Key Terms

अख़मीरी रोटी

परिभाषा:

“अखमीरी रोटी” खमीर रहित या खट्टा करने वाले पदार्थ से रहित रोटी। यह रोटी पतली होती है क्योंकि उसे फूलने के लिए उसमें खमीर नहीं होता है।

  • जब परमेश्वर ने इस्त्राएलियेां को मिस्र के दासत्व से छुड़ाया था तब कहा था कि आटे को खमीर होने की प्रतीक्षा किए बिना वे अतिशीघ्र वहाँ से निकलें। अतः उन्होंने भोजन में अखमीरी रोटी खाई थी। तब से उनके वार्षिक फसह में अखमीरी रोटी का उपयोग किया जाता था कि उन्हें उस समय का स्मरण करवाए।
  • कभी-कभी ख़मीर पाप का द्योतक भी कहा गया है, अतः "अखमीरी रोटी" मनुष्य के जीवन से पाप निवारण को दर्शाती है, जिससे कि वे परमेश्वर को सम्मान देनेवाला जीवन जिएँ।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द के अन्य अनुवाद रूप हो सकते है, “बिना खमीर की रोटी” या “बिना फूली रोटी."
  • सुनिश्चित करें कि इसका अनुवाद आपके द्वारा “खमीर” के अनुवाद से सुसंगत हो।
  • कुछ प्रकरणों में “अखमीरी रोटी” का संदर्भ “अखमीरी रोटी के पर्व” से है और इसका अनुवाद वैसे ही किया जाए।

(यह भी देखें: रोटी, मिस्र, उत्सव, फसह, सेवक, पाप, खमीर)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H4682, G01060

अच्छा, सही, प्रसन्न करने वाला, उत्तम, सबसे अच्छा

परिभाषा:

“अच्छा” शब्द सामान्यतः किसी के गुण-लक्षणों के सकारात्मक मूल्यांकन के सन्दर्भ में होता है, जो प्रायः नैतिक या भावनात्मक भाव में होता है| तथापि, बाईबल में प्रकरण के आधार पर इस शब्द के द्वारा अनेक अवांतर भेद व्यक्त किए जाते हैं|

  • कोई वस्तु "अच्छी" है तो वह भावनाओं को अभिभूत करती है और नैतिकता में न्यायोचित होती है, सर्वोचित होती है, अनुकूल या लाभकारी होती है|
  • बाईबल में, "अच्छा" का सामान्य अर्थ प्रायः "बुरे" की विषमता में दर्शाया जाता है|

अनुवाद के सुझाव:

  • लक्षित भाषा में “अच्छा” के लिए जो भी सामान्य शब्द है उसका उपयोग किया जाए, यदि उसका सामान्य अर्थ उचित एवं स्वाभाविक हो विशेष करके ऐसे संदर्भों में जहां यह शब्द बुराई के विपरीत अर्थ में आया हो।
  • प्रकरण के अनुसार इसके अन्य अनुवाद रूप हो सकते हैं, “दयालू” या "अति उत्तम" या “परमेश्वर को प्रसन्न करने योग्य” या “न्यायोचित” या "नैतिकता में खरा" या “लाभकारी”
  • “अच्छी भूमि” का अनुवाद हो सकता है, “उपजाऊ भूमि” या “उत्पादक भूमि”; “अच्छी फसल” का अनुवाद हो सकता है, “विपुल फसल” या “बहुत अधिक फसल”।
  • “भलाई करना” का अर्थ है मनुष्यों के लाभ के काम और इसका अनुवाद हो सकता है, किसी “पर दया करना” या “सहायता करना” या “लाभ पहुंचाना” या किस के लिए "समृद्धी का कारन होना"
  • “सब्त के दिन भलाई करना” अर्थात “किसी के लाभ का काम सब्त के दिन करना”।
  • प्रकरण के अनुसार “भलाई" के अनुवाद हो सकते हैं, “आशिष” या “दया” या “नैतिक सिद्धता” या “धार्मिकता” या “शुद्धता”

(यह भी देखें: धार्मिकता, समृद्ध होना, बुरा)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 1:4 परमेश्वर ने देखा कि जो सृष्टि उसने की है वह अच्छी है।।
  • 1:11 परमेश्वर ने अच्छे और बुरे के ज्ञान का पेड़ लगाया।
  • 1:12 फिर परमेश्वर ने कहा “आदमी का अकेला रहना अच्छा नहीं है।”
  • __ 2:4__ "परमेश्वर इतना जानता है कि जैसे ही तुम इसे खाते हो, तो तुम परमेश्वर की तरह हो जाओगे और अच्छे और बुरे को समझोगे जैसा वह समझता है।"
  • 8:12 "आपने दास के रूप में मुझे बेचकर तुमने बुराई करने की कोशिश की, लेकिन परमेश्वर ने भलाई के लिए बुराई का इस्तेमाल किया!"
  • 14:15 यहोशू एक अच्छा अगुआ था क्योंकि वह परमेश्वर पर विश्वास करता था व उसकी आज्ञाओ का पालन करता था।
    • 18:13 कुछ राजा अच्छे भी थे, जिन्होंने उचित शासन किया और परमेश्वर की उपासना की।
    • 28:1 “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन का वारिस होने के लिए मै क्या करूँ?” यीशु ने उससे कहा, “तू मुझे ‘उत्तम’ क्यों कहता है? जो उत्तम है वह केवल एक ही है, और वह परमेश्वर है"

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0117, H0145, H0155, H0202, H0239, H0410, H1580, H1926, H1935, H2532, H2617, H2623, H2869, H2895, H2896, H2898, H3190, H3191, H3276, H3474, H3788, H3966, H4261, H4399, H5232, H5750, H6287, H6643, H6743, H7075, H7368, H7399, H7443, H7999, H8231, H8232, H8233, H8389, H8458, G00140, G00150, G00180, G00190, G05150, G07440, G08650, G09790, G13800, G20950, G20970, G21060, G21070, G21080, G21090, G21140, G21150, G21330, G21400, G21620, G21630, G21740, G22930, G25650, G25670, G25700, G25730, G28870, G29860, G31400, G36170, G37760, G41470, G46320, G46740, G48510, G52230, G52240, G53580, G55420, G55430, G55440

अधर्म, अधर्मों

परिभाषा:

"अधर्म" शब्द का अर्थ और "पाप" का अर्थ एक सा ही है परन्त अत्यधिक विलक्षनता में इसका संदर्भ सोच-विचार कर किए गए अनुचित कार्य से. या महान दुष्टता से है।

  • “अधर्म का काम” का अर्थ वास्तव में है कि (व्यवस्था को) विकृत करना या अनुचित अर्थ निर्धारण करना| इसका सन्दर्भ बड़े अन्याय से है।
  • अधर्म के वर्णन में कहा जा सकता है, मनुष्न्ययों के विरुद्ध जानबूझ कर किया गया हानिकारक कार्य।
  • “अधर्म के काम” के अन्य अनुवाद हो सकते हैं, “विकृत आचरण” या “भ्रष्टाचार” इन दोनों शब्दों द्वारा भयानक पाप की दशा प्रकट होती है।

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • “अधर्म के कामों” का अनुवाद हो सकता है, “दुष्टता” या “विकृत कार्य” या “हानिकारक कार्य”।
  • “अधर्म के काम” उक्ति प्रायः उसी गद्यांश में प्रकट होती है जिसमें “पाप” और “अपराध” शब्द आते हैं। अतः इनके अनुवाद में अलग-अलग शब्दों का उपयोग करना अति महत्वपूर्ण है।

(यह भी देखें: पाप, उल्लंघन करना, अपराध करना)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H205, H1942, H5753, H5758, H5766, H5771, H5932, H5999, H7562, G92, G93, G458, G3892, G4189

अधर्मी, अधर्म

परिभाषा:

“अधर्मी” का अर्थ है, पापी और नैतिक रूप से भ्रष्ट से है। “अधर्म” का अर्थ है पाप या पापमय होने की दशा।

  • ये शब्द ऐसे जीवन को व्यक्त करते हैं जो परमेश्वर की शिक्षाओं और आज्ञाओं का पालन नहीं करते।
  • अधर्मी मनुष्य अपने कार्य एवं विचारों में अनैतिक होते हैं।
  • कभी-कभी “अधर्मी” शब्द उन मनुष्यों के संदर्भ में काम में लिया जाता है जो यीशु में विश्वास नहीं करते।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द का अनुवाद हो सकता है “जो धर्मी नहीं है।”
  • प्रकरण के अनुसार इसके अनुवाद की अन्य विधियाँ हैं, “भ्रष्ट” या “अनैतिक” या “परमेश्वर से विद्रोह करने वाले” या “पापी।”
  • “अधर्मी” का अनुवाद हो सकता है, “अधर्मी जन”
  • “अधर्म” का अनुवाद हो सकता है “पाप” या “बुरे विचार एवं कार्य” या “दुष्टता”
  • संभव हो तो सर्वोत्तम अनुवाद होगा, कि इसका संबन्ध “धर्म” और “धार्मिकता” से हो।

(यह भी देखें: धर्मीजन, अन्यायी, पाप, व्यवस्था विरोधी)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H205, H2555, H5765, H5766, H5767, H6664, G93, G94, G458

अधर्मी, अन्याय से, अन्याय

परिभाषा:

  • “अधर्मी” और “अन्याय से” मनुष्यों के साथ पक्षपात करना, प्रायः हानि के व्यवहार के साथ।
  • “अन्याय” किसी मनुष्य के साथ बुरा करना, जबकि वह इस योग्य नहीं। इसका संदर्भ पक्षपाती व्यवहार से है।
  • कुटिलता का अर्थ यह भी है कि कुछ के साथ बुरा कुछ के साथ अच्छा व्यवहार करना।
  • जो मनुष्य पक्षपात करता है वह मनुष्यों के साथ समता का व्यवहार नहीं करता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार “पक्षपात” का अनुवाद “कपट पूर्ण” या “अन्याय” या “अधर्म” भी किया जा सकता है।
  • “पक्षपात” का अनुवाद “अन्यायी लोग” या “कपटपूर्ण लोग” या “मनुष्यों के साथ पक्षपात करने वाले” या “अधर्मी जन” या “परमेश्वर की आज्ञा न मानने वाले लोग”।
  • “पक्षपात के साथ” का अनुवाद “अन्याय के साथ” या “अनुचित” या “कपट के साथ” हो सकता है।
  • “कुटिलता” का अनुवाद “अनुचित व्यवहार” या “अन्याय का व्यवहार” या “पक्षपात का व्यवहार” किया जा सकता है। (देखें: भाववाचक संज्ञा)

(यह भी देखें: उचित, अधर्मी)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H205, H2555, H5765, H5766, H5767, H8636, G91, G93, G94

अधिकारी होना, भाग, वारिस

परिभाषा:

“विरासत” माता-पिता या किसी से विशेष संबन्ध के कारण कोई मूल्यवान वस्तु प्राप्त करना। यह शब्द उस व्यक्ति के साथ विशेष संबंध के कारण किसी अन्य व्यक्ति से मूल्यवान वस्तु प्राप्त करने का भी उल्लेख कर सकता है। एक "विरासत" वह चीज है जो प्राप्त की जाती है, और एक "वारिस" वह व्यक्ति होता है जिसे विरासत प्राप्त होती है।

  • सांसारिक उत्तराधिकार में पैसा, भूमि, या अन्य सम्पदा प्राप्त होती है।
  • परमेश्वर ने अब्राहम और उसके वंशजों से प्रतिज्ञा की थी कि कनान उनका भाग होगा कि वह सदा के लिए उनका होगा।

अनुवाद के सुझाव:

  • जैसे सदैव किया जाता है, पहले यह देखें कि लक्षित भाषा में “वारिस” या “भाग” (उत्तराधिकार) के लिए शब्द हैं, उनका उपयोग करें।
  • प्रकरण पर निर्भर, “भाग” को अनुवाद के अन्य रूप है, “प्राप्त करना” या “अधिकार में लेना” या “अधिकारी होना”।
  • “ठहराया हुआ भाग” (रिक्थ) के अनुवाद हो सकते हैं, “प्रतिज्ञात वरदान” या “अधिकार पाना”।
  • “वारिस” शब्द का अनुवाद ऐसे शब्द से किया या उक्ति से किया जा सकता है जिसका अर्थ, “सौभाग्यशाली सन्तान जो पिता की सम्पदा प्राप्त करती है” या “(परमेश्वर की) आध्यात्मिक संपत्ति या आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए।”।
  • शब्द "विरासत" का अनुवाद "परमेश्वर से आशीर्वाद" या "विरासत में मिली आशीषों" के रूप में किया जा सकता है।

(यह भी देखें: वारिस, कनान, प्रतिज्ञा का देश)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 04:06 जब अब्राम कनान देश पहुंचा तब परमेश्वर ने उससे कहा कि,’’ अपने चारों ओर देख’’ क्योंकि जितनी भूमि तुझे दिखाई देती है, उस सब को मैं तुझे और तेरे वंश को दूँगा।
  • 27:01 एक दिन, यहूदियों के कानून में एक विशेषज्ञ यीशु की परीक्षा लेने के लिए आया था, उन्होंने कहा, "शिक्षक, मुझे अनन्त जीवन __ पाने के लिए__ क्या करना चाहिए ?"
  • 35:03 “किसी व्यक्ति के दो पुत्र थे। उनमें से छोटे पुत्र ने पिता से कहा, ‘हे पिता, सम्पत्ति में से जो भाग मेरा है वह मुझे दे दीजिये।’ तो पिता ने अपने दोनों बेटो में अपनी सम्पत्ति बाँट दी।”

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H2490, H2506, H3423, H3425, H4181, H5157, H5159, G2816, G2817, G2819, G2820

अधिकारी, अधिकारियों

परिभाषा:

“अधिकार” शब्द किसी के द्वारा किसी पर प्रभाव के पद, उत्तरदायित्व, या प्रशासन के स्थान का द्योतक है।

  • राजाओं और प्रशासनिक शासकों का उन लोगों पर वैधानिक अधिकार होता है जिन पर उनका शासन होता है।
  • "अधिकारियों" शब्द का सन्दर्भ जनता पर अधिकार रखने वाले लोगों, सरकारों या संगठनों से हो सकता है।
  • "अधिकारियों" शब्द का सन्दर्भ उन आत्माओं से भी हो सकता है जिनके पास उन मनुष्यों पर अधिकार है जिन्होंने परमेश्वर की अधीनता स्वीकार नहीं की है ।
  • स्वामी अपने सेवकों या दासों पर अधिकार रखते हैं। माता-पिता के पास अपने संतानों पर अधिकार है।
  • सरकारों को अपने नागरिकों को नियंत्रित करने वाले कानून बनाने का अधिकार या हक़ है।

अनुवाद के सुझाव:

“अधिकार” का अनुवाद “नियंत्रण” या “वर्चस्व” या “योग्यता” भी हो सकता है

  • कभी-कभी "अधिकार " शब्द, "शक्ति" के अभिप्राय में भी काम में लिया जाता है।
  • जब "अधिकारियों " शब्द लोगों पर शासन करने मनुष्यों लोगों या संगठनों को संदर्भित करने के लिए काम में लिया जाता है, तो इसका अनुवाद हो सकता है, "अगुओं" , "शासकों" या "सत्ता" के रूप में भी किया जा सकता है।
  • “अपने अधिकार से” इस उक्ति का अनुवाद हो सकता है, “अगुआई के अपने अधिकार से” या “अपनी योग्यताओं के आधार पर”
  • "अधिकार के अधीन", इस अभिव्यक्ति का अनुवाद किया जा सकता है, "पालन करने के उत्तरदायी" या "अन्यून की आज्ञाओं का पालन करने की अनिवार्यता|"

(यह भी देखें: प्रभुता, राजा, शासक, सामर्थ्य)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H8633, G08310, G14130, G18490, G18500, G20030, G27150, G52470

अधोलोक, अथाह-कुण्ड

परिभाषा:

“अधोलोक” (यूनानी भाषा का अनुवाद) और “अथाह-कुण्ड” (इब्रानी भाषा का अनुवाद) "अधोलोक" के व्यक्तिवाचक संज्ञा नाम हैं जिनका अर्थ है, भूमिगत निवास स्थान जहां प्राचीन संस्कृति में माना जाता था कि मनुष्य मरणोपरांत वहाँ जाएगा |

  • पुराने नियम में “अधोलोक” का इब्रानी शब्द (शिओल) को व्यक्तिवाचक संज्ञा नाम या जातिवाचक संज्ञा नाम स्वरुप काम में लिया जा सकता है जिसका अर्थ है, "भूमिगत|"
  • नये नियम में यूनानी शब्द “हेडीज़” (अथाह-कुण्ड) यीशु का परित्याग करने वाले मृतकों का स्थान है| नये नियम में लोगों का वर्णन किया गया है कि वे अधोलोक में "नीचे जा रहे हैं|"

अनुवाद के सुझाव

  • पुराने नियम के शब्द “शिओल” (अधोलोक) का अनुवाद प्रकरण पर आधारित होता है| कुछ संभावनाएं हैं: “मृतकों का स्थान” या “मृतक आत्माओं का स्थान”, “कुण्ड” या “मृत्यु” कहा गया है।
  • नये नियम का शब्द “हेडीज़” का अनुवाद भी प्रकरण पर आधारित नानाविध है| कुछ संभावित अनुवाद हैं: “अविश्वासी मृतकों की आत्माओं का स्थान”, "मृतकों की पीड़ा का स्थान" या “अविश्वासी मृतक मनुष्यों की आत्माओं का स्थान”।
  • कुछ अनुवादों में “शिओल” और “हेडीज़” व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्दों को ज्यों का त्यों ही रखा जाता है परन्तु उसके उच्चारण को अनुवाद की भाषा में ध्वनी के अनुरूप व्यक्त किया जाता है। (देखें: अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे)
  • इन शब्एदों में से प्रत्येक के साथ वर्णनात्मक वाक्यांश जोड़ा जा सकता है| ऐसा करने के उदाहरण हैं, "अधोलोक, वह स्थान जहाँ मृत लोग हैं" और "अथाह-कुण्ड, मृत्यु का स्थान"।

(अनुवाद के सुझाव: अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे)

(यह भी देखें: मृत्यु, स्वर्ग, नरक, कब्र)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H7585, G0860

अनुग्रह, अनुग्रहकारी

परिभाषा:

“अनुग्रह” का अर्थ है कि किसी मनुष्य की सहायता करना या उसको आशिष देना जबकि वह इस योग्य नहीं है। “अनुग्रहकारी” उस मनुष्य को दर्शाता है जो किसी पर अनुग्रह करता है।

  • पापी मनुष्यों के प्रति परमेश्वर का अनुग्रह एक निर्मोल वरदान है।
  • अनुग्रह के विचार में गलत एवं हानि पहुंचानेवाला काम करने वाले मनुष्य को दया दिखाना या क्षमा करना।
  • "अनुग्रह प्राप्त करने के लिए" इस अभिव्यक्ति का अर्थ है, परमेश्सेवर से सहायता और दया प्राप्त करना। इसके अर्थ प्रायः यह होता है, परमेश्वर का किसी पर प्रसन्न होना और उसकी सहायता करना|

अनुवाद के सुझाव:

  • “अनुग्रह” के अन्य अनुवाद रूप हो सकते हैं “ईश्वरीय दया” या “परमेश्वर की कृपा” या “पापियों के लिए परमेश्वर की दया एवं क्षमा” या “दयालु कृपा”।
  • “अनुग्रहकारी” का अनुवाद हो सकता है, “कृपापूर्ण” या “दयालु” या “अनुकम्पा पूर्ण” या “कृपापूर्ण दया”
  • “परमेश्वर की दृष्टि में अनुग्रह प्राप्त किया” इस उक्ति का अनुवाद हो सकता है, “उसने परमेश्वर से दया प्राप्त की” या “परमेश्वर ने कृपालु होकर उसकी सहायता की” या "परमेश्वर ने उस पर दया की" या “परमेश्वर उससे प्रसन्न हुआ और उसकी सहायता की”।

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H2580, H2587, H2589, H2603, H8467, G21430, G54850, G55430

अनुग्रह, पक्ष, पक्षपात

परिभाषा:

“अनुग्रह” शब्द का अर्थ सामान्यतः अनुमोदन होता है| मनुष्य किसी पर अनुग्रह करता है तो वह उसको विश्वास का मान प्रदान करता है और उसका अनुमोदन करता है

  • ​यीशु परमेश्वर और मनुष्यों के “अनुग्रह में” बढ़ता गया। अर्थात परमेश्वर और मनुष्य दोनों ने उसके चरित्र और उसके आचरण का अनुमोदन किया।
  • किसी का “अनुग्रह पात्र होना”, इसका अर्थ है, किसी के द्वारा किसी व्यक्ति का अनुमोदन किया जाना।
  • राजा किसी पर अनुग्रह करता है तो उसका अर्थ प्रायः यह होता है कि राजा ने उसकी विनती स्वीकार कर ली है और उसके पक्ष में आज्ञा दे दी है।
  • "अनुग्रह" किसी की और या किसी के लिए लाभ के निमित्त अन्ग्विन्यास या कार्य भी हो सकता है|
  • “पक्षपात” का अर्थ है, कुछ लोगों के साथ अन्यों की अपेक्षा अधिक पक्ष लेने की मनोवृति| इसका अर्थ है, एक व्यक्ति को दुसरे या एक वस्तु को दूसरी से अधिक वरीयता प्रदान करने की मनोवृति क्योंकि वह मनुष्य या वस्तु अधिक मनभावन होती है| पक्षपात को सामान्यतः अनुचित माना जाता है|

अनुवाद के सुझाव:

  • “अनुग्रह” के अन्य अनुवाद हो सकते हैं, "अनुमोदन" या “आशिष” या “लाभ”
  • “यहोवा के प्रसन्न रहने के वर्ष” इस वाक्यांश का अनुवाद हो सकता है, “वह वर्ष (समय) जब यहोवा विपुल आशीष देगा"
  • शब्द "पक्षपात" शब्द का अनुवाद हो सकता है, "भेदभाव" या "पूर्वाग्रहित" या "अन्यायपूर्ण व्यवहार|" यह शब्द "मन पसंद" से संबंधित है, जिसका अर्थ है, सबसे अधिक वरीयता प्रदान करना|

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0995, H1156, H1293, H1779, H1921, H2580, H2603, H2896, H5278, H5375, H5414, H5922, H6213, H6437, H6440, H7521, H7522, H7965, G11840, G36850, G43800, G43820, G54850, G54860

अन्तिम दिन, अंत के दिनों

परिभाषा:

“अन्तिम दिनों” या “अंत के दिनों” सामान्यतः इस वर्तमान युग के अन्त के समय का संदर्भ देते हैं।

  • यह समय अज्ञात अवधि है।
  • “अन्तिम दिन” न्याय का समय होगा, परमेश्वर से विमुख होने वालों का न्याय।

अनुवाद के सुझाव:

  • अन्तिम दिनों” का अनुवाद हो सकता है, “समापन दिवसों” या “अन्त समय."
  • कुछ संदर्भों में, इसका अनुवाद "दुनिया का अंत" या "जब यह संसार समाप्त होगा" के रूप में किया जा सकता है।

(यह भी देखें: प्रभु का दिन, न्याय, फिरे, जगत)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0319, H3117, G20780 , G22500

अन्यजाति

तथ्य:

"अन्यजाति" का अर्थ है गैर यहूदी जन। अन्य जातियां उन लोगों को कहते थे जो याकूब के वंशज नहीं थे।

  • बाइबल में “खतनारहित” शब्द भी प्रतीकात्मक रूप से अन्यजातियों के लिए काम में लिया गया है क्योंकि वे इस्राएलियों के समान अपने बालकों का खतना नहीं करते थे।
  • परमेश्वर ने यहूदियों को अपने लिए अलग करके चुन लिया था, इसलिए यहूदी अन्य लोगों को बाहरी लोग मानते थे जो कभी परमेश्वर के लोग नहीं हो सकते थे।
  • यहूदियों को इतिहास में अलग-अलग समयों पर “इस्राएली” या “इब्रानी” कहा गया है अन्य सबको वे “अन्यजाति” कहते थे।
  • अन्यजाति शब्द का अनुवाद हो सकता है, “यहूदी नहीं” या “गैर यहूदी” या “गैर इस्राएली” (पुराने नियम) या “गैर-यहूदी”
  • परम्परा के अनुसार यहूदी अन्य जाति के साथ बैठ कर भोजन नहीं करते थे या उनके साथ संबन्ध नहीं रखते थे, इस कारण आरंभिक कलीसिया में समस्याएं उत्पन्न हुई थीं।

(यह भी देखें: इस्राएल, याकूब, यहूदी)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H1471, G14820 , G14840, G16720

अपराध, अपराधों, विश्वासघात किया

परिभाषा:

“अपराध” का अर्थ है नियम का उल्लंघन करना या किसी मनुष्य के अधिकारों पर अतिक्रमण करना। “अपराध” करने की कार्य को "अतिक्रमण" कहते है।

  • यह शब्द "संक्रमण" शब्द से बहुत मिलता-जुलता है, लेकिन आमतौर पर इसका इस्तेमाल परमेश्वर अन्य लोगों के खिलाफ उल्लंघन का वर्णन करने के लिए किया जाता है।
  • अपराध एक नैतिक कानून या नागरिक कानून का उल्लंघन हो सकता है।
  • एक अपराध दूसरे व्यक्ति के खिलाफ किया गया पाप भी हो सकता है।.
  • इस शब्द का संबन्ध “पाप” और “अपराध” शब्दों से है, विशेष करके जब यह परमेश्वर की आज्ञा न मानने के परिप्रेक्ष्य में हो। सब पाप परमेश्वर के विरूद्ध अपराध हैं।

अनुवाद के सुझाव:

  • सन्दर्भ के अनुसार "तेरा अपराध" का अनुवाद हो सकता है "तेरे विरुद्ध पाप" या “नियम तोड़ना” हो सकता है।
  • कुछ भाषाओं में मुहावरे हो सकते हैं जैसे “हद पार करना”, “अपराध” के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है।
  • देखें कि यह शब्द बाइबल में इसके प्रकरण के अर्थ के साथ कैसे सुसंगत है और इसकी तुलना अन्य समानार्थक शब्दों के साथ करें जैसे “अपराध करना” और “पाप करना”।

(यह भी देखें: अवज्ञा, अधर्म के काम, पाप, उल्लंघन करना)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H816, H817, H819, H2398, H4603, H4604, H6586, H6588, G264, G3900

अपवित्र

परिभाषा:

“अपवित्र” शब्द का अर्थ है, “पवित्र नहीं”। इस शब्द का तात्पर्य है परमेश्वर का आदर न करनेवाली बात या वस्तु।

  • इस शब्द द्वारा उस मनुष्य का वर्णन किया जाता है परमेश्वर का विरोध करके उसका अपमान करता है।
  • “अपवित्र” वस्तु को साधरण, अशुद्ध, भ्रष्ट कह सकते हैं। वह परमेश्वर का नहीं है।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द के अनुवाद, “पवित्र नहीं है” या “परमेश्वर का नहीं है” या “परमेश्वर को सम्मानित नहीं करती है” या “ईश्वर भक्ति से संबन्धित नहीं है” हो सकते हैं।
  • कुछ प्रकरणों में “अपवित्र” का अनुवाद “अशुद्ध” किया जा सकता है।

(यह भी देखें: पवित्र, आदर, अशुद्ध करना, अशुद्ध)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H2455, G462, G2839

अभक्त, अधर्मी, अभक्ति, अधर्मी

परिभाषा:

“अभक्त” और “अधर्मी" शब्दों का विवरण परमेश्वर से विरोध करने वाले लोगो के लिए किया जाता है। अधर्म में जीवन निर्वाह करने वाले लोग, परमेश्वर पर चित्त नहीं लगाने को “अभक्ति” या “अधर्म” कहते हैं।

  • इन शब्दों के अर्थ लगभग एक से ही हैं। तथापि “अभक्त” और “अभक्ति” अधिक पराकाष्ठा व्यक्त करते हैं, अर्थात वो लोग या जाति जो परमेश्वर को नहीं मानते है और न ही उन पर परमेश्वर का राज्य स्वीकार करते है।
  • परमेश्वर अभक्तों और हर एक जन जो उसे और उसकी विधियों को अस्वीकार करते है उन पर क्रोध और दण्ड की घोषणा करता है।

अनुवाद के सुझाव

  • संदर्भ पर आधारित “अभक्त” शब्द का अनुवाद, “परमेश्वर को अप्रिय ” या “अनैतिक” या “परमेश्वर के अवज्ञाकारी”हो सकता है।
  • “अभक्त” और “अभक्ति” का वास्तविक अर्थ है कि मनुष्य “परमेश्वर के बिना” है या “परमेश्वर पर विचार नहीं करते” या “उनका व्यवहार ऐसा है कि वे परमेश्वर को नहीं मानते”।
  • अनुवाद की अन्य विधियां, “अभक्ति” या “अधर्म” का अनुवाद “दुष्ट” या “बुरा” या “परमेश्वर से विद्रोह” हो सकता है।

(यह भी देखें: ईश्वर-भक्त, बुराई)

बाइबल संदर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H1100, H2623, H5760, H7563, G763, G764, G765

अभिषेक करना, अभिषिक्त, अभिषेक

परिभाषा:

“अभिषेक करना” इस उक्ति का अर्थ है, किसी मनुष्य पर तेल का अभ्यंजन करना या उस पर तेल उंडेलना| कभी-कभी ऐसे तेल में मसाले मिला दी जाते थे की उसमें मनमोहक, सुगन्धित गंध उठे| बाईबल के युग में, किसी का तेल से अभिषेक करने के अनेक कारण होते थे|

  • पुराने नियम में याजकों, राजाओं तथा भविष्यद्वक्ताओं का तेल से अभिषेक किया जाता था कि उन्हें परमेश्वर के लिए एक विशेष सेवा निमित्त अलग किया जाए।
  • वेदी तथा मिलापवाले तम्बू का भी तेल से अभिषेक किया जाता था कि प्रकट हो कि वे परमेश्वर की उपासना एवं महिमामय काम लेने के लिए हैं।
  • नये नियम में रोगियों की चंगाई के लिए उनका तेल से अभ्यंजन किया जाता था।
  • नये नियम में दो बार किसी स्त्री ने उपासना स्वरूप सुगन्धित द्रव्य से यीशु का अभिषेक किया था। एक बार यीशु ने यहाँ तक कह दिया था कि ऐसा करके वह स्त्री उसे भावी अन्तिम संस्कार के लिए तैयार कर रही है।
  • यीशु की मृत्यु के बाद उसके मित्रों ने तेल और सुगन्धित द्रव्यों से उसके शव का अभ्यंजन करके दफन के लिए तैयार किया था।
  • “मसीह” (इब्रानी भाषा) और “ख्रीस्त” (यूनानी भाषा) का अर्थ है, “अभिषिक्त (जन)”।
  • मसीह यीशु एक ऐसा मनुष्य था जिसे भविष्यद्वक्ता, महायाजक और राजा होने के लिए चुना गया था तथा उसका अभिषेक किया गया था।
  • बाईबल के युग में कुछ स्त्रियाँ इत्र से अपना अभ्यंजन करती थीं कि उनका योन आकर्षण प्रकट हो

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार “अभिषेक” शब्द का अनुवाद “ऊपर तेल डालना” या “तेल उण्डेलना” या “सुगन्धित तेल डालकर अभिषेक करना” हो सकता है।
  • “अभिषिक्त होना” का अनुवाद “तेल से अभिषिक्त होना” या “नियुक्त होना” या “पवित्र किया जाना” हो सकता है।
  • कुछ संदर्भों में “अभिषेक” का अनुवाद “नियुक्त” हो सकता है।
  • “अभिषिक्त याजक” का अनुवाद “याजक जिसका अभ्यंजन तेल से किया गया है” या “याजक जो तेल डाल कर अलग किया गया” हो सकता है।

(यह भी देखें: मसीह, अभिषेक करना, महायाजक, यहूदियों का राजा, याजक, भविष्यद्वक्ता )

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0047, H0430, H1101, H1878, H3323, H4397, H4398, H4473, H4886, H4888, H4899, H5480, H8136, G00320, G02180, G07430, G14720, G20250, G34620, G55450, G55480

अविश्वास,अनिष्ट, विश्वासघात,

परिभाषा:

“अविश्वासी” अर्थात विश्वास से रहित रहना या विश्वास न करना।

  • इस शब्द द्वारा उन लोगों का वर्णन किया गया है जो परमेश्वर में विश्वास नहीं करते। उनके द्वारा विश्वास न करना उनके अनैतिक आचरण द्वारा प्रकट होता है।
  • भविष्यद्वक्ता यिर्मयाह ने इस्राएल पर दोष लगाया था कि वे विश्वास से विमुख हो गए हैं और परमेश्वर के अवज्ञाकारी हैं।
  • वे मूर्ति-पूजा करते थे और उन जातिओं के सदृश्य परमेश्वर विरोधी रीतियों पर चलते थे जो परमेश्कावर की उपासना एवं आज्ञाओं का पालन नहीं करती थीं।

"अनिष्ट"शब्द उन लोगों का वर्णन करता है जो परमेश्वर की आज्ञाओं के अनुरूप जीवन निवाह नहीं करते हैं| अनिष्ट होने की दशा या अभ्यास को "अविश्वास" कहते हैं|

  • इस्राएलियों को "विश्वास से विमुख"कहा गया था क्योंकि वे मूर्तिपूजा करने लगे थे और नाना प्रकार से परमेश्वर की आज्ञाओं का उल्लंघन कर रहे थे|

विवाहित जीवन में विश्वासघाती उसको कहा जाता है जो अपने जीवन साथी से विश्वासघात करता है|

  • परमेश्वर ने "विश्वासघात" शब्द का उपयोग इसलिए किया कि इस्राएल के अवज्ञाकारी व्यवहार का वर्णन करे| वे न तो परमेश्वर की आज्ञा मान रहे थे और न ही उसका सम्मान कर रहे थे|

अनुवाद के सुझाव

  • प्रकरण के अनुसार “अविश्वासी” का अनुवाद “विश्वासघाती” या “विश्वास नहीं करने वाला” या “परमेश्वर का अवज्ञाकारी” या “विश्वास से विमुख” किया जा सकता है।
  • “अविश्वास” का अनुवाद “विश्वासहीनता” या “अनिष्ठा” या “परमेश्वर से विरोध” किया जा सकता है।
  • "विश्वासघाती" शब्द का अनुवाद किया जा सकता है, "मनुष्य जो (परमेश्वर के) निष्ठावान नहीं हैं," या "अनिष्ट जन" या "परमेश्वर की अवज्ञा करनेवाले" या "परमेश्वर से विद्रोह करनेवाले|"
  • कुछ भाषाओं में, "विश्वास रहित" का अभिप्राय "अविश्वास" होता है|

(यह भी देखें: नाम कैसे अनुवादित करें)

(यह भी देखें: विश्वास करना, निष्ठावान, अवज्ञा, व्यभिचार)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: G571

अविश्वासी, अविश्वासियों, अविश्वास

परिभाषा:

“अविश्वास” अर्थात किसी बात पर या किसी मनुष्य पर विश्वास नहीं करना।

  • बाइबल में अविश्वास का अर्थ है, यीशु को अपना उद्धारकर्ता नहीं मानना या उसमें विश्वास नहीं करना।
  • यीशु में विश्वास नहीं करनेवाले को अविश्वासी कहते हैं।

अनुवाद के सुझाव:

  • “अविश्वास” के अन्य अनुवाद रूप हैं, “विश्वास की कमी” या “विश्वास नहीं करना”
  • “अविश्वासी” शब्द का अनुवाद”, “यीशु में विश्वास नहीं करनेवाला” या “जो यीशु को उद्धारकर्ता स्वीकार नहीं करता है।”

(यह भी देखें: विश्वासी, विश्वास, भरोसा)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: G543, G544, G570, G571

अशुद्ध

परिभाषा:

बाइबल में “अशुद्ध” शब्द प्रतीकात्मक रूप में उन बातों के संदर्भ में है जिन्हें परमेश्वर ने अपने लोगों के स्पर्श, भोजन तथा बलि के लिए अछूत ठहराया है।

  • परमेश्वर ने इस्राएलियों को स्पष्ट निर्देशन दिए कि उनके लिए कौन-कौन से पशु शुद्ध हैं और कौन-कौन से अशुद्ध हैं। अशुद्ध पशु को खाने के लिए और बलि के लिए उपयोग करने की अनुमति नहीं थी।
  • कुछ त्वचा रोगों के कारण लोगों को "अशुद्ध" कहा जाता है जब तक कि वे चंगा नहीं होते।
  • यदि इस्राएली किसी अशुद्ध वस्तु का स्पर्श करते थे तो उन्हें भी एक निश्चित समय तक अशुद्ध माना जाता था।
  • अशुद्ध वस्तुओं को न तो स्पर्श करके और न ही खा करके इस्राएली परमेश्वर की सेवा के लिए पृथक ठहरते थे।
  • यह शारीरिक एवं सांसारिक अशुद्धता नैतिक अशुद्धता का प्रतीक थी।
  • प्रतीकात्मक रूप में अशुद्ध आत्मा का संदर्भ दुष्टात्मा से था।

अनुवाद के सुझाव:

  • “अशुद्ध” का अनुवाद “अछूत” या “परमेश्वर के योग्य नहीं” या “शारीरिक अशुद्धता” या “अपवित्र” हो सकता है।
  • शैतानी अशुद्ध आत्मा के संदर्भ में “अशुद्ध” का अनुवाद “दुष्ट” या “अपवित्र” किया जा सकता है।
  • इस शब्द का अनुवाद आत्मिक अशुद्धता का भाव व्यक्त करे। इसका संदर्भ उस हर एक वस्तु से हो जिसे परमेश्वर ने स्पर्श करने, खाने और बलि चढ़ाने के लिए वर्जित किया है।

(यह भी देखें: शुद्ध, अशुद्ध, दुष्टात्मा, पवित्र, बलिदान, अपवित्र)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H2930, H2931, H2932, H5079, H6172, H6945, H7137, G167, G169, G2839, G2840, G3394

आग्रह करना,  उपदेश

परिभाषा:

“आग्रह करना” अर्थात् उचित काम करने के लिए प्रबल प्रोत्साहन देना और प्रबोधन करना| ऐसी उत्प्रेरणा को आग्रह करना कहते हैं।

  • “उपदेश देने” का उद्देश्य है मनुष्यों को पाप का त्याग करके परमेश्वर की इच्छा पर चलने के लिए प्रेरित करना।
  • नये नियम में विश्वासियों को शिक्षा दी गई है कि एक दूसरे को कठोर एवं खडी बोली में नहीं वरन प्रेमपूर्वक समझाएं।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार “आग्रह करना” का अनुवाद “प्रबल प्रबोधन” या “कायल करना” या “परामर्श देना” भी हो सकता है।
  • सुनिश्चित करें कि इस शब्द का अनुवाद ऐसा न लगे कि समझाने वाला क्रोधित है। इस शब्द से शक्ति एवं गंभीरता प्रकट हो परन्तु क्रोधपूर्ण भाषा का संदर्भ न हो।
  • अधिकांश प्रकरणों में "आग्रह करने" का अनुवाद “प्रोत्साहन” से भिन्न होना है जिसका अर्थ है प्रेरित करना, विश्वास दिलाना, या शान्ति देना है।
  • इस शब्द का अनुवाद “झिड़कना” से भी भिन्न होना है जिसका अर्थ है अनुचित व्यवहार के लिए चेतावनी देना, या सुधारना है।

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: G38670, G38700, G38740, G43890

आज्ञा, आज्ञाएँ, आज्ञा दी

परिभाषा:

“आज्ञा देना” अर्थात किसी को कुछ करने की आज्ञा देना। “आज्ञा” मनुष्य को दिया गया आदेश है।

  • यद्यपि इन शब्दों के मूल रूप से एक ही अर्थ है, “आज्ञा” अक्सर परमेश्वर की कुछ निश्चित आज्ञाओं को संदर्भित करता है जो अधिक औपचारिक और स्थायी हैं, जैसे “दस आज्ञाएं”।
  • आज्ञा सकारात्मक हो सकता है (“अपने माता-पिता का आदर कर”) या नकारात्मक (“चोरी मत कर”)।
  • “आदेश हाथ में लेना” अर्थात “नियंत्रण संभालना” या किसी काम या मनुष्य का दायित्व संभालना”।

अनुवाद सुझाव:

  • “व्यवस्था” शब्द का अनुवाद भिन्न अर्थ में किया जाना सबसे अच्छा है। “आदेश” और “विधियों” की परिभाषा से भी इसकी तुलना करें।
  • कुछ अनुवादक अपनी भाषा में एक ही शब्द द्वारा आज्ञा और ईश्वरीय आज्ञा का अनुवाद करना पसंद कर सकते हैं।
  • अन्य अनुवादक ईश्वरीय आज्ञा के लिए एक विशेष शब्द का उपयोग करना पसंद कर सकते हैं, जो कि स्थायी, औपचारिक आज्ञाएँ जो परमेश्वर ने बनायीं है।

(देखें आदेश, विधि, व्यवस्था, दस आज्ञाएँ)

बाइबल संदर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H559, H560, H565, H1696, H1697, H1881, H2706, H2708, H2710, H2941, H2942, H2951, H3027, H3982, H3983, H4406, H4662, H4687, H4929, H4931, H4941, H5057, H5713, H5749, H6213, H6310, H6346, H6490, H6673, H6680, H7101, H7218, H7227, H7262, H7761, H7970, H8269, G1263, G1291, G1296, G1297, G1299, G1690, G1778, G1781, G1785, G2003, G2004, G2008, G2036, G2753, G3056, G3726, G3852, G3853, G4367, G4483, G4487, G5506

आत्मा, हवा, सांस

परिभाषा:

“आत्मा” मनुष्य का वह अलौकिक भाग है जो दिखाई नहीं देता है। मरने के समय आत्मा शरीर को छोड़ देती है। “आत्मा” शब्द स्वभाव या मानसिक अवस्था को भी दर्शाता है। बाइबिल के समय में, किसी व्यक्ति की आत्मा की अवधारणा का किसी व्यक्ति की सांस की अवधारणा से गहरा संबंध था। शब्द "हवा" का भी उल्लेख कर सकता है, अर्थात, प्राकृतिक दुनिया में हवा की गति।

  • शब्द "आत्मा" एक ऐसे प्राणी आत्मा के सन्दर्भ में भी हो सकता है जिसके पास एक भौतिक शरीर नहीं है, जैसे दुष्टात्मा।
  • “आत्मिक” इस शब्द का सामान्य अर्थ है, अलौकिक संसार की बातें।
  • “की आत्मा” इस उक्ति का अर्थ है, “का सा चरित्र” जैसे “बुद्धि की आत्मा” या “एलिय्याह की आत्मा में”। मनुष्य के स्वभाव और भावना के परिप्रेक्ष्य में “आत्मा” का संदर्भ होगा, “भय की आत्मा” या “ईर्ष्या की आत्मा”
  • यीशु ने कहा कि परमेश्वर आत्मा है।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार “आत्मा” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “अलौकिक प्राणी” या “आन्तरिक भाग” या “आन्तरिक मनुष्यत्व”।
  • कुछ संदर्भों में “आत्मा” का अनुवाद “दुष्टात्मा” या “दुष्ट आत्मिक प्राणी” हो सकता है।
  • कभी-कभी “आत्मा” शब्द मनुष्य की भावना को व्यक्त करने के लिए काम में लिया जाता है जैसे “मेरी आत्मा भीतर ही भीतर व्याकुल थी”। इसका अनुवाद “मेरी आत्मा दुःखित थी” या “मुझे गहरा दुख” हो सकता है।
  • “की आत्मा” का अनुवाद हो सकता है, “का चरित्र” या “का प्रभाव” या “का स्वाभाव” या “के द्वारा चरित्र-लक्षण प्रभावित"
  • संदर्भ के आधार पर, "आत्मिक" का अनुवाद हो सकता है, "अलौकिक" या "पवित्र आत्मा से" या "परमेश्वर" या "अलौकिक संसार का भाग"
  • इस अभिव्यक्ति "आध्यात्मिक परिपक्वता" का अनुवाद हो सकता है, "ईश्वरीय स्वभाव जो पवित्र आत्मा का आज्ञाकारी है"
  • "आध्यात्मिक वरदान" का अनुवाद हो सकता है, "पवित्रात्मा प्रदत्त विशेष योग्यता"
  • कभी-कभी इस शब्द का अनुवाद, "हवा" भी हो सकता है, जब हवा चलने का सन्दर्भ हो या "सांस"" हो सकता है जब जीवित प्राणियों द्वारा वायु प्रवाह का संदार्ब हो|

(यह भी देखें: दुष्टात्मा, पवित्र आत्मा, प्राण, सांस)

बाइबल के सन्दर्भ:

बाइबल के कहानियों से उदाहरण:

  • 13:3 तीसरे दिन तक, वह अपने आप को आत्मिक रूप से तैयार करे ,जब परमेश्वर सीनै पर्वत पर आया तो बादल गरजने और बिजली चमकने लगी और पर्वत पर काली घटा छा गई फिर नरसिंगे का बड़ा भारी शब्द हुआ |
  • 40:7 तब यीशु ने पुकार कर कहा, “पूरा हुआ! हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूँ |” तब यीशु का सिर झुक दिया, और उसने अपनी आत्मा को परमेश्वर के हाथ में सौंप दिया |
  • 45:5 जब स्तिफनुस मरने पर था, वह प्रार्थना करने लगा कि, “हे प्रभु यीशु मेरी आत्मा को ग्रहण कर |”
  • 48:7 सभी लोगों का समूह यीशु के कारण आशीषित हुआ, क्योंकि हर कोई जिसने यीशु पर विश्वास करने लगा और अपने पापों से छुटकारा पाया, और अब्राहम का एक आत्मिक वंशज बना |

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H178, H1172, H5397, H7307, H7308, G4151, G4152, G4153, G5326, G5427

आदर, आदर करना

परिभाषा:

“आदर” और “आदर करना” का अर्थ है किसी का सम्मान करना, प्रतिष्ठित करना या श्रद्धा अर्पित करना

  • आदर उस मनुष्य का किया जा सकता है जो पद में बड़ा हो, महत्वपूर्ण हो जैसे राजा या परमेश्वर।
  • परमेश्वर ने मसीहियों को निर्देश दिया कि दूसरों का आदर करें।
  • सन्तान से अपेक्षा की गई है कि अपने माता-पिता का आदर करें जिसमें उसके सम्मान एवं आज्ञापालन की अपेक्षा भी की गई है।
  • “आदर” और महिमा शब्दों के साथ-साथ काम में लिया गया है, विशेष करके यीशु के संदर्भ में। एक ही बात को कहने के ये दो तरीके हैं।
  • परमेश्वर का आदर करने का अर्थ है उसे धन्यवाद कहना और उसकी स्तुति करना तथा उसकी आज्ञा मानकर सम्मान प्रगट करना तथा ऐसा जीवन जीना जिससे प्रकट हो कि वह कैसा महान है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “आदर” के अन्य अनुवाद रूप हैं, “किसी को विशेष सम्मान दिखाना” या “प्रतिष्ठा दर्शाना” या “उच्च सम्मान देना”
  • “आदर करना” का अनुवाद हो सकता है, “विशेष सम्मान करना” या “प्रशंसा करना” या “उच्च प्रतिष्ठा दर्शाना” या “महान महत्व प्रकट करना”

(यह भी देखें: अपमान, महिमा, महिमा करना, स्तुति करना)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H1420, H1921, H1922, H1923, H1926, H1927, H1935, H2082, H2142, H3366, H3367, H3368, H3372, H3373, H3374, H3444, H3513, H3519, H3655, H3678, H5081, H5375, H5457, H6213, H6286, H6437, H6942, H6944, H6965, H7236, H7613, H7812, H8597, H8416, G08200, G13910, G13920, G17840, G21510, G25700, G31700, G44110, G45860, G50910, G50920, G50930, G53990

आमीन, सच में

परिभाषा:

“आमीन” शब्द किसी की बात पर बल देना या ध्यान आकर्षित करना दर्शाता है। इसका उपयोग प्रायः प्रार्थना के अन्त में होता है। कभी-कभी इसका अनुवाद “सच में” किया जाता है।

  • प्रार्थना के अन्त में “आमीन” शब्द प्रार्थना के साथ सहमति या प्रार्थना पूरी होने की इच्छा प्रकट करता है।
  • अपनी शिक्षाओं में यीशु ने “आमीन” शब्द के उपयोग द्वारा अपनी बात के सत्य पर बल दिया था। इस शब्द के बाद उसने सदैव कहा, “और मैं तुमसे कहता हूं” कि वह पहले की बात से संबंधित एक और बात कहे।
  • जब यीशु “आमीन” शब्द का उपयोग इस प्रकार करता है तो कुछ अंग्रेजी बाइबल (यू. एल. बी. भी) इसका अनुवाद “वास्तव में” या “सच कहता हूं” करती हैं।
  • एक और शब्द “सच-सच” का अनुवाद “निश्चय” या “यथा-तथ्य” किया जा सकता है।

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • देखें कि लक्षित भाषा में से कोई विशेष शब्द या कोई वाक्य है जो किसी कही गई बात पर बल देने के काम में ली जाती है।
  • प्रार्थना के अन्त में या किसी बात के समर्थन में, “आमीन” अनुवाद किया जा सकता है, “ऐसा ही हो”, या “ऐसा होने दे”, या “यह सच है”।
  • जब यीशु कहता है, “ मैं तुमसे सच सच कहता हूं” तो इसका अनुवाद हो सकता है, “हां, मैं सच कहता हूं” या “यह सच है और मैं कहता हूं”।
  • “मैं तुमसे सच-सच कहता हूं” का अनुवाद हो सकता है, “मैं तुमसे सच्ची बात कहता हूं” या “मैं सच्ची भावना से तुमसे कहता हूं” या “मैं जो तुमसे कहता हूं वह सच है”

(यह भी देखें: पूरा करना, सत्य)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H543, G281

आराधनालय

परिभाषा:

“आराधनालय” वह स्थान था जहां यहूदी लोग परमेश्वर की आराधना हेतु एकत्र होते थे।

  • प्राचीन काल से ही, इन आराधनालयों की आराधनाओं में प्रार्थनाओं, धर्मशास्त्र पढ़ना, और शास्त्रों के बारे में शिक्षण का समय होता था।
  • यहूदियों ने परमेश्वर से प्रार्थना करने और उसकी उपासना करने के लिए अपने-अपने नगरों में आराधनालयों का निर्माण करना आरम्भ कर दिया था क्योंकि अनेक यहूदी यरूशलेम के मंदिर से बहुत दूर रहते थे।
  • यीशु प्रायः आराधनालयों में शिक्षा देता था और लोंगों को चंगा करता था।
  • “आराधनालय” शब्द का उपयोग लाक्षणिक भाषा में भी किया गया है जिसका सन्दर्भ वहाँ एकत्र होने वालर आराधकों से है।

(यह भी देखें: चंगा करना, यरूशलेम, यहूदी, प्रार्थना करना, मन्दिर, परमेश्वर का वचन, आराधना)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H4150, G06560, G07520, G48640

आशा, आशा की

परिभाषा:

आशा का अर्थ है, किसी बात के होने की उत्कट अभिलाषा। आशा में निहित अभिप्राय हो सकता है, किसी भावी घटना की निश्चितता या अनिश्चितता|

  • बाइबल में, "आशा" शब्द का एक भावार्थ "भरोसा" भी है, जैसा कि "मेरी आशा प्रभु में है।" इसका सन्दर्भ परमेश्वर की प्रतिज्ञा की प्राप्ति की निश्चित प्रत्याशा से है जो उसने अपने लोगों से की है|
  • कभी-कभी ULT में इस शब्द का शब्दानुवाद मूल भाषा में, "आत्मविश्वास" किया गया है। ऐसा अधिकतर नए नियम में उन परिस्थितियों में होता है, जहां लोग यीशु में उद्धारकर्ता होने का विश्वास करते हैं, उनमें पूर्ण विश्वास (आत्मविश्वास या भरोसा) है कि परमेश्वर ने जो प्रतिज्ञा की है उसको वे निश्चय ही प्राप्त करेंगे।
  • “कोई आशा नहीं” अर्थात किसी अच्छी बात के होने का विश्वास नहीं। इसका अर्थ है कि यह वास्तव में पूर्ण निश्चित है कि ऐसा नहीं होगा।

अनुवाद के सुझाव:

  • अधिकांश संदर्भों में आशा करना का अनुवाद हो सकता है, “इच्छा करना” या “मनोकामना” या “अपेक्षा करना।”
  • "आशा करने के लिए कुछ नहीं", इस अभिव्यक्ति का अनुवाद हो सकता है, "भरोसा करने के लिए कुछ नहीं" या "किसी भी अच्छी बात की प्रत्याशा नहीं है"
  • “आशा ही नहीं” का अनुवाद हो सकता है, “किसी भी अच्छी बात की अपेक्षा नहीं होना” या “सुरक्षा नहीं होना” या “निश्चित रूप से जान लेना कि कुछ भी अच्छा नहीं होगा।”
  • "की आशा की है"का अनुवाद हो सकता है, "में विश्वास रखा है" या "पर भरोसा रखे हुए है"
  • "मुझे आपकी बात सेआशा है" इसका अनुवाद हो सकता है, "मुझे पूरा भरोसा है कि आपका वचन सत्य है" या "आपकी बात मुझे आप पर भरोसा करने में सहायता करती है" या "जब मैं आपके वचन का पालन करता हूँ, तो मुझे धन्य होने का निश्चय हो जाता है"
  • परमेश्वर "में आशा" ऎसी उक्तियों का अनुवाद हो सकता है, "परमेश्वर पर भरोसा" या "निश्चित जानना के परमेश्वर ने जो प्रतिज्ञा की हैउसको वह पूरी करेगा" या "निश्चय हो जाना कि परमेश्वर विश्वासयोग्य है"

(यह भी देखें: आशीष देना, भरोसा, अच्छा, आज्ञा पालन, भरोसा, परमेश्वर का वचन)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0982, H0983, H0986, H2620, H2976, H3175, H3176, H3689, H4009, H4268, H4723, H7663, H7664, H8431, H8615, G00910, G05600, G16790, G16800, G20700

आशीष देना, धन्य, आशीर्वाद

परिभाषा:

किसी को “आशीष” देना अर्थात किसी व्यक्ति या वस्तु के लिए अच्छी एवं लाभकारी बात की कामना करना।

  • किसी को आशीष देने का अर्थ यह भी हो सकता है, मनुष्य विशेष के लिए अच्छी एवं लाभकारी बात की मनोकामना व्यक्त करना।
  • बाइबल के युग में पिता प्रायः अपनी सन्तान को विधिवत आशीष देते थे।
  • परन्तु मनुष्य जब परमेश्वर को “धन्य”कहते हैं या इच्छा प्रकट करते हैं किप्रमेश्वर धन्य हो, तो इसका अर्थ है कि वे उसकी स्तुति करते हैं| तब इस शब्द का अभिप्राय है, वे उसका गुणगान कर रहे हैं।
  • कभी-कभी “आशीष” शब्द भोजन को खाने से पहले उसे पवित्र करने की प्रक्रिया के लिए या भोजन के लिए परमेश्वर का धन्यवाद करने एवं स्तुति करने के लिए भी काम में लिया जाता है|

अनुवाद के सुझाव:

  • “आशीष देना" का अनुवाद “उदारता से प्रदान करना” या किसी "पर अत्यधिक दया एवं कृपा प्रकट करना” भी हो सकता है।
  • “परमेश्वर ने बहुत आशीष दी” का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर ने बहुत भली वस्तुएँ दी” या “परमेश्वर ने बहुतायत से दिया" या "परमेश्वर समृद्धि प्रदान करेगा”।
  • “वह आशीषित है” इसका अनुवाद हो सकता है, “वह बहुत लाभ उठाएगा” या “वह अच्छी-अच्छी वस्तुएँ प्राप्त करेगा” या “परमेश्वर उसे समृद्धि प्रदान करेगा”।
  • “धन्य है वह पुरूष जो” इसका अनुवाद हो सकता है, “उस मनुष्य के लिए कैसा भला है जो"
  • “धन्य है प्रभु परमेश्वर” ऐसी अभिव्यक्तियों का अनुवाद हो सकता है, “प्रभु की स्तुति हो” या “ यहोवा की स्तुति करो” या “मैं परमेश्वर की स्तुति करता हूं”।
  • भोजन को आशिष देने के संदर्भ में इसका अनुवाद किया जा सकता है, “भोजन के लिए परमेश्वर का धन्यवाद किया” या “भोजन के लिए परमेश्वर का गुणगान किया” या “परमेश्वर की स्तुति करके भोजन को पवित्र किया”।

(यह भी देखें: स्तुति करना)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 1:7 परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा है और उसने उन्हें आशीर्वाद दिया
  • 1:15 परमेश्वर ने अपने स्वरूप में आदम और हव्वा को बनाया। उस ने उन्हें आशीष दी और उन से कहा, “अनेक संतान और पोतो को जन्म देकर पृथ्वी में भर जाओ!”
  • 1:16 इसलिये परमेश्वर जो कुछ वह कर रहा था उन सब से उसने विश्राम लिया। उस ने सातवें दिन को आशीष दी और उसे पवित्र किया क्योंकि इस दिन परमेश्वर ने अपने काम से विश्राम किया था।
  • 4:4 "मैं तेरा नाम महान करूँगा। जो तुझे __आशीष__दे, उसको मैं आशीष दूंगा और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूँगा। तेरे कारण पृथ्वी के सब कुल __आशीष __ पाएंगे।"
  • 4:7 मलिकिसिदक ने अब्राम को __आशीष दी__और कहा, "परमप्रधान परमेश्वर जो स्वर्ग और पृथ्वी का स्वामी है, अब्राम को आशीष दे।"
  • 7:3 इसहाक एसाव को आशीष देना चाहता था।
  • 8:5 यहां तक कि जेल में भी यूसुफ परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य रहा, और परमेश्वर ने उसे आशीष दी

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0833, H0835, H1288, H1289, H1293, G17570, G21270, G21280, G21290, G31060, G31070, G31080, G60500

इब्रानी, इब्रानियों

तथ्य:

“इब्रानियों” लोग इसहाक और याकूब के द्वारा अब्राहम के वंशज थे। बाइबल में अब्राहम पहला मनुष्य था जिसे “इब्रानी” कहा गया था।

  • “इब्रानी” शब्द लोगों के समूह में किसी व्यक्ति के लिए या उस समूह द्वारा बोली जाने वाली भाषा के लिए संदर्भित कर सकता है।
  • पुराना नियम मूल रूप से इब्रानी भाषा में लिखा गया था। हालाँकि, नए नियम के अधिकांश पदों में, विशिष्ट शब्द "इब्रानी" संभवतः इब्रानी भाषा के बजाय अरामी भाषा को संदर्भित करता है।
  • बाइबल में विभिन्न संदर्भों में इब्रानियों को “यहूदी” या “इस्राएली” भी कहा गया है। उचित होगा कि इन सब शब्दों को उनके मूल रूप में ही रखा जाए, परन्तु सुनिश्चित किया जाए कि ये शब्द एक ही जाति का बोध कराते हैं।

(अनुवाद के सुझाव नामों का अनुवाद कैसे करें)

(यह भी देखें: इस्राएल, यहूदी, यहूदी अगुवे)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H5680, G1444, G1445, G1446, G1447

इस्राएल, इस्राएली

तथ्य:

“इस्राएल” परमेश्वर द्वारा याकूब को दिया गया नाम था। इसका अर्थ है, “वह परमेश्वर के साथ संघर्ष करता है”

  • याकूब के वंशज “इस्राएल की प्रजा”, “इस्राएल जाति” या “इस्राएली” कहलाए।
  • परमेश्वर ने इस्राएल की प्रजा से वाचा बांधी थी। वे उसके चुने हुए लोग थे।
  • इस्राएल जाति बारह गोत्रों की थी।
  • राजा सुलैमान के मरणोपरान्त इस्राएल दो राज्य विभाजित हो गया था। दक्षिणी राज्य जो “यहूदा” कहलाया और उत्तरी राज्य “इस्राएल”।
  • इस्राएल का अनुवाद “इस्राएली प्रजा” या “इस्राएल जाति” किया जाता है, जो प्रकरण पर निर्भर करता है।

(यह भी देखें: याकूब, इस्राएल का राज्य, यहूदा, राष्ट्र, इस्राएल के बारह गोत्र)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 08:15 बारह पुत्रों की सन्तान से इस्राएल के बारह गोत्र बन गए।
  • 09:03 मिस्रियो ने इस्राएलियों से कठोरता के साथ सेवा करवाई, और यहाँ तक कि कई इमारते व पूरे नगर का निर्माण करवाया।
  • 09:05 एक इस्राएली महिला ने पुत्र को जन्म दिया।
  • 10:01 उन्होंने कहा, “इस्राएल का परमेश्वर यों कहता है, ‘मेरी प्रजा के लोगों को जाने दे !’”
  • 14:12 परन्तु इन सब के बावजूद भी, इस्राएली परमेश्वर व मूसा के विरुद्ध बुड़बुड़ाते रहें।
  • 15:09 परमेश्वर उस दिन इस्राएल के लिए लड़े। परमेश्वर ने एमोरियों को उलझन में डाल दिया, और ओले भेजकर बहुत से एमोरियों को घात किया।
  • 15:12 युद्ध के बाद, परमेश्वर ने इस्राएलियों को वह सारा देश दिया, जिसे उसने उनको पूर्वजों से शपथ खाकर देने को कहा था; और वे उसके अधिकारी होकर उसमे बस गए। तब परमेश्वर ने इस्राएलियों को सारी सीमा के साथ शांति प्रदान की |
  • 16:16 तो परमेश्वर ने इस्राएलियों को फिर से दंडित किया, क्योंकि उन्होंने मूर्ति की उपासना की थी।
  • 43:06 “हे इस्राएलियो ये बातें सुनो: यीशु नासरी एक मनुष्य था, जिसने परमेश्वर की सामर्थ्य से कई आश्चर्य के कामों और चिन्हों को प्रगट किया, जो परमेश्वर ने तुम्हारे बीच उसके द्वारा कर दिखाए जिसे तुम आप ही जानते हो”

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H3478, H3479, H3481, H3482, G935, G2474, G2475

ईर्ष्यालु, ईर्ष्या,डाह

परिभाषा:

“ईर्ष्यालु” और ईर्ष्या” का संदर्भ, संबन्ध की शुद्धता को सुरक्षित रखने की प्रबल इच्छा से है। इन शब्दों का सन्दर्भ उस उत्कट अभिलाषा से भी हो सकता है जिसमें कोई किसी वस्तु या मनुष्य पर अपना अधिकार समझता है।

  • इन शब्दों द्वारा मनुष्य के क्रोध को भी व्यक्त किया जाता है जो विश्वासघाती जीवन साथी के प्रति उभरता है।
  • इस शब्द को जब बाईबल में काम में लिया जाता है तब इनके द्वारा परमेश्वर की प्रजा को शुद्ध और पाप से निष्कलंक रहने की परमेश्वर की प्रबल इच्छा को भी दर्शाया गया है।
  • परमेश्वर अपने नाम के लिए भी ईर्ष्यालु है, उसकी इच्छा है कि उसके नाम का सम्मान हो और एवं श्रद्धा अर्पित की जाए।
  • इर्ष्या का एक और अर्थ भी है, कोई सफल और अधिक प्रसिद्द हो तो क्रोधित होना| किसी की सफलता और ख्याति पर क्रोध को भी ईर्ष्या कहते हैं। * यह “डाह” शब्द का सहार्थी है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “ईर्ष्यालु” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “सुरक्षा की प्रबल इच्छा रखने वाला” या “अपनेपन की इच्छा रखने वाला”
  • “ईर्ष्या” का अनुवाद “सुरक्षा की प्रबल भावना” या “अपनेपन की भावना”
  • परमेश्वर के लिए जब इस शब्द का अनुवाद करें नकारात्मक भाव प्रकट न हो, ऐसा प्रकट न हो कि परमेश्वर किसी से जलन रखता है।
  • मनुष्यों के प्रति, जब कोई सफल होता है तब मनुष्यों की आवेशी भावनाओं के संदर्भ में "ईर्ष्यालु" या "ईर्ष्या" शब्दों का प्रयोग किया जा सकता है। परन्तु इन शब्दों का उपयोग परमेश्वर के लिए न करें।

(यह भी देखें: ईर्ष्या)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H7065, H7067, H7068, H7072, G22050, G38630

ईश्वरीय

परिभाषा:

“ईश्वरीय” अर्थात परमेश्वर से संबन्धित सब बातें।

  • इस शब्द का कुछ उपयोग इस प्रकार है, “दिव्य अधिकार,” “परमेश्वर का न्याय,” “ईश्वरीय स्वभाव,” “ईश्वरीय सामर्थ्य” और “परमेश्वर की महिमा”।
  • बाइबल के एक गद्यांश में “ईश्वरीय” शब्द झूठे देवता के संबन्ध में भी किसी बात का वर्णन करने के लिए काम में लिया गया है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “ईश्वरीय” शब्द के अनुवाद हो सकते हैं, “परमेश्वर का” या “परमेश्वर से” या “परमेश्वर से संबन्धित” या “परमेश्वर के गुणों से अभिभूत”
  • उदाहरणार्थ, “ईश्वरीय अधिकार” का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर का अधिकार” या “परमेश्वर प्रदत्त अधिकार”।
  • “ईश्वरीय महिमा” का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर की महिमा” या “परमेश्वर में निहित महिमा” या “परमेश्वर से प्रकट महिमा”।
  • कुछ अनुवादों में मूर्तियों से संबन्धित किसी बात को व्यक्त करने के लिए भिन्न शब्दों का उपयोग किया जाता है।

(यह भी देखें: अधिकार, झूठे देवता, महिमा, परमेश्वर, न्याय, सामर्थ्य)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: G23040, G29990

उचित नहीं, अधर्म

परिभाषा:

  • “व्यवस्था विरोधी” नियमों का उल्लंघन करनेवाले कामों का वर्णन करता है।
  • नये नियम में “व्यवस्था विरोधी” उक्ति का उपयोग परमेश्वर के नियमों के उल्लंघन ही के लिए नहीं मानव निर्मित यहूदी परम्पराओं के उल्लंघन के लिए भी काम में ली जाती है।
  • वर्षों के अन्तराल में यहूदियों ने परमेश्वर प्रदत्त व्यवस्था में अपनी परम्पराओं को जोड़ दिया था। यहूदी अगुवे मानव निर्मित परम्पराओं के उल्लंघन को “व्यवस्था विरोधी” कहते थे।
  • यीशु के शिष्य सब्त के दिन गेहूँ की बालें तोड़ रहे थे तो फरीसियों ने उन्हें व्यवस्था विरोधी काम करने का दोषी ठहराया था क्योंकि वह सब्त के दिन विश्राम करने का यहूदी व्यवस्था का उल्लंघन कर रहा था।
  • पतरस ने परमेश्वर से कहा कि अशुद्ध भोजन करना उसके लिए व्यवस्था विरोधी था तो उसके कहने का अर्थ था कि वह परमेश्वर द्वारा वर्जित भोजन खाकर नियमों का उल्लंघन करेगा।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द के अनुवाद में ऐसा शब्द या उक्ति काम में ले जिसका अर्थ “व्यवस्था सम्मत नहीं” या “व्यवस्था का उल्लंघन करना” हो।
  • “व्यवस्था-विरोधी” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “अनुमति नहीं” या “परमेश्वर के नियमों के अनुरूप नहीं” या “हमारी व्यवस्था के अनुरूप नहीं है”।
  • “व्यवस्था के विरूद्ध” का अर्थ भी “व्यवस्था विरोधी” ही है।

(यह भी देखें: व्यवस्था, मूसा, सब्त)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: G111, G459

उद्धार

परिभाषा:

“उद्धार” शब्द का अर्थ है बुराई और संकट से बचाया जाना ।

  • बाइबल में उद्धार का अर्थ आमतौर पर परमेश्वर द्वारा आध्यात्मिक और अनन्त छुटकारा दिलाने से है, उनको जो अपने पापों से पश्चाताप करते हैं और यीशु में विश्वास करते है।
  • बाइबल में परमेश्वर द्वारा अपने लोगों को सांसारिक विरोधियों से बचाना और मुक्ति दिलाने की चर्चा भी की गई है।

अनुवाद के सुझाव:

  • यह शब्द का अनुवाद "बचाव" या "छुटकारा" जैसे शब्दों से भी किया जा सकता है, जैसा कि “परमेश्वर के द्वारा लोगो को बचाना (अपने पापों के लिए दंडित होने से)” या "परमेश्वर के द्वारा लोगो को छुटकारा दिलाना (अपने शत्रुओं से)।
  • " परमेश्वर मेरा उद्धार है" के रूप में अनुवाद किया जा सकता है "परमेश्वर ही मुझे बचाता है।"
  • "आप उद्धार के कुओं से पानी खींच लेंगे" का अनुवाद किया जा सकता है, "आप पानी से ताज़ा हो जाएंगे क्योंकि परमेश्वर तुम्हारा उद्धार कर रहे हैं।"

(यह भी देखें: बचाना, उद्धारकर्ता)

बाइबल संदर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H3444, H3467, H3468, H4190, H8668, G4991, G4992

उद्धारकर्ता, बचाने वाला

तथ्य:

“बचाने वाला” अर्थात किसी को सकंट से उबारने वाला इसका संदर्भ मनुष्यों को साहस बन्धानेवाले या उनके लिए प्रबन्ध करनेवाले से भी हो सकता है।

  • पुराने नियम में परमेश्वर को इस्राएल का उद्धारकर्ता कहा गया है, क्योंकि उसने अधिकतर उन्हें शत्रुओं के हाथो से छुड़ाया था और उन्हें बल प्रदान किया था और उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति की थी।
  • नये नियम में “उद्धारकर्ता” शब्द यीशु मसीह के लिए एक पदनाम या व्याख्या स्वरूप काम में लिया गया है क्योंकि वह मनुष्यों को उनके पापों के अनन्त दण्ड से बचाता है। वह उन्हें पाप के वश से भी छुड़ाता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • संभव हो तो “उद्धारकर्ता” का अनुवाद ऐसे शब्द से किया जाना आवश्यक है जो “उद्धार करने” और “उद्धार” से ही संबन्धित हो।
  • इस शब्द के अनुवाद हो सकते हैं, “उद्धार करनेवाला” या "उद्धार करनेवाला परमेश्वर" या "संकट से बचानेवाला" या “शत्रुओं से बचानेवाला” या यीशु, पापों से बचानेवाला (लोगो को)।

(यह भी देखें: छुटकारा देना, यीशु, उद्धार, बचाना)

बाइबल संदर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H3467, G4990

उल्लंघन करना, अपराध

परिभाषा:

शब्द “अपराध” का अर्थ है,रेखा पार करना या सीमा का उल्लंघन करना. यह शब्द अधिकतर रूपक स्वरुप काम में लिया जाता है कि आज्ञा, नियम या सदाचार का नियम तोड़ना दर्शाया जाए.

  • ​यह शब्द "अधर्म" शब्द का अत्यधिक समानार्थक शब्द है परन्तु सामान्यत: इसका उपयोग अधिकतर मनुष्यों की अपेक्षा परमेश्वर के विरुद्ध अपराध के लिए किया जाता है.
  • “अपराध करना," इसका वर्णन "रेखा लांघने" जैसा भी किया जाता है अर्थात सीमा या हद पार करना जो किसी मनुष्य और अन्य जनों के लिए निर्धारित की गयी है.

अनुवाद के सुझाव:

  • “उल्लंघन करना” का अनुवाद , “पाप करना” या “अवज्ञा” या "विद्रोह करना" हो सकता है.
  • यदि किसी पद में या गद्यांश में दो अलग अलग शब्दों का उपयोग किया गया है जिनका अर्थ “पाप”, “अपराध” या “अधर्म” है तो यह महत्वपूर्ण है कि यथासंभव इन शब्दों के अनुवाद में अलग-अलग रूप काम में लें. बाइबल यदि एक ही अभिप्राय के निमित्त दो या अधिक शब्दों का उपयोग करती है तो उसका उद्देश्य है कि बात पर बल दिया जाए या उसका महत्व प्रकट किया जाए.

