अध्याय १४

1 2 3 १) फसु येशु पवित्र दिह फरीसीन सरदारन घर खाणे गोयु ,अने च्या येशुह मारकुट करन्या ओता । २) चेहरी एक माणुह येशुन सामने ओतु तीनाहा लखवान बिमारी ओती । ३) येरपर येशु व्यावस्थापकह अने फरीसीह कोयु ," काय पवित्र दिह भी हाजो कोरने हाजो से काय ? 4 5 6 ४) पुण च्या ठावकाज रोया ,तेतार येशु तिनाहा हात लागाडीन हाजु कोरयु अने तीनाहा जाणे देण्यु । ५) येशु तीनुह कोयु ," तुमरे कुण ओहलो से,जेरु पुरयु नी ते बुल वावडीमा पोड जाय ,अने पवित्र दिही तिनाहा नी नीकावे ६) च्या इनी वातोन जवाब नी आप सेक्या । 7 8 9 ७) जेतार च्यु देख्यु , के आमंत्रण आपला माणहे आपणु जागु बाबीन बोठ गया ,ते एक दाखलु देखाडीन कोयु । ८) जेतार तोहो वियावमा हाजे जागे जाईन जुण बोठतु ,काहाके च्यु माणुह तार देखा कानला मोटला माणहह नेवतो नी आपरोयेह।९) ज्यु तोह अने तीना तुमु दुयह नेवतो आपलु से,आवीन कोये ,तु इनाहा बोठणे जागु आप दे ,तेतार तोहो लाजवाईन नेचो बुयमा बोण्णु पोडे । 10 11 १०) जेतार तोहो आमंत्रण आवे ,तेतार तु आखान नेचे जागे बोठजी के जेतार ज्यु तोहो नेवतो आपलु से,आवे ,तेतार तोहो कोये ,ये दुस्ती अगव आवीन बठ तेतार तारा बठणारा सामने तारी बोडाई ओयहे ।( नीतिवचन २५:६-७) ११) काहाके जु कुण खुदह मोटु बोणावहे तीनाह आयतु कोरनेमा आवहे ,अने जु कुण आयतु बोणहे च्यु मोटे कोरने आवहे। 12 १२) तेतार च्यु नेवतो आपणाराह भी कोयु ," जेतार तु दिहु नीते खाणो खाय ते तारा दुस्तीह नी ते घरुन नीते धनवान हातेवालाहा जुण लीजातु ,काहाके च्या भी तोहो नेवतो आपे अने तेरो बदलो ओय जाय । 13 14 १३) पुण तु जेता भोज निमंत्रण कोरे ,तेतार कंगाल टुडा लंगडाहा आने आदवाहा बुलाड । १४) तेतार तु धन्य आयहे ,काहा के तीनदरे पाह तोह बदलु आपणे काहीच नी रोये ,पुण धर्मी माणहो पुनस्थान ओयणे पर प्रतिफत जुडहे । 15 16 17 १५) तेरे हाथे खाणो खाणेवाला माय एक यी वात होबींन तिनाहा कोयु," धन्य से च्यु परमेश्वरन राजमा रुटु खाहे । १६) येशु तीनाहा कोयु," कानलु एक माणुह मोटो खाणेन आमंत्रण आप्यु अने खुब माणहोह बुलाव्यु। १७) जेतार खाणे तीयार ओय गोयो ,तेतार तेरा दासन हाते आमंत्रण कोयणे मुकल्यु ,आऊ एवी खाणो तीयार से। 18 19 20 १८) अने च्या आखान - आखा माफी मांगने बाज गोया ,पेहलु तीनाहा कोयु," मी खेत वेचाता लेदलु ,मेहे आवश्यक से के खेत देखणे जाणु से । १९) दिहरु कोयु मी पाय जुडी बुल लेदलु से,तीनुह जुपीन देखणु से, मी तोहो विनती कोरो के मेहे क्षमा कर । २०) अने एक कोयु ," मारु एवी वियाव ओयलु से,इनान कोरता मी नी आव सेकतलु । 21 22 २१) च्यु नोकर जाईन तेरा मालकह कोयु ,तेतार घरन मालक ह खत लागी अने तेरा नोकरह कोयु ,नगरन बजार मा जा ,अने गलीमा जल्दी जाईन कंगाल ,बिखारी ,लेंगडा अने आंधवाहा या लीयाव । २२) नोकर फसु कोयु ,हे स्वामी ,जेहे तु कोयलु ओतु ,तेहेज मी करलु से,ते भी जागु से । 23 24 २३) मालक नोकरह कोयु ,सडको पर अने वाडामा जाईन माणहह हादीन हाते लीन आव के मारो घर भराय जाय । २४) काहाके मी तुमुह कोयो , के तीनु आमंत्रण कोरला माणहोमा कुणी मारा घरन खाणं नी चाखे । 25 26 27 २५) अने जेतार मोटी गरदी तेरे हाते जाती ओती,तेतार च्यु फसव फिरीन कोयु २६) अगर कुण मारे फसव आवे,तेरा आई बाबाह अने लाडी पुन्या अने भायहे ,अने बोणहया ,पुण तेरा खुदन जिवह भी त्याग करे ताहा तक च्यु मारु चेलु नी ओय सेकतलु ।( मती १०:३७,युहन्ना १२:२५, व्यवस्थाविवरण ३३:९) २७) अने ज्यु कुण खुदन क्रुस नी उखले अने मारे फसव नी आवे ,च्यु भी मारु चेलु नी ओय सेकतलु । 28 29 30 २८) तुमुमा कुण से किलु बणवण्यु से,पेहले बोणेन खर्चान हिसाब नी लागाडे , के किलु पुरु कोरणे खर्चान बजट मार पा से के नी ? २९) के ओहलो नी ओये,जेतार पायु नाखीन तीयार नी कोराये के देखणेवाला यो कोयीन तेरु मजाक उडावहे । ३०) यु माणुह पायु बोणाव्यु पुण पुरु नी कोर सेकयु ? 31 32 33 ३१) नीते कानलु राजा ओहलु से,की दुहरा राजा हाते लडाय कोरने जाण्यु से, के पेल बोणीन विचार नी कोर लेय ज्या विस हजार सेना लीन मार हाते जुलायणे आवे ,काय भी दस हजार लिन तेर सामना कोर सेकतलु काय नी ? ३२) नीते तीनाहा सेटु रोयीन तेरा दुतह मुकलीन मेल मिलाप कोरने वात कोरहे ३३) इनी रिती देखु तुमुमा ज्यु कुण आखो त्याग नी देय ते च्यु मारु चेला नी ओय सेकतलु । 34 35 ३४) खारो ते हाजो से,पुण तेरु हवाद बिगडी जाय ,तेतार तीनाहा कानली वस्तु देखा खारचों ओयहे । ३५) च्यु नीते धरतीन कायताहा नाखणेन काम मा आवे ,तीनाहा ते माणहे बारथे नाख देहे ,जेरा होंबवणेन कान ओये च्यु होंबी लेय ।