पाठ - 7

1 अतः हे पयारे भाईवो जब हमय ई कसम मिली बाय तव आवो पेरमेशवर के भय मा पवित्रता का सही करत हुये हम देह आउर आत्मा कय आसुधता अपने आप का सुध करी। 2 हमय अपने हिरदे मा जगहा दिवों हम केहु के साथे गलत नही किहन हम केहु का बर्बाद नही। 3 किहन हम केहु से गलत लाभ नहीं उठायन हम तूहय दोषी बनवाताई तव नहीं कहित काहे का हम पहिलेन कही चुका हयन की तू हमरे मन मा यस बस गवा हयव की । 4 हम तोहरे साथे मरय अउर जीए का तैयार हयन हमय तोहरे उपर बहुत बड़ा विशवास बाय हमय तुहपय बड़ा घमंड बाय हम सन्ति बाय जब हमय सब तरहा से दुख भवा हय तव हम खुसी से भर जाई थय। 5 मशीडोनिया पाहुचों पय हमरी दहि का आराम नहीं मिला लकीन सब ओर से हमय दुख उठावक परा बहिरे झगरा अउर भीतर डर रहा । 6 लकीन दुखियान का सन्ति दिय वाला पेरमेश्वर तितुष के आवय से हमय सन्ति दिहीन । 7 अउर न उनके आए से बलिक वह सन्ति से जवन वका तोहरी ओर से मिली रही उ हमरी ताई तोहार लालसा तोहरे दुख अउर तोहरे खुसी कय सनेश दिहीन एसे हमय अउर जादा खुसी भई 8 यादप हम अपने संदेश से दुख पाहुचाए रहन लकीन फिरभि हमय यसे काऊनव दुख तव भवा लकीन थोरीक खातिर । 9 अब हम खुस हयन यह मारे नहीं की तू दुखी हयवों वरन यही मारे यह दुख के करन पशतप तू तव पेरमेश्वर के मन के अनूसार दुखी भयओ । 10 कहे का पेरमेश्वर भक्ति कय दुख यस पछतावा हुआ थय जेकय मतलब छुटकारा बाय अउर फिर वसे पछ्ताय का नहीं पड़त लकीन संशरी दुख मिरितु पैदा करत हे। 11 देखव यही बात से तुहय पेरमेश्वरर भक्ति कय दुख भववा तुहुमा केतना खुसी अउर वके बदले गुशा अउर डर अउर मन अउर धुन अउर डांड दीयक ताई बिचारे पैदा भवा तू सब प्रकार से ई सीध काइके दिखाईंन की तू यह बात मा बहुत आछा रहे। 12 फिर हम जवन तोहरे लगे लिखे रहन उ ना तो वाकरे ताई लिखे रहन जे अनय किहीन अउर ना वकरे ताई जे पय अन्याय किहीन अउर न वकरी ताई जेह पय अन्याय किया गवा लेकिन यही ताई की तोहार उत्साह जवान हमरी ताई बाय उ पेरमेश्वर के सामने तोहरे उपर प्रगत होई जाय। 13 यही ताई हमय सन्ति मिली हमरी यह सन्ति साथे तितुष के आनंद के कारण अउर खुसी भवा कहे का वकय जीव तोहरे सब के ताई हरा भरा होई गवा है । 14 कहे का अगर वाकरे सामने तोहरे बारे मा कुछ घमंड देखयन तो लाजित नहीं भयान लकीन जैसे हम तूहसे सब बात सही सही काही थय वाइसय हमार घमंड देखौब तितुष के सामने सही निकला। 15 जब वाका तू सब आज्ञा कारी हुवय के याद आवत हे की कैसे तूहसे डेरत अउर कपात वसे भेट किहिन तव वकय प्रेम तोहरी अउर बड़त जात है । 16 हम खुशी हयन कहे का हमय हर बाती मा तोहरे उपर भोरोषा बाय।