1
तुमर मैसे एक आदमी दुसरेक भैँयासे लडाई भैइहए कहेसे न्यायके ताहिँ सन्तठीन ना जाएके अधर्मीठीन जान के बो आँट करैगो?
2
सन्त संसारको न्याय करत हए कहनबालो बात का तुमके पता नैयाँ? अगर संसारको न्याय तुमही के करन पडैगो कहेसे, छोटेसे- छोटे मुद्दा छिनन् का तुम अयोग्य हौ?
3
का तुमके पता नैयाँ, हम स्वर्गदूतको न्याय करत् हँए? जहेमारे जा जीवनसे होनबालो बात बडो हए का?
4
अइसो लडाइतुमरमे नैयाँ कहेसे, बे लडाइ काहे बे आदमीके अग्गु धरतहौ,जौन आदमी मण्डली के कोई मोलको ना मानत हँए?
5
तुमके शर्ममे पड्न मए जा कहतहौ । अपन ददाभैयनके बीचमे लडाइ मिलान सिकानबालो बुध्दीमान आदमी को नेहत्व तुममे कोई ना पए हौ ?
6
पर एक भैया दुसरो भैयाके विरुध्दमे अदालतमे जए हए , बो फिर अविश्वासीके सामने मुद्धा धरत हए।
7
तुमर एक दुसरेके विरुध्दमे लडन कहेत त तुमर हार हए । बरु अन्याय काहे ना सहमैँ? बरु काहे ठगके ना बैठएँ ?
8
पर तुमही त अन्याय करतहओ और ठगतहौ, बो फिर अपनी भैयाके !
9
अधर्मी परमेश्वरको राज्यको हकदार ना होतहँए कहिके का तुमके पता नैयाँ? धोखा मतखाओ- अनैतिक, मूर्तिपूजक, व्यभिचारी, समलिंगी, पुरुषगामी,
10
चुट्टा, लोभी,मतवाला, निन्दा करनबालो, लुटेरा परमेश्वरको राज्यको हकदार ना हुइहए ।
11
तुम फिर अइसी रहओ, पर तुम धुइगए, पवित्र हुईगए, प्रभु येशू ख्रीष्टको नाउँमे हमर परमेश्वरको आत्मासे निर्दोष ठहरिगए हौ।
12
" सब बात मेरे ताँही न्यायसंगत हँए,” पर सब बातफाइदाके नैयाँ । “सब बात मेरे ताँही न्यायसंगत हँए,” पर मए कुछ बातको कमैया ना हुइहौँ । "
13
"भोजन पेटके ताँही, और पेट भोजनके ताँही हए ।” पर परमेश्वर दुनेके नाशा करैगो । शरीर व्यभिचारके ताँही नैयाँ, पर प्रभुके ताँही हए, और प्रभु शरीरके ताँही हए ।"
14
परमेश्वर अपन शक्तिसे प्रभुके जीवित करी हए, और हमके फिर बाको शक्तिसे जीवित करैगो ।
15
तुमर शरीर ख्रीष्टके अङ्ग हए कहिके का तुमके पता नैयाँ? तव का मए ख्रीष्टके अङ्ग लैके बिनके वेश्याके अशुध्द अङ्ग तुल्यामंगो? जा कबहु ना होबए !
16
वेश्यासंग जुडनबालो आदमी शरीरमे बोकेसंग एक होतहए कहीभइ बातका तुम के पतानैयाँ ? काहेकी अइसो लिखो हए, “बे दुने एक शरीर होमंगे ।”
17
पर जो प्रभुसंग एक हए, बो बाकेसंग आत्मामे एक हुइहए ।
18
व्यभिचारसे अलग बैठऔ । और जौन फिर पाप बो आदमी कहतहए, बो शरीरसे बाहिर होतहए, पर व्यभिचार करनबाले आदमी अपन शरीरके विरुध्दमे पाप करतहँए ।
19
तुमर शरीर पवित्र आत्माको मन्दिर हए, जौन पवित्र आत्मा तुम परमेश्वरसे पाएहओ, और बो तुमरभितर वास करतहए कहिके का तुमके पता नैयाँ? तुम स्वयम अपने ना हौ ।
20
तुम मोल तिरके किनेभए हओं ,। जहेमारे तुमर शरीरमे परमेश्वरको महिमा करौ ।