(देखें: समानता)

(यह भी देखें: अवज्ञा, पाप, अपराध करना, अधर्म के काम)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H898, H4603, H4604, H6586, H6588, G458, G459, G3845, G3847, G3848, G3928

ऊँचा करना, ऊँचा किया, बढ़ाई करना

परिभाषा:

ऊँचा करने का अर्थ है, किसी की बहुत अधिक प्रशंसा करना और उसको सम्मान देना। इसका अर्थ किसी को ऊँचे स्थान पर स्थापित करना भी है।

  • बाइबल में "ऊँचा करने" का अर्थ है, परमेश्वर को प्रतिष्ठित करना है।
  • जब मनुष्य अपने आप को ऊंचा करता है तब वह घमण्ड करता है और अपने बारे में दम्भी और अभिमानी है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “ऊँचा करने” के अनुवाद रूप हो सकते हैं “बहुत अधिक प्रशंसा” या “अत्यधिक सम्मान देना” या “गुणगान करना” या “किसी के बारे में ऊंचे विचार प्रकट करना”।
  • कुछ संदर्भों में इसका अनुवाद ऐसे शब्दों या उक्तियों द्वारा हो सकता है जिन का अर्थ हो, “ऊंचे स्थान पर रखना” या “अधिक सम्मान देना” या “ के बारे में गर्व से कहना”
  • “अपनी बढ़ाई मत कर” का अनुवाद हो सकता है, “अपने को बहुत बड़ा मत समझ” या “अपने मुँह मियां मिट्ठू मत बन”।
  • “वे जो अपने आपको बड़ा समझते हैं” इसका अनुवाद हो सकता है, “जो अपने पर घमण्ड करते हैं” या “जो अपने बारे में बड़ी बड़ी बातें करते हैं”

(यह भी देखें: स्तुति, उपासना, महिमा करना, घमण्ड करना, घमण्डी)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H1361, H4984, H5375, H5549, H5927, H7311, H7426, H7682, G18690, G52290, G52510, G53110, G53120

एपोद

परिभाषा:

“एपोद” एक प्रकार का परिधान होता था जिसे इस्राएलियों के याजक धारण करते थे। इसके दो भाग थे, आगे का और पीछे का, कंधों पर जुड़ा और कमर पर कपड़े के पटुका से बांधा जाता था।

  • एक और एपोद था जो साधारण मलमल का होता था और साधारण याजकों द्वारा धारण किया जाता था।
  • महायाजक का एपोद सोने और नीले, बैंगनी एवं लाल धागे से सुसज्जित किया जाता था।
  • महायाजक का चपरास एपोद के सामने के भाग से जुड़ा होता था। याजक के सीनाबन्द में परमेश्वर की इच्छा जानने के लिए ऊरीम और तुम्मीम रहते थे।
  • न्यायी गिदोन ने मूर्खता करके सोने का एक एपोद बनवाया था जो इस्राएलियों के लिए मूर्तिपूजा हो गया था।

(यह भी देखें: याजक)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H641, H642, H646

कपटी, कपटियों, कपट

परिभाषा:

“कपटी” शब्द उस मनुष्य के संदर्भ में है जो धर्मी होने का दिखावा करता है परन्तु गुप्त में बुरे काम करता “कपट” शब्द ऐसे व्यवहार के सन्दर्भ में है जो मनुष्यों को धोखा दे कि वह धर्मी जन है.

  • कपटी मनुष्य अच्छे काम करते हुए दिखना चाहते हैं कि मनुष्य उन्हें अच्छे मनुष्य समझें.
  • कपटी मनुष्य प्रायः दूसरों की तो आलोचना करते हैं परन्तु स्वयं वैसे ही पापी काम करते हैं.
  • यीशु फरीसियों को कपटी कहता था क्योंकि वे धर्म का दिखावा करते थे जैसे विशेष वस्त्र धारण करना, विशेष भोजन करना परन्तु वे मनुष्यों के साथ दया या निष्पक्षता का व्यवहार नहीं करते थे.
  • कपटी मनुष्य दूसरों के दोष देखता है परन्तु अपने दोष स्वीकार नहीं करता है

अनुवाद के सुझाव:

  • कुछ भाषाओं में “दोमुखी” शब्द काम में लिया जाता जो कपटियों और कपटियों के कार्यों के सन्दर्भ में होता है.
  • “कपटी” के अन्य अनुवाद रूप हैं, “झूठा” या “ढोंगी” या “दम्भी मक्कार मनुष्य.”
  • “कपट” का अनुवाद “धोखा” या “झूठे कार्य” या “दिखावा” किया जा सकता है.

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0120, H2611, H2612, G05050, G52720, G52730

कलीसिया, कलीसियाओं

परिभाषा:

नये नियम में "कलीसिया" का संदर्भ मसीह के विश्वासियों के एक स्थानीय समुदाय से है जो प्रार्थना करने और परमेश्वर का वचन सुनने के लिए नियमित सभा करते थे। “कलीसिया” शब्द प्रायः सब विश्वासियों के संदर्भ में है।

  • इस शब्द का वास्तविक अर्थ है, "बहार बुलाए गए" मनुष्यों का समुदाय या सभा जिसके समागम का उद्देश्य विशिष्ठ होता है|
  • जब यह शब्द मसीह की व्यापक देह के सब विश्वासियो के सन्दर्भ में होता है तब कुछ बाईबल अनुवादक प्रथम अक्षर को बड़ा लिखते हैं जिससे कि इसका परिप्रेक्ष्य स्थानीय कलीसिया से भिन्न हो|
  • किसी नगर विशेष के विश्वासी प्रायः किसी सदस्य के घर में एकत्र होते थे। इन स्थानीय कलीसियाओं को उस स्थान का नाम दिया जाता था जैसे “इफिसुस की कलीसिया”।
  • बाइबल में "कलीसिया" का संदर्भ भवन से नहीं है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “कलीसिया” शब्द का अनुवाद हो सकता है, “एक साथ एकत्र होना” या “सभा” या “मण्डली” या “एकत्र होने वाले”
  • इस शब्द के अनुवाद में काम में लिए गए शब्द या उक्ति के अभिप्राय में किसी एक समूह का नहीं वरन सब विश्वासियों का भाव प्रकट होना आवश्यक है|
  • सुनिश्चित करें कि “कलीसिया” का अनुवाद किसी भवन का अर्थ प्रकट न करे।
  • पुराने नियम में "सभा" का जिस शब्द से अनुवाद किया गया है उस शब्द का भी यहां उपयोग किया जा सकता है।
  • स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा के बाइबल अनुवाद को भी देखें। (देखें: अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे)

(यह भी देखें: सभा, विश्वास करना, मसीही विश्वासी)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 43:12 लगभग 3000 लोगों ने पतरस कि बात पर विश्वास किया और यीशु के चेले बन गए। और उन्हें बपतिस्मा दिया गया और वे यरूशलेम की कलीसिया का हिस्सा बन गए।
  • 46:9 परन्तु अन्ताकिया में अधिकतर लोग यहूदी नहीं थे, और पहली बार, उनमें से बहुत लोग विश्वास करके प्रभु की ओर फिरे। बरनबास और शाऊल इन नए विश्वासियों को शिक्षा देने, यीशु के बारे में बताने और कलीसिया को मजबूत करने के लिये अन्ताकिया आए।
  • 46:10 तब अन्ताकिया की कलीसिया ने शाऊल और बरनबास के लिए प्रार्थना की और उन पर हाथ रखा। फिर कलीसिया ने उन्हें कई अन्य स्थानों में यीशु के बारे में प्रचार करने के लिये भेज दिया।
  • __47:13__वे यीशु के सुसमाचार का प्रचार करते गए और कलीसिया विकास करती गई।
  • 50:1 लगभग 2,000 से अधिक वर्षों से, संसार भर में अधिक से अधिक लोग यीशु मसीह के सुसमाचार को सुन रहे हैं। कलीसिया बढ़ रही है।

शब्द तथ्य:

  • Strong's: G15770

काम, कर्म, कार्य, कृत्य

परिभाषा:

“काम” शब्द का सन्दर्भ सामान्यतः किसी उपलब्धी के निमित्त प्रयास की क्रिया से है, या उस क्रिया के परिणाम से है| “कर्म” का सामान्य सन्दर्भ सम्पूर्ण कार्य से है अर्थात जो काम हो गया या जो काम करने की आवश्यकता है|

  • बाईबल में इन शब्दों को सामान्यतः परमेश्वर और मनुष्य दोनों के सन्दर्भों में काम में लिया गया है|
  • परमेश्वर के सन्दर्भ में “काम” शब्द बाईबल में प्रायः परमेश्वर द्वारा ब्रह्माण्ड की रचना या उसके लोगों के उद्धार (क्षत्रु या पाप से या दोनों से) के सन्दर्भ में है|
  • परमेश्वर के कामों का सन्दर्भ उसके सब कामों से है जो उसने कर लिए हैं या वह करता है जिसमें जगत की रचना,पापियों का उद्धार, सम्पूर्ण जगत की आवश्यकताओं की पूर्ति तथा सम्पूर्ण जगत को यथास्थान संभाले रहना|
  • मनुष्य के द्वारा किए गए काम या तो भले होते हैं या बुरे होते हैं
  • मनुष्य भले कामों से नहीं यीशु में विश्वास के द्वारा उद्धार पाता है।
  • मनुष्य का “कार्य” उसके जीविकोपार्जन या परमेश्वर की सेवा के लिए किए गए काम हो सकते है। बाइबल में परमेश्वर के लिए कहा गया है कि वह “काम करता” है।

अनुवाद के सुझाव

  • “काम” और “कर्म” को “क्रिया” या “किए गए कार्य” में भी अनुवाद कर सकते हैं।
  • परमेश्वर के “कार्यों” या “कामों” और "उसके हाथों के काम" का अनुवाद, “चमत्कार” या सामर्थी कार्य” या “उसके आश्चर्यकर्म” हो सकता है।
  • “परमेश्वर के कार्य” अभिव्यक्ति का अनुवाद “जो काम परमेश्वर कर रहा है” या "जो आश्चर्यकर्म परमेश्वर करता है" या “परमेश्वर जो अद्भुत काम करता है” या “सब कुछ जो परमेश्वर ने किया है” के रूप में हो सकता है।
  • “कार्यों” का एक वचन “कार्य” है जैसे “हर एक अच्छा कार्य” या “हर एक अच्छा काम”
  • जब मनुष्यों की भलाई के निमित्त काम किया जाता है तब इसका अनुवाद,परिचर्या" या "सेवा" किया जा सकता है|

(यह भी देखें: फल, पवित्र आत्मा, आश्चर्यकर्म)

बाइबल संदर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H4399 H4566, H4567, H4611, H4659, H5949, G204

कोने का पत्थर

परिभाषा:

“कोने का पत्थर” एक बड़ा पत्थर होता है जो विशेष करके तराशा हुआ होता है और भवन की नींव में रखा जाता है।

  • भवन के अन्य सब पत्थर इस कोने के पत्थर के संयोजन में रखे जाते हैं।
  • यह पत्थर संपूर्ण रचना की दृढ़ता एवं स्थिरता के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
  • नये नियम में विश्वासियों की सभा को उपमा रूप में एक मन्दिर कहा गया है जिसका कोने का पत्थर मसीह यीशु है।
  • जिस प्रकार भवन के कोने का पत्थर संपूर्ण भवन की स्थिति को संभालता है और सहारा देता है ठीक उसी प्रकार मसीह यीशु विश्वासियों की सभा का कोने का पत्थर है जिसके द्वारा वह संभाली हुई एवं स्थिर है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “कोने के पत्थर” का अनुवाद “भवन का मुख्य पत्थर” या “नींव का पत्थर” किया जा सकता है।
  • यहां ध्यान दें कि लक्षित भाषा में भवन की नींव के किसी भाग के लिए कोई शब्द है जो मुख्य आधार है। यदि ऐसा शब्द है तो उस शब्द का उपयोग किया जा सकता है।
  • इसका अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है, “भवन के कोने के लिए काम में लिया गया नींव का पत्थर”
  • यह महत्वपूर्ण है कि इस पत्थर के बड़े होने का तथ्य निहित हो जो भवन के लिए एक ठोस एवं सुरक्षित सामग्री स्वरूप काम में लिया जाता है। यदि भवन निर्माण में पत्थर काम में नहीं लिए जाते हैं तो कोई और शब्द होगा जिसका उपयोग किया जा सकता है और उसका अर्थ, "बड़ा पत्थर" हो (जैसे "चट्टान") परन्तु उसमें विचार यह हो कि उसको उचित आकार दिया गया है कि वह यथास्थान बैठे।

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0068, H6438, H7218, G02040, G11370, G27760, G30370

क्रूस

परिभाषा:

बाइबल के युग में क्रूस एक लकड़ी का खंभा होता था जिसे भूमि में गाड़ कर खड़ा किया जाता था, उसके ऊपरी भाग में एक आड़ा खंभा जोड़ा जाता था।

  • रोमी साम्राज्य के समय में, रोमी प्रशासन अपराधियों को क्रूस पर बांध कर या कीलों से ठोंक कर मरने के लिए छोड़ देते थे।
  • यीशु पर अपराध का झूठा दोष लगाकर रोमियों ने उसे क्रूस की मृत्यु दी थी।
  • ध्यान दें कि यह क्रिया "पार करना" एक अलग शब्द है, जिसका मतलब है कि किसी नदी के किनारे या झील के दूसरी ओर जाना।

अनुवाद के सुझाव:

  • इसका अनुवाद लक्षित भाषा में क्रूस का आकार व्यक्त करने वाले शब्द से किया जा सकता है।
  • क्रूस की व्याख्या इस प्रकार करें कि स्पष्ट हो कि उस पर मनुष्यों को मृत्युदण्ड दिया जाता था जैसे “मृत्यु दण्ड स्तंभ” या “मृत्यु वृक्ष”।
  • स्थानीय भाषा या राष्ट्रीय भाषा के बाइबल अनुवाद में इस शब्द का अनुवाद कैसे किया गया है उस पर भी ध्यान दें। (देखें: अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे)

(यह भी देखें: क्रूस पर चढ़ाना, रोम)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 40:1 सैनिको द्वारा यीशु का मजाक उड़ाने के बाद, वह यीशु को क्रूस पर चढ़ाने के लिये ले गए। उन्होंने यीशु से वो क्रूस उठवाया जिस पर उसे मरना था।
  • 40:2 सैनिक यीशु को उस स्थान पर ले गए जो गुलगुता या खोपड़ी का स्थान कहलाता है, वहाँ पहुँचकर क्रूस पर उसके हाथों और पाँवों को कीलो से ठोक दिया।
  • 40:5 यहूदी और अन्य लोग जो भीड़ में थे वह यीशु का मज़ाक उड़ा रहे थे। यह कहकर कि, “अगर तू परमेश्वर का पुत्र है तो क्रूस पर से उतर जा, और अपने आप को बचा। तब हम तुझ पर विश्वास करेंगे।”
  • 49:10 जब यीशु क्रूस पर मरा, तब उसको तुम्हारा दण्ड भोगना पडा था।
  • 49:12 तुम्हें विश्वास करना होगा कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है, कि वह तुम्हारी जगह क्रूस पर बलिदान हुआ, और यह कि परमेश्वर ने उसे फिर मुर्दों में से जीवित कर दिया।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: G47160

क्रूस पर चढ़ाना, क्रूस पर चढ़ाया

परिभाषा:

“क्रूस पर चढ़ाना” इस उक्ति का अर्थ है, किसी को क्रूस पर लटका कर छोड़ देना कि वह घोर पीड़ा में मर जाए।

  • अपराधी को क्रूस पर बांध कर लटकाया जाता या कीलों से ठोंक कर लटकाया जाता था। क्रूस पर लटकाया हुआ व्यक्ति रक्त की कमी से या सांस लेने में कठिनाई के कारण मर जाता था।
  • प्राचीन रोमी साम्राज्य में मृत्यु-दण्ड की यह विधि प्रायः काम में ली जाती थी, विशेष करके भयानक अपराधियों के लिए या सरकार के विद्रोहियों के लिए।
  • यहूदियों के अगुओं ने रोमी अधिपति को विवश किया कि वह यीशु को क्रूस पर चढ़ाने के लिए सैनिकों को आज्ञा दे। सैनिकों ने यीशु को कीलों से क्रूस पर ठोंका था। यीशु ने मरने से पूर्व छः घंटे दुःख उठाया था।

अनुवाद के सुझाव:

  • क्रूस पर चढ़ाने का अनुवाद किया जा सकता है, “क्रूस पर मृत्यु” या “क्रूस पर कीलों से ठोक कर मृत्यु-दण्ड देना”।

(यह भी देखें: क्रूस, रोम)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 39:11 लेकिन यहूदी अगुवों और भीड़ ने चिल्लाकर कहा कि, “उसे क्रूस पर चढाओं।”
  • 39:12 परन्तु पिलातुस डर गया कि कही कोलाहल न मच जाए, इसलिये उसने यीशु को क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिए सैनिको को सौंप दिया। यीशु के __क्रूसीकरण __में उसने प्रमुख भूमिका निभाई थी|
  • 40:1 सैनिको द्वारा यीशु का मजाक उड़ाने के बाद, वह यीशु को क्रूस पर चढ़ाने के लिये ले गए। उन्होंने यीशु से वो क्रूस उठवाया जिस पर उसे मरना था।
  • 40:4 यीशु को दो डाकुओ के बीच क्रूस पर चढ़ाया गया।
  • 43:6 “हे इस्राएलियो ये बातें सुनो: यीशु नासरी एक मनुष्य था, जिसने परमेश्वर के सामर्थ्य से कई आश्चर्य के कामों और चिन्हों को प्रगट किया, जो परमेश्वर ने तुम्हारे बीच उसके द्वारा कर दिखाए जिसे तुम आप ही जानते हो तुम ने अधर्मियों के हाथ उसे क्रूस पर चढ़वाकर मार डाला।”
  • 43:9 "उसी यीशु को जिसे तुमने क्रूस पर चढ़ाया।”
  • 44:8 तब पतरस ने उन्हें उत्तर दिया, “यीशु मसीह की सामर्थ्य से यह व्यक्ति तुम्हारे सामने भला चंगा खड़ा है। तुमने यीशु को क्रूस पर चढ़ाया, परन्तु परमेश्वर ने मरे हुओं में से जिलाया।”

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: G03880, G43620, G47170, G49570

क्रोध, रोष

परिभाषा:

प्रकोप एक प्रबल क्रोधावस्था है जो कभी-कभी दीर्घकालीन होता है। यह विशेष करके परमेश्वर से विद्रोह करने वालों के पाप के लिए परमेश्वर के धर्मनिष्ठ न्याय और दण्ड के संदर्भ में आता है।

  • बाइबल में “प्रकोप” शब्द प्रायः परमेश्वर के विरूद्ध पाप करनेवालों के विरूद्ध परमेश्वर के क्रोध का संदर्भ देता है।
  • “परमेश्वर का क्रोध” उसके न्याय और पाप के दण्ड का संदर्भ देता है।
  • परमेश्वर का प्रकोप पाप से न फिराने वाला के लिए धार्मिकता का दण्ड है।

अनुवाद के सुझाव:

  • अनुवाद के अनुसार, इस शब्द के अन्य अनुवाद रूप हो सकते हैं “भयानक क्रोध” या “धर्मनिष्ठ न्याय” या “क्रोध”
  • परमेश्वर के प्रकोप के बारे में चर्चा करते समय सुनिश्चित करें कि इसका अनुवाद पाप के कारण उत्पन्न क्रोधावेश का दौरा के अर्थ में न हो। परमेश्वर का क्रोध न्याय सम्मत एवं पवित्र होता है।

(यह भी देखें: न्याय, पाप)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्तरोंग: H639, H2197, H2528, H2534, H2740, H3707, H3708, H5678, H7107, H7109, H7110, H7265, H7267, G2372, G3709, G3949, G3950

क्षमा करना, क्षमाप्राप्त, क्षमा, क्षमादान

परिभाषा:

किसी को क्षमा करने का अर्थ है कि उससे बैर नहीं रखना चाहे उसने पीड़ादायक व्यवहार किया हो| "क्षमा" किसी को दोषमुक्त करने का कार्य है|

  • किसी को क्षमा करने का अर्थ है, उसके अनुचित कार्य के लिए उसको दण्ड न देना।
  • लाक्षणिक भाषा में इस शब्द के उपयोग का अर्थ है, “निरस्त करना” जैसा इस अभिव्यक्ति में है, “ऋण क्षमा करना”
  • मनुष्य जब पापों को स्वीकार करता है तब परमेश्वर क्रूस पर यीशु के बलिदान की मृत्यु पर आधारित उन्हें क्षमा कर देता है।
  • यीशु ने अपने शिष्यों को शिक्षा दी कि जैसे उसने उन्हें क्षमा किया है वैसे ही वे भी दूसरों को क्षमा करें।

शब्द "क्षमादान" का अर्थ है क्षमा करना और किसी को उसके पाप की सज़ा न देना।

  • इस शब्द का अर्थ वही है जो "क्षमा करने" का है परन्तु इसमें दोषी को दंड न देने के औपचारिक निर्णय का भाव भी समाहित हो सकता है।
  • न्यायालय में, न्यायाधीश अपराध के लिए दोषी पाए गए व्यक्ति को क्षमा कर सकता है।
  • यद्यपि हम पाप के दोषी हैं, यीशु मसीह ने हमें क्रूस पर उसकी मृत्यु के आधार पर हमारे नरक के दंड को क्षमा कर देता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार, “क्षमा करना” के अनुवाद हो सकते हैं, “दोष मार्जन” या “निरस्त करना” या “मुक्त करना” या “(किसी के) विरूद्ध मन में कुछ न रखना।"
  • शब्द "क्षमा" का अनुवाद किसी ऐसे शब्द या वाक्यांश द्वारा किया जा सकता है जिसका अर्थ हो, "न पछताने का अभ्यास" या "(किसी को) निर्दोष घोषित करना" या "क्षमादान का कार्य"।
  • यदि भाषा में क्षमा करने के औपचारिक निर्णय के लिए कोई शब्द है, तो उस शब्द का उपयोग "क्षमादान" के अनुवाद में किया जा सकता है।

(यह भी देखें: दोष)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 7:10 परन्तु एसाव याकूब को पहले ही क्षमा कर चुका था, और वह एक दूसरे को देखकर बहुत ही प्रसन्न हुए।
  • 13:15 मूसा पर्वत पर फिर चढ़ गया और उसने प्रार्थना की कि परमेश्वर उन लोगों के पाप को क्षमा कर दे। परमेश्वर ने मूसा की प्रार्थना सुनी और उन्हें क्षमा किया
  • 17:13 दाऊद को अपने किए हुए अपराधों पर पश्चाताप हुआ और परमेश्वर ने उसे क्षमा किया
  • 21:5 परन्तु जो वाचा मैं उन दिनों के बाद उनसे बाँधूँगा वह यह है : मैं अपनी व्यवस्था उनके मन में समवाऊँगा, और उसे उनके ह्रदय पर लिखूँगा, और मैं उनका परमेश्वर ठहरूँगा, और वह मेरी प्रजा ठहरेंगे, लोग परमेश्वर को जानेंगे कि वह परमेश्वर के लोग होंगे, और परमेश्वर उनका अधर्म क्षमा करेगा
  • 29:1 एक दिन पतरस ने पास आकर यीशु से पूछा , “हे प्रभु, यदि मेरा भाई अपराध करता रहे, तो मैं उसे कितनी बार क्षमा करूँ?”
  • __29:8__तू ने जो मुझ से विनती की, तो मैं ने तेरा वह पूरा कर्ज़ क्षमा कर दिया
  • 38:5 फिर उसने दाखरस का कटोरा लिया और कहा, “इसे पीओं। यह वाचा का मेरा लहू है, जो बहुतों के पापों की क्षमा के लिये बहाया जाता है।

शब्द तथ्य:

  • H5546, H5547, H3722, H5375, H5545, H5547, H7521, G859, G863, G5483

खतना करना, खतना किया, खतना, खतना रहित

परिभाषा:

खतना करने का अर्थ है पुरूष या बालक का शिश्नाग्र्च्छद विच्छेदित कर देना| इसके साथ खतना अनुष्ठान भी किया जा सकता था।

  • परमेश्वर ने अब्राहम को आज्ञा दी थी कि उनके साथ बांधी परमेश्वर की वाचा के चिन्ह स्वरूप वह अपने परिवार के सब पुरुषों का खतना करे जिनमें सेवक भी सम्मिलित हों।
  • परमेश्वर ने अब्राहम के वंशजों को भी यही आज्ञा दी थी कि वे अपने घरों में जन्मे हर एक लड़के के साथ ऐसा ही करते रहें।
  • “हृदय का खतना” अर्थात मनुष्य में से पाप का “विच्छेदन” या पाप का उन्मूलन।
  • आत्मिक परिप्रेक्ष्य में, “खतना” उन लोगों को संदर्भित करता है जिन्हें परमेश्वर ने यीशु के लहू द्वारा पाप से शुद्ध किया और जो उसके अपने लोग हैं।
  • ”खतनारहित” का अर्थ है जिनका शारीरिक खतना नहीं हुआ है। इसका प्रतीकात्मक संदर्भ उन लोगों से भी है जिनका आत्मिक खतना नहीं हुआ है अर्थात जिनका संबन्ध परमेश्वर से नहीं है।
  • "खतनारहित" और "खतनाविहीनता" शब्दों का सन्दर्भ उन पुरुषों से है जिनका शारीरिक खतना नहीं हुआ है| इन शब्दों का उपयोग लाक्षणिक भाषा में भी किया जाता है|
  • मिस्रियों में भी खतना का प्रचलन था| अतः जब परमेश्वर मिस्र की हार खतनारहित लोगों के हाथों होने की चर्चा करता है तब इसका अर्थ है, परमेश्वर उन लोगों के सन्दर्भ में कह रहा है जिनसे मिस्री घृणा करते थे क्योंकि उनका खतना नहीं हुआ था|
  • बाईबल में उन लोगों की चर्चा की गई है जिनका "ह्रदय खतनारहित" है या जो "ह्रदय में खतनारहित हैं|" लाक्षणिक भाषा में इसका अर्थ है, वे लोग जो परमेश्वर के अपने नहीं हैं और हाथ करके वे परमेश्वर के अवज्ञाकारी हैं|
  • यदि आपकी भाषा में खतना काम में लिया जाता है या परिचित शब्द है तो "खतनारहित" का अनुवाद हो सकता है, "खतना नहीं किया गया"
  • इस अभिव्यक्ति, "खतनाविहीनता" का अनुवाद,प्रकरण के अनुसार हो सकता है, " वे मनुष्य जिनका खतना नहीं हुआ है" या "मनुष्य जो परमेश्वर के अपने नहीं हैं"
  • लाक्षणिक भाषा में इस शब्द के उपयोग का अनुवाद हो सकता है, "परमेश्वर के लोग नहीं" या "उन लोगों के सदृश्य विद्रोही जो परमेश्वर के अपने लोग नहीं हैं" या "वे लोग जिनमें परमेश्वर के होने के लक्षण नहीं हैं"
  • ह्रदय के खतनारहित" इस अभिव्यक्ति का अनुवाद हो सकता है, "हठीले विद्रोही" या विश्वास का इनकार करने वाले|" तथापि, यदि संभव हो तो इस अभिव्यक्ति को ही रखना या सहार्थी अभिव्यक्ति को रखना ही सर्वोत्तम है क्योंकि आत्मिक खतना एक अत्यधिक महत्वपूर्ण धारणा है|

अनुवाद के सुझाव:

  • यदि लक्षित भाषा में पुरुषों का खतना किया जाता है तो यहां इसी शब्द का उपयोग किया जाए।
  • इस शब्द के अन्य अनुवाद हो सकते हैं, “चारों ओर से काटना”, “गोलाई में काटना” या “अग्र त्वचा काटना”।
  • जिन संस्कृतियों में खतना नहीं जाना जाता है वहां पाद टिप्पणी या शब्दावली में इसकी व्याख्या करना आवश्यक है।
  • सुनिश्चित करें कि इसका अनुवाद स्त्रियों के संदर्भ में न हो। आवश्यक है कि इसका अनुवाद एक ऐसे शब्द के साथ किया जाए जिससे पुरूषों का संदर्भ व्यक्त हो।

(यह भी देखें: अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे)

(यह भी देखें: अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करें) (यह भी देखें: अब्राहम, वाचा)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 5:3 "तू अपने परिवार में हर एक पुरुष का खतना अवश्य करे।"
  • 5:5 उस दिन अब्राहम ने उसके घर में सभी पुरुषों का खतना किया।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H4135, H4139, H5243, H6188, H6189, H6190, G02030, G05640, G19860, G40590, G40610

खतनारहित, खतनाहीन

परिभाषा:

“खतनारहित” और “खतनाहीन” पुरुषों के संदर्भ में है जिनका शारीरिक खतना नहीं हुआ है। इन शब्दों का उपयोग प्रतीकात्मक भी है।

  • मिस्र एक ऐसा देश था जिसे खतना करवाने की आवश्यकता थी। अतः जब परमेश्वर कहता है कि मिस्र खतनारहितों द्वारा पराजित होगा तब वह उस जाति के लिए कह रहा है जिन्हें मिस्र खतना नहीं करवाने के लिए तुच्छ समझता था।
  • बाइबल “खतनारहित मन” के मनुष्यों की चर्चा करती है या “जिनके मन का खतना” नहीं हुआ है। यह एक प्रतीकात्मक रूप है कि वे लोग परमेश्वर के लोग नहीं है और वे अवज्ञा में हठीले हैं।

अनुवाद के सुझाव:

  • यदि लक्षित भाषा में खतना शब्द परिचित है तो “खतनारहित” का अनुवाद किया जा सकता है, “जिनका खतना नहीं हुआ है”।
  • “खतनारहित” का अनुवाद हो सकता है, “जिन मनुष्यों का खतना नहीं हुआ है” या “वे जो परमेश्वर के लोग नहीं है” परन्तु प्रकरण पर आधारित रहें।
  • इस शब्द के प्रतीकात्मक अर्थों के अन्य अनुवाद रूप हैं, “परमेश्वर के लोग नहीं” या “उन लोगों के सदृश्य विद्रोही जो परमेश्वर के नहीं” या “वे जिनमें परमेश्वर के होने का कोई लक्षण नहीं है”
  • “हृदय का खतना” इसका अनुवाद हो सकता है, “हठीले विद्रोही” या “विश्वास से इन्कार करनेवाले”। तथापि, यदि संभव हो इसी उक्ति को काम में लें या ऐसी ही किसी उक्ति को काम में लें क्योंकि आत्मिक खतना एक महत्वपूर्ण विषय है।

(यह भी देखें: अब्राहम, खतना करना)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H6188, H6189, H6190, G203, G564

खोजे, खोजों

परिभाषा:

“खोजे” शब्द उस पुरुष के संदर्भ में है जिसका बधियाकरण किया गया हो। उत्तरकाल में यह शब्द सब सरकारी अधिकारियों के लिए काम में आने लगा चाहे वे सर्वांग थे।

  • यीशु ने कहा कि कुछ नपुसंक स्वाभाविक रूप से जन्म लेते हैं संभवतः क्षतिग्रस्त अंग के कारण या यौन-शक्ति न होने के कारण। कुछ नपुंसकों के समान अविवाहित जीवन जीते हैं।
  • प्राचीन युग में नपुंसक व्यक्ति राजा के सेवक होते थे जिन्हें स्त्रियों की रक्षा के लिए रखा जाता था।
  • कुछ नपुंसक मनुष्य महत्वपूर्ण राजकीय अधिकारी होते थे जैसे कूश देश के खोजे जिससे फिलिप्पुस ने रेगिस्तान में भेंट की थी।

(यह भी देखें: फिलिप्पुस)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H5631, G2134, G2135

ख्रीस्त, मसीह

तथ्य:

“मसीह” या “ख्रिस्त” का अर्थ है, “अभिषिक्त-जन” और परमेश्वर के पुत्र यीशु के संदर्भ में है।

  • “मसीह” और “ख्रिस्त” दोनों शब्द नये नियम में परमेश्वर के पुत्र के संदर्भ में हैं जिसे पिता परमेश्वर ने अपने लोगों पर राज करने और पाप एवं मृत्यु से उनका उद्धार करने के लिए नियुक्त किया है।
  • पुराने नियम में भविष्यद्वक्ताओं ने मसीह के विषय भाविश्यद्वानियाँ लिखी थीं जो पृथ्वी पर उसके आगमन से सैंकड़ों वर्ष पूर्व की थी।
  • पुराने नियम में एक शब्द का प्रायः उपयोग किया गया है जिसका अर्थ है, “अभिषिक्त(जन)” जिसका सन्दर्भ मसीह से है जिसके आने की प्रतीक्षा की जा रही थी|
  • यीशु ने इन भविष्यवाणियों में से कई को पूरा किया और कई चमत्कार किए जो सिद्ध करते हैं कि वह मसीह है; शेष भविष्यद्वाणियाँ यीशु के पुनः आने पर पूरी होगी।
  • "मसीह" शब्द को अधिकतर "मसीह" और "मसीह यीशु" जैसे पदनामों में प्रयोग किया जाता है।
  • "ख्रीस्त" शब्द भी उसके नाम के साथ काम में लिया जाता है जैसे, "ख्रीस्त यीशु"

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द का अनुवाद इसके अर्थ के साथ किया जा सकता है, “अभिषिक्त जन” या “परमेश्वर का अभिषिक्त उद्धारकर्ता”।
  • अनेक भाषाओं में इन शब्दों का लिप्यान्तरण किया गया है जो “ख्रीस्त” या “मसीह” जैसे दिखते या सुनाई देते हैं। (देखें: अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे)
  • लिप्यन्तरित शब्द का अनुवाद इस शब्द की परिभाषा के अनुसार किया जा सकता है, जैसा "मसीह, अभिषिक्त जन" में|
  • इसका अनुवाद सम्पूर्ण बाइबल में अपरिवर्तनीय हो जिससे कि स्पष्ट हो कि एक ही निश्चित शब्द का सन्दर्भ दिया जा रहा है|
  • सुनिश्चित करें कि "मसीहा" और "ख्रीस्त" शब्दों के अनुवाद उन संदर्भों में अर्थवान हों जहां एक ही पद में इन दोनों शब्दों का प्रयोग किया गया है (जैसे यूहन्ना 1:41)

(यह भी देखें: नामों का अनुवाद कैसे करें)

(यह भी देखें: परमेश्वर का पुत्र, दाऊद, यीशु, अभिषेक करना)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों के उदाहरण:

  • 17:7 मसीह परमेश्वर का चुना हुआ है जो संसार को पाप से छुड़ाएगा।
  • 17:8 लेकिन वास्तव में, मसीह के आने से पहले इस्राएलियों को एक लम्बे समय तक इंतजार करना पड़ा, लगभग 1,000 वर्षों तक।
  • 21:1 आरम्भ से ही, परमेश्वर ने मसीह को भेजने की योजना बनाई थी।
  • 21:4 परमेश्वर ने राजा दाऊद से प्रतिज्ञा की थी कि मसीह दाऊद के अपने वंश में से होगा।
  • 21:5 मसीह नई वाचा का आरम्भ करेगा।
  • 21:6 परमेश्वर के भविष्यद्वक्ताओ ने यह भी कहा कि, मसीह भविष्यद्वक्ता, याजक और राजा होगा।
  • 21:9 यशायाह भविष्यद्वक्ता ने भविष्यवाणी की थी , कि एक कुँवारी से मसीह का जन्म होगा।
  • 43:7 "परन्तु परमेश्वर ने उस भविष्यवाणी को पूरा करने के लिए उसको जीवित खडा किया, जिसमें लिखा है, तू अपने __ पवित्र जन__ को कब्र में सड़ने नहीं देगा।'"
  • 43:9 "परन्तु परमेश्वर ने उसे प्रभु भी ठहराया और मसीह भी!"
  • 43:11 पतरस ने उन्हें उत्तर दिया, "तुम में से हर एक जन पश्चाताप करे और यीशु _ मसीह_ के नाम में बपतिस्मा ले कि परमेश्वर तुम्हारे पाप क्षमा करे|"
  • 46:6 शाऊल यहूदियों से विवाद करता था, और सिद्ध करता था कि यीशु ही मसीह है।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H4899, G33230, G55470

गन्धरस

परिभाषा:

“गन्धरस” एक तेल या मसाला होता था जो मूर के पेड़ से निकाले हुआ गोंद से तैयार किया जाता था, यह वृक्ष अफ्रीका और एशिया में उगता है और लोबान की प्रजाति का है।

गन्धरस धूप, इत्र, और औषधी बनाने तथा कब्र में रखने के लिए शवों का अभ्यंजन करने के भी काम में लिया जाता था।

  • गन्धरस यीशु के जन्म पर ज्योतिषियों द्वारा चढ़ाई गई भेंटों में से एक था।
  • यीशु जब क्रूस पर लटका हुआ था तब गन्धरस मिश्रित मदिरा उसे दी गई थी कि उसकी पीड़ा कम जो जाए।

(यह भी देखें: लोबान, ज्योतिषियों)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H3910, H4753, G34640, G46660, G46690

गवाही, गवाही देना, साक्षी, साक्षात गवाह

परिभाषा:

जब कोई व्यक्ति "गवाही" देता है तो वह उसके बारे में एक बयान देता है जिसे वह जानता है, और यह दावा करते हुए कि बयान सच है। “गवाही” का अर्थ “गवाही देने” से है।

  • मनुष्य प्रायः उस बात की गवाही देता है, जिसका उसे व्यक्तिगत अनुभव है।
  • “झूठी गवाही” देने वाला मनुष्य किसी घटना के बारे में सच नहीं कहता है।
  • कभी-कभी “गवाही” किसी भविष्यद्वक्ता की भविष्यद्वाणी के संदर्भ में भी होती है।
  • नये नियम में यह शब्द प्रायः यीशु के अनुयायियों के संदर्भ में है कि उन्होंने यीशु के जीवन, मृत्यु और पुनरूत्थान की गवाही दी।

अनुवाद के सुझाव:

  • “साक्षी देना” या “गवाही देना” का अनुवाद “सत्यों को कहना” या “जो देखा और सुना उसे बताना” या “व्यक्तिगत अनुभव से कहना” या “प्रमाण देना” या “जो हुआ उसका वर्णन करना”।
  • “गवाही” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “जो हुआ उसका ब्योरा सुनाना” या “सत्य का कथन सुनाना” या “प्रमाण देना” या “जो कहा गया” या “भविष्यद्वाणी”।
  • “उनके लिए गवाही ठहरे” का अनुवाद “उन्हें दिखाए कि सच क्या है” या “उन पर सिद्ध करे कि सच क्या है”।
  • “उनके विरूद्ध गवाही ठहरे” का अनुवाद “जिससे उन पर उनके पाप प्रकट हों” या “उनका पाखण्ड प्रकट हो” या “जो सिद्ध करे कि वे गलत हैं”।
  • “झूठी गवाही देना” इसका अनुवाद हो सकता है, “किसी के बारे में झूठी बातें कहना” या “ऐसी बातें कहना जो सच नहीं हैं”।
  • "साक्ष्य" या "प्रत्यक्ष गवाह" का अनुवाद ऐसे शब्द या उक्ति द्वारा हो सकता है जिनका अर्थ हो, "जिस मनुष्य ने देखा" या "जिन्होंने (उन बातों को) देखा और सूना"
  • कोई बात जो "गवाह" हो तो इसका अनुवाद हो सकता है, "विश्वास" या "प्रतिज्ञा का चिन्ह" या "कोई बात जो किसी बात की सत्यता को प्रकट करती है"
  • "तुम मेरे गवाह होगे", इस वाक्यांश का अनुवाद हो सकता है, "तुम मेरे बारे में मनुष्यों को बताओगे" या "तुम अम्नुशों में मेरी शिक्षाओं का प्रचार करोगे" या "तुम मनुष्यों में मेरे द्वारा किए गए कामों और मेरे द्वारा दी गई शिक्षाओं का प्रसारण करो"
  • "की गवाही होना" इसका अनुवाद हो सकता है, "जो देखा वह सुनाना" या "गवाही देना" या "जो हुआ उसका वर्णन करना"
  • किसी बात का "गवाह होना" , इसका अनुवाद हो सकता है, "किसी घटना को देखना" या "किसी घटना का अनुभव करना"

(यह भी देखें: वाचा का संदूक, अपराध बोध, न्याय करना, भविष्यद्वक्ता, गवाह)

बाइबल के सन्दर्भ:

बाईबल की कहानोयों के उदाहरण

  • 39:2 उसके आवास में यहूदी अगुओं ने यीशु पर अभियोग चलाया| वे अनेक झूठे गवाह ले जिन्होंने उसके बारे में झूठ कहा|
  • 39:4 महायाजक ने क्रोध में आकर अपने वस्त्र फाड़े और चिल्लाकर कहा, "हमें अब और गवाहों की आवश्यकता नहीं है| तुमने स्वयं सुन लिया है, यह कहता है कि यह परमेश्वर का पुत्र है| तुम्हारा निर्णय क्या है?"
  • 42:8 “पवित्रशास्त्र में यह भी लिखा है कि मेरे चेले प्रचार करेंगे कि हर एक मनुष्य को मन फिराना हैकी उनके पापों की उनको क्षमा मिल जाए| ऐसा प्रचार वे यरूशलेम से आरम्भ करके सर्वत्र सब जातियों में पहुंचेंगे| तुम इन बातों के गवाह हो|"
  • 43:7 “परमेश्वर ने यीशु को फिर से जीवित कर दिया| इस सत्य के हम गवाह हैं"

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H5707, H5713, H5715, H5749, H6030, H8584, G267, G1263, G1957, G2649, G3140, G3141, G3142, G3143, G3144, G4303, G4828, G4901, G5575, G5576, G5577, G6020

घमण्ड करना, घमण्डी

परिभाषा:

“घमण्ड” अर्थात किसी वस्तु या मनुष्य के बारे में गर्व की बातें करना। इसका अर्थ प्रायः स्वयं के बारे में बड़ाई करना होता है।

  • “घमण्डी” मनुष्य अपने बारे में घमण्ड करता है।
  • परमेश्वर ने इस्राएल को मूत्तियों पर घमण्ड करने के लिए झिड़का था। वे सच्चे परमेश्वर के स्थान में मूर्तिपूजा करने का हठ करते थे।
  • बाइबल में लोगों के घमंड करने का उल्लेख है. धन-सम्पदा, शक्ति, अच्छी खेती और नियमों आदी पर घमण्ड करने का| इसका अर्थ है कि वे इन बातों पर घमण्ड करते थेऔर स्वीकार नहीं करते थे कि इन सबका दाता तो वास्तव में परमेश्वर ही है|
  • परमेश्वर ने इस्राएलियों से कहा, इसकी अपेक्षा उमके लिए "घमंड" करने या गर्व करने का कारण होना चाहिए कि वे उसको जानते हैं|
  • प्रेरित पौलुस प्रभु में घमण्ड करने की बात कहता है अर्थात परमेश्वर ने जो कुछ भी उनके लिए किया है उसके लिए आनंद के साथ परमेश्वर के आभारी होना|

अनुवाद के सुझाव:

  • “घमण्ड” के अन्य अनुवाद रूप हो सकते है, “बड़ाई करना” या “घमण्ड से कहना” या “घमण्ड करना”
  • “घमण्डी” शब्द का अनुवाद ऐसे शब्द या उक्ति द्वारा किया जाए जिसका अर्थ हो, “घमण्ड की बातों से भरा” या “घमण्डी” या “स्वयं की बड़ाई करना”
  • परमेश्वर को जानने में घमण्ड करने के संदर्भ में अनुवाद हो सकता है, “में घमण्ड करना” या “में बड़ाई करना” या "के बारे में अत्यधिक प्रसन्न होना” या “के लिए परमेश्वर को धन्यवाद कहना”
  • कुछ भाषाओं में “घमण्ड” के दो शब्द हैं, एक नकारात्मक अर्थात, अभिमान और दूसरा सकारात्मक अर्थात, अपने कार्य, परिवार और देश पर घमण्ड करना।

अनुवाद के सुझाव:

(यह भी देखें: घमण्डी)

बाइबल संदर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H1984, H3235, H6286, G02120, G02130, G26200, G27440, G27450, G27460, G31660

घृणा, घृणित

परिभाषा:

“घृणा” शब्द उस वस्तु के सन्दर्भ में काम में लिया जाता है जिससे घृणा उत्पान हो या असीम वैमनस्य उपजे।

  • मिस्री लोग इब्रानियों को "घृणित" मानते थे। इसका अर्थ है कि मिस्री लोग इब्रानियों को पसन्द नहीं करते थे और उनके साथ संबन्ध नहीं रखना चाहते थे वरन उनके निकट भी नहीं आना चाहते थे।
  • बाइबल में कुछ बातें "यहोवा के लिए घृणित" हैं, जैसे झूठ, घमण्ड, नरबलि, मूर्तिपूजा, हत्या, यौनाचार के पाप जैसे व्यभिचार और समलैंगिक संबन्ध।
  • अपने शिष्यों को अन्त समय की शिक्षा देते समय यीशु ने भविष्यद्वक्ता दानिय्येल की भविष्यद्वाणी का संदर्भ दिया था और जिसमें “उजाड़ने वाली घृणित वस्तु” की चर्चा की गई थी जिसे परमेश्वर से विद्रोह स्वरूप स्थापित करके उसके आराधना स्थल को अशुद्ध किया जाएगा।

अनुवाद के सुझाव:

  • “घृणित वस्तु” का अनुवाद हो सकता है: “जिस वस्तु से परमेश्वर घृणा करता है”, या “वैमनस्य उत्पादक वस्तु" या “घृणित अभ्यास” या “बहुत बुरा काम”।
  • प्रकरण के अनुसार इस उक्ति, "के लिए घृणित है" के अनुवाद रूप हो सकेत हैं: “के लिए अत्यधिक घृणित” या “के लिए वैमनस्यकारी है” या “को पूर्णतः अस्वीकार्य” या “गहरी घृणा उत्पन्न करनेवाली”।
  • “उजाड़नेवाली घृणित वस्तु” का अनुवाद हो सकता है: “अशुद्ध करनेवाली वस्तु जिससे मनुष्यों की घोर हानि होती है” या “वैमन्स्यकारी वस्तु जिसके कारण गहरा दुःख होता है”।

(यह भी देखें: व्यभिचार, अशुद्ध करना, उजाड़, मूरत, बलिदान)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0887, H6292, H8251, H8262, H8263, H8441, G0946

चमत्कार, आश्चर्यकर्मों, चिन्ह

परिभाषा:

“चमत्कार” एक ऐसा अद्भुत कार्य है जो परमेश्वर के किए बिना मनुष्य के लिए संभव नही है।

  • यीशु के आश्चर्यकर्मों में आंधी को शान्त करना, अंधे मनुष्य को दृष्टिदान।
  • आश्चर्यकर्मों को "अद्भुत काम" भी कहा गया है क्योंकि उन्हें देखकर मनुष्य आश्चर्य एवं विस्मय से अभिभूत हो जाता है।
  • “अद्भुत काम” का संदर्भ सामान्यतः परमेश्वर के सामर्थ्य केआश्चर्यजनक प्रदर्शन से भी है जैसे, जब उसने आकाश और पृथ्वी की रचना की।
  • आश्चर्यकर्मों को “चिन्ह” भी कहा गया है क्योंकि वे संकेत या प्रमाण हैं कि परमेश्वर ही सर्वशक्तिमान है जिसका अधिकार सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड पर है।
  • कुछ आश्चर्यकर्म परमेश्वर के मुक्ति कार्य है जैसे, जब उसने इस्राएलियों को मिस्र के दासत्व में से निकाला था और दानिय्येल को शेरों की हानि से सुरक्षित रखा था।
  • अन्य आश्चर्यकर्म हैं, परमेश्वर का दण्ड जैसे नूह के युग में उसने जलप्रलय भेजा या मूसा के युग में मिस्र पर विपत्तियां डालीं।
  • परमेश्वर के अन्य अनेक आश्चर्यकर्मों में रोगियों को चंगा करना और मृतकों को जिलाना था।
  • यीशु द्वारा रोगियों की चंगाई, आंधी शान्त करना, पानी पर चलना, मृतकों को जिलाना परमेश्वर के सामर्थ्य का प्रदर्शन था। यह सब आश्चर्यकर्म थे।
  • परमेश्वर ने भविष्यद्वक्ताओं और प्रेरितों को भी सामर्थ्य दिया कि वे आश्चर्यकर्म करें जैसे रोग निवारण तथा अन्य सामर्थ्य के कार्य जो केवल परमेश्वर के सामर्थ्य से ही संभव थे।

अनुवाद के सुझाव:

  • “आश्चर्यकर्म” और “अद्भुत कामों” के अनुवाद हो सकते हैं, “परमेश्वर कृत असंभव कार्य” या “परमेश्वर के सामर्थी कार्य” या “परमेश्वर के विस्मयकारी कार्य”
  • “चिन्ह एवं चमत्कार” एक ऐसी अभिव्यक्ति है जिसका बार-बार उपयोग किया गया है, इसका अनुवाद हो सकता है, “प्रमाण एवं आश्चर्यकर्म” या “परमेश्वर के सामर्थ्य को सिद्ध करने वाले आश्चर्य के काम” या “विस्मयकारी चमत्कार जिनसे परमेश्वर की महानता प्रकट होती है”
  • ध्यान दें कि चमत्कारी चिन्ह का अर्थ किसी बात के प्रमाण को सिद्ध करने के चिन्ह से भिन्न है। इन दोनों का अर्थ समान हो सकता है।

(यह भी देखें: सामर्थ्य, भविष्यद्वक्ता, प्रेरित, चिन्ह)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 16:8 परमेश्वर इस्राएलियों को बचाने के लिए गिदोन ने परमेश्वर से दो चिह्न मांगे थे कि उसको विश्वास हो जाए कि परमेश्वर उसके द्वारा इस्राएल को मुक्ति दिलाएगा|
  • 19:14 परमेश्वर ने एलीशा के द्वारा बहुत से चमत्कार किए |
  • 37:10 अनेक यहूदीयों ने इस काम को देखकर, यीशु पर विश्वास किया।
  • 43:6 “हे इस्राएलियो ये बातें सुनो: यीशु नासरी एक मनुष्य था, जिसने परमेश्वर के सामर्थ्य से कई आश्चर्य के कामों और चिन्हों को प्रगट किया, जो परमेश्वर ने तुम्हारे बीच उसके द्वारा कर दिखाए जिसे तुम आप ही जानते हो |”
  • 49:2 यीशु ने बहुत से आश्चर्यकर्म किये जो यह सिद्ध करते हैं कि वह परमेश्वर है | वह पानी पर चला, आंधी को शांत किया, बहुत से बीमारों को चंगा किया, दुष्टात्माओं को निकाला, मुर्दों को जीवित किया, और पांच रोटी और दो छोटी मछलियों को इतने भोजन में बदल दिया कि वह 5,000 लोगों से अधिक के लिए पर्याप्त हो |

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H226, H852, H2368, H2858, H4150, H4159, H4864, H5251, H5824, H5953, H6381, H6382, H6383, H6395, H6725, H7560, H7583, H8047, H8074, H8539, H8540,G880, G1213, G1229, G1411, G1569, G1718, G1770, G1839, G2285, G2296, G2297, G3167, G3902, G4591, G4592, G5059,

चिन्ह, प्रमाण, स्मरण कराने वाली बात

परिभाषा:

"चिन्ह" प्रायः उस वस्तु, घटना या कार्य के सन्दर्भ में है जो एक विशेष अर्थ प्रकट करता है।

  • :बाईबल में "चिन्ह" कभी कभी परमेश्वर द्वारा की गई प्रतिज्ञा या स्थापित वाचा के लिए दिए जाते थे:
  • उत्पत्ति के पुस्तक में परमेश्वर द्वारा आकाश में स्थापित मेघधनुष परमेश्वर को स्मरण कराने के लिए एक चिन्ह (स्मारक) है कि उसने प्रतिज्ञा की है कि वह विश्वव्यापी जलप्रलय से जीवन को फिर कभी नष्ट नहीं करेगा।
  • उत्पत्ति की पुस्तक में, परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी थी कि वे अपने पुत्रों का खतना करें जो उस तथ्य का एक चिन्ह होगा जो उनके साथ बंधी गई परमेश्वर की वाचा का चिन्ह होगा।
  • चिन्ह किसी बात को प्रकट करते हैं या उसकी ओर संकेत करते हैः
  • लूका के वृतांत में, स्वर्गदूत ने चरवाहों को एक चिन्ह दिया जिसके द्वारा उनको सहायता मिलेगी कि वे बैतलहम में पहचान पाएं कि कौन सा शिशु नवजात मसीह है।
  • यहूदा ने यीशु का चुम्बन करके धर्म के अगुओं पर चिन्ह प्रकट किया कि यही यीशु है जिसको उन्हें पकड़ना है।
  • चिन्ह किसी बात को सच्चा सिद्ध करते है:
  • निर्गमन की पुस्तक में, विपत्तियों ने मिस्र में विनाश ढा दिया था जो एक चिन्ह था कि यहोवा कौन है और उनसे सिद्ध हुआ कि वह फिरौन से और उसके मिस्री देवताओं से अधिक महान है|
  • प्रेरितों के काम की पुस्तक में, भविष्यद्वक्ताओं और प्रेरितों द्वारा किए गए आश्चर्यकर्म चिन्ह थे कि वे परमेश्वर का सन्देश सुना रहे है।
  • यूहन्ना रचित सुसमाचार में कहा गया है कि यीशु ने जो चमत्कार किए, वे चिन्ह जिनसे सिद्ध होता है कि वह वास्तव में मसीह है।

अनुवाद के सुझाव:

  • बार-बार आने वाली अभिव्यक्ति, "चिन्ह और चमत्कार" का अनुवाद हो सकता है: "प्रमाण एवं चमत्कार" या "परमेश्वर के सामर्थ्य को सिद्ध करने वाले चमत्कारी कार्य" या “विस्मयकारी आश्चर्यकर्म जिनसे प्रकट होता है कि परमेश्वर कैसा महान है"।
  • “हाथों से संकेत करना” का अनुवाद हो सकता है: “हाथों की गतिविधि” या “हाथों से इंगित करना” या “भाव दर्शाना”।
  • कुछ भाषाओं में किसी बात को सिद्ध करने के लिए "चिन्ह" शब्द का एक अनुवादित रूप होता है और आश्चर्यकर्म के लिए "चिन्ह" का दूसरा अनुवादित शब्द होता है।

(यह भी देखें: आश्चर्यकर्म, प्रेरित, मसीह, वाचा, खतना करना)

बाइबल के सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H0226, H0852, H2368, H2858, H4150, H4159, H4864, H5251, H5824, H6161, H6725, H6734, H7560, G0364, G0880, G1213, G1229, G1718, G1730, G1732, G1770, G3902, G4102, G4591, G4592, G4953, G4973, G5280

चुना हुआ, चुने हुए, चुनना, चुने हुए लोग, चुना हुआ जन, चुनना।

परिभाषा:

“चुने हुए” का वास्तविक अर्थ है “चयनित जन” या “चुनी हुई प्रजा” यह उन लोगों के संदर्भ में है जिन्हें परमेश्वर ने अपने लोग होने के लिए नियुक्त किया या पृथक किया है। “चुना हुआ” या “परमेश्वर का चुना हुआ”, ये उपनाम यीशु को दर्शाते हैं जो चुना हुआ मसीह है।

  • “चुनना” शब्द का अर्थ है किसी वस्तु को या किसी मनुष्य को अलग कर लेना या किसी बात पर निर्णय लेना। यह शब्द अधिकतर परमेश्वर द्वारा मनुष्यों को अपने लिए अलग कर लेने के लिए प्रयोग होता था कि वे अब उसके हैं और उसकी सेवा के लिए हैं।
  • “चुने हुए” का अर्थ है “चयनित” या “नियुक्त”- कुछ होने के लिए या कुछ करने के लिए।
  • परमेश्वर ने मनुष्यों को पवित्र होने के लिए चुना कि उत्तम आत्मिक फल लाने के लिए परमेश्वर द्वारा अलग किए जाएं। यही कारण है कि उन्हें “चुने हुए लोग” या "चुने हुए" कहते है।
  • बाइबल में कभी-कभी इस उक्तिं “चुने हुओं” का उपयोग कुछ विशेष मनुष्यों लिए किया गया है जैसे मूसा, राजा दाऊद जिन्हें परमेश्वर ने अपनी प्रजा के अगुवे नियुक्त किया था। इसका उपयोग,इस्राएल को संदर्भित करने के लिए भी किया गया है क्योंकि वे परमेश्वर के चुने हुए लोग थे|
  • “चुना हुआ” एक प्राचीन शब्द है जिसका अर्थ है “अलग किया गया” या “अलग किए हुए लोग” मूल भाषा में यह शब्द जब मसीही विश्वासियों के लिए प्रयोग किया गया तो यह बहुवचन में काम में लिया गया था|
  • अंग्रेज़ी बाइबल के पुराने संस्करणों में “चुना हुआ” शब्द नये नियम और पुराने नियम दोनों में “अलग किए हुओं” के लिए प्रयोग किया गया है जो "अलग किए हुए" लोगों के लिए काम में लिए गए शब्द का अनुवादित शब्द है। अधिक आधुनिक संस्करणों में “चुना हुआ” शब्द केवल उन लोगों के लिए प्रयोग किया गया है, जिसका उद्धार परमेश्वर ने मसीह यीशु के द्वारा किया है। बाइबल में अन्य स्थानों में इस शब्द का अनुवाद यथावत “चुना हुआ” ही किया गया हैं।

अनुवाद के सुझाव:

  • अतः उचित तो यह होगा कि इस शब्द, "चयनित" का अनुवाद, “चुने हुए जन” या “चुनी हुई जाति” किया जाए। इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, "मनुष्य जिनको परमेश्वर ने चुन लिया है" या "वे जिनको परमेश्वर ने अपने लोग होने के लिए नियुक्त कर दिया है"
  • “जो चुने गए” का अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है, “जिन्हें नियुक्त किया” या “जो अलग किए गए” या “जिन्हें परमेश्वर ने चुना”।
  • “मैंने तुझे चुन लिया है” इसका अनुवाद किया जा सकता है, “मैंने तुम्हें नियुक्त किया है” या “मैंने तुम्हें अलग किया है”।
  • यीशु के संदर्भ में, इस उक्ति “चुना हुआ” का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर का चयनित” या “परमेश्वर का विशेष निुयक्त मसीह” या “जिसे परमेश्वर ने नियुक्त किया है”

(यह भी देखें: नियुक्त, मसीह)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0970, H0972, H0977, H1262, H1305, H4005, H6901, G01380, G01400, G15860, G15880, G15890, G19510, G37240, G44000, G44010, G47580, G48990, G55000

चेला, चेले

परिभाषा:

“चेला” शब्द उस मनुष्य के संदर्भ में है जो गुरू के साथ बहुत समय व्यतीत करता है और गुरू के चरित्र और शिक्षाओं से सीखता है।

  • जो लोग यीशु के पीछे चलते थे और उसकी शिक्षाओं को सुनकर उनका पालन करते थे, वे उसके “चेले” कहलाते थे।
  • यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के भी चेले थे।
  • यीशु के सांसारिक सेवाकाल में उसके अनेक चेले थे और जो उसका अनुसरण करते और उसकी शिक्षाओं को सुनते थे।
  • यीशु ने बारह मनुष्यों को चुना कि उसके घनिष्ठ अनुयायी हों, ये पुरुष उसके “प्रेरित” कहलाए।
  • यीशु के बारह प्रेरित उसके “शिष्य” या “बारहों” कहलाए।
  • अपने स्वर्गारोहण से पूर्व यीशु ने अपने शिष्यों को आज्ञा दी कि उन्हें भी यीशु के शिष्य बनना सिखाएं।
  • यीशु में विश्वास करने और उसकी शिक्षाओं का पालन करनेवालों को यीशु के चेले कहा जाता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “चेला” शब्द का अनुवाद ऐसे शब्द या उक्ति द्वारा किया जाए जिसका अर्थ हो, “अनुयायी” या “विद्यार्थी” या “शिष्य” या “शिक्षार्थी”।
  • सुनिश्चित करें कि इस शब्द का अनुवाद कक्षा में विद्योपार्जन करने वाले विद्यार्थी के जैसा नहीं।
  • सुनिश्चित करें कि इस शब्द का अनुवाद “प्रेरित” शब्द के अनुवाद से भिन्न शब्द हो।

(यह भी देखें: प्रेरित, विश्वास करना, यीशु, यूहन्ना (बपतिस्मा देनेवाला), बारहों)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 30:8 यीशु ने रोटियाँ और मछलियाँ तोड़-तोड़ कर चेलों को दी कि वे लोगों को परोसे। चेलों ने रोटियाँ और मछलियाँ सब में बाँट दी, और रोटियाँ और मछलियाँ कम नहीं पड़ी।
  • 38:1 यीशु मसीह के सार्वजनिक उपदेशों के तीन साल बाद अपना पहला उपदेश शुरू किया। यीशु ने अपने चेलों से कहा कि वह यरूशलेम में उनके साथ फसह का उत्सव मनाना चाहता था, और यह वही जगह है जहाँ उसे मार डाला जाएगा।
  • 38:11 फिर वह गतसमनी नामक एक जगह में अपने चेलों के साथ आया। यीशु ने अपने चेलों से कहा कि प्रार्थना करते रहो कि परीक्षा में न पड़ो।
  • 42:10 यीशु ने अपने चेलों से कहा, “ स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है। इसलिये तुम जाओ, सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता, और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ।”

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H3928, G31000, G31010, G31020

चौथाई देश के राजा

परिभाषा:

"चौथाई देश के राजा" शब्द का अर्थ है एक सरकारी प्रशासक जो रोमी साम्राज्य के एक भाग पर शासन करता था। प्रत्येक चौथाई देश का राजा रोमी सम्राट के अधिकाराधीन था।

  • शीर्षक "चौथाई देश के राजा" का अर्थ है, "चार संयुक्त शासकों में से एक है।"
  • सम्राट डाइक्लेशियन के समय से रोमी साम्राज्य के चार प्रमुख विभाजन थे और प्रत्येक चौथाई देश का राजा एक विभाजन पर शासन करता था।
  • हेरोदेस "महान" जो यीशु के जन्म के समय राजा था, उसकी मृत्यु के बाद उसका राज्य चार वर्गों में विभाजित किया गया था, और उसके पुत्रों ने "चौथाई देश के राजा" या "चौथे के शासकों" के रूप में शासन किया।
  • प्रत्येक चौथाई देश में एक या उससे अधिक क्षेत्र थे जिन्हें "प्रांत" कहा जाता था, जैसे गलील या सामरिया।
  • "हेरोदेस जो चौथाई देश का राजा था" उसका उल्लेख कई बार नए नियम किया गया है. वह "हेरोदेस अन्तिपास" नाम से भी जाना जाता था।
  • "चौथाई देश के राजा," शव्द का अनुवाद, "क्षेत्रीय शासक" या "प्रांतीय शासक" या“शासक” या “अधिपति” किया जा सकता है।

(यह भी देखें: राज्यपाल, हेरोदेस अन्तिपास, प्रांत, रोम, शासक)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: G50750, G50760

छुटकारे का मूल्य, छुड़ा लिया

परिभाषा:

  • क्रिया शब्द "छुटकारे का मूल्य", किसी बन्दी, दास या कारावास में रखे हुए मनुष्य के लिए धनराशि देना या बचाने के लिए किसी काम को आत्म-त्याग के साथ करना। “पुनः खरीद लेना” “मुक्ति कराने” जैसा ही है।
  • एक क्रिया के रूप में, "छुटकारे का मूल्य" का अर्थ भुगतान करना या किसी ऐसे व्यक्ति को, जिसे पकड़ा गया है, गुलाम बनाया गया है या कैद किया गया है, छुड़ाने के लिए आत्म-बलिदान करना है। "वापस खरीदें" का यह अर्थ "छुड़ाने" के अर्थ के समान है।
  • यीशु ने पापी लोगों को पाप की गुलामी से छुड़ाने के लिए फिरौती के तौर पर खुद को मारे जाने के लिए दिया। परमेश्वर के अपने लोगों को उनके पाप का दंड चुकाकर वापस खरीदने के इस कार्य को बाइबल में "उद्धार" भी कहा जाता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • शब्द "छुटकारे का मूल्य" का अनुवाद "मुक्ति के लिए भुगतान" या "मुफ्त में कीमत चुकाने" या "पुन: खरीदने" के रूप में भी किया जा सकता है।।
  • वाक्यांश "छुटकारे का मूल्य देना" का अनुवाद "(स्वतंत्रता की) कीमत का भुगतान" या "(लोगों को मुक्त करने के लिए) दंड का भुगतान " या "आवश्यक भुगतान करने" के रूप में किया जा सकता है।
  • नाम "छुटकारे" का अनुवाद "वापस खरीदना" या "एक जुर्माने का भुगतान " या "भुगतान किया गया मूल्य" (लोगों या जमीन को मुक्त या पुन: खरीदने के लिए) के रूप में किया जा सकता है।
  • एक "छुटकारे का मूल्य" और "छुटकारा" शब्द का अंग्रेज़ी में एक ही अर्थ है लेकिन कभी-कभी इसे थोड़ा अलग तरीके से इस्तेमाल किया जाता है। अन्य भाषाओं में इस अवधारणा के लिए केवल एक शब्द हो सकता है।
  • सुनिश्चित करें कि यह अनुवाद “प्रायश्चित” के अनुवाद से भिन्न हो।

(यह भी देखें: प्रायश्चित, छुटकारा)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H1350, H3724, H6299, H6306, G04870, G30830

छुड़ा ले, छुटकारा, छुटकारा, छुटकारा दिलानेवाला

परिभाषा:

“छुड़ा ले” या “छुटकारा” इसका अर्थ है जो व्यक्ति या वस्तु पहले किसी और के अधिकाराधीन या स्वामीत्व में थी उसे पैसा देकर छुड़ा लेना। इसे करने की कार्य को "छुटकारा" कहते है। मुक्तिदाता (छुड़ानेवाला) वह मनुष्य है जो किसी वस्तु या मनुष्य को छुड़ा लेता है।

  • परमेश्वर ने इस्राएल को किसी वस्तु या मनुष्य को छुड़ाने के नियम दिए थे।
  • उदाहरणार्थ, किसी दास को मूल्य चुका कर कोई मनुष्य छुड़ा सकता था कि वह स्वतंत्र हो जाए। “मुक्ति धन” भी इसी अभ्यास के संदर्भ में है।
  • यदि किसी की भूमि बेची जा चुकी है तो उसका कोई परिजन उस भूमि को छुड़ा सकता है या “पुनः खरीद” सकता है कि वह पारिवारिक सम्पदा बनी रहे।
  • इन अभ्यासों से प्रकट है कि परमेश्वर पाप के दासत्व में रहनेवालों को कैसे छुड़ाता है, जब यीशु क्रूस पर मर गया था तब उसने मनुष्यों के पापों का पूरा मूल्य चुका दिया और उन सबको छुड़ा लिया जो मुक्ति के लिए उसमें विश्वास करते हैं। जो मनुष्य परमेश्वर द्वारा छुड़ाए गए हैं वे पाप और पाप के दण्ड से मुक्त हो गए हैं।

अनुवाद के सुझाव:

  • सन्दर्भ के अनुसार, “छुड़ाना” का अनुवाद हो सकता है, “पुनः खरीद लेना” या “स्वतंत्र होने की कीमत चुकाना(कोई)” या "मुक्ति धन"।
  • शब्द "छुटकारा" का अनुवाद "मुक्ति धन" या "स्वतंत्र होने की कीमत" या "पुनः खरीद लेना" के रूप में किया जा सकता है।
  • शब्द "मुक्ति धन" और “छुटकारा” मूल रूप से एक ही अर्थ है, इसलिए कुछ भाषाओं में इन दोनों शब्दों का अनुवाद करने के लिए केवल एक शब्द हो सकता है। शब्द "मुक्ति धन",तथापि, इसका अर्थ भी आवश्यक भुगतान हो सकता है।

(यह भी देखें: स्वतंत्र, छुटकारे का मूल्य)

बाइबल संदर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: G59, G629, G1805, G3084, G3085, H1350, H1353, H6299, H6302, H6304, H6306, H6561, H7069

छोड़ना, छोड़ देता, छोड़ दिया, त्याग कर

परिभाषा:

“छोड़ना” अर्थात किसी को अलग कर देना या किसी वस्तु का प्रत्याख्यान करना। यदि कोई “त्यागा हुआ” है तो वह किसी के द्वारा अकेला छोड़ दिया गया या अलग कर दिया गया है।

  • जब मनुष्य परमेश्वर को “त्याग” देते हैं तो वे अवज्ञा के द्वारा उसका विश्वासघात करते है।
  • परमेश्वर मनुष्यों का त्याग करता है तो इसका अर्थ है कि उसने उनकी सहायता करना छोड़ दिया है और उन्हें कष्ट भोगने दिया है कि वे उसके पास लौट आएं।
  • इस शब्द का अर्थ प्रत्याख्यान भी है जैसे परमेश्वर की शिक्षाओं को त्यागना या उन का अनुसरण नहीं करना।
  • “त्यागा हुआ” का भूतकाल में काम में लिया जा सकता है जैसे “उसने तुझे त्याग दिया” या जैसे किसी को "त्याग दिया गया है" के संदर्भ में।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द के अन्य अनुवाद रूप हो सकते हैं, “छोड़ देना” या “अनदेखा करना” या “त्याग देना” या “दूर चले जाना” या “पीछे छोड़ देना” प्रकरण के अनुसार।
  • परमेश्वर की व्यवस्था का “त्याग” करना का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर की व्यवस्था का पालन नहीं करना” इसका अनुवाद उसकी शिक्षाओं या नियमों को “छोड़ देना” या “विच्छेदित हो जाना” या “आज्ञापालन न करना”।
  • “त्यागा हुआ” का अनुवाद “छोड़ा हुआ” या “सुनसान हो जाएगा” हो सकता है।
  • लक्षित भाषा में इस शब्द के अनुवाद में स्पष्टता हेतु विभिन्न शब्द हो सकते हैं जो निर्भर करेगा कि अभिलेख में किसी वस्तु का या मनुष्य का त्याग किया गया है।

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H488, H2308, H5203, H5428, H5800, H5805, H7503, G646, G657, G863, G1459, G2641,

जहाज़

परिभाषा:

यथार्थ में देखें तो यहाँ “जहाज़”, शब्द का अभिप्राय लकड़ी का एक चौकोर डब्बा है जिसमें कोई वस्तु रखी जाती है या सुरक्षित की जाती है। जहाज़ बड़ा या छोटा हो सकता है जो निर्भर करता है कि वह किस काम में लिया जा रहां है।

  • अंग्रेजी की बाइबल में “जहाज़” शब्द सबसे पहले एक लकड़ी की चौकोर नाव के लिए काम में लिया गया शब्द है जिसे नूह ने विश्वव्यापी जल प्रवाह से बचने के लिए बनाया था। इस जहाज़ का तल समतल था और एक छत थी तथा दीवारें थी।
  • इस शब्द के अनुवाद हो सकते हैं, “एक विशाल नाव” या “बजरा” या “मालवाहक पोत” या “बड़ी सन्दूकनुमा नाव”।
  • इस विशाल नाव के लिए जो इब्रानी शब्द काम में लिया गया है वह शब्द वही है जिसे मूसा की माता ने शिशु मूसा को नील नदी में रखने के लिए जो टोकरी बनाई थी, उसका था। इसका अनुवाद प्रायः टोकरी किया जाता है।
  • “वाचा का सन्दूक” में “सन्दूक” के लिए एक भिन्न इब्रानी शब्द का काम में लिया गया है। इसका अनुवाद “डब्बा” या “सन्दूक” या “बर्तन” किया जा सकता है।
  • “सन्दूक” का अनुवाद करते समय प्रत्येक संदर्भ में देखें कि उसकी लम्बाई-चौड़ाई कितनी है और वह किस काम में लिया गया है, यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

(यह भी देखें: वाचा का सन्दूक, टोकरी)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0727, H8392, G27870

जीवन, जीना, रहते थे, जीवित

परिभाषा:

""जीवन" शब्द का अर्थ है, शरीर का जीवित रहना अर्थात शारीरिक मृत्यु के विपरीत|

1. शारीरिक जीवन

  • "जीवन" किसी मनुष्य के सन्दर्भ में भी होता है, जैसे "जान बचाई गई"
  • कभी-कभी "जीवन" शब्द जीवन शैली के अनुभव को संदर्भित करता है, "उसका जीवन सुखदायक था।"
  • यह किसी व्यक्ति की उम्र का भी उल्लेख कर सकता है, जैसा कि इस अभिव्यक्ति में है, "उसके जीवन का अंत"
  • "जीवित रहना" शब्द का सन्दर्भ शारीरिक रूप से जीवित होने का सन्दर्भ देता है, जैसे, "मेरी मां अभी भी जीवित है।" यह निवास का उल्लेख कर सकता है, "वे इस शहर में रह रहे थे।"
  • बाइबल में, "जीवन" की अवधारणा प्रायः "मृत्यु" की अवधारणा के विपरीत व्यक्त की गई है।

2. आत्मिक जीवन

  • मनुष्य को आत्मिक जीवन प्राप्त होता है जब वह यीशु में विश्वास करता है| परमेश्वर उस मनुष्य में पवित्र आत्मा का निवेश करके उसके जीवन को बदल देता है।
  • आत्मिक जीवन के विपरीत आत्मिक मृत्यु है, जिसका अर्थ है कि परमेश्वर से पृथक होना और अनन्त दण्ड का भागी होना|

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार “जीवन” का अनुवाद “अस्तित्व” या “व्यक्ति” या “प्राण” या “होना” या “अनुभव” हो सकता है।
  • “रहना” शब्द का अनुवाद “वास करना” या “निवास करना” या “अस्तित्ववान रहना” किया जा सकता है।
  • “जीवन का अन्त” का अनुवाद “सांस रुक जाना” हो सकता है।
  • “जान बचा दी” का अनुवाद “जीने दिया” या “हत्या नहीं की” किया जा सकता है।
  • “जान खतरे में डाली” का अनुवाद हो सकता है, “जान जोखिम में डाली” या “ऐसा काम किया जो जान लेवा हो सकता था”।
  • बाइबल पाठ में आत्मिक जीविन की बात की जाती है, तो "जीवन" का अनुवाद निम्न व्यक्त रूपों में किया जा सकता है: "शाश्वत जीवन" या "परमेश्वर हमें हमारी आत्माओं में जीवित रखता है" या "परमेश्वर के आत्मा द्वारा नव जीवन" या "अपने आंतरिक मनुष्यत्व में जीवित किए गए"
  • सन्दर्भ के आधार पर, इस अभिव्यक्ति, "जीवन दान" का अनुवाद हो सकता है, "जीवित रखना" या "अनंत जीवन देना" या "अनंत जीवन देना"

