाँ" के सर के ऊपर और नीचे के नीचे सर लगाते हैं या उनके सर की जानिब से तरफ़ से "मतलब" संबू लक आमाल हर सक़ाफ़्त में एक ही चीज़ का मतलब नहीं है. बाइबल में, कभी कभी लोग अलामती आमाल अंजाम देते हैं और बाज़-औक़ात वो सिर्फ़ अलामती कार्रवाई का हवाला देते हैं

अलामती आमाल की मिसाल

  • कुछ सक़ाफ़्तों में लोग हाथ हिला इत्ते हैं जब वो ज़ाहिर करते हैं कि वो दोस्ताना बनने के लिए तैयार हैं.
  • कुछ सक़ाफ़्तों में लोगों को जब वो एक दूसरे के एहतिराम को पूरा करने से मिलने के लिए दख़श करते हैं.

इस वजह से ये तर्जुमा का मसला हैं

एक अमल में एक सक़ाफ़्त, और एक दूसरे की सक़ाफ़्त में एक मुख़्तलिफ़ मअनी या मअनी मअनी का मतलब हो सकता है. मिसाल के तौर पर, उभरते हुए कुछ सक़ाफ़्तों का मतलब ये है कि "मैं हैरान हू" या " आपने क्या-किया?" दूसरों की सक़ाफ़्तों में इस का मतलब है "जी हाँ.”

बाइबल के लोगों ने ऐसी चीज़ें कीं जो उनकी सक़ाफ़्त में कुछ मअनी रखते थे. जब हम बाइबल को पढ़ते हैं तो हम ये समझ नहीं सकेंगे कि हम उस का मतलब समझते हैं अगर हम उस की बुनियाद पर अपनी सक़ाफ़्त की मअनी पर मबनी अमल करें.

मित्र जमीन को ये समझना ज़रूरी है कि बाइबल में लोगों का क्या मतलब है जब वो अलामती आमाल का इस्तिमाल करते थे. अगर कोई अमल उस की अपनी सक़ाफ़्त में इसी चीज़ का मतलब नहीं है, तो वो ये जानने की ज़रूरत है कि ये किस तरह अमल करने का मतलब है.

बाइबल की मिसाल

यसवा के पांव पर यारस गिर गया. (लूक 8:41 युएलटी)

अलामती अमल का मतलब: उसने यसवा के लिए ये बहुत अच्छा एहतिराम ज़ाहिर किया.

देखो, मैं दरवाज़े पर खड़ा हूँ और दस्तक कर रहा हूँ. अगर कोई मेरी आवाज़ सुनता है और दरवाज़े खौलता है तो में अपने घर में आऊँगा, और इस के साथ खाने का हूँ, और वो मेरे साथ. (मुकाशफ़ा 3:20 युएलटी)

अलामती कार्रवाई का मतलब: जब लोग चाहते थे कि उनके घर में उनका इस्तिक़बाल किया जाये, तो वो दरवाज़े पर खड़ा हो गए और इस पर गिर पढ़े |

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

अगर लोग सही तौर पर समझ लेंगे कि बाइबल में लोगों की क्या अलामत की अलामत है, तो इस का इस्तिमाल करें. अगर नहीं, तो यहां तर्जुमा करने के लिए कुछ हिक्मत-ए- अमली हैं.

  1. बताओ कि शख़्स ने किया-किया और उसने क्यों किया.
  2. इस शख़्स को मत बताएं जो शख़्स ने किया, लेकिन इस का मतलब ये कहता है कि वो किया है.
  3. अपनी अपनी सक़ाफ़्त से एक ऐसी कार्रवाई का इस्तिमाल करें जो इस का मतलब है. ये सिर्फ़ शेअर, मिसाल के तौर पर, और ख़ुतबा में करते हैं. ऐसा ना करो जब असल में एक शख़्स था जिसने एक मख़सूस अमल किया

लागू तर्जुमा सटरीटजीज़ की मिसाले

  1. बताओ कि शख़्स ने किया-किया और उसने क्यों किया.
  • यसवा के पांव पर यारस गिर गया. (लूक 8:41 युएलटी)
  • यसवा के पांव पर यरूशलम गिर गया ताकि ज़ाहिर हो कि उसने उस का एहतिराम किया.
  • देखो, मैं दरवाज़े पर खड़ा हूँ और दस्तक. (मुकाशफ़ा 3:20 युएलटी)
  • देखो, मैं दरवाज़े पर खड़ा हूँ और इस पर दस्तक कर कहो कि तुम मुझे अंदर जाने दो
  1. इस शख़्स को मत बताएं जो शख़्स ने किया, लेकिन इस का मतलब ये कहता है कि वो किया है.
  • यसवा के पांव पर यारस गिर गया. (लूक 8:41)
  • ययरस ने यसवा का एहतिराम किया.
  • देखो, मैं दरवाज़े पर खड़ा हूँ और दस्तक. (मुकाशफ़ा 3:20)
  • देखो, मैं दरवाज़े पर खड़ा हूँ और आपसे पूछना चाहता हूँ
  1. अपनी अपनी सक़ाफ़्त से एक ऐसी कार्रवाई का इस्तिमाल करें जो इस का मतलब है.
  • यसवा के पांव पर यारस गिर गया. (लूक 8:41 युएलटी) - जब से जीरस ने असल में ये काम किया, हम अपनी सक़ाफ़्त से एक कार्रवाई को नहीं बदलेंगे.
  • देखो, मैं दरवाज़े पर खड़ा हूँ और दस्तक कर रहा हूँ (मुकाशफ़ा 3:20 युएलटी) - यसवा एक हक़ीकी दरवाज़े पर नहीं खड़ा था. बल्कि वो लोगों के साथ ताल्लुक़ात रखने के बारे में बात कर रहे था | लिहाज़ा सक़ाफ़्तों में जहां ये एक गले को साफ़ करने के लिए संजीदा है जब घर में जाने की ख़ाहिश है, आप उस का इस्तिमाल कर सकते हैं.
  • देखो, मैं दरवाज़े पर खड़ा हूँ और अपने हलक को साफ़ करू .

बिब्लिकल तसावारत

This section answers the following question: बाइबिल में किस तरह के तसावारत इस्तेमाल होते है ?

तफसील

तसावरात एक जुबान है जिसमें तस्वीर को एक तस्सवुर के साथ जोड़ के पेश किया जाता है I इस में इसतार, तशबीह, मोतबर और सक़ाफ़्ती मॉडल शामिल हैं Iएक ज़बान में , ये सब चीज़ें , ज़्यादा-तर तसावीर और नज़रियात के दरमयान जुगलबंदी के वसीअ नमूने से आते हैं I लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता है I बाइबल की तस्वीर पर ये सफ़हात बाइबल में अक्कासी के पैटर्न के बारे में बताते हैं I

बाइबल में मलबूसात के पैटर्न अक्सर इब्रानी और यूनानी ज़बानों से मुनफ़रद होते हैं I इन पैटर्न को पहचानाना मुफ़ीद है क्योंकि वो बार-बार तर्जुमान को दिक्कत पेश करते है कि उनका तर्जुमा कैसे करें I एक-बार तर्जुमान ने इन तर्जुमाओं के मुश्किलातों को सँभालना सीख लिया , वो कहीं भी वैसा खाखा देख के उसे सम्भालन संभालना सीख लेंगे I

अस्तीफ़ा और तशबीह का आम खा खा

एक * इसतार * तब होता है जब कोई किसि चीज़ पे बात करता है पर उसका मतलब कुछ और होता है I स्पीकर इसका इस्तमाल किसी चीज़ को मोस्सर तरीक़े से बयान करने के लिए करता है I मिसाल के तौर पर, "मेरी मुहब्बत एक सुर्ख़, लाल गुलाब है “ इसमें स्पीकर औरत की वज़ाहत करता है की वो फूल की तरह ख़ूबसूरत और नाज़ुक है I

तशबीह भी एक इस्तार है , इसके अलावा ये “ जैसे की “ और “जैसा “ लफ्जों को एक इशारे की तरह इस्तेमाल करता है I तशबीह ऊपर दिए हुए तस्वीर को इस्तमाल करता है और कहेगा “"मेरी प्यार है <जैसे सुर्ख़, लाल गुलाब है I

बिब्लिकल तसवारत को देखें - मुतालिक रिवायत पन्नों का लिंक जो की अस्तीफ़ा और तशबीह के सोच के बीच के मुतालिक रिवायत बताते है I

आम इल्म बयानी

इल्म बयानी में, किसि चीज़ या सोच को उसके नाम से ना बुला के , किसी करीबी चीज़ के नाम से बुलाते है I

बिबलिकल तसवरात के आम इल्मी बयां देखें बाइबिल में इस्तमाल आम इल्मी बयां को जानने के लिए I

शाखाफ्ती किस्म

सक़ाफ़्ती किस्म ज़िंदगी या रवैय्ये की ज़हनी तसावीर हैं Iये तसावीर हमें इन चीज़ों के बारे में सोचने हैं और बात करने में मदद करती है I मिसाल के तौर पर, अमरीकीयों अक्सर शादी और दोस्ती समेत बहुत से चीज़ों के बारे में सोचते हैं, जैसे की वो कोई मशीनें हो I अमरीकीयों का कहना है कि, "उस की शादी टूट रही है, या "उनकी दोस्ती पूरी रफ़्तार से आगे बढ़ रही है.

बाइबल अक्सर ख़ुदा की बात ऐसे करता है जैसा कि वो एक चरवाहा हो और उस के लोग भेड़ हो , एक सक़ाफ़्ती मॉडल है I

ख़ुदावंद मेरा चरवाहा है ,मेरे पास सब कुछ है ( प्साल्म 23:1 ULT)</block quote>

उसने अपने ही लोगों को भेड़ों की तरह निकाल दिया और उन्हें जंगली भेड़ बकरियों के रेवार की तरह हिदायत की ( प्साल्म 78:52 ULT)

बाइबल में से कुछ सक़ाफ़्ती मॉडल , क़दीम क़रीबी मशरिक़ के सक़ाफ़्तों, और ना सिर्फ ईसराईलीयों की तरफ़ से ,ज़्यादा इस्तिमाल किया जाता था I

बाइबल में सक़ाफ़्ती मॉडल की फ़हरिस्त के लिए "बाइबल की तस्वीर सक़ाफ़्ती मॉडलज़ (../bita-part3/01.md) देखें "


बाइबल की मंज़र-कशि - आम मुतरीदिफात

This section answers the following question: बाइबल में इसतेमाल किए गए कुछ आम मुतरादिफात क्या है?

बाइबल से कुछ मुशतर्का तशहीरात हरूफ़-ए-तहज्जी में दर्ज हैं I तमाम दार-उल-हकूमत ख़ुतूत में लफ़्ज़ एक ख़्याल की नुमाइंदगी करते हैI लफ़्ज़ हर आयत , जिसमें तस्वीर है ,में ज़ाहिर नहीं होते, लेकिन ख़्याल ये है कि लफ़्ज़ की नुमाइंदगी करते है

एक कप या कटोरा,उसमे क्या है ,इसकी नुमाइंदगी करता है I

मेरा <यु>कप / <यु>बह रहा है (ज़बूर23: 5 यू एल टी )

कप में इतना ज़्यादा है कि ये कप से बहता रहता है I

हर बार जब आप ये रोटी खाते हैं और इस<यु>कप से / <यु>पीते हैं तो आप रब की मौत का ऐलान करते हैं, जब तक वो नहीं आता (1 कर नत्थियों11:26 यू एल टी )

लोग कप नहीं पीते हैं, वो कप में क्या ,वो पीते है

मिनहाज तक़रीर या अलफ़ाज़ की नुमाइंदगी करता है

बेवक़ूफ़ का<तर्जुमान /<यु>उसकी बर्बदगी है (इमसाल18: 7 यू एल टी )

<ब्लाक कोट>ओह, में आपको अपने<तर्जुमान / u>के साथ कैसे हौसला-अफ़ज़ाई करूँगा (मुलाज़मत16: 5 यू एल टी )

मैंने आपको सुना , जब आप अपने तर्जुमान से <यु>मेरे ख़िलाफ़ दावे कर रहे थे I जब मैं सुना; तुमने मेरे ख़िलाफ़ बहुत सी बातें कहीं I (एजेकेल35:13 यू एल टी )

इन मिसालों में तर्जुमान का मतलब ये है कि किसी शख़्स को क्या कहना है

एक शख़्स की याददाश्त उस के औलाद की नुमाइंदगी करता है

एक शख़्स की याददाश्त उस के औलाद की नुमाइंदगी करतI हैIक्योंकि वो वही हैं जो उन्हें याद रखते है और इज़्ज़त देते हैंI जब बाइबल कहता है कि किसी की यादाश्त मर गयी है, तो इस का मतलब ये है कि उस के पास कोई औलाद नहीं होगा, या उसकी सारी तंजील तबाह हो जाएगी

