अध्याय २

1 आव हे भाईसब हमरा सबके प्रभु येशूके आगमन आ हमरा सबकोइके सँगे एकेबेर भेटक बारेमे हमसबकोइ उतैक स बिन्ती करैछी, 2 कियाकी प्रभुके दिन आईब गेलै कहीक आहां सबकोइके मन असानीसे नै घबराई अतै बेचैन होई तै आत्मा क शक्ति स तै वचनसे आ हमरा सबके चिठ्ठी से प्रभु के आगमन पहिने भगेलै कहिक धोखा नै देवसकैय । 3 आहां सबकोइके कोई कोलो प्रकाश ढक नै सकैई कैलाकी पतित पापीसब विनासके बेटा अधर्मी आदमी प्रगट दोवतक ई नै धेतै । 4 उओहे है सेकोई अपने आपसे उच्करचाहत आ परमेश्‍वरके विरोध कर लेल आ अपनेके परमेश्‍वरके रुपमे देखा क महिमा होव चाहैईय आ उनकर मन्दिर मे वैस चाहैईय । 5 हम अंहु सबके सँग रैहिई क आहांसबके जेकाह नै छली से आहांसब उनै बुझलि । 6 आब आहांसब जनैछी कोनो एहन बातसब स उनकर आग्मणके रोकैईय ताकी वो ठिक समय से प्रगट होईत । 7 कैलाकी पापके भेद्र पहिने स काम कैईर रहल है जवतक जेसब कोई उकरा सबके पकैइरके राख्ने रहत वो ओकरा रास्ता पर स नै हटाऔव । 8 तकर बाद पापके आदमी प्रगट होइत जेकरा प्रभु येशू अपना मुंहके फुकसे उन्के आग्मणमे ओकर अन्त होइत । 9 शैतानके सबहे शक्‍तिके काम सब चिन्ह सब आ झुठके आइय्यके कामसब के कारण पापके आदमी के आग्मण होईत । 10 ई अधर्मीकताके सब छलके सँगे आईत ई बात सब नाश होवब लोक निम्ति होईत जेसबकोई बचावके लेल परमेश्‍वरके प्रभुके सत्यके ग्रहन नै करतै । 11 तहिकारणसे उसब झुठके विश्‍वास करैय परमेश्‍वर ओकरासबके भर्मसबके काम पठअवैय । 12 ताकी अधर्मीमे आन्नद मनाव बाला सबकोइके न्याय होइक । 13 परमेश्‍वरमे औ प्रेमी भाईसब औ हमसब कोई परमेश्‍वर से आहांसबके लागि धन्यवाद दैत रहैछी कैलाकी परमेश्‍वरके आत्माके शुद्ध आ सत्यमे, विश्‍वासमे, उद्धारमे पहिनका फल जका आहांसब कोइ चनलकै । 14 हमसब जे सु-समाचार द्वारा प्रभु येशूके महिमा प्राप्‍त कर सकु कैहिके ओ आहांसबके अहिकात वोलैइने हव । 15 अहि लेल आब भाईसब औ आहांसब स्थिर रहु परमेश्‍वरके वचन आ पत्र द्वारा आहांसब कोइके सिखाइल गेल परम्परा सब पकैर के राखु 16 आव अनुग्रहसे अनन्तके खुशी आ निमन आशा देवला अपना प्रभु येशू मशिह अपने स आ परमेश्‍वर हमर पिता से 17 सब असल काम आ वचनमे आहांसबके मनके शान्ति आ स्थिर करबैय ।