(यह भी देखें: मृत्यु, अनन्त)

बाइबल संदर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 1:10 फिर परमेश्वर ने मिट्टी ली, और उससे आदम को बनाया, और उसमें जीवन का साँस फूँक दिया।
  • 3:1 एक लंबे समय के बाद, बहुत से लोग दुनिया में रह रहे थे।
  • 8:13 जब यूसुफ के भाई अपने पिता याकूब के पास पहुँचे और उससे कहा, यूसुफ अब तक जीवित है, यह सुन वह बहुत प्रसन्न हुआ।
  • 17:9 हालांकि, अपने जीवन के अंतिम समय में उसने परमेश्वर के विरुद्ध भयानक अपराध किया।
  • 27:1 एक दिन, यहूदी धर्म में निपुण एक व्यवस्थापक यीशु के पास उसकी परीक्षा लेने के लिए आया, और कहने लगा, “हे गुरु अनन्त जीवन का वारिस होने के लिए मैं क्या करूं?”
  • 35:5 यीशु ने उत्तर दिया, "मैं पुनरुत्थान और जीवन हूँ।"
  • 44:5 “तुम वही हो जिसने रोमी साम्राज्य से कहा कि यीशु को मार दिया जाएँ। तुम ने जीवन के कर्ता को मार डाला, लेकिन परमेश्वर ने उसे मरे हुओ में से जिलाया।”

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H1934, H2416, H2417, H2421, H2425, H5315, G01980, G02220, G02270, G08060, G05900

ज्यों का त्यों करना, दृढ़ करना, पुनः स्थापन

परिभाषा:

“ज्यों का त्यों करना” और “पूर्णोद्वार” का अर्थ है, पहले जैसी स्थिति वरन अधिक अच्छा कर देना।

  • रोगी के दैहिक अंग को ज्यों का त्यों करने का अर्थ है, पूर्ण “चंगा” करना।
  • टूटे संबन्धों को सुधारने का अर्थ है, “मेल करना” परमेश्वर पापियों को फेर लाता है और उन्हें अपने पास ले आता है।
  • यदि लोगों को उनके गृह देश में बहाल किया गया है तो इसका अर्थ है, “लौटा लाया जाना” या “स्वदेश लौटना”।

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार, “ज्यों का त्यों करना” का अनुवाद “नवीकरण करना” या “चुकाना” या “लौटा आना” या “चंगा करना” या “वापस लाना” हो सकता है।
  • इस शब्द की अन्य वाक्शैली, “नया करना” या “नया सा कर देना” हो सकता है।
  • जब संपत्ति "पुनः स्थापन" होती है, तो उसकी "मरम्मत" या "प्रतिस्थापित" या "उसके मालिक को वापस" दिया गया है।
  • संदर्भ के आधार पर, "पुनः स्थापनचंगा करने" का अनुवाद "नवीनीकरण" या "चंगाई" या "सामंजस्य" के रूप में किया जा सकता है।

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H7725, H7999, H8421, G600, G2675

डर, भय, भयभीत, डरना

परिभाषा:

"भय" शब्द का अर्थ उस अप्रिय भावना से है जिसे व्यक्ति अपनी सुरक्षा या कल्याण के लिए संभावित खतरे का अनुभव करते हुए महसूस करता है। बाइबल में, हालांकि, "भय" शब्द का अर्थ किसी अन्य व्यक्ति के प्रति पूजा, सम्मान, विस्मय, या आज्ञाकारिता का दृष्टिकोण भी हो सकता है, आमतौर पर कोई शक्तिशाली जैसे परमेश्वर या कोई राजा। शब्द "डर" अत्यधिक या गहन भय को संदर्भित करता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार, “भय मानना” का अनुवाद हो सकता है, “डरना” या “गहरा सम्मान करना” या “आदर करना” या “श्रद्धा से पूर्ण होना”
  • “डरना” का अनुवाद “भयभीत” या “डरा हुआ” या “भयातुर” भी हो सकता है।
  • “सब पर परमेश्वर का भय छा गया” इस वाक्य का अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है, “अकस्मात ही सबमें परमेश्वर के प्रति गहरा सम्मान और श्रद्धा उत्पन्न हो गई” या “सब अकस्मात ही विस्मित होकर परमेश्वर के प्रति गहरे सम्मान से अभिभूत हो गए” या “उसी समय वे सब परमेश्वर से बहुत डर गए”।

(यह भी देखें: अचम्भायहोवा, प्रभु, चमत्कार, सामर्थ्य)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H367, H926, H1204, H1481, H1672, H1674, H1763, H2119, H2296, H2727, H2729, H2730, H2731, H2844, H2849, H2865, H3016, H3025, H3068, H3372, H3373, H3374, H4032, H4034, H4035, H4116, H4172, H6206, H6342, H6343, H6345, H6427, H7264, H7267, H7297, H7374, H7461, H7493, H8175, G870, G1167, G1168, G1169, G1630, G1719, G2124, G2125, G2962, G5398, G5399, G5400, G5401

तरस, दयालु

परिभाषा:

“तरस” शब्द का संदर्भ मनुष्यों के प्रति चिन्ता की भावना से है। विशेष करके पीड़ित लोगों के प्रति। “तरस खाने वाला” मनुष्य अन्य मनुष्यों की चिन्ता करके उनकी सहायता करता है।

  • “तरस” शब्द का अभिप्राय है अवश्यक्ताग्रस्त मनुष्यों की सुधि लेना तथा उनकी सहायता के लिए क्रियाशील हो जाना|
  • बाइबल में परमेश्वर को तरस खानेवाला कहा गया है, अर्थात वह प्रेम एवं दया भण्डार है।

अनुवाद के सुझाव:

  • ​“तरस” (करूणा) के अनुवाद के अन्यरूप हैं, “हृदय की गहराई से सुधि लेना” या "अनुकम्पा दर्शाना" या “सहायक दया”
  • “तरस खाने वाला” (दयावान) का अनुवाद हो सकता है, “सुधि लेने वाला और सहायता करने वाला” या “गहरा प्रेम एवं दया करने वाला”

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H2550, H7349, H7355, H7356, G16530, G33560, G36270, G46970, G48340 G4835

ताड़ना, अनुशासन, आत्म-अनुशासन, आत्म संयम

परिभाषा:

“ताड़ना” नैतिक आचरण के लिए मार्गदर्शक सिद्धान्तों के पालन का प्रशिक्षण।

  • माता-पिता नैतिकता के मार्गदर्शन और निर्देशनों द्वारा अपनी सन्तानों का अनुशासन करते है और उनका पालन करना सिखाते हैं।
  • इसी प्रकार परमेश्वर अपनी सन्तान की ताड़ना (अनुशासन) करता है कि तुम्हें जीवन में अच्छे आत्मिक फल लाने में सहायता मिले जैसे, आनन्द, प्रेम और धीरज।
  • “ताड़ना में निर्देशक होते हैं कि परमेश्वर को प्रसन्न करनेवाला जीवन कैसे जीएं तथा परमेश्वर विरोधी आचरण के लिए दण्ड भी दिया जाता है।
  • आत्म संयम जीवन में नैतिक एवं आत्मिक सिद्धान्तों को अपनाने की प्रक्रिया है।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुवाद “ताड़ना” का अनुवाद “प्रशिक्षण एवं निर्देशन” या “नैतिक निर्देशन” या “गलत का दण्ड” हो सकता है।
  • “ताड़ना” संज्ञा शब्द का अनुवाद नैतिकता का प्रशिक्षण” या “दण्ड” या “नैतिकता का सुधार” या “सदाचार का मार्गदर्शन एक निर्देशन हो सकता है।”

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H4148, G1468

दंडवत करना, घुटने टेकना, उपासना

परिभाषा:

“दंडवत करना” अर्थात मुंह के बल भूमि पर गिरना, सामान्यतः किसी अधिकार संपन्न मनुष्य के अधीन में जैसे राजा या किसी सामर्थी मनुष्य के अधीन। इसी शब्द का अर्थ "आराधना" करना भी होता है जिसका सन्दर्भ परमेश्वर के सम्मान,स्तुति और आज्ञापालन से है ।

  • इस शब्द का वास्तविक अर्थ है, “झुकना” या “दण्डवत् करना” कि किसी का दीनतापूर्वक सम्मान करें।
  • जब हम परमेश्वर की स्तुति और आज्ञापालन के द्वारा उसकी सेवा और उसका सम्मान करते हैं तब हम उसकी आराधना करते हैं।
  • इस्राएलियों द्वारा परमेश्वर की आराधना में अधिकतर वेदी पर पशु की बलि चढ़ाई जाती थी।
  • यह शब्द उन दोनों प्रकार के लोगों के लिए काम में लिया जा सकता है एक सच्चे परमेश्वर यहोवा की उपासना करते हैं और उन लोगों के लिए भी जो झूठे देवताओं की उपासना करते हैं।

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • “उपासना” शब्द का अनुवाद हो सकता है “दण्डवत् करना” या “आदर करना और सेवा करना” या “सम्मान करना एवं आज्ञापालन करना”।
  • कुछ प्रकरणों में इसका अनुवाद हो सकता है, “दीनतापूर्वक स्तुति करना” या “सम्मान और स्तुति करें।”

(यह भी देखें: बलिदान, स्तुति, आदर)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 13:04 परमेश्वर ने उन्हें वाचा दी और कहा, "मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ, जो तुझे दासत्व के घर अथार्त् मिस्र देश से निकाल लाया है। तू मुझे छोड़ दूसरों को ईश्वर करके न__ मानना__|"
  • 14:02 कनानियो ने न तो परमेश्वर की __ आराधना__ की और न ही आज्ञा का पालन किया। उन्होंने झूठे देवताओं की __ उपासना__ की, और बहुत से दुष्टता के कार्य किए।
  • 17:06 दाऊद चाहता था कि वह एक मंदिर का निर्माण करे जिसमें सभी इस्राएली परमेश्वर की उपासना करें और बलिदान चढाएँ।
  • 18:12 इस्राएल राज्य के सभी राजा और बहुत से लोग मूर्तियों की उपासना करते थे।
  • 25:07 तब यीशु ने उससे कहा, “हे शैतान दूर हो जा ! परमेश्वर के वचन में वह अपने लोगों को आज्ञा देता है कि 'तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की 'उपासना' कर।’”
  • 26:02 सब्त के दिन वह(यीशु)आराधना करने के स्थान पर गया।
  • 47:01 वहाँ वह लुदिया नामक एक भक्त स्त्री से मिले जो कि व्यापारी थी। वह बहुत प्रेम के साथ प्रभु की आराधना करती थी।
  • 49:18 परमेश्वर कहता है कि हम प्रार्थना करें, उसका वचन पढ़ें, अन्य मसीही लोगों के साथ उसकी __ आराधना__ करें, और जो उसने हमारे लिए किया है वह दूसरों को बताएँ।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H5457, H5647, H6087, H7812, G1391, G1479, G2151, G2318, G2323, G2356, G3000, G3511, G4352, G4353, G4573, G4574, G4576

दया, दयालु

परिभाषा:

“दया” और “दयालु” शब्दों का अर्थ है आवश्यकताग्रस्त मनुष्यों की सहायता करना विशेष करके जब वे दीन-दरिद्र हों।

  • “दया” का अर्थ यह भी है कि मनुष्यों को उनकी गलती का दण्ड न देना।
  • कोई सामर्थी मनुष्य जैसे राजा को “दयालु” कहा जाता है जब वह अपनी प्रजा को हानि पहुंचाने की अपेक्षा उनके साथ सहारद्र व्यवहार करता है।
  • दयालु होने का अर्थ यह भी है कि किसी को हमारे साथ बुराई करने के लिए क्षमा कर देना।
  • जब हम घोर आवश्यकता में फंसे मनुष्यों की सहायता करते हैं तब हम दया दर्शाते है।
  • परमेश्वर हम पर दयालु है और चाहता है कि हम दूसरों के साथ भी दया का व्यवहार करें।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार “दया” का अनुवाद “करूणा” या “अनुकंपा” या “सहानुभूति” भी किया जा सकता है।
  • “दयालु” का अनुवाद “दया दिखाना” या “किसी पर कृपालु होना” या “क्षमाशील” होना।
  • “दया दिखाना” या “दया करना” का अनुवाद “कृपालु व्यवहार करना” या “अनुकंपा दर्शाना” भी हो सकता है।

(यह भी देखें: तरस, क्षमा)

बाइबल संदर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 19:16 उन्होंने (भविष्यद्वक्ताओं ने) लोगों से कहा कि वह अन्य देवताओं की उपासना करना बंद कर दे, और दूसरों के लिए न्याय और __दया__के काम करना आरंभ करें।
  • 19:17 एक बार यिर्मयाह भविष्यवक्ता को सूखे कुएँ में डाल दिया और उसे वहाँ मरने के लिए छोड़ दिया। कुएँ में पानी नहीं केवल दलदल थी, और यिर्मयाह कीचड़ में धंस गया, परन्तु तब राजा ने उस पर दया की और उसने अपने सेवकों को आज्ञा दी कि मरने से पहले उसे कुएँ में से निकाल लाए।
  • 20:12 फारस का साम्राज्य बहुत ही सशक्त था परन्तु पराजित लोगों के प्रति दयालू था।
  • 27:11 तब यीशु ने व्यवस्थापक से पूछा, “ तुम्हें क्या लगता है इन तीनों में से उसका पड़ोसी कौन ठहरा?” उसने उत्तर दिया, “ वही जिसने उस पर दया की।”
  • 32:11 परन्तु यीशु ने उससे कहा, "नही, मैं चाहता हूँ कि तुम घर लौट जाओ और जाकर अपने मित्रों और परिवार के लोगों को वह सब बता जो परमेश्वर ने तुझ पर दया करके तेरे लिए कैसे बड़े बड़े काम किए हैं |
  • 34:9 पर चुंगी लेने वाला फरीसी दूर खड़े होकर, स्वर्ग की ओर आँखें उठाना भी न चाहा, वरन अपनी छाती पीट-पीटकर कहा, ‘हे परमेश्वर मुझ पर दया कर क्योंकि मैं पापी हूँ।’”

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H2551, H2603, H2604, H2616, H2617, H2623, H3722, H3727, H4627, H4819, H5503, H5504, H5505, H5506, H6014, H7349, H7355, H7356, H7359, G16530, G16550, G16560, G24330, G24360, G36280, G36290, G37410, G46980

दाहिना हाथ

परिभाषा:

“दाहिना हाथ” प्रतीकात्मक रूप में किसी शासक के दाहिनी या किसी महत्वपूर्ण मनुष्य के दाहिने हाथ की ओर सम्मान या सामर्थ्य का स्थान है।

  • दाहिना हाथ सामर्थ्य, अधिकार या शक्ति का प्रतीक होता है।
  • बाइबल में यीशु को पिता परमेश्वर के दाहिनी ओर विश्वासियों की देह (कलीसियां) का प्रमुख और संपूर्ण सृष्टि का नियंत्रण रखनेवाला दर्शाया गया है।.
  • दाहिना हाथ विशेष सम्मान स्वरूप किसी के सिर पर रखा जाता था वैसे कुलपति याकूब ने यूसुफ के पुत्र एप्रैम के सिर पर दाहिना हाथ रखकर आशिष दी थी।
  • दाहिने हाथ पर सेवा करना” का अर्थ था ऐसा मनुष्य होना जिसकी सेवा विशेष करके उस व्यक्ति के लिए सहायक एवं महत्वपूर्ण है।

अनुवाद के सुझाव:

  • कभी-कभी दाहिना हाथ मनुष्य के दाहिने हाथ के लिए भी काम में लिया जाता था जैसे रोमी सैनिकों ने यीशु का ठट्ठा उड़ाने के लिए उसके दाहिने हाथ में सरंकडा पकवाया था। इसका अनुवाद लक्षित भाषा में दाहिने हाथ के शब्द द्वारा ही किया जाए।
  • प्रतीकात्मक उपयोगों के संबन्ध में, यदि लक्षित भाषा में “दाहिने हाथ” के लिए ऐसी उक्ति नहीं है तो देखें कि लक्षित भाषा में इसी अर्थ की अन्य कोई उक्ति है।
  • "के दाहिनी ओर" अभिव्यक्ति का अनुवाद "दाईं तरफ" या "सम्मान के स्थान पर" या "ताकत की स्थिति" या "सहायता के लिए तैयार" के रूप में किया जा सकता है।
  • "अपने दाहिने हाथ से" अनुवाद करने के तरीके में "अधिकार के साथ" या "शक्ति का उपयोग" या "उनकी अद्भुत ताकत के साथ" शामिल हो सकते हैं।
  • लाक्षणिक अभिव्यक्ति "उसका दहिने हाथ और उसका शक्तिशाली हाथ" परमेश्वर की सामर्थ और महान ताकत पर बल देने के दो तरीकों का उपयोग करता है। इस अभिव्यक्ति का अनुवाद करने का एक तरीका "उसकी अद्भुत ताकत और शक्तिशाली शक्ति हो सकती है।" (देखें: समानांतरवाद)
  • "उनका दहिने हाथ झूठ" के अभिव्यक्ति इस रूप में अनुवाद किया जा सकता है, "उनके बारे में सबसे सम्मानजनक बात भी झूठ से भ्रष्ट है" या "उनकी जगह की प्रतिष्ठा धोखे से भ्रष्ट है" या "वे अपने आप को शक्तिशाली बनाने के लिए झूठ का उपयोग करते हैं।"

(यह भी देखें: दोष, बुराई, आदर, पराक्रमी, दण्ड, बलवा)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H3225, H3231, H3233, G1188

दीन, विनम्र, नम्र बनाया, नम्रता

परिभाषा:

“दीन” शब्द उस मनुष्य के लिए काम में लिया जाता है जो अपने आपको अन्यों से बड़ा नहीं समझता है। वह न तो घमण्डी है न अभिमानी है। दीनता दीन होने का गुण है।

  • परमेश्वर के समक्ष दीन होने का अर्थ है परमेश्वर की महानता, बुद्धि और सिद्धता के समक्ष स्वयं की दुर्बलता एवं असिद्धता को समझना।
  • मनुष्य यदि दीन बने तो वह स्वयं को कम महत्व के स्थान में रखता है।
  • नम्रता का अर्थ है अपने से अधिक दूसरों की आवश्यकता की सुधि लेना।
  • नम्रता का अर्थ यह भी है कि अपने वरदानों तथा योग्यताओं के उपयोग के समय किसी की सेवा में मर्यादा का पालन करना।
  • “दीन बनो” का अनुवाद, “निरभिमान होना” हो सकता है।
  • “परमेश्वर के सम्मुख दीन बनो” का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर की महानता को ग्रहण करके अपनी इच्छा परमेश्वर के आधीन कर दो”।

(यह भी देखें: घमंड)

बाइबल संदर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 17:2 दाऊद एक बहुत ही __ नम्र__ व धर्मी पुरुष था, जो परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करता था।
  • 34:10 “जो कोई अपने आप को बड़ा बनाएगा, वह__छोटा__ किया जाएगा, और जो अपने आप को छोटा बनाएगा, वह बड़ा किया जाएगा।”

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H1792, H3665, H6031, H6035, H6038, H6041, H6800, H6819, H7511, H7807, H7812, H8213, H8214, H8215, H8217, H8467, G08580, G42360, G42390, G42400, G50110, G50120, G50130, G53910

दुष्टात्मा, अशुद्ध आत्मा

परिभाषा:

ये सब शब्द दुष्टात्माओं के संदर्भ में हैं जो परमेश्वर विरोधी आत्मिक प्राणी हैं|

  • परमेश्वर ने स्वर्गदूतों को अपनी सेवा हेतु सृजा था. शैतान ने जब परमेश्वर से विरोध किया तब कुछ स्वर्गदूतों ने उसके साथ विद्रोह किया और वे स्वर्ग से बाहर गिरा दिए गए थे| ऐसा माना जाता है कि ये “पतित स्वर्गदूत” ही दुष्टात्माएं हैं|
  • इन दुष्टात्माओं को कभी-कभी “अशुद्ध आत्माएं” भी कहा गया है| “अशुद्ध” अर्थात “अपवित्र” या “दुष्ट” या “अपवित्र”
  • शैतान की सेवा में होने के कारण वे बुरा काम करती हैं. कभी-कभी वे मनुष्यों में प्रवेश करके उनको अपने वश में कर लेती हैं|
  • दुष्टात्माएं मनुष्यों से अधिक सामर्थी होती हैं परन्तु परमेश्वर के तुल्य सामर्थी नहीं हैं.

अनुवाद के सुझाव:

  • दुष्टात्मा का अनुवाद हो सकता है “बुरी आत्मा”
  • “अशुद्ध आत्मा” का अनुवाद हो सकता है, “मलीन आत्मा” या “भ्रष्ट आत्मा” या “बुरी आत्मा.”
  • सुनिश्चित करें कि इस शब्द का अनुवाद करते समय कोई भी शब्द या उक्ति उस शब्द के समानार्थक न हो जो शैतान के लिए काम में लिया जाए.
  • ध्यान दें कि “दुष्टात्मा” शब्द का अनुवाद स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा में कैसे किया गया है. (देखें: अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे)

(यह भी देखें: दुष्टात्माग्रस्त, शैतान, मूरत, झूठे देवता, स्वर्गदूत, दुष्ट, अशुद्ध)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 26:09 बहुत से लोग जिनमें दुष्टात्माएं थी, उन्हें यीशु के पास लाया गया. यीशु की आज्ञा पर__दुष्टात्माएं__ प्राय: यह चिल्लाते हुए बाहर निकलती थी, “तू परमेश्वर का पुत्र है!”
  • 32:08 दुष्टात्माएं उस आदमी में से निकलकर सूअरों में प्रवेश कर गईं.
  • 47:05 अत: एक दिन जब वह दासी चिल्लाने लगी, पौलुस ने मुड़कर उस आत्मा से जो उसमे थी कहा, “यीशु के नाम में, उसमें से निकल जा." उसी घड़ी वह दुष्टात्मा उसमें से निकल गई.
  • 49:02 वह पानी पर चला, तूफान को शांत किया, बहुत से बीमारों को चंगा किया, दुष्टात्माओं को निकाला, मुर्दों को जीवित किया, और पांच रोटी और दो छोटी मछलियों को 5,000 लोगों के लिए पर्याप्त भोजन में बदल दिया.

शब्द तथ्य:

  • सिरोंग्स: H2932, H7307, H7451, H7700, G01690, G11390, G11400, G11410, G11420, G41900, G41510, G41520, G41890

दुष्टात्माएँ थीं

परिभाषा:

दुष्टात्माग्रस्त का अर्थ है किसी के कार्य एवं विचार शैतान या दुष्टात्मा के वश में हैं।

  • दुष्टात्माग्रस्त मनुष्य स्वयं को या अन्य किसी को हानि पहुंचाता है क्योंकि दुष्टात्मा उससे ऐसा करवाती है।
  • यीशु ने दुश्तात्माग्रस्त लोगों को चंगा किया; दुष्टात्माओं को आज्ञा देकर कि उनमें से निकल जाएं। इसे प्रायः दुष्टात्मा "निकालना" कहा गया है।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “दुष्टात्मा नियंत्रित” या “दुष्टात्मा द्वारा वशीभूत” या “दुष्टात्मा के अन्तर्वास में”

(यह भी देखें: दुष्टात्मा)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 26:9 बहुत से लोग जिनमें __दुष्टात्माएं__थीं, उन्हें यीशु के पास लाया गया।
  • 32:2 जब वह झील की दूसरी तरफ पहुँचे तो तुरन्त एक व्यक्ति जिसमे __अशुद्ध आत्मा__थी, यीशु के पास दौड़कर आया।
  • 32:6 दुष्टात्माग्रस्त व्यक्ति ने ऊँचे शब्द से चिल्लाकर कहा “हे यीशु परम प्रधान परमेश्वर के पुत्र, मुझे तुझ से क्या काम है? कृपया मुझे पीड़ा न दे!”
  • 32:9 लोगों ने आकर उसको जिसमें दुष्टात्माएँ थीं, कपड़े पहने और सचेत बैठे देखा और एक सामान्य व्यक्ति का सा व्यवहार करते पाया ।
  • 47:3 हर दिन जब वे (पौलुस और सीलास) प्रार्थना करने की जगह जाते थे, तो एक दासी उनका पीछा करती थी जिसमें भावी कहने वाली __दुष्टात्मा__थी।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: G11390

दृष्टान्त, दृष्टान्तों

परिभाषा:

“दृष्टान्त” अर्थात छोटी कहानी या शिक्षाप्रद कथा जिसके द्वारा नैतिकता का पाठ सिखाया जाता है।

  • यीशु दृष्टान्तों के द्वारा अपने शिष्यों को शिक्षा देते थे। यद्यपि यीशु ने जनसमूह को दृष्टान्त सुनाए, परन्तु उनका अर्थ वह अधिकतर नहीं समझाता था।
  • उसके शिष्यों पर सत्य को प्रकट करने के लिए दृष्टान्त कहे जाते थे, परन्तु यीशु में विश्वास नहीं करने वाले फरीसी जैसे लोगों से वह सत्य छिपाया जाता था।
  • नातान भविष्यद्वक्ता ने दाऊद पर उसका भयंकर पाप प्रकट करने के लिए एक दृष्टान्त सुनाया था।
  • नेक सामरी की कहानी एक दृष्टान्त का उदाहरण है।

यीशु द्वारा नई और पुरानी मशकों की तुलना करना दृष्टान्त का ही उदाहरण है जो एक शिक्षाप्रद कथा थी कि शिष्यों को यीशु की शिक्षा समझ में आ जाए।

(यह भी देखें: सामरिया)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H1819, H4912, G38500, G39420

देवता, झूठे देवता, देवियाँ, मूर्ति, मूर्तिपूजक, मूर्ति पूजा

परिभाषा:

झूठा ईश्वर वह है जिसकी उपासना मनुष्य एकमात्र सच्चे परमेश्वर के स्थान में करते हैं। “देवी” अर्थात झूठी देवी-देवता का स्त्री रूप।

  • झूठे देवी-देवता अस्तित्ववान नहीं हैं। यहोवा ही एकमात्र परमेश्वर है।
  • मनुष्य कभी-कभी वस्तुओं की मूर्तियाँ बना कर अपने झूठे देवी देवताओं का प्रतिरूप तैयार कर लेता है।
  • बाइबल में परमेश्वर के लोग बार-बार उसकी अवज्ञा करके इन झूठे देवी-देवताओं की पूजा करने लगे थे।
  • दुष्टात्माएं मनुष्यों को धोखा देती हैं कि वे विश्वास करें कि जिन झूठे ईश्वरों और मूर्तियों की वे पूजा करते हैं उनमें शक्ति है।
  • बाल, दगोन, मोलेक, ये तीन उन अनेक झूठे ईश्वरों में थे जिनकी पूजा बाइबल युग में की जाती थी।
  • अशेरा और अरतिमिस (डायना) दो देवियां थी जिनकी पूजा प्राचीन काल में की जाती थी।

मूर्ति एक वस्तु है जिसे लोग बनाते हैं कि वे उसकी पूजा कर सकें। "मूर्तिपूजक" उस किसी को भी कहा जाता है जो एकमात्र सच्चे परमेश्वर के स्थान में किसी और को सम्मान दे|

  • लोग उन झूठे देवताओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए मूर्तियाँ बनाते हैं जिनकी वे पूजा करते हैं।
  • ये झूठे देवता कुछ नहीं हैं; यहोवा के अलावा कोई परमेश्वर नहीं है।
  • कभी-कभी दुष्टात्मा मूर्ति के माध्यम से काम करते हैं जिससे यह प्रतीत होता है कि उसमें शक्ति है, भले ही न हो।
  • मूर्तियों को अक्सर सोने, चांदी, कांस्य या महंगी लकड़ी जैसी मूल्यवान सामग्रियों से बनाया जाता है।
  • एक "मूर्तिपूजक राज्य" का अर्थ है, "उन लोगों का राज्य जो मूर्तियों की पूजा करते हैं" या "उन लोगों का राज्य जो सांसारिक वस्तुओं की पूजा करते हैं।"
  • शब्द "मूर्तिमान आकृति" एक "नक्काशीदार छवि" या "मूर्ति" का दूसरा शब्द है।

अनुवाद के सुझाव:

  • लक्षित भाषा या आसपास की भाषा में “ईश्वर” या “झूठे ईश्वर” के लिए कोई शब्द होगा।
  • “मूर्ति” शब्द झूठे ईश्वरो के संदर्भ में काम में लिया जा सकता है।
  • झूठे ईश्वर के लिए ईश्वर शब्द का आरम्भ छोटे अक्षर 'g' से और एकमात्र सच्चे परमेश्वर के लिए परमेश्वर शब्द का आरम्भ बड़े 'G' से किया जाता है । अन्य भाषाओं में भी ऐसा हो सकता है
  • एक विकल्प यह भी है कि झूठे ईश्वरों के लिए एक पूर्णतः भिन्न शब्द का उपयोग किया जाता है।
  • कुछ भाषाओं में झूठे ईश्वर के लिंग भेद हेतु एक अतिरिक्त शब्द का उपयोग किया जाता है।

(यह भी देखें: परमेश्वर, अशेरा, बाल, मोलेक, दुष्ट आत्मा, मूर्ती, राज्य, पूजा)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों के उदाहरण:

  • 10:2 इन भयानक विपत्तियों के द्वारा परमेश्वर यह दिखाना चाहता था ,कि वह फ़िरौन व मिस्र के __ देवताओ__ से कई अधिक शक्तिशाली है।
  • 13:4 परमेश्वर ने उन्हें वाचा दी और कहा, “मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ, जो तुझे दासत्व के घर अथार्त् मिस्र देश से निकाल लाया है। ”तू मुझे छोड़ दूसरों को ईश्वर करके न मानना।
  • 14:2 उन्होंने(कनानियो) झूठे __ देवताओं__ की उपासना की, और बहुत से दुष्ट कार्य किए।
  • __16:1__इस्राएलियों ने यहोवा जो सच्चा परमश्वर है उसके स्थान पर, कनानियो के देवता की उपासना करना आरम्भ किया।
  • 18:13 परन्तु बहुत से यहूदा के राजा दुष्ट, विकृत और मूर्तियों की उपासना करने वाले थे। कुछ राजा झूठे देवताओं के लिए अपने बच्चों का भी बलिदान चढ़ाने लगे।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H205, H367, H410, H426, H430, H457, H1322, H1544, H1892, H2553, H3649, H4656, H4906, H5236, H5566, H6089, H6090, H6091, H6456, H6459, H6673, H6736, H6754, H7723, H8163, H8251, H8267, H8441, H8655, G1493, G1494, G1495, G1496, G1497, G2299, G2712

देह, शरीर

परिभाषा:

“देह” का सन्दर्भ मनुष्य या पशु के शरीर से है। इस शब्द का उपयोग लाक्षणिक भाषा में किसी वस्तु या जनसमूह के लिए भी किया गया है।

  • “देह” शब्द मृतक मनुष्य या मृतक पशु के संदर्भ में भी काम में आता है। कभी ऐसी देह के “मृतक देह” या “लोथ” कहा गया है।
  • अन्तिम फसह के भोजन के समय यीशु ने रोटी तोड़कर अपने शिष्यों से कहा था, “यह मेरी देह है” तो वह अपने शरीर के बारे में कह रहा था जो उनके पापों के लिए तोड़ (मार डाला) जाएगा।
  • बाइबल में विश्वासियों के समूह को “मसीह की देह” कहा गया है।
  • जैसे शरीर के अनेक अंग होते हैं वैसे ही “मसीह की देह” के अनेक सदस्य हैं।
  • मसीह की देह में प्रत्येक विश्वासी का अपना एक विशेष कार्य है जिससे सम्पूर्ण समुदाय को सहता मिलती है कि परमेश्वर की सेवा और उसके महिमान्वन निमित्त एल्जुत होकर कार्य करें|
  • यीशु को उसके विश्वासियों की “देह” का “सिर” (अगुआ) भी कहा गया है। जैसे मनुष्य का सिर अपने शरीर को निर्देश देता है कि उसे क्या करना है वैसे ही यीशु है जो विश्वासियों का, अर्थात उसकी "देह" के अंगों का पथप्रदर्शन करता है और उनको निर्देश देता है|

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द के सर्वोत्तम अनुवाद हेतु लक्षित भाषा में शरीर के लिए सामान्यतः काम में लिए जाने वाले शब्द का उपयोग किया जाए। सुनिश्चित करें कि जिस शब्द का उपयोग किया गया है वह अस्वीकार्य तो नहीं।
  • कुछ भाषाओं में विश्वासियों का सामूहिक संदर्भ देते समय उनको “मसीह की आत्मिक देह” कहना अधिक स्वाभाविक एवं उचित होगा।
  • जब यीशु कहता है, “यह मेरी देह है" तो इसका अनुवाद ज्यों का त्यों करना ही अधिक उचित होगा और यदि आवशक हो तो व्याख्या हेतु टिपण्णी दी जाए|
  • कुछ भाषाओं में मृतक देह के लिए एक अलग शब्द प्रयोग किया जाता है जैसे मनुष्य के लिए “शव” और पशु के लिए “लोथ।” सुनिश्चित करें कि इस शब्द का अनुवाद संदर्भ में अर्थपूर्ण हो और स्वीकार्य भी हो।

(यह भी देखें: सिर, हाथ; मुंह; कमर; दाहिना हाथ; जीभ)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0990, H1320, H1460, H1465, H1472, H1480, H1655, H3409, H4191, H5038, H5085, H5315, H6106, H6297, H7607, G44300, G49540, G49830, G55590

दोष लगाना, दोषी, दण्ड की आज्ञा

परिभाषा:

“दोष लगाना” और “दण्ड की आज्ञा” अर्थात अनुचित काम के लिए किसी का न्याय करना।

  • “दोष लगाना” में प्रायः किसी मनुष्य को उसके अनुचित कार्य के लिए दण्ड देना शामिल होता है।
  • कभी-कभी “दोष लगाना” का अर्थ किसी पर झूठा आरोप लगाना या किसी का निर्दयता से न्याय करना भी होता है।
  • “दण्ड की आज्ञा” का संदर्भ किसी को दण्डित करने या किसी पर आरोप लगाने से होता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “कठोरता से न्याय करना” या “झूठी आलोचना करना।"
  • “उस पर दोष लगाना” का अनुवाद हो सकता है, “न्याय करना कि वह दोषी है” या “आदेश देना कि उसे पाप का दण्ड दिया जाए”
  • “दण्ड की आज्ञा” का अनुवाद हो सकता है, “कठोरता से न्याय करना” या “दोषी ठहराना” या “अपराध का दण्ड”

(यह भी देखें: न्याय, दण्ड देना)

बाइबल संदर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H6064, H7034, H7561, H8199, G01760, G08430, G26070, G26130, G26310, G26320, G26330, G29170, G29190, G29200, G52720, G60480

दोष, दोषी

परिभाषा:

“दोष” शब्द का संदर्भ पाप करने या अपराध से है।

  • “दोषी होना” अर्थात नैतिकता के क्षत्र में अनुचित काम करना अर्थात परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन करना।
  • “दोषी” का विलोम शब्द है “निर्दोष”

अनुवाद के सुझाव:

  • कुछ भाषाओं में “दोष” का अनुवाद “पाप का बोझ” या “पाप का गिनना” किया गया है।
  • “दोषी होने” के अनुवाद रूपों में ऐसा शब्द या उक्ति हो सकते हैं जिनके अर्थ हों, “अपराधग्रस्त होना” या “नैतिकता के क्षेत्र में गलत काम करना” या “पाप करना”

(यह भी देखें: निर्दोष, अधर्म के काम, दण्ड देना, पाप)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों से उदाहरण:

  • 39:2 वे कई झूठे गवाह लाए जो यीशु के बारे में झूठ बोल रहे थे। परन्तु उनके बयान एक दूसरे से नहीं मिल रहे थे, इसलिये यहूदी अगुवे यीशु को दोषी सिद्ध नहीं कर पाए।
  • 39:11 यीशु से बात करने के बाद पिलातुस भीड़ के सामने आया, और कहा, “मैं तो इस व्यक्ति में कोई दोष नहीं पाता।” परन्तु यहूदी गुरुओं ने चिल्लाकर कहा कि, “इसे क्रूस पर चढ़ा।” पिलातुस ने कहा , “मैं इसमें कोई दोष नहीं पाता।” परन्तु वे और जोर से चिल्लाने लगे। पिलातुस ने तीसरी बार कहा “यह दोषी नहीं है।”
  • 40:4 यीशु को दो डाकुओ के बीच क्रूस पर चढ़ाया गया। उनमें से एक जब यीशु का ठट्ठा उड़ा रहा था तो ,दूसरे ने कहा कि, “क्या तू परमेश्वर से नहीं डरता? हम अपराधी है पर ,यह तो बेगुनाह है।”
  • 49:10 अपने ही पापों के कारण, तुम दोषी हो और मृत्यु के योग्य हो।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0816, H0817, H0818, H5352, H5355, H7563, G03380, G17770, G37840, G52670

धर्मी ठहराएगा, धार्मिकता

परिभाषा:

“धर्मी ठहराएगा” और “धार्मिकता” का अर्थ है दोषी मनुष्य को न्यायोचित ठहराना। केवल परमेश्वर मनुष्यों को वास्तव में न्यायोचित ठहरा सकता है।

  • जब परमेश्वर मनुष्यों को न्यायोचित ठहराता है तब वह उनके पाप क्षमा करके ऐसा कर देता है कि उन्होंने कभी पाप नहीं किया। वह उन पापियों को ही न्यायोचित ठहराता है जो पाप मोचन के लिए यीशु में विश्वास करते हैं।
  • “धार्मिकता” का संदर्भ परमेश्वर द्वारा मनुष्यों के पापों की क्षमा से और घोषणा से है कि वे मनुष्य परमेश्वर की दृष्टि में न्यायोचित है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “धर्मी ठहराना” के अन्य अनुवाद है, “(किसी) को धर्मी घोषित करना” या “(किसी) के धर्मी होने का कारण होना।”
  • शब्द "औचित्य" का अनुवाद "धर्मी ठहराया जा रहा है" या "धर्मी बनना" या "लोगों को धर्मी होना" के रूप में किया जा सकता है।
  • वाक्यांश "परिणामस्वरूप औचित्य" का अनुवाद हो सकता है "ताकि परमेश्वर ने कई लोगों को उचित ठहराया" या "जिसके परिणामस्वरूप परमेश्वर ने लोगों को धर्मी ठहराया।"
  • वाक्यांश "हमारे औचित्य के लिए" के रूप में अनुवाद किया जा सकता है "ताकि हम भगवान द्वारा धर्मी बनाया जा सके।"

(यह भी देखें: क्षमा, दोष, धर्मीजन)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H6663, G1344, G1345, G1347

धर्मी, धार्मिकता, अधर्मी, अधर्म, खरा, खराई

परिभाषा:

“धार्मिकता” परमेश्वर की परम भलाई, न्याय, विश्वासयोग्यता और प्रेम के संदर्भ में काम में लिया गया शब्द है। इन गुणों के होने से परमेश्वर "धर्मी" बनता है। क्योंकि परमेश्वर धर्मी है, उसके लिए पाप का दण्ड देना आवश्यक है।

  • इन शब्दों द्वारा परमेश्वर के आज्ञाकारी और सदाचारी मनुष्य का भी चरित्र-चित्रण किया जाता है। परन्तु सबने पाप किया है, इसलिए परमेश्वर को छोड़ कोई भी पूर्ण धर्मी नहीं है।
  • बाइबल में जिन लोगों को "धर्मी" कहा गया है वे हैं नूह, अय्यूब, अब्राहम, जकर्याह और इलीशिबा।
  • उद्धार के लिए यीशु में विश्वास करनेवालों को परमेश्वर पापों से शुद्ध करता है और यीशु की धार्मिकता के कारण उन्हें धर्मी कहता है।
  • "अधर्मी" शब्द का अर्थ है, पापी और नैतिकता में भ्रष्ट| "अधर्म" का सन्दर्भ पाप या पापी होने की दशा से है|
  • इन शब्दों का सन्दर्भ विशेष करके ऐसे जीवन से है जिसमें परमेश्वर की शिक्षाओं और आज्ञाओं की अवज्ञा की जाती है|
  • अधर्मी जन अपने विचारों और कर्मों में नैतिकता का पालन नहीं करते हैं|
  • कभी-कभी "अधर्मी" शब्द का सन्दर्भ उन लोगों से होता है जो यीशु में विश्वास नहीं करते हैं|
  • "खरा" और "खराई", इन शब्दों का सन्दर्भ परमेश्वर की व्यवस्था का पालन करने से है|
  • इन शब्दों के अर्थ में समाहित विचार है, सीधे खड़े होना और सीधा आगे देखना|
  • "खरा" मनुष्य वह है जो परमेश्वर के नियमों का पालन करता है और उसकी इच्छा के विरुद्ध कोई काम नहीं करता है|
  • "खरा" और "धर्मी" के अर्थ सहार्थी हैं और कभी-कभी एक साथ काम में लिए जाते हैं जैसे, "एकनिष्ठा और खराई"

(देखें: सादृश्यता)

अनुवाद के सुझाव:

  • जब परमेश्वर का उल्लेख होता है, तब “धर्मी” का अनुवाद होगा, “पूर्णतः भला और न्यायोचित” या “सदा सर्वदा धर्मनिष्ठा निभानेवाला” हो सकता हैं।
  • परमेश्वर की “धार्मिकता” का अनुवाद “सिद्ध विश्वासयोग्यता और भलाई” हो सकता है।
  • परमेश्वर के आज्ञाकारी मनुष्यों के उल्लेख में “धर्मी” शब्द का अनुवाद हो सकता है, “नैतिकता में उचित” या “न्यायोचित” या “परमेश्वर को प्रसन्न करनेवाला जीवन व्यतीत करनेवाले"
  • “धर्मी” का अनुवाद हो सकता है, “धर्मी लोग” या “परमेश्वर का भय मानने वाले लोग”
  • प्रकरण के अनुसार “धार्मिकता” का अनुवाद हो सकता है, एक ऐसे शब्द या उक्ति द्वारा किया जा सकता है जिसका भावार्थ, “अच्छाई” या “परमेश्वर के सम्मुख सिद्ध होना” या परमेश्वर की आज्ञा मानकर उचित व्यवहार करना” या “पूर्णतः सिद्धता के काम करना”
  • "अधर्मी"शब्द का अनुवाद हो सकता है, "धर्मी नहीं"
  • प्रकरण के आधार पर इस शब्द के एनी अनुवाद रूप भी हो सकते हैंजैसे, "दुष्ट" या "अनैतिक" या "परमेश्वर के विद्रोही जन" या "पापी"
  • "अधर्म" शब्द का अनुवाद हो सकता है, "पाप" या "बे विचार एवाम्कर्म" या "दुष्टता"
  • यदि संभव हो तो इसका सर्वोत्तम अनुवाद वह होगा जिसमें इसका सम्बन्ध "धर्मी, धार्मिकता" से दर्शाया जाए|
  • "खरा" शब्द का अनुवाद हो सकता है, "खरा व्यवहार" या "परमेश्वर की विधियों का पालन करना" या "परमेश्वर का आज्ञाकारी होना" या "ऐसा व्यवहार करना जो उचित हो"
  • "खराई" शब्द का अनुवाद हो सकता है, "नैतिक शुद्धता" या "उत्तम सदाचार" या "औचित्य प्रदर्शन"
  • "खरे मनुष्य" का अनुवाद हो सकता है, "मनुष्य जो खरे हैं" या "खरे मनुष्य"

(यह भी देखें: बुरा, विश्वासयोग्य, भला, पवित्र, खराई, धर्मी, विधियां, व्यवस्था, आज्ञापालन, शुद्ध, धर्मी, पाप, व्यवस्था विरोधी)

बाइबल संदर्भ:

बाईबल की कहानियों के उदाहरण

  • 3:2 परन्तु परमेश्वर के अनुग्रह की दृष्टी नूह पर बनी रही। नूह धर्मी पुरुष और अपने समय के लोगों में खरा था।
  • 4:8 परमेश्वर ने घोषित किया कि अब्राम धर्मी है, क्योंकि उसने परमेश्वर की वाचा पर विश्वास किया।
  • 17:2 दाऊद एक विनम्र और धर्मी व्यक्ति था जो विश्वसनीय था और परमेश्वर का पालन करता था।
  • 23:1 मरियम की मंगनी यूसुफ नामक एक धर्मी पुरुष से हुई।
  • 50:10 तब धर्मी लोग अपने पिता परमेश्वर के राज्य में सूर्य के समान चमकेंगे।”

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H205, H1368, H2555, H3072, H3474, H3476, H3477, H3483, H4334, H4339, H4749, H5228, H5229, H5324, H5765, H5766, H5767, H5977, H6662, H6663, H6664, H6665, H6666, H6968, H8535, H8537, H8549, H8552, G93, G94, G458, G1341, G1342, G1343, G1344, G1345, G1346, G2118, G3716, G3717

धर्मी, भक्ति

परिभाषा:

“धर्मी” शब्द उस मनुष्य को व्यक्त करता है जो इस प्रकार के काम करता है जिनसे परमेश्वर का महिमान्वन होता है और प्रकट होता है कि परमेश्वर कैसा है। "भक्ति" परमेश्वर की इच्छा पूरी करके परमेश्वर का सम्मान करने का गुण है।

  • भक्ति का गुण रखनेवाला मनुष्य पवित्र-आत्मा के फल प्रकट करता है जैसे, प्रेम, आनन्द, शान्ति, धीरज, दया, आत्मसंयम आदि।
  • भक्ति की गुणवत्ता से पता चलता है कि एक व्यक्ति को पवित्र आत्मा है और उसे पालन करना है।

अनुवाद के सुझाव

  • “ईश्वर-भक्त” का अनुवाद “परमेश्वर परायण लोग” या “परमेश्वर की आज्ञा मानने वाले लोग” (देखें: नाममात्र)
  • विशेषण "ईश्वरीय" का अनुवाद "ईश्वर के आज्ञाकारी" या "धर्मी" या "ईश्वर को प्रसन्न" के रूप में किया जा सकता है।
  • वाक्यांश "ईश्वरीय ढंग से" का अनुवाद "परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार" या "कर्मों और शब्दों से किया गया है जो परमेश्वर को खुश करता है" के रूप में किया जा सकता है।
  • "भक्ति" का अनुवाद करने के तरीके में "परमेश्वर को प्रसन्न करने वाले तरीके से काम करना" या "परमेश्वर का पालन करना" या "एक धर्मी तरीके से जी रहे" हो सकते हैं।

(यह भी देखें: सम्मान, आज्ञा पालन, धर्मी, भक्तिहीन, अधर्मी)

बाइबल संदर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H430, H2623, G516, G2124, G2150, G2152, G2153, G2316, G2317

धुन, जोशीला

परिभाषा:

“धुन” और “जोशीला” का संदर्भ किसी मनुष्य या विचार के समर्थन में प्रबलता से समर्पित होने से है।

  • उत्साह का अभिप्राय है किसी अच्छे काम को आगे बढाने के लिए प्रबल इच्छा एवं कार्य। इससे प्रायः उस मनुष्य का वर्णन होता है जो निष्ठापूर्वक परमेश्वर की आज्ञा मानता है और अन्यों को भी ऐसी शिक्षा देता है।
  • जोशीला होने का अर्थ है, किसी काम को करने में अथक प्रयास करना वरन उस प्रयास में यत्नशील बने रहना।
  • “प्रभु की जलन” या “यहोवा की जलन” का अर्थ है परमेश्वर का प्रबल शाश्वत कार्य कि उसके लोगों को आशिष मिले या न्याय सुनिश्चित हो।

अनुवाद के लिए सुझाव:

“जोश से भरा” का अनुवाद हो सकता है, “प्रबल यत्न करने वाला” या “अथक प्रयास करना”

  • “धुन” का अनुवाद हो सकता है, “कर्मठ-भक्ति” या “अधीर संकल्प” या “धर्मी जोश”
  • “तेरे भवन की धुन” का अनुवाद “तेरे मन्दिर के प्रबल सम्मान की लालसा” या “तेरे भवन की निगरानी की जोशीली मनोकामना”

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H7065, H7068, G22050, G22060, G22070, G60410

नई वाचा

परिभाषा:

“नई वाचा” अर्थात परमेश्वर द्वारा उसके पुत्र यीशु के बलिदान के माध्यम से परमेश्वर की वचनबद्धता या समझौता।

  • परमेश्वर की यह “नई वाचा” बाइबल के नये नियम में व्यक्त की गई है।
  • यह नई वाचा “पुरानी” या “पूर्वकालिक” वाचा की तुलना में है जो परमेश्वर ने पुराने नियम के युग में इस्राएल के साथ बांधी थी।
  • यह नई वाचा पूर्वकालिक वाचा से अधिक उत्तम है क्योंकि यह यीशु के आत्म-बलिदान पर आधारित है जिसके द्वारा मनुष्यों के पापों का प्रायश्चित सदा के लिए एक ही बार में हो गया है। पुरानी वाचा की बलिदानों से ऐसा नहीं हुआ था।
  • परमेश्वर यह नई वाचा यीशु में विश्वास करने वालों के हृदयों में लिखता है। * इसके प्रभाव से वे परमेश्वर की इच्छा पूर्ति और पवित्र जीवन जीने की लालसा करते हैं।
  • यह नई वाचा अन्त समय में पूरी हो जायेगी जब परमेश्वर इस पृथ्वी पर अपना राज्य स्थापित कर लेगा। सब कुछ पुनः वैसा ही सुंदर हो जाएगा जैसा जगत की सृष्टि के समय था।

अनुवाद के सुझाव:

  • “नई वाचा” का अनुवाद “नया विधि के अनुसार समझौता” या “नई संविदा” या “नया अनुबंध” है।
  • इन अभिव्यक्तियों में “नया” का अर्थ है “नवीन” या “नया प्रकार” या “दूसरा”

(यह भी देखें: प्रायश्चित, वाचा, इस्राएल, यीशु, मूसा, परमेश्वर का पुत्र)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 21:05 यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा, परमेश्वर ने वादा किया कि वह एक नई वाचा बनाएगा परन्तु वह उस वाचा के समान न होंगी जो परमेश्वर ने इस्राएलियों के साथ सीनै पर्वत पर बाँधी थी | परन्तु जो वाचा मैं उन दिनों के बाद उनसे बाँधूँगा वह यह है : मैं अपनी व्यवस्था उनके मन में समवाऊँगा, और उसे उनके ह्रदय पर लिखूँगा, और मैं उनका परमेश्वर ठहरूँगा, और वह मेरी प्रजा ठहरेंगे, लोग परमेश्वर को जानेंगे कि वह परमेश्वर के लोग है, और परमेश्वर उनका अधर्म क्षमा करेगा | मसीह नई वाचा का आरम्भ करेगा |
  • 21:14 मसीह की मृत्यु और उसके जी उठने के माध्यम से, परमेश्वर अपनी योजना सिद्ध करेंगे और पापियों को बचाने के लिए नई वाचा का आरम्भ करेंगे |
  • 38:05 फिर उसने दाखरस का कटोरा लिया और कहा, “इसे पीओं | यह वाचा का मेरा लहू है, जो बहुतों के पापों की क्षमा के लिये बहाया जाता है | मेरी याद में तुम यही किया करो |”
  • 48:11 क्योंकि इस नई वाचा के जरिये किसी भी जाती का कोई भी व्यक्ति परमेश्वर के चुने हुए लोगों में यीशु पर विश्वास करने के द्वारा शामिल हो सकता है।

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H1285, H2319

नए सिरे से जन्म लेना, परमेश्‍वर से जन्मा, नया जन्म

परिभाषा:

“नए सिरे से जन्म लेना” इस उक्ति का प्रयोग पहली बार यीशु ने किया था कि वर्णन करे कि परमेश्वर द्वारा मनुष्य को आत्मिक मृत्यु से आत्मिक जीवन में बदल दी जाने का अर्थ क्या है| :परमेश्वर से जन्मा" और "आत्मा से जन्मा" का सन्दर्भ भी मनुष्य को आत्मिक नवजीवन प्रदान किए जाने से है|

  • सब मनुष्य जन्म से आत्मिक रूप से मृत होते हैं परन्तु मसीह यीशु को अपना उद्धारकर्ता ग्रहण करने पर वे “नया जन्म” लेते है।
  • आत्मिक नव जीवन के पल से ही पवित्र आत्मा नव विश्वासी में अन्तर्वास करने लगता है और उसे सामर्थ देता है कि वह आत्मिक फल उत्पन्न करे।
  • मनुष्य को नवजीवन प्रदान करना और परमेश्वर की सन्तान बनाना परमेश्वर ही का काम है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “नया जन्म” के अनुवाद के अन्य रूप हैं, “नवजीवन पाना” या “आत्मिक जन्म होना”
  • उचित होगा कि इसका शब्दशः अनुवाद किया जाए और लक्षित भाषा में सामान्य शब्दों का उपयोग करें जिसका अर्थ जन्म लेना हो।
  • “नए जन्म” का अनुवाद “आत्मिक जन्म” किया जा सकता है।
  • “परमेश्वर से जन्मा” का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर द्वारा नवजात शिशु जैसा नया जन्म पाना” या “परमेश्वर के द्वारा नया जीवन दिया जाना”।
  • इसी प्रकार “आत्मा से जन्मा” का अनुवाद हो सकता है, “पवित्र आत्मा द्वारा नया जीवन दिया जाना” या “परमेश्वर की सन्तान होने के लिए पवित्र आत्मा द्वारा सामर्थ्य दिया जाना” या “पवित्र आत्मा द्वारा नवजात शिशु जैसा नया जीवन दिया जाना”

(यह भी देखें: पवित्र आत्मा, उद्धार)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: G313, G509, G1080, G3824

नरक, आग की झील

परिभाषा:

नरक अनन्त पीड़ा और कष्टों का वह अन्तिम स्थान है जहां परमेश्वर उसके सब द्रोहियों को और यीशु के बलिदान के द्वारा उनके उद्धार की योजना का तिरस्कार करनेवालों को दण्ड देगा। इसे “आग की झील” भी कहा गया है।

  • नरक को आग और घोर पीड़ा का स्थान कहा गया है।
  • शैतान और उसके साथ की दुष्टात्माएं अनन्त दण्ड के लिए नरक में डाली जाएंगी।
  • जो लोग उनके पापों के लिए यीशु के बलिदान में विश्वास नहीं करते और उद्धार के लिए उसमें विश्वास नहीं करते उन्हें भी सदा के दण्ड के लिए नरक में डाला जाएगा।

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • इन शब्दों का अनुवाद संभवतः अलग-अलग शब्दों द्वारा किया जाए क्योंकि वे अलग-अलग प्रकरणों में आते हैं।
  • कुछ भाषाओं में “आग की झील” का "झील" शब्द काम में नहीं लिया जा सकता क्योंकि उस भाषा में झील का अर्थ पानी की झील है।
  • “नरक” शब्द का अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “पीड़ा का स्थान” या “अन्धकार और पीड़ा का अन्तिम स्थान”
  • “आग की झील” का अनुवाद “आग का समुद्र” या “(कष्टों की) विशाल अग्नि” या “आग का क्षेत्र” किया जा सकता है।

(यह भी देखें: स्वर्ग, मृत्यु, अधोलोक, अथाह कुण्ड)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 50:14 वह (परमेश्वर) उन्हें नरक में डालेगा, जहाँ वे वेदना में सदा रोएँगे और दाँत पीसेंगे। वह आग जो कभी नही बुझती उन्हें हमेशा जलाती रहेगी और कीड़े उन्हें हमेशा खाते रहेंगे।
  • 50:15 वह शैतान को नरक में डाल देगा जहाँ वह उन लोगों के साथ हमेशा जलता रहेगा, जिन्होंने परमेश्वर की आज्ञा मानने की बजाय उसकी बात मानने का चुनाव किया।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H7585, G00860, G04390, G04400, G10670, G30410, G44420, G44430, G44470, G44480, G50200, G53940, G54570

नाज़ीर, नाज़ीरों, नाज़ीर शपथ

तथ्य:

“नाज़ीर” वह मनुष्य था जो नाज़ीर होने की शपथ लेता था। अधिकतर पुरुष यह शपथ लेते थे परन्तु स्त्रियां भी इस शपथ को लेती थी।

  • नाज़ीर मनुष्य निश्चित दिनों सप्ताहों या महीनों तक अंगूर का या अंगूर के रस का कोई व्यंजन या मदिरा या रस नहीं खाता-पीता था। इस अवधि के दौरान वह अपने बाल काट नहीं सकते और मृत शरीर के पास नहीं जा सकते थे।

जब समय पूरा हो जाता था और शपथ पूरी हो जाती थी तब नाज़ीर याजक के पास जाकर बलि चढ़ाता था। इसमें उसके बालों को काटकर जलाया जाता था। और अन्य सब वर्जित बातों का अन्त हो जाता था।

  • शमशोन बाइबल में एक प्रसिद्ध व्यक्ति है जो नाज़ीर था।
  • यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले को जन्म की भविष्यवाणी करते समय स्वर्गदूत ने जकर्याह से कहा था कि उसका यह पुत्र मदिरा पान नहीं करेगा, जिसका अर्थ है कि वह एक नाज़ीर था।
  • प्रेरित पौलुस ने भी एक समय यह शपथ ली थी जो प्रेरितों के काम की पुस्तक के एक अंश से प्रकट है।

(अनुवाद के सुझाव नामों का अनुवाद)

(यह भी देखें: यूहन्ना (बपतिस्मा देनेवाला), बलि, शिमशोन, शपथ, जकर्याह (पुराना नियम))

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H5139

नाम

परिभाषा:

"नाम" शब्द उस शब्द को संदर्भित करता है जिसके द्वारा किसी विशिष्ट व्यक्ति या वस्तु को बुलाया जाता है। तथापि, बाइबल में "नाम" शब्द का उपयोग अनेक भिन्न रूपों में किया जाता है कि अनेक भिन्न-भिन्न अव्धार्नाओं को संदर्भित करें|

  • कुछ संदर्भों में “नाम” मनुष्य की प्रतिष्ठा का संदर्भ देता है जैसा कि "हम अपने लिए एक नाम बनाते हैं।"
  • “नाम” शब्द किसी स्मृति का संदर्भ भी देता है। उदाहरणार्थ “मूर्तियों का नाम मिटा दो”, अर्थात मूर्तियों को ऐसे नष्ट कर दो कि उनकी स्मृति ही न रहे या उनकी पूजा न की जाए।
  • “परमेश्वर के नाम में” बोलना अर्थात उसके सामर्थ्य और अधिकार में या उसके प्रतिनिधि होकर बोलना।
  • किसी का “नाम” संपूर्ण मनुष्य का संदर्भ देता है जैसे “आकाश के नीचे कोई और नाम नहीं जिससे हम उद्धार पाते हैं।” (देखें: लक्षणालंकार)

अनुवाद के सुझाव:

  • “इसका अच्छा नाम” इस वाक्य का अनुवाद हो सकता है, “उसकी अच्छी प्रतिष्ठा।”
  • “के नाम में” कुछ करना, इसका अनुवाद हो सकता है, के अधिकार में” या “की अनुमति से” या “प्रतिनिधित्व में” काम करना।
  • “अपना नाम करें”, इस अभिव्यक्ति का अनुवाद हो सकता है, "अनेक मनुष्यों में अपनी पहचान बनाने का कारण उत्पन्न करें" या “मनुष्यों को सोचने पर विवश करें कि हम महत्वपूर्ण हैं।”
  • इस अभिव्यक्ति, "उसका नाम पुकारना" का अनुवाद हो सकता है "उसे नाम देना" या "उसे पुकारना"।
  • "जो लोग आपके नाम से प्रेम रखते हैं", इस अभिव्यक्ति का अनुवाद हो सकता है, "जो आपसे प्रेम रकते हैं"
  • "मूर्तियों के नाम मिटा दे", इस अभिव्यक्ति का अनुवाद हो सकता है, "मूर्तियों से छुटकारा पाना कि वे याद भी न आये" या "लोगों को झूठे देवताओं की पूजा करना बंद करने का कारण उत्पन्न करना " या "सभी मूर्तियों को पूरी तरह से नष्ट कर दें तकि लोग आगे को उनके बारे में सोचे भी नहीं"

(यह भी देखें: बुलाहट)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H5344, H7121, H7761, H8034, H8036, G2564, G3686, G3687, G5122

नाश होना, नष्ट

परिभाषा:

“नाश होना” का अर्थ है मरना या नष्ट हो जाना, प्रायः हिंसा के द्वारा या आपदा के द्वारा। नए नियम में, यह प्रायः मनुष्यों के भटक जाने के लिए आत्मिक अर्थ में प्रयोग किया जाता है या परमेश्वर के लोगों से अलग हो जाने के लिए काम में लिया जाता है।

"नाश होने" का आत्मिक अभिप्राय

  • “नाश होने वाले” मनुष्य वे है जिन्होंने अपने उद्धार के लिए यीशु में विश्वास करने से इन्कार किया है।
  • जो "नाश" हो चुके हैं, वे स्वर्ग में परमेश्वर के साथ अनंत काल तक नहीं रहेंगे। इसकी अपेक्षा, उनके लिए परमेश्वरका दंड है कि वे अनंत काल तक नरक में जीवित रहें।
  • शारीरिक से तो हर एक जन मरेगा परन्तु वे जो अपने उद्धार के लिए यीशु में विश्वास नहीं करते हैं, उनका अनंत नाश हो जाएगा।
  • जब "नाश होना" आत्मिक परिप्रेक्ष्य में उपयोग किया जाता है, तो सुनिश्चित करें कि आपका अनुवाद शारीरिक मृत्यु से सर्वथा भिन्न प्रकट करे।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण पर आधारित इसके अनुवाद हो सकते हैं, "परमेश्वर के लोगों में से बहिष्कृत हो जाना" “अनन्त मृत्यु” या “नरक का दण्ड भोगना” या “नष्ट होना”।
  • ऐसा शब्द या अभिव्यक्ति काम में लें जिसका अर्थ केवल "शारीरिक मृत्यु" या "अस्तित्व का अंत" ही नहीं हो|

(यह भी देखें: मृत्यु, अनन्त)

बाइबल संदर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0006, H0007, H0008, H1478, H1820, H1826, H5486, H5595, H6544, H8045, G0599, G0622, G0684, G0853, G1311, G2704, G4881, G5356

निंदा, निन्दा करना, निन्दक

परिभाषा:

बाइबल में “निन्दा” शब्द का अर्थ है परमेश्वर या मनुष्य के प्रति घोर अपमान के शब्दों का प्रयोग करना| किसी की “निन्दा” करने का अर्थ है किसी के विरूद्ध ऐसी बातें कहना कि सुननेवाला उसके बारे में गलत या बुरा सोचें।

  • परमेश्वर की निन्दा करने का अर्थ अधिकतर यह होता है कि परमेश्वर के बारे में असत्य बातें कह कर उस पर कलंक लगाना या उसका अपमान करना या अनैतिक व्यवहार करना जिससे परमेश्वर की प्रतिष्ठा गिरे।
  • मनुष्य स्वयं को परमेश्वर कहे या दावा करे कि एकमात्र सच्चे परमेश्वर के अतिरिक्त भी कोई परमेश्वर है तो यह निंदा करना है|
  • कुछ अंग्रेजी बाइबल संस्करणों में "कलंक" शब्द का उपयोग किया गाया है जब मनुष्यों के विरूद्ध कुछ कहा जाता है|

अनुवाद के सुझाव:

  • “निन्दा” का अनुवाद किया जा सकता है, “किसी के विरूद्ध बुरी बातें कहना” या “परमेश्वर का अपमान करना” या “मानहानि करना”
  • “निन्दा” के अन्य अनुवाद हो सकते हैं, “किसी के विरूद्ध झूठी बातें कहना” या “मानहानि करना” या “झूठी अफवाह उड़ाना”।

(यह भी देखें: निरादर, झूठा दोष लगाना)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स : H1288, H1442, H2778, H5006, H5007, H5344, G09870, G09880, G09890

नियुक्त करना, निुयक्त किया

परिभाषा:

“नियुक्त करना” और “नियुक्त किया” अर्थात किसी को किसी विशेष कार्य को करने या भूमिका को निभाने के लिए चुनना।

  • “नियुक्त होना” का संदर्भ “ठहराया हुआ” से भी होता है कि कुछ प्राप्त करे, जैसे  “अनन्त जीवन के लिए ठहराया गया|” मनुष्य “अनन्त जीवन के लिए ठहराए गए” अर्थात वे अनन्त जीवन के लिए चुने गए थे.
  • “नियुक्त समय” अर्थात किसी घटना के होने के लिए परमेश्वर का “चुना हुआ समय” या “योजनाबद्ध समय.”
  • “ठहराए” शब्द का अर्थ “आज्ञा देना” या किसी को किसी काम के लिए "उत्तरदायित्व सौपना." भी हो सकता है|

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार  “ठहराए” शब्द के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “चुनना” या “सौंपना” या “विधिवत चुन लेना” या “अधिकार देना."
  • “नियुक्त किया” का अनुवाद हो सकता है, “सौंपा” या “योजनाबद्ध किया"  या “विशेष रूप से चुना."
  • “निुयक्त किया जाए ” का अनुवाद “चुना हुआ हो ” हो सकता है.