आपने अपनी जंग के शोर से क़ौमों को ख़ौफ़ज़दा कर दिया है I आपने बदकारी को तबाह कर दिया है> आपने हमेशा के लिए <यु>उनकी याददाश्त/ <यु>ख़त्म कर दिया है I

दुश्मन खंडरों की तरह कुचले गए है I

जब आपने अपने शहरों को ख़त्म कर दिया तमाम <यु>उनकी याद / <यु>ख़त्म हो गई है (ज़बूर9: 5-6 यू एल टी )

<ब्लाक कोट>इसकीयाददाश्त/ <यु>ज़मीनसेतबाहहोजाएगी(मुलाज़मत18:17 यू एल टी )<ब्लाक कोट>

ख़ुदावंद ज़ालिमों के ख़िलाफ़ है ज़मीन से <यु>उनकी यादें / <यु>मस्ह करने के लिए (ज़बूर34:16 यू एल टी )

एक फ़र्द लोगों के एक गिरोह की नुमाइंदगी करता है

शरीयत शख़्स / u>के लिए अपनी गहिरी ख़ाहिशात का हामिल है वो लालची को नेअमत देता है और ख़ुदावंद की तौहीन करता है (ज़बूर10: 3 यू एल टी )

ये किसी मख़सूस शख़्स को नहीं बल्कि आम तौर पर बदतरीन अफ़राद का हवाला देता है

एक फ़र्द का नाम उस के औलादों की नुमाइंदगी करता है

खाना बदोश उन पर हमला करेंगे, लेकिन वो उनका पीछा कर उनपे हमला करेंगे I

अशशर का खाना अमीर होगा, और वो शाही नज़ीकों को फ़राहम करेगा नपताली एक ढीला बंधा हुआ खरगोश है ; इस के पास ख़ूबसूरत फ़वाइद होंगे (इब्तिदा-ए-49: 19-21 यू एल टी )

नामजद, अशशर और नफ़ताली ना सिर्फ उन लोगों के बल्कि उनके औलाद के लिए भी इस्तमाल होते है I

एक फ़र्द ख़ुद को और इस के साथ लोगों की नुमाइंदगी करता है

जब इसबराम मिस्र में दाख़िल हुआ तो , मिस्रियों ने देखा कि सराई बहुत ख़ूबसूरत थी (इब्तिदा-ए-12:14 यू एल टी )

यहां जब "इबराम कहते हैं तो ये इबराम और इस के साथ सफ़र करने वाले तमाम अफ़राद की नुमाइंदगी करता है I तवज्जा इबराम पर था I

चुभाना या छेदना , क़तल की नुमाइंदगी करता है

इस के हाथने भागने वाले साँप को छेद दिया (मुलाज़मत26:13 यू एल टी )

इस का मतलब है कि उसने नागिन को मार डाला

देखो, वो बादलों के साथ आ रहा है, हर आँख इसे देखेंगे, बिशमोल वो लोग जिन्होंने u>उसे छेदा है / u>. (मुकाशफ़ा1: 7 यू एल टी )

"जिन्हों ने इस को छेदा है , वो उन लोगों की तरफ इशारा करते है, जिन्होंने ईशु को मारा है I

गुनाह (बद्किरदारी) इन गुनाहों के लिए सज़ा की नुमाइंदगी करता है

ख़ुदावंद ने इन सब पे हमारी बद्किररदारी डाल दी है (यसईआह53: यू एल टी )

इस का मतलब ये है कि ख़ुदावंद ने उन पर इस अज़ाब को जो हम सब के पास जाना था ,डाल दिया है I


बिब्लिकल तस्वीरत – आम खा – खा

This section answers the following question: बाइबिल में आम खा खा दीखने के लिए कोन से ख्याल इस्तेमाल होते है ?

ये सफ़ा ऐसे ख़्यालात पर तबादला-ए-ख़्याल करता है जो महिदूद तरीक़ों से जुड़ें हुएं हैं (ज़्यादा पेचीदा जोड़ी की बातचीत के लिए, देखें बाइबल की तस्वीर सक़ाफ़्ती नमूना. *)

तफ़सील

तमाम ज़बानों में, ज़्यादा-तर *इस्तिआर * ख़्यालात के जोड़ी के वसीअ नमूने से आते हैं , जिसमें एक ख़्याल दूसरे की नुमाइंदगी करता हैI मिसाल के तौर पर, कुछ ज़बानों में _height_के साथ much जोड़ने की रिवायद हैI

और “being low कम की नुमायन्दगी करता है I ऐसा इस्क्लिये होता है क्योंकि जब कोई चीज़ बहुत ज्यादा होती है तो वोऊँची दिखती है I इसलिए जब कोई चीज़ बहुत महंगी होती है तोह कहा जाता है की उसकी कीमत ऊँची है I

या अगर शहर में इस के मुक़ाबले में इस से कहीं ज़्यादा लोग हूँ तो हम ये कह सकते हैं कि इस की तादाद up_ हो गई है इसी तरह अगर कोई पतली हो और वज़न ज़ाए हो जाएगी तो हम कहेंगे कि उनका वज़न down_ गया है

बाइबल में पाया गया पैटर्न अक्सर इब्रानी और यूनानी ज़बानों से मुनफ़रद हैं I ये उन पैटर्न को पहचानने के लिए मुफ़ीद है क्योंकि वो बार-बार तर्जुमान को बार-बार इसी तरह के पेश करते हैं कि उनका तर्जुमा कैसे करें I एक बार तर्जुमान इनको समझ लेते है तब वो इसे बड़ी आसानी से कर सकते है I

मिसाल के तौर पर, बाइबल में जोड़ी का एक नमूना एक किस्म के रवैय्ये के साथ "चल रहा है और "एक रास्ता के साथ <चल रहा है / u>. ज़बूर1: 1 मैं शरीरों के मश्वरा पर चलने की नुमाइंदगी करता है जो बताता है की ,बदकार लोगों को क्या करना है

उस इंसान पे बरकत है जो खबीस के मशवरे पे नहीं चलता है (ज़बूर1: 1 यू एल टी )

ज़बूर119: 32 मैं ये नमूना भी देखा जाता है जहां ख़ुदा के अहकामात की राह में चलना, ख़ुदा के हुक्म की नुमाइंदगी करता है I दौड़ना , चलने से कहीं ज़्यादा तेज़ हो सकता है, यहां चलने का ख़्याल इस पूरे दिल से काम करने की नुमायन्दगी करता है I

मैं आपके हुक्मों के रास्ते में चलाऊंगा/ u>. (ज़बूर119: 32 यू उल्टी

वजूहात ये एक तर्जुमा मसला है

ये नमूने इन तीनों चैलेंजों को पेश करती हैं जो उन्हें शनाख़्त करना चाहते हैं

  1. बाइबल में ख़ास अस्तीफ़ा को देखते वक़्त, ये हमेशा वाज़िह नहीं है कि एक दूसरे के साथ दो नज़रिए जोड़े जाते हैं मिसाल के तौर पर, ये फ़ौरी तौर पर वाज़िह नहीं हो सकता है कि ये ख़ुदा है जो मुझे एक बैलट की तरह ताक़त देता है (ज़बूर18:32 यू उल्टी अख़लाक़ी मयार के साथ लिबास जोड़ी पर मबनी है इस सूरत में, बैलट की तस्वीर ताक़त की नुमाइंदगी करता है (देखें "लिबास अख़लाक़ी मयार की नुमाइंदगी करता है बाइबल की तस्वीर इन्सान साख़ता आब्जेक्ट)
  2. किसी मख़सूस इज़हार को देखते वक़्त, मुतर्जिम को ये जानना ज़रूरी है कि ये किसी चीज़ की नुमाइंदगी करता है I मिसाल के तौर पे , चीराग एक तेल वाले डब्बे और उजाला देने वाले बत्ती या ज़िन्दगी देने वाले मिसाल की नुमायन्दगी करता है I(../figs-simetaphor/01.md))

1 किंगज़7:50 में, एक चिराग़ ट्रेमर , बत्ती को पतला करने का औजार है I 2 समोयल21:17 मैं इसराईल का चिराग़ बादशाह डेविड की ज़िंदगी की नुमाइंदगी करता है जब लोगो कह रहे थे की इस्रेअल का चीराग खतरे में है तो वो बादशाह के मौत की बात कर रहे है I

<ब्लाक कोट>कप, u> चिराग़ / u> ट्रेलरज़, बेसिन, चम्मच और बुख़ार बर्नरज़ सब ख़ालिस सोने से बना रहे थे (1 किंगज़7:50 यू उल्टी <ब्लाक कोट>

एशबेंबूब .. डेविड को मारने का इरादा लेकिन सेवन का बेटा एबीसी ने दाऊद को बचाया, फ़लस्तीन पर हमला किया और उसे मार डाला फिर दाऊद के मर्दों ने इस से वाअदा क्या, "आपको हमारे साथ लड़ने के लिए नहीं जाना चाहीए, ताकि आप इसराईल का चीराग जलता रहे . (2 समोयल21: 16-17 यू उल्टी

  1. जो तासुवारत , जोड़ों के ख़यालात पे है उन्हें अक्सर पेचीदा तरीके से जोड़ा जाता है I

ज्यादातर , उन्हें , आम इल्मी बयां और सक़ाफ़्ती मॉडलज़ से जोड़ा जाता है या बताया जाता है I

(मुलाहिज़ा करें बाइबल की तस्वीर आम मुमासिलत और बाइबल की तस्वीर सक़ाफ़्ती मॉडलज़)

मिसाल के तौर पर, जे़ल में2 समोयल14: 7 मैं " जलता हुआ कोयला “ बेटे की ज़िन्दगी को दिखाती है I वो बताती है की लोग अपने असिमे आबा को कब याद करते है Iइसलिए यहाँ जोड़ियों के दो हिस्सें है ,जलता हुआ कोयला और बेटे की ज़िन्दगी , और नेते की असीमे अब्बा के साथ के यादें I

वो कहते है ,” इस आदमी को हमारे हवाले कर डो जिसने अपने भाई को मारा है , ताकि हम उसे मौत के घात उतर सके और उसके भाई के मौत का बदला ले सके I और हम उसकी आने वाली पुश्त भी खत्म कर देंगे I इसलिए वो मेरे बचे हुए कोयले उस पे दाल देंगे , और अपने शौहर को ना ही नाम और ना ही औलाद के लिए छोड़ देंगे (2 समोयल14: 7 यू उल्टी

बाइबल में तसावीर की फ़हरिस्तों से रवाबित

मुंदरजा ज़ैल सफ़हात में कुछ ऐसे ख़्यालात की फ़हरिस्त मौजूद हैं जो बाइबल में दूसरों की नुमाइंदगी करते हैंI बाइबल की मिसाल के साथ साथ वो तस्वीर की किस्म के मुताबिक़ मुनज़्ज़म हैं I


बिबिलिकल तसवुरात – जानवर

This section answers the following question: ऐसे कोन से जानवर या जानवरों के जिस्म के हिस्से है जो की बाइबिल में तस्वीर के तौर पे इस्तेमाल हुए है I

बाइबल से कुछ तसावीर जिस्म के हिस्सों और इन्सानी ख़सुसीआत के बारे में हैं Iबराए हुरूफ़ लफ्ज़ सोच की नुमायन्दगी करते है I तमाम दार-उल-हकूमत ख़ुतूत में लफ़्ज़ एक ख़्याल की नुमाइंदगी करता है लफ़्ज़ हर आयत, जिसमें तस्वीर हो, में ज़ाहिर नहीं होता, लेकिन ये ख़्याल ये है कि लफ़्ज़ किस चीज़ की नुमाइंदगी करता है

एक मुनफ़रद हारन ताक़त की नुमाइंदगी करता है

ख़ुदा मेरा चट्टान है मैं इसमें पनाह लेता हूँ वो मेरी ढाल है, मेरी नजात, मेरा गहिरा और मेरी पनाह का सींग है

जो मुझे तशद्दुद से बचाता है (2 Samuel 22:3 ULT)

"मेरी नजात का सींग मज़बूत है ,जो मुझे बचाता है

वहां मैं दाऊद का सींग बढ़ाऊँगा (ज़बूर132: 17 ULT)

"डेविड का सींग बादशाह” दाऊद की फ़ौजी ताक़त है

परिंदे, ऐसे लोगों की नुमाइंदगी करती हैं जो ख़तरे और दिफ़ाई में हैं

ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ परिंदों को आसानी से फसयाँ जा सकता है

मेरे दुश्मनों ने मुझे बग़ैर किसी वजह से परिंदों की तरह बे-शक तौर पर शिकस्त दी है (तनाज़ा3:52 ULT)

शिकारी के हाथ से एक छोटे बरसिंघेकी तरह अपने आपको महफ़ूज़ करें जैसे परिंदा बहेलियों की हाथों से बचता है (इमसाल6: 5 यू ULT)

बहेलिया एक ऐसा शख़्स है जो परिंदों को पकड़ता है, और फन्दा इसका जाल

हमने परिंदे की तरह बहेलिये के फंदे से निकलना है फंदा टूट गया है, और हम फ़रार हो गए हैं (ज़बूर124: 7 ULT)

