अध्याय 1

1 जीवनको जा वचनके बारेमे, जो सुरुसे रहए जो हम सुने हए, जो हमर आखीसे देखे और हातसे छोए, 2 बा जीवन प्रकट भव, और हम देखे, और हम गवाही देत हए और तुमके बा अनन्त जीवनको सन्देश शुनात हए, जो पिता सग रहए, और हमरे ठिन प्रकट भव, 3 हम जो देखे और सुने हए, सो हम तुमके सुनात हए, ताकी हमर सग तुमर सँगती होवए । हमर सँगती पिता और बाको पुत्र येशु ख्रिष्ट सँग हए । 4 हम जा बात जा कारण से लिखेहए, कि हमर आनन्द पुरो होबए । 5 जौन सँन्देश हम तुमसे सुने और बा हम तुमके सुनात हए, बा बहे हए, कि परमेश्वर ज्योती हए, और बामे कतै अध्यारो नाहए । 6 अगर बाकेसँग हमर सँगती हए कहिके हम काहत हए और अन्धकारमे नेगत हए, तव हम झुठ बोलत हए और सत्यमे नचलत हए । 7 पर वा जैसो ज्योतीमे हए उइसिए हम ज्योतीमे चलत हए तव एक दुसरे से हमर सँगती होत हए, और बाको पुत्र येशुको खुनसे हमके सब पापसे सुध्द करत हए । 8 अगर हममे पाप नाहए कहेके हम काहत हए तवहम अपने आपके धोका देत हए, और हममे सत्य नाहए । 9 अगर हम अपने पाप के स्वीकार करङ्गे तव हमर पापके क्षमा करैगो और सबै अर्धमसे हमके शुध्‍द कर देबैगो, काहेकी बा बिश्‍वास योग्यऔर धर्मी हए । 10 अगर हम पाप ना करे हए कहेसे हम काहत हए तव हम झुठ बोलत हए और बाको बचन हम मे नाहए ।