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0561, H0977, H2163, H2296, H2706, H2708, H2710, H3198, H3245, H3259, H3677, H3983, H4150, H4151, H4152, H4483, H4487, H4662, H5324, H5344, H5414, H5567, H5975, H6310, H6485, H6565, H6635, H6680, H6923, H6942, H6966, H7760, H7896, G03220, G06060, G12990, G13030, G19350, G25250, G27490, G42870, G42960, G43840, G49290, G50210, G50870

निर्दोष

परिभाषा:

“निर्दोष शब्द” का शाब्दिक अर्थ है, “बिना किसी दोष के”। यह उस मनुष्य के संदर्भ में काम में लिया जाता है जो पूर्ण मन से परमेश्वर की आज्ञाएं मानता है परन्तु इसका अर्थ यह नहीं कि वह निष्पाप है।

  • अब्राहम और नूह परमेश्वर की दृष्टि में निर्दोष थे।
  • जिस मनुष्य को "निर्दोष" माना जाता है, वह परमेश्वर को आदर देनेवाला आचरण रखता है।
  • एक बाइबल पद के अनुसार निर्दोष मनुष्य “परमेश्वर का भय मानता है और बुराई से दूर रहता है”।
  • अनुवाद के सुझाव:
  • इसका अनुवाद इस प्रकार भी हो सकता है “उसका चरित्र दोषरहित है” या पूर्वतः परमेश्वर का आज्ञाकारी है” या “पाप से दूर रहना” या “बुराई से दूर रहता है”

बाइबल संदर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H5352, H5355, H8535, G02730, G02740, G02980, G02990, G03380, G04100, G04230

निर्दोष

परिभाषा:

“निर्दोष” शब्द का अर्थ है, अपराध या अनुचित कार्य का दोषी न होना। इसका संदर्भ सामान्यतः उन मनुष्यों से है जो बुरे कामों में नहीं हैं।

  • किसी मनुष्य पर अनुचित कार्य का दोष लगाया गया और उसने वह काम नहीं किया तो वह निर्दोष है।
  • कभी-कभी “निर्दोष” शब्द का उपयोग उन मनुष्यों के लिए किया जाता है जो किसी बुरे काम को नहीं करने के उपरान्त भी दण्डित किए जाते हैं, जैसे शत्रु की सेना “निर्दोषों” पर आक्रमण करती है।
  • बाइबिल में, “लहू” “हत्या” को दर्शाता है, “निर्दोष का लहू” इसका अनुवाद हो सकता है, “मनुष्य जिन्होंने कुछ भी अनुचित कार्य नहीं किया कि उन्हें मार डाला गया”

अनुवाद के सुझाव:

  • अधिकांश प्रकरणों में “निर्दोष” शब्द का अनुवाद हो सकता है: "निरपराध" या "उत्तरदायी नहीं" या "दोषी नहीं"
  • जब सामान्यतः निर्दोष मनुष्यों के संदर्भ में हो तो इसका अनुवाद होगा, “जिन्होंने कुछ भी अनुचित नहीं किया” या “जो बुराई में सहभागी नहीं हैं”।
  • “निर्दोष का लहू बहाना” इसका अनुवाद हो सकता है, “निर्दोषों की हत्या” उन लोगों की हत्या करना जिन्होंने कुछ भी अनुचित नहीं किया”

(यह भी देखें: दोष)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 08:06 दो साल बाद भी, निर्दोष होने के बावजूद यूसुफ बंदीगृह में था।
  • 40:04 उनमें से एक जब यीशु का ठट्ठा उड़ा रहा था तो ,दूसरे ने कहा कि, “क्या तू परमेश्वर से नहीं डरता? हम अपराधी है पर ,यह तो बेगुनाह है।”
  • 40:08 तब सूबेदार जो यीशु का पहरा दे रहे थे, वो सब कुछ जो हुआ था उसे देखकर कहा कि, “यह मनुष्य धर्मी था। सचमुच यह परमेश्वर का पुत्र था।”

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H2136, H2600, H2643, H5352, H5355, H5356, G121

निवासस्थान

परिभाषा:

“परमेश्वर का डेरा” (निवास स्थान) एक विशेष मण्डप था जिसमें इस्राएली जंगल के 40 वर्षों में परमेश्वर की आराधना करते थे।

  • परमेश्वर ने इस विशाल मण्डप को बनाने के लिए इस्राएलियों को सविस्तार निर्देशन प्रदान किए थे। इसके दो कक्ष थे और यह एक बन्द आंगन से घिरा हुआ था।
  • इस्राएली जब भी जंगल में एक स्थान से दूसरे स्थान को जाते थे तब याजक इस मण्डप को उखाड़कर नये स्थान में ले जाते थे। और अपनी छावनी के केन्द्र में उसे खड़ा करते थे।
  • यह मण्डप लकड़ी के ढांचे पर कपड़े, बकरी के बाल तथा पशुओं की खाल से बना हुआ था। उसके चारों ओर का प्रांगण परदों द्वारा घिरा हुआ था।
  • मण्डप के दो कक्ष, पवित्र स्थान (जिसमें धूप जलाने की वेदी थी) और परम-पवित्र स्थान (जिसमें वाचा का सन्दूक रखा था) थे।
  • मण्डप के प्रागण में एक वेदी थी जिस पर पशु-बलि जलाई जाती थी और एक हौदा था जिसमें शोधन अनुष्ठान का पानी रहता था।
  • इस्राएलियों ने इस मण्डप का उपयोग समापत हो गया था जब सुलैमान ने यरूशलेम में मन्दिर बना दिया।

अनुवाद के सुझाव:

  • “मण्डप” का अर्थ है “रहने का स्थान”। इसका अनुवाद हो सकता है, “पवित्र मण्डप” या “मण्डप जिसमें परमेश्वर था” या “परमेश्वर का मण्डप”
  • सुनिश्चित करें कि इस शब्द का अनुवाद “मन्दिर” शब्द के अनुवाद से भिन्न हो।

(यह भी देखें: वेदी, धूप जलाने की वेदी, वाचा का सन्दूक, मन्दिर, मिलापवाला तम्बू)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H168, H4908, H5520, H5521, H5522, H7900, G4633, G4634, G4636, G4638

न्याय का दिन

परिभाषा:

“न्याय का दिन” उस भावी समय के संदर्भ में है जब परमेश्वर हर एक मनुष्य का न्याय करेगा।

  • परमेश्वर ने अपने पुत्र मसीह यीशु को सब मनुष्यों का न्यायी ठहराया है।
  • न्याय के दिन मसीह अपने धर्मनिष्ठ चरित्र के आधार पर मनुष्यों का न्याय करेगा।

अनुवाद के सुझाव:

  • इसका अनुवाद “न्याय करने का समय” हो सकता है क्योंकि यह एक दिन से अधिक समय का होगा।
  • इस उक्ति के अन्य अनुवाद रूप हो सकते हैं “अन्त समय जब परमेश्वर सब मनुष्यों का न्याय करेगा।”
  • कुछ अनुवादों में इस उक्ति को बड़े अक्षरों में लिखा जाता है कि इसे विशेष दिन या समय दर्शाया जाए: “न्याय का दिन” या “न्याय का समय”

(यह भी देखें: न्यायी, यीशु, स्वर्ग, नरक)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H2962, H3117, H4941, G22500, G29200, G29620

न्यायी, न्याय

परिभाषा:

“न्यायी” और “न्याय” शब्दों का सन्दर्भ प्रायः निर्णय लेने से है कि कोई बात अच्छी, बुद्धिमानी की, या नयोचित है या नहीं| इन शब्दों का संदर्भ किसी मनुष्य द्वारा निर्णय के परिणाम स्वरुप किए गए कामों से भी हो सकता है- प्रायः किसी बात के विषय निर्णय लेने लेने के परिप्रेक्ष्य में कि वह बुरी, अनुचित या दुष्टता की तो नहीं है|

  • "न्यायी" और "न्याय" इन शब्दों का अर्थ यह भी हो सकता है, किसी को"हानि पहुंचाना" (अधिकतर तब जब परमेश्वर ने निर्णय ले लिया है कि किसी मनुष्य या देश के काम दुष्टता के हैं|)
  • “परमेश्वर का न्याय” इस उक्ति का सन्दर्भ प्रायः किसी मनुष्य या वस्तु को पाप का दोषी ठहराने के लिए परमेश्वर के निर्णय के सन्दर्भ में भी होता है|
  • परमेश्वर का न्याय प्रायः मनुष्यों को पाप का दण्ड देना होता है।
  • “न्याय करना” इसका अर्थ हो सकता है, “दोषी ठहराना|" परमेश्वर अपने लोगों से कहता है कि वे एक दूसरे का ऐसा न्याय नहीं करें।
  • इसका एक और अर्थ है “के बीच मध्यस्थता” या “दो मनुष्यों का न्याय करना” कि मतभेद में कौन सही है।
  • कुछ प्रकरणों में परमेश्वर के “न्याय” का अर्थ है परमेश्वर ने किस बात को उचित एवं न्याय सम्मत ठहराया है। यह उसके आदेश, नियमों या अध्यादेशों के अनुरूप है।
  • “न्याय” का संदर्भ बुद्धिमानी का निर्णय लेने की क्षमता। जिस मनुष्य में “न्याय” की कमी है उसमें बुद्धिमानी के निर्णय लेने की योग्यता नहीं है।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार “न्याय करना” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “निर्णय लेना” या “दोषी ठहराना” या “दण्ड देना” या “आज्ञा देना”
  • “न्याय” का अनुवाद “दण्ड” या “निर्णय” या “आदेश” या “आज्ञा” या “दोष देने” के रूप में किया जा सकता है।
  • कुछ प्रकरणों में “न्याय में” का अनुवाद हो सकता है, “न्याय के दिन” या “परमेश्वर द्वारा मनुष्यों के न्याय का समय।"

(यह भी देखें: आदेश, न्यायी, न्याय का दिन, उचित, नियम, व्यवस्था)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 19:16 उन भविष्यवक्ताओं ने लोगों को चेतावनी देना आरंभ किया कि, यदि उन्होंने दुष्ट कार्य करना बंद न किया, और परमेश्वर कि आज्ञा का पालन करना आरंभ न किया, तो परमेश्वर उन्हें दोषी ठहराएगा और उन्हें दण्डित करेंगा।
  • __21:08__राजा वह होता है जो राज्य पर शासन करता है और लोगों का न्याय करता है। मसीह एक सिद्ध राजा होगा जो की दाऊद के सिंहासन पर विराजमान होगा। वह हमेशा के लिए संसार पर राज्य करेगा, और सदैव सच्चाई से न्याय करेगा और उचित निर्णय लेगा।
  • 39:04 इस पर महा याजक ने क्रोध में अपने वस्त्र फाड़े और अन्य धार्मिक नेताओं से कहा कि, “अब हमें गवाहों की क्या जरुरत। तुमने अभी सुना है कि इसने अपने को परमेश्वर का पुत्र कहा है। तुम्हारा क्या न्याय है?”
  • 50:14 परन्तु जो यीशु पर विश्वास नहीं करेंगे परमेश्वर उनमें से हर एक का न्याय करेंगे। वह उन्हें नरक में फेंक देगा, जहाँ वे वेदना में सदा रोएँगे और दाँत पीसेंगे।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0148, H0430, H1777, H1778, H1779, H1780, H1781, H1782, H2940, H4055, H4941, H6414, H6415, H6416, H6417, H6419, H6485, H8196, H8199, H8201, G01440, G03500, G09680, G11060, G12520, G13410, G13450, G13480, G13490, G29170, G29190, G29200, G29220, G29230, G42320

न्यायोचित, न्याय, अन्याय, न्यायसंगत सिद्ध करना, औचित्य

परिभाषा:

"न्यायोचित" और "न्याय" इन शब्दों का सन्दर्भ मनुष्यों के साथ परमेश्वर की व्यवस्था के अनुकूल निष्पक्ष व्यवहार करना| मानवीय नियम जो उचित व्यवहार के परमेश्वर के मानकों को प्रकट करते हैं, वे भी न्यायोचितं होते हैं|

  • “न्यायसंगत” होने का अर्थ है, मनुष्यों के साथ निष्पक्ष और उचित व्यवहार करना| इसमें परमेश्वर की दृष्टि में नैतीता में उचित काम करने की सत्यनिष्ठा औए एकनिष्ठा|
  • “न्यायोचित” व्यवहार करना अर्थात मनुष्यों के साथ परमेश्वर की व्यवस्था के अनुकूल न्याय्य,भला और उचित व्यवहार करना|
  • “न्याय” पाना अर्थात विधान के अन्तर्गत उचित व्यवहार प्राप्त करना, नियमों द्वारा सुरक्षा या नियमों के उल्लंघन का दंड।
  • कभी-कभी “न्यायोचित” शब्द का अर्थ अधिक व्यापक होता है, जैसे “धर्मी” या “परमेश्वर के नियमों का पालन करना”

"अन्याय" और "अन्याय से" इन शब्दों का सन्दर्भ मनुष्यों के साथ पक्षपात और हानिकारक व्यवहार से है|

  • "अन्याय" का अर्थ है, किसी के साथ बुरा करना जिसके योग्य वह नहीं है| इसका सन्दर्भ मनुष्यों में पक्षपात करने से है|
  • "अन्याय" का अर्थ यह भी होता है कि कुछ लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है जबकि दूसरों के साथ अछा व्यवहार किया जाता है|
  • जो मनुष्य अन्याय का व्यवहार करता है, वह "पक्षपाती" या "अपकारी" कहते हैं क्योंकि वह सबके साथ समता का व्यवहार नहीं करता है|

"न्याय करना" और "न्यायसंगत ठहराना", इन शब्दों का सन्दर्भ एक दोषी मनुष्य को न्यायोचित ठहराने से है| केवल परमेश्वर मनुष्य को वास्तव में न्यायोचित ठहराता है|

  • जब परमेश्वर मनुष्य को न्यायोचित कह देता है तब वह ऐसा कर देता है कि जैसे उनमें कोई पाप नहीं है| वह मन फिराने वाले पापियों को जो अपने पापों से उद्धार पाने के लिए यीशु में विश्वास करते हैं, उनको न्यायोचित ठहराता है|
  • "न्यायोचित" शब्द का सन्दर्भ मनुष्यों के पापों की क्षमा और उसकी दृष्टि में धर्मी ठहराए जाने के परमेश्वर के काम के सन्दर्भ में है|

(यह भी देखें: न्यायी, धर्मीजन, सीधा,क्षमा, अपराध, न्यायाधीश, धर्मी,)

  • प्रकरण के अनुसार, “न्यायोचित” का अनुवाद करने के अन्य रूप हैं “नैतिकता में उचित” या “निष्पक्ष”।
  • “न्याय” का अनुवाद हो सकता है, “निष्पक्ष व्यवहार” या “योग्य परिणाम”।
  • “न्यायसंगत काम"” का अनुवाद हो सकता है, “निष्पक्ष व्यवहार” या “न्यायोचित व्यवहार”
  • कुछ प्रकरणों में “न्यायोचित” शब्द का अनुवाद “धर्मी” या “खरा” भी हो सकता है।
  • प्रकरण के अनुसार, "अन्याय" का अनुवाद "पक्षपात" या "अपकार" या "अधर्म" भी हो सकता है|
  • "अधर्मी लोग" इस उक्ति का अनुवाद हो सकता है, "अन्यायी लोग" या "अपकारी लोग" या "मनुष्यों के साथ पक्षपात करने वाले लोग" या "धर्म विरोधी लोग" या "परमेश्वर के अवज्ञाकारी लोग"
  • "अन्यायपूर्ण" शब्द का अनुवाद हो सकता है, "पक्षपाती व्यवहार मनें" या "अनुचित रूप से" या "अपकार में"
  • "अन्याय का अनुवाद हो सकता है, "अनुचित व्यवहार" या "पक्षपात का काम"

(देखें: abstractnouns)

  • "न्यायोचित ठहराना" के अन्य अन्नुवाद हो सकते हैं, किसी को "धर्मी ठहराना" या " किसी के लिए "धर्मी होने का कारण बनना"
  • "औचित्य" का अनुवाद हो सकता है, "धर्मी घोषित किया जाना" या "धर्मी हो जाना" या "मनुष्यों के धर्मी होने का कारण होना"
  • "औचित्य का परिणाम होना" , इसका अनुवाद हो सकता है, "जिससे कि परमेश्वर ने अनेक मनुष्यों को धर्मी ठहराया है" या "जिसका परिणाम हुआ कि परमेश्वर अनेक मनुष्यों के लिए धर्मी होने का कारण बना"

"हमें धर्मी ठहराने के लिए", इस वाक्यांश का अनुवाद हो सकता है, "जिससे कि हम परमेश्वर के द्वारा धर्मी ठहराए जाएं"

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

शब्द तथ्य

  • स्ट्रोंग्स: H0205, H2555, H3477, H4941, H5765, H5766, H5767, H6662, H6663, H6664, H6666, H8003, H8264, H8636, G00910, G00930, G00940, G13420, G13440, G13450, G13460, G13470, G17380

पत्थर, पथरवाह

परिभाषा:

पत्थर चट्टान का टुकड़ा होता है। किसी को "पथरवाह" करने का अर्थ है, उस पर पत्थरो और बड़े-बड़े पत्थरों से प्रहार करना जिसमें उसकी ह्त्या करने की मंशा हो| "पत्थरवाह करना" एक घटना है जिसमें किसी को पत्थरवाह किया जाता था।

  • प्राचीन समय में, लोगों को उनके किए गए अपराधों के दंड स्वरुप पथरवाह करके मृत्युदंड देना एक सामान्य प्रथा थी|
  • परमेश्वर ने इस्राएल के अगुवों को आज्ञा दी थी कि कुछ पापों का दंड पथरवाह किया जाना हो जैसे व्यभिचार का पाप।
  • नए नियम में, यीशु ने व्यभिचार में पकड़ी गई एक महिला को क्षमा कर दिया था और लोगों को उसे पथरवाह करने से रोक दिया था|
  • स्तिफनुस, जो यीशु के बारे में गवाही देने के लिए पथरवाह करके मार डाला जाने वाला बाईबल में पहला शहीद था|
  • लुस्त्रा शहर में, प्रेरित पौलुस को पत्थरवाह किया गया था, लेकिन वह अपने घावों से मरा नहीं।

(यह भी देखें: परस्त्रीगमन, करना, अपराध, मृत्यु, लुस्त्रा, गवाही)

बाइबल के सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0068, H0069, H0810, H1382, H1496, H1530, H2106, H2672, H2687, H2789, H4676, H4678, H5553, H5601, H5619, H6344, H6443, H6697, H6864, H6872, H7275, H7671, H8068, G26420, G29910, G30340, G30350, G30360, G30370, G40740, G43480, G55860

परखना, परखा, परीक्षण, अग्नि परीक्षा

परिभाषा:

“परीक्षा” का संदर्भ कठिन या दुःखदायी अनुभव से है जो मनुष्य की इच्छाशक्ति या दुर्बलता को दर्शाता है।

  • परमेश्वर मनुष्य को जांचता है, परन्तु उनको पाप में नहीं गिराता है। परन्तु शैतान मनुष्यों को पाप करने की परीक्षा में डालता है।
  • परमेश्वर कभी-कभी कसौटी पर रखकर मनुष्य के पाप को प्रकट करता है। परीक्षा एक व्यक्ति को पाप से दूर करने और परमेश्वर के करीब आने में मदद करती है।
  • सोना-चांदी को आग में तपा कर उनकी शुद्धता और मज़बूती देखी जाती है। यह कष्टदायक परिस्थितियों द्वारा मनुष्यों को परखने का चित्रण है।
  • “परख कर देखना” अर्थात् “किसी को चुनौती देना कि अपने महत्व को सिद्ध करे।”
  • परमेश्वर की परीक्षा लेने का अर्थ है, उससे हमारे लिए एक चमत्कार कराने कि कोशिश करना है, उसकी दया का अनुचित लाभ उठाना।
  • यीशु ने शैतान से कहा था कि परमेश्वर की परीक्षा लेना उचित नहीं है। वह सर्वशक्तिमान पवित्र परमेश्वर है जो सबके ऊपर है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “परखना” का अनुवाद हो सकता है, “चुनौती देना” या “कठिनाइयों का अनुभव करवाना” या “सिद्ध करना”।
  • “परखना” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “चुनौती” या “कठिनाई”।
  • “परख कर देखना” का अनुवाद हो सकता है, “परीक्षा करना” या “चुनौती देना” या “किसी को विवश करना कि स्वयं को सिद्ध करे।”
  • परमेश्वर की परीक्षा लेने के संदर्भ में इसका अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर को विवश करने का प्रयास करना कि वह अपना प्रेम सिद्ध करे।”
  • कुछ संदर्भों में, जब विषय परमेश्वर नहीं है, “परखना” का अर्थ “परीक्षा” भी हो सकता है।

(यह भी देखें: परीक्षा करना)

बाइबल के सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H5254, H5713, H5715, H5749, H6030, H8584, G1242, G1263, G1303, G1382, G1957, G3140, G3141, G3142, G3143, G3984, G4303, G4451, G4828, G6020

परमप्रधान

तथ्य:

“परमप्रधान” शब्द परमेश्वर का उपनाम है। इसका संदर्भ उसकी महानता और अधिकार से है।

  • इस शब्द का अर्थ “प्रभुता संपन्न” या “सर्वोच्च” जैसा ही है।
  • इस पदनाम में ऊँचा का अभिप्राय भौतिक ऊँचाई या दूरी से नहीं है। इसका संदर्भ महानता से है।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “परमप्रधान परमेश्वर” या “ सर्वोच्च प्राणी” या “सर्वोच्च परमेश्वर” या “सबसे बड़ा” या “सर्वोपरि” या “सबसे महान परमेश्वर”
  • यदि “ऊँचा” शब्द का उपयोग किया गया तो सुनिश्चित करें कि उसका अभिप्राय ऊँचाई या लम्बाई न हो।

(यह भी देखें: परमेश्वर)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H5945, G53100

परमेश्‍वर

तथ्य:

बाइबल में “परमेश्‍वर” का संदर्भ शाश्वत प्राणी से है जिसने ब्रह्माण्ड को शून्य से बनाया है। परमेश्‍वर का अस्तित्व पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा में है। परमेश्‍वर का नाम यहोवा है।

  • परमेश्‍वर सदा से है, जब कुछ भी नहीं था तब परमेश्‍वर था और वह अनन्त काल तक रहेगा।
  • वही एकमात्र सच्चा परमेश्वर है और उसका अधिकार संपूर्ण ब्रह्माण्ड पर है।
  • परमेश्‍वर धार्मिकता में सिद्ध, असीम बुद्धिमान, पवित्र, निष्पाप, न्यायी, दयालु और प्रेमी है।
  • वह वाचा निभाने वाला परमेश्‍वर है जो अपनी प्रतिज्ञाएं सदैव पूरी करता है।
  • मनुष्यों को परमेश्‍वर की उपासना हेतु बनाया गया था और वही एकमात्र है जिसकी उपासना करना मनुष्यों के लिए आवश्यक है|
  • परमेश्‍वर ने अपना नाम “यहोवा” बताया है जिसका अर्थ है, “वह है” या “मैं हूँ” या “जो हमेशा से है।”
  • बाइबल में झूठे ईश्वरों का भी उल्लेख है जो निर्जीव मूर्तियां है, उनकी उपासना करना मनुष्य की भूल है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “परमेश्वर” शब्द के अनुवाद हो सकते हैं, “दिव्य शक्ति” या “सृजनहार” या “सर्वोच्च प्राणी” या सर्वोच्च सृजनहार" या "अनंत परमप्रधान प्रभु" या "अनंत सर्वोच्च अस्तित्व"
  • ध्यान दें कि स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा में परमेश्वर के लिए क्या शब्द काम में लिया जाता है। हो सकता है कि लक्षित भाषा में परमेश्वर के लिए उसका कोई एक शब्द है। यदि है तो महत्वपूर्ण होगा कि सुनिश्चित किया जाए कि वह शब्द एकमात्र सच्चे परमेश्वर के उन गुणों के अनुरूप है जिनका उल्लेख ऊपर किया गया है।
  • अनेक भाषाओं में एकमात्र सच्चे परमेश्‍वर के लिए प्रयुक्त शब्द के प्रथम अक्षर को बड़ा कर दिया जाता है की झूठे देवताओं के लिए काम में लिए गए शब्द से भिन्न हो| इस अंतर को प्रकट करने की एक और विधि है, "परमेश्वर" और "देवताओं" के लिए अलग-अलग शब्दों का प्रयोग किया जाए\ टिप्पणी: बाईबल के लेखों में, जब कोई मनुष्य जो यहोवा की उपासना नहीं करता है, यहोवा की बात करते समय "ईश्वर" शब्द का प्रयोग करता है तो यहोवा के सन्दर्भ में इस शब्द को बिना बड़े अक्षर के लिखना स्वीकार्य है| (देखें योना 1:6, 3:9)
  • “मैं उनका परमेश्‍वर होऊंगा और वे मेरे लोग होंगे”, इस उक्ति का अनुवाद हो सकता है, “मैं परमेश्‍वर इन लोगों पर राज करूंगा और वे मेरी उपासना करेंगे।”

(अनुवाद के सुझाव नामों का अनुवाद कैसे करें)

(यह भी देखें: रचना, झूठे देवता, पिता परमेश्वर, पवित्र आत्मा, मूर्ति, परमेश्वर का पुत्र, यहोवा)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 1:1 परमेश्वर ने छह दिनों में ब्रह्मांड और सब कुछ बनाया।
  • 1:15 परमेश्वर ने अपने रूप में पुरुष और स्त्री को बनाया।
  • 5:3 "मैं परमेश्वर सर्वशक्तिमान हूँ। मैं तुम्हारे साथ वाचा बान्धूंगा।
  • 9:14 परमेश्वर ने कहा, "मैं जो हूं, सो हूं। उनसे कहना, 'जिसका नाम मैं हूँ है उसी ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है।' यह भी उनको बताओ, "मैं तुम्हारे पूर्वजों अब्राहम, इसहाक और याकूब का परमेश्वर, यहोवा हूं।" सदा तक मेरा नाम यही रहेगा।'" है
  • 10:2 इन भयानक विपत्तियों के द्वारा परमेश्वर यह दिखाना चाहता था ,कि वह फ़िरौन व मिस्र के देवताओ से कई अधिक शक्तिशाली है।
  • 16:1 इस्राएलियों ने यहोवा जो सच्चा परमेश्वर है उसके स्थान पर, कनानियो के देवता की उपासना करना आरम्भ किया।
  • 22:7 और तू हे बालक, परमप्रधान परमेश्वर का भविष्यद्वक्ता कहलाएगा क्योंकि तू प्रभु का मार्ग तैयार करने के लिए उसके आगे आगे चलेगा।
  • 24:9 ” केवल एक ही परमेश्वर है। परन्तु जब यूहन्ना ने यीशु को बपतिस्मा दिया, उसने पिता परमेश्वर को कहते सुना, पुत्र परमेश्वर को देखा, और पवित्र आत्मा को भी देखा।
  • 25:7 "कि ‘तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर।’”
  • 28:1 "जो उत्तम है वह केवल एक ही है, और वह परमेश्वर है।"
  • 49:9 लेकिन परमेश्वर ने जगत के हर मनुष्य से इतना अधिक प्रेम किया कि उसने अपना इकलौता पुत्र दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे उसे उसके पापों का दण्ड नहीं मिलेगा, परन्तु हमेशा परमेश्वर के साथ रहेगा।
  • 50:16 लेकिन एक दिन परमेश्वर एक नया आकाश और एक नई पृथ्वी की रचना करेगा जो सिद्ध होगी।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0136, H0305, H0410, H0426, H0430, H0433, H2486, H2623, H3068, H3069, H3863, H4136, H6697, G01120, G05160, G09320, G09350, G10960, G11400, G20980, G21240, G21280, G21500, G21520, G21530, G22990, G23040, G23050, G23120, G23130, G23140, G23150, G23160, G23170, G23180, G23190, G23200, G33610, G37850, G41510, G52070, G53770, G54630, G55370, G55380

परमेश्वर का पुत्र, पुत्र

तथ्य:

“परमेश्वर का पुत्र” अर्थात यीशु, परमेश्वर का वचन, जो संसार में मानव रूप में आया। उसे प्रायः “पुत्र” भी कहा गया है।

  • परमेश्वर के पुत्र में पिता परमेश्वर के सब गुण हैं वरन वह स्वयं ही परमेश्वर है।
  • पिता परमेश्वर, पुत्र परमेश्वर, तथा पवित्र आत्मा परमेश्वर एक ही हैं।
  • मानव पुत्रों के विपरीत, परमेश्वर का पुत्र हमेशा अस्तित्व में है।
  • आरंभ में परमेश्वर का पुत्र ब्रह्माण्ड की रचना में सक्रिय था, पिता और पवित्र आत्मा के साथ।                                                                                                                              परमेश्वर पुत्र होने के कारण यीशु पिता परमेश्वर से प्रेम करता है और उसकी आज्ञाओं का पालन करता है और उसका पिता. परमेश्वर उससे प्रेम करता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “परमेश्वर का पुत्र” के लिए “पुत्र” ही अनुवाद करना सर्वोत्तम शब्द है जो लक्षित भाषा में मानवीय पुत्र के लिए काम में लिया जाता है।
  • सुनिश्चित करें कि “पुत्र” शब्द उस शब्द से सुसंगत हो जिसको पिता के लिए काम में लिया गया है और ये शब्द पिता-पुत्र का संबन्ध दर्शाने के लिए लक्षित भाषा में अति सामान्य शब्द हैं।
  • “पुत्र” शब्द को यदि कुछ इस प्रकार लिखा जाए कि उससे उसकी परमेश्वर होने की विशिष्टता प्रकट हो तो उचित होगा जैसे अंग्रेजी भाषा में “एस” अक्षर को बड़ा लिख सकते हैं।
  • "पुत्र" शब्द " परमेश्वर का पुत्र" का छोटा रूप है, खासकर जब यह उसी संदर्भ में प्रकट हो जिसमें "पिता"प्रकट होता है।

(अनुवाद के सुझाव: नामों का अनुवाद कैसे करें)

(यह भी देखें: मसीह, पूर्वजों, परमेश्वर, परमेश्वर पिता, पवित्र आत्मा, यीशु, पुत्र, परमेश्वर का पुत्र।)

बाइबल संदर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 22:5 स्वर्गदूत ने उसको समझाया, "पवित्र आत्मा तुम्हारे पास आएगा, और परमेश्वर की शक्ति तुम पर छाया करेगी। इसलिए बच्चा पवित्र होगा, __परमेश्वर का पुत्र __।"
  • __24:9__परमेश्वर ने यूहन्ना से कहा था कि, “पवित्र आत्मा किसी एक पर उतरेगा जिसे तू बपतिस्मा देगा। वह परमेश्वर का पुत्र है।"
  • 31:8 चेले चकित थे। उन्होंने यीशु की आराधना की, और कहा, "सचमुच, तू परमेश्वर का पुत्र हैं।";
  • 37:5 मार्था ने उत्तर दिया, "हां, स्वामी! मेरा विश्वास है कि तू मसीहा है, परमेश्वर के पुत्र ।"
  • 42:10 इसलिये तुम जाओ, सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता, और __पुत्र __, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो, और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ। "
  • 46:6 तुरन्त ही, शाऊल दमिश्क के यहूदियों से प्रचार करने लगा कि, "यीशु परमेश्वर का पुत्र है!"
  • 49:9 लेकिन परमेश्वर दुनिया में हर किसी से इतना प्यार करता था कि उसने अपना एकमात्र __पुत्र__दे दिया ताकि जो कोई भी यीशु पर विश्वास करे, उसके पापों के लिए दंडित नहीं दिया जाएगा, परन्तु वह हमेशा के लिए परमेश्वर के साथ जीवित रहेगा।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0426, H0430, H1121, H1247, G23160, G52070

परमेश्‍वर का प्रतिरूप, स्वरूप

परिभाषा:

मूरत का अर्थ है किसी के स्वरूप में या चरित्र या तत्त्व में किसी के समान। “परमेश्वर का प्रतिरूप” प्रकरण के अनुसार भिन्न-भिन्न रूप में काम में लिया गया है।

  • आरंभ में परमेश्वर ने मनुष्य को “अपने स्वरूप” में सृजा था अर्थात् उसकी समानता में। इसका अर्थ है कि मनुष्य के कुछ गुण परमेश्वर के स्वरूप को दर्शाते हैं जैसे भावनाओं की अनुभूति की क्षमता, तर्क करने और विचारों का आदान प्रदान करने की क्षमता और अनश्वर आत्मा।
  • बाइबल की शिक्षा के अनुसार यीशु, परमेश्वर का पुत्र, परमेश्वर का प्रतिरूप है अर्थात् वह परमेश्वर है। यीशु सृजा नहीं गया था जैसे मनुष्य सृजा गया था। अनादिकाल से पुत्र परमेश्वर में परमेश्वर के सब गुण हैं, क्योंकि उसके पास पिता परमेश्वर का संपूर्ण तत्त्व है।

अनुवाद के सुझाव:

  • जब यीशु को परमेश्वर का प्रतिरूप कहा जाता है तो अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर की यथार्थ समानता में” या “परमेश्वर के तत्त्व में” या “परमेश्वर के अस्तित्व में”।
  • मनुष्यों के संदर्भ में “परमेश्वर ने उसे अपने स्वरूप में बनाया” का अनुवाद इस प्रकार की उक्तियों से किया जाए जिनका अर्थ है, “परमेश्वर ने उसे अपनी समानता में बनाया” या “परमेश्वर ने उसे अपने जैसे गुणों में बनाया”।

(यह भी देखें: रूप, परमेश्वर का पुत्र, परमेश्वर का पुत्र)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H4541, H1544, H2553, H6456, H6459, H6754, H6816, H8403, G504, G179

परमेश्‍वर का भवन, यहोवा का भवन, परमेश्वर का मंदिर

परिभाषा:

बाइबल में “परमेश्वर के भवन” (परमेश्वर का घर) और “यहोवा के भवन (यहोवा का घर) का सन्दर्भ उस स्थान से है जहां परमेश्वर की आराधना की जाती है।

  • यह शब्द अधिक विशिष्टता में मिलापवाले तम्बू या मन्दिर के लिए काम में आता था।
  • कभी-कभी “परमेश्वर का मंदिर”, परमेश्वर की प्रजा के लिए भी काम में लिया गया है।

अनुवाद के सुझाव:

  • आराधना स्थल के संबन्ध में इस उक्ति का अनुवाद “परमेश्वर की आराधना का भवन” या “परमेश्वर की आराधना का स्थान” किया जा सकता है।
  • यदि यह मन्दिर या मिलापवाले तम्बू के विषय में है तो इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “मन्दिर (या मिलापवाला तम्बू) जहां परमेश्वर की अराधना की जाती है” (या "जहां परमेश्वर उपस्थित रहता है" या “जहाँ परमेश्वर अपने लोगों से मिलता है।”)
  • अनुवाद में "घर" शब्द का उपयोग करना महत्त्वपूर्ण है जिससे कि अर्थ प्रकाशन हो सके कि परमेश्वर वहाँ "निवास" करता है, अर्थात परमेश्वर का आत्मा उस स्थान में है कि उसके लोगों से भेंट करे और उनकी आराधना का आधार हो।

(यह भी देखें: परमेश्‍वर की प्रजा, मिलापवाला तम्बू, मन्दिर)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0426, H0430, H1004, H1005, H3068, G23160, G36240

परमेश्‍वर का राज्य, स्वर्ग का राज्य

परिभाषा:

“परमेश्वर का राज्य” और “स्वर्ग का राज्य” दोनों ही परमेश्वर के राज्य एवं अधिकार के संदर्भ में है जो उसकी प्रजा और संपूर्ण सृष्टि पर है।

  • यहूदी “स्वर्ग” शब्द को प्रायः परमेश्वर के संदर्भ में काम में लेते थे कि उसका नाम न लें। (देखें: लक्षणालंकार)
  • नये नियम में मत्ती रचित सुसमाचार वृत्तान्त में मत्ती परमेश्वर के राज्य को “स्वर्ग का राज्य” कहता है क्योंकि उसका लक्षित समूह संभवतः यहूदी समुदाय था।
  • परमेश्वर के राज्य का अर्थ है परमेश्वर मनुष्यों पर आत्मिक परिप्रेक्ष्य में राज करता है वरन् लौकिक संसार पर भी राज करता है।
  • पुराने नियम के भविष्यद्वक्ताओं ने कहा था कि परमेश्वर अपना मसीह भेजेगा कि वह धार्मिकता के साथ राज करे। परमेश्वर का पुत्र, यीशु ही वह मसीह है जो परमेश्वर के राज्य में सदाकालीन राज करेगा।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण पर आधारित “परमेश्वर का राज्य” का अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “परमेश्वर का शासन(राजा के रूप में)” या “जब परमेश्वर राजा होकर राज करेगा” या “सब पर परमेश्वर का राज”
  • शब्द “स्वर्ग का राज्य”, इसका अनुवाद किया जा सकता है, “राजा के रूप में स्वर्ग से परमेश्वर का शासन” या “परमेश्वर जो स्वर्ग में है राज्य करता है” या “स्वर्ग का राज्य” या “सब पर स्वर्ग का शासन।" यदि यह सरल और स्पष्ट रूप से अनुवाद करना संभव नहीं है, तो इस प्रकार अनुवाद किया जा सकता है, "परमेश्वर का राज्य"
  • कुछ अनुवादक अग्रेज़ी में हेवन(स्वर्ग)शब्द का पहला अक्षर बड़ा रखते हैं ताकि ये परमेश्वर को संदर्भित करे। अन्य पाठ में एक टिप्पणी शामिल कर सकते हैं, जैसे "स्वर्ग का राज्य" (अर्थात् 'परमेश्वर का राज्य')। "
  • छपी हुए बाइबल के पृष्ठ के नीचे पादटिप्पणी देकर इस अभिप्राय में "स्वर्ग" इस अभिव्यक्ति में जो "स्वर्ग" का अर्थ है उसको समझाया जा सकता है|

(यह भी देखें: परमेश्वर, स्वर्ग, राजा, राज्य, यहूदियों का राजा, राज करना)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 24:2 यूहन्ना ने उनसे कहा, “मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है !”
  • 28:6 तब यीशु ने अपने चेलों से कहा, "मैं तुम से सच सच कहता हुँ कि धनवान का स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करना कठिन है। तुमसे, फिर कहता हूँ कि परमेश्वर के राज्य में धनवान के प्रवेश करने से ऊँट का सूई के नाके में से निकल जाना सहज है।”
  • 29:2 यीशु ने कहा “ इसलिये स्वर्ग का राज्य उस राजा के समान है, जिसने अपने दासों से लेखा लेना चाहा।
  • 34:1 यीशु ने उन्हें स्वर्ग के राज्य के बारे में और कहानियाँ बताई। उदहारण के लिये, उसने कहा, “स्वर्ग का राज्य राई के एक दाने के समान है, जिसे किसी व्यक्ति ने लेकर अपने खेत में बो दिया।
  • 34:3 यीशु ने एक और कहानी उन्हें बताई, “स्वर्ग का राज्य खमीर के समान है जिसको किसी स्त्री ने लेकर तीन पसेरी आटे में मिला दिया और होते-होते वह सारा आटा खमीरा हो गया।”
  • 34:4स्वर्ग का राज्य खेत में छिपे हुए धन के समान है, जिसे किसी व्यक्ति ने छिपाया। एक दुसरे व्यक्ति को वो धन मिला और उसने भी उसे वापस छिपा दिया।”
  • 34:5परमेश्वर का राज्य बहुमूल्य सर्वोतम मोती की तरह भी है।”
  • 42:9 उसने ऐसे कई तरीको से अपने चेलों को साबित किया कि वह जीवित है और उन्हें परमेश्वर के राज्य की शिक्षा देता रहा।
  • 49:5 यीशु ने कहा कि परमेश्वर का राज्य इस संसार की सारी वस्तुओं से कहीं अधिक मूल्यवान है।
  • 50:2 जब यीशु पृथ्वी पर रहता था तो उसने कहा, "मेरे चेले दुनिया में हर जगह लोगों को परमेश्वर के राज्य के बारे में शुभ समाचार का प्रचार करेंगे, और फिर अन्त आ जाएगा।"

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: G09320, G23160, G37720

परमेश्‍वर का वचन, परमेश्वर का वचन, यहोवा के वचन, सत्य का वचन, पवित्रशास्त्र,

परिभाषा:

बाइबल में “परमेश्वर का वचन” उन सभी चीजों को संदर्भित करता है जो परमेश्वर ने लोगों को बताया था। इसमें बोले गए तथा लिखित सन्देश शामिल हैं। यीशु को भी “परमेश्वर का वचन” कहा गया है।

  • “पवित्रशास्त्र” का अर्थ है “लेख”। नये नियम में “पवित्रशास्त्र” का संदर्भ इब्रानी धर्मशास्त्र या पुराना नियम से है। ये लेख परमेश्वर का सन्देश है जो उसने मनुष्यों से लिखने को कहा कि भविष्य में पढ़ा जा सके।
  • इससे संबन्धित शब्द है, “यहोवा का वचन” या “प्रभु का वचन” आमतौर पर परमेश्वर के विशिष्ट सन्देश के संदर्भ में है जो किसी भविष्यद्वक्ता या किसी मनुष्य को दिया गया।
  • कभी-कभी मात्र यही लिखा है, “वचन” या “मेरा वचन” या “तेरा वचन” (परमेश्वर के वचन के संदर्भ में)
  • नये नियम में यीशु को “वचन” या “परमेश्वर का वचन” कहा गया है। इन पदनामों का अर्थ है कि यीशु परमेश्वर को पूर्णतः प्रकट करता है क्योंकि वह स्वयं परमेश्वर है।

अनुवाद के सुझाव

  • प्रकरण के आधार पर इस शब्द के अनुवाद की विधियां है, “यहोवा का सन्देश था” “परमेश्वर का सन्देश” या “परमेश्वर की शिक्षाएं”
  • कुछ भाषाओं में इसका बहुवचन अधिक व्यवहारिक होगा, “परमेश्वर के वचन” या “यहोवा के वचन”
  • “यहोवा का वचन पहुंचा” यह अभिव्यक्ति प्रायः परमेश्वर द्वारा भविष्यद्वक्ताओं या मनुष्यों को दिए गए सन्देश का आरंभ व्यक्त करती हैं। इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “यहोवा ने यह सन्देश दिया” या “परमेश्वर ने ये वचन कहे”।
  • “पवित्रशास्त्र” या “पवित्रशास्त्रों” का अनुवाद “लेखे” या “परमेश्वर का लिखित सन्देश” के रूप में किया जा सकता है। इस पद का अनुवाद "शब्द" से अलग तरह से किया जाना चाहिए।
  • जब "शब्द" अकेला होता है और यह परमेश्वर के वचन को दर्शाता है, इसका अनुवाद "संदेश" या " परमेश्वर का शब्द" या "शिक्षाओं" के रूप में किया जा सकता है। उपरोक्त सुझाव के अनुसार अनुवादों पर भी ध्यान दें।
  • जब बाइबल यीशु को "शब्द" के रूप में संदर्भित करती है, तो इस शब्द का अनुवाद "संदेश" या "सत्य" के रूप में किया जा सकता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण पर आधारित, इस शब्द के एनी अनुवाद रूप हो सकते हैं, "यहोवा का सन्देश" या परमेश्वर का सन्देश" या "परमेश्वर की शिओक्शाएन"
  • कुछ भाषाओं में अधिक स्वाभिक होगा कि इस शब्द को बहुवचन में बदल दें और कहें "परमेश्वर के वचन" या "यहोवा के वचन"
  • "यहोवा का वचन आया", इस अभिव्यक्ति को प्रायः परमेश्वर प्रदत्त वचनों के लिए काम में लिया जाता है जो उसने भविष्यद्वक्ताओं को दी या अपने लोगों को दिए| इसका अनुवाद हो सकता है, "यहोवा ने यह सन्देश उच्चारित किया" या "यहोवा ने इन शब्दों को सुनाया"
  • "पवित्रशास्त्र" या "पवित्र्शास्त्रों" का अनुवाद हो सकता है, "लेख" या "परमेश्वर का लिखित वचन" इसका अनुवाद, "वचन" शब्द के अनुवाद से भिन्न होना चाहिए|
  • जब "वचन" शब्द अकेला हो औए परमेश्वर के वचन के सन्दर्भ में हो तो इसका अनुवाद हो सकता है, "सन्देश" या "परमेश्वर का वचन" या "शिक्षाएं" उपरोक्त व्यक्त वैकल्पिक अनुवादों पर भी ध्यान दें|
  • जब बेबल में यीशु को वचन कहकर संदर्भित किया जाता है तब इसका अनुवाद हो सकता है, "सन्देश" या "सत्य"
  • "सत्य का वचन", इसका अनुवाद हो सकता है, "परमेश्वर का सत्य वचन" या "परमेश्वर का वचन जो सत्य है"
  • इस शब्द के अनुवाद में सत्य होने के अभिप्राय कलो समाहित करना अति महत्वपूर्ण है|

(यह भी देखें: भविष्यद्वक्ता, सत्य, यहोवा)

बाइबल संदर्भ:

बाइबल कहानियों के उदाहरण:

  • 25:7 परमेश्वर के वचन में वह अपने लोगों को आज्ञा देता है कि 'तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर।’”
  • 33:6 तब यीशु ने उन्हें समझाया कि, “बीज परमेश्वर का वचन है ।
  • 42:3 फिर यीशु ने उन्हें समझाया कि परमेश्वर का वचन मसीहा के बारे में क्या कहता है
  • 42:7 यीशु ने कहा, जो बाते मैंने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम्हे बताई थी कि परमेश्वर के वचन में जो कुछ भी मेरे बारे में लिखा है वह सब पूरा होगा।" तब उसने पवित्र शास्त्र बूझने के लिये उनकी समझ खोल दी।
  • 45:10 फिलिप्पुस ने अन्य शास्त्रों का भी इस्तेमाल करके उसे यीशु का सुसमाचार सुनाया।
  • 48:12 लेकिन यीशु सबसे महान भविष्यद्वक्ता है। वह __ परमेश्वर का वचन__ है।
  • 49:18 परमेश्वर कहता है कि हम प्रार्थना करें, उसका वचन पढ़ें, अन्य मसीही लोगों के साथ उसकी आराधना करें, और जो उसने हमारे लिए किया है वह दूसरों को बताएँ।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H561, H565, H1697, H3068, G3056, G4487

परमेश्‍वर की इच्छा

परिभाषा:

“परमेश्‍वर की इच्छा” का संदर्भ परमेश्‍वर के मनोरथ और योजना से है।

  • परमेश्वर की इच्छा विशेष करके मनुष्यों के साथ उनकी बातचीत से है और वह मनुष्यों से अपने प्रति कैसी प्रतिक्रिया चाहता है, उससे संबन्धित है।
  • इसका संदर्भ उसकी योजनाओं और मनोरथों से है जो उसकी संपूर्ण सृष्टि के संबन्ध में हैं।
  • “इच्छा करना” का अर्थ है, “ठान लेना” या “मनोकामना साधना” से है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “परमेश्वर की इच्छा” का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर का मनोरथ क्या है” या “परमेश्वर ने क्या योजना बनाई है” या “परमेश्वर का उद्देश्य” या “परमेश्वर को क्या प्रसन्न करता है”

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H6310, H6634, H7522, G1012, G1013, G2307, G2308, G2309, G2596

परमेश्‍वर की प्रजा, मेरी प्रजा

परिभाषा:

“परमेश्वर की प्रजा”, बाईबल में इस इस अवधारणा का सन्दर्भ उन लोगों से है जिनके साथ परमेश्वर ने वाचा बंधकर सम्बन्ध बनाए थे |

  • पुराने नियम में "परमेश्वर की प्रजा" इस्राएल के संदर्भ में है| परमेश्वर ने इस्राएल को चुन कर संसार की अन्यजातियों से अलग कर लिया था कि उसकी सेवा करें और उसकी आज्ञा मानें।
  • नये नियम में “परमेश्वर के लोग” का अभिप्राय "कलिसीया" से है अर्थात वह हर एक मनुष्य जो यीशु में विश्वास करता है| इसमें यहूदी और अन्यजाति विश्वासी दोनों समाहित हैं। नए नियम में, कभी-कभी लोगों के इस समूह को "परमेश्वर के पुत्र" या "परमेश्वर की संतान" कहा जाता है।
  • परमेश्वर कहता है “मेरी प्रजा” तो वह उन लोगों के बारे में कह रहा है जिनके साथ उसका सम्बन्ध वाचा आधारित है| परमेश्वर की प्रजा उसके द्वारा कही हुई है और वह चाहता है कि उनका जीवन आचरण ऐसा हो जो उसको प्रसन्न करे।

अनुवाद के सुझाव:

  • “परमेश्वर की प्रजा” का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर के लोग” या “परमेश्वर की आराधना करने वाले लोग” या “परमेश्वर की सेवा करने वाले लोग” या “परमेश्वर के अपने लोग”।
  • जब परमेश्वर कहता है, “मेरी प्रजा” तब उसका अनुवाद हो सकता है, “जिन लोगों को मैंने चुन लिया है” या “मेरी आराधना करने वाले लोग” या “मेरे अपने लोग”
  • इसी प्रकार “तेरी प्रजा” का अनुवाद हो सकता है, “तेरे अपने लोग” या “ तेर हो जाने के लिए तुझे चुन लेने वाले लोग”
  • “उसकी प्रजा” का अनुवाद हो सकता है, “उसके अपने लोग” या “जिन लोगों को परमेश्वर ने अपना भाग होने के लिए चुन लिया”

(यह भी देखें: इस्राएल, जाति)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H430, H5971, G2316, G2992

परमेश्वर के पुत्र, परमेश्वर की सन्तान

परिभाषा:

“परमेश्वर के पुत्र” यह एक प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति है जिसके अनेक संभावित अर्थ हैं।

  • “परमेश्वर के पुत्र”, नये नियम में इस अभिव्यक्ति का सन्दर्भ यीशु के सब विश्वासियों से है और इसका अनुवाद प्रायः “परमेश्वर की सन्तान” किया जाता है क्योंकि इसमें स्त्री-पुरुष दोनों हैं।
  • इस शब्द का उपयोग परमेश्वर के साथ मानवीय पिता-पुत्र के जैसा सम्बन्ध दर्शाता है जिसमें पुत्र होने से संयोजित सब लाभ समाहित हैं।
  • उत्पत्ति 6 में चर्चित, “परमेश्वर के पुत्रों” की व्याख्या पतित स्वर्गदूतों (दुष्टात्माओं) के अर्थ में करते हैं| अन्य विचारकों के अनुसार ये लोग सामर्थी राजनीतिक शासकों या शेत के वंशजों से है|
  • “परमेश्वर का पुत्र” यह उपनाम एक भिन्न उक्ति है: जो यीशु के सन्दर्भ में है जो परमेश्वर का एकमात्र पुत्र है।

अनुवाद के सुझाव:

  • जब “परमेश्वर के पुत्र” यीशु के विश्वासियों के संदर्भ में है तो इसका अनुवाद “परमेश्वर की सन्तान” हो सकता है।
  • उत्पत्ति 6:2 मैं “परमेश्वर के पुत्र” के चार अन्य अनुवाद हैं “स्वर्गदूत” या “आत्मिक प्राणी” या “अलौकिक प्राणियों” या “दुष्टात्माएं”।
  • “पुत्र” का लिंक भी देखें।

(यह भी देखें: स्वर्गदूत, दुष्टात्मा, पुत्र, परमेश्वर का पुत्र, शासक, आत्मा)

बाइबल के सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0430, H1121, G52070, G50430

परमेश्वर पिता, स्वर्गीय पिता, पिता

तथ्य:

यह शब्द “पिता परमेश्वर” और “स्वर्गीय पिता” एकमात्र सच्चे परमेश्वर, यहोवा के संदर्भ में हैं। इसी का एक और सहार्थी शब्द है, "पिता" है, जिसका सर्वाधिक प्रयोग यीशु ने किया जब वह उसका सन्दर्भ देता था|

  • परमेश्वर का अस्तित्व पिता परमेश्वर, पुत्र परमेश्वर और पवित्र आत्मा परमेश्वर में है। हर एक पूर्ण परमेश्वर होते हुए भी तीनों एक ही परमेश्वर हैं। यह एक ऐसा भेद है जिसे मनुष्य पूर्णतः समझ नहीं सकता।
  • पिता परमेश्वर ने पुत्र परमेश्वर (यीशु) को संसार में भेजा और उसने अपने लोगों के लिए पवित्र आत्मा को भेजा।
  • जो पुत्र परमेश्वर में विश्वास करता है वह पिता परमेश्वर की सन्तान बन जाता है और पवित्र आत्मा परमेश्वर उसमें वास करने लगता है। यह एक और भेद है जिसे मनुष्य पूर्णतः समझ नहीं सकता।

अनुवाद के सुझाव:

  • “पिता परमेश्वर” इस उक्ति के अनुवाद में सर्वोत्तम युक्ति यो यह होगी कि लक्षित भाषा में जो शब्द सांसारिक पिता के लिए काम में लिया जाता है उसी कप "पिता" शब्द के स्थान में काम में लिया जाए|
  • “स्वर्गीय पिता” इस उक्ति का अनुवाद हो सकता है, “पिता जो स्वर्ग में है” या “पिता परमेश्वर जो स्वर्ग में वास करता है” या “हमारा स्वार्गिक पिता” है।
  • जब "पिता" शब्द का सन्दर्भ परमेश्वर से हो तब प्रायः "पिता" शब्द को बड़े अक्षरों में लिखा जाता है|

(अनुवाद के सुझाव: नामों का अनुवाद कैसे करें)

(यह भी देखें: पूर्वजों, परमेश्वर, स्वर्ग, पवित्र आत्मा, यीशु, परमेश्वर का पुत्र)

बाइबल संदर्भ:

1 यूह. 2:23

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 24:9 केवल एक ही परमेश्वर है। परन्तु जब यूहन्ना ने यीशु को बपतिस्मा दिया, उसने पिता परमेश्वर को कहते सुना, पुत्र परमेश्वर को देखा, और पवित्र आत्मा को भी देखा ।
  • 29:9 तब यीशु ने कहा, “इसी प्रकार यदि तुम में से हर एक अपने भाई को मन से क्षमा न करेगा, तो मेरा पिता जो स्वर्ग में है , तुम से भी वैसा ही करेगा"
  • 37:9 फिर यीशु ने स्वर्ग की ओर देखा और कहा, " पिता, मुझे सुनने के लिए धन्यवाद।"
  • 40:7 तब यीशु ने पुकार कर कहा, “पूरा हुआ! हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूँ।”
  • 42:10 इसलिये तुम जाओ, सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता, और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो, और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ। "
  • 43:8 “यीशु अब महिमा में पिता परमेश्वर के दाहिनी ओर बैठा है।"
  • 50:10 तब धर्मीलोग अपने पिता परमेश्वर के राज्य में सूर्य के समान चमकेंगे।”

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0001, H0002, G39620

परीक्षा करना, परीक्षा

परिभाषा:

किसी को परीक्षा में डालने का अर्थ है कि उससे गलत काम करवाना.

  • परीक्षा में मनुष्य को गलत काम करने की प्रेरणा मिलती है.
  • मनुष्य अपने पापी स्वभाव से या अन्य मनुष्यों द्वारा परीक्षा में गिरते हैं.
  • शैतान भी मनुष्यों को परमेश्वर की अवज्ञा औरअनुचित कार्यों द्वारा परमेश्वर के विरूद्ध पाप करने की परीक्षा में डालता है.
  • शैतान ने यीशु की परीक्षा ली थी और उसने अनुचित काम करवाने का प्रयास किया था परन्तु यीशु ने उसकी परीक्षाओं पर जय पाकर पाप नहीं किया.
  • मनुष्य “परमेश्वर की परीक्षा” लेता है तो वह उससे कुछ गलत करवाने की कोशिश नहीं करता है, बल्कि वह हठीली अवज्ञा करता है, यहाँ तक कि परमेश्वर उसको दंड देने पर विवश हो. यह भी परमेश्वर की परिक्षा लेना कहलाता है.

अनुवाद के सुझाव:

  • "परीक्षा करना" का अनुवाद “पाप करवाने का प्रयास करना” या “प्रलोभन देना” या “पाप करने की अभिलाषा जगाना.”
  • “परीक्षा” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “परीक्षा में गिरानेवाली बातें” या “किसी को पाप का लालच देने वाली बातें” या “ऐसी बातें जो अनुचित काम करने की अभिलाषा उत्पन्न करें.”
  • परमेश्वर की परीक्षा के संदर्भ में इसका अनुवाद “परमेश्वर को परखना” या “परमेश्वर को जांचना” या “परमेश्वर के धीरज को परखना” या “परमेश्वर द्वारा दण्ड का कारण होना” या “हठीले हो कर परमेश्वर की अवज्ञा करते रहना.”

(यह भी देखें: आज्ञा न मानना, शैतान, पाप, परीक्षा)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 25:1 तब शैतान यीशु से पाप कराने के लिये उसकी परीक्षा करने आया.
  • 25:8 यीशु शैतान के __लालच में __नहीं आया, तब शैतान उसके पास से चला गया.
  • 38:11 यीशु ने अपने चेलों से कहा कि वे प्रार्थना करते रहें कि परीक्षा में न पड़ें.

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H974, H4531, H5254, G551, G1598, G3985, G3986, G3987

पवित्र आत्मा से भर गए

परिभाषा:

“आत्मा से भर गए” यह लाक्षणिक भाषा की अभिव्यक्ति है जिसका उपयोग किसी मनुष्य के सन्दर्भ में किया जाता है तो उसका अर्थ है, कि पवित्र आत्मा उस मनुष्य को सामर्थ्य प्रदान करता है कि वह परमेश्वर की इच्छा पूरी करे।

  • “भर जाना” एक वाक्शैली है जिसका अर्थ प्रायः “नियंत्रित होना” होता है।
  • मनुष्य “पवित्र आत्मा से भर जाते हैं", जब वे पवित्र आत्मा की अगुआई में रहते हैं और परमेश्वर की इच्छा पूरी करने के लिए सहायता हेतु उस पर पूर्णतः निर्भर करते हैं।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस का अनुवाद “पवित्र आत्मा की शक्ति में” या “पवित्र आत्मा के वश में” हो सकता है। परन्तु इसका अर्थ ऐसा प्रकट न हो कि पवित्र आत्मा किसी काम के लिए मनुष्य को विवश कर रहा है।
  • “वह पवित्र आत्मा से भर गया” का अनुवाद “वह पूर्णतः पवित्र आत्मा के सामर्थ्य में जी रहा था” या “वह पवित्र आत्मा की पूर्ण अगुआई में था” या “पवित्र आत्मा उसकी अगुआई कर रहा था”।
  • यह उक्ति “आत्मा का जीवन” के अनुरूप है परन्तु “आत्मा से भर गया” पूर्णता पर बल देता है कि जिसके द्वारा मनुष्य अपने जीवन का नियंत्रण एवं अधिकार पवित्र आत्मा को सौंप देता है। अतः संभव हो तो इन दोनों का अनुवाद अलग-अलग किया जाए।

(यह भी देखें: पवित्र आत्मा)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: G00400, G41300, G41370, G41510

पवित्र आत्मा, परमेश्वर का आत्मा, प्रभु की आत्मा, आत्मा

तथ्य:

ये सब शब्द पवित्र आत्मा के संदर्भ में है जो स्वयं परमेश्वर है। एकमात्र सच्चा परमेश्वर पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा अनंत है।

  • पवित्र आत्मा को “आत्मा” या “यहोवा का आत्मा” या “सत्य का आत्मा” भी कहा गया है।
  • क्योंकि पवित्र आत्मा परमेश्वर है वह अपने गुण एवं कार्यों में परमपवित्र है, अपने सब कार्यों में अनंत शुद्धता और नैतिक सिद्धता में है।
  • पिता और पुत्र के साथ पवित्र आत्मा भी जगत की रचना में सक्रिय था।
  • परमेश्वर पुत्र यीशु जब स्वर्ग लौट गया तब उसने अपने लोगों के लिए पवित्र आत्मा भेजा कि उनकी अगुवाई करे, उन्हें शिक्षा दे, उन्हें शान्ति दे और परमेश्वर की इच्छा पूर्ति के योग्य बनाए।
  • पवित्र आत्मा यीशु की अगुआई करता था तथा यीशु में विश्वास करने वालों का भी मार्गदर्शन करता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द का अनुवाद “पवित्र” और “आत्मा” के अनुवाद करने वाले शब्दों के द्वारा किया जा सकता है।
  • इस शब्द का अनुवाद, “शुद्ध आत्मा”, या “आत्मा जो पवित्र है” या “परमेश्वर जो आत्मा है” आदि के द्वारा किया जा सकता है।

(यह भी देखें: पवित्र, आत्मा, परमेश्वर, प्रभु, पिता परमेश्वर, परमेश्वर का पुत्र,भेंट)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों के उदाहरण:

  • 1:1 लेकिन परमेश्वर का आत्मा वहाँ जल के ऊपर थी।
  • 24:8 और यीशु बपतिस्मा लेकर तुरन्त पानी में से ऊपर आया, और उसने परमेश्वर का आत्मा को कबूतर के समान उतरते और उसके ऊपर आते देखा।
  • __26:1__शैतान की परीक्षा पर जय पाने के बाद, यीशु पवित्र आत्मा की शक्ति में गलील को लौट आया, जहाँ वह रहता था।
  • 26:3 यीशु ने पढ़ा, “ प्रभु का आत्मा मुझ पर है, इसलिये कि उसने कंगालों को सुसमाचार सुनाने के लिए अभिषेक किया है, और मुझे इसलिये भेजा है कि बन्दियों को छुटकारे का और अंधों को दृष्टी पाने का सुसमाचार प्रचार करूँ और कुचले हुओ को मुक्त करूँ।"
  • 42:10 तुम जाओ, और सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम में उन्हें बपतिस्मा दो, और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है मानना सिखाओ|"
  • 43:3 वे सब पवित्र आत्मा से भर गए, और उन्होंने अन्य अन्य भाषओं में बोलना शुरू किया।
  • 43:8 "और यीशु ने __पवित्र आत्मा__उंडेल दिया है जैसी उसने प्रतिज्ञा की थी। पवित्र आत्मा इन सब का कर्ता है, जो तुम देखते और सुनते हो।"
  • 43:11 पतरस ने उनसे कहा, “मन फिराओ, और तुम में से हर एक यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले तो परमेश्वर तुम्हारे पापों को क्षमा करेगा। तब वह तुम्हें पवित्र आत्मा का दान देगा।।"
  • 45:1 वह (स्तिफनुस) एक अच्छा प्रतिष्ठित मनुष्य था और पवित्र आत्मा और ज्ञान से भरा था।

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H3068, H6944, H7307, G00400, G41510

पवित्र करना, पवित्र किया, पवित्रीकरण संस्कार

परिभाषा:

पवित्र करना का अर्थ है, परमेश्वर की सेवा हेतु किसी वस्तु या मनुष्य को समर्पित करना। जिस मनुष्य या वस्तु का पवित्रीकरण संस्कार कर दिया गया उसे पवित्र और परमेश्वर के लिए पृथक माना जाता था।

  • इस शब्द का अर्थ “पवित्र करने” जैसा ही है परन्तु इसका अतिरिक्त अर्थ है, किसी को विधिवत परमेश्वर की सेवा हेतु पृथक करना।
  • परमेश्वर के लिए पृथक की गई वस्तुओं में बलि के पशु, होमबलि की वेदी तथा निवास का मण्डप थे।
  • परमेश्वर के लिए मनुष्यों का भी पवित्रीकरण संस्कार किया जाता था जिनमें थे, याजक, इस्राएली प्रजा तथा पहिलौठे।
  • कभी-कभी “पवित्रीकरण” शब्द का अर्थ “शुद्धिकरण” भी होता था। विशेष करके जब मनुष्य या वस्तुओं को परमेश्वर की सेवा के लिए तैयार किया जाता था जिससे कि वे शुद्ध होकर परमेश्वर को ग्रहण योग्य हों।

अनुवाद के सुझाव:

  • “पवित्र करना” के अनुवाद हो सकते हैं, “परमेश्वर की सेवा के लिए अलग करना" या "परमेश्वर की सेवा के लिए शुद्ध करना।”
  • "पवित्र" और "शुद्ध करना" का अनुवाद कैसे किया गया है उस पर भी ध्यान दे।

(यह भी देखें: पवित्र, चोखे, पवित्र करने)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H2763, H3027, H4390, H4394, H5144, H5145, H6942, H6944, G1457, G5048

पवित्र, पवित्रता, अपवित्र,

परिभाषा:

“पवित्र” और पवित्रता” का संदर्भ परमेश्वर के गुण से है जो पूर्णतः पृथक है और किसी भी पापी और असिद्ध बात से पृथक किया हुआ है।

  • केवल परमेश्वर पूर्णतः पवित्र है। वह मनुष्यों और वस्तुओं को पवित्र बनाता है।
  • पवित्रजन परमेश्वर का है और वह परमेश्वर की सेवा तथा महिमान्वन के लिए पृथक किया हुआ है।
  • जिस वस्तु को परमेश्वर ने पवित्र घोषित कर दिया, वह उसकी महिमा और उपयोग के लिए पृथक कर दी गई है जैसे कि एक वेदी जो उसके बलिदान चढ़ाने के उद्देश्य के लिए है।
  • मनुष्य उसकी अनुमति के बिना उसके निकट नहीं आ सकता क्योंकि वे पवित्र और मात्र मनुष्य हैं, पापी और असिद्ध।
  • पुराने नियम में, परमेश्वर ने याजकों को पवित्र करके अपनी सेवा के लिए पृथक कर लिया था। उन्हें परमेश्वर के निकट जाने के लिए सांसारिक रूप में पापों से शुद्ध होना होता था।
  • परमेश्वर कुछ स्थानों एवं वस्तुओं को भी पवित्रता में पृथक कर लेता है जो उसके होते हैं या जिनमें उसने स्वयं को प्रकट किया है जैसे मन्दिर।

अनुवाद के सुझाव:

  • “पवित्र” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “परमेश्वर के लिए पृथक” या “परमेश्वर का” या “पूर्णतः शुद्ध” या “सिद्धता में निष्पाप” या “पाप से पृथक”।
  • “पवित्र करना” का अनुवाद प्रायः “शोधन” होता है। इसका अनुवाद “परमेश्वर के महिमा से (किसी को) पृथक करना” भी हो सकता है।

(यह भी देखें: पवित्र आत्मा, पवित्र करना, शोधन, पृथक करना)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों के उदाहरण:

  • 01:16 उस ने सातवें दिन को आशीष दिया और उसे पवित्र बनाया क्योंकि इस दिन परमेश्वर ने अपने काम से विश्राम लिया था।
  • 09:12 “जिस स्थान पर तू खड़ा है वह पवित्र भूमि है।”
  • 13:02 ,”इसलिये अब यदि तुम निश्चय मेरी मानोगे, और मेरी वाचा का पालन करोगे, तो सब लोगों में से तुम ही मेरा निज धन ठहरोगे, समस्त पृथ्वी तो मेरी है, और तुम मेरी दृष्टी में याजकों का राज्य और पवित्र जाति ठहरोगे।”
  • 13:05 तू सब्त के दिन को पवित्र मानने के लिये स्मरण रखना।
  • 22:05“इसलिये वह पवित्र जो उत्पन्न होनेवाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा।”
  • 50:02 जबकि हम यीशु के वापस आने का इंतजार कर रहे हैं, तो परमेश्वर चाहता है कि हम ऐसा जीवन जियें जो पवित्र हो तथा उसे आदर देता हो।

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H430, H2455, H2623, H4676, H4720, H6918, H6922, H6942, H6944, H6948, G37, G38, G39, G40, G41, G42, G462, G1859, G2150, G2412, G2413, G2839, G3741, G3742

पवित्रस्‍थान

परिभाषा:

बाइबल में “पवित्रस्थान” और “परम पवित्रस्थान” मिलापवाले तम्बू या मन्दिर के दो कक्षों के संदर्भ में आते हैं।

  • “पवित्र स्थान” पहला कक्ष था जिसमें धूप जलाने की वेदी और भेंट की रोटियाँ रखने की मेज थी।
  • “परम पवित्र स्थान” अन्तरतम कक्ष या जिसमें वाचा का सन्दूक रखा हुआ था।
  • एक मोटी, भारी पर्दे बाहरी कक्ष को भीतरी कक्ष से अलग करता है।
  • परमपवित्र स्थान में केवल महायाजक प्रवेश कर सकता था।
  • कभी-कभी पवित्र स्थान संपूर्ण मन्दिर या मिलापवाले तम्बू के लिए काम में लिया गया है। कभी-कभी पवित्र स्थान परमेश्वर की लिए पृथक किए गए किसी भी स्थान के संदर्भ में होते हैं।

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • “पवित्र स्थान” का अनुवाद “परमेश्वर के लिए पृथक किया गया कक्ष” या “परमेश्वर से भेंट करने का विशेष कक्ष” या “परमेश्वर का आरक्षित स्थान”
  • “परम पवित्र स्थान” का अनुवाद “परमेश्वर के लिए सर्वथा पृथक कक्ष” या “परमेश्वर से भेंट करने का अति विशेष कक्ष”
  • प्रकरण के अनुसार “पवित्र स्थान” का अनुवाद “परमेश्वर का अभिषिक्त स्थान” या “परमेश्वर द्वारा पृथक किया गया स्थान” या “मन्दिर में पवित्र स्थान” या “परमेश्वर के मन्दिर का परिसर”।

(यह भी देखें: धूप जलाने की वेदी, वाचा का सन्दूक, रोटी, पवित्र ठहरना, आंगन, परदा, पवित्र, पृथक करना, मिलापवाला तम्बू, मन्दिर)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H1964, H4720, H4725, H5116, H6918, H6944, G39, G40, G3485, G5117

पवित्रस्थान

परिभाषा:

"पवित्र-स्थान" का मूल अर्थ है, "पावन स्थल" और इसका संदर्भ उस स्थान से है जिसे परमेश्वर ने पावन एवं पवित्र बनाया। इसका संदर्भ सुरक्षा एवं रक्षा प्रदान करने के स्थान से भी हो सकता है।

  • पुराने नियम में "पवित्र-स्थान" प्रायः निवास के मण्डप या मन्दिर के लिए काम में लिया जाता था जिनमें "पवित्र-स्थान" और "परमपवित्र-स्थान" थे।
  • परमेश्वर पवित्र-स्थान को अपनी प्रजा इस्राएल के मध्य अपने निवास का स्थान कहता था।
  • वह स्वयं को भी "पवित्र-स्थान" या अपने लोगों के लिए एक सुरक्षित स्थान कहता था जहां उन्हें सुरक्षा प्राप्त थी।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द का मूल अर्थ है, "पवित्र-स्थान" या "वह स्थान जो पृथक किया गया है।"
  • प्रकरण के अनुसार "पवित्र-स्थान" शब्द का अनुवाद "पावन स्थल" या "पवित्र भवन" या "परमेश्वर का पवित्र निवास" या "सुरक्षा का पवित्र स्थान" या "सुरक्षा का पावन स्थल" भी किया जा सकता है।
  • "पवित्र स्थान का शेकेल" का अनुवाद हो सकता है "निवास के मण्डप के लिए दिए गए शेकेल के जैसा" या "मन्दिर के रख-रखाव हेतु कर स्वरूप दिया जाने वाला शेकेल।"
  • टिप्पणी: सावधान रहें कि इस शब्द का अनुवाद आज के आराधनालय के आराधना स्थल का अर्थ प्रकट न करे।

(यह भी देखें: पवित्र, पवित्र आत्मा, पवित्र, पृथक करना, तम्बू, कर, मन्दिर, )

बाइबल के सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H4720, H6944, G39

पहले से ठहराना, पहले से ठहराया

परिभाषा:

“पहले से ठहराना” या “ पहले से ठहराया” इसका संदर्भ समय से पहले निर्णय लेना या योजना बनाना कि कुछ होगा।

  • यह शब्द विशेष करके परमेश्वर के संदर्भ में है कि उसने मनुष्यों को समय से पहले ठहरा दिया कि वे अनन्त जीवन पाएं।
  • कभी-कभी यह शब्द “पहले से ठहराए” का अर्थ समय से पहले निर्णय लेने के संदर्भ में की काम में लिया जाता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “पहले से ठहराए” का अनुवाद, “पहले से निर्णय लेना” या “समय से पहले निर्णय लेने” के संदर्भ में होता है।
  • “पहले से ठहराए गए” का अनुवाद, “बहुत पहले निर्णय लिया गया” या “समय से पूर्व योजनाबद्ध था” समय से पूर्व निर्णय लिया गया”।
  • “पहले से ठहराए गए” का अनुवाद, “बहुत पहले से निर्णय लिया गया कि हम” या “समय से पहले ही निर्णय ले लिया गया कि हम”।
  • ध्यान रखें कि इस उक्ति का अनुवाद “पूर्व ज्ञान” से भिन्न हो।

(यह भी देखें: पूर्व ज्ञान)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: G4309

पहिलौठे का अधिकार

परिभाषा:

“पहिलौठे का अधिकार” बाइबल में सम्मान, पारिवारिक नाम, सम्पदा, का बोध करवाता है जो प्रथम पुत्र को दिया जाता है।

  • प्रथम पुत्र के पहिलौठे होने के अधिकार में पिता की वसीयत का दो गुणा भाग होता था।
  • राजा के पहिलौठे को पिता के मृत्यु के बाद राज करने का अधिकार प्राप्त था।
  • एसाव ने अपने छोटे भाई याकूब को अपना पहिलौठे का अधिकार बेच दिया था। इस कारण एसाव के स्थान में याकूब को पहिलौठे की आशिषें मिलीं।
  • पहिलौठे के अधिकार में पहिलौठे का सम्मान होता है कि परिवार के सब वंशजों को पहिलौठे का नाम मिले।

अनुवाद के सुझाव:

  • “पहिलौठे का अधिकार” के संभावित अनुवाद हो सकते हैं, “प्रथम पुत्र के अधिकार और सम्पदा” या “पारिवारिक सम्मान” या “प्रथम पुत्र के सौभाग्य और उत्तराधिकार”

(यह भी देखें: पहिलौठे, उत्तराधिकार में पाना, वंशज)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H1062, G4415

पाप, पापी, पापी, पाप करते रहना

परिभाषा:

“पाप” शब्द का सन्दर्भ परमेश्वर विरोधी कार्यों, विचारों तथा शब्दों से है। पाप का अर्थ यह भी होता है कि हम वह काम न करें जो परमेश्वर चाहता है।

  • वह हर एक काम जो परमेश्वर की आज्ञा या प्रसन्नता के विरूद्ध है वरन वे बातें भी जिन्हें अन्य जन नहीं जानते, पाप हैं।
  • विचार और कार्य जो परमेश्वर की इच्छा का पालन नहीं करते "पापी" कहलाते हैं।
  • क्योंकि आदम ने पाप किया है, सभी इंसान एक "पापी स्वभाव" के साथ पैदा होते हैं, यह स्वभाव है जो उन्हें नियंत्रित करता है और उनसे पाप करवाता है।
  • “पापी” अर्थात पाप करनेवाला मनुष्य, अतः हर एक मनुष्य पापी हैं।
  • कभी-कभी “पापी” शब्द फरीसी जैसे धर्मी जनों द्वारा व्यवस्था का पालन नहीं करनेवालों के लिए काम में लिया जाता था, वरन फरीसियों के विचार के अनुसार जीवन निर्वाह नहीं करनेवालों के लिए भी।
  • “पापी” शब्द उन मनुष्यों के लिए भी काम में लिया जाता था जो अन्य मनुष्यों से अधिक पापी समझे जाते थे। उदाहरणार्थ, चुंगी लेनेवाले और वैश्याएं।

अनुवाद के सुझाव:

  • “पाप” का अनुवाद ऐसी उक्ति के द्वारा भी किया जा सकता है जिसका अर्थ हो, “परमेश्वर की आज्ञा न मानना” या “परमेश्वर की इच्छा के विरूद्ध चलना” या “बुरे कार्य एवं विचार” या “गलत काम करना”।
  • “पाप करना” का अनुवाद “परमेश्वर की अवज्ञा” या “अनुचित काम करना” भी हो सकता है।
  • प्रकरण के अनुसार “पापमय” का अनुवाद “गलत काम करने वाले” या “दुष्ट” या “अनैतिक” या “बुरा” या “परमेश्वर से विद्रोह”
  • प्रकरण के अनुसार “पापी” का अनुवाद ऐसे शब्द या उक्ति द्वारा किया जा सकता है जिसका अर्थ हो “वह मनुष्य जो पाप करता है” या “अनुचित काम करनेवाला मनुष्य” या “परमेश्वर की आज्ञा न माननेवाला मनुष्य”
  • “पापियों” का अनुवाद ऐसी उक्तियों द्वारा किया जा सकता है जिनका अर्थ हो “अत्यधिक पापी मनुष्य” या “जिन मनुष्यों को अत्यधिक पापी माना जाता है” या “अनैतिक मनुष्य”
  • “चुंगी लेनेवाले और पापी” का अनुवाद विधियां हैं, “सरकार के लिए पैसा एकत्र करनेवाले और अन्य अत्यधिक पापी मनुष्य” या “घोर पापी मनुष्य (यहाँ तक कि) चुंगी लेने वाले मनुष्य”
  • सुनिश्चित करें कि इस शब्द के अनुवाद में पापी व्यवहार और विचार समाहित हों, यहां तक कि वह भी जिनको मनुष्जोय नतो देख सकते हैं और न ही जान सकते हैं।
  • "पाप" शब्द सामान्य होना चाहिए, और "दुष्टता" और "बुराई" के लिए काम में लिए गए शब्दों से अलग होना चाहिए।

(यह भी देखें: अवज्ञा, दुष्ट, देह, चुंगी लेनेवाला)

बाइबल संदर्भ:

बाइबल कहानियों के उदाहरण:

  • 3:15 परमेश्वर ने कहा "मैं वादा करता हूँ कि मैं फिर कभी भूमि पर शाप नहीं दूंगा क्योंकि लोग बुरे काम करते हैं, या बाढ़ पैदा करके दुनिया को नष्ट कर देते हैं, भले ही लोग उस समय से पापी होते हैं जब वे बच्चे होते हैं।
  • 13:12 परमेश्वर उनके पाप के कारण उनके साथ बहुत क्रोधित था और उन्हें नष्ट करने की योजना बनाई।
  • 20:1 इस्राएलियों और यहूदियों के राज्यों ने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया था। उन्होंने वाचा को तोड़ा जो परमेश्वर ने उनके साथ सीनै में बनाया था।
  • 21:13 भविष्यद्वक्ताओं ने यह भी कहा कि मसीह परिपूर्ण होगा, जिसमे कोई पाप नहीं होगा। वह अन्य लोगों के पाप के लिए दंड प्राप्त करने के लिए मर जाएगा
  • 35:1 एक दिन, यीशु कई चुंगी लेनेवाला और अन्य पापीयों को सिखा रहा था जो उन्हें सुनने के लिए इकट्ठा हुए थे।
  • 38:5 तब यीशु ने एक कटोरा लिया और कहा, "इसे पी लो। यह नये नियम का मेरा लहू है जो पापों की क्षमा के लिए उंडेल दिया गया है।
  • 43:11 पतरस ने उनसे कहा, “मन फिराओ, और तुम में से हर एक यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले तो परमेश्वर तुम्हारे पापों को क्षमा करेगा।
  • 48:8 हम सभी हमारे पापों के लिए मरने योग्य हैं!
  • 49:17 यद्यपि आप एक मसीही हैं, फिर भी आप पाप करने की परीक्षा में पड़ोगे । परन्तु परमेश्वर विश्वासयोग्य है और यह कहता है कि यदि तुम अपने पापों को मान लो, तो वह तुम्हें क्षमा करेगा। वह पाप के विरुद्ध युद्ध करने के लिए तुम्हें सामर्थ देगा।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H817, H819, H2398, H2399, H2400, H2401, H2402, H2403, H2408, H2409, H5771, H6588, H7683, H7686, G264, G265, G266, G268, G361, G3781, G3900, G4258

पिन्तेकुस्त, सप्ताहों का पर्व

तथ्य:

“सप्ताहों का पर्व” एक यहूदी पर्व है जो फसह के पर्व के पचास दिन बाद मनाया जाता था। जिसे बाद में "पिन्तेकुस्त" कहा गया था।

  • सप्ताहों का पर्व, पहले फलों के पर्व के सात सप्ताहों (पचास दिन) बाद मनाया जाता था। नये नियम के युग में इस पर्व को “पिन्तेकुस्त” का पर्व कहते थे जिसके अर्थ में एक भाग “पचास” है।
  • सप्ताहों का पर्व अन्न की कटनी के आरंभ के उत्सव में मनाया जाता था। यह वह समय था जब परमेश्वर ने इस्राएल के लिए सर्वप्रथम पत्थर की तख्तियों पर मूसा को व्यवस्था दी थी।
  • नये नियम में पिन्तेकुस्त का दिन विशेष करके महत्वपूर्ण था क्योंकि उस दिन यीशु पर विश्वास करनेवालों ने एक नए अनुभव में पवित्र आत्मा प्राप्त किया था।