जो परिंदे मांस खाते है वो तेज़ी से हमला करने वाले परिंदे की इ करते है

हबीकक और हम्मास में, इसराईल के दुश्मन जो आने वाले हैं और उन पर हमला करते हैं उन्हें परिंदों से तशबीह किया जाता है

और उनके घोड़े बड़े फ़ासले से आते हैं, वो खाने के लिए ,जल्दी जल्दी बाज़ की तरह उड़ते हैं (हबकक1: 8 ULT)

एक बाज़ ख़ुदावंद के घर आ रहा है ... इसराईली ने,अच्छे को मुस्तर्द कर दिया और दुश्मन उस का ताकुब करेगा (हवस8: 1،3 ULT)

यसईआह में, ख़ुदा ने एक ख़ास ग़ैर मुल्की बादशाह को ,शिकारी परिंदा, क़रार दिया क्योंकि वो तेज़ी से आकर इसराईल के दुश्मनों पर हमला करेगा

मैं शिकारी परिंदों को, मशरिक से बुलाऊंगा ,वो door दराज जमीन से आया मेरी पसंद का आदमी होगा (यसईआह46:11 यू ULT)

एक परिंदे के पर उसकी हिफ़ाज़त की नुमाइंदगी करती है

ऐसा इसलिए है क्योंकि , परिंदे अपने पर अपने बच्चों पे फालके उनकी इफIज़त करते है I

मुझे ऐसे बचाओ जैसे में आपका पसंदीदा हु ; मुझे अपने परों के साये में छुपाएं उन कबीसों से जो मुझ पे हमला करते है , और उन दुश्मनों से जिन्होंने मुझसे घेर लिया (ज़बूर17: 8-9 ULT)

यहां एक और मिसाल ये है कि पर , हिफ़ाज़त हिफाज़त की नुमायन्दगी कैसे करते है

मुझ पर रहम करो, ख़ुदा, मुझसे रहम करो क्योंकि में आप में पनाह रखता हूँ जब तक कि ये मुश्किलात ख़त्म हो जाएं जब तक इस तबाही ख़त्म हो जाती है तो मैं आपके तहफ़्फ़ुज़ के ले-ए-रहता हूँ (ज़बूर57: 1 यू उल्टी

खतरनाक जानवर, ख़तरनाक लोगों की नुमाइंदगी करता है

ज़बूर में, दाऊद ने अपने दुश्मनों को शेरों कहा है

मेरी ज़िंदगी शेरों के बीच है मैं इन लोगों में हूँ जो मुझे खाने के लिए बेठे है मैं ऐसे लोगों में हूँ जिनके दाँत तीर और भाले हैं और जिनकी ज़बान तेज़ तलवार हैं आसमानों के ऊपर, ख़ुदा, बुलंद है(ज़बूर57: 4 यू ULT)

पीटर ने शैतान को एक दहाड़ता शेर बुलाया है

संजीदा रहो, बज़ाहिर रहो I आपका हरीफ - शैतान -एक दहाड़ते हुए शेर की तरह , किसिस को खाने के लिए ,इर्द-गिर्द घूम रहा है, (1 पीटर5: 8 यू ULT)

मैथीयू में, झूठे नबियों को भेड़ीयों बुलाया है , क्योंकि उन लोगों ने उनके झूटों लोगो को नुक़्सान पहुचाह्या है

झूटे नबियों से ख़बरदार रहो, वो जो भेड़ों के लिबास में आपको पास आते हैं, लेकिन असल में भेडियें होते है (मत्यु7:15 ULT)

मैथीयू में, यूहना बपतिस्म, ने मज़हबी रहनुमाओं को ज़हरीला साँप कहा है , क्योंकि उन्होंने गलत तालीम सीखा कर बहुत नुक्सान किया है I

लेकिन जब उन्होंने बपतिस्मा देने के लिए बहुत सी फ़रीसयों और सदूकयों को देखा, तो उनसे कहा, "आप ज़हरीली साँप के बच्चे हो, किसने आपको आने वाले कहर से आगाह किया था ? (Matthew 3:7 ULT

बाज़ , ताक़त की नुमाइंदगी करता है

वो आपकी ज़िंदगी अच्छी चीज़ों से मुतमइन करती है ताकि आपकी जवानी बाज़ की तरह हो जाये (ज़बूर103: 5 103:5 ULT)

खुदावंत के लिए ये कहो ,” देखो, दुश्मन ,बाज़ की तरह उड़ते हुए आयगा ,और अपने पर मोआब के पर फेलायेगा (यरमयाह 48:4040 ULT)

भेड़ या भेड़ का झुण्ड उन लोगो की नुमायन्दगी करता है जो की खतरे में है या जिनको जरूओरत है .

मेरे लोग खोए हुए झुण्ड हैं I उनके चरवाहों ने इन पहाड़ों में गुमराह किया है (यरमयाह50: 6 ULT )

उन्होंने अपने लोगों को भेड़ों की तरह बाहर निकाल दिया और उनकी रेह्नुमायीं एक जंगली झुण्ड की तरह की (ज़बूर78:52 ULT)

इसराईली एक भेड़ बिखरे हैं , और शेर उन्हें ले गए I सबसे पहले बादशाह असीरिया ने उन्हें खाया I इस के बाद, बब्यल्योंन के बादशाह नबूकदनज़र ने अपनी हड्डीयों को तोड़ा (यरमयाह50:17 यू ULT)

मुलाहिज़ा करें, मैंने तुम्हे भेड़ीयों के दरमयान, भेड़ों के तौर पर भेजा है , लिहाज़ा सांप की तरह चालक और बतख की तरह गैर मुज़र रहो I वो आपको अपने शुरा तक लेके जायेंगे और वो आपको उनके इबादत-गाहों में ले जाऐंगे (मति10:16 ULT)

बाईबल की मंज़र कशि - जिस्म के एहज़ा और इन्सानी ख़सुसियात

This section answers the following question: जिस्म के एहज़ा और इन्सानी ख़सुसियात की कुछ ऐसी मिसालें बताएं जो बाईबल में बतौर तसवीर इसतेमाल किया गया है?

तफ़सील

बाइबल से कुछ तसावीर जिस्म के हिस्सों और इन्सानी ख़सुसीआत में शामिल हैं, हरूफ़-ए-तहज्जी के हुक्म में जे़ल में दर्ज हैं तमाम दार-उल-हकूमत ख़ुतूत में लफ़्ज़ एक ख़्याल की नुमाइंदगी करता है लफ़्ज़ हर आयत में ज़ाहिर नहीं होता जिसमें तस्वीर है, लेकिन ये ख़्याल ये है कि लफ़्ज़ की नुमाइंदगी करता है

जिस्म लोगों के एक ग्रुप की नुमाइंदगी करता है

अब आप मसीह का बदन और इन्फ़िरादी तौर पर उस के अरकान हैं (1 कर नत्थियों12:27 यू उल्टी

बल्कि हम मुहब्बत में सच्च बोलते हैं और इस के तमाम सुरों में बढ़ते हैं जो मसीह, सर है मसीह एक दूसरे के साथ मोमिनों के पूरे जिस्म में शामिल हो जाता है ये हर हिमायत की अदम इतमीनान की तरफ़ से एक दूसरे के साथ मुनाक़िद होता है ताकि पूरे जिस्म में इज़ाफ़ा होता है और मुहब्बत मैं ख़ुद को बिना देता है (एफसियों4: 15-16 यू उल्टी

इन आयात में, मसीह की लाश लोगों के ग्रुप की नुमाइंदगी करता है जो मसीह की पैरवी करती है

फ़ीफ़ा किसी की मौजूदगी की नुमाइंदगी करता है

क्या तुम मुझसे डरते हो ये ख़ुदावंद का ऐलान है या मेरा चेहरा / u>से पहले है? (यरमयाह5:22 यू उल्टी

किसी के चेहरे से पहले उनकी मौजूदगी में होना ज़रूरी है, ये उनके साथ होना है

फ़ीफ़ा किसी की तवज्जा की नुमाइंदगी करता है

हर इसराईली घर जो अपने बुतों को अपने दिल में ले लेता है, या जो उस के चेहरे से पहले अपनी ग़लती का बाइस बनता है, और कौन उस के हुज़ूर नबी करीम सिल्ली अल्लाह अलैहि वाला वसल्लम के पास आता है इस के बुतों की तादाद के मुताबिक़ (एजुकेआल14: 4 यू उल्टी

किसी के चेहरे से पहले किसी चीज़ को ज़हन में डालने के लिए उसे ज़हनी तौर पर देखने या इस पर तवज्जा देना है

हुक्मरानी के बहुत से u>चेहरे तलाश करें, (इमसाल29:26 यू उल्टी

अगर कोई दूसरा फ़र्द का चेहरा ढूंढता है तो वो उम्मीद करता है कि शख़्स इस पर तवज्जा देगा

आप अपने चेहरे को छुपाएं / u>और हमारी मुसीबत और हमारे ज़ुलम को भूल जाते हैं? (ज़बूर44:24 यू उल्टी

किसी से किसी के चेहरे को छिपाने के लिए उसे नज़रअंदाज करना है

फ़ीफ़ा सतह की नुमाइंदगी करता है

पूरी दुनिया के क़हत पूरे u>चेहरे / u>था (पैदाइश41:56 यू उल्टी

वो चांद के u>चेहरा / u>से बाख़बर है और इस के बादलों को इस पर फैलाता है (मुलाज़मत26: 9 यू उल्टी

हैंड एक फ़र्द की एजैंसी या ताक़त की नुमाइंदगी करता है

मेरे दुश्मनों के ज़रीया ख़ुदावंद ने मेरे हाथ से फुट दिया है (1 तारीख़14:11 यू उल्टी

"ख़ुदावंद अपने हाथों से मेरे हाथों से फट गया है. का मतलब ये है कि "ख़ुदावंद ने अपने दुश्मनों के ज़रीये फटाने का इस्तिमाल किया है.

आपका हाथ आपके सब दुश्मनों को ज़ाए करेगा आपके दाएं हाथ / u>आपको नफ़रत करने वालों को ज़ाए कर देगा (ज़बूर21: 8 यू उल्टी

"तुम्हारा हाथ सभी दुश्मनों को ज़ाए करेगा का मतलब है "आपकी ताक़त से आप अपने तमाम दुश्मनों को ज़ाए करेंगे

देखो, u>ख़ुदावंद का हाथ / u>इतनी मुख़्तसर नहीं है कि ये बच्चा नहीं सकता (यसईआह59: 1 यू उल्टी

"इस का हाथ मुख़्तसर नहीं है का मतलब ये है कि वो कमज़ोर नहीं है

सरबराह हुकमरान की नुमाइंदगी करता है, जो दूसरों पर इख़तियार करता है

ख़ुदा ने मसीह को हर चीज़ का सामना करना पड़ा है और मसीह ने उसे चर्च में हर चीज़ पर सर बना दिया है, जिसका जिस्म है, जो उस के जिस्म में है (एफसियों1:22 यू उल्टी

बीवी अपने शौहरों के साथ, रब के तौर पर होना चाहीए क्योंकि शौहर की बीवी का सर / u>है, जैसा कि मसीह भी कलीसिया के सर है और वो जिस्म के नजातदिहंदा है (एफसियों5: 22-23 यू उल्टी

एक मास्टर ऐसी चीज़ों की नुमाइंदगी करता है जो किसी को किसी को अमल करने में हौसला-अफ़ज़ाई करता है

किसी को भी u>दो मास्टर्ज़ / u>की ख़िदमत नहीं कर सकती है, या तो वो किसी से नफ़रत करता है और दूसरे से मुहब्बत करेगा, या फिर वो एक से वक़्फ़ किया जाएगा और दूसरे को नापसंद करेगा आप ख़ुदा और माल की ख़िदमत नहीं कर सकते (मति6:24 यू उल्टी

ख़ुदा की ख़िदमत करने के लिए ख़ुदा की तरफ़ से हौसला-अफ़ज़ाई की जा रही है पैसे की ख़िदमत करने के लिए पैसे की तरफ़ से हौसला-अफ़ज़ाई की जा रही है

एकNAME इस शख़्स की नुमाइंदगी करती है जो इस का नाम है

अपने ख़ुदा से आपका नाम सुलेमान का नाम आपके नाम से बेहतर हो सकता है, और इस का तख़्त अपने तख़्त से कहीं ज़्यादा है 1 बादशाहत1:47 (यू उल्टी

देखें, मैंने अपने अज़ीम नाम की तरफ़ से क़सम खाया है / u> - ख़ुदावंद मिस्र के तमाम मुल्कों में यहूदाह के किसी भी ख़ादिम के ज़रीया अब मेरा नाम / u>नहीं कहा जाएगा "(यरमयाह44:26 यू उल्टी

