पाठ - 11

1 यदि ननी मेरी टूड मुर्ख सह लेये रे कम भी भला हाँ सह हिरे। 2 कोयला में नानी विषया ना ईश्वर लाग्गो येरे अय खानी डा पयला से ननी थांक ननी क डा बतकाब ननी पवित्र लगा येरे की ननी पवित्र जवान गारंग नाई मसीह को वाआ | 3 परन्तु में पाड़िरे की जोहो माँभू ने पानिके को वकावा इन्दल ननी के मन आई सीधाईओवरी परी जो मसीह के संग हिरी कहीं भ्राट खायेरे | 4 यदि कोइला ननी पासे विरी ते दोहरो यीशु के प्रचार घयरे , जिस का प्रचारे नानी खईया हों कोई ओवेरी मिल्लोरी पयलो मलो था ओवरी जोसे जोहो सुसमाचार जोहो ननी पयलो माँनोंरी ननी के सहयो नीको हिरे | 5 ना ता समझो व् रे की कोइला बतकाउ बयना ला कम हाँ हिरी | 6 यदि बत्वय में आनाडी गुहा छान में ना वरन अय के हर बतकाउ जांमाँ पर ननी क लिए प्रगट की घयेरे | 7 मैंने ओवरी कुछ पाप जिगया हिरी किया नानी परमेश्वर सुसमाचार सेंत मेंत सुनाव रे ओवरी पानिके आव को ननी धी जिघईया सी ओवरी ननि ठाई लई जिघईया सी ? 8 मैंने ओवरी कलीसिया को नानी लूंटवा है अर्थात आयेके नाक मजदूरी लई ताकि ननी के सेवाय नानी खयूरे | 9 ओवरी जब ननि के संग ओवरी घटी ही हारे तो नानी भार हाँ जिगया है |नानी भव्वाला मकिदुनिया नाके पुरो ओवरी बतकाब पानी के भंराव हिये से रोको ओवरी रोकेरिव | 10 यदि मसीह की सच्चाई ला ना या खाईया देशे के कोई लय ना घमण्ड से हां चिरोके रे | 11 अई खानी लिए अय खानी की वा में ननी माँटाई प्रेम घयेरे पय राँखो रे अय परमेश्वर या हां दहोरे रे | 12 परन्तु जो ना घयुरे आईल ना घयुरिव ना दाव दी ढूढयेरे उन्हें में दाव या पानेकी वाकी जो बतकाब या खयेरे आय नानिके सामान ठहरो रे | 13 कोइला इंदे झोठे नानी क प्रेरितों ओवरी छल से कामाव ओवरी मसीह के प्रेरितों का रुपया वेह हया वालो हों | 14 ओवरी यह आय अचम्भे बतकाब ही कोकी शैतान लय भी ज्योतिमर्य स्वर्गदूत के रूपाव के धारण खयुरे | 15 इसे नग आयके सेवकाऊ भी धर्म के सेवको भी धर्म का रुपे धरे तो कुछ बयना बतकाब हिरी परन्तु उउन का अंत कमाऊ हिंरे | 16 ना आजी लय ननी घय हारे हाय ने मुर्ख नगता ही समझेत मेरी साहे कातेनी इतुड़े लय घमण्ड अनुसारे हिरी | 17 अय बेघ डक के घमण्ड से सा का में नोहो में घयुरे की आज्ञा के अनुसारे मानो नंग मुर्खता से हों | 18 जब की बांवेते मंछ्ला हैर के अनुसारे घमण्ड खयेरे | 19 ननी तो समझदार जुसाई आनन्द मटाई मुर्ख के सहे कतय येरे | 20 कोइला जब ननी दाह जीवनाईयेरे या जी ज येरे ननी फ़साव सारे या पानिके बाढ़ा येरे पानिके मगय थप्पड़ सांनूय थाव का पय | 21 नाक घयको की अनादर की रीति या हों परन्तु की निर्बल से आयला हिं परन्तु जो बतकाब या कोई हियाब खयेरे से घयुरे तोभी हियाव खयेरे | 22 क्या वे हिं इबानी होंना लय ता हिं इसलिय होना अब्राम के वशा है नालयवा हिं | 23 क्या वे हिं मसीह के सेवक हिं ए पागले की नाई आय लाई बढ़ करे अधिके परिश्रम खयेरे बार बार हिरे कोड़े जाके बार बार मतय जोखीय | 24 पंगा बार में वाई यहूदियों के हाकव या उनतालिस उन्तालिस कोड़े जाहे | 25 हूँ बाद बेतखाई डा बार जहादे जो पाँ फोए आय पतगाह करो नाई जोया ना चढ़ावो येरे आय ता गाडिये ये डा गायेरे देग या पय सुमुंद्र काढा हों | 26 ना डा यात्रवो में गाड़ के जोखिमाऊ के डाकुओं जातिवाल के जोखिम अन्यजाति से जोखिम या मांनम के जोखिम ओवरी सुमुंद्र के जोखिमाऊ ही झूंठी ता भव्वाला के संग या जोखिम बिहारे 27 नानी परिश्रम बार बार जागोयेरे चाये भूख की चाहे पास हिं उघाड़े येरे | 28 ओवरी अन्य बतकाब घयना कलिसिया की चीता रोज ता खय ना डाबयेरे | 29 कोई के निर्बल हा हिरे कोए ठोकर नाक हाँ हम टैयेरे | 30 यदि नंग घमण्ड ता खय निर्बलता बतकाब घयेरे| 31 नानी प्रभु के परमेश्वर ओवरी पिता जो ननी सदा धन्य रे हा सिना | 32 दश्मिक में अरिता राजा के ओवरी बटाई जी हाकी में है आई या नगर या पहरों सांय गुहा | 33 ओवरी ठोकर खिड़की की कै भितोरी दी ओवरी उतरवे आयके हाकव गई बेचवा |