1
ए भव्वाला ना हाँ सच्चोरे कि ननी अई बतकाब से अंजान ही कि नानी के पुरानो लोगला देहो के धित्त वाही |अवरी जम्माला समुद्र के बीचया से पार हीय्ये सी |
2
अवरी जम्मालाई देहो के अवरी समुद्र मूसा का बप्तिस्मा काता |
3
अवरी जम्मालाई डालही आत्मिक जाको जा |
4
अवरी जम्मालाई डाल ही आत्मिक ती जाहे क्योंकि आईला आत्मिक चट्टान ती जारे जो आईला के संगे वाँ हाँसी अवरी आई चट्टान मसीह ही |
5
परन्तु परमेश्वर आईलाई के झिक्क ख़ुशी हा हीय्ये |तबय आईला माँन्ग या जम्मा हीय्ये सी |
6
अई बतकाव कहानी बन्नवा कि जैसे आइलाई लालच खय्या वैसे नानी गन्दा वस्तुओं का लालच ता खयनी |
7
अवरी ननीला मूर्ती को पूजोवल्ला वन्नोनि जैसे आइला में से घयनु वन्नवा सी जैस लिख्व तरया वाँ लोगला जा खानी होयेंसी और खड्डों खानी उठाव्वा सी |
8
अवरी नानी व्यभिचार खयनी जैसे कि आइला में से घयनु ने खय्या अवरी आई में से तेईस हजार सिय्ये सी |
9
अवरी नानी भगवान को दाहा जैस आई में से घयनु ने खय्या अवरी माबू के द्वारा खत्म खय्या |
10
अवरी ननी झिक्कल आ हा सी जो रीति से आहीला में से घय झिक्कआ हा सी अवरी खत्म जिघय वाल्ला के द्वारा खत्म खय्या |
11
परन्तु अई जम्मा बतकाव जो आइला पर पव्वा कहानी की रीति या नानी के चेतवानी खय खानी आईला अन्तिम समस्या गू हारे लिख्वा हारे |
12
इसलिए जो समझोव हारे ना मजबूत गुवा आई सावधान हीय्ये कि आई गिरव हा चाहीय्यो |
13
ननी कि इन्द परीक्षा में हा चिपव्वा जो मंछ के सेहन घय खानी से बाहरी वाँ अवरी परमेश्वर निक्को वाँ आई ननीला शक्ति से वाहरी परीक्षा में न पव्व वेरीव वरन परीक्षा के संगे निकाल्ला भी पव्वरी कि ननी सेहन घय सक्कोरी |
14
अई कारण हे नाके निक्को मूर्ति पूजा से बच्चोनी |
15
नाई बुद्धिमान समोजत वारी नई नंग ने हारे जो ना घय हारे उसे नंग जाचो |
16
अई धन्यवाद का कटोरा ही जो नई नानी घय हासी क्या आई मसीह के खुई के रिश्तेदार ही |आई लगग्या ना काड़ीय्या है क्या मसीह के हेरे की खुई हा ही |
17
इसलिए की डा लगग्या और नानी झिक्कला डा हेर वा क्योंकि नानी जम्मा डा लगग्या में हिस्सादार हीरी |
18
जो हेरे के अनुसार नंग इस्राइली वा आइला दब्बो नी क्या बलिदानों के जा वाल्ला वेदी रिश्तेदार हाँ हा |
19
फिर ना नंग हंग नेन्या क्या अई मूर्ति के बलिदान घय वाई या मूरत घय वाई |
20
हा हाँ बस अई कि अलगे जातियों लोगला जो बलिदान ख्य्युरे वे परमेश्वर खानी हाँ हाँ परन्तु दुष्टआत्मा खानी बलि खय्यरे अवरी ना हा चावहरे की ननीला दुष्ट आत्मा के रिश्तेदार जूस्या |
21
ननी प्रभु के कटोरी जूस्या अवरी दुष्टात्माओं के कटोरी लीमला में से हा पी सक्कोरी | ननी प्रभु की मेज की दुष्टात्मा ओं के दोस्ती ही सक्कोरे|
22
क्या नानी प्रभु को गुस्सा दिलाव हारो क्या आई से नानी शक्ति वाल्ला गुवाई |
23
जम्मा वस्तुयें ना खानी उचित वाई परन्तु जम्मा फ़ायदा वाह जम्मा वस्तुए ना खानी उचित वाई |परन्तु जम्मा वस्तु से ना कामयाबी हा गूआ |
24
कोइला पानके भलाई को हा ढूँढनी वरन की बल्की अवरी लाके भी |
25
जो कुछ वोचर या विक्को रे आई जानी अवरे सच्चो के कारण दाहन्ना पूछ्छोनी |
26
क्योंकि पृथ्वी अवरी आईके भरपूरी प्रभु के वाह |
27
अवरी याद अविश्वासियों में से कोइला ननी नीवता जिवेरी अवरी ननी जिगा चाव्वरीव जो कुछ ननीला के गेंन्दा थावरी आई जानी |अवरी विवेक के कारण ता जानी |
28
परन्तु यदि ननी से ने अई मूरत को बलि खय तरया वस्तु वाह |जो आई वाटवाल्ला के कारण | अवरी ननी विवेक के कारण की जानी |
29
नाके मतलबे नंगे विवेक हा हा | परन्तु आई दोहरा के |भला नाके आजादी दोहरा के विचार हंगय परखी जाये |
30
यदि ना धन्यवाद हीत वारी ईस्सा वाल हिरे | तो ना जो पर धन्यवाद खयरे | आईके कारण नाके बदनामी हंगय हीरे |
31
इसलिए ननी चाहोनी तो जानी | चाहे पीय्योनी चाह ननी जो कुछ खयनी जम्मा कुछ परमेश्वर की महिमा से खयनी |
32
ननी लाई यहूदियों अवरी यूनानियों अवरी परमेश्वर की कलीसिया के लिए ठोकर के कारण |
33
जैसा न जम्मा बतकाव में जम्माला को प्रसन्न रख्व हारे |अवरी पानके हा हाँ परन्तु झिक्क के फ़ायदा ढूडढो हारे आईला मुक्ति पावरीव |