अगर किसी का नाम बहुत अच्छा है, तो इस का मतलब है कि वो बहुत अच्छा है

अपने ख़ादिम की नमाज़ और अपने खादिमों की दुआ करो जो आपके नाम का एज़ाज़ / u> .... नहमियाह1:11 (यू उल्टी

किसी के नाम का एहतिराम करना उस का एहतिराम करना है

एकNAME एक शख़्स की नामुमकिन या शौहरत की नुमाइंदगी करता है

आपको अपने तोहफ़े और बुतों के साथ अब आपको मेरा नामुमकिन u>मुक़द्दस नाम / u>नहीं होना चाहीए एजेकेल20:39 (यू उल्टी

ख़ुदा के नाम को नेक अमल करने के लिए उनकी साख की तारीफ़ करना है, यही है कि किस तरह लोगों को इस के बारे में सूचना है

क्योंकि में u>मेरा अज़ीम नाम / u>मुक़द्दस बनाऊँगा, जिसने आपने क़ौमों के दरमयान बदनाम किया है ... ययज़ीलील36:23 (यू उल्टी

ख़ुदा का नाम-ए-मुक़द्दस बनाने के लिए लोगों को ये देखना है कि ख़ुदा पाक है

आपके ख़ादिम आपके ख़ुदा के नाम u>के नाम की वजह से बहुत दूर दूर से यहां आए हैं हमने उस के बारे में और मिस्र में क्या सब कुछ के बारे में एक रिपोर्ट सुनी है (यशवा9: 9 यू उल्टी

हक़ीक़त ये है कि मर्दों ने कहा कि उन्होंने ख़ुदावंद के बारे में एक रिपोर्ट सुनी है कि "ख़ुदावंद का नाम की वजह से ख़ुदावंद की इज़्ज़त की वजह से

NOSE ग़ुस्सा की नुमाइंदगी करता है

इस के बाद .. दुनिया की बुनियादें आपकी लड़ाई रोईं, ख़ुदावंद आपके निचोड़ / u>के सांस के धमाके पर सामने आए (ज़बूर18:15 यू उल्टी

आपके निचोड़ूँ / u>के धमाके से पानी पले गए थे ... (सोर्स15: 8 यू उल्टी

तंबाकू नोशी u>इस के निचोड़ूँ से बाहर चले गए, और आग लगाने वाले अपने मुँह से बाहर आ गए ... (2 समोयल22: 9 यू उल्टी

... ख़ुदावंद यहूवाह का ऐलान ये है 'मेरे ग़ुस्सा में आपके निचोड़ / u>पैदा हो जाएगा (एजुकेआल38:18 यू उल्टी

किसी की नाक की वजह से हुआ या धुआँ का धमाका उनके बड़े ग़ुस्सा से ज़ाहिर होता है

राज़ी करदा इअस मोहलिक की नुमाइंदगी करते हैं

लेकिन आप उन लोगों के साथ फ़ख़र करते हैं जिन्हों ने फ़ख़र, उजागर आँखें / u>! (ज़बूर18:27 यू उल्टी

उभरती हुई आँखें ज़ाहिर करती हैं कि एक शख़्स फ़ख़र है

ख़ुदा फ़ख़र आदमी को ग़ुस्से देता है, और वो u>कम आँखें / u>के साथ बचाता है (मुलाज़मत22:29 यू उल्टी

कम आँखों से ज़ाहिर होता है कि एक शख़्स नेक है

समेटिंग का बेटा उस की ख़सुसीआत का हुसूल करता है

नहीं u>बदकारी का बेटा / u>इस पर ज़ुलम करेगा (ज़बूर89: 22 ब यू उल्टी

बदकारी का बेटा बदउनवानी शख़्स है

क़ैदीयों के लालच आपसे पहले आते हैं अपनी ताक़त की अज़मत के साथ u>मौत के बच्चों को / u>ज़िंदा रखना (ज़बूर79:11 यू उल्टी

मौत के बच्चों यहां लोग हैं कि दूसरों को क़तल करने की मंसूबा बंदी है

हम सब एक ही वक़्त में इन काफ़िरों के दरमयान थे और अपने गोश्त की बुराई ख़ाहिशात के मुताबिक़ काम करते थे, जिस्म और दिमाग़ की मर्ज़ी कर रहा था, और हम दूसरों की तरह फ़ित्रत के फ़ित्रत की तरफ़ से थे (एफसियों2: 3 यू उल्टी

ग़ज़ब के बच्चे यहां ऐसे लोग हैं जिनके साथ ख़ुदा बहुत नाराज़ है

तर्जुमा की हिक्मत-ए-अमली

(बाइबल की तस्वीर आम पैटर्न (../bita-part1/01.md) पर तर्जुमा हिक्मत-ए-अमली मुलाहिज़ा करें


बिब्लिकल तस्वीरात – खेती

This section answers the following question: बाइबिल के तस्वीरों में से खेती से कोण से मिसाल लिए गए है ?

बाइबल से मुताल्लिक़ कुछ तसावीर जे़ल में दर्ज हैं I तमाम दार-उल-हकूमत ख़ुतूत में लफ़्ज़ एक ख़्याल की नुमाइंदगी करता हैI लफ़्ज़ हर आयत, जिसमें तस्वीर है, में ज़ाहिर नहीं होता, लेकिन ख़्याल यह है कि लफ़्ज़ ज़ाहिर होता हैI

एक फ़रियार, ख़ुदा की नुमाइंदगी करता है, और वेंडार्ड अपने मुंतख़ब करदा लोगों की नुमाइंदगी करता है

मेरा प्यारे महबूब के पास एक बहुत ज़रई पहाड़ी पर अंगूर का बाग़ था उसने वहां खुदाई की और पत्थरों को हटा दिया, और ये बेहतरीन इंतिख़ाबी अंगूर लगाया उसने उस के वस्त में एक मीनार बनाया, और ये भी एक वाइन निकलने की मशीन के शक्ल में बनाई उसने अंगूर पैदा होने का इंतिज़ार किया, लेकिन वहां जंगली अंगूर हुए (यसईआह5: 1-2)

<ब्लाक कोट > जन्नत की बादशाही के लिए, यह एक ज़मीन दार की तरह है जो सुबह के वक़्त बाहर निकल कर अपने अंगूर के बाग़ीयों को मुलाज़िम ले कर आता है (मति20: 1 यु अल टी)

एक आदमी था, उसके पास वसीअ पैमाने पर ज़मीन थी I उसने वहन अंगूर का बाग़ लगाया, उस के बारे में एक हुजूम मुक़र्रर किया , इस में वाइन निकलने वाली मशीन लगायी , एक घड़ी-मीनार की तामीर की, और किसानों को अंगूर की खेती करने के लिए किराये पर लेकर आया फिर वो किसी दूसरे मुल्क में चला गया (मति21:33 यू अल टी)

ज़मीन लोगों के दिलों की नुमाइंदगी करता है (अंदरूनी )

क्योंकि यहूदा , यरूशलम में हर एक को ये कहता है कि 'अपनी ज़मीन को अपनाओ

और कांटे मत बोओं (यरमयाह4: 3 यू यू अल टी)

<ब्लाक कोट > जब कोई बादशाह का लफ़्ज़ सुनता है ,लेकिन उसे समझ में नहीं आता ... ये वही बीज है जो सड़क के क़रीब बोयें गए है I वो शख़्स जो लफ़्ज़ सुनता है और फोरा ख़ुशी से उसे समझता है , वो पथरीले पहाड़ों पे बोये बीज है I ... कटीले पौधों में जो बोया गया था, ये वही शख़्स है जो लफ़्ज़ तोह सुनते है, लेकिन दुनिया की निगहदाशत और धोकाधरी और अमीरोंकी दौलत के सामने इन्हें वो सुनाई नहीं देते है , ... जो बीज अच्छी मिट्टी पर किया बोया गया था, ये वही शख़्स है जो लफ़्ज़ सुनते और उसे अच्छी तरह समझते है (मति13: 19-23 यू अल टी)

आपकी नापाक ज़मीन को तोड़ दीजिये क्योंकि ये ख़ुदावंद की तलाश का वक़्त है ... (होसीया10:12 यू अल टी)

बोना ,आमाल या रवैय्ये की नुमाइंदगी करता है, और काटना इनाम की नुमाइंदगी करता है

मैंने जो कुछ देखा है इस की बुनियाद पर, जिन्हों ने बदकारी को ज़ाए किया और मुसीबतें बोई हैं वो वही काटेंगे (मुलाज़मत4: 8 यू अल टी )

धोका ना दो I ख़ुदा का मजाक नहीं बनाया जाता हैI जो कुछ भी इन्सान बोयेगा वही कटेगा I क्योंकि जिसने अपने गुनाह की नौईयत से बीज बोए है वो तबाही की फसल कटेगा I लेकिन जो रूह के लिए बोज्हता है वो रूह से अबदी के लिए ज़िंदगी को बचाएगा (ग़लतीयों6: 7-8 यू अल टी )

फटकना और बिछना, अच्छे लोगों की बुरे लोगों से अलैहदगी की नुमाइंदगी करता है

किसान फसल की कटाई के बाद उसे किसी चपटे और सख्त सतह, बिछने के लिए आंगन में , लाते है I उनके पास बेलों से चलने वाली भारी पहिया गाडी होती है I या सिल्लियों के बग़ैर पहीयों वाले मशीन से से वो अनाज को भूसों से अलग कर देते है I वो उस बीचे हुए अनाज को बहार ले जाते है और हवा के रुख में गिरते है ,जिस से अनाज फटका जाता है I गीरे हुए अन्नाज को वो समेत लेते है , ये अब खाने लायक हो गया है ( फटकने और बेचने वाले तर्जुमा के पन्ने को देखें ट्रांसलेशन वर्ड्स)

लिहाज़ा में उन्हें ज़मीन के दरवाज़ों पर एक पचासगर के साथ जीत दूंगा मैं उन्हें बर्दाश्त करूँगा मैं अपने लोगों को तबाह करूँगा क्योंकि वो अपने तरीक़ों से नहीं निकलेंगे (यरमयाह15: 7 यू एल टी )

<ब्लाक कोट > उसका बेचने वाला कांता उसके पास है , जिससे वो फटके हुए अन्नाज को साफ़ कर के अपने गोदाम में जमा कर लेता है I लेकिन वो भूसे को आग लगा देगा ताकि वो ज़हमत ना दे (लूका3:17 यू एल टी ) <ब्लाक कोट >

कलमें लगाना , ख़ुदा की तरफ़ इशारा करता है ,कि वो ग़ैरत लोगों को , अपना बनने की इजाज़त देता है I

क्योंकि अगर तुम फ़ित्रत की तरफ़ से एक जंगली ज़ैतून के दरख़्त से काट रहे हो , और फ़ित्रत के बरअक्स अच्छे ज़ैतून के दरख़्त की कलमें लगा रहे हो , तो कितने यहुन्दियों को , जो की जैतून के दरख़्त के अलसी टहनियां है , उनकी कलमें लगनी होंगी ? भाईयों ,क्योंकि में नहीं चाहता कि आप इस इसरार से बे-ख़बर रहे I नहीं तो आप अपनी सोच में दानिश्वर नहीं होंगे I ये इसरार ये है कि इसराईल में जुज़वी सख़्ती हुई है, जब तक कि ग़ैर मुल्कीयों की तकमील नहीं आई (रोमीयों11: 24-25 यू एल टी )

बारिश , अपने लोगों को ख़ुदा के तहाइफ़ की नुमाइंदगी करता है

... वो आता है और आप पर नेक अमल की बारिश होती है (हवस10:12 यू एल टी )

<ब्लाक कोट > जमीन जो बारिश का सारा पानी पी जाती है ,और जो पौधों को जानती है , उनके लिए ये बहुत जरूरी है जो की जमीन पे काम करते है और जिनपे खुदा की करमत है I पर अगर इस पे कांटे और झाड़ियाँ हैं तोये नाकाबिले इस्तमाल है और ये खुदा का कहर है I जलना ही उसका आखिरी अंजाम है I (इब्रानियों6: 7-8 यु एलटी )<ब्लाक कोट >

तो, भाईयों को सब्र करो, जब तक रब की आमद ना हो Iदेखो, किसान ज़मीन से काबिल-ए-क़दर फसलों का इंतिज़ार कर रहा है वो सब्र से इस का इंतिज़ार कर रहा है, जब तक इबतिदाई या देर से बारिश ना हो जाये (जेम्ज़5: 7 यु एलटी)


बिबिलिकल जेहनी तसावरत – इंसानी रादे अमल

This section answers the following question: वो क्या चीज़ें है जो लोग करते है , जिनका बाइबल में तसावीर के तौर पर इस्तिमाल किया गया है I

बाइबल के कुछ तसावीर जिनमें इन्सानी रवैय्ये शामिल है वो नीचे फेहरिस्त में दर्ज है I बराये हुरूफ़ लफ्ज़ , तस्वीरों के लिए मुस्तामल हैं I लफ़्ज़ हर आयत , जिसमें तस्वीर है,में ज़ाहिर नहीं होते I लेकिन ये ख़्याल ये है कि लफ़्ज़ उनकी नुमाइंदगी करते है I

