जिसको जलधार के किनारे रोपा गया है।
वह उस वृक्ष
2 समान है, जो उचित समय में फलताऔर जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं।
वह जो भी करता है सफल ही होता है।
किन्तु दुष्ट जन
3 ऐसे नहीं होते।दुष्ट जन उस भूसे के समान होते हैं जिन्हें पवन का झोका उड़ा ले जाता है।