1
बा समय येशू शाबाथमे* अन्नके खेत हुइके जात रहए। बाके चेला भुखाने रहए और अन्नके बाली तोरके खान लागे।
2
पर जब फरिसी जा देखके बासे कहीं, देखओ, तुमरे चेला शबाथमे जो करन् ठिक ना हए, बहे करत् हंए।”
22 तव बाके ठिन भुत लागो एक आँधरा और गुँगा आदमीके लाईं। येशू बाके अच्छो करी, हीयँ तक, गुँगो आदमी बोलन और देखन लागो। 23 और सब भिड देखके अचम्मो मानके कही, “का जा आदमी दाउदको पुत्र हुइ सकत हए?”
24 तव जा सुनके फरिसी कही, “जा आदमी भुतको मालिक बालजिबुलसे भुत भजात हए।”
25 तव बा बिनको बिचार पता पाएके बिनसे कही, “आपसमे फुट भव हरेक राज्य उजाड हुइ जए हए, और अपनय मे बटो भऔ हरेक शहेर औ परिवार न टिक पएहए। 26 अगर शैतान शैतानके निकारत हए तव, बा अपनाए विभाजन हुइ जाएहए, तवअइसे बक राज्य कैसे टिकैगो? 27 अगर मए भुतके मालिकसे भुत भजात् हौओं कहेसे तुमरे लौड़ा कासे बे निकारत हँए त? जहेमारे बे तुमर न्यायकर्ता हुइ हँए। 28 अगर मए परमेश्वारको आत्मासे भुत भजात् हओं तव परमेश्वरको राज तुममे आइगओ हए।
29 “पहिले बलि आदमीके न बाँधके बक घर भितरको धन सम्पति कैसे लैजाए पए हए? बा बलि आदमीके बाँधके बक घर लुट पए हँए।
30 “जौन मिर संग ना हए, बा मिर बिरुध्दमे हए, और जौन मिरसंग बटोरत ना हए, बा बिग्दा बैगो।
31 “बहेमारे मए तुमसे काहात् हओ आदमीनके करो पाप और ईश्वरको-निन्दा क्षमा हुइ हए, पर पवित्र आत्माके बिरुध्दमे करो निन्दा क्षमा ना हुइ हए। 32 और कोइ परमेश्वरको पुत्रके बिरुध्दमे कुछ कही तव बा क्षमा हुइहए, पर कोइ पवित्र आत्माके बिरुध्दमे बोलैगो तव बाके ना, जा युगमे और ना आनबारो युगमे फिर क्षमा हुइहए।
33 “कि रुखाके अच्छो बनाबओ, और बाको फरा अच्छो हुइहए। कि रुखाके खराब बनाबओ और बाको फरा फिर खराब हुइहए। काहेकी फरासे रुखा चिनत हँए। 34 ए साँपके बच्चाओ! तुम अपनए दुष्ट हओ, अच्छी बात कैसे बोल पैहओ? काहेकी ह्रदयमे जो भरी बात बहे मुँहुसे निकरत हए। 35 अच्छो आदमी अपन भितर भरी अच्छो चिजसे अच्छो चिज निकारत् हए, दुष्ट आदमी अपन ह्रदयमे रहो भओ दुष्ट बातसे दुष्टए बात बाहिर निकारत् हए। 36 औ मए तुमसे कहत् हओं, सबए व्यर्थकी बात जो आदमी बोलतहए, न्यायके दिनमे बिनको बाको लेखा देन पणैगो।' 37 काहेकी तुमर वचनसे तुमर न्याय हुइ हए, औ तुमरी बचनसे तुम दोषी ठही रैगे।”
38 तव शास्त्री और फरिसी मैसे कोइ-कोइ बासे कहीँ, “गुरुजी, हम तुमसे एक चिन्ह देखन चाहत हँए|” 39 बा बिनके जबाफ दइ, “दुष्ट और व्यभिचारी पुस्ता चिन्ह ढुणत् हँए। पर जा पुस्ताके योना अगमवक्ताक् चिन्ह बाहेक और कोइ चिन्ह ना दओ जएहए। 40 काहेकी जैसी योना बहुत बड़ी मछ्रीके पेट भितर तीन दिन और तीन रात रहो, उइसी आदमीको पुत्र फिर पृथ्बीके गर्भमे तीन दिन और तीन रात रएहए। 41 निनबेके आदमी न्यायके दिनमे जा पुस्ता संग ठाणहँए। और जाके दोषी ठए रैहँए, काहेकी बे योनाके प्रचार सुनके बे पश्चात्ताप करीरहँए, पर देखओ, योनासे महान कोइ हियाँ हए। 42 दक्खिनकी महारानी न्यायके दिनमे जा पुस्ताके संग ठाड़ैगी, काहेकी बे पृथ्वीके छोरसे सोलोमनकी बुध्दीक् बात सुनन् आई पर देखौ, सोलोमनसे महान कोई हिंयाँ हए।
43 जब कोइ दुष्ट आत्मा आदमीसे निकरके जात् हए, बा विश्राम ढुणत् सुखो ठाउँ घेन घुमत् हए, पर कहु ना पात हए। 44 तव बा काहत हए, 'जहाँसे मए निकरके अओ हओं, हुवाँए अपन घरमे मए घुमके जएहओ।' घुमके आतपेति बा घर खालि, सफा करो, और सजो पात् हए। 45 तव बा जात् हए और अपनसे जद्धा दुष्ट और सात भुतात्मा ल्यात हए, और भितर घुसके बे हुवाँ बैठत हँए, और बा आदमीको पिछुको दशा अग्गुसे और खराब होत हए। जा दुष्ट पुस्ताके फिर अईसीए हुइ हए।”
46 जब येशू भिडसंग बोलत रहए बहेबेरा बक् अइया और भैया बाहिर ठाड़े रहँए, और बासे बात करन् चाहत रहँए। 47 तव एक जनि येशूसे कही, “देखओ, तुमरी अइया और तुमर भैया बाहिर ठाड़े हँए, तुमसे बात करन् चाहत हँए।”
48 पर बासे बोलन बारेसे येशू कही, “मिर अइया कौन हए? मिर भैया कौन हँए?” 49 और बा अपन हातसे चेलनके दिखत कही, “देखओ मिर अइया और मिर भैया जेही हँए| 50 काहेकी जौन स्वर्गमे होनबारो मिर पिताको इच्छा पालन करत् हए, बेही मिर भैया, और मिर बहिनियाँ, और मिर अइया हँए।”