(अनुवाद के सुझाव नामों का अनुवाद कैसे करें)

(यह भी देखें: पर्व, पहले फल, कटनी, पवित्र आत्मा, जीवित करना)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H2282, H7620, G40050

पुत्र

परिभाषा:

एक पुरुष और एक स्त्री की पुरुष संतान उसके पूरे जीवनकाल के लिए उनका "पुत्र" कहलाती है| उसे उस पुरुष का पुत्र और उस महिला का एक पुत्र भी कहा जाता है| "दत्तक पुत्र" एक पुरुष है जिसे कानूनी रूप से एक पुत्र के पद में रखा गया है।

  • "का पुत्र" इस उक्ति का प्रयोग किसी के पिता, माता या पूर्वज की पहचान के लिए काम में लिया जाता है| इस उक्ति का प्रयोग वंशावलियों तथा अनेक एनी स्थानों में किया गया है|
  • "इस्राएल के पुत्रों" प्रायः (उत्पत्ति की पुस्तक के बाद) इस्रैल जाति है|
  • "का पुत्र" पिता का नाम देने के लिए काम में लिया जाता है तो वह अधिकतर उन लोगों के लिए काम में लिया जाता है जिनके नाम एक से होते हैं| उदाहरणार्थ, 1 राजाओं 4 में, सादोक का पुत्र अज़र्याह" और "नातान का पुत्र अज़र्याह"; 2 राजाओं 15 में तीन भिन्न पुरुष हैं|
  • “का पुत्र” का प्रतीकात्मक रूप में अर्थ प्रायः होता है कि “व्यक्ति में किसी के गुण” हैं। इसके उदाहरण है, “ज्योति की सन्तान”, “आज्ञाकारिता की सन्तान”, “शान्ति का पुत्र” “गर्जन के पुत्र”।
  • "का पुत्र" इस उक्ति का उपयोग प्राय: यह दर्शाने के लिए किया जाता है कि संदर्भित व्यक्ति का पिता कौन है। यह शब्दावली वंशावलियों तथा अनेक स्थानों में काम में ली गई है।
  • पिता का नाम उजागर करने के लिए” “का पुत्र” अधिकतर एक ही नाम के पुरूषों को एक दूसरे से अलग व्यक्त करने के लिए काम में लिया जाता है। उदाहणार्थ, सादोक का पुत्र अजर्याह” और “नातान का पुत्र अजर्याह-1 राजा 4 और 2 राजा 15 में “अमस्याह का पुत्र अजर्याह। यहां एक ही नाम के तीन पुरूष हैं जो पिता के नाम से ही पहचाने गए हैं।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द के अधिकांश संदर्भों में लक्षित भाषा के उसी शब्द को काम में लिया जाए जो “पुत्र” के लिए काम आता है।
  • “परमेश्वर का पुत्र” उक्ति के अनुवाद में “पुत्र” के लिए जिस शब्द का उपयोग सामान्यतः किया जाता है, उसी का उपयोग करें।
  • जब “पुत्र” के स्थान में किसी वंशज को दर्शाया जाता है तब “वंशज” शब्द का उपयोग किया जाए जैसे यीशु को दाऊद का वंशज कहा जाता था। या वंशावलियों में भी जहां “पुत्र” शब्द किसी वंशज का बोध कराता है।
  • कभी-कभी “पुत्रों” का अनुवाद “सन्तान” किया जा सकता है, जब नर-नारी दोनों की समाहित चर्चा की जा रही हो। उदाहरणार्थ “परमेश्वर का पुत्र” का अनुवाद, “परमेश्वर की सन्तान” किया जा सकता है क्योंकि इसमें स्त्री-पुरूष दोनों की चर्चा की जा रही है।
  • प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति, “का पुत्र” का अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है, “जिसमें गुण हैं” या “के स्वरूप” या “में गुण हैं” या “के समान व्यवहार है”

(यह भी देखें: अजर्याह, वंशज, पूर्वजों, पहलौठा, परमेश्वर का पुत्र, परमेश्वर के पुत्र।)

बाइबल संदर्भ:

बाइबल कहानियों के उदाहरण:

  • 04:08 परमेश्वर ने अब्राम से वाचा के साथ फिर से बात की कि उसे एक पुत्र होगा और आकाश में तारे के रूप में कई वंश होगे।
  • 04:09 परमेश्वर ने कहा, "मैं तुमको तुम्हारे शरीर से एक पुत्र दूँगा।"
  • 05:05 लगभग एक साल बाद, जब अब्राहम 100 वर्ष का था और सारा 90 कि, सारा ने अब्राहम के पुत्र को जन्म दिया।
  • __05:08__जब वे बलिदान की जगह पर पहुंच गए, तो अब्राहम ने अपने पुत्र इसहाक को बांध दिया और उसे वेदी पर रख दिया। वह अपने पुत्र को मारने ही पर था, जब परमेश्वर ने कहा, "रुको! लड़के को चोट न पहुंचा! अब मुझे पता है कि तुम मुझ से डरते हो क्योंकि तुमने मुझसे अपने पुत्र को भी न रख छोड़ा।"
  • __09:07__जब उसने बच्चे को देखा, उसने अपने पुत्र के रूप में ले लिया।
  • __11:06__परमेश्वर ने मिस्र के सब पहलौठे पुत्रों को मार डाला।
  • __18:01__कई वर्षों के बाद, दाऊद की मृत्यु हो गई, और उसके __पुत्र __ सुलैमान ने शासन शुरू किया।
  • 26:04"क्या यह यूसुफ पुत्र है?‚" उन्होंने कहा।

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H1060, H1121, H1123, H1248, H3173, H3206, H3211, H4497, H5209, H5220, G3816, G5043, G5207

पुनरुत्थान

परिभाषा:

“पुनरुत्थान” का अर्थ है मरणोपरान्त पुनः जीवित हो जाना।

  • किसी का पुनरुत्थान करना अर्थात उसे मरणोपरान्त पुनः जीवित करना। केवल परमेश्वर के पास ऐसा करने का सामर्थ्य है।
  • "पुनरुत्थान" यीशु के मरणोपरांत पुनः जीवित हो जाने के सन्दर्भ में प्रयोग किया जाता है।
  • यीशु ने कहा, “पुनरुत्थान और जीवन मैं हूं”, तो उसके कहने का अर्थ था कि वह पुनरुत्थान का स्रोत है और मनुष्य को पुनर्जीवित करने वाला वही है।

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • “पुनरुत्थान” शब्द का अनुवाद, “पुनजीर्वित होना” या “मरणोपरान्त फिर जीवित हो जाना” हो सकता है।
  • इस शब्द का शाब्दिक अर्थ है, “खडा होना” या "(मृतकों में से) खड़े किए जाने का कार्य|” ये इस शब्द केअन्य संभावित अनुवाद हो सकते हैं।

(यह भी देखें: जीवन, मृत्यु, खड़ा करना)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 21:14 मसीह की मृत्यु और उसके __पुनरुत्थान__के द्वारा से, परमेश्वर पापियों के उद्धार की अपनी योजना सिद्ध करेगा और नई वाचा की स्थापना करेगा |
  • 37:5 यीशु ने उत्तर दिया, "पुनरुत्थान और जीवन मैं हूँ।" जो कोई मुझ पर विशवास करता है वह यदि मर भी जाये, तौभी जीवित रहेगा”

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: G03860, G14540, G18150

पूरा करना, पूरा हुआ, सिद्ध किया

परिभाषा:

“पूरा करना” अर्थात किसी अपेक्षित कार्य को पूरा करना।

  • जब भविष्यद्वाणी पूरी होती है तो इसका अर्थ है कि परमेश्वर ने भविष्यद्वाणी में जो कहा था उसे पूरा किया।
  • यदि मनुष्य अपनी प्रतिज्ञा या शपथ पूरी करता है तो इसका अर्थ है कि उसने जो कहा था उसे निभाया।
  • उत्तरदायित्व को पूरा करने का अर्थ है किसी दिए गए कार्य या अनिवार्य कार्य को पूरा करना।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार, "पूरा करना" का अनुवाद हो सकता है, “संपन्न करना” या “पूर्ण करना” या “सिद्ध होने का कारण उत्पन्न करना" या “आज्ञा मानना” या “क्रियान्वन करना”
  • “पूरा हुआ” का अनुवाद हो सकता है, “सच हो गया” या “यथावत हो चुका है” या “संपन्न हो चुका है”
  • "अपनी सेवा पूरी करना" के परिप्रेक्ष्य में “पूरा करना” का अनुवाद हो सकता है, "निष्पादन करो" या "निभाओ" या "अभ्यासरत हो जाओ" या “मनुष्यों की सेवा वैसे ही करो जैसे परमेश्वर ने तुम्हें करने के लिए बुलाया है”।

(यह भी देखें: भविष्यद्वक्ता, मसीह, सेवक, बुलाहट)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 24:4 यूहन्ना ने वह पूरा किया जो यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्तक में लिखा था, “देख, मैं अपने दूत को तेरे आगे भेजता हूँ, जो तेरे लिए मार्ग सुधारेगा।”
  • 40:3 सैनिकों ने यीशु के कपड़ों के लिये चिट्ठियाँ डालीं। जब उन्होंने ऐसा किया तो यह भविष्यवाणी __पूरी हुई __ कि, “वे मेरे वस्त्र आपस में बाँटते हैं, और मेरे वस्त्रों के लिए चिट्ठियां डालते हैं।”
  • 42:7 यीशु ने कहा, "मैंने तुमसे कहा था कि परमेश्वर के वचन में मेरे बारे में जो कुछ लिखा हुआ है वह पूरा होना अवश्य है।"
  • 43:5 यहाँ योएल भविष्यद्वक्ता द्वारा की गई "भविष्यद्वाण पूरी होती है। परमेश्वर कहता है, “अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि मैं अपना आत्मा सब मनुष्यों पर उँडेलूँगा।”
  • __43:7__यह भाविश्द्वानी पूरी हुई ‘न तो उसका प्राण अधोलोक में छोड़ा गया और न उसकी देह सड़ने पाई।’
  • 44:5 यधपि तुम जानते नहीं थे कि क्या करते थे, परन्तु परमेश्वर ने तुम्हारे कामो से भविष्यवाणियों को __पूरा किया __ कि उसका मसीह दुःख उठाएगा, और मारा जाएँगा।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H1214, H5487, G10960, G41380

पृथक करना

परिभाषा:

"अलग करना" इस उक्ति का अर्थ है किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए किसी व्यक्ति या वस्तु को अलग कर देना। यह भी, "पृथक करना" उनसे व्यक्ति वस्तु "पृथक करना"

  • इस्राएली परमेश्वर की सेवा के निमित्त अलग किये गए थे।
  • पवित्र-आत्मा ने मसीही विश्वासियों को अन्ताकिया में आज्ञा दी कि वे पौलुस और बरनबास को उस काम के लिए पृथक कर दें जो परमेश्वर उनसे करवाना चाहता है।
  • परमेश्वर की सेवा के लिए “पृथक” किया गया विश्वासी परमेश्वर की इच्छा-पूर्ति के निमित्त समर्पित होता है।
  • “पवित्र” का एक अर्थ है कि परमेश्वर का होने के लिए और संसार के पापी आचरण से अलग होने के लिए पृथक किया गया।
  • किसी को "पवित्र" करने का मतलब परमेश्वर की सेवा के लिए उस व्यक्ति को अलग करना।

अनुवाद के सुझाव:

  • “पृथक करना” का अनुवाद, “विशेष रूप से चुनना” या “तुममें से अलग करना” या “किसी विशेष काम के लिए अलग करना" हो सकते हैं।
  • पृथक किया जाना” का अनुवाद, “अलग किया गया (से)" विशेष रूप से नियुक्त (के लिए)" हो सकता है।

(यह भी देखें: पवित्र, पवित्र करना, निुयक्त)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H2764, H4390, H5674, H6918, H6942, H6944, G37, G38, G40, G873

प्रकट करना, प्रकट किया, प्रकाशन

परिभाषा:

“प्रकट करना” अर्थात किसी बात को अंतर्ग्रहणयोग्य बनाना। प्रकट की गई किसी बात को "प्रकाशन" कहते हैं।

  • परमेश्वर ने अपनी सृष्टि की हर एक रचना के माध्यम से और अपने उच्चारित एवं लिखित सन्देश के माध्यम से मनुष्य के साथ संपर्क द्वारा भी स्वयं को प्रकट किया है।
  • परमेश्वर स्वप्नों एवं दर्शनों द्वारा भी स्वयं को प्रकट करता है।
  • पौलुस कहता है कि उसने “मसीह यीशु के प्रकाशन द्वारा” सुसमाचार प्राप्त किया है तो उसके कहने का अर्थ है कि यीशु ने स्वयं उसे सुसमाचार का ज्ञान प्रदान किया है।
  • नये नियम की पुस्तक, “प्रकाशितवाक्य” अन्त समय के संबन्धित घटनाओं का परमेश्वर द्वारा प्रकाशन है। उसने दर्शनों द्वारा प्रेरित यूहन्ना पर सब प्रकट किया था।

अनुवाद के सुझाव:

  • “प्रकट करना” के अन्य अनुवाद रूप हैं, “समझाना” या “अनावरण करना” या “स्पष्ट दिखाना”
  • सन्दर्भ के अनुसार “प्रकाशन” के संभावित अनुवाद हो सकते हैं, “परमेश्वर से संपर्क” या “परमेश्वर ने जो बातें प्रकट की” या “परमेश्वर के विषय में शिक्षाएं”। अच्छा तो यही होगा कि अनुवाद में इसी शब्द, “प्रकट करना” का अर्थ रखा जाए।
  • इस अभिव्यक्ति, "जहां प्रकाशन नहीं" का अनुवाद हो सकता है, "जब परमेश्वर मनुष्यों पर प्रकट नहीं हो रहा है" या "जब परमेश्वर मनुष्यों से बातें नहीं कर रहा है" या मनुष्यों में परमेश्वर का संचार नहीं है"

(यह भी देखें: सुसमाचार, सुसमाचार, स्वप्न, दर्शन)

बाइबल संदर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0241, H1540, H1541, G06010, G06020, G55370

प्रतिज्ञा का देश

तथ्य:

“प्रतिज्ञा का देश” बाइबल की कहानियों में आता है बाइबल के सन्देश में नहीं। यह कनान देश के संदर्भ की एक विधि है वह देश जो परमेश्वर ने अब्राहम और उसके वंशजों को देने की प्रतिज्ञा की थी।

  • जब अब्राहम ऊर नगर में रहता था तो परमेश्वर ने उसे आज्ञा दी कि वह वहाँ से निकल कर कनान देश में चला जाए। वह और उसके वंशज इस्राएली वहाँ अनेक वर्ष तक रहे।
  • जब भयंकर अकाल के कारण वहाँ भोजन समाप्त हो गया तब इस्राएली मिस्र चले गए।
  • चार सौ वर्षों के बाद परमेश्वर ने इस्राएलियों को मिस्र के दासत्व से मुक्ति दिलाई और उन्हें लौटकर कनान लाया, वह स्थान जिसे देने की प्रतिज्ञा परमेश्वर ने उनसे की थी।

अनुवाद के सुझाव:

  • “प्रतिज्ञा का देश” इसका अनुवाद हो सकता है, “वह देश जिसके लिए परमेश्वर ने अब्राहम से कहा था कि वह उसे देगा”। या “वह देश जिसकी प्रतिज्ञा परमेश्वर ने अब्राहम से की थी”, या “जिस देश की प्रतिज्ञा परमेश्वर ने अपने लोगों से की थी” या “कनान देश”।
  • बाइबल के अभिलेखों में किसी न किसी रूप में यह “परमेश्वर की प्रतिज्ञा का देश” प्रकट होता है।

(यह भी देखें: कनान, प्रतिज्ञा)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 12:01 अब वह (इस्राएली) दास नहीं रहे, और वह प्रतिज्ञा की भूमि पर जा रहे थे!!
  • 14:01 इस्राएलीयों को सीनै पर्वत पर नियम देने के बाद, जिनका उन्हें वाचा के अनुसार पालन करना था, परमेश्वर ने इस्राएलियों का मार्ग दर्शन प्रतिज्ञा की भूमि, कनान तक किया |.
  • 14:02 परमेश्वर ने जो वाचा अब्राहम, इसहाक और याकूब से बाँधी थी, कि वह वाचा की भूमि उनके वंशज को देंगा, परन्तु अब वहाँ बहुत से लोगों के समूह रहते हैं |
  • 14:14 फिर परमेश्वर लोगों को प्रतिज्ञा की भूमि के किनारे तक फिर से ले गया .
  • 15:02 इस्राएलियों को प्रतिज्ञा की भूमि में प्रवेश करने से पहले यरदन नदी को पार करना था |
  • __15:12__युद्ध के बाद, परमेश्वर ने इस्राएल के प्रत्येक गोत्र को प्रतिज्ञा की भूमि में अपना अपना भाग दिया |
  • 20:09 यह वह समय था जब परमेश्वर के लोगों को प्रतिज्ञा की भूमि को छोड़ने के लिए विवश किया गया, यह अवधि निर्वासन कहलाई |

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H776, H3068, H3423, H5159, H5414, H7650

प्रतिज्ञा, प्रतिज्ञाएं, प्रतिज्ञा की

परिभाषा:

"प्रतिज्ञा" को जब क्रिया रूप में काम में लिया जाता है कि मनुष्य कहता है कि वह कुछ करेगा तो इसका तात्पर्य है, वह अपने वचनों को पूरा करने के लिए बाध्य है| जब इसका प्रयोग संज्ञा रूप में किया जाता है, तब इसका "प्रतिज्ञा" शब्द का सन्दर्भ उस बात से होता है जिसको करने के लिए वह व्यक्ति विशेष विवश है|

  • बाइबल में परमेश्वर ने अपने लोगों से अनेक प्रतिज्ञाएं की हैं।
  • प्रतिज्ञाएं औपचारिक समझौतों जैसे वाचाओं का एक महत्वपूर्ण भाग होती हैं।

अनुवाद के सुझाव:

  • “प्रतिज्ञा” शब्द का अनुवाद, “समर्पण” या “आश्वासन” या “विश्वास दिलाना” हो सकता है।
  • “किसी काम को करने की प्रतिज्ञा” का अनुवाद, “किसी को विश्वास दिलाना कि आप कुछ करेंगे” या “किसी काम को करने का समर्पण करना”हो सकता है।

(यह भी देखें: वाचा, शपथ, प्रण)

बाइबल संदर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 3:15 परमेश्वर ने कहा "मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि मनुष्यों के बुरे कर्मों के कारण फिर कभी भूमि को शाप नहीं दूंगा या बाढ़ से दुनिया को नष्ट करूंगा, यद्यपि मनुष्य जन्म से ही पापी है।
  • 3:16 तब परमेश्वर ने अपनी वाचा के चिह्न के स्वरुप में मेघ धनुष स्थापित किया। जब -जब आकाश में धनुष दिखाई देगा, परमेश्वर अपनी _वाचा को याद करेगा और लोग भी।
  • 4:08 परमेश्वर ने अब्राम से बातें कीं और वाचा दोहराया कि उसको पुत्र प्राप्ति होगी और उसका वंश आकाश में तारो के सामान होगा। अब्राम ने परमेश्वर की वाचा पर विश्वास किया।
  • 5:4 तुम्हारी पत्नी, सारै को एक बेटा होगा - वह प्रतिज्ञा का पुत्र होगा।
  • 8:15 परमेश्वर ने जो वाचा अब्राहम से बाँधी थी उसकी प्रतिज्ञाएं अब्राहम के बाद इसहाक, और इसहाक के बाद याकूब और उसके बारह पुत्रों व उसके परिवारों के लिए भी रहीं|
  • 17:14 दाऊद परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य न रहा, परन्तु परमेश्वर अपनी वाचा पर खरा था।
  • 50:1 यीशु ने प्रतिज्ञा की कि वह संसार के अंत में पुनः आएगा। यद्यपि वह अभी तक वापस नहीं आया है, लेकिन वह अपनी __प्रतिज्ञा__पूरी करेगा|

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H559, H562, H1696, H8569, G1843, G1860, G1861, G1862, G3670, G4279

प्रभु

तथ्य:

“प्रभु” शब्द का संदर्भ उस मनुष्य से होता है जिसे मनुष्यों पर अधिकार एवं स्वामीत्व प्राप्त होता है। यह परमेश्वर का भी पदनाम होता है। (ध्यान दें कि जब किसी को संबोधित करने के लिए काम में लिया जाए या वाक्य के आरंभ में बड़े अक्षरों में लिखा जाए तो इसका अर्थ “श्रीमान” या “स्वामी” होता है।)

  • पुराने नियम में इस शब्द का उपयोग ऐसी अभिव्यक्तियों में भी किया जाता है जैसे “सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर” या “प्रभु यहोवा” या “हमारा प्रभु यहोवा।”
  • नये नियम में प्रेरितों ने इस शब्द को “प्रभु यीशु” और “प्रभु यीशु मसीह” जैसी अभिव्यक्तियों में काम में लिया है कि यीशु को परमेश्वर दर्शाया जाए।
  • “प्रभु” शब्द नये नियम में अकेला ही काम में लिया गया है जो परमेश्वर के लिए सीधा काम में लिया गया है, विशेष करके पुराने नियम के उद्धरणों में। * उदाहरणार्थ, पुराने नियम का संदर्भ है, “धन्य है वह जो यहोवा के नाम से आता है” और नये नियम में है, “धन्य है वह जो प्रभु के नाम से आता है।”
  • यू.एल.बी. और यू.डी.बी. में “प्रभु” का पदनाम केवल यूनानी और इब्रानी शब्दों का अनुवाद है जिनका अर्थ “प्रभु” है। यह परमेश्वर के नाम (यहोवा) का अनुवाद नहीं है जैसा अनेक अनुवादों में किया गया है।

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • कुछ भाषाओं में इस शब्द का अनुवाद “स्वामी” या “शासक” या अन्य कोई शब्द जो स्वामीत्व या परमप्रधान शासक का बोध करवाए, द्वारा किया गया है।
  • उचित प्रसंगों में अनेक अनुवाद इस शब्द के प्रथम अक्षर को बड़ा लिखते हैं कि पाठक समझ पाए कि यह परमेश्वर के संदर्भ में है।
  • नये नियम में जहां पुराने नियम का उद्धरण दिया गया है, वहां “प्रभु परमेश्वर” का उपयोग किया जा सकता है कि स्पष्ट हो कि यह परमेश्वर का संदर्भ में है।

(अनुवाद के सुझाव नामों का अनुवाद कैसे करें)

(यह भी देखें: परमेश्वर, यीशु, प्रभु, शासक, यहोवा)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H113, H136, H4756, G1203, G2962

प्रभु का दिन, यहोवा का दिन

वर्णन:

पुराने नियम में “यहोवा का दिन” निश्चित समय (समयों) के सन्दर्भ में काम में लिया जाता है जब परमेश्वर मनुष्यों को पाप का दण्ड देगा।

  • नये नियम में “प्रभु का दिन” उस दिन या समय के संदर्भ में है जब प्रभु यीशु समय के अंत में मनुष्यों का न्याय करने के लिए पुनः आएगा।
  • न्याय और पुनरुत्थान का यह अन्तिम भावी समय जिसे कभी कभी “अन्तिम दिन” भी कहते हैं। यह समय तब आरंभ होगा जब प्रभु यीशु पापियों का न्याय करने आएगा और अपना स्थाई राज्य स्थापित करेगा।
  • इन उक्तियों में “दिन” शब्द कभी-कभी वास्तविक दिन के ही संदर्भ में होता है या यह “समय” या “अवसर” के संदर्भ में हो सकता है जिसकी अवधि दिन से अधिक हो सकती है।
  • कभी-कभी दण्ड को “परमेश्वर के क्रोध का उंडेला जाना” भी कहते हैं जो विश्वास नहीं करने वालों पर आएगा।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के आधार पर “यहोवा का दिन” का अनुवाद होगा, “यहोवा का समय” या “वह समय जब यहोवा अपने बैरियों को दण्ड देगा” या “यहोवा के क्रोध का समय."
  • “प्रभु का दिन” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “प्रभु के न्याय का समय” या “वह समय जब प्रभु यीशु मनुष्यों का न्याय करने आएगा”

(यह भी देखें: दिन, न्याय का दिन, प्रभु, पुनरुत्थान, यहोवा)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H3068, H3117, G2250, G2962

प्रभु भोज

परिभाषा:

  • “प्रभु भोज” प्रेरित पौलुस इस उक्ति को फसह के भोज के लिए काम में लेता है जो यीशु ने अपने शिष्यों के साथ उस रात खाया था जब यहूदी अगुओं ने उसे बन्दी बनाया था।
  • इस भोजन के समय यीशु ने फसह की रोटी को तोड़कर अपनी देह की उपमा दी जो शीघ्र ही प्रताड़ित की जाएगी और मार डाली जायेगी।
  • दाखरस के कटोरे को उसने अपना लहू कहा जो शीघ्र ही बहाया जायेगा जब वह पापबलि होकर मरेगा।
  • यीशु ने आज्ञा दी थी कि उसके शिष्य जब भी इस भोज में सहभागी हों तब वे उसकी मृत्यु और पुनरूत्थान को सदैव स्मरण करें।
  • कुरिन्थियों की कलीसिया को लिखे पत्र में प्रेरित पौलुस ने मसीह के विश्वासियों के लिए इस भोज को एक नियमित अभ्यास बना दिया था।
  • आज कलीसियाएं प्रभु भोज के लिए “सहभागिता” उक्ति का उपयोग करती हैं। “अन्तिम भोज” उक्ति का भी कभी-कभी उपयोग किया जाता है।

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • इस उक्ति का अनुवाद “प्रभु का भोज” या “हमारे प्रभु यीशु का भोज” या “प्रभु यीशु को स्मरण करने का भोज” भी कहा जा सकता है।

(यह भी देखें: फसह)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: G11730, G29600

प्रभु यहोवा, यहोवा परमेश्‍वर

तथ्य:

पुराने नियम में इस शब्द का अर्थ है एकमात्र सच्चा परमेश्वर।

  • “प्रभु” उपनाम है और यहोवा परमेश्वर का नाम है।
  • यहोवा के साथ परमेश्वर शब्द भी लिखा जाता है, “यहोवा परमेश्वर”

अनुवाद के सुझाव:

  • यदि "यहोवा" का कोई रूप परमेश्वर के नाम के अनुवाद के लिए उपयोग किया जाता है, तो शब्द "प्रभु यहोवा" और "यहोवा परमेश्वर" शब्द का शाब्दिक रूप से अनुवाद किया जा सकता है। ध्यान दे कि “प्रभु” का अनुवाद परमेश्वर को संदर्भित करते समय कैसा हो।
  • कुछ भाषाओं में पदनाम बाद में लिखा जाता है, अतः अनुवाद होगा, “यहोवा प्रभु”। लक्षित भाषा में जो भी स्वाभाविक है इसका प्रयोग करें: “प्रभु” शीर्षक “यहोवा” के पहले हो या बाद में।
  • “यहोवा परमेश्वर” का अनुवाद “परमेश्वर जो यहोवा कहलाता है” या “जीवित परमेश्वर” या “मैं हूँ जो परमेश्वर है”।
  • यदि अनुवाद में “याहवे” को यहोवा या परमेश्वर लिखा जा रहा है तो “प्रभु यहोवा” का अनुवाद होगा “प्रभु परमेश्वर” या “परमेश्वर जो प्रभु” है। अन्य संभावित अनुवाद रूप है, “स्वामी प्रभु” या “प्रभु परमेश्वर”।
  • “प्रभु यहोवा” का अनुवाद, “प्रभु-प्रभु” कभी नहीं किया जाए क्योंकि पाठक इन शब्दों का अन्तर नहीं देख पाएंगे जिन्हें इनके लिए पारम्परिक रूप से काम में लिया जाता था।

(अनुवाद के सुझाव नामों का अनुवाद कैसे करें)

(यह भी देखें: परमेश्वर, स्वामी, प्रभु, यहोवा)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H136, H430, H3068, G2316, G2962

प्रभु, गुरु, स्वामी, स्वामियों, श्रीमान, महोदय

परिभाषा:

बाईबल में "प्रभु" शब्द का सन्दर्भ सामान्यतः उस मनुष्य से है जिसके पास नया लोगों का स्वामित्व या उन पर अधिकार होता है| बाईबल में, इस शब्द को अनेक अनन्य लोगों के लिए काम में लिया गया है, वरन परमेश्वर के लिए भी|

  • इस शब्द का अनुवाद कभी-कभी “स्वामी” भी किया जाता है जब यीशु कें संदर्भ में हो या दासों के स्वामी के संदर्भ में हो।
  • अंग्रेजी की कुछ बाइबलों में इस शब्द का अनुवाद, “श्रीमान” (sir) किया गया है जब कोई किसी ऊंचे पद वाले को विनम्रता-पूर्वक संबोधित कर रहा है।

जब प्रभु शब्द को बड़े अक्षर से आरम्भ किया जाए तो यह परमेश्वर का उपनाम है| (टिप्पणी: जब इसका उयोग किसी को संबोधित करने के लिए या जब यह वाक्य के आरम्भ में हो तो इसका प्रथम अक्षर बड़ा होता है और इसका अर्थ, "महोदय" या "स्वामी" होता है|)

  • पुराने नियम में, इस शब्द का उपयोग ऎसी अभिव्यक्तियों में किया जाता है जैसे, सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर" या "प्रभु यहोवा" "यहोवा हमारा प्रभु"
  • नए नियम में,प्रेरीतों ने इस शब्द को ऎसी अभिव्यक्तियों में काम में लिया है जैसे, "प्रभु यीशु" और "प्रभु यीशु मसीह" जिसका अर्थ है, यीशु परमेश्वर है|
  • नए नियम में "प्रभु" शब्द अकेला भी काम में लिया गया है जो सीधा परमेश्वर के सन्दर्भ में है- विशेष करके पुराने नियम के सन्दर्भों में| उदाहरणार्थ, पुराने नियम में: "धन्य है वह जो यहोवा के नाम में आता है" और नए नियम में इसी को इस प्रकार संदर्भित किया गया है: "धन्य है वह जो प्रभु के नाम में आता है
  • ULT और UST में, "प्रभु" शब्द, इब्रानी शब्द और यूनानी शब्द का शाब्दिक अनुवाद किया गया है| वह परमेश्वर के नाम (यहोवा) का अनुवाद कदापि नहीं है, जैसा अनेक अनुवादों में किया गया है|
  • कुछ भाषाओं में, "प्रभु" शब्द का अनुवाद, "स्वामी" या "शासक" या अन्य किसी शब्द में किया गया है जिसका अर्थ, स्वामित्व या सर्वोच्च शासन है|
  • उचित सन्दर्भों में अनेक अनुवादों में इस शब्द का प्रथम शब् बड़ा रखा गया है कि पाठकों के लिए स्पष्ट हो जाए कि यह परमेश्वर के लिए एक उपनाम मात्र है|
  • नए नियम में जब पुराने नियम का उद्धरण दिया गया है तब "प्रभु परमेश्वर" का उपयोग किया जा सकता है कि स्पष्ट हो कि यह परमेश्वर के सन्दर्भ में है|

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द का अनुवाद “स्वामी” शब्द के सहार्थी शब्द के द्वारा किया जा सकता है जब दासों के स्वामी के सन्दर्भ में हो।इसका उपयोग सेवक द्वारा अपने नियोजक के लिए भी किया जा सकता है|
  • जब यह यीशु को संदर्भित करता है, यदि संदर्भ से पता चलता है कि वक्ता एक धार्मिक शिक्षक के रूप में उसे देखता है, तो इसका अनुवाद एक धार्मिक शिक्षक के संबोधन में सम्मानित शब्द से किया जा सकता है, जैसे, "गुरु।"
  • यदि यीशु से बात करनेवाला व्यक्ति यीशु को नहीं जानता है तो “प्रभु” शब्द का अनुवाद “श्रीमान” किया जाए। यह अनुवाद अन्य प्रकरणों में भी किया जाए जहां किसी के लिए विनीत संबोधन की आवश्यकता हो।।
  • पिता परमेश्वर और यीशु के लिए इस शब्द को उपनाम माना जाए: अंग्रेजी भाषा में "Lord" बड़े अक्षर "L"

(यह भी देखें: परमेश्वर, यीशु, ruler, यहोवा)

बाइबल संदर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 25:5 यीशु ने उसे पवित्रशास्त्र से उत्तर दिया, उसने कहा, “परमेश्वर के वचन में वह अपने लोगों को आज्ञा देता है कि तू प्रभु अपने परमेश्वर की परीक्षा न करना।’”
  • 25:7 तब यीशु ने उससे कहा, “हे शैतान दूर हो जा ! परमेश्वर के वचन में वह अपने लोगों को आज्ञा देता है कि 'तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर।’”
  • 26:3 यह प्रभु के कृपा का वर्ष है।
  • __27:2__व्यवस्थापक ने उत्तर दिया, “तू अपने परमेश्वर से अपने सारे ह्रदय, आत्मा, शक्ति और ,मन से प्रेम रखना। और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम करना।”
  • 31:5 फिर पतरस ने यीशु से कहा ‘हे गुरु’ यदि तू है, तो मुझे भी अपने पास पानी पर चलकर आने की आज्ञा दे”
  • 43:9 “उसी यीशु को जिसे तुमने क्रूस पर चढ़ाया, परन्तु परमेश्वर ने उसे प्रभु भी ठहराया और मसीह भी।”
  • __47: 3__इस दुष्ट आत्मा के द्वारा वह दूसरों का भावी बताती थी, जिससे अपने स्वामियों के लिये ज्योतिषी के रूप में बहुत धन कमा लाती थी।
  • 47:11 पौलुस ने उत्तर दिया,"यीशु में विश्वास करो, जो प्रभु है, तो तू और तेरा परिवार बच जाएगा।"

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0113, H0136, H1167, H1376, H4756, H7980, H8323, G02030, G06340, G09620, G12030, G29620

प्रभुता

परिभाषा:

“प्रभुता” शब्द का अर्थ है मनुष्यों, पशुओं और भूमि पर अधिकार, नियंत्रण या सत्ता।

  • यीशु के लिए कहा गया है कि भविष्यद्वक्ता, याजक और राजा होने के कारण उसे संपूर्ण पृथ्वी का अधिकार है।
  • मसीह यीशु के क्रूस की मृत्यु के द्वारा शैतान की प्रभुता सदा के लिए पराजित हो गई है।
  • सृष्टि के समय परमेश्वर ने कहा था कि मनुष्य को मछली, पक्षियों और पृथ्वी के सब प्राणियों पर अधिकार है।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार इस शब्द का अनुवाद होगा, “अधिकार”, “सामर्थ्य” या “नियंत्रण”।
  • “पर प्रभुता” का अनुवाद हो सकता है, “पर शासन” या “प्रबन्धन”।

(यह भी देखें: अधिकार, सामर्थ्य)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H1166, H4474, H4475, H4896, H4910, H4915, H7287, H7300, H7980, H7985, G2634, G2904, G2961, G2963

प्राण, स्वयं, व्यक्ति

परिभाषा:

“प्राण” शब्द सामान्यतः किसी व्यक्ति के गैर-भौतिक भाग को संदर्भित कर सकता है या विशेष रूप से दूसरों से अलग व्यक्ति के स्वयं के बारे में जागरूकता के लिए विशेष रूप से संदर्भित कर सकता है।

  • बाइबल में, “प्राण” और “आत्मा” दो भिन्न धारणाएं हैं या वे दो भिन्न शब्द हैं जो एक ही विचार को व्यक्त करते हैं।
  • मनुष्य जब मरता है तब उसका "प्राण" देह का त्याग कर देता है।
  • शरीर के विपरीत, "प्राण" को मनुष्य का वह भाग कहाजा सकता है जो "परमेश्वर से सम्बन्ध बनाता है।"
  • “प्राण” शब्द का उपयोग कभी-कभी प्रतीकात्मक रूप में संपूर्ण व्यक्तित्व के लिए किया गया है। उदाहरणार्थ “आत्मा पाप करती है” अर्थात “मनुष्य पाप करता है”, या “मेरी आत्मा थकित है” अर्थात “मैं थका हुआ हूं।”

अनुवाद के सुझाव:

  • “प्राण” का अनुवाद हो सकता है, “आन्तरिक मनुष्यत्व” या “भीतरी मनुष्य”
  • कुछ संदर्भों में “मेरा प्राण” का अनुवाद हो सकता है, “मैं” या “मुझे” हो सकता है।
  • प्रकरण के अनुसार “प्राण” का अनुवाद सामान्यतः इस प्रकार हो सकता है, “मनुष्य” या “वह” या “उसे” हो सकता है।
  • कुछ भाषाओं में “प्राण” और “आत्मा” के लिए एक ही शब्द होता है।
  • इब्रानियों 4:12 में प्रतीकात्मक रूप में “प्राण और आत्मा को… अलग करके” का अर्थ हो सकता है, “आन्तरिक मनुष्यत्व को गहराई से समझना या आन्तरिक मनुष्यत्व को प्रकट करना।”

(यह भी देखें: आत्मा)

बाइबल के सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H5082, H5315, H5397, G5590

प्रायश्चित

परिभाषा:

“प्रायश्चित” यह एक ऐसी बलि है जो परमेश्वर के न्याय को सन्तुष्ट करने और उसके क्रोध को शान्त करने के लिए होती है।

  • यीशु मसीह के लहू का बलिदान मानव जाति के पापों के निमित्त परमेश्वर के लिए अनुरंजन कार्य है।
  • क्रूस पर यीशु की मृत्यु ने पाप के विरूद्ध परमेश्वर के क्रोध को शान्त कर दिया है। इसके द्वारा परमेश्वर मनुष्य पर कृपा दृष्टि कर पाता है और उन्हें अनन्त जीवन देता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द का अनुवाद “तुष्टीकरण” या “परमेश्वर से पाप क्षमा करवाना तथा मनुष्यों को अनुग्रह प्रदान करवाना” हो सकता है।
  • “प्रायश्चित” शब्द अर्थ में “प्रसादन” के निकट है। इन दोनों शब्दों के उपयोगों की तुलना करना महत्वपूर्ण है।

(यह भी देखें: प्रायश्चित, अनन्तकालीन, क्षमा, बलिदान)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: G2434, G2435

प्रायश्चित का ढकना

परिभाषा:

“प्रायश्चित का ढकना” वाचा के सन्दूक को ढंकने के लिए सोने का तख्त था। अनेक अंग्रेजी अनुवादों में इसे “प्रायश्चित का आवरण” भी कहा गया है।

  • प्रायश्चित का ढकना 115 सेन्टी-मीटर लम्बा और 70 सेन्टी-मीटर चौड़ा था।
  • प्रायश्चित के ढकने के ऊपर दो सोने के दो करूब थे उनके पंख एक दूसरे को छूते हुए थे
  • यहोवा का कहना था कि वह इस्राएलियों से भेंट करने के लिए प्रायश्चित के ढकने पर करूबों के फैले हुए पंखों के नीचे उपस्थित होगा। केवल महायाजक को प्रजा का प्रतिनिधि होकर यहोवा के पास जाने की अनुमति थी।
  • इस स्थान को “दया का आसन” भी कहा गया है क्योंकि यह पापी मनुष्यों की मुक्ति हेतु परमेश्वर द्वारा अवतरण में उसकी दया प्रकट करता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द के अन्य अनुवाद रूप हो सकते हैं, “सन्दूक का आवरण जहां परमेश्वर मुक्ति दिलाने की प्रतिज्ञा करता है” या “वह स्थान जहां परमेश्वर मेल करता है” या “सन्दूक का ढकना जहां परमेश्वर क्षमा करके पुनरूद्वार करता है”।
  • इसका अर्थ “प्रसादन का स्थान” भी हो सकता है।
  • इस शब्द की तुलना “प्रायश्चित”, “मेल” और “मुक्ति” शब्दों के अनुवाद से करें।

(यह भी देखें: वाचा का सन्दूक, प्रायश्चित, करूबों, प्रायश्चित, छुटकारा दिलाना)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H3727, G2435

प्रायश्चित, प्रायश्चित करना, प्रायश्चित किया जाए, प्रायश्चित किया

परिभाषा:

“प्रायश्चित करना” और “प्रायश्चित” का संदर्भ परमेश्वर द्वारा मनुष्यों के पापों की बलि का प्रावधान एवं पाप के लिए उसके क्रोध को शान्त करने से है।

  • पुराने नियम के युग में परमेश्वर ने इस्राएल के लिए अस्थाई प्रबन्ध किया था कि उनके पापों का प्रायश्चित लहू की बलि चढ़ाने से किया जाए जिसमें पशु का वध किया जाता था।
  • जैसा नये नियम में लिखा है, क्रूस पर मसीह की मृत्यु ही पाप का एक मात्र सच्चा एवं स्थाई प्रायश्चित है।
  • यीशु ने मरकर मनुष्यों के पाप का दण्ड उठा लिया था। उसने अपनी पापबलि की मृत्यु द्वारा प्रायश्चित का मूल्य चुका दिया है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “प्रायश्चित करना” का अनुवाद ऐसे शब्द या उक्ति द्वारा किया जा सकता है जिसका अर्थ “मूल्य चुकाना” या “के लिए मूल्य देना” या “किसी के पाप क्षमा करवाना” या “अपराध का शोधन करना”।
  • “प्रायश्चित” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “भुगतान” या “पाप का मूल्य चुकाने की बलि” या “क्षमादान का मार्ग उपलब्ध करवाना”।
  • सुनिश्चित करें कि इस शब्द के अनुवाद में पैसों के भुगतान का भाव व्यक्त न हो।

(यह भी देखें: प्रायश्चित के ढकने, क्षमा, प्रायश्चित, मेल-मिलाप, छुटकारा दिलाना)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H3722, H3725, G2643

प्रार्थना कर, प्रार्थना

परिभाषा:

“प्रार्थना कर” और “प्रार्थना” का अर्थ है परमेश्वर से बातें करना। यह शब्द मनुष्यों द्वारा किसी झूठे देवता से बातें करने के लिए भी काम में आता है।

  • मनुष्य चुप रहकर विचारों में भी परमेश्वर से प्रार्थना करता है या उच्चारित वचनों द्वारा भी प्रार्थना करता है, अर्थात, परमेश्वर से अपनी वाणी में बात करता है। कभी-कभी प्रार्थना लिखित होती है जैसे दाऊद के भजनों में उसकी प्रार्थनाएं निहित हैं।
  • प्रार्थना में परमेश्वर से दया, समस्या में सहायता, या निर्णय लेने में बुद्धि का निवेदन भी होता है।
  • मनुष्य अधिकतर रोगियों की चंगाई या अन्य रूपों में परमेश्वर की सहायता के लिए प्रार्थना करते हैं।
  • मनुष्य प्रार्थना में परमेश्वर को धन्यवाद देता है उसका गुणगान करता है।
  • प्रार्थना में परमेश्वर के समक्ष अपने पापों को स्वीकार करना और क्षमा मांगना भी होता है।
  • परमेश्वर से बातें करने को उसके साथ संपर्क बनाना भी कहते हैं, जब हमारी आत्मा उसके आत्मा से संपर्क करती है, हमारी भावनाओं को व्यक्त करना और उसकी उपस्थिति का आनंद लेना।
  • इस शब्द का अनुवाद “परमेश्वर से बात करना” या “परमेश्वर से संपर्क साधना” हो सकता है। इस शब्द का अनुवाद अनुच्चारित प्रार्थना का भाव भी प्रकट करे।

(यह भी देखें: झूठे देवता, क्षमा, स्तुति)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 6:5 इसहाक ने परमेश्वर से प्रार्थना की, और परमेश्वर ने उसकी विनती सुनी इस प्रकार रिबका गर्भवती हुई और जुड़वां पुत्रों को जन्म दिया|
  • 13:12 मूसा ने परमेश्वर से प्रार्थना की और परमेश्वर ने उसकी प्रार्थना को ग्रहण किया, और उन्हें नष्ट नहीं किया |
  • 19:8 तब बाल के भविष्यवक्ता यह कहकर बाल से प्रार्थना करते रहे, “हे बाल, हमारी सुन |”
  • 21:7 याजक परमेश्वर से लोगों के लिए भी प्रार्थना करते थे |
  • 38:11 यीशु ने अपने चेलों से कहा, प्रार्थना करते रहो कि परीक्षा में न पड़ो |
  • 43:13 चेले लगातार प्रेरितों से शिक्षा पाने, और संगति रखने, और रोटी तोड़ने, और प्रार्थना करने में लौलीन रहे |
  • 49:18 परमेश्वर कहता है कि हम प्रार्थना करें, उसका वचन पढ़ें, अन्य मसीही लोगों के साथ उसकी आराधना करें, और जो उसने हमारे लिए किया है वह दूसरों को बताएँ।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H559, H577, H1156, H2470, H3863, H3908, H4994, H6279, H6293, H6419, H6739, H7592, H7878, H7879, H7881, H8034, H8605, G154, G1162, G1189, G1783, G2065, G2171, G2172, G3870, G4335, G4336

प्रार्थना किया, मध्यस्थता की, मध्यस्थता

परिभाषा:

“प्रार्थना किया” या “मध्यस्थता” का अर्थ है किसी के लिए किसी से विनती करना। बाइबल यह शब्द अन्यों के लिए प्रार्थना करने के लिए काम में लिया गया है।

  • “के लिए मध्यस्थता करना” और “मध्यस्थता” का अर्थ है मनुष्यों के लिए परमेश्वर से प्रार्थना करना।
  • बाइबल में लिखा है कि पवित्र आत्मा हमारे लिए विनती करता है,अर्थात वह हमारे लिए परमेश्वर से प्रार्थना करता है।
  • मनुष्य किसी अधिकारी से किसी अनुवाद के लिए विनती करके मध्यस्थता करता है।

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • “मध्यस्थता के अन्य अनुवाद रूप, “याचना करना”, या (किसी से) “निवेदन करना” (किसी और के लिए) कुछ करने के लिए हो सकते हैं।
  • संज्ञा "और निवेदन" का अनुवाद "आग्रह" या "अनुरोध" या "तत्काल प्रार्थना" के रूप में किया जा सकता है।
  • वाक्यांश "के लिए मध्यस्थता" का अनुवाद "के लिए अनुरोध करने के लिए" या "की ओर से अपील करें" या "परमेश्वर से मदद मांगे" या "(किसी के लिए) परमेश्वर से निवेदन करना" के रूप में किया जा सकता है।

(यह भी देखें: प्रार्थना करना)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H6293, G1783, G1793, G5241

प्रिय

परिभाषा:

“प्रिय” शब्द प्रीति की अभिव्यक्ति है जो ऐसे व्यक्ति का वर्णन करती है जिससे प्रेम किया जाता है और जो किसी का प्रिय है।

  • “प्रिय” शब्द का वास्तविक अर्थ है “प्रिय जन” या “जिसे प्रेम किया जाता है”
  • परमेश्वर ने यीशु के लिए कहा कि वह उसका “प्रिय पुत्र है”
  • प्रेरितों द्वारा मसीह की कलीसियाओं को लिखे गए पत्रों में बार-बार सहविश्वासियों को “प्रिय” कहा था।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “स्नेही”, या “प्रिय जन” या “अति प्रिय” या “अति स्नेहमय”
  • घनिष्ठ मित्रों के संदर्भ में इसका अनुवाद हो सकता है, “मेरे प्रिय मित्र” या “मेरे घनिष्ठ मित्र” अंग्रेजी भाषा में यह कहना स्वाभाविक है, “मेरे प्रिय मित्र पौलुस” या “पौलुस, मेरे प्रिय मित्र” अन्य भाषाओं में इसको भिन्न रूप से क्रमबद्ध करनाअधिक स्वाभाविक होगा।
  • ध्यान दें कि “प्रिय” शब्द उस शब्द से निकलता है जो परमेश्वर के प्रेम का है जो शर्तरहित,निःस्वार्थ से आता है जो शर्तरहित है, निःस्वार्थ और आत्मत्याग का है।

(यह भी देखें: प्रेम)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H157, H1730, H2532, H3033, H3039, H4261, G00250, G00270, G52070

प्रेम, प्रिय,

परिभाषा:

किसी मनुष्य से प्रेम करने का अर्थ है, उस मनुष्य की सुधि लेना और उसे लाभ पहुंचाने के काम करना। “प्रेम” के विभिन्न अर्थ होते हैं जिनके लिए विभिन्न भाषाओं में विभिन्न शब्द होते हैं।

  1. परमेश्वर के जैसा प्रेम मनुष्य की भलाई पर केन्द्रित होता है चाहे उसमें स्वयं का लाभ न हो। ऐसा प्रेम जो मनुष्यों की सुधि रखता है चाहे वे कुछ भी करते हों। परमेश्वर स्वयं प्रेम है और सच्चे प्रेम का स्रोत है।
  • यीशु ने इस प्रेम का प्रदर्शन किया कि हमें कि पाप और मृत्यु से बचाने के लिए अपने आपको बलि चढ़ा दिया। उसने अपने अनुयायियों को भी सिखाया कि निस्वार्थ प्रेम करें।
  • जब लोग मनुष्यों से ऐसा प्रेम रखते हैं तब उनका व्यवहार प्रकट करता है कि उनके मन में मनुष्यों की उन्नति के विचार हैं| ऐसा प्रेम विशेष करके दूसरों को क्षमा करता है।
  • ULT में “प्रेम” शब्द ऐसे ही आत्मत्याग के प्रेम को संदर्भित करता है जब तक कि अनुवाद की टिप्पणी भिन्न अर्थ की व्याख्या न करे।
  1. नये नियम में एक और शब्द है जो भाईचारे के प्रेम या मित्र के प्रेम या परिवार के किसी सदस्य से प्रेम करने को दर्शाता है|
  • यह शब्द मित्रों और परिजनों के प्राकृतिक मानव प्रेम का संदर्भ देता है।
  • इस का उपयोग ऐसे संदर्भों में भी हो सकता है जैसे वे भोज में महत्वपूर्ण स्थानों में बैठने की इच्छा रखते हैं। अर्थात उनमें ऐसा करने की “अत्यधिक लालसा” या “ गहरी इच्छा” है|
  1. “प्रेम” शब्द का संदर्भ स्त्री-पुरूष के मध्य भावुक प्रेम से भी है।

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • जब तक कि अनुवाद से संबन्धित टिप्पणी में अन्य अर्थ समझाया न जाए ULT में “प्रेम” शब्द परमेश्वर से प्राप्त आत्मत्याग के प्रेम का संदर्भ देता है।
  • कुछ भाषाओं में परमेश्वर के निःस्वार्थ, आत्मत्याग के प्रेम के लिए विशेष शब्द हो सकता है। इस शब्द के अनुवाद हो सकते हैं, “समर्पित निष्ठावान देखरेख” या “निःस्वार्थ सेवा करना” या “परमेश्वर का प्रेम।” सुनिश्चित करें कि परमेश्वर के प्रेम का अनुवाद हो सकता है, अन्यों के लाभ के निमित्त अपनी इच्छाओं को मारना और कोई कुछ भी करे उनसे प्रेम निभाते रहना।
  • कभी-कभी “प्रेम” शब्द का अर्थ होता है मित्रों और पारिवारिक सदस्यों के लिए अगाध सेवाभाव रखना। कुछ भाषाओं में इस शब्द का अनुवाद ऐसे शब्द या उक्ति से किया जा सकता है जिसका अर्थ है, “बहुत प्रिय समझना” या “सुधि लेना” या “गहरा लगाव होना।”
  • जिन संदर्भों में प्रेम शब्द किसी के प्रति प्रबल अनुराग व्यक्त करे तो उस का अनुवाद हो सकता है, “प्रबल अधिमान्यता” या “बहुत अधिक चाहना” या “अत्यधिक पसन्द करना”।
  • कुछ भाषाओं में पति-पत्नी के बीच भावुक या यौन संबन्धित प्रेम को व्यक्त करने के लिए एक सर्वथा भिन्न शब्द होता है।
  • अनेक भाषाओं में "प्रेम" शब्द को क्रिया रूप में व्यक्त करना होता है। उदाहरणार्थ उनमें “प्रेम धीरजवन्त है, प्रेम दयालु है, इस उक्ति का अनुवाद हो सकता है, “जब कोई किसी से प्रेम करता है, वह उसके साथ सहनशीलता दिखाता है, उस पर दया करता है।”

(यह भी देखें: वाचा, मृत्यु, बलिदान, उद्धार, पाप)

बाइबल संदर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 27:02 व्यवस्थापक ने उत्तर दिया, “तू अपने परमेश्वर से अपने सारे ह्रदय, आत्मा, शक्ति और ,मन से प्रेम रख और अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।”
  • 33:08 “कंटीली भूमि वे व्यक्ति है जिन्होंने वचन सुना, और संसार की चिन्ता और धन का धोखा, और अन्य वस्तुओं का लोभ उनमें समाकर परमेश्वर के लिए उसके प्रेम को दबा देता है।”
  • 36:05 जैसे पतरस बोल ही रहा था कि एक उजले बादल ने उन्हें छा लिया, और उस बादल में से यह शब्द निकला : “ यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिससे में प्रेम करता हूँ”
  • 39:10 हर वह व्यक्ति जिसे सच्चाई से प्रेम है, मुझे सुनेगा।”
  • 47:01 वह(लुदिया) बहुत प्रेम के साथ प्रभु की आराधना करती थी।
  • __48:1__परमेश्वर ने जब संसार की सृष्टि की , तो सब कुछ बहुर अच्छा था। संसार में कोई पाप नहीं था। आदम और हव्वा एक-दूसरे से और परमेश्वर से प्रेम करते थे।
  • __49:3__उसने(यीशु) सिखाया कि तुम्हें दूसरे लोगों से उसी तरह प्रेम करना है जैसे कि तुम स्वयं से प्रेम करते हैं।
  • 49:4 उसने(यीशु) यह भी सिखाया कि तुम्हें किसी भी चीज़, अपनी सम्पत्ति से भी ज्यादा परमेश्वर को प्रेम करना चाहिए।
  • 49:7 यीशु ने सिखाया कि परमेश्वर पापियों से बहुत प्रेम करता है।
  • 49:9 लेकिन परमेश्वर ने जगत के हर मनुष्य से इतना अधिक प्रेम किया कि उसने अपना इकलौता पुत्र दे दिया ताकि जो कोई यीशु पर विश्वास करे उसे उसके पापों का दण्ड नहीं मिले, परन्तु हमेशा परमेश्वर के साथ रहे।
  • 49:13 परमेश्वर तुमसे प्रेम करता है और चाहता है कि तुम यीशु पर विश्वास करो ताकि वह तुमसे घनिष्ठ सम्बन्ध बनाए रखे।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0157, H0158, H0159, H0160, H2245, H2617, H2836, H3039, H4261, H5689, H5690, H5691, H7355, H7356, H7453, H7474, G00250, G00260, G53600, G53610, G53620, G53630, G53650, G53670, G53680, G53690, G53770, G53810, G53820, G53830, G53880

प्रेरित, प्रेरितों, प्रेरिताई

परिभाषा:

“प्रेरितों”, यीशु द्वारा भेजे गए पुरूष जो परमेश्वर और उसके राज्य के प्रचारक थे। “प्रेरिताई” अर्थात प्रेरित होने के लिए चुने गए पुरुषों का पद और अधिकार।

  • “प्रेरित” शब्द का अर्थ है, “विशेष उद्देश्य निमित भेजा गया मनुष्य”। प्रेरित के पास वही अधिकार होता है जो भेजनेवाले के पास है।
  • यीशु के वे बारह घनिष्ठ शिष्य प्रथम प्रेरित हुए। दुसरे मनुष्य, जैसे कि पौलुस और याकूब भी प्रेरित हुए थे।
  • परमेश्वर के सामर्थ्य से प्रेरित निडर होकर सुसमाचार सुनाने के योग्य हुए थे और वे रोगियों को चंगा करते थे और दुष्टात्माओं को भी निकालते थे।

अनुवाद के सुझाव:

  • “प्रेरित” शब्द का अनुवाद ऐसे शब्द या उक्ति द्वारा भी किया जा सकता है जिसका भावार्थ “भेजा गया मनुष्य” या “भेजा गया” या “मनुष्यों को परमेश्वर का सन्देश सुनाने के लिए बुलाया गया एवं भेजा गया मनुष्य”।
  • “प्रेरित” और “शिष्य” शब्दों का अनुवाद विभिन्मेंन रूपों में किया जाना आवश्यक है।
  • ध्यान इस बात का भी रखें कि इस शब्द का अनुवाद स्थानीय या राष्ट्रिय भाषा में कैसे किया गया है

(देखें अपरिचित का अनुवाद कैसे करें)

(यह भी देखें: अधिकार, चेले, याकूब (जब्दी का पुत्र), पौलुस, बारह)

बाइबल संदर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 26:10 फिर यीशु ने बारह लोगों को चुना, जो कि प्रेरित कहलाए। प्रेरित यीशु के साथ-साथ चलते थे और वह यीशु से सीखते थे।
  • 30:1 यीशु ने प्रचार करने के लिए और कई अलग- अलग नगरों में लोगों को सिखाने के लिए अपने शिष्यों को भेजा।
  • 38:2 यीशु के शिष्यों में एक यहूदा नाम का एक पुरुष था। वह चेलों के धन की देखभाल करता था, वह पैसों से प्रेम करता था और अकसर उसमें से चुराता था।
  • 43:13 चेले प्रेरितों से शिक्षा पाने, और संगति रखने, और रोटी तोड़ने, और प्रार्थना करने में सदा लौलीन रहे।
  • 46:8 तब बरनबास ने उसे अपने साथ प्रेरितों के पास ले जाकर उनको बताया कि दमिश्क में इसने कैसे हियाव से यीशु के नाम से प्रचार किया।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: G06510, G06520, G24910, G53760, G55700

फरीसी, फरीसियों

तथ्य:

फरीसी यीशु के समय यहूदी अगुओं का एक महत्वपूर्ण प्रभावशाली पंथ था।

  • उनमें से अधिकांश जन मध्यम वर्ग के व्यापारी थे वरन कुछ फरीसी याजक भी थे।
  • सब यहूदी अगुओं में फरीसी मूसा की व्यवस्था के पालन में तथा अन्य यहूदी नियमों एवं परम्पराओं के पालन में सबसे अधिक कट्टर मनुष्य थे।
  • वे यहूदियों को आसपास की अन्यजातियो के प्रभाव से अलग रखने के विषय अत्यधिक चिन्तित रहते थे। फरीसी शब्द का उद्भव “पृथक करना” से हुआ है।
  • फरीसी मरने के बाद के जीवन को मानते थे, वे स्वर्गदूतों और अन्य आत्मिक प्राणियों को भी मानते थे।
  • फरीसी और सदूकी यीशु और आरंभिक कलीसिया के कट्टर विरोधी थे।

(यह भी देखें: महासभा, यहूदी अगुवे, व्यवस्था, सदूकी)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्त्रोंग्स: G53300

फसह

तथ्य:

“फसह” यहूदियों के एक धार्मिक पर्व का नाम है जो प्रतिवर्ष मनाया जाता है, जिसमें वे स्मरण करते हैं कि परमेश्वर ने उनके पूर्वजों को मिस्र के दासत्व में से कैसे निकाला था।

  • इस पर्व का नाम उस तथ्य से आता है कि परमेश्वर इस्राएलियों के घरों से होकर निकला परन्तु उसने उनके पुत्रों का घात नहीं किया जबकि मिस्र के सब पहिलौठे मारे गए थे।
  • फसह में एक सिद्ध मेमने का मांस भूनकर खाया जाता था और रोटी ख़मीरी नहीं होती थी। इस भोजन से उन्हें उस भोजन का स्मरण होता है जो उनके पूर्वजों ने मिस्र से पलायन करने से पूर्व रात को खाया था।
  • परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी थी कि वे प्रतिवर्ष ऐसा भोजन खाकर स्मरण करें वरन उत्सव मनाएं कि परमेश्वर कैसे उनके परिवारों "को अछूता छोड़कर" निकल गया और उन्हें मिस्र के दासत्व से मुक्ति दिलाई।

अनुवाद के सुझाव:

फसह शब्द के अनुवाद में “पार" और "निकलने” की संधि के शब्द या अन्य समानार्थक शब्दों का संयोजन किया जा सकता है।

  • यदि इस पर्व का नाम उन अनुवादित शब्दों के साथ अर्थगम्य हो जिनके द्वारा इस्राएलियों के पुत्रों का वध न करते हुए स्वर्गदूत का उनके घरों से आगे बढ़ जाने का वर्णन किया गया है तो यह सहायक सिद्ध होगा ।

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 12:14 परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी कि वे मिस्रियों पर परमेश्वर की विजय और दासत्व से उनकी मुक्ति के स्मरण में प्रतिवर्ष फसह का पर्व मनाया करें |
  • 38:1 यहूदी प्रतिवर्ष फसह का पर्व मनाते थे | यह एक उत्सव था, जब वे याद करते थे कि परमेश्वर ने कई सदियों पहले उनके पूर्वजों को मिस्र के दासत्व से निकाला था |
  • __38:4__यीशु ने अपने चेलों के साथ फसह का पर्व मनाया था |
  • 48:9 जब परमेश्वर ने लहू को देखा तो वह उनके घरों के पास से गुजर गया और उसने उनके जेठे पुत्रों का वध नहीं किया | इस घटना को फसह कहा जाता है|
  • 48:10 यीशु हमारा फसह का मेम्ना है | वह सिद्ध और निष्पाप था, और फसह के उत्सव के दिन मारा गया था |

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H6453, G39570

बचाना, बचाया, सुरक्षित, उद्धार

परिभाषा:

“बचाना” का सन्दर्भ किसी को बुरी बात से या हानिकारक बात से सुरक्षित रखना| "सुरक्षित होना" अर्थात, हानि या संकट से सुरक्षित रहना|

  • शारीरिक अभिप्राय में मनुष्य हानि, संकट या मृतु से बचाए जा सकते हैं|
  • आत्मिक अर्थ में यदि मनुष्य का "उद्धार" हो गया है तो क्रूस पर यीशु की मृत्यु के माध्यम से परमेश्वर ने उसको क्षमा कर दिया है और उसको पापों के दंड से बचा लिया है जो अन्यथा नरक का था|
  • मनुष्य खतरे से मनुष्यों को बचा सकते हैं परन्तु पापों के अनन्त दण्ड से केवल परमेश्वर ही मनुष्यों को बचा सकता है।

"उद्धार" शब्द का सन्दर्भ बुराई और संकट से बचाए जाने से है|

  • बाईबल में, "उद्धार शब्द का सन्दर्भ प्रायः आत्मिक और अनंत मुक्ति से है जो परमेश्वर द्वारा उन लोगों को दी जाती है अपने पापों से मन फिरा कर यीशु में विश्वास करते हैं|
  • बाईबल में परमेश्वर द्वारा उसकी प्रजा को क्षत्रुओं से बचाने की भी चर्चा की गई है|

अनुवाद सुझाव:

  • “बचाना” शब्द के अनुवाद “मुक्ति दिलाना” या “हानि से बचाना” या “हानि के मार्ग से निकाल लेना” या “मरने से बचा लेना” हो सकता हैं।
  • इस अभिव्यक्ति में, “जो कोई अपना जीवन बचाएगा”, शब्द “बचाएगा” का अनुवाद, “संभालना” या “सुरक्षित रखना” हो सकता है।
  • “सुरक्षित” का अनुवाद हो सकता है, “खतरे से बचना” “उस स्थान में जहां कोई हानि न पहुंचा पाए”।
  • "उद्धार" शब्द का अनुवाद "बचाना" या "उबारना" के सहार्थी शब्दों से किया जा सकता है, जैसे, "परमेश्वर मनुष्यों को (पापों के दंड से) बचा रहा है" या "परमेश्वर अपनी प्रजा को (क्षत्रुओं से) बचा रहा है|
  • "परमेश्वर मेरा उद्धार है" इस उक्ति का अनुवाद हो सकता है, परमेश्वर ही है जो मुझे बचाता है"
  • " तुम उद्धार के कुँए से पानी निकालोगे", इस वाक्यांश का अनुवाद हो सकता है, तुम ऐसे ताज़ा हो जाओगे जैसे पानी से क्योंकि परमेश्वर तुम्हारा उद्धार कर रहा है"

(यह भी देखें: क्रूस, छुड़ाना, दण्ड देना, उद्धारकर्ता, पाप)

बाइबल संदर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

बाईबल की कहानियों के उदाहरण

  • __9:8मूसा ने अपने साथी इस्राएली को__बचाने का प्रयास किया |
  • 11:2 परमेश्वर ने कहा कि, वो मनुष्य जो उस पर विश्वास करेंगा वह उसके पहिलौठे पुत्र को बचाएगा
  • __12:5__मूसा ने लोगों से कहा, “डरो मत! परमेश्वर आप ही तुम्हारे लिये लड़ेगा और तुम्हे बचाएगा
  • 12:13 इस्राएलियों ने अपनी स्वतंत्रता का उत्साह मनाने के लिये बहुत से गाने गाए, और परमेश्वर की आराधना की जिसने उन्हें मिस्रियो की सेना से बचाया
  • 16:17 यह पद्धति कई बार दोहराई गई, इस्राएली पाप करते थे , परमेश्वर उन्हें दण्ड देता था, और फिर वह पश्चाताप करते थे, और फिर परमेश्वर उन्हें बचाने के लिए एक उद्धारक भेजता था
  • 44:8 तुमने यीशु को क्रूस पर चढ़ाया, परन्तु परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया। तुमने उसे अस्वीकार किया, परन्तु और कोई दूसरा मार्ग नहीं है केवल यीशु के सामर्थ्य के द्वारा ही उद्धार मिल सकता है ।”
  • __47:11__दारोगा घबरा गया और पौलुस और सीलास के पास आकर पूछा, “हे सज्जनों __उद्धार __ पाने के लिये मैं क्या करूँ ?” पौलुस ने उत्तर दिया, "यीशु, जो मालिक है, उसपर विश्वास करो तो तुम और तुमारा परिवार उद्धार पाएगा।"
  • 49:12 अच्छे कार्य तुम्हें बचा नहीं सकते।
  • 49:13 जो कोई भी यीशु पर विश्वास करता और उसे प्रभु मानकर स्वीकार करता है परमेश्वर उसे बचाएगा। परन्तु जो उसमें विश्वास नहीं करता है ऐसे किसी व्यक्ति को वह नहीं बचाएगा

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H983, H2421, H2502, H3444, H3467, H3468, H4190, H4422, H4931, H5338, H6308, H6403, H7682, H7951, H7965, H8104, H8199, H8668, G803, G804, G806, G1295, G1508, G4982, G4991, G4992, G5198

बचे हुए

परिभाषा:

शब्द “बचे हुए लोग” वास्तव में बचे हुए लोगों या वस्तुओं के संदर्भ में है। इसका अर्थ बड़ी मात्रा में से छोड़ी गई वस्तु या बड़ी संख्या के समूह के बचे हुए लोग भी है।

  • “बचे हुए” प्रायः उन लोगों को व्यक्त करता है जो जान की जोखिम से बच गए या सताव के उपरान्त भी जो मनुष्य परमेश्वर के निष्ठावान रहे।
  • यशायाह यहूदियों के एक समूह को बचे हुए लोग कहता है जो शत्रुओं के आक्रमण से बचे रहेंगे और प्रतिज्ञा के देश कनान लौटेंगे।
  • पौलुस भी “बचे हुए” लोगों की चर्चा करता है जिन्हें परमेश्वर ने चुना कि उसके अनुग्रह के वारिस हों।
  • “बचे हुए” का अभिप्राय यह भी है कि कुछ लोग नहीं बचे या छोड़े नहीं गए।

अनुवाद के सुझाव:

  • “इनमें से बचे हुए लोग” इस उक्ति का अनुवाद, “इन लोगों में से जो बाकी रह गए” या “शेष मनुष्य” हो सकता है।
  • “बाकी सब लोग” का अनुवाद, “शेष सब लोग” या “बचे हुए लोग” हो सकता है।

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H3498, H3499, H5629, H6413, H7604, H7605, H7611, H8281, H8300, G2640, G3005, G3062

बच्चे, बालक, वंशज

परिभाषा:

"बालक" (बहुवचन "बालकों") शब्द स्त्री-पुरुष की संतान के सन्दर्भ में है| इस शब्द का प्रयोग प्रायः अधिक सामान्य रूप में किसी भी कम आयु के मनुष्य के लिए काम मन लिया गया है जो वयस्क नहीं है| "वंशज" शब्द सामान्यतः मनुष्य के या पशुओं की अनुवांशिक संतति के लिए काम में लिया जाता है|

  • बाइबल में शिष्यों को या अनुयायियों को भी कभी-कभी "बालकों" कहा गया है।
  • “बालकों” शब्द सामान्यतः मनुष्य के वंशजों के लिए प्रयोग किया गया है।
  • बाईबल में "संतान" शब्द का अर्थ प्रायः वही है जो "बच्चों" या "वंशजों" का है|
  • "वंश" शब्द कभी-कभी लाक्षणिक भाषा में संतान के सन्दर्भ में काम में लिया गया है|
  • यह उक्ति, "की संतान" का अर्थ, किसी लक्षण के सन्दर्भ में हो सकता है| इसके कुछ उदाहरण हैं:
    • ज्योति की सन्तान
    • आज्ञा मानने वाली सन्तान
    • शैतान की संतान
    • यह शब्द कलीसिया के सन्दर्भ में भी हो सकता है। उदाहरणार्थ, नए नियम में कभी-कभी यीशु के विश्वासियों को “परमेश्वर की सन्तान” कह कर संदर्भित किया गया है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “सन्तान” का अनुवाद “वंशज” किया जा सकता है जब इसका संदर्भ किसी के पोते-परतोतों से हो।
  • प्रकरण के अनुसार “की सन्तान” का अनुवाद “का गुण रखने वाले लोग” या “के सदृश्य व्यवहार करनेवाले लोग” भी किया जा सकता है।
  • यदि संभव हो तो “परमेश्वर की सन्तान” को ज्यों का त्यों रखा जाए क्योंकि बाइबल का एक महत्वपूर्ण विषय है, परमेश्वर हमारा स्वर्गीय पिता है। इसका संभावित वैकल्पिक अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर के लोग” या “परमेश्वर की आत्मिक सन्तान”।
  • यीशु अपने शिष्यों को “सन्तान” कहता है तो इसका अनुवाद “प्रिय मित्रों” या “मेरे प्रिय शिष्यों” हो सकता है।
  • पौलुस और यूहन्ना यीशु के विश्वासियों को “बालकों” कहते हैं तो इसका अनुवाद “प्रिय सहविश्वासियों” हो सकता है।
  • “प्रतिज्ञा की सन्तान” का अनुवाद हो सकता है “परमेश्वर की प्रतिज्ञा प्राप्त किए हुए लोग”।

(यह भी देखें: वंशज, वंश, परतिज्ञा, पुत्र, आत्मा, विश्वास, प्रिय)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H1069, H1121, H1123, H1129, H1323, H1397, H1580, H2029, H2030, H2056, H2138, H2145, H2233, H2945, H3173, H3205, H3206, H3208, H3211, H3243, H3490, H4392, H5209, H5271, H5288, H5290, H5759, H5764, H5768, H5953, H 6185, H6363, H6529, H6631, H7908, H7909, H7921, G07300, G08150, G10250, G10640, G10810, G10850, G14710, G34390, G35150, G35160, G38080, G38120, G38130, G38160, G50400, G50410, G50420, G50430, G50440, G52060, G52070, G53880

बपतिस्मा देना, बपतिस्मा लिया, बपतिस्मा

परिभाषा:

नये नियम में “बपतिस्मा देना” और “बपतिस्मा” का अर्थ प्रायः है, विश्वासी को सांस्कारिक रूप से पानी में नहलाना कि उसका पाप मोचन और मसीह से एकीकरण प्रकट हो।

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • विश्वासियों में बपतिस्में की विधि की अनेक धारणाएं हैं। अतः उचित होगा कि इसका अनुवाद सामान्य रूप में किया जाए जिसमें जल के उपयोग की विभिन्न विधियां हों।
  • प्रकरण के अनुसार “बपतिस्मा” का अनुवाद “शुद्धिकरण,” “उण्डेलना,” “डुबाना,” “धोना” या “आध्यात्मिक रूप से शुद्ध करना” हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, “पानी से तुम्हे बपतिस्मा देना” का अनुवाद “पानी में डुबकी” हो सकता है।
  • शब्द "बपतिस्मा" शब्द का अनुवाद हो सकता है, "शुद्धिकरण," "उंडेलना," "डुबकी," "सफाई|"
  • यह भी विचार करें कि इस शब्द का अनुवाद किसी स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा के बाइबल अनुवाद में कैसे किया गया है।

(यह भी देखें: अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे)