बीइंग बेंट ओवर , नौमीदगी की नुमंदगी करता है I

ख़ुदावंद हर ऐसे शख़्स की हिमायत करता है जो गिरते हुए , और झुके हुए तमाम लोगों को उठाता है Iझुके हुए . (Psalm 145:14 ULT)

पैदाइश के वक़्त का दर्द , इस बात की नुमेंदगी करता है की , नयी तरबियत के लिए ये अज़ीयत झेलना होगा I

पैदाइश के लिए दर्द और मेहनत में रहो / u>،ज़िओन की बेटी , जैसे एक औरत वजा हमाल का दर्द सहती है I क्योंकि अभी के लिए तुम शहर से निकल जाओगे, मैदान में रहोगे और बबिलोनिया जाओगे . आपको वहां बचा लिया जाएगा वह ख़ुदावंद तुझे तेरे दुश्मनों से बचाएगा (मीका4:10 ULT)

कौम के लिए कौम के खिलाफ , और सल्तनत को सलतनत के खिलाफ, खड़ा होना होगा Iमुख़्तलिफ़ जगहों में क़हत और ज़लज़ला आएगाI लेकिन ये सब चीज़ें सिर्फ, वजा हमाल के दर्द की शुरुआत है . ( मैथ्यू 24:7-8 ULT)

मेरे बच्चों , में एज़ियत में हु < वजा हमाल का दर्द फिर से सह रही हु , जब तक कि आप मसीह में क़ियाम ना होंगे ! ( गलाटियन्स 4:19 ULT)

बीइंग कॉल्ड समथिंग , उस चीज़ की नुमायन्दगी करता है

इसराईल का मुक़द्दस आपका नजातदिहंदा है; उसे पूरी दुनिया का ख़ुदा कहा जाता है (यसईआह 54: 5 बी ULT)

क्योंकि वो असल में पूरी दुनिया का ख़ुदा है

जो दिल में अक़लमंद है वो समझता है, (इमसाल16: 21a ULT)

क्योंकि वो असल में समझदार है

उसे ...ऊपर वाले का बीटा बुलाया जायेगा (लूक 1:32 ULT)

क्योंकि वो असल में ऊपर वाले का बेटा है

तो पैदा होने वाला मुक़द्दस शख़्स ख़ुदा का बेटा कहा जाएगा (लूक1:35 ULT)

क्योंकि वो असल में ख़ुदा का बेटा है

हर मर्द जो रेहम खोलता है उसे ख़ुदावंद के लिए वक़्फ़ किया जाएगा (लूक 2:23 ULT)

ऐसा इसलिए क्योंकि वो असल में ख़ुदावंद के लिए वक़्फ़ है

पाक अमल ,ख़ुदा की मक़ासिद के लिए काबिल-ए-क़बूल होने की नुमाइंदगी करता है

नोआह ने ख़ुदावंद के लिए एक क़ुर्बान गाह बनाया है I उसने कुछ पाक साफ़ जानवरों और बाअज़ को पकड़ा है I और क़ुर्बान गाह पर जाती हुई क़ुर्बानी पेश की है I ख़ुदावंद ने ख़ुशबूदार ख़ुशबू बख़शी .. (जेनेसिस 8:20 ULT)

मसीही पेशवा सातवें दिन जाँच करेगा की , बीमारी बेहतर है और जल्द में कहीं ज़्यादा फैला नहीं है I अगर बीमारी नहीं फैली होगी टो मसीही पेशवा उसे साफ़ करार देगा I यह एक जिल्द की रगड़ है I उसे अपने कपडे जरूर धोने चाहिए , उसके बाद वो साफ़ होगा ( लेवितिकस 13:6 ULT)

सफाई और सफाफ ख़ुदा के मक़ासिद के लिए काबिल-ए-क़बूल चीज़ बनाने की नुमाइंदगी करता है

उसे ख़ुदावंद के सामने ,  क़ुर्बान गाह  जाना होगा और उसके लिए कफारा करना होगा , से बेल के ख़ून और कुछ बकरी का ख़ून लेकर उसे क़ुर्बान गाह के सींगों पर डाल देना होगा I उसे अपनी उँगलियों से कुर्बान गह पे सात बार खून छिड़कना होगा  , जिससे वो जगह साफ़ हो जाएगी और उसे ख़ुदावंद को वक़्फ़ करना होगा I यह सब इजराइल के लोगो के नापाक हरकतों से door होना चाहिए I (लेवितिकस 16:18-19 ULT)

<ब्लाक क़्क्युओत > ये है क्योंकि उस दिन की तवक़्क़ुआत  आपके लिए जायेगा , ताकि आपके आपके सभी गुनाहों से पाक साफ़ किया जाये ताकि आप उस दिन खुदाबन्द के सामने पाक होंगे I(लेवितिकस 16:30 ULT)

ग़ैर जांबदारी ख़ुदा की मक़ासिद के लिए क़बूल नहीं होने की नुमाइंदगी करता है

आप किसी भी जानवर को खा सकते हैं जिसमें मुन्तशिर खर हैं और जो नसवार चबाता है I बरहाल कुछ जानवर में मुन्तशिर खर होते है या वो चारा चबतें है , और u> आप उन्हें नहीं खा सकते हैं I जैसे की ऊंट जो की चारा चबाता है पर उसके मुन्तशिर खर नहीं होतें है , तो ऊंट आपके लिए नापाक है / u>. (लेवितिकस 11: 3-4 ULT)

और अगर उनमें से कोई मर जाता है और किसी चीज़ पर गिर जाता है, तो वो चीज़ u> नापाक / u> हो जाएगी , चाहे वो लक्कड़ी, कपड़े, चमड़े या ककर से बना हुआ हो I चाहे जो कुछ भी है और जो कुछ इस्तिमाल किया जाता है ,उसे पानी में डालना चाहिए; ये शाम तक <नापाक / u> रहेगा I इसके बाद ये u> साफ़ / u> हो जाएगा (लेवितिकस 11:32 ULT)

किसी चीज़ को नापाक बनाना , खुदा ये ख़ुदा के मक़ासिद के लिए नाक़ाबिल-ए-क़बूल बनाने की नुमंदगी करता है I

या अगर किसी ने किसी ऐसी चीज़ को छुआ है , जिसे ख़ुदा ने u> नापाक / u> नामज़द किया है, चाहे वो जंगली या मवेशी जानवरों की लाशें हो या रेंगते जानवर हो , चाहे सख्श उसे छूने का इरादा ना रखता हो , , तो वो <नापाक है / u> और u> कसूरवार / u> है (लेवितिकस 5: 2 यू ULT)

किसि चीज़ से door होने की पेशकश उससे अलग होने की नुमाइंदगी करता है I

राजा उज्ज़ियाह , को उसकी मौत के दिन तक कुरहे की बीमारी थी , वह एक अलग कमरे में रहा , इसकेलिए वो ख़ुदावंद के घर से अलग कर दिया गया . (2 क्रिनिकालेस 26:21 ULT)

किसी को असे मार लग कर देना उसे मार देने की नुमायन्दगी करता है I

तो तुम्हे सबथ रखना चाहिए , तुम्हे इसे पाक समझना चाहिए ,ये दिन उसके लिए हैI जो भी इसे दागदार करेगी उसे मौत के घाट उतर देना चाहिए I जो सबथ के दिन काम करेगा उसे अपने लोगों से दूर कर देना चाहिए I (एक्सोडस 31:14-15 ULT)

जो भी उस दिन माकूल नहीं रहेगा उसे अपने लोगो से अलग कर दिया जायेगा . जो भी इस दिन काम करेगा उसे और उसके लोगों को ख़ुदावंद, तबाह करेगा / ( लेवितिकस Leviticus 23:29-30 ULT)

पर उसे वहां के बाशिंदों से दूर कर दिया गया ( यशायाह 53:8 ULT)

किसी के लिए आके खड़ा होना , ख़िदमत करने की नुमाइंदगी करता है

आपके लोगों की कितनी बरकत है , आपके खादिमों की कितनी बरकत है , जो की मुसलसल आपकी हिक्मत सुनते हैं (1 Kings 10:8 ULT)

.आपसे पहले आपकी अह्द वफ़ादारी और अमानत u> आती है (Psalm 89:14 ULT

अह्द वफ़ादारी और एतिमाद भी यहां ,इंसानी खसूसियत की बात है (मुलाहिज़ा करें शख़्सियत)

नशा मुतासिर होने की नुमाइंदगी करता है और वाइन फैसले की नुमंदगी करता है I

बहुत ज़्यादा वाइन एक शख़्स को कमज़ोर बना देता है लिहाज़ा, जब ख़ुदा लोगों पे फैसला करता है , तो वो कमज़ोर और मुहासिराबने होते हैं I लिहाज़ा वाइन का ख़याल-ए-ख़ुदा के फ़ैसले की नुमाइंदगी करने के लिए इस्तिमाल किया जाता है I

आपने अपने लोगों को शदीद चीज़ें दिखाई हैं आपने हमें बना दिया है हीरा कुन की वाइन पिए . (Psalm 60:3 ULT)

ज़बूर से एक और मिसाल

लेकिन ख़ुदा क़ाज़ी है वो ही किसी को नीचे लाता है और एक दूसरे को ऊपर उठाता है क्योंकि ख़ुदावंद अपने हाथ में , वाइन डालने के लिए, एक कप रखता है उसे मसलों के साथ मिला के उड़ेलते हैं I यक़ीनन, जमीन के सारे कबीस इसे , आखिरी बूँद तक पियेंगे I

इजहारे मिसाल

वो खुदा के कहर का वाइन भी पिएगा , वो वाइन जिसे बनाके , बिना किसि मिलावट के उसके कहर के प्याली में डाला गया है (रिविलिशन 14:10 ULT)

खा जाना , तबाही की नुमंदगी करता है

खुदा ने [ इजराइल] को मिस्त्र से बहार किया उसमें एक जंगली सांड जैसी ताकत है वह उस कौम को खा जायेगा जो उसके खिलाफ लडेगा वह उनकी हड्डियों के टुकड़े कर देगा वह अपने तीर से उन्हें मार देगा . Numbers 24:8 ULT)

खा जाने के लिए दूसरा शब्द है तबाह कर देना

इसलिए जैसे ही जबान आग उगलती है , छिलके और सूखे घास के ढेर में आग लग जाती है I तो उनके जड़ जलेंगे और उनकी फूल धूल की तरह धड़केंगे (Isaiah 5:24 ULT)

यशायाह से एक और मिसाल

इसलिए खुदावंत ,रेजिन के मुखालिफ उठेगा और अपने दुश्मनों को इस्तिआल दिलाएगाI अरमेंस मश्रिब और फिल्लिस्तिन मगरिब की तरफ है वो इजराइल को मुंह खोल के हरप जायेंगे

देउतेरोनोमी से एक मिसाल

में अपने तीर बनूंगा जो खून पीयेंगे और मेरी तलवार गोश्त खायेंगे मरे हुए और कैदी के खून से दुश्मन के रहनुमाओं के सर के साथ (देउतेरोनोमी 32:42 ULT)

गिरना या किसी पे आना ,असर होने की नुमायन्दगी करता है

खुदावंत ने गिरते हुए सख्श को गहरी नींद में दाल दिया I इसलिए सख्श सो गया ( जेनेसिस2:21 ULT)

उसकी मुख्तारियत तुम्हे डराएगी ? क्या उसका खौफ तुमपे नहीं गिरेगा ? ? (Job 13:11 ULT)

तब खुदावंत की रूह मुझपे गिर्गायी और मुझसे कहा ,,,,(एजेकील 11:5 ULT)

अब देखो , खुदा का हाथ तुम पे हो , अब तुम अंधे हो जाओगे ( एक्ट 13:11 ULT)

किसी का इतात करना , वफादारी की नुमायन्दगी करता है

वो खुदावंत , उनके आबा ओ अजदाद का खुदा, जो उन्हें मिस्त्र से बहार लाया था ,से दूर हो गए I वो और खुदाओं की खोज में निकल गए ,और उनके सामने सजदा कर लिया I उन्होंने खुदावंत को गुस्सा दिलाया क्योंकि वो खुदावंत से दूर हो गए और बाल और अश्टोरेथ की इबाबबत करने लगे I

मेरे ख़ादिम क़ालिब के सिवा ,जो भी मुझे नापसंद करता है वो ये नहीं देख सकता , क्योंकि उस की रूह में कोई और है I उसने मेरी मुकम्मल तौर पर पैरवी की है , में उसको उस मुल्क में ले जाऊंगा जहाँ उसने जमीन परखी थी I  उसके औलाद उस ज़मीन के मालिक होंगे I ( नंबर्स 14:23-24 ULT)

बादशाह के खिदमत दारों से पहले या उनके साथ जाना , उसके खिदमत की नुमायन्दगी करता है

देखो, उसका इनाम उसके साथ है और उसकी सजा उससे आगे है . (Isaiah 62:11 ULT)

