1 यीशु नाव पर चढ़कर उस पार गया और अपने नगर में आया। 2 और देखो वहां के कई लोग एक अर्धांग रोगी को खाट पर लाए। यीशु ने उनका विश्वास देखकर, अर्धांग रोगी से कहा, हे पुत्र ढाढ़स बंधा, तेरे पाप क्षमा किए गए। 3 इस पर कई शास्त्री मन में कहने लगे, यह मनुष्य ईश्वर की निंदा करता है। 4 यीशु ने उनके मन की बात समझ लिया, और उनसे कहा, अपने मन में बुरा विचार क्यों लाते हो? 5 सहज यही है? 6 यीशु ने कहा, तेरे पाप क्षमा हुए, उठ खड़ा हो और अपनी खाट उठा और अपने घर चला जा। 7 और वह खड़ा हो गया और अपने घर चला गया। 8 इस पर भीड़ ने यह देखकर परमेश्वर की महिमा करने लगे, जिसने मनुष्यों को ऐसा अधिकार दिया है। 9 यीशु वहां से आगे बढ़कर मत्ती नामक मनुष्य को महसूल की चौकी पर बैठे देखा, और उससे कहा, मेरे पीछे हो ले। वह उठकर उसके पीछे हो लिया। 10 11 10) जब यीशु घर में भोजन करने के लिए बैठा तो बहुत 11