अध्याय ३

1 और सार्डिसके मण्डलीके दुतके जा लिख: 'सात तारा और परमेश्‍वरको सात आत्मा होनबारोको वचन जहे हए। तुमर करेभय काम मोके पता हए। तुम जिन्दा हौ करके नाउँ त् हए, पर तुम मरे हौ। 2 उठौ और जगे रहबओ और मरन् लागो बाँकी रही बातनके पक्को बनाओ, पर जा मरन लगो हय, काहेकी मए परमेश्‍वरकि द्धष्टिमे तुमर काम पुरा भव न पाओ हऔं। 3 जहेमारे, तुम जो बात पाए हौ और सुनेहौ, सो सम्झओ, बाके पालन करओ और पश्‍चाताप करओ। पर यदि तुम जागे न रएहौ, तव मए तुमर विरुद्धमे चुट्टा कता अए हौं, और मए कौन बेरा अए हौं, सो तुमके पता न हुइहए। 4 पर सार्डिसके आदमीन मे कुछ नाउँ हएँ, जौन अपन लत्ताके घिनौनो न करी हयँ। बे सफेत कुर्ता लगाएके मिर सँग नेगंगे, काहेकी बे योग्यके हँए। 5 जौन जितैगो, बाके सेतो कुर्ता पैधाओ जायहय, और जीवनको पुस्तकसे मय बाको नाउँ कबहु न मिटएहौं, और मए मिर पिता और बाके स्वर्गदुतनके अग्गु बाको नाउँ स्वीकार करेहौं। 6 जौनके कान हए, बा सुनए, पवित्र आत्मा मण्डलीसे का कहत हए।" 7 फिलाडेल्फियामे भओ मण्डलीके दुतके जा लिख: जो सत्य और पवित्र हए हए, जे वचन बहेके हयँ, बा दाऊदको कुंजीके लयहए, बा खुलैगो और कोइ फिर बन्द न करपए हए, बा बन्द करेहए और कोई फिर खोल न पए हए। 8 मोके तुमर करोभओ काम पता हए। देखओ, मए तुमर अग्गु खुल्ला फाटक करदौ हऔं हौं और बाके कोइ फिर बन्द न कर सकतहए। मोके पता हय, कि तुमर संग थोरी शक्ति हए, तहुँ फिर तुम मिर वचन पालन करे हौ, और मिर नाउँके इन्कार न करे हौ। 9 देखओ, जौन अपनयके यहूदी हौं कहिके कहात हयँ पर बे न हयँ, बे शैतानको सभाघर हयँ, पर बे झुट बोलरहे हयँ। मए बिनके तुमर पाउँके अग्गु ढोकन लगामंगो, और मय तुमके प्रेम करत हौं करके बे जनङ्गे। 10 तुम मेरो वचन धैर्यसंग पालन करे हौ, बहेमारे पृथ्वीमे जीन बारेनके जाँच आतपेति पुरो संसारमे आनबारी विपत्तिको समयमे परनसे मय फिर तोके बचामङ्गो। 11 मए जल्दी आमंगो। तुमरे संग जो हए बाके कसके पकडे रहिओ ताकि तुमरो मुकुट कोइ लइजा ना सकए। 12 जौन जितैगो, बाके मए मिर परमेश्‍वरको मन्दिरमे एक खम्मा बनामंगो, और बा बासे कबहू बाहिर न निकरैगो । मए बामे मिर परमेश्‍वरको सहेरको नाउँ, मिर परमेश्‍वरको नाउँ, ( नयाँ यरुशलेम , जोन मिर परमेश्‍वरसे स्वर्गसे तरे आत हए ), और मेरो नयाँ नाउँ मए लिखदेमङ्गो। 13 जौनको कान हए, बा सुनए, पवित्र आत्मा मण्डलीसे का कहत हए।" 14 और लाउडिकियाके मण्डलीके दुतके जा लिख: परमेश्‍वरको सृष्टि ऊपरको शासनकर्ता जो विश्‍वासयोग्य और सच्चो साँची, 'जे वचन आमेनके हएँ। 15 मोके तुमर काम पता हए। कि तुम नत् तत्तो नत् जुणे हऔ। तुम कि त तत्ते या जुणे होनके मय चाँहत रहऔं 16 तहिमारे, तुम गुन्गुने हौ, नत् जुणे नत् तत्ते हऔ। जहेमारे, मए तुमके मिर मुहुँसे ऊगलन डटो हौं। 17 "“मए धनी हौं, और मिर संग धन-सम्पति हए, और मोके कोइ बात कि कमि न हय" कहिके तुम कहत हौ, पर तुमके पतए न हय कि तुम दु:खी, दयनीय, गरीब,, अन्धरा और नङ्गे हौ। " 18 मिर सल्लाहके ध्यान देओः आगीसे शुद्ध करो भओ सोनो मोसे खरदीओ ताकि तुम धनी होन सकौ, और तुमर नङ्गोपनको शर्म तोपन चम्किलो सेतो कुर्ता लगाबौ और तुमर नङ्गोपनको शर्म न होबय और अपन आँखीमे मलहम लगाबौ ताकि तुम देख सकौ। 19 मिर प्रेम करनबारे हरेकके मय तालिम देत हौं, और बे कइसे जीन पडैगो सो मय बिनके सिकामङ्गो। जहेमारे, पश्‍चाताप करओ और इमानदार होबओ।। 20 देखओ, मए फाटकमे ठाणके ढकढकात हौं। यदि कोइ मिर सोर सुनके फाटक खोलैगे तव, मए बाके घरभितर आमङ्गो और बाकेसंग खानु खाए हौं और बा मिर संग खबैगो। 21 जौन जितैगो, बाके मिर सिंहासनमे मिर संग बैठनके अधिकार देहौं, जैसी मए फिर जितो और उइसिय मय फिर मिर पिताकेसंग बाको सिंहासनमे बैठो हौं। 22 जौनके कान हए, बा सुनए, पवित्र आत्मा मण्डलीनसे का कहत हए।