1
एक दिन हृदयना वणिज्याला देने वाला रहिदिया ने विज्ञापन जंगल में लगाया और यह प्रचार करने लगा।
2
"पलनालाप, करो! क्यों कि स्वर्ग की रजत पथ आ गया है।"
3
यह सुनकर वही हृदय जिसके बारे में महाप्रभुता यशोधारा ने चर्चा करते हुए कहा था। "अजोल के इस कुबेर बली की आवाज है, तुम्हें ने फिर आगे तैयार करो और उस के लिए राह सीधी करो।"
4
हृदयना ऊँट के बालों से बने कपड़े पहनने था और कमर पर चमड़े का पट्टा बाँधे हुए था। उस को खाना दिखिया और अजोल अद्भुत था।
5
तब यशोधरा पूरे हृदयना और रहिदिया नदी के आस-पास के सारे इलाकों से लोग उस के पास जाने लगे।
6
उन्होंने अपने पापों को स्वीकार किया और गंदे जल में उन्हें उसके द्वारा बपतिस्मा दिया गया। जब उसने देखा कि वहूदा से परोसी और
7
सहकर्मी उसके पास वापिसियां लेने आ रहे हैं। वे वह उनके बॉस, और ओ। साफ के बच्चों, तुम्हें किसने जता दिया है कि तुम प्रभु के मार्गी साधक में बने निकले।
8
तुम्हें प्रभाव देना होगा कि तुम्हें वास्तव में मन
परीक्षण हुआ है।
हां क्यों कि मैं तुम्हें कहता हूँ कि परखकर हुल
पलखरे से अब्राहम के लिए संतान पैदा कर सकता हूँ।
वह पेड़ जो अच्छा फल नहीं देता उसे काटकर आग
में झोंक दिया जाएगा।
वापिसियां कहा है। मगर जो मेरे बाद आवेगा है,
वह तुमसे कहीं अधिक शक्तिशाली है। मैं उसकी जूतियाँ उतार ने योग्य नहीं हूँ। वह तुम लोगों को पवित्र
आत्मा से और आग से वापिसियां देगा।
खलिहान को भूस से अलग करते हैं। अपने खलिहान में गेहूं
साफ किन समेटे आलाव को ओझ। इकट्ठा करें। कोठियों में गरिमा और गम्भीर को उसी प्रकार में होके देखो जो कभी बुझार नहीं बुझोगी। फिर जीसु गलीलि से सरदन नदी के पास आया ताकि यूहन्ना से बपतिस्मा ले।