(यह भी देखें: यूहन्ना (बपतिस्मा देनेवाला), मन फिराव करना, पवित्र आत्मा)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 24:3 जब उन लोगों ने यूहन्ना का संदेश सुना, उन्होंने अपने-अपने पापों को मानकर, बपतिस्मा लिया, बहुत से धर्मी याजक यूहन्ना से बपतिस्मा लेने को आए, परन्तु उन्होंने अपने पापों का अंगीकार न किया।
  • 24:6 अगले दिन, यीशु यूहन्ना के पास उससे बपतिस्मा लेने को आया।
  • 24:7 यूहन्ना ने यीशु से कहा, “मैं इस योग्य नहीं कि तुझे बपतिस्मा दूँ। मुझे तो तेरे हाथ से बपतिस्मा लेने की आवश्कता है।”
  • 42:10 इसलिये तुम जाओ, सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता, और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो, और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ। "
  • 43:11 पतरस ने उनसे कहा, “मन फिराओ, और तुम में से हर एक यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले तो परमेश्वर तुम्हारे पापों को क्षमा करेगा।
  • 43:12 लगभग 3000 लोगों ने पतरस कि बात पर विश्वास किया और यीशु के चेले बन गए। और उन्हें बप्तिस्मा दिया गया और वे यरूशलेम की कलीसिया का हिस्सा बन गए।
  • 45:11 फिलिप्पुस और कूश देश का अधिकारी मार्ग में चलते-चलते वे किसी जल की जगह पहुँचे। तब कुश देख के अधिकारी ने कहा कि, “देख ! यहाँ जल है! क्या में बपतिस्मा ले सकता हूँ?"
  • 46:5 शाउल तुरन्त देखने लगा, और हनन्याह ने उसे बपतिस्मा दिया।
  • 49:14 यीशु तुम्हें उस पर विश्वास करने और बपतिस्मा लेने के लिए आमंत्रित करता है।

शब्द तथ्य:

  • Strong's: G09070

बांधना, बन्धन, बाँधा

परिभाषा:

  • “बांधना” अर्थात किसी वस्तु को बांधकर रखना या सुरक्षित बन्धन में रखना। बंधी हुई या संयोजित वस्तुएं “बन्धन” में कहलाती हैं। इस शब्द की भूतकाल क्रिया “बांधा” है
  • “बंधा” होने का अर्थ है किसी वस्तु में लिपटा हुआ या बंधा होना।
  • प्रतीकात्मक रूप में मनुष्य किसी शपथ से "बंधा” होता है जिसका अर्थ कि उसने जो प्रण किया है उसे "पूरा करना" उसके लिए अनिवार्य है।
  • “बंधन” में होना अर्थात किसी भी बांधने वाली वस्तु या सीमाओं में बंधे होना या किसी को बन्दीगृह में डालना। इसका संदर्भ प्रायः जंजीर, बेड़ियों या रस्सी से है जो मनुष्य की स्वतंत्रता को बाधित करती है।
  • बाइबल के युग में रस्सी या जंजीर बन्दियों को दीवार या पत्थर के फर्श में बांध कर रखने के लिए थी।
  • “बांधना” शब्द घाव पर पट्टी बांधने के लिए भी काम में लिया जाता था कि घाव भर जाए।
  • मृतक को भी कपड़ों में लपेटा जाता था कि दफन के लिए तैयार करें।
  • “बन्धन” प्रतीकात्मक रूप में पाप के लिए भी काम में लिया गया है क्योंकि वह मनुष्य को अपने वश में कर लेता है या दास बना लेता है।
  • बन्धन दो मनुष्यों के घनिष्ठ संबन्ध में भी होता है, जिसमें वे एक दूसरे को मानसिक, आत्मिक एवं शारीरिक परिप्रेक्ष्य में सहयोग देते हैं। यह विवाह के बन्धन में भी है
  • पति-पत्नी एक दूसरे से बंधे होते हैं। यह एक ऐसा बन्धन है जिसे परमेश्वर नहीं चाहता कि कभी तोड़ा जाए।

अनुवाद के सुझाव:

  • “बांधना” शब्द का अनुवाद हो सकता है, “बंधन के अधीन करना” या “संयोजित करना” या “लपेटना”
  • प्रतीकात्मक रूप में, इसका अनुवाद "को नियंत्रित करने के लिए" या "रोकने के लिए" या "(किसी को) किसी से दूर रखने के लिए" हो सकता है।
  • "बांधना" शब्द का विशेष उपयोग मत्ती 16 और 18 में "वर्जित करना" या "अनुमति नहीं देना" है।
  • “बन्धनों” शब्द का अनुवाद "जंजीरों" या "रस्सियों" या "बंधन" भी हो सकता है।
  • प्रतीकात्मक रूप से “बन्धन” शब्द का अनुवाद "गाँठ" या "सम्बन्ध" या "घनिष्ठ सम्बन्ध" भी हो सकता है।
  • "शांति का बंधन", इस उक्ति का अर्थ है, "सामंजस्य में होना, जो लोगों को एक-दूसरे के साथ घनिष्ठ संबंध में लाता हैं" या "शान्ति से उत्पन्न पारस्परिक बंधन।"
  • "बाँधना" शब्द का अनुवाद हो सकता है, "चारों और से लपेटना" या "पट्टी बाँधना"
  • शपथ से "बंधना" का अनुवाद हो सकता है, "शपथ पूरी करने की प्रतिज्ञा" या "शपथ को पूरी करने का समर्पण|
  • प्रकरण के अनुसार “बाँधा” शब्द का अनुवाद हो सकता है, "बंधे" या "बांधा गया" या "जंजीर से जकड़ा गया" या "बाध्यकारी (पूरा करने के लिए)" या "करने की अनिवार्यता"

(यह भी देखें: पूर्ति, शान्ति, बन्दीगृह, सेवक, शपथ)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0247, H0481, H0519, H0615, H0631, H0632, H0640, H1366, H1367, H1379, H2280, H2706, H3256, H3533, H3729, H4147, H4148, H4205, H4562, H5650, H5656, H5659, H6029, H6123, H6616, H6696, H6872, H6887, H7194, H7405, H7573, H7576, H8198, H8244, H8379, G02540, G03310, G03320, G11950, G11960, G11980, G11990, G12100, G13970, G13980, G14010, G14020, G26110, G26150, G37340, G37840, G38140, G40190, G40290, G43850, G48860, G48870, G52650

बारहों, ग्यारहों

परिभाषा:

“बारहों” का संदर्भ उन पुरुषों से है जिन्हें यीशु ने चुना कि उसके घनिष्ठतम शिष्य या प्रेरित हों। यहूदा की आत्महत्या के बाद, वे “ग्यारहों” कहलाते थे।

  • यीशु के अनेक अन्य शिष्य थे परन्तु “बारहों” यह उपनाम उन्हें इसलिए दिया गया था कि वे यीशु के निकटतम शिष्य थे।
  • इन बारह शिष्यों के नाम, मत्ती 10, मरकुस 3, तथा लूका 6 में सूचीबद्ध हैं।
  • यीशु के स्वर्गारोहण के बाद इन ग्यारहों ने मत्तिय्याह को यहूदा के स्थान में चुन लिया था। तब वे फिर से “बारहों” कहलाए।

अनुवाद के सुझाव:

  • कुछ भाषाओं में एक संज्ञा शब्द इसमें जोड़ना अधिक स्पष्ट एवं अधिक व्यावहारिक होता है, “बारह शिष्य” या “यीशु के घनिष्ठ बारह शिष्य”।
  • “ग्यारहों” का अनुवाद हो सकता है, “यीशु के शेष ग्यारह शिष्य”।
  • कुछ अनुवादों में प्रथम अक्षर बड़ा काम में लेकर दर्शाया जाता है कि यह उपनाम है, जैसे “वे बारह” या “वे ग्यारह”।

(यह भी देखें: प्रेरित, चेले)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: G14270, G17330

बुद्धिमान, बुद्धि

परिभाषा:

“बुद्धिमान” वह मनुष्य है जो समझता है कि करने के लिए क्या उचित एवं नैतिक है और उसे करता है। “बुद्धि” जो सच एवं नैतिकता में उचित है उसे समझना और उसका अभ्यास करना।

  • बुद्धिमान होना अर्थात उचित निर्णय लेने की क्षमता, विशेष करके परमेश्वर को प्रसन्न करने वाले काम करना।
  • मनुष्य परमेश्वर की बात सुनकर और दीनतापूर्वक उसकी इच्छा का पालन करके बुद्धिमान बनते हैं।
  • बुद्धिमान मनुष्य अपने जीवन में पवित्र-आत्मा के फल-आनंद, दया, प्रेम, धीरज-प्रकट करता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार “बुद्धिमान” शब्द के अन्य अनुवाद हो सकते हैं, “परमेश्वर के आज्ञाकारी” या “समझदार और आज्ञाकारी” या “परमेश्वर का भय माननेवाले।”
  • “बुद्धि” के अनुवाद में एक ऐसा शब्द या उक्ति काम में लें जिसका अर्थ है, “बुद्धिमानी का जीवन” या “समझदारी और आज्ञापालन का जीवन” या “उचित निर्णय।”
  • “बुद्धि” और “बुद्धिमान” के अनुवाद अन्य प्रमुख शब्दों जैसे धार्मिक या आज्ञाकारी से भिन्न होना उचित है।

(यह भी देखें: आज्ञा पालन, फल)

बाइबल संदर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • __2:5__वह बुद्धिमान भी बनना चाहती थी, इसलिये उसने कुछ फल लिये और उसे खा लिया।
  • 18:1 जब सुलैमान ने बुद्धि माँगी, परमेश्वर उससे प्रसन्न हुआ और उसे संसार का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति बना दिया।
  • 23:9 कुछ समय बाद ज्योतिषियों ने पूर्व में एक तारा देखा।
  • 45:1 वह (स्तिफनुस) एक अच्छा प्रतिष्ठित मनुष्य था और पवित्र आत्मा और ज्ञान से भरा था।

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H998, H1350, H2445, H2449, H2450, H2451, H2452, H2454, H2942, H3820, H3823, H6195, H6493, H6912, H7535, H7919, H7922, H8454, G4678, G4679, G4680, G4920, G5428, G5429, G5430

बुराई, दुष्ट, दुष्टता

परिभाषा:

बाईबल में "बुरा" शब्द का सन्दर्भ या तो नैतिक अनाचार या भावनात्मक मनोमालिन्य से है| इसको प्रकार ही अधिकतर स्पष्ट करेगा कि इस शब्द के प्रासंगिक उपयोग में अभिप्रेत अर्थ क्या है|

  • “बुरा” शब्द मनुष्य के चरित्र का वर्णन करता है, जबकि “दुष्ट” शब्द मनुष्य के व्यवहार का वर्णन अधिक करता है| तथापि दोनों शब्द सहार्थी हैं|
  • “दुष्टता” का सन्दर्भ होने की दशा से हैजो मनुष्यों द्वारा दुष्टता के कामों से अस्तित्व में आती है|
  • बुराई के परिणाम स्पष्ट रूप से प्रकट हो जाते है जब मनुष्य दूसरों के साथ बुरा व्यवहार करता है, जैसे ह्त्या करना, चोरी करना, मानहानि करना,निर्दयता दिखाना और निष्ठुरता|

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार “बुराई” और दुष्टता का अनुवाद “बुरा” या “पापी” या “अनैतिक” हो सकता है।
  • इसके अनुवाद के अन्य रूप हैं, “अच्छा नहीं” या “धर्मी नहीं” या “नैतिक नहीं”
  • सुनिश्चित करें कि इनके अनुवाद के शब्द और उक्तियां लक्षित भाषा में व्यावहारिक संदर्भ सहित हों।

(यह भी देखें: अवज्ञा, पाप, अच्छा, धर्मी, दुष्टात्मा)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों के उदाहरण:

  • 2:4 "परमेश्वर जानता है कि जैसे ही तुम इसे खाओगे, तो तुम परमेश्वर के सामान हो जाओगे औरउसी के सामान अच्छे और बुरे को समझने लगोगे|"
  • 3:1 एक लंबे समय के बाद, बहुत से लोग दुनिया में रह रहे थे। वे बहुत दुष्ट और निरंकुश हो गए थे।
  • 3:2 लेकिन नूह पर परमेश्वर का अनुग्रह था। वह दुष्ट लोगों के बीच रहने वाला एक धर्मी जन था।
  • 4:2 परमेश्वर ने देखा कि अगर वे सभी एक साथ मिलकर बुराई करते हैं, तो वे और भी अधिक पाप करेंगे।
  • 8:12 "दास के रूप में मुझे बेचकर तुमने बुराई करने का प्रयास किया था, परन्तु परमेश्वर ने भलाई के लिए बुराई का इस्तेमाल किया!"
  • 14:2 वे (कनानी) ने झूठे देवताओं की पूजा करते थे और अनेक बुरे काम करते थे।
  • 17:1 लेकिन फिर वह (शाऊल) एक दुष्ट व्यक्ति बन गया, जिसने परमेश्वर का आज्ञा पालन नहीं किया, इसलिए परमेश्वर ने एक अलग व्यक्ति को चुना जो एक दिन उसके स्थान पर राजा बनेगा।
  • 18:11 इस्राएलियों के नए राज्य में, सभी राजा बुरे थे
  • 29:8 राजा इतना क्रोधित हुआ कि उसने उस दुष्ट दास को बंदीगृह में डलवा दिया कि जब तक वह उसके सारे कर्ज का भुगतान न कर दे।
  • 45:2 उन्होंने कहा, "हमने सुना है वह(स्तिफनुस) मूसा और परमेश्वर के बारे में बुरी बातें कहता है!"
  • 50:17 वह (यीशु) हर आंसू को मिटा देगा उसके बाद कोई पीड़ा, दुःख, रोना, बुराई, दर्द या मौत नहीं होगी।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0205, H0605, H1100, H1681, H1942, H2154, H2162, H2254, H2617, H3399, H3415, H4209, H4849, H5753, H5766, H5767, H5999, H6001, H6090, H7451, H7455, H7489, H7561, H7562, H7563, H7564, G00920, G01130, G04590, G09320, G09870, G09880, G14260, G25490, G25510, G25540, G25550, G25560, G25570, G25590, G25600, G26350, G26360, G41510, G41890, G41900, G41910, G53370

बुलाना, पुकारना

परिभाषा:

“बुलाना” और “पुकारना” का अर्थ सामान्यतः है, ऊँचे शब्द में पुकारना, परन्तु इस शब्द, "बुलाना" का अभिप्राय हो सकता है, किसी को नाम देना या किसी के लिए बुलावा भेजना| इसके कुछ अन्य अर्थ भी हैं|

  • किसी को “पुकारना” अर्थात चिल्लाना, घोषणा करना या उद्घोषित करना| इसका अर्थ यह भी हो सकता है, किसी से सहायता मांगना, विशेष करके परमेश्वर से|
  • बाइबल में “बुलाना” का अर्थ है, “आव्हान” या “आने का आदेश” या “आने का निवेदन”।
  • परमेश्वर मनुष्यों को बुलाता है कि उसके पास आएं और उसके लोग हों। यह उनकी “बुलाहट” है।
  • “बुलाया” शब्द का बाइबल में अर्थ है, परमेश्वर ने मनुष्यों को नियुक्त किया या चुन लिया कि उसकी सन्तान हों, उसके सेवक हों और यीशु द्वारा उद्धार के सन्देश के प्रचारक हों।
  • इस शब्द को किसी का नाम देने के संदर्भ में भी काम में लिया जाता है। उदाहरणार्थ, "वह यूहन्ना कहलाया", अर्थात "उसका नाम यूहन्ना रखा गया है" या "उसका नाम यूहन्ना है"
  • "के नाम से पुकारा जाना" अर्थात किसी को किसी और का नाम दिया जाना। परमेश्वर कहता है कि उसने अपने लोगों को अपने नाम से बुलाया है।
  • एक भिन्न उक्ति, “मैंने तुझे नाम लेकर बुलाया है” अर्थात परमेश्वर ने उस व्यक्ति विशेष को निश्चित रूप से चुन लिया है|

अनुवाद के सुझाव:

  • “बुलाना” का अनुवाद ऐसे शब्द में किया जाए जिनका अर्थ, “आव्हान” हो जिसमें बुलाहट की इच्छा और उद्देश्य का विचार निहित हो।
  • “तुझे पुकारता हूं”, इसका अनुवाद हो सकता है, “तुझ से सहायता मांगता हूं” या “तुझसे आपातकालीन प्रार्थना करता हूं”।
  • बाइबल में लिखा है कि परमेश्वर ने हमें उसके सेवक होने के लिए “बुलाया” है, तो इसका अनुवाद हो सकता है, "हमें विशेष करके चुना है" या "हमें नियुक्त किया है" कि उसके सेवक हों|
  • “उसका नाम बुलाना” इसका अनुवाद हो सकता है “उसको नाम देना”
  • “उसका नाम कहलाया” इसका अनुवाद हो सकता है “उसका नाम है” या “उसको नाम दिया गया है”।
  • “पुकारना” इसका अनुवाद हो सकता है, “ऊंचे शब्द में कहना” या “चिल्लाना” या “ऊंची आवाज में कहना” परन्तु ध्यान रखें कि इसके अनुवाद में शब्दों से क्रोध का भाव प्रकट न हो।
  • “तुम्हारी बुलाहट” इस अभिव्यक्ति का अनुवाद हो सकता है, “तुम्हारा उद्देश्य” या “तुम्हारे लिए परमेश्वर का उद्देश्य” या “तुम्हारे लिए परमेश्वर का विशेष कार्य|”
  • “प्रभु का नाम पुकारना” इसका अनुवाद किया जा सकता है, “प्रभु की खोज करो और उस पर निर्भर हो जाओ” या “परमेश्वर में विश्वास करके उसकी आज्ञा मानों”
  • किसी बात के लिए “पुकार करना”, इसका अनुवाद हो सकता है, “मांग करना” या “याचना करना” या “आज्ञा देना”
  • “तुम मेरे नाम से बुलाए गए हो” इस अभिव्यक्ति का अनुवाद हो सकता है, “मैंने तुम्हें अपना नाम दिया है जो दर्शाता है कि तुम मेरे हो”।
  • जब परमेश्वर कहता है, “मैंने तुझे नाम लेकर बुलाया है” तो इसका अनुवाद हो सकता है, “मैं तुझे जानता हूं और तुझे चुन लिया है”।

(यह भी देखें: प्रार्थना करना, पुकारना)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0559, H2199, H4744, H6817, H7121, H7123, H7769, H7773, G01540, G03630, G14580, G15280, G19410, G19510, G20280, G20460, G25640, G28210, G28220, G28400, G29190, G30040, G31060, G33330, G33430, G36030, G36860, G36870, G43160, G43410, G43770, G47790, G48670, G54550, G55370, G55810

भजन

परिभाषा:

“भजन” शब्द एक पवित्र गीत का संदर्भ देता है जो कविता रूप में लिखा गया है कि गाया जाए।

  • पुराने नियम में भजन संहिता इन भजनों का संग्रह है, राजा दाऊद तथा अन्य इस्राएलियों जैसे मूसा, सुलैमान, आसाप तथा अन्यों ने इन भजनों को लिखा था।
  • भजन इस्राएलियों द्वारा परमेश्वर की आराधना में गाए जाते थे।
  • भजन आनन्द, विश्वास, श्रद्धा तथा दुःख और व्यथा का वर्णन करते हैं।
  • नये नियम में विश्वासियों से आग्रह किया गया है कि परमेश्वर की आराधना में भजन गाएं।

(यह भी देखें: दाऊद, विश्वास, आनन्द, मूसा, पवित्र)

बाइबल के सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H2158, H2167, H2172, H4210, G5567, G5568

भविष्यद्वक्ता, भविष्यद्वाणी, भविष्यद्वाणी करना, द्रष्टा, भविष्यद्वक्तिन

परिभाषा:

भविष्यद्वक्ता वह मनुष्य है जो परमेश्वर का सन्देश मनुष्यों तक पहुंचाता है। ऎसी सेवा करने वाली स्त्री को भविष्यद्वक्तिन कहते हैं।

  • भविष्यद्वक्ता मनुष्यों को पापों से विमुख होने और परमेश्वर की आज्ञा मानने के लिए चिताते थे।
  • भविष्यद्वाणी वह सन्देश है जो भविष्यद्वक्ता सुनाते हैं| भविष्यद्वाणी करना अर्थात परमेश्वर का सन्देश सुनाना।
  • भविष्यद्वाणी का सन्देश प्रायः भावी घटनाओं से सम्बन्षित होता था|
  • पुराने नियम की अनेक भविष्यद्वाणियां पूरी हो चुकी हैं।
  • बाइबल में भविष्यद्वक्ताओं द्वारा लिखी गई पुस्तकों को "भविष्यद्वक्ता" कहा गया है।
  • उदाहरणार्थ, “व्यवस्था और भविष्यद्वक्ता” यह अभिव्यक्ति सम्पूर्ण इब्रानी पवित्रशास्त्र के संदर्भ में काम में ली जाती थी जो पुराने नियम के नाम से भी जाने जाते हैं।
  • भविष्यद्वक्ता के लिए प्रयुक्त पुराना शब्द है, “भविष्यदृष्टा” या भावी बूझने वाला मनुष्य।

अनुवाद के सुझाव:

  • “भविष्यद्वक्ता” का अनुवाद किया जा सकता है, “परमेश्वर का वक्ता” “परमेश्वर की ओर से कहने वाला मनुष्य” या “परमेश्वर का सन्देश सुनाने वाला मनुष्य”।
  • "नबी" का अनुवाद हो सकता है, "वह मनुष्य जो दर्शन देखता है" या "मनुष्य जो परमेश्वर प्रदत्त भविष्य देखता है।"
  • “भविष्यद्वक्तिन” शब्द का अनुवाद हो सकते हैं, “परमेश्वर की वक्ता” या “परमेश्वर की ओर से कहनेवाली स्त्री” या “परमेश्वर का सन्देश सुनाने वाली स्त्री”।
  • “भविष्यद्वाणी” के लिए अनुवाद हो सकते हैं, “परमेश्वर का सन्देश” या “भविष्यद्वक्ता का सन्देश”
  • "भविष्यद्वाणी करना" का अनुवाद हो सकता है, "परमेश्वर के वचन सुनाना" या "परमेश्वर का सन्देश सुनाना"
  • यह लाक्षणिक अभिव्यक्ति, "व्यवस्था और भविष्यद्वक्ता" का अनुवाद हो सकता है, "व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकें" या "परमेश्वर और उसकी प्रजा के विषय लिखी गई सब बातें, जिनमें परमेश्वर की नियमावली और उसके भविष्यद्वक्ताओं द्वारा सुनाया गया सन्देश"

(देखें: synecdoche)

  • जब एक झूठे देवता के नबी (या द्रष्टा) का सन्दर्भ हो तो आवश्यक है कि इसका अनुवाद, "झूठे भविष्यद्वक्ता (नबी)" या "झूठे देवता का भविष्यद्वक्ता (नबी) या उदाहरणार्थ, "बाल का भविष्यद्वक्ता"

(यह भी देखें: बाल, भावी बूझना, झूठे देवता, झूठे भविष्यद्वक्ता, पूरी करना, व्यवस्था, दर्शन)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 12:12 जब इस्राएलियों ने देखा कि मिस्र के लोग मारे गए है, तो उन्होंने परमेश्वर पर भरोसा किया और विश्वास करने लगे कि मूसा परमेश्वर का एक भविष्यद्वक्ता है।
  • 17:13 दाऊद ने जो कुछ भी किया उसे लेकर परमेश्वर का क्रोध उस पर भड़का, परमेश्वर ने नातान भविष्यद्वक्ता द्वारा दाऊद को कहलवा भेजा कि उसके पाप कितने बुरे है |
  • 19:1 इस्राएलियों के इतिहास भर में, परमेश्वर ने बहुत से भविष्यद्वक्ता भेजे | भविष्यद्वक्ताओं ने परमेश्वर के संदेशों को सुना और फिर लोगों को परमेश्वर का संदेश बताया |
  • 19:6 इस्राएली राज्य के सभी लोगों सहित और बाल के साढ़े चार सौ भविष्यद्वक्ता कर्मेल पर्वत पर इकट्ठा हुए |
  • 19:17 अधिकतर समय, लोगों ने परमेश्वर के नियमों का पालन नही किया. वे अधिकतर भविष्यद्वक्ताओं के साथ दुर्व्यवहार करते थे और कभी-कभी उन्हें मार भी डालते थे
  • 21:9 भविष्यद्वक्ता यशायाह ने भविष्यवाणी की कि मसीह एक कुंवारी से पैदा होगा।
  • 43:5 "यह वह बात है जो योएल भविष्यद्वक्ता के द्वारा कही गई थी जिसमे परमेश्वर कहता है कि, “अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि मैं अपना आत्मा सब मनुष्यों पर उँडेलूँगा |”
  • 43:7 "लेकिन यह उस भविष्यवाणी को पूरा करता है जो कहटी है, 'तू कब्र में अपने पवित्र जन को सड़ने नहीं देगा।'"
  • 48:12 मूसा एक बहुत बड़ा भविष्यद्वक्ता था जिसने परमेश्वर के वचन की घोषणा की थी | लेकिन यीशु सबसे महान भविष्यद्वक्ता है। वहीं परमेश्वर का वचन है।

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H2372, H2374, H4853, H5012, H5013, H5016, H5017, H5029, H5030, H5031, H5197, G2495, G4394, G4395, G4396, G4397, G4398, G5578

भाई

परिभाषा:

“भाई” शब्द प्रायः उस पुरुष के संदर्भ में अता है जिसका सम्बन्ध किसी के साथ माता या पिता के द्वारा हो|

  • पुराने नियम में, "भाइयों" शब्द का उपयोग परिजनों या साथियों जैसे, एक ही गोत्र, कुल, व्यवसाय या जनजाति के सदस्यों के लिए सर्वनिष्ठ सन्दर्भ हेतु भी काम में लिया गया है| जब इस शब्द का उपयोग इस प्रकार किया जाता है तब इसका सन्दर्भ स्त्री-पुरुष दोनों से हो सकता है|
  • नये नियम में प्रेरित सामान्यतः विश्वासियों के लिए "भाई" शब्द का उपयोग करते थे, जिसमे स्त्री-पुरुष दोनों समाहित होते थे|
  • कभी-कभी प्रेरितों ने किसी विश्वासी स्त्री के लिए "बहन" शब्द का उपयोग किया है या बलाघात हेतु कि पुरुष और स्त्री दोनों को संबोधित किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, याकूब कहता है, "कोई भाई या बहन नंगे-उघाड़े हों और उन्हें प्रतिदिन भोजन की घटी हो" तो उसका बल सब विश्वासियों पर है|

अनुवाद के सुझाव:

  • उचित तो यही होगा कि इसका अनुवाद लक्षित भाषा के उस शब्द से किया जाए जो सगे भाई के लिए काम में आने वाला शब्द हो जब तक कि इसका अर्थ गलत न निकले|
  • पुराने नियम में विशेष करके “भाइयों” शब्द सामान्यतः एक ही परिवार या एक ही कुल या एक ही जाति के सदस्यों के लिए काम में लिया गया है इसका संभावित अनुवाद हो सकता है “परिजन” या “कुलभ्राता” या “साथी इस्राएली।”
  • मसीह में सह-विश्वासी के सन्दर्भ में लिए इसका अनुवाद हो सकता है “मसीह में भाई” या “आत्मिक भाई”।
  • यदि स्त्री पुरुष दोनों की चर्चा की जा रही है और "भाई" शब्द का अर्थ गलत समझा जा सकता है तो संबन्धों के सामान्य शब्द का उपयोग किया जाए जिसमें स्त्री पुरुष दोनों हों।
  • इस शब्द का अनुवाद करने की अन्य विधियां जिनमें स्त्री-पुरुष विश्वासियों, दोनों को संदर्भित किया जा सकता है, "साथी विश्वासियों" या "मसीही भाइयों और बहनों"
  • यह निश्चित करने के लिए संदर्भ की जाँच करें कि क्या केवल पुरुषों को संदर्भित किया जा रहा है, या पुरुषों और स्त्रियों दोनों को समाहित किया गया है|

(यह भी देखें: प्रेरित, पिता परमेश्वर, बहन, आत्मा)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0251, H0252, H0264, H1730, H2992, H2993, H2994, H7453, G00800, G00810, G23850, G24550, G25000, G46130, G53600, G55690

मन फिराना, (पश्चाताप),मन फिराव

परिभाषा:

“मन फिराना” और “मन फिराव” का संदर्भ पाप से विमुख होकर परमेश्वर के पास लौट आने से है।

  • “मन फिराकर” का मूल अर्थ है, “मनोवृति_चित्वृति का पूर्ण परिवर्तान”
  • बाइबल में “मन फिराने” का अर्थ है मनुष्य के सोचने-विचारने और काम करने के पापी स्वभाव से विमुख होकर परमेश्वर के सोचने और कार्य करने की विधि अपनाना।
  • जब मनुष्य सच में पापों से मन फिराते हैं, तब परमेश्वर उन्हें क्षमा कर देता है और उसके आज्ञा पालन में उनकी सहायता करता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “मन फिराना” का अनुवाद ऐसे एक शब्द या उक्ति द्वारा किया जाए जिसका अर्थ हो, “पीछे मुड़ना(परमेश्वर की ओर)” या “पाप से विमुख होकर परमेश्वर की ओर मुड़ना” या “परमेश्वर की ओर मुड़ें, पाप से दूर।”।
  • "मन फिराव" शब्द का अनुवाद प्रायः क्रिया शब्द "मन फिराना" किया जा सकता हैं। उदाहरण के लिए, "परमेश्वर ने इस्राएल को मन फिराव दिया" इसका अनुवाद किया जा सकता है, "परमेश्वर ने इस्राएल को पश्चाताप करने में सक्षम किया है।"
  • "मन फिराव" का अनुवाद करने के अन्य रूपों में हैं, "पाप से विमुख होना" या "परमेश्वर की ओर मुड़कर पाप से दूर होना।"

(यह भी देखें: क्षमा, पाप, विमुख होना)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 16:2 परमेश्वर की आज्ञान मानने और क्षत्रुओं द्वारा उत्पीडित किए जाने के कई वर्षों बाद, इस्राएलियों ने पश्चाताप किया और परमेश्वर से कहा कि वह उन्हें बचाए |
  • 17:13 दाऊद को अपने किए हुए अपराधों पर पश्चाताप हुआ और परमेश्वर ने उसे क्षमा किया।
  • 19:18 भविष्यवक्ताओं ने लोगों को चेतावनी दी कि यदि वे पश्चाताप नहीं करेंगे तो परमेश्वर उनको नष्ट कर देगा |
  • 24:2 बहुत से आस पास के लोग यूहन्ना को सुनने के लिए बाहर जंगल में निकल आए | यूहन्ना ने उनसे कहा, “मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है !”
  • 42:8 “पवित्रशास्त्र में यह भी लिखा है कि मेरे चेले प्रचार करेंगे कि हर एक को पापों की क्षमा प्राप्त__करने__ के लिये पश्चाताप करना चाहिए।”
  • 44:5 “तो अब मन फिराओ और परमेश्वर की ओर लौट आओ कि तुम्हारे पाप मिटाए जाएँ |”

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H5150, H5162, H5164, G02780, G33380, G33400, G33410

मनुष्य का पुत्र, मनुष्य का पुत्र

परिभाषा:

“मनुष्य का पुत्र” यह उपनाम यीशु अपने लिए काम में लेता था। वह “मैं” या “मेरे” की अपेक्षा इसी के द्वारा स्वयं को संबोधित करता था।

  • बाइबल में “मनुष्य का पुत्र” किसी पुरुष के संदर्भ देने या उसे संबोधित करने के लिए काम में लिया जाता था। इसका अर्थ “मनुष्य” भी हो सकता है।
  • पुराने नियम की पुस्तक, यहेजकेल में परमेश्वर यहेजकेल को बार-बार “मनुष्य का पुत्र” कहता है। उदाहरणार्थ, वह कहता है, “हे मनुष्य के पुत्र, भविष्यद्वाणी कर” ।
  • दानिय्येल ने “मनुष्य के पुत्र” का दर्शन देखा कि वह बादलों पर सवार आ रहा है जो आनेवाले मसीह के संदर्भ में है।
  • यीशु स्वयं कहता है कि मनुष्य का पुत्र एक दिन बादलों में सवार होकर आएगा।
  • मनुष्य के पुत्र का बादलों पर सवार होकर आना दर्शाता है कि मसीह यीशु परमेश्वर है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “मनुष्य का पुत्र” जब यीशु इस उक्ति को काम में लेता है तो इसका अनुवाद हो सकता है, “वह जो मनुष्य बना” या “स्वार्गिक मनुष्य”।
  • कुछ अनुवादकों ने कभी-कभी "मैं" या "मुझे" इस शीर्षक के साथ ("मैं, मनुष्य के पुत्र रूप में) यह स्पष्ट करने के लिए काम में लेते हैं कि यीशु अपने बारे में बात कर रहा था।
  • यह सुनिश्चित करने के लिए जांचें कि इस शब्द का अनुवाद गलत अर्थ तो नहीं देता है (जैसे किसी अवैध पुत्र का संकेत या यीशु का मात्र मनुष्य होने का संकेत )
  • जब किसी व्यक्ति को संदर्भित किया जाता है, तब "मनुष्य का पुत्र" का अनुवाद हो सकता है, "तू, एक मनुष्य" या "हे मनुष्य" या "मनुष्य" या "पुरुष"

(यह भी देखें: स्वर्ग, पुत्र, परमेश्वर का पुत्र, यहोवा)

बाइबल के सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0120, H0606, H1121, H1247, G04440, G52070

मन्दिर, भवन, परमेश्वर का भवन

तथ्य:

मन्दिर पर कोटे से घिरा हुआ एक भवन था जहां इस्राएली प्रार्थना करने और बलि चढ़ाने आते थे। यह मन्दिर मोरिय्याह पर्वत पर यरूशलेम नगर में था।

  • मन्दिर शब्द संपूर्ण मन्दिर क्षेत्र के संदर्भ में काम में लिया जाता था जिसमें प्रमुख भवन का घिरा हुआ प्रांगण भी था। कभी-कभी यह मात्र भवन के संदर्भ में काम में लिया गया है।
  • मन्दिर के दो भाग थे, पवित्र स्थान और परमपवित्र स्थान।
  • परमेश्वर मन्दिर को अपना निवास स्थान कहता था।
  • राजा सुलैमान ने अपने शासनकाल के दौरान मंदिर का निर्माण किया। यह यरूशलेम में पूजा का स्थायी स्थान माना जाता था।
  • नये नियम में कहा गया है, “पवित्र-आत्मा का मन्दिर” तो वह विश्वासियों के समूह को संदर्भित करता है क्योंकि पवित्र आत्मा उनमें वास करता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • मन्दिर में मनुष्यों की उपस्थिति की जब चर्चा की गई है तो इसका अर्थ है कि वे भवन के बाहर प्रांगण में थे। इसका अनुवाद किया जा सकता है, “मन्दिर के आंगनों में” या “मन्दिर के प्रांगण में”।
  • जब भवन की चर्चा की जा रही हो तो कुछ भाषाओं में इसका अनुवाद होगा, “मन्दिर में” या “मन्दिर के भवन में” कि स्पष्ट समझ में आए।
  • “मन्दिर” अनुवाद के रूप “परमेश्वर का पवित्र घर” या “पवित्र आराधना स्थल” किया जा सकता है।
  • बाइबल में मन्दिर का संदर्भ “यहोवा का भवन” या “परमेश्वर का घर” से है।

(यह भी देखें: बलि, सुलैमान, बाबेल, पवित्र आत्मा, मिलापवाला तम्बू, आंगन, सिय्योन, घराना)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 17:06 दाऊद चाहता था कि वह एक मंदिर का निर्माण करें जिसमें सभी इस्राएली परमेश्वर की उपासना करें और बलिदान चढाएँ।
  • __18:02__यरुशेलम में, सुलैमान ने अपने पिता की योजना के अनुसार एक भवन बनाने का निर्णय किया और उसके लिए समान एकत्र किया | अब लोग मिलापवाले तम्बू के स्थान पर उस भवन में परमेश्वर की उपासना करते और बलिदान चढ़ाते थे | परमेश्वर भवन में उपस्थित था, और वह अपने लोगों के साथ रहता था |
  • 20:07 उन्होंने यरूशलेम को जित लिया, मंदिर का विनाश कर दिया, और शहर व मंदिर की सभी बहुमूल्य वस्तुओं को उनसे छीन कर ले गए |
  • 20:13 जब वह लोग वापस यरूशलेम लौटे, उन्होंने मंदिर और साथ ही शहर की आस पास की दीवारों का भी पुनर्निर्माण किया |
  • 25:04 तब शैतान यीशु को मंदिर के ऊचे स्थान पर ले गया और उससे कहा, “ यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो अपने आप को नीचे गिरा दे; क्योंकि लिखा है: ‘वह तेरे लिये अपने स्वर्गदूतों को आज्ञा देगा, और वह तुझे हाथों-हाथ उठा लेंगे | कहीं ऐसा न हो कि तेरे पाँवों में पत्थर से ठेस लगे |'"
  • 40:07 जैसे ही यीशु की मृत्यु हुई, वहा भूकंप आया और मंदिर का बड़ा परदा जो मनुष्यों को परमेश्वर की उपस्तिथि से दूर रखता था ऊपर से नीचे तक फटकर दो टुकड़े हो गया |

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H1004, H1964, H1965, H7541, G1493, G2411, G3485

मन्नत, शपथ खाई

परिभाषा:

मन्नत एक शपथ है जो मनुष्य परमेश्वर के सम्मुख करता है।

  • यदि प्राचीन इस्राएल में एक व्यक्ति ने परमेश्वर के लिए मन्नत मानी, तो वह व्यक्ति मन्नत पूरी करने के लिए बाध्य था। प्राचीन इस्राएलियों का मानना था कि परमेश्वर उस व्यक्ति को दंडित कर सकता है जिसने उसके द्वारा मानी गयी मन्नत को पूरा नहीं किया।
  • प्राचीन इस्राएल में, कभी-कभी एक व्यक्ति परमेश्वर से उसकी रक्षा करने या मन्नत मांगने के बदले में अपने आप को प्रदान करने के लिए कहता था। हालाँकि, प्राचीन इस्राएलियों को विश्वास नहीं था कि परमेश्वर इन अनुरोधों को पूरा करने के लिए बाध्य है।
  • प्रकरण के अनुसार, “मन्नत” का अनुवाद हो सकता है, “पावन प्रतिज्ञा” या “परमेश्वर से की गई प्रतिज्ञा”।

(यह भी देखें: प्रतिज्ञा, शपथ)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H5087, H5088, G2171

मन्ना

परिभाषा:

मन्ना सफेद रंग का एक प्रकार का अन्न था जिसका प्रावधान परमेश्वर ने इस्राएलियों के लिए किया था जब वे मिस्र से पलायन करके 40 वर्ष जंगल में थे।

  • मन्ना सफेद रंग का रूई जैसा पदार्थ था जो प्रतिदिन प्रातःकाल के समय ओस में पाया जाता था। इसका स्वाद मीठा होता है, शहद की तरह।
  • सब्त की अपेक्षा प्रतिदिन इस्राएली मन्ना बटोरते थे।
  • सब्त के एक दिन पहले परमेश्वर के आदेश के अनुसार इस्राएलियों को दोगुणा मन्ना एकत्र करना होता था कि सब्त के दिन उन्हें परिश्रम न करना पड़े।
  • “मन्ना” शब्द का अर्थ है, “यह क्या है?”
  • बाइबल में मन्ना को “स्वर्ग की रोटी” या “स्वार्गिक अन्न” कहा गया है।

अनुवाद के सुझाव

  • इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “सफेद रूई जैसा पदार्थ” या “स्वार्गिक भोजन”।
  • यह भी ध्यान रखें कि इस शब्द का अनुवाद स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा की बाईबल में कैसे किया गया है। (देखें: अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करें)

(यह भी देखें: रोटी, रेगिस्तान, अन्न, स्वर्ग, सब्त)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H4478, G3131

मसीह में, यीशु में, प्रभु में, उसमें

परिभाषा:

“मसीह में” तथा समानार्थक शब्दों का अर्थ है विश्वास के द्वारा मसीह यीशु में संबन्ध रखना।

  • इसके समानार्थक अन्य शब्द हैं, “मसीह यीशु में, यीशु मसीह में, प्रभु यीशु में, प्रभु यीशु मसीह में”।
  • “मसीह में” इस उक्ति के संभावित अर्थ हैं, “क्योंकि तुम मसीह के हो” या “मसीह के साथ तुम्हारे संबन्ध के द्वारा” या “मसीह में तुम्हारे विश्वास के आधार पर”
  • इन सब उक्तियों के अर्थ हैं, यीशु में विश्वास और उसके शिष्य होने की स्थिति में।
  • ध्यान रखें: कभी-कभी “में” शब्द क्रिया के साथ प्रबल है। उदाहरण, “मसीह में सहभागी” अर्थात मसीह के ज्ञान से जो लाभ प्राप्त होते हैं, उसमें सहभागी होना। “मसीह” में महिमा करना अर्थात आनन्दित होकर परमेश्वर की स्तुति करना कि यीशु क्या है और उसने क्या किया। मसीह में “विश्वास करना” अर्थात उसमें उद्धारक का विश्वास करना और उसे जानना।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार, “मसीह में” और “प्रभु में” (और सम्बन्धित वाक्यांश) अनुवाद करने के विभिन्न तरीके ये हो सकते हैं:
    • “जो मसीह के है”
    • “क्योंकि तुम मसीह में विश्वास करते हो”
    • "क्योंकि मसीह ने हमें बचा लिया"
    • "प्रभु की सेवा में"
    • "प्रभु पर निर्भर"
    • “क्योंकि प्रभु ने जो कुछ किया”
  • जो लोग मसीह में "विश्वास करते हैं" या जो मसीह पर "विश्वास रखते हैं," वे विश्वास करते हैं कि यीशु ने क्या सिखाया है और उन पर विश्वास कर रहे हैं ताकि क्रूस पर उनके बलिदान के कारण उन्हें बचाया जा सके ताकि उनके पापों के लिए दंड का भुगतान किया जा सके। कुछ भाषाओं में एक शब्द हो सकता है जो क्रियाओं का अनुवाद करता है जैसे "विश्वास करना" या "साझा करें" या "विश्वास में"।

(यह भी देखें: मसीह, प्रभु, यीशु, विश्वास, विश्वास)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: G1519, G2962, G5547

मसीह विरोधी,

परिभाषा:

“मसीह विरोधी” शब्द का संदर्भ उस व्यक्ति या शिक्षा से है जो मसीह यीशु और उसके काम के विरूद्ध है। संसार में अनेक मसीह विरोधी हैं।

  • प्रेरित यूहन्ना लिखता है कि यदि कोई यह शिक्षा देकर मनुष्यों को पथ-भ्रष्ट करे कि यीशु मसीह नहीं है या इन्कार करे कि यीशु परमेश्वर एवं मनुष्य दोनों है तो वह मसीह विरोधी है।
  • बाइबल की शिक्षा के अनुसार संसार में मसीह विरोधी की आत्मा सार्वलौकिक है जो यीशु के काम का विरोध करती है।
  • नये नियम की पुस्तक प्रकाशितवाक्य में लिखा हे कि एक पुरूष “मसीह विरोधी” कहलाएगा जो अन्त समय में प्रकट होगा। वह परमेश्वर के लोगों को नष्ट करने का प्रयास करेगा परन्तु वह यीशु द्वारा परास्त किया जाएगा।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द के अनुवाद करने के लिए ऐसे शब्द या उक्तियां हो सकती हैं जिनका अर्थ हो, “मसीह का विरोधी” या “मसीह का बैरी” या “मसीह का विरोध करनेवाला मनुष्य”
  • “मसीह विरोधी की आत्मा” का अनुवाद हो सकता है, “आत्मा जो मसीह के विरुद्ध है”। या “(कोई) मसीह के बारे में झूठी शिक्षा देता है” या “मसीह के बारे में झूठी शिक्षा पर विश्वास करने की प्रवृत्ति” या “बुरी आत्मा जो मसीह के बारे में झूठी शिक्षा देती है।”
  • इस बात का भी ध्यान रखें कि इस शब्द का अनुवाद स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा के बाइबल अनुवाद में कैसा है। (देखें: अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे)

(यह भी देखें: मसीह, प्रकट करना, क्लेश)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: G500

मसीही विश्वासी

परिभाषा

यीशु के स्वर्गारोहण के कुछ समय बाद विश्वासियों को “मसीही” कहा गया जिसका अर्थ है, “मसीह के अनुयायी”

  • अन्ताकिया नगर में यीशु के अनुयायियों को सबसे पहले “मसीही” कहा गया था।
  • मसीही जन वह मनुष्य है जो विश्वास करता है कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है और यीशु में विश्वास करता है कि उसने उसका पाप मोचन किया।
  • आज, हमारे युग में “मसीही” शब्द अधिकतर मसीही धर्म मानने वाले के अर्थात उससे पहचान बनाने वाले के संदर्भ में काम में लिया जाता है चाहे वह व्यक्ति वास्तव में यीशु का अनुसरण नहीं करता हो। बाइबल में "मसीही" शब्द का अर्थ यह नहीं है।
  • क्योंकि बाइबल में “मसीही” शब्द सदैव उस मनुष्य के लिए काम में लिया गया है जो वास्तव में यीशु में विश्वास करता है, मसीही जन को "विश्वासी" भी कहते हैं।

अनुवाद के सुझाव

इस शब्द का अनुवाद “मसीही अनुयायी” या “मसीह का अनुयायी” या संभवतः “मसीह जन” जैसा।

  • सुनिश्चित करें कि इस शब्द का अनुवाद शिष्य और प्रेरित शब्दों के अनुवाद से भिन्न हो।
  • सावधानी-पूर्वक अनुवाद करें कि इस शब्द का अनुवाद यीशु में विश्वास करनेवाले सब जनों के संदर्भ में हो न कि किसी एक समुदाय या वर्ग से हो।
  • यह भी ध्यान रखें कि इस शब्द का अनुवाद स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा में कैसे किया गया है। (देखें: अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे)

(यह भी देखें: अन्ताकिया, मसीह, आराधनालय, चेले, विश्वासी, यीशु, परमेश्वर का पुत्र)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 46:9 और चेलें सब से पहले अन्ताकिया ही में "मसीही" कहलाए।
  • 47:14 पौलुस और अन्य मसीही अगुवों ने अनेक शहरों में यीशु का प्रचार किया और लोगों को परमेश्वर के वचन की शिक्षा दी।
  • 49:15 यदि आप यीशु पर और जो कुछ उसने आपके लिए किया उस पर विश्वास करते हो, तो आप एक मसीही हो!
  • 49:16 यदि तुम एक मसीही हो, तो जो कुछ यीशु ने किया उसके कारण परमेश्वर ने तुम्हारे पाप माफ़ कर दिए हैं।
  • 49:17 यद्यपि आप एक मसीही हैं, फिर भी आप पाप करने की परीक्षा में पड़ेंगे।
  • 50:3 स्वर्ग में वापस जाने से पहले, यीशु ने मसीहों से कहा कि वे उन लोगों को शुभ समाचार सुनाएँ जिन्होंने इसे कभी नहीं सुना।
  • 50:11 जब यीशु वापस आएगा, तो हर मसीही जो मरा गया है वह मृतकों में से जी उठेगा और उससे आकाश में मिलेगा।

शब्द तथ्य

  • स्ट्रोंग्स: G 55460

महामहिमन्

परिभाषा:

“महामहिमन्” शब्द का अर्थ है महानता और ऐश्वर्य विशेष करके राजा के गुणों से सम्बंधित।

  • बाइबल में “महामहिमन्” शब्द अधिकतर परमेश्वर की महानता के लिए काम में लिया गया है क्योंकि वह ब्रह्माण्ड के पर सबसे बड़ा राजा है।
  • “महामहिम” राजा को संबोधित करने की विधि है।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “राजसी महानता” या “राजसी ऐश्वर्य
  • “महामहिमन्” शब्द का अनुवाद हो सकता है, “राजाधिराज” या “परम-श्रेष्ठ” या लक्षित भाषा में शासक को संबोधित करने की कोई स्वाभाविक विधि।

(यह भी देखें: राजा)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H1347, H1348, H1420, H1923, H1926, H1935, H7238, G31680, G31720

महायाजक

परिभाषा:

“महायाजक” शब्द उस विशेष याजक के सन्दर्भ में है जिसकी नियुक्ति सब इस्राएली याजकों के ऊपर एक वर्ष की सेवा के लिए की जाती थी। नए नियम के युग में, कुछ ऐसे याजक भी थे जिनको अत्यधिक महत्त्वपूर्ण यहूदी धर्म गुरु माना जाता था| उन्हें अन्य याजकों और मनुष्यों पर अधिकार होता था| ये प्रधान याजक थे|

  • महायाजक के विशेष उत्तरदायित्व थे। एकमात्र वही था जो वर्ष में एक बार विशेष बलि चढ़ाने के लिए मिलाप वाले तम्बू या मन्दिर के परम-पवित्र स्थान में प्रवेश कर सकता था।
  • इस्राएल में याजक तो अनेक थे परन्तु एक बार में एक ही महायाजक होता था।
  • सेवानिवृत हो जाने के बाद भी महायाजक अपनी उपाधि प्रतिधारित रखता था वरन उसके पास कुछ कर्यकारी उत्तरदायित्व भे होते थे| उदाहरणार्थ, हन्ना कैफा के महायाजक होते हुए भी महायाजक कहलाता था|
  • प्रधान याजकों का उत्तरदायित्व था कि मंदिर में आराधना के लिए सब आवश्यकताओं की पूर्ती करें| वे मंदिर में दिए जाने वाले पैसों के भी प्रभारी थे|
  • प्रधान याजक, पद और अधिकारों में अन्य याजकों से ऊपर थे| उनसे अधिक अधिकार संपन्न केवल महायाजक था|
  • ये प्रधान याजक यीशु के बैरियों में से थे और उन्होंने रोमी अधिकारियों को प्रभावित किया कि उसको बंदी बनाकर मृत्यु दंड दें|

अनुवाद के सुझाव:

  • “महायाजक” का अनुवाद “ सर्वोच्च याजक” या “सबसे बड़ा याजक” किया जा सकता है।
  • "प्रधान याजक" शब्द का अनुवाद हो सकता है: "प्रमुख याजक" या "अगुवे याजक" या "प्रशासनिक याजक"

(यह भी देखें: हन्ना, कैफा, याजक, मन्दिर)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 13:8 __महायाजक__की अपेक्षा परदे के पीछे के कक्ष में कोई भी प्रवेश नहीं कर सकता था क्योंकि वहाँ परमेश्वर का निवास था।
  • 21:7 मसीह जो आएगा वही एकमात्र एक सिद्ध महायाजक होगा जो परमेश्वर के लिए सिद्ध बलि होने के लिए स्वयं को दे देगा।
  • 38:3 यहूदी गुरुओं ने प्रधान याजक के नेतृत्व में यीशु को धोखा देने के लिये यहूदा को तीस चाँदी के सिक्के तोलकर दे दिए |
  • 39:1 तब यीशु के पकड़ने वाले उसको__महायाजक__ के घर ले गए, कि महा याजक यीशु से प्रश्न करे।
  • 39:3 अंत में, महायाजक ने यीशु की ओर सीधा देखकर उससे कहा, “हमें बता कि क्या तू मसीह है, जीवते परमेश्वर का पुत्र?”
  • 44:7 दूसरे दिन ऐसा हुआ कि यहूदी याजक पतरस और यूहन्ना को लेकर महायाजक और अन्य यहूदी अगुओं के पास गए।
  • 45:2 तब धर्मगुरुओं ने स्तिफनुस को पकड़ा और महायाजक तथा यहूदियों के अन्य धर्मगुरुओं के पास ले गए जहां और अधिक झूठे गवाहों ने स्तिफनुस के विषय झूठी बातें कहीं।
  • 46:1 महायाजक ने शाऊल को अनुमति दी कि वह दमिश्क शहर में जाकर वहा के मसीहियों को पकड़कर वापस यरूशलेम ले आए।
  • 48:6 यीशु एक महान महायाजक है, दूसरे याजकों से भिन्न। उसने अपने आप को उस एकलौते बलिदान के रूप में अर्पण किया जो संसार के सब मनुष्य के पापों को उठा कर ले जा सकता है। यीशु एक सिद्ध महायाजक है क्योंकि उस हर एक पाप का दंड भोगा जो कभी किसी ने किया हो।

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H7218, H1419, H3548, G748, G749

महिमा करे, महिमा होती है

परिभाषा:

“महिमा करे” अर्थात किसी वस्तु या मनुष्य की महानता एवं महत्व को दर्शाना। इसका मूल अर्थ है, “महिमान्वित करना”।

  • मनुष्य परमेश्वर के अद्भुत कामों का गुणगान करके उसका महिमा कर सकते हैं।
  • वे परमेश्वर की महिमा भी कर सकते है इस तरीके से जीकर की उसे सम्मान मिले और दिखाते हुए की वह कितना महान और अद्भुत है।
  • बाइबल में लिखा है कि परमेश्वर अपनी महिमा प्रकट करता है तो इसका अर्थ है कि वह मनुष्यों पर अपनी अद्भुत महानता प्रकट करता है, जो प्रायः चमत्कारों द्वारा होती है।
  • पिता परमेश्वर, पुत्र परमेश्वर की महिमा द्वारा पुत्र की सिद्धता, वैभव एवं महानता प्रकट करता है।
  • मसीह में विश्वास करनेवाला प्रत्येक जन उसके साथ महिमा पाएगा। जब जीवन के लिए उनका पुनरुत्थान होगा तब वे उसकी महिमा प्रकाशित करने के लिए रूपान्तरिक हो जाएंगे और संपूर्ण सृष्टि पर उसका अनुग्रह प्रकट होगा।

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “को महिमा देना” या “का महिमान्वन करना” या “महान दिखाई देने का कारण होना”।
  • “परमेश्वर की महिमा करना” इस उक्ति का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर की स्तुति करना” या “परमेश्वर की महानता की चर्चा करना” या “दिखाना कि परमेश्वर कैसा महान है”, या “परमेश्वर को (आज्ञा मानकर)प्रतिष्ठित करना”।
  • शब्द "महिमा हो" का अनुवाद भी किया जा सकता है, "बहुत महान होना दिखाया जाए" या "स्तुति की जाए" या "ऊंचा हो।"

(यह भी देखें: बड़ाई करना, महिमा, आज्ञापालन, स्तुति)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H3513, H6286, G1392, G1740, G4888

महिमा, महिमामय, महिमान्वित करना

परिभाषा:

"महिमा" शब्द अवधारणाओं के पूर्ण कुल के लिए एक सर्वनिष्ठ शब्द है अर्थात,मान,महत्त्व, प्रतिष्ठा,सम्मान,वैभव या गौरव आदि के लिए| "महिमा" शब्द का अर्थ है, किसी मनुष्य या वस्तु को महिमा का श्रेय देना या प्रकट करना या वर्णन करना कि कोई वस्तु या मनुष्य कैसा वैभवशाली है।

  • बाईबल में, "महिमा" शब्द विशेष करके परमेश्वर के वर्णन हेतु काम में लिया गया है क्योंकि वह सम्पूर्ण ब्रहमांड में सबसे अधिक माननीय, अधिक योग्य, अधिक महत्वपूर्ण, अधिक सम्मानित, अधिक वैभवशाली, अधिक गौरवशाली है| उसके गुणों की हर एक बात उसकी महिमा का वर्णन करती है|
  • मनुष्य उसके द्वारा किए गए अद्भुत कामों का वर्णन करके उसकी महिमा कर सकते हैं| वे परमेश्वर के गुणों के अनुरूप जीवन निर्वाह करके परमेश्वर की महिमा कर सकते हैं क्योंकि ऐसा करने से अन्य मनुष्यों पर उसका मान, सम्मान, महत्त्व, प्रतिष्ठा, वैभव और महातम्य प्रकट होता है|
  • यह अभिव्यक्ति "में महिमान्वन" का अर्थ है, डींग मारना या किसी बात पर घमंड करना| कि कुछ के बारे में घमण्ड करना या गर्व करना

पुराना नियम

  • पुराने नियम में यह विशिष्ट उक्ति, "यहोवा का तेज" प्रायः किसी स्थान विशेष में यहोवा के दृष्टिगम्य प्रकटीकरण के सन्दर्भ में है|

नया नियम

  • पिता परमेश्वर पुत्र परमेश्वर के महिमान्वन में सब लोगों पर प्रकट करेगा कि यीशु कैसा महिमामय है|
  • वह हर एक जन जो मसीह में विश्वास करता है, उसके साथ महिमान्वित किया जाएगा| यहाँ "महिमान्वन" शब्द का अर्थ अद्वैत है| इसका अर्थ है कि जब मसीह में विश्वास करने वाले पुनर्जीवित किए जाएंगे तब उनका शरीर बदल कर यीशु के उस शरीर के सामान हो जाएगा जो पुनरुत्थान के बाद उसका था|

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार, “महिमा” के अन्य अनुवाद रूप हो सकते हैं, “वैभव” या “तेज” या “प्रताप” या “महातम्य” या “परम मूल्य”
  • “महिमामय” का अनुवाद “महिमा से पूर्ण” या “अत्यधिक मूल्यवान” या “तीव्र प्रकाशमान” या “भयानक वैभव” किया जा सकता है।
  • "परमेश्वर की महिमा करो", इस अभिव्यक्ति का अनुवाद हो सकता है, "परमेश्वर की महानता का सम्मान करो" या "परमेश्वर के वैभव के कारण उसकी स्तुति करो" या "दूसरों को बताओं कि परमेश्वर कैसा महान है।"
  • इस अभिव्यक्ति " में महिमा" का अनुवाद हो सकता है, "स्तुति" या "में गर्व करना" या "घमण्ड करना" या "में प्रसन्न होना।"
  • "महिमान्वन करना" का अनुवाद हो सकता है, "महिमा का कारण हो" या "महिमा प्रकट करो" या "महान प्रकट होने का कारण उत्पन्न करो"
  • यह अभिव्यक्ति, "परमेश्वर का महिमान्वन करो"; इसका अनुवाद हो सकता है, "परमेश्वर की स्तुति करो" या "परमेश्वर की महानता का वर्णन करो" या "प्रकट करो कि परमेश्वर कैसा महान है" या "(आज्ञापालन द्वारा) परमेश्वर का सम्मान करो"
  • "महिमान्वित हो" का अनुवाद हो सकता है, "महामहिम दिखाए जाओ" या "स्तुति योग्य हो" या "प्रतिष्ठित हो"

(यह भी देखें: सम्मान, वैभवmajesty, प्रतिष्ठा करना, आज्ञापालन, स्तुति करना)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 23:7 तब एकाएक स्वर्गदूतों का दल परमेश्वर की स्तुति करते हुए और यह कहते हुए दिखाई दिया, “आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है, शान्ति हो ।”
  • 25:6 फिर शैतान ने यीशु को जगत के सारे राज्य और उसका वैभव दिखाकर उससे कहा, “यदि तू गिरकर मुझे प्रणाम करे, तो मैं यह सब कुछ तुझे दे दूँगा।”
  • 37:1 यह सुनकर यीशु ने कहा, “यह बीमारी मृत्यु की नहीं; परन्तु परमेश्वर की महिमा के लिये है।
  • 37:8 यीशु ने जवाब दिया , “क्या मैं ने तुझ से नहीं कहा था कि यदि तू मुझ पर विश्वास करेगी, तो परमेश्वर की महिमा को देखेगी?”

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H117, H142, H155, H215, H1342, H1921, H1926, H1935, H1984, H3367, H3513, H3519, H3520, H6286, H6643, H7623, H8597,

G13910, G13920, G17400, G17410, G27440, G48880


मान लेना, अंगीकार

परिभाषा:

अंगीकार करने का अर्थ है स्वीकार करना या बलपूर्वक कहना कि कोई बात सच है। “अंगीकार” एक अभिकथन या स्वीकरण है कि कोई बात सच है

  • “अंगीकार” का संदर्भ परमेश्वर के बारे में सत्य का निर्भीकतापूर्वक वर्णन करने से है. इसका संदर्भ अपने पाप मान लेने से भी है.
  • बाइबल में लिखा है कि यदि मनुष्य परमेश्वर के समक्ष अपने पापों का अंगीकार करें तो परमेश्वर उन्हें क्षमा कर देगा.
  • प्रेरित याकूब अपने पत्र में लिखता है कि विश्वासी एक दूसरे के सामने अपने पापों को मान लें तो इससे आत्मिक चंगाई मिलती है.
  • प्रेरित पौलुस ने फिलिप्पी की कलीसिया को पत्र लिखा कि एक दिन हर एक जन अंगीकार करेगा या घोषणा करेगा कि यीशु प्रभु है.
  • पौलुस ने यह भी कहा है कि मनुष्य यदि यीशु को प्रभु कहकर अंगीकार करें और विश्वास करें कि परमेश्वर ने उसे मरे हुओं में से जिलाया तो वे उद्धार पाएंगे.

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार “अंगीकार” (मान लें) का अनुवाद हो सकता है, “स्वीकार करना” या “गवाही देना” या “घोषणा करना” या “स्वीकार करना” या “पुष्टि करना|”
  • “अंगीकार” के अनुवाद के अन्य रूप हो सकते हैं, “घोषणा”, या “गवाही” या “अपने विश्वास का अभिकथन” या “पाप स्वीकरण”

(यह भी देखें: विश्वास, साक्षी)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H3034, H8426, G18430, G36700, G36710

माँस,देह

परिभाषा:

बाइबल में “माँस” शब्द का सन्दर्भ, मनुष्य या पशु के कोमल उत्तकों से है।

  • बाइबल में “देह” शब्द लाक्षणिक भाषा में भी काम में लिया गया है जो सम्पूर्ण मानव जाति या सब प्राणियों के सन्दर्भ में है|
  • नये नियम में “देह” शब्द मनुष्यों के पापी स्वभाव के सन्दर्भ में काम में लिया गया है। इसका उपयोग प्रायः मनुष्य के आत्मिक स्वभाव की विषमता में किया गया है|
  • “अपना माँस और लहू” किसी के साथ जीव संबन्ध का संदर्भ देता है जैसे माता-पिता, भाई-बहन, सन्तान, नाती-पोते आदि।
  • "मांस और लहू", इस अभिव्यक्ति का संदर्भ पूर्वजों या वंशजो से भी है।
  • “एक देह” अर्थात विवाहित संबन्ध में स्त्री-पुरुष का एक होना।

अनुवाद के सुझाव:

  • पशु के शरीर के संदर्भ में "देह" का अनुवाद हो सकता है, “देह” या “त्वचा” या “माँस”
  • जब सब प्राणियों के संदर्भ में काम में लिया जाए तो इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “जीवित प्राणी” या “सब जीवित वस्तुएं”।
  • जब मनुष्यों के लिए सामान्य उपयोग किया जाए तो इसका अनुवाद हो सकता है, “मनुष्य” या “मानव जाति” या “सब जीवित लोग”
  • “माँस और लहू” का अनुवाद हो सकता है “परिजन” या “परिवार” या “संबन्धी” या “पारिवारिक कुल”। कुछ संदर्भों में इस शब्द का अर्थ, "पूर्वजों" या “वंशजों” भी हो सकता है।
  • कुछ भाषाओं में ऎसी अभिव्यक्ति हो सकती है जो "माँस और लहू" की समानार्थक हो।
  • इस अभिव्यक्ति "एक देह होंगे" का अनुवाद हो सकता है, "यौन एकता" या "एक शरीर स्वरुप होना" या "शरीर और आत्मा में ऐसे हो जाना जैसे एक मनुष्य हों|" इस अभिव्यक्ति का अनुवाद जांच कर सुनिश्चित किया जाना है कि वह परियोजना की भाषा और संस्कृति में स्वीकार्य है। (देखें: व्यंजना). यह भी समझना आवश्यक है कि यह लाक्षणिक भाषा है | इसका अर्थ यह नहीं है कि पुरुष और स्त्री जो "एक देह होंगे", वे वास्तव में एक मनुष्य बन जाएंगे।

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0829, H1320, H1321, H2878, H3894, H4207, H7607, H7683, G29070, G45590, G45600, G45610

मूर्ख, मूढ, मूर्खता

परिभाषा:

“मूढ़” शब्द उस मनुष्य के सन्दर्भ में है जो प्रायः अनुचित चुनाव करता है, विशेष करके आज्ञा न मानने का चुनाव करना| "मूर्ख" शब्द उस मनुष्य का या आचरण का वर्णन करता है जो बुद्धीमानी का नहीं है|

  • बाइबल में मूढ़/मूर्ख शब्द उस मनुष्य के लिए काम में लिया गया है जो परमेश्वर को नहीं मानता या उसकी आज्ञा नहीं मानता है इसकी विषमता में उस मनुष्य को दर्शाया गया है जो बुद्धीमान है अर्थात, जो परमेश्वर पर भरोसा रखता है और उसकी आज्ञाओं को मानता है|
  • भजनों में दाऊद मूर्ख को ऐसा मनुष्य कहता है जो परमेश्वर में विश्वास नहीं करता है। वह परमेश्वर की सृष्टि में, परमेश्वर के अस्तित्व के सब प्रमाणों को अनदेखा करता है।
  • पुराने नियम की पुस्तक, नीतिवचन में भी अनेक वर्णन हैं कि मूर्ख या मूढ़ मनुष्य कैसा होता है।
  • “मूर्खता” शब्द उस कार्य के सन्दर्भ में है जो बुद्धीमानी का नहीं है क्योंकि वह परमेश्वर की इच्छा के विरुद्ध है| "मूर्खता" का अर्थ प्रायः ऎसी बात से सम्बंधित होता है जो हास्यजनक या जोखिमभरी होती है|

अनुवाद के सुझाव:

  • “मूर्खता” का अनुवाद “मूर्ख मनुष्य” या “निर्बुद्धि मनुष्य” या “मन्द बुद्धि मनुष्य” या “अभक्त मनुष्य” किया जा सकता है।
  • “मूर्ख” के अनुवाद रूप हैं, “समझ में कम” या “निर्बुद्धि” या “मन्द बुद्धि”।

(यह भी देखें: बुद्धिमान)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0191, H0196, H0200, H1198, H1984, H2973, H3684, H3687, H3688, H3689, H3690, H5014, H5034, H5036, H5039, H5528, H5529, H5530, H5531, H6612, H8417, H8602, H8604, G04530, G04540, G07810, G08010, G08770, G08780, G27570, G31500, G31540, G34710, G34720, G34730, G34740, G39120

मेमना, परमेश्‍वर का मेमना

परिभाषा:

“मेमना” इस शब्द का सन्दर्भ भेड़ के बच्चे से है। भेड़ चौपाया पशु होता है जिसके घने ऊन जैसे बाल होते हैं, परमेश्वर के लिए उसकी बलि चढ़ाई जाती थी। यीशु को “परमेश्वर का मेमना” कहा गया है क्योंकि मनुष्यों के पापों का मोल चुकाने के लिए उसकी दी गई थी।

  • इन पशुओं का कोई भी आसानी से भटका सकता था इस कारण उनको सुरक्षा की आवश्यकता होती थी| परमेश्वर मनुष्यों की तुलना भेड़ों से करता है।
  • परमेश्वर के निर्देशानुसार उसे भेंट चढ़ाने के लिए भेड़ या मेमने को शारीरिक रूप से निष्कलंक होना था।
  • यीशु को परमेश्वर का मेम्ना कहा गया है, क्योंकि वह मनुष्यों के पापों के लिए बलि चढ़ाया गया था। वह एक सिद्ध निष्कलंक बलिदान था क्योंकि वह पाप से मुक्त था।

अनुवाद के सुझाव:

  • यदि लक्षित भाषा में भेड़ परिचित शब्द है तो उसके बच्चे का नाम के स्थान में अनुवाद किया जाए जैसे “मेम्ना” या “परमेश्वर का मेम्ना”।
  • "परमेश्‍वर का मेमना" का अनुवाद "परमेश्वर का (बलि)मेम्‍ना" या "मेम्ना, परमेश्वर के लिए बलि चढ़ाया गया" या " परमेश्वर की ओर से (बलिदान का)मेम्ना" के रूप में किया जा सकता है।
  • यदि लक्षित भाषा में भेड़ परिचित शब्द नहीं है तो इस शब्द का अनुवाद "एक भेड़ का बच्चा" किया जा सकता है और पाद टिप्पणी में वर्णन किया जाए कि भेड़ क्या होती है। टिप्पणी में भेड़ और भेड़ के बच्चों की तुलना उस क्षेत्र के किसी पशु से की जा सकती है जो झुंड में रहता है, जो भीरू और अरक्षित होता है, और वह प्रायः भटक जाता है।
  • यह भी ध्यान रखें कि इस शब्द का अनुवाद निकटवर्ती स्थानीय भाषा में या राष्ट्रीय भाषा में कैसे किया गया है।

(देखें: अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे)

(यह भी देखें: भेड़, चरवाहा)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • __5:7__जब अब्राहम और इसहाक बलिदान की जगह की ओर जा रहे थे, इसहाक ने पूछा, " हे मेरे पिता, देख, आग और लकड़ी तो हैं; पर होमबलि के लिए मेमना कहाँ है?"
  • 11:2 परमेश्वर ने उस में विश्वास करने वाले मनुष्य के पहिलौठे पुत्र को बचाने का मार्ग उपलब्ध करा दिया है। हर परिवार को एक सिद्ध मेमना या बकरे का चयन करके उसका वद्ध करना होगा।
  • 24:6 अगले दिन, यीशु यूहन्ना के पास उससे बपतिस्मा लेने को आया | जब यूहन्ना ने उसे देखा, तो कहा, “देखो ! परमेश्वर का मेमना जो संसार के पापों को उठा ले जाता है।”
  • 45:8 उसने पढ़ा, “वे उसको वध किए जाने वाले मेम्ने के समान ले गए और जैसे __मेमना__मूक बना रहता है, उसने एक भी शब्द नहीं कहा।
  • 48:8 जब परमेश्वर ने अब्राहम से उसके पुत्र इसहाक की बलि माँगी थी तब परमेश्वर ने उसके पुत्र के स्थान में बलि चढ़ाने के लिए एक मेमने का प्रबंध कर दिया था। हम सब मनुष्य अपने पापों के कारण मृत्युदंड के योग्य हैं! परन्तु परमेश्वर ने यीशु को जो परमेश्वर का मेमना,दे दिया कि वह हमारे स्थान में बलि होकर मर जाए ।
  • 48:9 जब परमेश्वर ने मिस्र पर अंतिम विपत्ति भेजी थी, उसने हर एक इस्राएली परिवार से कहा था कि वह एक सिद्ध मेमने का वध करे और उसके लहू को अपने द्वार की चौखटों पर लगाए।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H7716, G07210 , G23160

मेल करना, मेल-मिलाप, मेल मिलाप कर लिया, मिलाप

परिभाषा:

“मेल करना” और “मेल मिलाप” का संदर्भ “शान्ति बनाना” से है, उनके मध्य जो पहले एक दूसरे के शत्रु थे। "मिलाप" शांति बनाने का कार्य है

  • बाइबल में यह शब्द प्रायः परमेश्वर के संदर्भ में है कि वह मनुष्यों के साथ मेल करता है जो मसीह यीशु उसके पुत्र के बलिदान के द्वारा है।
  • पाप के कारण सब मनुष्य परमेश्वर के बैरी हैं। परन्तु उसकी करूणा प्रेम के कारण, परमेश्वर ने यीशु के द्वारा उसके साथ मेल करने का मार्ग बनाया है।
  • पापों का मूल्य चुकाने के लिए यीशु के बलिदान में विश्वास करके मनुष्य क्षमा किए जाते हैं और परमेश्वर के साथ उनका मेल होता है।

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • शब्द "मेल करना" का अनुवाद "शांति बनाने" या "अच्छे संबंधों को पुनर्स्थापित" या "मित्र बनने के लिए" के रूप में किया जा सकता है।
  • “मेल-मिलाप” का अनुवाद “अच्छे संबन्धों को रचना” या “शान्ति बनाना” या “शान्तिदायक संबन्ध उत्पन्न करना” के रूप में किया जा सकता है।

(यह भी देखें: शान्ति, बलिदान)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H2398 , H3722 , G604 , G1259 , G2433 , G2643, G2644

यहूदियों का राजा

परिभाषा:

  • “यहूदियों का राजा” यीशु मसीह का पदनाम है।
  • पहली बार बाइबल में यह पदनाम उस समय आया है जब बैतलहम आनेवाले ज्योतिषी “यहूदियों का राजा” होने वाले शिशु को खोज रहे थे।
  • स्वर्गदूत ने मरियम से कहा था कि उसका पुत्र, राजा दाऊद का वंशज एक राजा होगा जिसका राज्य सदाकालीन होगा।
  • यीशु के क्रूसीकरण से पूर्व रोमी सैनिकों ने ठट्ठा करके यीशु को “यहूदियों का राजा” कहा था। यह पदनाम एक तख्ती पर लिखकर यीशु के क्रूस पर भी लगाया गया था।
  • यीशु वास्तव में यहूदियों का राजा और संपूर्ण सृष्टि का राजा है।

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • “यहूदियों का राजा” का अनुवाद हो सकता है, “यहूदियों पर राजा” या “यहूदियों पर राज करने वाला राजा” या “यहूदियों का परम प्रधान शासक”
  • देखें कि “का राजा” अन्य स्थानों में किस प्रकार अनुवाद किया गया है।

(यह भी देखें: वंशज, यहूदी, यीशु, राजा, राज्य, परमेश्वर का राज्य, ज्योतिषी)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 23:9 कुछ समय बाद ज्योतिषियों ने पूर्व में एक तारा देखा। इससे उन्होंने जाना कि, __यहूदियों के राजा__का जन हुआ है।
  • 39:9 पिलातुस ने यीशु से पूछा, “ क्या तू यहूदियों का राजा है?”
  • 39:12 रोमन सैनिकों ने यीशु को कोड़े मारे, और शाही बागा पहनाकर काँटों का मुकुट उसके सिर पर रखा। तब उन्होंने यह कहकर यीशु का मज़ाक उड़ाया “यहूदियों का राजा देखो”।
  • 40:2 पिलातुस ने आज्ञा दी कि यीशु के सिर के ऊपर क्रूस पर यह लिख कर लगा दिया जाए कि, “यह यहूदियों का राजा है।”

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: G09350, G24530

यहूदी, यहूदियों का, यहूदियों

तथ्य:

यहूदी वे लोग है जो अब्राहम के पोते याकूब के वंशज थे। “यहूदी” शब्द “यहूदा” से आया था।

लोग इस्राएलियों को यहूदी तब कहने लगे जब वे बेबीलोन से यहूदा देश लौट आएँ थे।

  • मसीह यीशु यहूदी था। परन्तु यहूदी धर्म के अगुओं ने यीशु का इन्कार किया और उसको मार डालने की मांग की।
  • “यहूदी शब्द प्रायः यहूदियों के अगुओं के संदर्भ में लिया जाता था, सब यहूदियों के लिए नहीं। इन संदर्भों में कुछ अनुवादों में “के अगुवे” जोड़ा जाता है कि अर्थ स्पष्ट व्यक्त हो।

(यह भी देखें: अब्राहम, याकूब, इस्राएल, बाबेल, यहूदी अगुवे)

बाइबल संदर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 20:11 इस्राएलियों को अब यहूदी कहा जाता था और उनमें से अधिकतर लोगों ने अपना पूरा जीवन बेबीलोन में व्यतीत किया था।
  • 20:12 अत: सत्तर वर्ष तक निर्वासन के बाद, यहूदियों का एक छोटा समूह यरूशलेम को वापस लौट आया।
  • 37:10 अनेक यहूदी उसका यह काम देखकर, उस पर विश्वास किया।
  • 37:11 परन्तु यहूदियों के धार्मिक गुरु यीशु से ईर्षा रखते थे, इसलिये उन्होंने आपस में मिलकर योजना बनाना चाहा कि कैसे वह यीशु और लाजर को मरवा सके।
  • 40:02 पिलातुस ने आज्ञा दी कि यीशु के सिर के ऊपर क्रूस पर यह लिख कर लगा दिया जाए कि, “यह यहूदियों का राजा है।”
  • __46:06__तुरन्त ही, शाऊल दमिश्क के यहूदियों से प्रचार करने लगा कि, "यीशु परमेश्वर का पुत्र है!"

