अध्याय १०
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१) अने इन वातोन बादमा येशु सत्तर माणहे निवाडयु अने जीना सहर अने जागे येशु खुद जान्यु ओतु ,च्या दुयदुय कोरी अगव मुकल्यु ।
२) अने येशु तीनुह कोयु," खेत मा पाक गयलो से,पुण मजदुर थुडाक से इनान कोरता खेतन मालकह विनती कोरु की खेत वाढणे मजुर मुकले ।
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३) जाऊ देखु मी मेडान सारकु लांडगामा मुकलो ।
४) इनान कोरता नी बाकीन नी झुंव नी खाहडा लेयु ,अने वाटे नमस्कार कोरता ।( मन्ती १०:९,२ राजा ४:२९)
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५) जीना कानला घरमा जाऊ " इना घरमा कल्याण ओये ।
६) अगर च्या कुण कल्याणन योग्य ओहे ,ते तुमरो कल्याण तेर पर रोयहे ,नी ते वापस तुमरे पाह आव लागहे । ७) तीना घरमा रोयु , अने ज्यो भी तीनुपाह जुडे ,च्यो खाऊ पिऊ काहाके कामवालाहा तेरा कामन मजुरी जुडनु जुवे ,घर घर जुण फिरता ।
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८) अने जीना शहर मा जाय अने च्ये माणहे तुमुह रुके तेतार जो काय तुमरे सामने आपे च्योज खाऊ । ९) चे बिमारोह हाजा करु , अने तीनुह कोयु,परमेश्वरन राज तुमरे हाते आव रोयोह ।
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१०) पुण जीना नगरमा जाय ,अने तीना नगरन माणहे तुमरु स्वीकार नी कोरे ,ते बजार मा जाईन कोयु । ११) तुमरा नगरन जरकुण भी ज्यु आमरा पायोमा लागलु से आमु तुमरे सामने झटकी देजे फस भी ,यो जाण लेयु के परमेश्वरन राज तुमरे हाते आवीन पुचलो से। १२) मी तुमुह कोयो के तीना दिहोमा तीना सहरोन जेह सदोमन तेहे आधीक सहनन योग्य ओयहे ।( उत्पत्ति १९:२४-२५)
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१३) हाय खुराजीन हाथ बैतसैदा ज्यों सामर्थन काम तुमुमा करनेमा आवलो से ,अगर च्यो सुर अने सैदा मा कोरता ते टाट पांगरीन रूखडामा बोठीन च्यो केतारेन मन फिरवी लेता । १४) पुण जे दिह तुमरी दशा सुर अन सैदान दशा देखी जादा सहनन योग्य रोयहे ।( योएल ३:४-८, जक ९:२-४)
१५) अने हे कफर्णहुम काय तु स्वर्ग तक उचु ओयहे काय ? तुते अधोलोक तक नेचु जाहे ।( यशायाह १४:१३-१४-१५)
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१६) जो तुमरी हंबवहे ,च्यु मारी हंबहे ,अने ज्यु तुमुह तुच्छ जाणहे ,च्यु मेहे तुच्छ जाणहे अने ज्यु मेहे तुच्छ जाणतलु ,च्यु मारा मुकोल न्या तुच्छ जाणतलु ।
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१७) च्या सन्तर खुशीमा आवीन कोयहे ,हे प्रभु दृष्ट आत्मा भी आमरा वंस मां से। १८) येशु तीनुह कोयु, मी शैतानह विजन सारखु स्वर्ग मा देखु पाड पोडतलु देख रोय ओता ।( प्रकाशितवाकय १२:७-९, यशायाह १४:१२) १९) मी तुमुह घडहा अने वीसा रोदणेन ,अने दुस्मनन आखी सकतीपर अधीकार आपलु से ,अने कुणीह कानलो वसतु देखी तकलीत नी ओये । ( भजन संहिता ९१:१३) २०) तेभी तीनाहा खुश जुण ओयता ,के आत्मा तुमरा वंस मा से पुण इनान कोरता खुश ओयु के तुमरो नाव सरग मा लेखायलो से ।
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२१) तीनी टेमे च्यु पवित्र आत्मा मा भरीन खुशीमा आयीन कोयु ,हे बाबा स्वर्ग अने धरतीन भोगवान मी तारो धन्यवाद कोरो के तु इन वातोह ज्ञानी अने समझदारो देखु लीकाडलु ,अने पुरया पर प्रगट कोरलु हव बाबा काहाके यो तोहो हाजो लागलो।
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२२) मारु बाबु मेहे आखो होप देंलु से,अने कुण नी जाणतलु के पुरयु कुण से ,केवल बाबु अने बाबु कुण से यो भी नी जाणतला ,केवल ( पुत्र) पुरयुन अने पुरयु जिणु पर प्रगट करे।
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२३) अने चेला वखे फिरीन एकलामा कोयु ,धन्य से च्या डुवा ज्या वाते तुमु देखतला । २४) काहाके मी तुमुह कोयो की खुब भविष्यवक्ता अने राजा हुदता ओता, के देखणे बाजरोया , अने देखे पुण नी देखे अने ज्या वाते हंबवतला चे हंबवे पुण नी समझे ।
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२५) तेतार एक व्यावस्थापक उठयु , अने यो कोयीन तेरी परिक्षा कोयु के ,हे गुरु अनंतजीवन वारीस ओयणे कोरीन मी काय करो ?