नेकी उसके आगे चलेगी और उसके क़दमों के लिए राह बनाएगी (Psalm 85:13 ULT)

वेर्सायियत ,उसका मुश्ताकम मालक होना है

इस के बाद बादशाह अपने दाएं हाथ में बेठे लोगो से कहेंगे से कहेंगे, "आजाओ, आप को मेरे ,आबा ओ अजदाद, की तरफ़ से बरकत हुई हैI दुनिया की बुन्याद से आप के लिए मुल्क तैयार है I. (Matthew 25:34)

ख़ुदा की मुकम्मल हुक्मरानी की बरकत को उन लोगों को मुस्तक़िल क़बज़े के तौर पर दिया जाता है , जिनसे बादशाह बोलता है I

अब में ये कहता हूँ, भाईयों और बहनों, जो गोश्त और ख़ून ख़ुदा की बादशाही नहीं है / u>. वो ना सिर्फ ख़राब है u> विरसा / u> नाक़ाबिल-ए-यक़ीन है (1 Corinthians 15:50 ULT)

लोग अपनी मुकम्मल शक्ल में ख़ुदा की बादशाही मुस्तक़िल क़बज़े के तौर पर नहीं हासिल कर सकते हैं जनतक वो उनकी फानी जिस्म में है I

विरासत ,  ऐसी चीज़ है जो मुस्तक़िल तौर पर किसी के पास है

आप उन्हें लेके जायेंगे और पहाड़ों पे , अपने विरसा में , उन्हें बसायेंगे ( एक्सोडस 15:17 ULT)

पहाड़ी जहां ख़ुदा की इबादत की जाएगी , उसे उसके मुस्तक़िल मल्कियत के तौर पर देखा जायेगा I

हमारी बदकारी और हमारे गुनाह को माफ़ करो, और हमें अपनी विरासत मैं लो ( एक्सोडस 34:9 ULT)

मोसेस खुदा से पूछता है की क्या वो अभी तक इजराइल के लोगो को अपनी पनाह में ले रहे है , जैसे की वो लोग हमेशा उनके ही थे I

उसके जलाल की शरीयत ,उन लोगो के दरमियान है , जिन्हें अलग कर दिया गया है I (एफेसियंस 1:18 ULT)

वो हैरत-अंगेज़ चीज़ें जो ख़ुदा उन लोगो को देगा जिन्हें आग कर दिया गया है , उसे उनकी मुस्तक़िल क़बज़ा के तौर पर देखा जायेगा

एक वारिस वो है जो मुस्तक़िल तौर पर किसी चीज़ का मालिक है

क्योंकि ये क़ानून के ज़रीया नहीं था, जो वाअदा इबराहीम और उस के औलाद को दिया गया था, वो वादा था कि वो दुनिया के वारिस होंगे (रोमन्स 4:13 ULT)

ये वाअदा ये था कि इबराहीम और इस का बेटा मुस्तक़िल तौर पर पूरी दुनिया पे काबू करेगा

खुदा हमसे अपने बेटे के ज़रिये हमसे बात करता है , जिसे उसने हर चीज़ का वारिस बनाया है ( हिब्रू 1:2 ULT)

ख़ुदा का फ़र्ज़ंद हर चीज़ को मुस्तक़िल मिल्कियत के तौर पर हासिल करेगा

ये नूह का ईमान था कि.... उसने दुनिया की मुज़म्मत की और अक़ीदत से आये नेकी और ईमान से ,दुनिया के वारिस बन गए (हिब्रू 11:7 ULT)

नोआह ने नेकी मुस्तक़िल मल्कियत में पाई है

लेट जाना मरने की नुमायन्दगी करता है

जब आपके दिन पुरे हो जाऐंगे और आप अपने आबा ओ अजदाद के साथ लेटे होंगे , मैं उठूँगा और आपके बाद एक नयी नसल परस्ती करूँगा

उनसे पूछें, 'क्या आप वाक़ई औरों से ज़्यादा ख़ूबसूरत हैं? जाओ और ग़ैर जांबदार के साथ लेट जाओ वो तलवार से मारे लोगों के बीच में गिर जायेंगे ! मिस्त्र तलवार को मिलेगी , उसके दुश्मन उसे और उसके खादिमों को पकड़ लेंगे ( ईजेकील 32:19-20 ULT)

हुकूमत और अक्सरियत करना ,इक्तियार की नुमायन्दगी करता है I

ये इसलिए हुआ क्योंकि , मौत पे गुनाह की हुकूमत होती है I तब भी जीसस क्रायेस्ट , हमारे वसीला के ज़रीया दाइमी ज़िंदगी पे , रहम करें ( रोमन्स 5:21 ULT)

लिहाज़ा आपको अपने जिस्मानी जिस्म में गुनाह u> क़ायदा / u> को मात देना होगा , ताकि आप उस की ख़ाहिशात की इताअत कर सके (रोमन्स 6:12 ULT)

आराम या अर्रम करने की जगह मुस्तक़िल फ़ाइदामंद सूरत-ए-हाल की नुमाइंदगी करता है

नाओमी , उसकी सास ने इस से कहा, "मेरी बेटी,क्या मुझे आपके लिए जगह नहीं तलाशनी चाहिए /> ، ताकि चीज़ें आपके लिए ठीक रहे ?( रुथ 3:1 ULT)

इसलिए मेने एहद किया था की , वो कभी मेरे आरामगाह में ना घुस सके . (प्साल्म 95:11 ULT)

ये मेरी आरामगाह है , में हमेशा यही रहूंगी , क्योंकि में उसे चाहती हूँ [ ज़िओन](प्साल्म 132:14 ULT

blockquote>कौमें उसकी तलाश करेगी और उसकी अरम्दाह जगह शानदार होगी ( यशायाह 11:10 ULT)

खड़े होक उठाना , कुछ करने की नुमायन्दगी करता है

जागो हमारी मदद के लिए और अपने अह्द वफ़ादारी के waste हमें निजात दे ( प्साल्म 44:26 ULT)

कुछ देखना वहां होने की नुमाइंदगी करता है

जो शख़्स आपमें वफ़ादारी देखायेगा उसे आप कभी नहीं छोड़ोगे ( प्साल्म 16:10 ULT)

बेचना किसी को इख्तियार देने की नुमायन्दगी करता है

[Yahweh] फ़रोख़त ने [इसराईल के लोगों को] आराम ना हरीम के बादशाह कोशन रशीतेम के हाथ में बेच दिया ( जजेस 3:8 ULT)

बेठना , काबिज़ होने की नुमायन्दगी करता है

अह्द वफ़ादारी में एक तख़्त क़ायम किया जाएगा और  दाऊद के खे़मे में से एक ,काबिले एतेमाद तौर पे , वहां बेठेगा (यशायाह 16:5 ULT)

खड़ा होना कामयाबी से मुज़ाहमत की नुमाइंदगी करता है I

तो बदकार फ़ैसले में नहीं रहेंगे और ना ही गुना-गारों की मजलिस में ( प्साल्म 1:2 ULT)

चलना तर्ज़-ए-अमल की नुमाइंदगी करता है और राह रवैय्ये की नुमाइंदगी करता है I

वो आदमी बरकत है जो शैतान के मश्वरा में नहीं चलता / u>.

खुदाबन्दके लिए सालहीन के u> राह / u> की मंज़ूरी दे दी

धोखा धडी के रास्ते से मुद जाओ (प्साल्म 119:28 ULT)

मैं आपके हुक्मों के u> रास्ते पे / u> चलूँगा I ( प्साल्म 119:32 ULT)

बिबलिकल तस्वीरत – इंसान की बनायीं हुई चीज़ें

This section answers the following question: कुछ मिसालें क्या हैं ,जहाँ लोगों ने , बाइबल में तसावीर को इस्तिमाल किया हो ?

बाइबल के कुछ तसावीर इन्सान साख़ता इश्याय होते हैं I तमाम दार-उल-हकूमत ख़ुतूत में लफ़्ज़ तस्वीर की नुमाइंदगी करते है I ये जरूरी नहीं है की लफ़्ज़ हर आयत, जिसमें तस्वीर है ,में ज़ाहिर नहीं हो I ख़्याल ये है कि लफ़्ज़ किस चीज़ की नुमाइंदगी करता है I

तम्बा ताक़त की नुमाइंदगी करता है

वो तर्बीयत देता है ..मेरे बाजूओं को, <यु > ताम्बे <यु > के तीर को मोड़ने के लिए<यु> (ज़बूर18:34 यू यु अल टी)

जंजीर ,इख़्तियार की, नुमाइंदगी करता है

चालों तोड़ दे u> बेड़ियों को / u> ये हम पे डाली गयी है और इन ज़ंजीरों को फेंक दो . प्साल्म 2:3

पहनावा अख़लाक़ी ख़सुसीआत (जज़बात, रूयों, रूह, ज़िंदगी) की नुमाइंदगी करता है

ये ख़ुदा है, जो मुझे एक पट्टे की तरह ताकत अता करता है (ज़बूर18:32 यू यु अल टी )

<ब्लाक कौट > नैकियत और वफादारी उसके कमर की पट्टी होगी , जो उसके कुल्हे के चारों तरफ होगी <यु> (यशायाह 11:5 यु अल टी ) </ब्लाक कौट >

हो सकता है की , मेरे मुख़ालिफ़ीन, नदामत से ढके हो/ <यु>؛ और वो अपने नमदत को कुबे की तरह पहनते हो <यु> (ज़बूर109: 29 यू उल्टी

<ब्लाक कौट > मैं अपने दुश्मनो को हया से ढक दूंगा . (ज़बूर132: 18 यूल टी )

एक फंदा ( परिंदों के लिए बने गया जाल ) मौत

की नुमाइंदगी करता है

वो तुम्हे शिकारी के <यु> फंदे से बचाएगा (ज़बूर 91: 3 यूल्टी

<ब्लाक कौट > मौत की डोरी ने / u> मुझे घेर लिया है, और u> शेओल के फंदे मेरे सामने है / u> (ज़बूर116: 3 यू अल टी )

u> / शैतान u>  के u> डोरी ने u> मुझे फसा (ज़बूर119: 61 यू एल टी )

<ब्लाक कौट > शैतान ने मेरे लिए फंदा बनाया है / u>. (ज़बूर119: 110 यू एल टी )

शैतान अपने ही कामों में फँस गया है (ज़बूर9: 16 यू एल टी

उन्होंने क़ौमों में घुल मिल गए है , और उनके तरीक़ों, उनके बुतों की इबादत ,को सीखा जो उनके लिए फन्दा sn> बन गया (ज़बूर106: 35-36 यू एल टी )

इस मुआमले में फंदा, बुराई करने का हौसला-अफ़ज़ाई था, जो मौत की तरफ़ जाता है

एक खेमा, एक घर, घर के, लोगों, उनके तंजील नुमाइंदगी करता है

इसी तरह ख़ुदा आपको हमेशा के लिए तबाह कर देगा ; वो तुझे अपने ख़ेमा से बाहर निकाल कर ले जायेगा (ज़बूर52: 5 यू एल टी )

<ब्लाक कौट > बदकारों का घर तबाह हो जाएगा, लेकिन अच्छों का ख़ेमा गुलज़ार रहेगा (इमसाल14:11 यू एल टी )

अह्द वफ़ादारी में एक तख़्त क़ायम किया जाएगा, और दाऊद के खे़मे में से किसी वफ़ादार को वहां बिठाया जायेगा (यसईआह16: 5 यू एल टी )


This section answers the following question:


बाईबल की मन्ज़रकशी – पौदे

This section answers the following question: पौदों की वो बाज़ मिशालें क्या हैं जिनका बाईबल में तसावीर के तौर पर इस्तेमाल किया गया है?