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H3054, H3061, H3062, H3064, H3066, G2450, G2451, G2452, G2453, G2454

यहोवा

तथ्य:

“यहोवा” परमेश्वर का नाम है, उसने उस जलती हुई झाड़ी पर मूसा को यह नाम बताया था

  • “यहोवा” नाम उस शब्द से आता है जिसका अर्थ है “होना” या “अस्तित्व में है।”
  • “यहोवा” के संभावित अर्थ हो सकते हैं, “वह है” या “मैं हूँ” या “वह जो होता है”।
  • इन नाम का अर्थ है परमेश्वर सदा से जीवित है और रहेगा। इसका अर्थ सदा उपस्थित भी है।
  • निम्नलिखित परंपरा, कई बाइबल संस्करण शब्द "प्रभु" को दर्शाने के लिए "यहोवा" उपयोग किया है। यह परंपरा इस तथ्य से हुई है कि ऐतिहासिक रूप से, यहूदी लोग डरते हैं कि यहोवा का नाम का उच्चारण गलत ढंग से न हो इसलिए जहाँ भी पाठ में यहोवा आया वहां वे प्रभु कहने लगे। आधुनिक बाइबल "प्रभु"(लार्ड) को अंग्रेजी में बड़े अक्षरों में लिखा जाता है कि परमेश्वर के नाम का सम्मान हो।
  • यू.एल.बी. और यू.डी.बी. परमेश्वर के नाम को “यहोवा” ही लिखते हैं जैसा इब्रानी भाषा के पुराने नियम में है।
  • नये नियम में “यहोवा” नाम का उपयोग नहीं किया गया है; केवल “प्रभु” के लिए यूनानी शब्द का प्रयोग किया जाता है, यहाँ तक कि पुराने नियम के उद्धरण में भी।
  • पुराने नियम में जब परमेश्वर स्वयं के बारे में कहता है तब वह सर्वनाम के स्थान में अपना नाम लेता है।
  • सर्वनाम “मैं” और “मुझ” के द्वारा यू.एल.बी. पाठकों के लिए स्पष्ट करती है कि कहनेवाला परमेश्वर ही है।

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • “यहोवा” शब्द के स्थान में “मैं हूँ” या “जीवित प्रभु” या “अस्तित्ववान” या “वह जो जीवित है” काम में लिया जा सकता है।
  • यह शब्द इस प्रकार लिखा जाए जो “यहोवा” शब्द की वर्तनी के सदृश्य दिखाई दे।
  • कुछ कलीसिया के संप्रदायों में "यहोवा" शब्द का प्रयोग करना पसंद नहीं करते हैं और बदले में पारंपरिक प्रतिपादन "प्रभु"(लार्ड को अंग्रेजी में बड़े अक्षरों में) का प्रयोग करते हैं। एक महत्वपूर्ण विचार यह है कि यह भ्रामक हो सकता है जब बड़े पैमाने पर पढ़ा जा सकता है क्योंकि यह शीर्षक "प्रभु" के समान होगा। कुछ भाषाओँ में प्रत्यय या व्याकरणिक निशान जोड़े जा सकते है जो अंतर करता है “प्रभु” (लार्ड को अंग्रेजी में बड़े अक्षरों में)को नाम के तौर पर (यहोवा) और “प्रभु” को शीर्षक के तौर पर।
  • यदि संभव हो तो उचित यही होगा कि जहां-जहां यहोवा का नाम आता है उसे ज्यों का त्यों ही रखें परन्तु कुछ अनुवादों में केवल सर्वनाम का ही उपयोग किया गया है कि पाठ को अधिक स्पष्ट एवं सहज बनाया जाए।
  • कुछ इस तरह से उद्धरण लिखें, "यहोवा यूं कहता है।"

(अनुवाद के सुझाव नामों का अनुवाद कैसे करें)

(यह भी देखें: परमेश्वर, प्रभु, प्रभु, मूसा, प्रकट करना)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 09:14 परमेश्वर ने मूसा से कहा मैं जो हूँ सो हूँ। उनसे कहना “जिसका नाम मैं हूँ है उसी ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है।” “सदा तक मेरा नाम यही रहेगा।”
  • 13:04 परमेश्वर ने उन्हें वाचा दी और कहा, "मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ, जो तुझे दासत्व के घर अथार्त् मिस्र देश से निकाल लाया है। तू मुझे छोड़ दूसरों को ईश्वर करके न मानना।”
  • 13:05 “तू अपने लिये कोई मूर्ति खोदकर न बनाना, न किसी की प्रतिमा बनाना, तू उनकी उपासना न करना क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा जलन रखने वाला परमेश्वर हूँ।"
  • 16:01 इस्राएलियों ने यहोवा जो सच्चा परमेश्वर है उसके स्थान पर, कनानियो के देवता की उपासना करना आरम्भ किया।
  • 19:10 फिर एलिय्याह ने प्रार्थना की, “हे अब्राहम, इसहाक और इस्राएल के परमेश्‍वर __ यहोवा!__ आज यह प्रगट कर कि इस्राएल में तू ही परमेश्‍वर है, और मैं तेरा दास हूँ,

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H3050, H3068, H3069

याजक, याजकों, याजकवृति

परिभाषा:

बाइबल में याजक परमेश्वर की प्रजा की ओर से परमेश्वर के लिए चढ़ावे चढ़ाने के लिए चुना गया मनुष्य। “याजकवृति” उसके पद भार या उसकी सेवावृत्ति का नाम है।

  • पुराने नियम में परमेश्वर ने हारून और उसके वंश को इस्राएल के लिए याजक होने हेतु चुना था।
  • “याजक पद” एक अधिकार एवं उत्तरदायित्व था जो लेवियों के गोत्र में पिता से पुत्र को प्राप्त होता था।
  • इस्राएल के याजकों का उत्तरदायित्व था कि वे मनुष्यों द्वारा लाए गए बलिदान परमेश्वर को चढ़ाएँ , इसके साथ मन्दिर के अन्य कार्य भी उनके उत्तरदायित्व में थे।
  • याजक परमेश्वर की प्रज़ा की और से परमेश्वर को नियमित प्रार्थनाएं चढ़ाते थे तथा अन्य धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा करते थे।
  • याजक मनुष्यों को विधिवत आशीर्वाद भी देते थे और उन्हें परमेश्वर की व्यवस्था के बारे में सिखाते थे।
  • यीशु के युग में याजकों के अलग-अलग स्तर थे जिनमें प्रधान याजक और महायाजक भी थे।
  • यीशु हमारा “बड़ा महायाजक” है जो परमेश्वर की उपस्थिति में हमारे लिए विनती करता है। उसने स्वयं को पाप की अन्तिम बलि करके चढ़ा दिया। इसका अर्थ है कि याजकों द्वारा चढ़ाए गए बलिदानों की अब आवश्यकता नहीं है।
  • नये नियम में यीशु का प्रत्येक विश्वासी “याजक” कहा गया है, वह स्वयं के लिए और मनुष्यों के लिए विनती करने के लिए सीधा परमेश्वर के पास आ सकता है।
  • प्राचीन युग में अन्यजातियों के भी पुजारी थे जो झूठे देवता को बलि चढाते थे, जैसे बाल देवता को।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार “याजक” का अनुवाद “बलि चढ़ानेवाला व्यक्ति” या “परमेश्वर का मध्यस्थ” या “बलि चढ़ानेवाला मध्यस्थ” या “परमेश्वर द्वारा उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त मनुष्य”।
  • “याजक” का अनुवाद “मध्यस्थ” के अनुवाद से भिन्न होना है।
  • कुछ अनुवादों में अधिक उचित माना जाता है कि सदैव इस प्रकार कहा जाए: “इस्राएली याजक” या “यहूदी याजक” या “यहोवा का याजक” या “बाल पुजारी” जिससे कि सुनिश्चित किया जाए कि वे आज के पुजारियों के समान नहीं थे।
  • “याजक” शब्द का अनुवाद करने के लिए प्रयुक्त शब्द “प्रधान याजक” और “महायाजक” और “लेवीय” और “भविष्यद्वक्ता” के अनुवादित शब्दों से भिन्न होना चाहिए।

(यह भी देखें: हारून, प्रधान याजक, महायाजक, मध्यस्थ, बलिदान)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 4:7 "मलिकिसिदक, __परमप्रधान परमेश्वर के __ याजक "
  • 13:9 जो परमेश्वर के नियमों का उल्लंघन करता है, वह मिलापवाले तम्बू के सामने वेदी पर परमेश्वर के लिये पशु का बलिदान चढ़ाएगा | याजक पशु को मारकर उसे वेदी पर जलाएगा | उस पशु का लहू जिसका बलिदान चढ़ाया गया है, परमेश्वर की दृष्टी में पापी मनुष्य के सभी अपराधों को ढांक देगा और उस मनुष्य को परमेश्वर की दृष्टि में शुद्ध ठहराएगा | परमेश्वर ने मूसा के भाई हारून और हारून के वंश को याजक पद के लिये चुना |
  • 19:7 तब बाल के याजकों ने उस बछड़े को जो उन्हें दिया गया था, लेकर बलिदान के लिए तैयार किया, परन्तु उमसे आग न लगाई
  • 21:7 इस्राएली याजक वह है जो लोगों के पापों के दंड के प्रतिस्थापन में परमेश्वर के लिए बलि चढ़ाता है | याजक परमेश्वर से लोगों के लिए प्रार्थना भी करते थे |

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H3547, H3548, H3549, H3550, G748, G749, G2405, G2406, G2407, G2409, G2420

यीशु, यीशु ख्रीस्त, मसीह यीशु

तथ्य:

यीशु परमेश्वर का पुत्र है। “यीशु” नाम का अर्थ है, “यहोवा बचाता है” “ख्रीस्त” एक उपनाम है जिसका अर्थ है, “अभिषिक्त जन” इसका दूसरा शब्द है, “मसीह”

  • ये दोनों नाम प्रायः साथ-साथ रखे गए हैं, “मसीह यीशु” या “यीशु ख्रीस्त”। इन नामों द्वारा बल दिया गया है कि परमेश्वर का पुत्र मसीह है जो मनुष्यों को पापों के अनन्त दण्ड से बचाने आया था।
  • पवित्र आत्मा ने चमत्कारी रूप से परमेश्वर के शाश्वत पुत्र को मनुष्यों में जन्माया| उसकी माता को स्वर्गदूत ने निर्देश दिया था कि उसका नाम "यीशु" रखे क्योंकि वह मनुष्यों को पापों से बचाने के लिए नियत था|
  • यीशु ने अनेक चमत्कार किए जिनसे प्रकट हुआ कि वह परमेश्वर है और ख्रीस्त है और मसीह है|

अनुवाद के सुझाव:

  • अनेक भाषाओं में “यीशु” और “मसीह” शब्दों को इस प्रकार लिखा जाता है कि उनका उच्चारण और वर्तनी मूल भाषा के यथासंभव निकट रखी जाए| उदाहरणार्थ, "यीसुख्रीस्तो", "जीज़स ख्रीस्तुस", "येसूस क्रिसतुस" और "हेसुक्रिस्तो|' ये कुछ विधियां हैं जो विभिन्न भाषाओं में यीशु के नाम के अनुवाद के लिए काम में ली जाती हैं|
  • “ख्रीस्त” शब्द के लिए कुछ अनुवाद सर्वत्र “मसीह” शब्द या उसके रूप काम में लाते हैं।
  • स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा में भी इन शब्दों की वर्तनी पर ध्यान दें।

(अनुवाद के सुझाव: नामों का अनुवाद कैसे करें)

(यह भी देखें: मसीह, परमेश्वर, पिता परमेश्वर, महायाजक, परमेश्वर का राज्य, मरियम, उद्धारकर्ता, परमेश्वर का पुत्र)

बाइबल संदर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 22:4 स्वर्गदूत ने उससे कहा, “तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्पन्न होगा। तू उसका नाम यीशु रखना और वह मसीहा होगा।”
  • 23:2 "तू उसका नाम यीशु रखना (जिसका अर्थ है, 'यहोवा बचाता है' )क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा।"
  • 24:7 तो यहून्ना ने उनको (यीशु) बपतिस्मा दिया,यद्यपि यीशु ने कभी पाप नहीं किया था।
  • 24:9 केवल एक ही परमेश्वर है। परन्तु जब यूहन्ना ने यीशु को बपतिस्मा दिया, पिता परमेश्वर को कहते सुना, और पुत्र यीशु को और पवित्र आत्मा को भी देखा।
  • __25:8__यीशु शैतान के लालच में नहीं आया, तब शैतान उसके पास से चला गया,
  • 26:8 फिर यीशु गलील के पूरे क्षेत्र में होकर फिरने लगा, और बड़ी भीड़ उसके पास आई। वह यीशु के पास बहुत से लोगों को लाए जो अनेक बीमारियों से पीड़ित थे, उनमें विकलांग थे, और वे लोग थे, जो देख नहीं सकते, चल नहीं सकते, सुन नहीं सकते थे जो बोल नहीं सकते और इन सभी को यीशु ने चंगा किया।
  • 31:3 यीशु ने अपनी प्रार्थना समाप्त की और वह चेलों के पास चला गया। वह झील पर चलते हुए उनकी नाव की ओर आया।
  • 38:2 वह(यहूदा) जानता था कि यहूदी गुरुओं ने यीशु को मसीहा होने से अस्वीकार कर दिया था और वे उसे मरवा डालने की योजना बना रहे थे।
  • 40:8 अपनी मृत्यु के द्वारा__ यीशु__ ने लोगों के लिये परमेश्वर के पास आने का रास्ता खोल दिया।
  • 42:11 ” प्रभु__ यीशु__ स्वर्ग पर उठा लिया गया और एक बादल ने उसे उनकी आँखों से छिपा लिया। यीशु सब बातो पर शासन करने के लिए परमेश्वर की दाहिनी ओर बैठ गया।
  • 50:17 यीशु और उसके लोग नई पृथ्वी पर रहेंगे, और यहाँ जो कुछ भी पाया जाता है उसपर हमेशा राज्य करेंगे। वह हर आँसू पोंछ देगा और फिर वहाँ कोई दुख, उदासी, रोना, बुराई, दर्द, या मृत्यु नहीं होगी। यीशु अपने राज्य पर शान्ति व न्याय के साथ शासन करेगा, और वह हमेशा अपने लोगों के साथ रहेगा।

शब्द तथ्य:

  • Strong's: G24240, G55470

योग्य, मूल्यवान, अयोग्य, निकम्मा

परिभाषा:

“योग्य” शब्द किसी ऐसे व्यक्ति या वस्तु का वर्णन करता है जो सम्मान या आदर के योग्य है। “मूल्य” अर्थात कीमती या महत्वपूर्ण होना “निकम्मा” अर्थात किसी काम का नहीं

  • “योग्य” अर्थात काम का या महत्वपूर्ण होने से संबंधित है
  • “अयोग्य” अर्थात विशेष काम के योग्य नहीं होना
  • योग्य प्रतीत न होना अर्थात किसी की तुलना में कम महत्व का होना या सम्मान एवं दया के व्यवहार के योग्य न होना।
  • “अयोग्य” और “निकम्मा” संबन्धित शब्द हैं परन्तु इनके अर्थ अलग-अलग हैं। अयोग्य अर्थात सम्मान या मान के योग्य नहीं । “निकम्मा” होने का अर्थ है किसी उद्देश्य या मूल्य का न होना।

अनुवाद के सुझाव

  • “योग्य” शब्द का अनुवाद “योग्यता” या “महत्वपूर्ण” या “उपयोगी” हो सकता है।
  • “मूल्य” शब्द का अनुवाद “प्रतिष्ठा” या “महत्व” हो सकता है
  • “का मूल्य” का अनुवाद “कीमती होना” या महत्वपूर्ण होना हो सकता है।
  • “उसका मूल्य…. से अधिक है” का अनुवाद "की तुलना में अधिक मूल्यवान है।" हो सकता है।
  • संदर्भ के आधार पर, “अयोग्य” का अनुवाद “महत्वहीन” या “अनादर” या “अनुपयुक्त” हो सकता है।
  • “निकम्मा” का अनुवाद “किसी काम का नहीं” या “किसी उद्देश्य का नहीं” या “महत्वहीन” हो सकता है।

(यह भी देखें: आदर)

बाइबल संदर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H117, H639, H1929, H3644, H4242, H4373, H4392, H4592, H4941, H6994, H7939, G514, G515, G516, G2425, G2661, G2735

रखवाला, रखवाले

परिभाषा:

“रखवाला” शब्द का वास्तविक अर्थ है चरवाहा। इसका उपयोग विश्वासी समुदाय के आत्मिक अगुवे के लिए भी किया जाता है।

  • अंग्रेजी बाइबल में यह शब्द एक ही बार इफिसियों की पत्री में आया है। यह शब्द वही है जिसको “चरवाहा” कहा गया है।
  • कुछ भाषाओं में “रखवाले” के लिए “चरवाहा” शब्द काम में लिया गया है।
  • यह वही है जो यीशु के लिए काम में लिया गया था, “अच्छा चरवाहा”

अनुवाद के सुझाव:

  • सबसे अच्छा तो यही होगा कि इस शब्द का अनुवाद, “चरवाहा” किया जाए।
  • इस शब्द के अन्य अनुवाद हो सकते हैं, “आत्मिक चरवाहा” या “चरानेवाला मसीही अगुआ”।

(यह भी देखें: चरवाहा, भेड़)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H7462, G4166

रब्बी

परिभाषा:

“रब्बी” शब्द का वास्तविक अर्थ है “मेरा स्वामी” या “मेरा गुरू”

  • यह एक सम्मानित पदनाम है जो यहूदी धर्मगुरू के लिए काम में लिया जाता था, विशेष करके परमेश्वर की व्यवस्था का शिक्षक।
  • यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले को और यीशु को भी शिष्य कभी-कभी “रब्बी” कह कर संबोधित करते थे।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द के अनुवाद रूप हो सकते हैं, "मेरे स्वामि" या “मेरे गुरू” या “माननीय शिक्षक महोदय” या “धर्म गुरू” कुछ भाषाओं में ऐसे अभिवादन को बड़े अक्षरों में लिखा जाता है तो कुछ में नहीं लिखा जाता है।
  • लक्षित भाषा में शिक्षकों को संबोधित करने की अपनी ही कोई विशिष्ट भाषा शैली हो सकती हैं।
  • परन्तु सुनिश्चित करें कि इस शब्द के अनुवाद से यीशु को किसी पाठशाला का शिक्षक न समझा आए।
  • यह भी अवलोकन करें कि सम्बन्धित भाषा में या राष्ट्रीय भाषा के बाइबल अनुवाद में “रब्बी” शब्द का अनुवाद कैसे किया गया है।

देखें: अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करें

(यह भी देखें: शिक्षक)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: G44610

लहू

परिभाषा:

“लहू” शब्द का अर्थ है, मनुष्य के शरीर में जब चोट लगती है तब उसमें से निकलने वाला लाल रंग का तरल पदार्थ है। लहू मनुष्यों के शरीर में जीवनदायक पोषक तत्त्वों का प्रवाह करता है। लहू जीवन का प्रतीक है और जब वह बहाया जाता है तो इसका अर्थ है जान जाना या मृत्यु।

  • जब मनुष्य परमेश्वर के लिए बलि चढ़ाते थे तब वे पशु का वध करके उसका लहू वेदी पर उण्डेलते थे। यह पशु के जीवन की बलि द्वारा मनुष्यों के पाप का मूल्य चुकाने का प्रतीक था।
  • “मांस और लहू” एक अभिव्यक्ति है जो मनुष्य को संदर्भित करता है।
  • “अपना लहू और मांस” मनुष्यों के अनुवांशिक संबन्ध को दर्शाता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द का अनुवाद लक्षित भाषा में उसी शब्द/उक्ति द्वारा किया जाए जो लहू के लिए काम में लिया जाता है।
  • “मांस और लहू” का अनुवाद किया जा सकता है, “मनुष्य” या “मानवजाति”।
  • प्रकरण के अनुसार “मेरा मांस और मेरा लहू” का अनुवाद हो सकता है, “मेरा अपना परिवार” या “मेरे अपने परिजन” या “मेरे अपने लोग”।
  • यदि लक्षित भाषा में ऐसे अभिप्राय के शब्द हैं तो “मांस और लहू” के अनुवाद में उनका उपयोग किया जाए।

(यह भी देखें: लहू, मांस, जीवन)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • __8:3__जब उसके भाई घर वापस आए तो उन्होंने यूसुफ के कपड़े लिये, और एक बकरे को मार के उसके लहू में उसे डुबा दिया।
  • 10:3 परमेश्वर ने नील नदी को लहू से भर दिया, तब भी फ़िरौन का मन हठीला रहा और उसने इस्राएलियों को नहीं जाने दिया।
  • 11:5 सभी इस्राएलियों के घरों के द्वार पर लहू था , परमेश्वर ने उन घरों को छोड़ दिया और वह सब अन्दर सुरक्षित थे। वे मेम्ने के लहू के द्वारा बच गए।
  • 13:9 उस पशु का लहू जिसका बलिदान चढ़ाया गया है, वह परमेश्वर की दृष्टि में पापी मनुष्य के सभी अपराधों को धो देगा।
  • 38:5 तब यीशु ने एक कटोरा लिया और कहा, "इसे पी लो। यह नई वाचा का मेरा लहू है जो पापों की क्षमा के लिए उंडेल दिया गया है।
  • 48:10 जब कोई यीशु पर विश्वास करता है, यीशु का लहू उस व्यक्ति के सब पापों की कीमत चुका देता है, और परमेश्वर का दण्ड उस व्यक्ति के ऊपर से हट जाता है।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H1818, H5332, G01290, G01300, G01310,

लेपालक, गोद लेना, दत्तक

परिभाषा:

“गोद लेना” और “लेपालक” अर्थात माता-पिता के अतिरिक्त किसी के द्वारा किसी को कानूनन रूप से गोद लेने की प्रक्रिया।

  • बाइबल में “लेपालक” शब्द का उपयोग प्रतीकात्मक रूप में किया गया है जो प्रकट करता है कि परमेश्वर, मनुष्यों अपने परिवार का सदस्य बनाता है, उन्हें अपना आत्मिक पुत्र-पुत्री बना लेता है।
  • लेपालक सन्तान होने के कारण विश्वासी मसीह यीशु के संगी वारिस हो गए हैं और उन्हें परमेश्वर के पुत्र-पुत्री के सब सौभाग्य प्राप्त हैं।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द के अनुवाद में ऐसा शब्द काम में लिया जाए जो माता-पिता और सन्तान के विशिष्ट संबन्ध को दर्शाए। सुनिश्चित करें कि इसका प्रतीकात्मक या आत्मिक अर्थ स्पष्ट हो।
  • “लेपालक पुत्रों का अनुभव” इसका अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर द्वारा पुत्र होने के लिए गोद ले लेना” या “परमेश्वर की (आत्मिक)सन्तान होना”।
  • "पुत्रों की गोद लेने की प्रतीक्षा करें" इसका अनुवाद हो सकता है, "परमेश्वर के बच्चे बनने के लिए तत्पर हैं " या "उम्मीद में परमेश्वर के लिए प्रतीक्षा करे बच्चों के रूप में प्राप्त करने के लिए"
  • वाक्यांश "उन्हें अपनाना" के रूप में अनुवाद किया जा सकता है "उन्हें अपने बच्चों के रूप में प्राप्त करें" या "उन्हें स्वयं (आध्यात्मिक) बच्चों को बनाते हैं।"

(यह भी देखें: वारिस, अधिकारी होना, आत्मा)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: G5206

वरदान, दान, भेंटें

परिभाषा:

“भेंट” शब्द उस वस्तु के सन्दर्भ में है जो किसी को दी जाती है या चढ़ाई जाती है| भेंट, बदले में कुछ पाने की अपेक्षा के बिना दी जाती है।

  • पैसा, भोजन, वस्त्र आदि गरीबों को दिए जाते हैं तो उन्हें “दान” कहते हैं।
  • बाइबल में परमेश्वर को चढ़ाई गई वस्तु या बलि को “भेंट” कहते हैं।
  • उद्धार का दान परमेश्वर हमें यीशु में विश्वास के द्वारा देता है।
  • नये नियम में शब्द “वरदान” शब्द का उपयोग उन विशिष्ट आत्मिक शक्तियों के सन्दर्भ में है जो परमेश्वर सब विश्वासियों को दता है कि अन्य लोगों की सेवा के निमित्त काम में लें।

अनुवाद के सुझाव:

  • “भेंट” के अनुवाद के लिए सामान्य शब्द का अनुवाद ऐसे शब्द या उक्ति से किया जाए जिसका अर्थ हो, “दी गई कोई वस्तु।”
  • किसी के पास परमेश्वर प्रदत्त वरदान या विशेष शक्ति है तो उस परिप्रेक्ष्य में "आत्मा का वरदान" का अनुवाद हो सकता है, "आत्मिक क्षमता" या "पविय्र आत्मा से प्राप्त विशिष्ट क्षमता" या "विशिष्ठ आत्मिक योग्यता जो परमेश्वर ने दी|"

(यह भी देखें: आत्मा, पवित्र आत्मा)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0814, H4503, H4864, H4976, H4978, H4979, H4991, H5078, H5083, H5379, H7810, H8641, G03340, G13900, G13940, G14310, G14340, G14350, G33110, G54860

वह पवित्र

परिभाषा:

“वह पवित्र” बाइबल में यह एक उपनाम है जो सदैव परमेश्वर का संदर्भ देता है।

  • “पुराने नियम में यह नाम अधिकतर “इस्राएल का पवित्र” उक्ति में प्रकट होता है।
  • नये नियम में यीशु को भी “पवित्र जन” कहा गया है।
  • “पवित्र जन” बाइबल में कभी-कभी स्वर्गदूत के लिए काम में लिया गया है।

अनुवाद के सुझाव:

  • वास्तविक शब्दावली है, “एकमात्र पवित्र”("एक" शब्द अभिप्रेत है।) कई भाषाएं (जैसे अंग्रेज़ी) इसे अभिप्रेत संज्ञा शब्द के साथ अनुवाद करेंगे(जैसे "एक" या "परमेश्वर") ।
  • इस शब्द का अनुवाद “परमेश्वर, जो पवित्र है” या “पृथक किया गया एकमात्र|"
  • "इस्राएल का पवित्र", इस उक्ति का अनुवाद हो सकता है, "पवित्र परमेश्वर जिसकी इस्राएल आराधना करता है" या "वह पवित्र जो इस्राएल पर राज करता है"
  • इस शब्द का अनुवाद उसी शब्द या वाक्यांश द्वारा किया जाए जो "पवित्र" शब्द के लिए काम में लिया जाता है तो अति उत्तम होगा।

(यह भी देखें: पवित्र, परमेश्वर)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H2623, H376, H6918, G40, G3741

वाचा का सन्दूक, यहोवा का सन्दूक

परिभाषा:

ये शब्द एक विशेष लकड़ी के सन्दूक के लिए है, जिस पर सोने की परत चढ़ाई हुई थी। उसमें दस आज्ञाओं की पत्थर की दो पट्टियां थी। उसमें हारून की लाठी और मन्ना का मर्तबान भी था।

  • सन्दूक का अनुवाद “बक्सा”, "पेटी" और "तिजोरी" भी किया जा सकता है।इस सन्दूक में रखी वस्तुएं इस्राएल को परमेश्वर की वाचा का स्मरण कराती थी।
  • वाचा का सन्दूक "परमपवित्र स्थान" में रखा हुआ था।
  • मिलाप वाले तम्बू में परमेश्वर की उपस्थिति परमपवित्र स्थान में वाचा के सन्दूक के ऊपर थी। वहां वह इस्राएलियों के लिए मूसा से बातें करता था।
  • जिस समय वाचा का सन्दूक मन्दिर के परमपवित्र स्थान में था, उस समय केवल प्रधान पुरोहित उस सन्दूक के निकट जा सकता था और वह भी वर्ष में एक बार प्रायश्चित दिवस पर।
  • अनेक अंग्रजी अनुवादों में “वाचा के आदेशों” का अनुवाद शब्दशः “साक्षी(टेस्टीमनी)” किया गया है। यह इस तथ्य का संदर्भ देता है कि दस आज्ञाएं प्रजा के साथ परमेश्वर की वाचा की साक्षी या गवाही हैं। इसका अनुवाद “वाचा का विधान” भी किया गया है।

(यह भी देखें: सन्दूक, वाचा, प्रायश्चित, पवित्र स्थान, साक्षी, गवाह)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H727, H1285, H3068

वाचा की विश्वासयोग्यता, निष्ठावान वाचा, वाचा का प्रेम

परिभाषा:

बाइबिल के समय में, "वाचा विश्वास" के रूप में अनुवादित शब्द का उपयोग उस विश्वासयोग्यता, निष्ठा, दया, और प्रेम का वर्णन करने के लिए किया गया था जो दोनों लोगों के बीच उम्मीद और प्रदर्शन करते थे जो एक-दूसरे से निकटता से संबंधित थे, या तो शादी या खून से। इस शब्द का उपयोग अक्सर बाइबिल में किया जाता है ताकि यह वर्णन किया जा सके कि परमेश्वर अपने लोगों से संबंधित है, विशेष रूप से उनके द्वारा किए गए वादों को पूरा करने के लिए उनकी प्रतिबद्धता।

  • इस शब्द का अनुवाद निर्भर करेगा कि “वाचा” और “विश्वासयोग्यता” अनुवाद कैसे किया गया है।
  • इस शब्द के अनुवाद की अन्य विधियां हैं, “विश्वासयोग्य प्रेम” या “निष्ठावान समर्पित प्रेम” या “प्रेमपूर्ण निर्भरता”।

(यह भी देखें: वाचा, विश्वास, अनुग्रह, इस्राएल, परमेश्‍वर की प्रजा, प्रतिज्ञा)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H2617

वाचा, वाचाओं

परिभाषा:

बाइबल में, "वाचा" शब्द दो पक्षों के बीच एक औपचारिक, वाचा एक विधिवत बन्धक समझौता है जिसे दोनों पक्षों को निभाना होता है।

  • यह समझौता दो मनुष्यों, दो जन समूहों में या परमेश्वर और मनुष्यों के मध्य हो सकता है।
  • मनुष्य जब एक दूसरे के साथ वाचा बांधते हैं तब वे कुछ प्रतिज्ञाएं करते हैं और उनका पूरा करना अनिवार्य होता है।
  • मनुष्यों के मध्य वाचा के उदाहरण हैं, विवाह, व्यापारिक समझौते तथा देशों के मध्य संधि।
  • संपूर्ण बाइबल में परमेश्वर ने अपने लोगों के साथ अनेक वाचाएं बांधी हैं।
  • कुछ वाचाओं में परमेश्वर ने बिना शर्त अपनी भूमिका निभाने की प्रतिज्ञा की है। * उदाहरणार्थ जब परमेश्वर ने मनुष्यों के साथ बाचा बांधी थी कि वह पृथ्वी को जल प्रलय से कभी नष्ट नहीं करेगा तो उसमें मनुष्यों की कोई भूमिका नहीं थी।
  • अन्य वाचाओं में परमेश्वर ने अपनी भूमिका निभाने की शर्तें रखी थी कि मनुष्य आज्ञाओं को मानें और अपना कर्तव्य निभाएं।

शब्द "नई वाचा" परमेश्वर, अपने पुत्र, यीशु के बलिदान के माध्यम से अपने लोगों के साथ की गई प्रतिबद्धता या समझौते को दर्शाता है।

  • परमेश्वर के "नई वाचा" को बाइबल के भाग में समझाया गया जिसे "नया नियम" कहा जाता है।
  • यह नई वाचा “पुराने” या “पूर्व” वाचा के विपरीत है जिसे परमेश्वर ने पुराने नियम के समय में इस्राएलियों के साथ बांधी थी।
  • नई वाचा पुराने की तुलना में उत्तम है क्योंकि यह यीशु के बलिदान पर आधारित है, जो पूर्णरूप से लोगों के पापों के लिए प्रायश्चित करता है। पुरानी वाचा के अधीन किए गए बलिदानों ने ऐसा नहीं किया।
  • परमेश्वर यीशु पर विश्वास करने वालों के हृदयों पर नई वाचा लिखते हैं। इससे उन्हें परमेश्वर की आज्ञा मानना और पवित्र जीवन जीना शुरू करना पड़ता है।
  • नई वाचा पूरी तरह से अंत के समय में पूरी होगी जब परमेश्वर पृथ्वी पर अपना शासन स्थापित करते हैं। सब कुछ एक बार फिर से बहुत अच्छा होगा, जैसा कि परमेश्वर ने पहली बार दुनिया को बनाया था।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुवाद इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “बन्धक समझौता” या “विधिवत समर्पण” या “अनुबन्ध” या “वचनबद्धता”।
  • कुछ भाषाओं में वाचा बांधने की एकपक्षीय या द्विपक्षीय प्रतिज्ञाओं के अनुसार अलग-अलग शब्द होते हैं। यदि वाचा एक पक्षीय है तो इसका अनुवाद “प्रतिज्ञा” या “प्रण” हो सकता है।
  • सुनिश्चित करें कि इस शब्द का अनुवाद ऐसा न सुनाई दे कि मनुष्यों ने वाचा को प्रस्तावित किया है। परमेश्वर और मनुष्यों के मध्य सब वाचाओं में परमेश्वर ही वाचा का प्रतिपादक है।
  • "नई वाचा" शब्द का अनुवाद "नए औपचारिक समझौते" या "नए समझौते" या "नए अनुबंध" के रूप में किया जा सकता है।
  • इन अभिव्यक्तियों में "नया" शब्द का अर्थ "ताजा" या "नए प्रकार का" या "दूसरा" है।

(यह भी देखें: नई वाचा, प्रतिज्ञा)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 04:09 फिर परमेश्वर ने अब्राम के साथ एक वाचा बांधी। वाचा दो दलों के बीच एक सहमति होती है।
  • 05:04 “मैं इश्माएल को भी एक बड़ी जाति बनाऊंगा, लेकिन मेरी वाचा इसहाक साथ होगी।”
  • 06:04 एक लंबे समय के बाद अब्राहम की मृत्यु हो गयी, परमेश्वर ने अब्राहम से जो वाचा बाँधी थी उसके अनुसार, परमेश्वर ने इसहाक को आशीष दी।
  • 07:10 परमेश्वर ने अब्राहम की वंशावली के विषय में जो वाचा उससे बाँधी थी, वह अब्राहम से इसहाक और इसहाक से याकूब को दी।”
  • 13:02 परमेश्वर ने मूसा से कहा कि वह इस्राएलियों से कहे ,“लिये अब यदि तुम निश्चय मेरी मानोगे, और मेरी वाचा का पालन करोगे, तो सब लोगों में से तुम ही मेरा निज धन ठहरोगे, समस्त पृथ्वी तो मेरी है, और तुम मेरी दृष्टी में याजकों का राज्य और पवित्र जाति ठहरोगे।”
  • 13:04 परमेश्वर ने उन्हें वाचा दी और कहा, “मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ, जो तुझे दासत्व के घर अथार्त् मिस्र देश से निकाल लाया है। तू मुझे छोड़ दूसरों को ईश्वर करके न मानना।”
  • 15:13 तब यहोशू ने इस्राएलियों को वह वाचा याद दिलाई जो उन्होंने परमेश्वर के साथ सीनै पर्वत पर बाँधी थी, कि वह उसका पालन करेंगे।
  • 21:05 भविष्यवक्ता यिर्मयाह के माध्यम से, परमेश्वर ने वादा किया कि वह एक नई वाचा का निर्माण करेगा, लेकिन सिनाई में इस्राएल के साथ की गई वाचा की तरह नहीं। नई वाचा में, परमेश्वर लोगों के दिलों पर अपना नियम लिखेगा, लोग परमेश्वर को व्यक्तिगत रूप से जानेंगे, वे उसके लोग होंगे, और परमेश्वर उनके पापों को क्षमा करेगा। मसीहा नई वाचा शुरू करेगा।
  • 21:14 मसीह की मृत्यु और पुनरुत्थान के माध्यम से, परमेश्वर पापियों को बचाने और नई वाचा शुरू करने की अपनी योजना को पूरा करेगा।
  • 38:05 तब यीशु ने एक प्याला लिया और कहा, “इसे पी लो। यह मेरी नई वाचा का लहू है जो पापों की क्षमा के लिए बहाया जाता है। इसे पी कर हर बार मुझे याद करने के लिए करें।”
  • 48:11 लेकिन परमेश्वर ने अब एक नई वाचा बाँधी है जो सभी के लिए उपलब्ध है। इस नई वाचा के कारण, किसी भी समूह का कोई भी व्यक्ति यीशु पर विश्वास करके परमेश्वर के लोगों का हिस्सा बन सकता है।

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H1285, H2319, H3772, G802, G1242, G4934

विलाप करना, विलाप

परिभाषा:

“विलाप करना” “विलाप” शब्द शोक, दुःख या विषाद की प्रबल भावना के सन्दर्भ देते हैं।

कभी-कभी इसमें पाप के लिए गहन पछतावा या आपदाग्रस्त मनुष्य के प्रति अनुकंपा का भाव भी होता है।

  • विलाप में कराहना, रोना या छाती-पीटना हो सकता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “विलाप करना” का अनुवाद हो सकता है, “गहरा शोक” या “दुख से छाती पीटना” या “दुःखी होना”।
  • "विलाप" (या "विलाप करना") का अनुवाद हो सकता है, "चिल्ला-चिल्ला कर रोना और छाती पीटना" या "गहरा दु: ख" या "दुःख भरा रुदन" या "दुःख भारी आहें"।

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0056, H0421, H0578, H0592, H1058, H4553, H5091, H5092, H5594, H6088, H6969, H7015, H8567, G23540, G23550, G28700, G2875

विवेक

परिभाषा:

विवेक मनुष्य की सोच का हिस्सा है जिसके द्वारा परमेश्वर उसे जागरूक करता है जब वह कुछ पाप करता है।

  • परमेश्वर ने मनुष्य को विवेक दिया कि वह उचित और अनुचित में अन्तर कर पाए।
  • जो मनुष्य परमेश्वर की आज्ञा मानता है उसके लिए कहा जाता है कि उसका विवेक “शुद्ध” या “स्वच्छ” या “निर्मल” है।
  • यदि मनुष्य का विवेक स्वच्छ है तो इसका अर्थ है कि वह किसी भी पाप को छिपा नहीं रहा है।
  • यदि मनुष्य अपने विवेक की बात न सुने और पाप करते समय उसे अपराध-बोध न हो तो इसका अर्थ है कि उसका विवेक अनुचित कार्य के प्रति संवेदनशील नहीं है। बाइबल इसे दागा गया विवेक कहती है, जिस पर ऐसा चिन्ह लगा है जैसा गर्म लोहे से दागा जाता है। ऐसे विवेक को “संवेदनरहित” या “प्रदूषित” कहा जाता है।
  • इस शब्द के संभावित अनुवाद हो सकते हैं, “आन्तरिक नैतिक पथ प्रदर्शन” या “नैतिक विचार”

बाइबल संदर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: G4893

विश्वास

परिभाषा:

सामान्यतः “विश्वास” का अर्थ है किसी मनुष्य या वस्तु में आस्था, भरोसा या “विश्वास”।

  • किसी में “विश्वास होना” अर्थात स्वीकार करना कि वह जो कहता और करता है वह सच है और विश्वासयोग्य है।
  • “यीशु में विश्वास” का अर्थ है, यीशु के बारे में परमेश्वर की सब शिक्षाओं को मानना। इसका अर्थ विशेष करके यह है मनुष्य यीशु में और उसकी पाप मोक्षक बलि में तथा पाप के दण्ड से उनकी मुक्ति में विश्वास करते हैं।
  • यीशु में सच्चा विश्वास मनुष्य में आत्मिक फल या अच्छा व्यवहार उत्पन्न करता है क्योंकि उसमें पवित्र आत्मा का अन्तर्वास होता है।
  • कभी-कभी “विश्वास” शब्द यीशु के बारे में सब शिक्षाओं के बारे में सामान्य संदर्भ में होता है। जैसा इस अभिव्यक्ति में है, “विश्वास के सत्य”
  • "विश्वास को थामे रहना" तथा "विश्वास को त्याग देना" इनके सन्दर्भ में "विश्वास" शब्द का सन्दर्भ यीशु के बारे में सब शिक्षाओं पर विश्वास करने की दशा या अवस्था से होता है|

अनुवाद के सुझाव:

  • कुछ संदर्भों में “विश्वास” का अनुवाद “आस्था-श्रद्धा” या “अंगीकार” या “निश्चिय” या “भरोसा” किया जा सकता है।
  • कुछ भाषाओं में इन शब्दों का अनुवाद “विश्वास करना” क्रिया के रूपों द्वारा किया जा सकता है। भाववाचक संज्ञा
  • यह अभिव्यक्ति, "विश्वास को थामे रहो", इसका अनुवाद हो सकता है, "यीशु में विश्वास करते रहो" या "यीशु में विश्वास बनाए रखो"
  • यह वाक्य,"उनको विश्वास के गहन सत्यों को थाम कर रखना है" इसका अनुवाद हो सकता है, "उनको यीशु के बारे में उन सब सत्यों पर विश्वास करना आवश्यक है जिनकी शिक्षा उनको दी जा चुकी है"
  • यह अभिव्यक्ति, "विश्वास में मेरा सच्चा पुत्र", इसका अनुवाद हो सकता है, " वह मेरे पुत्र के जैसा है क्योंकि मैं ने उसको यीशु में विश्वास करना सिखाया है" या "मेरा सच्चा आत्मिक पुत्र जो यीशु में विश्वास करता है"

(यह भी देखें: विश्वास, विश्वासयोग्य)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों के उदाहरण:

  • 5:6 जब इसहाक जवान था, तो परमेश्वर अब्राहम के विश्वास की परीक्षा लेते हुए कहा, की अपने एकमात्र पुत्र को लेकर मेरे निमित्त बलि कर दे।
  • 31:7 फिर उसने (यीशु ने) पतरस से कहा, "हे अल्प- विश्वासी तू ने संदेह क्यों किया?"
  • 32:16 यीशु ने उससे कहा, "तेरे विश्वास ने तुझे चंगा किया है। शान्ति से जा।"
  • 38:9 यीशु ने पतरस से कहा, “शैतान तुम सबकी परीक्षा लेना चाहता है, परन्तु मैंने तेरे लिये प्रार्थना की है, पतरस, तेरा विश्वास कमज़ोर नहीं होगा।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0529, H0530, G16800, G36400, G41020, G60660

विश्वास करना, विश्वासी, विश्वास, अविश्वासी, अविश्वास

परिभाषा:

“विश्वास करना” और “में विश्वास करना” निकट संबन्ध में हैं परन्तु इसके अर्थ में अन्तर तो है परन्तु बहुत कम है।

1. विश्वास करना

  • किसी बात पर विश्वास करना अर्थात स्वीकार करना या भरोसा रखना की यह सच है।
  • किसी पर विश्वास करना अर्थात यह मानना की उस व्यक्ति ने जो कहा वह सच है।

2. में विश्वास करना

  • किसी व्यक्ति पर "विश्वास करने" का अर्थ है, उस व्यक्ति पर "भरोसा" रखना। भरोसा करने का अर्थ है, कोई व्यक्ति वही है जो वह कहता है कि वह है, और कि वह सदा सत्य बोलेगा और वह किसी काम को करने की प्रतिज्ञा करता है तो उसको पूरी करेगा|
  • जब कोई व्यक्ति वास्तव में किसी बात में विश्वास करता है, तो उसका व्यवहार ऐसा होगा कि उसका विश्वास प्रकट हो|
  • यह वाक्यांश "में विश्वास करना" का अर्थ वही है जो "में विश्वास" का है।
  • “मसीह पर विश्वास” करने का अर्थ है विश्वास करना कि वह परमेश्वर का पुत्र है, वह स्वयं परमेश्वर है जो मनुष्य बना और हमारे पापों का दण्ड उठाने के लिए बलि होकर मारा गया। इसका अर्थ है, उस पर भरोसा रखना कि वह उद्धारक है और ऐसा जीवन जीना जिससे उसका सम्मान हो।

3. विश्वासी

बाईबल में "विश्वासी" शब्द का सन्दर्भ उस मनुष्य से है जो मसीह यीशु में विश्वास रखता है और अपना उद्धारक होने के लिए उस पर भरोसा रखता है|

अनुवाद के सुझाव:

  • “विश्वासी” शब्द का वास्तविक अर्थ है, "विश्वास करने वाला मनुष्य|"
  • “मसीही” शब्द अंततः विश्वासियों का पदनाम हो गया क्योंकि इसके द्वारा संकेत मिलता है कि वे मसीह में विश्वास करते हैं और उसकी शिक्षाओं पर चलते हैं|

4. अविश्वास

"अविश्वास शब्द का अर्थ है, किसी मनुष्य या वस्तु पर विश्वास नहीं करना|

  • बाईबल में "अविश्वास" का अर्थ है, यीशु में उद्धारक होने का विश्वास नहीं करना, भरोसा नहीं रखना|
  • मनुष्य जो यीशु में विश्वास नहीं करता है उसको "अविश्वासी" कहा जाता है|

अनुवाद के सुझाव

  • "विश्वास करना" का नौवाद किया जा सकता है,जानना कि सच है" या "जानना कि न्यायोचित है"
  • "में विश्वास करना" का अनुवाद हो सकता है, "पुर्णतः भरोसा रखना" या "भरोसा रखना और आज्ञा मानना" या "पूर्ण निर्भर करना और अनुसरण करना"
  • कुछ अनुवादों में "यीशु के विश्वासी" या "मसीह के विश्वासी" कहना वरीयता में रखा गया है|
  • इस शब्द का अनुवाद एक ऐसे शब्द या वाक्यांश द्वारा किया जा सकता है जिसका अर्थ हो, "यीशु पर भरोसा रखने वाला मनुष्य" या "मनुष्य जो यीशु को जानता है और उसके लिए जीता है"
  • "विश्वासी" शब्द का अनुवाद करने की अन्य विधियां हो सकती हैं, "यीशु का अनुयायी" या "मनुष्य जो यीशु को जानता है और उसका आज्ञाकारी है"
  • "विश्वासी" शब्द किसी भी विश्वासी के लिए एक सर्वनिष्ठ शब्द है जबकि "शिष्य" और "प्रेरित" शब्द मुख्यतः उन मनुष्यों के लिए विशिष्टता में काम में लिया गया था जिन्होंने यीशु को उसके पार्थिव जीवन में देखा था| इन शब्दों का अनुवाद अलग-अलग करना ही उचित होगा जिससे कि वे पृथक हों|
  • "अविश्वास के अनुवाद के अन्य रूप हो सकते हैं, "विश्वास की कमी" या "विश्वास नहीं करना"
  • "अविश्वासी" शब्द का अनुवाद किया जा सकता है, "यीशु में विश्वास नहीं करने वाला मनुष्य" या "यीशु में उद्धारक होने का विश्वास नहीं करने वाला मनुष्य"

(यह भी देखें: विश्वास करना, प्रेरित, मसीही, शिष्य, विश्वास, भरोसा)

बाइबल सन्दर्भ:

बाईबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 3:4 नूह ने लोगों को बाढ़ के विषय में चेतावनी दी , और कहा कि परमेश्वर की ओर मन फिराओ पर उन्होंने नूह पर विश्वास नहीं किया।
  • 4:8 अब्राम ने परमेश्वर की प्रतिज्ञा पर विश्वास किया। परमेश्वर ने घोषित किया कि अब्राम धर्मी है, क्योंकि उसने परमेश्वर की वाचा पर विश्वास किया है।
  • 11:2 परमेश्वर ने कहा, जो मनुष्य उस पर विश्वास करेंगा उसके पहिलौठे पुत्र को बचाने का का मार्ग उसने तैयार कर दिया है।
  • 11:6परन्तु मिस्र के लोग परमेश्वर पर विश्वास नहीं करते थे या उसकी आज्ञा का पालन नहीं करते थे।
  • 37:5 यीशु ने उससे कहा, “पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूँ। जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए तौभी जीएगा। और हर कोई जो मुझ पर विश्वास करता है वह कभी न मरेंगा। क्या तू इस बात पर विश्वास करती है?”
  • 43:1 यीशु के स्वर्ग लौटने के बाद, चेले यरूशलेम में ही रहे क्योंकि यीशु ने उन्हें ऐसा करने की आज्ञा दी थी। वहाँ केविश्वासीलगातार प्रार्थना करने के लिए इकट्ठे होते थे।
  • 43:3 जब सब विश्वासी__एक साथ थे, अचानक वह घर जहाँ वे थे एक तेज आवाज की वायु से भर गया। उन्हें आग के समान जीभें फटती हुई दिखाई दी और उनमें से हर एक__विश्वासी पर आ ठहरी।
  • 43:13 प्रतिदिन, बहुत से लोग __विश्वासी__बनते गये।
  • 46:6 उस दिन से यरूशलेम में बहुत से लोगों ने यीशु के अनुयायियों को सताना शुरू कर दिया, इसलिए विश्वासी अन्य स्थानों पर भाग गए। लेकिन इसके बावजूद, जहाँ भी वे गए उन्होंने यीशु के बारे में प्रचार किया।
  • __46:1__शाऊल वह युवक था, जिसने स्तिफनुस की हत्या करने वाले लोगों के परिधानों  पर पहरा दिया था। वह यीशु पर विश्वास नहीं करता था, इसलिए उसने विश्वासियों को सताया।
  • 46:9 कुछ विश्वासी यरूशलेम के क्लेश के कारण तितर-बितर हो गए थे, और उन्होंने अन्ताकिया में पहुँच कर यीशु के बारे में प्रचार किया।
  • 47:14 उन्होंने कलीसियाओं में विश्वासियों को प्रोत्साहित करने और सिखाने के लिए कई पत्र भी लिखे।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0539, H0540, G05430, G05440, G05690, G05700, G05710, G39820, G41000, G41020, G41030, G41350

विश्वास,विश्वास किया, विश्वासयोग्य, विश्वासयोग्यता

परिभाषा:

किसी वस्तु या व्यक्ति में "विश्वास रखने का तात्पर्य है, उस वस्तु या व्यक्ति सच्चा एवं निर्भर करने योग्य है। उस विश्वास को "भरोसा" भी कहा जाता है। “विश्वासयोग्य” मनुष्य वह है जिस पर भरोसा किया जा सकता है कि वह उचित और सत्य को कहे और करे, और इसलिए वह मनुष्य जिसमें विश्वासयोग्यता का गुण है।

  • भरोसा, विश्वास से संबन्धित है जब हम किसी पर भरोसा करते हैं तब हम उस पर विश्वास करते हैं कि उसने जिस बात की प्रतिज्ञा की है उसे वह पूरा करेगा।
  • किसी में विश्वास करने का अर्थ है, उस पर निर्भर रहना।
  • मसीह “में विश्वास” करने का अर्थ है, विश्वास करना कि वह परमेश्वर है, विश्वास करना कि वह हमारे पापों का दण्ड उठाने के लिए क्रूस पर मरा और हमारे उद्धार के लिए उस पर निर्भर रहना।
  • “एक "विश्वासयोग्य कथन" का सन्दर्भ उस बात से है जो कही गई है और उस पर सत्य होने का भरोसा किया जा सकता है।

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • “विश्वास” शब्द का अनुवाद हो सकता है, “भरोसा” या “यकीन” या “पक्की आशा” या “निर्भर रहना”
  • “में विश्वास रखो” का अर्थ “भरोसा रखने” से मिलता जुलता है।
  • शब्द "विश्वासयोग्य" का अनुवाद हो सकता है, “निर्भर करने योग्य” या “विश्वास के योग्य” या “सदैव भरोसा करने योग्य”

(यह भी देखें: विश्वास, आत्मविश्वास, विश्वास, विश्वासयोग्य, सत्य)

बाइबल संदर्भ:

बाइबल कहानियों के उदाहरण:

  • 12:12 जब इस्राएलियों ने देखा कि मिस्र के लोग मारे गए है, तो उन्होंने परमेश्वर पर विश्वास किया और विश्वास करने लगे कि मूसा परमेश्वर का एक नबी है।
  • __14:15__यहोशू एक अच्छा अगुआ था क्योंकि वह परमेश्वर पर विश्वास करता था व उसकी आज्ञाओ का पालन करता था।
  • __17:2__दाऊद एक बहुत ही नम्र व धर्मी पुरुष था, जो परमेश्वर पर विश्वास और उसकी आज्ञाओं का पालन करता था।
  • 34:6 फिर यीशु ने उन लोगों के बारे में एक कहानी बताई जो अपने स्वयं के अच्छे कर्मों पर विश्वास रखते थे और अन्य लोगों के साथ घृणा करते थे।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0539, H0982, H1556, H2620, H2622, H3176, H4009, H4268, H7365, G16790, G38720, G39820, G40060, G41000, G42760

विश्वासघाती, विश्वासघात किया

परिभाषा:

“अविश्वासी” शब्द उन लोगों को व्यक्त करता है जो परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन नहीं करते हैं। विश्वास में खरे न उतरने की स्थिति या अभ्यास को “विश्वासघात किया” कहा गया है।

  • इस्राएल को “विश्वासघाती” कहा गया था क्योंकि वे परमेश्वर की अवज्ञा करके मूर्ति-पूजा करने लगे थे।
  • विवाहित संबन्ध में जब कोई व्यभिचार करता है तो उसे अपने जीवन साथी के साथ “विश्वासघात करना” कहते हैं।
  • परमेश्वर ने “विश्वासघात किया” शब्द द्वारा इस्राएल के अवज्ञाकारी व्यवहार को दर्शाया था। वे परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानते थे और उसका सम्मान भी नहीं करते थे।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार “विश्वासघात किया” का अनुवाद “स्वामी-भक्ति से रहित” या “अविश्वासी” या “अवज्ञाकारी” या “अनिष्ठ” किया जा सकता है।
  • “विश्वासघात” का अनुवाद “स्वामी-भक्ति से रहित प्रजा(परमेश्वर)” या" विश्वासघाती लोगों "या" जो परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानते हैं "या" जो लोग परमेश्वर के प्रति विद्रोही हैं। "
  • “विश्वासघात किया” का अनुवाद “अवज्ञा” या “अनिष्ठा” या “विश्वास या आज्ञापालन नहीं करना है” हो सकता है।
  • कुछ भाषाओं में, "विश्वासघाती" शब्द "अविश्वास" के लिए शब्द से संबंधित है।

(यह भी देखें: परस्त्रीगमन, आज्ञा नहीं मानना, विश्वास, अविश्वासी)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H898

विश्वासयोग्य, विश्वासयोग्यता

परिभाषा:

परमेश्वर के प्रति “विश्वासयोग्य” होना का अर्थ परमेश्वर की शिक्षाओं पर निरंथर चलते रहने से है। अर्थात उसे पालन करने के द्वारा उसके प्रति वफादार होना।विश्वासयोग्य होने की अवस्था या स्थिति को "विश्वासयोग्यता" कहते है।

  • विश्वासयोग्य मनुष्य पर प्रतिज्ञा पूर्ति का भरोसा किया जा सकता है और मनुष्यों के प्रति दायित्ववहन का भी विश्वास किया जा सकता है।
  • विश्वासयोग्य मनुष्य किसी काम को करने में यत्नशील रहता है चाहे वह दीर्घकालीन एवं कठिन भी क्यों न हो।
  • परमेश्वर के प्रति विश्वासयोग्य होना, परमेश्वर हमसे जो चाहता है उसे लगातार करते रहने का अभ्यास है।

अनुवाद के सुझाव:

  • अनेक संदर्भों में “विश्वासयोग्य” का अनुवाद “स्वामीभक्त” या “समर्पित” या “निर्भर करने योग्य” भी किया जा सकता है।
  • अन्य संदर्भों में “विश्वासयोग्य” ऐसे शब्दों या उक्तियों द्वारा अनुवाद किया जा सकता है जिनका अर्थ हो, “विश्वास करते रहना” या “परमेश्वर में विश्वास करने और उसके आज्ञापालन में लगे रहना”।
  • “विश्वासयोग्य” के अन्य अनुवाद रूप हो सकते हैं, “विश्वास में यत्नशील रहना” या “स्वामीभक्ति” या “विश्वसनीयता” या “परमेश्वर में विश्वास एवं आज्ञापालन”

(यह भी देखें: विश्वास, विश्वास)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों के उदाहरण:

  • 08:05 यहाँ तक की बंदीगृह में भी यूसुफ परमेश्वर के प्रति निष्ठावान रहा और परमेश्वर ने उसे आशीष दी।
  • 14:12 फिर भी, परमेश्वर अपनी वाचा पर निष्ठावान रहा जो उसने अब्राहम, इसहाक, व याकूब से बाँधी थी।
  • 15:13 लोग ने वाचा बाँधी थी कि वे परमेश्वर के प्रति निष्ठावान रहेंगे व उसकी आज्ञाओ का पालन करेंगे।
  • 17:09 दाऊद ने कई वर्षों तक न्याय व निष्ठा के साथ शासन किया, और परमेश्वर ने उसे आशीर्वाद दिया। हालांकि, अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में उसने परमेश्वर के विरुद्ध भयानक अपराध किया।
  • 18:04 तब परमेश्वर ने सुलैमान पर क्रोध किया, और उसकी अधार्मिकता के कारण उसे दंड दिया, और वाचा बाँधी कि सुलैमान की मृत्यु के बाद वह इस्राएल के राज्य को दो भागों में विभाजित कर देंगा।
  • 35:12 “उसने पिता को उत्तर दिया कि, ‘देख, मैं इतने वर्ष आप के लिये ईमानदारी से काम कर रहा हूँ,
  • 49:17 परन्तु परमेश्वर विश्वासयोग्य है और यह कहता है कि यदि तुम अपने पापों को मान लो, तो वह तुम्हें क्षमा करेगा।
  • 50:04 यदि तुम अन्त तक मेरे प्रति वफादार रहोगे, तो परमेश्वर तुम्हें बचाएगा!”

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H529, H530, H539, H540, H571, G4103

विश्वासी

परिभाषा:

“बाइबल में “विश्वासी” शब्द उस मनुष्य के लिए काम में लिया गया है जो यीशु मसीह में विश्वास करके उस पर उद्धार के लिए निर्भर करता है।

  • "विश्वासी" शब्द का अर्थ है "विश्वास करनेवाला।"
  • मसीही शब्द अन्ततः विश्वासियों का नाम हो गया क्योंकि इस शव्द से प्रकट होता है कि वे मसीह यीशु में विश्वास करते है और उसकी शिक्षाओं पर चलते है।

अनुवाद के सुझाव:

  • कुछ भाषाओं में “यीशु के विश्वासी” या “मसीह के विश्वासी” कहना अधिक उचित माना गया है।
  • इस शब्द का अनुवाद ऐसे शब्द और उक्ति द्वारा किया जा सकता है जिसका अर्थ है, “यीशु पर भरोसा रखनेवाला मनुष्य” या “यीशु को जानने और उसके लिए जीने वाला मनुष्य”
  • “विश्वासी” के अन्य अनुवाद, “यीशु का अनुयायी” या “यीशु को जानने और उसकी आज्ञा माननेवाला मनुष्य”।
  • “विश्वासी” शब्द किसी भी मसीही विश्वासी के लिए एक सामान्य शब्द है जबकि “शिष्य” और “प्रेरित” शब्द उन मनुष्यों के लिए जो यीशु को इस सांसारिक जीवन में जानते थे। उचित होगा इन शब्दों का अनुवाद भिन्न-भिन्न शब्दों में किया जाए कि उन्हें अलग-अलग समझा जाए।

(यह भी देखें: प्रेरित, विश्वास, मसीही विश्वासी, चेले)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 43:01 यीशु के स्वर्ग में वापस जाने के बाद, चेले यीशु की आज्ञा के अनुसार यरूशलेम में ही ठहरे हुए थे। विश्वासी वहाँ लगातार प्रार्थना करने के लिये एक साथ एकत्र हुए।
  • 43:03 जब सब विश्वासी एक जगह एकत्र हुए, अचानक वो घर जहा वे थे आकाश से बड़ी हवा की आवाज़ से भर गया। और उन्हें आग की लपटे सी कुछ दिखाई दीं और उनमें से हर एक के सिर पर आ ठहरीं।
  • 43:13 हर दिन बहुत से लोग विश्वासी बन रहे थे।
  • 46:06 उसी दिन,कई लोग यरूशलेम में यीशु मसीह पर विश्वास करने वालो पर बड़ा उपद्रव करने लगे, इसलिए विश्वासी अन्य स्थानों में भाग गए। तथापि, जहा कही भी वह गए, हर जगह यीशु मसीह का प्रचार करते रहे।
  • 46:01 शाऊल वह जवान था जिसने स्तिफनुस के वध में शामिल लोगों के कपड़ों कि रखवाली कि थी। वह यीशु पर विश्वास नही करता था, इसलिए वह विश्वासियों को सताता था।
  • 46:09 कुछ लोग जो यरूशलेम में सताव के मारे तितर-बितर हो गए थे, वे फिरते-फिरते अन्ताकिया पहुँचे और प्रभु यीशु के सुसमाचार की बातें सुनाने लगे। और विश्वासियों को सब से पहले अन्ताकिया ही में "मसीही" कहलाए।
  • __47:14__उन्होंने अनेक खतो के द्वारा कलीसियाओं के विश्वासियों को शिक्षा और प्रोत्साहन प्रधान किया।

शब्द तथ्य:

  • Strong's: G4100, G4103

वेदी, वेदियों

परिभाषा

वेदी एक पत्थर निर्मित ऊंचा स्थान होता था जिस पर इस्राएली परमेश्वर के लिए पशु या अन्न होम करके बलि चढ़ाते थे।

  • बाइबल के युग में मिट्टी के गारे से एक छोटा टीला या बड़े-बड़े पत्थरों को एक के ऊपर एक रख स्थिर वेदी बनाई जाती थी।
  • कुछ विशेष वेदियां लकड़ी के बक्से जैसी बनाई जाती थी जिन पर सोना, पीतल या कांसा चढ़ाया जाता था।
  • इस्राएल की पड़ोस जातियां भी अपने देवताओं के लिए बलि चढ़ाने हेतु वेदियां बनाती थी।

(यह भी देखें: धूप जलाने की वेदी, झूठे देवता, अन्नबलि, बलि)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 3:14 नूह जहाज़ से बहार निकल आया, उसने एक वेदी बनाई, और बलि के योग्य प्रत्येक प्रजाति के कुछ पशुओं की बलि चढ़ाई।
  • 5:8 जब वे बलि चढ़ाने के स्थान पर पहुंच गए, तब अब्राहम ने अपने पुत्र इसहाक को बांध दिया और उसे वेदी पर रख दिया।
  • 13:9 याजक पशु को मारकर उसे वेदी पर जलाए।
  • 16:6 उसने(गिदोन ने) मूर्तिओं के लिए बनाई गई __वेदी__जहां होती थी वहाँ उसने (गिदोन ने) परमेश्वर को समर्पित एक नई वेदी बनाई और उस पर परमेश्वर के लिए बलि चढ़ाई।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0741, H2025, H4056, H4196, G10410, G23790

व्यभिचार, व्यभिचारी, व्यभिचारी, व्यभिचारिणी

परिभाषा:

“व्यभिचार” शब्द उस पाप को संदेभित करता है जब कोई विवाहित मनुष्य किसी ऐसे मनुष्य से शारीरिक सम्बन्ध बनाता है जो उसका जीवन साथी नहीं है| दोनों ही व्यभिचार के दोषी हैं। “व्यभिचारी” शब्द ऐसे व्याहार या ऐसा पाप करने वाले मनुष्य का वर्णन करता है|

  • "व्यभिचारी" शब्द सामान्यतः व्यभिचार करनेवाले मनुष्य के सन्दर्भ में काम में लिया जाता है।
  • कभी-कभी, "व्यभिचारिणी" शब्द यह निश्चित दर्शाने के लिए काम में लिया जाता है कि व्यभिचार करने वाली स्त्री है|
  • व्यभिचार में पति-पत्नी उनके विवाह की वाचा में की गई प्रतिज्ञाओं को तोड़ देते हैं।
  • परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी है कि वे व्यभिचार नहीं करें|

अनुवाद के सुझाव:

  • यदि लक्षित भाषा में ऐसा कोई शब्द न हो जिसका अर्थ, "व्यभिचार" हो तो इस शब्द का अनुवाद एक ऐसे वाक्यांश से किया जा सकता है जैसे, "किसी और की पत्नी के साथ यौन संबन्ध बनाना” या “किसी और के जीवन साथी के साथ अन्तरंग संबन्ध बनाना”।
  • कुछ भाषाओं में व्यभिचार को स्पष्ट व्यक्त नहीं किया जाता है जैसे, “किसी और के जीवन साथी के साथ सोना” या “अपनी पत्नी से विश्वासघात करना”। (देखें: व्यंजना)

(यह भी देखें: करना, वाचा, यौन अनैतिकता, के साथ सोना, विश्वासयोग्य)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 13:6 "तू व्यभिचार न करना।"
  • 28:2 व्यभिचार मत करना
  • 34:7 “धार्मिक अगुवे ने अपने मन में इस तरह प्रार्थना की, ‘हे परमेश्वर मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ कि मैं दूसरे मनुष्यों के समान अन्धेर करनेवाला, अन्यायी और व्यभिचारी नहीं, और न इस चुंगी लेने वाले के समान हूँ।’”

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H5003, H5004, G34280, G34290, G34300, G34310, G34320

व्यवस्था, मूसा की व्यवस्था, परमेश्वर की व्यवस्था, यहोवा की व्यवस्था

परिभाषा:

सर्वाधिक भाषा में "व्यवस्था" शब्द का सन्दर्भ शासन या निर्देशनों से है जिनका पालन करना अनिवार्य होता है| बाईबल में, व्यवस्था का प्रायः सामान्य उपयोग उस हेर एक बात वरन सब बातों के लिए किया गया है जिन्हें परमेश्वर चाहता है कि उसकी प्रजा पालन करे और उन पर चले| यह विशिष्ट शब्द, "मूसा की व्यवस्था" उन आज्ञाओं और निर्देशनों के सन्दर्भ में है जिन्हें परमेश्वर ने इस्राएल द्वारा पालन करने हेतु मूसा को दीए थे|

  • प्रकरण के आधार पर “व्यवस्था” का अभिप्राय होगाः
    • पत्थर की पट्टियों पर इस्राएल के पालन करने हेतु परमेश्वर द्वारा दस आज्ञाएं।
    • मूसा को दिए गए सब नियम
    • पुराने नियम की पहली पांच पुस्तकें
    • संपूर्ण पुराना नियम (जिसे नये नियम में पवित्रशास्त्र कहा गया है।)
    • परमेश्वर के सब आदेश एवं इच्छा
  • “व्यवस्था और भविष्यद्वक्ता” नये नियम में इब्रानी धर्मशास्त्र (या पुराने नियम) के लिए काम में ली गई उक्ति है।

अनुवाद के सुझाव

  • इस शब्द का अनुवाद बहुवचन में “व्यवस्थाएं” किया जा सकता है क्योंकि वे अनेक निर्देशनों के सन्दर्भ में हैं।
  • “मूसा की व्यवस्था” का अनुवाद हो सकता है, “इस्राएल को देने के लिए परमेश्वर ने मूसा को जो नियम सुनाए”।
  • प्रकरण के आधार पर “मूसा की व्यवस्था” का अनुवाद यह भी हो सकता है, “मूसा को सुनाए गए परमेश्वर के नियम” या “मूसा द्वारा लिखे गए परमेश्वर के नियम” या "नियम जो परमेश्वर ने इस्राएलियों को देने के लिए मूसा को दिया था"
  • “व्यवस्था” या “परमेश्वर की व्यवस्था” या “परमेश्वर की विधियां” इनका अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर से प्राप्त नियम” या “परमेश्वर की आज्ञाएं” या “परमेश्वर ने जो नियम दिए” या “परमेश्वर द्वारा आदेशित सब बातें” या “परमेश्वर के सब आदेश”
  • “यहोवा की व्यवस्था” का अनुवाद इस प्रकार भी हो सकता है, “यहोवा की व्यवस्था” या “ पालन करने हेतु परमेश्वर द्वारा उच्चारित नियम” या "यहोवा प्रदत्त नियम" या “यहोवा की आज्ञानुसार बातें”

(यह भी देखें: निर्देश, मूसा, दस आज्ञाएं, उचित, यहोवा)

बाइबल संदर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 13:7 परमेश्वर ने और भी बहुत सी विधियां व नियमों का पालन करने के लिये कहा। यदि वह लोग इन व्यवस्थाओं का पालन करेंगे, तो परमेश्वर अपनी वाचा के अनुसार उन्हें आशीष और उनकी रक्षा करेंगा। यदि वे इन नियमों का पालन नहीं करेंगे तो वह दण्ड के पात्र बनेंगे।
  • 13:9 जो कोई भी परमेश्वर के व्यवस्था का उल्लंघन करता है, वह मिलापवाले तम्बू के सामने वेदी पर परमेश्वर के लिये पशु का बलिदान चढ़ाएगा।
  • 15:13 तब यहोशू ने इस्राएलियों को वह वाचा याद दिलाई जो उन्होंने परमेश्वर के साथ सीनै पर्वत पर बाँधी थी, कि वह उसका पालन करेंगे। इस्राएलियों ने वाचा बाँधी थी कि वे परमेश्वर के प्रति निष्ठावान रहेंगे व उसकी आज्ञाओ का पालन करेंगे।
  • __16:1__यहोशू के मरने के बाद, इस्राएलियों ने परमेश्वर की आज्ञा का पालन नहीं किया और न ही परमेश्वर की व्यवस्था का पालन किया और न ही बचे हुए कनानियो को बाहर निकाला।
  • 21:5 नई वाचा में परमेश्वर अपनी व्यवस्था उनके ह्रदय पर लिखेगा, और लोग परमेश्वर को जानेंगे कि वह परमेश्वर के लोग है, और परमेश्वर उनका अधर्म क्षमा करेगा।
  • 27:1 यीशु ने उत्तर दिया, “परमेश्वर की व्यवस्था में क्या लिखा है?”
  • 28:1 यीशु ने उससे कहा, “तू मुझे ‘उत्तम’ क्यों कहता है?” जो उत्तम है वह केवल एक ही है, और वह परमेश्वर है। लेकिन यदि तू अनन्त जीवन का वारिस बनना चाहता है, तो परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करना।”

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H430, H1881, H1882, H2706, H2710, H3068, H4687, H4872, H4941, H8451, G23160, G35510, G35650

शास्त्री, शास्त्रियों

परिभाषा:

शास्त्री वे अधिकारी थे जो राजसी या धार्मिक अभिलेखों को हस्तलेख में लिखने या नकल करने के काम का दायित्व निभाते थे। यहूदी शास्त्रियों को "यहूदी व्यवस्था विशेषज्ञ" भी कहा जाता था।

