पाठ - 6

1 ओवरी नानी के जो आयके सहकर्म की परमेश्वर ओवरी समझाए रे का अनुग्रह जोथा ननी व्यर्थ ही सारे गुहा हा रे | 2 कोयला वह तो अय वा अय घय हारे पानिके के प्रश्न के मैं ननी के सुनो हारे उदारे के दिन नंग हिं सहायता खयनी पानिके अतल प्रशन्नता को टेम हों|दब्बो नि अतल उदारे टेमाऊ हे | 3 अई कोइला के बतकाब से ठोकर जारे कोइला नानी सवाई ना खय नंग कोइलय नानी सवाई ना खय नंग कोइलय दोष हां हा | 4 परन्तु हर बार में नानी का परमेश्वर की सेवा जिगाय ही सागुने के प्रगट गयेरे है ,वयनालय कलेसो दरिद्र से | 5 कोड़ जाएरे कायद हुलालोंगे खानी परिश्रम के जगत जिगुहा आस पास घय हारे | 6 पवित्र से ज्ञान से धिरने से कृपालु से नानी क आत्मा ज ही | 7 साँची ओवरी से प्रेम से सत्य के वचनाव बयेरे नानी क परमेश्वर की सामर्थ से नानी हथियारो से जो नानी की दाहिने अय बाब है | 8 जोक आदरे ओवरी दुरनाम से भर माने वाले इन्द हिरे तबयत सा चिहरे | 9 नानी अनजाने के सद्रश्य हों तबयता सी बगेत के अय दोबो नी ओवरी जीवत है मारसाजी वाले सद्र्श मारे हा हा जिगय रे | 10 जोके शेक जिगय वाल मनह परन्तु सर्वदा आनन्द घयेरे कंगालों इन्द्रल नानी भाते धनवान बनाएर जोहो ननी लाई जांमाँ घनु थाये रे | 11 हे कुरन्थियों नानी खुलो येरे के बतकाब नानी के ह्रदय ननी ओरी खुलो है | 12 ननी खानी नानी मनया में कुछ संकोच हाँ | 13 पर पानीके बच्चे जानकर से की आइके बदना पानीके ह्रदय खोल दी | 14 अविश्वासी के संग असमान जुर्य धिमक जौल ज्योति ओवरी अंधकार की क्या गीत गवा हारे | 15 ओवरी मसीह का बनियल के संग लोगाला के संग अविश्वासी के हाग नातो है| 16 ओवरी मूरतों के संग नानी के परमेश्वर के मंदिर का कथा सम्बन्ध हों |कोइला नानी निकोल गुहारे ओवरी नानी के परमेश्वर ने चिने उन ओवरी न वईरी | ओवरी उन में वा हारे फिर उन में वां हारे उन परमेश्वर ओवरी वस्तु को घुयो नि| 17 आय खानी प्रभु आयलाके बीच तोनेनी ओवरी असुद को ता छयो नि ननी ग्रहण हों | 18 ओवरी नानी हिरी ओवरी ननी नाक पायला चिहीरे नाक ग्रालोला यह सर्बशक्ति मान प्रभु की नानी परमेश्वर के वचनाव हिं |