बाईबल से पौदों पर मुश्तमल बाज़ तसावीर नीचे हरूफ़ ए तहज्जी के मुताबिक़ दर्ज हैं। तमाम बड़े हरूफ़ों में लफ्ज़ एक ख़याल की नुमाइंदगी करता है। लाज़मी तौर पर यह लफ्ज़ हर उस आयत में ज़ाहिर नहीं होता जिसमें तस्वीर हो, मगर यह लफ्ज़ जिस ख़याल की नुमाइंदगी करता है वह ज़ाहिर होता है।

शाख़ किसी शख्स के नस्ल की नुमाइंदगी करता है।

नीचे के मिशाल में, यसायाह ने यस्सी के एक नस्ल की बाबत लिखा और यरमियाह ने दाऊद के एक नस्ल की बाबत लिखा।

एक कोंपलयस्सी के जड़ से निकलेगी, और उसकी जड़ से एक शाख़ फल लाएगी। ख़ुदावन्द की रूह उस पर ठहरेगी, हिकमत और समझ की रूह। (यसायाह 11:1 ULT

देखो, वो दिन आते हैं-ख़ुदावन्द यह फ़रमाता है- जब मैं दाऊद के लिए एक सादिक़ शाख़ पैदा करूँगा। वह बतौर बादशाह हुकूमत करेगा; वह इक़बालमन्दी लाएगा और मुल्क में इन्साफ और सदाक़त का काम करेगा। (यरमियाह 23:5 ULT

अय्यूब में जब ये कहता है “उसकी शाख़ काट दी जायेगी,” इसके मानी है उसकी कोई नस्ल न होगी।

नीचे उसकी जड़ें सुखाई जाएँगी; ऊपर उसकी शाख़ काटी जाएगी। उसकी यादगार ज़मीन पर से मिट जाएगी; कूचों में उसका नाम न होगा। (अय्यूब 18:17 ULT)

पौदा एक शख्स की नुमाइंदगी करता है

ख़ुदा भी तुझे हमेशा के लिए हलाक कर डालेगा; वह ...जिन्दों की ज़मीन से तुझे उखाड़ डालेगा। (ज़बूर 52:5 ULT

पौदा एक जज़्बे या रवैये की नुमाइंदगी करता है

जिस तरह एक क़िस्म के बीज लगाने से उस क़िस्म का पौदा बढ़ता है, एक तरह के बर्ताव करने के नतीजे में उस तरह का अन्जाम निकलता है।

आयात में जज़्बे या रवैये नीचे ख़त कशीदा किये गए हैं।

ख़ुद के लिए रास्तबाज़ी की बीज बो कर अहद वफ़ादारी की फसल काटो। (होसेअ 10:12 ULT)

<बन्दइक्तबास>मेरे देखने में, जो गुनाह को जोतते और दुख बोते हैं, वुही उसको काटते हैं। (अय्यूब 4:8 ULT)</बन्दइक्तबास>

जो लोग हवा बोते हैं और गर्दबाद काटते हैं। (होसेअ 8:7 ULT)

<बन्दइक्तबास>तुमने .... सदाक़त के फल को नागदौना बना रक्खा है। (आमूस 6:12 ULT)</बन्दइक्तबास>

जिन बातों से तुम अब शर्मिन्दा हो उनसे तुम उस वक़्त क्या फल पाते थे? (रोमियों 6:21 ULT)

दरख़्त एक शख्स की नुमाइंदगी करता है

वह उस दरख़्त की मानिंद होगा जिसे पानी की नहरों के किनारे लगाया गया है जो अपने वक़्त पर फलता है, और कभी जिसका पत्ता मुरझाता नहीं; जो कुछ भी वो करे कामयाब होगा। (ज़बूर 1:3 ULT)

<बन्दइक्तबास>मैंने बेदीन और ज़ालिम शख्स को ऐसा फैलता देखा जैसे कोई हरा दरख़्त अपनी असली ज़मीन में (ज़बूर 37:35 ULT)</बन्दइक्तबास>

मैं तो ख़ुदा के घर मेंज़ैतून के हरे दरख़्त की मानिन्दहूँ। (ज़बूर 52:8 ULT)


बिब्लिकल तस्वीरत – शाफक्ती मॉडल्स

This section answers the following question: कोण से ऐसे श्फक्ती मॉडल हैं जो की बाइबिल में इस्तमाल किये गया है I

तफ़सील

सक़ाफ़्ती किस्म ज़िंदगी या रवैय्ये की ज़हनी तसावीर हैं Iये तसावीर हमें इन चीज़ों के बारे में सोचने हैं और बात करने में मदद करती है I मिसाल के तौर पर, अमरीकीयों अक्सर शादी और दोस्ती समेत बहुत से चीज़ों के बारे में सोचते हैं, जैसे की वो कोई मशीनें हो I अमरीकीयों का कहना है कि, "उस की शादी टूट रही है, या "उनकी दोस्ती पूरी रफ़्तार से आगे बढ़ रही है.

कुछ सक़ाफ़्ती मॉडल, या ज़हनी तसावीर, जो बाइबल में मौजूद हैं नीचे दर्ज हैं I सबसे पहले ख़ुदा के लिए मॉडल हैं, फिर इन्सान, चीज़ें और तजुर्बात के लिए मॉडल हैं I हर सुर्ख़ी में दार-उल-हकूमत ख़ुतूत में लिखा हुआ मॉडल है I ये लफ़्ज़ या फ़िक़रा हर आयत में ज़रूरी नहीं होता है, लेकिनयह एक ख़्याल है I

ख़ुदा को एक इन्सानी मख़लूक़ के तौर पर पेश किया गया है

वैसे बाइबल वाज़िह तौर से इनकार करता है कि ख़ुदा इन्सान है I पर अक्सर ,ऐसे कहा जाता है , जैसे वो , वो चीज़ें करता है जो की इंसान करता है I लेकिन ख़ुदा इन्सान नहीं है, लिहाज़ा जब बाइबल कहता है कि ख़ुदा बोलता है, हमें ये नहीं सोचना चाहीए कि उस के पास सूफ़ी अलफ़ाज़ हैं जो हल्क से बहार आते हैं I और जब उस के बारे में कुछ कहा जाता है तो उस के हाथ से कुछ कर रहा है, हमें ये नहीं सोचना चाहीए कि वह उसका जिस्मानी हाथ है I

अगर हम अपने ख़ुदा की आवाज़,थोड़ी और देर सुनेगे तो हम मर जाऐंगे (देउतेरोनोमी 5:25 यू एल टी )

<ब्लाक कोट> मुझे मेरे खुदावंद के हाथों ने मज़बूत किया है (अज़रा7:28 यू एल टी )

<यु> खुदा का हाथ जुदाह पे भी है , ताकि ये ख़ुदावंद के कलाम के ज़रीया बादशाहों और रहनुमाओं को हुक्म दे सके 2 तारीख़30:12 यू एल टी )

यहां "हाथ आम इल्म बयानी है जो ख़ुदा की ताक़त से मुराद है (मुलाहिज़ा करें मेतोंयमी)

ख़ुदा एक बादशाह के तौर पर पेश किया गया है

क्योंकि ख़ुदा सारे ज़मीन का <यु> बादशाह <यु>  है (ज़बूर47: 7 यू एल टी )

ख़ुदावंद की बादशाही के लिए वो अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के हुकमरान हैं (ज़बूर22:28 यू एल टी )

आपका <यु> तख़्त / <यु> ، ख़ुदा, हमेशा और हमेशा रहेगा एक <यु> मुलुकाना  इन्साफ़ आपके <रयासतहाए मुत्तहदा / u> का अह्द है (ज़बूर45: 6 यू एल टी )

यही ख़ुदावंद कहता हैं "जन्नत मेरा <तख़्त / u> है, और ज़मीन मेरा है <पांव है (यसईआह66: 1 यू एल टी )

ख़ुदावंद/ <यु> रियास्तों पर हुकूमत करता है ख़ुदा अपनी मुक़द्दस <तख़्त / <यु>पर बैठता है

लोगों के <यु> शहज़ादे एक दूसरे के साथ जमा हुए हैं इबराहीम के ख़ुदा के लोगों के लिए ज़मीन के <ढाल के लिए / <यु> वो जमीन जो खुदा की है I वो बहुत बुलंद है (ज़बूर47: 8-9 यू एल टी )

ख़ुदा एक शब्दर के तौर पर पेश किया गया है और इस के लोग भेड़ के तौर पर पेश किये गए हैं

ख़ुदावंद <मेरा चरवाहा / <यु> है; मुझे और किसी चीज़ की जरूरत नहीं है (ज़बूर23: 1 यू एल टी )

इस के लोग भेड़ हैं क्योंकि वो हमारे ख़ुदा है, और हम लोग हैं उस के झुण्ड के भेड़ है (ज़बूर95: 7 यू एल टी )

वो अपने लोगों को भेड़ों की तरह हांकता है

वह अपने लोगों को भेड़ की तरह हांकता है और जंगे में उन्हें झुण्ड की तरह संभलता है (ज़बूर78:52 यू एल टी )

वो अपनी भेड़ों को बचाने के लिए मरने के लिए तैयार है

मैं अच्छा चरवाहा हूँ, और में अपने आपको जानता हूँ, और मेरे अपने मुझे जानते है I में अपने आबा ओ अजदाद को जनता हु I, और में अपनी जान अपने भेड़ों के लिए रखता हूँ / <यु>. मेरे पास दीगर भीड़ हैं जो इस में से नहीं हैं वो भी, मुझे लाव, और वो मेरी आवाज़ सुनेंगे ताकि एक भेड़ और एक चरवाहा हो (यूहना10: 14-15 यू एल टी )

ख़ुदा एक वारीरर के तौर पर पेश किया जाता है

ख़ुदावंद एक <योदका है / u>؛ (सोर्स15: 3 यू एल टी )

ख़ुदावंद <य योदका / u> के तौर पर बाहर जाऐंगे; वो u> जंगे खादीम / u> के तौर पर आगे बढ़ेंगे और वो अपनी हौसला-अफ़ज़ाई करेंगे I वो चिल्ल्येगा, जी हाँ, वो अपनी जंगी चीख दहाड़ेगा <यु>, वो अपने दुश्मनों को अपनी ताक़त दिखाएगा/ u>. (यसईआह42:13 यू एल टी )

आपका दाएं हाथ, ख़ुदावंद, ताक़त में शानदार है / <यु> आपके दाएं हाथ, ख़ुदावंद, आपने दुश्मन को तक़सीम किया है / u>. (ख़ुरूज15: 6 यू एल टी )

लेकिन u> ख़ुदा इन्हें मार देगा/ u>؛ अचानक वो उनके तीरों के साथ ज़ख़मी हो जाऐंगे (ज़बूर65: 7 यू एल टी )

<ब्लाक कोट>क्योंकि आप उन्हें वापिस कर देंगे, आप उनसे पहले उनको अपनी तरफ़ मुतवज्जा करेंगे/ u>. (ज़बूर21:12 यू एल टी )

एक रहनुमा को चरवाहे और जिनकी वो रहनुमयीं करता है उन्हें भेड़ की तरह दिखाया गया है I

फिर इसराईल के तमाम क़बीले दाऊद में हिब्रून में आए और कहा, "देखो .. जब साओल हमर बादशाह था, तो तुमने इसराईली फ़ौज की क़ियादत की थी I ख़ुदावंद ने तुमसे कहा, 'तुम चरवाहा / ए मेरे लोगो इसराईल और तुम इसराईल के हुकमरान बन जाओगे "(2 समोयल5: 1-2 यू एल टी )

<ब्लाक कोट> "अफ़सोस u> चरवाहा / u> जो मेरे <यु> पादरी / <यु> के <यु>भेड़ों को तबाह और तोड़ाता है , ये ख़ुदावंद का ऐलान है (यरमयाह23: 1 यू एल टी )

लिहाज़ा अपने बारे में एहतियात से रहो, और तमाम u> झुण्ड / u> जिसका रूहुल-क़ुदुस ने आपको निगरान बनाया है I चरवाहे से मुहतात रखो , जो की खुदा की मजलिस है , जिसे उसने अपने खून से खरीदा है I मैं जानता हूँ कि मेरी रवानगी के बाद, शैतानि भेड़ीया आप में दाख़िल हो जाऐंगे, और <यु> झुण्ड को नहीं छोड़ेंगेI मैं जानता हूँ कि तुम में से किसी भी शख़्स से भी कुछ लोग आएँगे और बदउनवानी चीज़ें कहेंगे, ताकि शागिर्दों को दूर किया जा सके (आमाल20: 28-30 यू एल टी )

आँख को चीराग की तरह पेश किया है

इसकी और खुदा की आँखों में फर्क , दुनिया के कई कोने में पाया जाता है I बाइबल में नुमाइंदगी की ज़्यादा-तर सक़ाफ़्तों में, ये मॉडल मुंदरजा ज़ैल अनासिर में शामिल हैं I

लोग इश्याय को देखते हैं, उस के इर्द-गिर्द रोशनी की वजह से नहीं, लेकिन रोशनी की वजह से ,उनकी आँखों की चमक, उन चीज़ों पे पड़ती है I आँख जिस्म के / चिराग़ / u> है लिहाज़ा, अगर आपकी आँख अच्छी है तो, पूरी जिस्म />> रोशनी से भरा हुआ है / <यु> (मथ्यु 6:22 यू एल टी )

आँखों की ये चमकती रोशनी , नाज़रीन के किरदार को साथ लेके चलती है I

एक खबीस की चाहत शैतान होता है ; उसके पडोसी उसकी आँखों में कोई रेहम नहीं देखते है (इमसाल21:10 यू एल टी )

हसद और लानत , को शैतानी आँखों से देखने की तरह पक्ष किया गया है I जबकि मेहरबानियों को किसी को नफीस आँखों से देखना बताया गया है

बुरे आँखों के साथ किसी शख़्स का बुनियादी जज़बा हसद होता है I यूनानी लफ़्ज़ मार्क7 को "हसद के तौर पर तर्जुमा किया जाता है I यहाँ इसे शैतानी निगाह बताया गया है I

उसने कहा, "ये वही शख़्स है जो इस को ख़ाली करता है, इस से बाहर आता है I एक शख़्स के दिल में , बुरे ख़्यालात को आगे बढ़ना .... (मार्क7: 20- 22 यू एल टी )

मैथीयू20:15 के लिए सयाक़-ओ-ज़वाबत हसद का एहसास भी शामिल है I क्या आपकी आँख बुराई है? मतलब "क्या आप परेशान हैं?