२६) येशु तीनाहा कोयु, व्यावस्थामा लेखलो से,तु केहेंक वाचलु ।
२७) च्यु उतर आप्यु तु प्रभु तारा परमेश्वरह पुरो मन अने तारा आखा जीव अने तारी आखी शकती अने आखी बुधदी देखु प्रेम कोर तारा हातेवावाह तारा सारखु प्रेम कोर ।( मती २२:३७-४०, व्यवस्थाविवरण ६:५, व्यवस्थाविवरण १०:१२,यहो २२:५) २८) येशु तीनाहा कोयु,तु ठिक उत्तर आप्यु ,यो कोर ते तु जीवतु रोयहे ।( वैश्या.१८:५)
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२९) पुण च्यु खुदह धर्मी कोवायणेन इच्छ देखु येशुह फुसु ते मारु हाते वावु कुण से ? ३०) येशु उतर आप्यु , एक माणुह यरुशलेम देखु यरीहो जातु के डाकु तीनाहा रुकीन कपडा सांडाड लेदा ,अने खुब कुटया आर्धु मोरलु सुडीन जात रोया ।
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३१) अने ओहलो ओयो के तीनी वाटे एक याजक जातु ओतु ,पुण तिनाहा देखीन एक वखे सरकीन जात रोयु। ३२) इनी रीते एक लेवी तीना जागे आव्यु ,च्यु भी तीनाहा देखीन एक टवतु जात रोयु ।
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३३) पुण एक सामरी वाट चालु तीने जागे आव्यु तीनाहा देखीन किंव आवी ,तेरी सवारी पर बठाडीन धरम शाला मा ली गोयु, अने तेरी सेवा कोरयु । ३४) च्यु तेरे हाथे आवीन तेरा घावोपर तेल अने दाखरस नाखीन पटटी बांध्यु ,आपणी सवारी पर बठाडीन धरम शाला लिगोयु ,अने तेरी सेवा कोरयु। ३५) दुहरे दिह च्यु दुय पोयहा निकावीन सरायन मालीकह आप्यु अने कोयु ,ऐरी सेवा कोरतु रोयजी अने तारो जो काय लागहे ,च्यो मी आवीन आप दिह ३६) ऐवी तारी समझमा जु डाकुण घेरायलु ओतु ,ईनु तीनो मा कुण तेरु हाते वावु बोणयु ।
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३७) च्यु कोयु,च्युज तेर पोर किव कोरलु ओतु,तीनाहा कोयु जा तुभी एंहे कोरजी ३८) च्या जाता ओता, तेतार च्या एक गांवमा गोया ,अने मार्था नावन एक बाई तीनुही एक घर सापडय ।
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३९) अने मरीयम नावन तेरी एक बोणीह ओती ,ची प्रभुन पायोहाते बोठीन तेरा वचन हंबती ओती । ४०) पुण मार्था काय कोरने कोरता घबरा गोयी , अने येशु पाह आवीन कोई हे प्रभु तोहो काही चींता नीमले के मारी बोणीह मेहे एखली काय करने छुड रोयीह ? इनान कोरता इनीह कोयु की मेहे मददत कोरे ।
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४०) पुण मार्था काय कोरने कोरता घबरा गोयी , अने येशु पाह आवीन कोई हे प्रभु तोहो काही चींता नीमले के मारी बोणीह मेहे एखली काय करने छुड रोयीह ? इनान कोरता इनीह कोयु की मेहे मददत कोरे ।
४१) येशू तीनीह कोयु,मार्था ये मार्था खुब वातमा तु चींता करतली ,अने घाबरायतली । ४२) पुण एक वात खरी से अने मरीयम तीनी हाजली वातह निवडली से,ज्यी तेरे पाह देखी कुणी सांडाण नी।