  • शास्त्रियों का उत्तरदायित्व था कि पुराने नियम की पुस्तकों की प्रतिलिपि बनाकर सुरक्षित रखें।
  • वे परमेश्वर की व्यवस्था पर धर्म के विचारों की व्याख्या और टीका की प्रतिलिपि बनाकर सुरक्षित रखते थे।
  • कभी-कभी शास्त्री महत्वपूर्ण शासकीय अधिकारी भी होते थे।
  • बाइबल में महत्वपूर्ण शास्र्यों में बारूक और एज्रा भी थे।
  • नये नियम में, इस शब्द शब्द, "शास्त्री" का अनुवाद "व्यवस्थापक" भी किया गया है।
  • नये नियम के समय, शास्त्री प्रायः एक धार्मिक पंथ "फरीसी" के सदस्य थे और ये दोनों समूह बार-बार एक साथ चर्चा में रहे हैं।

(यह भी देखें: व्यवस्था, फरीसी)

बाइबल के सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H5608, H5613, H7083, G1122

शुद्ध करना, शोधन

परिभाषा:

शुद्ध करने का अर्थ है, पृथक करना या पवित्र करना। शोधन पवित्र करने की प्रतिक्रया है।

  • पुराने नियम में, कुछ लोग और कुछ वस्तुएं परमेश्वर की सेवा के निमित्त पृथक किए गए थे या पवित्र माने गए थे।
  • नये नियम की शिक्षा के अनुसार यीशु में विश्वास करने वालों को परमेश्वर पवित्र करता है। अर्थात वह उन्हें पवित्र करके अपनी सेवा के लिए पृथक कर लेता है।
  • यीशु में विश्वास करनेवालों को आज्ञा दी गई है कि वे परमेश्वर के निमित्त स्वयं को पवित्र करें, प्रत्येक काम में पवित्र ठहरें।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार, "शुद्ध करना" का अनुवाद हो सकता है, "पृथक करना" या "पवित्रीकरण करना" या "परिष्कृत करना"
  • जब मनुष्य अपने को शुद्ध करते हैं, तो इसका अर्थ है कि वे अपना शोधन करके परमेश्वर की सेवा में अपना समर्पण करते हैं। "पवित्र" करना शब्द बाइबल में इस अभिप्राय में प्रयोग किया जाता है।
  • जब इसका अर्थ "अभिषेक" हो तब इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, "किसी मनुष्य (या वस्तु) को परमेश्वर की सेवा निमित्त समर्पित करना"
  • संदर्भ के आधार पर, इस वाक्यांश "तुम्हारा पवित्रीकरण" का अनुवाद हो सकता है, "तुमको पवित्र करना" या "तुमको पृथक करना (परमेश्वर के लिए)" या "तुमको क्या पवित्र बनाता है"

(यह भी देखें: पवित्र करना, पवित्र, पृथक करना)

बाइबल के सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H6942, G00370, G00380

शुद्ध, शुद्धि, शुद्धिकरण

परिभाषा:

“शुद्ध” अर्थात निर्दोष या “ऐसी कोई वस्तु मिश्रित न हो जो नहीं होनी चहिए। किसी वस्तु को शुद्ध करना अर्थात उसे किसी भी अशुद्ध या दूषित करनेवाली वस्तु से मुक्त करना।

  • पुराने नियम के आदेशों के अनुसार “शुद्ध करना” और “शुद्ध होना” मुख्यतः किसी वस्तु या मनुष्य को एसी बातों से शुद्ध करना जो वस्तु या मनुष्य को अशुद्ध बनती है जैसे रोग, शारीरिक स्राव या प्रसव से।
  • पुराने नियम में मनुष्यों का पापों से शोधन के भी नियम थे कि पापों से कैसे शुद्ध या मुक्त हुआ जाए- पशुओं के बलिदान से। परन्तु यह एक अस्थाई व्यवस्था थी, अतः बलि बार-बार चढ़ानी होती थी।
  • नये नियम में शुद्ध होने का अर्थ है पापमार्जन।
  • मनुष्यों के लिए पूर्ण एवं सिद्ध पाप शोधन केवल मन फिराव और यीशु में तथा उसके बलिदान में विश्वास के द्वारा परमेश्वर की क्षमा से क्षमा प्राप्त करने से होता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “शुद्ध करने” का अनुवाद हो सकता है, “निर्मल बनाना” या “साफ करना” या “सब अशुद्धियों को दूर करना” या “पापों से छुटकारा पाना”
  • “उनके शुद्ध होने के दिन पूरे हुए” इस वाक्यांश का अनुवाद हो सकता है, “जब निश्चित दिनों तक रूकने के बाद उन्होंने स्वयं को शुद्ध कर लिया”
  • “पापों से शुद्ध होना” इसका अनुवाद हो सकता है, “मनुष्यों के लिए पापों से पूर्ण शोधन का मार्ग उपलब्ध करा दिया”।
  • "शोधन" का अनुवाद करने के अन्य रूप हो सकते हैं, “शुद्ध होना” या “आत्मिक मार्जन” या “रीति के अनुसार शुद्ध होना”

(यह भी देखें: प्रायश्चित, शुद्ध, आत्मा)

बाइबल संदर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H1249, H1252, H1253, H1305, H1865, H2134, H2135, H2141, H2212, H2398, H2403, H2561, H2889, H2890, H2891, H2892, H2893, H3795, H3800, H4795, H5343, H5462, H6337, H6884, H6942, H8562, G48, G49, G53, G54, G1506, G2511, G2512, G2513, G2514

शुद्ध, शोधन

परिभाषा:

“शुद्ध” शब्द का सन्दर्भ सामान्यतः किसी मनुष्य/वस्तु पर से मैल या दाग हटाने से है या सबसे पहले, तो मैल या दाग होना ही नहीं है| "शोधन" शब्द का सन्दर्भ विशेष करके किसी मनुष्य/वस्तु पर से मैल या दाग हटाने की क्रिया से है|

  • “शोधन” किसी वस्तु को "शुद्ध" करने की प्रक्रिया है। इसका अनुवाद “धोना” या “शुद्ध करना” भी हो सकता है।
  • पुराने नियम में परमेश्वर ने इस्राएल को बताया था कि उसने कौन-कौन से पशुओं को सांस्कारिक परिप्रेक्ष्य में “शुद्ध” और कौन-कौन से पशुओं को “अशुद्ध” घोषित किया है। केवल शुद्ध पशु ही खाने और बलि चढ़ाने के लिए काम में लिए जा सकते थे। इस संदर्भ में "शुद्ध" शब्द का अर्थ है कि पशु बलि चढ़ाने में परमेश्वर को ग्रहण योग्य है।
  • जिस मनुष्य को कोई विशेष त्वचा रोग होता था वह अशुद्ध माना जाता था जब तक कि उसकी त्वचा रोगमुक्त न हो जाए कि संक्रमण न फैला पाए|\ त्वचा के शुद्धिकरण के निर्देशों का पालन करना आवश्यक था कि उस मनुष्य को पुनः “शुद्ध” घोषित किया जा सके|
  • कभी-कभी “शुद्ध” शब्द का उपयोग लाक्षणिक भाषा में किया जाता था जिसका सन्दर्भ नैतिक शुद्धता से था अर्थात, पापिओं से "शुद्ध"

बाईबल में, "अशुद्ध" शब्द का उपयोग लाक्षणिक भाषा में उन वस्तुओं के सन्दर्भ में किया जाता था जिनको परमेश्वर ने अपनी प्रजा के लिए स्पर्श, भोजन और बलि चडाने के लिए योग्य ठराया था|

  • परमेश्वर ने इस्राएलियों को निर्देश दीए थे कि कौन से पशु "शुद्ध" हैं और कौन से पशु"अशुद्ध" हैं| अशुद्ध पशुओं को न तो खाने के लिए और न ही बलि चढ़ाने के लिए काम में लिया जाना था|
  • कुछ विशेष प्रकार के चर्म रोगियों को भी "अशुद्ध" घोषित कर दिया जाता था, जब तक कि वे रोगमुक्त न हो जाएं|
  • यदि इस्राएली किसी "अशुद्ध" वस्तु के संपर्क में आ जाते थे तो वे कुछ समय के लिए अशुद्ध माने जाते थे|
  • अशुद्ध वस्तु का स्पर्श न करने और अशुद्ध पशु को न खाने के सम्बन्ध में परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करने से इस्राएली परमेश्वर की सेवा निमित्त पृथक होते थे|
  • यह शारीरिक और सांस्कारिक अशुद्धता नैतिक अशुद्धता की द्योतक भी थी|
  • एक और लाक्षणिक प्रयोग में, "अश्द्ध आत्मा" दुष्टात्मा के सन्दर्भ में है|

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द का अनुवाद “स्वच्छ” एवं “शुद्ध” के लिए काम में आने वाले सामान्य शब्दों में किया जा सकता है। (मैला न होने के भाव में)
  • इसके अनुवाद की अन्य विधियों में हैं, "सांस्कारिक शुद्धता" या "परमेश्वर को स्वीकार्य"
  • "शुद्ध"; का अनुवाद "धोने" या "शुद्ध करने" के द्वारा किया जा सकता है।
  • सुनिश्चित करें कि "शुद्ध" और "शोधन" के लिए काम में लिए गए शब्दों को लाक्षणिक भाषा में भी समझा जा सकता है।
  • "अशुद्ध" का अनुवाद इस प्रकार भी किया जा सकता है, "शुद्ध नहीं" या "परमेश्वर की दृष्टि में योग्य" या "शारीरिक रूप से अशुद्ध" या "अशुस्श"
  • दुष्टात्मा के सन्दर्भ में अशुद्ध आत्मा के लिए "अशुद्ध" शब्द का अनुवाद "दुष्ट" या "अशुद्ध" किया जा सकता है|

इस शब्द के अनुवाद में आत्मिक अशुद्धता का भाव होना चाहिए और इसका सन्दर्भ उस हर एक वस्तु से हो जिसको परमेश्वर ने स्पर्श, भोजन और बलि के लिए योग्य घोषित कर दिया है|

(यह भी देखें: अशुद्ध करना, दुष्टात्मा, पवित्र, बलि)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H1249, H1252, H1305, H2134, H2135, H2141, H2398, H2548, H2834, H2889, H2890, H2891, H2893, H2930, H2931, H2932, H3001, H3722, H5079, H5352, H5355, H5356, H6172, H6565, H6663, H6945, H7137, H8552, H8562, G01670, G01690, G25110, G25120, G25130, G28390, G28400, G33940, G36890

शुभ सन्देश, सुसमाचार

परिभाषा:

“सुसमाचार” शब्द का अर्थ वास्तव में “शुभ सन्देश” है और ऐसे सन्देश एवं घोषणा के संदर्भ में है जो मनुष्यों को लाभ पहुंचाता है या हर्षित करता है।

  • बाइबल में यह शब्द क्रूस पर यीशु के बलिदान के माध्यम से परमेश्वर के उद्धार के संदर्भ में प्रायः उपयोग किया जाता है।
  • अधिकांश अंग्रेजी बाइबलों में “शुभ सन्देश” का अनुवाद “सुसमाचार” किया गया है और ऐसी उक्तियां काम में ली गई हैं जैसे “मसीह यीशु का सुसमाचार” या “परमेश्वर का सुसमाचार” और “राज्य का सुसमाचार”

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • इस शब्द के अन्य अनुवाद रूप हैं, “शुभ सन्देश”, “शुभ घोषणा” या “परमेश्वर का उद्धार का सन्देश” या “परमेश्वर यीशु के बारे में अच्छी बातें सिखाता है”।
  • प्रकरण के अनुसार इस उक्ति, “का सुसमाचार” का अनुवाद के बारे में शुभ समाचार/सन्देश” या “से प्राप्त शुभ समाचार” या “परमेश्वर हमें जिन अच्छी बातों का ज्ञान देता है” या “परमेश्वर मनुष्यों का उद्धार करने के बारे में क्या कहता है”।

(यह भी देखें: राज्य, बलिदान, उद्धार)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 23:6 तब स्वर्गदूत ने उनसे कहा, “ मत डरो; क्योंकि देखो, मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूँ” कि आज बैतलहम नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है।”
  • 26:3 यीशु ने पढ़ा, “ प्रभु की आत्मा मुझ पर है, इसलिये कि उसने कंगालों को सुसमाचार सुनाने के लिए मेरा अभिषेक किया है, और मुझे इसलिये भेजा है कि बन्दियों को छुटकारे का और अंधों को दृष्टि पाने का सुसमाचार प्रचार करूँ और कुचले हुओ को मुक्त करूँ। यह प्रभु के कृपा का वर्ष है।”
  • 45:10 फिलिप्पुस ने अन्य शास्त्रों का भी इस्तेमाल करके उसे यीशु का सुसमाचार सुनाया।
  • 46:10 तब उन्होंने उन्हें कई अन्य स्थानों में यीशु के बारे में प्रचार करने के लिये भेज दिया।
  • 47:1 एक दिन पौलुस और उसका मित्र सीलास फिलिप्पी में यीशु का प्रचार करने को गए।
  • 47:13 यीशु के सुसमाचार को वह प्रचार करते गए और कलीसिया विकास करती गई।
  • 50:1 लगभग 2,000 से अधिक वर्षों से, संसार भर में अधिक से अधिक लोग यीशु मसीह के सुसमाचार को सुन रहे हैं।
  • 50:2 जब यीशु पृथ्वी पर रहता था तो उसने कहा, "मेरे चेले दुनिया में हर जगह लोगों को परमेश्वर के राज्य के बारे में शुभ समाचार का प्रचार करेंगे, और फिर अन्त आ जाएगा।"
  • 50:3 स्वर्ग में वापस जाने से पहले, यीशु ने मसीहों से कहा कि वे उन लोगों को शुभ समाचार सुनाएँ जिन्होंने इसे कभी नहीं सुना।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: G20970, G20980, G42830

शैतान, दुष्ट, वह दुष्ट

तथ्य:

शैतान परमेश्वर द्वारा सृजित एक आत्मिक प्राणी है, परन्तु परमेश्वर से विद्रोह करके वह उसका बैरी हो गया। शैतान को "वह दुष्ट" भी कहा गया है।

  • शैतान परमेश्वर और उसकी संपूर्ण सृष्टि से घृणा करता है, क्योंकि वह परमेश्वर का स्थान लेकर परमेश्वर के तुल्य उपासना करवाना चाहता है।
  • शैतान मनुष्यों को परमेश्वर से विद्रोह करने की परीक्षा में डालता है।
  • परमेश्वर ने अपने पुत्र, यीशु को भेजा, कि मनुष्यों को शैतान के वश से मुक्त कराए।
  • शैतान शब्द का अर्थ है, "बैरी" या "शत्रु।"
  • शैतान शब्द का अर्थ है, "दोष लगाने वाला।"

अनुवाद के सुझाव:

  • "शैतान" शब्द का अनुवाद "दोष लगाने वाला" या "दुष्ट" या "दुष्टात्माओं का राजा" या "प्रमुख दुष्टात्मा" के रूप में भी अनुवाद किया जा सकता है।
  • "इबलीस" का अनुवाद "विरोधी" या "बैरी" किया जा सकता है या अन्य कोई शब्द जिससे स्पष्ट हो कि वह शैतान है।
  • इन शब्दों का भावार्थ दुष्टात्मा और बुरी आत्मा से भिन्न व्यक्त होना है।
  • ध्यान दें कि इन शब्दों का अनुवाद स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा में कैसे किया गया है।

(देखें: अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे)

(अनुवाद के सुझाव: नामों का अनुवाद कैसे करें)

(यह भी देखें: दुष्टात्मा, बुराई, परमेश्वर का राज्य, परीक्षा करना)

बाइबल के सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 21:1 जिस साँप ने हव्वा को धोखे से फल खिलाया था वह शैतान था | प्रतिज्ञा का अर्थ यह था कि मसीह शैतान को पूरी तरह से नष्ट कर देंगा |
  • 25:6 फिर शैतान ने यीशु को जगत के सारे राज्य और उसका वैभव दिखाकर उससे कहा, "यदि तू गिरकर मुझे प्रणाम करे, तो मैं यह सब कुछ तुझे दे दूँगा |"
  • __25:8__यीशु शैतान के लालच में नहीं आया, तब शैतान उसके पास से चला गया|
  • 33:6 तब यीशु ने उन्हें समझाया कि, "बीज परमेश्वर का वचन है।" मार्ग एक ऐसा व्यक्ति होता है जो परमेश्वर के वचन सुनता है, लेकिन उसे समझ में नहीं आता है, और शैतान उस वचन उससे ले जाता है।"
  • __38:7__रोटी खाते ही, यहूदा में शैतान समा गया।
  • __48:4__परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की थी कि हव्वा का ही एक वंशज शैतान का सिर कुचलेगा, और शैतान उसकी एड़ी को डसेगा | इसका अर्थ यह हुआ कि, शैतान मसीह को मार देगा, पर परमेश्वर उसे तीसरे दिन फिर जीवित कर देगा | यीशु शैतान की शक्ति को हमेशा के लिए नाश कर देगा |
  • 49:15 परमेश्वर ने तुम्हें शैतान के राज्य के अंधकार से बाहर निकला और तुम्हें परमेश्वर के ज्योतिमय राज्य में रखा है |
  • 50:9 "जंगली दाने उन मनुष्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो दुष्ट से सम्बंधित हैं| जिस शत्रु ने जंगली बीज बोये वह शैतान का प्रतिनिधित्व करता है।"
  • 50:10 "जब संसार का अंत होगा, तो जो लोग शैतान के हैं उन सभी लोगों को स्वर्गदूत एक साथ इकठ्ठा करेंगे और उन्हें एक धधकती आग में डाल देंगे, जहाँ वे भयंकर पीड़ा के कारण रोएँगे और अपने दाँत पीसेंगे |
  • 50:15 जब यीशु वापस आएगा तो वह शैतान और उसके राज्य को सर्वदा के लिये नष्ट कर देगा| वह शैतान को नरक में डाल देगा जहाँ वह उन लोगों के साथ हमेशा जलता रहेगा, जिन्होंने परमेश्वर की आज्ञा मानने की बजाय उसकी बात मानने का चुनाव किया|

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H7700, H7854, H8163, G1139, G1140, G1141, G1142, G1228, G4190, G4566, G4567

श्राप, श्रापित, श्राप दे रहा

परिभाषा:

“श्राप” शब्द का अर्थ है, जिस मनुष्य या वास्तु को श्राप दिया जा रहा है उसके लिए अनर्थ बातों के होने का कारण उत्पन्न करना।

  • श्राप एक उच्चारण है कि किसी , मनुष्य या वस्तु की हानि हो।
  • किसी को श्राप देना मन में उत्पन्न विचार की अभिव्यक्ति भी हो सकता है कि उनके साथ बुरा हो।
  • इसका संदर्भ किसी के लिए किसी के द्वारा दण्ड या अशुभ होने का कारण होने से भी हो सकता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द का अनुवाद हो सकता है: “किसी के लिए अशुभ करवाना” या “अशुभ की घोषणा करना” या “बुरी बातें होने की शपथ खाना”,
  • परमेश्वर द्वारा उसकी आज्ञा न मानने वाली प्रजा पर भेजे जाने वाले श्राप के संदर्भ में अनुवाद इस प्रकार हो सकता है, “अनर्थ बातों को होने देने के द्वारा दण्ड देना”
  • “श्रापित हो” इस उक्ति द्वारा जब मनुष्यों का वर्णन किया जाता है, तो इसका अनुवाद हो सकता है, “(यह व्यक्ति) अमेक कठिनाइयों का अनुभव करेगा”।
  • "श्रापित है" इस उक्ति का अनुवाद किया जा सकता है, "(यह व्यक्ति) कठिनाइयों का अनुभव करे।"
  • "श्रापित है वह भूमि" इस उक्ति का अनुवाद किया जा सकता है, "यह भूमि उपजाऊ न हो।"
  • तथापि, यदि लक्षित भाषा में यह उक्ति, "श्रापित है" है और इसका अर्थ भिन्न नहीं है, तो इस उक्ति को ऐसा ही रखना उचित होगा।

(यह भी देखें: आशिष देना)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 2:09 परमेश्वर ने साँप से कहा, “शापित है तू!”
  • 2:11 “अब भूमि शापित है, और तुझे उसकी उपज खाने के लिये कठोर परिश्रम करना होगा।”
  • 4:4 “जो तुझे आशीर्वाद दें, उन्हें मैं आशीष दूँगा और जो तुझे श्राप दें उन्हें मैं श्राप दूँगा।”
  • 39:7 तब पतरस शपथ खाने लगा, “यदि मैं उस व्यक्ति को जानता हूँ तो परमेश्वर मुझे श्राप दे।”
  • 50:16 क्योंकि आदम और हव्वा ने परमेश्वर की आज्ञा का उलंघन किया और इस दुनिया में पाप को लाए, इसलिये परमेश्वर ने इसे श्राप दिया और इसे नष्ट करने का निर्णय लिया।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0422, H0423, H0779, H1288, H2763, H2764, H3994, H5344, H6895, H7043, H7045, H7621, H8381, G03310, G03320, G06850, G19440, G25510, G26520, G26530, G26710, G26720, G60350

सच्चा, सच्चाई, सत्य

परिभाषा:

“सच्चा” और “सच्चाई” तथ्यों के विचार से संबन्धित हैं, घटनाएं जो वास्तव में घटीं, और जो बातें वास्तव में कही गई। ऐसी अवधारणाओं को "सच्चा" कहते है। सत्य कथन वे बातें हैं जो वास्तविक संसार के अनुसार झूठी नहीं हैं|

  • सच्ची बातें, सच्ची, वास्तविक अधिकृत, वैध तथा तथ्य आधारित होती हैं।
  • सत्य का अर्थ है, समझ, विश्वास, तथ्य या सच्चा कथन होता है।
  • यह कहना कि एक भविष्यवाणी "सच हो गई" या "सच हो जाएगी" का अर्थ है, भविष्यवाणी जैसा ही हुआ है या ऐसा ही होगा।
  • बाईबल में सत्य की धारणा में निहित है ऐसा कार्य जो विश्वासयोग्य है और निर्भर करने योग्य है|
  • यीशु ने अपने वचनों में परमेश्वर के सत्य का प्रकाशन किया था।
  • परमेश्वर का वचन सत्य है। उसमें परमेश्वर के और उसकी सम्पूर्ण रचना के विषय में शिक्षा दी गई है|

अनुवाद के सुझाव:

  • सन्दर्भ और प्रसंग के आधार पर "सच" का अनुवाद ऐसे भी हो सकता है: "वास्तविक" या "यथार्थ" या "सही" या "उचित" या "निश्चित" या "तथ्यपूर्ण"।
  • "सत्य" शब्द के अनुवाद हो सकते है "जो सच है" या "तथ्य" या "निश्चित बात" या "सैद्धांतिक"।
  • "पूरा होना" वाक्यांश के अनुवाद हो सकते है: "वास्तव में हो जाना" या "पूर्ण हो जाना" या "भविष्यवाणी पूरी होना"
  • "सच्चाई से चलते हुए" या "सच बोले" इन वाक्यांशों के अनुवाद हो सकते है: "सच कहना" या "जो वास्तव में हुआ वह कहना" या "विश्वास योग्य बात कहना"
  • “सत्य को ग्रहण करना” का अनुवाद “परमेश्वर के बारे में तथ्यों पर विश्वास करना”
  • “आत्मा और सच्चाई में परमेश्वर की आराधना करें”, इस उक्ति में, “सत्य में” का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर ने हमें जो शिक्षा दी है उसका निष्ठापूर्वक पालन करना”

(यह भी देखें: विश्वास, विश्वासयोग्य, पूर्ति, आज्ञापालन, भविष्यद्वक्ता, अभिज्ञान)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 2:4 साँप ने औरत को जवाब दिया, “यह सच नहीं है ! तुम नहीं मरोगे।
  • 14:6 तुरन्त ही कालेब और यहोशू, अन्य दो जासूस कहने लगे, "हाँ यह सच है कि कनान के लोग लम्बे और तेजस्वी है , पर हम निश्चित रूप से उन्हें पराजित कर देंगे ! परमेश्वर हमारे लिये उनसे युद्ध करेगा।"
  • 16:1 इस्राएलियों ने यहोवा जो सच्चा परमेश्वर है उसके स्थान पर, कनानियो के देवता की उपासना करना आरम्भ किया।
  • __31:8__उन्होंने यीशु की आराधना करी, और उसे कहा, सचमुच, तू परमेश्वर का पुत्र है |”
  • 39:10 मैं परमेश्वर के बारे में सच बताने के लिये पृथ्वी पर आया हूँ | हर वह व्यक्ति जिसे __सच्चाई __से प्रेम है, मुझे सुनेगा |” पिलातुस ने कहा, “सच क्या है?”

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H199, H389, H403, H529, H530, H543, H544, H551, H571, H935, H3321, H3330, H6237, H6656, H6965, H7187, H7189, G225, G226, G227, G228, G230, G1103, G3303, G3483, G3689, G4103, G4137

संत, पवित्र जन

परिभाषा:

शब्द "संत" का शाब्दिक अर्थ है "पवित्र लोग" और यीशु में विश्वासियों को संदर्भित करता है।

  • कलीसियाई इतिहास में, आगे चलकर भले कामों के लिए प्रसिद्ध मनुष्य के लिए "संत" शब्द का उपयोग किया गया है लेकिन यह शब्द नये नियम के समय के दौरान ऐसा इस्तेमाल नहीं किया गया था।
  • यीशु के विश्वासियों को पवित्र जन इसलिए नहीं कहा गया है कि उन्होंने अच्छे काम किए परन्तु मसीह यीशु के मोक्षक कार्यों में विश्वास करने के कारण उन्हें पवित्र जन कहा गया है। वही उन्हें पवित्र बनाता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • "पवित्र जन" या "यीशु के पवित्र विश्वासी" या "पवित्र" या "पवित्र लोग" या "यीशु के पवित्र विश्वासी" या "पृथक किए गए लोग।"
  • सावधान रहें कि इस उक्ति द्वारा किसी समूह विशेष का भाव व्यक्त न हो।

(यह भी देखें: पवित्र)

बाइबल के सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H2623, H6918, H6922, G40

सत्य का वचन

परिभाषा:

“सत्य का वचन” परमेश्वर के वचन और शिक्षा के लिए एक और उक्ति है। इसका संदर्भ सिर्फ एक शब्द से नहीं है।

  • परमेश्वर का सत्य का वचन वह है जो परमेश्वर ने अपने बारे में मनुष्यों को सिखाया अर्थात् उसका सृजन कार्य, यीशु के द्वारा उसके उद्धार की योजना।
  • इस शब्द से उस तथ्य को महत्त्व प्रदान होता है कि परमेश्वर ने हमसे जो कहा है वह सच है, विश्वासयोग्य और वास्तविक है।

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • इसका अनुवाद “परमेश्वर का सच्चा सन्देश” या “परमेश्वर का वचन जो सच्चा है” हो सकता है।
  • इस शब्द के अनुवाद में सत्य होने का भाव प्रकट किया जाना अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है।

(यह भी देखें: सत्य, वचन, परमेश्वर का वचन)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H561, H565, H1697, H3068, G3056, G4487

सदूकी, सदूकियों

परिभाषा:

मसीह यीशु के युग में सदूकी यहूदियों के याजकों में से उभरा एक राजनीतिक दल था। जो रोमी राजा का विरोधी था और पुनरूत्थान में विश्वास नहीं करता था।

  • अनेक सदूकी धनवान उच्चवर्गीय यहूदी थे जिनके हाथ में प्रभावशाली अगुआई के पद थे जैसे प्रधान याजक और महायाजक।
  • सदूकियों के दायित्वों में मन्दिर के देखरेख करना तथा याजकीय सेवाएँ जैसे बलि चढ़ाना था।
  • सदूकियों और फरीसियों ने यीशु को क्रूस पर चढ़ाने के लिए रोमी प्रशासकों को विवश किया था।
  • यीशु ने इन दो पंथों के स्वार्थ और पाखण्ड की निन्दा की थी।

(यह भी देखें: प्रधान-याजकों, महासभा, महायाजक, कपटी, यहूदी अगुवों, फरीसी, याजक)

बाइबल के सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: G45230

सनातन, अनन्त, अनंत काल

परिभाषा:

“सनातन” और “अनन्त” के अर्थ लगभग एक से ही हैं और सदा उपस्थित या सदाकालीन बात का संदर्भ देते हैं।

  • “अनन्तकाल” इस बात का संदर्भ देते हैं जिसकी न आरंभ या न ही अन्त है। इसका संदर्भ ऐसे जीवन से भी है जिसका अन्त नहीं।
  • इस वर्तमान पार्थिव जीवन के बाद, मनुष्य परमेश्वर के साथ स्वर्ग में या परमेश्वर से अलग नरक में अनन्त जीवन व्यतीत करेंगे।
  • “अनन्त जीवन” और “सदा का जीवन” नये नियम में परमेश्वर के साथ स्वर्ग में सदा के जीवन के लिए काम में ली गई उक्तियां हैं।
  • “ युगानुयुग” इस उक्ति द्वारा अनन्तकाल या अनन्त जीवन व्यक्त किया जाता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “अनन्त” और “सदाकाल” का अनुवाद करने की अन्य विधियां, “अन्तरहित” या “कभी नहीं रूकनेवाला” या “सदा चलनेवाला” हो सकते है।
  • “अनन्त जीवन” और “सदा का जीवन” का अनुवाद, “जीवन जिसका अन्त नहीं या “जीवन जो रुके बिना चलता है” या “ देह का पुनरूत्थान अनन्त जीवन पाने के लिए” हो सकता है।
  • प्रकरण के आधार पर “अनन्तकाल” की अनुवाद विधियां, “समय के परे उपस्थित” या “समाप्त न होने वाला जीवन” या “स्वर्ग का जीवन” हो सकता है।
  • *स्थानीय भाषा या राष्ट्रीय भाषा के बाइबल अनुवाद में इस शब्द का अनुवाद कैसे किया गया है उस पर भी ध्यान दें। (देखें: अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे)

(यह भी देखें: सदाकालीन, जीवन)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों के उदाहरण:

  • 27:01 एक दिन, यहूदियों के कानून में एक विशेषज्ञ यीशु की परीक्षा लेने के लिए आया था, उन्होंने कहा, "शिक्षक, मुझे अनन्त जीवन पाने के लिए क्या करना चाहिए ?"
  • 28:01 एक दिन, एक अमीर युवा शासक यीशु के पास आया और उससे पूछा, "अच्छा शिक्षक, मुझे क्या करना चाहिए __ अनन्त जीवन__ प्राप्त करने के लिए ?" यीशु ने उस से कहा, "तुम मुझसे क्यों पूछ रहे हो के अच्छा क्या है।? केवल एक ही है जो अच्छा है, और वह परमेश्वर है। लेकिन यदि तुम __ अनन्त जीवन__ पाना चाहते हो, तो परमेश्वर के नियमों का पालन करें। "
  • 28:10 यीशु ने उत्तर दिया, "जिसने मेरे नाम के लिए घर, भाइयों, बहनों, पिता, माता, बच्चों या संपत्ति को छोड़ दिया है, उसे सौ गुणा अधिक मिलेगा और अनन्त जीवन भी प्राप्त करेगा।"

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H3117, H4481, H5331, H5703, H5705, H5769, H5865, H5957, H6924, G126, G165, G166, G1336

सब्त

परिभाषा:

"सब्त" शब्द का अर्थ है सप्ताह का सातवां दिन, जिसके लिए परमेश्वर ने इस्राएल को आज्ञा दी थी कि उस दिन को विश्राम करने के लिए प्रिथक कर दें, उस दिन कोई कार्य नहीं करें।

  • परमेश्वर ने छः दिन ब्रह्माण्ड की रचना की, और सातवें दिन विश्राम किया। इसी प्रकार, परमेश्वर ने इस्राएलियों को आज्ञा दी थी कि सातवें दिन को पवित्र मानकर विश्राम का विशेष दिन रखें और उसकी आराधना करें।
  • "सब्त के दिन को पवित्र रखने" की आज्ञा दस आज्ञाओं में से एक है जिन्हें परमेश्वर ने पत्थर की पट्टियों पर लिखकर मूसा को इस्राएल के लिए दिए थे।
  • यहूदी दिनों की गिनती के अनुसार, सब्त का दिन शुक्रवार सूर्यास्त से आरंभ होकर शनिवार सूर्यास्त तक होता था।
  • बाइबल में कभी-कभी मात्र सब्त के स्थान पर "सब्त का दिन" कहा गया है।

अनुवाद के सुझाव:

  • इसको इस प्रकार से भी अनुवाद किया जा सकता है जैसे कि "विश्राम दिवस" या "विश्राम के लिए दिन" या "काम नहीं करने का दिन" या "परमेश्वर के विश्राम का दिन।"
  • कुछ अनुवादों में इस शब्द को बड़े अक्षरों में लिखकर प्रकट किया जाता है कि यह एक विशेष दिन है, जैसे कि "विश्राम दिवस" या "विश्राम का दिन।"
  • ध्यान दें कि इस शब्द का अनुवाद स्थानीय भाषा या राष्ट्रीय भाषा में कैसे किया गया है।

(यह भी देखें: अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करें)

(यह भी देखें: विश्राम)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 13:5"तू सब्त के दिन को पवित्र मानने के लिये स्मरण रखना | छ: दिन तो तू परिश्रम करके अपना सब काम-काज करना, परन्तु सातवा दिन तेरे परमेश्वर यहोवा के लिये विश्रामदिन है |"
  • __26:2__यीशु नासरत शहर के पास गया, जहाँ उसने अपना बचपन बिताया था | सब्त के दिन वह आराधना करने के स्थान पर गया |
  • __41:3__यीशु को दफ़नाने के दिन के बाद सब्त का दिन था, और यहूदियों को उस दिन कब्र पर जाने की अनुमति नहीं थी|

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H4868, H7676, H7677, G4315, G4521

सर्वदा

परिभाषा:

बाइबल में “सर्वदा” शब्द का अर्थ है, अनन्त समय। कभी-कभी इसका उपयोग प्रतीकात्मक रूप में किया जाता है जिसका अर्थ है, “बहुत लम्बा समय”।

  • “युगानुयुग” अर्थात सदा अस्तित्वान वस्तु।
  • “युगानुयुग” इस उक्ति द्वारा अनन्तकाल या अनन्तजीवन व्यक्त किया जाता है। इसमें अनन्त समय का भाव निहित है।
  • परमेश्वर ने कहा था कि दाऊद का राज्य “सर्वदा” का होगा। इसका अभिप्राय है कि दाऊद का वंशज यीशु राजा होकर सदा राज करता रहेगा।

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द का अनुवाद “सत्त” या “अनन्त” हो सकता है।
  • "सदा का होगा" इसका अनुवाद हो सकता है: "सदा बना रहेगा" या “कभी समाप्त न होगा” या “सदा बना रहेगा”
  • प्रभावोत्पादक उक्ति “युगानुयुग”, इसका अनुवाद हो सकता है, “सदा-सदा के लिए” या “कभी अन्त न होनेवाला” या “जो कभी समाप्त नहीं होगा”
  • दाऊद का राज सदा का होगा, इसका अनुवाद हो सकता है, “दाऊद का वंशज सदा राज करेगा” या “दाउद का वंशज सदा राज करता रहेगा”

(यह भी देखें: दाउद, अनन्त, राज्य)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H3117, H4481, H5705, H5331, H5703, H5769, H5865, H5957, G165, G166, G1336

सर्वशक्तिमान

तथ्य:

“सर्वशक्तिमान” का वास्तविक अर्थ है “सबसे अधिक शक्तिशाली” बाइबल में यह शब्द परमेश्वर को सम्बोधित करता है।

  • “सर्वशक्तिमान” या “सर्व-सामर्थी” शब्द परमेश्वर के संदर्भ में हैं और प्रकट करते है कि उसे सब पर पूर्व अधिकार एवं सामर्थ्य प्राप्त है।
  • इस शब्द द्वारा परमेश्वर को पदनामों दिया गया है, “सर्वशक्तिमान परमेश्वर” या “सर्व-सामर्थी परमेश्वर” या “सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर”

अनुवाद के सुझाव:

  • इस शब्द का अनुवाद हो सकता है: “सर्वसामर्थी” या "सर्वशक्तिमान" या "परमेश्वर, जो सर्वशक्तिमान है"
  • “सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर” के अनुवाद हो सकते हैं, “सामर्थी शासक परमेश्वर” या “सर्वशक्तिमान प्रभुता संपन्न परमेश्वर” या “सामर्थी परमेश्वर जो एक महान स्वामी है”।

(अनुवाद के सुझाव: नामों का अनुवाद कैसे करें)

(यह भी देखें: परमेश्वर, प्रभु, सामर्थ्य)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H7706, G3841

संसार, सांसारिक

परिभाषा:

“संसार”शब्द आमतौर पर ब्रह्माण्ड के उस भाग को दर्शाता है जहां मनुष्य वास करता हैं: पृथ्वी “सांसारिक” शब्द इस संसार के लोगों की बुरी मान्यताओं तथा व्यवहार का विवरण देता है।

  • सामान्य अर्थ में “संसार” आकाश और पृथ्वी और जो कुछ उनमें है उसे दर्शाता है।
  • अनेक संदर्भों में “संसार” का अर्थ “संसार के लोग” होता है।
  • कभी-कभी इसका संकेत पृथ्वी के बुरे लोगों या उन लोगों से है जो परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानते हैं।
  • प्रेरितों ने भी “संसार” शब्द को मनुष्यों के स्वार्थी स्वभाव और भ्रष्ट मान्यतायों के लिए काम में लिया है। इसका अर्थ मानवीय प्रयासों पर आधारित धार्मिकता के पाखंड के धर्म आधारित अभ्यास भी होता है।
  • इन मान्यताओं पर निर्भर मनुष्य और वस्तुओं के लक्षणों को “सांसारिक” कहा गया है।

अनुवाद के सुझाव

  • सन्दर्भ के अनुसार “संसार” का अनुवाद “ब्रह्माण्ड” या “संसार के लोग” या “संसार की भ्रष्ट बातें” या “संसार के मनुष्यों का दुष्ट स्वभाव” भी हो सकता है।
  • “संपूर्ण संसार” का अर्थ प्रायः “अनेक लोग” और विशेष क्षेत्र के रहने वाले लोगों से होता है। उदाहरणार्थ, “सारी पृथ्वी के लोग मिस्र में आए।” इसका अनुवाद हो सकता है, “आस-पास के देशों से बहुत लोग मिस्र आए” या “मिस्र के आसपास के सब देशों के लोग वहां आए”।
  • "रोमी साम्राज्य में सब लोग जनगणना के लिए अपना नाम लिखवाने के लिए अपने-अपने जन्म स्थान को गए" इसका अनुवाद हो सकता है: "बहुत से लोग जो रोमी साम्राज्य के अधीन के राज्यों में रहते थे गए..."।
  • सन्दर्भ के अनुसार “सांसारिक” का अनुवाद “बुरा” या “पापमय” या "स्वार्थी" या “अभक्त” या “भ्रष्ट” या “संसार के लोगों की भ्रष्ट मान्यताओं द्वारा प्रभावित” हो सकता है।
  • “संसार को यह बातें कहना” का अनुवाद “संसार के लोगों से यह बात कहना” हो सकता है,।
  • अन्य संदर्भों में “संसार में” का अनुवाद हो सकता है, “संसार के लोगों में रहते हुए” या “अभक्त लोगों में रहते हुए”

(यह भी देखें: भ्रष्ट, स्वर्ग, रोम, अभक्त)

बाइबल संदर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H776, H2309, H2465, H5769, H8398, G1093, G2886, G2889, G3625

सहभागिता

परिभाषा:

सामान्यतः “सहभागिता” का अर्थ है, किसी जन समुदाय के सदस्यों के मध्य मित्रतापूर्ण व्यवहार, जो एक सी रूचियों और अनुभवों को साझा करते हैं।

  • बाइबल में “सहभागिता” शब्द मसीह के विश्वासियों की एकता के संदर्भ में काम में लिया गया है।
  • मसीही सहभागिता एक आपसी संबन्ध है जो विश्वासी मसीह के साथ और पवित्र आत्मा के द्वारा एक दूसरे के साथ रखते हैं।
  • आरंभिक विश्वासी अपनी सहभागिता को परमेश्वर के वचन की शिक्षा सुनने और प्रार्थना करने तथा अपनी सम्पदा को आपस में बाँटने और एक साथ भोजन करने के द्वारा प्रकट करते थे।
  • विश्वासियों की सहभागिता यीशु में विश्वास के द्वारा और क्रूस पर उसकी बलिदान की मृत्यु (जिसके कारण परमेश्वर और मनुष्यों के मध्य की दीवार गिराई गई थी) द्वारा परमेश्वर के साथ भी सहभागिता रखते हैं।

अनुवाद के सुझाव:

  • “सहभागिता के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “आपस में बाँटना” या “संबन्ध” या “संगति” या “मसीही समुदाय”

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H2266, H8667, G2842, G2844, G3352, G4790

साक्षी, गवाहों, गवाह, बातों के देखनेवाले

परिभाषा:

“साक्षी” उस व्यक्ति के संदर्भ में है, जिसने व्यक्तिगत रूप से किसी बात का अनुभव किया है। गवाह प्रायः वह मनुष्य है जो किसी सच बात का साक्षी है। साक्षात गवाह अर्थात अपनी आंखों से किसी घटना को देखने वाला।

  • किसी बात का गवाह होना अर्थात उसे देखना।
  • अभियोग में गवाह “साक्षी देता है” या “गवाही देता है” इसका अर्थ वही है जो गवाही देने का है।
  • गवाहों से अपेक्षा की जाती है कि उन्होंने जो देखा या सुना है उसको सच-सच बताएं।
  • जो गवाह सच नहीं बोलता उसे “झूठा गवाह” कहते हैं। उसके लिए कहा जाता है कि वह “झूठी गवाही देता है” या वह “झूठा साक्षी है”।
  • “के बीच गवाह होना” अर्थात वाचा बांधने का कोई गवाह है या कोई वस्तु साक्षी है। ऐसा गवाह सुनिश्चित करेगा कि प्रत्येक पक्ष अपनी प्रतिज्ञा पूरी करे।

अनुवाद के सुझाव:

  • “गवाह” और “साक्षात गवाह” का अनुवाद ऐसे शब्द या उक्ति द्वारा किया जाए जिसका अर्थ, “देखने वाला व्यक्ति” या “जिसने होते हुए देखा” या “जिन्होंने देखा और सुना” हो।
  • कुछ ऐसा "एक गवाह" का अनुवाद "वादा" या "हमारे वादे का चिन्ह" या "कुछ ऐसा साबित करता है जो यह सच है।"
  • वाक्यांश "आप मेरे गवाह होंगे" के रूप में भी अनुवाद किया जा सकता है "आप अन्य लोगों को मेरे बारे में बताएंगे" या "आप लोगों को सच्चाई सिखाना होगा जो मैंने आपको सिखाया था" या "आप लोगों को बताएंगे कि आपने मुझे क्या करते देखा है और सिखाते सुना। "
  • '' गवाह होने के लिए '' का अनुवाद "जो देखा वह बताना" या "गवाही देने " या "क्या हुआ यह बताने के लिए" के रूप में किया जा सकता है।
  • "किसी का गवाह होने के लिए" का अनुवाद "कुछ देखना" या "कुछ अनुभव करने के लिए" के रूप में किया जा सकता है।

(यह भी देखें: दोष, न्याय, सत्य, साक्षी)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 39:02 घर के अन्दर प्रधान याजकों ने यीशु की जाँच शुरू की। वे कई झूठे गवाह लाए जो यीशु के बारे में झूठ बोल रहे थे।
  • 39:04 इस पर महा याजक ने क्रोध में अपने वस्त्र फाड़े और अन्य धार्मिक नेताओं से कहा कि, “अब हमें गवाहों की क्या जरुरत। तुमने अभी सुना है कि इसने अपने को परमेश्वर का पुत्र कहा है। तुम्हारा क्या न्याय है?”
  • 42:08 “पवित्रशास्त्र में यह भी लिखा था कि मेरे चेले प्रचार करेंगे कि हर एक को पापों की क्षमा प्राप्त करने के लिये पश्चाताप करना चाहिए | वे यरूशलेम से इसकी शुरुआत करेंगे और हर जगह सब जातियों में जायेंगे, तुम इन सब बातों के गवाह हो।”
  • 43:07“इसी यीशु को परमेश्वर ने फिर से जिलाया, जिसके हम सब गवाह है।”

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H5707, H5713, H5715, H5749, H6030, G267, G1263, G2649, G3140, G3141, G3142, G3144, G4828, G4901, G5575, G5576, G5577

सामर्थ्य, शक्तियाँ

परिभाषा:

“सामर्थ्य” शब्द का अर्थ है कुछ करने की क्षमता या बहुत अधिक बल लगाकर कुछ होना संभव करना। “शक्तियों” का संदर्भ मनुष्यों या आत्माओं से है जिनमें कुछ करने की महान शक्ति होती है।

  • “परमेश्वर का सामर्थ्य” अर्थात् सब कुछ संभव बनाने की परमेश्वर की शक्ति, विशेष करके वे काम जो मनुष्य के लिए असंभव है।
  • परमेश्वर को अपनी संपूर्ण सृष्टि का पूर्ण अधिकार है।
  • परमेश्वर जो चाहता है उसे करने के लिए अपने लोगों को सामर्थ्य प्रदान करता है जिससे कि जब वे मनुष्यों को रोगमुक्ति प्रदान करें या अन्य आश्चर्यकर्म करें तो वह परमेश्वर के सामर्थ्य से माने जाएं।
  • यीशु और पवित्र-आत्मा भी परमेश्वर हैं इसलिए उनकी सामर्थ्य भी समान है।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार “सामर्थ्य” का अनुवाद “क्षमता” या “शक्ति” या “ऊर्जा” या “चमत्कारों की क्षमता” या “नियंत्रण” हो सकता है।
  • “शक्तियों” का अनुवाद हो सकता है, “शक्तिशाली प्राणी” या “वश में करने वाली आत्माएं” या “मनुष्यों को वशीभूत करने वाले”
  • “हमें बैरी के हाथों से बचा” का अनुवाद होगा, “हमें अपने बैरियों के अत्याचार से बचा” या “हमें अपने शत्रुओं के वश से छुड़ा ले”। * यहां “सामर्थ्य” का अर्थ है मनुष्यों को वश में करने और उन पर अत्याचार करने की शारीरिक क्षमता”।

(यह भी देखें: पवित्र आत्मा, यीशु, आश्चर्यकर्म)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 22:05 स्वर्गदूत ने उसको उत्तर दिया, “पवित्र आत्मा तुझ पर उतरेगा, और परमप्रधान की सामर्थ्य तुझ पर छाया करेगी | इसलिये वह पवित्र जो उत्पन्न होनेवाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा |”
  • 26: 1शैतान की परीक्षा पर जय पाने के बाद, यीशु जहाँ वह रहते थे गलील के क्षेत्र के लिए पवित्र आत्मा की शक्ति में लौट आए।
  • 32:15 यीशु ने तुरन्त जान लिया कि मुझ में से सामर्थ्य निकली है |
  • 42:11 यीशु के मरे हुओ में से जी उठने के चालीस दिनों के बाद, उसने अपने चेलों से कहा कि तुम यरूशलेम में ही रहना जब तक कि मेरे पिता तुम्हे पवित्र आत्मा का __सामर्थ्य __तुम्हे न दे |”
  • 43:06“हे इस्राएलियो ये बातें सुनो: यीशु नासरी एक मनुष्य था, जिसने परमेश्वर की सामर्थ्य से कई आश्चर्य के कामों और चिन्हों को प्रगट किया, जो परमेश्वर ने तुम्हारे बीच उसके द्वारा कर दिखाए जिसे तुम आप ही जानते हो |
  • 44:08 तब पतरस ने उन्हें उत्तर दिया, “यीशु मसीह की सामर्थ्य से यह व्यक्ति तुम्हारे सामने भला चंगा खड़ा है |

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H410, H1369, H1370, H2220, H2393, H2428, H2429, H2632, H3027, H3028, H3581, H4475, H4910, H5794, H5797, H5808, H6184, H7786, H7980, H7981, H7983, H7989, H8280, H8592, H8633, G1411, G1415, G1754, G1756, G1849, G1850, G2159, G2478, G2479, G2904, G3168

सिय्योन की बेटी

परिभाषा:

“सिय्योन की बेटी” इस्राएल के लिए प्रयुक्त प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति है। इसका उपयोग प्रायः भविष्यद्वाणियों में किया जाता है।

  • पुराने नियम में “सिय्योन” शब्द यरूशलेम नगर के लिए प्रयोग किया गाया दूसरा नाम है।
  • “सिय्योन” और “यरूशलेम” दोनों शब्द इस्राएल को संदर्भित करने के लिए भी काम में लिए गए हैं।
  • “बेटी” शब्द ममता और वात्सल्य का शब्द है। यह परमेश्वर द्वारा उसकी प्रजा के प्रति उसके धीरज और देखरेख के लिए एक रूपक है।

अनुवाद के सुझाव:

  • इसके अनुवाद रूप हो सकते हैं, “सिय्योन से मेरी पुत्री इस्राएल” या “सिय्योन के लोग जो मेरे लिए पुत्री जैसे हैं” या “सिय्योन मेरे प्रिय जन इस्राएल”।
  • इस अभिव्यक्ति में “सिय्योन” शब्द को इसी रूप में रखना उचित है क्योंकि बाइबल में उसका अनेक बार उपयोग किया गया है। अनुवाद में एक टिप्पणी लिखी जा सकती है कि उसका प्रतिकात्मक अर्थ और भविष्यद्वाणी का उपयोग स्पष्ट किया जाए।
  • “पुत्री” शब्द को भी इस अभिव्यक्ति के अनुव्वाद में ज्यों का त्यों रखना उचित है जब तक कि उसका अर्थ यथार्त रूप में समझा जाता है।

(यह भी देखें: यरूशलेम, भविष्यद्वक्ता, सिय्योन)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H1323, H6726

सिय्योन, सिय्योन पर्वत

परिभाषा:

“सिय्योन” या “सिय्योन पर्वत” एक दृढ़ गढ़ के संदर्भ में है जिसे राजा दाऊद ने यबूसियों से जीता था। दोनो शब्द यरूशलेम के संबोधन के अन्य रूप हुए थे।

  • सिय्योन पर्वत और मोरिय्याह पर्वत वे दो पर्वत थे जिन पर यरूशलेम नगर बसा हुआ था। आगे चलकर “सिय्योन” और “सिय्योन पर्वत” इन पर्वतों और यरूशलेम नगर के उपनाम हुए। कभी-कभी ये शब्द यरूशलेम के मन्दिर के संदर्भ में भी काम में लिए गए हैं। (देखें: लक्षणालंकार)
  • दाऊद ने सिय्योन या यरूशलेम को “दाऊद नगर” नाम दिया था। यह स्थान दाऊद के अपने स्थान, बैतलहम से भिन्न था जिसे दाऊद नगरी भी कहा गया है।
  • “सिय्योन” शब्द को अन्य प्रतीकात्मक रूपों में भी काम में लिया गया है, जैसे इस्राएल के लिए या परमेश्वर के आत्मिक राज्य के लिए या उस नए स्वार्गिक यरूशलेम के लिए जिसे परमेश्वर रचेगा।

(यह भी देखें: अब्राहम, दाऊद, यरूशलेम, बैतलहम, यबूसी)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H6726

सीधे, सिधाई

परिभाषा:

“सीधे” और “सिधाई” शब्दों का अर्थ है परमेश्वर के नियमानुसार आचरण करना।

  • इन शब्दों के अर्थ में सीधा खड़ा होना और सीधा देखने का मूल विचार निहित है।
  • एक खरा मनुष्य परमेश्वर के नियमों का पालन करता है और उसकी इच्छा के विरूद्ध कुछ नहीं करता है।
  • “खराई” और “धार्मिकता” के समानार्थक शब्द हैं और कभी-कभी समानान्तर रचना में काम में लिए जाते हैं जैसे “खराई और धार्मिकता” (देखें: समानता)

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • “सीधे” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “उचित व्यवहार करना” या “उचित काम करनेवाला” या “परमेश्वर के नियमानुसार चलना” या “परमेश्वर का आज्ञाकारी” या “उचित आचरण रखना”।
  • “सिधाई” शब्द का अनुवाद “नैतिक शुद्धता” या “अच्छे नैतिक चरित्र” या “औचित्य”
  • “खरे” का अनुवाद “सच्चे लोग” या “निष्कपट लोग” हो सकता है।

(यह भी देखें: सत्यनिष्ठा, व्यवस्था, व्यवस्था, पालन, शुद्ध, धर्मी)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H1368, H3474, H3476, H3477, H3483, H4334, H4339, H4749, H5228, H5229, H5324, H5977, H6968, H8535, H8537, H8549, H8552, G3716, G3717

सुसमाचार प्रचारक, सुसमाचार सुनानेवाले

परिभाषा:

“सुसमाचार प्रचारक” मनुष्यों को मसीह यीशु का सुसमाचार सुनाता है।

  • “सुसमाचार प्रचारक” का मूल अर्थ है “शुभ सन्देश सुनानेवाला”।
  • यीशु ने अपने चेलों को भेजा कि मनुष्यों में शुभ सन्देश प्रसारित करें कि यीशु और पाप के मोचन को उसके बलिदान द्वारा परमेश्वर के राज्य का भाग कैसे बनें।
  • सब मसीही विश्वासियों से आग्रह किया जाता है कि इस शुभ सन्देश को सुनाए।
  • कुछ विश्वासियों को विशेष आत्मिक वरदान प्राप्त है कि मनुष्यों में इस शुभ सन्देश का प्रभावी प्रचार करें। इन मनुष्यों के पास सुसमाचार प्रचार का वरदान है और इन्हें “सुसमाचार प्रचारक” कहते हैं।

अनुवाद के सुझाव:

  • “सुसमाचार प्रचारक” शब्द का अनुवाद हो सकता है, “सुसमाचार सुनाने वाला” या “सुसमाचार का शिक्षक” या “सुसमाचार सुनानेवाला व्यक्ति(यीशु के बारे में)” या “शुभ समाचार घोषणा।”

(यह भी देखें: शुभ सन्देश, आत्मा, वरदान)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: G2099

सूबेदार

परिभाषा:

सूबेदार रोमी सेना का अधिकारी था जिसके अधीन सौ सैनिक होते थे।

  • इसका अनुवाद ऐसे शब्द से किया जा सकता है जिसका अर्थ हो “सौ पुरुषों का अगुआ” या “सैनिक अगुआ” या “सौ का प्रभारी अधिकारी”।
  • एक रोमी सूबेदार यीशु के पास याचना लेकर आया था कि वह उसके सेवक को चंगा करे।
  • यीशु के क्रूसीकरण का कर्ताधर्ता सूबेदार यीशु की मृत्यु को देखकर आश्चर्यचकित हो गया था।
  • परमेश्वर ने एक सूबेदार को पतरस के पास भेजा कि पतरस उसे यीशु का सुसमाचार सुनाए।

(यह भी देखें: रोम)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: G15430, G27600

सेनाओं का यहोवा, सेनाओं का परमेश्‍वर, आकाश के गण, आकाश का सारा तारागण, सेनाओं का प्रभु

परिभाषा:

  • “सेनाओं का यहोवा” और “सेनाओं का परमेश्वर” ये पदनाम हजारों स्वर्गदूतों पर परमेश्वर के अधिकार को दर्शाते हैं जो उसकी आज्ञा का पालन करते हैं।
  • “सेना” या “सेनाओं” ये शब्द किसी भी बात की बड़ी संख्या को व्यक्त करते हैं जैसे सेना या सितारों की विशाल संख्या। यह बुरी आत्माओं सहित सभी कई आत्माओं के संदर्भ में भी है। संदर्भ यह स्पष्ट करता है कि क्या संदर्भित किया जा रहा है। “स्वर्ग की सेना” सितारों, ग्रहों और अन्य आकाशीय पिण्डों के लिए काम में लिए जाते हैं।
  • नए नियम में, वाक्यांश, "सेनाओं का प्रभु" का अर्थ "सेनाओं का यहोवा" के समान है, लेकिन इसका इस तरह से अनुवाद नहीं किया जा सकता है क्योंकि "यहोवा" इब्रानी शब्द है नए नियम में प्रयोग नहीं किया गया है।

अनुवाद के लिए सुझाव:

  • “सेनाओं का यहोवा” के अनुवाद हो सकते हैं, “स्वर्गदूतों पर राज करने वाला परमेश्वर” या “स्वर्गदूतों की सेनाओं पर राज करने वाला परमेश्वर” या “यहोवा जो स्वर्गदूतों पर राज करता है।”
  • "सेनाओं का" "सेनाओं का परमेश्वर" या "सेनाओं का प्रभु" के सन्दर्भ में इसका अनुवाद, वैसा ही किया जाए जैसा ऊपर "सेनाओं का यहोवा" किया गया है|
  • कुछ कलीसियाओं में "यहोवा" शब्द को स्वीकार नहीं किया जाता है| वे "सेनाओं का प्रभु" काम में लेते है जिसमें प्रभु शब्द को बड़े अक्षरों में लिखा जाता है| यह अनेक बाईबल संस्कारों के अनुसार है| इन कलीसियाओं के लिए "सेनाओं का यहोवा" का अनुवाद पुराने नियम में "सेनाओं का यहोवा" को काम में लिया जाता है|

(यह भी देखें: स्वर्गदूत, अधिकार, परमेश्वर, प्रभु, प्रभु, प्रभु यहोवा, यहोवा)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H430, H3068, H6635

सेवक, सेवकों

परिभाषा:

सेवक स्थानीय कलीसिया का परिचारक होता था, उनकी व्यवहारिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता था जैसे भोजन और आर्थिक व्यवस्था.

  • सेवक शब्द यूनानी शब्द “डीकन” से निकला है जिसका अर्थ है, "सेवक" या "परिचारक."
  • आरंभिक कलीसिया के समय ही से सेवक का दायित्व कलीसिया में एक सुस्पष्ट भूमिका एवं सेवा रहा है.
  • उदाहरणार्थ नये नियम के युग में सेवक सुनिश्चित करते थे कि विश्वासी जो पैसा और भोजन उपलब्ध करवाते थे, उसका बंटवारा विधवाओं में निष्पक्षता से किया जाए.
  • “सेवक” शब्द का अनुवाद किया जा सकता है, “कलीसियाई सेवक” या “कलीसियाई कर्मी” या “कलीसियाई परिचारक” या अन्य कोई उक्ति जिसके द्वारा स्पष्ट हो कि स्थानीय मसीही समुदाय के लिए लाभकारी विशिष्ट कार्य हेतु विधिवत नियुक्त किया गया व्यक्ति.

(यह भी देखें: सेवक, सेवक)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong’s: G1249

सेवा करना, सेवकाई

परिभाषा:

बाइबल में “सेवकाई” शब्द का संदर्भ मनुष्यों को परमेश्वर के बारे में शिक्षा देना और उनकी आत्मिक आवश्यकताओं की सुधि लेने से था.

  • पुराने नियम में याजक मन्दिर में चढ़ावे चढ़ाकर परमेश्वर की "सेवा" करते थे.
  • उनकी “सेवकाई” में मन्दिर की देखरेख और मनुष्यों की ओर से परमेश्वर के लिए प्रार्थनाएं चढ़ाना भी होता था.
  • मनुष्यों की "सेवा" के कार्य में परमेश्वर के बारे में शिक्षा देते उनकी उनकी आत्मिक सेवा करना भी था.
  • इसका संदर्भ उनकी सांसारिक सेवा से भी हो सकता था, जैसे रोगियों की सुधि लेना और गरीबों को भोजन देना.

अनुवाद के सुझाव:

  • मनुष्यों की सेवा के संदर्भ में “सेवा करना” का अनुवाद “परिचर्या” या “सुधि लेना” या “आवश्यकताएं पूरी करना” भी हो सकता है.
  • जब मन्दिर में सेवा का संदर्भ हो तो “सेवक” शब्द का अनुवाद हो सकता है,” मन्दिर में परमेश्वर की सेवा करना” या “मनुष्यों के लिए परमेश्वर के समक्ष बलि चढ़ाना.”
  • परमेश्वर की सेवा के संदर्भ में इसका अनुवाद हो सकता है,“सेवा करना” या “परमेश्वर के लिए काम करना.” हो सकता है.
  • “सेवा की” का अनुवाद हो सकता है, “सुधि ली” या “प्रावधान किया” या “सहायता की.”

(यह भी देखें: सेवा करना, बलिदान)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong’s: H6399, H8120, H8334, H8335, G1247, G1248, G1249, G2023, G2038, G2418, G3008, G3009, G3010, G3011, G3930, G5256, G5257, G5524

स्वर्ग, आकाश, आकाशमण्डल, स्वर्गीय

परिभाषा:

जिस शब्द का अनुवाद, “स्वर्ग” किया गया है उसका सन्दर्भ प्रायः उस स्थान से है जहाँ परमेश्वर रहता है। प्रकरण के आधार पर इस शब्द का अर्थ “आकाश” भी हो सकता है।

  • “आकाशमण्डल” का संदर्भ उन सब से है जिनको हम पृथ्वी के ऊपर देखते हैं, इनमें सूर्य, चाँद और सितारे भी हैं। उसमें ऐसे आकाशीय पिण्ड भी हैं जिन्हें हम पृथ्वी से अपरोक्ष देख नहीं सकते हैं।
  • “आकाश” शब्द पृथ्वी के ऊपर नीली विस्तार से है जिसमें बादल हैं और हमारी श्वास वायु व्याप्त है| सूर्य और चंद्रमा के लिए भी प्रायः कहा जाता है कि वे "ऊपर आकाश में" हैं।
  • बाइबल के कुछ संदर्भों में “स्वर्ग” का अर्थ आकाश या परमेश्वर का निवास स्थान से भी होता है।

अनुवाद के सुझाव:

  • मत्ती की पुस्तक में “स्वर्ग का राज्य” के अनुवाद में “स्वर्ग” को ही रखा जाए क्योंकि यह शब्द मत्ती रचित सुसमाचार का एक विशिष्ट शब्द है।
  • “आकाशमण्डल” या “तारागण” का अनुवाद किया जा सकता है, “सूर्य, चाँद और सितारे” या “ब्रह्माण्ड में सब सितारे”।
  • “आकाश के तारों” का अनुवाद किया जा सकता है, “आकाश के सितारे” या “मंदाकिनी के सितारे” या “ब्रह्माण्ड के सितारे”

(यह भी देखें: परमेश्वर का राज्य)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 4:2 फिर उन्होंने स्वर्ग तक ऊंचा गुम्लंमत बनाना आरम्भ किया।
  • 14:11 उसने (परमेश्वर) उन्हें स्वर्ग से रोटी दी, “जिसे मन्ना कहते थे।”
  • 23:7 तब एकाएक स्वर्गदूतों का दल परमेश्वर की स्तुति करते हुए और यह कहते हुए दिखाई दिया, “आकाश में परमेश्वर की महिमा और पृथ्वी पर उन मनुष्यों में जिनसे वह प्रसन्न है, शान्ति हो।”
  • 29:9 तब यीशु ने कहा, “इसी प्रकार यदि तुम में से हर एक अपने भाई को मन से क्षमा न करेगा, तो मेरा पिता जो स्वर्ग में है , तुम से भी वैसा ही करेगा।”
  • 37:9 तब यीशु ने स्वर्ग की ओर देखा और कहा, “हे पिता, मैं आपका धन्यवाद करता हूँ कि आपने मेरी सुन ली है।
  • 42:11 प्रभु यीशु उनसे बातें करने के बाद स्वर्ग पर उठा लिया गया और एक बादल ने उसे उनकी आँखों से छिपा लिया।

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H1534, H6160, H6183, H7834, H8064, H8065, G09320, G20320, G33210, G37700, G37710, G37720

स्वर्गदूत, प्रधान स्वर्गदूत

परिभाषा:

स्वर्गदूत परमेश्वर द्वारा बनाए  गए  सामर्थी आत्मिक प्राणी हैं. स्वर्गदूत परमेश्वर की सेवा के लिए है कि उसकी हर एक बात को मानें. और करें| “ प्रधान स्वर्गदूत” का सन्दर्भ  उस स्वर्गदूत से है जो सब स्वर्गदूतों पर शासन करता है  या उनकी अगुवाई  करता है.

  • "स्वर्गदूत" शब्द का मूल अर्थ है "सन्देशवाहक."
  • "प्रधान स्वर्गदूत" का मूल अर्थ है, "परम सन्देशवाहक." बाइबल में जिस "प्रधान स्वर्गदूत" का उल्लेख किया गया है, वह मीकाईल है.
  • बाइबल में स्वर्गदूतों ने मनुष्यों को परमेश्वर का सन्देश सुनाया था. इन सन्देशों में निर्देश थे कि परमेश्वर मनुष्यों से क्या करवाना चाहता था.
  • स्वर्गदूतों ने मनुष्यों को भविष्य की घटनाओं की जानकारी भी दी थी या पूर्व समय की घटनाओं की जानकारी भी दी थी.
  • स्वर्गदूतों के पास परमेश्वर का अधिकार होता है, क्योंकि वे उसके प्रतिनिधि हैं. बाइबल में कभी-कभी वे ऐसे बोलते थे जैसे परमेश्वर स्वयं ही कह रहा हो.
  • स्वर्गदूतों द्वारा परमेश्वर की सेवा के अन्य रूप थे, मनुष्यों की रक्षा करना और उन्हें बल प्रदान करना.
  • “यहोवा का दूत” एक विशेष अभिव्यक्ति है जिसके अर्थ एक से अधिकहैं: 1) इसका अर्थ हो सकता है,“स्वर्गदूत जो यहोवा का प्रतिनिधि है” या “यहोवा की सेवा करने वाला सन्देशवाहक.” 2) इसका संदर्भ स्वयं यहोवा से हो सकता है, जो मनुष्यों से बात करते समय स्वर्गदूत सा दिखाई देता है. इन में से किसी भी अर्थ से स्वर्गदूत द्वारा "मैं " शब्द के उपयोग की व्याखा होती है कि जैसे यहोवा स्वयं कह रहा हो.

अनुवाद के सुझाव:

  • “स्वर्गदूत” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “परमेश्वर का सन्देशवाहक” या “परमेश्वर का स्वार्गिक सेवक” या “परमेश्वर की सन्देशवाहक आत्मा.”
  • “प्रधान स्वर्गदूत” का  अनुवाद “प्रमुख स्वर्गदूत” या “प्रमुख शासकीय स्वर्गदूत” या “स्वर्गदूतों का अगुआ” हो सकता है.
  • ध्यान दें कि इन शब्दों का अनुवाद राष्ट्रीय भाषा या अन्य स्थानीय भाषाओं में कैसे किया गया है.
  • “यहोवा का दूत” का अनुवाद “यहोवा” और “स्वर्गदूत” के अनुवाद के लिए काम में  लिए गए शब्दों द्वारा किया जा सक्या है. इससे उस उक्ति  के भिन्न भिन्न अर्थ प्रकट होंगे. संभावित अनुवाद हो सकते है, “यहोवा का स्वर्गदूत” या “यहोवा द्वारा भेजा गया स्वर्गदूत” या “यहोवा, जो स्वर्गदूत सा दिखाई दिया”

(यह भी देखें: अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे)

(यह भी देखें: प्रधान, सिर, दूत, मीकाएल, शासक, सेवक)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 2:12 जीवन के वृक्ष का फल खाने से किसी को भी रोकने के लिये परमेश्वर ने भीमकाय शक्तिशाली स्वर्गदूतों को वाटिका के द्वार पर रख दिया.
  • __22:3__उस स्वर्गदूत ने जकरयाह से कहा, "मैं परमेश्वर द्वारा भेजा गया हूँ कि तुझे यह शुभ सन्देश सुनाऊं."
  • 23:6 अचानक, एक चमकता हुआ स्वर्गदूत उन्हें (चरवाहों को)दिखाई दिया, और वे  बहुत डर गए. तब स्वर्गदूत ने उनसे कहा, “ मत डरो, क्योंकि मेरे पास तुम्हारे लिए एक शुभ सन्देश है,"
  • 23:7 तब एकाएक, परमेश्वर की स्तुति  करते हुए स्वर्गदूतों से आकाश भर गया.
  • 25:8 तब स्वर्गदूत आए और यीशु की सेवा करने लगे.
  • 38:12 यीशु बहुत व्याकुल था और उसका पसीना खून की बूँदो के समान था. परमेश्वर ने उसे शक्ति देने के लिए एक स्वर्गदूत भेजा.
  • 38:15 " मैं अपनी रक्षा के लिए पिता से कहकर __स्वर्गदूतों __की पलटन मंगा सकता हूँ.

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0047, H0430, H4397, H4398, H8136, G00320, G07430, G24650

हाय

परिभाषा:

“हाय” शब्द घोर निराशा को व्यक्त करता है। इससे किसी को आगामी घोर कष्टों के अनुभव की चेतावनी भी दी जाती है।

  • “हाय उन पर” इस अभिव्यक्ति में एक चेतावनी है कि वे लोग अपने पापों के कारण कष्टों का अनुभव करेंगे।
  • बाइबल में अनेक स्थानों में “हाय” शब्द को दोहराया गया है जिसका अभिप्रेत अर्थ है भयानक दण्ड की प्रबलता व्यक्त करना है।
  • मनुष्य कहता है, “हाय मुझ पर” तो इसका अर्थ है घोर कष्टों के कारण दुःख व्यक्त करना।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार “हाय” शब्द का अनुवाद हो सकता है, “अगाध दुख” या “शोक” या “आपदा” या “विनाश”
  • इस अभिव्यक्ति, "हाय ("शहर का नाम) पर" का अनुवाद हो सकता है, "(शहर का नाम) के लिए कैसा भयानक होगा" या "(उस शहर) के लोगों को गंभीर दंड जाएगा" या "उन लोगों को बहुत भुगतना होगा। "
  • यह अभिव्यक्ति, "हाय मुझे पर!" या "मुझ पर हाय!" का अनुवाद हो सकता है, "मैं कितना दुखी हूँ!" या "मैं बहुत उदास हूँ!" या "यह मेरे लिए कैसा भयानक है!"
  • यह अभिव्यक्ति, "तुझ पर हाय" का अनुवाद हो सकता है "तू कष्टों का मारा होगा" या "तू भयानक परेशानियों का अनुभव करेगा।"

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0188, H0190, H0337, H0480, H1929, H1945, H1958, G37590

हृदय, मन

परिभाषा:

शब्द "हृदय" आंतरिक शारीरिक अंग को संदर्भित करता है जो लोगों और पशुओं में पूरे शरीर में रक्त प्रवाहित करता है। तथापि, बाइबल में “हृदय” शब्द का उपयोग प्रायः मनुष्य के विचारों, भावनाओं इच्छाओं और लालसाओं के लिए किया गया है।

  • “कठोर मन” एक सामान्य अभिव्यक्ति है जिसका अर्थ है कि कोई व्यक्ति हठपूर्वक परमेश्वर को मानने से इंकार करता है।
  • “अपने पूरे हृदय से” या “अपने पूरे मन से” अर्थात, आरक्षण रहित पूर्ण निष्ठा से, समर्पण से, या इच्छा से।
  • “मन में बसा लेना” अर्थात किसी बात को गंभीरता से लेते हुए जीवन में आत्मसात कर लेना।
  • “दिल टूटना” अर्थात एक ऐसे व्यक्ति का वर्णन करता है जो बहुत दुखी है। वह व्यक्ति भावनात्मक रूप से बहुत आहत हुआ है।

अनुवाद के सुझाव

  • कुछ भाषाओं में विचारों के लिए “पेट” या “कलेजा” जैसे शब्दों का उपयोग किया जाता है।
  • कुछ भाषाओं में एक विचार के लिए एक शब्द दूसरे विचार के लिए दूसरा शब्द काम में लिया जाता है।
  • यदि “हृदय” या अन्य दैहिक अंग इस अर्थ को व्यक्त नहीं कर पाते तो उन भाषाओं में सीधा-सीधा “विचार” या “भावना” या “इच्छा” शब्द काम में लिया जाए।
  • प्रकरण के अनुसार “मेरे पूरे हृदय से” या “मेरे संपूर्ण मन से”, इन उक्तियों का अनुवाद हो सकता है, “मेरी पूर्ण शक्ति से” या “पूर्ण समर्पण के साथ” या “पूर्णतः” या “पूर्ण समर्पण के साथ”।
  • “मन में बसा लेना” का अनुवाद हो सकता है, “गंभीरता से व्यवहार करना” या “सावधानीपूर्वक विचार करना”।
  • “कठोर हृदय” का अनुवाद हो सकता है “हठ के साथ विद्रोह करना” या “आज्ञा पालन से इन्कार करना” या “ या “लगातार परमेश्वर की अवज्ञा करना”
  • “हृदय टूटना” अर्थात् “गहरा दुःख होना” या "भावनाओं को गहरी चोट पहुंचना"

(यह भी देखें: कठोर)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H1079, H2436, H2504, H2910, H3519, H3629, H3820, H3821, H3823, H3824, H3825, H3826, H4578, H5315, H5640, H7130, H7307, H7356, H7907, G06740, G12820, G12710, G21330, G25880, G25890, G46410, G46980, G55900