पाठ - 2

1 ऐ भहुवाला जब नानी परमेश्वर के भेदों सुन्नोरे ननी पास पिए तो ननि वचन या जिबा की उत्तमता के संगे ननि जिबिरी | 2 कोयला में अयी नानी टानो हायरे के ननि के बिच या र यीशु मसीह बरन करन परे चड़ाउ रे मसीह को ओते ये रे ओरी कोई ब्त्काव को जानो ये रे | 3 ओरी में निर्बलता ओवरी भय के संग ओरी बहुते थरथराहट हिवा रे ननि पासे ही | 4 ओरी ना वचने ओवरी ना पचारे में ज्ञान की लुभा ने वाली बतकाव ना घयिरिऊ परन्तु आत्मा आवरी सामर्थ पर प्रणाम ही | 5 आइखानी की नानिके विश्वास हा धयरियो मनसला के ज्ञान पर हा हा परमेश्वर सामर्थ का प्रणाम निर्भर हीरी | 6 फिर भि शुद्ध नानी लय ज्ञान सुनायेरे हे परन्तु परमेश्वर परन्तु अय देहे के नास हीहारे हाकिम लय ज्ञान हा हीरे| 7 परन्तु नानी परमेस्वर के गुप्ता सुनायेरे हे ज्ञान के भेद की रीती पर बतायेरे हे जोहो परमेस्वर सनतान हे हिरी के लय ठहरायेरे | 8 जोहो के चेता हा घय को छड़ी वे ही जो परमेस्वर नरा पानीके प्रेम जिबेवाल के लिए तेयार घयरे| 9 परन्तु जो लिखो हारे जो मिके लय ना चेपा और गुना लय ना सुनानी अवरी जो बत्काव मनसा के चेता हा घय को छड़ी वे ही जो परमेस्वर नरा पानीके प्रेम थाहुरे के लिए तेयार ख्य्यारे| 10 परन्तु परमेश्वर पानीके आत्माये ना द्वारा हीरे प्रगट घयको के चोकी जो आतम जम्मा बतकाव बरन परमेश्वर झूठी बत्काव ठी जाचचो हीरे | 11 जब मनसके में से किसी मनसा लाई बत्काव दह्येरे केवल मंसलाके आत्मा जो हीरे इंदलही परमेश्वर इंदल ही हुई ही लय हा दहउरे केवल ना परमेश्वर के आत्मा ही रे | 12 परन्तु नानी देहे आत्माऊ हा हा परन्तु आत्मा ध्य्तरे हो जो पाये हे जोहो परमेस्वर की आवरी से हे की नानी अइ ब्त्काव जानो ये र हे परमेश्वर नानी जिबेसी | 13 जिवहारे को नानी मनसला के ज्ञान की सिखाईयेरे बत्काव में नानी परन्तु आत्मा में आत्मिक बत्काव से मिला सुननो येरे | 14 परन्तु शारीरिक मनसला के परमेश्वर के आत्मा के ब्त्काव ग्रहण हा हा खाय्यरे के बत्काव हे ओवरी न नाइ अहिला दे हौर सिर |कोयला जाच आत्मिक रीती ही ह्या रे | 15 आत्मिक जन के मनौउ जम्मा कोइला जच्य्यारे हे परन्तु नानी ला कोइला जाचो हा स्य्याक्को रे | 16 कोयला यी प्रभु मनाव हुयिनु दहाउरे परन्तु नानी के मन या मसीह के मनाउया हा हीरे |