अध्याय 9
1
निदान ओवी पेल्ली वाचा तिनामा बी सेवान नियम ओना ओवी ओहलो पवित्रस्थान ओतो ज्यो इना जगतन ओतो
2
अर्थात एक तंबु बनावणे मा आव्यो पेल तम्बु मा दिवट , ओवी मेज , ओवी , भेट न रूटो ओतु , और च्यो पवित्रस्थान कोयतलु से !
3
ओवी दिहोरा परदान फोसव च्यो तम्बु ओतु , जो परम पवित्र जागु कोयणेम आवतलो ।
4
तिनामा हुनान धुपदानी , ओवी चारों खेर से हुनान कोरीन मुवडो ओतो वाचान संन्दुक ओवी इनामा मन्ना दोखो भरायलों हुनान मर्तबान ओवी हारूनन लाकुड जिनामा फुल फल आवगोयलो ओतो , ओवी वाचा कि पट्टी ओती ।
5
तिना उपर दुय तेजोमय करूब , ओता , जो प्रायस्चितन ढक्कण , पोर सावु कोरलो ओतो तिनुहु एक – एक कोरीन वर्णन करणेन ओवी अवसर नी से ।
6
यो चीज इनी रिती दोखु तियार ओय गोयली , तिनाहा पेल , तम्बु आते पुजारू हर समय जाईन सेवान के काम पुरो करतला से !
7
पुण दिहरा केवल महापुजारू वर्षे भर मा एकय वार जातलु , ओवी बिना लुय लिये नी जातलु , जिनाह ज्यो आपणे कोरीन ओवी माणहो भुल चुक कोरीन चढावतलु से ।
8
इनाहा पवित्र आत्मा यो देखाडतलु से , कि जेत्यार तेत्यार पेल्लु तम्बु उबरोयतलु से , तेत्यार तेत्यार पवित्र स्थान वाट प्रगट नी ओये ।
9
ओवी यी तम्बु ते वर्तमान समय कोरीन एक उदाहरण से, जिनला ओहली भेट ओवी बलिदान चढ़ावता जानला से , जिनामा आराधना कोरणेवावा के विवेक सिद्ध नी ओय सकतला ।
10
इनान कि च्या केवल खाने पीने की वस्तु ओवी भांती – भाती उगणेन विधीन आधार पोर शारिरीक नियम से , जो सुधार समय तक के लिए नियुक्त कोरीन गोयलो से !
11
पुण ज्योत्यार मसीह आवणेवाली हाजी -हाजी वातुन महपुजारू ओईन आवलु , ते तिनाहा ओवी बी मोटा ओवी सिद्ध तंबु मा ओईन जो होतोन बोणावलो नी अयीन दुनियान नी !
12
ओवी बुकडा एने वासडा लुयोन कोरीन नी , पोर आपने ही लुयोन कोरीन एक ही वार पवित्रस्थान मा प्रवेश कोरला , ओवी अनन्त छुटकारू प्राप्त कोरलु !
13
पुण जेत्यार बुकडा एने बयलोन लुयो एने कलोर कि रुखडु अपवित्र माणहे पोर छिडके जाने से शरीर क शुद्धता के पवित्र करनली से
14
ते मसीह लुय जिनाहा आपने आप को सनातन आत्मा के खेर बोगवानोन सामने निर्दोष चोढाव्या तुमरा विवेक को मरला ओयला कामोह काहान शुद्ध करेहे ताकी तुमु जीवता बोगवानोन सेवा करू ।
15
ओवी इनान कोरीन यी नवली वाचान मध्यस्थ से, काहोक तिनान मोतीन खेरजो पेल्लो वाचान समयन अपराध से तोहो तेरो छुटकारा पावने कोरीन ओयली से, बुलावडा ओयला माणहे प्रतिज्ञान अनुसार अनंत विरासन प्राप्त कोरो !
16
काहाके जी वाचा बांध्ये गोयली से , ची वाचा बांधनेवावु मोनोन समजी लेनु भी अवश्य से ।
17
काहाके ओहली वाचा मोरणेपोप पक्की ओयतली से , ओवी जेत्यार ती वाचा बांधनेवावु जीवतु रोयतलु से जेत्यार तेत्यार वाचान कामोन नी रोयतली !
18
इनान कोरीन पेल्ली वाचा भी बिना लुयोन जेयो बांधनेमा आवली !
19
काहा जयेत्यार मुसा आखा माणोहो व्यवस्थान हर एक आज्ञा होंबाड चुकलु ओतु , ते च्यु वासडा एने भुकडान लुय लिन पानी ऐने लाल ऊन , एजे जुलान होते तिना पुस्तक पोर एने आखा माणोहो पोर साट देलु !
20
एने कोयु , यो तिना वाचान लुय से , जिनान आज्ञा बोगवान तुमरे कोरीन आपलु से !
21
एने इनान रीती से , च्यु तम्बु एने सेवा आंखों समान पोर लुय साट देलु !
22
ऐने व्यवस्थान अनुसार प्राय , आखा वस्तुन लुयोन द्वारा शुद्ध ओय जातलो से, एने बिना लुय बढाए माप नी ओयतलो !
23
इनान कोरीन आवश्यक से , के सोरग मा दोखी वरतुन प्रतिरूप इना बलिदानोन द्वारा शुद्ध कोरनेमा आवो , पोर सोरग मायली वस्तु आपु इनामा उत्तम बलीदानोन द्वारा शुद्ध करणेम आवली ।
24
काहाके मसीही ने तिना हातोन बनावलो ओयलो पवित्रस्थान मा जो खोरलो पवित्रस्थान नमुना से , प्रवेश नी कोर , पुण सोरग माही प्रवेश कोरहे , ताकि आसरे कोरीन एवी बोगवान सामने देखाई देहे !
25
यो नी के च्यु आपने आप बार - बार चढावो , जोहले के महान पुजारू हर वर्षे तिहरान लुय लिन पवित्र जागामा प्रवेश कोरया करतलु से ।
26
नी ते जगत सुरवात से लिन तिनाहा बार-बार दुःख उठावणु पडतो , पोर एवी युगोन अंतमा च्यु एक वार प्रगट ओयलु से , ताकि अपणो ही बलीदान द्वारा पापोहो सेदु कर दे !
27
28
एने आखा माणहोह एकवार मोरनु ते पोडहे , एने ओवतु बोगवान तिंदरू नियाव को रहे तोहलो बोगवान नेम ठोरावलु से !
28 रहेज कोरीन यीशुमसीह एकज वार आखा मागहोन पाप सेटा कोरनेन कोरता सोता बादान होस चोडाव्यु च्यु दिहरी कावा दोरतीपोर फोसु आवण्यु से , तेरा जीवाह पापोन कोरता सोता बादान होरू चोडावणे नी , पुण ज्या माणहे तीनाहा वाट जुवीन बुरहु कोरीन रोयतला तीनुह वाचाडने आवण्यु से !