इस्राएल ने अपने पिता इसहाक के परमेश्वर को बलि चढ़ाई।
परमेश्वर ने इस्राएल को एक बड़ी जाति बनाने और उसके साथ मिस्र जाने और उसे मिस्र से लौटा लाने और यूसुफ के हाथों उसकी आँखें बन्द करने की प्रतिज्ञा की।
परमेश्वर ने इस्राएल को एक बड़ी जाति बनाने और उसके साथ मिस्र जाने और उसे मिस्र से लौटा लाने और यूसुफ के हाथों उसकी आँखें बन्द करने की प्रतिज्ञा की।
इस्राएल के साथ उसके सब वंशज मिस्र गए थे।
इस्राएल के साथ उसके सब वंशज मिस्र गए थे।
इस्राएल के साथ उसके सब वंशज मिस्र गए थे।
एर और ओनान कनान में मर गए थे।
याकूब के कुटुम्ब के सत्तर जन मिस्र आए थे।
यूसुफ अपने रथ पर सवार होकर पिता से मिलने गोशेन गया था।
यूसुफ पिता की गर्दन को चूमकर बहुत रोया।
उन्हें फिरौन से कहना था कि युवावस्था से ही उनका व्यवसाय पशुपालन है।