क्या मेरे लिए ये जायज़ नहीं है कि मैं अपने सामान के साथ क्या करना चाहूँ? या आपकी/> नज़र बुरी है / u> क्योंकि में अच्छा हूँ? (मति20:15 यू एल टी )

अगर एक शख़्स की नज़र बुरी होती है, तो वो शख़्स दूसरे लोगों के पैसे से जलता है I आँख जिस्म की चिराग़ है Iलिहाज़ा, अगर आपकी नज़र u> अच्छी है तो / u>، पूरे जिस्म को रोशनी से भर देगी I लेकिन अगर आपकी नज़र ख़राब है तो / u>، आपके पूरे जिस्म में अंधेरा भरा हुआ होगा I लिहाज़ा, अगर आपकी अंदरूनी रोशनी, असल में अंधेरा है तो , तारीकी कितना अच्छा है I किसी के दो मालिक नहीं हो सकते, क्योंकि उस के लिए वो किसी एक से नफ़रत करेगा है और दूसरे से मुहब्बत करेगा, या फिर वो एक से वक़्फ़ हो जाएगा और दूसरे को नापसंद करेगा I  आप ख़ुदा और दौलत की ख़िदमत एक साथ नहीं कर सकते हैं (मति6: 22-24 यू एल टी )

एक शख़्स , जो जलन खोर हो वो दुसरे पे जादू टोना कर सकता है , सिर्फ उसे बुरी नज़र से देख के I

नासमझ गलतियन जिनकी आँखों ने तुम्हे चोट पहुंचाई ? (ग़लतीयों3: 1 यू एल टी )

अच्छी नज़र का एक शख़्स उसे देखकर किसी को बरकत दे सकता है

अगर मुझे आपकी आँखों एक दुआ दिखती है टो .. (1 समोयल27: 5 यू एल टी )

ज़िंदगी को खून के तौर पे पेश किया गया है

इस पेशगी में, एक शख़्स या जानवर का ख़ून उस की ज़िंदगी की नुमाइंदगी करता है

लेकिन आपको उस की ज़िंदगी के साथ गोश्त नहीं खाना चाहीए ये ख़ून है / u> -in. (पैदाइश9: 4 यू एल टी )

अगर ख़ून फैल गया या बहाया जाता है तो, किसी को मार दिया गया है

जो भी u> इन्सान का खून बहता है , उसका खून त ख़ून बहाया जाएगा, (पैदाइश 9: 6 यू एल टी )

<ब्लाक कोट>इस तरह, ये शख़्स उस शख़्स के हाथ से मर नहीं जाएगा , जो इससे बदला लेने के लिए चाहते थे / u>،जो खून बहा था उसके लिए I जब तक मुजरिम फ़र्द असैंबली सेआगे खड़ा ना हो जाये (यशवा20: 9 यू एल टी )

अगर ख़ून बाहता है तो, फ़ित्रत ख़ुद, उस शख़्स को क़तल करने , इंतिक़ाम के ले-ए-रो रही है I(इस में शख़्सियत भी शामिल है, क्योंकि ख़ून को किसी ऐसे शख़्स की शक्ल में दिखाया जाता है जो रोका जा सकता है देखें शख़्सियत)

ख़ुदावंद ने कहा, "आपने क्या-किया है? आपके भाई का ख़ून मुझे बुला रहा है "(पैदाइश4:10 यू उल्टी

एक मुल्क एक औरत के तौर पर पेश किया जाता है, और इस के माबूदों को इस के शौहर के तौर पर पेश किया जाता है

जैसे ही गाइडन की मौत हुई , इसराईल के लोगों ने बाअल की इबादत करके दुबारा ख़ुद को तबदील कर दिया I उन्होंने उनके ख़ुदा बाअस बीथत बनाए (जजिज़8:33 यू एल टी )

इसराईल का मुलक ख़ुदा के बेटे के तौर पर पेश किया गया है

जब इसराईल एक नौजवान था तो मैंने उसे प्यार किया, और मैंने मिस्र से बाहर अपने बेटे को बुलाया (हवस11: 1 यू एल टी )

सूरज ,रात के कंटनेर के तौर पे पेश किया जाता है I

उनके अलफ़ाज़ दुनिया-भर के आख़िर तक तमाम ज़मीन और उनकी तक़रीर से बाहर निकल जाते हैं Iउन्होंने सूरज के लिए ख़ेमा / u> खींच लिया है सूरज एक दुल्हे की तरह है, जो u> उसके कमरे से बहार आ रहा है / u> से आ रहा है और एक मज़बूत आदमी की तरह है जो अपनी दौड़ चलता है (ज़बूर19: 4-5 यू एल टी )

ज़बूर110 , सूरज के आने से पहले उसके कोख में होना दिखता है I (ज़बूर110: 3 यू एल टी )

शाम के कोख में से , तुम्हारी जवानी ओस की तरह होगी (ज़बूर110: 3 यू एल टी )

ऐसी चीज़ें जो तेज़ी से मुंतक़िल कर सकते हैं वो वपंख के तौर पे पेश की गयी है I

ये खासतौर पर चीज़ें के लिए है जो हवा और असमान में उडती है I जो हुआ या आसमान में मुंतक़िल होती हैं वो सच्च है

सूरज को एक पंख वाली चाकरी के तौर पे पेश किया गया है I ये पंख उसे, दिन में , मशरिकी से मगरिब तक उड़ने की इज़ाज़त देते है I ज़बूर139 मैं, "सुबह के पंख सूरज से मुराद है I मालाची 4 में , ख़ुदा ने ख़ुद को "रास्तबाज़ी का सज कहा और उन्होंने सूरज से गुफ़्तगु करते हुए कहा

अगर मैं सुबह के परों के साथ उडूँगा और समुंद्र भर के पूरे हिस्सों में रहूँगा (ज़बूर139: 9 यू एल टी )

<ब्लाक कोट>लेकिन आपके लिए, जो मेरे नाम से डरते हैं, उस के रास्ते में शिफ़ा याबी के साथ सदाक़त का सूरज बढ़ जाएगा (मिलाए4: 2 यू एल टी ) <ब्लाक कोट>

हवा तेज़ी से चलता है और उन्हें पंख के तौर पर पेश किया गया है

वो बादल के <पंखों पर-ए-परवाज़ कर रहा था / u>. (2 सीम22:11 यू एल टी )

<ब्लाक कोट>उन्होंने एक चरोब पर सवार होकर उड़ान भरी और हवा के पंख पर स्वर हो गए (ज़बूर18:10 यू एल टी )

आप हवा के पंखों पर चलते हैं / u> (ज़बूर104: 3 यू एल टी )

बे- अहमियत चीज़ों को ऐसे पेश किया गया है जैसे हवा उन्हें झोंके से उदा देगी

इसमें हवाचल रही हैं और बेकार चीज़ों को उदा देती है हैं,

ज़बूर1 और मुलाज़मत27 ज़ाहिर करता है कि बद अनवान लोग बेकार हैं और तवील अरसा तक ज़िंदा नहीं रहेंगे

शैतान ऐसा नहीं हैं लेकिन सिकी जगह , उसे भूसे की तरह दिखाया गया है जिसे हवा बहा के ले जाती है / u>. (ज़बूर1: 4 यू एल टी )

मशरिक़ी हवाएं उसे ले के चली जाती है उसे उस की जगह से बाहर बहा के ले जाती है / u>. (मुलाज़मत27:21 यू एल टी )

बालादस्ती के मुसन्निफ़ का कहना है कि सब कुछ बेकार है

भाप में धुंध की तरह / <यु>

हवा में झोंके के की तरह / <यु> सब कुछ ग़ायब होजाता है, बहुत से सवालात छोड़कर सूरज के नीचे ताप के काम करके इंसानियत क्या कमाती है ? (कलीसिया1: 2-3 यू एल टी )

अय्यूब30:15 मैं, अय्यूब ने शिकायत की है कि उनकी इज़्ज़त और ख़ुशहाली चली गई है

दहश्तगर्दी मुझ पर छा गई हैं मेरा एज़ाज़ <यु> हवा के साथ बह गया <यु> मेरी ख़ुशहाली u> बदल तौर पर गुज़र गयी है / u>. (मुलाज़मत30:15 यू एल टी )

इन्सानी जंग को खुदाई जंग के तौर पे दिखाया गया है

जब क़ौमों के दरमयान जंग हुई तो, लोग यक़ीन रखते हैं कि इन क़ौमों के देवता भी जंग में थे

ये तब हुआ , जब मिस्रियों ने उनके तमाम पहलूओं को दफ़न कर दिया, जिन्हें खुदा बंद ने , उनके मबुदों को सजा देने के लिए मारा (नंबर33: 4 यू एल टी )

<ब्लाक कोट>और आपके मुल्क इसराईल की तरह कोंन मुलक है, जिस मुल्क में आप, ख़ुदा पास चले जाएँ और अपने आपको बचायें? .. आपने अपने लोगों से पहले क़ौमों और उनके माबूदों को निकाल दिया, जिसने आपको मिस्र से बचाया (2 समोयल7:23 यू एल टी )<ब्लाक कोट>

इराम के बादशाह के ख़ादिम ने इस से कहा, ' उनके ख़ुदा पहाड़ों की देवता है लिहाज़ा वो मज़बूत थे हमसे ज़्यादा '' लेकिन अब हम उनके ख़िलाफ़ लड़ेंगे, और यक़ीनन हम उनसे कहीं ज़्यादा मज़बूत होंगे (1 किलोमीटर20:23 यू एल टी

जिन्दगीं के रुकावटों को , मादी हद के तौर पे पेश किया गया है

नीचे आयात असली जिस्मानी हदूद के बारे में नहीं हैं I बल्कि मुश्किलात या ज़िंदगी में दुशवारीयों की कमी के बारे में हैं

उसने मेरे इर्द-गिर्द एक दीवार बनाया है / u>، और मैं फ़रार नहीं हो सकता उसने मेरी बेड़ियों को भारी बना दिया है (तलबा3: 7 यू एल टी )

<ब्लाक कोट> उन्होंने मेरे रास्ते को पत्थर की दीवारों के साथ रोक दिया है / u>؛ मैं हर रस्ते में फँस रहा हु (आलामयात3: 9 यू एल टी )

पैमाइश करने वाली लाइनें / u> मैं ख़ुशगवार जगहों पर मेरे लिए रखे गए हैं (ज़बूर16: 6 यू उल्टी

ख़तरनाक मुक़ामात को सकरे जगह के तौर पर दिखाया गया है I

ज़बूर4 मैं दाऊद ने उसे बचाने के लिए ख़ुदा से दुआ की

मुझे जवाब दें जब में ख़ुदा के सदाक़त को बुलाऊँ मुझे जगह दो u> जब मैं घीरा हुआ रहू / <यु>

मुझ पर रहम करो और मेरी दुआ सनो (ज़बूर4: 1 यू एल टी)

एक मुसीबत की सूरत-ए-हाल को जंगलीपन से दिखाया गया है

जब मुलाज़मत उस के साथ होने वाले तमाम उदास चीज़ों की वजह से परेशान हुआ तो उसने कहा कि वो जंगल में थे I भेदियें और शतुरमुर्ग जानवर हैं जो जंगल में रहते हैं

मेरा दिल मुसीबत में है और आराम नहीं करता मुसीबत के दिन आ गए है मैं तारीकी जिल्द के साथ चलता हूँ लेकिन सूरज की वजह से नहीं मैं असैंबली में खड़ा हूँ और मदद के लिए रो रहा हु में u> सियारों का भाई हूँ / u> शायक़ीन के साथी / u>. (मुलाज़मत30: 27-29 यू उल्टी

सेहत , जिस्मानी साफ़ी के तौर पर पेश की जाती है , और बुराई जिस्मानी गन्दगी के तौर पे पेश की जाती है I

कोढ़ एक बीमारी है ,अगर किसी शख़्स को ये हुआ है तो , उसे नापाक क़रार दिया जायेगा देखो, एक कोढ़ी , उस के पास आया और उक के बोला, "रब, अगर तुम चाहो तो u> आप मुझे साफ़ कर सकते हैं / u>." यसवा ने अपना हाथ उस पर रखा और उसे छु लिया, कहने लगे, "में तैयार हूँ, पाक होजाओ. फ़ौरी तौर पर वो अपने जज़बाती से साफ़ था (मति8: 2-3 यू उल्टी

एक "नापाक रिवा एक बुरी रूह है

जब एक आदमी से नापाक रूह रवा हो जाती है तो, ये बेपनाह मुक़ामात से गुज़रता है और आराम ढूँढता है, लेकिन उसे नहीं मिलता (मति12:43 यू उल्टी