अध्याय १

1 एल्डर-स चूनल नारी आ हुनकर बेटाबेटी सबके जेकरा सबके हम सच्चाई मे प्रेम करै छी-आ हम मात्रे नै ओ सब सेहो प्रेम करै छै । जे सच्चाई जनले छै । 2 हमरा भित्रमे जे सच्चाई हय आ आहमरा सब लअ सब्दीन रहतैय वे सच्चाईके कारण हमसब प्रेम करै छी । 3 परमेश्‍वर पिता आ येशू मशिह स हमरा मे अनुग्रह,दया,क्रिपा,शान्ति आ सच्चाई आ प्रेम मे वोकरा लअ रहै । 4 जेना हम सब यी हुकुम परमेश्‍वर पिता पौलियइ वहिना अहाके कुछ धियापुता के सच्चाईमे चलल-हमरा जब मिलल हम बौहते खुशी छि । 5 अब हे नारी हम अहा के बिन्ती करै छी- कि हम अहा के नयाँ आज्ञा नै लिख रहल छी जेना नै हई जेना हमरा संग सुरु से नै रहलै कि हम सब एक दोसर के प्रेम करै परतैई । 6 आ प्रेम यी हई कि,हम सब प्रभुके आज्ञा अनुसार चलेपरत । आहांसब सुरु से सुनले आज्ञा यी हई कि आहां सब अइमे चले परत । 7 कैलाकी बहुत छल करेवाला संसार मे गेल छै, जेना येशू शरीरमे अलइ कहीक स्वीकार नै करी छै । यी नै छल आ मशिह के बिरोधी हइ । 8 अपना आप के देखु कि अहा सब यी बात बात न हराउ जईके लेल अपना सब काम कैले छी आ अहा सब पुरा इनाम पाबेसकब । 9 जे अगाडि बरहित रहतैइ आ मशिह के शिक्षा मे नरहतैइ तेकरा साथ परमेश्‍वर नै रहतैइ । जे शिक्षा मे रहतैइ वोकरा साथ पिता आ पुत्र दुनु गोटा रहतैइ । 10 जेनाकि अहा साथ कोइ अलैइ आ यी शिक्षा नै लतैइ हुनका अपने घर मे नमस्ते आ प्रणाम नै करु आ हुनका स्वागत भि नै करु । 11 कैलाकी जे-जे हुनका प्रणाम करै छै उ हुनका खराब काम मे रही छै । 12 हम अहा सब के बहुत बात लिखे के छै, लेकिन यी बात सब कागज आ मसी से लिखेके इच्छा नै करै छी । लेकिन हम भि आहां सबके बिचमे आबेके लेल आशा करै छी, ताकि हमरा सबके आन्नद पुरा होत् । 13 आहां कि चूनल बहिनी के लरका-लरकी सबके अहा के प्रणाम करत ।